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Gujarat Board Solutions Class 9 Social Science Chapter 9 मूलभूत अधिकार, मूलभूत कर्तव्य तथा राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त

Gujarat Board Solutions Class 9 Social Science Chapter 9 मूलभूत अधिकार, मूलभूत कर्तव्य तथा राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त

GSEB Solutions Class 9 Social Science Chapter 9 मूलभूत अधिकार, मूलभूत कर्तव्य तथा राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त

GSEB Class 9 Social Science मूलभूत अधिकार, मूलभूत कर्तव्य तथा राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
संविधान में समाविष्ट मूलभूत कर्तव्यों के विषय में जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
भारत के संविधान के 42वें संशोधन द्वारा सन् 1976 में संविधान के 4 भाग के पश्चात् भाग 4(क) जोड़कर नागरिक के मौलिक कर्तव्यों ___ को समाविष्ट किया गया । इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को देश प्रेम, कुछ उच्च आदर्शों, मूल्यों के प्रति जाग्रत करना और राष्ट्र
को उन्नत करने के लिए नागरिकों को प्रतिबद्ध करना है ।

  1. संविधान, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना ।
  2. स्वतंत्रता संग्राम के उदात्त विचारों और आदर्शों का अनुसरण करना ।
  3. भारत की सार्वभौमिकता, एकता और अखण्डता की रक्षा करना ।
  4. आवश्यकता पड़ने पर देश की रक्षा करने तथा राष्ट्रसेवा के लिए तैयार रहना ।
  5. भारत के सभी लोगों के प्रति भाईचारे की भावना पैदा करना । महिलाओं के गौरव का हनन होनेवाले मुद्दों का त्याग करना ।
  6. राष्ट्र के पर्यावरण की रक्षा करना, उसको सुधारने का प्रयास करना और सभी जीवों के प्रति दया की भावना रखना ।
  7. राष्ट्र की समृद्धि, सामासिक, सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा करना ।
  8. वैज्ञानिक दृष्टि मानवतावादी और संशोधन वृत्ति का विकास करना ।
  9. अपने बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य रूप से शिक्षा देना उनके माता-पिता का कर्तव्य है ।
  10. सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करना और हिंसा का त्याग करना ।
  11. व्यक्तिगत और सामूहिक पुरुषार्थों के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए कटिबद्ध रहना ।

ऐसी सामान्य अपेक्षा रखी जाती है कि, नागरिक स्वेच्छा से इन कर्तव्यों का पालन करें । इन कर्तव्यों में से कुछ कर्तव्यों के पालन के लिए कानून बनाए गयें हैं । जिन कर्तव्यों के पालन के लिए कानून नहीं बनाए गयें है, उनके लिए नागरिक में समानता और जागृति पैदा करने का प्रयास करना चाहिए । 6 जनवरी को मूलभूत कर्तव्य दिवस मनाने का सुझाव दिया गया है ।

प्रश्न 2.
राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर:
धर्म या जाति के भेदभाव के बिना समाजरचना, समतामूलक, शोषणमुक्त तथा कल्याणकारी समाज व्यवस्था तथा अर्थव्यवस्था की स्थापना इन सिद्धान्तों का मुख्य उद्देश्य हैं ।

प्रश्न 3.
मूलभूत अधिकारों का महत्त्व समझाइए ।
उत्तर:
इन अधिकारों को सभी नागरिक बिना किसी भेदभाव के समान रूप से भोग सकते है ।

  1. मनुष्य के नागरिक के रूप में अस्तित्व टिकाए रखने तथा उसका सर्वांगीण विकास करने के लिए ये अधिकार बहुत ही उपयोगी है ।
  2. ये आधारभूत अधिकार लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था की आधारभूत पहचान है ।
  3. संविधान में मूलभूत अधिकार केन्द्र और राज्य सरकारों के विरुद्ध दिये गयें है ।
  4. मूलभूत अधिकार हमेशा नागरिक को प्राप्त होते है, परंतु आपातकालीन परिस्थितियों में कुछ मूलभूत अधिकारों को स्थगित किया जा सकता है ।
  5. राज्य ऐसे किसी भी कानून का निर्माण नहीं कर सकती जिसके कारण एक नागरिक के मूलभूत अधिकार समाप्त हो रहे हो ।
  6. इन अधिकारों के रक्षण का दायित्व सर्वोच्च न्यायालय को दिया गया है ।

प्रश्न 4.
उचित नियंत्रण तथा मर्यादा अर्थात् क्या ?
उत्तर:
भारतीय नागरिकों के सर्वांगीण विकास तथा अभिव्यक्ति के लिए, लोकतंत्र के व्यवस्थित संचालन के लिए व्यक्ति तंदुरस्त और स्वस्थ जीवन जी सके इसलिए स्वतंत्रता के अधिकार का विशेष महत्त्व है । कोई भी व्यक्ति इन स्वतंत्रताओं का उपयोग निरंकुशतापूर्वक, अमर्यादित, असीमितरुप से नहीं कर सकता । व्यापक सामाजिक हित, सार्वजनिक शान्ति तथा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य इन स्वतंत्रताओं पर उचित नियन्त्रण तथा उचित मर्यादाएँ लगा सकता है । कौन-सी स्वतंत्रता किस मर्यादा में रहकर भोगता है इसकी घोषणा संविधान में की गई है । स्वतंत्रताओं पर आवश्यक नियंत्रण और मर्यादाएँ लगाई गयी हैं ।

प्रश्न 5.
प्रतिबन्धित गिरफ्तारी कानून (नजरबन्दी) के विषय में लिखिए ।
उत्तर:
राज्य को अगर ऐसा लगता है कि किसी भी व्यक्ति के द्वारा कोई अपराध या प्रवृत्ति किए जाने की संभावना हो तो प्रतिबन्धित गिरफ्तारी कानून के द्वारा उसे गिरफ्तार किया जा सकता है ।

  1. इस कानून का उद्देश्य नजरबन्द किये गये व्यक्ति को उसके कार्य के बदले में सजा देना नहीं बल्कि राज्य, राज्य समाज या किसी व्यक्ति के विरुद्ध अपराधिक कृत्य करने से रोकना है ।
  2. इस कानून के अनुसार नजरबन्द किये गये व्यक्ति को तीन महीने से अधिक समय तक नजरकैद नहीं रखा जा सकता ।
  3. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के सलाहकार बोर्ड के अभिप्राय के आधार पर गिरफ्तारी के आदेश सम्बन्धी आदेश को रद्द किया जा सकता हैं ।
  4. किसी संदेहास्पद व्यक्ति को कितने समय तक नजरकैद रखा जाएगा इसका निर्णय राज्य सरकारें करती है ।

प्रश्न 6.
भारतीय संविधान में किन मूलभूत अधिकारों का समावेश किया गया है ?
उत्तर:
भारतीय संविधान में 6 (वर्तमान में 7) मूलभूत अधिकारों का समावेश किया गया है ।

  1. समानता का अधिकार
  2. स्वतंत्रता का अधिकार
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
  4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
  5. सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक अधिकार
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार
  7. सूचना का अधिकार

प्रश्न 7.
अल्पसंख्यकों के दिए गये संवैधानिक अधिकारों की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है ।

  1. उन्हें अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि, सांस्कृतिक मूल्यों तथा उसके आधार पर रचित वर्गसमूहों को सुरक्षित रखने का अधिकार दिया गया हैं ।
  2. राज्य की सहायता से चलनेवाली किसी शिक्षण संस्था में उन्हें बिना भेदभाव के प्रवेश प्राप्त करने का अधिकार है ।
  3. कोई भी कानून का निर्माण करके नागरिकों या उसके किसी भाग पर किसी भी संस्कृति या भाषा के आधार पर निर्धारित अल्पसंख्यक को अपनी पसंदगी की शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना तथा उसके व्यवस्थापन का अधिकार देता है ।
  4. अल्पसंख्यक वर्ग की संस्थाओं को राज्य की तरफ से मिलनेवाली शैक्षणिक सहायता अथवा शिष्यवृत्ति जैसे लाभों में भाषा या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा । – अल्पसंख्यक वर्गों की संस्थाओं की संपत्ति का अनिवार्य सम्पादन या बिना मुआवजा दिए राज्य इनकी संपत्ति का अधिग्रहण नहीं कर सकता ।

2. संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:

प्रश्न 1.
समानता का अधिकार
उत्तर:
इस अधिकार में ‘कानून के समक्ष समानता’ तथा कानून का समान रक्षण ऐसे दो विचारों का समावेश किया गया है । इसका अर्थ किसी भी व्यक्ति या समूह के समर्थन में विशेषाधिकारों का अभाव । इस अधिकार के अन्तर्गत व्यक्तियों के बीच जाति, धर्म, भाषा, लिंग, आय, जन्मस्थान आदि किसी का कोई भी भेदभाव नहीं किया जाता है ।
समानता के अधिकार में निम्न मुद्दों का समावेश किया गया है:
1. कानून के समक्ष समानता
2. सभी प्रकार के भेदभाव निषेध
3. उपाधियों का अन्त
4. राज्य अधीन नौकरियों में समान अवसर 5. अस्पृश्यता निषेध
6. समान काम के लिए समान वेतन ।

  • समाज में शोषित और पिछड़े वर्गों को समाज के अन्य वर्गों के समक्ष लाने के लिए उनको संविधान द्वारा विशेष सुविधाएँ प्रदान की गयी है । इसे सकारात्मक भेदभाव कहा जाता है ।

प्रश्न 2.
संवैधानिक उपचारों का अधिकार संविधान की आत्मा के समान है ।
उत्तर:
संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ उनके संरक्षण के प्रावधान भी किये गये हैं ।

  • अनुच्छेद 32 के अनुसार यदि किसी नागरिक के अधिकारों का हनन राज्य या संस्था या व्यक्ति या व्यक्ति समूह द्वारा किया जाता है तो नागरिक अपने अधिकारों की रक्षा हेतु न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है ।
  • संविधान न्यायालय को यह अधिकार हैं कि वह अपने पास आई हुई फरियादों को सावधानी से सुने और नागरिक को न्याय दें, नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करें।
  • इसलिए डॉ. अम्बेडकर ने संवैधानिक उपचारों का अधिकार का महत्त्व स्वीकार करते हुए इसे संविधान की आत्मा कहा है ।

प्रश्न 3.
स्वतंत्रता का अधिकार:
उत्तर:
स्वतंत्रता के अधिकार में नागरिकों को निम्न छ: स्वतंत्रताएँ प्रदान की गयी है :
1. वाणी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,
2. शांतिपूर्ण, अहिंसक रूप से एकत्रित होने, सभा आयोजित करने की स्वतंत्रता,
3. संस्था अथवा संघगठन की स्वतंत्रता,
4. भारत के किसी भी प्रदेश में स्वतंत्रतापूर्वक घूमने-फिरने की स्वतंत्रता,
5. भारत के किसी भी प्रदेश में स्थायी निवास करने की स्वतंत्रता,
6. कोई भी व्यवसाय, धंधा, नौकरी, व्यापार करने की स्वतंत्रता ।

