WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 4 मुनष्य और सर्प
WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 4 मुनष्य और सर्प
West Bengal Board 10th Class Hindi Solutions Chapter 4 मुनष्य और सर्प
West Bengal Board 10th Hindi Solutions
कवि-परिचय
अपने युग के सच्चे प्रतिनिधि कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म 30 सितम्बर, 1908 ई० को बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में हुआ था। पिता श्री रवि सिंह तथा माता श्रीमती मनरूप देवी थीं। प्रारंभिक शिक्षा गाँव के पाठशाला में ही हुई। मैट्रिक की परीक्षा मोकामा घाट के रेलवे हाई-स्कूल से पास की। हिंदी में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने से ‘भूदेव स्वर्ण पदक’ से सम्मानित किए गए। सन् 1932 में पटना विश्वविद्यालय से बी० ए० आनर्स करने के बाद अध्यापक की नौकरी शुरू की। सन् 1934 में ये सीतामढ़ी में ‘सब रजिस्ट्रार’ बन गए। सन् 1950 में लंगट सिंह कॉलेज के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किए गए। ये राज्य सभा के सदस्य तथा भागलपुर विश्वविद्यालय (तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय) के उपकुलपति भी रहे। इनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए भारत सरकार की ओर से इन्हें ‘पदमभूषण’ से सम्मानित किया गया। 24 अप्रैल 1974 को इनका देहांत हो गया।
दिनकर जी की समस्त रचनाएँ निम्नलिखित हैं-
काव्य : ‘रेणुका’, ‘हुंकार’, ‘द्वन्द्वगीत’, ‘रसवंती’, ‘सामधेनी’, ‘कुरूक्षेत्र’, ‘बापू’, ‘धूप और धुंआ’, ‘रश्मिरथी’, ‘नील-कुसुम’, ‘नये सुभाषित’, ‘उर्वशी’, ‘परशुराम की प्रतीक्षा’, ‘चक्रवाल’, हारे को हरिनाम’, ‘संचयिता’ तथा रश्मिलोक’ दिनकर जी की प्रमुख काव्य कृतियाँ हैं।
गद्य रचनाएँ : मिट्टी की ओर, अर्द्धनारीश्वर, ‘भारतीय संस्कृति के चार अध्याय’, ‘शुद्ध कविता की खोज’, ‘रेती के फूल’, ‘उजली आग’, ‘काव्य की भूमिका’, ‘प्रसाद, पंत और मैथिली शरण गुप्त’, ‘लोकदेव नेहरू’ तथा ‘हे राम’ इनके गद्य ग्रंथ हैं। ‘संस्कृति के चार अध्याय’ में दिनकर ने भारतीय संस्कृति का विस्तृत विवेचन किया है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न – 1 : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता का मूल भाव अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
प्रश्न – 2 : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता का सारांश लिखें।
अथवा
प्रश्न – 3 : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता के आधार पर कर्ण और अश्वसेन का संवाद अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
प्रश्न – 4 : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता में निहित संदेश तथा उदेश्य को लिखें।
अथवा
प्रश्न – 5 : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता के आधार पर बताएँ कि अश्वसेन ने कर्ण से क्या निवेदन किया? कर्ण ने उसके निवेदन को अस्वीकार क्यों कर दिया ?
अथवा
प्रश्न – 6 : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता के उद्देश्य को लिखें।
अथवा
प्रश्न – 7 : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता के आधार पर कवि के व्यक्त विचारों को लिखें।
अथवा
प्रश्न – 8 : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता के द्वारा कवि ने हमें क्या संदेश देना चाहा है ?
उत्तर : महाभारत-युद्ध में कर्ण का चरित्र सामरिक (युद्ध) महत्व से अधिक सामाजिक शक्ति, निष्ठा तथा मानवतावाद की ओर संकेत करता है। कर्ण महाभारत युद्ध में दुर्योधन की ओर से लड़ा लेकिन उसने युद्ध में कभी भी अनीति का सहारा नहीं लिया। अगर वह चाहता तो अर्जुन का नाश करने के लिए अश्वसेन सर्प का उपयोग कर लेता। कर्ण मानव जाति का प्रतीक था इसलिए साँपों से मिलकर लड़ने को वह नीचता समझता था। कर्ण के इसी मानवतावादी चरित्र को दिनकर ने ‘मनुष्य और सर्प’ कविता में उभारा है।
