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Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

अध्याय संबंधी महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ/शब्दावली
1. अम्ल (Acids) – वे पदार्थ जो जलीय विलयन में H+ आयन प्रदान करते हैं, अम्ल कहलाते हैं। ये स्वाद में खट्टे होते हैं तथा नीले लिटमस को लाल कर देते हैं ।
2. क्षारक ( Bases ) – वे पदार्थ जो जलीय विलयन में OH आयन प्रदान करते हैं, क्षारक कहलाते हैं। ये स्वाद में कड़वे होते हैं तथा लाल लिटमस को नीला कर देते हैं ।
3. लवण (Salts) – जब एक अम्ल किसी क्षार या धातु के साथ क्रिया करता है, तब, जो यौगिक बनते हैं उन्हें लवण कहते हैं।
4. उदासीनीकरण (Neutralisation) – जब एक अम्ल किसी क्षार के साथ क्रिया करता है तब लवण व जल बनता है, यह क्रिया उदासीनीकरण कहलाती है, क्योंकि अम्लीयता तथा क्षारीयता का गुण उदासीन हो जाता है ।
5. क्षार (Alkalies) – वे क्षारक जो जल में घुलनशील होते हैं, उन्हें क्षार कहते हैं ।
6. सूचक (Indicators) – वे पदार्थ जिनका रंग क्षारीय व अम्लीय माध्यम में परिवर्तित हो जाता है, सूचक कहलाते हैं ।
7. सार्वत्रिक सूचक (Universal Indicator) – यह अनेक सूचकों का मिश्रण होता है जैसे – pH सूचक ।
8. pH स्केल (pH Scale)- एक स्केल जो किसी विलयन में H+ आयनों की सांद्रता का पता लगाती है, pH स्केल कहते हैं ।
9. pH – किसी विलयन में H+ आयन H3O+ आयनों की सांद्रता का ऋणात्मक लघुगुणक है ।
10. pH पेपर (pH Paper) – फिल्टर पेपर जिसे सार्वत्रिक सूचक में डुबोया गया हो ।
11. उदासीन विलयन (Neutral Solutions) – वे विलयन जिनकी प्रकृति न तो अम्लीय होती है और न ही क्षारीय, उदासीन विलयन कहलाते हैं ।
12. प्रति अम्ल (Antacids) – वे पदार्थ जिन्हें अम्लों को उदासीन करने के लिए प्रयोग किया जाता है, प्रति-अम्ल कहलाते हैं।
13. ब्राइन (Brine) – सोडियम क्लोराइड का अति सांद्रित घोल ।
14. क्रिस्टलन का जल (Water of Crystallization) – अम्लों के साथ रासायनिक दृष्टि से जुड़े जल के अणु जो लवण के क्रिस्टलों को एक विशेष रंग प्रदान करते हैं।
15. लिटमस घोल (Litmus Solution ) – यह लाइकन (जो एक शैवाल तथा फफूंद का सहजीवन होता है) से प्राप्त बैंगनी रंग का एक द्रव्य होता है, जिसे अम्ल – क्षार सूचक के रूप में प्रयोग किया जाता है ।
16. संश्लेषित सूचक (Synthetic Indicators) वे सूचक जिनको प्रयोगशाला में संश्लेषित किया जा सकता है, जैसे फीनॉल्फथेलिन, मेथिल ऑरेंज आदि ।
17. अकार्बनिक अम्ल (Mineral Acids) – वे अम्ल जिन्हें खनिजों; जैसे क्लोराइडस, सल्फ़ेट्स, नाइट्रेट्स आदि से तैयार किया जाता है, उन्हें अकार्बनिक अम्ल कहते हैं ।
18. कार्बनिक अम्ल (Organic Acids) – अम्ल जो प्राकृतिक रूप से पौधों तथा जंतुओं में पाए जाते हैं, कार्बनिक अम्ल कहलाते हैं। उदाहरण के लिए – नींबू के रस में सिटरिक अम्ल होता है ।
19. आयनीकरण (Ionisation) – किसी जलीय विलयन में आयनों के बनने की क्रिया आयनीकरण कहलाती है।
20. हाइड्रोनियम आयन (Hydronium Lons) – किसी जलीय विलयन में H+ आयन, H3O+ के रूप में पाए जाते हैं ।
21. pH मीटर (pH Meter) – यह एक उपकरण है जिसका उपयोग किसी विलयन की pH ज्ञात करने के लिए किया जाता है l
22. प्रबल अम्ल ( Strong Acids) – वे अम्ल जो जलीय विलयन में पूर्णतया आयनीकृत हो जाते हैं, प्रबल अम्ल कहलाते हैं; जैसे अकार्बनिक अम्ल ।
23. दुर्बल अम्ल (Weak Acids) – अम्ल जो जलीय घोल में केवल आंशिक रूप से आयनीकृत होते हैं, दुर्बल अम्ल कहलाते हैं; जैसे कार्बनिक अम्ल ।
24. सामान्य लवण (Common Salt) – सोडियम क्लोराइड – NaCl
25. धावन सोडा (Washing Soda)- सोडियम कार्बोनेट- Na2CO3 · 10H2O
26. मीठा सोडा / खाने का सोडा (Baking Soda) – सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट- NaHCO3
27. विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder) – कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड – CaOCl2
28. प्लास्टर ऑफ पेरिस (Plaster of Paris) – कैल्सियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट – CaSO3 · ½ H2O
पाठ एक नज़र में

1. अम्ल स्वाद में खड़े होते हैं और नीले लिटमस का रंग लाल कर देते हैं, जबकि क्षार स्वाद में कड़वे होते हैं और लाल लिटमस का रंग नीला कर देते हैं ।
2. लिटमस एक प्राकृतिक सूचक है जिसे लाइकन से प्राप्त किया जाता है।
3. मेथिल ऑरेंज तथा फोनॉल्फथेलिन सश्लिष्ट सूचक हैं ।
4. HCI, HNO3 तथा H2SO4 प्रबल अकार्बनिक अम्ल हैं, जबकि KOH तथा NaOH प्रबल क्षार हैं ।
5. अनेक धातुएँ अम्लों से क्रिया करके लवण व H2 गैस बनाती हैं।
6. कुछ क्रियाशील धातुएँ; जैसे जिंक प्रबल क्षारों; जैसे NaOH के साथ क्रिया करके H2 गैस बनाती हैं।
7. धातु कार्बोनेट अथवा धातु बाइकार्बोनेट अम्लों के साथ क्रिया करके CO2 गैस उत्पन्न करते हैं ।
8. अम्ल और क्षार एक-दूसरे के साथ क्रिया करके लवण व जल बनाते हैं, इस क्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।
9. धातु ऑक्साइड जिनकी प्रकृति क्षारीय होती है, अम्लों के साथ क्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं ।
10. अधात्विक ऑक्साइड; जैसे CO2 जिनकी प्रकृति अम्लीय होती है, क्षारों के साथ क्रिया करके लवण व जल बनाते हैं।
11. अम्ल जल में आयनीकृत होकर विद्युत का चालन करते हैं।
12. जब अम्लों को जल में बूँद-बूँद करके डाला जाता है तो H+ आयन उत्पन्न होते हैं जो जल के अणु (H2O) के साथ मिलकर हाइड्रोनियम (H3O+) आयन उत्पन्न करते हैं।
13. क्षार जब जल में विलय होते हैं तो OH आयन प्रदान करते हैं ।
14. हमें एक प्रबल अम्ल में जल नहीं डालना चाहिए, बल्कि जल में अम्ल बूँद-बूँद करके डालना चाहिए ।
15. जल में अम्ल क्षार के मिलाने से H3O+/OH आयनों के प्रति इकाई आयतन में कमी आ जाती है। इस प्रक्रिया को तनुकरण क्रिया कहते हैं।
16. किसी विलयन (अम्ल या क्षार) का pH उस अम्ल क्षार की प्रबलता को प्रदर्शित करता है ।
17. उदासीन विलयन का pH मान 7 होता है। 7 से कम pH मान का अर्थ है अम्लीय और 7 से अधिक pH मान का अर्थ है क्षारीय |
18. अम्लों व क्षारों की प्रबलता उनके द्वारा उत्पन्न H+ आयन या OH आयन की मात्रा पर निर्भर करती है ।
19. जीवों के जल में या मृदा में रहने के लिए उचित pH आवश्यक है ।
20. लवणों की प्रकृति अम्लीय या क्षारीय हो सकती है। प्रबल अम्लों व दुर्बल क्षारों के लवण अम्लीय होते हैं और प्रबल क्षारों व दुर्बल अम्लों के लवण क्षारीय प्रकृति के होते हैं।
21. साधारण नमक एक महत्त्वपूर्ण यौगिक है। यह एक उदासीन लवण है तथा अनेकों रासायनिक यौगिकों के संश्लेषण में प्रयुक्त होता है।
22. NaOH को साधारण नमक से क्लोर एल्कली विधि द्वारा तैयार किया जाता है ।
23. धावन सोडा और बेकिंग सोडा को सॉल्वे विधि द्वारा सोडियम क्लोराइड से तैयार किया जाता है।
24. सामान्यतः अधिकतर लवणों का रंग उनमें उपस्थित क्रिस्टलन के जल के कारण होता है ।
25. प्लास्टर ऑफ पेरिस को जिप्सम (CaSO4 ·2H2O) को गर्म करके प्राप्त करते हैं जो रासायनिक दृष्टि से कैल्सियम सल्फ़ेट हेमिहाइड्रेट है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 20)