  • भारतीय नागरिक को अपने सर्वांगीण विकास के लिए ये स्वतंत्रताएँ दी गयी है, लेकिन ये असीमित नहीं है, कुछ मर्यादाओं के अन्तर्गत उसे इन्हें भोगना होता है । कुछ विशेष परिस्थितियों में ये स्वतंत्रताएँ छीनी भी जा सकती है ।

प्रश्न 4.
शोषण के विरुद्ध अधिकार
उत्तर:
किसी भी व्यक्ति का किसी अन्य व्यक्ति द्वारा शोषण न हो ऐसी शोषणविहीन समाज की रचना का मुख्य उद्देश्य संविधान में शामिल किया गया है ।

  • मनुष्य का व्यापार, बेगार प्रथा, गुलामी तथा बलपूर्वक करवाई जानेवाली मजदूरी कानून द्वारा प्रतिबंधित किया गया है ।
  • इन व्यवस्थाओं का उल्लंघन एक कानूनी अपराध है ।
  • इस अधिकार का उद्देश्य बालकों अथवा स्त्रियों का व्यापार, जबरदस्ती करवाई जानेवाली मजदूरी, इच्छा के विरुद्ध कार्य करवाना तथा बिना वेतन दिए कोई कार्य की प्रथा का अन्त लाना है ।
  • 14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बालक को कारखानों, खानों या जोखिमपूर्ण व्यवसायों में, निर्माण कार्य, गैरेज, होटल, लारी-गल्ला या घर नौकर किसी भी काम में रखना अपराध घोषित किया गया है ।

प्रश्न 5.
आर्थिक नीतियों के संदर्भ में मार्गदर्शक सिद्धांत
उत्तर:
आर्थिक नीतियों के संदर्भ में सिद्धांत : आर्थिक नीतियों के निर्माण में अनेक महत्त्वपूर्ण सिद्धांतों का समावेश किया गया है, जो निम्न अनुसार है ।

  1. सभी नागरिकों का महत्तम कल्याण तथा उद्देश्यपूर्ण हो, इस प्रकार से समाज के भौतिक साधनों की मालिकी तथा नियंत्रण का विभाजन करना ।
  2. सम्पत्ति तथा उत्पादन के साधनों का किसी एक समूह या वर्ग में केन्द्रीकरण न हो, राज्य द्वारा एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करना ।
  3. पुरुषों तथा स्त्रियों को समान काम के लिए समान वेतन प्राप्त हो, राज्य ऐसा प्रयास करेंगे ।
  4. कार्यस्थल पर सभी कर्मचारियों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे, ऐसी मानवीय परिस्थिति का निर्माण करना । स्त्री-पुरुषों तथा कम आयुवाले बालकों का आर्थिक मजदूरी के कारण स्वास्थ्य बिगड़े ऐसे कामधन्धे या बिन आरोग्यप्रद स्थलों पर तथा जोखिमपूर्ण कार्य न करना पड़े ।
  5. औद्योगिक इकाइयों में संचालन प्रक्रिया में कर्मचारियों की भागीदारी के लिए राज्य प्रयास करेगा ।
  6. आर्थिक समस्याओं के कारण किसी बालक का शोषण न हो, वह स्वस्थ तथा स्वतंत्र रूप से गौरवपूर्ण स्थिति में तन्दुरस्त विकास कर सके, इसके लिए आवश्यक अवसर तथा सुविधाएँ उत्पन्न करने के लिए राज्य आवश्यक कदम उठाएँगे ।
  7. स्त्रियों को प्रसूति के समय आवश्यक अवकाश तथा सुविधाएँ पूरी की जायें । कर्मचारी राज्य बीमा कानून, बोनस धारा, प्रसूति अवकाश धारा, ग्रेज्युइटी धारा आदि कानून मानवीय आधार पर प्राप्त हों, इस आशय से इन सिद्धांतों का निर्माण किया गया है ।
  8. कृषि तथा पशुपालन का आधुनिक और वैज्ञानिक स्तर पर विकास हो, राज्य ऐसी व्यवस्था करने का प्रयास करेंगे । गायों, बछड़ों, अन्य दुधारू प्राणियों, भारवाहक प्राणियों बैलों, गायों, गधों आदि के कत्ल को रोकने का प्रयास करेंगे ।
  9. राज्य में सबको समान न्याय प्राप्त हो । आर्थिक या असमर्थता के कारण किसी भी जरूरतमंद नागरिक को न्याय प्राप्त करने के अवसर का इन्कार नहीं किया जाय तथा उसे मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त हो सके, राज्य ऐसी व्यवस्था करे तथा इस प्रकार के कानूनों का निर्माण करें ।

प्रश्न 6.
राजकीय तथा विदेशनीति विषयक सिद्धांत
उत्तर:
राजकीय तथा विदेशनीति विषयक सिद्धांत:

  • ग्रामपंचायतों की स्थापना के लिए राज्य आवश्यक कदम उठाये तथा ये स्वराज्य की एक इकाई के रूप में कार्य कर सकें, इसलिए इन्हें आवश्यक सत्ता तथा अधिकार और आर्थिक सहायता प्रदान करें ।
  • राज्य सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग तथा स्वतंत्र रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ जिससे न्यायाधीश निष्पक्ष, निडर तथा निर्भीक रूप से न्याय कर सके ।
  • अन्तर्राष्ट्रीय शांति, सुरक्षा तथा उन्नति के लिए, विश्व के देशों के बीच न्यायपूर्ण तथा गौरवपूर्ण सम्बन्धों के विकास के लिए, अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों तथा संधियों के प्रति आदर में वृद्धि तथा अंतर्राष्ट्रीय मतभेदों, प्रश्नों का शांतिमय रीति से निराकरण लाने का राज्य प्रयत्न करेंगे और उसे प्रोत्साहन देंगे ।

3. निम्नलिखित विधानों के कारण देकर समझाइए:

प्रश्न 1.
मूलभूत अधिकारों के भंग के विरुद्ध सुरक्षा के लिए न्यायालयों में जा सकते हैं ।
उत्तर:
प्रत्येक लोकतांत्रिक देश में उनके नागरिकों को कुछ मूलभूत अधिकार दिये जाते हैं ।

  • किसी भी भेदभाव के बिना सभी नागरिक इन अधिकारों को भोग सकते हैं ।
  • ये अधिकार लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की पहचान है ।
  • नागरिक अपना सर्वांगीण विकास कर सके और समाज का उपयोगी सदस्य बन सके यह नागरिकों को मौलिक अधिकार देने का ध्येय है ।
  • इन मूल अधिकारों का अमल हो इसलिए संविधान में विविध प्रावधान हैं ।
  • इन अधिकारों में से किसी भी अधिकार का भंग हो या कोई अधिकार भोगने न दिया जाये, तो संविधान में न्यायालय में जाकर रक्षा प्राप्त करने के अधिकार का उल्लेख है ।

प्रश्न 2.
संवैधानिक उपचारों का अधिकार संविधान की आत्मा के समान है ।
उत्तर:
संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ उनके संरक्षण के प्रावधान भी किये गये हैं ।

  • अनुच्छेद 32 के अनुसार यदि किसी नागरिक के अधिकारों का हनन राज्य या संस्था या व्यक्ति या व्यक्ति समूह द्वारा किया जाता है तो नागरिक अपने अधिकारों की रक्षा हेतु न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है ।
  • संविधान न्यायालय को यह अधिकार हैं कि वह अपने पास आई हुई फरियादों को सावधानी से सुने और नागरिक को न्याय दें, नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करें।
  • इसलिए डॉ. अम्बेडकर ने संवैधानिक उपचारों का अधिकार का महत्त्व स्वीकार करते हुए इसे संविधान की आत्मा कहा है ।

प्रश्न 3.
‘स्वतंत्रता अमर्यादित नहीं हो सकती ।’ अथवा. ‘निरंकुश नहीं हो सकती ।’
उत्तर:
राज्य समय-समय पर व्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करता है, क्योंकि स्वतंत्रता और अधिकारों की सच्ची अभिव्यक्ति तभी होगी, जब राज्य अनुचित पर उचित प्रतिबन्धों की व्यवस्था करेगा । आज आवश्यकता इस बात की है कि मौलिक अधिकारों का विस्तार किया जाए । इसमें शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, काम का अधिकार । राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर, सार्वजनिक व्यवस्था, देश की एकता औक अखण्डता, न्यायालय का तिरस्कार, बदनामी, नीतिमत्ता, हिंसा और उत्तेजित करनेवाले मुद्दों को ध्यान
में रखकर स्वतंत्रता पर कानून द्वारा उचित मर्यादाएँ लगाई जा सकती है ।

प्रश्न 4.
राजनीति के नीति निर्देशक सिद्धान्तों का क्या अर्थ है ? इनका क्या उद्देश्य है ? इन सिद्धान्तों का महत्त्व समझाइये ।
उत्तर:
अर्थ: भारत के संविधान में राज्य के लिए कुछ मार्गदर्शक सिद्धान्तों का समावेश किया गया है । हम किस प्रकार के भारत का निर्माण करना चाहते हैं, किस प्रकार की समाज रचना करना चाहते हैं इस दर्शन का मार्गदर्शन इन मार्गदर्शक सिद्धान्तों में प्रस्तुत किया गया है । ये सिद्धान्त सरकार को मार्गदर्शन देनेवाले सिद्धान्त होने के कारण, इन्हें ‘राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त’ कहा जाता है ।

उद्देश्य: इन आधारभूत सिद्धान्तों का उद्देश्य ‘लोककल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है । न्याय पर आधारित समाज व्यवस्था स्थापित करना है ।

डॉ. अम्बेडकर के शब्दों में ‘हमने अपने संविधान में राजकीय लोकतंत्र की स्थापना करने का प्रयास किया है । ये सिद्धान्त राज्य को सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र स्थापित करने का मार्गदर्शन देते है ।

नीति निर्देशक सिद्धांतों का महत्त्व:

  1. ये सिद्धांत सभी नागरिकों को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय दिलाकर, सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करते हैं ।
  2. भारत को लोककल्याणकारी राज्य बनाने में इनका बहुत महत्त्व है ।
  3. नीति निर्देशक तत्त्व से राज्य की नीति में स्थायित्व आता हैं ।
  4. इन तत्त्वों से लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ हैं, जिससे सत्ता में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ रही है ।
  5. इन तत्त्वों की अनुपालना से विश्व शान्ति और मानवता की भावना का विकास होता है ।
  6. मादक द्रव्यों व पदार्थों के सेवन पर राज्य रोक लगा देता है तो व्यक्ति में नैतिक मूल्यों का विकास हो सकता है ।

प्रश्न 5.
मूलभूत अधिकार तथा राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त परस्पर विरोधी नहीं बल्कि एक-दूसरे के पूरक है ।
उत्तर:
मूलभूत अधिकार राज्य की सत्ता को सीमित करते हैं, जबकि मार्गदर्शक सिद्धान्त राज्य की सत्ता का विस्तार करते हैं ।

