UK 10th Science

UK Board 10th Class Science – Chapter 3 धातु एवं अधातु

UK Board 10th Class Science – Chapter 3 धातु एवं अधातु

UK Board Solutions for Class 10th Science – विज्ञान – Chapter 3 धातु एवं अधातु

अध्याय के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो
(i) कमरे के ताप पर द्रव होती है।
(ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
(iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
(iv) ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर : (i) मर्करी कमरे के ताप पर द्रव होती है।
(ii) सोडियम को चाकू द्वारा सरलता से काटा जा सकता है।
(iii) चाँदी ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
(iv) लेड ऊष्मा की कुचालक होती है।
प्रश्न 2. आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए ।
उत्तर : आघातवर्ध्य का अर्थ है कि धातुओं को हथौड़े से पीट-पीट कर बगैर टूटे पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है। तन्य का अर्थ है कि धातुओं को खींच-खींच कर पतले तारों में परिवर्तित किया जा सकता है।
प्रश्न 3. सोडियम को किरोसिन में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर : सोडियम धातु का ज्वलन ताप (ignition temperature) अत्यन्त कम होता है। यदि यह धातु वायु के सम्पर्क में आती है तो आग पकड़ लेती है। अत: वायु से सम्पर्क हटाने के कारण सोडियम को किरोसिन में डुबोकर रखा जाता है।
प्रश्न 4. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए-
(i) भाप के साथ आयरन,
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम । 
उत्तर : (i) 3Fe(s) + 4H2O(g) → Fe3O4 (s) + 4H2 (g)
(ii) Ca(s) + 2H2O(l) → Ca(OH)2 (aq) + H2 (g)
2K(s) + 2H2O(l) → 2KOH(aq) + H2 (g)
प्रश्न 5. A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है-
इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B, C एवं D के सम्बन्ध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है ?
(ii) धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
(iii) धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।
उत्तर : (i) धातु B सर्वाधिक क्रियाशील धातु है।
(ii) विस्थापन अभिक्रिया होगी।
(iii) B>A > C> D
प्रश्न 6. अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में | डाला जाता है तो कौन-सी गैस निकलती है? आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर : जब एक धातु तनुं अम्ल से अभिक्रिया करती है तो हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
प्रश्न 7. जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर : जब जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में मिलाया जाता है तो आयरन (II) सल्फेट विलयन का हरा रंग फीका पड़ जाता है तथा आयरन निक्षेपित हो जाता है।
प्रश्न 8. (i) सोडियमं, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना लिखिए।
(ii) इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण के द्वारा Na2O एवं MgO का निर्माण दर्शाइए।
(iii) इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं?
(iii) Nag O में उपस्थित आयन
धनायन — Na+ (सोडियम धनायन)
ऋणायन – O2 – (ऑक्सीजन ऋणायन)
MgO में उपस्थित आयन
धनायन – Mg2+ ( मैग्नीशियम धनायन)
ऋणायन – O2− ( ऑक्सीजन ऋणायन )
प्रश्न 9. आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर : आयनिक यौगिकों के उच्च गलनांक होते हैं क्योंकि इन यौगिकों के आयनों के मध्य उपस्थित प्रबल अन्तर- आयनिक आकर्षण बलों को समाप्त करने हेतु पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। अतः इनका गलनांक उच्च होता है।
प्रश्न 10. निम्न पदों की परिभाषा दीजिए—
(ii) अयस्क (iii) गैंग (i) खनिज
उत्तर : (i) खनिज – भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप में पाए जाने वाले अकार्बनिक तत्वों या यौगिकों को खनिज (minerals) कहते हैं।
(ii) अयस्क – उन खनिजों को जिनसे लाभप्रद ढंग से धातुओं का निष्कर्षण किया जा सकता है, अयस्क (ore) कहते हैं; जैसे-लेड का अयस्क गैलेना (PbS) है।
(iii) गैंग — जब कभी अयस्क का भू-खनन होता है तो खनिज अयस्क बालू एवं चट्टानी पदार्थों से संदूषित होते हैं। खनिजों में बालू तथा चट्टानी पदार्थों की जो अशुद्धियाँ उपस्थित होती हैं, उन्हें गैंग (gangue) कहते हैं।
प्रश्न 11. दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं?
उत्तर : सोना, चाँदी।
प्रश्न 12. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर : किसी धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए. प्रयुक्त रासायनिक प्रक्रम अपचयन (reduction) कहलाता है।
प्रश्न 13. जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडों को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया-
प्रश्न 14. कौन-सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर : वे धातुएँ जो वायु, जल तथा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं, शीघ्रता से संक्षारित नहीं होतीं; जैसे— सोना ।
प्रश्न 15. मिश्रातु क्या होते हैं?
उत्तर : दो या दो से अधिक धातुओं के मिलाने से प्राप्त समांगी मिश्रण को मिश्रातु या मिश्र धातु (alloy ) कहते हैं। एक धातु व एक अधातु के समांगी मिश्रण को भी मिश्रातु कहते हैं। मिश्रातु के गुणधर्म मूल धातुओं से भिन्न होते हैं। शुद्ध धातु की अपेक्षा, मिश्रातु की विद्युत चालकता कम होती है।
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्न में कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है-
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमिनियम धातु
(c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
उत्तर : (d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु ।
प्रश्न 2. लोहे की फ्राइंग पैन (frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त है-
(a) ग्रीज़ लगाकर
(b) पेण्ट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ऊपर के सभी
उत्तर : (c) जिंक की परत चढ़ाकर ।
प्रश्न 3. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्व क्या हो सकता है-
(a) कैल्सियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकन
(d) लोहा
उत्तर : (b) कार्बन |
प्रश्न 4. खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है, क्योंकि-
(a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है
उत्तर : (a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है।
प्रश्न 5. आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है-
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं तथा अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए।
उत्तर : (a) (i) हम धातुओं तथा अधातुओं के नमूनों को हथौड़े की सहायता से पीट-पीट कर पतली चादरों में परिवर्तित करने का प्रयास करेंगे।
(ii) बैटरी, बल्ब, तारों तथा स्विच की सहायता से हम एक विद्युत परिपथ स्थापित करेंगे ( चित्र – 3.1 )। धातु अथवा अधातु को परीक्षण के लिए परिपथ के टर्मिनल A तथा B के बीच रखेंगे।
(b) (i) यह पाया जाता है कि हथौड़े से पीटने पर धातुएँ पतली चादरों में परिवर्तित हो जाती हैं जबकि अधातुएँ भंगुर होती हैं अर्थात्, हथौड़े से पीटने पर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। अतः धातुएँ आघातवर्ध्य होती हैं जबकि अधातुएँ नहीं होतीं।
(ii) दूसरे परीक्षण के दौरान यह पाया जाता है कि जब धातुएँ टर्मिनल A तथा B के बीच रखी जाती हैं तो बल्ब जलने लगता है जबकि अधातुओं को रखने पर बल्ब नहीं जलता । अतः धातुएँ विद्युत की अच्छी चालक होती हैं जबकि अधातुएँ विद्युत की दुर्बल चालक होती हैं।
प्रश्न 6. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए। 
उत्तर : वे ऑक्साइड जो न तो अम्लीय हों और न ही क्षारीय उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं। इन ऑक्साइडों का लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। कार्बन मोनोक्साइड (CO) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उभयधर्मी ऑक्साइड हैं।
प्रश्न 7. दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
उत्तर : दो धातुएँ, जो तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित कर देती हैं, जिंक तथा आयरन हैं। दो धातुएँ, जो तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करतीं, गोल्ड तथा सिल्वर हैं।
प्रश्न 8. किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड, कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर : ऐनोड – अशुद्ध धातु M
कैथोड – शुद्ध धातु M
विद्युत अपघट्य – धातु M के किसी लवण का विलयन।
प्रश्न 9. प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उल्टा करके उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया
(a) गैस की क्या क्रिया होगी
(i) सूखे लिटमस पत्र पर ?
