WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 2 नन्हा संगीतकार
WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 2 नन्हा संगीतकार
West Bengal Board 10th Class Hindi Solutions Chapter 2 नन्हा संगीतकार
West Bengal Board 10th Hindi Solutions
लेखक-परिचय
हेनरिक सेंकेविच का जन्म सन् 1846 में पोलैंड में हुआ था। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करनेवाले ये पोलैंड के पहले साहित्यकार थे। इनका सर्वाधिक ख्यातिप्राप्त उपन्यास ‘को वेडिस’ है। इसे लिखने के लिए इन्होंने इटली की भी यात्रा की। यह उपन्यास इतना लोकप्रिय हुआ कि यह विश्व की साठ से अधिक भाषाओं में अनूदित हो चुका है। सेंकेविच बेहद संवेदनशील और मानवतावादी कथाकार थे। इनकी रचनाओं में वैसी घटनाओं को विषय बनाया गया है जिसे प्राय: लोग अनदेखा कर देते हैं। सन् 1905 में इन्हें पुरस्कृत करते हुए स्वीडिश अकादमी ने यह कहा था – “महान कलाकार के अपूर्व और विलक्षण गुणों के कारण इन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है।”
हेनरिक सेंकेविच के प्रमुख उपन्यास :- ‘विथ फायर एवं स्वोर्ड’, ‘पैन माइकेल’, ‘विदाउट दागमा’, ‘चिल्ड्रेन ऑफ द सायल’, ‘सीलान्का’, ‘लेट अस फालो हिम’, ‘इन वेन’ आदि।
सन् 1916 में इस महान साहित्यकार को मृत्यु ने हमसे छीन लिया।
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. जेन्को ललचाई नजरों से किसे देख रहा था और क्यों ?
उत्तर : जेन्को ललचाई नजरों से वायलिन को देख रहा था क्योंकि वह भी अपने लिए एक वायलिन चाहता था।
2. यह मुहब्बत ही उसका जुनून थी। रेखांकित शब्द से किसी ओर संकेतित है ? पंक्ति का आशय स्पष्ट कहें।
उत्तर : रेखांकित शब्द से जेन की ओर संकेत किया गया है।
जेन चाहता था कि उसके पास भी एक वायलिन हो ताकि वह उसके संगीत में डूब सके। वायलिन के प्रति यह मुहब्बत ही उसका जुनून थी।
3. जेन (जेन्को) जन्म से कैसा था ?
उत्तर : जेन जब इस संसार में आया तभी से वह बहुत कमजोर और दुर्बल था।
4. किसे देखकर पड़ोसी आपस में अफसोस जाहिर करने लगे ?
उत्तर : जेन और उसकी माँ को देखकर पडोसी आपस में अफसोस जाहिर करने लगे।
5. लुहार की पत्नी ने जेन की माँ से क्या कहा ?
उत्तर : लहुार की पत्नी ने जेन की माँ से कहा – “तुम चुपचाप लेटी रहो, मैं पवित्र मोमबत्ती जलाती हूँ, तुम्हारे पास ज्यादा वक्त नहीं है, दूसरी दुनिया में जाने की तैयारी करो।
6. एक दूसरी औरत ने नवजात जेन के बारे में क्या कहा ?
उत्तर : एक दूसरी औरत ने जेन के बारे में कहा कि, “मेरे ख्याल से तो यह पादरी के आने तक भी नहीं बचेगा।” किसने कहा ?
7. “तेरा नाम होगा जेन”
उत्तर : लुहार की स्त्री ने।
8. लुहार की पत्नी ने नवजात जेन के लिए क्या प्रार्थना की ?
उत्तर : लुहार की पत्नी ने नवजात जेन के लिए यह प्रार्थना की — “हे ईसाई आत्मा ! इस दुनिया से अब विदा लें और जहाँ से जन्म लिया है वहीं शरण लें, आमीन !”
9. किस ईसाई आत्मा का इस दुनिया से विदा लेने का कोई इरादा नहीं था ?
उत्तर : जेन की ईसाई आत्मा का इस दुनिया से विदा लेने का कोई इरादा नहीं था।
10. जेन के रोने की आवाज़ कैसी थी ?
उत्तर : जेन के रोने की आवाज़ ऐसी थी मानो बिल्ली का बच्चा धीरे-धीरे मिमिया रहा हो ।
11. पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार छत पर पपीहे का बोलना क्या माना जाता है ?
उत्तर : पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार छत पर पपीहे का बोलना शुभ शकुन माना जाता है।
12. जाड़े से बचने के लिए जेन क्या करता था ?
उत्तर : जाड़े से बचने के लिए जेन सिगड़ी के पीछे दुबक कर बैठ जाता था। फिर भी ठंड लगने पर वह रोने लगता था।
15. किसकी साँसें नाजुक डोर से लटकी हुई थीं ?
उत्तर : जेन की साँसें नाजुक डोर से लटकी हुई थीं।
13. जेन अक्सर भूख से क्यों बिलखता (रोता) था ?
उत्तर : जेन की माँ अनेक बार अलमारी या डिब्बे में उसके खाने के लिए कुछ नहीं रख पाती थी तब वह भूख से बिलखने लगता था ।
14. जब कुटिया की छत पर पपीहे ने कुहु-कुहु की तान छेड़ी तब जेन की उम्र क्या थी ?
उत्तर :चार वर्ष ।
16. जेन का नामकरण ‘जेन’ किसने किया ?
उत्तर : लुहार की पत्नी ने।
17. किसकी निगाहें पक्षी की भांति यहाँ-वहाँ भटकती रहती थीं?
उत्तर : जेन (जेन्को) की निगाहें पक्षी की भांति यहाँ-वहाँ भटकती रहती थीं।
18. जेन की माँ अक्सर उसे क्या कहकर पुकारती थी ?
उत्तर : चेजलिंग।
19. जेन ने किस उम्र से अपने बूते पर जीना और अपनी देखभाल खुद करना शुरू कर दिया था ?
उत्तर : आठ वर्ष की उम्र से ही जेन ने अपने बूते पर जीना और अपनी देखभाल खुद करना शुरू कर दिया था।
20. जेन घने जंगल में क्यों जाता था ?
उत्तर : जब घर में खाने के लिए कुछ नहीं होता था तब जेन मशरूम खोजने के लिए घने जंगल में जाता था।
21. जेन के साथ खुदा का क्या शुक्र था ?
उत्तर : जेन के साथ खुदा का शुक्र यह था कि घने जंगल में किसी भेड़िये ने उसे अपना शिकार नहीं बनाया था।
22. जेन को किसकी आवाज में संगीत सुनाई देता था ?
उत्तर : जेन को हर तरह की आवाज में संगीत सुनाई देता था।
23. जेन जैसे-जैसे बड़ा होता गया, उसकी दिलचस्पी किसमें बढ़ती गई ?
उत्तर : जेन जैसे-जैसे बड़ा होता गया सुर और लय में उसकी दिलचस्पी बढ़ती गई।
24. जेन की पिटाई करते समय माँ उसे क्या कहती थी ?
उत्तर : जेन की पिटाई करते समय माँ उससे यह कहती थी – “चल हट बंदर कहीं का! अब मैं तेरा बाजा बजाऊंगी, न काम का, न काज का।”
25. जेन का मन कहाँ बसता था ?
उत्तर : जेन का मन जंगल के संगीत में बसता था।
26. जेन जंगल के संगीत के बारे में क्या सोचता था ?
उत्तर : जंगल के संगीत के बारे में जेन यह सोचता था कि पूरा जंगल गाता है और उसकी प्रतिध्वनि से सारा जंगल गूंज उठता है। धास की पत्तियाँ, बगिया की चिड़िया गाती है और उसके संगीत से चेरी का वृक्ष सरसराता और कँपकँपाता है।
27. पड़ोसियों ने जेन का क्या नाम रखा, क्यों ?
उत्तर : जेन के संगीत-प्रेम के कारण पड़ोसियों ने उसका नाम संगीतकार जेन्को रख दिया।
28. जेन कब आनंद की अनुभूति से भर उठता था ?
उत्तर : रात में जब मेढक टर्राते, चारागाहों पर कुक्कुट चीत्कार करते, दलदल में तितलौवे धमा-चौकड़ी मचाते और पीछे मुर्गे बाँग देते थे तब जेन आनंद की अनुभूति से भर उठता था।
29. जेन के संगी-साथी को उसके किस बात पर आश्चर्य होता था ?