  • मूलभूत अधिकार राजकीय लोकतंत्र की स्थापना करते हैं । जबकि मार्गदर्शक सिद्धांतों का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है ।
  • इस प्रकार इनमें कोई विरोध नहीं है, बल्कि एकदूसरे के पूरक है ।

प्रश्न 6.
शोषण मुक्त समाजरचना यह हमारे संविधान का मुख्य उद्देश्य है ।
उत्तर:
हमारे संविधान में समानता का अधिकार देकर जाति, भाषा, धर्म क्षेत्र, लिंग, शिक्षा और आर्थिक असमानता के भेद को समाप्त किया गया है ।

  • भारतीय संविधान में बालमजदूरी, बेगारी प्रथा को समाप्त किया गया है तथा समान काम के लिए समान वेतन का प्रावधान किया है ।
  • मूलभूत कर्तव्यों के द्वारा हमें क्या करना चाहिए तथा क्या नहीं करना चाहिए इसका स्पष्ट वर्णन किया गया है ।
  • भविष्य के नागरिकों, किशोरों को उनके कर्तव्यों और अधिकारों से परिचित करवाया गया है ।
  • भविष्य में इन नागरिकों में सामाजिक तथा राष्ट्रीय उत्तरदायित्व की भावना, न्यायपूर्ण तथा शोषणविहीन समाज रचना के उच्च आदर्शों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है ।
  • इस प्रकार शोषण मुक्त समाज रचना ही हमारे संविधान का मुख्य उद्देश्य है ।

प्रश्न 7.
अधिकार और कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलू है ।
उत्तर:
भारतीय संविधान में नागरिक का सर्वांगीण विकास करने के लिए नागरिक को कुछ अधिकार दिये गये हैं ।

  • ये अधिकार अमर्यादित नहीं होते है, इन अधिकारों के साथ कुछ कर्तव्य भी जुड़े हुए होते है ।
  • नागरिक केवल अधिकारों का भोग करता रहे तथा कर्तव्यों की उपेक्षा करे ऐसा संभव नहीं है ।
  • प्रत्येक अधिकार का दूसरा पक्ष कर्तव्य होता है, क्योंकि एक का अधिकार दूसरे का कर्तव्य हो सकता है ।
  • इस प्रकार अधिकार और कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलू है ।

प्रश्न 8.
बालमजदूरी प्रथा दण्डनीय अपराध है ।
उत्तर:
कोमल आयु के बच्चों से उनकी शक्ति के प्रमाण से अधिक काम लेना और जोखिमपूर्ण स्थानों पर उन्हें नौकरी पर रखा जाये तो वह उनका शोषण माना जाएगा ।

  1. 14 वर्ष से कम आयु के बालकों को किसी भी खतरनाक काम पर नहीं रखा जा सकता ।
  2. हमारे संविधान में बाल मजदूरी को दण्डनीय अपराध माना गया है । (बालश्रम का निषेध-अनुच्छेद 24)
  3. मनुष्य मात्र को हम एक मनुष्य के रूप में स्वीकार करते हैं तब किसी भी व्यक्ति को गुलाम बनाकर नहीं रख सकते ।
  4. उससे जबरदस्ती काम या बेगारी नहीं करा सकते ।
  5. इस प्रकार के शोषण का किसी को अधिकार नहीं दे सकतें ।
  6. संविधान में इस बेगारी प्रथा को समाप्त कर दिया गया है । इस प्रकार का कार्य दण्डनीय अपराध माना जाता है । (बेगारी उन्मूलन – अनुच्छेद 24)

प्रश्न 9.
मार्गदर्शक सिद्धान्तों के उद्देश्य समझाइए ।
उत्तर:
मार्गदर्शक सिद्धान्तों का मुख्य उद्देश्य ऐसी समाजव्यवस्था तथा राज्य व्यवस्था स्थापित करना जिसमें सत्ता का विकेन्द्रीकरण हों ।

  • धर्म, जाति के भेदभाव के बिना समाजरचना, समतामूलक, शोषणमुक्त तथा कल्याणकारी समाजव्यवस्था तथा अर्थव्यवस्था की स्थापना करना है।
  • देश में सामाजिक लोकतंत्र और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है ।
  • लोकतंत्र का राजनीति क्षेत्र के अलावा सामाजिक तथा आर्थिक क्षेत्र का विस्तार हों, शोषण तथा अन्यायमुक्त ऐसी समतामूलक, न्याय समाजव्यवस्था का स्वप्न साकार करने की जवाबदारी राज्य को सौंपी गयी है ।

प्रश्न 10.
मार्गदर्शक सिद्धांत देश के शासन में आधारभूत सिद्धांत है ।
उत्तर:
राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों का उद्देश्य ऐसी समाजव्यवस्था तथा राज्य व्यवस्था स्थापित करना, जिसमें जितना संभव हो सके उतना सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो ।

  • देश में सामाजिक सुरक्षा के द्वारा समाज के कमजोर वर्गों के विकास के लिए राज्य विविध कल्याणकारी योजनाएँ बनाएँ ऐसी आशा व्यक्त की गई है ।
  • लोकतंत्र का राजनैतिक क्षेत्र के अलावा सामाजिक तथा आर्थिक क्षेत्र का विकास, शोषण तथा अन्यायमुक्त ऐसी समतामूलक, न्यायी समाजव्यवस्था का स्वप्न साकार करने की जवाबदारी राज्य सरकार को सौंपी गयी हैं ।
  • इसलिए मार्गदर्शक सिद्धान्त देश के आधारभूत सिद्धान्त है ।

प्रश्न 11.
आर्थिक तथा सामाजिक लोकतंत्र के बिना राजकीय लोकतंत्र अधुरा है ।
उत्तर:
कुछ अधिकारों (आर्थिक) का समावेश मार्गदर्शक सिद्धांतों में किया गया है । डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने इन अधिकारों के संदर्भ में इनका महत्त्व बताते हुए कहा था कि ‘देश के शासन में ये अधिकार आधारभूत अधिकार सिद्धान्त है ।’ हमारे संविधान में राजनीतिक लोकतंत्र स्थापित करने का प्रयास किया गया है, परन्तु सामाजिक तथा आर्थिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र अधूरा है । जब समाज में समान आर्थिक अवसर मिलेंगे, आय की असमानता घटेगी, नागरिकों में जाति का भेद खत्म होगा, वास्तविक अर्थों
में तभी लोकतंत्र स्थापित होगा ।

प्रश्न 12.
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है ।
उत्तर:
विश्व में हमारी पहचान सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों से है ।

  • इन स्थलों को हजारों लोग देखने आते, जिससे हमें आर्थिक अर्जन होता है ।
  • ये स्थल हमें हमारी विरासत और संस्कृति का आभास कराते है ।
  • इसलिए राष्ट्र की समृद्ध तथा समन्वित सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य हैं ।

4. निम्नलिखित में से योग्य विकल्प पसंद कीजिए:

प्रश्न 1.
डॉ. बाबासाहब अंबेडकर ने किस अधिकार को संविधान की आत्मा कहा है ?
(A) स्वतंत्रता का अधिकार
(B) संवैधानिक उपचार का अधिकार
(C) समानता का अधिकार
(D) सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक अधिकार
उत्तर:
(B) संवैधानिक उपचार का अधिकार

प्रश्न 2.
किसके अनुसार राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त देश के आधारभूत सिद्धान्त है ?
(A) नरेन्द्र मोदी
(B) जवाहरलाल नेहरु
(C) राजेन्द्र प्रसाद
(D) डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
उत्तर:
(D) डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर

प्रश्न 3.
प्रतिबंधित गिरफ्तारी (नजरबन्दी) के अन्तर्गत आरोपी को कितने समय तक गिरफ्तार रखा जा सकता है ?
(A) 24 घण्टे
(B) 6 घण्टे
(C) 3 घण्टे
(D) आजीवन
उत्तर:
(A) 24 घण्टे

प्रश्न 4.
किस उम्र के बालकों को मुक्त और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है ?
(A) 6 से 14 वर्ष
(B) 3 वर्ष तक के बालक
(C) 14 वर्ष से अधिक उम्र
(D) 18 वर्ष की उम्रवाले बालक
उत्तर:
(A) 6 से 14 वर्ष

प्रश्न 5.
किस उम्र के बालकों से जोखिम से भरे व्यवसायों में काम नहीं करवाया जा सकता है ?
(A) 14 वर्ष से कम
(B) 18 वर्ष से नीचे
(C) 6 से 14 वर्ष
(D) 28 वर्ष से कम
उत्तर:
(A) 14 वर्ष से कम

प्रश्न 6.
किस आचरण को भारत का सामाजिक कलंक कहते हैं ?
(A) अस्पृश्यता
(B) बालमजदूरी
(C) बेगार प्रथा
(D) बहम – अंधविश्वास
उत्तर:
(A) अस्पृश्यता

GSEB Class 9 Social Science मूलभूत अधिकार, मूलभूत कर्तव्य तथा राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त  Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:

प्रश्न 1.
संयुक्त राष्ट्रसंघ ने किस वर्ष मानव अधिकारों की घोषणा की थी ?
(A) 1945
(B) 1947
(C) 1948
(D) 1951
उत्तर:
(C) 1948

प्रश्न 2.
मानव अधिकार दिवस कब मनाया जाता है ?
(A) 15 मार्च
(B) 26 जनवरी
(C) 10 दिसम्बर
(D) 15 अगस्त
उत्तर:
(C) 10 दिसम्बर

प्रश्न 3.
सैन्य क्षेत्र में योगदान के लिए भारत सरकार कौन-सा ऐवार्ड देती है ?
(A) भारतरत्न
(B) परमवीर चक्र
(C) पद्मभूषण
(D) पद्मविभूषण
उत्तर:
(B) परमवीर चक्र

प्रश्न 4.
स्वतंत्रता के अधिकार में कितनी स्वतंत्रताओं का समावेश होता है ?
(A) 5
(B) 6
(C) 10
(D) 12
उत्तर:
(B) 6

प्रश्न 5.
ई.स. ………………………………. में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने का मूलभूत अधिकार दिया है ।
(A) 2007
(B) 2009
(C) 2010
(D) 2012
उत्तर:
(B) 2009

प्रश्न 6.
प्रतिबन्धित कानून के अन्तर्गत नजरबंध किये गये व्यक्ति को अधिक से अधिक कितने समय तक नजरबंद रख सकते हैं ?
(A) 24 घण्टे
(B) 20 दिन
(C) 3 महीने
(D) दो वर्ष
उत्तर:
(C) 3 महीने

प्रश्न 7.
किसी भी संदेहास्पद व्यक्ति को कितने समय तक नजरकैद रखा जाएगा, इसका निर्णय कौन करता है ?
(A) केन्द्र सरकार
(B) राज्य सरकारें
(C) राष्ट्रपति
(D) राज्यपाल
उत्तर:
(B) राज्य सरकारें

प्रश्न 8.
लोकप्रतिनिधित्व कानून की धारा ………………………….. है ।
(A) 120 (A)
(B) 123 (B)
(C) 123(3)
(D) 390-क
उत्तर:
(C) 123(3)

