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CTET Notes In Hindi | हम चीजें कैसे बनाते हैं?

CTET Notes In Hindi | हम चीजें कैसे बनाते हैं?

हम चीजें कैसे बनाते हैं?
                                How We Make Things?
CTET परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण करने
से यह ज्ञात होता है कि इस अध्याय से वर्ष 2011 में केवल
1 प्रश्न, 2012 में 5 प्रश्न, 2013 में 2 प्रश्न, 2014 में 5 प्रश्न,
2015 में 5 प्रश्न एवं 2016 में 4 प्रश्न पूछे गए हैं।
CTET परीक्षा में पूछे गए प्रश्न मुख्यतया मिश्रधातु, मानवीय
क्रियाकलापों एवं पारम्परिक कलाओं इत्यादि प्रकरण से
सम्बन्धित हैं।
7.1 चीजें, जो हम जानते हैं
किसी विषय के क्रमबद्ध, सुव्यवस्थित एवं परीक्षणयुक्त ज्ञान को विज्ञान कहा
जाता है। वर्तमान समय में विज्ञान मानव जीवन की आधारभूत आवश्यकता
बन गई है। संसार की सभी वस्तुओं का विभाजन हम सामान्यतया ठोस, द्रव
एवं गैस के रूप में करते हैं। हम कोई भी ज्ञान अनुभव, परीक्षण, प्रयोग एवं
तर्क के आधार पर ही जानते हैं। विज्ञान के आधार पर ही हम प्राचीन काल
से ही पहिया बनाना, चाक द्वारा विभिन्न प्रकार के बर्तन बनाना, कृषि करना
इत्यादि जानते है।
7.1.1 पदार्थ
इस विश्व की कोई भी वस्तु, जो एक निश्चित स्थान घेरे और जिसमें
द्रव्यमान हो, उसे ‘पदार्थ’ Matter) कहते हैं। पदार्थों के आकार, आकृति
और बनावट में अन्तर होता है। जिस हवा में हम श्वास लेते हैं, जो भोजन
हम करते हैं, पत्थर, बादल, तारे, पौधे एवं पशु, यहाँ तक कि पानी की एक
बूंद या रेत का एक कण, ये सभी पदार्थ की श्रेणी में आते है। आधुनिक
वैज्ञानिकों ने पदार्थ को भौतिक गुणधर्म एवं रासायनिक प्रकृति के आधार पर
दो प्रकार से वर्गीकृत किया है
पदार्थ का भौतिक स्वरूप एवं अभिलाक्षणिक गुण
1. पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है पदार्थ के कण (Particle)
अत्यन्त छोटे होते हैं तथा एक स्थिति में ये कण और छोटे भागों में
विभाजित नहीं किए जा सकते हैं।
2. पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है उदाहरणस्वरूप-
जब हम चाय, कॉफी या नींबू पानी बनाते हैं, तो एक पदार्थ के कण
दूसरे पदार्थ के कणों के रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते है। यह
दर्शाता है, कि पदार्थ के कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होता है।
पदार्थ के कण अपने आप ही एक-दूसरे के साथ अन्त:मिश्रित हो जाते
है। ऐसा कणों के रिक्त स्थानों में समावेश के कारण होता है। दो
विभिन्न पदार्थों के कणों का स्वतः मिलना ही विसरण कहलाता है।
पदार्थों को गर्म करने पर विसरण तेज हो जाता है।
3. पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं अर्थात् पदार्थ के कणों में
गतिज ऊर्जा होती है। तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है
अर्थात् तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है।
4. पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं पदार्थ के कणों के
बीच एक बल कार्य करता है। यह बल कणों को एकसाथ जोड़े रखता
है। इस आकर्षण बल की सामर्थ्यता प्रत्येक पदार्थ में अलग-अलग
होती है।
पदार्थ की अवस्थाएँ
पदार्थ की तीन प्रमुख अवस्थाएँ होती है- ठोस, द्रव और गैस। पदार्थ की ये
अवस्थाएँ उसके कणों की विभिन्न विशेषताओं के कारण होती हैं।
1. ठोस अवस्था (Solid State) पदार्थ की वह भौतिक अवस्था जिसका
आकार एवं आयतन दोनों निश्चित हों, ठोस कहलाती है। इस अवस्था
में बाह्य बल लगाने पर भी ठोस अपने आकार को बनाए रखते हैं।
बल लगाने पर ठोस टूट सकते हैं लेकिन इनका आकार नहीं बदलता।
इसलिए ये दृढ़ होते हैं। उदाहरण ईंट, पत्थर, लकड़ी, बर्फ आदि।
2. द्रव अवस्था (Liquid State) द्रव का आकार नहीं लेकिन आयतन
निश्चित होता है। जिस पात्र में इन्हें रखा जाता है ये उसी पात्र का
आकार ग्रहण कर लेते है। द्रवों में बहाव होता है और इनका आकार
बदलता है, इसीलिए ये दृढ़ नहीं, बल्कि तरल होते हैं। उदाहरण जल,
दूध, तेल आदि।
3. गैसीय अवस्था (Gaseous State) इस अवस्था में पदार्थों के आकार
एवं आयतन दोनों अनिश्चित होते हैं। उदाहरण हवा, हाइड्रोजन आदि।
जल पदार्थ की तीनों अवस्थाओं में रह सकता है
(i) ठोस, जैसे-बर्फ
(ii) द्रव, जैसे-जल
(iii) गैस, जैसे-जलवाष्प
पदार्थ की अवस्थाएँ अर्थात् ठोस, द्रव और गैस, दाब और तापमान के द्वारा
निर्धारित होती हैं।
7.1.2 तत्व
रॉबर्ट बॉयल पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सन् 1661 में सर्वप्रथम ‘तत्त्व’
(Element) शब्द का प्रयोग किया। फ्रांस के रसायनज्ञ एंटोनी लॉरेट
लवाइजिए (सन् 1743-सन् 1794) ने सर्वप्रथम तत्त्व की परिभाषा को प्रयोग
द्वारा प्रतिपादित किया। उनके अनुसार तत्व पदार्थ का वह मूलरूप है, जिसे
रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा अन्य सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा
सकता।
तत्वों को साधारणतया धातु, अधातु तथा उपधातु में वर्गीकृत किया जाता है।
धातुएँ प्रायः निम्न विशेषताओं में से सभी को या कुछ को प्रदर्शित करती हैं
1. ये चमकीली होती है।
2. ये चाँदी जैसी सफेद या सोने की तरह पीले रंग की होती है।
3. ये ताप तथा विद्युत की सुचालक होती हैं।
4.ये प्रायः तन्य होती है अर्थात् इनको तार के रूप में खींचा जा
सकता है।
5. ये आघातवा होती है। इनको पीटकर महीन चादरों में ढाला जा
सकता है।
6. ये प्रतिध्वनिपूर्ण होती हैं।
सोना, चाँदी, ताँबा, लोहा, सोडियम, पोटैशियम ये सभी धातुओं के उदाहरण
है। पारा धातु होते हुए भी कमरे के तापमान पर द्रव अवस्था में होता है।
अधातुएँ दी गई निम्न विशेषताओं में से प्राय: कुछ को या सभी को प्रदर्शित
करती है
1. ये विभिन्न रंगों की होती हैं।
2. ये ताप और विद्युत की कुचालक होती है।
3. ये चमकीली, प्रतिध्वनिपूर्ण और आघातवर्ध्य नहीं होती हैं।
हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, आयोडीन, कार्बन, ब्रोमीन, क्लोरीन ये सभी अधातुओं
के उदाहरण है। कुछ तत्त्व धातु और अधातु के बीच की विशेषताओं को दर्शाते
है, जिन्हें उपधातु (Metalloid) भी कहा जाता है, जैसे-बोरॉन, सिलिकॉन,
जर्मेनियम इत्यादि।
7.1.3 यौगिक
यौगिक (Compound) वह पदार्थ है, जो दो या दो से अधिक तत्वों के
नियत अनुपात में रासायनिक तौर पर संयोजन से बना होता है।
यौगिक के गुण उसके अवयवी तत्त्वों के गुणों से भिन्न होते हैं; जैसे- जल
एक यौगिक है, जो ऑक्सीजन गैस एवं हाइड्रोजन गैस से मिलकर बनता है।
ऑक्सीजन गैस जलने में सहायक होती है और हाइड्रोजन स्वयं जलता है,
लेकिन इन दोनों का यौगिक आग को बुझाने का गुण रखता है।
7.1.4 मिश्रण
वह पदार्थ, जो दो या दो से अधिक तत्वों या यौगिकों को एक निश्चित अनुपात
में मिलाने से प्राप्त होता है, मिश्रण कहलाता है; जैसे-हवा, मिट्टी आदि।
मिश्रण (Mixture) में एक से अधिक पदार्थ शामिल होते है।
मिश्रण के प्रकार
1. अवयवों की प्रकृति के अनुसार ही विभिन्न प्रकार के मिश्रणों का
निर्माण होता है। इस तरह मिश्रण के कई प्रकार होते है;
जैसे-सभांगी मिश्रण, विषमांगी मिश्रण आदि।
2. ऐसे मिश्रण जिनकी बनावट समान होती है. समांगी मिश्रण अथवा
विलयन कहलाते हैं। समांगी मिश्रण में अवयव निश्चित अनुपात में
मिले होते है। जल में नमक और जल में चीनी का मिश्रण इस तरह
के मिश्रणों के उदाहरण है।
3. अनिश्चित अनुपात में अवयवों को मिलाने से विषमांग मिश्रण का