(ii) आर्द्र लिटमस – पत्र पर?
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर : (a) (i) सूखे लिटमस-पत्र पर गैस की कोई अभिक्रिया नहीं होगी।
(ii) गैस नीले आर्द्र लिटमस-पत्र को लाल कर देगी।
प्रश्न 10. लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर : (i) पेंट करके, (ii) तेल लगाकर ।
प्रश्न 11. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर : अम्लीय ऑक्साइड ।
प्रश्न 12. कारण बताइए-
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अन्दर संगृहीत किया जाता है।
(c) ऐलुमिनियम अत्यधिक अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर : (a) प्लैटिनम, सोना तथा चाँदी का प्रयोग आभूषण बनाने में किया जाता है क्योंकि ये धातुएँ सक्रियता श्रेणी में निम्नतम स्थान पर होती हैं तथा जल, ऑक्सीजन अथवा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं। ये संक्षारित भी नहीं होतीं। ये धातुएँ आघातवर्ध्यनीय तथा तन्य होती हैं; इसलिए इनसे आभूषणों के विभिन्न डिजाइन सरलतापूर्वक बनाए जा सकते हैं।
(b) सोडियम, पोटैशियम तथा लीथियम को तेल के अन्दर संगृहीत किया जाता है क्योंकि यदि इन्हें वायु के सम्पर्क में रखा जाता है तो ये आग पकड़ लेती हैं क्योंकि इन धातुओं का ज्वलन ताप (ignition temperature) अत्यन्त कम होता है।
(c) ऐलुमिनियम बर्तनों पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत चढ़ा देता है। यह परत ऐलुमिनियम को अन्य पदार्थों से अभिक्रिया नहीं करने देती तथा इसका प्रयोग खाना पकाने के बर्तनों को बनाने में किया जा सकता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट तथा सल्फाइड अयस्कों को सामान्यतया ऑक्साइडों में परिवर्तित कर दिया जाता है क्योंकि धातु कार्बोनेटों तथा सल्फाइडों की तुलना में धातु ऑक्साइडों का अपचयन करना सरल होता है।
प्रश्न 13. आपने ताँबे के मलिन बर्तन को नीबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। ये खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?
उत्तर : खट्टे पदार्थ ताँबे के बर्तन को साफ करने में प्रभावी होते हैं क्योंकि मलिन ताँबे के बर्तन पर जमी कैल्सियम कार्बोनेट की परत अम्लों (खट्टे पदार्थों) से अभिक्रिया करके बर्तन से हट जाती है और बर्तन साफ हो | जाता है।
प्रश्न 14. रासायनिक गुणों के आधार पर धातुओं तथा अधातुओं में विभेद कीजिए।
अथवा धातु तथा अधातु में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : रासायनिक गुणों के आधार पर धातुओं तथा अधातुओं में अन्तर निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 15. एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलिन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई सन्देह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यन्त कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुःखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं?
उत्तर : हाँ, उस व्यक्ति ने अम्लराज (aqua regia) विलयन प्रयोग किया था। अम्लराज सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सान्द्र नाइट्रिक अम्ल का 3:1 के अनुपात में बना ताजा मिश्रण होता है। यह उन कुछ अभिकर्मकों में से एक है जो सोना तथा प्लैटिनम को घोलने में समर्थ होता है। अम्लराज अत्यन्त संक्षारिक, सधूम द्रव होता है।
प्रश्न 16. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परन्तु इस्पात (लोहे की मिश्रधातु ) का नहीं? इसका कारण बताइए ।
उत्तर : गर्म जल के टैंक बनाने के लिए कॉपर का ही प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह ऊष्मा का एक अच्छा चालक है। स्टील की ऊष्मीय चालकता कॉपर से कम होती है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
  • विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. धात्विकी क्या है ? इस प्रक्रम में प्रयुक्त पदों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
अथवा ‘अयस्क’ से धातु-निष्कर्षण में प्रयुक्त चरणों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर : धात्विकी – अयस्कों से धातुओं के निष्कर्षण और बाद में उनको परिष्कृत करके उपयोग में लाए जाने योग्य बनाने के प्रक्रम को धात्विकी (metallurgy) कहते हैं।
धात्विकी प्रक्रम में प्रयुक्त पद
धात्विकी प्रक्रम में मुख्यत: तीन पद होते हैं— (I) अयस्क की समृद्धि, (II) अपचयन तथा (III) परिष्करण।
(I) अयस्क की समृद्धि
भू-खनन से प्राप्त अयस्कों में मिट्टी, बालू, चट्टानी पदार्थ आदि अशुद्धियाँ होती हैं जिन्हें गैंग कहते हैं। अयस्क से धातु के निष्कर्षण से पहले इन अशुद्धियों को हटाना आवश्यक होता है। अयस्क से गैंग हटाने की प्रक्रिया, उनके भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों से भिन्नता पर आधारित होती है। इसके लिए कई विधियाँ प्रयुक्त की जाती हैं जो निम्नलिखित हैं-
(i) द्रवचालित धुलाई- इस विधि का उपयोग ऑक्साइड अयस्कों की समृद्धि के लिए किया जाता है। यह विधि गैंग तथा अयस्क के कणों के घनत्वों में भिन्नता पर आधारित है। इस प्रक्रिया में संदलित तथा बारीक पिसे हुए अयस्क की जलधारा के द्वारा धुलाई करते हैं। इसके फलस्वरूप हल्के गैंग कण जलधारा के साथ बह जाते हैं और भारी अयस्क नीचे बैठ जाते हैं।
(ii) फेन प्लवन प्रक्रम — यह विधि सल्फाइड अयस्कों (जैसे— Cu, Zn व Pb) को गैंग से पृथक् करने के लिए प्रयुक्त की जाती है। इस प्रक्रम में बारीक पिसे हुए अयस्क को एक बड़े टैंक में (चित्र – 3.3) जल के साथ मिलाकर कर्दम ( slurry) बना लेते हैं। इसके बाद उसमें चीड़ का तेल (pine oil) डालते हैं। सामान्यत: चीड़ के तेल से सल्फाइड अयस्क को तथा गैंग को जल के द्वारा गीला किया जाता है। इस कर्दम में वायु की तीव्र धारा प्रवाहित की जाती है। फलस्वरूप, हल्का तेल फेन (oil froth), जिसमें मुख्यतः सल्फाइड अयस्क होता है, ऊपर उठकर टैंक की ऊपरी सतह पर आकर मलफेन के रूप में तैरता है। इस मलफेन को निकालकर सुखा लेते हैं। गैंग कण भारी होने के कारण जल में डूबकर टैंक के तल पर एकत्रित हो जाते हैं।
