Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
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HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
HBSE 10th Class Science प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन Textbook Questions and Answers
अध्याय संबंधी महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ/शब्दावली
HBSE 10th Class Science प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन InText Questions and Answers
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न
(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 185)
प्रश्न 1. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर- मुख्य अक्ष पर स्थित ऐसा बिन्दु जहाँ पर दर्पण के मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली प्रकाश किरणें, परावर्तन के पश्चात् मिलती हैं, अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहलाता है। इसे F से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 2. एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 सेमी है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी?
उत्तर- दिया है-R = 20 सेमी. f= ?
f = R/2=20/2 = 10 सेमी.
प्रश्न 3. उस दर्पण का नाम बताइए जो बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिम्ब बना सके। .
उत्तर- अवतल दर्पण।
प्रश्न 4. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं ?
उत्तर- वाहनों में उत्तल दर्पण को वरीयता देने के कारण निम्नलिखित हैं-
- उत्तल दर्पण द्वारा वस्तु का सीधा प्रतिबिम्ब बनता है।
- इनका दृष्टि क्षेत्र अधिक होता है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं तथा चालक छोटे से दर्पण में सड़क का सम्पूर्ण क्षेत्र आसानी से देख पाता है।
(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 188)
प्रश्न 1. उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 cm है।
उत्तर-
दिया है-उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या .
R= + 32 cm_
∴ इसकी फोकस दूरी f = R/2=+32/2
f= + 16 cm
प्रश्न 2. कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10 cm दूरी पर रखे किसी बिम्ब का तीन गुना आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है। प्रतिबिम्ब दर्पण से कितनी दूरी पर है ?
उत्तर-
दिया है-
m = – 3
(वास्तविक प्रतिबिम्ब के लिए ऋणात्मक चि )
बिम्ब की दूरी u = – 10 cm
प्रतिबिम्ब की दूरी v = ?
∴ m= −v/u
∴ -3 = −v/−10
अत: v = – 30 cm
अर्थात् प्रतिबिम्ब दर्पण से 30 cm की दूरी पर उसके सामने बनेगा।
(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 194)
प्रश्न 1. वायु में गमन करती हुयी प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलम्ब की ओर झुकेगी अथवा अभिलम्ब से दूर हटेगी ? बताइए क्यों ?
उत्तर- जल, वायु की तुलना में सघन है अतः प्रकाश किरण वायु से जल में प्रवेश करते समय अभिलम्ब की ओर झुक जाएगी।
प्रश्न 2. प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है ? निर्वात में प्रकाश की चाल 3 x 108 m/s है। CBSE
उत्तर-
दिया है-काँच का अपवर्तनांक n = 1.50
निर्वात या वायु में प्रकाश की चाल c = 3 x108 m/s
n = c/v अतः v = c/n
अतः काँच में प्रकाश की चाल v = 3×108/1.5
v = 2 x 108 ms-1
प्रश्न 3. सारणी 10.3 से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर- सारणी 10.3 से हीरे का अपवर्तनांक सबसे अधिक (2.42) तथा वायु का अपवर्तनांक सबसे कम (1.0003) है। अतः हीरे का प्रकाशिक घनत्व सबसे अधिक तथा वायु का प्रकाशिक घनत्व सबसे कम है।
प्रश्न 4. आपको केरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें से किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है ? सारणी 10.3 में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए।
उत्तर-
सारणी 10.3 से,
केरोसीन का अपवर्तनांक = 1.44
जल का अपवर्तनांक =1.33
तारपीन के तेल का अपवर्तनांक = 1.47
जल का अपवर्तनांक उपर्युक्त तीनों में सबसे कम है, अतः जल में प्रकाश की चाल सबसे अधिक होगी।
प्रश्न 5. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- इस कथन से यह अभिप्राय है कि हीरे में प्रकाश की चाल निर्वात् में प्रकाश की चाल की , गुनी होगी।
(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 203)
प्रश्न 1. किसी लेन्स की 1 डाइऑप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- डाइऑप्टर-1 डाइऑप्टर उस लेंस की क्षमता के बराबर है जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर हो।
प्रश्न 2. कोई उत्तल लेंस किसी सुई का वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिम्ब उस लेंस से 50 cm दूर बनाता है। यह सुई, उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिम्ब उसी आकार का बन रहा है जिस आकार का बिम्ब है। लेंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है- v = + 50 cm
तथा प्रतिबिम्ब की लम्बाई (h’) = वस्तु की लम्बाई (h)
∴ आवर्धन , m = h′/h = -1
परन्तु लेंस की लिए m = v/u ; v/u = -1
अतः u=- v = – 50 cm
अतः सुई उत्तल लेंस के सामने उससे 50 cm दूरी पर रखी है।
लेंस के सूत्र से
1/v−1/u=1/f
अतः 1/f=1/50−1/−50=2/50
∴ f = 50/2 = 25cm = 0.25m
लेंस की क्षमता
प्रश्न 3. 2 m फोकस दूरी वाले किसी अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है-अवतल लेंस की फोकस दूरी f= -2m
∴ क्षमता P = 1/f=1/−2m =-0.5 D
HBSE 10th Class Science प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन Textbook Questions and Answers
पाठ्य-पुस्तक के अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता ?
(a) जल
(b) काँच
(c) प्लास्टिक
(d) मिट्टी।
उत्तर- (d) मिट्टी।
प्रश्न 2. किसी बिम्ब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा तथा बिम्ब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए ?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच
(b) वक्रता केन्द्र पर
(c) वक्रता केन्द्र से परे
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।
उत्तर- (d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।
प्रश्न 3. किसी बिम्ब का वास्तविक तथा समान आकार का प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए बिम्ब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें ?
(a) लेंस के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(c) अनन्त पर
(d) लेंस के प्रकाशिक केन्द्र तथा मुख्य फोकस के बीच।
उत्तर- (b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर।
प्रश्न 4. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ – 15 cm हैं। दर्पण तथा लेंस सम्भवतः हैं- .
(a) दोनों अवतल
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल।
उत्तर- (a) दोनों अवतल।
प्रश्न 5. किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर स खड़े हों, आपका प्रतिबिम्ब सदैव सीधा प्रतीत होता है। है। सम्भवतः दर्पण है
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल
(d) या तो समतल अथवा उत्तल।
उत्तर- (d) या तो समतल अथवा उत्तल।
प्रश्न 6. किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेंस पसन्द करेंगे?
