UK Board 9th Class Social Science – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज
UK Board 9th Class Social Science – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज
UK Board Solutions for Class 9th Social Science – सामाजिक विज्ञान – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न – अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन-सा फैसला खुद कर सकते हैं?
(क) अपनी पसन्द के व्यक्ति को प्रधानमन्त्री चुन सकते हैं।
(ख) लोकसभा में बहुमत वाले प्रधानमन्त्री को उसके पद से हटा सकते हैं।
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।
(घ) मन्त्रिपरिषद् में अपनी पसन्द के व्यक्ति का चयन कर सकते हैं।
उत्तर- (ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।
प्रश्न 2 – निम्नलिखित में कौन राजनीतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है?
(क) जिलाधीश ।
(ख) गृहमन्त्रालय का सचिव ।
(ग) गृहमन्त्री |
(घ) पुलिस महानिदेशक ।
उत्तर – (ग) गृहमन्त्री ।
प्रश्न 3 – न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा बयान गलत है?
(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को उच्चतम न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।
(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ है तो न्यायपालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है। ‘
(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतन्त्र होती है।
(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है।
उत्तर— (क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को उच्चतम न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।
प्रश्न 4 – निम्नलिखित राजनीतिक संस्थाओं में से कौन-सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती है?
(क) सर्वोच्च न्यायालय
(ख) राष्ट्रपति।
(ग) प्रधानमन्त्री ।
(घ) संसद |
उत्तर- (घ) संसद।
प्रश्न 5 – उस मंत्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार जारी किया होगा-
| (क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है। | 1. रक्षा मन्त्रालय |
| (ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ कराई जाएँगी। | 2. स्वास्थ्य मन्त्रालय |
| (ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएँगी। | 3. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मन्त्रालय |
| (घ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। | 4. वाणिज्य और उद्योग मन्त्रालय |
| (ङ) ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्तें बढ़ाए जाएँगे। | 5. संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मन्त्रालय |
उत्तर- (क) 4, (ख) 5, (ग) 3, (घ) 2, (ङ) 1.
प्रश्न 6― देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से उस राजनीतिक संस्था का नाम बताइए जो निम्नलिखित मामलों में अधिकारों का इस्तेमाल करती है-
(क) सड़क, सिंचाई जैसे बुनियादी ढाँचों के विकास और नागरिकों की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा।
(ख) स्टॉक एक्सचेंज को नियमित करने सम्बन्धी कानून बनाने की कमेटी के सुझाव पर विचार-विमर्श करती है।
(ग) दो राज्य सरकारों के बीच कानून विवाद पर निर्णय लेती है।
(घ) भूकम्प पीड़ितों की राह के प्रयासों के बारे में सूचना माँगती है।
उत्तर- (क) विधायिका, (ख) विधायिका, (ग) न्यायपालिका(घ) कार्यपालिका |
प्रश्न 7 – भारत का प्रधानमन्त्री सीधे जनता द्वारा क्यों नहीं चुना जाता ? निम्नलिखित चार जवाबों में से सबसे सही को चुनकर अपनी पसन्द के पक्ष में कारण दीजिए-
(क) संसदीय लोकतन्त्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमन्त्री बन सकता है। .
(ख) लोकसभा, प्रधानमन्त्री और मन्त्रिपरिषद् का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है।
(ग) चूँकि प्रधानमन्त्री को राष्ट्रपति नियुक्त करता है लिहाजा उसे जनता द्वारा चुने जाने की जरूरत ही नहीं है।
(घ) प्रधानमन्त्री के सीधे चुनाव में बहुत ज्यादा खर्च आएगा।
उत्तर— (क) संसदीय लोकतन्त्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमन्त्री बन सकता है।
कारण – वैधानिक रूप से संसद ही देश के नागरिकों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है। अत: संसद में सर्वाधिक सदस्यों वाले दल के नेता को ही प्रधानमन्त्री बनाना प्रजातान्त्रिक मूल्यों के अनुरूप होगा ।
प्रश्न 8 – तीन दोस्त एक ऐसी फिल्म देखने गए जिसमें हीरों एक दिन के लिए मुख्यमन्त्री बनता है और राज्य में बहुत-से बदलाव लाता है। इमरान ने कहा कि देश को इसी चीज की जरूरत है। रिजवान ने कहा कि इस तरह का, बिना संस्थाओं वाला एक व्यक्ति का राज खतरनाक है। शंकर ने कहा कि यह तो एक कल्पना है। कोई भी मन्त्री एक दिन में कुछ भी नहीं कर सकता। ऐसी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर— इस प्रकार की फिल्म का वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं है। एक व्यक्ति का शासन सदैव खतरनाक होता है। शासन सिद्धान्तों एवं नियमों के अनुसार ही चलाया जा सकता है। कोई भी मन्त्री एक दिन में कुछ भी नहीं कर सकता उसे अन्य लोगों को साथ लेकर चलना पड़ता है।
प्रश्न 9 – एक शिक्षिका छात्रों की संसद के आयोजन की तैयारी कर रही थी। उसने दो छात्राओं से अलग-अलग पार्टियों के नेताओं की भूमिका करने को कहा। उसने उन्हें विकल्प भी दिया। यदि वे चाहें तो राज्यसभा में बहुमत प्राप्त दल की नेता हो सकती थी और अगर चाहें तो लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की। अगर आपको यह विकल्प दिया गया तो आप क्या चुनेंगे और क्यों ?
