HR 10 SST

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 विकास

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Economics Chapter 1 विकास

HBSE 10th Class Economics विकास Textbook Questions and Answers

अध्याय का संक्षिप्त परिचय
1. विकास – मनुष्य की आकांक्षाओं और इच्छाओं को पूरा करने के लिए नए संसाधनों को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया ।
2. मानव विकास – मानव विकास सामाजिक विकास का एक मूल तत्त्व है । यह लोगों पर संकेंद्रित है। इसका संबंध उनकी भलाई, आवश्यकताओं, प्राथमिकताओं तथा आकांक्षाओं से होता है। इसका उद्देश्य जीवन की एक समान परिस्थितियाँ उत्पन्न करना है जो लोगों को अपनी प्रतिभा के अनुसार सार्थक और सृजनात्मक जीवन जी सकने में सहायक हों।
3. मानव विकास के तत्त्व – एक स्वस्थ तथा दीर्घ जीवन व्यतीत करना, शिक्षा सूचना एवं ज्ञान प्राप्त करना, जीविकोपार्जन के अवसरों की उपलब्धि, जीवन यापन के अच्छे स्तर के लिए प्राकृतिक संसाधनों तक पहुँच होना, व्यक्तिगत तथा सामाजिक सुरक्षा प्राप्त करना ।
4. आर्थिक विकास – आर्थिक विकास मानवीय विकास का प्रमुख तत्त्व है । आर्थिक विकास को मापने का साधन प्रति व्यक्ति आय है। सकल राष्ट्रीय उत्पाद (G.N.P.) में वृद्धि करके प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाया जा सकता है।
5. मानव विकास सूचकांक – संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (U.N.D.P.) ने अपनी प्रथम मानव विकास रिपोर्ट 2006 में मानव विकास सूचकांक (H.D.I.) का प्रयोग किया । यद्यपि मानव विकास का पूर्ण मूल्यांकन करना असंभव है। इसके चार संयुक्त मापदंड हैं- (i) दीर्घायु, (ii) ज्ञान, (iii) व्यक्तिगत आय, (iv) स्कूलों में बच्चों का नामांकन ।
6. प्रति व्यक्ति आय – एक वर्ष में एक राष्ट्र की कुल आय को देश की कुल जनसंख्या से विभाजित करके प्राप्त होने वाली आय
प्रति व्यक्ति आय = कुल राष्ट्रीय आय /कुल जनसंख्या
7. शिशु मृत्यु दर – किसी वर्ष में पैदा हुए 1000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मर जाने वाले बच्चों का अनुपात दिखाती है।
8. साक्षरता दर – 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात ।
9. निवल उपस्थिति अनुपात – 6-10 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले कुल बच्चों का उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ प्रतिशत ।
10. धारणीयता – पर्यावरण को क्षति पहुँचाए बिना किया जाने वाला विकास । इसमें आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरणीय संरक्षण के बारे में सोचा जाता है ।
11. ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय संसाधनों का संकट – विश्व में अब से 50 वर्षों के बाद ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय संसाधनों के लुप्त हो जाने के कारण एक महान् संकट खड़ा हो जाएगा।

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. सामान्यतः किसी देश का विकास किस आधार पर निर्धारित किया जा सकता है-
(क) प्रतिव्यक्ति आय
(ख) औसत साक्षरता स्तर
(ग) लोगों की स्वास्थ्य स्थिति
(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर- (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 2. निम्नलिखित पड़ोसी देशों में से मानव विकास के लिहाज से किस देश की स्थिति भारत से बेहतर है?
(क) बांग्लादेश
(ख) श्रीलंका
(ग) नेपाल
(घ) पाकिस्तान

उत्तर- (ख) श्रीलंका

प्रश्न 3. मान लीजिए कि एक देश में चार परिवार हैं। इन परिवारों की प्रतिव्यक्ति आय 5, 000 रुपये हैं। अगर तीन परिवारों की आय व्मशः 4, 000, 7, 000 और 3, 000 रुपये हैं, तो चौथे परिवार की आय क्या है?
(क) 7, 500 रुपये
(ख) 3, 000 रुपये
(ग) 2, 000 रुपये
(घ) 6, 000 रुपये

उत्तर- (घ) 6, 000 रुपये

प्रश्न 4. विश्व बैंक विभिन्न वगोछद्व का वर्गीकरण करने के लिये किस प्रमुख मापदण्ड का प्रयोग करता है? इस मापदण्ड की, अगर कोई हैं, तो सीमाए! क्या हैं?
उत्तर- (क) विश्व बैंक विभिन्न वर्गों का वर्गीकरण करने के लिए प्रति व्यक्ति अप जिसे औसत आय भी कहते हैं, को प्रमुख मापदण्ड के रूप इस्तेमाल करता है।
(ख) इस मापदण्ड की एक सीमा यह है कि हालाँकि औसत आय तुलना के लिए उपयोगी है परंतु इससे यह पता नहीं चलता कि यह आय लोगों में किस तरह वितरित है।

प्रश्न 5. विकास मापने का यू.एन.डी.पी. का मापदण्ड किन पहलुओं में विश्व बैंक के मापदण्ड से अलग है?
उत्तर- (क) यू. एन. डी. पी. द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक, स्वास्थ्य स्तर एवं प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है।
(ख) जबकि विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट 2006 में, देशों का वर्गीकरण करने में प्रति व्यक्ति आय आ औसत आय का इस्तेमाल किया गया है।

प्रश्न 6. हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं? इनके प्रयोग करने की क्या कोई सीमाए! हैं? विकास से जुड़े अपने उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- (क) विभिन्न देशों के बीच तुलना के लिए कुल आय को अच्छा मापदण्ड नहीं माना जाता है। क्योंकि विभिन्न देशों की जनसंख्या अलग-अलग होती है। अतः कुल आय की तुलना करने से यह पता नहीं चल पाता है कि औसत व्यक्ति क्या कमा सकता है। इससे यह भी पता नहीं चल पाता है कि क्या एक देश के लोग दूसरे देश के लोगों से बेहतर परिस्थिति में हैं?
(ख) इसलिए औसत का प्रयोग किया जाता है, जिससे तुलना करने में आसानी होती है।
औसत आय = राष्ट्रीय आय
कुल जनसंख्या
(ग) औसतें तुलना के दृष्टिकोण से उपयोगी है, इससे असमानताएँ छुप जाती हैं। उदाहरण के लिए मान लीजिये देश A और B में पाँच-पाँच निवासी रहते हैं जिनकी मासिक औसत आय निम्नलिखित तालिका के अनुसार है।
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इस तालिका से स्पष्ट है कि दोनों देश बराबर विकसित नहीं हैं। यदि हमें इन दो देशों में से किसी एक देश में रहने को कहा जाय तो हममें से कुछ लोग B देश में रहना पसंद करेंगे यदि हमें यह आश्वासन मिले कि हम उस देश के पाँचवें नागरिक होंगे। मगर यदि हमारी नागरिकता लॉटरी द्वारा निश्चित हो तो ज्यादातर लोग A देश में रहना चाहेंगे क्योंकि हालाँकि दोनों देशों की औसत आय लगभग एक समान है परंतु A देश के लोग न तो बहुत हमीर हैं न ही बहुत गरीब, पर B देश के हर पाँच नागरिक में सिर्फ एक अमीर है जबकि अन्य चार गरीब हैं।
(घ) हालाँकि औसत आय तुलना के लिए उपयोगी है लेकिन इससे यह पता नहीं चलता कि यह आय लोगों में किस तरह वितरित है।

