UK 9th Science

UK Board 9th Class Science – Chapter 9 बल तथा गति के नियम

UK Board 9th Class Science – Chapter 9 बल तथा गति के नियम

UK Board Solutions for Class 9th Science – विज्ञान – Chapter 9 बल तथा गति के नियम

अध्याय के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित में किसका जड़त्व अधिक है-
(a) रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर,
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी,
(c) पाँच रुपये का सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का ।
उत्तर : हम जानते हैं कि किसी वस्तु का द्रव्यमान ही उसके जड़त्व की माप है।
(a) चूँकि पत्थर का द्रव्यमान, समान आकार की रबर की गेंद के द्रव्यमान से अधिक होगा; अतः पत्थर का जड़त्व अधिक होगा।
(b) रेलगाड़ी का द्रव्यमान साइकिल के द्रव्यमान से अधिक है; अत: रेलगाड़ी का जड़त्व अधिक होगा।
(c) पाँच रुपये के सिक्के का जड़त्व एक रुपये के सिक्के से अधिक होगा।
प्रश्न 2. नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास कीजिए-
“फुटबाल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान कीजिए, जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर : उपर्युक्त उदाहरण में गेंद का वेग कुल तीन बार बदलता है।
(1) पहली बार वेग – परिवर्तन के लिए आवश्यक बल प्रदान करने वाला कारक पहले खिलाड़ी द्वारा लगाई गई किक है।
(2) दूसरी बार वेग-परिवर्तन के लिए आवश्यक बल, दूसरे खिलाड़ी द्वारा लगाई गई किक से प्राप्त होता है।
(3) तीसरी बार वेग – परिवर्तन के लिए आवश्यक बल, विपक्षी टीम गोलकीपर द्वारा लगाई गई किक से प्राप्त होता है।
प्रश्न 3. किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं, क्यों?
उत्तर : जब किसी पेड़ की शाखाओं को जोर-जोर से हिलाया जाता है तो शाखाएँ तो तुरन्त ही गति की अवस्था में आ जाती हैं, जबकि उनसे जुड़ी पत्तियाँ, जड़त्व के कारण, विरामावस्था में ही बनी रहती हैं। अत: इनमें से कुछ पत्तियाँ शाखाओं से अलग होकर गिर जाती हैं।
प्रश्न 4. जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं, और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों?
उत्तर : ऐसा जड़त्व के कारण होता है। जब तक गाड़ी चलती रहती है तो हमारा शरीर भी गाड़ी के साथ उसी वेग़ से गति करता रहता है। गाड़ी के अचानक रुकने पर हमारे पैर गाड़ी के सम्पर्क में होने के कारण तुरन्त विराम में आ जाते हैं, परन्तु गति जड़त्व के कारण हमारा ऊपरी शरीर आगे की ओर गति करता रहता है और हम आगे की ओर झुक जाते हैं।
जब रुकी हुई गाड़ी अचानक चलती है तो हमारे पैर तो तुरन्त गति में आ जाते हैं, परन्तु हमारा ऊपरी शरीर विराम जड़त्व के कारण विराम में बना रहता है; अत: हम पीछे की ओर झुक जाते हैं।
प्रश्न 5. यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर होती है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है ?
उत्तर : घोड़ा गाड़ी की गति – घोड़ा, गाड़ी को खींचते समय अपने पैरों से सड़क पर पीछे की ओर बल लगाता है। क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम के अनुसार, सड़क भी घोड़े पर समान परिमाण का बल आगे की ओर लगाती है। इसी प्रतिक्रिया बल के कारण घोड़ा तथा उसके पीछे जुड़ी गाड़ी आगे की ओर चल पड़ते हैं। इस प्रकार घोड़ा व गाड़ी, घोड़े द्वारा लगाए बल के कारण नहीं, बल्कि पृथ्वी के प्रतिक्रिया बल के कारण गतिमान होते हैं।
प्रश्न 6. एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबर की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : फायर ब्रिगेड की मोटर पाइप पानी की अत्यधिक मात्रा उच्च वेग से निकलती है अर्थात् पाइप से निकलने वाले पानी की संवेग-परिवर्तन की दर बहुत अधिक होती है। क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से, पाइप का संवेग भी इसी दर से परीत दिशा में परिवर्तित होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि पाइप से निकलने वाला पानी पाइप पर बहुत अधिक बल आरोपित करता है जिसके कारण पाइप को सँभालना कठिन होता है।
प्रश्न 7. एक 50 ग्राम द्रव्यमान की गोली 4 किग्रा द्रव्यमान की रायफल से 35 मीटर / सेकण्ड के प्रारम्भिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफल के प्रारम्भिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
प्रश्न 8. 100 ग्राम तथा 200 ग्राम द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः 2 मीटर / सेकण्ड तथा 1 मीटर / सेकण्ड के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.67 मीटर/सेकण्ड हो जाता है तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात कीजिए ।
अतः टक्कर के बाद दूसरी वस्तु का वेग 1.165 मीटर/सेकण्ड होगा।
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. कोई वस्तु शून्य बाह्य असन्तुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना सम्भव है? यदि हाँ तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख कीजिए। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : हाँ, सम्भव है। वास्तव में, गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए बल की आवश्यकता होती है न कि एकसमान गति की अवस्था को बनाए रखने के लिए। अतः यदि कोई वस्तु पहले से गतिमान है तो वह बाह्य असन्तुलित बल की अनुपस्थिति में भी एकसमान गति की अवस्था को बनाए रखेगी।
इस स्थिति में वस्तु के वेग का परिमाण तथा गति की दिशा दोनों नियत रहेंगे।
प्रश्न 2. जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : दरी (कार्पेट) को छड़ी से पीटने पर धूल के कण निकल आते हैं— इसका कारण यह है कि छड़ी से पीटने पर दरी (कार्पेट) के कण तो गति की अवस्था में आ जाते हैं, परन्तु विराम जड़त्व कारण धूल के कण विराम में ही बने रहते हैं और दरी (कार्पेट) के कणों से अलग होकर बाहर निकल जाते हैं।
प्रश्न 3. बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है? 