निर्माण होता है। इसके प्रत्येक भाग के गुण एवं उनके संघटक
भिन्न-भिन्न होते हैं; जैसे-बारूद, कुहासा आदि।
7.1.5 विलयन
• विलयन (Solution) दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण होता
है। नींबू जल, सोडा जल आदि विलयन के मुख्य उदाहरण हैं।
• किसी विलयन को दो भागों में अर्थात् विलायक और विलेय में विभाजित
किया जाता है।
• विलयन का वह घटक, जो दूसरे घटक को विलयन में मिलाता है, उसे
विलायक कहते हैं।
• विलयन का वह घटक, जो विलायक में घुला रहता है, विलेय
कहलाता है।
• चीनी और जल के विलयन में चीनी विलेय और जल विलायक है।
निलम्बन
• निलम्बन (Expansion) एक विषमांगी मिश्रण है, जिसमें विलेय पदार्थ के
कण घुलते नहीं हैं अपितु एक माध्यम की समष्टि में निलम्बित रहते है।
• निलम्बन में निलम्बित कण आँखों से देखे जा सकते हैं।
• इसके उदाहरण हैं चॉक और पानी का मिश्रण, आटा और पानी का
मिश्रण।
कोलॉइडी विलयन
• कोलॉइड के कण विलयन में समान रूप से फैले होते है। इसमें निलम्बन
की अपेक्षा कणों का आकार छोटा होने के कारण यह मिश्रण समांगी
मिश्रण प्रतीत होता है लेकिन वास्तविकता में यह विलयन विषमांगी मिश्रण
है, जैसे-दूध।
• कोलॉइडी कणों के छोटे आकार होने के कारण हम इसे आँखों से नहीं
देख पाते हैं लेकिन ये कण प्रकाश की किरणों को आसानी से फैला
देते हैं।
4.1.6 मिश्रधातु
धातु एवं अधातु के समांग मिश्रण को मिश्रधातु (Alloy) कहा जाता है।
मिश्रधातुओं के संघटन एवं उपयोग का विवरण निम्नलिखित है।
मिश्रधातु                    संघटन                     उपयोग
इस्पात (स्टील)           कार्बन, लोहा         चादर, तार, रेल लाइन, औजार
                                                         आदि बनाने में
कांसा/कांस्य                ताँबा, टिन          बर्तन, मूर्तियाँ, तोप बनाने में
पीतल                        ताँबा, जस्ता         बर्तन, मशीनों के पुर्जे बनाने में
स्टेनलेस इस्पात           लोहा, निकिल,       बर्तन, ब्लेड आदि बनाने में
                                क्रोमियम
डुरालुमिन                  ऐल्युमीनियम, ताँबा   वायुयान, प्रेशर कुकर, उपग्रह
                               मैग्नीशियम मैंगनीज    बनाने में
22 कैरेट गोल्ड          सोना, चाँदी या ताँबा    गहने बनाने में
कृत्रिम                       ताँबा, ऐल्युमीनियम     गहने, मूर्तियाँ बनाने में
सोना/रोल्ड-गोल्ड
मुद्रा धातु                    ताँबा, टिन, सीसा          सिक्के बनाने में
काँसा
यह ताँबा व टिन के समांग मिश्रण से बनाया जाता है जिसका उपयोग प्रायः
बर्तन, मूर्तियाँ तथा तोप बनाने में किया जाता है। यह अत्यन्त मजबूत मिश्रधातु
होती है।
7.1.7 अम्ल व क्षार
अम्ल
वे पदार्थ, जो खट्टे होते हैं अथवा जिनका स्वाद खट्टा होता है तथा जिनमें
अम्ल (Acid) की उपस्थिति होती है ये छूने में चिकने नहीं होते हैं। ये
लिटमस पत्र को नीले से लाल रंग में परिवर्तित कर देते हैं। इनका pH मान
7 से कम होता है।
   अम्ल एवं उनसे सम्बन्धित पदार्थ
अम्ल                                   पदार्थ
साइट्रिक अम्ल           नींबू, सन्तरा, मौसमी आदि
ऐसीटिक अम्ल           सिरका
लैक्टिक अम्ल            खट्टा दूध/दही
फॉर्मिक अम्ल            लाल चींटी का डंक
कार्बनिक अम्ल          कोल्ड ड्रिंक्स
टार्टरिक अम्ल           इमली, कच्चा अंगूर
ऑक्सैलिक अम्ल      टमाटर
मैलेइक अम्ल            सेब
यूरिक अम्ल              मूत्र
क्षार
वे पदार्थ, जो कड़वे होते हैं अथवा जिनका स्वाद कड़वा होता है तथा जिनमें
क्षार (Base) की उपस्थिति होती है ये छूने में चिकने होते हैं। ये लिटमस पत्र
को लाल से नीले रंग में परिवर्तित कर देते हैं। इनका pH मान 7 से अधिक
होता है।
7.1.8 पदार्थ के भौतिक और रासायनिक परिवर्तन
प्रायः दैनिक जीवन में पदार्थ के भौतिक और रासायनिक परिवर्तन देखने को
मिलते हैं। भौतिक परिवर्तन में पदार्थ के भौतिक गुणों जैसे अवस्था व आकार
आदि में परिवर्तन हो जाता है। जबकि रासायनिक परिवर्तन में वे क्रियाएँ
सम्मिलित होती हैं जो एक व नए पदार्थों से एक भिन्न प्रकार के पदार्थ का
निर्माण करती हैं।
कुछ प्रमुख भौतिक व रासायनिक परिवर्तनों को हम निम्नलिखित रूप में
लिख सकते हैं
1. भौतिक परिवर्तन (Physical Change) मोम का पिघलना, बादलों
का बनना, कपड़े फटना, रबड़ बैण्ड का खिंचना, मक्खन का
पिघलना, बल्ब का जलना, पानी का बर्फ या भाप बनना, शीशे का
पिघलना, कागज का फटना, पानी में नमक या चीनी का घुलना। ये
सभी भौतिक परिवर्तन के परिचायक माने जाते हैं।
2. रासायनिक परिवर्तन (Chemical Change) मोमबत्ती का जलना,
पटाखों का फटना, दही का जमना, लोहे पर जंग लगना, अगरबत्ती का
जलना, जीवों का बड़ा होना, भोजन का पकना, पचना और सड़ना,
मैग्नीशियम के फीते का जलना, कोयले, लकड़ी आदि का जलना तथा
कागज का जलना। ये सभी रासायनिक परिवर्तन के परिचायक माने
जाते हैं।
उदाहरण-लोहे में जंग लगना एक प्रकार का रासायनिक परिवर्तन
का उदाहरण है। जंग उसी अवस्था में लग सकता है जब वायु या
स्थान पर नमी की उपस्थिति ऑक्सीजन गैस के साथ हो। यदि नमी की
मात्रा अधिक होती है तो जंग जल्दी लगता है। प्राय: खुले स्थान में
रखा हुआ लोहा जंग से प्रभावित रहता है। जंग न लगे इसके लिए
लोहे पर पेन्ट किया जाता है या उन पर क्रोमियम और जिंक आदि की
परत चढ़ाई जाती है। इस प्रक्रिया को यशद-लेपन भी कहा जाता है।
कुछ प्रचलित रासायनिक पदार्थ एवं उनके रासायनिक (प्रचलित) नाम
रासायनिक पदार्थ                        प्रचलित नाम                  सूत्र
सोडियम कार्बोनेट                        धोवन सोडा      Na₂CO₃.10H₂O
पोटैशियम ऐल्युमीनियम सल्फेट     फिटकरी           K₂SO₄.Al₂(SO₄)₃. 24H₂O
सोडियम क्लोराइड                      साधारण नमक    NaCl
सोडियम बाइकार्बोनेट                  बेकिंग सोडा        NaHCO₃
कैल्सियम कार्बोनेट                      चूने का पत्थर      CaCO₃
कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड              चूने का पानी         Ca(OH)₂
ठोस कार्बन डाइऑक्साइड          शुष्क बर्फ               CO₂
कैल्सियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट     प्लास्टर ऑफ पेरिस   CaSO₄.1/2H₂O
7.1.9 पदार्थों का पृथक्करण
दैनिक जीवन में हम जिन पदार्थों का उपयोग करते हैं उनमें बहुत सारे मिश्रण
होते हैं, जो दो या दो से अधिक पदार्थों से मिलकर बने होते हैं। इनमें से
कुछ हानिकारक होते हैं तो कुछ उपयोगी।
इसलिए इन मिश्रणों से हानिकारक पदार्थों को अलग कर लिया जाता है ताकि
उपयोगी पदार्थ को संरक्षित किया जा सके। इसी प्रकार की प्रक्रिया को
पृथक्करण कहा जाता है।
पदार्थों के भिन्न-भिन्न मिश्रण का पृथक्करण भिन्न-भिन्न प्रकार से किया
जाता है; जैसे-ठोस अवयवों के मिश्रण का पृथक्करण, ठोस और द्रव
अवयवों के मिश्रण का पृथक्करण, द्रव और द्रव अवयवों के मिश्रण का
पृथक्करण इत्यादि।
7.2 चीजें जो हम करते हैं
वह क्रिया, जिससे लोगों को आय की प्राप्त होती है आर्थिक क्रिया
कहलाती है। इस प्रकार की क्रियाएँ चार प्रकार की होती हैं,
जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित  है
1. प्राथमिक क्रियाकलाप (Primary Activities) इसमें
कृषि करना, खानों से खनिज निकालना, वनों से संग्रहण,
आखेट, लकड़ी काटना, पशुचारण, मत्स्यन आदि
