UK 9th Social Science

UK Board 9th Class Social Science – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 3 चुनावी राजनीति

UK Board 9th Class Social Science – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 3 चुनावी राजनीति

UK Board Solutions for Class 9th Social Science – सामाजिक विज्ञान – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 3 चुनावी राजनीति

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 – चुनाव क्यों होते हैं, इस बारे में इनमें से कौन-सा वाक्य ठीक नहीं है?
(क) चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं।
(ख) लोग चुनाव में अपनी पसन्द के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं।
(ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
(घ) लोग चुनाव से अपनी पसन्द की नीतियाँ बना सकते हैं।
उत्तर— (ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
प्रश्न 2 – भारत के चुनाव लोकतान्त्रिक हैं, यह बताने के लिए इनमें कौन-सा वाक्य सही कारण नहीं देता?
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।
(ख) भारत में चुनाव आयोग काफी शक्तिशाली है।
(ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है।
(घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियाँ जनादेश स्वीकार कर लेती हैं।
उत्तर- (क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।
प्रश्न 3 – निम्नलिखित में मेल ढूँढ़ें-
(क) समय-समय पर मतदाता सूची का नवीनीकरण आवश्यक है ताकि 1. समाज के हर तबके का समुचित प्रतिनिधित्व हो सके।
(ख) कुछ निर्वाचन क्षेत्र अनु० जाति और अनु० जनजाति के लिए आरक्षित हैं ताकि 2. हर एक को अपना प्रतिनिधि चुनने का समान अवसर मिले।
(ग) प्रत्येक को सिर्फ एक वोट डालने का हक है ताकि 3. हर उम्मीदवार को चुनावों में लड़ने का समान अवसर मिले।
(घ) सत्ताधारी दल को सरकारी वाहन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं क्योंकि  4. सम्भव है कुछ लोग उस जगह से अलग चले गए हों जहाँ उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।
उत्तर – (क) – 4, (ख) – 1, (ग) – 2, (घ) – 3.
प्रश्न 4 – इस अध्याय में वर्णित चुनाव सम्बन्धी सभी गतिविधियों की सूची बनाएँ और इन्हें चुनाव में सबसे पहले किए जाने वाले काम से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएँ। इनमें से कुछ मामले हैं-
चुनाव घोषणा पत्र जारी करना, वोटों की गिनती, मतदाता सूची बनाना, चुनाव अभियान, चुनाव नतीजों की घोषणा, मतदान, पुनर्मतदान के आदेश, चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, नामांकन दाखिल करना।
उत्तर—
  1. मतदाताओं की सूची तैयार करना ।
  2. चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा ।
  3. नामांकन पत्र भरना ।
  4. नामांकन पत्रों की जाँच ।
  5. नामांकन पत्र वापस लेना।
  6. चुनाव घोषणा पत्र जारी करना ।
  7. चुनाव अभियान ।
  8. मतदान करना।
  9. पुनर्मतदान ।
  10. मतों की गणना।
  11. परिणामों की घोषणा।
प्रश्न 5 – सुरेखा एक राज्य विधानसभा क्षेत्र में स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली अधिकारी है। चुनाव के इन चरणों में उसे किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
(क) चुनाव प्रचार, (ख) मतदान के दिन, (ग) मतगणना के दिन।
उत्तर—
(क) चुनाव अधिकारी को यह देखना चाहिए कि चुनाव प्रचार में सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार आचार संहिता का पालन करें।
(ख) चुनाव अधिकारी को यह देखना चाहिए कि चुनाव शान्तिपूर्वक हो और मतदाता निष्पक्ष रूप से अपने मत का प्रयोग कर सकें। चुनाव अधिकारी को फर्जी मतदान को रोकना चाहिए ।
(ग) चुनाव अधिकारी को मतगणना के लिए पूरी व्यवस्था करनी होती है ताकि मतगणना ठीक ढंग से हो। मतगणना में किसी प्रकार की धाँधली न हो और जो उम्मीदवार जीत रहा हो उसे ही विजयी घोषित किया जाए।.
प्रश्न 6 – नीचे दी गई तालिका बताती है कि अमेरिकी कांग्रेस के चुनावों के विजयी उम्मीदवारों में अमेरिकी समाज के विभिन्न समुदाय के सदस्यों का क्या अनुपात था। ये किस अनुपात में जीते इसकी तुलना अमेरिकी समाज में इन समुदायों की आबादी के अनुपात से कीजिए। इसके आधार पर क्या आप अमेरिकी संसद के चुनाव में भी आरक्षण का सुझाव देंगे? अगर हाँ, तो क्यों और किस समुदाय के लिए? अगर नहीं, तो क्यों?
