UK Board 9th Class Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 24 वायुमण्डल का विश्लेषण तथा प्रभाव
UK Board 9th Class Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 24 वायुमण्डल का विश्लेषण तथा प्रभाव
UK Board Solutions for Class 9th Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 24 वायुमण्डल का विश्लेषण तथा प्रभाव
• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – वायुमण्डल के विश्लेषण से क्या तात्पर्य है? समझाइए।
अथवा वायुमण्डल का क्या अर्थ है? इसके संघटन पर प्रकाश डालिए ।
उत्तर- वायुमण्डल का अर्थ
वायु का आवरण, जो पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए है, वायुमण्डल कहलाता है। यह रंगहीन, गन्धहीन, स्वादहीन है तथा दबाव से सिकुड़ता व फैलता है। पर्यावरण के प्रमुख कारकों में वायुमण्डल सबसे अधिक गतिशील है, क्योंकि इसमें न केवल त्वरित परिवर्तन होता है वरन् अल्प अवधि में भी परिवर्तन हो जाता है। वायुमण्डल के सम्पूर्ण द्रव्यमान का 99% भाग भू-पृष्ठ तथा 32 किमी की ऊँचाई के मध्य में ही पाया जाता है। इसी परत में अधिकांश वायुमण्डलीय घटनाएँ घटित होती हैं तथा विभिन्न मौसमी परिवर्तन होते हैं। गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण ही वायुमण्डल पृथ्वी को चारों ओर से घेरें हुए है।
वायुमण्डल का संघटन
वायुमण्डल की रचना विभिन्न गैसों के मिश्रण से हुई है। इसमें नाइट्रोजन (78%), ऑक्सीजन ( 21%), ऑर्गन (0.9%), कार्बन डाइ-ऑक्साइड, हीलियम हाइड्रोजन और ओजोन (0.03% ) आदि अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। जलवाष्प की मात्रा सागरों, महासागरों, गैसें होती हैं। वायुमण्डल की निचली परतों में जलवाष्प एवं धूलकण . झीलों, जलाशयों, मृदा तथा वनस्पति में निहित जल के वाष्पीकरण द्वारा वायुमण्डल में विलीन होती रहती है। किसी स्थान – विशेष की वायु में जलवाष्प की अधिकतम मात्रा 5% तक विद्यमान हो सकती है। वायुमण्डल में विद्यमान जलवाष्प का, वायुमण्डलीय घटनाओं में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। भारी गैसें धरातल के निकट, जबकि हल्की गैसें वायुमण्डल के ऊपरी भाग में पाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त वायुमण्डल की निचली परतों में धूल, कार्बन तथा अनेक छोटे-छोटे कणों से भारी हुई गैस आदि पाए जाते है।
वायुमण्डल की ऊँचाई 400 से 500 किमी तक होती है। वायुमण्डल में हो रहे परिवर्तन का मानव, पशु-पक्षियों, वनस्पति एवं फसलों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी के निकट वायुमण्डल का घनत्व अधिक होता है, किन्तु जैस जैसे पृथ्वी से अधिक ऊँचाई पर जाते हैं वायुमण्डल के घनत्व में कमी आती जाती है। वायुमण्डल में अधिक घनत्व केवल 32 किमी की ऊँचाई तक ही है। हमारे पर्यावरण में सबसे अधिक गतिशीलता वायुमण्डल के ही कारण है। ऋतुओं में परिवर्तन, दिन-रात के ताप में विभिन्नता, वर्षा, ओस, ओले, कोहरे आदि सभी घटनाएँ इसकी गतिशीलता के ही प्रमाण है। अतः वायुमण्डल हमारी दैनिक क्रियाओं को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि प्रकृति की सजीवता और सक्रिय सृजनशीलता के लिए भी उत्तरदायी है।
प्रश्न 2 – वायुमण्डल की संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर— वायुमण्डल की संरचना
वायुमण्डल की संरचना बड़ी जटिल है। वर्तमान में अनेक अन्तरिक्ष वैज्ञानिक रेडियो तरंगों, ध्वनि तरंगों तथा उपग्रहों की सहायता से इसकी खोज एवं अनुसन्धान में संलग्न हैं। ऊँचाई के साथ-साथ वायुमण्डल का घनत्व घटता जाता है। वायुमण्डल की संरचना निम्नलिखित पाँच परतों द्वारा हुई है-
(1) क्षोभमण्डल-वायुमण्डल की यह सबसे निचली परत है जो प्राणिजगत् के लिए अति आवश्यक है, इसे अधोमण्डल या परिवर्तन मण्डल भी कहा जाता है। इस परत में प्रति 165 मीटर की ऊँचाई पर 1° सेल्सियस की औसत दर से तापमान घटता जाता है। विषुवतीय प्रदेश में इसकी ऊँचाई 18 किमी, जबकि ध्रुवीय प्रदेशों में 8 किमी है। इसी मण्डल में सर्वाधिक वायुमण्डलीय घटनाएँ घटित होती हैं। इसी कारण इस परत का सर्वाधिक महत्त्व है। क्षोभमण्डल की ऊपरी सीमा को ‘क्षोभ-सीमा’ (Tropopause) कहा जाता है ( संलग्न चित्र देखिए ) ।