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(d) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर- (a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस।
प्रश्न 7. 15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाना चाहते हैं। बिम्ब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए ? प्रतिबिम्ब की प्रकृति कैसी है ? प्रतिबिम्ब बिम्ब से बड़ा है अथवा छोटा ? इस स्थिति में प्रतिबिम्ब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।
उत्तर- अवतल दर्पण द्वारा वस्तु का सीधा प्रतिबिम्ब
प्राप्त करने के लिए वस्तु को दर्पण के मुख्य फोकस एवं ध्रुव के बीच रखना होगा। अतः वस्तु की दर्पण के ध्रुव से दूरी 15 cm से कुछ कम हो सकती है। वस्तु का प्रतिबिम्ब सीधा तथा आभासी है तथा आकार में वस्तु से बड़ा है।
प्रश्न 8. निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए
(a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट)
(b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण
(c) सौर भट्टी अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर-
(a) कार की हैडलाइटों में अवतल दर्पण प्रयुक्त होता है। बल्ब दर्पण के मुख्य फोकस पर स्थित होता है तथा परावर्तन के पश्चात् दर्पण से किरणें समान्तर होकर सड़क पर पड़ती हैं।
(b) उत्तल दर्पण ; क्योंकि उत्तल दर्पण सदैव वस्तु का सीधा तथा छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है। इसका दृष्टि क्षेत्र बड़ा होता है जिससे चालक को सड़क के पृष्ठ भाग का सम्पूर्ण प्रतिबिम्ब प्राप्त होता रहता है।
(c) सौर भट्टी में अवतल दर्पण का प्रयोग होता है, गर्म किए जाने वाले बर्तन को दर्पण के फोकस पर रखते हैं। अवतल दर्पण सूर्य की समान्तर किरणों के रूप में आती ऊर्जा को दर्पण से परावर्तन के उपरान्त फोकस पर रखे बर्तन पर केन्द्रित कर देता है।
प्रश्न 9. किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस किसी बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- लेंस द्वारा वस्तु का पूर्ण प्रतिबिम्ब बनेगा परन्तु इसकी तीव्रता पहले की तुलना में कम हो जाती है। प्रायोगिक सत्यापन-सर्वप्रथम एक प्रकाशिक बैंच के – स्टैण्ड पर उत्तल लेंस लगाते हैं, लेंस की फोकस दूरी से | कुछ अधिक दूरी पर, स्टैण्ड में एक जलती मोमबत्ती लगाकर व दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं। व . अब लेंस के आधे भाग को काले कागज से ढक देते हैं तथा लेंस के दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं। .
व्याख्या-आधा लेंस काला कर देने पर भी उस बिन्दु पर किरणें आएँगी तथा मोमबत्ती का पूरा प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा परन्तु किरणों की संख्या कम होने के कारण प्रतिबिम्ब की तीव्रता घट जाती है।
प्रश्न 10. 5 cm लम्बा कोई बिम्ब 10 cm फोकस – दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 cm दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है- u = – 25 cm, f=+ 10 cm
∴ लेंस के सूत्र से
1/v−1/u=1/f
∴ 1/v=1/f+1/u=1/10+1/−25=5−2/50
1/v=3/50
∴ υ = + 50/3 cm
अर्थात् प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर bp cm दूरी पर बनेगा।
पुनः वस्तु की लम्बाई h = 5 cm
यदि प्रतिबिम्ब की लम्बाई h है, तो
आवर्धन m = v/u=h/h ‘से
प्रतिबिम्ब की लम्बाई h’ = h(v/u) = 5 (+50/3/−25)
= −5×50/3×25=−10/3cm
प्रतिबिम्ब की लम्बाई 10/3 cm होगी तथा यह एक वास्तविक प्रतिबिम्ब होगा।
प्रश्न 11. 15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिम्ब का प्रतिबिम्ब लेंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिम्ब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है ? किरण आरेख खींचिए।
हल : दिया है-f =- 15 cm
प्रतिबिम्ब की लेंस से दूरी v = – 10 cm
बिम्ब की लेंस से दूरी u = ?
लेंस सूत्र
1/f=1/u+1/v
∴ 1/u=1/v−1/f=1/−10+1/15
= −3+2/30=−1/30
∴ u = -30 cm अर्थात् वस्तु लेंस से 30 cm की दूरी पर स्थित है।
प्रश्न 12. 15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिम्ब 10 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है-उत्तल दर्पण की फोकस दूरी
f=+15 cm
वस्तु से दर्पण की दूरी u = – 10 cm
दर्पण सूत्र से, 1/v+1/u=1/f
∴ 1/v=1/f−1/u=1/15−1/−10=1/15+1/10
= 2+3/30=5/30
∴ v= =+6 cm
अत: दर्पण से पीछे की ओर 6 cm की दूरी पर प्रतिबिम्ब बनेगा तथा यह सीधा और आभासी होगा।
प्रश्न 13. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 है, इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
m = h2/h1 = +1 या h2 = h1
चूँकि प्रतिबिम्ब एवं बिम्ब का आकार बराबर है। धनात्मक चिह्न प्रदर्शित करता है कि समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब आभासी होता है तथा वस्तु के विपरीत (दर्पण के पीछे) बनता है।
प्रश्न 14. 5.0 cm लम्बाई का कोई बिम्ब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति तथा आकार ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है- वस्तु की दर्पण से दूरी
u = – 20 cm
दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = + 30 cm
वस्तु की लम्बाई h = 5.0 cm
दर्पण की फोकस दूरी
f = R/2=30/2 = +15 cm
∵ 1/v+1/u=1/f
∴ 1/v=1/f−1/u=1/15−1/−20
= 1/15+1/20=4+3/60=7/60
= −3+2/30=−1/30
∴ प्रतिबिम्ब दर्पण से 60/7 cm दर्पण के दूसरी ओर बनेगा। यदि प्रतिबिम्ब की ऊँचाई ‘ हो, तब
m = – v/u=h′/h से
h ‘ = – h (v/u) = -5 × (60/7)/−20=15/7 cm
अतः वस्तु का प्रतिबिम्ब 15/7 cm ऊँचा, सीधा तथा आभासी होगा तथा दर्पण के पीछे-cm की दूरी पर बनेगा।
प्रश्न 15. 7.0 cm आकार का कोई बिम्ब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिम्ब प्राप्त किया जा सके। प्रतिबिम्ब का आकार तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल:
बिम्ब का आकार h’ = 7.0 cm
दर्पण की बिम्ब से दूरी u = – 27 cm
फोकस दूरी f= – 18 cm
प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी v = ?