प्रश्न 1. आपको तीन परखनलियाँ दी गयी हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में पदार्थ की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर- जिस परखनली में क्षारीय विलयन है वह लाल रंग के लिटमस पत्र को नीले रंग में परिवर्तित कर देता है। अब इस नीले लिटमस पत्र को बची हुई दोनों परखनलियों में डालते हैं। यदि नीला लिटमस पत्र पुनः लाल हो रहा है तो उस परखनली में अम्ल है तथा जिस परखनली में नीले लिटमस का रंग परिवर्तित नहीं हो रहा है वह आसवित जल है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 24) .

प्रश्न 1. पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर- दही एवं खट्टे पदार्थ अम्लीय होते हैं जोकि पीतल एवं ताँबे के बर्तनों के साथ अम्ल अभिक्रिया करके लवण बनाते हैं, जो विषैले होते हैं। इस कारण दही तथा अन्य खट्टे पदार्थों को पीतल तथा ताँबे के बर्तनों में नहीं रखना चाहिए।

प्रश्न 2. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन- गैस निकलती है ? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। : गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर- जब एक अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो सामान्यतः हाइड्रोजन गैस विमुक्त होती है। उदाहरण के लिए, जिंक पर सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया से जिंक सल्फेट तथा हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
Zn (s) + H2SO4 (aq) →ZnSO4 + H2T.
हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति की जाँच के लिए गैस के समीप एक जलती हुई मोमबत्ती ले जाने पर यदि गैस धमाके की आवाज के साथ जलती है तो यह हाइड्रोजन गैस है।

प्रश्न 3. कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस एक जलती हुई मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है तो इस अभिक्रिया के लिए एक सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर- धातु यौगिक ‘A’ कैल्सियम कार्बोनेट होगा। उत्पन्न गैस कार्बन डाइऑक्साइड है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 27)

प्रश्न 1. HCl, HNO3, आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं ?
उत्तर- HCl, HNO3, आदि जलीय विलयनों में अम्लीय गुण प्रदर्शित करते हैं क्योंकि ये विलयन में केवल हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न करते हैं। अम्लीय गुण के लिए हाइड्रोजन आयन ही कारण हैं। ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज जलीय विलयनों में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न नहीं करते, अतः इनके विलयन अम्लीय गुण प्रदर्शित नहीं करते।

प्रश्न 2. अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है ?
उत्तर- अम्ल के जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न होते हैं जो कि विद्युत धारा के प्रवाह के लिए उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 3. शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है ? –
उत्तर- शुष्क HCl गैस H+ आयन उत्पन्न नहीं करती, क्योंकि HCl अणु से H+ आयनों का निष्कासन जल की अनुपस्थिति में नहीं हो पाता है। इस कारण से H+ आयनों की अनुपस्थिति अर्थात् अम्लीय गुण की अनुपस्थिति के कारण शुष्क लिटमस पत्र का रंग परिवर्तित नहीं होता है।

प्रश्न 4. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में ?.
उत्तर- अम्ल को तनुकृत करने के दौरान इसमें जल कभी भी नहीं मिलाना चाहिए क्योंकि अम्ल को जल में मिलाने पर उत्पन्न ऊष्मा बहुत अधिक होती है जिसके कारण मिश्रण पात्र से बाहर भी आ सकता है तथा समीप खड़े व्यक्ति को हानि पहुँच सकती है।

प्रश्न 5. अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सान्द्रता कैसे प्रभावित हो जाती है ?
उत्तर- अम्ल को तनुकृत करने पर उसमें उपस्थित अनआयनित जल की मात्रा तो बढ़ती है परंतु H3O+ की मात्रा वही रहती है, परिणामस्वरूप H3O+ की सान्द्रता लगातार घटती जाती है।

प्रश्न 6. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में अधिक क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सान्द्रता कैसे प्रभावित होती है ?
उत्तर- हाइड्रॉक्साइड आयनों (OH) की सान्द्रता बढ़ जाती है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं.31)

प्रश्न 1. आपके पास दो विलयन ‘A’ तथा ‘B’ हैं। विलयन A के pH का मान 6 है एवं विलयन B के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता अधिक है ? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
उत्तर- विलयनं ‘A’ में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता अधिक है।
विलयन ‘A’ (pH = 6) अम्लीय है। विलयन ‘B’ (pH = 8) क्षारीय है।

प्रश्न 2. H+ (aq) आयन की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर- H+ (aq) आयनों की सान्द्रता जितनी अधिक होती है, अम्ल उतना ही प्रबल होता है।

प्रश्न 3. क्या क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयन होते हैं? यदि हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं ?
उत्तर- हाँ, क्षारकीय विलयनों में भी H+ (aq) आयन होते हैं फिर भी ये क्षारकीय होते हैं क्योंकि इनमें हाइड्रॉक्साइड आयनों (OH ) की सान्द्रता H+ (aq) आयनों से बहुत अधिक होती है।

प्रश्न 4. कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड) बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर- किसान अपने खेत की मिट्टी को बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड) या बुझे हुए चूने (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) के साथ तब उपचारित करेगा जब मिट्टी में अम्लों की मात्रा आवश्यक मात्रा से अधिक होगी।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 36)

प्रश्न 1. CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है ?
उत्तर- ब्लीचिंग पॉउडर।

प्रश्न 2. उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
उत्तर- शुष्क बुझा हुआ चूना।

प्रश्न 3. कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर- धावन सोडा (सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट) NaCO3.10H2O.

प्रश्न 4. सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा ? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर- सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्राप्त होती है।
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 3

प्रश्न 5. प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर-
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 4

HBSE 10th Class Scienceअम्ल, क्षारक एवं लवण InText Activity Questions and Answers

अभ्यास प्रश्न 

प्रश्न 1. कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH सम्भवतः क्या होगा ?
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d)10.
उत्तर-
(d) 10.

प्रश्न 2. कोई विलयन अण्डे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न कर जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है। इस विलय क्या होगा ?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl.
उत्तर-
(b) HCl.