प्रश्न 7. प्रतिव्यक्ति आय कम होने पर भी केरल का मानव विकास क्रमांक हरियाणा से ऊँचा है। इसलिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है और राज्यों की तुलना के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। क्या आप सहमत हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर- प्रतिव्यक्ति आय विकास के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मापदंडों में से एक है। क्योंकि अर्थिक आय से अधिक से मात्रा में भौतिक वस्तुएँ उपलब्ध हो सकती हैं। विकास के मापदंड के रूप में प्रतिव्यक्ति आय का प्रयोग विश्व बैंक द्वारा भी किया जाता है। अतः यह कहना उचित नहीं है कि प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापंदड नहीं है। परंतु इस मापंदड की निम्नलिखित सीमाएँ हैं
(क) प्रति व्यक्ति आय और मानव-विकास क्रमांक का अंर्तसंबंध किसी समरूपता का परिचायक नहीं है।
(ख) मुद्रा की सहायता से अच्छे जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएँ एवं सेवाएँ नहीं खरीदी जा सकती। जैसे-मृद्रा हमारे लिए प्रदूषण मुक्त पर्यावरण नहीं खरीद सकता है।
(ग) आय स्वयं में उन सेवाओं और वस्तुओं का पर्याप्त सूचक नहीं है जो लोग प्रयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 8. भारत के लोगों द्वारा ऊर्जा के किन पेतों का प्रयोग किया जाता है? ज्ञात कीजिए। अब से 50 वर्ष पश्चात् क्या संभावनाएँ हो सकती हैं?
उत्तर- (क) परंपरागत स्त्रोत : (i) प्राकृतिक गैस, (ii) पेट्रोलियम, (iii) बिजली, (iv) कोयला
(ख) गैर-परंपरागत स्त्रोत : (i) पवन उर्जा, (ii) ज्वारीय उर्जा, (iii) सौर उर्जा, (iv) बायो गैस
ऐसी संभावना है कि अब से 50 पश्चात् भारत में उर्जा के गैर-परंपरागत स्त्रोतों को अधिकाधिक उपयोग हो रहा होगा। क्योंकि उर्जा के परंपरागत स्त्रोतों स्टॉक सीमित है।

प्रश्न 9. धारणीयता का विषय विकास के लिए क्यों महन्वपूर्ण है?
उत्तर- धारणीयता वह विकास है जो वर्तमान में पर्यावरण को क्षति पहुँचाए बिना होना चाहिए। इस क्रम में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
निम्नलिखित कारणों से धारणीयता का विषय विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है
(क) प्राकृतिक संसाधनों जैसे, कोयला, कच्चा तेल आदि का भंडार सीमित है।
इनके खत्म हो जाने पर भविष्य में विश्व में सभी देशों व विकास खतरे में पड़ सकती है।
(ख) कोयला, कच्चा तेल, खनिज पदार्थ आदि विकास के लिए आवश्यक है परंतु ये हमारे वातावरण को प्रदूषित करते है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।

प्रश्न 10. धरती के पास सब लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन एक भी व्यक्ति के लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यह कथन विकास की चर्चा में कैसे प्रासंगिक है? चर्चा कीजिए।
उत्तर- यह सत्य है कि पृथ्वी के पास सब लोगों की जरूरतें पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन एक भी
व्यक्ति के लोभ को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। धरती के भीतर लौह खनिज जैसे-लौह आयस्क, मैंगनीज आयस्क, क्रोमाइट, पाइराइट, टंगस्टन, निकिल, कोबाल्ट; अलौह खनिज जैसे-सोना, चाँदी, सीसा, टिन, बॉक्साइट, मैग्नीशियम आदि तथा अधात्विक खनिज जैसे-पोटाश, अभ्रक, कोयला, जिप्सम, पेट्रोलियम आदि का भंडार है। इसके साथ प्रकृति ने हवा, पानी जंगल, विभिन्न प्रकार के जीव जंतु आदि उपलब्ध कराए हैं। इन सभी संसाधनों का उपयोगकर्ता मानव मात्र हैं। इन संसाधनों के सदुपयोग से मानव जीवन सुखी बन सकता है।

परंतु अपने लोभ के कारण मनुष्य प्रकृति के विनाश पर आमादा है। कई प्राकृतिक संसाधन नाशवान होते हैं। चूँकि ऐसे संसाधन एक बार उपयोग के बाद पुन: उपयोग में नहीं आ सकते अतः इनके समुचित प्रबंधन तथा संरक्षण की अतीव आवश्यकता है, जिससे उनका उपयोग लंबे समय तक किया जा सके। लेकिन वास्तविकता यह है कि अत्यधिक लाभ के लिए इन संसाधनों का दोहन इस तरह किया जा रहा है कि इनका भंडार तो खत्म हो ही रहा है साथ ही पर्यावरण संतुलन को भी खतरा उत्पन्न हो गया है।

प्रश्न 11. पर्यावरण में गिरावट के कुछ ऐसे उदाहरणों की सूची बनाइए जो आपने अपने आस-पास देखे हों।
उत्तर- (i) पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और जंगलों का विनाश।
(ii) शहर की गंदगी नदी में फेंकने के कारण नदी का जल प्रदूषण।
(iii) घर का कूड़ा इधर-उधर फेंकने के कारण गंदगी __ और बीमारियों के फैलने का खतरा।
(iv) फैक्टरियों के चिमनियों से निकलने वाले धुएँ के कारण वायु प्रदूषण।

