HBSE 10th Class Civics राजनीतिक दल Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1. लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की विभिन्न भूमिकाओं की चर्चा कीजिए।
उत्तर- लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की अनेक प्रकार की भूमिकाएँ होती हैं। इन भूमिकाओं को निम्नलिखित बताया जा सकता है:
- राजनीतिक दल लोकतंत्र की सफलता हेतु चुनावों की व्यवस्था को सम्भव बनाते हैं।
- वे चुनावों के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को लोगों के समक्ष लाते तथा चुनावी कार्यक्रम को पूरा करने में सहायता करते हैं।
- वे चुनावों के पश्चात्, सरकार के गठन व उसके विपक्ष बनाने में भूमिका निभाते हैं।
- वे लोकतांत्रिक व्यवस्था को पूरा रूप देने के लिए में सहयोग देते हैं अर्थात सरकार के संचालन में मदद करते हैं।
- लोकतंत्र के सफल संचालन हेतु राजनीतिक दल लोगों में राजनीतिक चेतना जाग्रत करते हैं।
- शासक दल शासन करतो है तथा विपक्ष शासक दल की नीतियों व सरकार की आलोचना करते हैं।
प्रश्न 2. राजनीतिक दलों के सामने क्या चुनौतियाँ हैं? .
उत्तर- राजनीतिक दलों के सामने की चुनौतियों को निम्नलिखित बताया जा सकता है: पहली चुनौती है पार्टी के अन्दर आन्तरिक लोकतंत्र को बनाना। अब यह प्रवृत्ति बन गई है कि सारी ताकत एक या कुछेक नेताओं के हाथ में सिमट जाती है। पार्टियों के पास न सदस्यों की खुली सूची होती है, न नियमित रूप से सांगठनिक बैठकें होती हैं। इनके आंतरिक चुनाव भी नहीं होते। कार्यकर्ताओं से वे सूचनाओं का आदान-प्रदान भी नहीं करते। सामान्य कार्यकर्ता अनजान ही रहता है कि पार्टी के अंदर क्या चल रहा है। उसके पास न तो नेताओं से जुड़कर फैसलों को प्रभावित करने की ताकत होती है न ही कोई और माध्यम। परिणामस्वरूप पार्टी के नाम पर सारे फैसले लेने का अधिकार उस पार्टी के नेता हथिया लेते हैं। चूँकि कुछेक नेताओं के पास ही असली ताकत होती है इसलिए जो उनसे असहमत होते हैं उनका पार्टी में टिके रह पाना मुश्किल हो जाता है। पार्टी के सिद्धांतों और नीतियों से निष्ठा की जगह नेता से निष्ठा ही ज्यादा महत्त्वपूर्ण बन जाती है।
दूसरी चुनौती पहली चुनौती से ही जुड़ी है-यह है वंशवाद की चुनौती। चूँकि अधिकांश दल अपना कामकाज पारदर्शी तरीके से नहीं करते, इसलिए सामान्य कार्यकर्ता के नेता बनने और ऊपर आने की गुंजाइश काफी कम होती है। जो लोग नेता होते हैं वे अनुचित लाभ लेते हुए अपने नजदीकी लोगों और यहाँ तक कि अपने ही परिवार के लोगों को आगे बढ़ाते हैं। अनेक दलों में शीर्ष पद पर हमेशा एक ही परिवार के लोग आते हैं। यह दल के अन्य सदस्यों के साथ अन्याय है। यह बात लोकतंत्र के लिए भी अच्छी नहीं है क्योंकि इससे अनुभवहीन और बिना जनाधार वाले लोग ताकत वाले पदों पर पहुँच जाते हैं। यह प्रवृत्ति कुछ पहले के लोकतांत्रिक देशों सहित कमोबेश पूरी . दुनिया में दिखाई देती है।
तीसरी चुनौती दलों में, (खासकर चुनाव के समय) पैसा और अपराधी तत्वों की बढ़ती घुसपैठ की है। चूँकि पार्टियों की सारी चिंता चुनाव जीतने की होती है, अतः इसके लिए कोई भी जायज-नाजायज तरीका अपनाने से वे परहेज नहीं करतीं। वे ऐसे ही उम्मीदवार उतारती हैं जिनके पास काफी पैसा हो या जो पैसे जुटा सकें। किसी पार्टी को ज्यादा धन देने वाली कंपनियाँ और अमीर लोग उस पार्टी की नीतियों और फैसलों को भी प्रभावित करते है। कई बार पार्टियाँ चुनाव जीत सकने वाले अपराधियों का समर्थन करती हैं या उनकी मदद लेती हैं। दुनिया भर में लोकतंत्र के समर्थक लोकतांत्रिक राजनीति में अमीर लोग और बढी कंपनियों की बढ़ती भूमिका को लेकर चिंतित हैं।
चौथी चुनौती पार्टियों के बीच विकल्पहीनता की स्थिति की है। सार्थक विकल्प का मतलब होता है कि विभिन्न पार्टियों की नीतियों और कार्यक्रमों में महत्त्वपूर्ण अंतर हो। हाल के वर्षों में दलों के बीच वैचारिक अंतर कम होता गया है और यह प्रवृत्ति दुनिया भर में दिखती है। जैसे, ब्रिटेन की लेबर पार्टी और कंजरवेटिव पार्टी के बीच अब बड़ा कम अंतर रह गया है। दोनों दल बुनियादी मसलों पर सहमत हैं और उनके बीच अंतर बस ब्यौरों का रह गया है कि नीतियाँ कैसे बनाई जाएँ और उन्हें कैसे लागू किया जाए। अपने देश में भी सभी बड़ी पार्टियों के बीच आर्थिक मसलों पर बड़ा कम अंतर रह गया है। जो लोग इससे अलग नीतियाँ चाहते हैं उनके लिए कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। कई बार लोगों के पास एकदम नया नेता चुनने का विकल्प भी नहीं होता क्योंकि वही थोड़े से नेता हर दल में आते-जाते रहते हैं।
प्रश्न 3. राजनीतिक दल अपना कामकाज बेहतर ढंग से करे, इसके लिए उन्हें मजबूत बनाने के कुछ सुझाव दें।
उत्तर- राजनीतिक दल अपना कामकाज बेहतर ढंग से करे, इसके लिए उन्हें मजबूत बनाने के कुछ सुझाव निम्नलिखित दिए जा सकते हैं:
- दल की लोकतांत्रिक प्रकार की रचना की जाए।
- दल में सदस्यों की संख्या का ठीक-ठीक ब्यौरा रखा जाए।
- दल में सामाजिक चुनाव कराएँ जाने चाहिए।
- दल व लोगों के बीच संपर्क बनाए रखा जाना चाहिए।
- दल की नीतियाँ व सिद्धांतों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए।
प्रश्न 4. दल का क्या अर्थ होता है?
