Social-science 10

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 9

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 9 संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व-शान्ति (अनुभाग – दो)

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विरतृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख उद्देश्यों एवं सिद्धान्तों का विवेचन कीजिए। [2010]
या
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई थी ? इसकी स्थापना के क्या कारण थे ? [2011]
या
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना क्यों की गयीं ? इसकी विशिष्ट संस्थाओं का वर्णन कीजिए। [2013]
या

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी ? इसकी स्थापना के क्या उद्देश्य थे ? [2014, 16, 18]
या

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के क्या-उद्देश्य थे ? [2010]
या

संयुक्त राष्ट्र संघ के किन्हीं तीन सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए। [2016]
या

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई?,इसकी स्थापना के क्या उद्देश्य थे? उनमें से किन्हीं दों को लिखिए। [2016]
या

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना क्यों की गई इसके प्रमुख सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए। [2016]
उत्तर :
द्वितीय विश्वयुद्ध के भयंकर विनाशकारी – परिणामों को देखकर विश्व के राजनीतिज्ञों ने मानव-जाति को समूल विनाश से बचाने के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना को अनिवार्य समझा। इसी उद्देश्य से 24 अक्टूबर, 1945 ई० में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गयी। इसीलिए इस तिथि को संयुक्त राष्ट्र संघ का आधिकारिक जन्मदिन भी माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणा-पत्र को अन्तिम रूप देने के लिए संयुक्त राष्ट्रों (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस) का एक सम्मेलन सैनफ्रांसिस्को में 15 अप्रैल से 26 जून, 1945 ई० तक सम्पन्न हुआ। 26जून, 1945 ई० को 50 देशों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कर दिये। पोलैण्ड को प्रतिनिधि किसी कारण से उपस्थित न हो सका। . अत: पोलैण्ड ने बाद में हस्ताक्षर किये। इस प्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रारम्भिक सदस्य 51 देश थे। 1 मार्च, 2007 ई० तक संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्यों की संख्या 193 तक पहुँच गयी है। 10 फरवरी, 1946 ई० को लन्दन के वेस्टमिन्स्टर हाल में इसका पहला अधिवेशन 15 फरवरी, 1946 ई० तक चला। बाद में इसका स्थायी सचिवालय न्यूयॉर्क में स्थापित किया गया।

उददेश्य

संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणा-पत्र (चार्टर) के अनुच्छेद-1 में संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्यों को स्पष्ट किया गया है, जिनका विवरण निम्नलिखित है

    • अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा की स्थापना करना।
    • युद्धों की रोकथाम करना।
    • आक्रमणकारी राष्ट्र के विरुद्ध सामूहिक रूप से सैनिक कार्यवाही करना।
    • अन्तर्राष्ट्रीय विवादों तथा समस्याओं को शान्तिपूर्ण तरीकों से हल करना।
    • अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने वाले राष्ट्रों के विरुद्ध कार्यवाही करना।
    • आत्मनिर्णय के आधार पर राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों को प्रोत्साहन देना।
    • मानव अधिकारों तथा मानव की मौलिक स्वतन्त्रताओं की रक्षा के उपाय करना।
  • विभिन्न राष्ट्रों को सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में संसाधन तथा सेवाएँ उपलब्ध कराना।

सिद्धान्त

संयुक्त राष्ट्र संघ के कुछ आधारभूत सिद्धान्त हैं। संघ के सदस्य राष्ट्रों को इन सिद्धान्तों का पालन करना पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणा-पत्र के अनुच्छेद-2 में इनका वर्णन किया गया है। ये सिद्धान्त निम्नलिखित हैं

  • विश्व के सभी राष्ट्र सम्प्रभुतासम्पन्न और समान हैं।
  • सभी सदस्य राष्ट्र चार्टर के अनुसार अपने कर्तव्यों तथा उत्तरदायित्वों का सद्भावनापूर्वक पालन | करेंगे।
  • सभी सदस्य देश अपने विवादों का निपटारा शान्तिपूर्ण तरीकों से करेंगे।
  • सदस्य राष्ट्र किसी अन्य राष्ट्र को आक्रमण की धमकी नहीं देंगे और न ही उसके प्रति शक्ति का प्रयोग करेंगे।
  • सदस्य राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रत्येक कार्यवाही में अपना पूरा सहयोग देंगे तथा अशान्ति उत्पन्न | करने वाले देश को कोई सहायता नहीं देंगे।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व-शान्ति और सुरक्षा के अतिरिक्त किसी राष्ट्र के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा।

संयुक्त राष्ट्र संघ की विशिष्ट संस्थाएँ– इसके लिए विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 2 का उत्तर देखें।

प्रश्न 2.
संयुक्त राष्ट्र संघ के विशिष्ट अभिकरणों (संस्थाओं) एवं उनके कार्यों का वर्णन कीजिए। [2014, 17]
या

यूनेस्को से आप क्या समझते हैं ? इसके कार्य क्या हैं ? [2017]
या

विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन पर टिप्पणी लिखिए। अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन से आप क्या समझते है ? इसके कार्य क्या हैं ? [2017]
या