उत्तर : जेन को प्रकृति के कण-कण में संगीत सुनाई देता था लेकिन उसके संगी-साथियों को नहीं। जेन की इसी बात पर उसके संगी-साथी को आश्चर्य होता था।
30. जेन शराबखाने की दीवार से सटकर क्यों बैठता था ?
उत्तर : शराबखाने के अंदर बजते संगीत तथा उसकी धुन पर थिरकते पैरों की आवाज का आनंद उठाने के लिए ही जेन शराबखाने की दीवार से सटकर बैठता था।
31. किसे पाने के लिए जेन कुछ भी करने को तैयार था ?
उत्तर : वायलिन की मधुर धुन को पाने के लिए जेन कुछ भी करने को तैयार था।
32. जेन की किस्मत में क्या लिखा था ?
उत्तर : जेन की किस्मत में केवल वायलिन की धुन सुनना लिखा था, उसे बजाना नहीं।
33. किन मौकों पर जेन को खूब आनंद आता था ?
उत्तर : गाँव में जब फसल कटने या शादी-विवाह के मौके पर बाजे और सारंगी बजती तो इन मौकों पर जेन को खूब आनंद आता था।
34. जेन ने अपने लिए खुद से क्या बनाया ?
उत्तर : जेन ने अपने लिए खुद से काठ के टुकड़े से एक सारंगी बनाई।
35. जेन के बनाए सारंगी की आवाज कैसी थी ?
उत्तर : जेन के बनाए सारंगी की आवाज बेहद महीन थी। इतनी महीन मानो मक्खियाँ या कीड़े-मकोड़े भिन-भिन कर रहे हों।
36. जेन को अपनी किस लत के लिए बहुत मार खानी पड़ती थी ?
उत्तर : जेन सुबह उठकर देर तक अपने बनाए सारंगी को बजाता रहता था। अपने इसी लत के लिए उसे माँ से बहुत मार खानी पड़ती थी।
37. जेन की फितरत (प्रकृति) में क्या था ?
उत्तर : संगीत के प्रति असीम लगाव जेन की फितरत में था।
38. क्या छोड़ना जेन के बस में नहीं था ?
उत्तर : संगीत के प्रति अपने लगाव को छोड़ना जेन के वश में नहीं था।
39. स्वास्थ की दृष्टि से जेन का क्या हाल था ?
उत्तर : स्वास्थ की दृष्टि से जेन का वही हाल था जो गरीब सारंगी की थी।
40. फसलों की कटाई के समय जेन क्या खाकर जीवित रहता था ?
उत्तर : फसलों की कटाई के समय जेन केवल कच्चे शलजम खाकर जीवित रहता था।
41. जेन की एकमात्र चाहत क्या थी ?
उत्तर : जेन की एकमात्र चाहत यह थी कि किसी तरह उसे एक वायलिन मिल जाए।
42. जेन की किस चाहत ने उसकी जान ले ली ?
उत्तर : एक वायलिन पाने की चाहत ने जेन की जान ले ली।
43. बँगले का मालिक और उसका पूरा परिवार कहाँ रहता था ?
उत्तर : बँगले का मालिक और उसका पूरा परिवार इटली में रहता था ।
44. बँगले में किसके पास वायलिन था ?
उत्तर : बँगले में वर्दीधारी सिपाही के पास एक वायलिन था।
45. जेन पर हमेशा क्या धुन सवार रहती थी ?
उत्तर : जेन पर हमेशा यही धुन सवार रहती थी कि वह वर्दीधारी सिपाही द्वारा बजाए जाने पर वायलिन की धुन को सुन सके या कम से कम उस वायलिन की एक झलक पा सके ।
46. वर्दीधारी सिपाही किसे खुश करने के लिए वायलिन बजाता था ?
उत्तर : वर्दीधारी सिपाही अपनी प्रेमिका या नौकरों को खुश करने के लिए वायलिन बजाता था।
47. कब जेन की समूची आत्मा उसकी आँखों में उतर आती थी ?
उत्तर : जब दरवाजे के पास टँगी वायलिन को जेन हसरतभरी निगाहों से निहारता था तो उसकी समूची आत्मा उसकी आँखों में उतर आती थी।
48. किस मूक चाहत ने जेन को जकड़ लिया ?
उत्तर : वायलिन को एक बार अपने हाथों से छूकर या बहुत नजदीक से देखने की मूक चाहत ने जेन को जकड़ लिया।
49. किसके ख्याल मात्र से जेन का दिल बल्लियों उछलने लगा ?
उत्तर : दीवार पर टॅगी वायलिन को अपने हाथों से छूने या फिर उसे बहुत नजदीक से देखने के ख्याल मात्र से जेन का दिल बल्लियों उछलने लगा।
50. किसकी चकाचौंध से कौन बौरा गया ?
उत्तर : चाँदनी में चमकते वायलिन की चकाचौंध से जेन बौरा गया।
51. बुलबुल के गीत के बोल क्या थे?
उत्तर : बुलबुल के गीत के बोल थे – “आगे बढ़ो, हिम्मत करो, जाकर छू लो प्यारे !”
52. ईमानदार कौवे ने जेन से क्या कहा ?
उत्तर : ईमानदार कौवे ने जेन से कहा – “नहीं जेन्को नहीं” ।
53. लताएँ दुगुने वेग से क्या फुसफुसाने लगी ?
उत्तर : लताएँ दुगुने वेग से फुसफुसाने लगी कि, “जाओ, वहाँ कोई नहीं है।’
54. जेन किस बात से पूरी तरह अनजान था ?
उत्तर : जेन इस बात से पूरी तरह अनजान था कि उसे न्यायाधीश के पास क्यों और कैसे लाया गया है।
55. न्यायाधीश चोरी के जुर्म में पकड़े गए जेन के बारे में किस सोच में पड़ गए?
उत्तर : न्यायाधीश चोरी के जुर्म में पकड़े गए जेन के बारे में इस सोच में पड़ गए कि, “इस कदर दुर्बल, महज दस वर्ष के इस अभागे को क्या दंड दिया जा सकता है, जो अपने पैरों पर ढंग से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है? क्या इसे कैदखाने भेजा जा सकता है ? यू भी बच्चों के साथ इतना बेरहम नहीं हुआ जा सकता।”
56. न्यायाधीश ने जेन को सजा देने के बारे में क्या निर्णय लिया ?
उत्तर : न्यायाधीश ने जेन को सजा देने के बारे में यह निर्णय लिया कि चौकीदार उसे ले जाकर बेंत से थोड़ी पिटाई कर दे जिससे उसे दुबारा चोरी न करने का सबक मिल जाए।
57. अपनी आखिरी साँसें गिनते हुए जेन ने माँ से क्या पूछा ?
उत्तर : अपनी आखिरी साँसें गिनते हुए जेन ने माँ से यह पूछा कि क्या भगवान उसे स्वर्ग में असली वायलिन देंगे ?
56. माँ जेन्को को गिरजाघर क्यों नहीं ले जाती थी ?
उत्तर : गिरजाघर में वाद्ययंत्रों एवं घंटियों की आवाज सुनकर जेन्को की आँखे मानो दूसरी दुनिया की रोशनी से चमकने लगती थी इसलिए माँ उसे गिरजाघर नहीं ले जाती थी ।
59. पड़ोसी जेन के बारे में क्या भविष्यवाणी करते थे ?
उत्तर : पड़ोसी जेन के बारे में यह भविष्यवाणी करते थे कि यह बच्चा ज्यादा दिन जी नहीं पाएगा।
60. जेन्को को न्यायाधीश ने जेल क्यों नहीं भेजा ?
उत्तर : जेन्को की उम्र मात्र दस वर्ष थी, वह बालिग नहीं था इसलिए न्यायाधीश ने उसे जेल नहीं भेजा।
61. जेन्को ने माँ से कौन-सा आखिरी सवाल किया ?
उत्तर : ‘माँ! भगवान मुझे स्वर्ग में असली वायलिन देगा ?’
62. जेन्को को किस अपराध में सजा दी गई थी ?
उत्तर : जेन्को को चोरी के अपराध में सजा दी गई थी ।
63. न्यायाधीश ने जेन्को के अपराध के लिए क्या सजा सुनाया ?
उत्तर : बेंत से पीटने की सजा सुनाई।
64. जेन्को के चार बरस के होने पर क्या घटना घटी ?
उत्तर : जेन्को के चार बरस के होने पर कुटिया की छत पर पपीहे ने तीन बार कुहु-कुहु की तान छोड़ी।
65. जेन में कौन-सी अनोखी खूबी थी ?
उत्तर : जेन में यह अनोखी खूबी थी कि उसे संगीत से बहुत प्यार था और यही प्यार उसका जुनून था।
66. पादरी को क्यों बुलाया जा रहा था ?