(iii) विद्युत चुम्बकीय पृथक्करण – इस विधि द्वारा चुम्बकीय अयस्क ( आयरन अयस्क) को समृद्ध करते हैं। चुम्बकीय पृथक्कारी में एक चमड़े का पट्टा होता है जो दो रोलरों पर घूमता है। इनमें एक रोलर विद्युत-चुम्बकीय होता है। बारीक पिसे हुए अयस्क को घूमते हुए पट्टे के एक सिरे पर डालते हैं (चित्र-3.4)। जब अयस्क चलते पट्टे के दूसरे सिरे के पास पहुँचकर गिरता है तो अयस्क का चुम्बकीय भाग, चुम्बक द्वारा आकर्षित होकर उसके समीप एक ढेर के रूप में एकत्र हो जाता है। अचुम्बकीय अशुद्धियाँ, चुम्बकीय अयस्क से दूर एक अलग ढेर में एकत्र हो जाती हैं।
(iv) रासायनिक पृथक्करण — यह प्रक्रम अयस्क तथा गैंग के रासायनिक गुणधर्मों में भिन्नता पर आधारित है; जैसे—बॉक्साइट (Al2O3.2H2O) ऐलुमिनियम का अयस्क है जिसमें आयरन ऑक्साइड (Fe2O3) तथा बालू (SiO2) की मुख्य अशुद्धियाँ होती हैं। इनको रासायनिक अभिक्रिया द्वारा (बायर विधि) अलग करते हैं।
(II) अपचयन
अयस्क में उपस्थित धातु आयन को उपयुक्त अभिकर्मकों की सहायता से धातु में अपचयित करते हैं। धातु यौगिकों से धातु प्राप्त करने के प्रक्रम को अपचयन (reduction) कहते हैं।
(i) भर्जन – धातु ऑक्साइडों का अपचयन, धातु सल्फाइडों तथा धातु कार्बोनेटों की अपेक्षा अधिक सुगम होता है। अतः अपचयन से पूर्व, धातु सल्फाइड तथा कार्बोनेटों को वायु के आधिक्य में प्रचण्ड रूप से गर्म करके धातु ऑक्साइड में परिवर्तित करते हैं। इस प्रक्रम को भर्जन ( roasting) कहते हैं।
(ii) निस्तापन – कार्बोनेट अयस्कों को वायु की अनुपस्थिति में करके ऑक्साइडों में परिवर्तित करते हैं। इस प्रक्रम को निस्तापन (calcination) कहते हैं।
(iii) थर्मिट अभिक्रिया – धातु ऑक्साइडों की ऐलुमिनियम धातु के साथ अभिक्रिया अत्यन्त ऊष्माक्षेपी है। उत्पन्न ऊर्जा की मात्रा इतनी अधिक होती है कि इस प्रक्रम से प्राप्त धातुएँ गलित अवस्था में रहती हैं। आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3) की ऐलुमिनियम के साथ इतनी प्रचण्ड अभिक्रिया होती है कि इसके द्वारा रेलवे ट्रैकों को जोड़ते हैं या दरारयुक्त मशीन के पुर्जों को जोड़ते हैं। इस अभिक्रिया को थर्मिट अभिक्रिया कहते हैं।
Fe2O3 (s) + 2Al (s) → 2Fe(l) + Al2O3 (s) + ऊष्मा
(III) धातुओं का परिष्करण
विभिन्न अपचयन प्रक्रमों द्वारा प्राप्त धातुएँ अशुद्ध होती हैं। अतः शुद्ध धातु प्राप्त करने के लिए इनका शोधन आवश्यक है। अशुद्ध धातुओं के शोधन प्रक्रम को धातुओं का परिष्करण (refining) कहते हैं। अशुद्ध धातुओं से शुद्ध धातुओं का परिष्करण, तत्व की प्रकृति तथा उसमें उपस्थित अशुद्धियों की प्रकृति पर निर्भर करता है। अतः धातुओं के परिष्करण की कई विधियाँ होती हैं जिनमें से किसी एक विधि को प्रयुक्त किया जाता है।
(i) परिसमापन द्वारा परिष्करण – टिन, लेड आदि अल्प गलनांक वाली धातुओं के लिए परिसमापन (liquidation) विधि का उपयोग किया जाता है। इस विधि में एक ढलवाँ चूल्हे (sloping hearth) का प्रयोग करते हैं। इस चूल्हे के ताप को, धातु के गलनांक से थोड़ा उच्च ताप पर नियन्त्रित करते हैं। अशुद्ध धातु को जब इस ढलवाँ चूल्हे के ऊपर रखा जाता है तो यह पिघलकर चूल्हे के नीचे प्रवाहित होने लगती है। ठोस अशुद्धियाँ, जिनके गलनांक धातु के गलनांक से अधिक होते हैं, चूल्हे के ऊपर ही रह जाती हैं। शुद्ध धातु को चूल्हे के आधार तल से एकत्रित कर लेते हैं।
(ii) आसवन द्वारा परिष्करण- इस विधि से मर्करी (पारा) व जिंक जैसी अधिक वाष्पशील धातुओं का शुद्धिकरण करते हैं। अशुद्ध धातु को एक रिटॉर्ट में गर्म करते हैं। शुद्ध धातु वाष्पीकृत होकर रिटॉर्ट से बाहर निकलती है। इस वाष्प को संघनित करके अभिग्राही ( receiver) में एकत्रित कर लेते हैं। अशुद्धियाँ रिटॉर्ट में शेष बची रहती हैं।
(iii) विद्युत अपघटनी प्रक्रम द्वारा परिष्करण- यह धातुओं के शुद्धिकरण के लिए सबसे उपयोगी विधि है। इस विधि द्वारा अनेक धातुओं; जैसे- कॉपर, टिन, जिंक, सिल्वर, निकिल, गोल्ड आदि को शुद्ध अवस्था में प्राप्त करते हैं। इस विधि में अशुद्ध धातु का ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली पट्टी का कैथोड बनाते हैं। धातु लवण विलयन का विद्युत-अपघट्य की तरह उपयोग करते हैं (चित्र – 3.5) विद्युत अपघट्य में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर ऐनोड से शुद्ध धातु विद्युत अपघट्य में घुल जाती है। विद्युत अपघट्य से शुद्ध धातु की तुल्य मात्रा कैथोड पर निक्षेपित हो जाती है। घुलनशील अशुद्धियाँ ऐनोड-तल के नीचे बैठ जाती हैं जिसे ऐनोड अवपंक (anode mud) कहते हैं।
प्रश्न 2. संक्षारण पर टिप्पणी लिखिए।
अथवा लोहे पर जंग क्यों लगता है? इसे जंग से बचाने के दो उपाय लिखिए ।
उत्तर : संक्षारण – अनेक धातुओं की सतहें वायु तथा जल से प्रभावित होती हैं। आयरन को जब आर्द्र वायु में अधिक समय तक खुला छोड़ देते हैं तो इसकी सतह पर भूरे रंग का एक पपड़ीदार पदार्थ का आवरण उत्पन्न हो जाता है। इसे जंग कहते हैं। जंग हाइड्रेटेड आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3.xH2O) होता है। इसी प्रकार, , कॉपर को आर्द्र वायु में खुला छोड़ देने पर उसकी सतह पर हरे रंग के बेसिक कॉपर कार्बोनेट का आवरण उत्पन्न हो जाता है। अत: जब धातु सतह, जल, वायुं या अन्य किसी पदार्थ से प्रभावित होती है तो इसे धातु का संक्षारित (corrode) होना कहते हैं। इस परिघटना को संक्षारण (corrosion) कहते हैं।
कभी-कभी धातुओं का संक्षारण लाभदायक होता है, क्योंकि इस आवरण के नीचे स्थित धातुओं की और अधिक हानि नहीं हो सकती है। दूसरे शब्दों में, संक्षारण धातुओं के रक्षक का कार्य करता है। ऐलुमिनियम को वायु में खुला छोड़ देने पर उसकी सतह पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की एक पतली परत का आवरण उत्पन्न हो जाता है। यह रक्षक परत अपने नीचे स्थित धातु को और अधिक क्षति होने से रोकती है। अतः ऐलुमिनियम धातु से बनी वस्तुएँ संक्षारित नहीं होती है। आयरन के संक्षारण के कारण उससे बनी वस्तुएँ धीरे-धीरे जंग लगने के कारण खराब होती जाती हैं। संक्षारण को रोकने के लिए तैलीकरण, पेंट करना, प्रीसीकरण, यशद-लेपन आदि किया जाता है। ऐसा करने से लीहे के जंगीकरण प्रक्रम को रोका जा ( आयरन की वस्तुओं पर जिंक का आवरण चढ़ाना), क्रोम-लेपन सकता है।
  • लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. हमारे दैनिक जीवन में धातुओं तथा अधातुओं के कुछ उपयोग बताइए।
उत्तर : दैनिक जीवन में धातुओं के उपयोग-