यूनेस्को के दो कार्य लिखिए। [2012]
या
यूनेस्को क्या है? इसके किन्हीं दो कार्यों का उल्लेख कीजिए। [2017]
उत्तर :
संयुक्त राष्ट्र संघ ने आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक कार्यों के सम्पादन के लिए अनेक विशिष्ट अभिकरणों (संस्थाओं) का निर्माण किया है। इनका विवरण निम्नलिखित है–

1. अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन
 (International Labour Organization: ILO)—इसकी स्थापना सर्वप्रथम प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सन् 1949 ई० में हुई थी। राष्ट्र संघ के पतन के बाद इसे संयुक्त राष्ट्र संघ का अंग बना लिया गया। इसका मुख्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैण्ड) में स्थित है। इसके सदस्यों की कुल संख्या 150 से भी अधिक है। प्रत्येक राष्ट्र के 4 सदस्य इसकी बैठक में भाग लेते हैं। इसका प्रशासनिक विभाग श्रमिक संघ के कार्यों पर नियन्त्रण रखता है। कार्य–

  • विश्व भर के श्रमिकों के हित के लिए कल्याणकारी योजनाएँ बनाना,
  • श्रमिकों के शिक्षण और प्रशिक्षण का प्रबन्ध करना,
  • श्रमिकों के समुचित वेतन, आवास, स्वास्थ्य तथा जीवन-स्तर सुधारने के उपाय करना,
  • बाल-श्रम की रोकथाम करना,
  • औद्योगिक विवादों को निर्णय करना तथा श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करना।

2. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization : WHO)–विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल, 1948 ई० को ‘जेनेवा’ (स्विट्ज़रलैण्ड) में की गयी थी। इस संस्था के तीन अंग हैं—साधारण सभा, प्रशासनिक बोर्ड तथा सचिवालय। प्रशासनिक बोर्ड के सदस्यों की संख्या 18 है। अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया तथा अन्य देशों में विश्व स्वास्थ्य संगठन की शाखाएँ स्थापित की गयी हैं। कार्य–

  • सम्पूर्ण विश्व में मानव स्वास्थ्य के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का निर्माण करना,
  • संक्रामक तथा घातक बीमारियों की रोकथाम करना,
  • स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसन्धानकरना तथा दैवी आपदा से होने वाली हानि को रोकना,
  • अल्प-विकसित देशों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध कराना,
  • स्वास्थ्य सम्बन्धी साहित्य का प्रकाशन व वितरण करना तथा
  • मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी देशों का ध्यान आकर्षित करना।

3. संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization : UNESCO)–संयुक्त राष्ट्र संघ के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन की स्थापना के उद्देश्य से 1 नवम्बर से 6 नवम्बर, 1946 ई० तक ब्रिटिश सरकार ने फ्रांस की सरकार के सहयोग से लन्दन में एक सम्मेलन बुलाया। इसी सम्मेलन में 4 नवम्बर, 1946 ई० को इस संस्था की स्थापना हुई। इस समय इस संस्था के सदस्यों की संख्या 100 से अधिक है। इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है। इस संस्था का वर्ष में एक सामान्य सम्मेलन होता है, जिसमें सभी सदस्य देशों के एक-एक प्रतिनिधि भाग लेते हैं। कार्य-यह संघ की सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण संस्था है। इसके कार्य निम्नलिखित हैं

  • विश्व में शिक्षा और संस्कृति का प्रसार करना,
  • शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में नवीन अनुसन्धान करना तथा अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना का विकास करना,
  • अविकसित तथा विकासशील देशों में शैक्षिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाना,
  • विस्थापितों के पुनर्वास की व्यवस्था करना,
  • विश्व के देशों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान की व्यवस्था करना,
  • विशेष समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न देशों में अपने विशेषज्ञ भेजना तथा
  • विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों के बीच सम्पर्क और सम्बन्धों की स्थापना करना।

4. खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization : FAO)—इस संस्था की । स्थापना 16 अक्टूबर, 1945 ई० में हुई थी। वर्तमान में 180 से अधिक देश इस संस्था के सदस्य हैं। इसका मुख्यालय इटली की राजधानी रोम में स्थित है। कार्य-

  • अल्पविकसित देशों में कृषि उत्पादन की वृद्धि की योजनाएँ तैयार करना और उन्हें लागू करवाना,
  • कृषि सम्बन्धी सूचनाओं का प्रसार करना,
  • कृषि की नयी तकनीकों की खोज करना,
  • उन्नतशील बीजों की नयी-नयी किस्मों की खोज करना,
  • पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा तथा बीमारियों की रोकथाम के उपाय करना तथा
  • कृषि सम्बन्धी वैज्ञानिक अनुसन्धानों का प्रकाशन करना।

5. अन्तर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (United Nations International Children’s Emergency Fund : UNICEF)-इस संस्था की स्थापना 4 नवम्बर, 1946 ई० को न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में हुई थी। प्रारम्भ में इसमें केवल 20 सदस्य थे, लेकिन वर्तमान में इसकी सदस्य संख्या 188 तक पहुँच गयी है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य विश्व भर के बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल करना है। सन् 1953 ई० से इस संस्था को स्थायी कर दिया गया है। कार्य–