दर्पण सत्र से, 1/v+1/u=1/f
∴ 1/v=1/f−1/u=1/−18+1/27
= −3+2/54=−1/54 या v=- 54 cm
अतः परदे को दर्पण के आगे 54 cm दूरी पर रखना चाहिए। परदे पर बना प्रतिबिम्ब वास्तविक होगा।
आवर्धन m = −vu=−h′h
∴ h’ = h × v/u = −7 × (−54/−24) = -14 cm
अर्थात् प्रतिबिम्ब की ऊँचाई 14 cm होगी तथा यह उल्टा तथा वास्तविक होगा।
प्रश्न 16. उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता- 2.0 D है। यह किस प्रकार का लेंस है ?
हल : सूत्र : लेंस की क्षमता
f = 1/p m = 1/−2.0 = -0.5 cm
f= – 50 cm
∵ फोकस दूरी ऋणात्मक है अत: यह अवतल लेंस है।
प्रश्न 17. कोई डॉक्टर +1.5D क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धारित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी ?
हल : दिया हैलेंस की क्षमता P=+ 1.5 D
∴ P= 1/f
अतः फोकस दूरी f= 1/P=1/1.5=2/3 m
∴ f=+ 0.67m
∴ फोकस दूरी धनात्मक है, अतः यह एक अभिसारी लेंस है।
Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)
1. समतल दर्पण का आवर्धन होता है
(A) +1
(B)-1
(C) 0
(D).
उत्तर- (A) +1
2. दूर स्थित किसी ऊँची इमारत के प्रतिबिम्ब को निश्चित रूप से किसके द्वारा देखा जा सकता है –
(A) अवतल दर्पण
(B) उत्तल दर्पण
(C) समतल दर्पण
(D) अवतल और समतल दर्पण।
उत्तर- (B) उत्तल दर्पण।
3. टॉर्च, सर्चलाइट और वाहनों के अग्रदीपों में बल्ब लगाए जाते हैं –
(A) परावर्तक के ध्रुव एवं फोकस के बीच
(B) परावर्तक के फोकस के बहुत निकट
(C) परावर्तक के फोकस एवं वक्रता केन्द्र के बीच
(D) परावर्तक के वक्रता केन्द्र पर।
उत्तर- (B) परावर्तक के फोकस के बहुत निकट।
4. अवतल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी सीधा तथा वस्तु से बड़ा बनता है तब वस्तु की स्थिति होगी –
(A) वक्रता केन्द्र पर
(B) वक्रता केन्द्र से परे
(C) फोकस तथा वक्रता के बीच में
(D) दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के बीच में।
उत्तर- (D) दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के बीच में।
5. किसी वस्तु को अवतल दर्पण और फोकस के बीच रखा जाता है, प्रतिबिम्ब बनेगा –
(A) अनन्त पर
(B) दर्पण के पीछे
(C)F पर
(D) वक्रता केन्द्र पर ।
उत्तर- (B) दर्पण के पीछे।
6. किसी गोलीय दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब हमेशा सीधा बनता है जबकि आप कितनी भी दूर खड़े हों, दर्पण-
(A) समतल
(B) समतल या उत्तल
(C) उत्तल
(D) अवतल।
उत्तर- (C) उत्तल।
7. साधारण दर्पण से परावर्तित होकर कौन-सा प्रतिबिम्ब बनता है –
(A) वास्तविक
(B) आभासी
(C) वास्तविक एवं आभासी दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (C) वास्तविक एवं आभासी दोनों।
8. यदि काँच का अपवर्तनांक 1.5 हो तो काँच में प्रकाश का वेग होगा –
(A) 2 x 108 m/s
(B) 3 x 108 m/s
(C) 2/3 x 108 m/s
(D) \(\frac{3}{2}[/latex x 108 m/s .
उत्तर- (A) 2 x 108 m/s
∴ v=[latex]\frac{c}{\mu}=\frac{3 \times 10^8}{1.5}= \) = 1.5
9. कोई किरण पृष्ठ पर लम्बवत् आपतित होती है तब अपवर्तन कोण का मान है –
(A) 90°
(B)0°
(C) 45°
(D)60°
उत्तर- (B) 0°
10. एक काँच के गुटके (स्लैब) की क्षमता होगी-
(A) शून्य
(B) अनन्त
(C) शून्य से कम
(D) शून्य से अधिक।
उत्तर- (A) शून्य।
11. प्रकाश का वेग, न्यूनतम होता है-
(A) निर्वात में
(B) जल में
(C) वायु में
(D) काँच में
उत्तर- (D) काँच में
12. निर्वात में प्रकाश का वेग है
(A) 3 x 108 m/s
(B) 3 x 1010 m/s
(C) 3 x 1011 km/s
(D) 3 x 109 m/s
उत्तर- (A) 3 x 108 m/s
13. किसी माध्यम में प्रकाश का वेग, वायु में प्रकाश के वेग से कम है तो इस माध्यम का अपवर्तनांक होगा –
(A) 1
(B) 1 से कम
(C) 1 से अधिक
(D) 1 से कम या अधिक कुछ भी हो सकता है।
उत्तर- (C) 1 से अधिक।
14. किस दर्पण द्वारा किसी बिंब का आभासी आकार में बड़ा प्रतिबिंब बन सकता है?
Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
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लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
उत्तर- ड्राइवर को रात्रि में कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिये। कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करने से सामने से आने वाली वाहन के ड्राइवर की आँखों में रोशनी नहीं पड़ती, उसे सामने स्पष्ट दिखायी देता है। इस प्रकार से आपस में दुर्घटनाएँ होने से बच जाते हैं। कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज रात में वाहन चलाने के लिए बहुत मदद करता है।
प्रश्न 2. समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं
- यह सीधा तथा आभासी होता है तथा वस्तु के आकार के बराबर होता है।
- यह दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने होती है।
- यह पार्श्व परिवर्तित होता है।
प्रश्न 3. प्रतिबिम्ब से क्या तात्पर्य है ? आभासी तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब में क्या अन्तर है ?
