UP Board Class 6 Hindi | हार की जीत (मंजरी)
UP Board Class 6 Hindi | हार की जीत (मंजरी)
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 8 हार की जीत (मंजरी)
महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या
माँ को अपने …………………… प्रसन्न होते थे।
संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘हार की जीत’ नामक पाठ से लिया गया है। इस कहानी के लेखक सुदर्शन जी हैं।
प्रसंग – इसमें बाबा भारती के सुल्तान के प्रति प्रेम की भावना का वर्णन किया गया है।
व्याख्या – बाबा भारती अपने घोड़े सुल्तान को देखकर उसी प्रकार प्रसन्न हुआ करते थे, जिस प्रकार कोई माँ अपने बढ़ते हुए पुत्र, किसान अपने हरे-भरे खेत तथा साहूकार अपने देनदार को देखकरे प्रसन्न हुआ करते। हैं। यद्यपि बाबा भारती भगवान का भजन करते थे, परन्तु भजन से बचे हुए समय में वे अपने घोड़े की देखभाल करते थे। वे उसके दाने-पानी, हाथ से खरहरा करने एवं अन्य प्रत्येक सुख-सुविधा का ध्यान रखते थे।
पाठ का सार (सारंश)
इस पाठ में सुदर्शन जी ने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से बताया है कि परोपकारियों और सज्जनों की सदा जीत होती है।
बाबा भारती नाम के एक साधु थे। उनके पास सुल्तान नाम का एक घोड़ा था, जो बहुत ही सुन्दर और ताकतवर था। बाबा उस घोड़े से बहुत प्यार करते थे और उसकी सेवा करते थे एक दिन सुल्तान के बारे में सुनकर उस इलाके का डाकू खड्गसिंह बाबा भारती के पास आया और उसने सुल्तान को देखने की इच्छा जताई। बाबा भारती ने गर्व के साथ खड्गसिंह को अपना घोड़ा दिखाया और उसके गुणों का बखान किया। खड्गसिंह घोड़े को देखकर आश्चर्य करने लगा, क्योंकि उसने इतना सुन्दर और ताकतवर घोड़ा अब से पहले कभी नहीं देखा था। उसे बाबा के भाग्य से ईर्ष्या हुई और वह सोचने लगा कि ऐसा घोड़ा तो मेरे पास होना चाहिए।
उसने बाबा भारती से घोड़ी छीन ले जाने की बात कही। खड्गसिंह की इस बात से बाबा डर गए। वे रातभर बैठकर घोड़े की रखवाली करने लगे। उन्हें हर समय खड्गसिंह के आने का डर सताने लगा। एक दिन शाम के समय वे घोड़े पर बैठकर कहीं घूमने जा रहे थे कि रास्ते में उन्हें एक गरीब अपाहिज पेड़ के नीचे बैठा मिला। बाबा के पूछने पर उसने कहा कि मुझे तीन मील दूर एक गाँव में जाना है, लेकिन मैं चलने में लाचार हूँ; आप मुझे अपने घोड़े पर बैठाकर वहाँ पहुँचा दें। बाबा ने उस अपाहिज को घोड़े पर बैठा लिया और वे स्वयं घोड़े की लगाम पकड़कर पैदल चलने लगे। अचानक बाबा को एक झटका देकर वह अपाहिज, घोड़े को दौड़ाने लगा।
बाबा ने देखा, तो वे चीख उठे; क्योंकि वह अपाहिज़ डाकू खड्गसिंह था। बाबा ने उसे रोकना चाहा, लेकिन वह न रुका। बाबा ने उससे फिर कहा कि घोड़ा नहीं चाहिए, परन्तु यह प्रार्थना है कि तुम किसी को इस घटना के बारे में मत बताना; क्योंकि इस घटना के बारे में सुनने के बाद लोग किसी गरीब पर भरोसा नहीं करेंगे। बाबा की यह बात सुनकर खड्गसिंह के मन पर उनकी सज्जनता और महानता का इतना प्रभाव पड़ा कि उसे अपनी भूल पर पश्चात्ताप हुआ और रात के अँधेरे में वह घोड़े को बाबा के मन्दिर में उसी जगह बाँधकर चला गया, जहाँ वह बँधा रहता था।
प्रश्न-अभ्यास
कुछ करने को –
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना
प्रश्न 1.
बताइये आपको कहानी का कौन सा पात्र सबसे अच्छा लगा, और क्यों?
उत्तर :
मुझे बाबा भारती का किरदार बहुत अच्छा लगा। उनका सुल्तान के प्रति प्रेम, गरीबों के प्रति दया, उनकी सज्जनता सभी कुछ अनुकरण करने योग्य है।
प्रश्न 2.