(2) समतापमण्डल – क्षोभमण्डल के ऊपर समतापमण्डल पाया जाता है। तापमान की समानता पाए जाने के कारण इस परत का नाम ‘समतापमण्डल’ है। समतापमण्डल की मोटाई 50 से 55 किमी तक मिलती है। यह परत मौसमी घटनाओं से मुक्त रहती है, इसी कारण समतापमण्डल के निचले भागों में जेट विमानों के उड़ान भरने के लिए आदर्श दशाएँ विद्यमान होती हैं। इसमें ऊँचाई के साथ-साथ तापमान में भी वृद्धि होती है। इस मण्डल में विद्यमान ओजोन गैस सूर्य की घातक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है। समतापमण्डल की ऊपरी सीमा को ‘समताप सीमा’ (Stratopause) कहा जाता है।
(3) मध्यमण्डल—समतापमण्डल के ऊपर मध्यमण्डल है। इस मण्डल की ऊँचाई 90 से 640 किमी तक पाई जाती है। इस मण्डल के ऊपरी भाग में ऊष्म या तापमण्डल है।
(4) आयनमण्डल – सतापमण्डल के निचले भाग तथा मध्यमण्डल की ऊपरी अन्तिम सीमा पर आयनमण्डल पाया जाता है। इसी मण्डल के मध्य विद्युत आवेशित कण होते हैं, जिन्हें आयन कहते हैं। इस परत का सर्वाधिक प्रभाव रेडियो तरंगों पर पड़ता है। यहीं से रेडियो तरंगें भू-पृष्ठ की ओर परावर्तित होती हैं जिस कारण बेतार जैसे संचार उपकरण कार्य करने में समर्थ रहते हैं।
(5) बाह्यमण्डल – आयनमण्डल के ऊपर के मण्डल को बाह्यमण्डल कहा जाता है, इसकी ऊँचाई की कोई सीमा नहीं है। इस मण्डल में वायु की सघनता बहुत कम है। यहाँ हीलियम, हाइड्रोजन, क्रिप्टॉन, जेनॉन जैसी हल्की गैसें पाई जाती हैं। इसमें उपस्थित सक्रिय अणु एवं परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल की तरह कार्य करते हैं।
वायुमण्डल पृथ्वी के लिए एक आवरण का कार्य करता है। यदि पृथ्वी पर इसका आवरण न होता तो सूर्य से निकलने वाली किरणें विशेष रूप से पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी की रक्षा करना असम्भव हो जाता। अतः वायुमण्डल और उसकी विभिन्न परतें या भाग पृथ्वीवासियों के लिए | प्रकृति के वरदान है।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – कार्बन डाइ ऑक्साइड का क्या प्रभाव है?
उत्तर – वन कटाव, समुद्रीय प्रदूषण, वाहनों से निकला धुआँ, औद्योगिक प्रदूषण तथा जैविक विघटन कार्बन डाइ ऑक्साइड के प्रमुख उत्पाद स्रोत हैं। इसके प्रभाव को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है—
(अ) कार्बन डाइ ऑक्साइड वायुमण्डलीय विकिरण का अवशोषण करके तापमान में वृद्धि करता है।
(ब) पौधों में प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा जो अवशोषण होता है वह कार्बन डाइ ऑक्साइड का ही परिणाम है।
प्रश्न 2 – जलवाष्प के उत्पादन स्रोत क्या हैं?
उत्तर – वायु में व्याप्त नमी अथवा आर्द्रता जलवाष्प का ही परिणाम है, वायु में निहित जल के अदृश्य यही कण जलवाष्प कहलाते हैं। इसके मुख्य उत्पादन स्रोत निम्नलिखित हैं—
(1) वर्षा का जल,
(2) सिंचाई का जल जो हवा अपने साथ वाष्पीकरण द्वारा उड़ा लेती है,
(3) वाष्पन एवं वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा प्राप्त जल,
(4) संघनन ।
प्रश्न 3 – भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम बताइए ।
उत्तर – भारत की जलवायु उष्णकटिबन्धीय है। इस जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम निम्नलिखित हैं-
(1) भारत का विशाल क्षेत्रफल, (2) कर्क रेखा द्वारा विभाजन, (3) हिमालय पर्वत की चापाकार अवस्थिति, (4) हिन्द महासागर की लगभग अर्द्धवृत्ताकार स्थिति एवं (5) हवाओं की दिशा या रुख।
• अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा किस गैस की होती है?
उत्तर – वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा नाइट्रोजन (N2) गैस की (78.084%) होती है।
प्रश्न 2 – वायुमण्डल में न्यूनतम मात्रा में उपस्थित गैस का नाम व सूत्र बताइए ।
उत्तर- वायुमण्डल में न्यूनतम मात्रा में उपस्थित गैस का नाम ओजान है। इसका सूत्र O3 है।
प्रश्न 3 – पृथ्वी के चारों ओर किस दूरी तक वायुमण्डल का अस्तित्व है?
उत्तर— पृथ्वी तल के ऊपर चारों ओर लगभग 50 किमी की ऊँचाई तक वायुमण्डल का अस्तित्व है।
प्रश्न 4 – समतापमण्डल की एक प्रमुख विशेषता बताइए ।
उत्तर— समतापमण्डल में विद्यमान ओजोन गैस सूर्य से आने वाली घातक पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर लेती है।
प्रश्न 5–बेतार संचार किस प्रकार सम्भव हुआ है?
उत्तर – आयनमण्डल में उपस्थित विद्युत आवेशित कण रेडियो तरंगों को भू-पृष्ठ पर परावर्तित कर देते हैं, जिससे बेतार (Wireless) संचार सम्भव हुआ है।