समुदाय का प्रतिनिधित्व ( प्रतिशत में)
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में अमेरिकी समाज में 
अश्वेत 8 13
हिस्पैनिक 5 13
श्वेत 86 70
उत्तर – अश्वेतों और हिस्पैनिकों के लिए कुछ सीटें आरक्षित रखी जा सकती हैं, क्योंकि जनसंख्या के अनुसार उनके पास प्रतिनिधि नहीं हैं। भारत में भी आंग्ल-भारतीय (ऐंग्लो-इण्डियन) समुदाय कुल जनसंख्या के 2% से भी कम है, परन्तु लोकसभा इस समुदाय के लिए दो सीटें आरक्षित हैं।
प्रश्न 7 – क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इनमें से सभी पर अपनी राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए ।
(क) भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंन्त्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
 (ख) अपने देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
(ग) सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना बहुत आसान होता है।
(घ) अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतन्त्र बनाने के लिए कई कदम उठाने आवश्यक हैं।
उत्तर—
(क) भारत के चुनाव आयोग के पास देश में स्वतन्त्र व निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पर्याप्त अधिकार हैं। उसे चुनाव सम्बन्धी सभी मामलों पर निरीक्षण, निर्देशन तथा नियन्त्रण का अधिकार प्राप्त है। चुनाव आयोग किसी निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केन्द्रों पर पुन: मतदान करवा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर पूरे चुनाव क्षेत्र का चुनाव रद्द कर सकता है।.
(ख) हमारे देश के चुनावों में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है। देश में आम चुनावों में मतदान प्राय: 55 से 60 प्रतिशत के बीच होता है। भारत में 2019 में सम्पन्न आम चुनावों में लगभग 68 प्रतिशत मतदान हुआ था। जनसाधारण चुनावों को बहुत महत्त्व देता है। (ग) सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होता । इसका कारण है—
(i) भारत में चुनाव निष्पक्ष होते हैं।
(ii) चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है, वह स्वतन्त्र चुनाव करवाता है।
(घ) अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतन्त्र बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने आवश्यक हैं-
(i) जाली मतदान को रोकने के लिए सभी मतदाताओं को परिचय-पत्र दिए जाने चाहिए ।
(ii) अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए ।
(iii) चुनावों में मतदान के लिए EVM ( इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का इस्तेमाल होना चाहिए ।
प्रश्न 8 – चिनप्पा को दहेज के लिए अपनी पत्नी को परेशान करने के जुर्म में सजा मिली थी । सतबीर को छुआछूत मानने का दोषी माना गया था। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी। क्या यह फैसला लोकतान्त्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धान्तों के खिलाफ जाता है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए ।
उत्तर— न्यायालय का यह निर्णय लोकतान्त्रिक सिद्धान्तों के विरुद्ध नहीं है। राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि अपराधियों को चुनाव न लड़ने दिया जाए। नागरिक अधिकार सुरक्षा अधिनियम, 1976 के अनुसार जिन व्यक्तियों को इस कानून के अन्तर्गत दण्ड दिया गया हो वे व्यक्ति लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते।
प्रश्न 9 – यहाँ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोर्टें दी गई हैं। क्या ये देश अपने यहाँ के चुनावों में सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे?
(क) नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जानबूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा दी और उसे . जीता हुआ घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीदवार को मिले पाँच लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।
(ख) फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक परचा बाँटा गया जिसमें धमकी दी गई थी कि अगर पूर्व प्रधानमन्त्री महेन्द्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून-खराबा हो जाएगा। यह धमकी भारतीय मूल के मतदाताओं को दी गई थी।
(ग) अमेरिका के हर प्रान्त में मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियाँ हैं। सन् 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा प्रान्त के अधिकारियों ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।
उत्तर—
(क) मतगणना के दौरान प्रत्येक दल या प्रत्याशी का एक प्रतिनिधि वहाँ होना चाहिए।
(ख) एक आदर्श आचार संहिता होनी चाहिए जिसे सभी राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशियों को अपनाना चाहिए।
(ग) चुनाव प्रणाली में समरूपता होनी चाहिए। यह भारत के चुनाव आयोग के समान एक स्वतन्त्र संस्था के अधीन होनी चाहिए।
प्रश्न 10 – भारत में चुनावी गड़बड़ियों से सम्बन्धित रिपोर्टें यहाँ दी गई हैं। प्रत्येक मामले में समस्या की पहचान कीजिएइन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है ? 