प्रश्न 12. तालिका 1.6 में दी गई प्रत्येक मद के लिए ज्ञात कीजिए कि कौन-सा देश सबसे। पर है और कौन-सा सबसे नीचे।
उत्तर-
(i) प्रतिव्यक्ति आय (अमरीकी डॉलर में)
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (4, 390)
b. सबसे नीचा-मयनमार (1, 027)
(ii) जन्म के समय संभावित आयु
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (74 वर्ष)
b. सबसे नीचा-मयनमार (61 वर्ष)
(iii) साक्षारता दर 15+ वर्ष की जनसंख्या के लिए
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (91)
b. सबसे नीचा-बांग्लादेश (41)
(iv) तीन स्तरों के लिए सकल नामांकत अनुपात
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (69%)
b. सबसे नीचा-पाकिस्तान (35%)
(v) विश्व में मानव विकास सूचकांक का क्रंमाक
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (93)
b. सबसे नीचा-मयनमार (138)।

प्रश्न 13. नीचे दी गई तालिका में भारत में अल्प-पोषित व्यस्कों के अनुपात को दिखाया गया है। यह वर्ष 2001 में देश के विभिन्न राज्यों के एक सर्वेक्षण पर आधारित है। तालिका का अध्ययन कर निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिये।
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(क) उपरोक्त आँकड़ों के आधार पर केरल और मध्य प्रदेश के लोगों के पोषण स्तरों की तुलना कीजिए।
उत्तर- अपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि केरल में पुरुष वर्ग में 22 लोग कुपोषित थे जबकि मध्यप्रदेश में यही संख्या 43 थी अर्थात् केरल की अपेक्षा लगभग दो गुना। इसी प्रकार महिला वर्ग में केरल में 19 महिलाएँ कुपोषित थीं जबकि मध्य प्रदेश में 42 महिलाएँ कुपोषित थीं। अर्थात् दो गुना से भी ज्यादा।

(ख) क्या आप अन्दाजा लगा सकते हैं कि देश के 40 प्रतिशत लोग अल्पपोषित क्यों है, यद्यपि यह तर्क दिया जाता है कि देश में पर्याप्त खाद्य है? अपने शब्दों में विवरण दीजिए।
उत्तर- 1970 के दशक में खाद्य सुरक्षा का अर्थ था-‘आध रिक खाद्य पदार्थों की सदैव पर्याप्त उपलब्धता’। अमर्त्य सेन ने खाद्य सुरक्षा में एक नया आयाम जोड़ा और हकदारियों के आध र पर खाद्य तक पहुँच पर जोर दिया। हकदारियों का अभिप्राय राज्य का सामाजिक रूप से उपलब्ध कराई गई अन्य पूर्तियों के साथ-साथ उन वस्तुओं से है, जिनका उत्पादन और विनिमय बाजार में किसी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। तदनुसार, खाद्य सुरक्षा के अथ्र में काफी परिवर्तन हुआ है। विश्व खाद्य शिखर सम्मेलन, 1995 में यह घोषणा की गई कि ‘वैयक्तिक, पारिवारिक, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय तथ वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा का अस्तित्व तभी है, तब सक्रिय और स्वस्थ जीवन व्यतीत करने के लिए आहार संबंधी जरूरतों और खाद्य पदार्थो को पूरा करने के लिए पर्याप्त, सुरक्षित एवं पौष्टिक खाद्य तक सभी लोगों की भौतिक एवं आर्थिक पहुँच सदैव हो।’ इसके अतिरिक्त घोषणा में यह भी स्वीकार किया गया कि “खाद्य तक पहुँच बढ़ाने में निर्धनता का उन्मूलन किया जाना परमावश्यक है।”

परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न [Long – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. मानव विकास की व्याख्या कीजिए और आर्थिक विकास से इसका अंतर बताइए । 
उत्तर – 1. मानव विकास की व्याख्या – मानव विकास के दो मुख्य मापदंड हैं- सामाजिक विकास और आर्थिक विकास । यह लोगों पर संकेंद्रित है। मानव विकास का अर्थ लोगों की भलाई, उनकी आवश्यकताओं, प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं से है। मानव विकास का उद्देश्य जीवन की एक समान परिस्थितियाँ उत्पन्न करना है जिससे सभी लोग सुखद जीवन जी सकें ।
2. मानव विकास के लाभ – मानव विकास के निम्नलिखित लाभ हैं –
(1) मानव विकास से मानव क्षमताएँ विकसित होती हैं ।
(2) इससे व्यक्ति दीर्घायु होता है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
(3) इससे आजीविका कमाने के साधन आसानी से उपलब्ध होते हैं ।
(4) इससे व्यक्ति को व्यक्तिगत और सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होती है ।
(5) इससे व्यक्ति की सामुदायिक जीवन में सहभागिता बढ़ती है।
3. मानव विकास और आर्थिक विकास में अंतर – आरंभ में मानव विकास की पहचान आर्थिक विकास के आधार पर होती थी। मानव विकास और आर्थिक विकास में दो मुख्य अंतर हैं –
(1) मानव विकास साध्य है जबकि आर्थिक विकास साधन है,
(2) मानव विकास में मानव जीवन के सभी पक्ष सम्मिलित हैं जबकि आर्थिक विकास में मानव जीवन का केवल आर्थिक पक्ष सम्मिलित है।
प्रश्न 2. मानव विकास सूचकांक क्या है? मानव विकास सूचकांक मापने वाले प्रमुख अवयव कौन-कौन से हैं? 
उत्तर – मानव विकास सूचकांक – मानव विकास सूचकांक मानव के विकास का आकलन करने की विधि है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू०एन०डी०पी०) ने अपनी प्रथम मानव विकास रिपोर्ट, 1990 में ‘मानव विकास सूचकांक’ (एच०डी०आई०) का प्रयोग किया। यद्यपि मानव विकास का पूर्ण मूल्यांकन करना असंभव है।
मानव विकास के मापदंड – मानव विकास के निम्नलिखित चार प्रमुख मापदंड हैं –
1. प्रति व्यक्ति आय – जिस देश में प्रति व्यक्ति आय अधिक है उस देश का मानव विकास सूचकांक ऊँचा होता है ।
2. जीवन प्रत्याशा दर – जिस देश की जीवन प्रत्याशा दर अधिक होती है उस देश का मानव विकास सूचकांक ऊपर होता है ।
3. साक्षरता दर – किसी देश में 15 + वर्ष की जनसंख्या की साक्षरता दर का आकलन करके मानव विकास सूचकांक का आकलन किया जा सकता है ।
4. तीन स्तरों के लिए सकल नामांकन अनुपात – किसी भी देश में तीन स्तरों प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल और उच्चतर स्कूलों में बच्चों के सकल नामांकन अनुपात की गणना करके मानव विकास सूचकांक का अध्ययन किया जा सकता है।
प्रश्न 3. धारणीय विकास की परिभाषा दीजिए। इसकी मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-धारणीय विकास का अर्थ है- पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना किया जाने वाला विकास ।  इसकी मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
(1) धारणीय विकास में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि विकास से मनुष्य, पेड़-पौधे तथा पशु-पक्षी प्रभावित न हों।
(2) धारणीय विकास संसाधनों के संरक्षण तथा सूझ-बूझ से प्रयोग करने के विचार पर बल देता है ताकि इन्हें भावी पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित रखा जा सके।
(3) धारणीय विकास पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए बहुत आवश्यक है।
(4) धारणीय विकास द्वारा प्राकृतिक आपदाओं तथा मौसम की अनियमितता को नियंत्रित किया जा सकता है।
(5) धारणीय विकास में प्रति व्यक्ति वास्तविक आय में दीर्घकालीन वृद्धि होती है।
(6) वर्तमान में वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, दार्शनिक, राजनीतिक आदि धारणीय विकास के विषय पर मिल-जुल कर काम कर रहे हैं।
लघुत्तरात्मक प्रश्न [Short – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. तीन उदाहरण दीजिए जहाँ स्थितियों की तुलना के लिए औसत का प्रयोग किया जाता है । 
उत्तर – 1. प्रति व्यक्ति औसत आय 2. औसत ऊँचाई 3. जीवन प्रत्याशा दर ।
प्रश्न 2. आप क्यों सोचते हैं कि औसत आय विकास को समझने का एक महत्त्वपूर्ण मापदंड है? व्याख्या कीजिए । 
उत्तर- देशों की तुलना करने के लिए उनकी आय सबसे महत्त्वपूर्ण विशिष्टता समझी जाती है। जिन देशों की आय अधिक है उन्हें कम आय वाले देशों से अधिक विकसित समझा जाता है । यह इस समझ पर निर्भर है कि अधिक आय का अर्थ है मानव की जरूरतों की सभी वस्तुओं का अधिक होना । जो भी लोगों को पसंद है और जो उनके पास होना चाहिए, वे उन सभी वस्तुओं को अधिक आय के द्वारा प्राप्त कर पाएंगे, इसलिए ज़्यादा आय को अपने आप में एक जरूरी लक्ष्य समझा जाता है ।
प्रश्न 3. प्रति व्यक्ति आय के माप के अतिरिक्त आय का कोई अन्य लक्षण लिखो जो दो या दो से अधिक देशों की तुलना के लिए महत्त्व रखता हो ?
उत्तर – प्रति व्यक्ति आय के माप के अतिरिक्त दो देशों की तुलना करने के लिए आय का अन्य मापदंड इस प्रकार है –
आय का वितरण – हम देखते हैं कि देश के लोगों के बीच आय का वितरण कैसा है। यदि किसी एक व्यक्ति की आय बहुत अधिक है और अन्य लोगों की आय बहुत कम है तो यह एक आदर्श स्थिति नहीं है । इस स्थिति को निम्नलिखित तालिका में स्पष्ट किया गया है –
तालिका : दो देशों की तुलना 
उपर्युक्त तालिका में दोनों देशों की औसत आय 10,000 है परंतु देश ‘क’ में सभी नागरिकों की आय लगभग एक समान है जबकि देश ‘ख’ में अमीरी-गरीबी का अंतर बहुत अधिक है ।
प्रश्न 4. भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर- भारत को विकसित देश बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिएँ – 1. देश की बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगाया जाना चाहिए, 2. लोगों को अधिक-से-अधिक तकनीकी शिक्षा का ज्ञान देना चाहिए, 3. बेरोजगारी समाप्त करनी चाहिए, 4. लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए, 5. वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण की नीतियों को लागू करते हुए सामाजिक हितों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
प्रश्न 5. निम्नलिखित तालिका का ध्यान से अध्ययन कीजिए और निम्न अनुच्छेदों में रिक्त स्थानों को भरिए। हो सकता है इसके लिए आपको तालिका के आधार पर कुछ गणना करनी पड़े ।
तालिका : उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनसंख्या की शैक्षिक उपलब्धि श्रेणी
श्रेणी पुरुष   महिला
ग्रामीण जनसंख्या की साक्षरता दर 76% 54%
10-14 वर्ष के बच्चों में साक्षरता दर 90% 87%
10-14 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले ग्रामीण बच्चों का प्रतिशत 85% 82%
(क) सभी आयु वर्गों की साक्षरता दर, जिसमें युवक और वृद्ध दोनों सम्मिलित हैं, ग्रामीण पुरुषों के लिए (i). ……….. थी और ग्रामीण महिलाओं के लिए (ii). ………. थी । यही नहीं कि बहुत से वयस्क स्कूल ही नहीं जा पाए बल्कि (iii) ………………  इस समय स्कूल में नहीं हैं ।
(ख) इस तालिका से स्पष्ट है कि (i) …………… प्रतिशत ग्रामीण लड़कियाँ और (ii) प्रतिशत ग्रामीण लड़के स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसलिए, 10 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों में से (iii) ……………. प्रतिशत ग्रामीण लड़कियाँ और (iv) ……………. प्रतिशत ग्रामीण लड़के निरक्षर हैं ।
(ग) हमारी स्वतंत्रता के लगभग 74 वर्षों के बाद भी …………… आयु के वर्ग में इस उच्च स्तर की निरक्षरता बहुत चिंताजनक है। बहुत से अन्य राज्यों में भी 14 वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के संवैधानिक लक्ष्य के निकट भी नहीं पहुँच पाए हैं, जबकि इस लक्ष्य को 1960 तक पूरा करना था।
उत्तर–(क) (i) 76% (ii) 54% (iii) 24% पुरुष और 46% महिलाएँ । ( ख ) (i) 18% (ii) 15%* (iii) 13% (iv) 10% (ग) 10 से 14 वर्ष