उत्तर : जब चलती हुई गाड़ी में अचानक ब्रेक लगाए जाते हैं अथवा एकाएक उसे मोड़ा जाता है तो गति जड़त्व के कारण गाड़ी की छत पर रखा सामान उसी वेग से उसी दिशा में गतिमान रहने का प्रयास करता है। ऐसे में यदि सामान को बाँधा नहीं गया है तो वह छत से नीचे गिर सकता है, इससे सामान के टूटने की सम्भावना रहती है। अतः बस की छत पर रखे सामान को बाँधकर रखा जाता है।
प्रश्न 4. किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि-
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असन्तुलित बल कार्यरत नहीं है; अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
( सही विकल्प का चयन कीजिए । )
उत्तर : (c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
प्रश्न 5. एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 सेकण्ड में 400 मीटर की दूरी तय करता है। इसका त्वरणं ज्ञात कीजिए। अगर इसका द्रव्यमान 7 मीट्रिक टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना कीजिए। ( 1 मीट्रिक टन = 1000 किग्रा)
प्रश्न 6..1 किग्रा द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 मीटर / सेकण्ड के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 मीटर की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना कीजिए ।
प्रश्न 7. एक 8,000 किग्रा द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2,000 किग्रा द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40,000 न्यूटन का बल आरोपित करता है तथा पटरी 5,000 न्यूटन का घर्षण बल लगाती है तो ज्ञात कीजिए-
(a) नेट त्वरक बल
(b) रेल का त्वरण
(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल ।
हल: दिया है : इंजन द्वारा लगाया गया बल = 40,000 न्यूटन,
इंजन का द्रव्यमान = 8,000 किग्रा,
प्रश्न 8. एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 किग्रा है। यदि गाड़ी को 1.7 मीटर/सेकण्ड’ के ऋणात्मक त्वरण ( अवमन्दन) के साथ विरामावस्था में लाना है तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
प्रश्न 9. किसी m द्रव्यमान की वस्तु, जिसका वेग v है, का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)2
(b) mv2
(c) ½m v²
(d) m v
(उपर्युक्त में से सही विकल्प चुनिए)
उत्तर : (d) mv.
प्रश्न 10. हम एक लकड़ी के बक्से को 200 न्यूटन बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
हल : बक्से पर लगाया गया बल F1 = 200 न्यूटन
माना बक्से पर लगा घर्षण बल = F2 न्यूटन
तब बक्से पर लगा नेट बल = F1 – F2
= (200 – F2 ) न्यूटन
·.· बक्सा नियत वेग से गतिमान है; अतः बक्से पर नेट असन्तुलित बल शून्य होगा।
अतः नेट बल = (200 – F2 ) न्यूटन = 0
F2 = 200 न्यूटन
अतः बक्से पर लगा घर्षण बल 200 न्यूटन है।
प्रश्न 11. दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 किग्रा है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 मीटर/सेकण्ड है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?