कुरूक्षेत्र में महाभारत का युद्ध लड़ा जा रहा है। चारों ओर की जन-धन की अपार हानि देखकर ऐसा लगता है मानो धरती का सुहाग जल रहा हो। यह मनुष्य के अंदर की वह कुटिलता रूपी आग ही है जो कुरूक्षेत्र में खुलकर अपना खेल खेल रही है। इस आग की लपट से कोई नहीं बच पाया।
महाभारत युद्ध की भयंकरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घोड़े तथा हाथियों के माँस के लोथड़े पर सैनिकों के अंग कट-कट कर गिर रहे हैं। युद्ध में भाग लेनेवाले घोड़े-हाथियों के खून में तथा सैनिकों के खून में कोई अंतर नहीं रह गया है। दोनों के रक्त मिलकर एक हो गए हैं।
तेज गति से, पर्वत के समान सुधड़ लेकिन रक्त-रंजित शरीर लेकर युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन के साथ कर्ण युद्ध कर रहे हैं। क्षण-क्षण भर बाद उनके गरजने का गंभीर स्वर सुनाई पड़ता है।
कौरव और पाण्डव दोनों ही युद्ध की कला में पारंगत हैं। दोनों के बल समान हैं। दोनों ही हर प्रकार से समर्थ हैं। दोनों के ही निशाने अचूक हैं लेकिन बाण की वर्षा व्यर्थ ही सिद्ध हो रही है।
कर्ण ने बाण के लिए अपना तरकस ज्योंहि देखा उसकी तरकस में एक भयंकर विषधर साँप फुफकार रहा था। यह देखकर वह आश्चर्यचकित रह गया।
तरकस में छिपे सर्प ने अपना परिचय देते हुए कर्ण से कहा कि वह सर्पों का राजा है। वह जन्म से ही अर्जुन का परम शत्रु है लेकिन कर्ण का हर प्रकार से हित चाहने वाला है।
पांडवों द्वारा खाण्डव वन में आग लगा दिए जाने पर अश्वसेन की सर्पमाता उसमें जल मरी थी। अश्वसेन उसी का बदला लेना चाहता था। इसलिए वह कर्ण से कहता है कि वह एक बार कृपा करे। उसे अपने बाण पर चढ़ा अपने लक्ष्य तक पहुँचने दे। जब वह अपने शत्रु तक पहुँच जाएगा तो अपने विष से उसे मृत्युरूपी रथ पर सवार कर देगा।
वह अपने जीवन-भर का संचित विष उसके शरीर में उतार देगा। इस प्रकार उसका प्रतिरोध पूरा हो जाएगा।
अश्वसेन कर्ण के द्वारा बाण के माध्यम से अपने शत्रु तक पहुँचाने की बात पर कर्ण कहता है कि यह उसकी कुटिलता है। भला ऐसी बात कहने योग्य है? मनुष्य की विजय का साधन तो उसके अपने बाहुबल पर है।
कर्ण अश्वसेन का अनुरोध सुनकर कहता है कि यह संभव नहीं है कि वह मनुष्य होकर मनुष्य से युद्ध करने के लिए किसी सर्प का सहारा ले। उसने जीवन भर मानव-धर्म के प्रति निष्ठा पाल रखा है। ऐसा करना उसके आचरण के विरूद्ध होगा।
कर्ण अश्वसेन को नम्रतापूर्वक मना करते हुए कहता है कि यह सही है कि तुम्हारी सहायता से युद्ध में अनायास ही मुझे सफलता मिल जाएगी। लेकिन यह भी सोचो कि आने वाली मानवता को भला मैं क्या मुँह दिखलाऊँगा ?
युद्ध में तुम्हारी सहायता से विजय प्राप्त करने पर सारी दुनिया यही कहेगी कि कर्ण ने अपने सारेकुकर्मों पर राख डाल दिया। उस पापी ने अपने शत्रु से बदला लेने के लिए एक सर्प की सहायता ली।
तुम्हारे कई वंशज भी मनुष्य के रूप में हैं। वे ऊपर से भले ही मनुष्य दिखते हैं लेकिन वे साँप की तरह जहरीले हैं। साँप केवल जंगलों में ही नहीं रहते, वे नगर, गाँव और घरों में भी बसते हैं।
ये मनुष्यरूपी सर्प मानवता के रास्ते में बाधा पैदा करते हैं। वे अपने शत्रु से बदला लेने के लिए किसी भी नीचता पर उतर सकते हैं।
कर्ण कहता है कि मैं ऐसा नहीं चाहता कि मेरा नाम भी मनुष्यरूपी साँपों में गिना जाय।
अर्जुन से मेरी शत्रुता है लेकिन वह मनुष्य है, सर्प नहीं। और यह संघर्ष, यह शत्रुता भी जन्म-जन्मांतर तक नहीं, केवल इसी जन्म भर चलने वाला है। फिर मैं यह पाप कैसे कर सकता हूँ?
जब अर्जुन के साथ मेरी यह शत्रुता केवल इसी जन्म में चलनी है तो द्वेष में आकर मैं अपना अगला जीवन भी क्यों बिगाड़ लूँ। साँपों की शरण में जाकर, साँप बनकर मैं किसी मनुष्य को क्यों मारूँ?