उत्तर- राजनीतिक व सार्वजनिक मामलों पर एक से विचार रखने वाले लोगों का ऐसा संगठन जो अपने संयुक्त व सांझे प्रयत्नों द्वारा सरकार की सत्ता को संवैधानिक व शांतिपूर्ण ढंग से प्राप्त कर अपनी घोषित नीतियों को लागू करताहै। राजनीतिक दल के तीन मुख्य तत्व होते हैं : दल का नेता, सक्रिय सदस्य व अनुयायी अर्थात समर्थक।
प्रश्न 5. किसी भी राजनीतिक दल में क्या गुण होते
उत्तर- राजनीतिकदलों के गुणों को, संक्षेप में, निम्नलिखित बताया जा सकता है:
- लोकतंत्र के संचालन व उसकी सफलता में सहायक;
- सरकार के निर्माण व उसके संचालन में सहयोग;
- लोगों में राजनीतिक चेतना में वृद्धि में मदद;
- सरकार व लोगों के बीच कड़ी का कार्य करना;
- सरकार में सत्ता के हस्तांतरण का शांतिपूर्ण तरीका प्रदान करना।
प्रश्न 6. चुनाव लड़ने और सरकार में सत्ता सँभालने के लिए एकजुट हुए लोगों के समूह को ………. कहते हैं।
उत्तर- राजनीतिक दल।
प्रश्न 7. पहली सूची [ संगठन/दल ] और दूसरी सूची [गठबंधन/मोर्चा] के नामें का मिलान करें और नीचे दिए गए कूट नामों के आधार पर सही उत्तर ढूँढ़ें:
सूची-I — सूची-II
1. काँग्रेस पार्टी — (क) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन
2. भारतीय जनता पार्टी — (ख) प्रांतीय दल
3. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) — (ग) संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन
4. तेलुगुदेशम पार्टी — (घ) वाम मोर्चा
उत्तर- (ग) सही है।
प्रश्न 8. इनमें से कौन बहुजन समाज पार्टी का संस्थापक
(क) कांशीराम
(ख) साहू महाराज
(ग) बी.आर.अम्बेडकर
(घ) ज्योतिबा फूले
उत्तर- (क) कांशीराम
प्रश्न 9. भारतीय जनता पार्टी का मुख्य प्रेरक सिद्धांत क्या है?
(अ) बहुजन समाज
(ब) क्रांतिकारी-लोकतंत्र
(स) सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
(द) आधुनिकता
उत्तर- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद।
प्रश्न 10. पार्टियों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर गौर करें:
(अ) राजनीतिक दलों पर लोगों का ज्यादा भरोसा नहीं है।
(ब) दलों में अक्सर बड़े नेताओं के घोटलों की गूंज सुनाई देती है।
(स) सरकार चलाने के लिए पार्टियों का होना जरूरी नहीं।
इन कथनों में से कौन सही है?
(क) अ, ब और स
(ख) अ और ब
(ग) ब और स
(घ) अ और स
उत्तर- (क) अ, ब और स सही है।
प्रश्न 11. निम्नलिखित उदाहरण को पढें और नीचे दिए गए प्रश्नों का जवाब दें –
मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं। गरीबों के आर्थिक और सामाजिक विकास के प्रयासों के लिए उन्हें अनेक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। उन्हें और उनके द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक को संयुक्त रूप से वर्ष 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया। फरवरी 2007 में उन्होंने एक राजनीतिक दल बनाने और संसदीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। उनका उद्देश्य सही नेतृत्व को उभारना, अच्छा शासन देना और नए बांगलादेश का निर्माण करना है। उन्हें लगता है कि पारंपरिक दलों से अलग एक नए राजनीतिक दल से ही नई राजनीतिक संस्कृतिक पैदा हो सकती है। उनका दल निचले स्तर से लेकर ऊपर तक लोकतांत्रिक होगा। नागरिक शक्ति नामक इस नये दल के गठन से बांग्लादेश में हलचल मच गई है। उनके फैसले को काफी लोगों ने पंसद किया तो अनेक को यह अच्छा नहीं लगा। एक सरकारी अधिकारी शाहेदुल इस्लाम ने कहा, “मुझे लगता है कि अब बांग्लादेश में अच्छे और बुरे के बीच चुनाव करना संभव हो गया है। अब एक अच्छी सरकार की उम्मीद की जा सकती है। यह सरकार न केवल भ्रष्टाचार से दूर रहेगी बल्कि भ्रष्टाचार और काले धन की समाप्ति को भी अपनी प्राथमिकता बनाएगी।”
पर दशकों से मुल्क की राजनीति में रुतबा रखने वाले पुराने दलों के नेताओं में संशय है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के एक बड़े नेता का कहना है: “नोबेल पुरस्कार जीतने पर क्या बहस हो सकती है पर राजनीति एकदम अलग चीज है। एकदम चुनौती भरी और अक्सर विवादास्पद।” कुछ अन्य लोगों का स्वर
और कड़ा था। वे उनके राजनीति में आने पर सवाल उठाने लगे। एक राजनीतिक प्रेक्षक ने कहा, “देश से बाहर की ताकतें उन्हें राजनीति पर थोप रही हैं।”
क्या आपको लगता है कि यूनुस ने नयी राजनीतिक पार्टी बनाकर ठीक किया?
क्या आप विभिन्न लोगों द्वारा जारी बयानों और अंदेशों से सहमत हैं? इस पार्टी को दूसरों से अलग काम करने के लिए खुद को किस तरह संगठित करना चाहिए? अगर आप इस राजनीतिक दल के संस्थापकों में एक होते तो इसके पक्ष में क्या दलील देते?
उत्तर- यूनुस द्वारा नयी राजनीतिक पार्टी बनाना कोई गलत नहीं है यूनुस द्वारा बनायी गयी पार्टी के विरुद्ध बांग्लादेश के कई नेताओं ने जो बयान दिए हैं मिले-जुले हैं। लोकतंत्र में किसी भी व्यक्ति को दल बनाने का अधिकार होता है। यदि हम ऐसे दल के संस्थापकों में होते तो हम दल का गठन लोकतांत्रिक रूप से करते तथा लोक-कल्याण व विकास के लिए दल की नीतियाँ बनाते।
परीक्षोपयोगी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न [Long – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. भारत में दलीय प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर – भारत में दलीय – प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
(1) भारत में बहुदलीय प्रणाली प्रचलित है, जिसमें राजनीति पर अनेक राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व है। एक दशक पूर्व तक भारत की राजनीति पर भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का नियंत्रण रहा । अतः भारतीय दल प्रणाली को मुख्यतः एकदलीय प्रणाली कहा जाता था ।
(2) भारतीय दल – प्रणाली मुख्यतः एक नेता पर निर्भर करती है और जब कोई चमत्कारिक नेता न हो तो इसकी लोकप्रियता तथा बुनियादी आधार कमज़ोर पड़ने लगता है।
(3) भारत में अधिकांश दल मुख्यतः जातिवाद पर आधारित हैं ।
(4) भारत में राजनीतिक दल अनुशासनहीनता तथा दल-बदल के शिकार हैं और यदि उनके विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है, तो वह दल बदलने की धमकी देता है ।
(5) क्षेत्रीय दलों का विकास राष्ट्रीय राजनीति में एक निर्णायक कारण बन गया है और कोई भी राष्ट्रीय राजनीतिक दल उनके समर्थन के बिना केंद्र में सरकार नहीं बना सकता ।
(6) चुनाव संबंधी अनाचार तथा हिंसा ने चुनाव प्रक्रिया को विषाक्त बना दिया है ।
प्रश्न 2. भारत में राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न क्यों आबंटित किए जाते हैं?