उत्तर— मैं लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की नेता होना पसन्द करूँगी/करूँगा। क्योंकि लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता ही देश का प्रधानमन्त्री होता है। शासन की वास्तविक शक्तियाँ प्रधानमन्त्री के पास है न कि राज्यसभा के बहुमत नेता के पास।
प्रश्न 10 – आरक्षण पर आदेश का उदाहरण पढ़कर तीन विद्यार्थियों की न्यायपालिका की भूमिका पर अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। इनमें से कौन-सी प्रतिक्रिया, न्यायपालिका की भूमिका को सही तरह से समझती है?
(क) श्रीनिवास का तर्क है कि चूँकि सर्वोच्च न्यायालय सरकार के साथ सहमत हो गया है लिहाजा वह स्वतन्त्र नहीं है।
(ख) अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतन्त्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ फैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन करने का निर्देश दिया।
(ग) विजया का मानना है कि न्यायपालिका न तो स्वतन्त्र है न ही किसी के अनुसार चलने वाली है बल्कि वह विरोधी समूहों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है। न्यायालय ने इस आदेश के समर्थकों और विरोधियों बीच बढ़िया सन्तुलन बनाया ।
आपकी राय में कौन-सा विचार सबसे सही है ?
उत्तर- (ख) अंजैया की प्रतिक्रिया सही है। न्यायपालिका स्वतन्त्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के विरुद्ध फैसला सुना सकती है। सर्वोच्च न्यायालय सरकार को कानून में संशोधन करने का निर्देश भी दे सकता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – राष्ट्रपति के कार्य लिखिए।
अथवा राष्ट्रपति के अधिकार लिखिए ।
उत्तर – राष्ट्रपति भारत के प्रमुख न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय और राज्य के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, राज्यपालों, चुनाव आयुक्तों और दूसरे देशों में राजदूतों आदि को नियुक्त करता है। सभी अन्तर्राष्ट्रीय सन्धियाँ और समझौते उसी के नाम से होते हैं। भारत की तीनों सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक राष्ट्रपति ही होता है ।
राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग मन्त्रिपरिषद् की सलाह पर ही करता है। राष्ट्रपति मन्त्रिपरिषद् को अपनी सलाह पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकता है। लेकिन अगर वही सलाह दोबारा मिलती है तो वह उसे मानने के लिए बाध्य होता है। इसी प्रकार संसद द्वारा पारित कोई विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून बनता है। अगर राष्ट्रपति चाहे तो उसे कुछ समय के लिए रोक सकता है। वह विधेयक पर पुनर्विचार के लिए उसे संसद में वापस भेज सकता है। लेकिन अगर संसद दोबारा विधेयक पारित करती है तो उसे उस पर हस्ताक्षर करने ही पड़ेंगे।
एक महत्त्वपूर्ण कार्य ऐसा है जी राष्ट्रपति को स्वविवेक से करना होता है वह है, प्रधानमन्त्री की नियुक्ति। जब कोई पार्टी या गठबन्धन चुनाव में बहुमत प्राप्त कर लेता है तो राष्ट्रपति के पास कोई विकल्प नहीं होता। उसे लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी या गठबन्धन के ने को प्रधानमन्त्री नियुक्त करना होता है। जब किसी पार्टी या गठबन्धन को लोकसभा में बहुमत प्राप्त नहीं होता तो राष्ट्रपति स्वविवेक से काम लेता है। वह ऐसे नेता को नियुक्त करता है जो उसकी राय में लोकसभा में बहुमत जुटा सकता है। ऐसे मामले में राष्ट्रपति नवनियुक्त प्रधानमन्त्री से एक तय समय के भीतर लोकसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहता है।
प्रश्न 2 – सर्वोच्च न्यायालय के महत्त्व पर टिप्पणी लिखिए। अथवा उच्चतम न्यायालय को संविधान का संरक्षक क्यों कहा जाता है ?