प्रश्न 6. निम्न तालिका का अध्ययन करके उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
तालिका : वर्ष 2017 के लिए भारत और उसके पड़ोसी देशों के कुछ आँकड़े
देश सकल राष्ट्रीय आय ( स. रा.आ.) प्रति व्यक्ति अमेरिकी डॉलर में (2011)क्रय शक्ति क्षमता जन्म के समय संभावित आयु (2017) विद्यालयी औसत आयु 25 वर्ष या उससे अधिक (2017) विश्व में मानव विकास सूचकांक (HDI) का क्रमांक (2016)
श्रीलंका 11,326 75.5 10.9 76
भारत 6,353 68.8 6.4 130
म्यांमार 5,567 66.7 4.9 148
पाकिस्तान 5,331 66.6 5.2 150
नेपाल 2,471 70.6 4.9 149
बांग्लादेश 3,677 72.8 5.8 136
टिप्पणी – 1. HDI का अर्थ है मानव विकास सूचकांक | दी गई तालिका में HDI सूचकांक का क्रमांक कुल 189 देशों में से है, 2. जन्म के समय संभावित आयु, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, व्यक्ति की जन्म के समय औसत आयु की संभावना दर्शाती है, 3. प्रति व्यक्ति आय की गणना सभी देशों के लिए डॉलर में की जाती है, ताकि उसकी तुलना की जा सके । यह इस तरीके से भी की जाती है कि एक डॉलर किसी भी देश में समान मात्रा में वस्तुएँ और सेवाएँ खरीद सके ।
(क) मानव विकास सूचकांक मापदंड के कौन-कौन से अंग हैं?
(ख) किस देश का मानव विकास सूचकांक सबसे ऊपर है? 
(ग) भारत की प्रति व्यक्ति आय कितनी है?
उत्तर- (क) प्रति व्यक्ति आय, दीर्घायु, साक्षरता दर और तीनों स्तर के शिक्षण संस्थानों में बच्चों के सकल नामांकन का अनुपात ।
(ख) पाकिस्तान
(ग) 6353 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष ।
अति लघुत्तरात्मक प्रश्न [Very Short – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. प्रति व्यक्ति आय की गणना कैसे करते हैं? 
उत्तर- देश की कुल आय को देश की कुल जनसंख्या से भाग देकर प्रति व्यक्ति आय की गणना की जाती है ।
प्रति व्यक्ति आय = देश की कुल आय /देश की कुल जनसंख्या
प्रश्न 2. शिशु मृत्यु दर किसे कहते हैं?
उत्तर- किसी वर्ष में पैदा हुए 1000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मर जाने वाले बच्चों की दर को शिशु मृत्यु दर कहते हैं ।
प्रश्न 3. निवल उपस्थिति अनुपात क्या है ?
उत्तर – 610 वर्ष की आयु में स्कूल जाने वाले कुल बच्चों के उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ अनुपात को निवल. उपस्थिति अनुपात कहते हैं।
प्रश्न 4. किसी देश के आर्थिक विकास को कैसे मापा जाता है ?
उत्तर- किसी देश के आर्थिक विकास को राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय द्वारा मापा जाता है ।
प्रश्न 5. राष्ट्रीय आय से क्या आशय है ? 
उत्तर – किसी देश के अन्दर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तथा विदेशों से प्राप्त आय के जोड़ को राष्ट्रीय आय कहा जाता है।
प्रश्न 6. किसी देश के मानव विकास सूचकांक के मूल्यांकन में किन मापदंडों को आधार माना जाता है ? 
उत्तर- किसी देश के मानक विकास सूचकांक के मापदंड के रूप में प्रमुख चार आधार – दीर्घायु, ज्ञान, व्यक्तिगत आय एवं स्कूलों में बच्चों के नामांकन को सम्मिलित किया जाता है।
प्रश्न 7. धारणीयता का क्या अर्थ है ?
उत्तर-धारणीयता का अर्थ है पर्यावरण को क्षति पहुँचाए बिना विकास करना ।
प्रश्न 8. देश में प्रथम पंचवर्षीय योजना कब लागू की गई थी ?
उत्तर- देश में प्रथम पंचवर्षीय योजना 1951-52 में लागू की गई थी ।
प्रश्न 9. नवीकरणीय संसाधन क्या होते हैं? उदाहरण सहित लिखें ।
उत्तर- नवीकरणीय संसाधन वे संसाधन होते हैं जिनका एक बार प्रयोग करने के बाद दोबारा प्रयोग किया जा सकता है । इस प्रकार के संसाधनों का एक उदाहरण भूमिगत जल है ।
प्रश्न 10. अनवीकरणीय संसाधन क्या होते हैं? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर – अनवीकरणीय वे संसाधन होते हैं जिनका एक बार उपयोग होने के बाद फिर से प्रयोग नहीं किया जा सकता अर्थात् एक बार प्रयोग करने के बाद ये संसाधन समाप्त हो जाते हैं। इन संसाधनों का धरती पर एक निश्चित भंडार है और इनकी समाप्ति के बाद इन्हें पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता । ऊर्जा का संसाधन खनिज तेल इसका एक अच्छा उदाहरण है।
प्रश्न 11. प्रदूषण से क्या आशय है?
उत्तर-प्रदूषण से आशय उद्योग, परिवार, यातायात, कृषि व अन्य व्यक्तियों की उन क्रियाओं से है जो हवा, पानी, भूमि व पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं।
प्रश्न 12. भारत में पर्यावरण अवक्रमण के कोई दो कारण लिखिए ।
उत्तर – ( 1 ) बढ़ते औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण का बढ़ना।
( 2 ) बढ़ते शहरीकरण की प्रवृत्ति के कारण प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक शोषण ने प्रदूषण की समस्या को जन्म दिया है ।
प्रश्न 13. मानव विकास और आर्थिक विकास में क्या अन्तर है ? 
उत्तर- (1) मानव विकास साध्य है जबकि आर्थिक विकास साधन है ।
(2) मानव जीवन में मानव जीवन के सभी पक्ष सम्मिलित हैं जबकि आर्थिक विकास में मानव जीवन का केवल आर्थिक पक्ष सम्मिलित है।
प्रश्न 14. निम्नलिखित के पूरे नाम लिखिए –
HDI, BMI, UNDP, HPI, IMR एवं PCI
उत्तर- HDI-Human Development Index ( मानव विकास सूचकांक )
BMI-Body Mass Index ( शरीर द्रव्यमान सूचकांक )
UNDP—United Nations Development Programme (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम)
HPI-Human Poverty Index ( मानव निर्धनता सूचकांक )
IMR-Infant Mortality Rate (शिशु मृत्यु दर )
PCI-Per Capita Income (प्रति व्यक्ति आय )
वस्तुनिष्ठ प्रश्न [Objective Type Questions]
I. एक शब्द या एक वाक्य में उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1. विकास किसे कहते हैं ?
उत्तर – मनुष्य की इच्छाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नए अवसरों को उपलब्ध कराने को विकास कहते हैं ।
प्रश्न 2. प्रति व्यक्ति आय किसे कहते हैं?
उत्तर – देश की कुल आय को कुल जनसंख्या से विभाजित करके प्राप्त होने वाली आय को प्रति व्यक्ति आय कहते हैं ।
प्रश्न 3. विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट के अनुसार किन देशों को समृद्ध देशों की श्रेणी में गिना गया है? 
उत्तर–जिन देशों में प्रति व्यक्ति आय ₹4,53,000 प्रति वर्ष से अधिक है ।
प्रश्न 4. विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट के अनुसार किन देशों को निम्न आय की श्रेणी में रखा गया है ? 
उत्तर- जिन देशों की प्रति व्यक्ति आय ₹ 37,000 प्रति वर्ष या उससे कम है ।
प्रश्न 5. 2010 में भारत की प्रति व्यक्ति आय कितनी थी ?
उत्तर- US $ 1340.4 प्रति वर्ष ।
प्रश्न 6. विश्व विकास रिपोर्ट 2012 के अनुसार मध्य आय वाले देशों की प्रति व्यक्ति आय कितनी थी ? 
उत्तर-US $ 1005 प्रति वर्ष से US $ 12276 प्रति वर्ष थी ।
प्रश्न 7. साक्षरता दर किसे कहते हैं?
उत्तर – 7 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षरता की दर को साक्षरता दर कहते हैं ।
प्रश्न 8. एक नवीकरणीय संसाधन का उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – भूमिगत जल ।
प्रश्न 9. एक गैर-नवीकरणीय संसाधन का उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – खनिज तेल ।
प्रश्न 10. आर्थिक विकास क्या है?
उत्तर- किसी देश की अर्थव्यवस्था की वास्तविक राष्ट्रीय आय में दीर्घकालीन वृद्धि को आर्थिक विकास कहते हैं ।
प्रश्न 11. आर्थिक विकास का उद्देश्य क्या है ?
उत्तर – आर्थिक विकास का उद्देश्य राष्ट्र की उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना है ।
II. बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए-
1. विकास में लोग क्या चाहते हैं ?
(A) ज्यादा आय
(B) स्वतंत्रता
(C) सुरक्षा
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
2. कुल राष्ट्रीय आय तथा ………. के भागफल को प्रति व्यक्ति आय कहते हैं ।
(A) कुल उत्पादन
(B) कुल जनसंख्या
(C) शुद्ध राष्ट्रीय आय