उत्तर- प्रतिबिम्ब-दर्पण के सामने रखी वस्तु की दर्पण में जो आकृति बन जाती है उस आकृति को वस्तु का प्रतिबिम्ब कहते हैं। अतः जब प्रकाश किरणें किसी बिन्दु से चलकर परावर्तन के पश्चात् (दर्पण में) अथवा लेंस में अपवर्तित होकर किसी दूसरे बिन्दु पर मिलती हैं अथवा किसी दूसरे बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हैं तो इस दूसरे बिन्दु को पहले बिन्दु का प्रतिबिम्ब कहते हैं।
प्रतिबिम्ब दो प्रकार के होते हैं-
- वास्तविक प्रतिबिम्ब-यदि किसी बिन्दु या वस्तु से चलने वाली प्रकाश किरणें परावर्तन (अथवा अपवर्तन)के पश्चात् किसी बिन्दु पर वास्तव में मिलती हैं तो इस दूसरे बिन्दु पर बने प्रतिबिम्ब को वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब . कहते हैं। वास्तविक प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।
- आभासी प्रतिबिम्ब-यदि किसी बिन्दु से चलने वाली प्रकाश किरणें परावर्तन (अथवा अपवर्तन) के पश्चात् किसी दूसरे बिन्दु पर वास्तव में नहीं मिलती हैं, बल्कि दूसरे बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हैं तो जहाँ से किरणें आती हुई प्रतीत होती हैं, बने प्रतिबिम्ब को वस्तु का आभासी प्रतिबिम्ब कहते हैं। इस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न 4. दर्पणों की पहचान किस प्रकार करते हैं?
उत्तर- दर्पणों की पहचान दो प्रकार से करते हैं-
(i) स्पर्श करके-दर्पणों की पहचान के लिए समतल पैमाने का उपयोग करते हैं। पैमाने को दर्पण पर रखने से यदि पैमाना दर्पण को सभी जगह स्पर्श करे तो दर्पण समतल दर्पण होता है। यदि पैमाना दर्पण को किनारों पर स्पर्श करे तथा दर्पण के बीच का भाग कुछ दबा रह जाए तो दर्पण अवतल होता है। यदि पैमाना दर्पण के बीच के भाग का स्पर्श करे तथा किनारों पर उठा रहे तो दर्पण उत्तल है।
(ii) प्रतिबिम्ब देखकर-किसी वस्तु को दर्पण से विभिन्न दूरियों पर रखने पर हर बार प्रतिबिम्ब वस्तु के बराबर ही बने तो दर्पण समतल है। यदि वस्तु को दर्पण के पास रखने पर प्रतिबिम्ब सीधा व बड़ा बने तो दर्पण अवतल है। यदि प्रतिबिम्ब प्रत्येक स्थिति में वस्तु से छोटा तथा सीधा बने तो दर्पण उत्तल है।
प्रश्न 5.उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अन्तर लिखिए।
उत्तर –
उत्तल दर्पण | अवतल दर्पण |
1. इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल बाहर की ओर उभरा होता है। | 1. इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल अन्दर की ओर फँसा होता है। |
2. इसमें आभासी प्रति बिम्ब बनता है। | 2. इसमें वास्तविक एवं आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिम्ब बनते हैं। |
3. इसमें सीधा प्रतिबिम्ब बनता है। | 3. इसमें प्रतिबिम्ब उल्टा तथा सीधा दोनों बनते है। |
4. इसमें प्रतिबिम्ब छोटा बनता है। | 4. इसमें प्रतिबिम्ब बड़ा, छोटा तथा वस्तु के आकार का अर्थात् तीनों प्रकार का बनता है। |
प्रश्न 6.(i) किसी गोलीय दर्पण के लिए आवर्धन का सूत्र लिखिए।
(ii) उस दर्पणं का नाम लिखिए, जो बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिम्ब बना सके।
(iii) उत्तल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
(i) आवर्धन m =
(ii) अवतल दर्पण
(iii) मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली प्रकाश की किरणें, दर्पण से परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष पर मिलती हुई प्रतीत होती हैं, उसे उत्तल दर्पण का मुख्य फोकस कहते है|
प्रश्न 7. एक उत्तल दर्पण के सामने 30 cm दूरी पर एक वस्तु पड़ी है। यदि इस दर्पण की फोकस दूरी 15 cm है तो वस्तु का जो प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है उसकी चार विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- प्रतिबिम्ब की चार विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं –
- प्रतिबिम्ब सीधा व आभासी होगा।
- प्रतिबिम्ब वस्तु से आकार में छोटा बनता है।
- प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है।
- प्रतिबिम्ब दर्पण के P व F बिन्दुओं के बीच बनता है।
प्रश्न 8. ऐसी दोस्थितियों का वर्णन कीजिए जिन पर किसी बिम्ब को रखने पर, एक अवतल दर्पण दोनों बार बिम्ब का बड़ा प्रतिबिम्ब बनाता है। इन दोनों प्रतिबिम्बों के बीच दो अंतर लिखिए।
उत्तर- यह दो स्थितियाँ हैं –
- जब बिम्ब को अवतल दर्पण के सामने P व F बिन्दुओं के बीच रखते हैं।
- जब बिम्ब को अवतल दर्पण के सामने F व C बिन्दुओं के बीच रखते हैं।
दोनों प्रतिबिम्बों में अंतर निम्न प्रकार हैं –
स्थिति (i) में, प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है। | स्थिति (ii) में, प्रतिबिम्ब दर्पण के वक्रता केंद्र से दूर बनता है। |
स्थिति (i) में, प्रतिबिम्ब सीधा व काल्पनिक होता है। | स्थिति (ii) में, प्रतिबिम्ब उल्टा व वास्तविक बनता है। |
प्रश्न 9. अवतल दर्पण द्वारा विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तुओं की स्थिति, आकार और प्रकृति के लिए सारणी बनाइए।