(i) विभिन्न पात्र बनाने में,
(ii) इमारतें, वाहन, हवाई जहाज आदि बनाने में।
दैनिक जीवन में अधातुओं के उपयोग-
(i) वनस्पति घी बनाने में हाइड्रोजन का उपयोग होता है।
(ii) खाद्य-पदार्थों के संरक्षण में नाइट्रोजन का उपयोग होता है।
प्रश्न 2. धातुओं के भौतिक गुणों का वर्णन कीजिए। अथवा धातुओं के दो गुण लिखिए।
उत्तर : धातुओं के भौतिक गुण निम्नलिखित हैं-
(i) धातुएँ चमकीली होती हैं तथा इन पर पॉलिश भी की जा सकती
(ii) धातुएँ आघातवर्ध्यनीय होती हैं अर्थात् इन्हें पीट-पीट कर पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है।
(iii) धातुएँ तन्य होती हैं अर्थात् इन्हें खींचकर लम्बे तारों में परिवर्तित किया जा सकता है।
(iv) धातुएँ ऊष्मा तथा विद्युत की चालक होती हैं।
(v) धातुएँ कठोर होती हैं। (सोडियम तथा पोटैशियम को छोड़कर)
(vi) धातुएँ साधारण ताप पर ठोसावस्था में होती हैं (मर्करी को छोड़कर) ।
(vii) सोडियम तथा पोटैशियम को छोड़कर सभी धातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होते हैं।
(viii) धातुओं के घनत्व उच्च होते हैं (सोडियम तथा पोटैशियम को छोड़कर) ।
(ix) धातुएँ कठोर सतह से टकराने पर ध्वनि उत्पन्न करती हैं।
प्रश्न 3. धातुओं के कुछ ऐसे उपयोग बताइए जो इनके आघातवर्ध्यनीय तथा तन्यता गुणों के कारण होते हैं।
उत्तर : आघातवर्ध्यनीय तथा तन्य होने के कारण धातुओं के कुछ उपयोग निम्नवत् हैं—
(i) विभिन्न डिजाइनों के सोने तथा चाँदी के आभूषण बनाए जा सकते हैं।
(ii) बारीक कॉपर की तारें विद्युत परिपथों में प्रयुक्त की जाती हैं।
(iii) ऐलुमिनियम पत्रों (foils) का प्रयोग चॉकलेट, टॉफी, सिगरेट, दवाइयाँ को आदि पैक करने में किया जाता है।
(iv) सोने व चाँदी के पत्रों (foils) का प्रयोग मिठाइयों की सज्जा हेतु किया जाता है।
प्रश्न 4. विभिन्न धातुओं की ऑक्सीजन के साथ क्रियाशीलता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : विभिन्न धातुएँ ऑक्सीजन के प्रति विभिन्न क्रियाशीलताएँ व्यक्त करती हैं। सोडियम तथा पोटैशियम साधारण ताप पर ही ऑक्सीजन के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके आग पकड़ लेती हैं (यदि इन्हें वायु के सम्पर्क में रखा जाए ) ।
4Na + O2 → 2Na2O
मैग्नीशियम धातु ऑक्सीजन से कमरे के ताप पर अभिक्रिया नहीं करती । परन्तु गर्म करने पर, मैग्नीशियम धातु वायु में जलकर गहन ऊष्मा तथा चकाचौंध करने वाला सफेद प्रकाश देती है तथा एक क्षारीय ऑक्साइड, मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाती है।
2Mg + O2 → 2MgO
जिंक धातु अत्यधिक गर्म करने पर वायु में जलकर जिंक ऑक्साइड बनाती है।
2Zn + O2 → 2ZnO
आयरन धातु अत्यधिक गर्म करने पर भी वायु में नहीं जलती, परन्तु चमक उत्पन्न करती है।
3Fe + 2O2 → Fe3O4
कॉपर धातु अत्यधिक गर्म करने पर वायु में नहीं जलती, परन्तु गर्म धातु एक काले पदार्थ [कॉपर (II) ऑक्साइड) की पर्त से आवरित हो जाती है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित के लिए कारण बताइए – 
(i) जिंक ऑक्साइड को एक उभयधर्मी ऑक्साइड माना जाता है।
(ii) अधातुएँ सामान्यतया तनु अम्लों से हाइड्रोजन को विस्थापित नहीं करतीं।
(iii) Na, K तथा Ca धातुएँ हाइड्रोजन गैस से योग द्वारा हाइड्राइड बनाती हैं, जबकि दूसरी अनेक धातुएँ ऐसा नहीं करतीं ।
(iv) बाजार में बिकने वाली सूखे फलों की प्लास्टिक की थैलियों में वायु के स्थान पर नाइट्रोजन गैस भरी जाती है।
उत्तर : (i) जिंक ऑक्साइड अम्ल तथा क्षार के साथ एकसमान अभिक्रिया करता है। अतः यह उभयधर्मी ऑक्साइड माना जाता है।
(ii) तनु अम्लों से अधातुएँ हाइड्रोजन को विस्थापित नहीं कर पाती हैं, क्योंकि वे H+ आयन को हाइड्रोजन गैस में परिवर्तित करने के लिए इलेक्ट्रॉनों की पूर्ति नहीं कर सकती हैं। इसके विपरीत, अधातुएँ इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण कर लेती हैं।
2H+ + 2e → H2
(iii) Na, K व Ca प्रबल धन विद्युती तत्व हैं। अतः ये हाइड्रोजन के साथ योग करके हाइड्राइड बनाती हैं, जबकि अन्य धातुएँ नहीं।
(iv) नाइट्रोजन गैस सूखे फलों का ऑक्सीकरण रोकती है, इसलिए ये सड़ते नहीं हैं।
प्रश्न 6. ऐलुमिनियम से बनी वस्तुएँ संक्षारित क्यों नहीं होतीं?
उत्तर : ऐलुमिनियम से बनी वस्तुएँ संक्षारित नहीं होतीं क्योंकि इन वस्तुओं की सतह पर ऐलुमिनियम तथा वायु की ऑक्सीजन की अभिक्रिया से बने ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत चढ़ जाती है। यह परत इसके आगे होने वाले संक्षारण को रोकने में सुरक्षा कवच का कार्य करती है अर्थात् ऐलुमिनियम का संक्षारण नहीं हो पाता ।
प्रश्न 7. तनु अम्लों से धातुएँ किस प्रकार अभिक्रिया करती हैं?
उत्तर : धातुएँ सामान्यतः तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित कर देती हैं तथा लवण बनती हैं। केवल कम क्रियाशील धातुएँ; जैसे- कॉपर, सिल्वर तथा गोल्ड तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करतीं।
धातु + तनु अम्ल → धातु लवण + हाइड्रोजन
प्रश्न 8. तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ मैग्नीशियम, ऐलुमिनियम, जिंक तथा आयरन की अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर: मैग्नीशियम तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करके मैग्नीशियम क्लोराइड बनाता है तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है।
Mg(s) + 2HCl(aq) → MgCl2 (aq) + H2
ऐलुमिनियम तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करके ऐलुमिनियम क्लोराइड बनाता है तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है।
2Al(s) + 6HCl(aq) → 2AlCl3 (aq) + 3H2
जिंक तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया करके जिंक क्लोराइड बनाता है तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है।
Zn(s) + 2HCl(aq) → ZnCl2 (aq) + H2
आयरन तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया करके आयरन (II) क्लोराइड बनाता है तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है।
Fe(s) + 2HCl(aq) → FeCl2 (aq) + H2
प्रश्न 9. क्या हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है जब एक धातु नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करती है? क्यों?
