भारत के उद्योग
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1 लौह- इस्पात उद्योग
◆ देश में पहला लौह इस्पात कारखाना 1874 ई. में कुल्टी (पश्चिम बंगाल) नामक स्थान पर बराकर लौह कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था।
◆ देश में सबसे पहला लौह-इस्पात बड़े पैमाने का कारखाना 1907 ई. में तत्कालीन बिहार राज्य में साकची नामक स्थान पर जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित किया गया था।
स्वतन्त्रता से पूर्व स्थापित लौह-इस्पात कारखाना
(i) भारतीय लौह-इस्पात कंपनी : इसकी स्थापना 1918 ई. में पश्चिम बंगाल की दामोदर नदी घाटी में हीरापुर ( वर्तमान बर्नपुर) नामक स्थान पर की गयी थी।
(ii) मैसूर आयरन एण्ड स्टील वर्क्स : 1923 ई. में मैसूर राज्य (वर्तमान कर्नाटक) के भद्रावती नामक स्थान पर स्थापित की गयी थी। इसका वर्तमान नाम विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील कंपनी लिमिटेड (VISCL) है।
(iii) स्टील कॉरपोरेशन ऑफ बंगाल : इसकी स्थापना 1937 ई. में बर्नपुर (पश्चिम बंगाल) में की गयी थी। बाद में इसे 1953 ई. में भारतीय लौह-इस्पात कंपनी (IISCO) में मिला दिया है।
स्वतन्त्रता के बाद स्थापित लौह-इस्पात कारखाना
(i) दूसरी पंचवर्षीय योजना काल ( 1956-1961) में स्थापित कारखाना
(a) भिलाई इस्पात संयंत्र : इसकी स्थापना 1955 ई. में तत्कालीन मध्यप्रदेश के भिलाई में पूर्व सोवियत संघ की सहायता से की गयी थी।
(b) हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड, राउरकेला : इसकी स्थापना 1953 ई. में ओडिशा के राउरकेला नामक स्थान पर पश्चिमी जर्मनी की सहायता से की गयी थी।
(c) हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड, दुर्गापुर : इसकी स्थापना 1956 ई. में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर नामक स्थान पर ब्रिटेन की सहायता से की गयी थी।
(ii) तृतीय पंचवर्षीय योजना काल में स्थापित कारखाना
(a) बोकारो प्लांट : इसकी स्थापना 1968 ई. में तत्कालीन बिहार राज्य के बोकारो नामक स्थान पर पूर्व सोवियत संघ की सहायता से की गयी थी।
(iii) चौथी पंचवर्षीय योजना काल में स्थापित कारखाना
(a) सलेम इस्पात : सलेम (तमिलनाडु)
(b) विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र : विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश)
(c) विजयनगर इस्पात संयंत्र : हास्पेट, जिला बेलारी (कर्नाटक)
◆ स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) : भारत सरकार ने 1974 ई. में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिडेड की स्थापना की। दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला, बोकारो, बर्नपुर, सलेम, विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील कंपनी का प्रबंधन इसी के अधीन है।
2. एल्युमिनियम उद्योग
◆ भारत में एल्युमिनियम का पहला कारखाना 1937 ई. में पश्चिम बंगाल में आसनसोल के निकट जे.के. नगर में स्थापित किया गया था।
◆ 1938 ई. में चार कारखाने तत्कालीन बिहार राज्य के मुरी, केरल के अलवाये, पश्चिम बंगाल के बेलूर तथा ओडिशा के हीराकुण्ड में स्थापित किये गये।