उत्तर- सर्वोच्च न्यायालय का महत्त्व
किसी देश के अच्छे संविधान का मापदण्ड उसकी न्यायपालिका ही होती है। प्रो० गार्नर के अनुसार, “न्याय विभाग के अभाव में एक सभ्य राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती।” वस्तुतः जिस देश न्यायपालिका सशक्त नहीं होगी, उस देश का शासनतन्त्र सुदृढ़ नहीं होगा । संघीय प्रशासनिक व्यवस्था में एक सुदृढ़, निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र न्यायपालिका की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए, क्योंकि संघात्मक व्यवस्था में अनेक ऐसे अवसर आते हैं, जबकि राज्यों और संघ के मध्य विवाद उत्पन्न होता है। अतः ऐसी स्थिति में एक स्वतन्त्र एवं शक्तिशाली न्यायपालिका ही दोनों के मध्य उत्पन्न विवादों का समाधान करके संविधान की सुरक्षा करती है। न्यायपालिका के इसी महत्त्व को – ध्यान में रखते हुए भारतीय संविधान में पूर्ण शक्तिसम्पन्न उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था की गई है।
एक स्वतन्त्र, निष्पक्ष एवं सर्वोच्च न्यायपालिका सरकार की स्वेच्छाचारिता को रोकती है, संविधान और नागरिकों के मूल अधिकारों की सुरक्षा करती है। उच्चतम न्यायालय संविधान का संरक्षक है। उच्चतम न्यायालय को संविधान के अनुच्छेदों की व्याख्या करने का अधिकार है। न्यायालय ऐसे किसी भी कानून अथवा आदेश को अवैधानिक घोषित कर सकता है जो संविधान के अनुच्छेदों के विरुद्ध है अथवा उनका अतिक्रमण करता है। सर्वोच्च न्यायालय की आवश्यकता के विषय में प्रकाश डालते हुए डॉ० एम० वी० पायली ने अपना मत व्यक्त किया है, “सर्वोच्च न्यायालय संघीय व्यवस्था का एक आवश्यक अंग है। यह संविधान की व्याख्या करने वाला उच्चतम अधिकारी है, साथ ही यह संघ तथा इकाइयों के मध्य उत्पन्न होने वाले विवादों का निर्णय करने वाला अन्तिम अभिकरण है। भारत की संघीय प्रणाली में सर्वोच्च न्यायालय का यह सबसे बड़ा तथा महत्त्वपूर्ण कार्य है। अपनी विविध और व्यापक शक्तियों के कारण सर्वोच्च न्यायालय देश के न्याय क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ संस्था है तथा देश के संविधान का संरक्षक है।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – राजनीतिक संस्थाओं की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर— किसी देश को चलाने में राजनीतिक संस्थाओं की कई गतिविधियाँ शामिल होती हैं। उदाहरण के रूप में, सरकार पर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सबको शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होती है। वह कर इकट्ठा करती है और इसे सेना, पुलिस तथा विकास कार्यक्रमों पर व्यय करती है। वह विभिन्न कल्याणकारी योजनाएँ बनाकर उन्हें लागू करती है। कुछ व्यक्तियों को इन गतिविधियों को चलाने के लिए फैसला करना होता है। कुछ लोगों को इन्हें लागू कराना होता है। अगर इन निर्णयों या फिर लागू करने में कोई विवाद उठता है तो यह तय करने वाला भी कोई होना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत है। सबके लिए यह जानना भी आवश्यक है कि कौन किस काम को करने के लिए जिम्मेदार है। यह भी आवश्यक है कि भले ही प्रमुख पदों पर बैठे लोग बदल जाएँ लेकिन ये गतिविधियाँ जारी रहें।
इस दृष्टि से सभी आधुनिक लोकतान्त्रिक देशों में इन कामों को देखने के लिए विभिन्न व्यवस्थाएँ की गई हैं। इस तरह की व्यवस्थाओं को संस्थाएँ कहते हैं। कोई भी लोकतन्त्र तभी ठीक प्रकार से काम करता है जब ये संस्थाएँ अपने काम को अच्छी प्रकार करती हैं।
प्रश्न 2– भारत के प्रधानमन्त्री की नियुक्ति किस प्रकार की जाती है?
