‘शिक्षण प्रतिमान’ से क्या अभिप्राय है? ब्रूनर के सम्प्रत्यय उपलब्धि प्रतिमान का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए । What are ‘Models of Teaching’? Describe the Bruner’s Concept Attainment Model in detail.
प्रश्न – ‘शिक्षण प्रतिमान’ से क्या अभिप्राय है? ब्रूनर के सम्प्रत्यय उपलब्धि प्रतिमान का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए ।
What are ‘Models of Teaching’? Describe the Bruner’s Concept Attainment Model in detail.
या
सम्प्रत्यय उपलब्धि प्रतिमान के प्रमुख तत्त्वों एवं विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
Describe the main elements and charateristics of Concept Attainment Model
उत्तर- सम्प्रत्यय उपलब्धि प्रतिमान
सम्प्रत्यय उपलब्धि प्रतिमान का विकास जेरम ब्रूनर (Jerome Bruner) ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सन् 1956 में किया। यह सम्प्रत्यय ब्रूनर और उनके सहयोगियों के चिन्तन एवं अनुसंधानों का परिणाम है। इसका उपयोग शिक्षक छात्रों में सही सम्प्रत्ययों की जानकारी प्रदान करने के लिए करता है।
इस प्रतिमान का उपयोग नवीन प्रत्ययों के स्पष्टीकरण एवं उसके प्रभावशाली व्याख्या करने के ढंग मे किया जाता है। “इसमें दो या अधिक वस्तुओं के मध्य समानता तथा असमानता का बोध कराते हुए विभिन्न प्रकार के माध्यमों से तथ्यों का एकीकरण करते हुए प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है।
ब्रूनर ने बताया कि हमारा परिवेश बहुत ही जटिल है और यह विविध वस्तुओं से भरा है। इसमें हम अपने आपको इस लिए समायोजित कर रहे हैं क्योंकि हम वस्तुओं को पहचानने, उसमें अन्तर वर्गीकरण करने से सम्बन्धित सम्प्रत्ययों का निर्माण करने की क्षमता रखते हैं। एक सम्प्रत्यय मुख्यतः तीन तत्त्वों से बना हुआ है – (1) उदाहरण (2) गुण (3) गुण-धर्म
इस प्रतिमान का विकास मुख्यतः छात्रों में आगमन तर्क की योग्यता में वृद्धि करना तथा छात्र में सम्प्रत्ययों को विकसित करना ।
सम्प्रत्यय उपलब्धि प्रतिमान के प्रमुख तत्त्व (Main Elements of Concept Attainment Model)
- केन्द्र बिन्दु (Focus) – इस प्रतिमान का उद्देश्य विद्यार्थियों को किन्हीं विशेष सम्प्रत्ययों की उपलब्धि में सहायता करना है। यह प्रतिमान सम्प्रत्यय की प्रक्रिया के बारे में भी बताता है। इसका प्रमुख उद्देश्य छात्रों में आगम तर्क का विकास करना है। यह मनोविज्ञान आधारित है इसलिए इसके अन्तर्गत विभिन्न घटनाओं, व्यक्तियों तथा वस्तुओं को वर्गीकरण कर चिन्तन शक्ति के आधार पर विभिन्न सम्प्रत्ययों का ज्ञान प्राप्त करते हैं ।
ब्रूनर एवं उनके सहयोगियों ने निम्नलिखित चार केन्द्रबिन्दु तथा उद्देश्य बताए हैं-
- सम्प्रत्यय की प्रकृति का छात्रों को ज्ञान प्रदान करना जिससे वे वस्तुओं को उनके गुण, विशेषताओं आदि के आधार पर वर्गीकरण कर सकें।
- छात्रों में सही सम्प्रत्यय के विकास के योग्य बनाना
- छात्रों में विशिष्ट सम्प्रत्ययों का विकास करना ।
- छात्रों में चिन्तन सम्बन्धी नीतियों का विकास करना।
- संरचना (Syntax) – सम्प्रत्यय उपलब्धि से सम्बन्धित सभी प्रतिमानों का समान सैद्धान्तिक आधार होने के कारण इसकी संरचना और कार्यप्रणाली में काफी समानता है। इसकी संरचना में कौशलों का विकास चार भागों में किया गया है-
- प्रदत्तों का संकलन- इसके अन्तर्गत छात्रों के सामने किसी घटना अथवा व्यक्तिगत आकड़े प्रस्तुत किए जाते हैं। छात्र इन आकड़ों की सहायत से विभिन्न , प्रत्ययों का विकास कर इसके गुण संप्रत्ययों का आकलन कर निष्कर्ष निकालता है।
- नीति विश्लेषण – इस पद के अन्तर्गत् छात्र सम्बन्धित विशेषताओं का विश्लेषण करते हैं। यह विश्लेषण सामान्य से विशिष्ट की ओर सूत्र पर आधारित होता है।
- प्रस्तुतीकरण-इस सोपान के अन्तर्गत् छात्र अपने उम्र और अनुभव के आधार पर विभिन्न प्रकार के प्रत्ययों एवं गुणों का विश्लेषण करता है और इसे लिखित रूप में प्रस्तुत करता है ।
- अभ्यास–इसके अन्तर्गत छात्र सीखे हुए प्रत्यय का उपयोग एवं अभ्यास करते हैं। इसमें प्रत्यय की व्याख्या करना असंगठित सूचनाओं के आधार पर सम्प्रत्यय की रचना करना शामिल है।
- सामाजिक प्रणाली (Social System) इस प्रतिमान की सामाजिक प्रणाली और अन्तः क्रिया विद्यार्थी और अध्यापक दोनों के पारस्परिक सहयोग से संचालित होती है। इसमें शिक्षक छात्रों को प्रेरित करते हैं और प्रत्यय के निर्माण एवं विश्लेषण में मार्ग-दर्शन करते हैं। शिक्षक इस प्रतिमान में केन्द्रबिन्दु होता है। वह छात्रों से योजनाएँ बनवाता है और उन्हें निर्देशित करता है। इसमें शिक्षक का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को सम्प्रत्यय निर्माण में सहायता करना है ।
- मूल्यांकन प्रणाली (Evaluation System) – सम्प्रत्यय उपलब्धि प्रतिमान के मूल्यांकन में निबन्धात्मक तथा वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं की सहायता ली जाती है और इसके द्वारा मूल्यांकन सुधार तथा परिवर्तन के माध्यम से नवीन प्रत्ययों के बारे में सूचना दी जाती है। इसके अन्तर्गत विद्यार्थियों को पूर्व प्रत्ययों की निष्पत्ति करनी होती है। प्रत्ययों के उचित ज्ञान के लिए मूल्यांकन प्रणाली बहुत महत्त्वपूर्ण है।
सम्प्रत्यय-उपलब्धि प्रतिमान की विशेषताएँ
- इसके अन्तर्गत् सम्प्रत्यय को उदाहरणों के आधार पर सीखने पर बल दिया जाता है ।
- इस प्रतिमान का उपयोग कारण बनाने क्यों का उत्तर देने, तथ्यों का ज्ञान एवं सामान्यीकरण में नहीं किया जाता है।
- इस प्रतिमान का उपयोग भाषा सीखने में होता है।
- यह गणित तथा आधारभूत सिद्धान्तों को आसानी से समझने का प्रयास करता है।
- सभी विषयों के प्रत्यय निर्माण में सहायता करता है।