उत्तर-
प्रश्न 10. कोई बिम्ब 30 सेमी वक्रता त्रिज्या के अव तल दर्पण के सामने 12 सेमी दूरी पर स्थित है। दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के चार अभिलक्षणों की सूची बनाइए।
उत्तर-
- यह प्रतिबिम्ब आकार में बिम्ब से छोटा होगा।
- यह प्रतिबिम्ब आभासी भी होगा।
- यह प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनेगा।
- यह प्रतिबिम्ब सीधा बनेगा।
प्रश्न 11. कोई बिम्ब 15 सेमी फोकस दूरी के उत्तल दर्पण के सामने 30 सेमी दूरी पर स्थित है। दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के चार अभिलक्षणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
- यह प्रतिबिम्ब आभासी होगा।
- यह हमेशा सीधा होगा।
- यह हमेशा बिम्ब से आकार में छोटा होगा।
- यह दर्पण के पीछे बनेगा।
प्रश्न 12. यदि किसी गोलीय दर्पण द्वारा उसके सामने रखे बिम्ब की किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही बिम्ब का सीधा और आकार में छोटा प्रतिबिम्ब बनता है, तो यह दर्पण किस प्रकार का है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए नामांकित किरण आरेख खींचिए।
उत्तर-
यह दर्पण एक उत्तल दर्पण है।
उत्तल दर्पण द्वारा किरण आरेख :
प्रश्न 13. अपवर्तन के नियम लिखिए।
उत्तर- अपवर्तन के नियम निम्नलिखित हैं-
(i) किन्हीं दो माध्यमों के लिए एक ही रंग के प्रकाश के लिए आपतन कोण (i) की ज्या (sin) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sin) का अनुपात सदैव स्थिरांक होता है।
sin i/sin r = स्थिरांक = 1n2
स्थिरांक 1n2 को पहले माध्यम का दूसरे के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं।
(ii) आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एवं अपवर्तित किरण तीनों एक ही तल पर होते हैं।
प्रश्न 14. परावर्तन और अपवर्तन में क्या अन्तर हैं? बताइए।
उत्तर –
परावर्तन | अपवर्तन |
1. किसी चमकीली सतह से टकराकर प्रकाश की किरण का वापस लौट जाना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है। | 1. पारदर्शक माध्यम से प्रकाश का एक-दूसरे पारदर्शक माध्यम में प्रवेश करने पर अपने पथ से विचलित हो जाना, प्रकाश का अपवर्तन कहलाता है। |
2. इसमें आपतन कोण तथा परावर्तन कोण सदा समान होते हैं। | 2. इसमें आपतन कोण और अपवर्तित कोण छोटे-बड़े होते हैं। |
3. परावर्तन के पश्चात् प्रकाश की किरणें पुन: उसी माध्यम में वापस लौट आती हैं। | 3. अपवर्तन के पश्चात् प्रकाश की किरणें दूसरे माध्यम में चली जाती हैं। |
प्रश्न 15. जल से भरे किसी बर्तन की आभासी गहराई, उसकी वास्तविक गहराई से कम क्यों प्रतीत होती है?
उत्तर- माना कि एक वस्तु O सघन माध्यम (जल) में रखी हुई है और देखने वाले की आँख विरल माध्यम (वायु) में वस्तु के ठीक ऊपर है। तब O से चलने वाली एक आपतित किरण OA जल तथा वायु के सीमा-पृष्ठ PQ पर अभिलम्बवत् गिरती है। इसके लिए आपतन कोण शून्य है। अतः अपवर्तन के नियमानुसार, अपवर्तन कोण भी शून्य होगा। अतः किरण सीधी AB दिशा में चली जाती है। दूसरी किरण OC, सीमा-पृष्ठ के बिन्दु C पर गिरती है। चूंकि किरण सघन माध्यम (जल) से विरल माध्यम (वायु) में जा रही है, अतः अपवर्तन के पश्चात् अभिलम्ब NCN’ से दूर हटती हुई दिशा CD में चली जाती है। अपवर्तित किरणें AB तथा CD पीछे बढ़ायी जाने पर बिन्दु I पर मिलती हैं।
इस प्रकार आँख को ये किरणें बिन्दु I से आती हुई प्रतीत होती हैं। अतः बिन्दु I, बिन्दु 0 का अपवर्तन द्वारा बना आभासी प्रतिबिम्ब है। चित्र में I, बिन्दु 0 की अपेक्षा ऊँचा है। अर्थात् जल से भरे बर्तन की आभासी गहराई, उसकी वास्तविक गहराई से कम प्रतीत होती है।
प्रश्न 16. दिए गए किरण चित्र में आपतन कोण का मान एवं अपवर्तित किरण का नाम लिखिए।
उत्तर-
आपतन कोण = 30°
अपवर्तित किरण – P
प्रश्न 17. (a) काँच के स्लैब द्वारा प्रकाश के अपवर्तन को दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख पर अपवर्तन कोण तथा स्लैब से गुजरते समय प्रकाश किरण के पाश्विक विस्थापन को भी अंकित कीजिए।
(b) यदि वायु से कांच में गमन करते समय प्रकाश के लिए कांच का अपवर्तनांक 3/2 है, तो प्रकाश के कांच से वायु में गमन करने के लिए वायु का अपवर्तनांक ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
(a) .
(b) जब वायु से कांच में गमन करते समय प्रकाश के लिए कांच का अपवर्तनांक 3/2 है तो प्रकाश के कांच से वायु में गमन करने के लिए वायु का अपवर्तनांक
ang=3/2
gna = 1/ang=1/(3/2)=2/3
प्रश्न 18. कोई छात्र किसी भली-भांति दूरस्थ बिम्ब के प्रतिबिम्ब को उत्तल लेंस द्वारा किसी पर्दे पर फोकसित करता है। तत्पश्चात् वह धीरे-धीरे बिम्ब को लेंस की ओर ले जाता है और हर बार वह लेंस को समायोजित करके बिम्ब के प्रतिबिम्ब को पर्दे पर फोकसित करता है।
(i) वह लेंस को किस दिशा में स्थानान्तरित करता है-पर्दे की ओर अथवा पर्दे से दूर?
(ii) प्रतिबिम्ब के आकार का क्या होता है-यह घटता है अथवा बढ़ता है?
