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बच्चा : एक समस्या-समाधक तथा एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में

बच्चा : एक समस्या-समाधक तथा एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में

बच्चा : एक समस्या-समाधक तथा एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में

       Child as a Problem-Solver and a Scientific Investigator
CTET परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण करने से
यह ज्ञात होता है कि इस अध्याय से वर्ष 2012 में 3 प्रश्न, 2014 में
2 प्रश्न, 2015 में 1 प्रश्न तथा वर्ष 2016 में 2 प्रश्न पूछे गए हैं।
18.1 समस्या समाधान का अर्थ एवं परिभाषा
समस्या को सुलझाना हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग है। हर दिन हम सरल
से लेकर जटिल समस्याओं का समाधान करते हैं। कुछ समस्याओं का हल करने
में कम समय लगता है और कुछ में अधिक। किसी समस्या का समाधान करने
के लिए यदि समुचित साधन उपलब्ध नहीं होते तो समाधान का विकल्प देखना
पड़ता है।
किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान निकालने में हमारा चिन्तन निर्देशित
और केन्द्रित हो जाता है और सही और उपयुक्त निर्णय पर पहुँचने के लिए हम
सभी संसाधनों आन्तरित (मन) और बाह्य (दूसरों का समर्थन और सहायता)
दोनों का उपयोग करने का प्रयास करते हैं।
उदाहरण के लिए यदि आप एक परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है तो
आप परिश्रम से पढ़ाई, शिक्षकों, मित्रों और माता-पिता की सहायता लेते है और
अन्त में आप अच्छे अंक प्राप्त कर लेते है। इस प्रकार समस्या समाधान एक
विशिष्ट समस्या से निपटने की दिशा में निर्देशित चिन्तन है।
स्टैनले ग्रे के शब्दों में “समस्या समाधान वह प्रतिमान है, जिसमे तार्किक
चिन्तन निहित होता है।
• समस्या समाधान (Problem Solving) के अनेक स्तर है। कुछ समस्याएँ
बहुत सरल होती हैं, जिनको हम बिना किसी कठिनाई के हल कर सकते हैं।
• निर्देशित दिन्नन के तीन तत्व है समस्या, सक्ष्य और लक्ष्य दिशा में एक कदम।
ऐसी दो विधियाँ हैं, जिनका प्रमुख रूप से समस्या समाक्षन में उपयोग किया जाता
है, ये है मध्यमान अन्त-विश्लेषण और एल्गोरिदम’ या कलन विधि।
कलन विधि (Algorithm Method) में प्रक्रिया या नियमों का समुच्चय
जिसका प्रयोग गणना या अन्य समस्या समाधान संक्रियाओं (operations)
में किया जाता है।
• मध्यमान-अन्त-विश्लेषण में विशेष प्रकार की समस्याओं का समाधान
करने में एक विशिष्ट प्रकार की प्रक्रिया का चरणबद्ध प्रयोग किया
जाता है।
• ह्यूरिस्टिक्स या अन्वेषणात्मक के मामले में व्यक्ति समस्या समाधान के
लिए किसी सम्भव नियम या विचार का उपयोग करने के लिए स्वतन्त्र
है। इसे अभिसूचक नियम (रूल ऑफ थम्ब) भी कहा जाता है।
18.2 बच्चा : एक समस्या-समाधक के रूप में
स्कूली जीवन में एक बच्चे के समक्ष अनेको समस्याएँ आती है तथा
उनका समाधान भी उसे ही ढूँढना होता है। बच्चों को इस स्तर के योग्य
बनाने के लिए आवश्यक है कि उसका व्यक्तिगत विकास किया जाए
जिससे कि वह सभी प्रकार की परिस्थितियों का सही ढंग से सामना कर
सके। बच्चे को समस्या-समाधक के रूप में बनाने के लिए निम्नलिखित
गुणों का विकास किया जा सकता है
• बच्चे में आत्म पहचान का गुण विकसित करके तथा अपनी कमियों
को स्वीकार करना तथा दूर करना सिखाकर बच्चे को स्वावलम्बी
बनाने के लिए प्रोत्साहित करके बच्चे में भाषा का विकास करके।
• बालकों में चिन्तन एवं तर्क का विकास प्रायोगिक स्तर पर करना
चाहिए। बालकों को समस्या समाधान करने पर उन्हें पुरस्कृत करना
चाहिए। बच्चे को बार-बार प्रयास करके तथा बालकों में भाषा कौशल
का विकास किया जाना चाहिए।
18.3 बच्चा : एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में
जब बालक अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से किसी समस्या के
प्रत्येक पहलू को जानने लगता है तथा स्वयं ही समस्या का समाधान
खोज लेता है तब बच्चे में एक वैज्ञानिक अन्वेषक के गुण आने लगते हैं
तथा वह अपनी समस्याओं का स्वयं समाधान करने लगता है।
बच्चों को वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में विकास के लिए निम्नलिखित