उत्तर : नहीं, हाइड्रोजन गैम मुक्त नहीं होती जब एक धातु नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करती है क्योंकि HNO3 एक प्रबल ऑक्सीकारक है। यह हाइड्रोजन को ऑक्सीकृत करके स्वयं किसी नाइट्रोजन ऑक्साइड (N2O, NO, NO2) में अपचयित हो जाता है।
प्रश्न 10. धातुओं की सक्रियता श्रेणी का वर्णन कीजिए।
उत्तर : धातुओं की सापेक्ष अभिक्रियाशीलताएँ या सक्रियता श्रेणी – सभी धातुएँ एकसमान सक्रिय नहीं होती हैं। कुछ धातुएँ दूसरी धातुओं की अपेक्षा अधिक सक्रिय होती हैं। जो धातुएँ आसानी से इलेक्ट्रॉन (इलेक्ट्रॉनों) त्याग कर धनायन देती हैं, वे अधिक सक्रिय होती हैं। जो धातुएँ इलेक्ट्रॉनों को कठिनाई से त्यागती हैं, वे कम सक्रिय होती हैं।
(i) धातुओं की सक्रियता की तुलना उनके द्वारा जल, ऑक्सीजन व अम्लों के साथ अभिक्रियाओं द्वारा करते हैं। परन्तु सभी धातुएँ इन अभिकर्मकों के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं।
(ii) धातुओं की सापेक्ष सक्रियता ज्ञात करने के लिए विस्थापन अभिक्रियाओं का उपयोग करते हैं। अधिक सक्रिय धातु कम सक्रिय धातु को उसके लवण विलयन से विस्थापित करती है; जैसे-यदि कॉपर सल्फेट के जलीय विलयन में आयरन का टुकड़ा डालें तो आयरन, कॉपर सल्फेट विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है। इसका अर्थ होता है कि आयरन, कॉपर की अपेक्षा अधिक सक्रिय धातु है।
Fe (s) + CuSO4 (aq) → FeSO4 (aq) + Cu(s)
इसके विपरीत, यदि आयरन सल्फेट विलयन में कॉपर का टुकड़ा डालें तो अभिक्रिया नहीं होगी।
इस प्रकार, विस्थापन अभिक्रियाओं के प्रयोगों को करके, धातुओं ‘व्यवस्थित करते हैं। ऐसी श्रेणी को जिसमें को उनके सक्रियता क्रम सामान्य धातुओं को उनके घटते हुए सक्रियता क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, सक्रियता श्रेणी ( activity series) कहते हैं।
प्रश्न 11. कुछ साधारण धातुओं को सक्रियता श्रेणी में धातुओं की आपेक्षिक क्रियाशीलता के आधार पर व्यवस्थित कीजिए ।
उत्तर : सक्रियता श्रेणी : धातुओं की आपेक्षिक अभिक्रियाशीलता
प्रश्न 12. मैग्नीशियम क्लोराइड के बनने की व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 13. कुछ आयनिक यौगिकों के नामों को उनके सूत्र तथा उनमें उपस्थित आयनों के साथ लिखिए।
उत्तर :
क्र० सं० यौगिक का नाम सूत्र उपस्थित आयन
1. सोडियम क्लोराइड NaCl Na+ तथा Cl
2. पोटैशियम क्लोराइड KCl K+ तथा Cl
3. अमोनियम क्लोराइड NH4Cl NH4+ तथा Cl
4. मैग्नीशियम ऑक्साइड MgO Mg2+ तथा O2−
5. मैग्नीशियम क्लोराइड MgCl2 Mg2+ तथा Cl
6. ऐलुमिनियम ऑक्साइड Al2O3 Al3+ तथा O2−
7. कैल्सियम ऑक्साइड CaO Ca2+ तथा O2−
8. सोडियम हाइड्रॉक्साइड NaOH Na+ तथा OH
प्रश्न 14. आयनिक यौगिकों के सामान्य गुण लिखिए।
उत्तर : आयनिक यौगिकों के सामान्य गुण निम्नलिखित हैं-
(1) भौतिक प्रकृति (Physical Nature ) — आयनिक यौगिक ठोस होते हैं तथा कठोर भी, क्योंकि धन तथा ऋण आयनों के मध्य प्रबल आकर्षण बल होते हैं। ये यौगिक सामान्यतः भंगुर होते हैं तथा दाब डालने पर टुकड़ों में टूट जाते हैं।
(2) विलेयता (Solubility ) – आयनिक यौगिक सामान्यत: जल में विलेय होते हैं तथा विलायकों; जैसे किरोसिन, पेट्रोल आदि में अविलेय होते हैं।
(3) गलनांक तथा क्वथनांक (Melting and Boiling | points) — आयनिक यौगिकों के गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होते हैं। इसका कारण यह है कि इनमें उपस्थित प्रबल अन्तर-आयनिक आकर्षण को तोड़ने के लिए पर्याप्त ऊष्मा की आवश्यकता होती है।
(4) विद्युत चालकता (Electrical Conductivity)—किसी विलयन में विद्युत का चालन आवेशित कणों की गति के कारण सम्भव होता है । किसी आयनिक यौगिक का जल में विलयन आयन युक्त होता है जो विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर विपरीत इलेक्ट्रोडों की ओर गतिमान हो जाते हैं। ठोसावस्था में आयनिक यौगिक विद्युत का चालन नहीं करते ।
प्रश्न 15. हम धातुओं का वर्गीकरण उनकी क्रियाशीलता के आधार पर किस प्रकार कर सकते हैं? प्रत्येक वर्ग में उपस्थित धातुओं को प्राप्त करने की प्रविधियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर : क्रियाशीलता के आधार पर, धातुओं को तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है-
(i) कम क्रियाशील धातुएँ — ये मुक्त अवस्था में उपस्थित होती हैं।
(ii) मध्यम क्रियाशील धातुएँ – धातुओं को प्राप्त करने की विधि कार्बन के साथ अपचयन है।
(iii) उच्च क्रियाशील धातुएँ— धातु प्राप्त करने की विधि विद्युत-अपघटन है।
प्रश्न 16. अयस्कों से धातु के निष्कर्षण में सम्मिलित पदों का एक स्पष्ट रेखाचित्र खींचिए ।
प्रश्न 17. खनिज तथा अयस्क में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : खनिज तथा अयस्क में अन्तर
प्रश्न 18. भर्जन क्रिया को उदाहरण द्वारा समझाइए ।
उत्तर : जारण या भर्जन (Roasting ) – सान्द्रित अयस्क को की अकेले या अन्य पदार्थों के साथ मिलाकर, गलनांक के नीचे, वायु नियन्त्रित मात्रा में गर्म करने की क्रिया को भर्जन कहते हैं। भर्जन करने पर अयस्क में उपस्थित सल्फर और आर्सेनिक की अशुद्धि वाष्पशील ऑक्साइडों में परिवर्तित होकर वायु के साथ बाहर निकल जाती है। उदाहरणार्थ- कॉपर पायराइट (CuFeS2 ) से कॉपर का निष्कर्षण करने में सान्द्रित अयस्क का भर्जन करने पर निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं-
क्यूप्रस सल्फाइड (Cu2S) तथा फेरस सल्फाइड (FeS) के कुछ भाग ऑक्साइड में बदल जाते हैं।
   
प्रश्न 19. प्रगलन क्रिया को उदाहरण द्वारा समझाइए ।
उत्तर : प्रगलन (Smelting ) – भर्जित या निस्तापित अयस्क में विद्यमान अगलनीय अशुद्धियों को गलाकर दूर करने की प्रक्रिया को प्रगलन कहते हैं। इसमें भर्जित या निस्तापित अयस्क में उचित गालक (Flux) तथा कोक मिलाकर मिश्रण को उच्च ताप पर गलाने पर अगलनीय अशुद्धियाँ धातुमल के रूप में पृथक् हो जाती हैं जो पिघली धातु के ऊपर तैरती हैं।
उदाहरणार्थ – कॉपर के धातुकर्म में भर्जित अयस्क को सिलिका (SiO2) तथा कोक के साथ मिलाकर मिश्रण को वात्या भट्ठी में प्रगलित करने पर निम्नलिखित क्रियाएँ होती हैं—
प्रश्न 20. थर्मिट अभिक्रिया क्या होती है?