(iii) जब वह बिम्ब को लेंस के अत्यधिक निकट ले जाता है तब पर्दे पर प्रतिबिम्ब कैसा होता है? (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) वह लेंस को पर्दे से दूर स्थानान्तरित करता है।
(ii) प्रतिबिम्ब का आकार बढ़ता जाता है।
(iii) इस स्थिति में प्रतिबिम्ब अब पर्दे पर नहीं बनता क्योंकि अब प्रतिबिम्ब आभासी होता है।
प्रश्न 19. उत्तल लेंस द्वारा क्रमशः तथा 2f की दूरी पर रखी वस्तु के लेंस द्वारा बने प्रतिबिम्बों की स्थिति, आकार, प्रकृति बताइए।
उत्तर-
(i) जब वस्तु फोकस पर रखी हो-जब वस्तु फोकस F1 पर रखी हो तो वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर अनन्त पर वास्तविक, वस्तु से बड़ा तथा उल्टा बनता है।
(ii) जब वस्तु लेंस के फोकस तथा फोकस दूरी की दूरी के बीच स्थित हो-चित्र में AB वस्तु लेंस के फोकस F तथा उसकी फोकस दूरी की दो गुनी दूरी 2F के बीच स्थित है। प्रतिबिम्ब 2F और अनन्त के बीच लेंस के दूसरी ओर बनता है।
यह प्रतिबिम्ब वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से बड़ा बनता है।
प्रश्न 20. उत्तल लेंस तथा अवतल लेंस की पहचान कैसे करोगे?
उत्तर –
उत्तल लेंस | अवतल लेंस |
1. यह लेंस बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है। | 1. यह लेंस बीच में से पतला तथा किनारों पर मोटा होता है। |
2. यह प्रकाश किरणों को एक बिन्दु पर केन्द्रित करता है। | 2. यह प्रकाश पुंज को बिखेर देता है। |
3. वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्त- विक, आभासी तथा उल्टा बनता है। | 3. वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी तथा सीधा बनता है। |
4. इसे बायीं ओर हिलाने पर प्रतिबिम्ब दायीं ओर गति करता है। | 4. इसे बायीं ओर हिलाने पर प्रतिबिम्ब भी बायीं ओर गति करता है। |
प्रश्न 21. लेंस पर आपतित होने के पश्चात् प्रकाश किरण का अपवर्तन किस प्रकार होता है? समझाइए।
उत्तर- लेंस द्वारा बने प्रतिबिम्ब की स्थिति निम्नलिखित किरणों द्वारा ज्ञात की जाती है
- मुख्य अक्ष के समान्तर आ रही किरण अपवर्तन के पश्चात् लेंस के मुख्य फोकस से होकर जाती है।
- प्रकाशीय केन्द्र से गुजरने वाली किरण अपने मार्ग से हटे बिना सीधी चली जाती है।
- मुख्य फोकस से गुजरने वाली किरण अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर चली जाती है।
प्रश्न 22. किसी लेंस की क्षमता से क्या तात्पर्य है? इसका SI मात्रक लिखिए। कोई छात्र 40 सेमी फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है तथा कोई अन्य छात्र-20 सेमी फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है। इन दोनों लेंसों की प्रकृति और क्षमता लिखिए।
उत्तर- लेंस की क्षमता-किसी लेंस की फोकस दूरी के व्युत्क्रमानुपात को उस लेंस की क्षमता कहते हैं।
P (लेंस की क्षमता) =1/f
इसका S.I. मात्रक डाइऑप्टर (D) है।
(i) लेंस की फोकस दूरी (f) = 40 cm = 0.4 m
इस लेंस की क्षमता (P) = 1/0.4=10/4 = + 2.5 D
प्रकृति-यह एक उत्तल लेंस है क्योंकि उत्तल लेंस की क्षमता धनात्मक (Positive) होती है।
(ii) इस लेंस की फोकस दूरी (f) = – 20 cm = -0.2 m
इस लेंस की क्षमता (P) = 1/−0.2=−10/4 = – 5.0 D
प्रकृति-यह एक अवतल लेंस है क्योंकि अवतल लेंस की क्षमता ऋणात्मक (Negative) होती है।
प्रश्न 23. उत्तल लैंस द्वारा विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तुओं के प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार और प्रकृति के लिए सारणी बनाइये।
उत्तर –
प्रश्न 24. 4.0 सेमी ऊँचाई का कोई बिम्ब 20 सेमी फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ से 30 सेमी दूरी पर स्थित है। बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति और आकार ज्ञात करने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख में प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ तथा मुख्य फोकस ‘F’ अंकित कीजिए। प्रतिबिम्ब की ऊँचाई का लगभग अनुपात भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
निबन्धात्मक प्रश्न [Essay Type Questions]
द्रव्यात्मक माध्यम | अपवर्तनाँक | द्रव्यात्मक माध्यम | अपवर्तनाँक |
वायु | 1.0003 | कनाडा बालसम | 1.53 |
बर्फ | 1.31 | खनिज नमक | 1.54 |
जल | 1.33 | कार्बन डाइसल्फाइड | 1.63 |
ऐल्कोहॉल | 1.36 | सघन फ्लिंट काँच | 1.65 |
किरोसिन | 1.44 | रूबी (मणिक्य) | 1.71 |
संगलित क्वार्ट्ज | 1.46 | नीलम | 1.77 |
तारपीन का तेल | 1.47 | हीरा | 2.42 |
बेंजीन | 1.50 | ||
क्राउन काँच | 1.52 |
Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
विशेष तथ्य-
1. उत्तल दर्पण के प्रश्नों को हल करने के लिये चि परिपाटी
f= + (धनात्मक) तथा 0 = + (वस्तु का आकार)
v=+ (धनात्मक) I = + (प्रतिबिम्ब का आकार)
u= – (ऋणात्मक)
m = + (धनात्मक) सदैव 1 से छोटा
2. अज्ञात राशि का चिन्ह प्रश्न के हल करने में नहीं लिया जाता है वह प्रश्न हल करने के पश्चात् स्वयं निकल कर आता है।
प्रश्न 1. 25 सेमी फोकस दूरी के उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार, फोकस दूरी f= 25 सेमी
वक्रता. त्रिज्या R = ?
∴ वक्रता त्रिज्या R=2f
= 2 x 25
R=50 सेमी
प्रश्न 2. उत्तल दर्पण से 40 cm दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब 10 cm दूर बनता है। उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए तथा सम्बन्धित किरण आरेख भी बनाइए।
हल : वस्तु से दर्पण की दूरी u = – 40 cm
प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी v = 10 cm
माना दर्पण की फोकस दूरी f है, अतः
प्रश्न 3. एक उत्तल दर्पण की फोकस दूरी 20 cm है। इस दर्पण से 25 cm दूर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार, उत्तल दर्पण की फोकस दूरी (f) = 20 cm
वस्तु की दर्पण से दूरी (u) = – 25 cm
दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = ?