(D) सकल राष्ट्रीय उत्पादन

उत्तर-(B)
3. निम्नलिखित में से कौन-सा सतत् विकास का उद्देश्य है ?
(A) प्रदूषण में कमी
(B) प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
(C) प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
4. विश्व बैंक विकास के लिए देशों का वर्गीकरण करने के लिए क्या मापदंड अपनाता है?
(A) प्रति व्यक्ति आय
(B) जीवन प्रत्याशा दर
(C) साक्षरता दर
(D) तीन स्तरों पर नामांकन अनुपात
उत्तर – (A)
5. किस राज्य में प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है?
(A) पंजाब
(B) केरल
(C) बिहार
(D) तीनों में एक समान है
उत्तर – (A)
6. किस राज्य में शिशु मृत्यु दर सबसे कम है?
(A) पंजाब
(B) केरल
(C) बिहार
(D) तीनों में एक समान है
उत्तर – (B)
7. निम्नलिखित में से किस राज्य में साक्षरता दर सबसे कम है ?
(A) पंजाब
(B) केरल
(C) बिहार
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(C)
8. किस राज्य का मानव विकास सूचकांक सबसे ऊपर है ?
(A) पंजाब
(B) केरल
(C) बिहार
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(B)
9. निम्नलिखित में से किस देश का मानव विकास सूचकांक सबसे ऊपर है?
(A) श्रीलंका
(B) भारत
(C) म्यांमार
(D) नेपाल
उत्तर-(A)
10. निम्नलिखित में से किस देश का मानव विकास सूचकांक सबसे कम है?
(A) श्रीलंका
(B) भारत
(C) म्यांमार
(D) नेपाल
उत्तर-(D)
11. वर्ष 2007 में भारत का मानव विकास सूचकांक कितना था ?
(A) 126
(B) 128
(C) 130
(D) 134
उत्तर-(B)
12. वर्ष 2008 में भारत का मानव विकास सूचकांक कितना था ?
(A) 128
(B) 130
(C) 134
(D) 142
उत्तर-(C)
13. वर्ष 2009 में भारत का मानव विकास सूचकांक कितना था ?
(A) 130
(B) 132
(C) 134
(D) 138
उत्तर – (C)
14. वर्ष 2016 में भारत का मानव विकास सूचकांक कितना था ?
(A) 124
(B) 132
(C) 130
(D) 142
उत्तर – (C)
15. वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक 2009-10 की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है ?
(A) 46
(B) 49
(C) 50
(D) 56
उत्तर – (B)
16. 2009 में भारत का मानव निर्धनता सूचकांक में कौन-सा स्थान था ?
(A) 126
(B) 134
(C) 98
(D) 88
उत्तर-(D)
17. मानव विकास रिपोर्ट में सम्मिलित किया जाता है-
(A) मानव विकास सूचकांक (HDI)
(B) मानव निर्धनता सूचकांक (HPI)
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(C)
18. चीन एवं श्रीलंका की 2009 की मानव विकास की स्थिति क्रमशः ……….. एवं ……… थी ।
(A) 92वाँ एवं 102वाँ
(B) 102वाँ एवं 92वाँ
(C) 82वाँ एवं 112वाँ
(D) 82वाँ एवं 92वाँ
उत्तर – (A)
19. पाकिस्तान, नेपाल एवं बांग्लादेश की 2016 की मानव विकास की स्थिति क्रमशः ………..,  ……………  एवं ………. थी । 
(A) 146, 144 एवं 141
(B) 144, 146 एवं 141
(C) 150, 149 एवं 136
(D) 144, 141 एवं 146
उत्तर-(C)
20. अमेरिका एवं ब्रिटेन का 2009 की मानव विकास की स्थिति से क्रमशः ………… एवं ……….. स्थान था ।
(A) 22वाँ एवं 23वाँ
(B) 13वाँ एवं 21वाँ
(C) 21वाँ एवं 13वा
(D) 11वाँ एवं 15वाँ
उत्तर -(B)
21. मानव निर्मित संसाधन निम्न में से नहीं है –
(A) गाँव
(B) ऊँची इमारतें
(C) हवाई जहाज
(D) खनिज
उत्तर-(D)
22. निम्नलिखित में से किस देश में जीवन प्रत्याशा दर सबसे अधिक है?
(A) श्रीलंका
(B) भारत
(C) पाकिस्तान
(D) नेपाल
उत्तर – (A)
23. मानव विकास सूचकांक में निम्नलिखित में से किसकी गणना करते हैं ?
(A) प्रति व्यक्ति आय
(B) जीवन प्रत्याशा दर
(C) साक्षरता दर
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
24. आज से कितने वर्षों के बाद ऊर्जा संसाधनों का संकट खड़ा हो जाएगा ?
(A) 5 वर्ष
(B) 10 वर्ष
(C) 50 वर्ष
(D) 100 वर्ष
उत्तर-(C)
25. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार पुरुष साक्षरता प्रतिशत कितना रहा ?
(A) 71.26 प्रतिशत
(B) 72.46 प्रतिशत
(C) 75.26 प्रतिशत
(D) 53.67 प्रतिशत
उत्तर – (C)
26. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार महिला साक्षरता प्रतिशत कितना रहा ?
(A) 53.67 प्रतिशत
(B) 75.26 प्रतिशत
(C) 64.84 प्रतिशत
(D) 57.67 प्रतिशत
उत्तर – (A)
27. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल साक्षरता प्रतिशत कितना रहा?
(A) 62.81 प्रतिशत
(B) 64.84 प्रतिशत
(C) 75.81 प्रतिशत
(D) 54.81 प्रतिशत
उत्तर-(B)
28. राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक है –
(A) सकल राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि
(B) गरीबी को कम करना
(C) आय एवं संपत्ति की असमानता को कम करके प्रत्येक के जीवन स्तर को ऊँचा उठाना
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
29. निम्न में से किस राज्य की साक्षरता दर सबसे अधिक है?
(A) पंजाब
(B) बिहार
(C) केरल
(D) ओडिशा
उत्तर-(C)
30. सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल साक्षरता प्रतिशत रहा –
(A) 62.81
(B) 74.04
(C) 64.84
(D) 54.81
उत्तर-(B)
31. सन् 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुष साक्षरता प्रतिशत कितना रहा?
(A) 71.26
(B) 72.46
(C) 82.14
(D) 57.67
उत्तर-(C)
32. सन् 2011 की जनगणना के अनुसार महिला साक्षरता प्रतिशत कितना रहा ?
(A) 65.46
(B) 64.84
(C) 75.26
(D) 57.67
उत्तर-(A)
III. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. प्रति व्यक्ति आय = देश की कुल आय / ?
2. आर्थिक विकास का उद्देश्य राष्ट्र की उत्पादन क्षमता में …………….. करना है ।
3. HDI – Human ………….. Index.
4. मानव विकास रिपोर्ट 2016 के अनुसार भारत का विश्व में …………… वां स्थान है ।
5. किसी विशेष वर्ष में उत्पादित अंतिम वस्तुओं के मूल्य के कुल योगफल को …………… कहते हैं ।
उत्तर – 1. देश की कुल जनसंख्या, 2. वृद्धि, 3. Development, 4. 130, 5. जी. डी. पी. ।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हाँ/नहीं में दीजिए –
1. आर्थिक विकास मानवीय विकास का प्रमुख तत्त्व है ।
2. खनिज तेल नवीकरणीय संसाधन है ।
3. पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना किया जाने वाला विकास धारणीयता है।
4. औसत आय को राष्ट्रीय आय भी कहा जाता है ।
5. साक्षरता दर पाँच वर्ष या उससे अधिक आयु की जनसंख्या की साक्षरता दर को मापती है ।
उत्तर – 1. हाँ, 2. नहीं, 3. हाँ, 4. नहीं, 5. नहीं