◆ हिंदुस्तान एल्युमिनियम कार्पोरेशन ( हिण्डाल्को) की स्थापना तत्कालीन मध्यप्रदेश के कोरबा नामक स्थान पर की गयी ।
◆ मद्रास एल्युमिनियम कंपनी तमिलनाडु के मैदुर नामक स्थान पर स्थापित की गयी।
3. सूती वस्त्र उद्योग
◆ आधुनिक ढंग से सूती वस्त्र की पहली मिल की स्थापना 1818 ई. में कोलकाता के समीप फोर्ट ग्लास्टर में की गयी थी, किन्तु यह असफल रही थी।
◆ सबसे पहला सफल आधुनिक सूती कपड़ा कारखाना 1854 ई. में बम्बई में कवासजी डावर द्वारा खोला गया, जिसमें 1856 ई. से उत्पादन प्रारंभ हुआ।
◆ सूती वस्त्र उद्योग का सर्वाधिक केन्द्रीकरण महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य में है। अन्य प्रमुख राज्य हैं- पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, केरल, उत्तरप्रदेश।
◆ मुम्बई को भारत के सूती वस्त्रों की राजधानी के उपनाम से जाना जाता है।
◆ कानपुर को उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है।
◆ कोयम्बटूर (तमिलनाडु) को दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है।
◆ अहमदाबाद को भारत का बोस्टन कहा जाता है।
4. जूट उद्योग
◆ सोने का रेशा (Golden Fibre) के नाम से प्रसिद्ध जूट के रेशों से सामानों का निर्माण करने में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है।
◆ जूट का पहला कारखाना कोलकाता के समीप रिशरा नामक स्थान में 1859 ई. में लगाया गया था।
◆ भारतीय जूट निगम की स्थापना 1971 ई. में जूट के आयात निर्यात एवं आंतरिक बाजार की देखभाल के लिए की गयी है।
◆ भारत पूरे विश्व में 35% जूट के समानों का निर्माण करता है।
जूट उद्योग से सम्बन्धित प्रमुख राज्य
पश्चिम बंगाल | टीटागढ़, रिशरा, बाली, अगरपाड़ा, बाँसबेरियाँ, कान किनारा, उलबेरिया, सीरामपुर, बजबज, हावड़ा, श्यामनगर, शिवपुर, सियालदह, बिरलापुर, होलीनगर, बैरकपुर |
आंध्रप्रदेश | विशाखापत्तनम, गुण्डूर |
उत्तरप्रदेश | कानपुर, सहजनवाँ (गोरखपुर) |
बिहार | पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, दरभंगा |
5. चीनी उद्योग
◆ भारत विश्व का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। वजनहासी उद्योग होने के कारण इसका मुख्य सकेन्द्रण कच्चे माल के क्षेत्र में है।
◆ यह उद्योग सबसे पहले बेतिया (पश्चिमी चंपारण, बिहार) में 1840 ई. में लगया गया था, परंतु इसका वास्तविक विकास 1931 से प्रारंभ होता है जिस समय सरकार ने पहली बार इस उद्योग को संरक्षण दिया।
◆ 1960 ई. तक उत्तरप्रदेश व बिहार मुख्य चीनी उत्पादक राज्य थे, किन्तु उसके बाद दक्षिणी भारत में अनुकूल जलवायु व काली मृदा का क्षेत्र होने तथा नमी संरक्षण की क्षमता एवं ट्यूबवेल सिंचाई का विकास होने के कारण इस उद्योग में विकेन्द्रीकरण की उभरी।
◆ दक्षिण भारत में गन्ने की उत्पादकता व प्रति टन रस उपलब्धता अधिक होने के कारण अब यह उत्पादन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण प्रदेश बन गया है।
◆ यह उद्योग मुख्यतः उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, पंजाब,हरियाणा, पश्चिम बंगाल एवं राजस्थान राज्य में है।
चीनी उद्योग से सम्बन्धित प्रमुख राज्य