उत्तर – भारत में सभी बड़े-बड़े दलों को चुनाव चिह्न आबंटित किए गए हैं; जैसे काँग्रेस को हाथ का पंजा, भाजपा को कमल का फूल, बी०एस०पी० को हाथी, सी०पी०एम० को हंसिया, हथौड़ा और तारे का चिह्न आदि। इन दलों को चुनाव चिह्न निम्नलिखित कारणों से आबंटित किए जाते हैं –
(1) चिह्न के फलस्वरूप एक साधारण व अशिक्षित व्यक्ति भी अपने पसंद के राजनीतिक दल की पहचान करने में समर्थ होता है।
(2) चुनाव-चिह्न के आधार पर राजनीतिक दल जलसे – जुलूसों का आयोजन सुविधाजनक ढंग से कर सकते हैं ।
(3) चुनाव में भी चुनाव-चिह्न की बहुत अहम् भूमिका होती है। एक अशिक्षित व्यक्ति भी बिना किसी बाहरी मदद के चुनाव चिह्न की सहायता से अपने मत का सही प्रयोग कर सकता है ।
(4) एक निर्वाचन क्षेत्र में एक जैसे नाम के अनेक उम्मीदवार होने पर चुनाव चिह्न मतदाताओं को अपना उम्मीदवार पहचानने में सहायक सिद्ध होता है ।
चुनाव चिह्नों का आबंटन चुनाव आयोग करता है ।
प्रश्न 3. लोकतंत्र में विपक्षी दलों के कार्यों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – लोकतंत्र में विपक्षी दलों के कार्य निम्नलिखित हैं –
1. शासक दल की निरंकुशता पर रोक लगाना – लोकतंत्र में बहुमत दल की सरकार होती है, इसलिए प्रायः यह बहुमत के नशे में निरंकुश रूप से शांसन करने लगता है। विरोधी दल सरकार की इस निरंकुशता पर रोक लगाते हैं । इस काम के लिए वे सरकार की आलोचना करते हैं, उसकी कमजोरियों को जनता तक पहुँचाते हैं तथा सरकार के विरुद्ध जनमत तैयार करते हैं।
2. राजनीतिक विकल्प प्रस्तुत करना – विरोधी दल राजनीतिक विकल्प प्रस्तुत करते हैं। यदि किसी कारणवश सरकार त्यागपत्र दे देती है या उसे हटा दिया जाता है या शासक दल में आपसी फूट पड़ जाती है, तो विरोधी दल सरकार का संगठन करके देश के प्रशासन को चलाते हैं ।
3. राजनीतिक चेतना जागृत करना – प्रजातंत्रीय शासन की सफलता के लिए जनता में राजनीतिक चेतना का होना अति आवश्यक है। विरोधी दल जनता में राजनीतिक चेतना का विकास करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सरकार की कमजोरियों को जनता तक पहुँचाते हैं तथा उसकी नीतियों के संबंध में जनता को ज्ञान प्रदान करते हैं। इस प्रकार लोगों में राजनीतिक चेतना का विकास होता है ।
प्रश्न 4. भारत के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के नाम और उनके चुनाव चिह्न लिखिए ।
उत्तर – भारत में आठ राष्ट्रीय राजनीतिक दल हैं । प्रत्येक दल को चुनाव आयोग के द्वारा निर्धारित चुनाव चिह्न दिया जाता है। इन दलों से संबंधित उम्मीदवार पूरे भारत में अपने दल के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ते हैं। भारत के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और उनके चुनाव चिह्नों के नाम इस प्रकार से हैं-
1. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस – हाथ का पंजा
2. भारतीय जनता पार्टी–कमल का फूल |
3. बहुजन समाज पार्टी – हाथी ।
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) दाँती, हथौड़ा और सितारा ।
5. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – दाँती और गेहूँ की बाल ।
6. राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी – घड़ी ।
7. तृणमूल काँग्रेस पार्टी – जोरा घास फूल ।
8. नेशनल पीपुल्स पार्टी – पुस्तक ।
लघुत्तरात्मक प्रश्न [Short – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. राजनीतिक दलों के गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – राजनीतिक दलों की जरूरत निम्नलिखित कारणों से होती है –
(1) अगर राजनीतिक दल नहीं होंगे तो सभी उम्मीदवार स्वतंत्र अथवा निर्दलीय होंगे । तब इनमें से कोई भी बड़े नीतिगत बदलाव के बारे में जनता से वायदा नहीं कर सकेगा ।
(2) बिना दलों के बनी सरकार की उपयोगिता संदिग्ध होगी।
(3) निर्वाचित प्रतिनिधि सिर्फ अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किए गए कार्यों के प्रति जवाबदेह होंगे तो देश कैसे चलेगा?
(4) प्रत्येक राजनीतिक दल शासन व्यवस्था के संचालन के लिए अनिवार्य है।
प्रश्न 2. भारत के निर्वाचन आयोग पर एक नोट लिखें।
उत्तर- देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए भारतीय संविधान (अनुच्छेद 324 ) द्वारा एक चुनाव आयोग की व्यवस्था की गई है। यह आयोग निर्वाचन क्षेत्रों को निश्चित करता है और मतदाताओं की सूचियाँ तैयार करता है। यह देश में होने वाले विभिन्न चुनावों का प्रबंध करता है। यह उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न निश्चित करता है । इस आयोग के सबसे बड़े अधिकारी को ‘मुख्य निर्वाचन आयुक्त’ कहा जाता है। आयोग यह भी सुनिश्चित करता है कि सत्तारूढ़ दल अन्य राजनीतिक दलों की अपेक्षा अनावश्यक लाभ न उठाए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, उनका कार्यकाल, उनकी सेवा शर्तों तथा उनके अपने पद से हटाए जाने की प्रक्रिया आदि का प्रावधान संविधान में ही कर दिया गया है।
प्रश्न 3. क्षेत्रीय दलों का क्या महत्त्व है?
उत्तर – भारत जैसे विशाल देश के लिए क्षेत्रीय दलों का होना एक स्वाभाविक-सी बात है । ये दल अपने-अपने क्षेत्र के अनुसार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(1) ये दल किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की समस्याओं से संबंधित होते हैं । अतः वे अपने क्षेत्र की जनता की अधिक-से-अधिक सेवा करने में समर्थ होते हैं ।
(2) इन दलों के सदस्य संसद में पहुँचकर अपने क्षेत्र की समस्याओं की ओर सारे राष्ट्र का ध्यान आकर्षित करते हैं ।
(3) साधारणतया ऐसे दल विरोधी दल को सशक्त बनाते हैं ताकि केंद्र सरकार सतर्क रहें एवं ठीक से कार्य करें।
प्रश्न 4. एकदलीय, द्विदलीय तथा बहुदलीय प्रणाली से क्या तात्पर्य है?
