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Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

HBSE 10th Class Economics वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Textbook Questions and Answers

अध्याय का संक्षिप्त परिचय

1. वैश्वीकरण – विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया |
2. वैश्वीकरण के रूप – विदेशी व्यापार, विदेशी निवेश और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ।
3. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ – ऐसी कंपनियाँ जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण तथा स्वामित्व रखती हैं ।
4. बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सहायक कारक-  सस्ता श्रम, सस्ते संसाधन, श्रम कानूनों का लचीलापन और ऊर्जा  संसाधनों की उपलब्धता ।
5. फोर्ड मोटर्स – यह अमेरिका की कार निर्माण करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जिसका दुनिया के 26 देशों में प्रसार है इसने 1700 करोड़ रुपए का निवेश करके भारत में एक संयंत्र लगाया है ।
6. फोर्ड मोटर्स द्वारा कारों का निर्माण – सन् 2017 तक फोर्ड मोटर्स भारतीय बाजारों में 88000 कारें बेच रही थी जबकि 1,81,000 कारों का निर्यात भारत से दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको और ब्राजील को किया गया ।
7. भारत में चीन के खिलौने – वैश्वीकरण की प्रक्रिया के कारण भारत में 70-80 प्रतिशत दुकानों में भारतीय खिलौनों का स्थान चीनी खिलौनों ने ले लिया है ।
8. विदेश व्यापार – दो देशों के बीच होने वाला व्यापार । इसमें वस्तुओं का आयात और निर्यात किया जाता है ।
9. विदेशी निवेश – एक देश के द्वारा दूसरे देश में भूमि, मशीनें व अन्य संसाधनों को खरीदने के लिए खर्च की गई मुद्रा |
10. व्यापार अवरोधक- बंधन मुक्त व्यापार के मार्ग में आने वाली रुकावटें अर्थात् देशी व्यापार को संरक्षण प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध।
11. उदारीकरण- सरकार द्वारा अवरोधों तथा प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया ।
12. भारत में उदारीकरण – नई आर्थिक नीतियों के अंतर्गत 1991 में भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति को अपनाते हुए अधिकतर सार्वजनिक क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया था ।
13. विश्व व्यापार संगठन – 1 जनवरी, 1995 को बनाया गया एक ऐसा संगठन जिसका ध्येय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। वर्तमान में विश्व के 164 देश इसके सदस्य हैं ।
14. न्यायसंगत व्यापार – ऐसा व्यापार जिसमें विकसित और विकासशील सभी देशों के लिए वैश्वीकरण के समान प्रावधान हों ।
15. भारत में वैश्वीकरण के प्रभाव – वैश्वीकरण के कारण भारत के धनी शहरी उपभोक्ताओं को विशेष लाभ हुआ जबकि छोटे उत्पादकों और श्रमिकों पर विपरीत प्रभाव रहा ।
16. श्रम कानूनों का लचीलापन – इसका अर्थ है श्रमिकों की नियुक्ति और वेतन के प्रावधानों का नियोक्ताओं की मर्जी के अनुसार होना ।
17. प्रतिस्पर्धा और अनिश्चित रोजगार – बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से श्रम लागत में कमी करने का प्रयास करती हैं, जिसके कारण वे श्रमिकों को पूरे साल काम पर लगाए रखना नहीं चाहतीं।
HBSE 10th Class Economics वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Textbook Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वैश्वीकरण विभिन्न देशों के बीच तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया है। अधिकाधिक विदेशी निवेश और विदेश व्यापार के कारण यह संभव हो रहा है। वैश्वीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुख्य भूमिका निभा रही है। आधुनिक समय में उतपादन कार्य अत्यन्त जटिल तरीके से संपनन हो रहा है। इसका कारण यह है कि अधिकांश बहुराष्ट्रीरा कंपनियाँ विश्व के उन स्थानों की ओर जा रही हैं जो उकने उत्पादन के लिए सस्ता हो, जहाँ बाजार नजदीक हो और ससती दर पर श्रमिक उपलब्ध हों। कभी-कभी ये बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों के साथ गठजोड़ कर उत्पादन करती हैं, जिससे दोनों को फायदा होता है।

प्रश्न 2. भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?
उत्तर-
(क) 1947 ई. में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत सरकार ने विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगा रखा था। क्योंकि घरेलू उत्पादकों को विदेशी प्रतिस्पर्धाक खिलाफ संरक्षण देने के लिए यह आवश्यक था।
(ख) 1950 एवं 1960 के दशक में जब उद्योगों की स्थापना हुई तो इन नवोदित उद्योगों को आयात से प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं दी गई।
(ग) सन् 1991 में भारत सरकार ने यह निश्चय किया कि भारतीय उत्पादक विश्व-स्तरीय उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं।
(घ) यह भी महसूस किया गया कि प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों के प्रदशन में सुधार आएगा और उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। कई प्रभावशली अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी इस निर्णय का समर्थन किया। इसलिये सरकार ने इन अवरोध कों को हटाने का निश्चय किया।

प्रश्न 3. श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा?
उत्तर-
(क) भारत में विदेशी निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने श्रम काननों में लचीलापन अपनाने की अनुमति दी है। हाल के वर्षों में सरकार न कंपनियों को अनेक नियमों से छूट लेने की अनुमति भी दी है।
(ख) अब नियमित आधार पर श्रमिकों को रोजगार देने के बजाय कंपनियाँ छोटी अवधि जब काम का बदाव धिक होता है।, के लिए श्रमिकों को रोजगार पर रखती हैं। इससे कंपनी की श्रम-लागत कम होती है और उनका लाभांश बढ़ता है। विश्वव्यापी नेटवक से युक्त बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अधि क लाभ अर्जित करने के लिए सस्ती वसतुओं की मांग करती हैं इससे उनहें प्रतिस्पर्धा में बनने रहने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 4. दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती है?
उत्तर-
(क) सामान्यत: बहुराष्ट्रीय कंपनियां उसी स्थान पर उत्पादन कार्य शुरू करती हैं जहाँ बाजार नजदीक हो, सस्ते दर पर श्रमिक उपलब्ध हों और सरकारी नीतियां भ्ज्ञी उनके हितों के अनुकूल हों।
(ख) बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सामान्य तरीका होता हैं, स्थानीय कंपनियों को खरीदना, उसके बाद उतपादन का प्रसार करना।
(ग) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ एक अन्य तरीके से भी उत्पादन नियंत्रित करती हैं। विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आदेश देती हैं वस्त्र, जूत चप्पल एवं खेल के सामान आदि ऐसे उद्योग हैं। जिनका उत्पादन छोटे स्तर के उत्पादकों द्वारा किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इन उतपादों की अपूर्ति कर दी जाती है। जो अपने ब्रांड नाम से बाजार में बेचती हैं।