यदि बाबा भारती और खड्गसिंह की मुलाकात अगली बार होगी तो उनके बीच क्या-क्या बातें होंगी? लिखिए।
उत्तर :
यदि बाबा भारती और खड्गसिंह की मुलाकात अगली बार होगी तो सबसे पहले खड्गसिंह बाबा भारती से माफी माँगेगा। क्योंकि उसने बाबा भारती को बहुत दुखी किया था। साथ ही बाबा भारती खड्गसिंह से यह पूछेगे कि उसने उनसे छल क्यों किया।
प्रश्न 3.
विद्यार्थी स्वयं करें।
कहानी से
प्रश्न 1.
बाबा भारती ने खडूगसिंह से उस घटना को किसी के सामने प्रकट न करने के लिए क्यों कहा?
उत्तर :
खड्गसिंह ने अपाहिज और असहाय का वेश बनाकर बाबा भारती से उनका घोड़ा छीना था। यदि इस घटना का जिक्र किसी से भी किया जाता, तो लोग अपाहिजों, गरीबों और असहायों की सच्ची बातों पर भी विश्वास= नहीं करते, जिससे परोपकार या सेवा भाव के मिट जाने का भयं था।
प्रश्न 2.
बाबा भारती द्वारा की गई प्रार्थना का डाकू खड्गसिंह पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर :
बाबा भारती द्वारा की गई प्रार्थना से डाकू खड्गसिंह का कठोर हृदय पिघल गया और उसकी मानवता मानवता जाग उठी। उसने घोड़ा लौटा दिया।
प्रश्न 3.
कहानी के आधार पर नीचे दी गई घटनाओं को सही क्रम दीजिए (क्रम देकर) –
उत्तरं :
- माँ को अपने बेटे और किसान को लहलहाते खेत को देखकर जो आनन्द आता है, वही बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था।
- बाबा भारती और खंड्गसिंह अस्तबल में पहुँचे।
- घोड़े की चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया।
- खड्गसिंह जाते-जाते कह गया- “बाबा जी यह घोड़ा मैं आपके पास न रहने दूंगा।”
- बाबा भारती की सारी रात अस्तबल की रखवाली में कटने लगी।
- अपाहिज वेश में खड्गसिंह घोड़े को दौड़ाकर जाने लगा।
- खड्गसिंह ने बाबा भारती की आवाज सुनकर घोड़ा रोक लिया और कहा- “बाबा जी यह घोड़ा अब न दूंगा।’
- बाबा ने कहा- “इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना, नहीं तो वे किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे।”
- खड्गसिंह ने सुल्तान को उसके स्थान पर बाँध दिया।
- बाबा भारती घोड़े के गले से लिपटकर रोने लगे।
प्रश्न 4.
इस कहानी के अन्त में किसकी जीत और किसकी हार हुई?
उत्तर :
बाबा भारती अपना घोड़ा छिन जाने के कारण हार गए थे, किंतु उनके शब्दों का खड्गसिंह पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि वह उनके घोड़े को चुपचाप उनके घर लौटा गया और अन्त में बाबा भारती हारकर भी जीत गए तथा खड्गसिंह जीतकर भी हार गया।
प्रश्न 5.
इस कहानी द्वारा लेखक हमें क्या बताना चाहता है?
उत्तर :
इस कहानी द्वारा लेखक हमें बताना चाहता है कि व्यक्ति जन्म से बुरा नहीं होता; परिस्थितियाँ उसे बुरा बना देती हैं। यदि ऐसे व्यक्तियों को अनुकूल परिवेश मिले, तो सुधरते देर नहीं लगती।
प्रश्न 6.
इस कहानी में तीन मुख्य पात्र हैं- बाबा भारती, सुल्तान और खड्गसिंह। कहानी के आधार पर इन ती पात्रों की विशेषताओं को स्पष्ट करने वाली तीन-तीन बातें लिखिए।
उत्तर :
(क) बाबा भारती –
- वे अपने घोड़े सुल्तान को बेटे से भी ज्यादा प्यार करते थे।
- उनके मन मे गरीबों और लाचारों के लिए बहुत दया थी।
- वे अपने घोड़े की सेवा तन-मन करते थे।
(ख) सुल्तान –
- सुल्तान बहुत सुंदर था।
- इसके जोड़ का जोड़ा सारे इलाके में न था।
- सुल्तान बहुत बलवान था।
(ग) खड्गसिंह –
- खड्गसिंह इलाके का मशहूर डाकू था।
- लोग उसका नाम सुनकर काँपते थे।
- खड्गसिंह डाकू होते हुए भी एक अच्छा इंसान था।
प्रश्न 7.