उत्तर – 1. एकदलीय प्रणाली – जिन देशों में केवल एक ही राजनीतिक दल होता है, वहाँ एकदलीय प्रणाली काम करती है; जैसे चीन में अपने विघटन से पूर्व सोवियत संघ में भी एकदलीय प्रणाली ही कार्यरत थी । ।
2. द्विदलीय प्रणाली – जिन देशों में मुख्यतः दो दल अस्तित्व में होते हैं, वहाँ द्विदलीय प्रणाली काम करती है; जैसे इंग्लैंड तथा अमेरिका में ।
3. बहुदलीय प्रणाली – जिन देशों में एक से अधिक दल सरकार के निर्माण में अपनी भूमिका निभाते हैं, उसे बहुदलीय प्रणाली कहते हैं; जैसे भारत तथा बांग्लादेश में इन देशों में कई दल हैं, जो चुनाव लड़ते हैं तथा सरकार बनाने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं।
प्रश्न 5. द्विदलीय व्यवस्था के तीन गुण लिखिए |
उत्तर – द्विदलीय व्यवस्था के तीन गुण निम्नलिखित हैं –
(1) द्विदलीय व्यवस्था में दो दल होते हैं | एक दल को पूर्ण बहुमत हासिल हो जाता है, वह सरकार का गठन करता है और दूसरा दल विपक्षी दल की भूमिका निभाता है।
(2) द्विदलीय व्यवस्था में सरकार स्थिर होती है और ( बीच अवधि में) उसके भंग होने की संभावना कम ही रहती है ।
(3) द्विदलीय व्यवस्था विपक्षी दल भी एकजुट रहता है और वह बहुदलीय व्यवस्था की तरह विखंडित नहीं होता है।
प्रश्न 6. द्विदलीय व्यवस्था के तीन दोष लिखिए ।
उत्तर – द्विदलीय व्यवस्था के तीन दोष निम्नलिखित हैं –
(1) द्विदलीय व्यवस्था में दो ही दल होने के कारण लोगों के सामने विकल्प का आभाव होता है । मतदाता मजबूर हो जाते हैं कि उन्हें केवल दो में से ही किसी एक को चुनना है ।
(2) यह प्रणाली अलोकतांत्रिक – सी लगती है क्योंकि सभी प्रकार की विविधताओं को दो दलों में समाहित करना असंभव – सा लगता है।
(3) द्विदलीय प्रणाली में सरकार निरंकुश बन सकती है क्योंकि स्पष्ट बहुमत होने के कारण उसे सरकार गिरने का डर नहीं होता है।
प्रश्न 7. दल-बदल से कौन-कौन सी हानियाँ होती हैं ?
उत्तर-दल-बदल से निम्नलिखित हानियाँ होती हैं –
(1) सरकार में अस्थिरता की स्थिति बनी रहती है ।
(2) जनता का अपने प्रतिनिधियों में विश्वास नहीं रहता ।
(3) सरकार ठोस नीतियों तथा कार्यक्रमों को नहीं चला सकती ।
(4) लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराएँ स्थापित नहीं हो सकतीं ।
प्रश्न 8. बहुदलीय प्रणाली के तीन गुण लिखिए।
उत्तर – बहुदलीय प्रणाली के तीन गुण निम्नलिखित हैं –
(1) देश में अनेक राजनीतिक दल होने के कारण सभी प्रकार की विचारधारा वाले लोगों को समाहित किया जा सकता है।
(2) बहुदलीय प्रणाली वाले देशों में अधिकतर गठबंधन सरकारें पाई जाती हैं जो सभी घटक दलों की आम सहमती से चलती हैं।
(3) गठबंधन सरकार जनता के प्रति अधिक उत्तरदायी बनी रहती है। उसके कभी भी निरंकुश होने की संभावना नहीं होती है।
प्रश्न 9. बहुदलीय पद्धति में कौन-कौन से अवगुण या दोष पाए जाते हैं ?
उत्तर – बहुदलीय पद्धति में निम्नलिखित दोष पाए जाते हैं –
(1) जिन देशों में बहुदलीय पद्धति प्रचलित है, वहाँ सरकारें अस्थायी तथा कमज़ोर होती हैं। इन देशों में प्रायः एक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं होता और वहाँ अनेक दलों के गठजोड़ से सरकारें बनती हैं। जिनकी नीतियाँ तथा उद्देश्य अलग-अलग होते हैं । यदि कोई दल सरकार से समर्थन वापस ले ले तो सरकार गिर जाती है। भारत ऐसी व्यवस्था का मुख्य उदाहरण है ।
(2) इस पद्धति के अंतर्गत बनी संयुक्त सरकार के विभिन्न दलों में टकराव बना रहता है । सरकार यह निर्णय नहीं कर पाती कि किस कार्यक्रम को लागू करे या कौन-सी नीति अपनाए ।
(3) इस पद्धति में सरकार कमजोर तथा अस्थायी होने के कारण जनता की भलाई के लिए कुछ भी नहीं कर सकती। उसे अपना अस्तित्व बनाए रखने की निरंतर चिंता बनी रहती है ।
प्रश्न 10. बहुदलीय प्रणाली में संयुक्त सरकार बनाने की स्थिति क्यों उत्पन्न हो जाती है ?
उत्तर – जब आम चुनाव के बाद किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत प्राप्त नहीं होता, तो बहुदलीय प्रणाली में संयुक्त सरकार बनाने की स्थिति पैदा होती है । मान लीजिए किसी राज्य में विधानसभा के चुनाव में भाग लेने वाले तीन दल ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ हैं और कुल स्थान 250 हैं । दल ‘क’ को चुनाव में 60 स्थान, ‘ख’ को 80 स्थान तथा ‘ग’ को 110 स्थान प्राप्त होते हैं। इन तीनों दलों में से स्पष्ट बहुमत 126 स्थान प्राप्त न करने के कारण कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। अब यदि ‘ख’ और ‘ग’ दल आपस में गठजोड़ कर लें, तो उनकी सदस्य संख्या 80 + 110 = 190 हो जाएगी और इन दोनों दलों का स्पष्ट बहुमत हो जाएगा और वे सरकार बनाने में सफल हो जाएँगे ।
प्रश्न 11. राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्य लिखिए ।
उत्तर – राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं –
1. सार्वजनिक नीतियों का निर्माण – राजनीतिक दलों का सबसे प्रमुख कार्य सार्वजनिक नीतियों का निर्माण करना है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं पर सोच-विचार करना और किसी निश्चय निर्णय पर पहुँचना भी उनका काम है।
2. जनमत का निर्माण और अभिव्यक्ति – सार्वजनिक विषयों पर अपना मत निश्चित करने के बाद राजनीतिक दल उसका प्रचार करते हैं तथा अधिक से अधिक लोगों का विश्वास प्राप्त करके जनमत को अपने पक्ष में करने का प्रयत्न करते हैं । जनमत का निर्माण व अभिव्यक्ति राजनीतिक दलों का मुख्य कार्य है ।
3. चुनाव लड़ना और सरकार बनाना – राजनीतिक दल देश में समय-समय पर होने वाले चुनावों में भाग लेते हैं। जिस राजनीतिक दल को विधानमंडल में बहुमत प्राप्त हो जाता है, वह सरकार की स्थापना करता है ।
प्रश्न 12. आप कैसे कह सकते हैं कि राजनीतिक दल संकट से गुजर रहे हैं?
उत्तर–निम्नलिखित तथ्यों के आधार पर हम कह सकते हैं कि राजनीतिक दल संकट से गुजर रहे हैं –
(1) दक्षिण एशिया की जनता राजनीतिक दलों पर बहुत भरोसा नहीं करती है ।
(2) पूरी दुनिया में राजनीतिक दल ही एक ऐसी संस्था है जिस पर बहुत कम लोग भरोसा करते हैं।
(3) लोग राजनीतिक दलों में आपराधिक तत्त्वों की घुसपैठ को पसंद नहीं करते हैं ।
प्रश्न 13. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना और इसके उद्देश्यों के बारे में लिखें ।
उत्तर – भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना सन् 1885 में हुई थी। यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय दल है। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसका संगठन विद्यमान है। इस संगठन की विचारधारा के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं –
(1) यह दल धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखता है।
(2) इस दल ने अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्ग के लोगों के हितों को अपना एजेंडा बनाया है।
(3) यह दल नई आर्थिक नीतियों का समर्थक है ।
प्रश्न 14. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बारे में आप क्या जानते हैं? इसकी विचारधारा के मुख्य बिंदु लिखें।
अथवा
भारतीय जनता पार्टी का गठन कब हुआ? इसके प्रमुख सिद्धान्त क्या हैं?
