HR 10 Science

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 12 विद्युत

HBSE 10th Class Science विद्युत Textbook Questions and Answers

अध्याय संबंधी महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ/शब्दावली

1. विद्युत (Electricity) – स्थिर या गतिशील विद्युत आवेशों का उपस्थिति के कारण उत्पन्न कोई भी प्रभाव ।
2. विद्युत धारा (Electric Current) – विद्युत धारा को किसी विशेष क्षेत्र में प्रति इकाई समय में बहने वाले आवेश की मात्रा के रूप में व्यक्त किया जाता है। या किसी विद्युत चालक से आवेश के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं।
3. विद्युत परिपथ (Electric Circuit) – विद्युत धारा का कोई बंद तथा सतत् पथ, विद्युत परिपथ कहलाता है।
4. कूलॉम (Sl Unit of Electric Charge) – विद्युत आवेश 6 × 1018 इलेक्ट्रॉनों में निहित आवेश का SI मात्रक होता है। इलेक्ट्रॉन पर आवेश (Charge on Electron) = 1.6 × 10-19 कूलॉम।
5. ऐम्पियर (SI Unit of Electric Current) – विद्युत धारा का मात्रक यदि किसी चालक में से प्रति सेकंड एक कूलॉम आवेश बहता है, तो विद्युत धारा को एक ऐम्पियर कहते हैं । इसे A से प्रदर्शित करते हैं ।
1A = 1C/1s
1 मिलिऐम्पियर (1 mA) = 10-3 A
1 माइक्रोऐम्पियर (1 PA) = 10-6 A
6. ऐमीटर (Ammeter) – किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा मापने वाले यंत्र को ऐमीटर कहते हैं ।
7. विभवांतर (Potential Difference) — इसे एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक एक इकाई आवेश को ले जाने में किए जाने वाले कार्य के रूप में परिभाषित किया जाता है ।
विभवांतर (V) = चालक में व्यय ऊर्जा (W) / प्रवाहित आवेश (Q)
V = W/Q
8. विद्युत विभव (Electric Potential) – किसी विद्युत क्षेत्र में एक इकाई विद्युत आवेश को किसी एक बिन्दु से अनंत तक ले जाने में जितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है, वह विद्युत विभव कहलाती है ।
9. वोल्ट (SI Unit of Potential Difference) – वोल्ट विभवांतर का SI मात्रक है। किसी धारावाही चालक में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर को 1 वोल्ट तब कहा जाता है जब एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक 1 कूलॉम आवेश को जाने में एक जूल कार्य किया जाता है। इसे V से प्रदर्शित किया जाता है।
1 वोल्ट (V) = 1 जूल (J) / 1 कुलॉम (C)
या                    1v = 1JC-1
10. वोल्टमीटर (Voltmeter) – विभवांतर को मापने के लिए जिस यंत्र का उपयोग करते हैं, वोल्टमीटर कहलाता है ।
11. परिपथ आरेख (Circuit Diagram) – रेखाचित्र के रूप में एक ऐसी व्यवस्था जिसमें परिपथ के विभिन्न घटकों को प्रतीकों के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
12. सेल/बैटरी (Cell/Battery) – दिष्ट धारा (DC) का एक स्रोत जिसमें रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है।
13. ओम का नियम (Ohm’s Law) – किसी चालक (धातु) तार में से बहने वाली विद्युत धारा (I), विभवांतर (V) के अनुक्रमानुपाती होती है, यदि तापमान अपरिवर्तनीय रहता  है।
V I या V = IR
14. निक्रोम (Nichrome) – यह निकिल, कोमियम, मैंगनीज तथा आयरन धातु की मिश्रातु है।
15. प्रतिरोधक (Resistance) – किसी चालक के सिरों के बीच विभवांतर तथा उसमें बहने वाली विद्युत धारा का अनुपात ।
16. परिवर्ती प्रतिरोधक (Variable Resistance) – यह मंत्र उपकरण, जिसका प्रयोग विभव स्रोत के बिना बदले धारा को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, परिवर्ती प्रतिरोधक कहलाता है।
17. विद्युत चालक (Electrical Conductors) – वे पदार्थ जिनमें से विद्युत धारा गुजर सकती है, विद्युत चालक कहलाते हैं।
18. विद्युत रोधी (Electrical Resistors) – एक उपकरण जो किसी विद्युत इलेक्ट्रॉनिक परिपथ में उसके विद्युत प्रतिरोध के कारण से लगाया गया होता है।
19. वैद्युत प्रतिरोधकता [Electrical Resistivity (ρ) ] – किसी पदार्थ की विद्युत के प्रवाह का विरोध करने की क्षमता, उस पदार्थ की प्रतिरोधकता कहलाती है।
20. ओम (Ohm)-  प्रतिरोधक का मात्रक ।
21. 1 ओम (One Ohm) – यदि किसी चालक के दो शिरों के बीच विभवांतर IV तथा विद्युत धारा का मान IA हो, तो उस चालक का प्रतिरोध । ओम कहलाता है।
22. शक्ति (Power) – किसी विद्युत परिपथ में विद्युत ऊर्जा जिस दर से खर्च होती है अथवा उत्पादित होती है, विद्युत शक्ति कहलाती है।
23. वाट (Watt) – यह विद्युत शक्ति का SI मात्रक है। इसे W से प्रदर्शित करते हैं ।
1KW = 1000 W
24. कूलॉम का नियम (Coulomb’s Law) – दो आवेशित कणों के बीच आकर्षण प्रतिकर्षण वैद्युत बल, उन दोनों आवेशों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝ q1q2/r2 या F = K q1q2/r2
25. कुचालक ( Insulators) – वे पदार्थ जो विद्युत आवेश का चालन नहीं करते, कुचालक पदार्थ कहलाते हैं ।
26. धारा (Current) – जिस दर से आवेश चालक में गति करता है, धारा कहलाती है। या
आवेश की वह मात्रा जो चालक के किसी बिंदु को इकाई समय में पार करती है, विद्युत धारा कहलाती है ।
27. धारा नियंत्रक (Rheostat) – वह यंत्र जो किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा के मान को नियंत्रित करता है ।
28. अर्धचालक ( Semiconductors) – वे पदार्थ जिनकी चालकता कुचालक तथा सुचालक पदार्थों के बीच होती है, अर्धचालक कहलाते हैं ।
29. अतिचालक (Superconductors) – कुछ पदार्थों का प्रतिरोध निम्न ताप पर समाप्त हो जाता है। ऐसे पदार्थों को अतिचालक कहते हैं।
30. विद्युत ऊर्जा (Electrical Energy) – ऊर्जा प्रवाह जो विद्युत आवेश की गति स्थिति के कारण से होता है।
31. जूल का ऊष्मा नियम (Joule’s Law of Heating) – जब किसी प्रतिरोधक (R) में विद्युत धारा (I) समय (t) के लिए बहती है तो निम्न ऊष्मा (H) उत्पन्न होती है। ऊष्मा की यह मात्रा विद्युत धारा के वर्ग के प्रतिरोध (R) तथा समय (t) जिसके लिए विद्युत धारा बहती है के अनुक्रमानुपाती होती है ।
H = I2 Rt
1kWh (यूनिट) = 3.6 x 106 जूल
पाठ एक नज़र में
1. विद्युत ऊर्जा एक नियंत्रण योग्य तथा ऊर्जा का सुविधाजनक स्रोत है, जिसे अनेक प्रकार के कार्य करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है ।
2. यदि विद्युत आवेश किसी चालक में से प्रवाहित होता है, तो हम कह सकते हैं कि चालक में से विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है ।
3. विद्युत धारा को चालक के किसी क्षेत्र विशेष में प्रति इकाई समय में प्रवाहित आवेश को मात्रा के रूप में परिभाषित किया जाता है।
4. विद्युत धारा का बंद व सतत् पथ, विद्युत परिपथ कहलाता है।
5. धनात्मक आवेश के प्रवाह को विद्युत धारा माना जाता है तथा धनात्मक आवेश के बहने की दिशा को विद्युत धारा की दिशा माना जाता है।
6. विद्युत परिपथ में, धारा की दिशा, इलेक्ट्रॉनों के बहने की दिशा के विपरीत होती है।
7. आवेश का SI मात्रक कूलॉम है और यह लगभग 6 × 1018 इलेक्ट्रॉनों पर आवेश के समान होता है ।
8. विद्युत धारा को एक इकाई के रूप में व्यक्त किया जाता है जिसे ऐम्पियर कहते हैं | एक ऐम्पियर, विद्युत धारा की वह मात्रा होती है जो विद्युत परिपथ में एक कूलॉम आवेश के प्रति सेकंड बहने से होती है ।
9. किसी विद्युत परिपथ के दो बिंदुओं के बीच विभवांतर को उस कार्य के रूप में परिभाषित किया जाता है जो एक इकाई आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने के लिए किया जाता है।
10. विभव में यह अंतर एक या अधिक विद्युत सेलों से बनी बैटरी के द्वारा उत्पन्न किया जा सकता है ।
11. विद्युत विभवांतर का SI मात्रक वोल्ट (V) है। 1 वोल्ट को धारावाही चालक के दो सिरों के बीच (विभवांतर के रूप में) परिभाषित किया जाता है। यदि किसी बिंदु से एक कूलॉम आवेश प्रवाहित होने पर एक जूल कार्य हो ।
12. एक व्यवस्थित आरेख, जिसमें विद्युत परिपथ के विभिन्न घटकों को प्रतीकों के रूप में दर्शाया जाता है, परिपथ आरेख कहलाता है।
13. जॉर्ज साइमन ओम के अनुसार, किसी धातु की तार में से बहने वाली विद्युत धारा उसके सिरों के बीच किसी विभवांतर (V) के अनुक्रमानुपाती होती है। यदि तापमान आदि में कोई परिवर्तन न हो तो ।
V = IR
इसे ओम का नियम कहते हैं ।
14. किसी प्रतिरोधक में से बहने वाली धारा, उसके प्रतिरोध के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
15. विभवांतर / वोल्टेज में कोई परिवर्तन किए बिना जो यंत्र विद्युत धारा के मान को नियंत्रित करता है, उसे परिवर्ती प्रतिरोधक कहते हैं ।
16. किसी विद्युत परिपथ में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह ही विद्युत धारा उत्पन्न करता है ।
17. किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लंबाई, अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल तथा उसके पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है ।
18. R = ρ l/A में ρ एक आनुपातिकता स्थिरांक है जिसे चालक पदार्थ की वैद्युत प्रतिरोधकता कहते हैं । इसका SI मात्रक Ω m हैं।
19. मिश्रातुओं की प्रतिरोधकता उसके घटकों से अधिक होती है।
20. किसी चालक में से बहने वाली धारा, उसके प्रतिरोध तथा उसके सिरों के बीच विभवांतर पर निर्भर करती है ।
21. कुल विभवांतर विभिन्न प्रतिरोधकों के सिरों के बीच विभवांतर के कुल योग के बराबर होता है ।
V = V1 + V2 + V3
22. पार्श्वक्रम से संयोजित प्रतिरोधकों के समूह के तुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम पृथक प्रतिरोधों के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता है।
1/RP = 1/R1 + 1/R2 + 1/R3 + ………….
23. एक श्रेणीक्रम परिपथ में धारा स्थिर रहती है ।
24. किसी विद्युत परिपथ में किसी विद्युत हीटर व बल्ब को श्रेणीक्रम में जोड़ना अप्रायोगिक / असंगत है, क्योंकि इनकी धारा की आवश्यकता बहुत भिन्न है।
25. एक समानांतर परिपथ विद्युत धारा को विद्युत यंत्रों / गैडगेट के द्वारा बाँट देता है।
26. विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव का उपयोग विद्युत हीटर, विद्युत प्रैस आदि में किया जाता है।
27. एक प्रबल धातु जिसका गलनांक उच्च हो जैसे टंगस्टन का प्रयोग विद्युत बल्ब के तंतु बनाने में किया जाता है।
28. फ्यूज़ का प्रयोग विद्युत परिपथ में, इसे लघु पथन से बचाने के लिए किया जाता है ।
29. जिस दर पर विद्युत ऊर्जा खर्च होती है अथवा उत्पादित होती है, वह उस विद्युत परिपथ की शक्ति कहलाती है।