सम्मिलित हैं।
2. द्वितीयक क्रियाकलाप (Secondary Activities) इसमें
लोहे से इस्पात, गेहूँ से आटा, मैदा, गन्ने से चीनी, कपास
से सूती, लकड़ी से फर्नीचर बनाना आदि को सम्मिलित
किया जाता है।
3. तृतीयक क्रियाकलाप (Tertiary Activities) इसमें सेवा सम्बन्धी कार्यों को
सम्मिलित किया जाता है। जैसे-यातायात, संचार, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा,
प्रशासनिक सेवा आदि।
7.2.1 कृषि
यह एक प्राथमिक क्रिया है, जिसमें मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों का व्यापक रूप से
उपयोग कर अपनी आवश्यकताओं हेतु उत्पादन करता है। पौधे जब बड़े पैमाने पर
उगाये जाते हैं तो उसे फसल कहा जाता है।
कृषि (Agriculture) मुख्यतया दो प्रकार से की जाती है, जिसे निर्वाह कृषि और
वाणिज्यिक कृषि कहा जाता है। स्थानान्तरित कृषि, निर्वाह कृषि का ही एक प्रकार है
भारत के विभिन्न भागों में विशेष कर जनजातीय बहुल क्षेत्रों में अभी भी स्थानान्तरित
कृषि प्रचलित है, जिसको भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है।
स्थानान्तरित कृषि
इसके अंतर्गत एक फसल को काटने के पश्चात् खेत को कुछ वर्षों के लिए
छोड़ दिया जाता है। इसमें उगने वाले खरपतवार आदि को उखाड़कर फेका
नहीं जाता है अपितु उसको वहीं जला दिया जाता है। इस प्रकार की राख
भूमि को उर्वर बनाने में सहायक होती है। इस कृषि में भूमि को हल्की जुताई
कर उसमें ही बीज डाल दिए जाते हैं। भारत में इस प्रकार की कृषि मेघालय,
मिजोरम व अरुणाचल प्रदेश में प्रचलित है।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित खेती के नाम तथा उनके क्षेत्र
निम्नलिखित है
क्षेत्र                                                                             नाम
उत्तर-पूर्व भारत (जैसे-मेघालय, नागालैण्ड,मिजोरम आदि)   झूम
छत्तीसगढ़                                                                    दीपा
बुन्देलखण्ड                                                                  बेबार
मलेशिया                                                                      लदांग
ब्राजील                                                                        रोका
आन्ध्र प्रदेश                                                                  पोडू
 कृषि एक वृहत संकल्पना है, जिसमें खेती के साथ-साथ मुर्गीपालन,
मछली पालन, मधुमक्खी पालन आदि को भी सम्मिलित किया जाता है।
उर्वरक
• ये एक प्रकार के रासायनिक पदार्थ होते है, जो मृदा में पोषक तत्त्व को
बनाए रखते हैं। इसमे यूरिया, पोटाश और NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस
और पोटैशियम) सम्मिलित होते हैं। रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक
इस्तेमाल करने से मृदा की उर्वरता कम हो जाती है
• मृदा के पोषक तत्त्वों को बनाए रखने के लिए फसल चक्र प्रणाली (एक
फसल के बाद दूसरी किस्म की फसल लगाने) को अपनाया जाता है।
दाल के पौधे मिट्टी में नाइट्रोजन के स्थिरीकरण का कार्य भी करते हैं। जा
मृदा की उर्वरता को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
प्रमुख फसलें
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन उस क्षेत्र
की जलवायु और मिट्टी की प्रकृति के आधार पर किया जाता है। विभिन्न
क्षेत्रों में उत्पादित की जाने वाली फसलें, फल तथा मसालों का विवरण
निम्नलिखित है।
          भारत की प्रमुख फसलें
फसल                               प्रमुख राज्य
चाय                                  असम
जौ                                    उत्तर प्रदेश
कॉफी                                कर्नाटक
बाजरा                               राजस्थान
कपास                               गुजरात
ज्वार                                 महाराष्ट्र
जूट                                  पश्चिम बंगाल
मक्का                              आन्ध्र प्रदेश
रबड़                                केरल
दाले                                महाराष्ट्र
गेहूँ                                 उत्तर प्रदेश
गन्ना                                उत्तर प्रदेश
        भारत के प्रमुख फल
फल                               प्रमुख राज्य
सेब                                हिमाचल प्रदेश
केला                              महाराष्ट्र
अमरूद                          उत्तर प्रदेश
अनन्नास                         पश्चिम बंगाल
संतरा                            महाराष्ट्र
चीकू                             महाराष्ट्र
शहतूत                          पंजाब
काजू                            गोवा
अंगूर                            महाराष्ट्र
लीची                            उत्तराखण्ड उत्तर प्रदेश, बिहार
स्ट्रॉबेरी                          महाराष्ट्र
अल्फांसो (आम)             महाराष्ट्र
भारत के प्रमुख मसाले
मसाला                     प्रमुख राज्य
काली मिर्च                केरल
तेजपात                   केरल
जीरा                       राजस्थान
लहसुन                    हरियाणा
इलायची                  केरल
अदरक                   आन्ध्र प्रदेश
मेथी                       राजस्थान
अजवाइन               बिहार
लौंग                      केरल
हल्दी                     आन्ध्र प्रदेश
केसर                     जम्मू और कश्मीर
सरसों                    उत्तर प्रदेश
दालचीनी                केरल
धनिया                   राजस्थान
सौंफ                      पंजाब
 केरल को मसालों का घर कहा जाता है और छत्तीसगढ़ को चावल का
कटोरा कहा जाता है।
7.2.2 व्यवसाय
प्राचीन काल से ही जाति एवं योग्यता के आधार पर विविध प्रकार के
व्यवसाय अपनाने की परम्परा रही है, जो कुछ हद तक वर्तमान समय में भी
दिखती है। व्यवसाय (Profession) जीविकोपार्जन का एक महत्त्वपूर्ण साधन
होता है तथा यह रोजगार देने की भूमिका निभाता है कुछ महत्त्वपूर्ण
व्यवसायों की सूची दी गई है।
विभिन्न प्रकार के               कुछ कार्य एवं उनसे सम्बन्धित स्थान
व्यवसय
लौहार                              लोहे को गलाकर वस्तुएँ बनाना
मोची                               जूतो की मरम्मत करना
इंजीनियर                         घर, बाजार, केन्द्र आदि का निर्माण करवाना
डॉक्टर                             मरीजों का इलाज करना
मजदूर                             शारीरिक मेहनत करना
डाकिया                           पत्रों का आदान-प्रदान करना
शिक्षक                            बच्चों को शिक्षा देना
फल व सब्जी वाला           फल व सब्जी बेचना
दुकानदार                        भिन्न-भिन्न वस्तुएँ बेचना
कुम्हार                            मिट्टी के बर्तन बनाना
धोबी                              कपड़े साफ व प्रेस करना
प्रोफेसर                          महाविद्यालय में शिक्षा देना
वैज्ञानिक                        अनुसन्धान करना
अन्तरिक्ष यात्री                अन्तरिक्ष के विषय में शोध करना
मिस्त्री                            मशीनी उपकरण को ठीक करना
किसान                          कृषि व पशुपालन करना
उचित मूल्य की दुकान       यहाँ विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ बेची जाती हैं।