उत्तर- भारतीय जनता पार्टी की स्थापना सन् 1980 में हुई थी। पहले इस दल को भारतीय जनसंघ के नाम से जाना जाता था। इस पार्टी की विचारधारा के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-
(1) यह पार्टी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की समर्थक है।
(2) यह पार्टी देश में रहने वाले सभी धर्म के लोगों के लिए समान नागरिक संहिता बनाने और धर्मांतरण पर रोक लगाने के खिलाफ है ।
प्रश्न 15. बहुजन समाज पार्टी के मुख्य प्रेरक सिद्धान्त ( मुख्य बिन्दु) क्या हैं?
उत्तर–बहुजन समाज पार्टी का गठन सन् 1984 में स्व० कांशीराम ने किया था। इस पार्टी के संगठन का मुख्य आधार दलित, आदिवासी, पिछड़ी जातियाँ और धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। इस पार्टी की विचारधारा के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं –
(1) यह पार्टी शोषित और वंचित वर्ग के लोगों के लिए सत्ता प्राप्त करना चाहती है ।
(2) यह पार्टी साहू महाराज, महात्मा फूले, पेरियार और बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों और शिक्षाओं से प्रेरणा लेती है।
(3) यह पार्टी दलितों और कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रश्न 16. वंशवाद राजनीतिक दलों के लिए एक चुनौती कैसे है?’
उत्तर – अधिकांश राजनीतिक दल अपना कामकाज पारदर्शी ढंग से नहीं करते, इसलिए सामान्य कार्यकर्त्ता के नेता बनने तथा ऊपर आने की आशा काफी कम होती है। जो लोग नेता होते हैं वे अनुचित लाभ लेते हुए अपने करीबी लोगों तथा यहाँ तक कि अपने ही परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ाते हैं। अनेक दलों में शीर्ष पद पर हमेशा एक ही परिवार के लोग आते हैं। यह दल के अन्य सदस्यों के साथ अन्याय है । यह बात लोकतंत्र के लिए भी अच्छी नहीं है क्योंकि इससे अनुभवहीन तथा बिना जनाधार वाले लोग ताकत वाले पदों पर पहुँच जाते हैं। ।
प्रश्न 17. धन तथा आपराधिक तंत्र की राजनीति में बढ़ती भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर – आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में धन और आपराधिक तत्त्वों की भूमिका दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है । आज राजनीतिक दलों को सारी चिंता चुनाव जीतने की होती है । अतः इसके लिए कोई भी जायज नाजायज ढंग अपनाने से वे परहेज नहीं करते। वे ऐसे ही उम्मीदवार खड़े करते हैं जिनके पास काफी धन हो या जो धन जुटा सकें। किसी पार्टी को अधिक धन देने वाली कंपनियाँ और अमीर लोग उस पार्टी की नीतियों और निर्णयों को भी प्रभावित करते हैं। अनेक बार पार्टियाँ चुनाव जीत सकने वाले अपराधियों का समर्थन करती हैं या उनकी सहायता लेती हैं। दुनिया भर में लोकतंत्र के समर्थक लोकतांत्रिक राजनीति में अमीर लोग और बड़ी कंपनियों की बढ़ती भूमिका को लेकर चिंतित हैं।
प्रश्न 18. क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय दलों में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – क्षेत्रीय दल – जब कोई दल राज्य विधान सभा के चुनावों में पड़े कुल मतों का छह प्रतिशत या उससे अधिक प्राप्त करता है, तो उसे क्षेत्रीय दल की मान्यता प्राप्त हो जाती है। ये दल किसी क्षेत्र विशेष में सक्रिय होते हैं। ये अपने क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाते हैं; जैसे इंडियन नेशनल लोकदल तथा शिरोमणि अकाली दल ।
राष्ट्रीय दल – अगर कोई दल लोकसभा के चुनाव में पड़ी कुल वोटों का अथवा चार राज्यों के विधानसभायी चुनाव में पड़े कुल वोटों का छह प्रतिशत हासिल करता है और लोकसभा में कम-से-कम चार सीटों पर विजय हासिल करता है तो उसे राष्ट्रीय दल की मान्यता प्राप्त हो जाती है । ये दल देशभर में सक्रिय होते हैं; जैसे भारतीय जनता पार्टी तथा भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस ।
प्रश्न 19. राजनीतिक दलों के बीच विकल्पहीनता किस प्रकार से लोकतंत्र के लिए एक चुनौती है ?
उत्तर – भारत में राजनीतिक दलों के बीच विकल्पहीनता की कमी है । सार्थक विकल्प का अर्थ होता है विभिन्न पार्टियों की नीतियों और कार्यक्रमों में महत्त्वपूर्ण अन्तर होना । हाल ही के वर्षों में दलों के बीच वैचारिक अंतर कम होता गया है। हमारे देश में सभी बड़ी पार्टियों के बीच आर्थिक मसलों पर बहुत कम अंतर रह गया है ।
प्रश्न 20. आप कैसे कह सकते हैं कि राजनीतिक दलों के भीतर आंतरिक लोकतंत्र की कमी है?
उत्तर – वर्तमान लोकतांत्रिक देशों में आमतौर पर यह प्रवृत्ति बन गई है कि दल की सारी ताकत एक या कुछ एक नेताओं के हाथों में सिमट गई है। पार्टियों के पास न तो सदस्यों की खुली सूची होती है और न ही नियमित रूप से संगठन की बैठकें होती हैं। पार्टियों के आंतरिक चुनाव भी नहीं होते हैं । यदि कोई नेता पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की माँग करता है तो उसे अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया जाता है ।
प्रश्न 21. राजनीतिक दलों द्वारा चन्दा सम्बन्धी प्रस्तावित दो सुधारों को लिखिए।
उत्तर – राजनीतिक दलों द्वारा चन्दा सम्बन्धी प्रस्तावित दो सुधार हैं –
(1) चुनाव का खर्च सरकार उठाए । सरकार राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने के लिए धन दे ।
(2) सरकार राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने के लिए पिछले चुनाव में मिले मतों के अनुपात में नकद पैसा दे ।
प्रश्न 22. राजनीतिक दलों की जरूरत क्यों होती है?
उत्तर – राजनीतिक दल लोकतांत्रिक व्यवस्था का महत्त्वपूर्ण अंग होते हैं। यदि राजनीतिक दल न हों तो सारे उम्मीदवार स्वतंत्र या निर्दलीय होंगे। इस स्थिति में कोई भी स्वतंत्र या निर्दलीय उम्मीदवार नीतिगत बदलाव के बारे में लोगों से चुनावी वायदे करने की स्थिति में नहीं होगा । निर्वाचित प्रतिनिधि केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए ही जवाबदेह होगा । ऐसी स्थिति में देश का शासन नहीं चलाया जा सकता । इसलिए राजनीतिक दलों की जरूरत होती है ।
प्रश्न 23. राजनीतिक दलों को कैसे सुधारा जा सकता है ?