उत्तर — प्रधानमन्त्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमन्त्री नियुक्त करता है। राष्ट्रपति राज्यसभा के सदस्य को भी प्रधानमन्त्री नियुक्त कर सकता है। यदि राष्ट्रपति चाहे तो ऐसे किसी व्यक्ति को प्रधानमन्त्री नियुक्त कर सकता है, जो उस समय किसी भी सदन का सदस्य न हो। यदि लोकसभा में किसी भी दल को बहुमत प्राप्त नहीं होता तो राष्ट्रपति स्वविवेक से ऐसे किसी भी व्यक्ति को प्रधानमन्त्री नियुक्त कर सकता है, जिसके विषय में वह आश्वस्त हो जाए कि वह सरकार का. गठन कर सकता है तथा सदन में अपना बहुमत सिद्ध कर सकता है।
प्रश्न 3 – प्रधानमन्त्री तथा राष्ट्रपति के पारस्परिक सम्बन्धों की विवेचना कीजिए ।
उत्तर – सैद्धान्तिक दृष्टि से राष्ट्रपति प्रधानमन्त्री की नियुक्ति करता है और मन्त्रिमण्डल राष्ट्रपति को सहायता एवं परामर्श देने वाली समिति है। राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत दल के नेता को प्रधानमन्त्री नियुक्त करता है । वह स्वविवेकानुसार आचरण उसी समय कर सकता है, जब किसी दल का स्पष्ट बहुमत न हो। परन्तु व्यावहारिक स्थिति यह है कि राष्ट्रपति को प्रधानमन्त्री और मन्त्रिमण्डल का परामर्श मानना होता है, क्योंकि भारत में संसदात्मक शासन व्यवस्था है तथा मन्त्रिमण्डल संसद (लोकसभा) के प्रति उत्तरदायी है। 42वें एवं 44वें संवैधानिक संशोधनों द्वारा अब राष्ट्रपति को प्रधानमन्त्री एवं मन्त्रिमण्डल का परामर्श मानने के लिए बाध्य है। प्रधानमन्त्री राष्ट्रपति और मन्त्रिमण्डल के मध्य एक कड़ी के रूप में कार्य करता है।
प्रश्न 4 – हमें संसद की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर – हमें संसद की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है –
- किसी भी देश में कानून बनाने का सबसे बड़ा अधिकार संसद को होता है। सम्पूर्ण विश्व की संसदें नए कानून बना सकती हैं, वर्तमान कानूनों में संशोधन कर सकती हैं और उन्हें समाप्त कर सकती हैं।
- सम्पूर्ण विश्व में संसद सरकार चलाने वालों को नियन्त्रित करने के लिए कुछ अधिकारों का प्रयोग करती है। हमारे देश में संसद को सीधा और पूर्ण नियन्त्रण प्राप्त है।
- सरकार के पास जो धन होता है उस पर संसद का नियन्त्रण होता है। अधिकांश देशों में संसद की स्वीकृति के बाद ही सार्वजनिक धन को व्यय किया जा सकता है।
- सार्वजनिक मामलों और किसी देश की राष्ट्रीय नीति पर चर्चा और बहस के लिए संसद ही सर्वोच्च संघ है। संसद किसी भी मामले में सूचना माँग सकती है।
प्रश्न 5 – लोकसभा तथा राज्यसभा के सदस्यों के निर्वाचन में क्या अन्तर है ?