अस्पताल                        मरीजों का इलाज किया जाता है
डाकघर                           पत्र को भेजने व बाँटने का कार्य
टी-स्टॉल                          जहाँ चाय बेची जाती है
पुलिस स्टेशन                   यहाँ समाज व समुदाय की रक्षा के लिए पुलिस
                                     रहती है
विद्यालय/महाविद्यालय      यहाँ शिक्षण कार्य किया जाता है
सिनेमाघर                        यहाँ सिनेमा दिखाई जाती है
मन्दिर, चर्च गुरुद्वारा          ईश्वर की आराधना की जाती है
हाट/ स्थानीय बाजार         साप्ताहिक बाजार, जहाँ घरेलू उपयोग की वस्तुएँ
                                     बेची जाती हैं
बैंक                                      यहाँ पैसे जमा करने व निकालने का कार्य
                                            होता है
अग्निशमन केन्द्र                     यहाँ आग से बचाव के दल एवं यन्त्र होते हैं
बस स्टैण्ड                             यात्री की सुविधा के लिए बसों का पड़ाव होता है
पैट्रोल पम्प                           वाहनों को ईंधन उपलब्ध कराने का कार्य होता है
किसान                                कृषि व पशुपालन करना
खेल एवं खिलाड़ी
खेल                 सम्बन्धित खिलाड़ी
क्रिकेट              सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, महेन्द्र सिंह धोनी,
                       विराट कोहली, रोहित शर्मा
हॉकी                मेजर ध्यानचन्द, धनराज पिल्लई, सरदार सिंह
बैडमिण्टन         गोपीचन्द, प्रकाश पादुकोण, साइना नेहवाल,
                       पी वी सिन्धू
लॉन टेनिस        लिऐन्डर पेस, महेश भूपति, सानिया मिर्जा
कुश्ती               दारा सिंह, सुशील कुमार, योगेश्वर दत, साक्षी मलिक
मुक्केबाजी        विजेन्दर कुमार, एमसी मैरीकॉम
निशानेबाजी      राज्यवर्धन सिंह राठौर, अभिनव बिंद्रा, जीतू राय, मनोज
                       कुमार, हीना सिन्धु
एथलेटिक          पी टी ऊषा, मिल्खा सिंह
भारोत्तोलन         कर्णम मल्लेश्वरी, कुंजूरानी देवी
तीरंदाजी           दीपिका कुमारी, ईसराम बोबाला देवी
जिमनास्टिक      दीपा करमाकर, आशीष कुमार
कर्णम मल्लेश्वरी आन्ध्र प्रदेश की मूल निवासी हैं, इनके पिता कांस्टेबल हैं।
इन्होंने 12 वर्ष की उम्र से ही भारोत्तोलन प्रारम्भ कर दिया था। वर्तमान में
ये 130 किग्रा वजन तक उठाती हैं। इन्होंने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर
कुल 29 पदक हासिल किए हैं। सन् 2000 में आयोजित सिडनी ओलम्पिक
में कर्णम ने भारत के लिए कांस्य पदक हासिल कर देश को गौरवान्वित
किया था।
7.3 चीजें, जो हम बनाते हैं
प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ बनाने की परम्परा रही है, जो
व्यापार-वाणिज्य का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत होता है तथा यह आय सृजन का
एक स्रोत रहा है। दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुएँ अधिकतम
संख्या में बनाई जाती हैं, हमारे द्वारा बनाई गई कुछ प्रमुख वस्तुओं की सूची
दी गई है।
             पारम्परिक कलाएँ
पारम्परिक कला              क्षेत्र/राज्य
वर्ली चित्रकारी                 महाराष्ट्र
चिकन कढ़ाई                   लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
सिल्क                             असम
इत्र                                  कन्नौज (उत्तर प्रदेश)
पीतल कारीगरी                 मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)
जामदानी बुनाई                  पश्चिम बंगाल
शहतूत और पश्मीना शॉल   जम्मू-कश्मीर (लद्दाख)
पारम्परिक कला            क्षेत्र/राज्य
शॉल                            कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)
एम्ब्रॉयडरी                    कश्मीर
पटोला बुनाई                 गुजरात
बंडाना डिजाइन             राजस्थान, गुजरात
पोचमपल्ली                  आन्ध्र प्रदेश
दरियाँ                          जम्मू-कश्मीर
लकड़ी पर नक्काशी       सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)
पिथौड़ा                        मध्य प्रदेश
7.3.1 मधुबनी चित्रकारी
यह बिहार के मिथिलांचल में विशेष रूप से प्रचलित कला है, जिसके
अन्तर्गत दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर जिले के क्षेत्र आते हैं। इस कला में
फूल, पत्ती, जानवर, इन्सान एवं पक्षी आदि के चित्र बनाए जाते हैं। इसमें
चित्रों में उभार लाने के लिए चावल के रंगीन पेस्ट का प्रयोग किया जाता है।
इनमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग भी किया जाता है, जो हल्दी, नील, पेड़-पौधों
एवं गोबर आदि से प्राप्त किए जाते हैं।
7.3.2 प्रमुख त्योहार
भारत की संस्कृति विविधतापूर्ण संस्कृति का उदाहरण प्रस्तुत करती है। यहाँ
का खान-पान, रहन-सहन, वेश-भूषा, त्योहार, सब विविधता प्रस्तुत करते हैं
क्षेत्रीयता के आधार पर भारत में विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं, जो
उनकी क्षेत्रीय सांस्कृतिक पहचान होती है। कुछ महत्त्वपूर्ण त्योहारों की सूची
दी गई है।
कुछ प्रमुख त्योहार
त्योहार                   राज्य/क्षेत्र
बैसाखी                  पंजाब
(फसल त्योहार)
डोला यात्रा/रथ        ओडिशा
यात्रा
गणगौर                   राजस्थान
बाहू मेला                 जम्मू-कश्मीर
पोंगल                     तमिलनाडु
करमा त्योहार           झारखण्ड
रामनवमी                 उत्तर प्रदेश
उगाड़ी                     आन्ध्र प्रदेश
दुर्गा पूजा                 पश्चिम बंगाल
लोसार त्योहार          अरुणाचल प्रदेश
छठ                           बिहार
शिगमो मेल                  गोवा
बिहू (फसल त्योहार)     असम
नवरात्र                        गुजरात
माधी पूर्णिमा                छत्तीसगढ़
मैसूर दशहरा                 कर्नाटक
गूगा नवमी (सर्प पूजा)    हरियाणा
याशांग                         मणिपुर
ओणम (फसल त्योहार)  केरल
लोसार                          सिक्किम
लोकरंग (नृत्य त्योहार)     मध्य प्रदेश
खारची पूजा                   त्रिपुरा
गणेश चतुर्थी                  महाराष्ट्र
छापचार कूट                  मिजोरम
7.3.3 प्रचलित परिधान
सांस्कृतिक विविधता एवं जलवायु अनुकूलता के आधार पर भारत में
वस्त्र परिधान पहनने की विविधता देखी जाती है। वस्त्र-परिधान पहनने की
यह विविधता वर्तमान आधुनिक समय में भी जीवित अवस्था है। वस्त्र परिधान
की विविधता क्षेत्रीय पहचान को भी प्रदर्शित करती है। कुछ महत्त्वपूर्ण
परिधान एवं इससे सम्बन्धित क्षेत्र की सूची दी गई है।
कुछ प्रचलित परिधान और सम्बन्धित क्षेत्र
महिला वस्त्र                  क्षेत्र                    पगड़ी             क्षेत्र
मुंडुम नेरियाथुम            केरल                    दस्तर            पंजाब
मेखला चादर                असम                   फेटा            महाराष्ट्र
सलवार कमीज      पंजाब, हरियाणा एवं      मैसूर पेटा        मैसूर
                               हिमाचल प्रदेश
घाघरा चोली             राजस्थान, गुजरात         साफा        राजस्थान
लंगा-वनी/धावनी        दक्षिण भारत
7.3.4 नृत्य
शास्त्रीय नृत्य
भारत जैसे बहुविध सांस्कृतिक प्रकृति वाले देश में संस्कृति एवं क्षेत्रीयता के