प्रश्न 5. विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवा का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले मे ऐसी मांग करनी चाहिए?
उत्तर-
(क) विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ प्रायः उन स्थानों पर उत्पादन कार्य संचालित करना चाहिए हैं जो बाजार के नजदीक हों, जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हों तथा उस देश की सरकारी नीतियाँ भ्ज्ञी ऐसी हां जो उनके हितों के अनुरूप हों।
(ख) विकासशील देशों में ये सारी सुविधाएँ मौजूद हैं अतः विकसित देश विकासशील देशों से उनके व्यापार और -निवेश का उदारीकरण चाहते हैं।
(ग) विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी मांग अवश्य करनी चाहिये क्योंकि विकसित देशों में अनुचित ढंग से व्यापार अवरोधकों को बरकरार रखा है। जबकि, विश्व व्यापर संगठन के नियमों के कारण विकासशील देश व्यापार अवरोधकों को हटाने के लिए विवश हुए हैं। कृषि उतपादों के व्यापार पर वर्तमान बहस इसका एक ज्वलंत उदाहरण हैं।

प्रश्न 6. वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है। इस कथन की अपने शब्दो में व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
(क) वैश्वीकरण का लाभ धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को अधिक हुआ है। इन उपभोक्ताओं के पास आज पहले की अपेक्षा ज्यादा विकल्प हैं। उत्पादों की उत्कृष्टता, गुणवता तथा कम कीमत का लाभ भी उन्हें मिल रहा है। इनका जीवन स्तर भी ऊँचा हुआ है।
(ख)विगत वर्षों में विदेशी निवेश उन्ही उद्योगों और सेवाओं में हुआ है, जिनमें निर्यात की संभावना ज्यादा है। इन श्रेत्रकों में नये उद्योगों की स्थापना भी हुई है और नये रोजगार का भी सृजन हुआ है इन उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली स्थानीय कंपनियों का भी विस्तार हुआ है। और कुछ ने तो अपनी उत्पादन प्रक्रिया का आधुनिकीकरण भी किया।
(ग) दूसरी ओर वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण अधिकांश नियोक्ता इन दिनों रोजगार देने में लचीलापन पंसद करते हैं। इस कारण श्रमिकों को रोजगार सुरक्षा का लाभ नहीं मिल पाता है।
(घ) अधिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से नियोक्ता श्रम लागत में कौती करने की कोशिश करते हैं। इसलिए श्रमिकों को अस्थायी रोजगार मिलता है। उनहें बहुत लंबे कार्य घंटों तक काम करना पड़ता है लेकिन मजदूरी कम मिलती है। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि वैश्वीकरण का प्रभाव समान नहीं है।

प्रश्न 7. व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में सहायता कैसे पहुँचाती हैं?
उत्तर-
(क) सरकारें विदेश व्यापार में बढ़ोत्तरी या कमी करने तथा देश में आयतित वस्तुओं की मात्रा निश्चित करने के लिए व्यापार अवरोधक लगाती हैं।
(ख) उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना तथा घरेलू उत्पादकों को संरक्षण प्रदान करना भी इसका एक कारण हो सकता है।
(ग) विगत कुछ वर्षों में अनेक देशों के बीच अधिकाधि क व्यापार व निवेश में योगदान करने वाला मुख्य कारक हैं-अनेक प्रकार के व्यापार और निवेश अवरोधकों या प्रतिबंध ों में कटौती करना जैसे-पिछले दो दशकों में भारत सरकार ने व्यापार व निवेश अवरोधको में कमी की है।
(घ) परिणामतः वस्तुओं के आयात में सुविधा होती है। और विदेशी कंपनियाँ दूसरी जगहों पर अपने कार्यालय और कारखाने सथापित कर सकेंगी।
(ङ) व्यापार के उदारीकरण से व्यापारियों को मुक्म रूप से निर्णय लेने की अनुमति होती हैं, जिससे वह अपनी इच्छानुसार आयात-निर्यात कर सकते हैं।

प्रश्न 8. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प है। यह ………. की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। भारत के बाजारों में अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ ………… बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियो द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम भारत के बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही है। क्योंकि ……..। जबकि बाजार में उपभोक्ताओं
के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते …………..और …….. …..के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम …… ……।
उत्तर-
वैश्वीकरण; व्यापार; भारत एक बड़ा बाजार है; उत्पादन; वैश्वीकरण; प्रतिस्पर्धा।

प्रश्न 9. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए-
(क) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों पर खरीदती हैं।
(ख) आयात पर कम और कोटा का उपयोग व्यापार नियमन के लिए किया जाता है
(ग) विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय
(घ) आई टी ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में साहयता की है।
(ङ) अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया है।
उत्तर-
(क)-ब;
(ख)-य;
(ग)-द;
(घ)-स;
(ङ)-अ।

प्रश्न 10. सही विकल्प का चयन कीजिए
(अ) वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में द्रुत आवागमन देखा गया है
(क) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
(ग) देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का
उत्तर-
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का

(आ) विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग हैं।
(क) नये कारखानों की स्थापना
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना
(ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना
उत्तर-
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना

(इ) वैश्वीकरण ने जीवन-स्तर के सुधार में सहायता पहुँचाई हैं।
(क) सभी लोगों के
(ख) विकसित देशों के लोगों के
(ग) विकासशील देशों के श्रमिकों के
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न [Long – Answer Type Questions] 
प्रश्न 1. वैश्वीकरण की परिभाषा दीजिए। “वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है।” इस कथन की विवेचना कीजिए ।
अथवा
वैश्वीकरण के भारत पर अच्छे प्रभावों का संक्षिप्त वर्णन करें । 
उत्तर – विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया को वैश्वीकरण कहते हैं । वैश्वीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े –
1. व्यापार की भागीदारी में वृद्धि – वैश्वीकरण के कारण भारत ने वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में वृद्धि की है। दूसरे, अन्य विकासशील देशों की तुलना में यह वृद्धि कम है।
2. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि – 1991 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 174 करोड़ रुपए था जोकि वैश्वीकरण के प्रभाव के कारण बढ़कर वर्ष 2000 में 9338 करोड़ रुपए हो गया था। वर्तमान में भी इसमें बढ़ोतरी हुई है ।
3. विदेशी मुद्रा कोष में वृद्धि – हमें अपने आयात के भुगतान के लिए विदेशी मुद्रा कोष की आवश्यकता होती है। यह कोष 1991 में 4622 करोड़ रुपए था जो 2000 में बढ़कर 1,52,924 करोड़ रुपए हो गया था । वर्तमान में विदेशी मुद्रा कोष में बढ़ोतरी
4. कीमतों में कमी – भारत में 1990-91 में जब नए आर्थिक सुधारों को अपनाया गया, उस समय मूल्य वृद्धि 12 प्रतिशत थी जोकि कुछ ही वर्षों में घटकर 5 प्रतिशत रह गई ।
5. रोज़गार सृजन – उदारीकरण तथा वैश्वीकरण की नई नीतियों को अपनाने से भारत में रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं लेकिन भारत की बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए ये अवसर पर्याप्त नहीं हैं । 6. उद्योगों में वृद्धि – 1991 से 2000 के बीच भारत के उद्योगों में बहुत अधिक वृद्धि हुई है, लेकिन यह वृद्धि अपेक्षा से बहुत कम है।
प्रश्न 2. विश्व व्यापार संगठन पर एक नोट लिखें ।
अथवा
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के पक्ष व विपक्ष में तर्क दीजिए । 
उत्तर-विश्व व्यापार संगठन की स्थापना 1 जनवरी, 1995 को संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों के द्वारा आपसी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए की गई थी । भारत भी विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। विश्व व्यापार संगठन के भारतीय अर्थव्यवस्था पर अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ सकते हैं। इनका वर्णन इस प्रकार से है –
(1) यह भारत को अन्य सदस्य देशों के साथ व्यापार के अवसर प्रदान करता है। अब हम अपना माल तथा सेवाएँ अन्य देशों को उनके द्वारा लगाए कम प्रतिबंधों के साथ निर्यात कर सकते हैं ।
(2) इससे भारत को विकसित देशों की प्रौद्योगिकी कम लागत पर मिलने की संभावना रहती है ।
(3) विश्व व्यापार का अधिकांश भाग विकसित देशों के बीच आपस में ही होता है। इससे विश्व व्यापार संगठन के सदस्य होने का लाभ भारत जैसे विकासशील देशों को केवल सीमित मात्रा में होता है ।
(4) इस समय विश्व व्यापार संगठन के बहुत से वर्तमान नियम विकासशील देशों के पक्ष में नहीं हैं। वे कुछ इस प्रकार बनाए गए हैं जिनसे विकासशील देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित देशों के पक्ष में करने को मजबूर हो जाएँ ।
(5) विकसित देशों द्वारा विश्व व्यापार संगठन का प्रयोग उन क्षेत्रों में वैश्वीकरण को समर्थन देने के लिए किया जा रहा है जिनका सीधा संबंध व्यापार से नहीं है। इस प्रकार, वे किसी देश की आंतरिक अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में हस्तक्षेप करते हैं । उदाहरण के लिए, कृषि क्षेत्र में समझौते के अंतर्गत विश्व व्यापार संगठन की कुछ धाराएँ भारत में सहायता के लिए कम कीमत पर खाद्यान्न देने के प्रावधान पर रोक लगाती हैं ।
(6) इस बात की भी आशंका है कि विश्व व्यापार संगठन की शर्तें व नियम मान लेने पर भारत में बहुत-सी आवश्यक जीवन-रक्षक दवाओं के मूल्य बढ़ जाएँगे ।
प्रश्न 3. भारत सरकार द्वारा अपनाए गए विभिन्न उदारीकरण के उपायों की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – भारत सरकार ने विभिन्न उदारीकरण के उपाय अपनाए हैं। इनका वर्णन इस प्रकार से है
(1) 1991 में घोषित नई औद्योगिक नीति ने काफी हद तक निजी क्षेत्र को लाइसेंस और अन्य प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया है।
(2) पहले बहुत सी वस्तुएँ जिन्हें निजी क्षेत्र को बनाने की अनुमति थी उनके उत्पादन के लिए सरकार से पूर्व अनुमति लेनी पड़ती थी, लेकिन अब शराब, सिगरेट, हानिकारक रसायन, औद्योगिक विस्फोटक, अंतरिक्ष में जाने वाले विद्युत उपकरण और दवाइयों को छोड़कर किसी चीज के उत्पादन की पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं है।
(3) एम०आर०टी०पी० को समाप्त कर दिया गया है और एम०आर०टी०पी० की निवेश सीमा भी समाप्त कर दी गई ।
(4) लघु उद्योगों की निवेश सीमा बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए और अति लघु उद्योगों की निवेश सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है।
(5) उदारीकरण के अंतर्गत पूँजीगत पदार्थों के आयात की स्वतंत्रता है और तकनीक के आयात की छूट है।
(6) औद्योगिक इकाइयों को बैंकों द्वारा कम ब्याज दरों पर ऋण की सुविधा प्रदान की गई है ।
(7) विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार ने विशेष विभाग का गठन किया है।
प्रश्न 4. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत की आर्थिक विकास रणनीति क्या थी ? व्याख्या कीजिए । 
उत्तर–स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत ने मिश्रित अर्थव्यवस्था की नीति को अपनाया । सरकार ने आधारभूत और महत्त्वपूर्ण उद्योगों; जैसे लोहा, कोयला, बिजली और सड़कों को अपने हाथ में रखा । इसके पीछे सरकार का उद्देश्य था कि देश के सभी भागों का समान रूप से विकास हो सके । निजी क्षेत्र को उद्योगों और व्यापार कार्य करने की अनुमति दी गई परंतु कानून के अंतर्गत नियमों और प्रतिबंधों को स्वीकार करते हुए । यह इसलिए भी आवश्यक समझा गया ताकि संसाधन और धन संपत्ति केवल कुछ हाथों में ही केंद्रित होकर न रह जाए ।
सार्वजनिक क्षेत्र में, सरकार ने अपनी आय का काफी बड़ा भाग निवेश में लगाया और अनेक सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग आरंभ किए। उन उद्योगों में पहली पंचवर्षीय योजना (1951-56) में सरकार का खर्च 81.1 करोड़ रुपए से बढ़कर नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997-2002) में 34,200 करोड़ रुपए हो गया था । इस कार्य-नीति का उद्देश्य गरीबी और उन्मूलन और सामाजिक न्याय के आधार पर विकास को प्राप्त करना था ।
इस नीति के सकारात्मक पहलू – भारत एक औद्योगिक राष्ट्र के रूप में जाना जाने लगा। भारत का औद्योगिक उत्पादन बढ़ गया। रोज़गार के नए अवसरों का निर्माण हुआ लेकिन बढ़ती जनसंख्या के कारण बेरोज़गारी बढ़ती गई । गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों की संख्या में कमी आई। पहले खाद्यान्नों का विदेशों से आयात करना पड़ता था लेकिन अब भारत खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ इनका निर्यातक भी बन गया ।
इस नीति के नकारात्मक पहलू – औद्योगीकरण की धीमी गति चिंता का प्रमुख कारण रही । औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन की दर बहुत कम रही । निजी क्षेत्रों के लिए बनाए गए नियम असफल रहे हैं जिससे इस क्षेत्र में आर्थिक शक्ति का केंद्रीयकरण बढ़ा है। इसके कारण धन और आय की असमानताएँ बढ़ी हैं। कार्यकुशलता की कमी, प्रभावपूर्ण प्रबंधन की कमी और भ्रष्टाचार सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य विशेषता बन गई है। उदाहरण के लिए, जब 1980-81 में सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों के लिए 1,8207 करोड़ रुपए निवेश किए तो लाभ के स्थान पर 203 करोड़ रुपए की हानि हुई ।