अत: टक्कर के बाद दोनों वस्तुओं का सम्मिलित वेग शून्य होगा अर्थात् वे विरामावस्था में आ जाएँगी।
प्रश्न 12. गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; सम्भवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दीजिए और बताइए कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर : विद्यार्थी का तर्क गलत है, यह सही है कि क्रिया तथा प्रतिक्रिया के बल विपरीत एवं बराबर होते हैं, परन्तु ये बल कभी भी एक ही वस्तु पर कार्य नहीं करते। जैसे कि उपर्युक्त उदाहरण में, हमारे द्वारा आरोपित बल ट्रक पर लगेगा, जबकि ट्रक का प्रतिक्रिया बल हम पर लगेगा। ट्रक के गतिमान होने का सम्बन्ध केवल ट्रक पर लगने वाले बल से है न कि हमारे द्वारा लगे प्रतिक्रिया बल से; अतः क्रिया-प्रतिक्रिया के बलों के निरस्त होने का यहाँ कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
हमारे द्वारा ट्रक पर बल आरोपित किए जाने पर भी ट्रक गतिशील नहीं हो पाता, इसका कारण यह है कि ट्रक पर इस बल के अतिरिक्त पृथ्वी द्वारा आरोपित घर्षण बल भी लगा है जो कि हमारे द्वारा आरोपित बल को सन्तुलित कर देता है।
प्रश्न 13. 200 ग्राम द्रव्यमान की हॉकी की एक गेंद 10 मीटर / सेकण्ड के वेग से सीधी रेखा में चलती हुई 5 किग्रा द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके से संघट्ट करती है तथा उससे जुड़ जाती है। उसके बाद दोनों एकसाथ उसी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा संघट्ट के बाद के कुल संवेगों की गणना कीजिए। दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग की गणना कीजिए।
प्रश्न 14. 10 ग्राम द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 मीटर/सेकण्ड के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटकें से टकराती है और 0.03 सेकण्ड के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना कीजिए ।
अतः गोली लकड़ी को 2.25 मीटर दूरी तक भेदेगी।
पुन: सूत्र F = ma से,
लकड़ी द्वारा गोली पर लगाया गया बल
F = 0.01 × 5000 = 50 न्यूटन ।
प्रश्न 15. एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 किग्रा है, 10 मीटर/सेकण्ड के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 किग्रा द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना कीजिए। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना कीजिए।
हल : वस्तु का द्रव्यमान m1 = 1 किग्रा,
वेग v1 = 10 मीटर/सेकण्ड
प्रश्न 16. 100 किग्रा द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6 सेकण्ड में 5 मीटर/सेकण्ड से 8 मीटर/सेकण्ड जाता है। वस्तु के पहले तथा बाद के संवेगों की गणना कीजिए। उस के परिमाण की गणना कीजिए जो उस वस्तु पर आरोपित है।
अतः वस्तु का प्रारम्भिक संवेग = 500 किग्रा -मीटर / सेकण्ड |
वस्तु का अन्तिम संवेग = 800 किग्रा मीटर / सेकण्ड ।
वस्तु पर आरोपित बल का परिमाण = 50 न्यूटन |
प्रश्न 17. अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग-परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग-परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है ( क्योंकि. कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है)। अख्तर ने कहा कि चूँकि कार का वेग बहुत अधिक था; अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दीजिए।
उत्तर : राहुल का तर्क सही है। क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से दोनों पर समान बल लगेगा तथा दोनों के संवेग में भी समान परिवर्तन होगा । क्योंकि कीड़े का प्रारम्भिक संवेग, कार के संवेग की तुलना में नगण्य है; अत: कीड़े का संवेग-परिवर्तन स्पष्ट परिलक्षित होगा, जबकि समान • संवेग – परिवर्तन से कार के संवेग में कोई स्पष्ट अन्तर नहीं दिखाई देगा।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. बल कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : बल के प्रकार -बल दो प्रकार के होते हैं—
(i) सन्तुलित बल, (ii) असन्तुलित बल |
(i) सन्तुलित बल – जब किसी वस्तु पर एक साथ कई बल कार्य कर रहे हों और उनका परिणामी बल शून्य हो तो उन बलों को सन्तुलित बल कहते हैं । सन्तुलित बलों की अवस्था में यदि कोई वस्तु स्थिर है तो स्थिर रहेगी तथा यदि एकसमान गति कर रही है तो वह उसी प्रकार गति करती रहेगी, जैसे कि वस्तु पर कोई बल कार्य ही न कर रहा हो। इस प्रकार सन्तुलित बलों के प्रभाव से वस्तु की स्थिति में परिवर्तन नहीं होता है।
फिर भी, सन्तुलित बलों से वस्तु की आकृति बदल जाती है; जैसे – यदि रबड़ की एक गेंद को हथेलियों के बीच रखकर बराबर व विपरीत बल लगाएँ तो गेंद की आकृति बदल जाती है। यह गेंद गोल न रहकर चपटी – सी हो जाती है।