  • संसार के सभी देशों के बच्चों की अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आर्थिक सहायता देना,
  • मातृ एवं शिशु-कल्याण स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रशिक्षण व सामग्री की व्यवस्था करना,
  • दैवी आपदाओं के समय माताओं तथा शिशुओं के लिए विशेष प्रबन्ध करना,
  • विभिन्न देशों के चिकित्सालयों तथा स्कूलों में शिशु-कल्याण व प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना करना,
  • शिशुओं की घातक बीमारियों की रोकथाम के लिए योजनाएँ बनाना तथा उन्हें लागू करना इन संस्थाओं के अतिरिक्त अन्तर्राष्ट्रीय दूर संचार संघ, अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक आदि अनेक संस्थाएँ संयुक्त राष्ट्र संघ की अधीनता में विश्व के देशों के लिए कल्याणकारी कार्यों का सम्पादन कर रही हैं।

6. विश्व बैंक (World Bank)–विश्व बैंक पाँच वित्तीय संस्थाओं का एक समूह है। ये हैं—वित्त निगम (1956), अन्तर्राष्ट्रीय विकास संघ (1960), बहुपक्षीय निवेश प्रत्याभूति अभिकरण (1988), निवेश सम्बन्धी विवादों के निपटारे के लिए अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र (1966) आदि। ये सभी संस्थाएँ सदस्य-राज्यों को उनकी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण तथा विकास में और देशों के मध्य विषमताओं को घटाने में सहायता करती हैं। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी०सी० (अमेरिका) में है। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Mometary Fund : IMF)-इसकी स्थापना 27 दिसम्बर, 1945 को की गयी थी। इसका मुख्य उद्देश्य भुगतान असन्तुलन की समस्या से ग्रस्त सदस्य राज्यों को अस्थायी ऋण प्रदान करना, विनिमय दर में सन्तुलन स्थापित करना तथा सदस्य-राष्ट्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस कोष की व्यवस्था एक प्रशासक-मण्डल करता है। इस कोष में सर्वाधिक कोष देने वाले देश में ही इसका कार्यालय होता है। वर्तमान में, अमेरिका का योगदान सर्वाधिक होने के कारण, इसका कार्यालय वाशिंगटन (अमेरिका) में है।

8. अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी (International Atomic Energy Agency : IAEA)इस संस्था की स्थापना 29 जुलाई, 1956 ई० को हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व की शान्ति व्यवस्था और सम्पन्नता में अणुशान्ति के योगदान को बढ़ावा देना तथा यह देखना कि उसके द्वारा दी जाने वाली सहायता का अनैतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग तो नहीं किया जाता है। इसका मुख्यालय
वियना (ऑस्ट्रिया) में है।

प्रश्न 3.
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंगों तथा उनके कार्यों का वर्णन कीजिए।
या
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंगों का उल्लेख कीजिए। [2010, 14, 16, 17]
या

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा किए जाने वाले किन्हीं दो कार्यों का वर्णन कीजिए। [2011]
या

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विश्व शान्ति की स्थापना के लिए किस अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना की गयी ?
या
इसके किन्हीं दो अंगों के नाम लिखिए। [2013]
या

संयुक्त राष्ट्र संघ का कौन-सा अंग युद्ध रोकने में सक्रिय भूमिका निभाता है?
या
वह कैसे गठित होता है? उसके सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है? [2014]
या

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सम्बन्ध में एक टिप्पणी लिखिए। [2010]
या

संयुक्त राष्ट्र संघ के तीन प्रमुख अंगों के नाम लिखिए। [2015, 16, 18]
या

विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या है? इसका मुख्यालय कहाँ स्थित है? [2016]
या

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् का गठन कैसे होता है?
या
उसके स्थायी सदस्य देशों के नाम लिखिए। उन्हें कौन-सा अधिकार मिला है? [2016, 18]
या

संयुक्त राष्ट्र के निम्नलिखित अंगों के गठन और कार्यों को संक्षेप में लिखिए- [2017]
(क) महासभा, (ख) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय, (ग) आर्थिक व सामाजिक परिषद्
उत्तर :
संयुक्त राष्ट्र संघ मानवीय बुद्धि द्वारा परिकल्पित श्रेष्ठतम अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है। द्वितीय विश्वयुद्ध के भयंकर और विनाशकारी परिणामों को देखकर विश्व के राजनीतिज्ञों ने मानव-जाति को समूल विनाश से बचाने के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना को अनिवार्य समझा। इसी उद्देश्य से 24 अक्टूबर, 1945 ई० को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गयी।

संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग

संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर; जिसमें 19 अध्याय और 111 अनुच्छेद हैं; के अध्याय 3 के सातवें अनुच्छेद में इस संस्था के निम्नलिखित अंगों का उल्लेख है–

  • साधारण सभा या महासभा (General Assembly),
  • सुरक्षा परिषद् (Security Council),
  • न्यास परिषद् (Trusteeship Council),
  • सचिवालय (Secretariat),
  • आर्थिक और सामाजिक परिषद् (Economic and Social Council),
  • अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालये (International , Court of Justice)