HBSE 10th Class Science विद्युत InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न 

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 222)

प्रश्न 1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है ?
उत्तर- किसी विद्युत धारा के सतत तथा बन्द पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं।

प्रश्न 2. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर- विद्युत धारा का S.I. मात्रक ऐम्पियर है। इसे A से प्रदर्शित करते हैं।
सूत्र I = Q/t से यदि Q = 1C, 1 = 1s तब I = 1A
अतः यदि आवेश 1 कूलॉम/सेकण्ड की दर से प्रवाहित होता है तब उस चालक में प्रवाहित होने वाली धारा 1A होगी।

प्रश्न 3. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए।
हल : दिया है

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 224)

प्रश्न 1. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर बनाए रखने में सहायता करती है।
उत्तर- विद्युत सेल।

प्रश्न 2. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर 1V है?
उत्तर- इस कथन का अर्थ है कि 1C के आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में 1J कार्य करना होगा।

प्रश्न 3. 6 V बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है ?
उत्तर- बैटरी का विभवान्तर 6V अर्थात 6J/C है, अतः । हर एक कूलॉम आवेश को 6J ऊर्जा दी जाएगी।

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 232)

प्रश्न 1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है ?
उत्तर- किसी चालक का प्रतिरोध R उसकी लम्बाई 1, उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A तथा उसके पदार्थ पर निम्न प्रकार से निर्भर करता है
R ∝ l, R ∝ 1/A अत: R= ρ 1/A
जहाँ p चालक के पदार्थ की प्रतिरोधकता है।

प्रश्न 2. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है ? क्यों ?
उत्तर- ∵ तार का प्रतिरोध RC अतः मोटे तार का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल अधिक है अतः इसका प्रतिरोध कम होगा, इसलिए मोटे तार से धारा आसानी से प्रवाहित हो जाएगी।

प्रश्न 3. मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवान्तर को उसके पूर्व के विभवान्तर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर- धारा I = V/R जब R नियत है तब I∝ V अर्थात् विभवान्तर का मान आधा कर देने पर धारा भी आधी हो जाएगी।

प्रश्न 4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रातु के क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर- मिश्रातुओं की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं की तुलना में अधिक होती है तथा तापवृद्धि के साथ इनकी प्रतिरोधकता में नगण्य परिवर्तन होता है, इसके अतिरिक्त मिश्रातुओं का ऑक्सीकरण भी कम होता है, इस कारण से टोस्टर, इस्त्री आदि के चालक मिश्रातुओं के बनाए जाते हैं।

प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका (पृ. 298) में दिए गए आँकड़ों के आधार पर दीजिए-
(a) आयरन (Fe) तथा मर्करी (Hg) में कौन अच्छा वैद्युत चालक है ?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है?
उत्तर-
(a) आयरन की प्रतिरोधकता 10 x 10-8 Ω m
तथा मर्करी (Hg) की प्रतिरोधकता 94 x 10-8Ω m है। अतः आयरन (Fe), मर्करी (Hg) की अपेक्षा विद्युत का अच्छा चालक है।
(b) सारणी के आधार पर सिल्वर (Ag) की प्रतिरोधकता 1.6 x 10-8Ω m अर्थात् सबसे कम है ; अतः यह सर्वश्रेष्ठ चालक है।

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 237)

प्रश्न 1. किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2 V के तीन सेलों की बैटरी, एक 5Ω प्रतिरोधक, एक 8Ω प्रतिरोधक, एक 12Ω प्रतिरोधक तथा प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।
हल:

प्रश्न 2. प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12Ω के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
हल:

परिपथ में जुड़े 5Ω , 8Ω , व 12Ω का तुल्य प्रतिरोध
R=R1,+R2,+R3,
=5+8+ 12 = 25Ω
∵ बैटरी में तीन सेल श्रेणीक्रम में जुड़ी हैं अतः बैटरी का विभवान्तर V=2 + 2 + 2 = 6V
∵ परिपथ में धारा I = V/R=6/25 = 0.24 A
अतः अमीटर का पाठ्यांक 0.24 A होगा।
12Ω के सिरों पर जुड़े वोल्टमीटर का पाठ्यांक
V3 =IR3, = 0.24 x 12
V3= 2.88 V
अत: वोल्टमीटर का पाठ्यांक 2.88 V होगा।

(पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 240)

प्रश्न 1. जब (a) 1Ω तथा 106 Ω
(b) 1Ω , 103 तथा 106Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के सम्बन्ध में आप क्या निर्णय करेंगे?

प्रश्न 2. 100Ω का एक विद्युत लैम्प, 50Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 500 Ω का एक जल फिल्टर 200 V के विद्युत स्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है ?
हल : विद्युत इस्तरी, तीनों उपकरणों के बराबर धारा लेती है; अत इस्तरी का प्रतिरोध, उपकरणों के समान्तर संयोजन के तुल्य प्रतिरोध के बराबर होगा।

प्रश्न 3. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर- उपकरणों को पार्यक्रम में जोड़ने से निम्नलिखित लाभ होते हैं
(i) पार्श्वक्रम में जोड़ने पर किसी भी चालक में स्विच का उपयोग करके स्वतन्त्रतापूर्वक विद्युतधारा भेजी जा सकती
(ii) उपकरणों को पार्यक्रम में जोड़ने पर सभी उपकरणों को समान विभवान्तर प्राप्त हो जाता है।

प्रश्न 4. 2Ω,3Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) 4Ω, (b) 1Ω हो ?
हल :
(a) यहाँ R1 = 2Ω,R2,=3Ω तथा R3, =6Ω,4Ω तुल्य प्रतिरोध प्राप्ति हेतु 3Ω व 6Ω के प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में जोड़कर उन्हें श्रेणीक्रम में चित्रानुसार जोड़ना होगा
अतः3Ω व 6Ω के पार्श्व संयोजन का प्रतिरोध यदि R’ हो, तब

प्रश्न 5. 4Ω,8Ω, 12 Ω तथा 24 Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से (a) अधिकतम, (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके ?
उत्तर- (a) यदि इन चारों प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में रखा जाए तो अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त होगा
Rs=4Ω+8Ω+ 12Ω + 24Ω=48Ω
(b) न्यूनतम प्रतिरोध पाने के लिए उपर्युक्त चारों प्रतिरोधों को पार्यक्रम में रखा जाएगा।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 242) .

प्रश्न 1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती, जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है ?
उत्तर- विद्युत हीटर की कुण्डली मिश्रधातु नाइक्रोम की बनी होती है। नाइक्रोम की प्रतिरोधकता ताँबे से बहुत अधिक होने के कारण कुण्डली का प्रतिरोध डोरी में प्रयुक्त ताँबे के प्रतिरोध से बहुत अधिक होता है।
विद्युत हीटर में व्यय शक्ति P = I2 R के अनुसार समान धारा I के लिए P ∝ R
अतः विद्युत हीटर कुण्डली में डोरी की तुलना में अधिक शक्ति व्यय होती है जिससे उसकी कुण्डली उत्तप्त हो जाती है जबकि डोरी उत्तप्त नहीं होती है।

प्रश्न 2. एक घण्टे में 50 w विभवान्तर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानान्तरित करने में उत्पन्न ऊष्मा का परिकलन कीजिए।
हल : दिया है; V = 50 W, स्थानान्तरित आवेश
Q=96000 कूलॉम
आवेश के स्थानान्तरण में खर्च की गई ऊर्जा
W =OV
=96000×50=4800000J
=4.8x 106J

प्रश्न 3. 202 प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5 A विद्युत धारा लेती है। 30s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
हल : दिया है R = 20Ω, I = 5A, t=30s
∴उत्पन्न ऊष्मा (H) = I2Rt
= (5)2 x 20 x 30 = 15000 जूल
= 1.5 x 104 जूल

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 245)

प्रश्न 1. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है ?
उत्तर- विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण विद्युत शक्ति द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 2. `कोई विद्युत मोटर 220 V के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घण्टे में मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।
हल : दिया है : V = 220 V, I = 5A, समय t=2 घंटे
∴ मोटर की शक्ति P= VI= 220 x 5 = 1100 W
अत: 2 घंटे में मोटर द्वारा व्यय ऊर्जा W = Pt
∴ W = 1100 Wx 2 h = 2200 Wh
W = 2.2 kWh

HBSE 10th Class Science विद्युत Textbook Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के अभ्यास प्रश्न 

प्रश्न 1. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है तो R/R’ अनुपात का मान क्या है
(a) 1/25
(b) 1/5
(c) 5
(d) 25
उत्तर- (d) 25

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता ?
(a) PR
(b) IR2
(c)VI
(d)V2/R.
उत्तर- (b) IR2

प्रश्न 3. किसी विद्युत बल्ब का अनुमंताक 220 v; 100 w है। जब इसे 110V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100W
(b) 75w
(c) 50 W
(d) 25 W
उत्तर- (d) 25 W

प्रश्न 4. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लम्बाई तथा व्यास समान हैं किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पावक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1:2
(b) 2:1
(c) 1:4
(d) 4:1
उत्तर- (c) 1 : 4

प्रश्न 5. किसी विद्युत परिपथ में दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है ?
उत्तर- दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर मापने के लिए वोल्टमीटर को दोनों बिन्दुओं के बीच में पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है।

प्रश्न 6. किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 x 10-8Ωm है। 100 प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लम्बे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दोगुना व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अन्तर आएगा?