उदाहरण – रस्साकशी के खेल में जब दोनों टीम रस्से को बराबर बल से खींचती हैं, तब परिणामी बल शून्य होगा। अतः रस्सा तथा दोनों टीमें अपने स्थान पर स्थिर बने रहते हैं। इस दशा में दोनों टीमों द्वारा रस्से पर लगाया गया बल सन्तुलित है।
(ii) असन्तुलित बल – जब किसी वस्तु पर लगे अनेक बलों का परिणामी बल शून्य न हो तो उन बलों को असन्तुलित बल कहते हैं। यह बल, गति की दिशा तथा अवस्था (चाल) में परिवर्तन करता है।
उदाहरण – रस्साकशी में यदि एक टीम दूसरी टीम से अधिक शक्तिशाली है तो वह रस्से तथा कमजोर टीम दोनों को अपनी ओर खींच लेती है। इस दशा में रस्से पर लगने वाला बल असन्तुलित बल है।
प्रश्न 2. न्यूटन के गति-विषयक नियमों को उदाहरण देकर समझाइए |
अथवा गैलीलियो (जड़त्व ) का नियम उदाहरण देकर समझाइए ।
अथवा न्यूटन के गतिविषयक द्वितीय नियम की सहायता से सिद्ध कीजिए।
बल = द्रव्यमान × त्वरण
अथवा न्यूटन का गति-विषयक तृतीय नियम उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
अथवा क्रिया-प्रतिक्रिया नियम लिखिए तथा इसकी उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए।
अथवा गति के तृतीय नियम का उल्लेख कीजिए। इसे क्रिया-प्रतिक्रिया नियम भी कहा जाता है— क्यों? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : (1) न्यूटन का गति-विषयक प्रथम नियम — इस नियम के अनुसार, “यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है तो वह विरामावस्था में ही बनी रहेगी और यदि वह एक सरल रेखा में एकसमान वेग से चल रही है तो वह उसी प्रकार चलती रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल लगाकर उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन न किया जाए ।” इसे गैलीलियो का नियम अथवा जड़त्व का नियम भी कहते हैं।
उदाहरण 1- यदि कोई पुस्तक मेज पर रखी है तो वह तब तक उसी अवस्था में रहेगी, जब तक कि उस पर बाहर से कोई बल लगाकर उसे वहाँ से हटा न दिया जाए।
उदाहरण 2 – चलती बस का इंजन बन्द करने के बाद भी बस कुछ दूर चलकर रुक जाती है। यह घर्षण बल के कारण होता है। यदि घर्षण बल न हो तो बस चलती रहेगी।
(2) न्यूटन का गति-विषयक द्वितीय नियम — इस नियम के अनुसार, “किसी वस्तु परं बाहर से लगाया गया बल, उस वस्तु के द्रव्यमान तथा उस वस्तु में बल दिशा में उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है । “
इसे ही न्यूटन का गति-विषयक द्वितीय नियम कहते हैं।
उदाहरण 1- क्रिकेट की गेंद पकड़ते समय खिलाड़ी अपने हाथ पीछे की ओर खींचता है।
उदाहरण 2 – बन्दूक की गोली शरीर में घुस जाती है।
(3) न्यूटन का गति-विषयक तृतीय नियम- इस नियम के अनुसार, जब दो वस्तुओं में आपस में अन्योन्य क्रिया होती है तो पहली वस्तु द्वारा दूसरी वस्तु पर लगाया गया बल, दूसरी वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाए गए बल के बराबर और विपरीत दिशा में होता है अथवा क्रिया व उसकी प्रतिक्रिया बराबर तथा विपरीत दिशा में होती हैं।
उदाहरण – तैरते समय मनुष्य पानी को पीछे धकेलता है (क्रिया);
परिणामस्वरूप जल मनुष्य को आगे की ओर धकेलता है (प्रतिक्रिया)।
(i) इन दो बलों में से एक को क्रिया तथा दूसरे को प्रतिक्रिया कहते हैं। अत: इसे क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम भी कहते हैं। इस नियम के अनुसार, “प्रत्येक क्रिया की उसके बराबर, परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।”
(ii) बन्दूक से गोली छोड़ने पर गोली क्रिया बल के कारण आगे बढ़ती है। परन्तु गोली भी बन्दूक पर विपरीत दिशा में इतना ही प्रतिक्रिया बल लगाती है; अतः बन्दूक स्वयं पीछे की ओर हटती है तथा बन्दूक चलाने वाले को पीछे की ओर धक्का मारती है।
प्रश्न 3. सिद्ध कीजिए कि – किसी वस्तु के संवेग – परिवर्तन की दर उस पर आरोपित बल के बराबर होती है।
अथवा संवेग से क्या तात्पर्य है? इसका मात्रक भी लिखिए।
अथवा बल तथा संवेग में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
अथवा न्यूटन के गति-विषयक द्वितीय नियम को संवेग के आधार पर परिभाषित कीजिए ।
उत्तर : संवेग – किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल से प्रदर्शित को उस वस्तु का संवेग (momentum) कहते हैं। इसे p करते हैं। यह एक सदिश राशि है तथा इसकी दिशा वही होती है जो वेग की होती है।
यदि वस्तु का द्रव्यमान m तथा वेग v है तो
संवेग = द्रव्यमान × वेग
p = m × v
संवेग का मात्रक किग्रा – मीटर / सेकण्ड अथवा न्यूटन – सेकण्ड है।
बल तथा संवेग में सम्बन्ध – माना किसी वस्तु का द्रव्यमान m तथा प्रारम्भिक वेग u है । बाह्य बल F लगाने से Δt समयान्तराल में वस्तु का वेग बढ़कर v हो जाता है। तब,
स्पष्टतः संवेग परिवर्तन की दर, लगाए गए बाह्य बल के बराबर होती है तथा सदैव बल की दिशा में ही होती है। यह न्यूटन के गति के द्वितीय नियम का एक ही अन्य रूप है।