आधार पर अलग-अलग नृत्य (Dances) शैलियों का विकास हुआ है। नृत्य
की यह विविध शैली भारतीय कला एवं संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है।
कुछ महत्वपूर्ण नृत्य की सूची नीचे दी गई है।
लोक नृत्य (Folk Dances) किसी निश्चित क्षेत्र की विशेषताओं को दर्शाते
है। यह नृत्य अक्सर पारम्परिक संगीत के साथ होता है तथा इसमें उस क्षेत्र
की सामाजिक, सांस्कृतिक तथा क्षेत्रीय पहचान को दिखाया जाता है।
भारत में प्रचलित नृत्य और सम्बन्धित राज्य क्षेत्र
शास्त्रीय नृत्य                 राज्य क्षेत्र
भरतनाट्यम                  तमिलनाडु
कथकली                      केरल
सत्तरिया                       असम
मोहिनीअट्टम                  केरल
कुचीपुड़ी                      आन्ध्र प्रदेश
मणिपुरी                        मणिपुर
ओडिशी                        ओडिशा
कत्थक                         उत्तर प्रदेश
लोक नृत्य                       राज्य क्षेत्र
रऊफ, दामली                जम्मू-कश्मीर
 बिहू                            असम
छोलिया                        उत्तराखण्ड
घूमर                             हरियाणा
कोलाट्टम                       तमिलनाडु
गरबा                           गुजरात
घंटा मर्दला                    आन्ध्र प्रदेश
तमाशा, लावणी              महाराष्ट्र
बाँस नृत्य                      मणिपुर (कुकी जनजाति)
भांगड़ा, गिद्दा                पंजाब
बाउल                          पश्चिम बंगाल
झूमर, कालबेलिया         राजस्थान
रासलीला                     उत्तर प्रदेश
चरबा                          हिमाचल प्रदेश
चेराओ                        मिजोरम
7.3.5 भाषा
भारत में भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधता के आधार पर भिन्न-भिन्न
राज्यों में अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती हैं, जो उनकी क्षेत्रीय पहचान को
दर्शाती है। भारत में बोली जाने वाली कुछ महत्त्वपूर्ण भाषाओं की सूची दी
गई है
भारतीय संविधान में प्रचलित भाषाएँ एवं उनसे सम्बन्धित क्षेत्र
भाषा                राज्य/क्षेत्र
पंजाबी              पंजाब
मराठी                महाराष्ट्र
सिन्धी                राजस्थान, गुजरात, पंजाब
गुजराती              गुजरात
नेपाली                उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार
कोंकणी              गोवा
डोगरी                 जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश
कन्नड़                  कर्नाटक
बंगाली                 पश्चिम बंगाल, झारखण्ड
तमिल                  तमिलनाडु
बोडो                    असम
मलयालम             केरल
संथाली                झारखण्ड
तेलुगु                  आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना
मैथिली                बिहार
असमिया             असम
ओडिया              ओडिशा
मणिपुरी              मणिपुर
हिन्दी                  मुख्यतः उत्तर भारत
उर्दू                    लगभग पूरे भारत में
संस्कृत              कोई विशेष राज्य नहीं
                        (विद्वानों/पंडितों की भाषा मानी जाती है)
कश्मीरी             जम्मू-कश्मीर
ब्रेल लिपि
ब्रेल पद्धति (Braille Script) एक प्रकार की लिपि है, जिसे नेत्रहीनों के द्वारा
पढ़ने व लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है। इस पद्धति का विकास
नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लूई-बेल ने किया था। भिन्न-भिन्न अक्षरों, संख्याओं
और विचार चिन्हों द्वारा दर्शाये जाते हैं।
यह लिपि कागज पर अक्षरों को उभारकर बनाई जाती थी। जिसमें
12 बिन्दुओं को 6-6 की दो पंक्तियों में रखा जाता था इसमें विराम चिन्ह,
संख्या और गणितीय चिन्ह आदि नहीं होते थे। इसके बाद इसमें 6 बिन्दु
अर्थात् डॉट्स का प्रचलन होने लगा। जो दो पंक्तियों में लिखे जाने लगे।
कालांतर में नेत्रहीनों की सुविधा के लिए 8 डॉट्स ब्रेल लिपि का विकास
किया गया।
7.4 भारत की प्रमुख जनजातियाँ
जनजाति एक अलग सामाजिक लोगों का समूह है, जो कि विकास के चरण
से पहले से ही मौजूद है। यह वे लोग हैं, जो अपने जीविकोपार्जन हेतु जंगल
एवं जमीन पर आश्रित होते हैं। जनजातियाँ अपने आप में निर्भर होती हैं। कुछ
महत्त्वपूर्ण जनजातियों की सूची दी गई है।
जनजाति                 प्रमुख राज्य
चांगपा                    लद्दाख
बक्करवाल              जम्मू-कश्मीर
गद्दी                       हिमाचल प्रदेश
थारू                      उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश
गोंड                       छत्तीसगढ़
खरवार                   उत्तर प्रदेश
कोरवा                    छत्तीसगढ़, झारखण्ड
जौनसारी                उत्तराखण्ड
सहरिया                 मध्य प्रदेश
भोटिया                  उत्तराखण्ड
मुण्डा                    झारखण्ड
मीणा                     राजस्थान
खोण्ड                   ओडिशा
भील                     राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश
नागा                     नागालैण्ड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश
संथाल                   झारखण्ड
टोडा                     तमिलनाडु
उराँव                    झारखण्ड
जारवा                  अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह
गारो, खासी,          मेघालय
जयंतिया
लुशाई                   मिजोरम
कुकी                    मणिपुर
वर्ली                     महाराष्ट्र
लेप्चा                    सिक्किम
भारत में जनजातियों में सबसे बड़ी गोंड जनजाति है।
                                        अभ्यास प्रश्न
1. निम्नलिखित में से किसका सम्बन्ध पदार्थ
से है?
(1) पदार्थ में द्रव्यमान होता है
(2) पदार्थ का आकार होता है, जो स्थान घेरता है
(3) पदार्थ की आकृति व बनावट में अन्तर होता है
(4) उपरोक्त सभी
2. दो विभिन्न पदार्थों के कणों को स्वत:
मिलाना……….. कहलाता है।
(1) विसरण
(2) तापन
(3) आकर्षण
(4) इनमें से कोई नहीं
3. निम्नलिखित में से कौन पदार्थ के गुण को
बताते हैं?
A. पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है।
B. पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान
होता है।
C. पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित
करते हैं।
B. पदार्थ को भौतिक व रासायनिक पद्धति
के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सत्य है?
(1) केवल A
(2) केवल B
(3) A और B दोनों
(4) न तो A और न ही B
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. पदार्थ की अवस्थाएँ उनके कणों की
विभिन्न विशेषताओं के कारण होती हैं।
B. जल पदार्थ की तीनों अवस्थाओं में रहता
है।
C. पदार्थ की अवस्थाएँ दाब और तापमान
के द्वारा तय होती हैं।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सत्य है?
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
6. निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता द्रव
की है?
A. इसका आकार व आयतन दोनों निश्चित
होते हैं।
B. द्रवों में बहाव होता है।
C.ये दृढ़ नहीं तरल होते है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
7. तत्त्व शब्द का प्रयोग किनके द्वारा सर्वप्रथम
किया गया था?