प्रश्न 3. NaOH का 10 mL विलयन HCI के 8 mL विलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 mL लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCI के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी ?
(a) 4 mL
(b) 8 mL
(c) 12 mL
(d) 16 mL.
उत्तर-
(d) 16 mL.

प्रश्न 4. अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है ?
(a) एण्टीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड
(d) एण्टीसेप्टिक (प्रतिरोधी)।
उत्तर-
(c) ऐन्टैसिड। 2015

प्रश्न 5. निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द समीकरण लिखिए तथा उसके बाद सन्तुलित समीकरण लिखिए –
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर –
(a) जिंक + सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
Zn (s) + H2SO4 (aq) →ZnSO4+H2
(b) मैग्नीशियम + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Mg (s) + 2HCl (aq) → MgCl2(aq) + H2
(c) ऐलुमिनियम + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
2AI (s) +3H2SO4 (aq) →Al2(SO4)3(aq) +3H2 ↑
(d) आयरन + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → आयरन क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Fe (s) + 2HCl (aq) → FeCl2(aq) + H2 ↑

प्रश्न 6. ऐल्कोहॉल एवं ग्लुकोज जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होती है लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रियाकलाप द्वारा इसे सिद्ध कीजिए।
उत्तर- ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में हाइड्रोजन होती है पर वे विलयन में आयनीकृत नहीं होते और H+ आयन उत्पन्न नहीं करते। यह निम्नलिखित क्रियाकलाप से प्रदर्शित होता है –
क्रियाकलाप

  • एक कॉर्क में दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 mL के एक बीकर में रख देते हैं।
  • दोनों कीलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी से जोड़ देते हैं जो एक बल्ब तथा स्विच से भी सम्बद्ध हैं। यह समायोजन निम्न चित्र में दर्शाया गया है।

अब हम ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज के विलयनों को बारी-बारी से बीकर में डालते हैं तथा विद्युत प्रवाह हेतु स्विच चालू करते हैं।

प्रेक्षण व परिणाम (Observation and Result) हम यह पाते हैं कि बल्ब नहीं जलता अत: ग्लूकोज तथा ऐल्कोहॉल विलयनों में विद्युत चालन नहीं होता परन्तु अम्लों में विद्युत चालन सम्भव है। अत: ग्लूकोज एवं ऐल्कोहॉल को अम्लों में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 7. आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता, जबकि वर्षा का जल होता है ?
उत्तर- आसवित जल हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न नहीं करता है तथा यह उदासीन होता है। वर्षा जल अम्लीय होता है तथा हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न करता है। इस कारण से वर्षा जल विद्युत का चालन करता है।

प्रश्न 8. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है ?
उत्तर- जल की अनुपस्थिति में अम्लों से हाइड्रोजन आयनों (H+) का विलगन नहीं हो सकता है चूँकि हाइड्रोजन आयन ही अम्लों के अम्लीय व्यवहार के लिए उत्तरदायी हैं। अतः इसकी अनुपस्थिति में अम्ल, अम्लीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं कर सकते।

प्रश्न 9. पाँच विलयनों A, B, C, D व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमशः 4,1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन-सा विलयन :
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(c) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है?
(e) दुर्बल क्षारीय है?
pH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर –
(a) उदासीन – pH 7 वाला विलयन D
(b) प्रबल क्षारीय – pH 11 वाला विलयन C
(c) प्रबल अम्लीय – pH 1 वाला विलयन B
(d) दुर्बल अम्लीय – pH 4 वाला विलयन A
(e) दुर्बल क्षारीय – pH 9 वाला विलयन E :
हाइड्रोजन आयन सान्द्रता के बढ़ते क्रम में pH मान इस प्रकार व्यवस्थित होंगे
11<9<7<4<1
अर्थात् विलयन C < विलयन E < विलयन D < विलयन A< विलयन B

प्रश्न 10. परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लम्बाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) तथा परखनली ‘B’ में ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सान्द्रता समान है। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर- HCl युक्त परखनली A में सनसनाहट अधिक तेज होगी क्योंकि HCl ऐसीटिक अम्ल की तुलना में अधिक प्रबल अम्ल है, अर्थात् HCl अम्ल में हाइड्रोजन आयन सान्द्रता अधिक होती है।

प्रश्न 11. ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर- दूध के दही में परिवर्तित होने पर pH का मान 6 से कम हो जाएगा क्योंकि दूध की तुलना में दही अधिक अम्लीय होता है।

प्रश्न 12. एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताजे दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?
उत्तर-
(a) दूध बेचने वाला ताजे दूध के pH को 6 से थोड़ा क्षारीय तक स्थानान्तरित कर देता है क्योंकि ऐसा करने से दूध अधिक समय तक खराब नहीं होगा।
(b) यह दूध दही बनने में अत्यधिक समय लेता है क्योंकि दूध को क्षारीय से अम्लीय होने में अधिक समय लगेगा जबकि यदि दूध का pH 6 ही होता तो यह अपेक्षाकृत कम समय में ही दही में परिवर्तित हो जाता।

प्रश्न 13. प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर- प्लास्टर ऑफ पेरिस नमी (जल) के सम्पर्क में आने पर लेई जैसा पदार्थ बन जाता है तथा शीघ्रता से कठोर क्रिस्टलीय ठोस (जिप्सम) में परिवर्तित हो जाता है अतः प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में रखा जाना चाहिए।

प्रश्न 14. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।”
उत्तर- अम्ल एवं क्षार के मध्य अभिक्रिया होने पर लवण व जल प्राप्त होता है, इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
क्षार + अम्ल → लवण + जल उदाहरण
2KOH (aq) + H2SO4 (aq) →K2SO4 (aq) +2H2O(l)
NaOH (aq) + HCl (aq) →NaCl (aq) +H2O(l)

प्रश्न 15. धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर- धोने के सोडे के उपयोग-
1. जल की स्थायी कठोरता दूर करने में,
2. काँच, कागज व साबुन के निर्माण में। .
खाने के सोडे के उपयोग-1, प्रतिअम्ल (antacid) औषधि के घटक के रूप में, 2. भोज्य तथा पेय पदार्थों में योगात्मक के रूप में।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions) .

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. विलयन में किस आयन के निर्माण के कारण पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है-
(a) H+
(b) Cl 
(c) OH
(d) SO4-2
उत्तर-
(a) H+.

2. हमारा उदर कौन-सा अम्ल उत्पन्न करता है –
(a) H2SO4
(b) HNO3
(c) HCl
(d)NaOH.
उत्तर-
(c) HCl.

3. अम्ल –
(a) का स्वाद कड़वा होता है
(b) लाल लिटमस को नीला करता है
(c) कार्बोनेट को विघटित करता है
(d) का स्पर्श फिसलने वाला होता है।
उत्तर-
(c) कार्बोनेट को विघटित्त करता है।

4. तनु अम्ल से अभिक्रिया कर कौन-सा पदार्थ CO2 उत्पन्न नहीं करेगा –
(a) संगमरमर
(b) चूना
(c) चूना पत्थर
(d) मीठा सोडा।
उत्तर-
(b) चूना।

5. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के जलीय विलयन में उपस्थित है –
(a) H3O+ + Cl
(b) Cl+OH
(c) अनायनित HCl
(d) H3O+ + OH
उत्तर-
(b) Cl+OH.

6. निम्न में से कौन-सा क्षार नहीं है-
(a)NaOH
(b) KOH
(c)NH4OH
(d) C2H5OH.
उत्तर-
(d) C2H5OH.