समीकरण (4) के अनुसार, यदि किसी वस्तु पर कोई बल न लग रहा हो तो उस वस्तु में कोई संवेग परिवर्तन नहीं होगा अर्थात् वस्तु का संवेग अचर रहेगा।
प्रश्न 4. घर्षण कितने प्रकार के होते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : घर्षण के प्रकार – घर्षण दो प्रकार का होता है-
(A) स्थैतिक घर्षण, (B) गतिक घर्षण ।
(A) स्थैतिक घर्षण – जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु के तेल पर चलाने का प्रयास किया जाता है तो गति की अवस्था में आने से पूर्व दोनों वस्तुओं के स्पर्शी तलों के मध्य कार्य करने वाले घर्षण बल को स्थैतिक घर्षण बल कहते हैं।
स्थैतिक घर्षण बल स्वतः परिवर्तनशील बल है जो गति उत्पादक बल के बढ़ते जाने पर एक सीमा तक बढ़कर महत्तम मान प्राप्त कर लेता है। स्थैतिक घर्षण बल के इस महत्तम अथवा चरम मान को सीमान्त घर्षण बल कहते हैं।
(B) गतिक घर्षण – जब दो वस्तुओं के बीच आपेक्षिक गति होती है तो वस्तुओं के सम्पर्क तलों द्वारा एक-दूसरे पर आरोपित घर्षण बल गतिक घर्षण कहलाता है।
गतिक घर्षण का मान सदैव स्थैतिक घर्षण से कम होता है।
गतिक घर्षण पुनः दो प्रकार का होता है—
(i) सर्पी घर्षण – जब एक वस्तु दूसरी वस्तु के ऊपर फिसलती है। तो उनके सम्पर्क तल के समान्तर घर्षण को सर्पी घर्षण कहते हैं। यह घर्षण तलों के खुरदरेपन के कारण उत्पन्न होता है।
(ii) लोटनिक घर्षण – जब कोई गोल वस्तु; जैसे पहिया किसी तल पर लुढ़कता है तो उसकी परिधि का प्रत्येक भाग बारी-बारी से तल के सम्पर्क में आता है। इस स्थिति में पहिये तथा तल के बीच के घर्षण को लोटनिक घर्षण कहते हैं। जब हम साइकिल चलाते हैं तो इस घर्षण का अनुभव होता है।
प्रश्न 5. संवेग संरक्षण का नियम लिखिए तथा इसे सिद्ध कीजिए।
उत्तर : संवेग संरक्षण का नियम — इस नियम के अनुसार “यदि दो या दो से अधिक पिण्ड परस्पर इस प्रकार टकराते हैं कि टकराने की क्रिया में उन पर कोई बाह्य असन्तुलित बल कार्य नहीं करता है, तो इन पिण्डों का कुल संवेग संरक्षित रहता है, अर्थात् टक्कर से पूर्व पिण्डों का कुल संवेग, टक्कर के बाद पिण्डों के कुल संवेग के बराबर रहता है। “
उपपत्ति: माना कि mA तथा mB द्रव्यमानों के दो गोले, एक सरल रेखा क्रमश: uA तथा uB वेगों से गति करते हुए परस्पर संघट्ट करते हैं। संघट्ट के पश्चात् दोनों गोले अलग होकर क्रमश: vA तथा vB वेगों से चलने लगते हैं।
माना कि गोले ‘t‘ समय के लिए एक- – दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं तथा इस दौरान गोला A, गोले B पर बल FAB लगाता है तथा गोला B प्रतिक्रिया के रूप में गोले A पर बल FBA लगाता है।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. बल के कौन-कौन से मात्रक हैं?
उत्तर : बल मात्रक — सूत्र बल = द्रव्यमान × त्वरण से,
M.K.S. पद्धति में बल का मात्रक
= द्रव्यमान का मात्रक × त्वरण का मात्रक
= किग्रा × (मीटर / सेकण्ड2 )
= किग्रा मीटर/सेकण्ड2 अथवा न्यूटन।
C.G.S. पद्धति में बल का मात्रक
= ग्राम सेमी/सेकण्ड अथवा डाइन।
बल का एक अन्य मात्रक किग्रा भार है। इसे बल का गुरुत्वीय मात्रक कहते हैं।
प्रश्न 2. 1 न्यूटन बल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : सूत्र F = m a में, m = 1 किग्रा तथा
a = 1 मीटर / सेकण्ड2 रखने पर,
F = 1 न्यूटन
अत: 1 न्यूटन वह बल है जो 1 किग्रा द्रव्यमान की किसी वस्तु में 1 मीटर/सेकण्ड2 का त्वरण उत्पन्न कर देता है।
प्रश्न 3. गिलास पर रखे गत्ते को अचानक हटा देने पर उस पर रखा सिक्का गिलास में क्यों गिर जाता है ?
उत्तर : गिलास पर रखे गत्ते को अचानक हटा देने पर उस पर रखा सिक्का गिलास में जा गिरता है— इसका कारण यह है कि प्रारम्भ है में गत्ता तथा सिक्का दोनों विरामावस्था में थे। गत्ते को क्षैतिज दिशा में अंगुली से तीव्रता से धक्का देने पर उसमें गति उत्पन्न हो जाती है, जबकि सिक्का जड़त्व के कारण उसी स्थान पर स्थिर रहता है; अत: गत्ता हटकर आगे बढ़ जाता है तथा सिक्का (गत्ता हटने के कारण ) गिलास में गिर जाता है।
प्रश्न 4. रेलगाड़ी के अचानक चलने पर उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर गिर पड़ता है?
उत्तर : रेलगाड़ी के अचानक चलने पर उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर गिर पड़ता है – इसका कारण यह है कि यात्री के शरीर का निचला भाग तो गाड़ी के सम्पर्क में होने के कारण गाड़ी के चलने पर तुरन्त गति में आ जाता है, परन्तु उसका ऊपरी भाग विराम जड़त्व के कारण विरामावस्था में ही बना रहता है। इस कारणवश यात्री के शरीर के ऊपरी भाग को पीछे की ओर धक्का लगता है तथा यात्री पीछे की ओर गिर पड़ता है।
प्रश्न 5. चलती हुई रेलगाड़ी में बैठे व्यक्ति द्वारा ऊर्ध्वाधर दिशा में फेंकी गेंद लौटकर उसके हाथ में वापस क्यों आ जाती है?