(क) चुनाव की घोषणा होते ही मन्त्री महोदय ने बन्द पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
(ख) विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली ।
(ग) चुनाव आयोग की जाँच से एक राज्य की मतदाता सूची में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले।
(घ) एक राजनीतिक दल के गुण्डे बन्दूकों के साथ घूम रहे थे,दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदान में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।
उत्तर-
(क) मन्त्री महोदय ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
दूर करने का उपाय – आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए मन्त्री को चुनाव आयुक्त द्वारा सजा दी जा सकती है।
(ख) सत्तारूढ़ दल द्वारा संसाधनों का दुरुपयोग किया गया।
दूर करने का उपाय – दल चुनाव आयोग के पास जा सकता था। सभी दलों के लिए चुनाव आयोग द्वारा दूरदर्शन तथा रेडियो पर समय निर्धारित किया जाता है।
(ग) निर्वाचन सूची को सुधारा नहीं गया है।
दूर करने का उपाय – निर्वाचन सूची को सुधारा जाना चाहिए।
(घ) चुनाव स्वतन्त्र तथा न्यायपूर्ण नहीं हैं।
दूर करने का उपाय – चुनाव आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनाव स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष हों।
प्रश्न 11 – जब यह अध्याय पढ़ाया जा रहा था तो रमेश कक्षा में नहीं आ पाया था। अगले दिन कक्षा में आने के बाद उसने अपने पिता जी से सुनी बातों को दोहराया। क्या आप रमेश को बता सकते हैं कि उसके इन बयानों में क्या गड़बड़ी है ?
(क) औरतें उसी तरह वोट देती हैं जैसा पुरुष उनसे कहते हैं इसलिए उनको मताधिकार देने का कोई मतलब नहीं है।
(ख) पार्टी-पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है। चुनाव में सबकी सहमति वाला फैसला होना चाहिए, प्रतिद्वन्द्विता नहीं होनी चाहिए।
(ग) सिर्फ स्नातकों को ही चुनाव लड़ने की इजाजत होनी चाहिए।
उत्तर-
(क) औरतें सदैव ही पुरुषों के कहे अनुसार मतदान नहीं करतीं। औरतों को मतदान का अधिकार न देना लोकतान्त्रिक सिद्धान्तों के विरुद्ध है।
(ख) पार्टी – पॉलिटिक्स थोड़े समय के लिए समाज में तनाव की स्थिति बना सकती है परन्तु अन्त में सभी राजनीतिक नेता लोगों की भलाई के लिए कार्य करते हैं क्योंकि सभी सत्ता में रहना चाहते हैं।
(ग) केवल स्नातकों को ही चुनाव लड़ने की आज्ञा देना कुछ लोकतान्त्रिक सिद्धान्तों के विरुद्ध है, दूसरी ओर यह भी आवश्यक नहीं । है कि केवल शिक्षित व्यक्ति ही बुद्धिमान होते हैं तथा लोगों की सेवा कर सकते हैं।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
● विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – वयस्क अथवा सार्वभौमिक मताधिकार के पक्ष और विपक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर— वयस्क अथवा सार्वभौमिक मताधिकार
वयस्क मताधिकार से तात्पर्य है कि मतदान का अधिकार एक निश्चित आयु के समस्त नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के प्राप्त होना चाहिए। भारत में मतदान की निम्नतम आयु सीमा 18 वर्ष निर्धारित कर दी गई है। मताधिकार के सम्बन्ध में सम्पत्ति, लिंग या शिक्षा जैसा कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। वर्तमान में विश्व के समस्त देशों में वयस्क अथवा सार्वभौमिक मताधिकार की व्यवस्था है।
वयस्क मताधिकार के पक्ष में तर्क
वयस्क मताधिकार के पक्ष में दिए जाने वाले प्रमुख तर्क निम्नलिखित हैं-
  1. प्रभुसत्ता का स्रोत जनता है, इसलिए सभी को समान रूप से मताधिकार प्राप्त होना चाहिए ।
  2. राज्य के कार्यों, कानूनों व नीतियों का प्रभाव सब पर समान रूप से पड़ता है। इसलिए सभी को मताधिकार प्राप्त होना चाहिए।
