ScienceVVI

कार्य, शक्ति तथा उर्जा | Work, Power and Energy

कार्य, शक्ति तथा उर्जा | Work, Power and Energy

कार्य, ऊर्जा एवं शक्ति
◆ कार्य (Work) : कार्य की माप लगाये गये बल तथा बल की दिशा में वस्तु के विस्थापन के गुणनफल के बराबर होती है। कार्य एक अदिश राशि है तथा इसका SI मात्रक ‘जूल’ होता है। कार्य को निम्न सूत्र से व्यक्त करते हैं-
कार्य = बल x बल की दिशा में विस्थापन
◆ ऊर्जा (Energy) : किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा एक अदिश राशि है तथा इसका भी SI मात्रक ‘जूल’ होता है। कार्य द्वारा प्राप्त ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा कहलाती है, जो दो प्रकार की होती है- गतिज ऊर्जा एवं स्थितिज ऊर्जा।
(i) गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) : किसी वस्तु में उसकी गति के कारण कार्य करने की जो क्षमता आ जाती है, उसे उस वस्तु को गतिज ऊर्जा कहते हैं। गतिज ऊर्जा सदैव धनात्मक होती है। यदि m द्रव्यमान की वस्तु v वेग से चल रही हो तो गतिज ऊर्जा (KE) होगी-
KE = 1/2 mv2
(ii) स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) :यदि किसी वस्तु की विशेष अवस्था (State) अथवा स्थिति के कारण उसमें कार्य करने की जो क्षमता होती है, उसे वस्तु स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे- दबी हुई स्प्रिंग, घड़ी में चाबी भरना, पृथ्वी से कुछ ऊँचाई पर स्थित वस्तु, बाँध बनाकर इकट्ठा किये गये पानी की ऊर्जा। गुरुत्व बल के विरुद्ध संचित स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक है-
PE = mgh जहाँ m = द्रव्यमान, g= गुरुत्वजनित त्वरण, h = ऊँचाई
◆ ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Energy) : ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न नष्ट की जा सकती है। ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित की जा सकती है। जब भी ऊर्जा किसी रूप में लुप्त होती है तब ठीक उतनी ही ऊर्जा अन्य रूपों में प्रकट होती है। अतः विश्व की सम्पूर्ण ऊर्जा का परिमाण स्थिर रहता है। यह ऊर्जा-संरक्षण का नियम कहलाता है।
विभिन्न उपकरण व उनसे होने वाले ऊर्जा का रूपांतरण
क्र.स. उपकरण ऊर्जा का रूपांतरण
1. विद्युत बल विद्युत ऊर्जा से ऊष्मा एवं प्रकाश ऊर्जा
2. विद्युत सेल रासायनिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा
3. मोमबत्ती रासायनिक ऊर्जा से प्रकाश व ऊष्मा ऊर्जा
4. फोटो इलेक्ट्रिक सेल प्रकाश ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा
5. डायनेमो यांत्रिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा
6. मोटर विद्युत ऊर्जा से यांत्रिक ऊर्जा
7. लाउडस्पीकर विद्युत ऊर्जा से ध्वनि ऊर्जा
8. माइक्रोफोन ध्वनि ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा
9. सितार यांत्रिक ऊर्जा से ध्वनि ऊर्जा
10. इंजन ऊष्मा ऊर्जा से यांत्रिक ऊर्जा

 

◆ शक्ति (Power) : कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। यदि किसी कर्ता द्वारा W कार्य t समय में किया जाता है तो कर्ता की शक्ति W/t होगी। शक्ति का SI मात्रक वाट (W) है, जिसे वैज्ञानिक जेम्स वाट के नाम पर रखा गया है। शक्ति को निम्न सूत्र से व्यक्त करते हैं-
शक्ति  कार्य / समय
◆ 1KW = 1000W, IMW-106W
◆ शक्ति (Power) की एक और मात्रक अश्वशक्ति (HP) है।
◆ 1 अश्वशक्ति (HP) = 746 W होता है।

गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा

जब वस्तु को ऊपर उठाते हैं, तो गुरुत्व बल के विरुद्ध किया गया कार्य ही उसमें ऊर्जा के रूप में एकत्र हो जाता है। किसी वस्तु की ऊँचाई पर ले जाने में उसमें जो ऊर्जा आ जाती है, उसे गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

यदि m द्रव्यमान का पिण्ड पृथ्वी तल से h ऊंचाई पर स्थित है, तो वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा = mgh जहाँ g गुरुत्वीय त्वरण है।

ऊर्जा का रूपान्तरण

भौतिक जगत में सभी प्रक्रियाओं में किसी न किसी प्रकार ऊर्जा का एक या अधिक रूपों में रूपान्तरण होता रहता है। उदाहरणार्थ, जब दो गतिमान वस्तुयें एक-दूसरे से टकराती हैं तो उनमें ध्वनि व ऊष्मा उत्पन्न होती है। ध्वनि व ऊष्मा भी ऊर्जा के एक रूप हैं। जब किसी वस्तु को बहुत अधिक गर्म करते हैं तो उसमें प्रकाश उत्पन्न होता है, जो कि ऊर्जा का एक रूप है। वैद्युत ऊर्जा, चुम्बकीय ऊर्जा की ऊर्जा के रूप है, जिनका एक-दूसरे में रूपान्तरण किया जा सकता है।