उत्तर : चलती हुई रेलगाड़ी में बैठे व्यक्ति द्वारा ऊर्ध्वाधर दिशा में फेंकी गई गेंद लौटकर उसके हाथ में वापस आ जाती है- यदि चलती रेलगाड़ी में बैठा कोई व्यक्ति एक गेंद ऊपर की ओर उछाले तथा उछालने के बाद अपना हाथ गेंद के नीचे ही रखे तो गेंद फिर उसके हाथ में लौट आती है; इसका कारण जड़त्व है। जड़त्व के कारण व्यक्ति एवं गेंद दोनों ही गाड़ी के साथ गाड़ी के वेग से क्षैतिज दिशा में चलते रहते हैं। अतः गेंद उछालने के बाद व्यक्ति का हाथ सदैव ही गेंद के नीचे रहता है। और गेंद लौटकर उसके हाथ में आ जाती है।
प्रश्न 6. क्रिकेट की गेंद लपकते समय खिलाड़ी गेंद की गति की दिशा में अपने हाथ पीछे क्यों खींच लेता है ?
उत्तर : क्रिकेट की गेंद पकड़ते समय खिलाड़ी अपने हाथ पीछे की ओर खींच लेता है— इसका कारण यह है कि यदि खिलाड़ी हाथ को स्थिर रखकर गेंद पकड़ता है तो गेंद को रुकने में बहुत कम समय लगता है जिससे वेग-परिवर्तन की दर ( अर्थात् मन्दन) अधिक रहती है। अतः खिलाड़ी की हथेली को गेंद रोकने में अधिक बल ( F = ma) लगाना होता है जिससे खिलाड़ी की हथेली में चोट लग सकती है। इसलिए खिलाड़ी गेंद को अधिक समय में रोकने के लिए हाथ को गेंद की गति की दिशा में पीछे खींचता है जिससे कि वेग-परिवर्तन की दर ( अर्थात् मन्दन) कम हो तथा उसे कम बल लगाना पड़े। इससे खिलाड़ी के हाथ में चोट लगने की सम्भावना घट जाती है।
प्रश्न 7. कुएँ से जल खींचते समय यकायक रस्सी टूट जाने पर पानी खींचने वाला व्यक्ति पीछे की ओर क्यों गिर पड़ता है?
उत्तर : कुएँ से जल खींचते समय यकायक रस्सी टूट जाने पर पानी खींचने वाला व्यक्ति पीछे की ओर गिर पड़ता है – इसका कारण यह है कि जब कोई व्यक्ति रस्सी द्वारा जल से भरी बाल्टी को अपनी ओर खींचता है तो बाल्टी भी उसी बल से व्यक्ति को अपनी ओर खींचती है। यदि रस्सी यकायक (अचानक) टूट जाए तो बाल्टी द्वारा व्यक्ति पर लगाया गया बल समाप्त हो जाता है तथा व्यक्ति अपने द्वारा लगाए गए बल के कारण पीछे की ओर गिर पड़ता है।
प्रश्न 8. क्या होता है जब किसी गीले कपड़े को झटकते हैं? अपने प्रेक्षण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : जब गीले कपड़े को झटकते हैं तो कपड़े से पानी की बूँदें बाहर आ जाती हैं— इसका कारण यह है कि कपड़ा झटकने पर कपड़ा तो गति की अवस्था में आ जाता है, परन्तु कपड़े के भीतर उपस्थित पानी की बूँदें जड़त्व के कारण अपनी विरामावस्था में बनी रहती हैं और कपड़े से अलग होकर बाहर निकल जाती हैं। इससे कपड़ा जल्दी सूख जाता है।
प्रश्न 9. यदि कोई व्यक्ति नाव से किनारे पर कूदे तो नाव विपरीत दिशा में चली जाती है, क्यों? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : जब कोई व्यक्ति नाव कूदता है तो वह अपने पैरों से बल लगाकर नाव को पीछे की ओर धकेलता है। इस क्रिया बल के कारण नाव पीछे की ओर हट जाती है। नाव द्वारा बराबर व विपरीत बल ( प्रतिक्रिया बल) मनुष्य पर आगे की ओर लगता है जिससे वह किनारे पर कूद जाता है।
प्रश्न 10. जब कभी अचानक हमारा पैर केले के छिलके पर पड़ जाता है तो हमारे लिए अपने शरीर का सन्तुलन बनाए रखना कठिन क्यों हो जाता है?
उत्तर : जब हम सड़क पर चलते हैं तो सड़क और हमारे पैरों के बीच कार्यरत बल हमारे शरीर का सन्तुलन बनाए रखने में हमारी मदद करता है। ऐसे में जब कभी हमारा पैर केले के छिलके पर पड़ता है तो हमारे ‘पैरों और सड़क के बीच घर्षण बल एकाएक कम हो जाता है जिसके कारण शरीर का सन्तुलन बनाए रखना कठिन हो जाता है और हम गिर पड़ते हैं।
• अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. एक जैसे दो ट्रक सड़क पर समान वेग से चल रहे हैं। उनमें से एक खाली है तथा दूसरा बोझ से लदा हुआ है। किस ट्रक को रोकने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी?
उत्तर : चूँकि बोझ से लदे ट्रक का द्रव्यमान अधिक है; अत: इसका संवेग भी अधिक होगा। अतः इस ट्रक को रोकने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 2. खिड़की के शीशे में बन्दूक की गोली मारने पर उसमें एक गोल छेद हो जाता है, जबकि पत्थर मारने पर शीशा चटख जाता है, ऐसा क्यों ?