  3. सभी व्यक्ति समान हैं। सभी को अपने हितों की सुरक्षा के लिए मताधिकार प्राप्त होना चाहिए।
  4. सभी को मताधिकार प्राप्त होने से अल्पसंख्यक भी सरकार प्रतिनिधित्व प्राप्त कर लेते हैं।
  5. शिक्षा, सम्पत्ति तथा लिंग सम्बन्धी भेदभाव अनुचित है, इसलिए सभी को मताधिकार प्राप्त होना चाहिए।
  6. वयस्क मताधिकार से व्यक्ति सम्मानित अनुभव करते हैं।
  7. नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए वयस्क मताधिकार आवश्यक है।
  8. वयस्क मताधिकार से राजनीतिक उदासीनता नष्ट होती है तथा राजनीतिक जागृति व शिक्षा प्राप्त होती है।
  9. वयस्क मताधिकार राष्ट्र की एकता का प्रतीक है।
  10. वयस्क मताधिकार लोकतान्त्रिक सिद्धान्तों एवं भावनाओं के अनुकूल है।
वयस्क मताधिकार के विपक्ष में तर्क
वयस्क मताधिकार के विपक्ष में दिए जाने वाले प्रमुख तर्क निम्नलिखित हैं-
  1. वयस्क मताधिकार की अवधारणा विचारहीन है, क्योंकि इससे अशिक्षित, निर्धन तथा पिछड़े एवं अज्ञानी लोगों के सत्तारूढ़ होने की आशंका रहती है।
  2. साधारण जनता राजनीति के जटिल प्रश्नों को नहीं समझती है, इसलिए सबको मताधिकार प्राप्त नहीं होना चाहिए।
  3. वयस्क मताधिकार भ्रष्टाचार को जन्म देता है, क्योंकि मतदान सामान्यतया धन, धर्म व जाति के प्रभाव से होता है।
प्रश्न 2 – आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से आप क्या समझते हैं? वर्तमान लोकसभा में इसकी क्या स्थिति है?
उत्तर – हमारा संविधान प्रत्येक नागरिक को अपना प्रतिनिधि चुनने और जनप्रतिनिधि के तौर पर चुने जाने का अधिकार प्रदान करता है। लेकिन हमारे संविधान निर्माताओं को यह चिन्ता थी कि सम्भव है खुले चुनावी मुकाबले में कुछ कमजोर समूहों के लोग लोकसभा और विधानसभाओं में पहुँच नहीं पाएँ । सम्भव है कि चुनाव लड़ने और जीतने लायक आवश्यक संसाधन, शिक्षा और सम्पर्क उनके पास हों ही नहीं। संसाधनों वाले प्रभावशाली लोग उन्हें चुनाव जीतने से रोक भी सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो संसद और विधानसभाओं में हमारी जनसंख्या के एक बड़े हिस्से की आवाज ही नहीं पहुँच पाएगी। इससे हमारे लोकतान्त्रिक प्रतिनिधित्व का चरित्र कमजोर होगा और यह व्यवस्था कम लोकतान्त्रिक होगी।
इसलिए भारत के संविधान निर्माताओं ने कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र की विशेष व्यवस्था रखी। इसी कारण कुछ चुनाव क्षेत्र अनुसूचित जातियों के लोगों के लिए आरक्षित हैं तो कुछ क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर केवल अनुसूचित जाति का ही व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। इसी प्रकार केवल अनुसूचित जनजाति के ही व्यक्ति अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। वर्तमान में लोकसभा की 79 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए और 41 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। ये सीटें पूरी आबादी में इन समूहों के हिस्से के अनुपात में हैं। इस प्रकार अनुसूचित . जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षित सीटें किसी अन्य समूह के उचित हिस्से में से कुछ नहीं लेतीं।
कमजोर समूहों के लिए आरक्षण की यह व्यवस्था बाद में जिला और स्थानीय स्तर पर भी लागू की गई। राज्यों में अब ग्रामीण (पंचायतों ) और शहरी (नगरपालिका और नगर निगमों ) स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए भी आरक्षण लागू हो गया है। पर हर राज्य में आरक्षित सीटों का अनुपात अलग-अलग है।
● लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – भारत में निर्वाचन कराने के लिए सर्वोच्च अधिकार किसके पास हैं? स्वतन्त्र और निष्पक्ष निर्वाचन लोकतन्त्र के लिए क्यों आवश्यक है? इसे सुनिश्चित करने के किन्हीं दो उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – भारत में निर्वाचन कराने सम्बन्धी सर्वोच्च अधिकार निर्वाचन आयोग के पास हैं। इस आयोग में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा दो निर्वाचन आयुक्त होते हैं। आयोग के कार्यों में सहायता देने के लिए राष्ट्रपति प्रादेशिक आयुक्तों को नियुक्त करता है। देश में निष्पक्ष निर्वाचन कराना निर्वाचन आयोग का दायित्व है।
स्वतन्त्र और निष्पक्ष निर्वाचन ही लोकतन्त्र को सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अभाव में लोकतन्त्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन देश की वर्तमान परिस्थितियों में स्वतन्त्र और निष्पक्ष निर्वाचन कराना निर्वाचन आयोग के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है।
स्वतन्त्र और निष्पक्ष निर्वाचन कराने के लिए अग्रलिखित उपाय प्रभावकारी हो सकते हैं-
  1. मतदाताओं के लिए परिचय-पत्र रखना अनिवार्य कर जाए ताकि अवैध मतदान पर रोक लग सके।
  2. निर्वाचन को आपराधिक तत्त्वों के प्रभाव से बिल्कुल रखा जाए, जिससे चुनाव प्रक्रिया शान्तिपूर्वक और बिना किसी पक्षपात सम्पन्न हो सके।
  3. निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्येक निर्वाचन में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाती है जो चुनाव से सम्बन्धित सभी प्रकार की जानकारियाँ निर्वाचन आयोग को प्रतिवेदन के रूप में देते हैं।
प्रश्न 2 – चुनाव याचिका (Election Petition) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर – निर्वाचनों में अनेक बार यह देखने में आया है कि उम्मीदवार अपने चुनाव क्षेत्र में होने वाली मतदान की प्रक्रिया सन्तुष्ट नहीं होता है। इस सम्बन्ध में वह विभिन्न आधारों; जैसे― चुनाव क्षेत्र में बूथ कैप्चरिंग होना, मतदाताओं को बाहुबल या रिश्वत के आधार पर मत डालने के लिए विवश किया जाना, मतदाताओं को भयभीत करके मतदान केन्द्रों तक जाने से रोका जाना आदि परिस्थितियों में भी प्रत्याशी न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर सकता है। इस प्रकार की याचिका को ‘चुनाव याचिका’ कहते हैं। यदि यह याचिका स्वीकार कर ली जाती है तो निर्वाचन क्षेत्र में सम्पूर्ण रूप से अथवा कुछ मतदान केन्द्रों पर पुनः मतदान कराया जाता है।
प्रश्न 3 – निष्पक्ष निर्वाचन कराने के लिए संविधान में उल्लिखित किन्हीं दो प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – निष्पक्ष निर्वाचन कराने के लिए संविधान में निम्नलिखित दो प्रावधान किए गए हैं-
  1. स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष निर्वाचन प्रणाली की व्यवस्थासंविधान द्वारा सम्पूर्ण भारतवर्ष में निष्पक्ष निर्वाचन कराने के लिए निर्वाचन आयोग की स्थापना की गई है। निर्वाचन आयोग के सदस्यों को स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष रूप से कार्य करने के लिए इनकी सेवा शर्तों को निश्चित किया गया है तथा उन्हें अपदस्थ करने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया को अपनाना आवश्यक बनाया गया है।
  2. मतदान केन्द्रों पर पर्याप्तं सुरक्षा-व्यवस्था – मतदाता स्वतन्त्र रूप से अपने मत का प्रयोग कर सके इसके लिए मतदान केन्द्रों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाती है। मतदाताओं को पहचान-पत्र लाना अनिवार्य कर दिया है। पुलिस की समुचित व्यवस्था की जाती है। मतदान के “श्चात् मतदाताओं की अंगुलियों पर निशान बनाया जाता है।
प्रश्न 4 – राजनीतिक प्रतिद्वन्द्विता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – चुनाव का मतलब राजनीतिक प्रतियोगिता या प्रतिद्वन्द्विता है। यह प्रतियोगिता कई तरह का रूप ले सकती है। सबसे स्पष्ट रूप है राजनीतिक पार्टियों के बीच प्रतिद्वन्द्विता । निर्वाचन क्षेत्रों में इसका स्वरूप उम्मीदवारों के बीच प्रतिद्वन्द्विता का हो जाता है। अगर प्रतिद्वन्द्विता नहीं रहे तो चुनावों का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