7. जब पानी में थोड़ी मात्रा में किसी अम्ल को मिलाते हैं तो होने वाली परिघटनाएँ हैं –
(A) तनुकरण
(B) उदासीनीकरण
(C) H3O+ आयन बनना
(D) लवण निर्मित होना
इनमें से सही कथन है-
(a)A और C
(b)B और D
(c) A और B
(d) C और D
उत्तर-
(a) A और C

8. वे पदार्थ जिनकी गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती है, कहलाते हैं –
(a) गंधीय सूचक
(b) संश्लेषित सूचक
(c) लिटमस
(d) ये सभी सूचक।
उत्तर-
(a) गंधीय सूचक।

9. अम्ल तथा क्षारक की परस्पर क्रिया से लवण तथा पानी बनता है, यह क्रिया है-
(a) जल-अपघटन
(b) संयोजन
(c) उदासीनीकरण
(d) वैद्युत अपघटन।
उत्तर-
(c) उदासीनीकरण।

10. किसी विलयन की pH किसकी माप है
(a) हाइड्रोजन आयन सान्द्रता
(b) हाइड्रोनियम आयन सान्द्रता
(c) दोनों (a) व (b)
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) दोनों (a) व (b).

11. रक्त का pH मान है-
(a) 0
(b) 2
(c) 4
(d) 7.4.
उत्तर-
(d) 7.4.

12. pH चार्ट के अन्तिम सिरों पर दिखने वाले दो रंग हैं
(a) लाल और नीला
(b) लाल तथा हरा
(c) हरा और लाल
(d) नारंगी तथा हरा (CBSE 2016)
उत्तर-
(a) लाल और नीला।

13. चार छात्र A,B,C,D जल,नींबू पानी तथा तनुसोडियम बाइकार्बोनेट के विलयनों का pH निकालते हैं। उन्होंने प्रेक्षणों द्वारा प्राप्त pH के नामों को अवरोही क्रम में इस प्रकार व्यवस्थित किया विलयन
A . जल, नींबू पानी, सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन जल, सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन, नींबू पानी – नींबू पानी, जल, सोडियम बाइकार्बोनेट
विलयन D
सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन, जल,
नींबू पानी छात्र द्वारा सही क्रम है
(CBSE 2016)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
उत्तर-
(d) D

14. आपके विद्यालय के आस-पड़ोस में प्रयोग के लिए आवश्यक कठोर जल उपलब्ध नहीं है। आपके विद्यालय में उपलब्ध लवणों के नीचे दिए गए समूहों में से वह एक समूह चुनिए जिसके प्रत्येक सदस्य को आसुत जल में घोलने पर, वह उसे कठोर जल बना देगा –
(a) सोडियम क्लोराइड, कैल्सियम क्लोराइड
(b) पौटेशियम क्लोराइड, सोडियम क्लोराइड
(c) सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड
(d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड (CBSE 2016)
उत्तर-
(d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड

15. कोई छात्र 25 mL धारिता की चार परखनलियों P, Q, R और S लेकर प्रत्येक परखनली में 10 mL आसुत जल भरता है। वह इन परखनलियों में चार भिन्न लवणों का एक-एक चम्मच इस प्रकार मिलाता है-P में KCl; Q में NaCl; Rमें CaCl, तथा S में MgCl, I तत्पश्चात वह प्रत्येक परखनली में साबुन के विलयन के नमूने का लगभग 2 ml डालता है। प्रत्येक परखनली के पदार्थों की भली-भाँति हिलाने पर उसे जिन परखनलियों में भरपूर झाग मिलने की सम्भावना है, वे परखनलियाँ हैं-
(a) P और Q
(b) R और S
(c) P, Q और R
(d) P, Q और S (CBSE 2016)
उत्तर-
(a) P और Q

एक शब्द / वाक्यांश प्रश्न

प्रश्न 1. अम्लों का लिटमस पर प्रभाव क्या होता है?
उत्तर- अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है।

प्रश्न 2. लिटमस किस रंग का रंजक है?
उत्तर- बैंगनी रंग का।

प्रश्न 3. लिटमस किससे प्राप्त किया जाता है?
उत्तर- थैलोफाइटा समूह के लाइकेन (Lichen) पौधे से।

प्रश्न 4. गंधीय सूचक क्या हैं ?
उत्तर- जिन पदार्थों की गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है, उन्हें गंधीय सूचक कहते हैं।

प्रश्न 5. गंधीय सूचकों के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर- बारीक कटी प्याज, लौंग का तेल, तनु वैनीला एसेंस।

प्रश्न 6. हाइड्रोजन गैस किस प्रकार की ध्वनि से जलती
उत्तर- फट-फट (Pop sound) की ध्वनि से।

प्रश्न 7. चूने के पानी में CO2 गैस को प्रवाहित करने से क्या होता है ?
उत्तर- चूने का पानी दूधिया हो जाता है।

प्रश्न 8. चूने के पानी से अधिक CO2 गुजारने से चूने के पानी का दूधियापन किस कारण समाप्त हो जाता है ?
उत्तर- जल में विलयशील Ca(HCO3)2 के कारण।

प्रश्न 9. अधात्विक ऑक्साइड किस प्रकृति के होते हैं ?
उत्तर- अम्लीय प्रकृति के।

प्रश्न 10. ताँबे के बर्तन में दूध-दही क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर- ताँबे के बर्तन में दूध-दही रखने पर वे बर्तनों के साथ अम्ल अभिक्रिया करके विषैले यौगिक (लवण) बनाते हैं।

प्रश्न 11. अम्लों में विद्युत प्रवाह किस कारण होता है?
उत्तर- आयनों के कारण।

प्रश्न 12. अधिक आर्द्र गैस को किसकी सहायता से शुष्क किया जाता है ?
उत्तर- कैल्सियम क्लोराइड की सहायता से।

प्रश्न 13. हाइड्रोजन आयन को किस रूप में दर्शाया जाता है ?
उत्तर- H+ (aq) या हाइड्रोनियम आयन (H3O+)।

प्रश्न 14. अम्लों को तनु करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर- जल में सान्द्र अम्ल को धीरे-धीरे मिलाना चाहिए।

प्रश्न 15. जल में अम्ल या क्षार घुलने की प्रक्रिया ऊष्माशोषी है या ऊष्माक्षेपी ?
उत्तर- ऊष्माक्षेपी।

प्रश्न 16. तनुकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर- जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सान्द्रता (H3O+/OH ) में इकाई आयतन की कमी हो जाती है जिसे तनुकरण कहते हैं।

प्रश्न 17. अनेक सूचकों के मिश्रण को क्या कहते हैं ?
उत्तर- सार्वत्रिक सूचक।

प्रश्न 18. हमारा उदर कौन-सा अम्ल उत्पन्न करता है ?
उत्तर- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) ।

प्रश्न 19. हमारे शरीर में सबसे कठोर पदार्थ कौन-सा
उत्तर- दाँतों का इनैमल (कैल्सियम फॉस्फेट)।

प्रश्न 20. अम्लीय ऑक्साइड के नाम लिखिये जिनके द्वारा अम्लीय वर्षा होती है। (RBSE 2016)
उत्तर- सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2)।

प्रश्न 21. अम्ल की परिभाषा लिखिए।
उत्तर- अम्ल वे यौगिक हैं जो पानी में घुलकर हाइड्रोनियम (H3O+) को उत्पन्न करते हैं।
HCI+H2O → H3O+ + Cl

प्रश्न 22. क्षार की आधुनिक परिभाषा क्या है?
उत्तर- वे यौगिक जो पानी में घुलकर OH आयन प्रदान करते हैं, उन्हें क्षार कहते हैं, जैसे
K2O+ H2O → 2K+ + 2OH

प्रश्न 23. उदासीनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर- वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें किसी अम्ल का H+ और क्षार का OH परस्पर मिलकर अनायनित जल अणु तैयार करे, उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण के लिए- .
HNO3 +KOH → KNO3 + H2O

प्रश्न 24. किसी क्षार को जल में मिलाने पर क्या होता
उत्तर- OH जलीय आयनों की वृद्धि।
pH स्केल (pH-Scale)

प्रश्न 25. दो संश्लेषित सूचकों के नाम लिखिये। [राज. 2015]
उत्तर- मेथिल ऑरेंज, फीनॉल्फ्थेलिन।

प्रश्न 26. जठर रस pH स्केल पर क्या मान दिखाता है ?
उत्तर- लगभग 1.2.