उत्तर- संसद के दो सदन हैं। राज्यसभा उच्च सदन है, जो राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है तथा लोकसभा निम्न सदन है, जो सामान्य जनता का प्रतिनिधित्व करता है। लोकसभा तथा राज्यसभा के सदस्यों के निर्वाचन में निम्नलिखित अन्तर हैं-
- राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष विधि से होता है, जबकि लोकसभा के सदस्यों का निर्वाचन प्रत्यक्ष विधि से होता है।
- राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन राज्यों, संघशासित प्रदेशों ( क्षेत्रों) की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य करते हैं, जबकि लोकसभा के सदस्य सामान्य मतदाताओं द्वारा चुने जाते हैं।
- लोकसभा का निर्वाचन, निर्वाचन की बहुमत प्रणाली के आधार पर होता है, जबकि राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली की एकल संक्रमणीय मत-पद्धति के आधार पर होता है।
- लोकसभा के सदस्य निर्वाचित होने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष है, जबकि राज्यसभा के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष है।
प्रश्न 6 – लोकसभा राज्यसभा से शक्तिशाली क्यों है?
उत्तर – लोकसभा निम्नलिखित कारणों से राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली है—
- लोकसभा में वित्त विधेयक पहले प्रस्तुत किए जा सकते हैं, जबकि राज्यसभा में ऐसा नहीं होता है।
- साधारण विधेयकों के सम्बन्ध में दोनों सदनों की शक्ति समान है, परन्तु दोनों सदनों में मतभेद होने पर उनके संयुक्त अधिवेशन में निर्णय लिया जाता है। लोकसभा की सदस्य संख्या राज्यसभा की सदस्य संख्या से अधिक होने के कारण अन्तिम निर्णय लोकसभा के पक्ष में ही होता है।
- लोकसभा केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद् के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित कर उसे अपदस्थ कर सकती है, जबकि राज्यसभा को यह अधिकार प्राप्त नहीं है।
प्रश्न 7— उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को उसके पद से कैसे हटाया जा सकता है?
उत्तर— उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को 65 वर्ष की आयु से पूर्व भ्रष्टाचार अथवा अयोग्यता के आधार पर उसके पद से हटाया जा सकता है। इसके लिए संसद के दोनों सदन पृथक्-पृथक्, अपने कुल सदस्यों के बहुमत से तथा उपस्थित व मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत के आधार पर राष्ट्रपति से न्यायाधीश को पदमुक्त करने का निवेदन करते हैं। न्यायाधीश को हटाने का प्रस्ताव दोनों सदनों द्वारा एक ही सत्र में पारित होना अनिवार्य है। प्रस्ताव पर बहस के समय ऐसे न्यायाधीश को अपने पक्ष में तर्क देने का पूरा अधिकार है।
प्रश्न 8 – सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य कार्य क्या हैं?
उत्तर – सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-
- केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों के मध्य होने वाले विवादों की सुनवाई करना।
- उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई करना।
- राष्ट्रपति को न्यायिक प्रश्नों पर परामर्श देना ।
- नागरिकों के मूल अधिकारों की सुरक्षा करना ।
- संविधान की व्याख्या तथा सुरक्षा करना।
- अभिलेख न्यायालय के रूप में कार्य करना ।
- संघात्मक व्यवस्था को बनाए रखना ।
- परिवर्तित सामाजिक तथा आर्थिक परिस्थितियों में संविधान की न्यायसंगत तथा तर्कसंगत व्याख्या प्रस्तुत करना ।
• अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – भारतीय संसद के सदनों के नाम लिखिए।
उत्तर- भारतीय संसद में दो सदन हैं— (i) उच्च सदन-राज्यसभा, तथा (ii) निम्न सदन-लोकसभा ।
प्रश्न 2 – संसद के अधिवेशन को कौन आहूत करता है?
उत्तर— संसद के अधिवेशन को राष्ट्रपति आहूत करता है।
प्रश्न 3 – लोकसभा किन विधियों से मन्त्रिपरिषद् पर नियन्त्रण रखती है? एक प्रभावकारी विधि बताइए ।
उत्तर – लोकसभा मन्त्रिपरिषद् के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव प्रस्तुत करके उस पर नियन्त्रण रखती है।
प्रश्न 4 – भारतीय संसद के दोनों सदनों में से कौन अधिक शक्तिशाली है ?
उत्तर— भारतीय संसद के दोनों सदनों में लोकसभा अधिक शक्तिशाली है, क्योंकि उसे विधायी तथा कार्यपालिका क्षेत्र में राज्यसभा से अधिक शक्तियाँ प्राप्त हैं।
प्रश्न 5 – भारतीय संविधान में संशोधन का प्रस्ताव संसद के किस सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है?