उत्तर : पादरी को नवजात (जेन्को) के अंतिम क्रियाकर्म के लिए बुलाया जा रहा था ।
67. जेन की संगीतप्रियता देखकर लोग उसे क्या कहते थे ?
उत्तर : जेन की संगीतप्रियता देखकर लोग उसे ‘नन्हा संगीतकार’ कहते थे ।
69. जेन (जेन्को) किस कहानी का पात्र है ?
उत्तर : नन्हा संगीतकार ।
70. जेन ने अपने लिए खुद से क्या बनाया ?
उत्तर : एक वायलिन ।
71. जेन्को को कोठरी की ओर बढ़ते देखकर उसे किसने, क्या कहकर अगाह (सावधान) किया ?
उत्तर : कौए ने काँव-काँव कर अगाह किया – ‘नहीं जेन्को नहीं’।
72. किसमें एक अनोखी खूबी थी ?
उत्तर : जेन में एक अनोखी खूबी थी ।
73. मरणासन्न जेन्को का चेहरा क्यों चमक उठा ?
उत्तर : स्वर्ग में भगवान द्वारा असली वायलिन पाने की बात से मरणासन्न जेन्को का चेहरा चमक उठा ।
74. गाँव में पहरा देने वाला चौकीदार खुद को जगाए रखने के लिए क्या करता था ?
उत्तर : तारे गिनता था ।
75. जेन किसे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार था ?
उत्तर : मधुर ध्वनिवाले वायलिन को पाने के लिए जेन कुछ भी करने को तैयार था ।
76. क्या देर तक जेन्को का पीछा नहीं छोड़ता था ?
उत्तर : वायलिन के स्वर देर तक जेन्को का पीछा नहीं छोड़ते थे।
77. उसका वही हाल था – किसका, क्या हाल था?
उत्तर : जेन का वही हाल था जो बेचारी गरीब सारंगी का ।
78. पड़ोसी जेन के बारे में क्या भविष्यवाणी किया करते थे ?
उत्तर : पड़ोसी जेन के बारे में यह भविष्यवाणी किया करते थे कि यह ज्यादा दिन जी नहीं पाएगा। अगर जीवित भी रहा तो माँ को सुख नहीं दे पाएगा क्योंकि उसका शरीर कड़ी मेहनत के लायक नहीं है।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
1. ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी के कहानीकार है –
(क) नीलम संजीव रेड्डी
(ख) हैनरिक सेंकेविच
(ग) ममता कुलकर्णी
(घ) हेनरिक जागरिक
उत्तर : (ख) हेनरिक सेंकेविच ।
2. माँ अक्सर जेन को किस नाम से पुकारती थी ?
(क) चेंजसिन
(ख) लासिन
(ग) चेंजलिंग
(घ) चेंजलांग
उत्तर : (ग) चेंजलिंग।
3. “तुम्हारे पास ज्यादा वक्त नहीं है” – वक्ता कौन है ?
(क) वर्दीधारी सिपाही
(ख) न्यायाधीश
(ग) दूसरी स्त्री
(घ) लुहार की स्त्री
उत्तर : (घ) लुहार की स्त्री।
4. “तेरा नाम होगा जेन” – वक्ता कौन है ?
(क) माँ
(ख) पड़ोसी
(ग) दूसरी स्त्री
(घ) लुहार की स्त्री
उत्तर : (घ) लुहार की स्त्री ।
5. पवित्र मोमबत्ती किसने जलाई ?
(क) जेन ने
(ख) माँ ने
(ग) लुहार की स्त्री ने
(घ) पादरी ने
उत्तर : (ग) लुहार की स्त्री ने।
6. किसका इस दुनिया से विदा लेने का इरादा नहीं था ?
(क) जेन का
(ख) पादरी का
(ग) सिपाही का
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) जेन का।
7. किसकी साँसें नाजुक डोर से लटकी हुई थी ?
(क) माँ की
(ख) जेन की
(ग) पादरी की
(घ) न्यायाधीश की
उत्तर : (ख) जेन की।
8. कुटिया की छत पर किस पक्षी ने तान छेड़ी ?
(क) कोयल ने
(ख) बुलबुल ने
(ग) पपीहा ने
(घ) कौआ ने
उत्तर : (ग) पपीहा ने।
9. “झुकी देह और पिचके गाल” – किसके लिए कहा गया है ?
(क) पादरी के लिए
(ख) जेन के लिए
(ग) माँ के लिए
(घ) पड़ोसी के लिए
उत्तर : (ख) जेन के लिए।
10. जेन के सिर पर कौन-सी टोपी रहती थी ?
(क) पुआल की
(ख) कपडे की
(ग) बाँस की
(घ) पत्ते की
उत्तर : (क) पुआल की।
12. जेन क्या खोजने घने जंगल में घुसता था ?
(क) शिकार
(ख) कंदमूल
(ग) फल
(घ) मशरूम
उत्तर : (घ) मशरूम ।
13. जेन बातचीत के वक्त मुँह में क्या रख लेता था ?
(क) शक्कर
(ख) मशरूम
(ग) ऊँगली
(घ) शलजम
उत्तर : (ग) ऊँगली।
14. पड़ोसी जेन के बारे में क्या भविष्यवाणी करते थे ?
(क) वह मेहनती निकलेगा
(ख) माँ को कभी सुख न दे पाएगा
(ग) ज्यादा दिन जिएगा
(घ) महान संगीतकार बनेगा
उत्तर : (ख) माँ को कभी सुख न दे पाएगा।
15. मुहब्बत किसका जुनून था ?
(क) जेन का
(ख) पादरी का
(ग) पड़ोसी का
(घ) इनमें से किसी का नहीं।
उत्तर : (क) जेन का ।
16. हर किस्म की आवाज़ में किसे संगीत सुनाई देता था ?
(क) गाँव के बच्चों को
(ख) वर्दीधारी सिपाही को जो वायलिन बजाता था
(ग) जेन को
(घ) सारंगी बजानेवाले को
उत्तर : (ग) जेन को।
17. “अब मैं तेरा बाजा बजाऊँगी” – वक्ता कौन है ?
(क) माँ
(ख) स्त्री
(ग) लुहार की स्त्री
(घ) गाँव की युवतियाँ
उत्तर : (क) माँ ।
18. “चल हट, बंदर कहीं का” – ‘बंदर’ किसे कहा जाता है ?
(क) लहना सिंह को
(ख) जेन को
(ग) पलटन साहब को
(घ) चौकीदार को
उत्तर : (ख) जेन को ।
19. पड़ोसियों ने जेन का नाम क्या रखा ?
(क) वायलिनवाला जेन
(ख) कामचोर जेन
(ग) संगीतकार जेन्को
(घ) आलसी जेन
उत्तर : (ग) संगीतकार जेन्को ।
20. जेन की माँ उसे कहाँ नहीं ले जाती थी ?
(क) जंगल
(ख) गिरिजाघर
(ग) शराबखाने
(घ) इनमें से कहीं नहीं
उत्तर : (ख) गिरिजाघर ।
21. उसकी किस्मत में बस सुनना लिखा था – ‘उसकी’ से कौन संकेतित है ?
(क) जेन
(ख) माँ
(ग) चौकीदार
(घ) सिपाही
उत्तर : (क) जेन ।
22. जेन को अपनी किस लत के लिए बहुत मार खानी पड़ती थी ?
(क) चोरी की लत
(ख) झूठ बोलने की लत
(ग) संगीत की लत
(घ) जंगल जाने की लत
उत्तर : (ग) संगीत की लत।
23. क्या छोड़ना जेन के वश में नहीं था ?
(क) चोरी
(ख) संगीत-प्रेम
(ग) जंगल जाना
(घ) भटकना
उत्तर : (ख) संगीत-प्रेम ।
24. यह उसकी फितरत में था- किसकी फितरत में क्या था ?
(क) जेन का संगीत – प्रेम
(ख) जेन का जंगल – प्रेम
(ग) जेन का शलजम – प्रेम
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) जेन का संगीत – प्रेम।
25. फसलों की कटाई के समय जेन क्या खाकर जीवित रहता था ?
(क) रोटी
(ख) कच्चे शलजम
(ग) भात
(घ) गन्ने
उत्तर : (ख) कच्चे शलजम ।
26. जेन की एक ही चाहत थी –
(क) वह शराबखाने के अंदर जाकर संगीत सुने
(ख) जंगल का संगीत सुने
(ग) किसी तरह एक वायलिन मिल जाए
(घ) पेट भर भोजन मिल जाए
उत्तर : (ग) किसी तरह एक वायलिन मिल जाए।
27. किस चाहत ने बदनसीब जेन की जान ले ली ?