प्रश्न 9.
मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है ?
(A) सर्वोच्च न्यायालय
(B) राष्ट्रपति
(C) राज्यपाल
(D) जिल्ला न्यायालय
उत्तर:
(A) सर्वोच्च न्यायालय

प्रश्न 10.
कौन-सा मूलभूत अधिकार केन्द्र और राज्य सरकारों के विरुद्ध दिया गया है ?
(A) स्वतंत्रता
(B) समानता
(C) धार्मिक स्वतंत्रता
(D) संवैधानिक उपचारों
उत्तर:
(D) संवैधानिक उपचारों

प्रश्न 11.
नागरिक के मूलभूत कर्तव्यों का संविधान में ……………………………….. में समावेश किया गया है ।
(A) 1950
(B) 1976
(C) 1981
(D) 1996
उत्तर:
(B) 1976

प्रश्न 12.
भारत में ……………………………… को मूलभूत कर्तव्य दिवस मनाने का निश्चय किया गया है ।
(A) 10 दिसम्बर
(B) 15 मार्च
(C) 6 जनवरी
(D) 1 मई
उत्तर:
(C) 6 जनवरी

प्रश्न 13.
राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्तों का समावेश संविधान के ………………………….. भाग में किया गया है ।
(A) दूसरे
(B) तीसरे
(C) चौथे
(D) आठवें
उत्तर:
(C) चौथे

प्रश्न 14.
सत्ता का विकेन्द्रीकरण किस स्तर पर किया गया है ?
(A) केन्द्र
(B) राज्य
(C) जिला
(D) गाँव
उत्तर:
(D) गाँव

प्रश्न 15.
स्वतंत्रता के अधिकार में कितनी स्वतंत्रताएँ दी गयी है ?
(A) 5
(B) 6
(C) 7
(D) 10
उत्तर:
(B) 6

प्रश्न 16.
नागरिक के कितने कर्तव्य है ?
(A) 5
(B) 6
(C) 10
(D) 12
उत्तर:
(C) 10

प्रश्न 17.
मार्गदर्शक सिद्धान्त राज्य को …………………………….. राज्य बनने का मार्गदर्शन देते हैं ।
(A) धार्मिक
(B) सामाजिक
(C) लोकतांत्रिक
(D) लोककल्याणकारी
उत्तर:
(D) लोककल्याणकारी

प्रश्न 18.
यदि किसी व्यक्ति को जाति के आधार पर किसी सार्वजनिक कुएँ से पानी भरने से रोका जाता है, तो यह किस अधिकार का हनन है ?
(A) समानता
(B) धार्मिक स्वतंत्रता
(C) स्वतंत्रता
(D) शोषण के विरुद्ध अधिकार
उत्तर:
(D) शोषण के विरुद्ध अधिकार

प्रश्न 19.
यदि पंजाब का व्यक्ति गुजरात में आकर व्यापार करती है, तो यह किस अधिकार का उपयोग कर रहा है ?
(A) समानता
(B) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
(C) स्वतंत्रता
(D) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार
उत्तर:
(C) स्वतंत्रता

प्रश्न 20.
प्रत्येक समुदाय को अपनी भाषा, लिपि के निर्वाह और उसके विकास का अधिकार है, यह किस अधिकार के अन्तर्गत आता है ?
(A) स्वतंत्रता
(B) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार
(C) समानता
(D) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
उत्तर:
(B) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार

प्रश्न 21.
निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है ?
(A) संवैधानिक उपचारों का अधिकार अन्य अधिकारों की रक्षा करता है ।
(B) मार्गदर्शक सिद्धांतों का उद्देश्य भारत को कल्याणकारी राज्य बनाता है ।
(C) भारत में सभी धर्मों को समान महत्त्व दिया गया है ।
(D) 6 जनवरी मानव अधिकार दिवस हैं ।
उत्तर:
(D) 6 जनवरी मानव अधिकार दिवस हैं ।

प्रश्न 22.
राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को –
(A) राजनीतिक न्याय प्रदान करना
(B) आर्थिक न्याय प्रदान करना
(C) सामाजिक न्याय प्रदान करना
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 23.
किस संविधान के संशोधन से मूलभूत कर्तव्यों का संविधान में समावेश किया गया है ?
(A) 30वे
(B) 42वें
(C) 44वें
(D) 24वें
उत्तर:
(B) 42वें

प्रश्न 24.
स्वतंत्रता का सही अर्थ है –
(A) चाहे जो करने की छूट होना ।
(B) बंधनों का अभाव ।
(C) व्यक्ति को व्यक्तित्व के अवसर प्राप्त होना ।
(D) राज्य के नियंत्रण से व्यक्ति मुक्त हो ।
उत्तर:
(C) व्यक्ति को व्यक्तित्व के अवसर प्राप्त होना ।

प्रश्न 25.
सभा करने की स्वतंत्रता जिस स्वतंत्रता में आती है, वह है –
(A) धार्मिक स्वतंत्रता
(B) आर्थिक स्वतंत्रता
(C) सामाजिक स्वतंत्रता
(D) नागरिक स्वतंत्रता
उत्तर:
(D) नागरिक स्वतंत्रता

प्रश्न 26.
चुनाव लड़ने का अधिकार जिस स्वतंत्रता में आता है वह है –
(A) धार्मिक स्वतंत्रता
(B) आर्थिक स्वतंत्रता
(C) सामाजिक स्वतंत्रता
(D) राजनीतिक स्वतंत्रता
उत्तर:
(D) राजनीतिक स्वतंत्रता

प्रश्न 27.
व्यक्ति को जीविकोपार्जन की स्वतंत्रता, स्वतंत्रता की किस श्रेणी में आता है ? ।
(A) आर्थिक स्वतंत्रता
(B) राजनीतिक स्वतंत्रता
(C) नागरिक स्वतंत्रता
(D) धार्मिक स्वतंत्रता
उत्तर:
(A) आर्थिक स्वतंत्रता

प्रश्न 28.
समानता का वास्तविक अर्थ है –
(A) सभी मनुष्यों में किसी भी प्रकार का भेदभाव न हों,
(B) सभी मनुष्यों को धर्म पालने का समान अधिकार मिले,
(C) प्रत्येक व्यक्ति के विकास के समान अवसर प्राप्त हों,
(D) सब मनुष्य बराबर हो ।
उत्तर:
(C) प्रत्येक व्यक्ति के विकास के समान अवसर प्राप्त हों,

प्रश्न 29.
मूलभूत अधिकारों …………………………….. लोकतंत्र स्थापित करते है ।
(A) आर्थिक
(B) राजकीय
(C) धार्मिक
(D) सामाजिक
उत्तर:
(B) राजकीय

प्रश्न 30.
निम्न में से कौन-सा जोडा असत्य है ?
(A) मानव अधिकार दिवस – 10 दिसम्बर
(B) कर्तव्य दिवस – 6 जनवरी
(C) संविधान में कर्तव्यों का समावेश – 1976
(D) नागरिक की स्वतंत्रताएँ – 10
उत्तर:
(D) नागरिक की स्वतंत्रताएँ – 10

प्रश्न 31.
निम्न में से कौन-सा विधान असत्य है ?
(A) संवैधानिक उपचारों का अधिकार संविधान की आत्मा है ।
(B) शोषणमुक्त समाजरचना हमारे संविधान का मुख्य उद्देश्य है ।
(C) बालमजदूरी कानूनी अपराध माना जाता है ।
(D) हमारे संविधान में शिक्षा को पूर्णरूप से मुक्त किया गया है ।
उत्तर:
(D) हमारे संविधान में शिक्षा को पूर्णरूप से मुक्त किया गया है ।

उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

1. UNO की महासभा ने ………………………………. के दिन मानव अधिकार स्वीकार किये ।
उत्तर:
(10 दिसम्बर, 1948)

2. मानव अधिकारों की घोषणा का उद्देश्य …………………………….. बनाए रखना है ।
उत्तर:
(मानवीय गौरव)

3. ………………………….. स्वतंत्रता के अन्तर्गत विचारों और अभिप्रायों द्वारा सार्वजनिक हित को अग्रेसर करने का उद्देश्य है ।
उत्तर:
(अखबारी)

4. सन् 2009 में नागरिक को ………………………… वर्ष तक प्राथमिक शिक्षा का अधिकार दिया गया है ।
उत्तर:
(6 से 14 वर्ष)

5. कर्मचारियों को मानसिक शांति के लिए ………………………… की सुविधाएँ प्रदान करना राज्य का कर्तव्य है ।
उत्तर:
(मनोरंजन)

6. …………………………….. का मुख्य उद्देश्य सत्ता का विकेन्द्रीकरण हैं ।
उत्तर:
(मार्गदर्शक सिद्धांतों)

7. …………………………. का उद्देश्य राजकीय लोकतंत्र की स्थापना करना है ।
उत्तर:
(मूलभूत अधिकार)

8. कोई भी राज्य …………………………… के रूप में निर्मित कोष का उपयोग किसी भी धर्म के लाभ के लिए नहीं कर सकता ।
उत्तर:
(सार्वजनिक करों)

9. किसी वर्ग को अपनी लिपि और भाषा के आधार पर ………………………… संस्थाएँ स्थापित करने का अधिकार है ।
उत्तर:
(शैक्षणिक)

10. ……………………….. का अधिकार संविधान की आत्मा के समान है ।
उत्तर:
(संवैधानिक उपचारों)

11. प्राचीन समय से ही लोग ……………………….. के प्रति अधिक जाग्रत थे ।
उत्तर:
(कर्तव्यों)

12. राष्ट्र की समृद्ध तथा समन्वित ……………………………. विरासत की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है ।
उत्तर:
(सांस्कृतिक)

13. ……………………. में 6 जनवरी को मूलभूत कर्तव्य दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया गया है ।
उत्तर:
(भारत)

14. ……………………………. सिद्धांतों के अमल करने के लिए सरकारें बाध्य नहीं है ।
उत्तर:
(मार्गदर्शक)

15. सामाजिक तथा आर्थिक लोकतंत्र के बिना ……………………………….. लोकतंत्र अधूरा है ।
उत्तर:
(राजनीतिक)

16. औद्योगिक इकाईयों के संचालन में ………………………………. की भागीदारी के लिए राज्य प्रयास करेगा ।
उत्तर:
(कर्मचारियों)

17. स्वतंत्रता संग्राम के उदात्त विचारों और आदर्शों का ……………………………. करना हमारा कर्तव्य है ।
उत्तर:
(अनुसरण)

18. मनुष्य के रूप में व्यक्ति को जन्म से ही जो अधिकार प्राप्त होते है, उन्हें ……………………………….. कहा जाता है ।
उत्तर:
(मानव अधिकार)

19. …………………………….. अधिकारों को संविधान की आत्मा कहते हैं ।
उत्तर:
(संवैधानिक उपचारों)

20. सरकार …………………………. पशुओं का कत्ल को रोके ।
उत्तर:
(दुधारू)

21. संविधान में …………………………. को खत्म किया गया है ।
उत्तर:
(अस्पृश्यता)

22. ………………………….. के भंग होने पर न्यायालय में जा सकते हैं लेकिन ……………………………. के बाबत हम न्यायालय में नहीं जा सकते ।
उत्तर:
(मौलिक अधिकार, नीति निर्देशक सिद्धान्त)

23. सरकार को ……………………………….. वर्गों के शैक्षणिक और आर्थिक हितों की रक्षा करनी चाहिए ।
उत्तर:
(कमजोर)

24. कानूनी कार्यवाही के बिना किसी व्यक्ति की ……………………… या उसकी ……………………… छीना नहीं जा सकता ।
उत्तर:
(स्वतंत्रता, जीवन)

25. स्वतंत्रता पर लगाई गयी मर्यादाएँ ………………………… होनी चाहिए ।
उत्तर:
(उचित और उद्देश्य सिद्ध)

26. नीति निर्देशक सिद्धान्तों के अमल के लिए ………………………… का सहारा नहीं लिया जा सकता ।
उत्तर:
(न्यायालय)

27. सत्ता के विकेन्द्रीकरण के लिए ग्राम स्तर पर …………………. की स्थापना की जाये ।
उत्तर:
(विकेन्द्रीकरण)

सही जोड़े मिलाइए:

1.