(1) न्यूटन
(2) आइन्स्टीन
(3) डाल्टन
(4) रॉबर्ट बॉयल
8. तत्त्व के विषय में निम्नलिखित में से
कौन-सा कथन सत्य है।
A. तत्त्व पदार्थ का वह मूल रूप होता है,
जो परिवर्तनशील होता है।
B. तत्त्व को रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा
अन्य सरल पदार्थों में विभाजित नहीं
किया जा सकता है।
C. पारा धातु होते हुए भी कमरे के तापमान
पर द्रव अवस्था में रहता है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
9. निम्नलिखित में से कौन अधातु की श्रेणी में
आता है?
A.क्लोरीन
B. सोडियम
C. पोटैशियम
D. ब्रोमीन
E. कार्बन
(1) A,B और C
(2) B और C
(3) B, C और D
(4) C, D और E
10. “जल, ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन से
मिलकर बनता है। जहाँ ऑक्सीजन जलने में
सहायक होती है। वहीं हाइड्रोजन स्वयं
जलता है। लेकिन इन दोनों का
जल आग को बुझाने का कार्य करता है।”
(1) तत्त्व
(2) यौगिक
(3) मिश्रण
(4) मिश्रधातु
11. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है?
A. जल एक विलियन है।
B. जल एक यौगिक है।
C. जल एक निलम्बन है।
D. जल एक मिश्रण है।
(1) A और B
(2) B और C
(3) C और D
(4) A और D
12. पीतल, जो एक मिश्रधातु है उसके संघटन
क्या होते हैं, बताइए।
(1) ताँबा और टिन
(2) ताँबा और जस्ता
(3) ताँबा और चाँदी
(4) ताँबा और ऐल्युमीनियम
13. काँसे का प्रयोग किन-किन वस्तुओं को
बनाने में होता है।
A. बर्तन
B. मूर्तियों
C. तोप
D. प्रेशर कुकर
(1) A और B
(2) A, Bऔर C
(3) A,B,C और D
(4) B, Cऔर D
14. शिक्षक कक्षा में छात्रों को अम्ल के विषय
में पढ़ा रहे हों, तो वह अम्ल की क्या
विशेषता बताएँगे?
A. इसका स्वाद कड़वा होता है।
B. ये छूने में चिकने होते है।
C. इसका pH मान 7 से कम होता है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
15. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
अम्ल                            पदार्थ
(i) लैक्टिक अम्ल         (a) सिरका
(ii) ऐसीटिक अम्ल       (b) सन्तरा
(iii) साइट्रिक अम्ल         (c) दूध/दही (खट्टा)
      a           b         c
(1) (i)         (ii)      (iii)
(2) (iii)       (ii)      (i)
(3) (ii)        (i)      (iii)
(4) (ii)      (iii)       (i)
16. ये छने में चिकना होता है, इसका स्वाद
कड़वा होता है और यह लाल लिटमस पत्र
को नीले रंग में परिवर्तित करता है। मोहन
द्वारा किस पदार्थ के गुण को बताया जा
रहा है।
(1) अम्ल
(2) क्षार
(3) अम्ल व क्षार दोनों
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं
17. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. भौतिक परिवर्तन में पदार्थ की अवस्था
व आकार में परिवर्तन होता है।
B. रासायनिक परिवर्तन में एक नए पदार्थ
का निर्माण होता है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) केवल A
(2) केवल B
(3) A और B दोनों
(4) न तो A और न ही B
18. निम्नलिखित में कुछ क्रियाएँ हैं, उनमें से
किसका सम्बन्ध भौतिक परिवर्तन से है?
A. बल्ब का जलना
B. लोहे पर जंग लगना
c. शीशे का पिघलना
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
19. निम्नलिखित में से कौन-सी क्रियाएँ पदार्थ
के रासायनिक परिवर्तन को बताती हैं?
A. मोमबत्ती का जलना
B. लोहे पर जंग लगना
C. कागज का फटना
(1) Aऔर B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
20. राम अपने पिता के साथ बाजार जाता है
रास्ते में वो देखता है कि एक जगह कुछ
जंग लगे लोहे के सामान पड़े है। वह अपने
पिता से पूछता है कि लोहे को जंग से
बचाने के लिए क्या किया जाना चाहिए। तो
उसके पिता ने उत्तर दिया यशद-लेपन
करना चाहिए। आप को बताना है कि
यशद-लेपन किस-किस के द्वारा होता है?
(1) क्रोमियम
(2) जिंक
(3) 1 और 2 दोनों
(4) इनमें से कोई नहीं
21. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
प्रचलित नाम                रासायनिक पदार्थ
(i) साधारण नमक        (a) सोडियम क्लोराइड
(ii) बेकिंग सोडा          (b) सोडियम बाइकार्बोनेट
(ii) चूने का पत्थर        (c) कैल्सियम कार्बोनेट
       a           b         c
(1) (i)         (ii)      (iii)
(2) (iii)       (ii)      (i)
(3) (iii)       (i)      (ii)
(4) (ii)       (i)       (iii)
22. मोहन गेहूँ के मौसम में देखता है कि हवा
के द्वारा अनाज एवं भूसे को भिन्न-भिन्न
किया जा सकता है। बताइए कि ठोस
अवयवों मिश्रण के पृथक्करण की
कौन-सी विधियाँ अपनाई जा रही है?
(1) हस्तचयन
(2) गाहना
(3) निष्पावन
(4) चालन
23. ठोस और द्रव अवयवों के मिश्रण के
पृथक्करण की विधियों में से वह कौन-सी
विधि है जिसके द्वारा पनीर फटे हुए दूध से
छाना जाता है।
(1) निस्यंदन
(2) अपकेन्द्रण
(3) अवसादन
(4) निस्तारण
24. प्रभाजी आसवन के द्वारा द्रव एवं अवयवों
के किस मिश्रण को आप पृथक् कर
सकते हैं।
A. तेल से मोम
B. तेल से ग्रीस
C. तेल से पेट्रोल
(1) A और B
(2) केवल B
(3) A, B और C
(4) B और C
25. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
क्रियाकलाप                 सम्बन्धित कार्य
(i) प्राथमिक               a संगीतकार
क्रियाकलाप
(ii) द्वितीयक              b व्यापार
क्रियाकलाप
(iii) तृतीयक              c गेहूँ से आटा
क्रियाकलाप                   बनाना
(iv) चतुर्थक              d खनन
क्रियाकलाप
       a           b         c      d
(1) (i)         (ii)      (iii)    (iv)
(2) (iv)       (iii)     (ii)      (i)
(3) (iii)       (iv)      (i)      (ii)
(4) (ii)       (iv)       (i)      (iii)
26. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. पौधे जब बड़े पैमाने पर उगाये जाते हैं
तो फसल होती है।
B. कृषि में मछली पालन एवं मधुमक्खी
पालन जैसे कार्य भी सम्मिलित होते हैं।
C. मृदा के पोषक तत्वों को बनाए रखने में
फसल चक्रण एक अच्छा कदम है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
27. निम्नलिखित में से कौन सही नहीं है?
(1) दाल के पौधे मिट्टी में नाइट्रोजन के
स्थिरीकरण का कार्य भी करते हैं
(2) खरीफ की फसल शीत ऋतु में बोई जाती है
(3) रबी की फसल मार्च एवं अप्रैल में काटी जाती है
(4) उर्वरक के अधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता
शक्ति होती है
28. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
क्षेत्र                             नाम
(i) छत्तीसगढ़            a. पोडू
(ii) मिजोरम              b. झूम
(iii) आन्ध्र प्रदेश        c. दीपा
       a            b         c
(1) (iii)         (ii)      (i)
(2) (iii)         (i)      (ii)
(3) (i)          (ii)      (iii)
(4) (ii)         (i)       (iii)
29. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही है?