उत्तरप्रदेश | देवरिया, भटनी, पडरौना, गोरखपुर, गौरी बाजार, सिसवाँ बाजार, बस्ती, गोंडा, बलरामपुर, बारांबकी, सीतापुर, हरदोई, बिजनौर, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बुलन्दशहर, कानपुर, फैजाबाद एवं मुजफ्फरनगर आदि । |
बिहार | मोतीहारी, सुगौली, मझौलिया, चनपटियां, नरकटियागंज, मढ़हौरा, सासामूसा, गोपालगंज, मोतीपुर, डालमियानगर, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, चम्पारण, हसनपुर, मुजफ्फपुर आदि । |
महाराष्ट्र | मनसद, नासिक, अहमदनगर, पूना, शोलापुर एवं कोल्हापुर । |
पश्चिम बंगाल | तेलडांगा, पलासी, हावड़ा, एवं मुर्शिदाबाद | |
पंजाब | हमीरा, फगवाड़ा, अमृतसर। |
हरियाणा | जगधारी एवं रोहतक। |
तमिलनाडु | अरकाट, मदुरै, कोयम्बटूर, तिरुचिरापल्ली। |
आंध्रप्रदेश | सीतापुरम्, पीठापुरम्, बेजवाड़ा, हास्पेट, साभल कोट। |
राजस्थान | गंगानगर एवं भूपाल सागर। |
6. सीमेंट उद्योग
◆ विश्व में सबसे पहले आधुनिक रूप से सीमेंट का निर्माण 1824 ई. में ब्रिटेन के पोर्टलैंड नामक स्थान पर किया गया था।
◆ सीमेंट उद्योग देश के सर्वाधिक उन्नत उद्योगों में हैं। आवास निर्माण एवं देश के ढाँचागत क्षेत्र में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
◆ भारत में आधुनिक ढंग से सीमेंट बनाने का पहला कारखाना 1904 ई. में मद्रास में लगाया गया था, जो असफल रहा।
◆ मद्रास के कारखाने के बाद 1912-1913 ई. की अवधि में इंडियन सीमेंट कंपनी (ICC) लिमिटेड द्वारा गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर कारखाने की स्थापना की गयी, जिसमें 1914 ई. से उत्पादन प्रारंभ हुआ।
◆ एसोसिएट सीमेंट कंपनी लिमिटेड (ACC) की स्थापना 1934 ई. में की गयी थी।
◆ राजस्थान भारत का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य है।
सीमेंट उद्योग से सम्बन्धित प्रमुख राज्य
राजस्थान | जयपुर, लखेरी |
मध्यप्रदेश | सतना, कटनी, जबलपुर, बनमोर (ग्वालियर), रतलाम |
छत्तीसगढ़ | दुर्ग, जामुल, तिलदा, मंधार, अलकतरा |
उत्तरप्रदेश | मिर्जापुर, चुर्क |
झारखंड | जपला, खेलारी, सिन्दरी और झींकपानी |
ओडिशा | राजगंगपुर |
आंध्रप्रदेश | कृष्णा, विजयवाड़ा, मनचेरियल, मछेरिया, पनयम |
कर्नाटक | भोजपुर, भद्रावती, बागलकोट, बंगलौर |
तमिलनाडु | डालमियापुरम्, मधुकराय, तुलकापट्टी |
केरल | कोट्टायम |
गुजरात | पोरबंदर/द्वारका, सीका (जामनगर), भावनगर, सेवालियम और रानायाय |
पंजाब | सूरजपुर |
हरियाणा | चरखी दादरी |
7. कागज उद्योग
◆ आधुनिक ढंग से भारत में कागज का पहला कारखाना 1716 ई. में मद्रास के समीप ट्रंकवार नामक स्थान पर डॉ. विलियम कोर द्वारा स्थापित किया गया, जो असफल रहा।
◆ कागज का पहला सफल कारखाना 1879 ई. में लखनऊ में लगाया गया।
◆ पश्चिम बंगाल भारत का सबसे बड़ा कागज उत्पादक राज्य है।
◆ मध्य प्रदेश के नेपानगर में अखबारी कागज तथा होशंगाबाद में नोट छापने के कागज बनाने का सरकारी कारखाना है।
कागज उद्योग से सम्बन्धित प्रमुख राज्य
पश्चिम बंगाल | टीटागढ़, रानीगंज, नैहाटी, त्रिवेणी, कोलकाता, किनाडा, हुगली, बड़ानगर, शिवराफूली आदि |
आंध्रप्रदेश | राजमहेन्द्री, सिरपुर, कागजपुर, तिरुपति आदि |
उत्तरप्रदेश | सिकन्दराबाद, मेरठ, सहारनपुर, पिपराइच, मुजफ्फपुर, पिलखुआ, लखनऊ, नैनी (इलाहाबाद) आदि |