प्रश्न 7. किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर v के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं I के संगत मान आगे दिए गए हैं –
I(ऐम्पियर),: 0.5 1.0 2.0 3.0 4.0
v(वोल्ट): 1.6 3.4 6.7 10.2 13.2
V और I के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।

हल : अभीष्ट ग्राफ के लिए उपयुक्त चित्र देखिए। प्रतिरोधक का प्रतिरोध, ग्राफ के ढाल के बराबर होगा।
R= ΔV/ΔI
अर्थात्
दिए गए आँकड़ों से,
1 =3.4V, V2 = 10.2V
तथा संगत धाराएँ I1 = 1.0A
I2 = 3.0A
ΔV=V2 -V1
= 10.2 – 3.4=6.8V

ΔI= I2 -I1
= 3.0 – 1.0=2.0A
∴ प्रतिरोध R = ΔV/ΔI=6.8 V/2.0 A = 3.4Ω

प्रश्न 8. किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।

प्रश्न 9. 9v की किसी बैटरी को 0.2Ω, 0.3Ω, 0.4Ω, 0.5Ω तथा 122 के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है, 122 के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी ?
हल : दिया है-
R1 = 0.2Ω, R2 = 0.3Ω, R3 = 0.4Ω, R4 = 0.5Ω तथा R5 = 12Ω
श्रेणी संयोजन का कुल प्रतिरोध
R =R1 +R2+R3 + R4 + R5
= 0.2+0.3+0.4+0.5+ 12
R =13.4Ω

∴ परिपथ में प्रवाहित कुल धारा I = V/R=9/13.4 = 0.67A
श्रेणी संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध से होकर इतनी ही धारा प्रवाहित होगी।
∴ 122 के प्रतिरोध में धारा = 0.67A

प्रश्न 10. 176 Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित करें कि 220 V के विद्युत स्रोत के संयोजन से 5A विद्युत धारा प्रवाहित हो ?
हल : I=5A, V= 220 V
परिपथ की प्रतिरोधकता R=V/I=220/5 = 44Ω
प्रत्येक प्रतिरोधक का प्रतिरोध r = 176Ω
यदि n प्रतिरोधक, प्रत्येक की प्रतिरोधकताको पार्श्वक्रम में संयोजित करें तो इच्छित प्रतिरोध होगा R = r/n
या 44 = 176/n or n=176/44 = 4

प्रश्न 11. यह दर्शाइए कि आप 6Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध
(i) 9Ω, (ii) 4Ω हो।
हल :
(i) 9Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए, पहले दो प्रतिरोधकों को पार्यक्रम में और इसके बाद तीसरे प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा।

प्रश्न 12. 220 V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10 w है। यदि 220 V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं ?
हल : माना n बल्बों को पार्यक्रम में जोड़ा जाता है, तब परिपथ में कुल शक्ति व्यय
P=n x एक बल्ब की शक्ति
=n x 10 W = 10 nw होगी।
दिया है : V= 220 V, I = 5A
तब P= VI से, (10 nw = 220 V x 5A)
n = 220×5/10 = 110
अर्थात् 110 बल्बों को पार्यक्रम में जोड़ा जा सकता है।

प्रश्न 13. किसी विद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियोंA तथा B की बनी हैं जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24 0 है तथा इन्हें पृथक्-पृथक्, श्रेणीक्रम में अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है। यदि यह भट्टी 220 V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं ?
हल : दिया है : V = 220 V, कुंडलियों का प्रतिरोध
R1 = R2 = 24Ω
प्रथम स्थिति में : जब किसी एक कुण्डली का प्रयोग किया जाता है तो कुल प्रतिरोध
R1 = R2 = 24Ω
∴ ली गई धारा 1= V/R=220/24 = 9.17A
द्वितीय स्थिति में : जब दोनों कुण्डलियों को श्रेणीक्रम में प्रयोग किया जाता है तब कुल प्रतिरोध
R= R1 + R2 = 48 Ω
∴ ली गई धारा I= V/R=220/48 = 4.58 A

प्रश्न 14. निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए :
(i) 6 V की बैटरी से संयोजित 1Ω तथा 2Ω श्रेणीक्रम संयोजन,
(ii) 4 V बैटरी से संयोजित 12Ω तथा 2Ω का पावक्रम संयोजन।
हल :
(i) दिया है, V=6V 1Ω, 2Ω के श्रेणी संयोजन का प्रतिरोध R= 1+2=3Ω
परिपथ में धारा I= V/R=6/3 = 2A
श्रेणीक्रम में प्रत्येक प्रतिरोध में धारा 2A ही प्रवाहित होगी अत: 2 Ω के प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्ति
P1, =I2 R = (2)2 x 2 =8 W
(ii) ∵ दोनों प्रतिरोध पार्श्वक्रम में जुड़े हैं ; अतः प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच एक ही विभवान्तर 4 V होगा।
∴ 2Ω के प्रतिरोध द्वारा उपभुक्त शक्ति
P2 = V2/R
P2 = (4 V)2/2Ω = 8W
अतः दोनों दशाओं में 2Ω प्रतिरोधक में समान शक्ति खर्च होगी।

प्रश्न 15. दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W; 220 V तथा दूसरे का 60 W; 220 V है, विद्युत मेन्स के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत मेन्स से कितनी धारा ली जाती है ?

प्रश्न 16. किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती है : 250 w का टी.वी. सेट जो एक घण्टे तक चलाया जाता है अथवा 120 W का विद्युत हीटर जो 10 मिनट के लिए चलाया जाता है ?
हल : T.V. सेट के लिए P1, = 250 W
t1, = 1h= 60 x 60s
खर्च की गई ऊर्जा = P1 t1 = 250 x 60 x 60
=9x 105 जूल
तथा विद्युत हीटर के लिए P2 = 120 W, t2, = 10 min =600s
∴ खर्च की गई ऊर्जा = P2 x t2 = 120 x 600=7.2 x 104 जूल
अतः T.V. सेट द्वारा खर्च की गई ऊर्जा अधिक है।

प्रश्न 17. 8Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेन्स से 2 घण्टे तक 15A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।
हल : दिया है R=8Ω, I = 15A .
विद्युत हीटर में ऊष्मा उत्पन्न होने की दर या विद्युत हीटर की शक्ति
P=I2R
=(15)2 x 8= 1800W .

प्रश्न 18. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए
(a) विद्युत लैम्पों के तन्तुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है ?
(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रातुओं के क्यों बनाए जाते हैं ?
(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ?
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता
(e) विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
(a) विद्युत लैम्पों के तन्तुओं में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग किया जाता है, क्योंकि टंगस्टन के बहत पतले तार बनाए जा सकते हैं तथा टंगस्टन का गलनांक 3400°C होता है जो अन्य धातुओं की तुलना में बहुत अधिक होता है।

(b) ब्रेड-टोस्टर, विद्युत इस्तरी आदि के चालक मिश्रधातुओं के इसलिए बनाए जाते हैं, क्योंकि मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता, शुद्ध धातुओं की तुलना में अधिक होती है तथा ताप वृद्धि के साथ इनकी प्रतिरोधकता में नगण्य परिवर्तन होता है। इसके अलावा मिश्रधातुओं का ऑक्सीकरण भी कम होता है। फलतः मिश्रधातुओं से बने चालकों की उम्र शुद्ध धात्विक चालकों की तुलना में अधिक होती है।

(c) श्रेणीक्रम में प्रतिरोध बढ़ने पर अलग-अलग प्रतिरोधकों के सिरों के बीच उपलब्ध विभवान्तर घटता जाता है। अतः परिपथ में धारा भी घटती जाती है। यदि घरों में प्रकाश करने के लिए श्रेणी सम्बद्ध व्यवस्था प्रयोग की जाए तो परिपथ में जितने अधिक संयन्त्र (बल्ब), जुड़े होंगे उनका प्रकाश उतना ही कम हो जाएगा। इसके अतिरिक्त श्रेणीक्रम में सभी संयन्त्र एक साथ एक ही स्विच से कार्य करेंगे व एक साथ एक ही स्विच से बंद होंगे एवं यदि कोई एक भी संयन्त्र खराब हो जाएगा तो शेष सभी उपकरण कार्य करना बन्द कर देंगे। इस कारण से घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता ।

(d) तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है, अर्थात् |

(e) कॉपर तथा एलुमिनियम के तारों का प्रतिरोध न्यूनतम है। इस कारण से इनका प्रयोग विद्युत संचारण के लिए प्रयुक्त तारों में किया जाता है। ये दोनों धातुएँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं एवं सस्ती भी हैं।

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very short Answer type Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective type Questions)

1. प्रतिरोध का मात्रक होता है-
(A) ऐम्पियर
(B) ओम
(C) ओम-मीटर
(D) वाट।
उत्तर- (B) ओम।

2. किसी तार की प्रतिरोधकता निर्भर करती है
(A) तार की लम्बाई पर
(B) अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
(C) पदार्थ पर
(D) (a), (b) व (c) तीनों पर ।
उत्तर- (D) (a), (b) व (c) तीनों पर ।

3. 50W, 250v के एक लैंप में प्रवाहित विद्युत धारा का मान है-
(A) 0.2A
(B) 5A
(C) 2A
(D) 2.5A.
उत्तर- (A) 0.2A.

4. टंगस्टन का गलनांक क्या है ?
(A) 1380°C
(B) 2380°C
(C) 3380°C
(D) 4480°C.
उत्तर- (C) 3380°C