प्रश्न 27. सोडियम हाइड्रॉक्साइड pH स्केल पर क्या मान दिखाता है ?
उत्तर- लगभग 14.

प्रश्न 28. हमारा शरीर कितने pH परास के बीच कार्य करता है?
उत्तर- हमारा शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच काम करता है।

प्रश्न 29. किसकी pH अधिक होगी
(i) रक्त अथवा आसुत जल?
(ii) जठर रस अथवा नींबू का रस? [राज. 2015]
उत्तर-
(i) आसुत जल (pH = 7)
(ii) जठर रस (pH = 1.2)

प्रश्न 30. मुँह में दाँतों का क्षय कब आरम्भ होता है ?
उत्तर- pH का मान 5.5 से कम हो जाने पर दाँतों का क्षय आरम्भ हो जाता है।

प्रश्न 31. कोई विलयन ‘X’ pH पत्र पर उसकी कोई बूंद गिराने पर नारंगी रंग देता है, जबकि कोई अन्य विलयन ‘Y’ pH पत्र पर उसकी बूंद गिराने पर हल्का नीला रंग देता है। इन दोनों विलयनों की प्रकृति क्या है? ‘X’ और ‘Y’ विलयनों के pH निर्धारित कीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर- ‘X’ विलयन की प्रकृति अम्लीय है क्योंकि इसकी बूंदें pH पत्र पर गिराने पर वह नारंगी रंग देता है। ‘X’ विलयन का pH मान 3 से 5 के बीच हो सकता है, तथा यह हल्का अम्लीय है। Y’ विलयन की प्रकृति क्षारीय है क्योंकि इसकी बूंदें pH पत्र पर गिराने पर यह हल्का नीला रंग देता है। Y’ विलयन का pH मान 8 से 11 के बीच हो सकता है तथा यह हल्का क्षारीय है।

प्रश्न 32. बेकिंग पॉउडर किसे कहते हैं ?(CBSE 2020)
उत्तर- मीठा सोडा व टारटेरिक अम्ल के मिश्रण को बेकिंग पाउडर कहते हैं।

प्रश्न 33. अग्निशमन यन्त्रों में किन रसायनों का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर- हाइड्रोजन, सोडियम कार्बोनेट व सल्फ्यूरिक अम्ल का ।

प्रश्न 34. विरंजक चूर्ण किस प्रकार के चूने से तैयार किया जाता है ? _
उत्तर- विरंजक चूर्ण, बूझे हुए चूने [Ca(OH)2] से तैयार किया जाता है।

प्रश्न 35. विरंजक चूर्ण को यदि वायु में खुला छोड़ दिया जाए तो क्या होगा?
उत्तर- वायु के सम्पर्क में आने पर विरंजक चूर्ण अपघटित हो जाता है तथा क्लोरीन मुक्त होती है।

प्रश्न 36. बिना बुझे हुए चूने का रासायनिक नाम क्या है ?
उत्तर- कैल्सियम ऑक्साइड (CaO).

प्रश्न 37. विरंजक चूर्ण को पानी में क्यों मिलाया जाता है ?
उत्तर– पानी को जीवाणुरहित बनाने के लिए।

प्रश्न 38. प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने के लिए किसे और कितना गर्म करना पड़ता है ?
उत्तर- प्लास्टर ऑफ पेरिस को बनाने के लिए जिप्सम को 373 K तक गर्म किया जाता है।

प्रश्न 39. धावन सोडा किस प्रकार का होता है ?
उत्तर- धावन सोडा पारदर्शी क्रिस्टलीय ठोस आकार का होता है।

प्रश्न 40. साधारण नमक किससे बनता है ?
उत्तर- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) की अभिक्रिया से।

लघु उत्तरीय प्रश्न (ShortAnswer Type Questions)

प्रश्न 1. अम्लों के सामान्य गुण लिखिए।
उत्तर- अम्लों के सामान्य गुण-

  • इनका स्वाद खट्टा होता है।
  • ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
  • ये धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
  • ये कार्बोनेट के साथ क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न करते हैं।
  • ये क्षारकों के साथ क्रिया करके लवण एवं पानी बनाते हैं।

प्रश्न 2. क्षारों के सामान्य गुण लिखिए।
उत्तर- क्षारों के सामान्य गुण-

  • इनका स्वाद कड़वा होता है।
  • ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
  • ये अम्लों के साथ क्रिया करके लवण व पानी बनाते हैं।
  • ये फीनॉल्पथेलीन के घोल को गुलाबी कर देते हैं।

प्रश्न 3. निम्नलिखित यौगिकों को दुर्बल एवं प्रबल अम्ल एवं क्षारक में वर्गीकृत कीजिए
(i) CH3COOH
(ii) NH4OH
(iii) NaOH
(iv) Ca(OH)2
(v) HCN
(vi) HClO4
(vii) H3PO4
(viii) H2SO4
(ix) HCl.
उत्तर-

प्रश्न 4. आपको तीन परखनलियाँ A, B तथा C दी गई हैं। उनमें क्रमशः आसुत जल, एक अम्लीय विलयन तथा एक क्षारीय विलयन डाले गए हैं। आपको केवल नीले लिटमस पत्र की कतरनें दी गई हैं, इससे आप तीनों की पहचान किस प्रकार करेंगे? (CBSE 2016)
उत्तर-

  • सबसे पहले तीनों लिटमस पत्र की कतरनों को प्रत्येक परखनली में डाला।
  • परखनली A में रखा विलयन नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है जो यह दर्शाता है कि इस परखनली में रखा विलयन अम्लीय है।
  • यदि शेष दो विलयनों के रंगों में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं होता तो इससे स्पष्ट होता है कि किसी एक विलयन में आसुत जल है तथा अन्य में क्षारीय विलयन है।
  • अब परखनली A का लिटमस पत्र जो नीले रंग से लाल में परिवर्तित हो गया था को शेष दो विलयन में बारी-बारी से डाला।
  • यदि परखनली B में रखा विलयन लाल लिटमस पत्र को पुनः नीले रंग में परिवर्तित कर देता है तो इससे स्पष्ट होता हे कि इस परखनली में क्षारीय विलयन है।
  • परखनली C में लाल लिटमस पत्र के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होगा अतः इस परखनली में आसुत जल है।

प्रश्न 5. नेटल पौधे के डंकनुमा बालों के स्पर्श होने के कारण उत्पन्न पीड़ा को इसी के समीप पाये जाने वाले डॉक पौधे की पत्तियों का रस रगड़कर दूर करते हैं। इसका क्या कारण है?
उत्तर- नेटल के पौधे में मेथेनॉइक अम्ल होता है जो शरीर में पीड़ा पहुँचाता है। चूंकि डॉक की पत्ती के रस की प्रकृति क्षारीय होती है, यह अम्ल के प्रभाव को समाप्त कर देता है और पीड़ा दूर हो जाती है।
pH- स्केल

प्रश्न 6. लवण विलयनों के pH मान पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर- प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक के लवण का pH मान 7 होता है एवं ये उदासीन होते हैं। प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक के लवण के pH का मान 7 से कम होता है एवं ये अम्लीय होते हैं तथा प्रबल क्षारक एवं दुर्बल अम्ल के लवण के pH का मान 7 से अधिक होता है एवं ये क्षारकीय होते हैं।
(a) प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक के लवण NaCl, NaSO4, KCl व KNO3, आदि हैं। इन्हें जल में घोलने पर प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक बनाते हैं तथा ये पूरी तरह एक-दूसरे को उदासीन कर देते हैं।
∴ pH=7 .