विभाग A विभाग B
1. देश के शासन की नींव (A) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
2. लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की नींव (B) नीति निर्देशक सिद्धांत
3. संविधान का हृदय और आत्मा (C) मौलिक अधिकार
4. मानव अधिकार दिवस (D) 10 दिसम्बर
5. कर्तव्य दिवस (E) 6 जनवरी

उत्तर:

विभाग A विभाग B
1. देश के शासन की नींव (B) नीति निर्देशक सिद्धांत
2. लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की नींव (C) मौलिक अधिकार
3. संविधान का हृदय और आत्मा (A) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
4. मानव अधिकार दिवस (D) 10 दिसम्बर
5. कर्तव्य दिवस (E) 6 जनवरी

2.

विभाग A विभाग B
1. बालमजदूरी (A) 14 वर्ष से कम उम्र
2. मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा (B) 14 वर्ष तक के बालक
3. UNO द्वारा मानव अधिकारों की स्वीकृति (C) 1948
4. संविधान की प्रस्तावना में संशोधन (D) 1976

उत्तर:

विभाग A विभाग B
1. बालमजदूरी (A) 14 वर्ष से कम उम्र
2. मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा (B) 14 वर्ष तक के बालक
3. UNO द्वारा मानव अधिकारों की स्वीकृति (C) 1948
4. संविधान की प्रस्तावना में संशोधन (D) 1976

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में दीजिए:

प्रश्न 1.
व्यक्ति का अधिकार किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मानव के अस्तित्व तथा उसके व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास करने में सहायक ऐसी परिस्थिति का निर्माण करना तथा यह सतत चलती रहें यह अत्यंत आवश्यक हैं, इसे सामान्य रूप से व्यक्ति का अधिकार कहा जाता है ।

प्रश्न 2.
मानव अधिकारों को लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था की आधारभूत पहचान क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
मानव अधिकारों का उद्देश्य मनुष्य के रूप में मानवीय गौरव बनाए रखना है ।

  • मनुष्य के अस्तित्व को टिकाए रखने के लिए उसकी न्यूनतम आवश्यकताएँ उसे गौरवपूर्ण स्थिति में प्राप्त हो सके, वह सर्वांगीण विकास कर सके, इस प्रकार का राजनीतिक और सामाजिक वातावरण प्राप्त हो इसे राज्य द्वारा स्वीकार कर उसकी सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है ।
  • इसलिए इस मानव अधिकारों को लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था की आधारभूत पहचान माना जाता है ।

प्रश्न 3.
मूलभूत अधिकार क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
राष्ट्र की स्थिरता, व्यक्ति स्वतंत्रता की सुरक्षा तथा तानाशाही शासन के समक्ष रक्षण के लिए मूलभूत अधिकार आवश्यक हैं ।

प्रश्न 4.
सूचना के अधिकार में किन दो विचारों का समावेश है ?
उत्तर:
सूचना के अधिकार में ‘कानून के समक्ष समानता’ तथा ‘कानून का समान रक्षण’ इन दो विचारों का समावेश किया गया है ।

प्रश्न 5.
कानून के समक्ष समानता अर्थात् क्या ?
उत्तर:
कानून के समक्ष समानता अर्थात् किसी व्यक्ति या समूह के समर्थन में विशेषाधिकारों का अभाव । एकसमान परिस्थितियों में आनेवाले व्यक्तियों पर एकसमान कानून लागू होगा ।

प्रश्न 6.
कानून के समक्ष रक्षण अर्थात् क्या ?
उत्तर:
कानून के समक्ष रक्षण का अर्थ है कि समान परिस्थितियों में कानून का व्यवहार समान ही होना चाहिए । राज्य किसी भी व्यक्ति अथवा समूह को अलग रखकर उसके प्रति भेदभाव करनेवाले कानूनों का निर्माण नहीं कर सकता ।

प्रश्न 7.
समाज में कौन-सी मानवीय भेदभाव करनेवाली उपाधियों को समाप्त किया गया है ?
उत्तर:
नाम के आगे लगनेवाली सर, दीवानजी, रायबहादुर आदि उपाधियों पर प्रतिबन्ध लगाया गया हैं ।

प्रश्न 8.
विविध क्षेत्रों में योगदान के लिए भारत सरकार कौन-से ऐवार्ड प्रदान करती है ?
उत्तर:
भारत सरकार द्वारा भारतरत्न, पद्मभूषण, पद्मविभूषण, पद्मश्री जैसे ऐवार्ड दिए जाते हैं ।

प्रश्न 10.
किस कानून के द्वारा व्यक्ति की गिरफ्तारी की जा सकती है ?
उत्तर:
राज्य को अगर ऐसा लगता है कि किसी व्यक्ति के द्वारा कोई अपराध या प्रवृत्ति किये जाने की संभावना हो तो प्रतिबंधित गिरफ्तारी कानून के द्वारा उसकी गिरफ्तारी हो सकती हैं ।

प्रश्न 11.
प्रतिबंधित गिरफ्तारी का क्या उद्देश्य हैं ?
उत्तर:
इसका उद्देश्य नजरबंद किये गये व्यक्ति को उसके कार्य के बदले सजा देना नहीं, बल्कि, समाज या राज्य, किसी व्यक्ति के विरुद्ध अपराधिक कृत्य करने से रोकना हैं ।

प्रश्न 12.
शोषण के विरुद्ध अधिकार का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर:
इस अधिकार का उद्देश्य बालकों अथवा स्त्रियों का व्यापार, जबरजस्ती करवाई जानेवाली मजदूरी, इच्छा के विरुद्ध कार्य करवाना तथा बिना वेतन दिए कोई भी कार्य करवाने की प्रथा का अन्त लाना है ।

प्रश्न 13.
शोषण के विरुद्ध अधिकार में किस प्रकार की मजदूरी को अपराध माना गया है ?
उत्तर:
बालमजदूरी, बिना वेतन चुकाए अथवा न्यूनतम वेतन से कम वेतन, जबरदस्ती या बन्धुआ मजदूरी के रूप में कार्य करवाना एक कानूनी अपराध है ।

प्रश्न 14.
राज्य को अनिवार्य रूप से व्यक्ति से कौन-सी सेवाएँ लेने का अधिकार है ?
उत्तर:
राज्य को सार्वजनिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए सैनिक सेवा या राष्ट्रीय कर्तव्यों, समाजसेवा के लिए किसी क्षेत्र में धर्म, जाति, लिंग, भाषा क्षेत्र आदि के भेद बिना अनिवार्यरूप से सेवाएँ लेने का अधिकार है ।

प्रश्न 15.
धार्मिक स्वतंत्रताओं में किस-किस का समावेश होता है ?
उत्तर:
अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन, धार्मिक कर्मकाण्ड, प्रार्थना, पूजा करना आदि स्वतंत्रताओं का समावेश होता है ।

प्रश्न 16.
कर्मचारियों के लिए राज्य को क्या मार्गदर्शन दिया गया है ?
उत्तर:
कर्मचारियों को राजकीय बीमा कानून, बोनस धारा, प्रसूति अवकाश, ग्रेज्युइटी धारा आदि कानून मानवीय आधार पर प्राप्त हों, इसका समावेश मार्गदर्शक सिद्धान्तों में किया गया है ।

प्रश्न 17.
मार्गदर्शक सिद्धांतों में क्या कानूनी निर्देश दिये गये हैं ?
उत्तर:
देश के सभी नागरिकों को समान दीवानी कानून द्वारा न्याय प्राप्त हो, विवाह, तलाक, भरण-पोषण, दत्तक कानून, वसीयत आदि में एकसमान कानूनों का निर्माण करने की दिशा में कदम उठाए । 10

प्रश्न 18.
अन्तर्राष्ट्रीय शांति के लिए राज्यों को क्या मार्गदर्शन दिया गया है ?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, उन्नति के लिए विश्व के देशों के बीच न्यायपूर्ण तथा गौरवपूर्ण संबंधों का विकास के लिए अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों तथा संधियों के प्रति आदर में वृद्धि तथा अन्तर्राष्ट्रीय मतभेदों, प्रश्नों का शांतिमय निराकरण लाने का राज्य प्रयत्न करेगा ।

प्रश्न 19.
शिक्षा के लिए राज्यों को क्या मार्गदर्शन दिया गया है ?
उत्तर:
14 वर्ष की उम्र के सभी बालकों को संविधान लागू होने के 10 वर्षों के अन्दर मुक्त तथा अनिवार्य शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए राज्य प्रयत्न करेगा ।

प्रश्न 20.
स्वास्थ्य विषयक क्या नीति निर्देश राज्यों को दिया गया है ?
उत्तर:
लोगों के स्वास्थ्य तथा पोषण के स्तर में सुधार हो, इसके लिए राज्य प्रयत्न करें तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य और सेवाओं में वृद्धि के लिए कदम उठाना यह राज्य का मौलिक कर्तव्य है ।

प्रश्न 21.
नशीले पदार्थों संबंधित राज्यों को क्या निर्देश दिया गया है ?
उत्तर:
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नशीले पदार्थों, शराब, मादक द्रव्यों आदि पर राज्य प्रतिबंध लगाएँ । औषधि उपयोग के अलावा मादक पेय पदार्थ, ड्रग्स तथा अन्य नशीले पदार्थों पर राज्य प्रतिबन्ध लगाएगा ।

प्रश्न 22.
सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक अधिकार क्या है ?
उत्तर:
भारत के अलग-अलग प्रदेशों में रहनेवाले लोगों को अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि, सांस्कृतिक मूल्यों तथा उसके आधार पर रचित वर्ग समूहों को सुरक्षित रखने का अधिकार है ।

प्रश्न 23.
सर्वोच्च न्यायालय किस कानून को रद्द कर सकता है ?
उत्तर:
राज्यों की विधानसभाओं के द्वारा निर्मित कानून मूलभूत अधिकारों के साथ सुसंगत न हो तो या उनके द्वारा मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन होता हो तो सर्वोच्च न्यायालय उसे रद्द कर सकता है ।