(क) जंगल जाने की चाहत ने
(ख) वायलिन पाने की चाहत ने
(ग) चोरी करने की चाहत ने
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) वायलिन पाने की चाहत ने।
28. फसलों की कटाई के समय जेन क्या करता था ?
(क) फांके
(ख) भर पेट भोजन
(ग) मौज-मस्ती
(घ) इनमें से कुछ नहीं
उत्तर : (क) फांके
29. बंगले का मालिक कौन था ?
(क) जोसेफ
(ख) सीलान्का
(ग) बैरन
(घ) वर्दीधारी सिपाही
उत्तर : (ग) बैरन ।
30. बालक जेन हसरत नहीं निगाहों से किसे निहारता था ?
(क) जंगल की खूबसूरती को
(ख) बंगले के सिपाही को
(ग) चाँद को
(घ) दीवार पर टंगे वायलिन को
उत्तर : (घ) दीवार पर टंगे वायलिन को ।
31. जेन्को किसकी चकाचौंध से बौरा गया ?
(क) वायलिन की आभा से
(ख) चाँद निकल आने से
(ग) जुगनू से
(घ) लताओं की खूबसूरती से
उत्तर : (क) वायलिन की आभा से।
32. जेन्को के सर पर क्या मंडराने लगा ?
(क) बुलबुल
(ख) लताएँ
(ग) ईमानदार कौआ
(घ) मौत
उत्तर : (घ) मौत।
33. ‘नन्हा संगीतकार’ में मोटी बुद्धि वाला पात्र कौन है ?
(क) चौकीदार
(ख) सिपाही
(ग) मकान-मालिक
(घ) पड़ोसी
उत्तर : (घ) पडोसी।
34. किसने बेरहमी से बेंत से जेन की पिटाई की ?
(क) सिपाही ने
(ख) चौकीदार ने
(ग) न्यायाधीश ने
(घ) माँ ने
उत्तर : (ख) चौकीदार ने।
35. बेंत की सजा पाने के कितने दिन बाद जेन्को ने आखिरी साँस ली ?
(क) दो दिन
(ख) तीन दिन
(ग) चार दिन
(घ) पाँच दिन
उत्तर : (ख) तीन दिन ।
36. किस वक्त जेन्को ने आखिरी साँस ली ?
(क) सुबह में
(ख) शाम में
(ग) रात में
(घ) दोपहर में
उत्तर : (ख) शाम में ।
37. जेन्को ने आखिरी बार किस संगीत को सुना ?
(क) जंगल के संगीत को
(ख) बुलबुल के संगीत को
(ग) देहात के संगीत को
(घ) वायलिन के संगीत को
उत्तर : (ग) देहात के संगीत को।
38. मकान-मालिक की बेटी ने किस देश को ‘कलाकारों का देश’ कहा ?
(क) इटली को
(ख) जर्मन को
(ग) फ्रांस को
(घ) रूस को
उत्तर : (क) इटली को ।
39. “वह जोर-जोर से लातें चलाना लगा’ – ‘वह’ से कौन संकेतित है ?
(क) वर्दीधारी सिपाही
(ख) मकान-मालिक
(ग) शिशु जेन
(घ) चौकीदार
उत्तर : (ग) शिशु जेन ।
40. जेन्को ने जब आखिरी साँस ली तब वह कितने वर्ष का था ?
(क) आठ
(ख) दस
(ग) बारह
(घ) चौदह
उत्तर : (ख) दस।
41. जेन्को के संगी-साथी आश्चर्य जताते क्योंकि-
(क) उन्हें शलजम नहीं मिल पाता था
(ख) जेन्को की तरह वे गा नहीं सकते थे
(ग) जेन्को की तरह उन्हें हर चीज में संगीत नहीं सुनाई देता था
(घ) उन्हें जंगली बेर नहीं मिल पाते थे
उत्तर : (घ) उन्हें जंगली बेर नहीं मिल पाते थे।
42. जेन्को की दमकती आँखें कैसी दीखती थीं?
(क) तारे की तरह
(ख) जुगनू की तरह
(ग) शेर की आँखों जैसी
(घ) बिल्ली की आँखों जैसी
उत्तर : (घ) बिल्ली की आँखों जैसी।
43. बंगले का मालिक कहाँ रहता था ?
(क) गाँव में
(ख) शहर में
(ग) इटली में
(घ) इंग्लैण्ड में
उत्तर : (ग) इटली में ।
44. वायलिन का गज जेन्को को कैसा दीख रहा था ?
(क) छड़ी की तरह
(ख) फूल की तरह
(ग) जादू की छड़ी की तरह
(घ) साँप की तरह
उत्तर : (ग) जादू की छड़ी की तरह
45. माँ से पिटाई खाने पर जेन्को क्या वादा करता था ?
(क) अब वह संगीत नहीं सुनेगा
(ख) जंगल में नहीं जाएगा
(ग) वह कड़ी मेहनत करेगा
(घ) वह माँ की मदद करेगा
उत्तर : (क) अब वह संगीत नहीं सुनेगा।
46. माँ किस चीज से जेन को पीटती थी ?
(क) डंडे से
(ख) हाथों से
(ग) कलछी से
(घ) बेलन से
उत्तर : (ग) कलछी से।
47. जेन्को ने अपने लिए क्या बनाया था ?
(क) बाँसुरी
(ख) सारंगी
(ग) ढोलक
(घ) वायलिन
उत्तर : (ख) सारंगी।
48. चौकीदार से जेन्को को बेंत लगाने के लिए किसने कहा ?
(क) बंगले के मालिक ने
(ख) वर्दीघारी सिपाही ने
(ग) न्यायाधीश ने
(घ) जेन्को की माँ ने
उत्तर : (ग) न्यायाधीश ने ।
49. चौकीदार ने किस चीज से जेन्को की पिटाई की ?
(क) डंडे से
(ख) चाबुक से
(ग) लात-घूसों से
(घ) बेंत से
उत्तर : (घ) बेंत से।
50. पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार छत पर किसका बोलना शुभ माना जाता है ?
(क) पपीहे का
(ख) कोयल का
(ग) बुलबुल का
(घ) उल्लू का
उत्तर : (क) पपीहे का।
51. जेन्को किसे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार था ?
(क) बाँसुरी
(ख) ढोल
(ग) वायलिन
(घ) शलजम
उत्तर : (ग) वायलिन ।
52. जेन्को ने अपनी माँ से आखिरी कौन-सा सवाल किया ?
(क) क्या वह फिर से जन्म लेगा
(ख) भगवान मुझे स्वर्ग में असली वायलिन देगा
(ग) न्यायाधीश ने उसे सजा क्यों दी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) भगवान मुझे स्वर्ग में असली वायलिन देगा ।
53. जेन्को खेत में क्या काम करने जाता था ?
(क) फसल काटने
(ख) फसल बोने
(ग) जुताई करने
(घ) सूखी साफ घास काटने
उत्तर : (घ) सूखी साफ घास काटने।
54. गिरिजाघर में किसकी झंकार गूंजती थी ?
(क) घंटियों की
(ख) प्रार्थना की
(ग) वाद्ययंत्रों और घंटियों की
(घ) वायलिन की
उत्तर : (ग) वाद्ययंत्रों और घंटियों की ।
55. कब जेन्को की आँखें धुंधली और नम हो उठती थीं ?
(क) गिरिजाघर में तथा घंटियों वाद्ययंत्रों की झनकार सुनने पर
(ख) निरीक्षक द्वारा पिटाई होने पर
(ग) माँ से मार खाने पर
(घ) बेंत की सजा पाने पर
उत्तर : (क) गिरिजाघर में वाद्ययंत्रों तथा घंटियों की झनकार सुनने पर ।
56. जेन्को कब तक बुत बना शराबखाने के संगीत को सुनता रहता ?
(क) देर रात तक
(ख) सुबह होने तक
(ग) शराबखाना बंद होने तक
(घ) चौकीदार के कहने तक
उत्तर : (घ) चौकीदार के कहने तक।
57. किसकी आँखें हर वक्त चौकन्नी और आँसुओं से भरी रहती ?
(क) जेन्को की
(ख) माँ की
(ग) लुहार की स्त्री की
(घ) पड़ोस की
उत्तर : (क) जेन्को की।
58. जेन्को के हालात की तुलना किससे की गई है ?