∵ 1/f=1/u+1/v
∴ 1/−25+1/v=1/20
1/v=1/20+1/25=5+4/100=9/100
अतःv = 100/9 =+11.1cm
अतः प्रतिबिम्ब उत्तल दर्पण के पीछे 11.1 cm दूरी पर बनता है।
प्रश्न 4. एक उत्तल दर्पण से 25 cm दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब वस्तु की लम्बाई का आधा बनता है। दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार,
वस्तु की उत्तल दर्पण से दूरी u = – 25 cm
आवर्धन (m) = img
∴ फोकस दूरी f= 25 cm
प्रश्न 5. 6 cm लम्बाई की एक कील उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूर रखी है। यदि इस दर्पण की फोकस दूरी 10 cm हो तो कील के प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा स्थिति ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार,
वस्तु की लम्बाई h = 6 cm
कील की उत्तल दर्पण से दूरी = -20 cm
दर्पण की फोकस दूरी f= + 10cm
कील के प्रतिबिम्ब की लम्बाई v = ?
h’= 2 cm
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे 6.67 cm दूरी पर 2 cm लम्बाई का बनेगा।
अवतल दर्पण पर आधारित प्रश्न । (Problems Based on Concave Mirror)
विशेष तथ्य
1. अवतल दर्पण के लिये चि परिपाटी
f= – (ऋणात्मक)
u = – (ऋणात्मक)
v = – लेकिन जब u m = लेकिन जब u 2. अज्ञात राशि का चिन्ह नहीं लेते, वह स्वयं प्रश्न को हल करते समय निकलकर आता है।
प्रश्न 6. एक अवतल दर्पण से 20 cm दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब 30 cm दूर बनता है। दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार, दर्पण से वस्तु की दूरी u = -20 cm
प्रतिबिम्ब की दूरी v = -30 cm
फोकस दूरी (f) = ?
∴ 1/f=1/u+1/v
= −1/20−1/30=−3−2/60=−5/60
‘या 1/f=−1/12 या f=-12cm
अतः अवतल दर्पण की फोकस दूरी 12 cm होगी।
प्रश्न 7. एक अवतल दर्पण की फोकस दूरी 25 cm है। दर्पण से 20 cm की दूरी पर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति बताइए।
हल : प्रश्नानुसार,
अवतल दर्पण की फोकस दूरी f= – 25 cm
अवतल दर्पण से वस्तु की दूरी u = – 20 cm
प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी v = ?
∴ 1/u+1/v=1/f
∴ −1/20+1/v=−1/25
∴ 1/v=−1/25+1/20=−4+5/100=1/100
∴ v= 100 cm
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 100 cm की दूरी पर बनेगा।
आवर्धन (m) = −v/u=−100/−(20) = 5
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 100 cm दूर, सीधा तथा वस्तु से 5 गुना बनता है। चूँकि प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है। अतः प्रतिबिम्ब आभासी है।
प्रश्न 8. एक अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 60 cm है। 4 cm लम्बी एक वस्तु दर्पण से 45 cm दूर रखी है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार ,
अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = – 60 cm
वस्तु की लम्बाई (h) = 4 cm
वस्तु की दर्पण से दूरी u = – 45 cm
(i) अवतल दर्पण की फोकस दूरी f= – 60/2 =-30
∴ सूत्र 1/u+1/v=1/f से,
v=-90 cm
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 90 cm दूर बनेगा।
(ii) माना प्रतिबिम्ब की लम्बाई h है
h′/h=−v/u
h′/u=−90/−45
h′/u=−2/1
या h= – 8 cm
अतः प्रतिबिम्ब की लम्बाई 8 cm होगी।
प्रश्न 9. 12 cm फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण के सामने 4 cm लम्बी वस्तु कहाँ रखी जाए कि उसका 1 cm लम्बा.प्रतिबिम्ब बने ?
हल :
प्रश्नानुसार, अवतल दर्पण की फोकस दूरी f= – 12 cm
वस्तु की लम्बाई h = 4 cm
प्रतिबिम्ब की लम्बाई h’ = 1 cm
माना वस्तु को u cm दूर रखा जाए।
अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब वस्तु से छोटा बन रहा है। इसलिए प्रतिबिम्ब उल्टा तथा वास्तविक होगा। अतः प्रतिबिम्ब की लम्बाई ऋणात्मक रखेंगे
अतः अवतल दर्पण से वस्तु को 60 cm दूर रखा जाए।
प्रश्न 10. कोई 6 सेमी लम्बा बिम्ब 30 सेमी फोकस दूरी के अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के लम्बवत् स्थित है। दर्पण से बिम्ब की दूरी 45 सेमी है। दर्पण सूत्र का उपयोग करके बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति और आकार निर्धारित कीजिए। इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए नामांकित किरण आरेख भी खींचिए।
अथवा
6 सेमी आकार का कोई बिम्ब 30 सेमी फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के सामने 50 सेमी दूरी पर स्थित है। इस बिम्ब का तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए पर्दै को लेंस से कितनी दूरी पर रखा जाना चाहिए? प्रतिबिम्ब की प्रकृति और आकार ज्ञात कीजिए। इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए नामांकित किरण आरेख भी खींचिए।
हल :
दिया है, बिम्ब की ऊँचाई h = 6 सेमी, फोकस दूरी f=-30 सेमी
बिम्ब की दूरी (दर्पण से) v = – 45 सेमी
अवतल दर्पण से बिम्ब की दूरी = – 90 सेमी। \
वस्तु का आकार = 6 सेमी,
प्रतिबिम्ब का आकार = ?
सूत्र आवर्धन m = – v/u
− 90/45 =-2
nc=-2 x 6 सेमी
= – 12 सेमी
प्रतिबिम्ब = वास्तविक, उल्टा एवं बड़ा होगा।
अथवा
दिया है, f= 30 सेमी, u = – 50 सेमी, h = 6.0 सेमी AM
प्रश्न 11. एक अवतल लेंस की फोकस दूरी 15 cm है। इस लेंस से 10 cm दूर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा प्रकृति बताइए।
हल:
प्रश्नानुसार, अवतल लेंस की फोकस दूरी (f)= – 15 cm
वस्तु की अवतल लेंस से दूरी (u) = – 10 cm
लेंस से प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = ?