उत्तर – भारतीय संविधान में संशोधन का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है।
प्रश्न 6 – संसद के दो कार्य लिखिए।
उत्तर – संसद के दो कार्य निम्नलिखित हैं-
(i) कानूनों का निर्माण करना, (ii) संघ सरकार का बजट पारित करना।
प्रश्न 7 – लोकसभा का कार्यकाल कितना है?
उत्तर — सामान्यतया लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष है। संकटकाल में इस अवधि को संसद एक वर्ष के लिए बढ़ा भी सकती है तथा प्रधानमन्त्री के परामर्श पर राष्ट्रपति इसे निर्धारित अवधि से पूर्व भंग भी कर सकता है।
प्रश्न 8 – क्या राष्ट्रपति को उसके पद से हटाया जा सकता है?
उत्तर – राष्ट्रपति को महाभियोग प्रस्ताव पारित करके उसके पद से हटाया जा सकता है।
प्रश्न 9 – भारत का प्रथम नागरिक कौन है?
उत्तर – भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति है।
प्रश्न 10- किसी एक परिस्थिति का उल्लेख कीजिए, जिसके अन्तर्गत राष्ट्रपति संकटकाल की घोषणा कर सकता है।
उत्तर – यदि देश पर बाह्य आक्रमण होने का भय हो या आन्तरिक सशस्त्र विद्रोह हो जाए तो उस परिस्थिति में राष्ट्रपति | संकटकाल की घोषणा कर सकता है।
प्रश्न 11 – मन्त्रिमण्डल तथा मन्त्रिपरिषद् में क्या अन्तर है? एक अन्तर लिखिए।
उत्तर— मन्त्रिमण्डल या कैबिनेट मन्त्रिपरिषद् की आन्तरिक समिति होती है। जबकि मंत्रिपरिषद् का आकार विशाल होता है और इसमें तीन स्तरीय मन्त्री होते हैं।
प्रश्न 12 – प्रधानमन्त्री की नियुक्ति कौन करता है? एक वाक्य में उत्तर दीजिए ।
उत्तर – भारत का राष्ट्रपति प्रधानमन्त्री की नियुक्ति करता है।
प्रश्न 13 – प्रधानमन्त्री की किन्हीं दो शक्तियों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर – प्रधानमन्त्री के दो प्रमुख कार्य ( शक्तियाँ) हैं— (i). देश की गृह तथा विदेश नीति का संचालन करना । (ii) मन्त्रियों के मध्य प्रशासनिक विभागों का वितरण करना।
प्रश्न 14 – प्रधानमन्त्री का उसकी मन्त्रिपरिषद् में क्या स्थान है?
उत्तर— प्रधानमन्त्री अपने मन्त्रिपरिषद् का नेतृत्व करता है। मन्त्रिपरिषद् में उसका स्थान सर्वोच्च होता है।
प्रश्न 15 – भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है?
उत्तर- भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
• बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1 – औपचारिक रूप से देश का सबसे बड़ा अधिकारी है-
(a) प्रधानमन्त्री
(b) राष्ट्रपति
(c) मुख्य न्यायाधीश
(d) उपराष्ट्रपति ।
उत्तर – (b) राष्ट्रपति
प्रश्न 2 – सरकार का प्रमुख होता है-
(a) प्रधानमन्त्री
(b) राष्ट्रपति
(c) गृहमन्त्री
(d) सूचना प्रसारण मन्त्री ।
उत्तर – (a) प्रधानमन्त्री
प्रश्न 3 – भारतीय संसद में कितने सदन हैं-
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) एक।
उत्तर – (a) दो
प्रश्न 4 – लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए न्यूनतम आयु होनी चाहिए-
(a) 21 वर्ष
(b) 25 वर्ष
(c) 28 वर्ष
(d) 30 वर्ष ।
उत्तर – (b) 25 वर्ष
प्रश्न 5 – किसके परामर्श पर राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है-
(a) मुख्यमन्त्री
(b) राज्यपाल
(c) प्रधानमन्त्री
(d) लोकसभा अध्यक्ष ।
उत्तर – (c) प्रधानमन्त्री
प्रश्न 6- भारत में राष्ट्रपति का निर्वाचन कौन करता है-
(a) संसद सदस्य
(b) विधानसभा के सदस्य
(c) संसद एवं विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
(d) प्रत्यक्ष रूप से जनता ।
उत्तर – (c) संसद एवं विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