गुणों का विकास किया जा सकता है
• बच्चों के समक्ष छोटी-छोटी समस्याएँ रखकर (To insert small
problems in front of Children) बच्चों में एक वैज्ञानिक अन्वेषक
बनने के लिए यह आवश्यक है कि उसे यह जानकारी हो कि समस्या
क्या है? इसके लिए बच्चों के समक्ष छोटी-छोटी समस्याओं को
रखकर उनसे समस्या के विषय में पूछा जा सकता है।
• बच्चों को सम्भावित समाधानों के निर्माण हेतु प्रेरित करके (To
motivate children for the formation of the possible solution)
बच्चों को समस्या देकर उस समस्या से सम्बन्धित समाधान हेतु उपाय
बताने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिससे बच्चों में समस्या को स्वयं
हल करने के गुण विकसित हो सके।
• बच्चे के द्वारा बताए गए सम्भावित समाधानों का परीक्षण करके
(To test the possible solution formulated by the
Children) एक शिक्षक को बच्चे में वैज्ञानिक अन्वेषक के गुण
विकसित करने के लिए बच्चे द्वारा समस्या पर बताए गए समाधानों
का परीक्षण करना अत्यन्त आवश्यक है कि बच्चा समस्या का
समाधान सही दिशा में कर भी रहा है अथवा नहीं।
18.3.1 समस्या समाधान की वैज्ञानिक विधि
स्किनर के अनुसार, समस्या समाधान की वैज्ञानिक विधि में
निम्नलिखित सात सोपानों का अनुसरण किया जाता है
1. समस्या को समझना (To Understand the Problem)
आरम्भ में बालक पहले समस्या को समझता है, तब उसके
समाधान के बारे में सोचता है।
2. जानकारी संग्रह (Information Collecting) बालक समस्या
से सम्बन्धित समस्त जानकारी एकत्र करता है, क्योंकि समस्या
समाधान के लिए जानकारी का होना बहुत जरूरी है।
3. सम्भावित समाधानों का मूल्यांकन (Evaluation of
Possible Solutions) इस सन्दर्भ में बालक सभी समाधानों
का मूल्यांकन कर यह सोचता है कि कौन-सी समस्या का
समाधान असफल हुआ।
4. सम्भावित समाधानों का निर्माण (Formulation of Possible
Solutions) पूर्व अनुभव के आधार पर बालक सभी समाधानों
का निर्माण करना आरम्भ कर देता है।
5. समाधान का प्रयोग (Implementation of Solutions) जिस
प्रक्रिया से बालक किसी पूर्व समस्या का हल निकालता है, वह
उस प्रक्रिया को अन्य समस्याओं के समाधान में भी प्रयोग
करता है।
6. सम्भावित समाधानों का परीक्षण (Examine of Solvings) बालक समस्य
का समाधान करने के लिए जो-जो विधि अपनाता है, वह उसका पराक्षण करत
है तथा उनकी एक बेहतर विधि को अपनाता है।
7. निष्कर्षों का निर्णय (Decision of Conclusions) इस सन्दर्भ में बालक
निष्कर्षों के बारे में सोचता है। वह एक अन्तिम निष्कर्ष पर पहुँचता है कि
कौन-सा समस्या समाधान उसके लिए उत्तम है।
18.3.2 बच्चों का वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में विकास क्यों?
• इससे बालक अपने संज्ञानात्मक स्तर के अनुरूप विज्ञान के तथ्यों व धारणाओं
को समझने और इसे प्रयुक्त करने के योग्य हो जाएगा।
• बालक उन तरीकों और प्रक्रियाओं को समझ सके, जिससे वैज्ञानिक ज्ञान का सृजन
किया जा सके तथा इसका वैधीकरण भी किया जा सके।
• बालक विज्ञान के ऐतिहासिक एवं विकास सम्बन्धी परिप्रेक्ष्यों को समझ सके। साथ
ही विज्ञान को एक सामाजिक उद्यम की तरह देख सके।
• बालक खुद को स्थानीय तथा वैश्विक परिवेश से जोड़ सके और विज्ञान, प्रौद्योगिकी
और समाज के बीच की अन्तःक्रिया से त्वरित उपजे मुद्दों को समझ सके।
• बालक रोजगार की दुनिया में स्वयं को स्थापित करने के लिए आवश्यक
सैद्धान्तिक और व्यावहारिक कुशलता हासिल कर सके।
• बालक अपनी स्वाभाविक जिज्ञासा, सौन्दर्य बोध और रचनात्मकता से विज्ञान व
प्रौद्योगिकी को परिभाषित कर सके।
• बालक ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, सहयोग, जीवन के प्रति सरोकार और पर्यावरण
सुरक्षा जैसे मूल्यों की महत्ता समझ सके।
• बालक वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करना सीख जाए, जिससे हमारा मतलब
है―वस्तुनिष्ठता, आलोचनात्मक सोच (सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्ष) और
भय एवं अन्धविश्वास से मुक्ति।
                                         अभ्यास प्रश्न
1. इरफान खिलौनों को तोड़ता है और उसके
पुजों को देखने के लिए उन्हें अलग-अलग
कर देता है। आप क्या करेंगे?