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Economics Chapter 1 विकास

विकास Class 10 Notes HBSE Economics

→ विकास अथवा प्रगति की धारणा हमेशा से हमारे साथ है। हमारी आकांक्षाएँ और इच्छाएँ हैं कि हम क्या करना चाहते हैं और अपना जीवन कैसे जीना चाहते हैं? इसी तरह हम विचार रखते हैं कि कोई देश कैसा होना चाहिए?

→ हमें किन अनिवार्य वस्तुओं की आवश्यकता है? क्या सभी का जीवन बेहतर हो सकता है? लोग मिल-जुलकर कैसे रह सकते हैं? क्या और अधिक समानता हो सकती है? विकास इन सभी प्रश्नों पर विचार करने और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के उपायों से जुड़ा है।

→ यह काम जटिल है और इस अध्याय में हम विकास को समझने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। आप उच्च कक्षाओं में इन मुद्दों को अधिक गहराई से सीखेंगे। इसके अतिरिक्त, ऐसे बहुत से प्रश्नों के उत्तर आपको अर्थशास्त्र में ही नहीं बल्कि इतिहास और राजनीति विज्ञान के पाठयक्रम मे भी मिलेंगे।

→ ऐसा इसलिए है कि हम आज जो जीवन जी रहे हैं, वह अतीत से प्रभावित है। हम इसे जाने बिना बदलाव की इच्छा नहीं रख सकते। इसी तरह, हम केवल एक लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया के द्वारा ही इन आशाओं और संभावनाओं को वास्तविक जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।

Vikas Class 10th Notes HBSE Economics

→ इसी प्रकार राष्ट्रीय विकास के सदर्भ में लोगों की धारणाएँ अलग-अलग और परस्पर विरोधी भी हो सकती हैं। लेकिन क्या सभी विचारों को समान महत्त्व देना संभव है?

→ परस्पर विरोध होने पर निर्णय कैसे हो? किसी कार्य को बेहतर करने का तरीका क्या हो सकता है? किसी विचार विशेष से लोगों का कितना लाभ हो सकता है?

→ राष्ट्रीय विकास का अर्थ उपरोक्त प्रश्नों पर विचार करना है। विकास की धारणा में विविधता एवं परस्पर विरोध के साथ-साथ विकास के तरीकों में भी फर्क हो सकता है।

→ यही कारण है कि दुनिया के देशों को विकसित, विकासशील एवं अविकसित देशों की श्रेणी में रखा गया है। देशों की तुलना के लिए उस देश की औसत आय को मापदण्ड बनाया जाता है।

→ परंतु बेहतर आय के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन की सुविधा, सामाजिक सद्भाव, प्रदूषण मुक्त वातावरण, सामूहिक सुरक्षा प्रणाली, छुतहा बीमारियों से बचाव उत्तम जन वितरण प्रणाली आदि भी राष्ट्रीय विकास के संकेतक हैं।

→ UNDP द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट भी देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक एवं स्वास्थ्य स्तर तथा प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है। इसके लिए मानव विकास सूचकांक में कई अवयवों को जोड़ा जाता है।

→ विकास से पूर्व मानव जोड़कर यह स्पष्ट कर दिया गया है कि विकास के लिए लोग महत्त्वपूर्ण हैं, उनका स्वास्थ्य शिक्षा और खुशहाली सबसे अधिक जरूरी है।