प्रश्न 5. उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीति अपनाने के फलस्वरूप भारत में आए परिवर्तनों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर – उदारीकरण और वैश्वीकरण के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में आए परिवर्तनों का वर्णन इस प्रकार से है-
(1) विश्व के माल व सेवाओं के व्यापार में भारत की भागीदारी थोड़ी बढ़ी है, तथापि अन्य विकासशील देशों की तुलना में हमारी प्रगति काफी धीमी है ।
(2) अन्य देशों द्वारा भारत में माल और सेवाओं के उत्पादन में किया जाने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वर्ष 1991 में 174 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2000 में 9338 करोड़ रुपए हो गया था । वर्तमान में इसकी मात्रा में वृद्धि हो रही है ।
(3) हमें अपने आयात के भुगतान के लिए विदेशी मुद्रा कोष की आवश्यकता होती है । यह कोष वर्ष 1991 में 4622 करोड़ रुपए था जो वर्ष 2000 में बढ़कर 1, 52,924 करोड़ रुपए हो गया तथा इस कोष में और भी वृद्धि हो रही है ।
(4) 1990-91 में मूल्य वृद्धि लगभग 12 प्रतिशत रही जो इस दशक के अंतिम चरण में 5 प्रतिशत रह गई ।
(5) नई नीतियों का एक उद्देश्य रोज़गार के अवसर पैदा करना है । यद्यपि अर्थव्यवस्था के अंतर्गत रोज़गार के नए अवसर निकल रहे हैं, तथापि देश की बढ़ती आवश्यकता के हिसाब से वे पर्याप्त नहीं हैं। नई नीति अतिरिक्त रोज़गार के अवसर उत्पन्न करने में असफल रही है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ आज भी देश की 75 प्रतिशत जनता रहती है।
(6) यद्यपि 1991-2000 में औद्योगिक क्षेत्र में कुछ विकास हुआ है लेकिन यह अपेक्षित स्तर पर नहीं पहुँच सका।
प्रश्न 6. निजीकरण के कोई तीन गुण तथा तीन दोषों का वर्णन करें । 
उत्तर – गुण-निजीकरण के तीन मुख्य गुण निम्नलिखित प्रकार से हैं –
(1) निजीकरण के प्रभाव के कारण कम्पनियों की उत्पादन दर बढ़ गई ।
(2) निजीकरण के प्रभाव के कारण वस्तुओं की कीमतों में कमी आई।
(3) निजीकरण के प्रभाव के कारण प्रतिस्पर्धा बढ़ गई और लोगों को अच्छी किस्म की वस्तुएँ उपलब्ध हुई।
दोष-निजीकरण के तीन मुख्य दोष निम्नलिखित हैं
(1) कंपनी मालिकों ने अपने मुनाफे को बढ़ाने के लिए श्रम लागत में कटौती करने का प्रयास किया, जिसके तहत कम मज़दूरों से अधिक काम करवाया जाता है और उनको वेतन भी कम दिया जाता है ।
(2) आर्थिक विकास के लिए विदेशों से कर्ज लिए गए जिससे देश कर्ज के बोझ के नीचे दब गया।
(3) निजीकरण के प्रभाव के चलते कंपनी के मालिकों ने नई तकनीक का प्रयोग किया जिसका श्रमिकों के रोज़गार पर बुरा प्रभाव पड़ा और बेरोज़गारी बढ़ गई ।
प्रश्न 7. वैश्वीकरण के विरोध में तर्क दीजिए। 
अथवा
वैश्वीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों पर तर्क दीजिए ।
उत्तर – वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है । वैश्वीकरण के जहाँ एक ओर अच्छे प्रभाव हैं, वहीं दूसरी ओर इसके कुछ विपरीत प्रभाव भी हैं
1. वैश्वीकरण का छोटे उत्पादकों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा न कर सकने के कारण बहुत से छोटे उत्पादकों को उत्पादन बंद करना पड़ा है।
2. वैश्वीकरण के कारण श्रम कानूनों में लचीलापन आया है जिसका श्रमिकों के जीवन पर विपरीत असर पड़ा है। वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप श्रमिकों के रोजगार में अनिश्चितता आई है ।
3. वैश्वीकरण से प्राप्त होने वाले अवसरों का सही लाभ शिक्षित, कुशल तथा धनी व्यक्तियों को ही मिला है। इसके विपरीत गरीब तथा अनपढ़ लोग अज्ञानतावश इसका लाभ उठाने में असफल रहे हैं ।
लघुत्तरात्मक प्रश्न [Short – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. सन् 1991 से पूर्व भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर– सन् 1991 से पूर्व भारतीय अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र का महत्त्व अधिक था । सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को सही ढंग से चलाने और उनकी देखभाल करने पर सरकार को बहुत अधिक खर्चा करना पड़ता था और इन उद्योगों से होने वाले उत्पादन से लाभ कमाना तो दूर खर्च की गई राशि भी पूरी नहीं मिलती थी, जिसके फलस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था पर विदेशी कर्ज का भार बढ़ गया। हमारे लिए कर्ज का ब्याज तक देना कठिन हो गया था और हम अपने आयात का भुगतान नहीं कर सकते थे ।
प्रश्न 2. सन् 1991 से पूर्व भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछड़ेपन के क्या कारण थे ? 
उत्तर- सन् 1991 से पूर्व भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछड़ेपन के निम्नलिखित कारण थे –
(1) औद्योगिक ढाँचा सार्वजनिक क्षेत्र के अधीन था जिससे प्रतियोगिता और कार्यकुशलता में कमी आने से उत्पादन के स्तर पर प्रभाव पड़ा,
(2) सरकारी संरक्षण में रोज़गार की गारंटी पाकर अधिकारियों में भ्रष्टाचार का प्रभाव बढ़ गया,
(3) पुराने कर्मचारियों में नवीन तकनीकी ज्ञान की कमी के कारण उत्पादकता पर प्रभाव पड़ा,
(4) निजी क्षेत्र के उद्योगों पर भारी प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप उनकी उत्पादन क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा ।
प्रश्न 3. उदारीकरण के अंतर्गत निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा कौन-कौन से कदम उठाए गए ? 
उत्तर – उदारीकरण के अंतर्गत निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं –
(1) केवल छह उत्पादों को छोड़कर अन्य सभी वस्तुओं के उत्पादन के लिए लाइसेंस लेने के बंधन से छूट दे दी गई है,
(2) कंपनियों को कच्चे माल का आयात करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है,
(3) मूल्य-निर्धारण और नियंत्रण पर से सरकारी प्रतिबंध हटा लिया गया है,
(4) बड़ी व्यापारिक कंपनियों द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में निवेश पर लगी रोक हटा ली गई है।
प्रश्न 4. बहु-राष्ट्रीय कम्पनियों से आप क्या समझते हैं?
अथवा 
बहुराष्ट्रीय कम्पनी क्या है? दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा उत्पादन स्थापित करने के लिए निर्धारण करने वाली परिस्थितियाँ बताएँ । 
उत्तर – वे कम्पनियाँ जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण और स्वामित्व रखती हैं, उन्हें बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ कहते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपने अनुसंधान केंद्रों में अपने उत्पादों के डिज़ाइन तैयार करती हैं। ये कंपनियाँ विभिन्न देशों में स्थित छोटी इकाइयों के माध्यम से पुर्जों का निर्माण करवाती हैं और फिर उन पुर्जों को जोड़कर उपकरण तथा मशीनें तैयार करती हैं। कंपनी द्वारा उत्पादित इन वस्तुओं को अपने ब्रांड का नाम देकर विभिन्न देशों में स्थित अपने कॉल सेंटरों के माध्यम से उनकी बिक्री का संचालन किया जाता है । इस प्रकार से बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपने उत्पादों और उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती हैं।
प्रश्न 5. वैश्वीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज पर पड़े अनुकूल प्रभावों का वर्णन कीजिए । 
उत्तर–वैश्वीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज पर पड़े अनुकूल प्रभाव निम्नलिखित हैं –
(1) वैश्वीकरण के कारण वस्तुओं के मूल्यों में भारी कमी आई है। मूल्य वृद्धि की दर 12 प्रतिशत घटकर 5 प्रतिशत रह गई है,
(2) भारत के राजकोषीय घाटे में कमी आई है,
(3) आर्थिक वृद्धि की दर बढ़ी है,
(4) उद्योग क्षेत्र में प्रतियोगिता बढ़ी है,
(5) निर्धनता तथा आय की असमानता में कमी आई है ।
प्रश्न 6. वैश्वीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव लिखिए ।
उत्तर – वैश्वीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव निम्नलिखित हैं-
(1) प्रतियोगिता के दौर में छोटे उद्यमी और हाथ से काम करने वाले दस्तकार प्रतियोगिता से बाहर हो जाएँगे,
(2) पूँजी प्रधान व्यवस्था अपनाए जाने से देश में बेरोज़गारी बढ़ेगी,
(3) गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे लोगों की संख्या में वृद्धि होगी,
(4) खाद्य फसलों के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और इनके मूल्यों में वृद्धि होगी,
(5) कम कार्यकुशल मज़दूर बेरोज़गार हो जाएँगे।
प्रश्न 7. प्रदूषण की रोकथाम तथा विकास रणनीति को पर्यावरण के अनुकूल बनाने हेतु सुझाव दीजिए ।