उत्तर – राजनीतिक दलों में वर्तमान समय में बहुत से दोष आ गए हैं। वे अपने कामकाज को बेहतर ढंग से कर सकें, इसके लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं और सुझाव दिए गए हैं –
उपाय – (1) सांसदों और विधायकों को दल-बदल करने से रोकने के लिए संविधान में संशोधन किया गया है। निर्वाचित प्रतिनिधियों के मंत्रीपद या पैसे के लोभ में दल-बदल करने में आई तेज़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। नए कानून के अनुसार अपना दल-बदलने वाले विधायक या सांसद को अपनी सीट भी गँवानी होगी। इस नए कानून से दल-बदल में कमी आई है।
(2) उच्चतम न्यायालय ने पैसे और अपराधियों का प्रभाव कम करने के लिए एक आदेश जारी किया है । इस आदेश के द्वारा चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार को अपनी संपत्ति का और अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का ब्यौरा एक शपथ पत्र के माध्यम से देना अनिवार्य कर दिया है ।
(3) चुनाव आयोग ने एक आदेश के द्वारा सभी दलों के लिए संगठनिक चुनाव कराना तथा आयकर रिटर्न भरना आवश्यक कर दिया है। दलों ने ऐसा करना शुरू भी कर दिया है, परंतु कई बार ऐसा केवल खानापूर्ति करने के लिए होता है।
अति-लघुत्तरात्मक प्रश्न [Very Short-Answer Type Questions]
प्रश्न 1. राजनीतिक दलों के दो कार्य लिखें ।
उत्तर – (1) चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना ।
(2) सरकार का गठन और संचालन करना ।
प्रश्न 2. राजनीतिक दल का क्या अर्थ है ?
उत्तर – एक समान विचारधारा से प्रतिबद्ध लोगों का एक ऐसा संगठन जो चुनाव लड़ने और सरकार का गठन करने के उद्देश्य से काम करता है ।
प्रश्न 3. राजनीतिक दल के तीन प्रमुख अंग कौन-कौन से होते हैं ?
उत्तर–(1) नेता, (2) सक्रिय सदस्य, ( 3 ) अनुयायी या समर्थक |
प्रश्न 4. शासक दल किसे कहते हैं ?
उत्तर – जिस दल का शासन हो अर्थात् जिस दल की सरकार बनी हो उसे शासक दल कहते हैं ।
प्रश्न 5. एकदलीय शासन व्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर- कुछ देशों में केवल एक ही दल को सरकार बनाने तथा चलाने की अनुमति होती है। ऐसी व्यवस्था को एकदलीय व्यवस्था कहते हैं ।
प्रश्न 6. द्विदलीय शासन व्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर- कुछ देशों में केवल दो ही प्रमुख राजनीतिक दल पाए जाते हैं। ऐसी व्यवस्था को द्विदलीय शासन व्यवस्था कहते हैं ।
प्रश्न 7. भारत में बहुदलीय व्यवस्था क्यों है?
उत्तर- भारत एक विशाल देश है । यहाँ स्थान-स्थान पर भौगोलिक तथा सामाजिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं। एकदलीय या द्विदलीय व्यवस्था इन विभिन्नताओं के कारण सुगमता से प्रशासन चलाने में सक्षम नहीं हो सकती। इसलिए भारत में बहुदलीय व्यवस्था है।
प्रश्न 8. राष्ट्रीय राजनीतिक दल किसे कहते हैं?
उत्तर- अगर कोई दल लोकसभा के चुनाव में पड़े कुल वोटों का अथवा चार राज्यों के विधानसभायी चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6 प्रतिशत हासिल करता है और लोकसभा के चुनाव में कम-से-कम 4 सीटों पर विजय हासिल करता है तो उसे राष्ट्रीय राजनीतिक दल की मान्यता मिलती है।
प्रश्न 9. भारत के दो मुख्य राष्ट्रीय दलों के नाम लिखिए।
उत्तर – (1) भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस ।
(2) भारतीय जनता पार्टी ।
प्रश्न 10. भारत के दो साम्यवादी दलों के नाम लिखिए।
उत्तर – (1) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ।
(2) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ।
प्रश्न 11. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना कब हुई थी ? इसका चुनाव चिह्न क्या है?
उत्तर – भारतीय जनता पार्टी की स्थापना सन् 1980 में हुई थी। इसका चुनाव चिह्न कमल का फूल है।
प्रश्न 12. बहुजन समाज पार्टी की स्थापना कब और किसने की ?
उत्तर – बहुजन समाज पार्टी की स्थापना सन् 1984 में कांशीराम ने की थी ।
प्रश्न 13. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दो सिद्धांत लिखिए।
उत्तर – (1) यह पार्टी लोकतंत्र और धर्म निरपेक्षता की समर्थक है।
(2) यह पार्टी सामाजिक और आर्थिक न्याय की पक्षधर है ।
प्रश्न 14. राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के दो सिद्धांत लिखिए ।
उत्तर- (1) यह पार्टी लोकतंत्र और धर्म निरपेक्षता की समर्थक है।
(2) यह पार्टी सरकार के प्रमुख पदों को केवल भारत में जन्मे नागरिकों के लिए आरक्षित करना चाहती है ।
प्रश्न 15. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के दो सिद्धांत लिखिए।
उत्तर – (1) यह दल कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों का समर्थक है।
(2) यह दल नई आर्थिक नीतियों का समर्थक है।
प्रश्न 16. भारतीय जनता पार्टी के दो सिद्धांत लिखिए ।
(2) यह पार्टी जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की विरोधी है।
प्रश्न 17. बहुजन समाज पार्टी के दो सिद्धांत लिखिए।
उत्तर – (1) यह पार्टी दलित, आदिवासी, पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों के लिए राजनीतिक सत्ता पाने की पक्षधर है ।
(2) कमजोर वर्गों और दलितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रश्न 18. प्रांतीय दल किसे कहते हैं?
उत्तर – जिन दलों को किसी एक राज्य में मान्यता प्राप्त दल का दर्जा प्राप्त होता है, उसे प्रांतीय दल कहते हैं ।
प्रश्न 19. हरियाणा और पंजाब के एक-एक प्रांतीय दल का नाम लिखें ।
उत्तर- हरियाणा – इंडियन नेशनल लोकदल |
पंजाब-शिरोमणि अकाली दल ।
प्रश्न 20. तेलुगुदेशम और द्रमुक किन राज्यों के दल हैं?
उत्तर – तेलुगुदेशम-आंध्र प्रदेश।
द्रमुक तमिलनाडु ।
प्रश्न 21. राजनीतिक दलों की दो चुनौतियाँ लिखें।
उत्तर – (1) वंशवाद, (2) धन और आपराधिक तत्त्वों की घुसपैठ ।
प्रश्न 22. महिलाओं के लिए विधायिकाओं में कितने प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है?
उत्तर-महिलाओं के लिए विधायिका में 33% आरक्षण का प्रावधान किया गया है ।
प्रश्न 23. गठबंधन सरकार का क्या अर्थ है?
उत्तर- जब किसी एक दल को चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं होता तो कई राजनीतिक दल एक-साथ मिलकर सरकार बनाते हैं। इस प्रकार बनी सरकार को गठबंधन सरकार कहते हैं ।
प्रश्न 24. दल-बदल का क्या अर्थ है ?
उत्तर – विधायिका के लिए किसी दल विशेष से निर्वाचित होने वाले प्रतिनिधि का उस दल को छोड़कर किसी अन्य दल में शामिल हो जाना दल-बदल कहलाता है ।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न [Objective Type Questions]
I. एक शब्द या एक वाक्य में उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1. जनता के शासन को क्या कहते हैं ?
उत्तर- लोकतंत्र ।
प्रश्न 2. चुनाव आयोग का कोई एक कार्य लिखें ।
उत्तर – चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता ।
प्रश्न 3. एकदलीय शासन व्यवस्था वाले किन्हीं दो देशों के नाम लिखिए ।
उत्तर – चीन और क्यूबा एकदलीय शासन व्यवस्था वाले देश हैं ।
प्रश्न 4. अमेरिका और ब्रिटेन में दलीय प्रणाली का स्वरूप कैसा है?