उत्तर : खिड़की के शीशे में बन्दूक की गोली मारने पर उसमें गोल छेद हो जाता है, जबकि पत्थर मारने से शीशा चटख जाता है— इसका कारण यह है कि बन्दूक की गोली का वेग बहुत अधिक होता है, अत: शीशे के उस भाग में, जहाँ गोली लगती है, तेज गति उत्पन्न हो जाती है जबकि शीशे का शेष भाग जड़त्व के कारण विरामावस्था में रहता है। जब तक शीशे का भाग गतिशील हो तब तक गोली शीशे के आर-पार निकल जाती है। इस प्रकार शीशे में छोटा छेद ही हो पाता है। इसके विपरीत पत्थर के टुकड़े का वेग कम होता है; अतः पत्थर को शीशा पार करने में अधिक समय लगता है। इतने समय में शीशे का शेष भाग भी हिल जाता है तथा शीशा गतिमान हो जाने के कारण चटख जाता है।
प्रश्न 3. ब्रेक लगाने पर एक चलती गाड़ी रुक जाती है, प्रक्रिया में गाड़ी के संवेग का क्या होता है ? इस
उत्तर : इस प्रक्रिया में गाड़ी के संवेग का अधिकांश भाग पृथ्वी को तथा शेष भाग वायु के अणुओं को हस्तान्तरित हो जाता है।
प्रश्न 4. स्पष्ट कीजिए कि जूतों के तले क्यों घिस जाते हैं?
उत्तर : जब हम सड़क पर चलते हैं तो जूतों के तलों तथा सड़क के बीच घर्षण बल कार्य करता है जिससे जूतों के तले घिस जाते हैं।
प्रश्न 5. गति के नियमों के आधार पर तैरने की क्रिया को समझाइए |
उत्तर : तैरने की क्रिया में तैराक बल लगाकर पानी को पीछे की ओर धकेलता है और पानी प्रतिक्रिया के रूप में तैराक पर आगे की ओर बल लगाता है, जिससे तैराक आगे बढ़ जाता है।
प्रश्न 6. साइकिल के पहिये में तेल क्यों दिया जाता है?
उत्तर : पहिये तथा धुरी के बीच घर्षण बल कार्य करता है। इन दोनों के बीच खुरदरापन आने से घर्षण बल अधिक हो जाता है जिसके कारण पहिये को घुमाने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। अतः घर्षण बल कम करने के लिए साइकिल के पहिये में तेल दिया जाता है।
• एक शब्द या एक वाक्य वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बल का मात्रक लिखिए।
उत्तर : बल का मात्रक न्यूटन है।
प्रश्न 2. बल कैसी राशि है?
उत्तर : बल एक सदिश राशि है।
प्रश्न 3. बल के अभाव में पिण्डों की प्रवृत्ति क्या होती है?
उत्तर : बल के अभाव में पिण्ड या तो विरामावस्था में रहेगा या सरल रेखा में एकसमान वेग से गति करेगा।
प्रश्न 4. 1 किग्रा भार कितने न्यूटन के बराबर होता है?
उत्तर : 1 किग्रा भार उस बल के बराबर है जो 1 किग्रा की वस्तु पर गुरुत्व के कारण लगता है।
अतः 1 किग्रा भार = 9.8 न्यूटन
प्रश्न 5. 1 न्यूटन में कितने किग्रा भार होते हैं?
उत्तर : 1 न्यूटन = 1/9.8 किग्रा-भार = 0.102 किग्रा-भार ।
प्रश्न 6. गैलीलियो क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर : जड़त्व के नियम के प्रतिपादन के लिए।
प्रश्न 7. एक ही आकार के पत्थर व फुटबाल में किसका जड़त्व अधिक होगा?
उत्तर : पत्थर का जड़त्व अधिक होगा।
प्रश्न 8. पदार्थ का वह कौन-सा गुण है, जो पदार्थ की अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है?
उत्तर : जड़त्व का गुण ।
प्रश्न 9. बिजली का पंखा स्विच बन्द होने के बाद भी कुछ समय तक किस कारण से चलता है?
उत्तर : अपने गति – जड़त्व के गुण के कारण पंखा स्विच बन्द होने के बाद भी कुछ समय तक गति में रहता है।
प्रश्न 10. किसी वस्तु का द्रव्यमान तथा वेग का गुणनफल किस भौतिक राशि को प्रदर्शित करता है?
उत्तर : इन दोनों का गुणनफल संवेग को प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 11. संवेग-परिवर्तन की दर किस भौतिक राशि को प्रदर्शित ‘करती है?
उत्तर : यह बल को प्रदर्शित करती है।
प्रश्न 12. संवेग संरक्षण के लिए कौन-सा प्रतिबन्ध आवश्यक है? 
उत्तर : पिण्डों पर कोई बाह्य असन्तुलित बल नहीं लगा होना चाहिए।
प्रश्न 13. रॉकेट का क्रिया-सिद्धान्त, न्यूटन के गति के क्रिस नियम पर आधारित है?
उत्तर : रॉकेट का क्रिया – सिद्धान्त, न्यूटन के गति के तृतीय नियम (क्रिया-प्रतिक्रिया नियम) पर आधारित है।
प्रश्न 14. यदि किसी गतिमान पिण्ड पर कोई असन्तुलित बल नहीं लगा है तो उसके संवेग का क्या होगा?