इन अंगों को संगठन तथा कार्य इस प्रकार हैं
1. महासभा– संघ के सभी सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधि इस महासभा में बैठते हैं। प्रत्येक सदस्य- राष्ट्र महासभा के लिए पाँच प्रतिनिधि तक भेज सकता है, परन्तु उनका ‘मत’ (Vote) एक ही माना जाता है। वर्ष में कम-से-कम एक बार महासभा का अधिवेशन सितम्बर माह में अवश्य होता है। सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर इसका असाधारण अधिवेशन कभी भी बुलाया जा सकता है। इस महासभा में एक निर्वाचित अध्यक्ष एवं सात उपाध्यक्ष होते हैं। साधारण सभा या महासभा के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं

  • नये सदस्यों की भर्ती करना।
  • संघ का बजट पास करना।
  • सुरक्षा परिषद् के 10 अस्थायी सदस्यों, आर्थिक और सामाजिक परिषद् के 54 सदस्यों, न्यास परिषद् के 6 सदस्यों तथा अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों का निर्वाचन करना।
  • वर्ण, जाति, रंग, भाषा अथवा धर्म का भेदभाव किये बिना मानवीय अधिकारों और स्वतन्त्रता दिलाने में सहायता करना।
  • सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर महासचिव का निर्वाचन करना।
  • अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का निर्माण करना।
  • अपने सभापति का निर्वाचन करना।

2. सुरक्षा परिषद्- संघ का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग सुरक्षा परिषद् है। इसमें कुल 15 सदस्य हैं, जिनमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी हैं। सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्यों का कार्यकाल 2 वर्ष का होता है। स्थायी सदस्यों में संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन हैं। अस्थायी सदस्यों का चुनाव महासभा के दो-तिहाई बहुमतं द्वारा प्रति दूसरे वर्ष किया जाता है। कोई अस्थायी सदस्य अवधि समाप्त होने पर पुनः निर्वाचन में खड़ा नहीं हो सकता। सुरक्षा परिषद् के प्रत्येक सदस्य को एक मत देने का अधिकार है। परिषद् के प्रत्येक स्थायी सदस्य को वीटो (निषेधाधिकार) प्राप्त है। इस अधिकार का प्रयोग करके कोई भी स्थायी सदस्य परिषद् के निर्णय को रद्द कर सकता है। किसी भी वाद-विवाद का अन्तिम निर्णय पाँच स्थायी और चार अस्थायी सदस्यों की सहमति के बाद ही माना जाता है। भारत भी 1-1-1993 से 1-1-1995 तक सुरक्षा परिषद् का अस्थायी सदस्य था।

सुरक्षा परिषद् के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं

    • सुरक्षा परिषद् को प्रमुख कार्य विश्व-शान्ति और सुरक्षा को बनाये रखना है।
    • सुरक्षा परिषद् विभिन्न देशों के संरक्षण में रखे जाने वाले प्रदेशों पर नियन्त्रण रखती है।
  • अन्तर्राष्ट्रीय संघर्षों को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद् सैनिक कार्यवाही करने का आदेश दे सकती
  • सुरक्षा परिषद् निरस्त्रीकरण के लिए भी प्रस्ताव पारित करती है।
  • नये राष्ट्रों को सदस्यता प्रदान करना भी इसका कार्य है।
  • महासचिव की नियुक्ति के लिए सिफारिश भी सुरक्षा परिषद् ही करती है।
  • सुरक्षा परिषद् संघ के सैनिक स्टाफ की सहायता से युद्ध विराम करवाती है।

3. न्यास परिषद्- न्यास परिषद् में 12 सदस्य हैं, जिनमें चार प्रबन्धकर्ता देश (ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, अमेरिका और ब्रिटेन), 3 सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य (रूस, चीन और फ्रांस) और 5 निर्वाचित सदस्य हैं। इस परिषद् का उद्देश्य संरक्षित प्रदेशों का शासन-प्रबन्ध करने वाले राष्ट्रों के कार्य-कलापों की जाँच तथा उन पर नियन्त्रण रखना है। पलाऊ की स्वतन्त्रता के बाद न्यास परिषद् का कार्य लगभग समाप्त हो गया है।

4. सचिवालय– सचिवालय संघ का प्रशासनिक अंग है। इसका मुख्य अधिकारी महासचिव कहलाता है, जिसकी नियुक्ति 5 वर्ष के लिए की जाती है। महासचिव की सहायता के लिए विभिन्न देशों के बहुत-से कर्मचारी (लगभग 10,000) होते हैं। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है। सचिवालय का व्यय-भार सभी राष्ट्र मिलकर उठाते हैं। सचिवालय के आठ विभाग हैं। प्रत्येक विभाग का अधिकारी सहायक सचिव होता है। सचिवालय संघ के समस्त कार्यों का लेखा रखता है और आँकड़ों का संग्रह, तथा प्रकाशन करता है। महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर महासभा करती है। महासचिव का कार्य संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यों की रिपोर्ट तैयार कर प्रति वर्ष साधारण सभा (महासभा) में प्रस्तुत करना होता है। शान्ति एवं सुरक्षा को भंग होता देखकर सुरक्षा परिषद् को सूचना देना महासचिव का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य होता है। इसके निवर्तमान महासचिव कोफी अन्नान और वर्तमान महासचिव बान की-मून हैं।