(क) पियानो से
(ख) बिल्ली से
(ग) मेढक से
(घ) गरीब सारंगी से
उत्तर : (घ) गरीब सारंगी से।
वस्तुनिष्ठ सह व्याख्यामूलक प्रश्नोत्तर
1. माँ, भगवान मुझे स्वर्ग में असली वायलिन देगा ?
प्रश्न: यहाँ वक्ता कौन है ?
उत्तर : वक्ता नन्हा संगीतकार जेन है।
प्रश्न: इस कथन का संदर्भ एवं भाव लिखिए।
उत्तर : बैत की राजा पाने के बाद बेचारा दुर्बल जेन अपनी आखिरी सांसे गिन रहा था। इस समय भी उसके अंदर से संगीत की चाहत खत्म नहीं हुई थी। वह यह भी जानता था कि इस संसार में वह कुछ ही समय का मेहमान है। वह जल्द ही ईश्वर के पास जाने वाला है। इसलिए जैन अपनी माँ से यह प्रश्न करता है कि क्या भगवान उसे स्वर्ग में असली वायलिन देंगे ?
2. तुम्हारे पास ज्यादा वक्त नहीं है, दूसरी दुनिया में जाने की तैयारी करो।
प्रश्न: वक्ता कौन है?
उत्तर : वक्ता लुहार की पत्नी है।
प्रश्न : पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : जब जेन इस संसार में आया तो वह बहुत ही दुर्बल था। उसे जन्म देनेवाली माँ की हालत भी उससे अच्छी नहीं थी। ऐसा लग रहा था कि दोनों कुछ ही देर के मेहमान है। दोनों की ऐसी स्थिति देखकर पड़ोसन लुहार की पत्नी अपने ही तरीके से जेन की माँ को दिलासा देने लगी। उसने जेन की माँ से कहा कि अब उसके पास ज्यादा समय नहीं है। बस अब इस दुनिया से विदा होने ही वाली है। उसे चाहिए कि वह दूसरी दुनिया में जाने की तैयारी करे।
3. बेहतर होगा कि जल्दी नामकरण हो जाए, वरना इसकी बेनाम आत्मा यहाँ-वहाँ भटकेगी।
प्रश्न : रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रच ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा इसके रचनाकार ‘हेनरिक सेंकेविच’ हैं।
प्रश्न : पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : पड़ोस में रहनेवाली लुहार की पत्नी को यह पूरा-पूरा विश्वास था कि बच्चा और माँ दोनों कुछ ही देर के मेहमान हैं। इसाई धर्म की परंपरा के अनुसार वह नवजात बच्चे का नामकरण उसकी मृत्यु से पहले कर देना चाहती थी। वह ऐसा इसलिए करना चाहती थी कि अगर बेनाम बच्चे की मृत्यु हो गई तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिल पाएगी, वह यहाँ-वहाँ भटकती फिरेगी।
4. तेरा नाम होगा ‘जेन’ ।
प्रश्न : वक्त कौन है ?
उत्तर : वक्ता पड़ोस में रहनेवाली लुहार की पत्नी है।
प्रश्न : वक्ता के कथन का अभिप्राय स्पष्ट करें।
उत्तर : लुहार की पत्नी यह चाहती थी कि नवजात बच्चे की मृत्यु के पहले उसका नामकरण हो जाय ताकि उसकी आत्मा को शांति मिल सके। अगर नामकरण न किया गया तो उसकी आत्मा भटकती फिरेगी। लुहार की पत्नी ने समय को देखते हुए पादरी के आने का भी इंतजार नहीं किया तथा आनन-फानन में उसका नामकरण कर दिया- ‘जेन’।
5. हे इसाई आत्मा ! इन दुनिया से अब विदा ले।
प्रश्न : वक्ता कौन है ?
उत्तर : वक्ता लुहार की पत्नी है।
प्रश्न : वक्ता ऐसा किसके लिए कह रही है और क्यों ?
उत्तर : लुहार की पत्नी ने यह मान लिया था कि जेन अब कुछ ही समय का मेहमान है। इसलिए उसने नामकरण के लिए पादरी का भी इंतजार नहीं दिया तथा उसका नाम ‘जेन’ रखा। नाम रखने के बाद वह उसकी आत्मा से प्रार्थना करती है कि जितनी जल्द हो सके, इस दुनिया से विदा ले तथा वहीं चली जाए जहाँ से वह आई है।
6. उसके बाद शिशु की हालत सुधरने लगी।
अथवा
7. पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार यह एक शुभ शकुन माना जाता है।
प्रश्न : रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार का नाम हेनरिक सेंकेविच है।
प्रश्न : पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : जेन जब चार वर्ष का हो गया तब एक दिन उसकी कुटिया के छत पर पपीहे ने तीन बार कुहु कुहु की तान छेड़ी। तब से उसकी हालत दिन-प्रतिदिन सुधरने लगी। ऐसा होने के पीछे पपीहे का छत पर बोलना था क्योंकि पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार ऐसा होना शुभ लक्षण है।
8. उन आँखों में सदैव एक ख्वाब अँगड़ाई लेता रहता था।
प्रश्न : रचना का नाम लिखें।
उत्तर : रचना का नाम ‘नन्हा संगीतकार’ है।
प्रश्न : किसी आँखों में कौन-सा ख्वाब अँगड़ाई लेता रहता था ?
उत्तर : जेन की आँखों में वह ख्वाब अँगड़ाई लेता रहता था जो दूसरों की समझ से परे था।
जेन की आँखों में प्रकृति की सुंदरता, प्रकृति के संगीत को अनुभव करने की असाधारण शक्ति थी। शायद उसकी आँखें यह ख्वाब देखती हो कि एक दिन वह भी अपनी उंगलियों को साज पर छेड़कर उस प्राकृतिक संगीत को पैदा कर सकेगा।
9. बेचारी माँ क्या करती ?
प्रश्न : रचना का नाम लिखें।
उत्तर : रचना का नाम है – ‘नन्हा संगीतकार’ ।
प्रश्न : यहाँ किसकी माँ की किस बेचारगी के बारे में कहा जा रहा है ?
उत्तर : जब जेन के पास जाड़े से बचने के लिए कुछ नहीं होता या जोरों की भूख लगी होती तो वह बिलखने लगता था क्योंकि न तो उसके पास गर्म कपड़े थे और न ही भोजन। गरमी के दिनों में भी उसकी हालत कुछ अच्छी नहीं रहती थी। भोजन की तलाश में उसकी आँखें किसी पक्षी की तरह यहाँ-वहाँ भटकती रहती। जेन की यह स्थिति माँ से नहीं देखी जाती थी किन्तु वह अपनी स्थिति से लाचार थी। वह बेचारी जेन के लिए चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती थी।
10. खुदा का शुक्र था कि ऐसी दिलेरी के वक्त किसी भेड़िये ने उसे अपना शिकार नहीं बनाया था।
प्रश्न : प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से ली गई है ?
उत्तर : प्रस्तुत पंक्ति हेनरिक सेंकेविच की कहानी ‘नन्हा संगीतकार’ से ली गई है।
प्रश्न : पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : जेन जब आठ वर्ष का हो गया तो उसने अपनी देखभाल खुद करना शुरू किया। जब घर में खाने के लिए कुछ नहीं होता था तो वह मशरूम की खोज में जंगल में चला जाता था। जंगल में जंगली जानवर विशेषकर भेड़िये से उसकी जान को बहुत खतरा था। अकेला तथा दुर्बल होने के कारण वह असानी से किसी भेड़िये का भोजन बन सकता था। लेकिन यह खुदा की मेहरबानी ही थी कि वह किसी भेड़िए का शिकार नहीं बना।
11. उसमें एक अनोखी खूबी थी।
प्रश्न : रचना का नाम लिखें।
उत्तर : रचना का नाम ‘नन्हा संगीतकार’ है।
प्रश्न : पंक्ति में निहित आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : जेन में ईश्वर ने एक ऐसी खूबी दी थी जो दूसरों में नहीं था। संगीत-प्रेम उसका जुनून था। प्रकृति की हर आवाज में उसे संगीत सुनाई देता था। यहाँ तक कि हवा की सरसराहट और पत्तियों की कंपकंपाहट में भी उसे संगीत सुनाई देता था। जब वह जंगल में भेड़-बकरियाँ चराने जाता या जंगली-बेर चुनने तो भी वहाँ के संगीत में वह पूरी तरह डूब जाता और कई बार खाली हाथ ही घर लौट आता।
12. यह मुहब्बत ही उसका जुनून था।
प्रश्न : रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा इसके रचनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न : यहाँ किसके किस मुहब्बत के जुनून के बारे में कहा गया है ?