कर्ण ने अश्वेसन से कहा कि तुम तो मानव तथा मानवता के शत्रु हो। तुम्हारे साथ मेरी मित्रता कभी नहीं हो सकती। मैं तुम्हारी सहायता लेकर अपने माथे पर कलंक का टीका नहीं लगा सकता चाहे जो भी हो।
इस प्रकार हम पाते हैं कि कर्ण जाति-समाज से अपेक्षित होकर, समस्याओं से घिरे होने पर भी मानवता को नहीं छोड़ता। पुरूषार्थ, संयम तथा कर्तव्यनिष्ठा से अपना स्थान अर्जित करने के लिए वह जिस प्रकार आगे बढ़ता जाता है, वह किसी भी समाज के लिए अनुकरणीय है।
वस्तुनिष्ठ सह व्याख्यामूलक प्रश्नोत्तर
1. चल रहा महाभारत का रण, जल रहा धरित्री का सुहाग,
फट कुरूक्षेत्र में खेल रही, नर के भीतर की कुटिल आग ।
शब्दार्थ : रण = युद्ध, लड़ाई। धरित्री = धरती । सुहाग = सौभाग्य। नर = मनुष्य। कुटिल आग = ईर्ष्या-द्वेष, कुटिलता, की आग।
प्रश्न – 1 : रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘मनुष्य और सर्प’ है तथा इसके रचनाकार रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।
प्रश्न – 2 : पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : कविता के प्रस्तुत अंश में दिनकर ने महाभारत के युद्ध की विभीषिका का वर्णन किया है। कुरूक्षेत्र में महाभारत का युद्ध लड़ा जा रहा है। चारों ओर की जन-धन की अपार हानि देखकर ऐसा लगता है मानो धरती का सुहाग जल रहा हो। यह मनुष्य के अंदर की वह कुटिलता रूपी आग ही है जो कुरूक्षेत्र में खुलकर अपना खेल खेल रही है। इस आग की लपट से कोई नहीं बच पाया।
काव्यगत सौंदर्य : 1. महाभारत युद्ध की विभीषिका का वर्णन किया गया है।
2. वह मनुष्य की कुटिलता ही थी जिसने युद्ध को जन्म दिया।
3. धरती का मानवीकरण किया गया है।
4. रस रौद्र है।
5. भाषा वातावरण के अनुकूल प्रभाव पैदा करने में सक्षम है।
2. वाजियों-गजों की लोथों में, गिर रहे मनुज के छिन्न अंग,
बह रहा चतुष्पद और द्विपद का रूधिर मिश्र हो एक संग।
शब्दार्थ : वाजियों = घोड़ों। गजों = हाथियों। लोथों = माँस के टुकड़े। मनुज = मनुष्य। छिन्न = कटे। चतुष्पद = चार पैरों वाला, पशु। द्विपद = दो पैरों वाला, मनुष्य । रूधिर = खून, लहू। मिश्र = मिलकर। संग = साथ।
प्रश्न – 1 : पाठ व रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : पाठ ‘मनुष्य और सर्प’ है तथा इसके रचनाकार रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।
प्रश्न – 2 : पंक्ति का भावार्थ लिखें।
उत्तर : महाभारत युद्ध की भयंकरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घोड़े तथा हाथियों के माँस के लोथड़े पर सैनिकों के अंग कट-कट कर गिर रहे हैं। युद्ध में भाग लेनेवाले घोड़े-हाथियों के खून में तथा सैनिकों के खून में कोई अंतर नहीं रह गया है। दोनों के रक्त मिलकर एक हो गए हैं। यह पता करना मुश्किल है कि कौन-सा लहू पशुओं का है और कौन-सा मानव का?
काव्यगत सौंदर्य : 1. महाभारत युद्ध की विभीषिका का वर्णन किया गया है।
2. वह मनुष्य की कुटिलता ही थी जिसने युद्ध को जन्म दिया।
3. धरती का मानवीकरण किया गया है।
4. रस रौद्र है।
5. भाषा वातावरण के अनुकूल प्रभाव पैदा करने में सक्षम हैं।
3. गत्वर, गैरेय, सुधर-भूधर से, लिए रक्त-रंजित शरीर,
ये जूझ रहे कौंतेय-कर्ण, क्षण-क्षण करते गर्जन गंभीर।
शब्दार्थ : गत्वर = तेज गति वाला। गैरेय = लाल। सुधर-भूधर = पर्वत के समान सुंदर। रक्त-रंजित = खून से नहाया हुआ। कौंतेय = कुंती के पुत्र – युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन । कर्ण = कुंती का पुत्र । गर्जन = गरजते ।
प्रश्न – 1 : रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं ।
प्रश्न – 2 : पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : कविता की इन पंक्तियों में दिनकर ने कुरुक्षेत्र जो महाभारत युद्ध का रणक्षेत्र था – वहाँ के दृश्य का वर्णन किया है। तेज गति से, पर्वत के समान सुधड़ लेकिन रक्त-रंजित शरीर लेकर युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन के साथ कर्ण युद्ध कर रहे हैं। क्षण-क्षण भर बाद उनके गरजने का गंभीर स्वर सुनाई पड़ता है।
काव्यगत सौंदर्य : 1. महाभारत युद्ध की विभीषिका का वर्णन किया गया है।
2. वह मनुष्य की कुटिलता ही थी जिसने युद्ध को जन्म दिया।
3. धरती का मानवीकरण किया गया है।
4. ‘गत्वर, गैरेय’, ‘रक्त-रंजित’, ‘कौंतेय-कर्ण’ तथा ‘गर्जन-गंभीर’ में अनुप्रास अलंकार है।
5. ‘क्षण-क्षण’ में छेकानुप्रास अंलकार है।
5. रस वीभत्स है।
5. भाषा प्रसंग के अनुकूल है।
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. कर्ण की सहायता कौन करना चाहता था और क्यों ?
उत्तर : अश्वसेन कर्ण की सहायता करना चाहता था क्योंकि वह अपना पुराना बदला अर्जुन से ले सकें।
2. अश्वसेन कौन था?
उत्तर :अश्वसेन सर्पराज तक्षक का पुत्र था।
3. अश्वसेन पांडवों से बदला क्यों लेना चाहता था?