उत्तर : धातु ऑक्साइड की ऐलुमिनियम से अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है। इसमें अत्यधिक ऊष्मा निकलती है जिस कारण पिघली हुई अवस्था में ही धातु अलग हो जाती है। आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3) की ऐलुमिनियम के साथ अभिक्रिया इतनी तेज होती है कि इसके द्वारा रेलवे ट्रैकों को जोड़ते हैं। इस अभिक्रिया को थर्मिट अभिक्रिया कहते हैं।
Fe2O3(s) + 2Al(s) → 2Fe (l) + Al2O3(s)
प्रश्न 21. जब जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालते हैं तो आप क्या प्रेक्षित करेंगे? इसमें होने वाली रासायनिक अभिक्रिया को लिखिए।
उत्तर : जब जिंक को आयरन (II) सल्फेट विलयन में डालते हैं तो जिंक, आयरन को विस्थापित कर देता है। विलयन में जिंक सल्फेट बनता है तथा आयरन धातु अलग हो जाती है।
प्रश्न 22. कारण सहित समझाइए-
(i) धातुएँ तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करती हैं, जबकि अधातुएँ ऐसा नहीं करती हैं।
(ii) कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्कों को सामान्यतः उनके संगत ऑक्साइडों में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर : (i) धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। धातुएँ हाइड्रोजन को आसानी से इलेक्ट्रॉन दे सकती हैं। अधातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं। अतः ये हाइड्रोजन को इलेक्ट्रॉन नहीं दे सकती हैं।
(ii) सामान्यतः धातुओं को उनके कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्कों की अपेक्षा ऑक्साइड अयस्कों से प्राप्त करना अधिक सरल होता है। अतः सल्फाइड तथा कार्बोनेट अयस्कों को भर्जित या निस्तापित करके ऑक्साइड में परिवर्तित कर लिया जाता है ।
प्रश्न 23. निम्नलिखित स्थितियों में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए, जब –
(i) अमोनिया का जलीय विलयन ऐलुमिनियम क्लोराइड के जलीय विलयन में मिलाया जाता है।
(ii) जिंक कार्बोनेट का निस्तापन किया जाता है।
(iii) जिंक सल्फाइड को वायु में गर्म करते हैं।
प्रश्न 24. निम्नलिखित ऑक्साइडों को अम्लीय, क्षारीय, उदासीन तथा उभयधर्मी श्रेणी में वर्गीकृत कीजिए-
Na2O, ZnO, CaO, MgO, CO, CO2, N2O, NO, Al2O3, SO2
उत्तर : (i) अम्लीय ऑक्साइड – CO2, SO2 ;
(ii) क्षारीय ऑक्साइड – Na2O, CaO, MgO;
(iii) उदासीन ऑक्साइड – CO, NO, N2O;
(iv) उभयधर्मी ऑक्साइड – ZnO, Al2O3.
प्रश्न 25. जिंक धातु कॉपर सल्फेट विलयन में से कॉपर को विस्थापित कर देती है, लेकिन कॉपर जिंक सल्फेट विलयन से जिंक को विस्थापित नहीं करता है, क्यों? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : कॉपर की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील धातु है। यह CuSO4 विलयन से कॉपर का विस्थापन कर सकती है। कॉपर जिंक की अपेक्षा कम अभिक्रियाशील है; अतः यह ZnSO4 विलयन से जिंक का विस्थापन नहीं कर सकता है।
Zn(s) + CuSO4 (aq) → ZnSO4 (aq) + Cu (s)
प्रश्न 26. उन मिश्रधातुओं के नाम बताइए जो निम्न कार्यों में प्रयोग आते हैं-
(i) जोड़ों पर टाँका लगाने में,
(ii) दरवाजे तथा खिड़की की फिटिंग बनाने में,
(iii) वायुयान तथा रसोई के बर्तन बनाने में,
(iv) डेयरी उद्योग के उपकरण बनाने में।
उत्तर : (i) सोल्डर, (ii) इस्पात (स्टील), (iii) डूरैलूमिन, (iv) स्टेनलेस स्टील।
प्रश्न 27. मिश्रधातु की परिभाषा लिखिए। मिश्रधातु के दो लाभ लिखिए।
उत्तर : दो या अधिक धातुओं का समांग मिश्रण मिश्रातु या मिश्रधातु कहलाता है। कोई अधातु भी मिश्रधातु की घटक हो सकती है।
लाभ – (i) ये संक्षारण प्रतिरोधी होती हैं।
(ii) इनकी तनाव क्षमता अधिक होती है।
प्रश्न 28. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण दीजिए-
(क) ऐलुमिनियम की भाप के साथ
(ख) पोटैशियम की जल के साथ
(ग) जिंक की सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ।
प्रश्न 29. टाइटेनियम को सामरिक महत्त्व की धातु क्यों कहते हैं? इसके गुण बताइए जिससे यह इतनी विशेष बन जाती है।
उत्तर : टाइटेनियम नाभिकीय संयन्त्र में, सैन्य उपकरणों, जेट इंजनों व गैस टरबाइन इंजनों में काफी उपयोगी है। यह धातु खराब नहीं होती और अल्प अभिक्रियाशील है। इसकी तनाव क्षमता उच्च होती है।
प्रश्न 30. निम्नलिखित प्रक्रियाओं से सम्बन्धित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए-
(i) कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता है।
(ii) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस को SO2 जलीय विलयन में प्रवाहित करते हैं।
(iii) कैल्सियम धातु जल से अभिक्रिया करती है।
(iv) सिनेबार को वायु में गर्म करते हैं।
(v) मँगनीज डाइऑक्साइड को ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ गर्म किया जाता है।
(vi) लोहे के साथ तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया होती है।
  • अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. वायु में रखे रहने पर ऐलुमिनियम की सतह पर कौन-सी परत बन जाती है? क्या इस परत का कोई उपयोग है?
उत्तर : वायु में रखे रहने पर ऐलुमिनियम की सतह पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत बन जाती है। ऐलुमिनियम ऑक्साइड की यह परत इस धातु को संक्षारित होने से बचाती है।
प्रश्न 2. क्या होता है जब एक कॉपर पात्र को बगैर साफ किए कुछ दिनों तक नम वायुमण्डल में छोड़ दिया जाता है?
उत्तर : कॉपर पात्र, क्षारीय कार्बोनेट बनने के कारण, हरी पर्त के आवरण से ढक जाता है।
प्रश्न 3. तन्यता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : वे धातुएँ जिनसे अत्यन्त पतले तार खींचे जा सकते हैं। तन्य कहलाती हैं तथा इस गुणधर्म को तन्यता (ductility) कहते हैं।
प्रश्न 4. खाना पकाने के बर्तन तथा बॉयलर सामान्यतः कॉपर तथा ऐलुमिनियम से बने होते हैं, क्यों?
उत्तर : कॉपर तथा ऐलामेनियम ऊष्मा के अच्छे चालक होते हैं; इसलिए इनका प्रयोग खाना पकाने के बर्तन तथा बॉयलर बनाने में किया जाता है।
प्रश्न 5. धातुएँ विद्युत का चालन क्यों करती हैं?
उत्तर : धातुएँ विद्युत का चालन करती हैं; क्योंकि इनमें इलेक्ट्रॉन होते हैं जो गति के लिए स्वतन्त्र होते हैं। धातुएँ विद्युत धारा के प्रवाह में | अत्यन्त कम प्रतिरोध उत्पन्न करती हैं।
प्रश्न 6. विद्युत तारें पॉलिवाइनिल क्लोराइड (PVC) से आवरित क्यों होती हैं?
उत्तर : विद्युत तारें पॉलिवाइनिल क्लोराइड (PVC) से आवरित होती हैं क्योंकि PVC विद्युत कुचालक होता है तथा हमें विद्युत शॉक से बचाता है।
प्रश्न 7. एक धातु तथा एक अधातु का नाम बताइए जो कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहती है।
उत्तर : मर्करी धातु तथा ब्रोमीन अधातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहती हैं।
प्रश्न 8. सोडियम तथा पोटैशियम को वायु में रखने पर क्या होता है?
उत्तर : वायु में रखने पर सोडियम तथा पोटैशियम आग पकड़ लेते हैं क्योंकि इनका ज्वलन ताप अत्यन्त कम होता है।
प्रश्न 9. उन धातुओं के नाम बताइए जो अत्यन्त तनु HNO3 के साथ अभिक्रिया करके H2 गैस मुक्त कर सकती हैं।
उत्तर: मैग्नीशियम (Mg) तथा मैंगनीज (Mn) ।
प्रश्न 10. अम्ल – राज क्या है?