(1) उस पर हमेशा नजर रखेंगे।
(2) उसके जिज्ञासु स्वभाव को प्रोत्साहित करेंगे
और उसकी ऊर्जा को सही दिशा में संचरित
करेंगे
(3) उसे समझाएँगे कि खिलौनों को तोड़ना नहीं
चाहिए
(4) इरफान को खिलौनों से कभी भी नहीं खेलने देंगे
2. कोई बच्चा अपने द्वारा निश्चित की गई
सर्वोत्तम विधि का प्रयोग करता है
(1) समस्या समाधान के लिए
(2) स्कूल छोड़कर भाग जाने के लिए
(3) एक पक्षीय चिन्तन के लिए
(4) उपरोक्त सभी
3. चिन्तन तथा तर्क का उद्देश्य है
(1) समस्या को जटिल बनाना
(2) संवेग को समाप्त करना
(3) समस्या का समाधान करना
(4) संज्ञान का अन्त करना
4. “समस्या समाधान वह प्रतिमान है, जिसमें
तार्किक चिन्तन निहित होता है।” निम्न में
से यह कथन किसका है?
(1) स्टेनले
(2) स्किनर
(3) पियाजे
(4) पावलॉद
5. एक बालक द्वारा किसी समस्या का
समाधान करने के लिए निम्न में से कौन-सा
गुण होना आवश्यक है?
A. भाषा विकास
B. स्वावलम्बी
C. बार-बार प्रयास करने की आदत
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) ये सभी
6. किसी समस्या के सम्भावित समाधानों का
परीक्षण कहाँ किया जाता है?
(1) प्रयोगशाला में
(2) कहीं पर भी
(3) विद्यालय में
(4) घर पर
7. आपकी कक्षा का एक बच्चा किसी समस्या
को समझने का प्रयास कर रहा है। आप
उस बच्चे के विषय में क्या कहेंगे?
(1) बच्चा सामान्य सोच वाला है।
(2) बच्चे की बुद्धि-लब्धि 70 से कम है।
(3) बच्चे में वैज्ञानिक सोच का विकास हो रहा है।
(4) बच्चे का मन पढ़ाई में न लगकर इधर-उधर
की बातों में लगा रहता है।
8. एक बच्चा अपने खिलौनों को तोड़कर उन्हें
पुन: नए तरीके से जोड़कर कई प्रकार की
वस्तुएं बना लेता है। उस बालक के सन्दर्भ
में आपकी राय क्या है?
(1) उसे ऐसा करने से रोका जाना चाहिए ताकि
उसका ध्यान पढ़ाई में लगे।
(2) बच्चे में वैज्ञानिक अन्वेषक के गुण हैं एवं इसमें
विकास के लिए उसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
(3) बच्चे की शिकायत उसके अभिभावकों से की
जानी चाहिए ताकि वे उसे खिलौना न दें।
(4) बच्चे की शिकायत प्रिन्सिपल से की जानी
चाहिए कि वह खेलता रहता है।
9. एक बच्चा माचिस के खाली डिब्बों से कई
प्रकार की वस्तुएँ बनाकर खेलता है। उस
बच्चे के सन्दर्भ में आपकी राय क्या है?
(1) उसमें वैज्ञानिक अन्वेषक के गुणों का विकास
हो रहा है
(2) वह पढ़ने से कतराता है एवं खेलते रहता है
(3) उसके माता-पिता उसकी पढ़ाई पर ध्यान .
नहीं देते
(4) उसे खेल से दूर कर पढ़ाई में लगाने की
आवश्यकता है
10. बालक में वैज्ञानिक अन्वेषक के गुणों का
विकास क्यों किया जाना चाहिए?
(1) उसे खेलों से दूर करने के लिए
(2) उसमें वैज्ञानिक स्वभाव’ विकसित करने के
लिए
(3) उसे पढ़ाई में व्यस्त रखने के लिए
(4) उसे शरारत करने से रोकने के लिए
11. जब कोई बच्चा अपनी समस्या का समाधान
स्वयं करने लगता है, तो उसमें निम्न में से
कौन-सा गुण विकसित हो जाता है?