खाद्य पदार्थों में अन्तर्निहित ऊर्जा
खाद्य पदार्थ अन्तर्निहित ऊर्जा
गेहूं 3.2
चावल 5.3
आलू 3.7
दूध 3.0

उर्जा के आंतरिक रूपांतरण के उदाहरण

  • जब हाथों को रगड़ा जाता है तब यांत्रिक ऊर्जा, घर्षण के द्वारा ऊष्मा ऊर्जा में बदलती है।
  • जब पत्थरों को काटने/पीसने के लिए आरी का प्रयोग करने पर यांत्रिक ऊर्जा, ऊष्मा, प्रकाश और ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
  • बांधों में पानी में स्थितिज ऊर्जा होती है, जब जल को मुक्त किया जाता है। तब बहते/मुक्त जल में गतिज ऊर्जा होती है। बहते हुये पानी की गतिज ऊर्जा टरबाइन की पत्तियों को घुमाने से यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित है। टरबाइन की यांत्रिक ऊर्जा को डायनेमो विद्युत ऊर्जा में बदल देती है।
  • विद्युत हीटर, अवन तथा गीजर में विद्युत ऊर्जा, ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
  • विद्युत जनरेटर में यांत्रिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित हो। जाती है।
  • जब पदार्थों को विस्फोटित किया जाता है तब रासायनिक ऊर्जा, ऊष्मा, प्रकाश और ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
  • प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के दौरान, प्रकाश ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
  • सूर्य, हाइड्रोजन परमाणुओं के संलयन से अत्यधिक विशाल मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश उर्जा का उत्पादन करता है।

ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत

इस सिद्धांत के अनुसार, ऊर्जा न तो उत्पन्न और न नष्ट की जा सकती है, किंतु एक रूप से दूसरे रूप में उसका रूपांतर हो सकता है। गुरुत्व के अधीन किसी ऊंचाई से मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु की कुल ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है, क्योंकि स्थितिज ऊर्जा की कमी गतिज ऊर्जा की वृद्धि से पूरी हो जाती है। जब वस्तु पृथ्वी तल पर पहुंचती है तो इसकी स्थितिज ऊर्जा शून्य हो जाती है और कुल ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है। किंतु ऊर्जा की कीमत बढ़ती है। अत: गुरुत्व के अधीन मुक्त पवन में ऊर्जा का कुल योग पूर्ववत रहता है। अत: गुरुत्व के अधीन मुक्त पवन में ऊर्जा के संरक्षण के सिद्धांत का पालन होता है।

जब कोई चालक किसी पहाड़ी पर अपना वाहन चढ़ाता है तब उसकी चाल बढ़ा देता है क्योंकि, जब चालक वाहन को पहाड़ी पर चढ़ाता है तब वाहन की स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि के कारण गतिज ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए चालक वाहन की चाल बढ़ा देता है।

शक्ति

किसी कर्ता द्वारा प्रति इकाई समय में किए गए कार्य को उस कर्ता की शक्ति कहते हैं अर्थात् शक्ति कार्य करने की समय दर है।

शक्ति = किया गया कार्य / कार्य करने में लगा समय या P = F.V

शक्ति को p द्वारा दर्शाया जाता है। यदि कार्य की मात्रा W करने में लगा समय t हो तो शक्ति जहां S विस्थापन है और V वेग है। शक्ति एक अदिश राशि है।

शक्ति का मात्रक

यदि कार्य जूल में और समय सेकण्ड में मापा गया हो तो शक्ति का मात्रक जूल प्रति सेकेण्ड होगा। जूल प्रति सेकेण्ड को ब्रिटेन के वैज्ञानिक जेम्स वाट के सम्मान में वाट कहा जाता है। वाट शक्ति का SI मात्रक है। अत: 1W = 1J/S

मशीन के कार्य करने की क्षमता वाट या किलोवाट में व्यक्त की जाती है। शक्ति का अन्य प्रचलित मात्रक अश्व शक्ति है, जिसका संकेत hp है।

1hp = 746 वाट

ऊर्जा और शक्ति में अन्तर

  1. ऊर्जा कार्य सम्पन्न होने में लगे समय पर निर्भर करती है, जबकि शक्ति समय पर निर्भर करती है। किसी कार्य को संपन्न होने में जितना कम समय लगता है, शक्ति उतनी ही अधिक होती है।
  2. ऊर्जा का SI मात्रक जूल है, जबकि शक्ति का SI मात्रक वाट है।
  3. ऊर्जा कार्य करने की क्षमता है, जबकि शक्ति कार्य करने की समय दर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *