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UK Board 9th Class Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 22 मौसम

UK Board 9th Class Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 22 मौसम

UK Board Solutions for Class 9th Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 22 मौसम

• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – जलवायु किसे कहते हैं? घटकों सहित वर्णन कीजिए ।
उत्तर- किसी स्थान पर मौसम की सामूहिक दशा को उस स्थान की जलवायु कहते हैं अर्थात् यह मौसम की दीर्घ अवधि या अनेक वर्षों के मौसम सम्बन्धी घटनाओं का सार है। दूसरे शब्दों में, जलवायु मौसम की दशाओं का औसतीकरण है जिसमें मौसम सम्बन्धी विभिन्न तत्त्वों की सामूहिक दशाओं के औसत को निष्कर्ष रूप में स्वीकार किया जाता है।
जलवायु को प्रभावित करने वाले घटक — भूतल पर एकसमान जलवायु दशाएँ नहीं पाई जाती हैं। यद्यपि सभी स्थानों एवं प्रदेशों में जलवायु के कारक लगभग एक जैसे रहते हैं, परन्तु उनके प्रभाव की भिन्नता के कारण एक स्थान या एक प्रदेश से दूसरे स्थान या प्रदेश की जलवायु में पर्याप्त विभिन्नता पाई जाती है। इसीलिए जिन तथ्यों के कारण मौसम अथवा जलवायु के तत्त्वों में प्रादेशिक एवं कालिक परिवर्तन होते हैं, उन्हें मौसम अथवा जलवायु के कारक या घटक (Factors) अथवा नियन्त्रक (Controllers) कहा जाता है।
जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक – किसी स्थान अथवा प्रदेश की जलवायु को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं-
(1) अक्षांशीय एवं देशान्तरीय स्थिति,
(2) स्थल एवं जल का वितरण,
(3) समुद्र तल से ऊँचाई,
(4) पर्वतीय अवरोध,
(5) वायुदाब,
(6) वायुराशियाँ,
(7) महासागरीय धाराएँ,
(8) वायुमण्डलीय विक्षोभ ।
इस प्रकार स्पष्ट है कि जलवायु के विभिन्न घटकों की जटिल क्रियाओं एवं प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप विभिन्न प्रकार की जलवायु दशाएँ उत्पन्न होती हैं, जो जनजीवन को व्यापक रूप से प्रभावित करती हैं।
प्रश्न 2 – मौसम व जलवायु का शिक्षा में क्या महत्त्व है? प्रकाश डालिए।
उत्तर- शिक्षा में महत्त्व
पृथ्वी की वायुमण्डलीय दशाओं भौर उसका पर्यावरण पर प्रभाव जानने के लिए मौसम और जलवायु का अध्ययन अत्यन्त आवश्यक है। शिक्षा में इनके अध्ययन का निम्नलिखित महत्त्व है-
(1) मौसम और जलवायु तत्त्वों के तुलनात्मक अध्ययन से मौसम सम्बन्धी भविष्यवाणी या पूर्वानुमान लगाना सरल है। इसके आधार पर कृषि प्रबन्धन में बड़ी सरलता रहती है। अतः कृषकों के लाभ हेतु इसके अध्ययन का विशेष महत्त्व है। Th
(2) मौसम और जलवायु की शिक्षा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से बहुत उपयोगी है। जनसामान्य इसके ज्ञान से पर्यावरण के प्रति जागरूक होता है और संरक्षण सम्बन्धी उपायों के प्रति सतर्क रहता है।
(3) मौसम और जलवायु की शिक्षा विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं; जैसे– चक्रवात, तूफान, बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि आदि के प्रति सुरक्षा के लिए अत्यन्त उपयोगी और प्राकृतिक आपदाओं के न्यूनीकरण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
(4) शिक्षा में मौसम और जलवायु सम्बन्धी जानकारी पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से ही उपयोगी नहीं, वरन् इसका अध्ययन मनुष्य को आर्थिक हानि से सुरक्षा प्रदान करता है।
(5) शिक्षा में मौसम और जलवायु के अध्ययन से व्यक्ति प्राकृतिक संकटों के कारणों से अवगत होता है तथा इन संकटों से बचने के उपायों में रुचि लेता है।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – मौसम के अध्ययन की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर- मौसम का अध्ययन आगामी प्राकृतिक संकटों से बचने के लिए अत्यन्त आवश्यक समझा जाता है। इसी कारण अन्तर्राष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन में सम्मिलित सभी देशों के वैज्ञानिकों द्वारा हिमालयी क्षेत्र में निरन्तर हो रहे परिवर्तनों के दृष्टिगत एकमत से यह निर्णय लिया गया कि हिमालयी क्षेत्र में अधिक-से-अधिक मौसम वेधशाओं की स्थापना की जाए ताकि प्रतिदिन के आधार पर मौसम आँकड़ों का संग्रह करके आगामी रणनीति निर्धारित की जा सके। अतः प्राकृतिक संकटों और जलवायु असन्तुलन जैसी समस्याओं के निराकरण हेतु मौसम के अध्ययन की विशेष आवश्यकता है।
प्रश्न 2 – मौसम और जलवायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- मौसम और जलवायु में अन्तर
क्र०सं० मौसम जलवायु
1. किसी स्थान पर विशेष समय की अर्थात् अल्पकालीन वायुमण्लीय दशाएँ उस स्थान का मौसम कहलाती हैं। किसी स्थान या प्रदेश की दीर्घकालीन वायुमण्डलीय दशाओं के औसत को जलवायु कहते हैं।
2. मौसम अल्प समय में बदल जाता है। जलवायु में परिवर्तन एक लम्बी अवधि में ही होता है।
3. एक स्थान पर एक ही दिन में मौसम कई प्रकार का हो सकता है। जलवायु किसी स्थान या प्रदेश में एक ही प्रकार की होती है।
4. मौसम अल्प समय का होता है। जलवायु 15 से 25 वर्षों की मौसमी घटनाओं का औसत होती है।
5. मौसम का अध्ययन ‘मौसम विज्ञान’ (Meterology ) के अन्तर्गत किया जाता है। जलवायु का अध्ययन ‘जलवायु विज्ञान’ (Climatology) के अन्तर्गत किया जाता है।
प्रश्न 3 – यू-प्रोब योजना क्या है? यह किसके द्वारा संचालित है?
उत्तर— यू-प्रोब योजना अथात् उत्तराखण्ड – पार्टिशिपेशन ऑफ यूथ इन रियल टाइम आब्जर्वेशन टू बेनिफिट एजुकेशन । विद्यालय स्तर पर मौसम सम्बन्धी आँकड़े संकलित करने की एक योजना है। उत्तराखण्ड देश का ऐसा प्रथम राज्य है जहाँ इस योजना को 14 जुलाई, 2003 से प्रारम्भ किया गया है। यह योजना ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है। उत्तराखण्ड राज्य में इसको यू- प्रोब के नाम से प्रसारित किया जा रहा है। यह योजना राज्य के 100 माध्यमिक विद्यालयों में संचालित होनी है जिसमें से 70 विद्यालयों को मौसम उपकरण प्रदान कर दिए गए हैं। विद्यालय स्तर की इन मौसम वेधशालाओं में विद्यार्थी तापमान, वर्षा, हवा आदि का ज्ञान अर्जित कर सकेंगे तथा मौसम सम्बन्धी आँकड़ों का संकलन भी करेंगे। इस योजना में राज्य का मौसम विज्ञान केन्द्र देहरादून द्वारा उपकरणों की आपूर्ति, स्थापना तथा प्रशिक्षण में विशेष योगदान दिया जाता है।
• अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – जलवायु का निर्धारण किस औसतीकरण द्वारा किया जाता है?
उत्तर— जलवायु का निर्धारण मौसम सम्बन्धी तत्त्वों की दशाओं के औसतीकरण के आधार पर किया जाता है।
प्रश्न 2 – दो TRC (तकनीकी संस्थान केन्द्र) के नाम बताइए ।
उत्तर- (1) आई०आई०टी० रुड़की, (2) जी०बी० पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर ।
प्रश्न 3 – यू-प्रोब के अन्तर्गत कितने विद्यालयों को सम्मिलित किया गया है?
उत्तर – यू-प्रोब के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के 100 माध्यमिक विद्यालयों को सम्मिलित किया गया है।

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