A. अंगूर-नासिक
B. अदरक-आन्ध्र प्रदेश
C. कपास-गुजरात
D. केला-जलगाँव (महाराष्ट्र)
(1) A, B और C
(2) B, C और D
(3) A, B और D
(4) A, C और D
30. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
खेल                        खिलाड़ी
(i) कुश्ती              a. दीपा करमाकर
(ii) जिमनास्टिक    b. साक्षी मलिक
(iii) बैडमिण्टन      c. जीतू राय
(iv) निशानेबाजी   d. पी वी सिन्धू
       a           b         c      d
(1) (i)         (ii)      (iii)    (iv)
(2) (ii)        (i)      (iv)      (iii)
(3) (iv)      (iii)      (ii)      (i)
(4) (iii)       (ii)      (iv)     (i)
31. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
पारम्परिक कला                 राज्य
(i) पटोला बुनाई               a. गुजरात
(ii) चिकन कढ़ाई             b. उत्तर प्रदेश
                                         (लखनऊ)
(iii) पोचमपल्ली             c. उत्तर प्रदेश
                                        (सहारनपुर)
(iv) लकड़ी                   d. आन्ध्र प्रदेश
      नक्काशी
       a           b         c      d
(1) (i)         (ii)      (iii)    (iv)
(2) (iv)       (iii)     (ii)      (i)
(3) (ii)        (i)      (iv)     (iii)
(4) (ii)        (i)      (iii)     (iv)
32. मधुबनी चित्रकला के विषय में कौन-सा
कथन सही है।
A. ये बिहार के दरभंगा, मधुबनी एवं
समस्तीपुर में पाई जाती है।
B. इस कला में फूल, पत्ती, पक्षी व जानवर
आदि के चित्र बनाए जाते हैं।
C. इसमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया
जाता है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
33. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
त्यौहार                         राज्य
(i) लोसार                a. झारखण्ड
(ii) लोकरंग              b. जम्मू-कश्मीर
(iii) बाहू मेला           c. मध्य प्रदेश
(v) करम त्योहार       d.  सिक्किम
       a           b         c      d
(1) (i)         (ii)      (iii)    (iv)
(2) (iv)       (iii)     (ii)      (i)
(3) (iii)        (ii)      (i)     (iv)
(4) (ii)         (i)      (iv)    (iii)
34. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. महिला वस्त्र, मेखला चादर असम की
महिलाओं द्वारा प्रयोग की जाती है।
B. घाघरा चोली, राजस्थान व गुजरात की
महिलाओं का परिधान है।
C. साफा, राजस्थान में पहनने वाली पगड़ी
को कहा जाता है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
35. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
नृत्य                           सम्बन्धित राज्य
(i) मोहिनी अट्टम         a. उत्तर प्रदेश
(ii) रासलीला             b. राजस्थान
(iii) झूमर                 C. उत्तर प्रदेश
(iv) कत्थक              d. केरल
       a           b         c      d
(1) (i)         (ii)      (iii)    (iv)
(2) (iv)       (iii)     (ii)      (i)
(3) (iii)       (ii)      (i)     (iv)
(4) (ii)        (i)      (iv)     (ii)
36. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. बंगाली मुख्यतया पश्चिम बंगाल और
झारखण्ड में बोली जाती है।
B. मलयालम केरल में बोली जाती है।
C. उर्दू लगभग पूरे भारत में बोली जाती है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) A और B
(2) B और C
(3) A और C
(4) A, B और C
37.बेल पद्धति/लिपि के विषय में
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. इस पद्धति का विकास नेत्रहीन
फ्रांसीसी लेखक लूई ब्रेल ने किया
था।
B. नेत्रहीनों की सुविधा के लिए 8 डॉट्स
वाली ब्रेल लिपि का विकास किया
गया है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) केवल A
(2) केवल B
(3) A और B दोनों
(4) न तो A और न ही B
38. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही
है?
A. संथाल, उराँव और मुण्डा जनजाति
झारखण्ड में निवास करती हैं।
B. भारत में जनजातियों में सबसे बड़ी
गोंड जनजाति है।
C. नागा जनजाति नागालैण्ड, मणिपुर और
अरुणाचल प्रदेश में पाई जाती है।
(1) A और B
(2) B और C
(3) A और C
(4) A, B और C
                                विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
39. एक किसान दानों को भूसे से अलग
करना चाहता है। जिस प्रक्रिया से यह
किया जा सकता है, वह कहलाती है
                                            [CTET June 2011]
(1) फसल की कटाई
(2) हस्त चयन
(3) श्रेशिंग
(4) निष्पावन
40. कक्षा V के विद्यार्थियों को ‘घर्षण’ प्रकरण
पढ़ाते समय शिक्षिका यह समझाने के
लिए अनेक उदाहरण देती है कि घर्षण
हमारे लिए कई तरीकों से उपयोगी है।
उसके द्वारा दिए गए निम्नलिखित
उदाहरणों में से कौन-सा गलत है?
                                           [CTET Jan 2012]
(1) पेन की नोंक (Tip) और पेपर के बीच होने
वाले घर्षण के कारण ही हम लिख पाते हैं
(2) हमारे जूतों और जमीन के बीच होने वाले
घर्षण के कारण ही हम चल पाते हैं
(3) ऊर्ध्वाधर रूप से ऊपर फेंकी गई वस्तु घर्षण
के कारण हमेशा हमारे पास ही वापस
आती है
(4) ब्रेक लगाने पर वाहन रुक जाता है
41. रेत और नमक के मिश्रण को पृथक् करने
के लिए, प्रक्रियाओं के निम्नलिखित चार
क्रमों में से किसका उपयोग किया जाना
चाहिए?
            [CTET Jan 2012]
(1) निस्यंदन, निस्तारण, वाष्पन, अवसादन
(2) वाष्पन, अवसादन, निस्तारण, निस्यदन
(3) निस्तारण, अवसादन, वाष्पन, निस्यदन
(4) अवसादन, निस्तारण, निस्यदन, वाष्पन
42. मधुबनी चित्रों को बनाने के लिए चित्रकारों
द्वारा उपयोग किए जाने वाले रंग होते है।
                                      [CTET Nov 2012]
(1) सोने-चाँदी को घोलकर बनाए गए पेन्ट
(2) पीसे हुए चावलों का रंगीन घोल
(3) विशेष प्रकार से बने पोस्टर रंग
(4) अति उत्तम गुणवत्ता के फाइबर पेन्ट
43. घर्षण के विषय में चर्चा करते समय एक
शिक्षिका ने इस संकल्पना की व्यवस्था करते
हुए बहुत से उदाहरण दिए। इनमें से कुछ ऐसे
उदाहरण, जिसमें घर्षण हमारे दैनिक जीवन में
उपयोगी है उस शिक्षिका ने कक्षा में दिए, जो
नीचे दिए हैं।
                [CTET Nov 2012]
A. हम पेन की नोक और कागज के बीच
घर्षण होने के कारण ही लिख पाते हैं।
B. हम फर्श पर हमारे पैरों और फर्श के बीच
घर्षण के कारण चल पाते हैं।
C. ऊर्ध्वाधर ऊपर फेंकी गई कोई गेंद घर्षण
के कारण ही हमारे पास वापस लौटती है।
D. घर्षण के कारण ही हम किसी गतिशील
वाहन को ब्रेक लगाकर रोकते है।
इनमें सही उदाहरण हैं
(1) C, D व A
(2) D, A व B
(3) A, B व C
(4) B, C व D
44. एक पश्मीना शॉल लगभग ……… साधारण
स्वेटरों के बराबर गर्म होती है तथा एक
साधारण पश्मीना शॉल को बुनने हेतु ……….
घण्टों का समय लगता है।
                                  [CTET Nov 2012]
(1) 06,200
(2) 10,250
(3) 10,200
(4) 06,250
45. नीचे लोगों के कुछ क्रियाकलाप दिए गए हैं।
                                        [CTET July 2013]
A. खानों का उत्खनन (खुदाई)
B. बांधों का निर्माण
C. बाजार में बेचने के लिए पत्तियाँ एवं
जड़ी-बूटी इकट्ठी करना
D. बाँस से टोकरी बुनना
E. गिरे हुए पत्तों से पत्तल बनाना
इनमें से वह क्रियाकलाप कौन-से हैं, जो
जंगलों के गायब होने के लिए जिम्मेदार है?