झारखंड | संथाल परगना |
बिहार | पटना, बरौनी, समस्तीपुर |
मध्यप्रदेश | नेपानगर (अखबारी कागज बनाने का सरकारी कारखाना ) |
तमिलनाडु | पट्टीपलायम (सलेम), चरणमहादेवी (तिरुनलवैली), उदमलपेट तथा पालनी |
महाराष्ट्र | मुम्बई, पुणे, बल्लारपुर, चन्द्रपुर, कल्याण, कराड, पिम्परी, भिवण्डी, रोहा |
गुजरात | वापी, सूरत, बड़ोदरा, राजकोट, बरजोद, उदावाड़ा आदि |
8. रासायनिक उर्वरक उद्योग
◆ ऐतिहासिक रूप से देश में सुपर फॉस्फेट उर्वरक का पहला कारखाना 1906 में तमिलनाडु के रानीपेट नामक स्थान पर स्थापित किया गया था।
◆ 1944 ई. में कर्नाटक के बैलेगुला नामक स्थान पर मैसूर केमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजर्स के नाम से अमोनिया उर्वरक का कारखाना लगाया गया।
◆ 1947 ई. में अमोनियम सल्फेट का पहला कारखाना केरल के अल्वाय नामक स्थान पर खोला गया।
◆ भारत में उर्वरक निगम की स्थापना 1951 ई. में की गयी, जिसके तहत एशिया का सबसे बड़ा उर्वरक सन्यंत्र सिन्दरी (झारखंड) में स्थापित किया गया।
◆ भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा रासायनिक उर्वरक उत्पादक एवं उपभोक्ता है।
◆ भारत पोटाश उर्वरक के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर है।
◆ भारत में नाइट्रोजनी उर्वरक की खपत सबसे अधिक है।
रासायनिक उर्वरक उत्पादन से सम्बन्धित प्रमुख राज्य
झारखंड | सिन्दरी |
बिहार | बरौनी |
उत्तरप्रदेश | कानपुर, गोरखपुर, इलाहाबाद (फूलपुर ) |
ओडिशा | राउरकेला, तलचर |
राजस्थान | खेतड़ी, सलादीपुर एवं कोटा |
महाराष्ट्र | मुम्बई, ट्राम्बे, अम्बरनाथ तथा लोनी |
पश्चिम बंगाल | बर्नपुर, हल्दिया, रिशरा तथा खारदाह |
कर्नाटक | मंगलौर, बेलागुला तथा मुनीराबाद |
तमिलनाडु | न्येवली, रानीपेट, इन्नौर, कोयम्बटूर, तूतीकोरन, आवाडी एवं मनाली |
गुजरात | कांडला, बड़ोदरा, हजीरा, भावनगर |
आंध्रप्रदेश | विशाखापट्टनम, तादेपल्ली तनूकू, रामागुडम |
9. जलयान निर्माण उद्योग
◆ भारत में जलयान निर्माण का प्रथम कारखाना 1941 में सिंधिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी द्वारा विशाखापट्टनम में स्थापित किया गया था। 1952 ई. में भारत सरकार द्वारा इसका अधिग्रहण करके हिंदुस्तान शिपयार्ड विशाखापट्टनम नाम दिया गया है।
◆ सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य इकाइयाँ जो जलयानों का निर्माण करती है, निम्नलिखित हैं –
(i) गार्डेनरीच वर्कशॉप लिमिटेड-कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
(ii) गोवा शिपयार्ड लिमिटेड-गोवा
(iii) मंझगाँव डाक लिमिटेड – मुम्बई (महाराष्ट्र)
10. वायुयान निर्माण उद्योग
◆ भारत में वायुयान निर्माण का पहला कारखाना 1940 ई. में बंगलौर में ‘हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट कंपनी’ के नाम स्थापित किया गया जो आज ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नाम से जाना जाता है।
◆ वर्तमान में HAL की पाँच इकाइयाँ बंगलोर में ही है। इसके अतिरिक्त कोरापुट, कोरवा, नासिक, बैरकपुर, लखनऊ, हैदराबाद तथा कानपुर में एक-एक इकाइयाँ वायुयानों के निर्माण कार्य में संलग्न है।
11. मोटरगाड़ी उद्योग
◆ मोटरगाड़ी को विकास उद्योग के नाम से जाना जाता है।