उत्तर – प्रदूषण को रोकने तथा विकास रणनीति को पर्यावरण के अनुकूल बनाने हेतु निम्नलिखित सुझाव है –
(1) ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों का अधिक-से-अधिक प्रयोग करना चाहिए,
(2) जीवाश्म ईंधन के प्रयोग में कमी लानी चाहिए,
(3) कम धुआँ छोड़ने वाले मोटर ईंधनों; जैसे एल०पी०जी० का प्रयोग करना चाहिए,
(4) कारखानों के अवशेष तथा विषैले जल को नदियों तथा समुद्र में नहीं डाला जाना चाहिए,
(5) पर्यावरण सुरक्षा के लिए कठोर कानूनों को लागू किया जाना चाहिए।
प्रश्न 8. वैश्वीकरण किन बातों की अनुमति देता है?
उत्तर–वैश्वीकरण निम्नलिखित बातों की अनुमति देता है –
(1) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वस्तुओं का प्रतिबंध रहित प्रवाह,
(2) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तकनीक का मुक्त प्रवाह,
(3) श्रम तथा मानव-शक्ति की मुक्त गतिशीलता ।
प्रश्न 9. विश्व व्यापार संगठन के तीन उद्देश्य लिखें। 
उत्तर – विश्व व्यापार संगठन के तीन उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
(1) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना,
(2) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करना,
(3) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार से संबंधित बने नियमों की अनुपालना निश्चित करना ।
प्रश्न 10. सरकारें व्यापार अवरोधकों का प्रयोग क्यों करती हैं ?
उत्तर – सरकारें निम्नलिखित कारणों से व्यापार अवरोधकों का प्रयोग करती हैं-
(1) सरकारें विदेशी व्यापार में वृद्धि या कटौती करने के लिए व्यापार अवरोधकों का प्रयोग करती हैं,
(2) देश के उत्पादकों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से संरक्षण प्रदान करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है,
(3) सरकारें अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के उद्देश्य से व्यापार अवरोधकों का प्रयोग करती हैं ।
अति लघुत्तरात्मक प्रश्न [Very Short- Answer Type Questions]  
प्रश्न 1. बहुराष्ट्रीय कंपनी किसे कहते हैं ? 
उत्तर – जो कंपनी एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण और स्वामित्व रखती है, उसे बहुराष्ट्रीय कंपनी कहते हैं ।
प्रश्न 2. भारत की दो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नाम लिखिए ।
उत्तर- टाटा मोटर्स और इंफोसिस रैनबैक्सी भारत की बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ हैं।
प्रश्न 3. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस स्थान पर अपनी उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करती हैं? दो कारण बताइए। 
उत्तर – ( 1 ) जो स्थान बाजार के निकट हो ।
( 2 ) जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हो।
प्रश्न 4. निवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर–परिसंपत्तियों; जैसे भूमि, भवन, मशीन व अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं ।
प्रश्न 5. बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सबसे आम रास्ता क्या है?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सबसे आम रास्ता स्थानीय कंपनियों को खरीदना और उसके बाद उत्पादन का प्रसार करना है।
प्रश्न 6. भारत में चीन के खिलौने लोकप्रिय क्यों है? 
उत्तर – भारत में चीन के खिलौने लोकप्रिय हैं क्योंकि ये भारतीय खिलौनों की तुलना में सस्ते तथा बेहतर हैं ।
प्रश्न 7. व्यापार अवरोधक किसे कहते हैं ?
उत्तर – विदेश व्यापार के मार्ग में रुकावट पैदा करने वाली व्यवस्थाओं को व्यापार अवरोधक कहते हैं; जैसे आयात कर ।
प्रश्न 8. विश्व व्यापार संगठन (WTO) क्या है? 
उत्तर – विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा संगठन है जिसका ध्येय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है।
प्रश्न 9. वैश्वीकरण का उपभोक्ताओं को एक लाभ लिखें ।
उत्तर – वैश्वीकरण के कारण उपभोक्ताओं को अच्छी किस्म का माल कम कीमतों पर मिलता है ।
प्रश्न 10. श्रम कानूनों के लचीलेपन का क्या अर्थ है ?
उत्तर–श्रम कानूनों के लचीलेपन का अर्थ है – श्रमिकों के वेतन और नियुक्ति से संबंधित शर्तों का नियोक्ताओं की मर्जी के अनुसार होना ।
प्रश्न 11. न्यायसंगत वैश्वीकरण का क्या अर्थ है ?
उत्तर–न्यायसंगत वैश्वीकरण का अर्थ-विकसित व विकासशील सभी देशों के लिए एक समान प्रावधानों का उपलब्ध होना ।
प्रश्न 12. व्यापार अवरोधक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- व्यापार पर अंकुश लगाने की प्रक्रिया को व्यापार अवरोधक कहते हैं। आयात पर कर व्यापार अवरोधक का एक उदाहरण है।
प्रश्न 13. विदेशी व्यापार के कोई दो लाभ बताएँ ।
उत्तर – ( 1 ) विदेशी व्यापार विभिन्न देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य माध्यम है।
( 2 ) विदेशी व्यापार अपने देश के बाज़ारों से बाहर के बाज़ारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों या व्यापारियों को एक अवसर प्रदान करता है ।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न [Objective Type Questions]
I. एक शब्द या एक वाक्य में उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1. वैश्वीकरण क्या है ? 
उत्तर – विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया को वैश्वीकरण कहते हैं ।
प्रश्न 2. उदारीकरण का क्या अर्थ है ? 
उत्तर – सरकार द्वारा अवरोधों और प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहते हैं ।
प्रश्न 3. निजीकरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – वह प्रक्रिया जिसके द्वारा निजी क्षेत्र किसी सरकारी उद्यम का मालिक बन जाता है, उसे निजीकरण कहते हैं।
प्रश्न 4. विदेश व्यापार का क्या अर्थ है?
उत्तर – एक देश का दूसरे देश के साथ होने वाला व्यापार विदेश व्यापार कहलाता है।
प्रश्न 5. भारत में उदारीकरण की नीतियों को कब अपनाया गया ?
उत्तर–भारत में उदारीकरण की नीतियों को सन् 1991 से अपनाया गया ।
प्रश्न 6. विश्व व्यापार संगठन की स्थापना कब हुई ?
उत्तर – विश्व व्यापार संगठन की स्थापना सन् 1995 में हुई ।
प्रश्न 7. बहुराष्ट्रीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा का छोटे उत्पादकों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर- इससे छोटे उत्पादकों के सामने अपने उद्योगों को बंद करने का संकट पैदा हो जाता है ।
प्रश्न 8. मुक्त व्यापार किसे कहते हैं ?
उत्तर – दो देशों के बीच बिना किसी प्रतिबंध के होने वाले व्यापार को मुक्त व्यापार कहते हैं ।
प्रश्न 9. डब्ल्यू० टी० ओ० (WTO) का पूर्ण रूप लिखिए |
उत्तर – विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation)।
प्रश्न 10. निर्यात से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – अपने देश से दूसरे देशों को बेचे जाने वाले माल को निर्यात कहते हैं ।
प्रश्न 11. वैश्वीकरण के दो प्रमुख तत्त्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर – ( 1 ) विदेशी निवेश, ( 2 ) विदेशी व्यापार |
II. बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए –
1. आज के विश्व में उपभोक्ताओं के पास वस्तुओं और सेवाओं के कैसे विकल्प हैं? 
(A) सीमित
(B) विस्तृत
(C) बहुत कम
(D) सामान्य
उत्तर-(B)
2. बीसवीं शताब्दी के मध्य तक उत्पादन की क्या विशेषता थी?
(A) यह देशों की सीमाओं के अंदर ही सीमित था
(B) यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक फैल चुका था
(C) यह केवल गाँवों तक ही सीमित था
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (A)
3. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस स्थान पर अपने उद्योग स्थापित करती हैं ?
(A) जो बाजार के नजदीक हो
(B) जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हो
(C) जिस देश की सरकारी नीतियाँ उनके हितों के अनुकूल हों
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (D)
4. बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सबसे आम रास्ता है –
(A) स्थानीय कंपनियों को खरीदना
(B) नई कंपनियाँ स्थापित करना
(C) वितरण प्रणाली को मजबूत करना
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (A)
5. फोर्ड मोटर्स किस देश की कंपनी है?
(A) चीन
(B) अमेरिका
(C) भारत
(D) इंग्लैंड