उत्तर : संगीत के प्रति बेइंतहा प्रेम ही जेन का जुनून थी। प्रकृति की हर आवाज़ में उसे संगीत ही सुनाई देता था। यह खूबी केवल जेन में ही थी क्योंकि दूसरे बच्चों को यह संगीत कहीं नहीं सुनाई देता था। जहाँ कहीं भी संगीत सुनाई देता जेन उसमें पूरी तरह डूब जाता था। चाहे वह शराबखाने में बजनेवाला संगीत हो या फिर फसल कटने या शादी-ब्याह के मौके पर बजाया जाने वाला संगीत हो ।
13. हर किस्म की आवाज में उसे संगीत सुनाई देता।
प्रश्न : रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार पोलैंड के हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न : किसकी आवाज में किसे संगीत सुनाई देता था ?
उत्तर : प्रकृति की हर आवाज़ में जेन (जेन्को) को संगीत सुनाई देता था। काम के समय भी वह खेतों में हवा की सरसराहट में खो जाता था। देहात की हर एक आवाज़ में उसे संगीत सुनाई देता था। यहाँ तक कि मेढ़क की टर्राहट, चारागाहों के कुक्कुर के चीत्कार और मुर्गे की बाँग में भी उसे संगीत सुनाई देता था।
14. चल हट बंदर कहीं का।
प्रश्न : रचना का नाम लिखें।
उत्तर : रचना का नाम ‘नन्हा संगीतकार’ है।
प्रश्न : वक्ता कौन है ? वह किसे बंदर कह रहा है और क्यों ?
उत्तर : वक्ता जेन की माँ है ।
वह जेन को बंदर कह रही है क्योंकि वह जंगल से भी खाली हाथ लौटकर माँ को वहाँ के संगीत के बारे में ही सुनाता था। यह सुनकर माँ अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाती थी तथा कलछी से उसकी पिटाई कर डालती थी। इसी क्रम में वह जेन को डाँटती हुई कहती थी – “चल हट बंदर कहीं का। अब मैं तेरा बाजा बजाऊँगी, न काम का, न काज का।”
15. उसका मन तो जंगल में ही बसता था।
प्रश्न : यहाँ किसके मन के बारे में कहा जा रहा है ?
उत्तर : यहाँ जेन के मन के बारे में कहा जा रहा है।
प्रश्न : पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : जेन पूरी तरह संगीत के प्रति समर्पित था। जंगल से खाली हाथ लौटने पर माँ कलछी से उसकी पिटाई करती थी। पिटाई के समय वह दुबारा संगीत न सुनने तथा संगीत के बारे में कोई बात न करने की कसम खाता था, लेकिन फिर उसका हाल वही हो जाता था। जंगल का संगीत उसे अपनी ओर खींचता और वह खिंचता चला जाता। कारण तो केवल एक ही था कि उसका मन जंगल में ही बसता था।
16. आखिरकार पड़ोसियों ने उसका नाम ही रख दिया संगीतकार जेन्को ।
प्रश्न : रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा इसके रचनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न : पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : जेन जब खेत पर काम करने जाता था तो काम करने की बजाय हवा की सरसराहट में खो जाता था। निरीक्षक जब उसे संगीत में खोया देखता तो उसे दो-तीन छड़ी जमा देता। छड़ी खाकर भी वह संगीत की दुनिया से बाहर नहीं निकल पाता। कोई भी उपाय उसे संगीत से अलग नहीं कर सकता था। उसके इसी गुण के कारण पड़ोसियों ने जेन का नामकरण ही ‘संगीतकार जेन्को’ कर डाला।
17. गनीमत थी कि माँ उसे गिरजाघर नहीं ले जाती थी।
प्रश्न : रचना का नाम लिखें।
उत्तर : रचना का नाम है – ‘नन्हा संगीतकार’ ।
प्रश्न : माँ किसे गिरजाघर नहीं ले जाती थी और क्यों ?
उत्तर : माँ जेन को गिरजाघर नहीं ले जाती थी।
जब जेन गिरजाघर जाता था तो वहाँ के वाद्ययंत्रों तथा घंटियों की झनकार सुनकर उसकी आँखें धुंधली और नम हो उठती थी। उसकी आँखें ऐसे चमकने लगती थी मानो वह किसी दूसरी दुनिया की रोशनी से आभायुक्त हो उठी हों। जेन की माँ उसे संगीत और इसके प्रभाव से दूर ही रखना चाहती थी, इसीलिए वह जेन को गिरजाघर नहीं ले जाती थी।
18. हालाँकि वह बालक कभी-कभी शराबखाने तक चला जाता था।
प्रश्न : ‘वह बालक’ कौन था ?
उत्तर : ‘वह बालक’ जेन था।
प्रश्न : आखिरकार वह वहाँ क्यों जाता था ?
उत्तर : संगीत सुनने की चाहत जेन को शराबखाने तक खींच ले जाती थी। हालाँकि वह शराबखाने के अंदर नहीं जाता था, बाहर दीवार से सटकर ही बैठ जाता था तथा अंदर से वायलिन की धुन, थिरकते पैरों की थाप और मस्ती भरे स्वरों का आनंद उठाता था। कभी-कभी तो रात हो जाने पर चौकीदार के कहने पर ही वह वहाँ से घर के लिए रवाना होता था।
19. उसकी किस्मत में तो बस सुनना ही लिखा था ।
प्रश्न : यहाँ किसकी किस्मत के बारे में कहा गया है?
उत्तर : यहाँ जेन की किस्मत के बारे में कहा गया है।
प्रश्न : उसकी किस्मत में क्या सुनना लिखा था ?
उत्तर : जेन संगीत का आनंद उठाने के लिए शराबखाने के बाहर दीवार से सटकर बैठ जाता था। अंदर से आती थिरकते पैरों की थाप, मस्ती भरी आवाज, पियानो तथा वायलिन की मधुर ध्वनि से उसे असीम आनंद की प्राप्ति होती थी। मधुर धुन वाले वायलिन को पाने के लिए उसका मन लालायित रहता था लेकिन उसकी किस्मत में केवल सुनना ही लिखा था न कि बजाना।
20. चलो, अब जाओ, सोने का वक्त हो गया है।
प्रश्न : वक्ता कौन है ?
उत्तर : वक्ता चौकीदार है।
प्रश्न : पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : शराबखाने के अंदर से आती हुई पियानो तथा वायलिन की ध्वनि का आनंद उठाने के लिए जेन शराबखाने की बाहरी दीवार से सटकर घंटों बैठा रहता था जब तक कि दूर से अंधेरे को चीरती चौकीदार की यह आवाज उसे सुनाई नहीं पड़ती – “चलो, अब जाओ, सोने का वक्त हो गया है।” चौकीदार की यह आवाज सुनने के बाद ही वह अपनी कुटिया की ओर दौड़ पड़ता था।
21. यह उसकी फितरत में था।
प्रश्न : रचना का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है।
प्रश्न : यहाँ किसकी किस फितरत के बारे में कहा गया है ?
उत्तर : यहाँ जेन के संगीत-प्रेम के फितरत के बारे में कहा गया है। जब जेन कहीं से वायलिन नहीं पा सका तो उसने काठ के एक टुकड़े से अपने लिए वायलिन ही बना डाला। उसमें उसने तार की जगह घोड़े के बाल का इस्तेमाल किया। उस वायलिन से मक्खी की तरह भिन-भिन आवाज निकलती थी। सुबह उठकर देर तक उसे बजाता रहता था तथा इस आदत के लिए उसे माँ से मार भी खानी पड़ती थी। फिर भी वह अपने संगीत प्रेम को नहीं छोड़ पाता था क्योकि यह संगीत-प्रेम तो जेन की फितरत में था। इसे छोड़ पाना उसके वश में नहीं था।
22. मगर अफसोस, उसकी इस चाहत ने उस बदनसीब की जान ही ले ली।
प्रश्न : प्रस्तुत अंश कहाँ से लिया गया है ?
उत्तर : प्रस्तुत अंश हेनरी सेंकविच की कहानी ‘नन्हा संगीतकार’ से ली गयी है।
प्रश्न : किसकी किस चाहत ने किस बदनसीब की जान ले ली ?