उत्तर :उसका आधा शरीर पांडवों द्वारा खांडव वन में आग लगाने के कारण जल गया था। मूसलाधार वर्षा करके इंद्र ने इसके प्राण तो बचा लिए किंतु इसकी माता चल बसी। इसी का बदला लेने के लिए वह महाभारत युद्ध में कर्ण के तरकश में जा बैठा। कर्ण ने उसकी सहायता करने से अस्वीकार कर दिया। बाद में वह अर्जुन के हाथों मारा गया।
4. कर्ण कौन था? कर्ण को ‘राधेय’ क्यों कहते हैं ?
उत्तर : कर्ण कुंती का पुत्र था। उसे कुमारी अवस्था में सूर्य से कर्ण पैदा हुआ। कुंती ने लोक-लाजवश नवजात शिशु कर्ण को नदी में बहा दिया। अधिरथ नामक सूत को यह शिशु मिला। सूत के द्वारा पाले जाने के कारण कर्ण को ‘सूतपुत्र’ भी कहा जाता है। अधिरथ की पत्नी का नाम राधा था इसलिए कर्ण को ‘राधेय’ भी कहते हैं।
5. ‘मनुष्य और सर्प’ कविता की पृष्ठभूमि क्या है?
उत्तर : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता की पृष्ठभूमि महाभारत युद्ध है।
6. महाभारत युद्ध में कर्ण किसकी ओर से लड़ा था ?
उत्तर : महाभारत युद्ध में कर्ण कौरवों की ओर से लड़ा था।
7. अश्वसेन किस समय कर्ण के पास आया ?
उत्तर : कर्ण जब अर्जुन के साथ युद्ध कर रहा था तभी अश्वसेन उसके पास आया।
8. अश्वसेन ने कर्ण के सामने क्या प्रस्ताव रखा ?
उत्तर : अवश्सेन ने कर्ण के सामने अर्जुन के वध में सहायता करने का प्रस्ताव रखा।
9. कर्ण ने अश्वसेन के प्रस्ताव का क्या किया ?
उत्तर : कर्ण ने अश्वसेन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
10. कर्ण ने अश्वसेन को किसका शत्रु कहा ?
उत्तर : कर्ण ने अश्वसेन को मानवता का शत्रु कहा।
11. कर्ण के माध्यम से दिनकर ने हमें क्या संदेश देना चाहा है ?
उत्तर : कर्ण के माध्यम से दिनकर ने हमें यह संदेश देना चाहा है कि विषम से विषम परिस्थिति में भी हमें मानवता नहीं छोड़नी चाहिए।
12. सर्प को किसका शत्रु कहा गया है?
उत्तर : सर्प को मानवता का शत्रु कहा गया है।
13. धरित्री का सुहाग कब जल रहा था?
उत्तर : महाभारत युद्ध के समय धरित्री का सुहाग जल रहा था।
14. कुरूक्षेत्र में कौन-सी आग खेल रही थी?
उत्तर : कुरुक्षेत्र में मानव के भीतर की कुटिल आग खेल रही थी।
15. कुरूक्षेत्र में किसका रक्त एक साथ मिल रहा था?
उत्तर : कुरुक्षेत्र में पशुओं तथा सैनिकों का रक्त एक साथ मिल रहा था।
16. कर्ण किसके साथ युद्ध कर रहा था?
उत्तर : कर्ण अर्जुन के साथ युद्ध कर रहा था।
17. प्रतिक्षण किसका गंभीर गर्जन कुरूक्षेत्र में गूँज रहा था?
उत्तर : कुरुक्षेत्र में प्रतिक्षण कर्ण तथा अर्जुन का गंभीर गर्जन गूंज रहा था।
18. ‘दोनों रण-कुशल’ में दोनों से किसकी ओर संकेत किया गया है?
उत्तर : ‘दोनों’ से कर्ण तथा अर्जुन की ओर संकेत किया गया है।
19. किसके बाणों की वर्षा व्यर्थ हो रही थी?
उत्तर : कर्ण तथा अर्जुन के बाणों की वर्षा व्यर्थ हो रही थी।
20. अश्वसेन कहाँ छिपा हुआ था?
उत्तर : अश्वसेन कर्ण के तरकस में छिपा हुआ था।
21. अश्वसेन ने अपने-आप को किसका स्वामी कहा ?
उत्तर : अश्वसेन ने अपने-आपको सर्पों का स्वामी कहा।
22. ‘मनुष्य और सर्प’ कविता में जन्म से ही कौन किसका शत्रु है?
उत्तर : ‘मनुष्य और सर्प’ कविता में अश्वसेन जन्म से ही अर्जुन का शत्रु है।
23. कुरूक्षेत्र में किसने अपने को हर प्रकार से कर्ण का हितैषी कहा?
उत्तर : अश्वसेन नामक सर्प ने कुरुक्षेत्र में अपने-आप को हर प्रकार से कर्ण का हितैषी कहा।
24. अश्वसेन ने प्रतिशोध कैसे लेने की बात कही?
उत्तर : अश्वसेन ने कहा कि वह जीवन-भर का संचित विष अर्जुन के शरीर में उतार कर अपना प्रतिशोधं लेगा।
25. ‘राधेय’ किसे कहा गया है और क्यों ?
उत्तर : अधिरथ की पत्नी राधा के द्वारा पाले जाने के कारण कर्ण को राधेय कहा गया है।
26. कर्ण ने किसे कुटिल कहा ?