(1) वैज्ञानिक अन्वेषक का
(2) प्रतिशोध का
(3) ईर्ष्या का
(4) समस्या का
12. बच्चों में वैज्ञानिक सोच का विकास करने
के लिए आवश्यक घटक है
A. बच्चों के समक्ष छोटी-छोटी समस्याएँ
रखी जाएँ।
B. बच्चों के द्वारा किए गए सम्भावित
समाधानों का परीक्षण किया जाए।
C. बच्चों को सम्भावित समाधानों के
निर्माण हेतु प्रेरित किया जाए।
(1) केवल A
(3) केवल B
(2) केवल C
(4) उपरोक्त सभी
13. स्किनर ने समस्या समाधान की वैज्ञानिक
विधि को कितने भागों में बाँटा है?
(1) 8
(2) 5
(3) 6
(4) 7
14. बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में इनमें से
किसका महत्त्वपूर्ण योगदान है?
(1) केवल माता-पिता
(2) केवल शिक्षक
(3) माता-पिता एवं शिक्षक
(4) केवल मित्र
                        विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
15. निम्नलिखित में से कौन-सी
समस्या समाधान की वैज्ञानिक पद्धति का
पहला चरण है?              [CTET Jan 2012]
(1) प्राक्कल्पना का निर्माण करना
(2) प्राक्कल्पना का परीक्षण करना
(3) समस्या के प्रति जागरूकता
(4) प्रासंगिक जानकारी को एकत्र करना
16. शिक्षक ……………..के अलावा
निम्नलिखित सभी को करते हुए
समस्या समाधान को विद्यार्थियों के लिए
मजेदार बना सकता है।             [CTET Nov 2012]
(1) जब विद्यार्थी स्वयं से कोई कार्य करने की
कोशिश कर रहे हों तो उनसे परिपूर्णता की
अपेक्षा करने
(2) मुक्त अन्त वाली सामग्री उपलब्ध कराने
(3) मुक्त खेल के लिए समय देने
(4) सृजनात्मक चिन्तन के लिए असीमित अवसर
उपलब्ध कराने
17. निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता
समस्या समाधान उपागम का विशेष चिह्न
है?                                      [CTET Nov 2019]
(1) सही उत्तर प्राप्त करने का सामान्यतः एक
उपागम होता है।
(2) समस्या केवल एक सिद्धान्त/प्रकरण पर
आधारित होती है।
(3) समस्या कथन में संकेत अन्तर्निहित रूप से
दिया होता है।
(4) समस्या मौलिक होती है।
18…………. के अतिरिक्त निम्नलिखित समस्या
समाधान की प्रक्रिया के चरण है?
                                             [CTET Feb 2019]
(1) परिणामों की आशा करना
(2) समस्या की पहचान
(3) समस्या का छोटे हिस्सों में बौटना
(4) संभावित युक्तियों को खोजना
19. निम्नलिखित में से समस्या समाधान को
क्या बाधित नहीं करता? [CTET Feb 2014]
(1) अन्तर्दृष्टि (Insight)
(2) मानसिक प्रारूपता (Mental sets)
(3) मोर्चाबन्दी (Entrenchment)
(4) निर्धारण (Foxation)
20. अध्यापिका ने ध्यान दिया कि पुष्पा
अपने-आप किसी एक समस्या का समाधान
नहीं कर सकती है। फिर भी वह एक
वयस्क या साथी के मार्गदर्शन की उपस्थिति
में ऐसा करती है। इस मार्गदर्शन को
कहते हैं.                          [CTET Feb 2015]
(1) पार्श्वकरण
(2) पूर्व-क्रियात्मक चिन्तन
(3) समीपस्थ विकास का क्षेत्र
(4) सहारा देना
21. जब शिक्षार्थियों को समूह में किसी समस्या
पर चर्चा का अवसर दिया जाता है, तब
उनके सीखने का वक्र               [CTET Feb 2016]
(1) बेहतर होता है
(2) स्थिर रहता है
(3) अवनत होता है
(4) समान रहता है
22. बच्चों के बारे में निम्नलिखित कथनों में से
कौन से सही हैं?                        [CTET Sept 2016]
A. बच्चे जानकारी के निष्क्रिय प्राप्तकर्ता है।
B. बच्चे समस्या समाधानकर्ता हैं।
C. बच्चे वैज्ञानिक शोधकर्ता है।
D. बच्चे पर्यावरण के सक्रिय अन्वेषक हैं।
(1) B,C और D
(2) A,B,C और D
(3) A,B और C
(4) A,Bऔर D
                                           उत्तरमाला
1. (2) 2. (1) 3. (3) 4. (1) 5. (4) 6. (2) 7. (3) 8. (2) 9. (1) 10. (2)
11. (1) 12 (4) 13. (3) 14 (3) 15. (3) 16. (1) 17. (3) . 18. (3) 19. (1)
20 (4) 21. (1) 22 (1)
                                                    ★★★

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