5. आर्थिक और सामाजिक परिषद्- इस परिषद् में महासभा द्वारा निर्वाचित 54 सदस्य होते हैं। इसके प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 3 वर्ष है। परिषद् के एक-तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष पद-मुक्त होते रहते हैं। इसकी एक वर्ष में कम-से-कम 2 बैठकें अवश्य होती हैं। आवश्यकता होने पर विशेष अधिवेशन भी बुलाये जा सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के इस अंग की स्थापना का उद्देश्य पिछड़े हुए राष्ट्रों को आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति के लिए सहायता देना है। यह परिषद् अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न कार्यों का सम्पादन करती है। इसका प्रमुख कार्य सम्पूर्ण विश्व की आर्थिक, सामाजिक, शिक्षा-स्वास्थ्य, विज्ञान-कला आदि के क्षेत्र से ज्ञान प्राप्त करके महासभा को सूचित करना है। यह परिषद् मानव-कल्याण की अन्तर्राष्ट्रीय योजनाओं का मसविदा भी तैयार करती है। इस परिषद् के अधीन अनेक संस्थाएँ कार्य करती हैं।

6. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय– अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र संघ की न्यायपालिका है। इसमें 15 न्यायाधीश हैं, जिनकी नियुक्ति महासभा सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर करती है। न्यायाधीशों का कार्यकाल 9 वर्ष का होता है। न्यायालय की कार्यवाही फ्रेंच तथा अंग्रेजी भाषा में की जाती है। | अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय का प्रमुख कार्यालय हेग (हॉलैण्ड) में है। अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्य कार्य दो या दो से अधिक राष्ट्रों के मध्य उत्पन्न विवाद या झगड़े के विषय में निर्णय देना है। इसके अतिरिक्त इसका कार्य परामर्श देने का भी है।

प्रश्न 4.
संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यों में भारत ने क्या योगदान दिया ? संक्षेप में लिखिए।
या
विश्व शान्ति में भारत की भूरिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर :

संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का योगदान

भारत एक गुट-निरपेक्ष देश है। यह विश्व में स्थायी शान्ति का समर्थक है। इसने अन्तर्राष्ट्रीय विवादों तथा झगड़ों को समाप्त कराने का सदैव प्रयास किया है। भारत ने विश्व-शान्ति बनाये रखने में सक्रिय भूमिका निभाकर तथा अनेक प्रमुख समस्याओं के समाधान में संयुक्त राष्ट्र संघ की सहायता की है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के योगदान के प्रमुख उदाहरण निम्नवत् हैं

1. कांगो की समस्या- 
कांगो के प्रधानमन्त्री की हत्या की जाँच की माँग करके तथा अपनी सैनिक टुकड़ी भेजकर भारत ने 1964 ई० में कांगो को स्वतन्त्र कराया। कांगो की समस्या से अन्तर्राष्ट्रीय तनाव पैदा हो सकता था; अत: भारत ने अपने सहयोग से इस समस्या का समाधान कराया।

2. कोरिया की समस्या- 
उत्तरी तथा दक्षिणी कोरिया में 1950 ई० में युद्ध छिड़ने पर भारत ने ही संयुक्त राष्ट्र संघ में युद्धविराम तथा युद्धबन्दियों की अदला-बदली में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जुलाई, 1953 ई० को तीन वर्ष के पश्चात् कोरिया में शान्ति स्थापित कराने का श्रेय भी भारत को मिला।

3. साइप्रस की समस्या- 
सन् 1964 ई० में साइप्रस में गृहयुद्ध छिड़ने पर भारतीय सेना की एक टुकड़ी भेजी गयी, जिससे वहाँ शान्ति स्थापित हो सकी तथा यूनानियों एवं तुर्कियों का युद्ध समाप्त हुआ और साइप्रस को ब्रिटेन के आधिपत्य से सदैव के लिए छुटकारा मिल गया।

4. हिन्दचीन की समस्या-
 उत्तरी तथा दक्षिणी वियतनाम में शान्ति की स्थापना हेतु भारत, पोलैण्ड तथा कनाड़ा के सदस्यों को अन्तर्राष्ट्रीय आयोग का सदस्य बनाया गया। भारत की अध्यक्षता में यहाँ युद्ध | बन्द कराने तथा अस्थायी शान्ति का प्रस्ताव पारित कराकर शान्ति स्थापित की गयी। इस प्रकार भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सहयोग से वियतनाम में शान्ति स्थापित करने का भरसक प्रयास किया।

5. स्वेज नहर विवाद– 
भारत ने स्वेज नहर विवाद के समय मिस्र, इंग्लैण्ड, फ्रांस तथा इजराइल के मध्य विशेष दबाव डालकर युद्ध रोका तथा समझौता कराकर इस विवाद का अंन्त कराया।

6. निरस्त्रीकरण- 
भारत ने सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र संघ में निरस्त्रीकरण का प्रस्ताव रखा जो भारी बहुमत से पारित किया गया। इस प्रकार परमाणु शस्त्रों पर व्यय होने वाली राशि का प्रयोग विश्व-कल्याण की योजनाओं में लगाया जाने लगा। भारत का प्रयास है कि परमाणु शक्ति का प्रयोग रचनात्मक कार्यों के लिए ही किया जाए।

7. उपनिवेशवाद की समाप्ति में सहयोग- 
संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से घिनौने उपनिवेशवाद को समाप्त कराने में भारत की भूमिका विशेष सराहनीय रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ की उपनिवेशवाद की। समाप्ति को कार्यरूप प्रदान करने के लिए जो समिति बनी, उसका अध्यक्ष भारत को ही बनाया गया था और भारत ने लीबिया, मलाया, नामीबिया, अल्जीरिया आदि अनेक देशों को स्वतन्त्र कराने में अपना । सक्रिय योगदान दिया।

8. रंग-भेद नीति का विरोध-
 भारत ने रंग-भेद की नीति को विश्व-शान्ति के लिए खतरा माना है। रंग-भेद पक्षपात का सबसे व्यापक तथा धृष्टतापूर्वक प्रदर्शित उदाहरण एशिया तथा अफ्रीका के काले वर्गों के प्रति गोरों की धारणा थी। रंग-भेद की नीति में दक्षिण अफ्रीका सरकार सबसे आगे है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कई बार रंग-भेद की नीति के विरुद्ध वाज उठायी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के
साथ कन्धे-से-कन्धा मिलाकर कार्य किया।

9. आर्थिक एवं सामाजिक न्याय का विस्तार– 
भारत का सदा यह विचार रहा है कि विश्व शान्ति | की स्थायी स्थापना तभी हो सकती है जब आर्थिक और सामाजिक अन्याय को समाप्त किया जाए। भारत ने इस दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। भारत ने आर्थिक व पिछड़े देशों के विकास पर विशेष बल दिया है और विकसित देशों को अविकसित देशों की अधिक-से-अधिक सहायता करने के लिए कहा है।

इस प्रकार भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यों में बहुत सहयोग दिया तथा विश्व शान्ति की स्थापना में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। इसके अतिरिक्त भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी प्रमुख संगठनों का सदस्य रहा है तथा पूरी क्षमता के साथ विश्व में शान्ति, न्याय, समता तथा सद्भाव कायम करने के लिए प्रयत्न करता आ रहा है। निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि भारत ने सदैव ही अपने प्रयासों, नीतियों एवं कार्यक्रमों के द्वारा संयुक्त राष्ट्र के अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति तथा व्यवस्था को सुरक्षित रखने के प्रयासों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उसने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंचों के माध्यम से रंग-भेद, आतंकवाद, उपनिवेशवाद, जातीय
हिंसा, शोषण तथा युद्धों के विरुद्ध अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

प्रश्न 5.
संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रमुख उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए। या संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व शान्ति के लिए किए गए प्रयासों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
संयुक्त राष्ट्र संघ की उपलब्धियाँ संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व की एक महत्त्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है। इसकी प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं—
1. फिलिस्तीन की समस्या– सन् 1947 ई० में फिलिस्तीन की समस्या उत्पन्न हुई। संघ ने इस समस्या के समाधान के लिए एक आयोग नियुक्त किया, जिसने अरबों तथा यहूदियों के मध्य देश के विभाजन | का प्रस्ताव रखा। यहूदियों ने स्वतन्त्र फिलिस्तीन की घोषणा कर दी, किन्तु अरबों ने वहाँ अपनी मुक्ति सेना भेज दी। संघ के प्रयासों से उस समय वहाँ युद्धविराम हो गया था, परन्तु वर्तमान में यह समस्या पुन: उत्पन्न हो गयी है।

2. इण्डोनेशिया की समस्या– सन् 1947 ई० में जावा, सुमात्रा आदि डच उपनिवेशों के क्रान्तिकारियों ने अपने देश को स्वतन्त्र कराने के लिए एक सशस्त्र क्रान्ति कर दी। भारत आदि देशों ने इस क्रान्ति का समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसमें हस्तक्षेप करके युद्धविराम कराया तथा सन् 1949 ई० में इण्डोनेशिया तथा हॉलैण्ड का एक संघ बनाया। इण्डोनेशिया इस संघ का स्वतन्त्र सदस्य बन गया।

3. कश्मीर की समस्या– सन् 1948 ई० में पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण किया, परन्तु संघ के पर्यवेक्षकों की देख-रेख में कुछ समय उपरान्त ही युद्धविराम हो गया। इसी प्रकार 1965 ई० तथा 1971 ई० में पाकिस्तानी आक्रमणों के समय भी संघ ने युद्धविराम कराया तथा पाकिस्तान और भारत के बीच समस्या के स्थायी हल का प्रयास किया।

4. कोरिया की समस्या– सन् 1945 ई० से 1953 ई० तक कोरिया की समस्या के समाधान में संघ ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। सन् 1950 ई० में उत्तरी कोरिया ने दक्षिणी कोरिया पर आक्रमण कर दिया, लेकिन संघ ने हस्तक्षेप करके इनमें युद्धविराम करा दिया। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ की उल्लेखनीय
सफलता माना जाता है।