5. किसी तार में से 3 सेकंड में 30 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है। तार में से (ऐम्पियर में) कितनी धारा बह रही है?
(A) 3.3
(B) 10
(C) 90
(D) 30
उत्तर- (B) 10
6. समान अनुप्रस्थ काट a की l लंबाई की किसी तार को मोड़कर एक रिम/वृत्त बनाया गया है। इसके व्यास के दो विपरीत बिंदुओं पर प्रतिरोध होगा –
(A) R/4
(B) 4R
(C) R/8
(D) R/2
उत्तर – (A) R/4
7. ऐम्पियर-घंटा किसका मात्रक है?
(A) ऊर्जा
(B) शक्ति
(C) धारा की मात्रा
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (C) धारा की मात्रा
8. किसी बल्ब का तंतु बना होता है –
(A) चाँदी का
(B) प्लैटिनम का
(C) टंगस्टन का
(D) ताँबे का
उत्तर – (C) टंगस्टन का
9. 10 वोल्ट विभव वाले एक आवेशित सुचालक के एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक 1 कूलॉम आवेश को विस्थापित करने में किए गए कार्य का मान होगा –
(A) 1 जूल
(B) 10 जूल
(C) शून्य
(D) 100 जूल
उत्तर — (B) 10 जूल
10. सुचालक के एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक आवेश को विस्थापित करने में किया गया कार्य कहलाता है –
(A) विद्युत विभव
(B) विद्युत क्षेत्र
(C) विभवांतर
(D) विद्युत धारा
उत्तर—(C) विभवांतर
11. कूलॉम किसका SI मात्रक है?
(A) धारा
(B) विभवांतर
(C) आवेश
(D) प्रतिरोध
उत्तर-(C) आवेश
12. विद्युत धारा का SI मात्रक है –
(A) कूलॉम
(B) वोल्ट
(C) ओम
(D) ऐम्पियर
उत्तर – (D) ऐम्पियर
13. ऐमीटर का उपयोग क्या मापने के लिए किया जाता है ?
(A) विद्युत धारा
(B) विभवांतर
(C) प्रतिरोध
(D) विद्युत शक्ति
उत्तर – (A) विद्युत धारा
14. विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता का SI मात्रक है –
(A) ओम
(B) ओम-मीटर
(C) वोल्ट
(D) ऐम्पियर
उत्तर – (B) ओम-मीटर
15. परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर को बनाए रखने के लिए जो यंत्र प्रयोग में लाया जाता है, वह है –
(A) परिपथ
(B) धाग
(C) विभवांतर
(D) सेल
उत्तर – (D) सेल
16. नियम जो विभवान्तर तथा विद्युत धारा के बीच संबंध दर्शाता है –
(A) फैराडे का नियम
(B) ऑरस्टेड का नियम
(C) ओम का नियम
(D) न्यूटन का नियम
उत्तर – (C) ओम का नियम
17. समांतर संयोजन में कुल प्रतिरोध –
(A) घटता है
(B) बढ़ता है
(C) घटता या बढ़ता है
(D) पता नहीं
उत्तर – (A) घटता है
18. श्रेणीक्रम में कुल प्रतिरोध-
(A) घटता है
(B) बढ़ता है
(C) घटता या बढ़ता है
(D) पता नहीं
उत्तर-(B) बढ़ता है
19. 5A विद्युत धारा समान है –
(A) 5 JC-1
(B) 5 VC-1
(C) 5 Cs-1
(D) 5 Ws-1
उत्तर – (C) 5 Cs-1
20. गलत संबंध को चुनिए –
(A) ऐम्पियर = कूलॉम/सेकंड
(B) वोल्ट = कूलॉम/जूल
(C) ओम = वोल्ट/ऐम्पियर
(D) कूलॉम = जूल/वोल्ट
उत्तर – (B) वोल्ट = कूलॉम/जूल
21. विद्युत ऊर्जा का मात्रक है –
(A) वाट
(B) ऐम्पियर
(C) जूल
(D) ओम
उत्तर – (C) जूल
22. 1 kWh में कितने जूल होते हैं?
(A) 3.6 × 107 जूल
(B) 3.6 × 106 जूल
(C) 3.6 x  105 जूल
(D) 3.6 × 104 जूल
उत्तर – (B) 3.6 × 106 जूल
23. दो विद्युत बल्ब जिनके प्रतिरोध भिन्न हैं को पार्श्वक्रम में 210V की सप्लाई लाइन से जोड़ा गया है, तब –
(A) प्रत्येक लैंप में से समान धारा बहेगी
(B) दोनों लैंपों में समान विभवांतर होगा
(C) प्रत्येक लैंप समान शक्ति खर्च करेगा
(D) प्रत्येक लैंप समान ऊर्जा खर्च करेगा
उत्तर – (A) प्रत्येक लैंप में से समान धारा बहेगी
24. किलोवाट घंटा किसका मात्रक है?
(A) विद्युत शक्ति
(B) विद्युत धारा
(C) विद्युत ऊर्जा
(D) विद्युत आवेश.
उत्तर – (C) विद्युत ऊर्जा
25. एक डायनेमों 0.5 ऐम्पियर पर 6 वोल्ट विकसित करती है, उत्पादित शक्ति होगी –
(A) 15 W
(B) 17 W
(C) 3 W
(D) 2 W
उत्तर – (C) 3 W
26. समान लंबाई की दो तापन तारें पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में जोड़ी गई हैं। दोनों स्थितियों में उत्पादित ऊष्मा का अनुपात होगा-
(A) 2 : 1
(B) 1 : 2
(C) 4 : 1
(D) 1 : 4
उत्तर – (D) 1 : 4
27. विभवांतर मापने के लिए किस यंत्र का प्रयोग किया जाता है ?
(A) विद्युत सेल
(B) ऐमीटर
(C) गैलवैनोमीटर
(D) वोल्टमीटर
उत्तर – (D) वोल्टमीटर
28. तार का एक टुकड़ा जिसका प्रतिरोध 4 Ω है, को इसके मध्य बिंदु से 180° पर मोड़ा गया है और दोनों (आधे) भागों को एक-दूसरे के साथ घुमाया गया है। अब प्रतिरोध है-
(A) 1 Ω
(B) 2 Ω
(C) 5 Ω
(D) 8 Ω
उत्तर – (A) 1 Ω
29. एक तार जिसका प्रतिरोध R है, को 10 बराबर भागों में बाँटा गया है। इन सभी भागों को पार्श्वक्रम में जोड़ा गया है कुल प्रतिरोध होगा – 
(A) 0.01 R
(B) 0.1 R
(C) 10 R
(D) 100 R
उत्तर – (A) 0.01 R
30. दस 50 W के बल्बों को प्रतिदिन 10 घण्टे प्रयोग करने पर 1 महीने (30 दिन) में खर्च ऊर्जा को किलोवाट घंटा में बताएँ । 
(A) 1500
(B) 15000
(C) 15
(D) 150
उत्तर – (D) 150
31. विद्युत आवेश का SI मात्रक है –
(A) कूलॉम
(B) ऐम्पियर
(C) वोल्ट
(D) ओम
उत्तर – (A) कूलॉम
32. विभवान्तर का SI मात्रक है –
(A) कूलॉम
(B) ऐम्पियर
(C) वोल्ट
(D) ओम
उत्तर – (C) वोल्ट
33. विद्युत धारा का मात्रक है –
(A) कूलॉम
(B) ऐम्पियर
(C) वोल्ट
(D) ओम
उत्तर – (B) ऐम्पियर
34. प्रतिरोध का SI मात्रक है –
(A) कूलॉम
(B) ऐम्पियर
(C) वोल्ट
(D) ओम
उत्तर – (D) ओम
35. वोल्ट किस भौतिक राशि का मात्रक है?
(A) प्रतिरोध
(B) विद्युत धारा
(C) विभवांतर
(D) विद्युत आवेश
उत्तर – (C) विभवांतर
36. वोल्टमीटर का उपयोग …………… मापने के लिए किया जाता है।
(A) विभवांतर
(B) विद्युत धारा
(C) प्रतिरोध
(D) आवेश
उत्तर – (A) विभवांतर
37. Ω m किसका मात्रक है?
(A) प्रतिरोधकता का
(B) प्रतिरोध का
(C) विभवांतर का
(D) धारा का
उत्तर – (A) प्रतिरोधकता का
38. वाट SI मात्रक है –
(A) प्रतिरोध का
(B) विभवांतर का
(C) विद्युत धारा का
(D) शक्ति का
उत्तर – (D) शक्ति का
39. दो आवेशित वस्तुओं के बीच धारा नहीं बहेगी यदि उन पर है समान –
(A) क्षमता
(B) विभव
(C) आवेश
(D) आवेश-विभव अनुपात
उत्तर – (B) विभव
40. यदि किसी तार की लंबाई को आधा कर दिया जाए, तो तार का प्रतिरोध होगा –
(A) दोगुना, 2R
(B) आधा, R/2
(C) कोई परिवर्तन नहीं होगा, R
(D) चार गुणा हो जाएगा, 4R
उत्तर – (B) आधा, R/2
41. 60 W तथा 100 W के दो विद्युत उपकरणों को पार्श्वक्रम में जोड़ा गया है, संयोजन की कुल शक्ति होगी –
(A) 60 W
(B) 100 W
(C) 160 W
(D) 40 W
उत्तर – (C) 160 W
42. फ्यूज़ की तार को हमेशा जोड़ा जाता है –
(A) उदासीन तार में
(B) सीधी तार में
(C) भू-तार में
(D) इनमें से किसी भी तार में जोड़ा जा सकता है
उत्तर – (B) सीधी तार में
43. एक फ्यूज़ तार होना चाहिए –
(A) उच्च प्रतिरोधकता तथा कम गलनांक
(B) उच्च प्रतिरोधकता तथा उच्च गलनांक
(C) कम प्रतिरोधकता तथा कम गलनांक
(D) कम प्रतिरोधकता तथा उच्च गलनांक
उत्तर – (A) उच्च प्रतिरोधकता तथा कम गलनांक

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

एक शब्द / वाक्यांश प्रश्न
प्रश्न 1. विद्युत से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – विद्युत एक प्रकार की ऊर्जा है जो विद्युत आवेश के प्रवाह के कारण से होती है ।
प्रश्न 2. विद्युत धारा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – विद्युत आवेश के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं । इसे किसी क्षेत्र विशेष में इकाई समय में बहने वाले आवेश की मात्रा के रूप में प्रवाहित किया जाता है ।
प्रश्न 3. विद्युत परिपथ क्या है ?
उत्तर – विद्युत धारा का सतत् व बंद पथ, विद्युत परिपथ कहलाता है ।
प्रश्न 4. विद्युत धारा के प्रवाह की दिशा किस प्रकार ज्ञात की जाती है?
उत्तर – किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की दिशा, इलेक्ट्रॉनों के बहने की दिशा के विपरीत ली जाती है। इसे धनात्मक आवेश के बहने की दिशा के रूप में लिया जाता है ।
प्रश्न 5. विद्युत धारा के लिए गणितीय व्यंजक लिखें।
उत्तर – विद्युत धारा, I = Q/t  ( यहाँ पर Q आवेश है तथा t समय (सेकंड में ) है । )
प्रश्न 6. विद्युत आवेश का SI मात्रक ……….. है।
उत्तर – कूलॉम ।
प्रश्न 7. विद्युत धारा का SI मात्रक क्या है ?
उत्तर – विद्युत धारा का SI मात्रक ऐम्पियर है ।
प्रश्न 8. एक ऐम्पियर को परिभाषित करें ।
उत्तर – धारा का मान एक ऐम्पियर तब कहा जाता है जब चालक में से प्रति सेकंड एक कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है।
1A = 1C/1s
प्रश्न 9. एक कूलॉम को परिभाषित करें ।
उत्तर – एक कूलॉम वह विद्युत आवेश है जो 6 x 1018 इलेक्ट्रॉनों में निहित होता है ।
प्रश्न 10. एक इलेक्ट्रॉन पर कितना आवेश होता है ?
उत्तर – एक इलेक्ट्रॉन पर 1.6 × 10-19 C आवेश होता है ।
प्रश्न 11. एक कूलॉम आवेश कितने इलेक्ट्रॉनों पर आवेश के समान होता है ?
उत्तर – एक कूलॉम आवेश 6 × 1018 इलेक्ट्रॉनों पर आवेश के समान होता है ।
प्रश्न 12. धातुओं की तारों का प्रयोग करते हुए परिपथ में आवेश का प्रवाह किस कारण से होता है ?
उत्तर – इलेक्ट्रॉनों के कारण ।
प्रश्न 13. क्या होता है जब परिपथ टूट जाता है ?
उत्तर – धारा का प्रवाह रुक जाता है ।
प्रश्न 14. परिपथ में चाबी / स्विच का क्या कार्य है ?
उत्तर – यह परिपथ को पूरा करता है या उसे तोड़ देता है ।
प्रश्न 15. उस वैज्ञानिक का नाम बताएँ जिसके सम्मान में धारा की इकाई का नाम रखा गया है ।
उत्तर – आंद्रे मेरी ऐम्पियर (1775-1836) एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक |
प्रश्न 16. किसी तार में यदि इलेक्ट्रॉन X से Y की ओर गति करते हैं तो धारा की दिशा क्या होगी?
उत्तर – धारा की दिशा Y से X की ओर होगी ।
प्रश्न 17. विद्युत धारा का मान किस यंत्र द्वारा मापा जाता है ?
उत्तर – ऐमीटर द्वारा ।
प्रश्न 18 विद्युत धारा की छोटी इकाई का नाम दें ।
उत्तर – मिलिऐम्पियर (1mA = 10-3 A)
माइक्रोऐम्पियर (1uA = 10-6 A)
प्रश्न 19. ऐमीटर परिपथ में किस प्रकार जुड़ा होता है ?
उत्तर – ऐमीटर परिपथ में सदैव श्रेणीक्रम में जुड़ा होता है में  ।
प्रश्न 20. परिपथ में से विद्युत धारा किस प्रकार बहती है ?
उत्तर – यह सेल के धनात्मक टर्मिनल से ऋणात्मक टर्मिनल की ओर बहती है ।
प्रश्न 21. विद्युत विभव से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – इसे उस कार्य के रूप में परिभाषित किया जाता है जो उस विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु तक इकाई धनात्मक आवेश को अनंत से लाने में किया जाता है।
प्रश्न 22. विद्युत विभवांतर का SI मात्रक क्या है?
उत्तर – विद्युत विभवांतर का SI मात्रक वोल्ट है ।
प्रश्न 23. विभवांतर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – दो बिंदुओं के बीच विभवांतर को उस कार्य के रूप में परिभाषित किया जाता है जो एक इकाई आवेश को एक बिंदु – से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया जाता है।
प्रश्न 24. 1 वोल्ट को परिभाषित करें।
उत्तर –यदि एक कूलॉम आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में एक जूल कार्य किया जाए तो उन दो बिंदुओं के बीच विभवांतर को 1 वोल्ट कहा जाता है । (1 वोल्ट = 1 जूल/ 1 कूलॉम)
प्रश्न 25. विभवांतर का SI मात्रक का नाम किस वैज्ञानिक के सम्मान में रखा गया है ?
उत्तर – इटालियन भौतिक शास्त्री एल्सैंडरो वोल्टा (1745-1827)।
प्रश्न 26. विद्युत क्षेत्र में किए गए कार्य के लिए गणितियक सूत्र / व्यंजक लिखें।
उत्तर – किया गया कार्य, W = V x O, जहाँ / विभव तथा Q आवेश है।
प्रश्न 27. विभवांतर मापने के लिए किस उपकरण/यंत्र का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर – वोल्टमीटर l
प्रश्न 28. विद्युत रासायनिक सेल क्या होता है ?
उत्तर – एक रासायनिक सेल जो विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है, विद्युत रासायनिक सेल कहलाता है ।
प्रश्न 29. बैटरी क्या होती है?
उत्तर – विद्युत रासायनिक सेलों का संयोजन, बैटरी अथवा सेल कहलाता है।
प्रश्न 30. विभवांतर की माप जिस यंत्र द्वारा की जाती है उसका नाम बताइए ।
उत्तर – वोल्टमीटर ।
प्रश्न 31. धारा नियंत्रक क्या है?
उत्तर – धारा नियंत्रक एक परिवर्तनीय प्रतिरोध होता है जो किसी परिपथ में धारा के प्रवाह को नियंत्रित करता ।
प्रश्न 32. परिपथ में वोल्टमीटर किस प्रकार जुड़ा होता है ?
उत्तर – वोल्टमीटर प्रतिरोधकों के पार्श्वक्रम में जुड़ा हुआ होता है ।
प्रश्न 33 प्रतिरोधक क्या होता है?
उत्तर – प्रतिरोधक कोई तार, विद्युत उपकरण या कोई कुंडली आदि होता है ।
प्रश्न 34. नाइक्रोम क्या है?
उत्तर – नाइक्रोम निकिल, क्रोमियम, मैंगनीज़ तथा लौह धातुओं की एक मिश्रातु होती है l
प्रश्न 35. प्रतिरोध से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – पदार्थों का वह गुण जो विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है, प्रतिरोध कहलाता है।
प्रश्न 36. ओम के नियम का गणितीय व्यंजक लिखें।
उत्तर – V/I = R या V = IR
प्रश्न 37 प्रतिरोध का SI मात्रक क्या है?
उत्तर – प्रतिरोध का SI मात्रक ओम ( Ω) है।
प्रश्न 38. एक ओम को परिभाषित करें ।
उत्तर – यदि किसी चालक के सिरों के बीच 1 वोल्ट विभवांतर हो तथा बहने वाली धारा का मान एक ऐम्पियर हो, तब चालक का प्रतिरोध एक ओम होता है ।
1 ओम = 1 वोल्ट/1 ऐम्पियर
प्रश्न 39. परिवर्तित प्रतिरोधक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – एक यंत्र जिसे बिना विभव स्रोत ( वोल्टेज) बदले धारा को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, परिवर्तित प्रतिरोधक कहलाता है ।
प्रश्न 40. V, I तथा R के बीच संबंध लिखिए |
उत्तर – V = IR
प्रश्न 41. किसी प्रतिरोधक में बहने वाली धारा तथा प्रतिरोध में क्या संबंध होता है ?
उत्तर – किसी प्रतिरोधक में बहने वाली धारा, प्रतिरोध के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
प्रश्न 42 प्रतिरोधक की मोटाई – पतलेपन का प्रतिरोध पर क्या प्रभाव है ?
उत्तर – प्रतिरोध, प्रतिरोधक (तार ) की मोटाई के व्युत्क्रमानुपाती होता है। पतली तार का प्रतिरोध मोटी तार की अपेक्षा अधिक होता है | (R ∝ 1/A)
प्रश्न 43. तार की लंबाई प्रतिरोध से किस प्रकार संबंधित है ?
उत्तर – प्रतिरोध, तार की लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है ।
R l
प्रश्न 44. उस उपकरण का नाम बताएँ जो परिपथ में धारा के मान को परिवर्तित कर देता है ?
उत्तर – धारा परिवर्तक / नियंत्रक ।
प्रश्न 45. चालक के प्रतिरोध पर तापमान का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर – प्रतिरोध तापमान बढ़ने के कारण बढ़ जाता है।
प्रश्न 46 प्रतिरोधकता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – इकाई अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल की चालक तार की प्रति इकाई लंबाई के प्रतिरोध को प्रतिरोधकता कहते हैं ।
प्रश्न 47 प्रतिरोधकता का गणितीय व्यंजक लिखिए ।
उत्तर – प्रतिरोधकता,              ρ = R•A/l
जहाँ पर R प्रतिरोध, A अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल तथा l चालक तार की लंबाई है।