उत्तर – अमेरिका और ब्रिटेन द्विदलीय शासन व्यवस्था वाले देश हैं ।
प्रश्न 5. भारत में दलीय व्यवस्था का स्वरूप कैसा है ?
उत्तर- बहुदलीय ।
प्रश्न 6. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में किस गठबंधन की सरकार बनी थी ?
उत्तर – संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यू०पी०ए०) की।
प्रश्न 7. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में किस गठबंधन की सरकार बनी है ?
उत्तर – राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन०डी०ए० ) की ।
प्रश्न 8. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना कब हुई थी ?
उत्तर – भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना सन् 1885 में हुई थी ।
प्रश्न 9. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का गठन कब हुआ?
उत्तर–सन् 1964 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का गठन हुआ ।
प्रश्न 10. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना कब हुई ?
उत्तर – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 1925 में हुई।
प्रश्न 11. राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी की स्थापना कब हुई?
उत्तर–सन् 1999 में राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी की स्थापना हुई ।
प्रश्न 12. मोहम्मद यूनुस किस देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं?
उत्तर – बांग्लादेश के ।
प्रश्न 13. वर्तमान में भारत में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या कितनी है?
उत्तर- वर्तमान में भारत में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या 8 है।
प्रश्न 14. मोहम्मद यूनुस को किस वर्ष नोबेल पुरस्कार मिला ?
उत्तर – सन् 2007 में ।
प्रश्न 15. मोहम्मद यूनुस को किस क्षेत्र में कार्य करने के लिए नोबेल पुरस्कार मिला ?
उत्तर – गरीबों के आर्थिक विकास के लिए ग्रामीण बैंक स्थापित करने के लिए नोबेल पुरस्कार मिला ।
प्रश्न 16: मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में किस राजनीतिक दल का गठन किया?
उत्तर- ‘नागरिक शक्ति’ नामक राजनीतिक दल का ।
प्रश्न 17. फोर्जा इतालिया का गठन कब हुआ?
उत्तर- फोर्जा इतालिया इटली का राजनीतिक दल था। इसका गठन सन् 1993 में हुआ था।
प्रश्न 18. फोर्जा इतालिया का नेता कौन था ?
उत्तर – फोर्जा इतालिया का नेता बर्लुस्कोनी था ।
प्रश्न 19. शिरोमणी अकाली दल की स्थापना किस वर्ष हुई ?
उत्तर- सन् 1920 में ।
प्रश्न 20. तेलुगुदेशम पार्टी की स्थापना कब हुई?
उत्तर – सन् 1982 में ।
प्रश्न 21. भारत में 2006 में कितने राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दल थे ?
उत्तर – भारत में 2006 में 6 राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दल थे ।
प्रश्न 22. हरियाणा का प्रांतीय दल कौन-सा है ?
उत्तर- इंडियन नेशनल लोकदल ।
प्रश्न 23. इंडियन नेशनल लोकदल की स्थापना किस वर्ष हुई ?
उत्तर – सन् 1977 में ।
प्रश्न 24. चीन में कौन-सी दलीय व्यवस्था पाई जाती है?
उत्तर – एक दलीय व्यवस्था ।
प्रश्न 25. चीन में किस पार्टी का शासन है ?
उत्तर – चीन में कम्युनिस्ट पार्टी का ।
प्रश्न 26. बर्लुस्कोनी कौन था ?
उत्तर – बर्लुस्कोनी फोर्जा इतालिया का नेता था |
प्रश्न 27. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का चुनाव चिह्न क्या है ?
उत्तर – हाथ का पंजा
II. बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए-
1. राजनीतिक दल निम्नलिखित में से कौन-सा कार्य करते हैं ?
(A) चुनाव लड़ना
(B) सरकार का गठन करना
(C) सरकार का संचालन करना
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
2. एक राजनीतिक दल का प्रमुख हिस्सा होता है –
(A) नेता
(B) सक्रिय सदस्य
(C) अनुयायी या समर्थक
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
3. भारत में राजनीतिक दलों का पंजीकरण करने वाली संस्था है-
(A) राष्ट्रपति
(B) चुनाव आयोग
(C) संसद
(D) प्रधानमंत्री
उत्तर- (B)
4. भारत में चुनाव आयोग के पास पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या कितनी है?
(A) 6
(B) 11
(C) 100
(D) 750 से अधिक
उत्तर-(D)
5. निम्नलिखित में से किस देश में केवल एकदलीय शासन व्यवस्था है ?
(A) चीन
(B) भारत
(C) अमेरिका
(D) इंग्लैंड
उत्तर – (A)
6. निम्नलिखित में से किस देश में द्विदलीय शासन व्यवस्था है ?
(A) अमेरिका
(B) भारत
(C) पाकिस्तान
(D) चीन
उत्तर – (A)
7. निम्नलिखित में से किस देश में बहुदलीय शासन व्यवस्था है?
(A) अमेरिका
(B) इंग्लैंड
(C) भारत
(D) चीन
उत्तर-(C)
8. वर्तमान में भारत में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या कितनी है?
(A) 4
(B) 8
(C) 6
(D) 7
उत्तर-(B)
9. निम्नलिखित में से कौन-सा राष्ट्रीय राजनीतिक दल नहीं है?
(A) भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
(B) राष्ट्रीय जनता दल
(C) बहुजन समाज पार्टी
(D) राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी
उत्तर-(B)
10. राष्ट्रीय राजनीतिक दल के लिए पंजीकरण हेतु शर्त है –
(A) लोकसभा के चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6 प्रतिशत वोट हासिल करना
(B) कम-से-कम चार राज्यों के विधानसभायी चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6 प्रतिशत हासिल करना
(C) लोकसभा के चुनाव में कम-से-कम 4 सीटों पर जीत हासिल करना
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
11. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का चुनाव चिह्न है –
(A) हाथ का पंजा
(B) हाथी
(C) कमल का फूल
(D) घड़ी
उत्तर – (A)
12. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस निम्नलिखित में से किस विचारधारा से प्रभावित है ?
(A) वामपंथी
(B) दक्षिणपंथी
(C) मध्यमार्गी
(D) जातिवादी
उत्तर-(C)
13. कौन-सी पार्टी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का नेतृत्व कर रही है ?
(A) भारतीय जनता पार्टी
(B) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
(C) राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी
(D) भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
उत्तर-(D)
14. 2019 के लोकसभा चुनाव में किस दल को सबसे अधिक सीटें मिलीं ?
(A) भारतीय जनता पार्टी
(B) भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
(C) बहुजन समाज पार्टी
(D) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
उत्तर – (A)
15. भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा का मुख्य बिंदु है –
(A) धर्मनिरपेक्षता
(B)सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
(C) जातिवाद
(D) वर्ग-संघर्ष
उत्तर-(B)
16. भारतीय जनता पार्टी का गठन कब हुआ था ?
(A) सन् 1980 में
(B) सन् 1981 में
(C) सन् 1982 में
(D) सन् 1984 में
उत्तर – (A)
17. कौन-सी पार्टी सरकार के प्रमुख पदों को सिर्फ भारत में जन्मे नागरिकों के लिए आरक्षित करना चाहती है?