प्रश्न 24.
कर्तव्यों का मूलभूत कर्तव्यों के रूप में घोषित करने का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर:
कर्तव्यों का मूलभूत कर्तव्यों के रूप में समावेश करने का उद्देश्य देशप्रेम, राष्ट्रीय भावना, अनेक उच्च आदर्शों तथा मूल्यों के प्रति नागरिकों में जागृति लाकर राष्ट्र की उन्नति के लिए नागरिकों को प्रतिबद्ध बनाना हैं ।

प्रश्न 25.
प्राकृतिक संपत्ति के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है ?
उत्तर:
वन, सरोवर, नदियों तथा वन्य जीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना तथा उनका संवर्धन करना, सभी जीवों के प्रति दया रखना ।

प्रश्न 26.
किन सामाजिक बुराईयों की निगरानी रखना नागरिक का कर्तव्य है ?
उत्तर:
अस्पृश्यता, बैगार प्रथा, बालमजदूरी, स्त्रीशोषण, जातीय हिंसा, दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, कुरीतियाँ, अन्धविश्वास, बहम आदि समाप्त हो इस बात की निगरानी रखना नागरिक का कर्तव्य है ।

प्रश्न 27.
सरकारों का नैतिक कर्तव्य क्या है ?
उत्तर:
अपनी नीतियों के निर्माण में मार्गदर्शक सिद्धांतों को केन्द्र में रखकर तथा उनका अमल करवाना राज्य का नैतिक कर्तव्य है ।

प्रश्न 28.
मार्गदर्शक सिद्धांतों का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य क्या है ?
उत्तर:
एक ऐसी समाज रचना करना जिसमें सभी नागरिकों को राजनैतिक, सामाजिक तथा आर्थिक न्याय प्राप्त हो ।

प्रश्न 29.
डॉ. आंबेडकर ने मार्गदर्शक सिद्धांतों के विषय में क्या कहा है ?
उत्तर:
डॉ. आंबेडकर ने कहा है कि ‘देश के शासन में ये अधिकार आधारभूत सिद्धांत हैं ।’

निम्नलिखित शब्द संकल्पना समझाइए:

प्रश्न 1.
मानव अधिकार
उत्तर:
मानव के अस्तित्व तथा उसके व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास करने में सहायक ऐसी सामाजिक परिस्थिति का निर्माण करना तथा यह सतत चलती रहें यह अत्यंत आवश्यक है । मनुष्य को ऐसे अधिकार मनुष्य को जन्म के साथ प्राप्त होते हैं उन्हें मानव अधिकार कहते हैं ।

प्रश्न 2.
मूलभूत अधिकार
उत्तर:
जिन मानव अधिकारों को कानूनी सुरक्षा प्रदान कर उनका संविधान में समावेश किया गया उन अधिकारों को मूलभूत अधिकार कहते हैं ।

प्रश्न 3.
अधिकारों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर:
भारतीय नागरिकों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास तथा अभिव्यक्ति के लिए, लोकतंत्र के व्यवस्थित संचालन के लिए व्यक्ति तंदुरस्त और स्वस्थ जीवन जी सके, इसके लिए इन अधिकारों का विशेष महत्त्व है ।

प्रश्न 4.
बेगारी प्रथा
उत्तर:
बिना वेतन दिये या बहुत ही कम वेतन देकर, जबरदस्ती मजदूरी करवाने की प्रथा को बेगारी प्रथा कहा जाता है ।

प्रश्न 5.
बाल शोषण
उत्तर:
कोमल आयु के बच्चों को उनकी शक्ति के प्रमाण से अधिक काम लिया जाये, कारखानों, खानों और इसी प्रकार जोखिमपूर्ण स्थानों पर उन्हें नौकरी पर रखा जाये उसे बालशोषण माना जाता है ।

प्रश्न 6.
सकारात्मक भेदभाव
उत्तर:
पुराने परंपरागत भेदभावों को दूर करने के लिए समाज के कमजोर, असहाय और वंचित समुदायों के पक्ष में भेदभाव करने की नीति को सकारात्मक भेदभाव कहते हैं ।

प्रश्न 7.
गिरफ्तारी प्रतिबंधित
उत्तर:
लोग अपराध न करें इसके लिए उनकी की गयी गिरफ्तारी नजरबंदी को प्रतिबंधित गिरफ्तारी कहा जाता है ।

प्रश्न 8.
समानता
उत्तर:
समानता का आशय हैं कि समाज में किन्हीं व्यक्तियों या समाज के किसी भी विशेष वर्ग के लिए विशेषाधिकार नहीं होने चाहिए और सभी व्यक्तियों को विकास हेतु समान अवसर प्राप्त होने चाहिए ।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:

प्रश्न 1.
मानव अधिकार से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
मानव के अस्तित्व तथा उसके सर्वांगीण विकास के लिए जो सामाजिक परिस्थितियाँ आवश्यक होती है, उन्हें मानव व्यक्ति का अधिकार कहते हैं । प्रत्येक लोकतंत्रात्मक देश में उनके नागरिकों को अनेक मौलिक अधिकार दिए गये है । इन सभी अधिकारों का उपभोग सभी नागरिक बिना भेदभाव के कर सकते हैं, समाज और राष्ट्रों द्वारा उन्हें स्वीकारा गया है । व्यक्ति को मनुष्य के रूप में जन्म के साथ अनेक मूलभूत अधिकार प्राप्त हो जाते है, ऐसे अधिकारों को मानव अधिकार कहा जाता है ।

प्रश्न 2.
संविधान द्वारा नागरिकों को कौन-सी स्वतंत्रताएँ दी गई है ?
उत्तर:

  1. वाणि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,
  2. शांतिपूर्ण और अहिंसक रीति से एकत्रित होने तथा सभा करने की स्वतंत्रता,
  3. संस्था अथवा संघ के गठन की स्वतंत्रता,
  4. भारत के किसी भी प्रदेश में स्वतंत्रतापूर्वक घूमने-फिरने की स्वतंत्रता,
  5. भारत के किसी भी प्रदेश में किसी भी भाग में रहने और स्थायी निवास की स्वतंत्रता,
  6. कोई भी व्यवसाय, धन्धा-रोजगार और व्यवसाय करने की स्वतंत्रता |

प्रश्न 3.
मूलभूत कर्तव्यों से हम क्या कर सकते हैं ?
उत्तर:
भविष्य के नागरिक, ऐसे बालकों एवं किशोरों में इन कर्तव्यों के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार हों, इनके महत्त्व और उपयोगिता के विषय में उन्हें जानकारी दी जाये तो भविष्य के इन नागरिकों में सामाजिक तथा राष्ट्रीय उत्तरदायित्व की भावना, विश्वबन्धुत्व, न्यायपूर्ण तथा शोषणविहीन समाजरचना के उच्च आदर्शों को प्राप्त किया जा सकता है ।

प्रश्न 4.
नागरिक की स्वतंत्रताएँ भोगने की मर्यादाएँ क्या है ?
उत्तर:
नागरिक को स्वतंत्रताएँ कुछ मर्यादाओं में रहकर ही भोगनी होती है । संविधान में इन मर्यादाओं का उल्लेख किया गया है । ये मर्यादाएँ, उचित और उद्देश्य को सिद्ध करनेवाली होनी चाहिए । सार्वजनिक जीवन व्यवस्था, देश की एकता और अखंडता, न्यायालय का तिरस्कार, बदनामी, सुरुचि और नीतिमत्ता, हिंसा को उत्तेजित करनेवाले मुद्दों को ध्यान में रखकर इन स्वतंत्रताओं पर, कानून द्वारा उचित मर्यादाएँ लगाई जा सकती है ।

प्रश्न 5.
बाल शोषण से आपका क्या आशय है ? संविधान में इसके विषय में क्या प्रावधान है ?
उत्तर:
कोमल आयु के बच्चों से उनकी शक्ति के प्रमाण से अधिक काम लिया जाये, कारखानों और इसी प्रकार जोखिमपूर्ण स्थानों पर उन्हें नौकरी पर रखा जायें, इसे बाल शोषण माना जाता है ।

  • 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को – किशोरों को इस प्रकार के खतरनाक कार्यों में नहीं रखा जा सकता । संविधान में ऐसा प्रावधान किया गया है ।
  • बालमजदूरी को संविधान में कानून के तहत दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है ।

प्रश्न 6.
मूलभूत कर्तव्यों के पालन के लिए कौन-कौन-से कानून बनाये गये हैं ?
उत्तर:
कुछ कर्तव्यों के पालन के लिए कानून बनाये गये हैं जो इस प्रकार से हैं:

  • देश की एकता और अखण्डता को हानि पहुँचनेवाला कोई भी कृत्य गम्भीर अपराध माना जाता है ।
  • यदि देश की रक्षा के लिए अनिवार्य सैनिक भर्ती का कानून बनाया जाये तो सैना में भर्ती होना कानूनी कर्तव्य माना जाता है ।
  • ऐसे कानून बनाये गये है जिनके तहत महिलाओं का गौरव भंग करनेवाला कृत्य अपराध माना जाता है ।
  • पर्यावरण की रक्षा पक्षियों और पशुओं की रक्षा के लिए विविध कानून बनाये गये है । इन कानूनों को भंग करने पर भिन्न भिन्न सजाएँ हो सकती है ।
  • सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुँचने पर सजा हो सकती है ।
  • हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों का अनादर और दुरूपयोग भी दण्डनीय अपराध है ।

प्रश्न 7.
जिन कर्तव्यों के अमल के लिए कानून नहीं बनाये गये हैं उन कर्तव्यों के पालन के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
नागरिकों में समानता और जागृति पैदा करने का प्रयास करना चाहिए ।

  • विद्यालय और कॉलेजों में विद्यार्थियों को इनके महत्त्व और इनके पालन की आवश्यकता के विषय में समझाना चाहिए ।
  • वे इस बात के प्रति सजग हों कि समाज और देश के प्रति उनके क्या कर्तव्य है ।
  • जिस प्रकार हम 10 दिसम्बर को मानव अधिकार दिवस मनाते हैं, उसी प्रकार 6 जनवरी को मूलभूत कर्तव्य दिवस के रूप में मना सकते हैं ।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आवश्यकतानुसार दीजिए:

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य विषयक नीति से संबंधित राज्यों को क्या मार्गदर्शन दिया गया है ?
उत्तर:
लोगों के स्वास्थ्य तथा पोषण के स्तर में सुधार हो, इसके लिए राज्य प्रयत्न करेगा, तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा सेवाओं में वृद्धि के लिए आवश्यक कदम उठाना, यह राज्य का मौलिक कर्तव्य है ।