उत्तर-(B)
6. फोर्ड मोटर्स कंपनी का विश्व के कितने देशों में प्रसार है ?
(A) 20
(B) 26
(C) 30
(D) 36
उत्तर- (B)
7. विश्व व्यापार संगठन को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य क्या था?
(A) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का उदारीकरण
(B) अमीर देशों के व्यापार को बढ़ावा देना
(C) गरीब देशों को बढ़ावा देना
(D) दोहरे व्यापार को बढ़ावा देना
उत्तर – (A)
8. अतीत में देशों को जोड़ने वाला मुख्य माध्यम क्या था ?
(A) धर्म
(B) लड़ाइयाँ
(C) व्यापार
(D) वैश्वीकरण
उत्तर – (C)
9. वर्तमान समय में देशों को जोड़ने वाला मुख्य माध्यम है
(A) उदारीकरण
(B) निजीकरण
(C) वैश्वीकरण
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(C)
10. बहुराष्ट्रीय कंपनियों का सबसे अधिक लाभ किसे हुआ ?
(A) शहरी क्षेत्र के धनी उपभोक्ताओं को
(B) मजदूरों को
(C) किसानों को
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (A)
11. संचार प्रौद्योगिकी का रूप है –
(A) इंटरनेट
(B) ई-बैंकिंग
(C) ई-मेल
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
12. वैश्वीकरण को संभव बनाने वाला कारक है –
(A) उदारीकरण
(B) निजीकरण
(C) सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (D)
13. सरकार द्वारा अवरोधों तथा प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को कहते हैं –
(A) सरकारीकरण
(B) उदारीकरण
(C) निजीकरण
(D) वैश्वीकरण
उत्तर-(B)
14. 26 जून, 2014 में विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों की संख्या है-
(A) 129
(B) 139
(C) 164
(D) 159
उत्तर-(C)
15. वैश्वीकरण से किस वर्ग को नुकसान हुआ है?
(A) धनी उपभोक्ता को
(B) कुशल, शिक्षित एवं धनी उत्पादक को
(C) छोटे उत्पादक को
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(C)
16. वैश्वीकरण का तत्त्व है-
(A) विदेशी निवेश
(B) विदेश व्यापार
(C) (A) और (B) दोनों
(D) उपर्युक्त से कोई नहीं
उत्तर-(C)
17. न्यायसंगत वैश्वीकरण किस वर्ग के लिए अवसरों का सृजन करता है ?
(A) धनी उपभोक्ता
(B) कुशल, शिक्षित एवं धनी उत्पादक
(C) छोटा उत्पादक एवं श्रमिक
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (D)
18. निम्नलिखित में से कौन-सी भारतीय कंपनी नहीं है?
(A) कारगिल फूड्स
(B) टाटा मोटर्स
(C) इंफोसिस
(D) सुंदरम फास्नर्स
उत्तर- (A)
19. विगत 20 वर्षों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में अपने निवेश में …………… की है ।
(A) वृद्धि
(B) कमी
(C) न वृद्धि और न ही कमी
(D) स्थिति स्पष्ट नहीं
उत्तर- (A)
20. आयात पर कर किसका उदाहरण है?
(A) उदारीकरण
(B) निजीकरण
(C) वैश्वीकरण
(D) व्यापार अवरोधक
उत्तर-(D)
III. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. विश्व व्यापार संगठन की स्थापना …………… में हुई।
2. सरकार द्वारा अवरोधों और प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को ……….. कहते हैं।
3. अपने देश से दूसरे देशों को बेचे जाने वाले माल को …………… कहते हैं।
4. आयात पर कर ……………..  का उदाहरण है ।
5. वैश्वीकरण से ……………… वर्ग को नुकसान हुआ है ।
उत्तर – 1. 1995, 2. उदारीकरण, 3. निर्यात, 4. व्यापार अवरोधक, 5 छोटे उत्पादक ।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हाँ नहीं में दीजिए
1. भारत में उदारीकरण की नीतियों को सन् 1992 में अपनाया गया ।
2. फोर्ड मोटर्स कंपनी अमेरिका की है और इसका 26 देशों में प्रसार है ।
3. विदेशी व्यापार, विदेशी निवेश और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण के रूप हैं
4. दो देशों के बीच बिना किसी प्रतिबंध के होने वाले व्यापार को मुक्त व्यापार कहते हैं ।
5. सरकार द्वारा अवरोधों और प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया वैश्वीकरण है।
उत्तर – 1. नहीं, 2. हाँ, 3. हाँ, 4. हाँ, 5. नहीं ।