5. हिन्दचीन की समस्या– हिन्दचीन (वियतनाम) में युद्धविराम कराने के लिए सन् 1954 ई० में जेनेवा में एक सम्मेलन हुआ, जिसमें दोनों पक्षों से युद्धविराम करने की अपील की गयी। इस अपील पर युद्धविराम हो गया तथा वहाँ पर शान्ति स्थापित हुई।

6. कांगो की समस्या– सन् 1962 ई० में कांगो-कटंगा संघर्ष की समस्या भी संघ के समक्ष प्रस्तुत हुई। संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रयास करके गृहयुद्ध को समाप्त कर दिया और वहाँ पर शान्ति स्थापित करने में सफलता प्राप्त की।

7. मिस्र की समस्या- सन् 1956 ई० में स्वेज नहर के विवाद ने महायुद्ध का रूप धारण कर लिया, क्योंकि मिस्र ने इस पर अधिकार कर लिया था। परिणामतः फ्रांस, ब्रिटेन तथा इजराइल ने मिलकर मिस्र पर आक्रमण कर दिया। संघ के हस्तक्षेप से वहाँ भी युद्धविराम हो गया और शान्ति स्थापित कराने में सफलता प्राप्त की जा सकी।
8. क्यूबा की समस्या- 20 अक्टूबर, 1962 ई० को संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्यूबा की नाकेबन्दी कर दी, क्योंकि रूस अपने जलपोत तथा प्रक्षेपास्त्र इस देश में भेजना चाहता था। इस स्थिति में संघ ने अपना हस्तक्षेप कर इस क्षेत्र में शान्ति स्थापित की।

9. चेकोस्लोवाकिया संकट- (1968-93 ई०)–सोवियत संघ और वार्सा पैक्ट के अन्य देशों ने चेकोस्लोवाकिया में सैनिक हस्तक्षेप करके विश्व-शान्ति के लिए भीषण संकट उपस्थित कर दिया। सुरक्षा परिषद् ने एक प्रस्ताव पारित्र करके चेकोस्लोवाकिया में विदेशी हस्तक्षेप रोकने का प्रयास किया, परन्तु उसका यह प्रयास विफल रहा। सन् 1992 ई० में सुरक्षा परिषद् ने चेकोस्लोवाकिया संकट को दूर करने के लिए पुनः हस्तक्षेप किया। 1 जनवरी, 1993 ई० को चेक एवं स्लोवाक संघीय
गणराज्य (चेकोस्लोवाकिया) के विघटन के साथ चेक गणराज्य और स्लोवाकिया स्वतन्त्र हुए।

10. सोमालिया की समस्या (1993 ई०)-अफ्रीकी देश सोमालिया अनेक वर्षों से गृह-युद्ध का शिकार । था। सन् 1991 ई० में राष्ट्रपति मोहम्मद सैयद के अपदस्थ होने के बाद गृह-युद्ध में तेजी आ गयी और हजारों लोग मरने लगे। इस हत्याकाण्ड को रोकने के लिए संघ के आदेश पर 1700 अमेरिकी सैनिक
सोमालिया पहुँचे। जनवरी, 1993 ई० में सोमालिया में शान्ति स्थापित हो गयी।

11. अन्य उपलब्धियाँ– संयुक्त राष्ट्र संघ की उपर्युक्त सफलताओं के अतिरिक्त कुछ अन्य उपलब्धियाँ
निम्नलिखित हैं

  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने निशस्त्रीकरण के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 10 दिसम्बर, 1948 ई० को मानव-अधिकारों की घोषणा की गयी।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1964 ई० ॐ साइप्रस के गृह-युद्ध को समाप्त कराया।
  • संघ ने समय-समय पर प्राकृतिक आपदाओं से पीड़िते लोगों की सहायता की।
  • संघ ने विकासशील देशों में बच्चों तथा महिलाओं के कल्याण की व्यवस्था की।
  • संघ ने प्रदूषण रोकने, आवास की समस्या को हल करने तथा जनसंख्या को नियन्त्रित करने की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।
  • मई-जून, 1999 ई० में संघ ने भारतीय सीमा में पाक घुसपैठ के विरुद्ध भारत द्वारा छेड़े गये ‘कारगिल विजय अभियान’ को अपना समर्थन दिया तथा भारतीय सीमाओं के अतिक्रमण के लिए पाकिस्तान को दोषी घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र संघ का यह कदम साम्राज्यवाद के विरुद्ध विश्व जनमत का प्रतीक है।

इसमें सन्देह नहीं कि अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा को बनाये रखने में संयुक्त राष्ट्र संघ ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है। फिर भी हम संयुक्त राष्ट्र संघ को एक आदर्श संस्था के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते, क्योंकि इस संस्था में महाशक्तियों के प्रभुत्व का बोलबाला है। वर्ष 2003 की अन्तर्राष्ट्रीय घटनाएँ सिद्ध करती हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ केवल वाद-विवाद के आधार पर युद्ध को कुछ समय तक के लिए टाल भर सकता है। वह ऐसी किसी भी समस्या का निराकरण करने में अक्षम है, जिसमें महाशक्तियों का स्वार्थ उलझा हुआ हो। खाड़ी युद्ध के पूर्व का घटनाक्रम इस तथ्य की पुष्टि करता है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई थी ? [2009, 12, 17]
उत्तर :
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई० को हुई थी।