उत्तर : अम्ल- राज या एक्वा रेजिया एक अत्यन्त संक्षारित सधूम द्रव है। यह सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सान्द्र नाइट्रिक अम्ल का 3:1 के अनुपात में तैयार किया गया ताजा मिश्रण होता है।
प्रश्न 11. अधातुएँ ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर कैसा ऑक्साइड बनाती हैं? 
उत्तर : अधातुएँ ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अम्लीय; जैसे—CO2, SO2 आदि या उदासीन; जैसे – CO, N2O आदि ऑक्साइड बनाती हैं।
प्रश्न 12. NaCl में Na+ तथा Cl आयनों के बीच विद्यमान बल की प्रकृति क्या होती है?
उत्तर : NaCl में, Na+ तथा Cl आयन परस्पर स्थिर विद्युत आकर्षण बल द्वारा जुड़े रहते हैं।
प्रश्न 13. पाँच आयनिक यौगिकों के नाम लिखिए।
उत्तर : सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम ब्रोमाइड, पोटैशियम आयोडाइड, कैल्सियम क्लोराइड तथा कैल्सियम ऑक्साइड |
प्रश्न 14. केवल अधातुओं द्वारा बने आयनिक यौगिक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर : अमोनियम क्लोराइड (NH4Cl) | यह अधातुओं से बना एक विद्युत संयोजी (आयनिक) यौगिक है।
प्रश्न 15. खनिज क्या होते हैं?
उत्तर : भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप से उपस्थित अकार्बनिक तत्व या यौगिक खनिज कहलाते हैं।
प्रश्न 16. अयस्क क्या होता है?
उत्तर : वे खनिज जिनसे किसी धातु को लाभप्रद ढंग से निष्कर्षित किया जा सकता है, अयस्क कहलाते हैं।
प्रश्न 17. फेन विधि का प्रयोग करके किन अयस्क कणों को आधात्री कणों से पृथक्कृत किया जा सकता है?
उत्तर : फेन विधि का प्रयोग करके कॉपर, जिंक तथा लेड के सल्फेट अयस्कों को आधात्री कणों से पृथक्कृत किया जा सकता है।
प्रश्न 18. धातु ऑक्साइडों का धातुओं में अपचयन हम किस प्रकार करते हैं?
उत्तर : उचित अपचायक का प्रयोग करके हम धातु ऑक्साइडों को धातुओं में अपचयित कर सकते हैं।
प्रश्न 19. धातु सल्फाइडों तथा कार्बोनिटों को अपचयन से पूर्व धातु ऑक्साइडों में परिवर्तित क्यों कर लेना चाहिए।
उत्तर : अपचयन से पहले धातु सल्फाइडों तथा कार्बोनेटों को धातु-ऑक्साइडों में परिवर्तित कर लेना चाहिए क्योंकि धातु सल्फाइडों तथा कार्बोनेटों की तुलना में धातु ऑक्साइडों को अपचयित करना सरल होता है।
प्रश्न 20. कार्बोनेट अयस्क ऑक्साइडों में किस प्रकार परिवर्तित हो सकते हैं?
उत्तर : कार्बोनेट अयस्कों को वायु की अनुपस्थिति में उच्च ताप पर गर्म करने से ये ऑक्साइडों में परिवर्तित हो जाते हैं। यह विधि निस्तापन कहलाती है।
प्रश्न 21. उस प्रक्रम का क्या नाम है जिसमें धातु ऑक्साइड ऐलुमिनियम चूर्ण द्वारा अपचयित होती है?
उत्तर : ऐलुमिनियम – चूर्ण द्वारा धातु ऑक्साइड का अपचयन ऐलुमिनो थर्मिट प्रक्रम अथवा थर्मिट प्रक्रम कहलाता है।
प्रश्न 22. अशुद्ध धातुओं के शोधन में सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाली विधि कौन-सी है ?
उत्तर : विद्युत अपघटनी शोधन ।
प्रश्न 23. संक्षारण पद को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर : जब धातु की सतह वायु, जल अथवा अन्य पदार्थों द्वारा अभिकृत हो जाती है तब इसे संक्षारित कहा जाता है तथा यह परिघटना संक्षारण कहलाती है।
प्रश्न 24. जंग क्या होता है? इसके रासायनिक सूत्र को लिखिए।
उत्तर : जब आयरन को आर्द्र वायु में अधिक समय तक खुला छोड़ देते हैं तो इसकी सतह पर भूरे रंग का एक पपड़ीदार पदार्थ का आव बन जाता है जिसे जंग कहते हैं। जंग का रासायनिक सूत्र Fe2O3.xH2O है।
प्रश्न 25. 24 कैरेट गोल्ड क्या होता है? इसको आप 18 कैरेट गोल्ड में किस प्रकार से परिवर्तित कर सकते हैं?
उत्तर : सोने की शुद्धता सामान्यतः कैरेट में व्यक्त की जाती है। शुद्ध सोना 24 कैरेट का कहलाता है, अर्थात् इसमें अशुद्धियाँ बिल्कुल नहीं होती हैं।
24 कैरेट सोने को 18- कैरेट सोने में परिवर्तित करने के लिए शुद्ध सोने में 6 भाग ताँबा या चाँदी मिश्रित करते हैं।
प्रश्न 26. कुछ धातुओं को वायु में खुला छोड़ देने पर उनकी सतहें भद्दी हो जाती हैं। इसको कारण सहित समझाइए ।
उत्तर: कुछ धातुएँ वायु में खुला छोड़ देने पर धात्विक ऑक्साइड बनाती हैं। ऑक्साइड की यह परत धातु की ऊपरी चमकीली सतह को भद्दा कर देती है।
प्रश्न 27. लोहे को थोड़े-से कार्बन के साथ मिश्रित करने के उपरान्त प्राप्त पदार्थ का उपयोग अधिक क्यों है?
उत्तर : लोहे में थोड़ा कार्बन मिलाने से वह कठोर तथा शक्तिशाली हो जाता है। अतः इसका उपयोग भवन निर्माण, जहाजों एवं यातायात के साधनों के निर्माण में किया जाता है।
प्रश्न 28. निम्नलिखित धातुओं से प्राप्त मिश्रधातुओं के नामोल्लेख कीजिए-
(i) ऐलुमिनियम से प्राप्त मिश्रधातु जो हवाई जहाजों के निर्माण के लिए उपयोग में लाई जाती है।
(ii) लेड से प्राप्त मिश्रधातु जो विद्युत कार्यों के लिए धातु को जोड़ने के उपयोग में लाई जाती है।
(iii) कॉपर से प्राप्त मिश्रधातु जो घरेलू बर्तनों के निर्माण के लिए उपयोग में लाई जाती है।
उत्तर : (i) डूरैलूमिन, (ii) सोल्डर, (iii) पीतल ।
प्रश्न 29. पृथ्वी की सतह पर सबसे अधिक पाई जाने वाली धातु का नाम बताइए। इस धातु के महत्त्वपूर्ण अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर : ऐलुमिनियम । इसका महत्त्वपूर्ण अयस्क बॉक्साइट है।
प्रश्न 30. भर्जन एवं निस्तापन में विभेद कीजिए ।
उत्तर : भर्जन में अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म करके ऑक्साइड में परिवर्तित करते हैं। निस्तापन में अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करके ऑक्साइड में परिवर्तित करते हैं।
प्रश्न 31. धात्विकी पद को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर : अयस्कों से धातुओं के निष्कर्षण और बाद में उनको परिष्कृत करके उपयोग में लाए जाने के योग्य बनाने के प्रक्रम को धात्विकी कहते हैं।
प्रश्न 32. बॉक्साइट के विद्युत अपघटन से पहले इसमें क्रायोलाइट क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर : ऐलुमिना का गलनांक कम करने के लिए उसमें क्रायोलाइट मिलाया जाता है तथा यह ऐलुमिना की विद्युत चालकता भी बढ़ा देता है।
प्रश्न 33. (i) सल्फाइड अयस्क एवं (ii) ऑक्साइड अयस्क की समृद्धि करने के लिए किस-किस विधि का उपयोग करते हैं?