उत्तर : वायलिन पाने की चाहत ने बदनसीब जेन की जान ले ली।
जेन बंगले के सिपाही के वायलिन को केवल स्पर्श और महसूस करना चाहता था। लेकिन सिपाही को ऐसा लगा कि वह वायलिन चुराने आया था। इसी जुर्म में मजिस्ट्रेट ने उसे बेतों से मार की सजा सुनाई। जेन इतना कमजोर था कि बेतों की सजा नहीं सह पाया। बेतों की सजा पाने के तीसरे दिन ही वह वायलिन की चाहत लिए हुए दुनिया से चल बसा।
23. बालक हसरत भरी निगाहों से उसे निहारता।
अथवा
24. ऐसे वक्त उसकी समूची आत्मा आँखों में उतर आती।
प्रश्न: रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा रचनाकार हेनरी सेंकेविच हैं।
प्रश्न : पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : बंगले के सिपाही का वायलिन दीवार पर दरवाजे के सामने टंगा रहता था। जेन उस वायलिन को एक बार अपनी उंगलियों से स्पर्श कर लेने भर की हसरत भरी निगाहों से निहारता रहता। जब वह वायलिन को निहारता था तो ऐसे समय में मानों उसकी समूची आत्मा उसकी आँखों में उतर आता था क्योंकि यह वायलिन जेन के लिए दुनिया की सबसे कीमती चीज थी।
25. वाह ! कितना खूबसूरत है एकदम जादुई !
प्रश्न : रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न : पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : एक दिन बंगले में कोई नहीं था। दीवार पर टंगी वायलिन पर चाँद की रोशनी अपनी पूरी सुंदरता के साथ पड़ रही थी। ऐसे समय में वायलिन की आभा उसे अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। चंद्रमा की आभा से युक्त वायलिन का जादुई प्रभाव मानों क्षण प्रतिक्षण उसे अपने आगोश में लेता जा रहा था।
26. झुरमुट में वह एक जंगली जीव की भांति दिख रहा था ।
प्रश्न : ‘वह’ से कौन संकेतित है ?
उत्तर : ‘वह’ से जेन संकेतित है।
प्रश्न : पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : सुनसान बंगले में चाँदनी रात्रि में जेन उस वायलिन को छूना और अनुभव करना चाहता था। वह असमंजस में पड़ा था कि ऐसा करे या न करे। वायलिन की चाहत उसे आगे बढ़ने के लिए लगातार उकसा रही थी। वह झुरमुट में छिपा हुआ मौके की तलाश में था। इस समय झुरमुटों के बीच छिपा हुआ जेन एक जंगली जीव की तरह दिख रहा था मानो वह शिकार पर अपनी नज़रें गड़ाए बैठा हो ।
27. यूँ भी बच्चों के साथ इतना बेरहम नहीं हुआ जा सकता।
प्रश्न : प्रस्तुत अंश का वक्ता कौन है ?
उत्तर : प्रस्तुत अंश का वक्ता न्यायाधीश है।
प्रश्न : पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : न्यायाधीश अपने सामने खड़े दस वर्षीय, दुर्बल, गंदा तथा चोटों से भरे जेन को देख रहा था। न्यायाधीश होने के नाते उसे जेन को कोई न कोई सजा सुनानी ही थी क्योंकि वह चोरी के जुर्म पकड़ा गया था। मगर वह इतने छोटे बच्चे के साथ बेरहमी के साथ भी पेश नहीं आ सकता था। इसीलिए न्यायाधीश अपने मन में सोच रहा था कि इस बच्चे को कौन-सी सजा दी जाय जो उसके लिए ज्यादा भी नहीं हो तथा उसे चोरी न करने का भी सबक मिल जाए।
28. तीसरे रोज उसने आखिरी सांस ली।
प्रश्न : रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा रचनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न : पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : वायलिन की चोरी के जुर्म में न्यायाधीश ने न चाहते भी जेन को बेतों की सजा सुनाई। लेकिन जेन इतना दुर्बल था कि वह इस सजा को भी नहीं सह पाया। कठोर, निर्दय चौकीदार ने बड़ी बेरहमी से जेन को बेतों से पीटा था। सजा पाने के बाद उसकी हालत इतनी बिगड़ गयी उसकी कि माँ उसे अपनी गोद में उठाकर घर ले गयी। सजा पाने के तीसरे ही दिन जेन से इस निर्दयी संसार से हमेशा के लिए विदा ले लिया।
29. जेन्को ने आखिरी मर्तबा देहात के संगीत को सुना।
प्रश्न : रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न : पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : बेंत की सजा पाने के बाद दुर्बल जेन की हालत इतनी बिगड़ गई कि उसने तीसरे दिन ही इस दुनिया से विदा से ली। जब वह अपनी आखिरी सांसें गिन रहा था तब उसने आखिरी बार देहात के संगीत को सुना। यह शाम का समय था तथा खेतों में काम करने वाली युवतियाँ काम के बाद गाते हुए अपने-अपने घरों को लौट रही थीं। पास से ही बहती नदी की कलकल की आवाजें भी सुनाई दे रही थी।
30. इटली वाकई कितना दिलकश देश है ?
अथवा
31. कलाकारों का देश है।
अथवा
32. वाकई उनकी कला को देखने और उसे प्रोत्साहित करने में कितना आनंद मिलता है।
अथवा
33. जेन्को की कब्र पर कितने ही कीड़े-मकोड़े भिनभिना रहे थे।
प्रश्न : रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा इसके रचनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न : पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने हमें एक बहुत बड़ा संदेश देना चाहा है कि हम प्रतिष्ठित कलाकार की तो सराहना करते हैं लेकिन जिनमें कलाकार होने की प्रतिभा है, उसकी कद्र नहीं करते। कद्र करना तो दूर हम उनकी उपेक्षा करते हैं, उनका उपहास उड़ाते हैं तथा उसे प्रताड़ित करने से भी बाज नहीं आते। जेन के साथ भी ऐसा ही हुआ। अगर लोगों ने उसकी छिपी प्रतिभा को पहचाना होता तो शायद वह बहुत बड़ा संगीतकार हो सकता था। लेकिन लोगों ने उसकी प्रतिभा को खिलने से पहले ही कुचलकर रख दिया। इतना ही नहीं, संगीत प्रेम के कारण उसे अपनी जान भी गंवानी पड़ी।
34. जब वह इस दुनिया में आया तो बेहद कमजोर और दुर्बल था।
प्रश्न : यह पंक्ति किस पाठ से उद्धृत है ?
उत्तर : प्रस्तुत पंक्ति ‘नन्हा संगीतकार’ पाठ से उद्धृत है।
प्रश्न : पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : जब जेन पैदा हुआ तो वह इतना कमजोर था कि पड़ोस में किसी को भी उसके बचने की उम्मीद नहीं थी। उसे देखकर वे अफसोस जाहिर करने लगे कि यह कुछ ही घंटे का मेहमान है। केवल इतना ही नहीं, उसे जन्म देने वाली माँ के बारे में भी पड़ोसियों का यही ख्याल था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न – 1 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी का सारांश लिखते हुए उसके शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालें।
अथवा
प्रश्न – 2 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी का मूल भाव लिखते हुए उसके उद्देश्य पर प्रकाश डालें।
अथवा
प्रश्न – 3 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी की मार्मिकता को अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
प्रश्न – 4 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी की भूल संवेदना पर अपना विचार लिखें।
अथवा
प्रश्न- 5 : ‘नन्हा संगीतकार’ पाठ में निहित संदेश को लिखें।
अथवा
प्रश्न – 6 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी में व्यक्त लेखक के संदेश को लिखें।
अथवा
प्रश्न – 7: बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को पहचानना, विकसित होने का अवसर देना तथा सराहना करना आवश्यक है – के आधार पर ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी की समीक्षा करें।
अथवा
प्रश्न – 8 : बच्चों की प्रतिभा प्रतिकूल परिस्थिति में असमय ही कुम्हला जाती है – ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी के आधार पर प्रकाश डालें।
अथवा
प्रश्न- 9: ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी हमें क्या कुछ सोचने को मजबूर करती है ?