प्रश्न 2.
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ में कितने सदस्य देश हैं ?
उत्तर :
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ में 193 सदस्य देश हैं।

प्रश्न 3.
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय कहाँ और किस देश में स्थित है ?
उत्तर :
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय हेग (हॉलैण्ड) में स्थित है।

प्रश्न 4.
संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव कौन हैं ? इनर
उत्तर :
संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव बान-की-मून हैं।

प्रश्न 5.
सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्यों के नाम लिखिए। [2014]
या
संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् के तीन स्थायी सदस्य देशों के नाम लिखिए। [2015]
उत्तर :
सुरक्षा परिषद् में इस समय कुल 15 सदस्य हैं, जिनमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस तथा साम्यवादी चीन इस संघ के स्थायी सदस्य हैं। अस्थायी सदस्यों का चुनाव साधारण सभा द्वारा दो वर्षों के लिए होता है।

प्रश्न 6.
संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय कहाँ स्थित है ? [2014, 16]
उत्तर :
संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है। प्रश्न 7 संयुक्त राष्ट्र संघ की उस संस्था का नाम लिखिए जो जन-स्वास्थ्य के लिए कार्य करती है। उत्तर जन-स्वास्थ्य के लिए कार्य करने वाली संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था है—विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)।

प्रश्न 8.
सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है?
उत्तर :
सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्यों का कार्यकाल 2 वर्ष होता है।

प्रश्न 9.
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या कितनी है ?
या
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में कुल कितने न्यायाधीश हैं और वह कहाँ स्थित है ?
उत्तर :
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या 15 है। अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय का प्रमुख कार्यालय हेग (हॉलैण्ड) में स्थित है।

प्रश्न 10.
संयुक्त राष्ट्र संघ के किन सदस्य देशों को ‘वीटो का अधिकार प्राप्त है ? [2009, 14]
या
सुरक्षा परिषद में कितने सदस्य-राज्य निषेधारि कार (वीटो पावर) का प्रयोग कर सकते हैं ? किन्हीं चार के नाम लिखिए। [2015]
उत्तर :
संयुक्त राष्ट्र संघ के पाँच स्थायी सदस्य देशों को वीटो का अधिकार प्राप्त है

  • संयुक्त राज्य अमेरिका,
  • रूस,
  • ब्रिटेन,
  • फ्रांस और
  • चीन।

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1. संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय है [2014]
(क) हेग में
(ख) रोम में
(ग) पेरिस में
(घ) न्यूयॉर्क में

2. संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग हैं
(क) पन्द्रह
(ख) दस
(ग) आठ
(घ) छः

3. सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्यों की संख्या है [2014, 18]
(क) दस
(ख) पन्द्रह
(ग) छः
(घ) पाँच

4. सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य नहीं है
(क) चीन
(ख) ब्रिटेन
(ग) रूस
(घ) भारत

5. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय है [2012, 14, 18]
या
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय स्थित है [2013]
(क) हेग में ।
(ख) न्यूयॉर्क में
(ग) लन्दन में
(घ) पेरिस में

6. संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव बान-की-मून किस देश के हैं?
(क) दक्षिण कोरिया
(ख) उत्तर कोरिया
(ग) भारत
(घ) नेपाल

7. अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का मुख्यालय स्थित है
(क) जेनेवा में
(ख) दिल्ली में
(ग) न्यूयॉर्क में
(घ) रोम में

8. खाद्य एवं कृषि संगठन का मुख्यालय स्थित है
(क) रोम में।
(ख) पेरिस में
(ग) जेनेवा में
(घ) लन्दन में

9. यूनेस्को का मुख्यालय स्थित है
(क) पेरिस में
(ख) रोम में
(ग) लन्दन में
(घ) जेनेवा में

10. विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय स्थित है [2011]
(क) जेनेवा में।
(ख) पेरिस में
(ग) रोम में
(घ) न्यूयॉर्क में

11. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में कितने न्यायाधीश होते हैं? [2012]
(क) 10
(ख) 12
(ग) 15
(घ) 18

12. प्रतिवर्ष 10 दिसम्बर को कौन-सा दिवस मनाया जाता है? [2012, 15, 18],
(क) मानवाधिकार दिवस
(ख) संयुक्त राष्ट्र दिवस
(ग) सार्क स्थापना दिवस
(घ) विश्व स्वास्थ्य संगठन दिवस

13. निम्नलिखित में कौन संयुक्त राष्ट्र संघ का अंग है? [2013]
(क) अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ।
(ख) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय
(ग) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
(घ) अन्तर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष

14. कौन-सा देश सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य नहीं है? [2015, 16]
(क) संयुक्त राज्य अमेरिका
(ख) जापान
(ग) फ्रांस
(घ) ग्रेट ब्रिटेन उत्तरमाला

उत्तरमाला

1. (घ), 2. (घ), 3. (घ), 4. (घ), 5. (क), 6. (क), 7. (क), 8. (क), 9. (क), 10. (क), 11. (ग), 12. (क), 13. (ख), 14. (ख)

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