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer type Questions)

प्रश्न 1. किसी चालक के सिरों का विभवान्तर किन बातों पर निर्भर करता है ? आवश्यक सूत्र देकर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
ओम का नियम लिखिए।
उत्तर- ओम के नियमानुसार, किसी चालक के सिरों के बीच विभवान्तर V= I. R
जहाँ I = चालक में प्रवाहित धारा
R = चालक का प्रतिरोध
अतः चालक के सिरों का विभवान्तर V, चालक में प्रवाहित धारा I व प्रतिरोध R दोनों पर निर्भर करता है तथा यह दोनों के अनुक्रमानुपाती होता है।

प्रश्न 2. A तथा B तारों की लम्बाई तथा प्रतिरोध समान हैं। इनमें से कौन मोटा है, यदि A की प्रतिरोधकता B की प्रतिरोधकता से अधिक है।
प्रश्न 3. दो चालक जो एक ही पदार्थ से बने है, उनके लिये Vतथा I के मध्य ग्राफ चित्र में प्रदर्शित है तो बताइये किस चालक का प्रतिरोध अधिक होगा क्यों?

हल : दिये गये ग्राफ में रेखा की प्रवणता
tan θ =  विभवान्तर  धारा =V/I= प्रतिरोध (R) 
अतः प्रतिरोध ∝ कोण
चालक (A) का प्रतिरोध चालक (B) के प्रतिरोध से अधिक होगा।
प्रश्न 4. धातुओं और मिश्रधातुओं तथा र, जैसे विद्युतरोधी पदार्थों की प्रतिरोधकता किस कोटि की होती है? ताप के परिवर्तन से इसमें क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर- धातुओं एवं मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता अत्यन्त कम होती है जिसका परिसर 10-8Ωm से 10-6Ωm है। ये विद्युत की अच्छी चालक हैं। रबड़ तथा काँच जैसे विद्युत् रोधी पदार्थों की प्रतिरोधकता 1012 से 1017Ωm कोटि की होती है। किसी पदार्थ का प्रतिरोध तथा प्रतिरोधकता दोनों ही ताप में परिवर्तन के साथ परिवर्तित हो जाते हैं।
प्रश्न 5. किसी प्रतिरोधक से प्रवाहित धारा (I) पर उस प्रतिरोधक के सिरों पर विभवान्तर (V) की निर्भरता का अध्ययन करते समय प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए किसी छात्र ने धारा के विभिन्न मानों के लिए 5 पाठ्यांक लेकर V और I के बीच ग्राफ खींचिए। यह बिंदु से गुजरने वाली सरल रेखा था। यह ग्राफ क्या सूचित करता है? इस ग्राफ का उपयोग करके प्रतिरोध का प्रतिरोध निर्धारित करने की विधि लिखिए।
उत्तर-
अथवा
उस स्थिति में आप किसी छात्र को क्या सुझाव देंगे जब वह पाता है कि परिपथ खुला होने पर भी अमीटर और वोल्टमीटर के संकेतक/सुइयाँ पैमानों पर अंकित शून्य चिन्हों के संपाती नहीं हैं? प्रयोगशाला में अतिरिक्त अमीटर/वोल्टमीटर उपलब्ध नहीं हैं।
उत्तर-
चूँकि परिपथ खुला होने पर भी अमीटर और वोल्टमीटर के संकेतक/सुइयाँ इनके पैमाने पर अंकित शून्य चिन्हों के संपाती नहीं है इसका अर्थ यह है कि इनमें शून्यांक त्रुटि है। हमें इनका शून्य त्रुटि (चिन्ह सहित) नोट करना चाहिए और उसके लिए आवश्यक संशोधन करना चाहिए।
प्रश्न 6. ओम के नियम को स्थापित करने के लिए एक परिपथ चित्र बनाइए।
उत्तर- परिपथ चित्र निम्नवत् हैबैटरी

प्रश्न 7. निक्रोम के किसी तार के लिए V-I ग्राफ नीचे आरेख में दर्शाया गया है। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं? इस प्रकार के ग्राफ को प्राप्त करने के लिए नामांकित परिपथ आरेख खींचिए। 

उत्तर- चूँकि ग्राफ मूलबिंदु से गुजरने वाली एक सरल रेखा है साथ ही V/I = स्थिरांक (Constant) है। या V∝ 1 है।
अतः यह ‘ग्राफ ओम के नियम का सत्यापन करता है जिसके लिए परिपथ आरेख निम्नलिखित है-

प्रश्न 8. (a) किसी चालक,जिसकी आकृति तार जैसी है, का प्रतिरोध जिन कारकों पर निर्भर करता है, उनकी सूची बनाइए।
(b)धातुएँ विद्युत की अच्छी चालक तथा काँच विद्युत का कुचालक क्यों होता है? कारण कीजिए।
(c) विद्युत तापन युक्तियों में सामान्यतः मिश्राधुओं का उपयोग क्यों किया जाता है? कारण दीजिए। 
उत्तर- (a)
(i) चालक का प्रतिरोध सीधे अनुपातिक है चालक की लंबाई से। ..
R∝l
(ii) चालक का प्रतिरोधक के चालक के व्यापक प्रतिनिधित्व में व्युत्क्रमानुपाती है।
R∝ 1/A
(iii) प्रतिरोधक चालक के (material) पर निर्भर करता है।
R = p 1/A
(iv) प्रतिरोध और प्रतिरोधकता तापमान पर भी निर्भर करती है।
(b) धातुओं में ग्लास की तुलना में अधिक मुक्त इलेक्ट्रॉन (free electrons) होते हैं जो कि धारा को प्रवाहित करने में सहायक हैं।
(c) विद्युत तापन युक्तियों में सामान्यतः मिश्राधुओं का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि मिश्राधुओं की विद्युत चालकता और पिघलने की क्षमता कम होती है।

प्रश्न 9. 12w,6V का एक बल्ब 12V बैटरी से किस प्रकार चलाया जा सकता है?
उत्तर- 12W, 6V का अर्थ है कि लैम्प 6V की विद्युत आपूर्ति के साथ 12W शक्ति का उपयोग करता है परन्तु 6V से अधिक विभवान्तर होने पर यह जल जाएगा। यदि 12V आपूर्ति का प्रयोग करता है तो अतिरिक्त 6V को लैम्प के साथ श्रेणीक्रम में एक प्रतिरोध का प्रयोग करना होगा।

प्रश्न 10. अतिचालकता से क्या अर्थ है? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर- कुछ धातुओं का निम्न ताप पर प्रतिरोध समाप्त हो जाता है, इस घटना को अति चालकता कहते हैं। पहरण के लिए जब पारे के तापमान को 4.125 तक कम किया गया तो पारे का प्रतिरोध लुप्त हो जाता है। इस तापमान पर पारा अतिचालक बन जाता है। अतिचालकता का आविष्कार एक डच वैज्ञानिक एच. कामरलिंग ओनेस ने किया।

प्रश्न 11. समान्तर संयोजन के नियम लिखिए।
उत्तर- समान्तर संयोजन के नियम (Rules of Parallel Combination)-