◆ मोटरगाड़ी से सम्बन्धित प्रमुख इकाइयाँ हैं- हिंदुस्तान मोटर (कोलकाता), प्रीमियर ऑटोमोबाइल्स लि. (मुम्बई), अशोक लिलैण्ड (चेन्नई), टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव कम्पनी लि. (जमशेदपुर), महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि. (पुणे), मारूती उद्योग लि. गुड़गाँव (हरियाणा) और सनराइज इंडस्ट्रीज बंगलौर ।
नोट: कुछ वर्ष पूर्व हिंदुस्तान मोटर (कोलकता) बंद हो गया।
12. शीशा उद्योग
◆ भारत में शीशा उद्योग का केन्द्रीकरण रेल की सुविधा वाले स्थानों में देखने में मिलता है।
◆ शीशा उद्योग का विकास मुख्यतः पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु राज्य में हुआ है।
◆ उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद एवं शिकोहाबाद भारत में शीशा उद्योग के महत्त्वपूर्ण केन्द्र हैं।
शीशा उद्योग से सम्बन्धित प्रमुख राज्य
पश्चिम बंगाल | बेलगछिया, सीतारामपुर, रिसड़ा, वर्द्धमान, रानीगंज एवं आसनसोल |
उत्तरप्रदेश | नैनी (इलाहाबाद), रामनगर (वाराणसी), बहजोई (मुरादाबाद), बालाबाली (बिजनौर) एवं फिरोजाबाद |
झारखंड | काण्ड्रा (जमशेदपुर), भुरकुण्डा (हजारीबाग), धनबाद |
बिहार | पटना एवं कहलगाँव |
गुजरात | बड़ौदा, मौरवी |
राजस्थान | जयपुर |
अन्य स्थान | अम्बाला, अमृतसर, हैदराबाद, जबलपुर, बंगलौर एवं गुवाहाटी |
13. दवा निर्माण उद्योग
◆ यह एक हल्का उद्योग है। इसी कारण कच्चे माल या बाजार के स्थान पर कोल्ड स्टोरेज, एयरकंडीशनर, परिवहन व अन्य संरचनात्मक सुविधाओं की इस उद्योग की अवस्थिति में अधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
◆ उपरोक्त सुविधाएँ महानगरीय क्षेत्रों में बेहतर ढंग से उपलब्ध है, इसीलिए यहाँ इनका बेहतर विकास हुआ है।
◆ 1954 ई. में हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड की स्थापना की गयी, जिसके प्रमुख केन्द्र हैंबंगलुरू, नागपुर, व पिंपरी ( पुणे ) ।
◆ 1960 ई. में इंडियन ड्रग एण्ड फॉर्मास्युटिकल लिमिटेड (IDPL) की स्थापना की गयी। ऋषिकेश, हैदराबाद, चेन्नई, गुड़गाँव व मुजफ्फरपुर में इसकी इकाइयाँ हैं ।
◆ भारत में दवा निर्माण उद्योग के प्रमुख केन्द्र हैं- मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, हरिद्वार, ऋषिकेश, अहमदाबाद, पुणे, पिंपरी (पेन्सिलीन), मथुरा, हैदराबाद।
◆ परंपरागत दवा उद्योग के अंतर्गत डाबर, वैद्यनाथ ऊँझा हमदर्द, हिमालया एवं पतांजलि जैसी कंपनियाँ निरंतर नये उत्पादों के उत्पादन दिशा में प्रयासरत हैं।
14. अभियांत्रिकी उद्योग
◆ इस उद्योग से सम्बन्धित प्रमुख स्थान हैं- हटिया (रांची, झारखंड), दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल), विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) नैनी (इलाहाबाद), बंगलुरु, अजमेर, जादवपुर (कोलकाता)।
◆ भारी इंजीनियरिंग निगम लिमिटेड (HEC) रांची की स्थापना 1958 ई. में की गयी थी।
15. रेलवे उपकरण निर्माण उद्योग
◆ भारत रेल के इंजनों, सवारी डिब्बों तथा माल ढोने वाले डिब्बों के निर्माण में पूर्णतया आत्मनिर्भर है।