चुनावी प्रतिद्वन्द्विता में कुछ स्पष्ट दोष दिखते हैं। इससे हर बस्ती, हर घर में बँटवारे जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। आपने भी कभी अपने घर के आसपास सुना होगा कि लोग ‘पार्टी पॉलिटिक्स’ के फैलने की शिकायत कर रहे हैं। विभिन्न दलों के लोग और नेता अकसर पृथक् के दिया | एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगाते रहते हैं। पार्टियाँ और उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिए तरह-तरह के हथकण्डे अपनाते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि चुनावी दौड़ जीतने का यह दबाव सही किस्म की दीर्घकालिक राजनीति को पनपने नहीं देता । समाज और देश की सेवा करने की इच्छा रखने वाले कई अच्छे लोग भी इन्हीं कारणों से चुनावी मुकाबले में नहीं उतरते। उन्हें इस मुश्किल और बेढंगी लड़ाई में उतरना अच्छा नहीं लगता।
हमारे संविधान निर्माता इन समस्याओं के प्रति सचेत थे। फिर भी उन्होंने भविष्य के नेताओं के चुनाव के लिए मुक्त चुनावी मुकाबले का ही चयन किया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि दीर्घकालिक रूप से यही व्यवस्था अच्छा काम करती है।
● अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – प्रत्यक्ष निर्वाचन का एक गुण बताइए ।
उत्तर- प्रत्यक्ष निर्वाचन का एक गुण यह है कि इससे जनता को राजनीतिक जागरूकता की प्राप्ति होती है।
प्रश्न 2 – प्रत्यक्ष निर्वाचन का एक दोष लिखिए ।
उत्तर- प्रत्यक्ष निर्वाचन अपव्ययी होता है और अशिक्षित जनता अपने मत का प्रयोग समुचित रूप से नहीं कर सकती है।
प्रश्न 3 – स्त्री मताधिकार के पक्ष में दो तर्क दीजिए।
उत्तर – (i) मताधिकार के सम्बन्ध में लिंग भेद करना अनुचित है।
(ii) स्त्रियों को मताधिकार मिलने से स्त्रियों के बीच जागरूकता का संचार होता है।
प्रश्न 4 – वयस्क मताधिकार के पक्ष में दो तर्क दीजिए ।
उत्तर — (i) इससे लोकमत की वास्तविक अभिव्यक्ति होती है।
(ii) वयस्क मताधिकार राष्ट्रीय एकीकरण का साधन है।
प्रश्न 5 – सीमित मताधिकार का एक गुण बताइए ।
उत्तर — सीमित मताधिकार का एक गुण यह है कि इससे राष्ट्रीय एकीकरण में वृद्धि होती है।
प्रश्न 6 – अप्रत्यक्ष निर्वाचन का एक गुण लिखिए।
उत्तर — अप्रत्यक्षं निर्वाचन का एक गुण यह है कि इसके माध्यम से योग्य व्यक्तियों का निर्वाचन सम्भव है।
प्रश्न 7 – निर्वाचन आयोग में कितने सदस्य हैं?
उत्तर— निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त एवं दो चुनाव आयुक्त होते हैं।
● बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1 – भारत में मताधिकार का आधार है-
(a) आयु
(b) लिंग
(c) शिक्षा
(d) अर्थ (धन)।
उत्तर – (a) आयु
प्रश्न 2 – भारत में वोट डालने की न्यूनतम आयु है-
(a) 20 वर्ष
(b) 21 वर्ष
(c) 18 वर्ष
(d) 24. वर्ष ।
उत्तर – (c) 18 वर्ष
प्रश्न 3 – देश में चुनाव करवाने का उत्तरदायित्व किसका है-
(a) राष्ट्रपति
(b) संसद
(c) चुनाव आयोग
(d) नीति आयोग |
उत्तर – (c) चुनाव आयोग
प्रश्न 4–सन् 2019 तक कितने आम चुनाव हो चुके हैं-
(a) 15
(b) 17
(c) 14
(d) 18.
उत्तर – (b) 17
प्रश्न 5 – मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है-
(a) राष्ट्रपति
(b) प्रधानमन्त्री
(c) न्यायपालिका
(d) उपराष्ट्रपति।
उत्तर – (a) राष्ट्रपति
प्रश्न 6 – चुनाव चिह्नों का आवंटन करता है- 
(a) राष्ट्रपति
(b) प्रधानमन्त्री
(c) निर्वाचन आयोग
(d) उच्चतम न्यायालय ।
उत्तर – (c) निर्वाचन आयोग

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