उत्तर : संवेग संरक्षित रहेगा।
प्रश्न 15. एक गाड़ी को 500 न्यूटन के बल से सड़क पर खींचने से वह एक नियत वेग से चलती है। गाड़ी व पृथ्वी के बीच कितना घर्षण बल कार्य कर रहा है?
उत्तर : 500 न्यूटन; गाड़ी के चलने की विपरीत दिशा में।
• आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1. एक पिण्ड का द्रव्यमान 30 किग्रा है। उस पर 60 न्यूटन का बल आरोपित किया जाता है। ज्ञात कीजिए पिण्ड में कितना त्वरण उत्पन्न होगा?
प्रश्न 2. 10 न्यूटन का एक बल 0.2 किग्रा के एक पिण्ड पर कार्य कर रहा है। पिण्ड में उत्पन्न त्वरण की गणना कीजिए ।
हल : दिया है : बल (F) = 10 न्यूटन = 10 किग्रा – मीटर / सेकण्ड2, द्रव्यमान (m) = 0.2 किग्रा,
त्वरण (a) = ?
प्रश्न 3. यदि 5 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु पर 200 न्यूटन का बल लगाया जाए तो वस्तु में उत्पन्न त्वरण कितना होगा?
प्रश्न 4. किसमें अधिक बल की आवश्यकता होगी; 2 किग्रा द्रव्यमान वाली किसी वस्तु को 5 मीटर/सेकण्ड की दर से त्वरित करने में या 4 किग्रा द्रव्यमान वाली वस्तु को 2 मीटर/सेकण्ड2 की दर से त्वरित करने में?
उपर्युक्त से स्पष्ट है कि प्रथम वस्तु को त्वरित करने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 5. एक 5 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु पर 2 सेकण्ड के लिए एक नियत बल कार्यरत होता है। यह वस्तु के वेग को 3 मीटर/सेकण्ड से बढ़ाकर 7 मीटर/सेकण्ड कर देता है। लगाए गए बल की मात्रा ज्ञात कीजिए। यदि इस बल को 5 सेकण्ड के लिए आरोपित किया जाए तो वस्तु का अन्तिम वेग क्या होगा?
प्रश्न 6. 2000 किग्रा द्रव्यमान की एक कार 36 किमी/ घण्टा की चाल से जा रही है। ब्रेक लगाने से वह 100 मीटर चलकर रुक जाती है। ब्रेक द्वारा कार पर लगाए गए बल की गणना कीजिए।
अत: कार की गति की विपरीत दिशा में 1000 न्यूटन का बल लग रहा है।
प्रश्न 7. किसी m द्रव्यमान के पिण्ड पर 250 न्यूटन का बल 4 सेकण्ड तक कार्य करके उसमें 10 मीटर/सेकण्ड का वेग उत्पन्न करता है । द्रव्यमान m का मान ज्ञात कीजिए ।
हल : दिया है : प्रारम्भिक वेग (u) = 0, अन्तिम वेग (v) = 10 मीटर / सेकण्ड समय (t) = 4 सेकण्ड,
प्रश्न 8. एक लम्बी मेज पर सीधी रेखा में जा रही 20 ग्राम द्रव्यमान की गेंद का वेग – समय ग्राफ संलग्न चित्र – 3 में प्रदर्शित है। गेंद को विरामावस्था में लाने के लिए मेज द्वारा कितना बल लगाया जाएगा?
ऋणात्मक चिह्न यह प्रदर्शित करता है कि मेज द्वारा गेंद पर बल गति के विपरीत दिशा में लगाया जाता है।
प्रश्न 9. 45 किमी / घण्टा के वेग से चलती हुई 1000 किग्रा द्रव्यमान की कोई कार एक पेड़ से टकराकर 5 सेकण्ड में रुक जाती है। कार द्वारा पेड़ पर कितना बल लगाया गया?
प्रश्न 10. हॉकी की प्रतिद्वन्द्वी टीमों के दो खिलाड़ी गेंद को हिट करने के प्रयास में परस्पर टकरा जाते हैं तथा आपस में उलझ जाते हैं। पहले खिलाड़ी का द्रव्यमान 60 किग्रा है तथा वह 5.0 मीटर / सेकण्ड के वेग से गति में था, जबकि दूसरा खिलाड़ी जिसका द्रव्यमान 55 किग्रा है तथा वह 6 मीटर/सेकण्ड के वेग से पहले खिलाड़ी की ओर गति कर रहा था। टकराकर उलझने के बाद वे दोनों किस दिशा में किस वेग से गति करेंगे। मान लीजिए कि दोनों खिलाड़ियों के पैर तथा पृथ्वी के बीच कार्यरत घर्षण बल नगण्य हैं।
हल : माना कि प्रथम खिलाड़ी बाएँ से दाएँ (धनात्मक दिशा में) दौड़ रहा है, तब दूसरा खिलाड़ी दाएँ से बाएँ (ऋणात्मक दिशा में) दौड़ेगा।
ऋणात्मक चिह्न प्रदर्शित करता है कि खिलाड़ी दाएँ से बाएँ अर्थात् दूसरे खिलाड़ी की गति की दिशा में 0.26 मीटर/सेकण्ड के वेग से गति करेंगे।

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