  • स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नशीले पदार्थों, शराब, मादक द्रव्यों आदि पर राज्य प्रतिबन्ध लगाएगा । औषधि उपयोग के अलावा मादक पेय पदार्थ ड्रग्स तथा अन्य नशीले पदार्थों पर राज्य प्रतिबंध लगाएगा ।
  • देश में पर्यावरण प्रदूषण कम कर उसकी सुरक्षा तथा उसमें सुधार हों, इसके लिए राज्य प्रयास करें । देश में आए हुए जंगलों तथा वनस्पतियों की रक्षा के लिए राज्य विशेष व्यवस्था करेंगे ।
  • कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर स्वास्थ्यप्रद वातावरण प्राप्त हों, निवृत्ति के समय सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास के पर्याप्त अवसर प्राप्त हो, इसके लिए राज्य प्रयत्न करेगा । उनके मानसिक शांति के लिए उन्हें मनोरंजन की सुविधाएँ प्राप्त हों, ऐसे प्रयत्न राज्यों को करने का उल्लेख हैं ।

प्रश्न 2.
धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की संक्षिप्त जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
भारत के संविधान में प्रत्येक नागरिक को अपनी मनपसंद का धर्म स्वीकार करने, उसका पालन करने तथा धर्म का प्रचार-प्रसार करने का अधिकार संविधान ने दिया है ।

  • धार्मिक स्वतंत्रताओं में धार्मिक कर्मकाण्ड, प्रार्थना, पूजा करवाना आदि स्वतंत्रताओं का समावेश किया गया है ।
  • देश का अपना कोई धर्म नहीं है, भारत किसी भी धार्मिक मान्यता के आधार पर नहीं चलता है ।
  • धर्म से संबंधित संस्थाओं की स्थापना करने तथा उसका संचालन करने तथा उसका व्यवस्थापन करने की स्वतंत्रता दी गयी है ।
  • कोई भी राज्य सार्वजनिक करों के द्वारा निर्मित कोष का उपयोग किसी भी धर्म या सम्प्रदाय के लाभ या उसके विकास के लिए नहीं कर सकता ।
  • सरकारी अनुदान से चलनेवाली शैक्षणिक संस्थाओं में धर्म के आधार पर शिक्षा नहीं दी जा सकती तथा किसी भी व्यक्ति को जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं करवाया जा सकता ।

प्रश्न 3.
शैक्षणिक तथा सांस्कृतिक संबंधी मार्गदर्शक सिद्धांत की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
राज्य 14 वर्ष की उम्र के सभी बालकों को संविधान लागू होने के 10 वर्ष के अन्दर मुक्त और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए प्रयत्न करेगा ।

  • राष्ट्रीय महत्त्व के रूप में घोषित किये गये सभी कलात्मक और ऐतिहासिक महत्त्ववाले स्मारकों, स्थलों, कलाकृतियों, इमारतों के मूल . स्वरूप में परिवर्तन, लूटफाट, नुकसान, विकृति, स्थलांतरण तथा उनके नुकसान को रोकना तथा उनकी सुरक्षा करना राज्य का कर्तव्य होगा ।
  • इस तरह इन सिद्धान्तों का उद्देश्य राष्ट्र के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की सही तरीके से सुरक्षा हो यह देखना है ।

निम्नलिखित विधानों के कारण दीजिए:

प्रश्न 1.
समाज के पिछड़े हुए और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित स्थान रखे जा सकते हैं ।
उत्तर:
हमारे समाज में अनेक प्रकार की असमानता दिखाई देती है ।

  • समाज के बहुत बड़े वर्ग को इन असमानताओं का भोग बनना पड़ता है ।
  • इसलिये इनके लिए विशेष प्रबन्ध किये जाये, उनको विशेष सुरक्षा दी जाये, तो समानता के अधिकार का भंग नहीं माना जायेगा ।
  • इस प्रकार की नीति को ‘सकारात्मक भेदभाव’ अथवा ‘सुरक्षा मूलक भेदभाव’ की नीति माना जाएगा ।
  • पिछडे वर्गों के लिए सरकार यदि खास उपबन्ध करे तो समता के अधिकार का भंग नहीं माना जाएगा ।
  • इस सन्दर्भ में पिछड़े वर्गों के लिए सरकार ने आरक्षित बैठक रखी है ।

प्रश्न 2.
राज्य की सहायता से चलनेवाली शिक्षा संस्थाओं में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं रखा जा सकता ।
उत्तर:
राज्य के लिए सभी धर्म समान है ।

  • राजकीय शिक्षण संस्थाओं से धार्मिक शिक्षा निषिद्ध हैं । (अनुच्छेद 28)
  • इसके अनुसार राजकीय निधि से संचालित किसी भी शिक्षण संस्था में किसी प्रकार की धार्मिक शिक्षा नहीं प्रदान की जाएगी।
  • न ही किसी व्यक्ति को किसी धर्म विशेष की शिक्षा ग्रहण करने के लिए बाध्य किया जा सकता है ।

प्रश्न 3.
छोटे बालकों को जोखिमपूर्ण नौकरियों में नहीं लगाया जा सकता ।
उत्तर:
कोमल आयु के बच्चों से उनकी शक्ति के प्रमाण से अधिक काम लिया जाये, कारखानों, खानों और इसी प्रकार जोखिमपूर्ण स्थानों पर उन्हें नौकरी पर रखा जाये, वह उनका शोषण माना जाएगा ।

  • संविधान के अनुच्छेद 24 के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों, किशोरों को इस प्रकार के खतरनाक कामों पर नहीं रखा जा सकता ।
  • बालमजदूरी को कानून के तहत दण्डनीय अपराध माना गया है ।

प्रश्न 4.
गाय जैसे दुधारू पशुओं का कत्ल नहीं करना चाहिए ।
उत्तर:
गाय जैसे पशु हमारी राष्ट्रीय सम्पदा में आते है, ये हमारी भोजन की आवश्यकता की पूर्ति करते हैं ।

  • संविधान के अनुच्छेद 48 में दुधारू पशुओं के वध को रोकने के लिए सरकार को निर्देश दिया गया है ।
  • दूधारू पशुओं से आर्थिक प्रवृत्ति भी होती है, ये राष्ट्रीय आय में अपनी भागीदारी देते हैं ।
  • कानून की दृष्टि से ऐसे पशुओं का वध निषेध है ।
  • अतः दुधारू पशुओं का कत्ल नहीं करना चाहिए ।

प्रश्न 5.
नीति निर्देशक सिद्धान्तों के अमल के लिए नागरिक न्यायालयों में नहीं जा सकता ।
उत्तर:
नीति निर्देशक सिद्धान्त मात्र राज्य के मार्गदर्शक सिद्धान्त है, वे उसके अनिवार्य कर्तव्य नहीं ।

  • राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों को लागू करने के लिए कोई कानूनी बाध्यता नहीं है ।
  • उनका पालन करना, उनको अमल में लाना राज्य की इच्छा पर ही निर्भर है ।
  • राज्य इस बात के लिए बाध्य नहीं है कि उसको उनका पालन करना ही पड़ेगा ।
  • अर्थात् राज्य द्वारा पालन न करने की स्थिति में न्यायालय में अपील नहीं कर सकते ।

प्रश्न 6.
संविधान, राष्ट्रगीत या राष्ट्रध्वज का अनादर नहीं कर सकते ।
उत्तर:
भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं, संविधान लोकतंत्र की आत्मा होता है ।

  • राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगीत हमारे देश की पहचान है ।
  • ये हमारे आदर्शों, नीतियों, परम्पराओं के प्रतीक है ।
  • हमारे संविधान में इनका आदर करना, इनका सन्मान बनाएँ रखना हमारा कर्तव्य बताया गया है ।
  • इस प्रकार हम राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान या संविधान का अनादर नहीं कर सकते ।

प्रश्न 7.
आवश्यकता पड़ने पर प्रत्येक नागरिक को सेना में भर्ती होना चाहिए ।
उत्तर:
प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य हैं कि वह राष्ट्र की सार्वभौमिकता और अखण्डता की सुरक्षा के लिए अपना योगदान दे ।

  • वह समाज में सहमति और मित्रता के निर्वाह में अपना योगदान दें ।
  • यदि देश का अस्तित्व बना रहेगा तो नागरिक का भी अस्तित्व बना रहेगा, इस प्रकार नागरिक का अस्तित्व देश के साथ जुड़ा है ।
  • देश की एकता और अखण्डता को हानि पहुँचानेवाला कोई भी कृत्य गंभीर अपराध माना जाता है ।
  • इसलिए यदि देश की रक्षा के लिए अनिवार्य सैनिक भर्ती कानून बनाया जाए तो सेना में भर्ती होना कानूनी कर्तव्य माना जाता है ।

प्रश्न 8.
मद्य निषेध के कानून से स्वतंत्रता का भंग नहीं होता ।
उत्तर:
मादक (नशीलें) पदार्थ व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक नुकसान पहुंचाते हैं ।

  • नागरिक आर्थिक दृष्टि से चौपट हो जाता है । उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूल में मिल जाती है ।
  • उसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है, इसका सीधा प्रभाव राष्ट्र पर पड़ता है ।
  • इसलिए मद्यनिषेध के कानून से स्वतंत्रता का भंग (हनन) नहीं होता है ।

प्रश्न 9.
सभी धर्मों के प्रति आदर रखना चाहिए ।
उत्तर:

  • सभी धर्मों का उद्देश्य एक ही होता है ।
  • भारत का संविधान (अनुच्छेद 25 से 28) नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है ।
  • भारतीय संविधान, भारत को धर्मनिर्पेक्ष राज्य घोषित करता है ।
  • राज्य की दृष्टि से सभी धर्म समान है ।
  • राज्य और प्रत्येक नागरिक को सभी धर्मों का आदर रखना चाहिए ।

निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तार से उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
सांस्कृतिक और शिक्षा के अधिकार पर प्रकाश डालिए ।
उत्तर:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 में सांस्कृतिक और शिक्षा सम्बन्धित अधिकार दिये गये हैं ।

  • अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण : इसके अनुसार नागरिक के प्रत्येक वर्ग को अपनी भाषा, लिपि या संस्कृति सुरक्षित रखने का पूर्ण अधिकार दिया गया है, यह भी कहा गया है कि राजकीय या राजकीय सहायता से संचालित शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश से सम्बन्धित किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा ।
  • अल्प संख्यकों को शिक्षण संस्था स्थापित करने का अधिकार: इसके तहत् धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को उनकी रूचि की शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना तथा उनके प्रशासन का अधिकार होगा । यह भी प्रावधान किया गया है कि अनुदान देने में राज्य किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करेगा । इन सभी आधारों से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा का आश्वासन संविधान में दिया गया है । जिससे अल्पसंख्यक अपनी संस्कृति की रक्षा और विकास कर सकते हैं ।

प्रश्न 2.
राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्तों का संक्षिप्त में वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
हमारे संविधान में निम्नलिखित राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्तों का समावेश है –