उत्तर : कर्ण ने अश्वसेन को कुटिल कहा।
27. कर्ण के अनुसार मनुष्य की विजय का साधन कहाँ रहता है ?
उत्तर : कर्ण के अनुसार मनुष्य की विजय का साधन उसके बाहुबल में रहता है।
28. कर्ण क्या कहकर अश्वसेन से सहायता लेने को अस्वीकार कर देता है?
उत्तर : कर्ण यह कहकर कि मनुष्य के साथ युद्ध में सर्प की सहायता लेकर आनेवाली मानवता को क्या मुँह दिखाएगा अश्वसेन से सहायता लेने को अस्वीकार कर देता है।
29. कर्ण ने अश्वसेन के वंशज के कहाँ छिपे होने की बात कही ?
उत्तर : कर्ण ने मानवों में अश्वसेन के वंशज के छिपे होने की बात कही।
30. कर्ण के अनुसार नररूपी सर्प कहाँ बसते हैं?
उत्तर : कर्ण के अनुसार नररूपी सर्प नगरों, गाँवों तथा यहाँ तक कि घरों में भी बसते हैं।
31. नररूपी सर्प किसका पथ कठिन कर देते हैं ?
उत्तर : नररूपी सर्प मानवता का पथ कठिन कर देते हैं।
32. कर्ण ने किसे भाग जाने को कहा ?
उत्तर : कर्ण ने अश्वसेन को भाग जाने को कहा।
33. कर्ण ने कौन-सा कलंक अपने सिर पर न लेने की बात कही ?
उत्तर :कर्ण ने शत्रु के वध के लिए साँप की सहायता लेने का कलंक अपने सिर पर न लेने की बात कही।
34. कर्ण ने शत्रु को पराजित करने के लिए किसकी शरण में जाने से अस्वीकार कर दिया ?
उत्तर : कर्ण ने शत्रु को पराजित करने के लिए सर्प की शरण में जाने से अस्वीकार कर दिया।
35. प्रतिभर के वध के लिए – में ‘प्रतिभर’ शब्द का व्यवहार किसके लिए किया गया है?
उत्तर : प्रस्तुत अंश में ‘प्रतिभर’ शब्द का व्यवहार अर्जुन के लिए किया गया है।
36. कर्ण ने जीवन-भर किस निष्ठा को पाला ?
उत्तर : कर्ण ने जीवन-भर मानवता की निष्ठा को पाला।
37. कर्ण का मानवतावादी दृष्टिकोण क्या है?
उत्तर : कर्ण का मानवतावादी दृष्टिकोण यह है कि वह मनुष्य से युद्ध जीतने के लिए सर्प की सहायता नहीं लेना चाहता।
38. ‘दोनों सम बल’ में दोनों से कौन संकेतित है ?
उत्तर : ‘दानों’ से कर्ण और अर्जुन संकेतित हैं।
39. ‘मनुष्य और सर्प’ में कौन, किसे अपना महाशत्रु कहता है?
उत्तर : ‘मनुष्य और सर्प’ में अश्वसेन अर्जुन को अपना महाशत्रु कहता है।
40. ‘जन्म से पार्थ का शत्रु परम’ में ‘पार्थ’ किसे कहा गया है?
उत्तर : ‘पार्थ’ अर्जुन को कहा गया है।
41. ‘तेरा बहुविधि हितकामी हूँ’ – में ‘तेरा’ किसे कहा गया है?
उत्तर : ‘तेरा’ कर्ण को कहा गया है।
42. ‘तू मुझे सहारा दे’ – कौन, किसे सहारा देने की बात कह रहा है ?
उत्तर : अश्वसेन कर्ण को सहारा देने की बात कह रहा है।
43. ‘रे कुटिल’ से कौन संकेतित है ?
उत्तर : ‘रे कुटिल’ से अश्वसेन संकेतित है।
44. ‘मैं मनुज, मनुज से युद्ध करूँ’ – पहले और दूसरे मनुज का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : पहले मनुज का आशय कर्ण से तथा दूसरे मनुज का आशय अर्जुन से है।
45. ‘अर्जुन है मेरा शत्रु’ – वक्ता कौन है?
उत्तर : वक्ता कर्ण है।
46. ‘सर्प का पापी ने साहाय्य लिया’ – में पापी कौन है?
उत्तर :कर्ण ।
47. ‘मनुज का सहज शत्रु’ किसे कहा गया है?
उत्तर : मनुज का सहज शत्रु अश्वसेन को कहा गया है।
48. महाभारत का युद्ध किस-किसके बीच हुआ था ?
उत्तर : महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था।
49. कर्ण अश्वसेन की सहायता क्यों नहीं लेना चाहता था?
उत्तर : अश्वसेन सर्प था उसकी सहायता लेकर कर्ण मानवता को कलंकित करना नहीं चाहता था।
50. जन्म से पार्थ का परम शत्रु कौन था ?
उत्तर : अश्वसेन नामक सर्प ।
51. कर्ण ने अश्वसेन की सहायता क्यों नहीं ली ?
उत्तर : अश्वसेन की सहायता लेकर कर्ण मानवता को कलंकित नहीं करना चाहता था।
52. ‘मनुष्य और सर्प’ पाठ में आए अर्जुन के दो पर्याय शब्दों को लिखें।
उत्तर : पार्थ, कौंतेय ।
53. ‘तेरा बहुविधि हितकामी हूँ’ – में ‘तेरा’ किसे कहा गया है ?
उत्तर : कर्ण को कहा गया है।
54. महाभारत का युद्ध किस स्थान पर लड़ा गया था ?
उत्तर : कुरुक्षेत्र में।
55. कर्ण सर्प की सहायता से अर्जुन का वध क्यों नहीं करना चाहता था ?
उत्तर : सर्प की सहायता से अर्जुन का वध करने पर मानवता कलंकित होती।
56. ‘मनुष्य और सर्प’ के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है?
उत्तर : हमारा कोई भी काम ऐसा न हो जिससे मानवता कलंकित हो।
57. ‘मनुज का सहज शत्रु’ किसे कहा गया है ?
उत्तर : अश्वसेन को ।
58. राधेय किसे कहा गया है और क्यों ?
उत्तर : कुंती द्वारा त्याग दिए जाने पर राधा नामक स्त्री ने कर्ण का लालन-पालन किया था इसलिए कर्ण को राधेय भी कहा जाता है।
59. कर्ण का मानवतावादी दृष्टिकोण क्या है ?
उत्तर : कर्ण का मानवतावादी दृष्टिकोण यह है कि वह शत्रु के साथ युद्ध करते हुए भी मानवता को नहीं छोड़ता, अश्वसेन की सहायता नहीं लेता है।
60. कर्ण ने किसका प्रस्ताव क्यों ठुकरा दिया ?
उत्तर : कर्ण ने अश्वसेन नामक सर्प का प्रस्ताव ठुकरा दिया क्योंकि उसकी सहायता लेकर मानवता को कलंकित नहीं करना चाहता था।
61. अश्वसेन कर्ण से क्या चाहता था ?
उत्तर : अश्वसेन चाहता था कि कर्ण उसे तीर पर चढ़ाकर अर्जुन पर छोड़ दे ताकि उसे डंस कर मौत की नींद सुलाकर अपना बदला पूरा कर सके।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
1. दिनकर का जन्म कब हुआ था ?
(क) 29 सितम्बर 1907 ई०
(ख) 30 सितम्बर 1908 ई०
(ग) 31 सितम्बर 1909 ई०
(घ) 28 सितम्बर 1910 ई०
उत्तर : (ख) 30 सितम्बर 1908 ई० ।
2. दिनकर का जन्म कहाँ हुआ था ?
(क) बिहार के भागलपुर में
(ख) बिहार के समस्तीपुर में
(ग) बिहार के जमुई में
(घ) बिहार के मुंगेर जिले में
उत्तर : (घ) बिहार के मुंगेर जिले में।
3. दिनकर के पिता का नाम था :
(क) राज सिंह
(ख) शशि सिंह
(ग) राम सिंह
(घ) रवि सिंह
उत्तर : (घ) रवि सिंह।
4. दिनकर की माता का नाम था ?
(क) मनरूप देवी
(ख) रूप देवी
(ग) रूपा देवी
(घ) शारदा देवी
उत्तर : (क) मनरूप देवी ।
5. दिनकर ने मैट्रिक की परीक्षा में हिंदी में सर्वाधिक अंक प्राप्त करके कौन-सा पदक जीता था ?
(क) भूदेव रजत पदक
(ख) भूदेव कांस्य पदक
(ग) महादेव स्वर्ण पदक
(घ) भूदेव स्वर्ण पदक
उत्तर : (घ) भूदेव स्वर्ण पदक।
6. दिनकर सीतामढ़ी में किस पद पर थे ?
(क) सब रजिस्ट्रार
(ख) शिक्षक
(ग) सब रजिस्ट्रार
(घ) व्याख्याता
उत्तर : (ग) सब रजिस्ट्रार
7. दिनकर जी किस सभा के सदस्य थे ?
(क) राज्य सभा
(ख) साहित्य सभा
(ग) लोक सभा
(घ) साहित्य और कला सभा
उत्तर : (क) राज्य सभा ।
8. दिनकर जी किस विश्वविद्यालय के कुलपति रहे ?
(क) यादवपुर विश्वविद्यालय
(ख) भागलपुर विश्वविद्यालय
(ग) बर्द्धमान विश्वविद्यालय
(घ) सिद्धू-कानू विविद्यालय
उत्तर : (ख) भागलपुर विश्वविद्यालय ।
9. दिनकर को भारत सरकार की ओर से कौन-सा पुरस्कार मिला ?
(क) कबीर सम्मान
(ख) पद्मभूषण
(ग) साहित्य-रत्न
(घ) भारत-रत्न
उत्तर : (ख) पद्मभूषण ।
10. दिनकर ने किस विश्वविद्यालय से बी० ए० ऑनर्स किया ?
(क) पटना विश्वविद्यालय
(ख) भागलपुर विश्वविद्यालय
(ग) सिद्धू-कानू विश्वविद्यालय
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) पटना विश्वविद्यालय ।
11. दिनकर की प्रारंभिक रचनाएँ किस उपनाम से छपीं ?
(क) अजिताभ
(ख) अज्ञेय
(ग) अमिताभ
(घ) आँसू
उत्तर : (ग) अमिताभ ।
12. दिनकर का स्वर्गवास कब हुआ ?