(b) प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक के लवण NH4Cl, BaCl2, ZnSO4 व CuSO4 हैं। प्रबल अम्ल दुर्बल क्षारक को प्रभावित करता है। अतः pH<7.

(c) दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षारक के लवण Na2CO3, CH3COONa आदि हैं। प्रबल क्षारक दुर्बल अम्ल को प्रभावित करता है। अतः pH>7
(d) दुर्बल अम्ल और दुर्बल क्षारक के लवण COONH4 का विलयन लगभग उदासीन होता है।
∴ pH = 7 (लगभग)

प्रश्न 7. उन अम्लों एवं क्षारकों की पहचान कीजिए जिनसे सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट बनता है। अपने उत्तर के समर्थन में रासायनिक समीकरण लिखिए। उल्लेख कीजिए कि क्या यह यौगिक अम्लीय अथवा बारीय अथवा उदासीन है। इसका pH मान भी लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट; दुर्बल कार्बोनिक अम्ल (H2CO3) तथा प्रबल सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) के क्षार से बनता है।

यह यौगिक एक क्षारीय यौगिक है क्योंकि यह प्रबल क्षार NaOH से बनता है। इसका pH मान 7 से थोड़ा सा अधिक है।

प्रश्न 8. pH स्केल किसे कहते हैं? स्पष्ट करो कि मुँह का pH परिवर्तन दन्तक्षय का कारण है। (RBSE 2016)
उत्तर- किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने हेतु एक स्केल विकसित किया गया है जिसे pH स्केल कहते हैं। . मुँह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का इनैमल (दन्तवल्क) संक्षारित होने लगता है। दाँतों का इनमल कैल्सियम फॉस्फेट से बना होता है जोकि शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। मुँह में उपस्थित बैक्टीरिया, भोजन के पश्चात् मुँह में अवशिष्ट शर्करा एवं खाद्य पदार्थों का निम्नीकरण करके अम्ल उत्पन्न करते हैं।

प्रश्न 9. अम्ल एवं क्षारक की शक्ति किस पर निर्भर करती है? प्रबल एवं दुर्बल अम्ल क्या हैं?
उत्तर- अम्ल एवं क्षारक की शक्ति विलयन में क्रमश: (H+) आयन तथा (OH) आयन की संख्या पर निर्भर करती है। अधिक संख्या में + आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं। कम संख्या में H+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।

प्रश्न 10. धावन सोडा, जलीय विलयन में अम्लीय अथवा क्षारीय कैसे होता है ?
उत्तर- धावन सोडा आसानी से पानी में घुल जाता है, इससे क्षारीय घोल बनता है। इसकी जाँच के लिए यदि लाल लिटमस के घोल में इसे डाला जाए तो वह नीले रंग का हो जाता है अतः धावन सोडा का घोल क्षारीय होता है।

प्रश्न 11. खाने के सोडा के दो महत्त्वपूर्ण गुणधर्म दीजिए।
उत्तर- खाने का सोडा सफेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस है जो पानी के साथ क्षारीय घोल बनाता है तथा गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट में बदल जाता है एवं CO2, गैस उत्पन्न होती है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 3

प्रश्न 12. प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र एवं इसकी जल के साथ रासायनिक अभिक्रिया को लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर- प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र CaSO4.1/2H2O है। प्लास्टर ऑफ पेरिस एक सफेद चूर्ण है . जो जल में मिलाने पर यह पुनः जिप्सम बनकर कठोर ठोस पदार्थ प्रदान करता है।
HBSE 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 4

प्रश्न 13. उत्फुल्लन (Eflorescence) की प्रक्रिया क्या है? एक ऐसे यौगिक का नाम लिखिए जो उत्फुल्लन की क्रिया दर्शाता हो, अभिक्रिया भी लिखें।
उत्तर- सोडियम कार्बोनेट को जब वायु में खुला छोड़ देने हैं तो सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3, 10H2O) से जल के 9 अणु निकल जाते हैं, यह एकल हाइड्रेट (Na2CO3, H2O) के रूप में शेष रहता है। गर्म करने पर यह अपने सारे क्रिस्टलीय जल को खो देता है तथा Na2CO3, के रूप में शेष रहता है। अतः हवा में खुला रखने पर यौगिक में से जल के अणु की स्वतः मुक्त हो जाने की प्रक्रिया उत्फुल्लन (Efflorescence) कहलाती है।

प्रश्न 14. नीचे दिए गए रासायनिक समीकरणों को पूरा और सन्तुलित कीजिये
(i) NaOH (aq) +Zn (s) →
(ii) CaCO3(s)+H20(l) +CO2(g) →
(iii) HCl(aq) + H2O(l)
अथवा
लवण जल (ब्राइन) के विद्युत अपघटन के समय एनोड पर कोई गैस ‘G’ मुक्त होती है। जब इस गैस ‘G’ को बुझे हुए चूने से प्रवाहित किया जाता है, तो कोई यौगिक ‘C’ बनता है जिसका उपयोग पीने के जल को जीवाणुओं से मुक्त करने के लिए किया जाता है।
(i) ‘G’ और ‘C’ के सूत्र लिखिए।
(ii) होने वाली अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
(iii). यौगिक ‘C’ का सामान्य नाम क्या है? इसका रासायनिक नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर-

अथवा
(i) G का सूत्र = Cl2(क्लोरीन गैस) \
C का सूत्र = CaoCl2

(iii) यौगिक ‘C’ का सामान्य नाम विरंजक चूर्ण है।
यौगिक ‘C’ का रासायनिक नाम कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड है।

प्रश्न 15. क्लोर-क्षार प्रक्रिया के महत्त्वपूर्ण उत्पादों की सूची बनाइए। इनमें से प्रत्येक उत्पाद का एक महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
अथवा
सोडियम कार्बोनेट से धोने का सोडा किस प्रकार बनाया जाता है? इसका रासायनिक समीकरण लिखिए। इस लवण के प्रकार का उल्लेख कीजिए। यह जल की जिस प्रकार की कठोरता को दूर करता है, उसका नाम लिखिए। (CBSE 2020)
उत्तर- क्लोर-क्षार प्रक्रिया के महत्त्वपूर्ण उत्पाद –
(i) सोडियम हाइड्रॉक्साइड (कास्टिक सोडा) NaOH उपयोग-इसका उपयोग साबुन तथा अपमार्जक बनाने में किया जाता है।
(ii) क्लोरीन गैस (Cl2) उपयोग-इसका उपयोग पी.वी.सी. यौगिक (एक प्रकार का प्लास्टिक) बनाने में किया जाता है।
(iii) हाइड्रोजन गैस (H2) उपयोग-इसका उपयोग राकेट ईंधन के रूप में किया जाता है।
अथवा
निर्जल सोडियम कार्बोनेटं को पानी के साथ गर्म करके क्रिस्टलन विधि द्वारा, धोने का सोडा बनाया जाता है।

धावन सोडा एक क्षारीय लवण है। यह जल की स्थायी कठोरता दूर करता है।

प्रश्न 16. सामान्यतः बेकरी उत्पादों में प्रयुक्त होने वाला कोईलवण ‘P’ गर्म किए जाने पर किसी अन्य लवण ‘0’ में परिवर्तित हो जाता है जिसका उपयोग जल की कठोरता को दूर करने में किया जाता है तथा कोई गैस ‘R’ – उत्सर्जित होती है। इस गैस ‘R’ को ताजा बने चूने के पानी में से प्रवाहित करने पर वह दूधिया हो जाता है। ‘P’, ‘Q’ और ‘R’ को पहचानिए और अपने उत्तर की पुष्टि के लिए रासायनिक समीकरण दीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर- जब बेकिंग सोडा (NaHCO) को जल के साथ गर्म किया जाता है या मिलाया जाता है तो निम्नलिखित अभिक्रिया प्राप्त होती है।