(A) भारतीय जनता पार्टी
(B) बहुजन समाज पार्टी
(C) राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी
(D) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
उत्तर-(C)
18. डी०एम०के०, ए०आई०डी०एम०के० और एम०डी०एम०के० किस प्रांत के दल हैं ?
(A) हरियाणा
(B) तमिलनाडु
(C) आंध्र प्रदेश
(D) केरल
उत्तर-(B)
19. हरियाणा का प्रांतीय दल है –
(A) अकाली दल
(B) इंडियन नेशनल लोकदल
(C) नेशनल कांफ्रेंस
(D) राष्ट्रीय लोकदल
उत्तर-(B)
20. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रांतीय दल का उदाहरण है ?
(A) तेलुगुदेशम
(B) शिव सेना
(C) डी०एम०के०
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
21. बिहार का प्रांतीय दल है –
(A) जनता दल (यू)
(B) लोक जनशक्ति पार्टी
(C) राष्ट्रीय जनता दल
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
22. एक दल को छोड़कर दूसरे दल में चले जाने को क्या कहते हैं ?
(A) स्थानातंरण
(B) दल छोड़ना
(C) दल-बदल
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(C)
III. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का चुनाव चिह्न ………… है।
2. भारतीय जनता पार्टी का गठन ………. में हुआ था ।
3. भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा का मुख्य बिंदु ………. है।
4. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का नेतृत्व ………… पार्टी कर रही है ।
उत्तर – 1. हाथ का पंजा, 2. सन् 1980, 3. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, 4. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस ।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हाँ/नहीं में दीजिए
1. क्या इंडियन नेशनल लोकदल हरियाणा का प्रांतीय दल है ?
2. क्या चीन में एक दलीय शासन व्यवस्था है ?
3. क्या भारत में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या 11 है?
4. क्या भारत में बहुदलीय शासन व्यवस्था है ?
उत्तर – 1. हाँ, 2. हाँ, 3. नहीं, 4 हाँ ।
Haryana Board 10th Class Social Science Notes Civics Chapter 6 राजनीतिक दल
राजनीतिक दल Class 10 Notes HBSE
→ किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए राजनीतिक दलों का होना आवश्यक होता है। लोकतंत्र व राजनीतिक दल पर्यायावाची बन चुके हैं।
→ यदि आज के युग में प्रतिनिधित्मक सरकार ही लोकतांत्रिक सरकार होती है तो ऐसी सरकार के लिए चुनौती का होना जरूरी होता है। हम राजनीतिक दल के बिना चुनावों की कल्पना नहीं कर सकते।
→ राजनीतिक दल लोगों का वह संगठित समूह है जिसके सदस्य किसी नेता के नेतृत्व में राजनीतिक/सार्वजनिक मामलों पर एक-सी राय रखते हैं तथा अपने साझे व शांतिप्रिय प्रयासों से सत्ता प्राप्त करने का प्रयास करने के बाद अपनी घोषित।
→ चुनावी नीतियों को लागू करते हैं। जो दल शासन व सरकार बनाता है, उसे शासक दल कहते हैं तथा जा दल सत्ता से बाहर होते हैं, उन्हें विपक्ष कहा जाता है।
Rajnitik Dal Notes HBSE 10th Class
→ शासक दल एक राजनीतिक दल की भी हो सकता है तथा कुछेक दलों का गठबन्धन भी हो सकता है।
→ राजनीतिक दलों के मुख्य कार्यों में चुनावों में उम्मीदवारों का चयन, चुनावी अभियान, सत्ता की प्राप्ति, विपक्ष का निर्माण, सरकार बनाने के पश्चात कानूनों का बनाना, जो कानून नहीं बनाते, उनका सरकार की आलोचना करना, सरकार के हस्तांतरण में आसानी, राजनीतिक चेतना, राजनीतिक शिक्षण आदि का उल्लेख किया जा सकता है।
→ दल एक-दलीय (जहाँ केवल एक दल हो), द्विदलीय (जहाँ मुख्यतया दो राजनीतिक दल हों) बहुदलीय (जहाँ दो अथवा दो से अधिक राजनीतिक दल एकसमान शक्तिशाली हों) एक-दल प्रभुत्व दलीय व्यवस्था, गठबंधीय दलीय व्यवस्था आदि हो सकते हैं।
→ भारत में राष्ट्रीय स्तर पर भी राजनीतिक दल हैं तथा क्षेत्रीय व प्रान्तीय स्तर पर भी। राष्ट्रीय दलों में काँग्रेस पार्टी, भारतीय राजनीतिक पार्टी, जनता दल, बहुजन समाज दल, साम्यवादी दल, मार्क्सवादी दल, राष्ट्रीय काँग्रेस दल आदि के नाम उल्लेखनीय है।
→ प्रान्तीय स्तर पर बने दलों की संख्या भी कुछ कम नहीं है। भारत में प्रान्तीय स्तर पर बने दलों में कुछेक निम्नलिखित हैं: नेशनल कान्फ्रेंस, अकाली दल, लोक दल, समाजवादी दल, तेलुगु-देशम, आदि के नाम उल्लेखनीय है।
→ राजनीतिक दलों को जन-जागृति का काम करना चाहिए। वोट प्राप्त करने की लालसा में साम्प्रदायिक व जातिगत भावनाओं से दूर रहना चाहिए।
→ राजनीतिक दल : लोगों का ऐसा संगठित समूह जिसमें उनके सार्वजनिक मामलों पर एक से विचार होते हैं तथा जो अपने संयुक्त प्रयासों से व संवैधानिक तरीकों से सत्ता प्राप्त करके अपनी नीतियों को लागू करते हैं।
→ राजनीतिक दल के तीन तत्व : नेता, सक्रिय सदस्य, अनुयायी अथवा समर्थक
→ शासक दल : जिस राजनीतिक दल के पास शासन सत्ता हो तथा जो दल सरकार बनाए।
→ विपक्ष : जो राजनीतिक दल सरकार से बाहर होते हैं तथा शासक दल की नीतियों का विरोध करें।
राजनीतिक दल Class 10 Notes In Hindi HBSE
→ दो-दलीय व्यवस्था : जिस देश में मुख्यतया दो राजनीतिक दल हों।
→ गठबन्धनीय दल : वह राजनीतिक दल जो दो अथवा दो से अधिक हों व सरकार बनाने के लिए प्रयासरत हों अथवा सरकार बनाए।
→ बहुदलीय व्यवस्था : जिस देश में दो से अधिक राजनीतिक दल एक समान सशक्त हों।
→ राष्ट्रीय राजनीतिक दल : वहराजनीतिक दल जो राष्ट्रीय स्तर में पर कार्यरत हों।
→ दल-बदल : विधायिका के लिए किसी अन्य दल में प्रवेश
→ क्षेत्रीय/प्रान्तीय राजनीतिक दल : वह राजनीतिक दल जो क्षेत्रीय व प्रान्तीय स्तर पर बनाए जाएँ तथा उन्हीं स्तरों पर कार्यरत हों।
→ भारत के कुछ प्रान्तीय दल : नेशनल कान्फ्रेंस, अकाली दल, तेलुगु देशम, डी.एम.के., आल इण्डिया अन्ना डी.एम.के. आदि।
→ शपथ-पत्र : किसी अधिकारी को सौंपा गया एक दस्तावेज जिसमें वह अपने विषय में निजी सूचनाएँ देता है तथा उनके सही होने की शपथ लेता है तथा उस पर अपने हस्ताक्षर करता है।