(क) 22 अप्रैल 1975 ई०
(ख) 24 अप्रैल 1974 ई०
(ग) 28 फरवरी 1970 ई०
(घ) 25 अप्रैल 1975 ई०
उत्तर : (ख) 24 अप्रैल 1974 ई० ।
13. दिनकर की कविता का उद्भव किस युग में हुआ ?
(क) छायावाद
(ख) प्रगतिवाद
(ग) प्रयोगवाद
(घ) नकेनवाद
उत्तर : (क) छायावाद ।
14. दिनकर की किस कृति पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला ?
(क) रसवंती
(ख) उर्वशी
(ग) हुंकार
(घ) परशुराम की प्रतीक्षा
उत्तर : (ख) उर्वशी।
15. ‘रेणुका’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) ऋतुराज
(ख) राजेश जोशी
(ग) दिनकर
(घ) अनामिका
उत्तर : (ग) दिनकर ।
16. ‘हुंकार’ किसकी रचना है ?
(क) दिनकर
(ख) प्रसाद
(ग) पंत
(घ) निराला
उत्तर : (क) दिनकर ।
17. ‘रसवंती’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) रघुवीर सहाय
(ख) प्रसाद
(ग) महादेवी शर्मा
(घ) दिनकर
उत्तर : (घ) दिनकर ।
18. ‘कुरूक्षेत्र’ के कवि कौन हैं ?
(क) कीर्ति चौधरी
(ख) दिनकर
(ग) मैथिलीशरण गुप्त
(घ) कैलाश गौतम
उत्तर : (ख) दिनकर ।
19. ‘नीलकुसुम’ के रचयिता का नाम क्या है ?
(क) दिनकर
(ख) कैलाश गौतम
(ग) राजेश जोशी
(घ) कीर्ति चौधरी
उत्तर : (क) दिनकर ।
20. ‘रश्मिरथी’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) निराला
(ख) दिनकर
(ग) गुप्त जी
(घ) राजेश जोशी
उत्तर : (ख) दिनकर ।
21. ‘द्वंद्वगीत’ किसकी रचना है ?
(क) बच्चन
(ख) पंत
(ग) प्रसाद
(घ) दिनकर
उत्तर : (घ) दिनकर ।
22. ‘सीपी और शंख’ के कवि कौन हैं ?
(क) दिनकर
(ख) बच्चन
(ग) प्रसाद
(घ) पंत
उत्तर : (क) दिनकर ।
23. ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) दिनकर
(ख) निराला
(ग) पंत
(घ) रामनरेश त्रिपाठी
उत्तर : (क) दिनकर ।
24. ‘चक्रवात’ किसकी रचना है ?
(क) प्रसाद
(ख) निराला
(ग) पंत
(घ) दिनकर
उत्तर : (घ) दिनकर ।
25. ‘हारे को हरिनाम’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) दिनकर
(ख) राम कुमार वर्मा
(ग) यतीन्द्र मिश्र
(घ) गुणाकर मुले
उत्तर : (ख) दिनकर ।
26. ‘मिट्टी की ओर’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) ऋतुराज
(ख) दिनकर
(ग) अनामिका
(घ) नागार्जुन
उत्तर : (ख) दिनकर ।
27. ‘अर्द्धनारीश्वर’ किसकी रचना है ?
(क) प्रसाद
(ख) दिनकर
(ग) अनामिका
(घ) संजीव
उत्तर : (ख) दिनकर ।
28. ‘रेती के फूल’ के लेखक कौन हैं?
(क) दिनकर
(ख) कृष्णा सोबती
(ग) शिवमूर्ति
(घ) संजीव
उत्तर : (क) दिनकर ।
29. ‘भारतीय संस्कृति के चार अध्याय’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) मैथिली शरण गुप्त
(ख) संजीव
(ग) दिनकर
(घ) बच्चन
उत्तर : (ग) दिनकर ।
30. दिनकर किस युग के प्रतिनिधि कवि थे ?
(क) छायावाद
(ख) प्रगतिवाद
(ग) प्रयोगवाद
(घ) अपने युग के
उत्तर : (ख) प्रगतिवाद ।
31. ‘मनुष्य और सर्प’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) दिनकर
(ख) संजीव
(ग) ऋतुराज
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) दिनकर ।
32. ‘मनुष्य और सर्प’ कविता की पृष्ठभूमि क्या है ?
(क) पलासी युद्ध
(ख) महाभारत युद्ध
(ग) बक्सर युद्ध
(घ) पानीपत युद्ध
उत्तर : (ख) महाभारत युद्ध ।
33. महाभारत में कर्ण किसकी ओर से लड़ा था?
(क) पांडव
(ख) कृष्ण
(ग) इनमें से कोई नहीं
(घ) कौरव
उत्तर : (घ) कौरव ।
34. कर्ण ने अश्वसेन के प्रस्ताव का क्या किया ?
(क) अस्वीकार किया
(ख) स्वीकार किया
(ग) सोचने का समय मांगा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) अस्वीकार किया।
35. कर्ण ने अश्वसेन को किसका शत्रु कहा ?
(क) अर्जुन का
(ख) मानवता का
(ग) कौरव का
(घ) पाण्डव का
उत्तर : (ख) मानवता का।
36. सर्प को किसका शत्रु कहा गया है ?
(क) दानवता का
(ख) ईमानदारी का
(ग) मानव का
(घ) मानवता का
उत्तर : (घ) मानवता का ।
37. किसका सुहाग जल रहा था ?