◆ भारत में रेलवे उपकरण से सम्बन्धित पहली कंपनी झारखंड के सिंहभूम जिले में ‘पेनिसुलर लोकोमोटिव कंपनी’ 1921 ई. में स्थापित की गयी थी। बाद में इसका नाम ‘टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को) रखा गया।
◆ भारत में रेल इंजन का सबसे पुराना कारखाना चितरंजन (पश्चिम बंगाल) में है। इस कारखाने की स्थापना 26 जनवरी, 1950 ई. में चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स के नाम से हुई। वर्तमान में यहाँ विद्युत इंजन का निर्माण हो रहा है।
◆ डीजल से चलने वाले इंजनों का निर्माण मडुआडीह (वाराणसी) के डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (DLW) में होता है।
◆ रेलवे इंजन निर्माण का कार्य जमशेदपुर (झारखंड) में भी होता है।
◆ बिहार के मढ़ौरा (सारण) में डीजल इंजन व मधेपुरा में विद्युत इंजन कारखाना लगाया जा रहा है।
◆ रेल के डिब्बे बनाने का प्रमुख केन्द्र चेन्नई के समीप पेराम्बूर नामक स्थान पर 1925 ई. में स्थापित किया गया है। इसके अन्य प्रमुख केन्द्र बंगलुरु तथा कोलकाता हैं। पंजाब के कपूरथला में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री की स्थापना की गयी है।
◆ रायबरेली (उत्तरप्रदेश) व कचरापाड़ा (पश्चिम बंगाल) में रेलवे कोच फैक्ट्री की नई उत्पादन इकाई स्थापित की जा रही है।
◆ सोनपुर (सारण, बिहार) में रेल व्हील फैक्ट्री स्थापित की गयी है।
16. बिजली के समान
◆ बिजली के समान का निर्माण हरिद्वार ( रानीपुर ), भोपाल, हैदराबाद के निकट रामचन्द्रपुरम, तिरुचिरापल्ली एवं कोलकाता में होता है।
17. ऊनी वस्त्र
◆ भारत में ऊन की पहली मिल 1870 ई. में कानपुर में स्थापित की गयी, परन्तु इस उद्योग का वास्तविक विकास 1950 ई. के बाद ही हुआ।
◆ वर्तमान समय में ऊनी वस्त्र उद्योग मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्यों में स्थापित है।
◆ पंजाब में लुधियाना, जालंधर, धारीवाल और अमृतसर ऊनी वस्त्र उद्योग के महत्त्वपूर्ण केन्द्र है।
ऊनी वस्त्र से सम्बन्धित प्रमुख राज्य
उत्तरप्रदेश | मिर्जापुर, आगरा, मुजफ्फरनगर, शाहजहाँपुर |
पंजाब | अमृतसर, धारीवाल |
जम्मू-कश्मीर | श्रीनगर |
राजस्थान | जयपुरं, भीलवाड़ा, बीकानेर, जोधपुर |
कर्नाटक | बंगलौर, मैसूर |
18. रेशम उद्योग
◆ भारत एक ऐसा देश है, जहाँ शहतूती, एरी, तसर एवं मूँगा सभी चार किस्मों की रेशम का उत्पादन होता है ।
◆ भारत का दो तिहाई शहतूती रेशम कर्नाटक से प्राप्त होता है।
◆ गैर – शहतूती रेशम मुख्यतः असम, बिहार और मध्यप्रदेश से प्राप्त होता है।
रेशम उद्योग से सम्बन्धित प्रमुख राज्य
जम्मू, -कश्मीर | श्रीनगर, जम्मू , उधमपुर, अनन्तनाग, बारामूला |
उत्तरप्रदेश | मिर्जापुर, वाराणसी, शाहजहाँपुर |
पश्चिम बंगाल | मुर्शिदाबाद, बांकुड़ा, हावड़ा, चौबीस परगना |
तमिलनाडु | सलेम, तंजौर, कांजीवरम् तिरुचिरापल्ली, कोयम्बटूर |
बिहार | भागलपुर, गया, पटना |
कर्नाटक | बंगलौर, मैसूर |
गुजरात | अहमदाबाद, सूरत, भावनगर, पोरबंदर |
19. चर्म उद्योग
◆ भारत में चर्म उद्योग के मुख्य केन्द्र हैं- कानपुर, आगरा, मुम्बई, कोलकाता, पटना तथा बंगलुरु।
◆ कानपुर चर्म उद्योग का सबसे बड़ा केन्द्र है। यह जूते बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
◆ आगरा में चर्म उद्योग के लगभग 150 कारखाने हैं।