उस संवाद को छाँट कर लिखिए जिसने डाकू खड्गसिंह का हृदय परिवर्तन कर दिया।
उत्तर :
यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका मैं तुमसे वापस करने के लिए न कहूँगा। परंतु खड्गसिंह, केवल एक प्रार्थना करता हूँ। उसे अस्वीकार न करना नहीं तो मेरा दिल टूट जाएगा। मेरी प्रार्थना केवल यह है कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। ‘लोगों को यदि इस घटना का पता चल गया तो वे गरीब पर विश्वास न करेंगे।
प्रश्न 8.
कहानी के किस पात्र ने आपको सबसे ज्यादा प्रभावित किया और क्यों?
उत्तर :
‘मुझे बाबा भारती के किरदार ने बहुत प्रभावित किया। बाबा भारती अपने जिस घोड़े को अपने प्राणों से भी अधिक प्यार करते थे उसको डाकू खडुर्गासह द्वारा धोखे से चुरा लेने के बाद भी बाबा भारती को अपने प्यारे घोड़े से अधिक चिंता गरीबों एवं असहायों की है। उनकी बातों से उनकी महानता और सज्जनता का पता चलता है। उनका चरित्र मुझे बहुत प्रभावित करता है।
प्रश्न 9.
कहानी का शीर्षक है- ‘हार की जीत’ आपके अनुसार इस काहनी के और क्या-क्या शीर्षक हो सकते हैं? लिखिए।
उत्तर :
मेरे विचार से इस कहानी का शीर्षक होना चाहिए – ‘सच्चे संत बाबा भारती’ या सबका प्यारा सुल्तान।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
नीचे लिखे मुहावरों का प्रयोग करके वाक्य बनाइए (वाक्य बनाकर) –
वायु तेग से उड़ना (बहुत तेज चलना) : वाक्य प्रयोग – बाबा भारती का घोड़ा वायु वेग से उड़ता था।
आँखों में चमक होना (बहुत खुशी होगा) : वाक्य प्रयोग – अपनों को देखकर आँखों में चमक होना स्वाभाविक है।
दिल टूट जाना (दुखी होना) : वाक्य प्रयोग – इच्छा पूरी न होने से दिल टूट जाता है।
मुँह न मोड़ना (साथ निबाहना) : वाक्य प्रयोग – मुसीबत में मुँह न मोड़ना ही मित्रता है।
सिर मारना (समझाने की कोशिश करना) : वाक्य प्रयोग – मूर्ख के सामने सिर मारना बेकार होता है।
लट्टू होना (मोहित होना) : वाक्य प्रयोग – गोपियाँ श्री कृष्ण पर लट्टू हो जाती थीं।
मन भारी होना (उदास हो जाना) : वाक्य प्रयोग – अनावश्यक डाँट-डपट से किसी का भी मन भारी हो जाता है।
प्रश्न 2.
नीचे बाईं ओर कुछ विशेषण दिए गए हैं और दाईं ओर कुछ विशेष्य। प्रत्येक विशेषण के साथ उपयुक्त विशेष्य मिलाकर लिखिए –
उत्तर :

प्रश्न 3.
नीचे दिए गए अनुच्छेद में उपयुक्त स्थान पर उद्धरण चिह्न तथा अन्य विराम-चिह्न लगाइए (विराम-चिह्न लगाकर) –
अपाहिज ने हाथ जोड़ कर कहा, “बाबा मैं दुखिया हूँ। मुझ पर दया करो। रामावाला यहाँ से तीन मील दूर है, मुझे वहाँ जाना है। घोड़े पर चढ़ा लो, परमात्मा भला करेगा। वहाँ तुम्हारा कौन है? दुर्गादत्त वैद्य का नाम सुना होगा। उनका सौतेला भाई हूँ।
प्रश्न 4.
‘अ’ उपसर्ग लगाने से कुछ शब्दों के अर्थ विपरीत हो जाते हैं; जैसे-थीर से अधीर, स्वीकार से अस्वीकार । अ उपसर्ग लगाकर इसी तरह से अन्य पाँच शब्द लिखिए (लिखकर) –
अ – असीमित, अशिक्षित, अयोग्य, अकारण, असमर्थ
अवधारणा चित्र-किसी पात्र अथवा विषयवस्तु के बारे में उसकी विशेषता, गुण, लाभ, अथवा घटना के क्रमों के प्रमुख बिन्दुओं का चित्रण करना।
उत्तर :
संत, सच्चा मानवतावादी, गरीबों के मसीहा, निश्चल स्वभाव, परोपकारी।
इसे भी जानें –
नोट – विद्यार्थी स्वयं पढ़े।