(क) धरित्री का
(ख) सैनिकों की स्त्रियों का
(ग) कुंती का
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) धरित्री का।
38. कर्ण किसके साथ युद्ध कर रहा था ?
(क) कौरव के साथ
(ख) अर्जुन के साथ
(ग) सैनिकों के साथ
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) अर्जुन के साथ।
39. प्रतिक्षण किसका गंभीर गर्जन कुरूक्षेत्र में गूंज रहा था ?
(क) कर्ण और अर्जुन का
(ख) सैनिकों का
(ग) घोड़ों का
(घ) हाथियों का
उत्तर : (क) कर्ण और अर्जुन का।
40. किसके बाणों की वर्षा हो रही थी ?
(क) अश्वसेन के
(ख) कर्ण और कृष्ण के
(ग) कर्ण के
(घ) कर्ण और अर्जुन के
उत्तर : (घ) कर्ण और अर्जुन का।
41. अश्वसेन कहाँ छिपा हुआ था ?
(क) कर्ण के तरकस में
(ख) अर्जुन के तरकश में
(ग) अर्जुन के रथ में
(घ) झाड़ी में
उत्तर : (क) कर्ण के तरकश में।
42. अश्वसेन जन्म से ही किसका शत्रु है ?
(क) स्वयं का
(ख) अर्जुन का
(ग) पिता का
(घ) मनुष्यों का
उत्तर : (ख) अर्जुन का।
43. कुरूक्षेत्र में किसने अपने को कर्ण का हितैषी कहा ?
(क) अर्जुन ने
(ख) भीम ने
(ग) कृष्ण ने
(घ) अश्वसेन ने
उत्तर : (घ) अश्वसेन ने।
44. कर्ण के अनुसार मनुष्य की विजय का साधन कहाँ रहता है ?
(क) अपने बाहुबल में
(ख) दूसरों की सहायता में
(ग) कुटिलता में
(घ) बेईमानी में
उत्तर : (क) अपने बाहुबल में ।
45. कर्ण के अनुसार नररूपी सर्प कहाँ बसते हैं ?
(क) युद्ध क्षेत्र में
(ख) नगरों, ग्रामों, घरों में
(ग) तरकस में
(घ) इनमें से कहीं नहीं
उत्तर : (ख) नगरों, ग्रामों, घरों में।
46. नररूपी सर्प किसका पथ कठिन कर देते हैं ?
(क) मानवता का
(ख) दानवता का
(ग) प्रेम का
(घ) दान का
उत्तर : (क) मानवता का ।
47. कर्ण ने जीवन-भर किस निष्ठा को पाला ?
(क) दानवता
(ख) मानवता
(ग) कर्मठता
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) मानवता ।
48. ‘दोनों समबल’ में दोनों कौन हैं ?
(क) कर्ण और अर्जुन
(ख) कर्ण और अश्वसेन
(ग) अश्वसेन और अर्जुन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) कर्ण और अर्जुन।
49. ‘पार्थ’ किसे कहा गया है ?
(क) कर्ण को
(ख) अश्वसेन को
(ग) भीम को
(घ) अर्जुन को
उत्तर : (घ) अर्जुन को।
50. ‘तू मुझे सहारा दे’ – तू कौन है ?
(क) अर्जुन
(ख) कर्ण
(ग) अश्वसेन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) कर्ण।
51. ‘रे कुटिल’ से कौन संकेतित है ?
(क) अश्वसेन
(ख) कर्ण
(ग) अर्जुन
(घ) युधिष्ठिर
उत्तर : (क) अश्वसेन ।
52. ‘अर्जुन है मेरा शत्रु’ – वक्ता कौन है ?
(क) अश्वसेन
(ख) कर्ण
(ग) कुंती
(घ) कृष्ण
उत्तर : (ख) कर्ण ।
53. ‘सर्प का पापी ने साहाय्य लिया’ – में पापी कौन हैं ?
(क) अर्जुन
(ख) कृष्ण
(ग) कर्ण
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ग) कर्ण ।
54. ‘मनुज का सहज शत्रु’ कौन है ?
(क) अश्वसेन
(ख) अर्जुन
(ग) कृष्ण
(घ) कर्ण
(घ) कर्ण
उत्तर : (क) अश्वसेन ।
55. ‘चतुष्पद और द्विपद’ से कौन संकेतित है ?
(क) पशु और मनुष्य
(ख) कर्ण और अर्जुन
(ग) अर्जुन और अश्वसेन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) पशु और मनुष्य ।
56. ‘दोनों रण कुशल’ में दोनों कौन हैं ?
(क) अश्वसेन और अर्जुन
(ख) कर्ण और अर्जुन
(ग) घोड़े और हाथी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) कर्ण और अर्जुन।
57. ‘कोई प्रचंड विषधर भुजंग’ में कोई से कौन संकेतित है ?
(क) हाथी
(ख) घोड़ा
(ग) सैनिक
(घ) अश्वसेन
उत्तर : (घ) अश्वसेन ।
58. ‘भुजंगों’ का अर्थ है :
(क) भुजा वाला
(ख) सर्पों
(ग) मानव
(घ) दानव
उत्तर : (ख) सर्पों।
59. अश्वसेन ने महाशत्रु किसे कहा :
(क) अर्जुन को
(ख) कर्ण को
(ग) कौरवों को
उत्तर : (क) अर्जुन को ।