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Notes HBSE 10th Class

→ वैश्वीकारण विभिन्न देशों के बीच तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया है। अधिकाधिक विदेशी निवेश और विदेश व्यापार के कारण यह संभव हो रहो है।

→ वैश्वीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ मुख्य भूमिका निभा रही हैं।

→ आधुनिक में उत्पादन कार्य अत्यन्त जटिल तरीके से संपन्न हो रहो हैं इसका कारण यह है कि अधिकांश बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विश्व के उन स्थानों की ओर जा रही हैं जो उनके उत्पादन के लिए सस्ता हो, जहाँ बाजार नजदीक हो और सस्ती दर पर श्रमिक उपलब्ध हों।

→ कभी-कभी ये बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों के साथ गठजोड़ कर उत्पादन करती हैं, जिससे दोनों को फायदा होता है।

→ विदेश व्यापार के कारण बाजारों के एकीकरण में काफी सहायता मिली है। विदेश व्यापार घरेलू बाजारों को दूसरे बाहर के बाजारों तक पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है।

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Class 10 Notes HBSE

→ अप्रतिबंधित व्यापार से वस्तुओं का एक बाजर से दूसरे बाजार में आवागमन आसान हो जाता है। बाजार में वस्तुओं का विकल्प बढ़ जाता है। और मूल्य में भी समानता रहती है।

→ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तीव्र उन्नति ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को अत्यन्त उत्प्रेरित किया है। परिवहन प्रौद्योगिकी में उन्नति के कारण विभिन्न देशों के बीच दूरियाँ कम हो गई हैं, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विशेषकर दूरसंचार, कप्यूटर और इटंरनेट के क्षेत्र में द्रुतगामी परिवर्तन के कारण विभिन्न देशों के बीच सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में क्रांति सी आ गई है।

→ सन् 1991 ई. में भारत में नई आर्थिक नीति अपनाई गई जिसके चलते उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। इससे भारत को विश्व का व्यापक बाजार प्राप्त हुआ और अपने उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने का मौका मिला।

→ भारत में उपलब्ध विशाल श्रम को विश्व के लिए उपलब्ध कराना अधिक सहज हो गया। परंतु इन सभी लाभों के साथ कुछ हानियाँ भी हुई, जैसे भारतीय लघु एवं कुटीर उद्योग को विशाल बहुराष्ट्रीय कपंनियों से जी-तोड़ मुकाबला करना पड़ रहा है।

→ विश्व व्यापार संगठन का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है किंतु व्यवहार में देखा गया है कि डब्ल्यू.टी.ओ. ने व्यापार और निवेश के उदारीकरण के लिए विकासशील देशों पर ही दबाव डाला है, जबकि विकसित देशों ने अनुचित ढंग से व्यापार अवरोधकों को बरकरार रखा है।

→ वैश्वीकरण से धनी उपभोक्ता, कुशल, शिक्षित एवं धनी उत्पादक काफी लाभान्वित हुए हैं। आज उपभोक्ताओं के समक्ष वस्तुओं तथा सेवाओं का ज्यादा विकल्प हैं अब उन्हें उत्पादों की उत्कृष्टता, गुणवत्ता तथा कम कीमत का लाभ भी मिल रहा है।

→ पणिामतः लोगों का जीवन स्तर भी ऊँचा हुआ है। वैश्वीकरण से सेवा प्रदाता कंपनियों, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी वाली कंपनियों के लिए नये अवसरों का सृजन हुआ है।