सोडियम कार्बोनेट को जल की कठोरता दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। उत्सर्जित गैस कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
अतः लवण ‘P’ बेकिंग सोडा (NaHCO3) है।
लवण ‘Q’ सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) है जिसका प्रयोग जल की कठोरता को दूर करने के लिए किया जाता गैस ‘R’ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है।

प्रश्न 17. टूटी हड्डियों को सहारा देने के लिए डॉक्टर किसी श्वेत पाउडर का उपयोग करते हैं।
(a) इस पाउडर का नाम और रासायनिक सूत्र लिखिए।
(b) इस पाउडर को किस प्रकार बनाया जाता है।
(c) जब इस श्वेत पाउडर को पानी के साथ गूंथा जाता है, तो एक कठोर ठोस पिण्ड प्राप्त होता है। इस परिवर्तन के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
(d) इस श्वेत पाउडर का कोई एक और उपयोग ‘लिखिए। (CBSE 2019)
उत्तर-
(a) पाउडर का नाम-कैल्सियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट, रासायनिक सूत्र- CaSO41/2 H2O
(b) जिप्सम को 100° (373 K) पर गर्म करके इस पाउडर को तैयार किया जाता है।

(d) इसका उपयोग घर के अन्दर की दीवारों तथा छत की सतह को समतल व सुंदर बनाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 18. दो परखनलियों A और B जिनमें क्रमशः तनु HCIऔर NaOH विलयन भरे हैं, में नीले लिटमस का विलयन मिलाया गया है। इनमें से किस परखनली के रंग में परिवर्तन दिखाई देगा? इस रंग परिवर्तन का उल्लेख कीजिए और इसका कारण दीजिए। (CBSE 2019)
उत्तर- परखनली A में नीले लिटमस के विलयन का रंग लाल हो जाएगा क्योंकि इस परखनली में तनु HCl अम्ल है। अम्ल नीले लिटमस को लाल रंग में परिवर्तित कर देते हैं | HCl एक प्रबल अम्ल है। इसी कारण इसे किसी विलयन में मिलाने पर H+ आयन की सांद्रता बढ़ जाती है जिससे pH मान कम हो जाता है।

प्रश्न 19. पकौड़ों को स्वादिष्ट और खस्ता बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी लवण का pH मान 9 है। इस लवण को पहचानिए तथा इसके निर्माण के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए। इसके दो उपयोगों की सूची बनाइए। (CBSE 2018)
उत्तर- पकौड़ों को स्वादिष्ट तथा खस्ता बनाने के लिए बेकिंग सोडा या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट लवण (NaHCO3) का उपयोग किया जाता है। लवण के निर्माण का रासायनिक समीकरण- .

इस लवण के दो उपयोग

  • इसका उपयोग, धावन सोडा के निर्माण में किया जाता है।
  • इसका उपयोग आग बुझाने के संयंत्र में किया जाता है।

प्रश्न 20. एसीटिक अम्ल को जब एक परखनली में लिखे गये सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के पाउडर पर डालते हैं तो तेज बुलबुलों के साथ एक गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए, तथा इस गैस को पहचानने के लिए एक प्रयोग लिखिए। (CBSE 2017)
उत्तर- उत्पन्न होने वाली गैस CO2 है। जब CO2 गैस को चूने के पानी में से गुजारते हैं तो यह दूधिया हो जाता है।

प्रश्न 21. उस समय आप क्या प्रेक्षण करते हैं जब आप एसीटिक अम्ल की कुछ बूंदें उस परखनली में मिलाते हैं जिसमें भरा है
(i) फिनॉल्पथैलिन
(ii) आसुत जल
(iii) सार्वत्रिक सूचक
(iv) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण। (CBSE 2016)
उत्तर-
(i) फिनॉल्फ्थैलिन रंगहीन रहता है, क्योंकि फिनॉल्पथैलिन अम्ल क्षारीय पदार्थों के साथ रंग में परिवर्तन • दर्शाता है।
(ii) आसुत जल में ऐसीटिक अम्ल घुल जाता है।
(iii) सार्वत्रिक सूचक नारंगी रूप में बदल जाता है।
(iv) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण रंगहीन हो जाता
CH3COOH + NaHCO3 → CH3COONa + H2O + CO2 ↑

क्रियाकलाप

प्रयोग 1. धातु कार्बोनेट व धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट अम्लों के साथ किस प्रकार क्रिया करते हैं?

आवश्यकता – परखनलियाँ, वितरण नली, धातु कार्बोनेट, धातु बाइकार्बोनेट, तनु HCI, चूने का पानी आदि ।