  1. राज्य नागरिकों को निम्न अधिकार प्रदान करेगा : काम करने का अधिकार, समान काम के लिए समान वेतन, जीवन-निर्वाह करने के लिए अपेक्षित साधन प्राप्त करने का अधिकार, चौदह वर्ष तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार ।
  2. सरकार को ऐसा आदेश दिया गया है कि सम्पत्ति और उत्पादन के साधनों का केन्द्रीकरण न हो, वह ऐसी नीतियाँ बनाये और उनका पालन करें ।
  3. सरकार ऐसा प्रयत्न करें कि समाज के भौतिक साधनों – पानी, जमीन, वन का वितरण सभी के कल्याण के लिए हो ।
  4. सरकार ऐसे कदम भी उठाएँ कि श्रमिकों और कोमल आयु के बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद काम करने के लिए विवश न होना पड़े ।
  5. सरकार शराब तथा आरोग्य के लिए हानिकारक नशीले पदार्थों के सेवन पर भी प्रतिबन्ध लगाएँ ।
  6. सरकार खेती, पशुपालन, गृहउद्योग, कुटीर उद्योग आदि को प्रोत्साहन दें, गाय आदि दुधारू पशुओं के कतल को रोकें ।
  7. अपने वन, वन्य जीवन, पर्यावरण आदि की रक्षा के उपाय करें, प्राचीन, राष्ट्रीय महत्त्व की, ऐतिहासिक स्मारकों की रक्षा करें ।
  8. सत्ता का विकेन्द्रीकरण ग्राम स्तर पर करें ।
  9. उद्योगों में श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास करें ।
  10. सरकार समाज के कमजोर वर्गों के शैक्षणिक और आर्थिक हितों की रक्षा करें, उनके तीव्र गति से विकास के लिए विविध कार्यक्रम अपनाएँ ।
  11. आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता दिलवायें ।
  12. समान नागरिक आचारसंहिता बनाकर अमल में लाये जो समग्र भारत पर लागू हो ।
  13. अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में राष्ट्र-राष्ट्र के बीच न्यायी सम्बन्धों की स्थापना में और अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों के प्रति आदर बढ़ाने में सरकार प्रयास करें ।
  14. इन सिद्धान्तों द्वारा यह अपेक्षा व्यक्त होती है कि भारत एक लोक कल्याणकारी राष्ट्र है । (संविधान का भाग 4, अनुच्छेद 36 से 51)

प्रश्न 3.
संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों को समझाइये ।
उत्तर:
हमारा संविधान 6 मूलभूत अधिकारों का आश्वासन देता हैं, जो इस प्रकार से हैं:
(1) समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18)
इसमें निम्नलिखित मुद्दों का समावेश किया गया है:

  1. कानून के समक्ष समानता
  2. तमाम भेदभाव निषेध
  3. उपाधियों का अन्त
  4. राज्य अधीन नौकरियों में समान अवसर
  5. अस्पृश्यता का निषेध

(2) स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22)
भारतीय संविधान द्वारा निम्न स्वतंत्रताएँ प्रदान की गई हैं:

  1. विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  2. अस्त्र-शस्त्र रहित शान्तिपूर्वक सम्मेलन करने की स्वतंत्रता
  3. समुदाय और संघ के गठन की स्वतंत्रता
  4. भारत के समग्र विस्तार में स्वतंत्रतापूर्वक भ्रमण की स्वतंत्रता
  5. भारत के किसी भी क्षेत्र में रहने और स्थायी निवास की स्वतंत्रता
  6. कोई भी व्यवसाय, धंधा-रोजगार और व्यापार की स्वतंत्रता

(3) शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 और 24)

  1. किसी भी व्यक्ति से बेगार लेना और जबरदस्ती काम लेना निषिद्ध है ।
  2. 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को जोखिम भरे कामों में रखना निषिद्ध है ।

(4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28)

  1. किसी भी धर्म को मानने, प्रचार करने, संस्थाएँ स्थापित करने की स्वतंत्रता ।
  2. धार्मिक व्यय पर कर से छूट ।
  3. राजकीय शिक्षण संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी ।

(5) संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार (अनुच्छेद 29 और 30)

  1. नागरिकों के प्रत्येक वर्ग को अपनी भाषा, लिपि या संस्कृति को सुरक्षित रखने का पूर्ण अधिकार है ।
  2. अल्पसंख्यकों को शिक्षण संस्थाएँ स्थापित करने का अधिकार ।

(6) संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
संवैधानिक उपचारों का अधिकार मात्र मूलभूत अधिकार मात्र न होकर अपने संविधान का भी विशिष्ट लक्षण हैं । यदि किसी मूलभूत अधिकार का पालन न होता हो अथवा उसका भंग होता हो, तो कोई भी नागरिक इसके लिए न्यायालयों के दरवाजे खटखटा सकता हैं । यह उसका मूलभूत अधिकार है । इन अधिकारों की रक्षा के न्यायालय विविध प्रकार के आदेश दे सकता है । इस अधिकार को संविधान की आत्मा के समान बताया गया है ।

भारतीय लोकतंत्र में मौलिक अधिकारों का महत्त्व जितना आंका जाये उतना कम है । इनकी रक्षा का आश्वासन हमारे संविधान की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता है ।

(7) सूचना का अधिकार
संविधान में सातवाँ अधिकार सूचना का अधिकार सन् 2014 में जोड़ा गया है । इस अधिकार के अंतगर्त नागरिक नाम मात्र की शुल्क चुकाकर सरकारी कार्यालयों में अपने कार्य की जानकारी प्राप्त कर सकता है ।

निम्नलिखित विषयों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:

प्रश्न 1.
नागरिक के अधिकार और स्वतंत्रताएँ
उत्तर:
हमारे संविधान में निम्नलिखित छः अधिकारों का समावेश किया गया है –

  1. समता का अधिकार
  2. स्वातंत्र्य अधिकार
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
  4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
  5. शिक्षा और संस्कृति सम्बन्धी अधिकार
  6. संविधानिक उपचारों का अधिकार
  7. सूचना का अधिकार (सन् 2014 से)

स्वतंत्रता के अधिकार में निम्न छः स्वतंत्रताओं का समावेश किया गया है:

  1. वाणी (विचार) एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19U) का ।
  2. शान्तिपूर्वक और अहिंसक रीति (अस्त्र-शस्त्र रहित) से निरायुद्ध एकत्रित होने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1) ख)
  3. संस्था अथवा संघ के गठन की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1) ग)
  4. भारत के राज्य क्षेत्र में अबाध भ्रमण की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1) घ)
  5. भारत के किसी भी भाग में रहने और स्थायी निवास की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1) ड)
  6. कोई भी व्यवसाय धंधा-रोजगार और व्यापार करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1) छ)

प्रश्न 2.
सामाजिक नीतियों से संबंधित सिद्धांत
उत्तर:
सामाजिक नीतियों से सम्बन्धित सिद्धान्त : अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अवंचित समूहों जैसे समाज के कमजोर वर्गों के शैक्षणिक तथा आर्थिक हितों के विकास के लिए राज्यों को सावधानीपूर्वक विशेष प्रयास करने होंगे, जिससे सामाजिक अन्याय तथा शोषण के विरुद्ध उन्हें सुरक्षा प्राप्त हो सके ।

  • भारत में निवास करनेवाले सभी नागरिकों के लिए समान दीवानी कानून (युनिफॉर्म सिविल कोड) का निर्माण तथा न्यायव्यवस्था का संचालन राज्य इस प्रकार से करें कि सबको न्याय प्राप्त होता रहे । विवाह, तलाक, भरण-पोषण, दत्तक कानून, वसीयत आदि में एकसमान दीवानी कानूनों का निर्माण करके सामाजिक न्याय की दिशा में सरकार आवश्यक कदम उठाए ।
  • राज्य में सभी नागरिकों को काम करने का अधिकार प्राप्त हो, वृद्धावस्था, बीमारी, अशुभ प्रसंग आदि में सरकारी सहायता प्राप्त हो, इसके लिए सरकार विशेष प्रावधान करेगी ।

प्रश्न 3.
शैक्षणिक तथा सांस्कृतिक नीति सम्बन्धित सिद्धान्त
उत्तर:
शैक्षणिक तथा सांस्कृतिक नीति सम्बन्धित सिद्धान्त: 14 वर्ष की उम्र के सभी बालकों को संविधान लागू होने के 10 वर्ष के अन्दर मुफ्त तथा अनिवार्य शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए राज्य प्रयत्न करेंगे । जो अब मूलभूत अधिकार बन गया है ।

  • राष्ट्रीय महत्त्व के रूप में घोषित किए गए सभी कलात्मक और ऐतिहासिक महत्त्ववाले स्मारकों, स्थलों, कलाकृतियों, इमारतों के मूल स्वरूप में परिवर्तन, लूटपाट, नुकसान, विकृति, स्थलान्तरण तथा उनके नुकसान को रोकना तथा उनकी सुरक्षा करना राज्य का कर्तव्य होगा । इस तरह, इन सिद्धांतों का उद्देश्य राष्ट्र के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की सही तरीके से सुरक्षा हो, यह देखना है ।

प्रश्न 4.
स्वास्थ्य विषयक नीति से संबंधित सिद्धांत
उत्तर:
स्वास्थ्य विषयक नीति से संबंधित सिद्धांत:

  1. लोगों के स्वास्थ्य तथा पोषण के स्तर में सुधार हो, इसके लिए राज्य प्रयत्न करें तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा सेवाओं में वृद्धि के लिए आवश्यक कदम उठाना, यह राज्य का मौलिक कर्तव्य है ।
  2. स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नशीले पदार्थों, शराब, मादक द्रव्यों आदि पर राज्य प्रतिबंध लगाए । औषधीय उपयोग के अलावा मादक पेय पदार्थ, ड्रग्स तथा अन्य नशीले पदार्थों पर राज्य प्रतिबन्ध लगाए ।
  3. देश में पर्यावरण प्रदूषण कम कर उसकी सुरक्षा तथा उसमें सुधार हो, इसके लिए राज्य प्रयास करें । देश में आए हुए जंगलों तथा वनस्पतियों की रक्षा के लिए राज्य विशेष व्यवस्था करेंगे ।
  4. कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर स्वास्थ्यप्रद वातावरण प्राप्त हो, निवृत्ति के समय सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास के पर्याप्त अवसर प्राप्त हो, इसके लिए राज्य प्रयत्न करेगा ।

प्रश्न 5.
संवैधानिक उपचारों का अधिकार
उत्तर:
अधिकारों के भंग या उल्लंघन के बदले सीधे सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय में शिकायत करने के अधिकार को मूलभूत अधिकारों में शामिल किया गया है ।

  • किसी भी राज्य द्वारा नागरिकों के मूलभूत अधिकारों के उल्लंघन की शिकायत के संदर्भ में योग्य उपाय करना सर्वोच्च न्यायालय के लिए आवश्यक है ।
  • डॉ. आंबेडकर ने ‘संवैधानिक उपचारों के अधिकार को संविधान की आत्मा’ कहा है ।
  • राज्यों की विधानसभाओं द्वारा निर्मित कानून नागरिकों के मूलभूत अधिकारों के साथ सुसंगत न हो या उनके द्वारा मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन होता हो तो सर्वोच्च न्यायालय उन कानूनों को रद्द कर सकता है ।

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