लेंस के सूत्र
या v=-6 cm
ऋण चि से स्पष्ट है कि प्रतिबिम्ब वस्तु की ओर बनता है तथा लेंस से 6 cm दूर, आभासी, छोटा व सीधा बनता है।
Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
बिंब की स्थिति | प्रतिबिंब की स्थिति | प्रतिबिंब का आकार | प्रतिबिंब की प्रकृति |
अनंत पर | फोकस F | अत्यधिक छोटा, बिंदु के आकार का | वास्तविक एवं उल्टा |
C से परे | F तथा C के बीच | छोटा | वास्तविक तथा उल्टा |
C पर | C पर | समान आकार का | वास्तविक तथा उल्टा |
C तथा F के बीच | C से परे | आवर्धित (वड़ा) | वास्तविक तथा उल्टा |
F पर | अनंत पर | अत्यधिक आवर्धित | वास्तविक तथा उल्टा |
P तथा F के बीच | दर्पण के पीछे | विवर्धित (बड़ा) | आभासी तथा सीधा |
Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
→ प्रकाश (Light)-प्रकाश वह भौतिक कारण है जो कि वस्तुओं को देखने में सहायक होता है। प्रकाश की उपस्थिति के कारण ही दृश्यता संभव है।
→ प्रकाश किरण (Ray of Light)-प्रकाश एक सरल रेखा में गमन करता है। सरल रेखा में गमन करने वाले प्रकाश को प्रकाश की किरण कहते हैं।
→ परावर्तन (Reflection)-दर्पण स्वयं पर पड़ने वाले अधिकांश प्रकाश को परावर्तित कर देता है। इस क्रिया को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
→ परावर्तन के नियम (Laws of Reflection)-परावर्तन के नियम निम्नलिखित हैं-
- आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है, तथा
- आपतित किरण, दर्पण के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण सभी एक ही तल में होते हैं।
समतल दर्पण की अवधारणा (Concept Related to Plane Mirror)-समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब सदैव आभासी तथा सीधा होता है तथा यदि किरणें एक बिन्दु पर आती दिखाई पड़ती हैं तो प्रतिबिम्ब आभासी या काल्पनिक होता है।
→ गोलीय दर्पण (Spherical Mirror)-ऐसे दर्पण जिनका परावर्तक पृष्ठ गोलीय होता है, गोलीय दर्पण कहलाते हैं।
गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं-
- उत्तल दर्पण,
- अवतल दर्पण।
→ ध्रुव (Pole)-गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के केन्द्र को दर्पण का ध्रुव कहते हैं।
→ वक्रता त्रिज्या (Radius of Curvature)-गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ जिस गोले का भाग होता है, उसकी त्रिज्या दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है।
→ दर्पण सूत्र (Mirror formula)-दर्पण सूत्र इस प्रकार होता है- 1/v+1u=1/f
→ आवर्धन (Magnification)-गोलीय दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन से यह ज्ञात होता है कि कोई प्रतिबिम्ब बिम्ब की अपेक्षा कितना गुना आवर्धित है। इसे प्रतिबिम्ब की ऊँचाई तथा बिम्ब की ऊँचाई के अनुपात रूप में व्यक्त किया जाता है।
अतः
→ प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of light)-जब प्रकाश किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तो वह अपने प्रारम्भिक मार्ग से विचलित हो जाती है, इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं।
→ अपवर्तन के नियम (Laws of Refraction)-अपवर्तन के नियम निम्न प्रकार है
- आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा दोनों माध्यमों को पृथक् करने वाले पृष्ठ के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब, सभी एक ही तल में होते हैं।
- प्रकाश के किसी निश्चित रंग तथा निश्चित माध्यमों के युग्म के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात स्थिर होता है। इस नियम को स्नैल का अपवर्तन का नियम भी कहते हैं। यदि i आपतन कोण तथा r अपवर्तन कोण हो, तब sin i/sin r = स्थिरांक = अपवर्तनांक (Refractive Index)
→ निर्वात में प्रकाश की चाल 3 x 108 m/s होती है।
→ यदि प्रकाश की चाल माध्यम 1 में v1 तथा माध्यम 2 में है तब माध्यम 2 का माध्यम 1 के सापेक्ष अपवर्तनांक, माध्यम 1 में प्रकाश की चाल तथा माध्यम 2 में प्रकाश की चाल के अनुपात द्वारा व्यक्त करते हैं अतः
→ लेंस (Lens)-दो पृष्ठों से घिरा हुआ कोई पारदर्शी माध्यम, जिसके एक या दोनों पृष्ठ गोलीय हों, लेंस कहलाता है|
→ लेंस के प्रकार (Types of lens)-जो लेंस बीच में मोटे तथा किनारों पर पतले होते हैं, उन्हें उत्तल लेंस कहते हैं तथा जो लेंस बीच में पतले तथा किनारों पर मोटे होते हैं उन्हें अवतल लेंस कहते हैं। उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस भी , कहते हैं। उत्तल लेंस की शक्ति धन (+) तथा अवतल लेंस की शक्ति ऋण (-) होती है।
→ मुख्य फोकस (Principal focus)-उत्तल लेंस में मुख्य अक्ष के समान्तर प्रकाश की आपतित होने वाली किरणें लेंस से अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष पर एक बिन्दु पर अभिसारित हो जाती हैं। यह बिन्दु लेंस का मुख्य फोकस, कहलाता है।
→ लेंस सूत्र (Lens formula)-यदि बिम्ब दूरी (u), प्रतिबिम्ब दूरी (v) तथा फोकस दूरी (f) हो तो लेंस सूत्र निम्नलिखित होता है
1/v−1/u=1/f
→ लेंस की क्षमता (Power of lens)-किसी लेंस द्वारा प्रकाश किरणों को अभिसारित या उपसारित करने की मात्रा (degree) को उस लेंस की क्षमता कहते हैं।
लेंस की क्षमता का मात्रक = डाइऑप्टर (dioptre), इसे D से प्रदर्शित करते हैं। (1 डाइऑप्टर = 1m-1)!
उत्तल लेंस के लिये P = धनात्मक
अवतल लेंस के लिये P = ऋणात्मक
→ संयोजन की क्षमता (Power of combination)- P =P1 + P2 + P3 …..Pn (सभी क्षमतायें चिह्न के साथ जुड़ती हैं क्योंकि क्षमता अदिश राशि है।
→ आवर्धन (Magnification)- यदि बिम्ब की ऊँचाई h तथा लेंस द्वारा बनाए गए प्रतिबिम्ब की ऊँचाई h’ हो तब लेंस द्वारा उत्पन्न आवर्धन निम्नवत् होगा