विधि – (i) दो परखनलियाँ लिखिए। उन्हें A व B नामांकित कीजिए ।
(ii) परखनली A में लगभग 0.5g सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) लीजिए तथा परखनली B में 0.5g सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) लीजिए |
(iii) दोनों परखनलियों में लगभग 2 mL तनु HC] डालिए ।
(iv) निरीक्षण करें तथा उत्सर्जित गैस को चूने के पानी [Ca(OH)2 विलयन] से प्रवाहित कीजिए |
अवलोकन – उत्पन्न गैस चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
परिणाम – उत्पन्न गैस कार्बन डाइऑक्साइड है।
निष्कर्ष – जब धातु कार्बोनेट तथा हाइड्रोजन कार्बोनेट तनु अम्लों से क्रिया करते हैं तो CO, गैस निकलती है।
समीकरण निम्नलिखित प्रकार से लिखी जा सकती है –
Na2CO3 + 2HCl → 2NaCl + CO2 + H2O
प्रयोग 2. सिद्ध करें कि क्रियाशील धातुएँ प्रवल क्षारों के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस निकालती हैं ।
आवश्यकता – जिंक के टुकड़े, NaOH विलयन, परखनली, वितरण नली ।
विधि- प्रयोग 3 में दिए गए चित्र के अनुसार उपकरण फिट करें।
(i) एक परखनली में जिंक के कुछ दानेदार टुकड़े डालिए ।
(ii) परखनली में 2 mL NaOH विलयन डालकर गर्म करें।
(iii) उत्सर्जित गैस को साबुन के पानी में से गुजारें ।
(iv) गैस के बुलबुलों को मोमबत्ती की सहायता से जलाएँ ।
अवलोकन – गैस पॉप की ध्वनि के साथ जलती है ।
परिणाम- हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है जब एक धातु क्षार; जैसे NaOH के साथ क्रिया करती है।
समीकरण को निम्नलिखित प्रकार से लिखा जा सकता है :
2NaOH              +     Zn         →        Na2ZnO2         +       H2
सोडियम हाइड्रोक्साइड         जिंक                सोडियम जिंकेट           हाइड्रोजन
प्रयोग 3. एक क्रियाकलाप द्वारा दर्शाएँ कि अम्ल और क्षार एक-दूसरे के साथ क्रिया करते हैं ।
आवश्यकता – ज्ञात प्रबलता का एक अम्ल तथा एक क्षार, परखनलियाँ, एक सूचक; जैसे फीनॉल्फथेलिन।
विधि – (i) एक परखनली में लगभग 2 mL NaOH का घोल लें ।
(ii) इसमें दो बूँद फीनॉल्फथेलिन की डालें। इसका रंग गुलाबी हो जाता है।
(iii) परखनली में बूँद-बूँद करके HCI का घोल डालें ।
(iv) विलयन का गुलाबी रंग समाप्त हो जाता है ।
(v) अब, इस मिश्रण में NaOH की कुछ बूँदें डालें ।
(vi) विलयन का गुलाबी रंग फिर से वापिस आ जाता है ।
अवलोकन – क्षार NaOH फीनॉल्फथेलिन के साथ गुलाबी रंग देते हैं, लेकिन जब अम्ल (HCI) उसे उदासीन कर देता है तो गुलाबी रंग गायब हो जाता है ।
परिणाम – उदासीनीकरण में निम्नलिखित अभिक्रिया होती है –
तनु NaOH (aq) + तनु HCl (aq) → NaCl (aq) + H2O (l)
प्रयोग 4. क्या होता है जब धातु ऑक्साइड अम्लों के साथ क्रिया करते हैं?
आवश्यकता – धातु ऑक्साइड; जैसे कॉपर ऑक्साइड, तनु HCI, परखनलियाँ आदि ।
विधि – (i) एक बीकर में कॉपर ऑक्साइड की थोड़ी सी मात्रा लें।
(ii) हिलाते हुए धीरे-धीरे तनु HCl (aq) डालें ।
(iii) विलयन का रंग नोट करें ।
अवलोकन – (i) विलयन का रंग नीला-हरा हो जाता है ।
(ii) कॉपर ऑक्साइड घुल जाता है ।
परिणाम- अभिक्रिया को निम्नलिखित प्रकार से लिखा जा सकता है –
CuO            +        तनु 2HCl (aq)        →      CuCl2 (aq)        +      H2O
  कॉपर ऑक्साइड                                                 कॉपर क्लोराइड
जब धातु ऑक्साइड अम्लों के साथ क्रिया करते हैं तो लवण व जल बनते हैं।
प्रयोग 5. सिद्ध कीजिए कि वे सभी पदार्थ जिनमें हाइड्रोजन होती है, अम्ल नहीं होते ।
आवश्यकता – ग्लूकोज़, ऐल्कोहॉल, HCI, H2SO4, एक बीकर, एक रबड़ कॉर्क, 6V बैटरी, दो कीलें, संपर्क तार आदि ।
विधि – (i) ग्लूकोज़, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि का विलयन लें
(ii) एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 mL के बीकर में रख दीजिए ।
(iii) कीलों को 6V की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़िए ।
(iv) बीकर में थोड़ा तनु HCl(aq) डालकर विद्युत धारा प्रवाहित कीजिए।
(v) इस क्रिया को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल, ग्लूकोज़ व ऐल्कोहॉल के विलयनों के साथ भी अलग-अलग दोहराएँ ।
अवलोकन – बल्ब केवल HCl (aq) व H2SO4 (aq) के विलयन को डालने पर ही जलता है । बल्ब ग्लूकोज़ तथा ऐल्कोहॉल के साथ नहीं जलता ।
परिणाम– अम्लों [HCl(aq), H2SO4 (aq)] का विलयन विद्युत का सुचालक है, जबकि कार्बनिक यौगिकों; जैसे ग्लूकोज़ तथा ऐल्कोहॉल के जलीय विलयन विद्युत का चालन नहीं करता ।
निष्कर्ष- अम्लों के जलीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं, जबकि कार्बनिक यौगिकों जैसे ग्लूकोज़ व ऐल्कोहॉल जल में आयनीकृत होकर आयन (H+) उत्पन्न नहीं करते और इसीलिए विद्युत का चालन नहीं करते। अतः ये अम्ल नहीं हैं।

Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

→ अम्ल (Acid) भोजन में खट्टा स्वाद अम्ल के कारण होता है। अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है।

→ क्षार (Base) भोजन में कड़वा स्वाद क्षारक की उपस्थिति के कारण होता है। यह लाल लिटमस को नीला कर देता है।

→ लिटमस विलयन (Litmus Solution) लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है। यह थैलोफाइटा समूह के लाइकेन (Lichen) नामक पौधे से प्राप्त किया जाता है।

→ सूचक (Indicator) ऐसे पदार्थ, जो विलयन में अम्ल एवं क्षार की उपस्थिति को सूचित करते हैं, अमल-क्षार सूचक या सूचक कहलाते हैं। उदाहरण-फिनॉल्पथेलीन का रंग क्षारीय माध्यम में गुलाबी जबकि अम्लीय माध्यम में यह रंगहीन हो जाता है।

→ गंधीय सचक (Olfactory Indicators) ऐसे सूचक जिनकी गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती है। गंधीय । सूचक कहलाते हैं। उदाहरण- प्याज, वैनीला (Vanilla) आदि गंधीय सूचक हैं।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण बिन्दु (Some other Important Points) –

→ कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी में प्रवाहित करने पर वह दूधिया हो जाता है।

→ चूना-पत्थर, खड़िया और संगमरमर कैल्सियम कार्बोनेट के विभिन्न रूप हैं।

→ क्षारक फीनॉल्पथेलीन अम्ल की उपस्थिति में क्रिया कर गुलाबी रंग बनाते हैं।

→ अम्ल और क्षारक परस्पर मिलकर लवण एवं जल बनाते हैं।

→ कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड एक क्षारक है।

→ अधात्विक ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते हैं।

→ अम्ल में H+ धनायन होते हैं। अम्ल विलयन में हाइड्रोजन आयन H+ (aq) उत्पन्न करता है जिसके कारण उनका गुणधर्म अम्लीय होता है।

→ जल की उपस्थिति में HCl हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करता है। जल की अनुपस्थिति में HCl अणुओं से H+ आयन पृथक् नहीं हो सकते।

→ क्षारक जल में हाइड्रॉक्साइड (OH) आयन उत्पन्न करते हैं।

→ क्षारों का स्पर्श साबुन की तरह, स्वाद कड़वा होता है तथा यह प्रकृति में संक्षारक होते हैं। सार्वभौम सूचक किसी विलयन में हाइड्रोजन आयन की विभिन्न सान्द्रता को विभिन्न रंगों से प्रदर्शित करते | किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल विकसित की गई है | जिसे pH स्केल कहते हैं।

→ हाइड्रोनियम आयन की सान्द्रता जितनी अधिक होगी उसका pH मान उतना ही कम होगा। किसी उदासीन | विलयन का pH मान 7 होता है।

→ pH स्केल में विलयन का मान 7 से कम होने पर वह अम्लीय होता है और pH 7 से 14 तक बढ़ने पर विलयन की प्रकृति क्षारीय होती है।

→ वर्षा के जल का pH मान 5.6 से कम हो जाने पर उसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।

→ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड की क्रिया से साधारण नमक (NaCl) की उत्पत्ति होती है।

→ नेट्टल नामक शाकीय पौधा मेथेनॉइक अम्ल के कारण डंक जैसा दर्द उत्पन्न करता है। इस दर्द का इलाज डॉक पौधे की पत्तियों से किया जाता है।

→ विरंजक चूर्ण बुझे हुए चूने एवं क्लोरीन की अभिक्रिया से बनता है।

→ निरंजक चूर्ण कागज एवं कपड़ा उद्योग में विरंजक का कार्य करता है। यह एक उपचायक है एवं रोगाणुनाशक भी है।

→ बेकिंग सोडा (NaHCO3), सोडियम क्लोराइड से बनता है।

→ जलीय कॉपर सल्फेट का सूत्र CuSO4:5H2O है तथा जिप्सम का सूत्र CaSO4:2H2O है।

→ धोने का सोडा (Na2CO3 10H2O), सोडियम क्लोराइड से तैयार किया जाता है। यह काँच, साबुन, कागज आदि उद्योगों में प्रयुक्त होता है। इससे जल की स्थायी कठोरता दूर की जाती है।

→ प्लास्टर ऑफ पेरिस, कैल्सियम सल्फेट अर्द्धहाइड्रेट (CasO41/2 H2O) को 373 K तक गर्म करके बनाया जाता है।

→ प्लास्टर ऑफ पेरिस से खिलौने और सजावटी सामान तैयार किया जाता है।

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