(1) B,C,D तथा E
(2) केवल A
(3) A तथा B
(4) A, B तथा C
46. कांसे के विषय में सही कथन चुनिए।
                                    [CTET July 2013]
A. काँसा लोहे, चाँदी तथा स्वर्ण की भाँति
एक तत्त्व है।
B. कांसे को ताँबे तथा टिन से पिघलाकर
तैयार किया जाता है।
C. काँसा अत्यन्त मजबूत होता है और इससे
तोप तथा मूर्ति (बुत) बनाई जाती है।
D. काँसे के मर्तन ऐल्युमीनियम के बर्तनों
की तुलना में हल्के और अधिक मजबूत
नहीं है।
(1) A तथा C
(2) B तथा C
(3) C तथा D
(4) D तथा A
47. मधुवनी चित्रकला के विषय में सही कथन
चुनिए।                                [CTET Feb 2014]
A. इन चित्रों को बनाने में नील, हल्दी,
फूल-पेड़ों के रंग आदि का इस्तेमाल
किया जाता है।
B. इन चित्रों में इन्सान, जानवर, पेड़, फूल,
पंछी, मछलियाँ आदि दिखाए जाते हैं।
C. यह लोक चित्रकला बहुत पुरानी है और
इसका नाम मधुवनी नामक स्थान के
नाम पर पड़ा।
D. मधुबनी राजस्थान का अति-प्रसिद्ध
जिला है।
(1) A, Cऔर D
(2) A, B और D
(3) B, C और D
(4) A, B और C
48. ब्रेल लिपि के विषय में नीचे दिए गए
कथनों का अध्ययन कीजिए।
                                    [CTET Feb 2014]
A. बेल को मोटे कागज पर बिन्दु (उभरे
बिन्दु) बनाकर लिखा जाता है।
B. यह लिपि आठ बिन्दुओ पर आधारित
होती है।
C. बिन्दुओं की पक्तियाँ किसी नुकीले
औजार से बनाई जाती है।
D. इसे उभरे बिन्दुओं पर हाथ फेरकर पढ़ा
जाता है।
सही कथन है।
(1) A, C और D
(2) A, B और D
(3) B, C और D
(4) A, B और C
49. पोचमपल्ली एक गाँव है। यह गाँव एक
विशेष प्रकार के कपड़े की बुनाई के लिए
प्रसिद्ध है और इसे पोचमपल्ली भी कहते
हैं। यह गाँव निम्नलिखित में से किसका
भाग है?
              [CTET Feb 2014]
(1) केरल
(2) कर्नाटक
(3) आन्ध्र प्रदेश
(4) तमिलनाडु
50. ब्रेल लिपि में मोटे कागज पर उभरे हुए
बिन्दु बने होते है। यह लिपि आधारित होती
है।                                [CTET Sept 2014]
(1) 4 बिन्दुओं पर
(2) 6 बिन्दुओं पर
(3) 8 बिन्दुओं पर
(4) 10 बिन्दुओं पर
51. काँसा (ब्रांज) दो धातुओं का मिश्रण है। ये
दो धातुएँ है                    [CTET Sept 2014]
(1) ताँबा और जस्ता (जिंक)
(2) ताँबा और टिन
(3) ताँबा और लोहा (आयरन)
(4) ऐल्युमीनियम और टिन
52. कोई किसान उर्वरकों और कीटनाशकों का
अधिक उपयोग करके अपने खेतों में
बार-बार धान की फसल उगा रहा है। ऐसा
करने से उसके खेतों की मृदा
                                        [CTET Feb 2015]
(1) केवल धान की फसलों के लिए ही उपयोगी
रहेगी
(2) जुताई के लिए उपयुक्त बन जाएगी
(3) बंजर हो जाएगी
(4) अन्य फसलों के लिए भी उपजाऊ बन जाएगी
53. मिजोरम में की जाने वाली झूम खेती के
विषय में निम्नलिखित कथनों का अध्ययन
कीजिए।                        [CTET Feb 2015]
A. एक फसल को काटने के पश्चात् भूमि
को कुछ वर्षों तक खुला छोड़ देते हैं।
B. इस भूमि पर उगने वाले बाँस और
खरपतवार को काटकर जला दिया जाता
है।
C. बीज बोने से पहले भूमि की गहरी
जुताई की जाती है।
D. एक ही खेत में तीन-चार भिन्न-भिन्न
प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं।
E. आवश्यकतानुसार रासायनिक उर्वरकों
और कीटनाशकों का उपयोग भी किया
जाता है।
इनमें सही कथन हैं।
(1) C, D और E
(2) A, B और D
(3) A और B
(4) B और D
54. नीता आन्ध्र प्रदेश जाती है और दो साड़ियाँ
खरीदती है, जो खासतौर पर वहीं बनाई
जाती हैं। वे क्या कहलाती हैं?
                                     [CTET Sept 2015]
(1) पोचमपल्ली और कलमकारी
(2) पोचमपल्ली और कांजीवरम्
(3) कलमकारी और चंदेरी
(4) कलमकारी और कंथा
55. निम्नलिखित में से कौन-सा जोड़ा ठीक है?
                                       [CTET Sept 2015]
(1) असोम-बिहू
(2) ओडिशा-भरतनाट्यम
(3) तमिलनाडु-लावणी
(4) कर्नाटक कत्थक
56. काँसा के विषय में निम्नलिखित कथनों का
अध्ययन कीजिए।                 [CTET Sept 2015]
A. यह ऐल्युमीनियम, आयरन और कॉपर
जैसा ही एक तत्व है।
B. इसे भट्टी में कॉपर और टिन को
पिघलाकर बनाया जाता है।
C. आदिवासी लोग काँसे का उपयोग हजारों
वर्षों से कर रहे हैं।
D. काँसे की बनी वस्तुएँ ऐल्युमीनियम की
बनी वस्तुओं की तुलना में हल्की परन्तु
कहीं अधिक मजबूत (टिकाऊ)
होती हैं।
इनमें सही कथन हैं।
(1) A और D
(2) B और C
(3) A, B और C
(4) B, C और D
57. ‘वरली’ एक पारम्परिक कला का प्रकार है।
‘वरली’ नामक स्थान किस राज्य में है?
                                    [CTET Feb 2016]
(1) महाराष्ट्र
(2) ओडिशा
(3) राजस्थान
(4) बिहार
58. ‘कुडुक’ कहाँ के लोगों की भाषा है?
                                 [CTET Feb 2016]
(1) मिजोरम
(2) मणिपुर
(3) अरुणाचल प्रदेश
(4) झारखण्ड
59. कर्णम मल्लेश्वरी के विषय में नीचे दिए गए
कथनों पर विचार कीजिए।
                                 [CTET Feb 2016]
A. वह अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारोत्तोलक
(वेट लिफ्टर) है।
B. वह कर्नाटक की है।
C. उसने बहुत-से रिकॉर्ड बनाए हैं। वह
130 किग्रा तक का भार उठा सकी थी।
D. जब वह 12 वर्ष की थी तभी से वह
भार उठाने का अभ्यास करने लगी थी।
सही कथन हैं/है।
(1) A, B तथा C
(2) A, C और D
(3) केवल A
(4) A तथा D
60. नीचे दिए गए खेती करने के विवरण को
पढ़िए और इस ढंग की पहचान कीजिए।
“एक फसल को काटने के पश्चात् खेत को
कुछ वर्षों के लिए खाली छोड़ दिया जाता
है। उसमें कुछ भी नहीं उगाया जाता है। इस
भूमि में बाँस या अन्य खरपतवार, जो भी
कुछ उग आता है, उन्हें उखाड़ा नहीं जाता,
काटकर जला दिया जाता है। यह राख भूमि
को उर्वर बनाती है। जब यह भूमि खेती के
लिए तैयार हो जाती है, तब उसे हल्का-सा
खोदा जाता है, भूमि को जोता नहीं जाता
और उस पर बीज छिड़क दिए जाते हैं।”
                                [CTET Sept 2016]
(1) सहकारी खेती
(2) झूम खेती
(3) सीदीनुमा खेती
(4) सिंचाई खेती
                                           उत्तरमाला
1. (4) 2. (1) 3. (4) 4. (3) 5. (4) 6. (3) 7. (4) 8. (3) 9. (2) 10. (2)
11. (1) 12. (2) 13. (2) 14. (3) 15. (4) 16. (2) 17. (3) 18. (2)
19. (1) 20. (3) 21. (1) 22. (3) 23. (1) 24. (3) 25. (2) 26. (4)
27. (2) 28. (1) 29. (1) 30. (2) 31. (3) 32. (4) 33. (2) 34. (4)
35. (2) 36. (4) 37. (3) 38. (4) 39. (4) 40. (3) 41. (1) 42. (2)
43. (3) 44. (3) 45. (3) 46. (2) 47. (4) 48. (1) 49. (3) 50. (2)
51. (2) 52. (3) 53. (2) 54. (1) 55. (1) 56. (2) 57. (1) 58. (4)
59. (2) 60. (2)

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