  1. समान्तर क्रम में संयोजित सभी प्रतिरोधकों के सिरों के बीच विभवान्तर समान होता है।
  2. समान्तर क्रम में संयोजित प्रतिरोधकों में प्रवाहित धाराएँ उनके प्रतिरोधों के व्युत्क्रमानुपाती होती हैं।
  3. समान्तर क्रम में संयोजित प्रतिरोधकों के तुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम उनके प्रतिरोधों के व्युत्क्रम के योग के बराबर होता है।

प्रश्न 12. यह दर्शाइए कि तीन प्रतिरोधकों, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 92 है, को आप किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
(i) 13.5Ω
(ii) 6Ω प्राप्त हो?
उत्तर
(i) I=9×9/9+9 = 9×9/2(9)=4.5Ω+9Ω=13.5Ω
दो 6 Ω के प्रतिरोधकों को समांतर संयोजित किया गया और एक को श्रेणी में
(ii) 2 प्रतिरोधकों को श्रेणी में संयोजित किया गया
= (9+9)Ω=18Ω
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 11

प्रश्न 13. आपके पास ओम के तीन प्रतिरोधक तथा E वोल्ट की बैटरी है। इन तीन प्रतिरोधों को बैटरी से किस प्रकार जोड़ेगे जिससे अधिकतम धारा प्राप्त हो? विद्युत परिपथ का आरेख बनाकर अपने उत्तर की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए तथा बैटरी द्वारा परिपथ में प्रवाहित धारा ज्ञात कीजिए। 
उत्तर- अधिकतम विद्युत धारा प्राप्त करने के लिए प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में बैटरी से जोड़ना होगा

प्रश्न 14. विद्युत धारा किस प्रकार ऊष्मा उत्पन्न करती है?
उत्तर- किसी धात्विक चालक में बहुत बड़ी संख्या में मुक्त इलेक्ट्रॉन यादृच्छिक गति करते हैं। जब चालक को विद्युत स्रोत से जोड़ा जाता है, तो मुक्त इलेक्ट्रॉन उच्च विभव से निम्न विभव की ओर प्रवाहित होते हैं, जिससे इलेक्ट्रॉन चालक के परमाणुओं से टकराते हैं। इस टक्कर के कारण मुक्त इलेक्टॉनों की गति ऊर्जा चालक के परमाणुओं में स्थानांतिरत हो जाती है। परमाणुओं की गतिज ऊर्जा बढ़ती है और इस कारण चालक के ताप में वृद्धि हो जाती है और ऊष्मा उत्पन्न होती है।

प्रश्न 15. जूल का ऊष्मीय या तापन नियम क्या है?
उत्तर- जूल के ऊष्मीय नियमानुसार किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित करने से उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा निम्नलिखित आधारों पर निर्भर करती है-

  • उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा विद्युत धारा के वर्ग के समानुपाती होती है- H∝ i2
  • उत्पन्न ऊष्मा चालक के प्रतिरोध R के समानुपाती होती है- H∝R
  • उत्पन्न ऊष्मा चालक में प्रवाहित हो रही धारा के समय के समानुपाती होती है H∝R
    उपर्युक्त तीनों को मिलाने पर H∝i2 Rt

प्रश्न 16. विद्युत तापन का उपयोग प्रकाश उत्पन्न करने में होता है, उदाहरण देकर समझाइए। या विद्युत बल्बों में भरी जाने वाली दो गैसों के नाम बताइये तथा स्पष्ट कीजिये कि इन गैसों को विद्युत बल्ब में क्यों भरा जाता हैं।
उत्तर- विद्युत तापन का उपयोग बल्ब/ ट्यूब में प्रकाश उत्पन्न करने में किया जाता है। बल्ब के तन्तु को उत्पन्न ऊष्मा को जितना सम्भव हो सके रोककर रखना पड़ता है जिससे वह अत्यन्त गर्म होकर प्रकाश उत्पन्न करे परन्तु पिघले नहीं। इस कारण से बल्ब के तन्तुओं को बनाने के लिए टंगस्टन (गलनांक 3380°C) का उपयोग किया जाता है जो उच्च गलनांक की एक प्रबल धातु है। बल्बों में रासायनिक दृष्टि से अक्रिय गैस ऑर्गन भरी जाती है जिससे तन्तु की आयु में वृद्धि हो जाती है। तन्तु द्वारा प्रयोग की जाने वाली ऊर्जा का अधिकांश भाग ऊष्मा के रूप में प्रकट होता है परन्तु एक अल्प भाग विकरित प्रकाश के रूप में परिलक्षित होता है।

प्रश्न 17. दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100W: 220V तथा दूसरे का 60W: 220V है, किसी विद्युत मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220V है, तो दोनों बल्बों द्वारा विद्युत मेंस से कितनी धारा ली जाती हैं? 
उत्तर- (a) जूल का तापन नियम = I2RT
(b)

प्रश्न 18. एक प्रतिरोध तार के श्रेणीक्रम में ऐमीटर तथा समान्तर क्रम में वोल्टमीटर जोड़कर प्रवाहित करने पर कुछ समय बाद तार गर्म हो जाता है, परन्तु ऐमीटर या वोल्टमीटर गर्म नहीं होता है, क्यों?
उत्तर- ऐमीटर में प्रवाहित धारा, तार से प्रवाहित धारा के बराबर होती है परन्तु इसका प्रतिरोध R, तार के प्रतिरोध R से बहुत कम होता है जिसके कारण ऐमीटर में ऊर्जा क्षय IR, तार में ऊर्जा क्षय IPR से बहुत कम होता है। वोल्टमीटर के सिरों पर विभावान्तर तार के विभवान्तर V के बराबर होता है परन्तु प्रतिरोध र तार के प्रतिरोध से बहुत अधिक होता है। इससे वोल्टमीटर में ऊर्जा क्षय, तार में ऊर्जा क्षय से बहुत कम होता है।

प्रश्न 19. ऐमीटर को समान्तर क्रम में जोड़ देने पर क्या होगा?
उत्तर- ऐमीटर का प्रतिरोध अन्य युक्तियों के स्थान पर नगण्य होता है, जब ऐमीटर को समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है तब परिपथ का कुल विभवान्तर ऐमीटर के सिरों के बीच भी कार्य करता है, जिससे ऐमीटर में उच्च धारा प्रवाहित होती है तथा उसमें अधिक ऊष्मा उत्पन्न होने के कारण वह जल जाता है।

प्रश्न 20. धातु के दो प्रतिरोधकों के समान्तर व श्रेणीक्रम संयोजनों के V-I ग्राफ चित्र में प्रदर्शित हैं। कौन-सा ग्राफ समान्तर संयोजन को प्रकट करता है? कारण सहित समझाइये।

हल : चित्र में प्रदर्शित V-I ग्राफ का ढाल R = , है, Q का ढाल P से अधिक है। अतः 0 का प्रतिरोध P के प्रतिरोध से अधिक है। श्रेणी संयोजन से तुल्य प्रतिरोध समान्तर संयोजन की अपेक्षा अधिक होता है अतः Q श्रेणी संयोजन तथा P समानान्तर संयोजन को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 21. किसी दिये गये धातु के तार के दो विभिन्न तापों T1 व T2पर धारा वोल्टेज (I-V) ग्राफचित्र में प्रदर्शित है, बताइये कि कौन सा ताप अधिक है, क्यों?

हल : ग्राफ V-I का ढाल =I/V=1/R
चूँकि T2 रेखा का ढाल T1 से कम है।
∴ T2 रेखा का प्रतिरोध > T1 रेखा का प्रतिरोध
∴ प्रतिरोध ∝ ताप के
अतः T2 ताप > T1 ताप से

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

निबन्धात्मक प्रश्न [Essay Type Questions]

प्रश्न 1. ओम का नियम क्या है ? इसे प्रयोगशाला में कैसे सिद्ध करेंगे?
उत्तर – ओम के नियमानुसार किसी चालक के सिरों के बीच विभवांतर और इसमें बहने वाली विद्युत धारा का अनुपात सदा स्थिर रहता है यदि चालक की भौतिक अवस्था जैसे ताप आदि में कोई परिवर्तन न हो । अर्थात्
विभवांतर/विद्युत धारा = स्थिरांक
इस स्थिरांक को चालक का प्रतिरोध कहते हैं । इसे R द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यदि किसी चालक में बहने वाली विद्युत धारा का मान I हो और चालक के सिरों पर विभवांतर V हो तो ओम के नियमानुसार –
V/R = R
यदि V = 1 वोल्ट और I = 1 ऐम्पियर हो तो –    R = 1 वोल्ट/1 ऐम्पियर = 1 ओम
वोल्ट/ऐम्पियर को ‘ओम’ कहते हैं और यह प्रतिरोधों का मात्रक है । विद्युत चालक का प्रतिरोध एक ओम कहलाता है, यदि इसके सिरों पर एक वोल्ट विभवांतर लगाने से एक ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो ।
प्रयोग — ओम के नियम के सत्यापन के लिए एक, दो या तीन सेल की बैटरी, एक धारा नियंत्रक, एक ऐमीटर और एक कुंजी को चालक XY के साथ श्रेणीक्रम में चित्र के अनुसार जोड़ो। चालक के X और Y सिरों के साथ एक वोल्टमापी जोड़ो.| कुंजी K को लगाओ और ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के पाठ्यांक नोट करो। ऐमीटर का पाठ्यांक चालक XY में से बहने वाली विद्युत धारा I का मान और वोल्टमापी का पाठ्यांक चालक XY के सिरों के बीच विभवांतर V को बताता है । धारा नियंत्रक की सहायता से फिर विद्युत धारा का मान बदलो और दोबारा I तथा V के मान नोट करो । धारा नियंत्रक की सहायता से फिर विद्युत धारा का मान बदलो और इसी प्रयोग को फिर दोहराओ। हम देखते हैं कि V/I का मान हमेशा स्थिर रहता है ।
इससे ओम का नियम सिद्ध हो जाता है। यदि धारा और विभवांतर के मान किसी सारणी में लिखकर उनके बीच ग्राफ खींचे तो चित्र में दर्शाए अनुसार एक सरल रेखीय ग्राफ प्राप्त होगा ।
प्रश्न 2. विद्युत परिपथों में सामान्यतः उपयोग होने वाले अवयवों के प्रतीक प्रदर्शित करें।
उत्तर – विद्युत परिपथों में सामान्यतः उपयोग होने वाले कुछ अवयवों के प्रतीक निम्नलिखित हैं –

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

आंकिक प्रश्न (Numerical Questions) .