→ जहाँ तक विकास की धारणीयता का प्रश्न है, बहुत से वैज्ञानिक मानते हैं कि वर्तमान किस्म और स्तर का विकास धारणीय नहीं है क्योंकि संसाधनों के अति उपयोग के कारण उनके भण्डार में कमी होती जा रही है।

→ दूसरी ओर नवीनीकरण योग्य साधनों का पूर्ण इस्तेमाल नहीं हो रहा। दूषित पर्यावरण की समस्या संपूर्ण विश्व की समस्या बन गई है।

→ विकास की धारणीयता तुलनात्मक स्तर पर गन का नया क्षेत्र है जिसमें अर्थशास्त्री, समाज शास्त्री, दार्शानिक, वैज्ञानिक आदि सभी मिल-जुलकर कार्य कर रहे हैं।

→ भारत की राष्ट्रीय आय : 16,80,000 करोड़ रुपये (1998-99 की गणना के (अनुसार)

→ भारत में प्रति-व्यक्ति आय : 16500 रुपये (2000-01 को गणना के अनुसार)

→ आर्थिक क्रियायें : वे सभी क्रियायें जिनके बदले में धन प्राप्त हो।

→ आर्थिकतर क्रियायें : वे क्रियायें जिनसे धन प्राप्त नहीं होता।

→ उपभोग : वस्तुओं तथा सेवाओं का प्रयोग करना।

→ 1950-51 में भारत में प्रति-व्यक्ति आय : 255 रुपये मात्र।

→ 1950-51 में भारत की राष्ट्रीय आय : 9140 करोड़ रुपये।

→ भारत में क्रियाशील जनता का कृषि में लगा भाग : 60%

→ प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न भारतीय जनता का भाग : 60%

→ द्वितीयक कार्यों में लगा भारतीय जनता का भाग : 17%

→ तृतीयक कार्यों में संलग्न भारतीय श्रम का भाग : 23%

→ सहायक क्रियाओं का अर्थव्यवस्था में योगदान : 48%

→ पहली पंचवर्षीय योजना में सरकार द्वारा प्रस्तावित व्यय : 2400 करोड़ रुपये।

→ भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे प्रमुख स्थान : सार्वजनिक क्षेत्र का।

→ भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप : मिश्रित अर्थव्यवस्था।

→ भारत में वर्तमान में जीवन प्रत्याशा : 61 वर्ष।

→ भारत में साक्षर महिलाएँ : 54%

→ भारत में साक्षरं पुरुष : 75% स्मरणीय तथ्य

→ विश्व बैंक ने आय के आधार पर देशों को तीन भागों में बाँटा है।

→ 4, 35, 500 रुपये या अधिक प्रति-व्यक्ति आय वाले देश अधिक आय वाले देश है।

→ 35, 500-4, 35, 500 रुपये तक प्रति-व्यक्ति आय वाले देश मध्यम आय वाले देश हैं।

→ 35, 500 रुपये या इससे कम आय वाले देश निम्न आया वाले देश हैं।

→ सेल, आई. ओ. सी., डी. टी. सी. आदि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम हैं।

→ माँग का अर्थ किसी वस्तु की उस मात्रा से है जिसे खरीदने के लिए लोग कीमत देने को तैयार हों।

→ खुली बाजार अर्थव्यवस्था में संसाधनों का स्वामित्व निजी हाथों में रहता है।

→ नियोजित अर्थव्यवस्था में निर्णय सामान्य जनता के हित में लिया जाता है।

→ पूर्ति का आशय वस्तु की उस मात्रा से है जिसे विक्रेता बाजार में रखने को तैयार हैं।

→ सन् 1990 के आरंभ में देश की 40% संपत्ति केवल ऊपर के 20% लोगों के हाथों में थीं।

→ अर्थव्यवस्था-आर्थिक ढाँचे का वह स्वरूप जिसके अनुसार किसी देश की आर्थिक दशा तथा लोगों के जीवन का वर्णन किया जाता है।

→ उत्पाद-निर्मित वस्तु या सेवा या वह क्रिया जो उपभोग के बिंदु तक चलती है।

→ पूँजीपति-वह छोटा सा वर्ग जो उत्पादन प्रक्रियाओं का स्वामित्व धारण करता है।

→ आधारिक संरचना-वह ढाँचा जो अर्थव्यवस्था में सेवाओं को आधार प्रदान करता है।

→ मुद्रा-यह एक सामान्य क्रयशक्ति है जो वस्तु के नियंत्रण में सहायक होती है।

→ आर्थिक नियोजन-इसका तात्पर्य देश के साधनों का लाभ उठाकर देश के आर्थिक विकास तथा लोगों के जीवन स्तर को उन्नत बनाने और सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए अपनाये गये कार्यक्रम से है।

→ कीमत यंत्र-यह वह माध्यम है जिससे क्रेता और विक्रेता इस बात का निर्णय करते हैं कि बाजार में किन-किन वस्तुओं व सेवाओं का कितना भाग किस कीमत पर खरीदा और बेचा जाता है।

→ वस्तु विनिमय-दो पक्षों (व्यक्तियों या देशों) के मध्य वस्तुओं का आदान-प्रदान या बदला-बदली।

→ पूँजी-धन तथा वे समस्त सुविधायें जो वस्तुओं और सेवाओं के लिए परम आवश्यक हैं।

→ निवेश-साधनों का उपभोग न करके इनका दूसरे उपकरणों के निर्माण के लिए प्रयोग करना।

→ मिश्रित अर्थव्यवस्था-वह अर्थव्यवस्था जिसमें निजी और सार्वजनिक दोनों प्रकार की संस्थायें होती हैं।

→ राष्ट्रीय आय-राष्ट्रीय आय का तात्पर्य उस सकल आय से है जिसे देश के अंदर उत्पन्न सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य के साथ-साथ विदेशों से प्राप्त आय को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।

→ साक्षरता दर-सात वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षरता का अनुपात।

→ निवल हाजिरी अनुपात-6-10 वर्ष की आयु के विद्यालय जाने वाले कुल बच्चों का उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ अनुपात।

→ शिशु मृत्यु दर-किसी वर्ष में पैदा हुए 1000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मृत्यु होने वाले बच्चों का अनुपात।

→ शरीर द्रव्यमान सूचकांक-अल्पपोषित वयस्कों की गणना करने का एक तरीका।

→ मानव विकास सूचकांक-इसका तात्पर्य उस सूचकांक से है जिसके माध्यम से विश्व के किसी देश के मानव विकास के स्तर को जाना जाता है।

→ नवीनीकरण साधन-वे साधन हैं जिनका उपयोग बार-बार हो सकता है।

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