अथवा
प्रश्न – 10 : ‘नन्हा संगीतकार’ भावी प्रतिभाओं की उपेक्षा से उपजी कहानी है – अपने विचार व्यक्त करें।
उत्तर : ‘नन्हा संगीतकार’ पोलैंड के नोबेल पुरस्कार प्राप्त रचनाकार हेनरिक सेंकेविच की एक हृदयस्पर्शी कहानी है। इस कहानी का नायक जेन नामक एक बालक है, जिसे अपने संगीत प्रेम के कारण मात्र दस वर्ष की आयु में ही अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
जेन जब पैदा हुआ तो इतना दुर्बल था कि पड़ोस के लोगों ने यह तय कर लिया कि यह कुछ ही देर का मेहमान है। पड़ोस में रहने वाले लुहार की स्त्री ने आनन-फानन में उसका नामकरण जेन कर दिया ताकि उस बेनाम आत्मा को भटकना न पड़े। लेकिन जेन जिंदा रहा। चार वर्ष का होने पर उसकी कुटिया के छत पर एक पपीहे ने कुहु-कुहु की तान छेड़ी और उसके बाद जेन की हालत सुधरने लगी। पोलिश लोक-कथा के अनुसार यह एक शुभ शकुन था।
जेन जैसे-जैसे बड़ा होता गया, उसका संगीत के प्रति प्रेम भी बढ़ता ही गया। प्रकृति की हर चीज में उसे संगीत ही सुनाई पड़ता था। अपनी इस प्रवृत्ति के कारण उसे माँ से मार भी खानी पड़ती थी। वायलिन की मधुर आवाज उसे अपनी ओर विशेष आकर्षित करती थी। अभाव-ग्रस्त जीवन में भी उसका यह संगीत-प्रेम क्रमश: कम होने ही बजाय बढ़ता ही गया। अक्सर वह वायलिन की मधुर धुन सुनने के लिए देर रात तक शराबखाने की बाहरी दीवार से सटकर बैठा रहता था।
जेन के घर के पास ही एक बंगले में वर्दीधारी सिपाही के पास एक वायलिन थी। अक्सर वह अपनी प्रेमिका या नौकरों को खुश करने के लिए उसे बजाया करता था। एक दिन जेन अकेले में दीवार से टंगे वायलिन को छूने तथा महसूस करने की कोशिश की। तभी सिपाही आ पहुँचा तथा चोरी के जुर्म में उसकी पिटाई कर न्यायाधीश के सामने पेश किया। न्यायाधीश ने उसकी उम्र तथा दुर्बलता पर दया दिखाते हुए बेंत की सजा सुनाई। लेकिन ज़ेन इतना दुर्बल था कि इस सजा को नहीं सह पाया और तीसरे दिन ही इस दुनिया से चल बसा।
दूसरी ओर बंगले के परिवार वाले इटली से लौट कर प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि वाकई इटली कलाकारों का देश है। उनकी कला दर्शनीय और प्रोत्साहित करने योग्य हैं। लेकिन अपने ही स्थान के जेन की मृत्यु से सर्वथा अनभिज्ञ हैं कि उन लोगों के कारण ही असमय एक कलाकार की मृत्यु हो गई।
कहानी का अंत यह संदेश देता है कि हम स्थापित हो चुके, प्रसिद्धि पा चुके कलाकार की तो प्रशंसा करते हैं लेकिन जिनके अंदर कलाकार बनने की प्रतिभा है, उसकी कद्र नहीं करते। कद्र करना तो दूर उलटे हम उसकी उपेक्षा करते हैं जिसके कारण ऐसी प्रतिभाएं खिलने से पहले ही मुरझा जाती हैं। यही बताना लेखक का उद्देश्य है। उद्देश्य तथा कथावस्तु के आधार पर इसका शीर्षक ‘नन्हा संगीतकार’ सर्वथा उपयुक्त है तथा लेखक को अपने उद्देश्य में पूरी-पूरी सफलता मिली है।
प्रश्न – 11 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी के आधार पर जेन का चरित्र-चत्रिण करें।
अथवा
प्रश्न – 12 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण करें। [M. P.2018]
अथवा
प्रश्न- 13 : बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को न पहचानने, उन्हें विकसित होने के लिए अनुकूल अवसर न मिलने पर असमय ही ऐसी प्रतिभाएँ कुम्हला जाती हैं – के आधार पर जेन का चरित्र-चत्रिण करें।
अथवा
प्रश्न – 14 : ‘नन्हा संगीतकार’ के जिस पात्र ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया है उसका चरित्र-चत्रिण करें।
प्रश्न – 15 : ‘नन्हा संगीतकार’ के जेन की चारित्रिक विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखें।
अथवा.
प्रश्न – 16 : ‘नन्हा संगीतकार’ के जेन की कहानी भावी प्रतिभाओं की उपेक्षा से अपनी कहानी है – के आधार पर जेन का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर : ‘नन्हा संगीतकार’ हेनरिक सेंकेविच की एक हृदयस्पर्शी कहानी है। जैसा कि कहानी के शीर्षक से ही पता चलता है कि नन्हा संगीतकार, अर्थात् जेन ही इस कहानी का नायक है। उसके जन्म के साथ ही इस कहानी का जन्म होता है और उसकी मृत्यु के साथ ही कहानी का अंत भी हो जाता है।
जेन की चारित्रिक विशेषताओं को निम्नांकित शीर्षकों के अंतर्गत देखा जा सकता है-
- अत्यंत दुर्बल : जेन जन्म से ही अत्यंत दुर्बल था। इतना दुर्बल कि उसे देखते ही आस-पड़ोस की स्त्रियों को यह विश्वास हो गया कि यह कुछ ही घंटे का मेहमान है। इसीलिए एक पड़ोसन लुहार की स्त्री ने पादरी का इंतजार न कर उसका नामकरण भी कर दिया ताकि मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को भटकना न पड़े।
- अनाकर्षक व्यक्तित्व : अत्यंत दुर्बल होने के कारण जेन का व्यक्तित्व जरा-सा भी आकर्षक नहीं था – झुकी देह और पिचके गाल। बाल धूसर रंग के थे और हमेशा उसकी चमकदार आँखों पर गिरे रहते। उसकी आँखें ऐसी थीं मानों वह दूर कहीं खोई हुई हों।
- भूख से संघर्ष : जेन का संघर्ष सबसे अधिक भूख से था क्योंकि उसके पिता नहीं थे और माँ किसी तरह घर का बोझ उठा पाती थी। जब घर में खाने को कुछ नहीं होता तो वह भूख से बिलखने लगता। जब वह आठ वर्ष का हो गया तब अपनी भूख मिटाने के लिए मशरूम की खोज में जंगल जाना शुरू कर दिया।
फसलों की कटाई के समय उसे अक्सर भूखा ही रहना पड़ता था। थोड़े बहुत कच्चे शलजम खाकर वह अपने-आपको जीवित रखता था।
- संगीत का दीवाना : होश संभालने के समय से ही जेन संगीत का दीवाना हो गया था। प्रकृति की एक-एक आवाज में उसे संगीत सुनाई देता था। वायलिन की धुन उसे विशेष रूप से अपनी ओर आकर्षित करती थी। शराबखाने के अंदर से आती वायलिन की मधुर ध्वनि सुनने के लिए वह घंटों शराबखाने की दीवार से चिपक कर बैठा रहता था।
- जिंदगी की निर्ममता से अनभिज्ञ : जेन इस बात से बिल्कुल अनभिज्ञ था कि यह जिंदगी कितनी निर्ममता से भरी है। यही कारण था कि वह माँ की मदद करने की बजाय या अन्य लड़कों की तरह कुछ काम करने की बजाय संगीत की दुनिया में ही खोया रहता था।
- प्रतिभावान : जेन की प्रतिभा का इसी से पता चलता है कि जब वह वायलिन प्राप्त करने में असफल रहा तो उसने लकड़ी के एक टुकड़े से अपने लिए एक वायलिन बना ली। हलांकि इसकी आवाज बहुत धीमी था तथा इसकी आवाज भी उतनी मधुर न थी।
- बदनसीब : यह जेन की बदनसीबी ही कही जाएगी कि केवल वायलिन को छूने, उसके स्पर्श को महसूस करने की चाहत ने उसे चोरी के जुर्म में फंसा दिया। सजा के तौर पर बेंत की मार न सह पाने से ही वह इस दुनिया से चल बसा। संगीत का जुनून ने उसे मौत के मुँह में पहुँचा दिया।
- उपेक्षा का शिकार : जेन समाज की उपेक्षा का शिकार होकर ही मर जाता है। यदि लोगों ने, वर्दीधारी सिपाही ने तथा न्यायाधीश ने जेन की वास्तविकता को समझा होता तो वह मारा नहीं जाता। यह समाज की कैसी मानसिकता है कि वह प्रतिष्ठित कलाकरों का तो सम्मान करता है लेकिन छुपी हुई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित न कर उसकी उपेक्षा करता है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जेन के अंदर छिपी प्रतिभा को अगर समाज ने पहचाना होता है तो वह असमय ही मौत की नींद न सोता। उसका चरित्र हमें इस बात की सीख देता है कि जब तक बच्चों के अन्दर छिपी प्रतिभा को विकसित, प्रोत्साहित नहीं करेंगे – वे ऐसे ही असमय कुम्हलाते रहेंगे।