उत्तर : (i) फेन प्लवन विधि का उपयोग करते हैं। (ii) द्रवचालित धुलाई विधि का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 34. उस अपचायक का नाम लिखिए जो वात्या भट्ठी में आयरन अयस्क को अपचयित करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
उत्तर : कोक ।
प्रश्न 35. निम्नलिखित धातुओं के प्रमुख अयस्क के नाम एवं सूत्र लिखिए-
(a) ऐलुमिनियम, (b) आयरन ।
उत्तर : (a) प्रमुख अयस्क का नाम – बॉक्साइट
सूत्र – Al2O3.2H2O
(b) प्रमुख अयस्क का नाम – हेमेटाइट
सूत्र – Fe2O3
प्रश्न 36. क्रायोलाइट में ऐलुमिना क्यों घुल जाता है?
उत्तर : क्रायोलाइट का गलनांक, ऐलुमिना से बहुत कम होता है। क्रायोलाइट तथा ऐलुमिना का गलित मिश्रण, विद्युत का अच्छा चालक होता है।
प्रश्न 37. मिश्रधातु क्या होती है?
उत्तर : किसी धातु का अन्य धातु या अधातु से बना समांगी मिश्रण मिश्रधातु कहलाता है।
  • एक शब्द या एक वाक्य वाले प्रश्न
प्रश्न 1. धातुएँ क्या होती हैं?
उत्तर : वे तत्व जो इलेक्ट्रॉन त्याग कर धनात्मक आयन (धनायन) दें तथा कठोर, आघातवर्ध्य व तन्य हों, धातुएँ कहलाती हैं।
प्रश्न 2. मिट्टी के तेल (किरोसिन) में रखी जाने वाली धातु का नाम बताइए।
उत्तर : सोडियम (Na) ।
प्रश्न 3. उस तत्व का नाम बताइए जो अधातुओं के गुण रखता है, परन्तु धातुओं की सक्रियता श्रेणी में उपस्थित है।
उत्तर : हाइड्रोजन |
प्रश्न 4. एक अधातु और एक धातु का नाम लिखिए जो कक्ष ताप पर द्रव अवस्था में होते हैं।
उत्तर : ब्रोमीन (Br2) – अधातु तथा पारा (Hg) — धातु ।
प्रश्न 5. दो उच्च आघातवर्ध्य धातुओं के नाम लिखिए ।
उत्तर : चाँदी तथा गोल्ड |
प्रश्न 6. दो ऑक्साइडों के नाम लिखिए जो न तो अम्लीय हैं और न ही क्षारीय ।
उत्तर : कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)।
प्रश्न 7. तीन अत्यन्त कठोर धातुओं के नाम बताइए ।
उत्तर : आयरन, कॉपर तथा ऐलुमिनियम ।
प्रश्न 8. एक ग्राम सोने से लगभग कितनी लम्बी तार खींची जा सकती है?
उत्तर : लगभग 2 किमी।
प्रश्न 9. चाँदी के अतिरिक्त कौन-सी धातु ऊष्मा की अच्छी चालक है?
उत्तर : कॉपर ।
प्रश्न 10. विद्युत चालक धातुओं के पाँच उदाहरण दीजिए ।
उत्तर : चाँदी, कॉपर, सोना, ऐलुमिनियम तथा टंगस्टन ।
प्रश्न 11. एक ऐसी धातु का नाम बताइए जो विद्युत प्रवाह में अत्यन्त उच्च प्रतिरोध उत्पन्न करती है।
उत्तर : मर्करी ।
प्रश्न 12. ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो कमरे के ताप पर द्रव होती है?
उत्तर : मर्करी ।
प्रश्न 13. क्या धातुओं के गलनांक उच्च होते हैं?
उत्तर : हाँ।
प्रश्न 14. कार्बन के दो अपररूपों के नाम लिखिए।
उत्तर : हीरा तथा ग्रेफाइट |
प्रश्न 15. एक अधातु का नाम बताइए जो विद्युत की अच्छी चालक है।
उत्तर : ग्रेफाइट (कार्बन)।
प्रश्न 16. धात्विक ऑक्साइडों की रासायनिक प्रकृति क्या है?
उत्तर : धात्विक ऑक्साइडों की रासायनिक प्रवृत्ति क्षारीय होती है।
प्रश्न 17. उन धातुओं के नाम बताइए जो ठण्डे जल से क्रिया करती हैं।
उत्तर : पोटैशियम, कैल्सियम, सोडियम।
प्रश्न 18. उस धातु का नाम बताइए जो गर्म जल से अभिक्रिया करती है।
उत्तर: मैग्नीशियम ।
प्रश्न 19. उन धातुओं के नाम बताइए जो भाप से अभिक्रिया करती हैं।
उत्तर : ऐलुमिनियम, आयरन तथा जिंक ।
प्रश्न 20. उन धातुओं के नाम बताइए जो कदापि जल से अभिक्रिया नहीं करतीं।
उत्तर : लेड, कॉपर, सिल्वर तथा गोल्ड |
प्रश्न 21. उस अभिकर्मक का नाम बताइए जो सोना तथा प्लैटिनम को घोल सकता है?
उत्तर : अम्लराज या एक्वा – रेजिया ( सान्द्र HCl + सान्द्र HNO3)।
प्रश्न 22. क्या सभी खनिज अयस्क होते हैं?
उत्तर : नहीं।
प्रश्न 23. मर्करी के अयस्क का नाम बताइए ।
उत्तर : सिनैबार ।
प्रश्न 24. शुद्ध सोने को क्या कहा जाता है?
उत्तर : 24 कैरेट गोल्ड |
प्रश्न 25. आभूषण बनाने के लिए सोने में क्या अशुद्धियाँ मिलाई जाती हैं?
उत्तर : कॉपर अथवा चाँदी।
प्रश्न 26. सोने को कॉपर अथवा चाँदी के साथ मिश्रित क्यों किया जाता है?
उत्तर : सोने को कठोर करने के लिए।
प्रश्न 27. निम्नलिखित धातुओं में सबसे अधिक क्रियाशील कौन है?
Au, Na, Cu, Ca
उत्तर : Na.
प्रश्न 28. एक ऐसी धातु का नाम दीजिए जो वायु में संक्षारित नहीं होती है।
उत्तर : गोल्ड (Au)।
प्रश्न 29. जिंक के एक अयस्क का नाम बताइए।
उत्तर : जिंक ब्लैंड (ZnS ) ।
प्रश्न 30. आयरन के साथ कौन-से दो तत्व मिलाकर स्टेनलेस स्टील बनाते हैं?
उत्तर : क्रोमियम तथा निकिल ।
प्रश्न 31. Fe, Cr तथा Ni की मिश्रधातु का नाम बताइए ।
उत्तर : स्टेनलेस स्टील ।
प्रश्न 32. अगर सड़क के किनारे की रेलिंग पर रोगन न किया जाए तो क्या होगा? ऐसा क्यों होता है?
उत्तर : आर्द्र फेरिक ऑक्साइड के बनने के कारण उसमें जंग (Fe2O3.xH2O) लग जाएगा।
प्रश्न 33. ड्ररैलूमिन नामक मिश्रधातु के दो प्रमुख घटक लिखिए ।
उत्तर : ऐलुमिनियम तथा ताँबा ।
प्रश्न 34. स्टेनलेस स्टील के बर्तनों की बाहरी सतह पर कॉपर की परत क्यों चढ़ाई जाती है?
उत्तर : कॉपर ऊष्मा का सुचालक है।
प्रश्न 35. पीतल तथा काँसा में उभयनिष्ठ एक अवयव लिखिए।
उत्तर : ताँबा ।
प्रश्न 36. जर्मन सिल्वर नामक मिश्रधातु के अवयवों के नाम लिखिए।
उत्तर : ताँबा (Cu), जिंक (Zn) तथा निकिल ( Ni) |

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