प्रश्न 1. 220 V की वोल्टता पर एक विद्युत उपकरण में प्रवाहित विद्युत धारा का मान 0.4 A है तो घिण्टे में प्रवाहित विद्युत आवेश का मान क्या होगा ?
हल:
दिया है V= 220 V,
I = 0.4 A,
t= 1h = 3600 s
∴ प्रवाहित आवेश q=It = 0.4 x 3600 = 1440 कूलॉम

प्रश्न 2. किसी विद्युत बल्ब के तंतु में से 0.25 ऐम्पीयर विद्युत धारा 20 मिनट तक प्रवाहित होती हैं। विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए। 
हल:
विद्युत बल्ब में धारा (I) = 0.25 A
समय (t) = 20 मिनट
=20 x 60 = 1200 सेकण्ड
(I) = q/t से
q = I x t = 0.25 x 1200
= 300 कूलॉम उत्तर

प्रश्न 3. किसी चालक में धारा का मान 200 मिली ऐम्पियर है। इसमें होकर प्रति सेकण्ड कितने इलेक्ट्रॉन गुजर रहे होंगे ? (इलेक्ट्रॉन का आवेश e = 1.6 x 1-19 कूलॉम)
हल : प्रश्नानुसार,
धारा, i = 200 मिली ऐम्पियर
= 200 x 10-3 ऐम्पियर
समय,t = 1 सेकण्ड
इलेक्ट्रॉन का आवेश, e = 1.6 x 10-19 कूलॉम
माना n इलेक्ट्रॉन गुजर रहे होंगे।

अतः प्रति सेकण्ड 1.25 x 1018 मुक्त इलेक्ट्रॉन गुजरेंगे।

प्रश्न 4. ताँबे के एक तार में होकर 2.5x 1018 मुक्त इलेक्ट्रॉन प्रति सेकण्ड प्रवाहित हो रहे हैं। चालक में धारा का मान ज्ञात कीजिए। (e = 1.6x 10-19 कूलॉम)
हल :
चालक में विद्युत आवेश = प्रति सेकण्ड प्रवाहित इलेक्ट्रॉनों की संख्या x एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश
या q =ne= 2.5 x 1018 × 1.6 x 10-19
=4.0 x 10-1 कूलॉम = 0.4 कूलॉम
∵ प्रवाहित आवेश, q =i x t
∴ 0.4 =i x 1 या i = 0.4 ऐम्पियर
∴ विद्युत धारा, i. =0.4 ऐम्पियर

प्रश्न 5. एक धनावेशित तथा एक ऋणावेशित गोले को ताँबे के तार से जोड़ने पर गोलों के उदासीन होने में 1.0 मिली सेकण्ड का समय लगता है तथा इस समय में तार से होकर 200 माइक्रो कूलॉम आवेश गुजर जाता है। तार में प्रवाहित धारा का औसत मान ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार,
1. समय, 1 = 1.0 मिली सेकण्ड = 1.0 x 10-3 सेकण्ड
2. आवेश, q= 200 माइक्रो कूलॉम = 200 x 10-6 कूलॉम

प्रश्न 6. एक चालक में होकर 0.5 कूलॉम का आवेश प्रवाहित होने में 3.0 जूल ऊर्जा का ह्रास होता है। चालक के सिरों का विभवान्तर ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्नानुसार, आवेश q= 0.5 कूलॉम
ऊर्जा की कमी = कार्य W = 3.0 जूल
हम जानते हैं कि

प्रश्न 7. एक चालक के सिरों का विभवान्तर 1.5 वोल्ट है तथा उसमें धारा प्रवाहित होने से 20 सेकण्ड में 15 जूल ऊर्जा प्राप्त होती है। चालक में प्रवाहित धारा की गणना कीजिए।
हल: 20 सेकण्ड में प्रवाहित आवेश

प्रश्न 8. एक प्रतिरोधक में 0.5 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित करने से 2.5 वोल्ट का विभवान्तर उत्पन्न होता है। तार के सिरों पर 1.0 वोल्ट विभवान्तर उत्पन्न करने के लिए उसमें कितनी धारा प्रवाहित करनी होगी?
हल:
प्रश्नानुसार,
विद्युत धारा (i) = 0.5 ऐम्पियर
प्रथम विभवान्तर V = 2.5 वोल्ट
द्वितीय विभवान्तर V’ = 1.0 वोल्ट
∵ ओम के नियम से,
V=iR
∴ R = V/i=2.5/0.5 = 5 ओम
पुनः 1 वोल्ट का विभवान्तर उत्पन्न करने के लिए R का मान 5 ओम ही रहेगा।

i=V′/R=1/5 = 0.2 ऐम्पियर
अतः 0.2 ऐम्पियर की विद्युत धारा प्रवाहित करनी पड़ेगी।

प्रश्न 9. एक चालक में 0.5 A धारा प्रवाहित होती है तथा उसके सिरों का विभवान्तर 2 वोल्ट है, चालक का प्रतिरोध बताइये।
हल:
प्रश्नानुसार, चालक में प्रवाहित धारा I = 0.5A
विभवान्तर V =2 Volt
चालक का प्रतिरोध R = ?
ओम के नियमानुसार R = V/I=2/0.5
I 0.5 अतः चालक का प्रतिरोध 4 ओम होगा।

प्रश्न 10. एक सेल का विद्युत वाहक बल 1.45 वोल्ट तथा आन्तरिक प्रतिरोध 0.5 ओम है। इस सेल से 2.4 ओम का बाह्य प्रतिरोध जोड़ने से सेल का विभवान्तर कितना रह जायेगा ?
हल:
बाह्य प्रतिरोध में विद्युत धारा,
i = E/R+r=1.45/(2.4+0.5) ऐम्पियर
1.45/2.9 =0.5 ऐम्पियर
ओम के नियम से,
विभवान्तर V= iR= 0.5 x 2.4 वोल्ट = 1.2 वोल्ट उत्तर

प्रश्न 11. 15 C आवेश को दो बिन्दुओं के बीच विस्थापित करने में कितना कार्य किया जाएगा, जबकि इन बिन्दुओं के बीच 12V का विभवान्तर है ? हल : दिया है विस्थापित आवेश q= 15 C तथा
बिन्दुओं के बीच विभवान्तर V = 12V
∴ सूत्र V= 6 से,
किया गया कार्य W=QV = 15 C x 12V = 180 J

प्रश्न 12. कोई विद्युत हीटर किसी स्रोत से 4 A की धारा लेता है तो इसके सिरों के बीच विभवान्तर 60 V होता है। यदि विभवान्तर को बढ़ाकार 120 V कर दिया जाए तो हीटर कितनी धारा लेगा ?
हल:
प्रथम स्थिति में-
हीटर द्वारा ली गई धारा I1 = 4A
हीटर के सिरों का विभवान्तर V1 =60V

द्वितीय स्थिति में –
विभवान्तर V2 =120V
ली गई धारा I2 = ?
प्रथम दशा से, ‘
हीटर की कुण्डली का प्रतिरोध

प्रश्न 13. एक धातु का विशिष्ट प्रतिरोध 40 x 10-8 ओम मीटर है। बताइए कि 2 x 10-4 वर्ग मीटर परिच्छेद क्षेत्रफल की तार की एक कुण्डली बनाने के लिए कितने लम्बे तार की आवश्यकता होगी? जबकि धातु का प्रतिरोध 4.8 ओम है।
हल:
प्रश्नानुसार, धातु का विशिष्ट प्रतिरोध
ρ = 40 x 10-8 Ω m
तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल
A = 2 x 10-4 वर्ग मीटर
प्रतिरोध R = 4.8Ω
चालक तार की लम्बाई = ?

प्रश्न 14. यदि किसी तार को खींचकर उसकी लम्बाई तीन गुनी कर दी जाय तो उसका प्रतिरोध कितना होगा?
हल:
प्रश्नानुसार, l1 = l ,l2,=3l,
R1 =R, R2 = ?
∵ तार का आयतन समान रहेगा अतः

प्रश्न 15. नाइक्रोम का विशिष्ट प्रतिरोध 9.5 x 10-7 ओम-मीटर है। इस धातु के बने तथा 0.5 मिमि व्यास के तार की कितनी लम्बाई लेने से 19 ओम का प्रतिरोध प्राप्त होगा?
हल:
प्रश्नानुसार, नाइक्रोम का विशिष्ट प्रतिरोध, p= 9.5 x 10-7 ओम-मीटर
तार का व्यास = 0.5 मिमी = 5x 10-4 मीटर
प्रतिरोध, R = 19 ओम
तार की त्रिज्या r =  व्यास/2 = 5×10-4/2
= 2.5 x 10-4 मीटर
∴ तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A = πr²
∵ R = ρl A (सूत्र)
∴ l = RA/ρ=19×3.14×(2.5×10-4)2/9.5×10-7
19×3.14×2.5×2.5/95 = 3.925 मीटर
∴ तार की लम्बाई = 3.925 मीटर

प्रश्न 16. समान लम्बाई के दो तारों के व्यासों का अनुपात 2 : 3 है। यदि पहले तार का प्रतिरोध 3.6 ओम हो, तो दूसरे तार का प्रतिरोध कितना होगा?

प्रश्न 17. दो विभिन्न धातुओं के तार समान लम्बाई और समान व्यास के हैं। इन तारों के प्रतिरोध 2 ओम तथा 2.5 ओम हैं। पहले तार की धातु का विशिष्ट प्रतिरोध 4.4 x 10-7 ओम-मीटर है , तो दूसरे तार की धातु का विशिष्ट प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार पहले तार का प्रतिरोध, R1 = 2.0 ओम
दूसरे तार का प्रतिरोध, R2 = 2.5 ओम
पहले तार की धातु का विशिष्ट प्रतिरोध ρ1 = 4.4 x 10-7 ओम-मीटर
माना दूसरे तार की धातु का विशिष्ट प्रतिरोध ρ2 है।

R1 = ρ1 l1/A1 , तथा R2= ρ1 l2/A2,
जबकि l1, और l2, लम्बाइयाँ तथा A1 और A2 तारों के परिच्छेद क्षेत्रफल हैं। .
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 26

प्रश्न 18. एक परिपथ में 10Ω, 6Ω, तथा 4Ω के तीन प्रतिरोधक श्रेणी क्रम में संयोजित हैं । पूरे संयोजन का विभवान्तर 10 वोल्ट है। प्रत्येक में धारा एवं विभवान्तर ज्ञात कीजिए।
हल : परिपथ में कुल धारा
I = V/R=V/R1+R2+R3
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 27
∵ श्रेणी क्रम में संयोजन में सभी प्रतिरोधों में समान धारा बहती है।
∵10Ω के प्रतिरोधक का विभवान्तर
V1 = IR1 = 0.5 ऐम्पियर x 10 ओम = 5.0 वोल्ट
6Ω के प्रतिरोधक का विभवान्तर
V2 = IR2 = 0.5 ऐम्पियर x 6 ओम = 3.0 वोल्ट 4Ω के प्रतिरोधक का विभवान्तर
V3 = IR3 = 0.5 ऐम्पियर x 4 ओम = 2.0 वोल्ट

प्रश्न 19. संलग्न चित्र में AB के मध्य तुल्य प्रतिरोध तथा धारा का मान बताइए। 
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत 28
हल : 2Ω तथा 2Ω के दो प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं अतः इनका
तुल्य प्रतिरोध R1 = 2+2=40Ω
R2 = 2+2 = 4Ω
4Ω तथा 4Ω के प्रतिरोध समान्तर क्रम में हैं ।
अतः इनका तुल्य प्रतिरोध
1/R=1/R1+1/R2
1/R=1/4+1/4=1/2
∴ R=2Ω
अत: A तथा B के मध्य तुल्य प्रतिरोध R = 2 Ω होगा।
प्रवाहित धारा (I) = V/R=6/2 = 3A

प्रश्न 20. दिए गए परिपथ चित्र संयोजन में 100 प्रतिरोध से प्रवाहित धारा I, ज्ञात कीजिए। 

उत्तर-चूँकि 5Ω व 10Ω के प्रतिरोध समान्तर क्रम में हैं
अतः तुल्य प्रतिरोध 1/Req=1/5+1/10
Req = 10/3Ω
I = 12/10×3 = 3.6 A
∴ I1 x 5 = I2= x 10 (पार्श्वक्रम में विभवान्तर समान होता है)
∴ I1 = I2
∴ I = I1 + I2
3.6 = 2 I2 + I1
=3 I2 = 3.6
I2 = 1.2A
अत: A तथा B के मध्य तुल्य प्रतिरोध R=2Ω होगा। उत्तर