→ परंतु बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण अनेक छोटे उत्पादक और श्रमिक प्रभावित भी हुए हैं बढ़ती प्रतिस्पर्धाके कारण अधिकांश नियोक्ता इन दिनों श्रमिकों को रोजगार देने में लचीलापन पसंद करते हैं। इस कारण श्रमिकों को शोषण होता है।

Class 10 Social Science Economics Chapter 4 Notes HBSE

→ उन्हें रोजगार सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती, उन्हें वेतन भी कम मिलता है श्रमिकों से काफी लंबे कार्य-घंटों तक काम लिया जाता है।

→ अतः वैश्वीकरण को अधिकाधिक न्याय संगत बनाने की जरूरत है जिससे वैश्वीकरण के लाभों में सबकी बेहतर हिस्से री हो।

→ भारत में उदारीकरण की प्रक्रिया आरंभ : सन् 1991 से।

→ आई. एम. एफ. : अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रय कोष।

→ 1950-65 के मध्य औद्योगिक विकास दर : 8%

→ प्रथम पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल : 1951-56

→ वैश्वीकरण : अपने देश की तथा विश्व की अर्थव्यवस्था के मध्य सामंजस्य स्थापित करना

→ 1991 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश : 174 करोड़ रुपये।

→ वर्ष 2000 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश : 9338 करोड़ रुपये

→ सन् 1991 में भारत का विदेशी मुद्रा कोष था : 4622 करोड़ रुपये का।

→ सन् 2000 में भारत का विदेशी मुद्रा कोष हुआ : 1, 52, 924 करोड़ रुपये का।

→ सतत पोषणीय विकास : ऐसा विकास जो परिवेश को हानि न पहुंचाये।

→ सन् 1990-91 में मूल्य वृद्धि दर : 12%

→ 90 के दशक के अंत में मूल्य वृद्धि दर : 5%

→ सन् 2000 में भारत का मुद्रा कोष : 1, 52, 924 करोड़ रुपये।

→ सन् 1991 में भारत का मुद्रा कोष : 4622 करोड़ रुपये मात्र था।

→ विश्व व्यापार संगठन की स्थापना : 1996

→ विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय : जेनेवा।

→ वर्ष 2000 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश : 9338 करोड़ रुपये।

→ नवीं पंचवर्षीय योजना में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में लगभग 34, 200 करोड़ रुपये खर्च किए।

→ भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व अर्थव्यवस्था से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य है। विभिन्न देशों के साथ पूंजी, तकनीकी ज्ञान और अनभव का निर्बाध रूप से आदान-प्रदान करना।

→ 1965-1980 के मध्य भारत में औद्योगिक उतपादनों के बढ़ने की दर 4% थी।

→ वैश्वीकरण की प्रक्रिया में तीन कारकों पर बल दिया हो गया है :

  • प्रौद्योगिकी में तीव्र उन्नति
  • व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण
  • डब्ल्यू. टी. ओ. जैसे अन्तर्राष्ट्रीय सगठना का दबावा

→ आधुनिक युग में उपभोक्ताओं के समक्ष वस्तुओं और सेवाओं का बहुत अधिक विकल्प हैं।

→ 20 वीं सदी के मध्य तक उत्पादन मुख्यतः देशों की सीमाओं के अंदर ही सीमित थी।

→ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सामान्य तरीका हैं, स्थानीय कपंनियों को खरीदना, उसके बाद उत्पादन का प्रसार करना।

→ व्यापारिक हितों के कारण ही व्यापारिक कंपनियाँ जैसे, ईस्ट इंडिया केपनी भारत की ओर आकर्षित हुई।

→ अप्रतिबंधित व्यापार से वस्तुओं का एक बाजार से दूसरे बाजार में आवागमन होता है।

→ प्रौद्योगिकी में तीव्र उन्नति वह कारक है जिसन वैश्वीकरण की प्रक्रिया को उत्प्रेरित किया।

→ अधिकांश बहुराष्ट्रीय कंपनियों के क्रियाकलाप में वस्तुओं व सेवाओं का बड़े पैमाने पर व्यापार शमिल होता है।

→ आई. टी. ने विभिन्न देशों के बीच सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में मुख्य भूमिका निभाई है।

→ भारत में उदारीकरण की प्रक्रिया की प्रक्रिया 1991 ई. से शुरू हुई।

→ विश्व व्यापार संगठन का ध्येय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है।

→ वर्तमान समय में 149 देश डब्ल्यू. टी. ओ. के सदस्य

→ अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा मात्र 1% और कुल रोजगार में 0.5% हैं।

→ विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने वाली कंपनियों को आरंभिक 5 वर्षों तक कोई कर नहीं देना है।

→ भारत में 2 करोड़ लोग लघु उद्योगों में नियोजित हैं।

→ शिक्षित, कुशल और संपन्न लोगों ने वैश्वीकरण से मिले नये अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग किया है।

→ वैश्वीकरण विभिन्न देशों के बीच तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया है।

→ वैश्वीकरण-इसका तात्पर्य किसी देश द्वारा अपनी अर्थवव्यस्था तथा विश्व अर्थव्यवस्था में सामंजस्य स्थापित करना है।

→ उदारीकरण-इसका तात्पर्य निजी क्षेत्र को नियमों, शर्तों और प्रतिबन्धों से छूट देने से हैं।

→ आयात कोटा-किसी देश द्वारा आयात किये जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम सीमा।

→ निर्यात कोटा- सरकार द्वारा निर्यात करने की निश्चित की गई अधिकतम सीमा।

→ आयात शुल्क-आयतित सामग्री पर लगाया गया शुल्क।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-किसी देश में किसी और देश द्वारा माल और सेवाओं के उत्पादन में किया जाने वाला निवेश।

→ डब्लू. टी. ओ.-विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation) (वर्ल्ड ट्रेड ऑरगेनाइजेशन)।

→ निजी क्षेत्र-अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र जिसमें आर्थिक संस्थाओं पर व्यक्ति या समूहों का नियंत्रण हों।

→ सार्वजनिक क्षेत्र-यह अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र है जिसमें आर्थिक संस्थाओं पर राज्य का पूर्ण नियंत्रण होता है।

→ बहुराष्ट्रीय कंपनी-वह है जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण अथवा स्वामित्व रखती है।

→ निवेश-परिसंपत्तियों जैसे-भूमि, भवन, मशीन व अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं।

→ कोटा-सरकार द्वारा आयात होने वाली वस्तुओं की संख्या को सीमित करने की प्रक्रिया को कोटा कहते हैं।

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