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत

महत्त्वपूर्ण प्रायोगिक क्रियाकलाप

प्रयोग 1. ओम के नियम का अध्ययन करना तथा उसे सिद्ध करना ।
आवश्यक सामग्री- वोल्टमीटर, ऐमीटर, धारा नियंत्रक / परिवर्तक चाबी, प्रतिरोध, बैटरी / सेल, संयोजक तारें, निक्रोम तार ।
विधि – (i) चित्र में दिखाए अनुसार एक परिपथ को सैट करें ।
(ii) निक्रोम तार को प्रतिरोधक तार के रूप में प्रयोग करें ।
(iii) परिपथ में धारा स्रोत के रूप में पहले एक सेल का ही प्रयोग करें ।
ऐमीटर से धारा का मान नोट करें तथा निक्रोम के तार सिरों के बीच विभवांतर को वोल्टमीटर ” से नोट करें ।
(iv) इसके पश्चात् परिपथ में दो सेल जोड़ें तथा ऐमीटर तथा वोल्टमीटर का पाठ्यांक नोट करें ।
(v) अलग-अलग तीन व चार सेलों का प्रयोग करते हुए प्रयोग को दोहराएँ ।
(vi) विभवांतर (V) तथा विद्युत धारा (I) के प्रत्येक युगल के लिए / तथा I का अनुपात ज्ञात करें । अवलोकन तथा परिणाम – Vतथा / का अनुपात स्थिर रहता है। इससे सिद्ध होता है कि V, I के अनुक्रमानुपाती है जो ओम के नियम को सिद्ध करता हैं ।
प्रयोग 2. विभिन्न पदार्थों का प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होता है |
आवश्यक सामग्री – ऐमीटर, बैटरी, चाबी, निक्रोम, 10W बल्ब, टॉर्च बल्ब, संपर्क तारें आदि ।
विधि – (i) परिपथ को चित्र के अनुसार सैट कीजिए ।
(ii) चार शुष्क सेलों को श्रेणीक्रम में ऐमीटर से संयोजित करके परिपथ में एक अंतराल XY छोड़कर एक परिपथ बनाएँ।
(iii) अंतराल XY में निक्रोम तार को जोड़कर परिपथ को पूरा कीजिए | कुंजी लगाइए तथा ऐमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए ।
(iv) फिर निक्रोम तार के स्थान पर अंतराल XY में टॉर्च बल्ब को परिपथ में जोड़िए तथा ऐमीटर से पाठ्यांक लेकर बल्ब से प्रवाहित विद्युत धारा मापिए ।
(v) इसके उपरांत अंतराल XY में 10 W का बल्ब लगाकर क्रियाकलाप दोहराएँ ।
अवलोकन : विभिन्न पदार्थों / घटकों के लिए ऐमीटर का पाठ्यांक भिन्न-भिन्न है ।
निष्कर्ष– विभिन्न प्रतिरोधकों के लिए धारा का मान भिन्न-भिन्न है।
प्रयोग 3. विभिन्न कारकों का अध्ययन करना जिन पर चालक का प्रतिरोध निर्भर करता है l
आवश्यक सामग्री-रोमीटर, बैटरी, कुंजी, निक्रीम तार, संपर्क तारें। विधि
(i) परिपथ को चित्र में दिखाए अनुसार पूरा करके निक्रोम को ‘1’ के स्थान पर प्रयोग करें।
(ii) फिर प्लग में कुंजी लगाइए तथा ऐमीटर में विद्युत धारा नोट करें।
(iii) इस निक्रोम तार की अन्य निक्रीम तार जिसकी मोटाई उतनी ही हो तथा लंबाई दोगुनी हो, से प्रतिस्थापित कर दें अर्थात तार की लंबाई 2l लें।
(iv) ऐमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए।
(v) फिर इस तार को / लंबाई के मोटे निक्रीम तार से प्रतिस्थापित कर दें।
परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा को नोट करें।
(vi) फिर निक्रीम के स्थान पर ताँव का तार जोड़िए। यह तार (1) स्थिति में जुड़े निक्रोम तार के समान लंबा व मोटा होना चाहिए।
(vii) विद्युत धारा का मान नीट करें।
अवलोकन – विद्युत धारा का मान प्रत्येक स्थिति में भिन्न है I
परिणाम/निष्कर्ष –
(i) प्रतिरोध तार की लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है।
Rl
(ii) प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है ।
R ∝ 1/A
(iii) प्रतिरोध पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है । यह विभिन्न पदार्थों के लिए भिन्न-भिन्न होता है ।
प्रयोग 4. जब प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया हो तो कुल प्रतिरोध ज्ञात करना ।
आवश्यक सामग्री – विभिन्न मान के विभिन्न (3-4) प्रतिरोधक, ऐमीटर, बैटरी, कुंजी, संपर्क तारें, वोल्टमीटर आदि ।
विधि –
(i) विभिन्न मानों के तीन प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़िए । चित्र में दिखाए अनुसार इन्हें एक बैटरी, एक ऐमीटर तथा एक प्लग कुंजी से परिपथ में संयोजित कीजिए ।
(ii) इन्हें 6 V की एक बैटरी से जोड़िए ।
(iii) कुंजी को प्लग में लगाइए तथा ऐमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए |
(iv) दो प्रतिरोधकों के बीच में ऐमीटर जोड़िए ।
हर बार ऐमीटर का पाठ्यांक नोट करें ।
(v) ऐमीटर के पाठ्यांक में परिवर्तन को नोट करें ।
अवलोकन- धारा के मान में कोई परिवर्तन नहीं होता है ।
निष्कर्ष / परिणाम – जब प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है तो धारा का मान एक जैसा ही रहता है ।
प्रयोग 5. जब प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है, तो सिद्ध करना
V= V1 + V2 + V3 + ……………….
आवश्यक सामग्री – विभिन्न मान के तीन प्रतिरोधक, तीन वोल्टमीटर, ऐमीटर, कुंजी, बैटरी ।
विधि – (i) तीन प्रतिरोधकों के श्रेणीक्रम संयोजन के सिरों X तथा Y के बीच एक वोल्टमीटर लगाइए ।
(ii) परिपथ में प्लग कुंजी लगाइए तथा वोल्टमीटर का पाठ्यांक नोट कीजिए। इससे हमें श्रेणीक्रम संयोजन के सिरों के बीच विभवांतर ज्ञात होता है । मान लीजिए यह V है । अब बैटरी के दोनों टर्मिनलों के बीच विभवांतर नोट कीजिए । इन दोनों मानों की तुलना कीजिए ।
(iii) प्लग से कुंजी निकालिए तथा वोल्टमीटर को भी परिपथ से हटा दीजिए। फिर वोल्टमीटर को पहले प्रतिरोधक के सिरों X तथा P के बीच जोड़िए जैसा कि चित्र में दिखाया गया है ।
(iv) प्लग में कुंजी लगाइए तथा पहले प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापिए । मान लीजिए यह V1 है।
(v) इसी प्रकार अन्य दो प्रतिरोधकों के सिरों के बीच पृथक-पृथक विभवांतर मापिए ।
मान लीजिए ये मान क्रमशः V2 तथा V3 हैं |
(vi)  V, V1, V2 तथा V3 के बीच संबंध व्युत्पन्न कीजिए ।
अवलोकन – (i) V1, V1 तथा V3 का मान भिन्न है।
(ii) V1, V1 तथा V13 का मान V से कम है।
(iii) परिपथ का कुल विभवांतर, Vतीनों विभवांतरों के योग के समान है।
परिणाम / निष्कर्ष- V = V1+ V2 + V3
श्रेणीक्रम में संयोजित प्रतिरोधकों का कुल विभवांतर, एकल रूप से सभी प्रतिरोधकों के विभवांतर के योग के बराबर होता है।

Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 12 विद्युत

→ विद्युत धारा (Electric current)-विद्युत एक बहुउपयोगी, सुविधाजनक, नियंत्रित कर सकने योग्य महत्वपूर्ण ऊर्जा है, विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं।

→ विद्युत धारा को i= q/t सूत्र से व्यक्त करते हैं। विद्युत धारा का मात्रक ऐम्पियर है।

→ विभवान्तर (Potential difference) किसी विद्युत परिपथ में इलेक्ट्रॉनों को प्रवाहित करने के लिए किसी सेल या। बैटरी का प्रयोग करते हैं, सेल अपने सिरों के बीच विभवान्तर उत्पन्न करता है। दो बिन्दुओं के बीच 1 कूलॉम आवेश | को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में यदि 1 जूल कार्य किया जाए तो उन दोनों बिन्दुओं के बीच विभवान्तर 1 वोल्ट होगा।

→ किसी धारावाही विद्युत परिपथ के दो बिन्दुओं के बीच विद्युत विभवान्तर को हम उस कार्य द्वारा परिभाषित करते हैं। जो एकांक आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक लाने में किया जाता है।
V=W/q ; विद्युत विभवान्तर का मात्रक वोल्ट है।

→ ओम का नियम (Ohm’s law)-किसी धातु के तार में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा उस तार में सिरों के बीच विभवान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है, परन्तु तार,का ताप समान रहना चाहिए। इसे ओम का नियम कहते हैं।
V∝ I अथवा V/I =R (नियतांक)

→ धारा नियंत्रक (Current Controller)-किसी विद्युत परिपथ में परिपथ के प्रतिरोध को परिवर्तित करने के लिए। । धारा नियंत्रक का उपयोग किया जाता है।

→ प्रतिरोध (Resistance) किसी चालक का वह गुण जिसके कारण वह अपने में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा का विरोध करता है, प्रतिरोध कहलाता है। इसका SI मात्रक ओम (Ω) है।

→ किसी धातु के एक समान चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के अनुक्रमानुपाती तथा उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाती होता है। R= ρ l/A ρ को वैद्युत प्रतिरोधकता या विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं, इसका SI मात्रक Ω m है।

→ श्रेणी संयोजन (Series combination)-यदि प्रतिरोधों के एक सिरे से दूसरे सिरे को जोड़ा जाये तो यह श्रेणीक्रम संयोजन कहलाता है।

→ श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध R = R1+ R2 + R3 +……………सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

→ पावक्रम संयोजन (Parallel combination)-प्रतिरोधकों का ऐसा संयोजन जिसमें प्रतिरोधक एक साथ दो बिन्दुओं के मध्य संयोजित हो, पार्श्वक्रम संयोजन या समानान्तर संयोजन कहलाता है।

→ पावक्रम संयोजन में कुल विद्युत धारा I = I1+I2 + I3 +……………. से प्रदर्शित की जाती है।

→ पार्श्वक्रम में तुल्य प्रतिरोध 1/R=1/R1+1/R2+1/R3 + …………… सूत्र से प्रदर्शित किया जाता है।

→ जूल का तापन नियम (Joules heating effect law)-जूल के तापन नियमानुसार किसी प्रतिरोधक में उत्पन्न होने वाली ऊष्मा निम्नलिखित दशाओं पर निर्भर करती है –

  • दिए गए प्रतिरोधक में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है।
  • दी गई विद्युत धारा के लिए प्रतिरोध के अनुक्रमानुपाती होती है, तथा
  • उस समय के अनुक्रमानुपाती होती है जिसके लिए दिए गए प्रतिरोध से विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
    H=i2Rt

→ विद्युत शक्ति (Electric power)-ऊर्जा के उपभुक्त होने की दर शक्ति कहलाती है- P= i2 R= V2/R =Vi विद्युत शक्ति का मात्रक वॉट (W) है।

→ यदि 1 A विद्युत धारा को 1 V विभवान्तर पर प्रचालित किया जाता है तो शक्ति 1 वॉट होती है
1 वॉट = 1 वोल्ट x 1 ऐम्पियर

→ विद्युत ऊर्जा (Electrical energy)-विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक किलोवॉट घण्टा (kWh) है।
kWh = 36,00,000 J= 3.6 x 106J.

The Complete Educational Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *