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Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 जल संसाधन

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 जल संसाधन

HBSE 10th Class Geography जल संसाधन Textbook Questions and Answers

अध्याय का संक्षिप्त परिचय

1. जल संसाधन – पृथ्वी के धरातल का तीन-चौथाई भाग जल से ढंका हुआ है । पृथ्वी पर जल महासागरों, सागरों, झीलों, नदियों, हिम नदी और भूमिगत जल स्रोतों के रूप में विद्यमान है।
2. जल चक्र—वह प्रक्रम जिसमें जल पर्यावरण में निरंतर गतिशील रहता है। वाष्पीकरण, संघनन और वर्षण जल चक्र के तीन मुख्य अंग हैं।
3. नवीकरणीय संसाधन- जल एक नवीकरणीय संसाधन है। एक बार प्रयोग के बाद यह पुनः आसानी से प्राप्त हो जाता है।
4. भारत में जल की कमी – भारत विश्व की वर्षा का 4 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त करता है । 2025 तक भारत में जल की एक भारी कमी महसूस की जा सकती है ।
5. जल दुर्लभता – जल की बढ़ती माँग के अनुपात में जल की पूर्ति न होना ।
6. जल दुर्लभता के कारण बढ़ती जनसंख्या का दबाव, सिंचाई के लिए अधिक जल की आवश्यकता, औद्योगीकरण के कारण जल पर दबाव, नदियों और सरिताओं का प्रदूषित होना ।
7. बहुउद्देशीय नदी परियोजना – नदी पर बाँध बनाकर उसके जल का एक स्थान पर संग्रह करके एक साथ अनेक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाई गई परियोजना |
8. बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं के लाभ – बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई सुविधा, विद्युत उत्पादन, मछली पालन, पर्यटन स्थल ।
9. बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं की हानियाँ – बड़ी संख्या में लोगों का विस्थापन, कृषि और वन भूमि का जलमग्न होना, नदियों का प्राकृतिक बहाव रुक जाना और जलीय जीव आवासों में भोजन की कमी हो जाना, भूकंप आने की संभावना बढ़ना ।
10. वर्षा जल संग्रहण – हैंडपंप, कुएँ और तालाबों के माध्यम से छतों के वर्षा जल का संग्रहण करके उसे पीने के काम में लाया जाता है ।
11. भूमिगत जल – यह जल भूमि के धरातल के नीचे पाया जाता है। इस जल का प्रयोग हम कुओं और नलकूपों के द्वारा कर सकते हैं ।
12. हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियाँ गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु, रावी, ब्यास, सतलुज, चिनाब, झेलम आदि हैं । ये नदियाँ सदानीरा हैं ।
13. प्रायद्वीपीय पठार की नदियाँ – नर्मदा, तापी, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि हैं । ये नदियाँ बरसाती हैं ।
14. जल संसाधनों के उपयोग – सिंचाई के लिए, उद्योगों और कारखानों में, पीने के लिए, जल विद्युत का उत्पादन करने और जल परिवहन के रूप में किया जाता है।
HBSE 10th Class Geography जल संसाधन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) नीचे दी गई सूचना के आधार पर स्थितियों को “जल की कमी से प्रभावित’ या ‘जल की कमी से अप्रभावित’ में वर्गीकृत कीजिए।
(क) अधिक वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र
(ख) अधिक वर्षा और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र
(ग) अधिक वर्षा वाले परंतु अत्यधिक प्रदूषित जल क्षेत्र
(घ)कम वर्षा और कम जनसंख्या वाले क्षेत्र
उत्तरः
(क) जल की कमी से प्रभावित
(ख) जल की कमी से प्रभावित
(ग) जल की कमी से प्रभावित
(घ) जल की कमी से प्रभावित

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं के पक्ष में दिया गया तर्क नहीं है?
(क)बहुउद्देशीय परियोजनाएँ उन क्षेत्रों में जल लाती है जहाँ जल की कमी होती है।
(ख) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ जल बहाव की नियंत्रित करके बाढ़ पर काबू पाती है।
(ग) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से बृहत् स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है।
(घ)बहुउद्देशीय परियोजनाएँ हमारे उद्योग और घरों के लिए विद्युत पैदा करती हैं।
उत्तर-
(ग) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से बृहत् स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है। .

(iii) यहाँ कुछ गलत वक्तव्य दिए गए हैं। इसमें गलती पहचाने और दोबारा लिखें।
(क) शहरों की बढ़ती संख्या, उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन शैली ने जल संसाधनों के सही उपयोग में मदद की है।
उत्तर-
शहरों की बढ़ती संख्या उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन-शैली के कारण न केवल जल और ऊर्जा की आवश्यकता में बढ़ोत्तरी हुई है, अपितु इन से संबंधित समस्याएँ बढ़ी हैं।

(ख) नदियों पर बाँध बनाने और उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव प्रभावित नहीं होता।
उत्तर-
नदियों पर बाँध बनाने तथा उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव अवरूद्ध होता है, जिसके कारण तलछट बहाव कमी आती है।

(ग) गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति करने पर भी किसान नहीं भड़के।
उत्तर-
गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति करने पर परेशान किसान उपद्रव करने को तैयार हो गए।

(घ)आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के बावजूद छत वर्षा जल संग्रहण लोकप्रिय हो रहा है।
उत्तर-
आज पश्चिमी राजस्थान में छत वर्षाजल संग्रहण की रीति इंदिरा गाँधी नहर से उपलब्ध बारहमासी पेयजल के कारण कम होती जा रही है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) व्याख्या करें कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है?
उत्तर-
पृथ्वी का तीन-चौथाई भाग जल से आच्छादित है। परन्तु इसमें प्रयोग लाने योग्य अलवणीय जल का अनुपात बहुत कम है जिसका निरन्तर नवीकरण और पुनर्भरण जलीय चक्र द्वारा होता रहता है। सम्पूर्ण जल जलीय चक्रय में गतिशील रहता है जिससे जल नवीकरण सुनिश्चित होता है।

(ii) जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर-
जल दुर्भलता से तात्पर्य, मनुष्य द्वारा प्रयोग करने के लिये जल की कमी का होना है। . अधिकतर जल की कमी इसके अतिशोषण, अत्यधिक प्रयोग और समाज के विभिन्न वर्गों में जल के असमान वितरण के कारण होती है।

(iii) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें।
उत्तर-
बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लाभ
(अ)जल विद्युत उत्पादन
(ब) सिचाईं
(स) बाढ़ नियन्त्रण
(द) मत्स्य पालन
(क) गृह एवं औद्योगिक उपयोग
(ख) आंतरिक नौका चालना

बहुउद्देशीय परियोजनाओं की हानियां :

(अ) नदियों का प्राकृतिक बहाव अरूद्ध होना
(ब) नदियों के तलछट में पानी का कम बहाव
(स) बाढ़ के मैदानों में बने जलाशयों के कारण उस क्षेत्र की वनस्पति एवं अपघटन।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
राजस्थान के अर्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्र में लगभग प्रत्येक घर में पीने का पानी संग्रहित करने हेतु भूमिगत टैंक या ‘टाँका’ हुआ करते थे। इसका आकार एक बड़े कक्ष जितना हो सकता है। टाँका यहाँ सुविकसित छत वर्षाजल संग्रहण तन्त्र का अभिन्न अंग है जिसे मुख्य घर या आँगन में बनाया जाता था। वे घरों की ढलवाँ छतों से पाइप द्वारा जुड़े हुए थे। छत से वर्षा का पानी इन नलों द्वारा भूमिगत टाँका तक पहुँचता था। वर्षा का प्रथम तल छत और नलो की सफाई हेतु प्रयुक्त किया जाता है। इसके बाद होने वाली वर्षा जल संग्रहणीय होता टाँका में वर्षाजल अगली वर्षा ऋतु तक संग्रहित किया जा सकता है। यह इसे जल की कमी वाली ग्रीष्म ऋतु तक पीने का जल उपलब्ध करवाने वाला जल स्रोत बनाता है। वर्षा जल को प्राकृतिक जल का शुद्धतम रूप समझा जाता है।

(ii) परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपना कर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है।
उत्तर-
प्राचीन भारत में उत्कृष्ट जलीय निर्माणों के साथ-साथ जल संग्रहण ढाँचे भी पाए जाते थे। लोगों ने स्थानीय पारिस्थितिकीय परिस्थितियों और उनकी जल आवश्यकतानुसार वर्षाजल, भौमजल, नदी जल, तथा बाढ़ जल संग्रहण के अनेक उपाय विकसित कर लिए थे। इन्हीं परंपरागत वर्षा जल संग्रहण के तरीकों को आधुनिककाल में अपना कर संरक्षण निम्नलिखित प्रकार से किया जा रहा है-

  • पी.वी.सी. पाइप का उपयोग करके छत का वर्षा जल संग्रहित किया जाता है।
  • रेत और ईंट प्रयोग करके जल का छनन किया जाता
  • भूमिगत पाइप द्वारा जल हौज तक ले जाता है जहाँ से इसे तुरन्त प्रयोग किया जा सकता है।
  • हौज से अतिरिक्त जल कुएँ तक ले जाया जाता है। (v) कुएँ का जल भूमिगत जल का पुनर्भरण करता है। (vi) बाद में इस जल का उपयोग किया जा सकता है।
परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न [Long – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. भारत में सिंचाई क्यों आवश्यक है ?
अथवा
भारत में कृषि के लिए सिंचाई की आवश्यकता क्यों है? वर्णन कीजिए ।
उत्तर – भारत में कृषि के लिए भौगोलिक परिस्थितियाँ सभी जगहों पर एक समान नहीं हैं। इसलिए कृषि को विकसित करने के लिए सिंचाई का विकास बहुत जरूरी है। भारत में सिंचाई की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है –
1. मानसून वर्षा की अनिश्चितता – भारत में वर्षा अनिश्चित होती है। भारतीय कृषि मानसून पर निर्भर है। मानसून वर्षा यदि ठीक समय पर हो जाती है तो कृषि अच्छी होती है और यदि मानसून ठीक समय पर नहीं आता तो कृषि व्यवस्था बिगड़ जाती है। कम वर्षा वाले स्थानों पर मानसून की अनिश्चितता का ज्यादा प्रभाव पड़ता है। हरियाणा और राजस्थान में 70 प्रतिशत कृषि मानसून पर आधारित है। इन राज्यों में मानसून की अनिश्चितता से सूखे की स्थिति आ जाती है।
2. वर्षा की अनियमितता – भारत में वर्षा निश्चित मात्रा में कभी नहीं होती। कभी-कभी तो बहुत ज्यादा वर्षा हो जाती है और कभी-कभी बहुत कम । इससे कृषि का संतुलन बिगड़ जाता है। कम वर्षा होने की वजह से हमें सिंचाई की आवश्यकता होती है ।
3. वर्षा का असमान वितरण – भारत में वर्षा का वितरण हर जगह समान नहीं है । एक तरफ तो मॉसिनराम (चेरापूंजी के निकट) में वर्षा 1140 सेंटीमीटर से भी अधिक होती है, जबकि दूसरी ओर राजस्थान के जैसलमेर में 10 सेंटीमीटर से भी कम वर्षा होती है। किसी भी दो जगहों पर समान वर्षा नहीं होती ।
4. विशेष फसलें-चावल तथा गन्ने की फसलों के लिए नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है, जबकि बाजरे की खेती के लिए सिंचाई की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती ।
5. शीतकाल की फसलें – भारत में शीतकाल में वर्षा नहीं होती, इसलिए रबी की फसलों के लिए सिंचाई बहुत आवश्यक है।
6. खाद्यान्नों में आत्म-निर्भरता- देश में खाद्यान्न संकट को समाप्त करने के लिए खाद्यान्नों के अतिरिक्त उत्पादन की आवश्यकता है। इसलिए सिंचाई की आवश्यकता होती है ।
प्रश्न 2. बहु-उद्देशीय परियोजना किसे कहते हैं? इन परियोजनाओं के क्या लाभ हैं ?
उत्तर–जब नदी पर बांध बनाकर उसके जल का एक स्थान पर भंडारण कर लिया जाता है और उससे एक साथ अनेक उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है उसे बहु-उद्देशीय परियोजना कहते हैं । दामोदर घाटी परियोजना भारत की पहली परियोजना थी। इन परियोजनाओं से निम्नलिखित लाभ हैं।
1. बाढ़ों पर नियंत्रण – इन परियोजनाओं से नदियों के जल को नियंत्रित करके एक स्थान पर एकत्र कर लिया जाता है। इससे इन नदियों से बाढ़ों द्वारा मचाई जाने वाली तबाही पर रोक लगाई गई है ।
2. मृदा अपरदन पर रोक नदियों के पानी के प्रवाह को नियंत्रित करके मृदा अपरदन को रोका जा सकता है ।
3. सिंचाई की सुविधा – इन नदी-घाटी परियोजनाओं से अनेक नहरों का निर्माण किया गया है। इन नहरों द्वारा सिंचाई करके प्यासी धरती की प्यास बुझाई जा सकती है । इंदिरा गांधी नहर इसका प्रमुख उदाहरण है ।
4. पर्यटन को बढ़ावा इन नदी घाटी परियोजनाओं के निकट सुंदर पार्कों का निर्माण किया गया है और लोग इन बांधों के पीछे बनी सुंदर झीलों को देखने आते हैं।
5. विद्युत उत्पादन सभी नदी-घाटी परियोजनाओं से जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है जो कि वर्तमान समय में ऊर्जा का सबसे अच्छा साधन माना जा रहा है ।
6. मत्स्य पालन – इन नदी घाटी परियोजनाओं के पीछे बनी बड़ी-बड़ी झीलों में बड़े पैमाने पर मछली पालन किया जा रहा है जोकि देश के लिए एक प्रमुख आर्थिक संसाधन है।
7. नौका – परिवहन-बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के अंतर्गत नदियों और नहरों के अंतःस्थलीय नौका परिवहन की सुविधा मिल जाती है। भारी सामान के परिवहन के लिए यह सबसे सस्ता साधन है ।
इन्हीं कारणों से इन बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं को ‘आधुनिक भारत के मंदिर’ कहा जाता है।
प्रश्न 3. हिमालय से निकलने वाली नदियों और प्रायद्वीपीय पठार की नदियों में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – हिमालय से निकलने वाली नदियों और प्रायद्वीपीय पठार की नदियों में निम्नलिखित अंतर हैं
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ प्रायद्वीपीय पठार की नदियाँ
1. हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियाँ सारा साल बहती हैं। क्योंकि इन्हें वर्षा और हिम दोनों से जल प्राप्त होता है । 1. प्रायद्वीपीय भारत की नदियों को मानसून वर्षा द्वारा जल प्राप्त होता है, इसलिए ये नदियाँ शुष्क ऋतु में सूख जाती हैं ।
2. इन नदियों से बिना बांध बनाए वर्ष भर सिंचाई की जा सकती है । 2. इन नदियों से बांध बनाकर सिंचाई और जल विद्युत के लिए जल प्राप्त किया जा सकता है ।
3. ये नदियाँ मैदानी भागों में से होकर बहती हैं, इसलिए इनसे नहरें निकालना आसान है। 3. ये नदियाँ चट्टानी तथा ऊंचे-नीचे क्षेत्रों से होकर बहती हैं, इसलिए ये नहरों के लिए उपयुक्त नहीं हैं ।
4. हिमालय की तलहटी में पहुंचते समय ये नदियाँ जल प्रपात बनाती हैं, इसलिए ये जल विद्युत के विकास के लिए उपयुक्त हैं। 4. ये नदियां तीव्र ढाल बनाती हुई चलती हैं, इसलिए इन पर स्थान-स्थान पर बांध बनाकर ही जल विद्युत पैदा की जा सकती है ।
5. ये नदियां नाव और स्टीमर चलाने योग्य हैं । 5. इन नदियों में केवल डेल्टाई भागों में ही नाव चलाई जा सकती है ।
प्रश्न 4. वर्षा जल संग्रहण से आपका क्या अभिप्राय है? इसके उद्देश्य एवं तकनीकों या विधियों का वर्णन करें।
अथवा
वर्षा जल संग्रहण की विस्तृत व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – वर्षा जल संग्रहण-व जल संग्रहण विभिन्न उपयोगों के लिए वर्षा के जल को रोकने और एकत्र करने की प्रक्रिया है अर्थात् वर्षा के जल को भविष्य के उपयोग के लिए इकट्ठा करना ही वर्षा जल संग्रहण कहलाता है । इसका उपयोग भूमिगत जलमृतों के पुनर्भरण के लिए भी किया जाता है।
वर्षा जल संग्रहण एक पारिस्थितिकी अनुकूल प्रक्रिया है जिसके माध्यम से पानी की प्रत्येक बिंदु को संरक्षित करने के लिए वर्षा के जल को कुओं, तालाबों और नलकूपों में इकट्ठा किया जाता है। वास्तव में यह जल भंडारों के पुनर्भरण को पर्यावरण अनुकूल (Eco-friendly) बनाने की तकनीक है।
वर्षा जल संग्रहण के उद्देश्य – वर्षा जल संग्रहण के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
(i) यह पानी की उपलब्धता को बढ़ाता है।
(ii) यह भूमिगत जल स्तर को नीचा होने से रोकता है व भूमिगत जल की गुणवत्ता को बढ़ाता हैं ।
(iii) यह मृदा अपरदन को रोकता है ।
(iv) यह तटीय क्षेत्रों में लवणीय जल के प्रवेश को रोकता है ।
(v) यह एकत्रित वर्षा जल को भूमि जल भंडारों में संग्रहित करता है ।
(vi) यह बाढ़ को रोकता है और वर्षा के पानी को सड़कों पर फैलने से रोकता है।
(vii) यह जल की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करता है जिससे सूखे या अनावृष्टि के हालातों में सामना किया जा सके ।
(viii) यह भौम जल के भंडारों में वृद्धि करता है ।
वर्षा जल संग्रहण की विभिन्न विधियाँ या तकनीकें – देश में विभिन्न समुदायों द्वारा अनेक विधियों की सहायता से वर्षा जल संग्रहण किया जा रहा है। इनमें से कुछ विधियाँ या तकनीकें निम्नलिखित हैं –
(i) छत के वर्षा जल का संग्रहण
(ii) बंद व बेकार पड़े कुओं का पुनर्भरण
(iii) खुदे हुए कुओं का पुनर्भरण
(iv) रिसाव गड्ढों का निर्माण
(v) खेतों के चारों ओर खाइयाँ बनाना
(vi) पुनर्भरण शाफ्ट द्वारा जल संग्रहण
(vii) बोर कुएँ सहित क्षैतिज कूप द्वारा जल संग्रहण
(viii)  सर्विस कूप द्वारा जल संरक्षण |
प्रश्न 5. जल दुर्लभता क्या है ? इसके कारणों का संक्षिप्त में वर्णन करें ।
उत्तर-जल दुर्लभता का अर्थ है- स्वच्छ जल की कमी अर्थात् जल की माँग के अनुरूप जल की पूर्ति का न होना। जल दुर्लभता के मुख्य कारण इस प्रकार हैं –
1. जल संसाधनों का अतिशोषण-बढ़ती हुई जनसंख्या की माँगों को पूरा करने के लिए अधिक उत्पादन की आवश्यकता पड़ती है। अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए जल संसाधनों का अति शोषण करके ही सिंचित क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है और शुष्क है ऋतु में भी खेती की जा सकती है ।
2. जल संसाधनों का अधिक प्रयोग- जल संसाधनों; जैसे कुएँ और नलकूपों का अधिक प्रयोग करने से भूमिगत जल का स्तर बहुत नीचे चला जाता है जिससे हमें जल दुर्लभता की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
3. औद्योगीकरण और शहरीकरण – स्वतंत्रता के बाद भारत में तेजी से औद्योगीकरण और शहरीकरण हुआ है। उद्योगों की बढ़ती हुई संख्या के कारण अलवणीय जल संसाधनों पर दबाव बढ़ा है जिससे जल दुर्लभता की स्थिति पैदा हो गई है।
4. जल की गुणवत्ता के नष्ट होने के कारण-जल की गुणवत्ता के नष्ट होने के कारण से भी जल दुर्लभता की स्थिति पैदा हो जाती है। पिछले कुछ समय से यह चिंता का विषय बनता जा रहा है कि प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध होने के बावजूद यह घरेलू और औद्योगिक अपशिष्टों, रासायनों, कीटनाशकों और उर्वरकों के कारण मानव उपयोग के काबिल नहीं रहा है ।
लघुत्तरात्मक प्रश्न [Short – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. पृथ्वी पर जल के वितरण का वर्णन करो ।
उत्तर – पृथ्वी के कुल धरातल के तीन-चौथाई भाग पर जल पाया जाता है इसलिए पृथ्वी को जलीय ग्रह कहते हैं। विश्व में जल के कुल आयतन का 96.5 प्रतिशत भाग महासागरों में पाया जाता है और केवल 2.5 प्रतिशत अलवणीय जल है । ( पृथ्वी पर अलवणीय जल हिमनदों, नदियों, झीलों और भूमिगत जल स्रोतों के रूप में पाया जाता है) विश्व में अलवणीय जल का लगभग 70 प्रतिशत भाग अंटार्कटिका, ग्रीनलैंड और पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फ की चादरों और हिमनदों के रूप में मिलता है, जबकि 30 प्रतिशत से थोड़ा-सा कम भौमजल के जलभृत के रूप में पाया जाता है।
प्रश्न 2. जीवन में जल के महत्त्व का वर्णन कीजिए ।
अथवा
मानव जीवन में जल की उपयोगिता पर प्रकाश डालिए ।
उत्तर – जल ही जीवन है। जल मानव को प्रकृति की अमूल्य भेंट है । जल का मानव जीवन में सबसे अधिक महत्त्व है । वास्तव में जल ही जीवन की पहली शर्त है । वर्तमान समय में मानसूनी वर्षा के वितरण ने जल संसाधनों की प्रकृति को संकट ग्रस्त संसाधन बना दिया है। मानव जीवन में जल के निम्नलिखित उपयोग है –
(i) जल पीने के लिए और घरेलू कार्यों में प्रयोग किया जाता है I
(ii) जल का उपयोग सिंचाई के लिए दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है I
(iii) नगरों में मल निकासी और सभी प्रकार की गंदगी के निपटान के लिए जल अपरिहार्य है ।
(iv) उद्योगों और कारखानों के संचालन में जल अपरिहार्य संसाधन है।
(v) जल संसाधनों को मछली पालन, नौका चालन, विद्युत उत्पादन के साधनों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 3. भारत के असमाप्त होने वाले भौम जल संसाधन का वर्णन कीजिए ।
उत्तर–हमारे देश में भूमिगत जल संसाधन कभी भी समाप्त न होने वाला भौम जल संसाधन है । लेकिन इस संसाधन के संरक्षण के लिए सरकार को अनेक उपायों पर विचार करना होगा । भूमिगत जल का मुख्य स्रोत वर्षा के जल का रिस-रिसकर धरातल में जाना है। इस काम के लिए सरकार ने अनेक विधियों पर अमल करना शुरू कर दिया है। भौम जल के पुनर्भरण के लिए कम लागत की कई तकनीकें हैं। इनमें जल को रिसने में सहायक गड्ढों का निर्माण, खेतों के चारों ओर गहरी नालियाँ खोदना, गड्ढों को फिर से भरना और छोटी-छोटी नदिकाओं पर बंधिकाएँ बनाना शामिल हैं। छत के पानी को टंकियों अथवा भूमि के नीचे आसानी से इकट्ठा किया जा सकता है ।
प्रश्न 4. राष्ट्रीय जल नीति-2002 की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर – राष्ट्रीय जल नीति-2002 की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
(i) सिंचाई तथा बहुउद्देशीय परियोजनाओं में पीने का जल घटक में शामिल करना चाहिए जहाँ पेयजल के स्रोत का कोई भी विकल्प नहीं है ।
(ii) सभी मनुष्य जाति और प्राणियों को पेय जल प्रदान करना प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए।
(iii) भौम जल के शोषण को नियमित और सीमित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए ।
(iv) जल की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक चरणाबद्ध कार्यक्रम शुरू किया जाना चाहिए ।
(v) जल के विविध प्रयोगों की कार्यक्षमता में सुधार करना चाहिए ।
(vi) उपक्रमणों, प्रेरकों तथा अनुक्रमणों, शिक्षा विनिमय द्वारा सरंक्षण चेतना बढ़ानी चाहिए ।
प्रश्न 5. उत्तर भारत और दक्षिण भारत की नदियों में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर – उत्तर भारत तथा दक्षिण भारत की नदियों में निम्नलिखित अंतर हैं –
उत्तर भारत की नदियाँ दक्षिण भारत की नदियाँ
1. ये नदियाँ अधिक लंबी व बड़े बेसिन वाली हैं । 1. ये नदियाँ कम लंबी व छोटे बेसिन वाली हैं ।
2. ये नदियाँ हिमाच्छादित प्रदेशों से निकलती हैं । 2. ये नदियाँ वर्षा पर निर्भर करती हैं ।
3. इन नदियों में सारा वर्ष जल बहता है । 3. ये नदियाँ ग्रीष्म ऋतु में सूख जाती हैं ।
4. ये नदियाँ गहरे गॉर्ज बनाती हैं । 4. ये नदियाँ चौड़ी व उथली घाटियों का निर्माण करती हैं।
5. ये नदियाँ विसर्प बनाती हैं । 5. ये नदियाँ सीधा मार्ग अपनाती हैं ।
6. ये नदियाँ जहाजरानी तथा सिंचाई के लिए उचित हैं । 6. ये नदियाँ जहाजरानी तथा सिंचाई के लिए उचित नहीं हैं ।
7. ये नदियाँ अपने विकास की बाल्यावस्था में हैं । 7. ये नदियाँ प्रौढ़ अवस्था में हैं ।
8. ये नदियाँ पूर्ववर्ती हैं ।  8. ये नदियाँ अनुवर्ती हैं।
प्रश्न 6. पृष्ठीय जल और भौम जल में क्या अंतर हैं ?
उत्तर – पृष्ठीय जल और भौम जल में निम्नलिखित अंतर हैं
पृष्ठीय जल भौम जल
1. ताल-तलैयों, नदियों, झीलों, सरिताओं और जलाशयों में पाए जाने वाले जल को पृष्ठीय जल कहा जाता है । 1. वर्षा से प्राप्त जल का जो भाग रिसकर भूमि द्वारा सोख लिया जाता है, उसे भौम जल कहते हैं ।
2. भारत में पृष्ठीय जल की अनुमानित मात्रा 1869 अरब घन मीटर है। 2. भारत में भौम जल की अनुमानित मात्रा 433.8 अरब घन मीटर है ।
3. देश के संपूर्ण पृष्ठीय जल का 60 प्रतिशत भाग सिंधु-गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों से होकर बहता है । 3. देश का अधिकांश भौम जल उत्तरी विशाल मैदान में पाया जाता है I
प्रश्न 7. धरातलीय जल संसाधन और भूमिगत जल संसाधनों में अंतर स्पष्ट करें ।
उत्तर – धरातलीय जल संसाधन और भूमिगत जल संसाधन में निम्नलिखित अंतर हैं –
धरातलीय जल संसाधन भूमिगत जल संसाधन
1. देश के संपूर्ण जलीय क्षेत्रफल को धरातलीय जल संसाधन कहते हैं। नदी, झील, तालाब का जल इसके अंतर्गत आता है। 1. भूमि के आंतरिक भाग से प्राप्त संपूर्ण जल को भूमिगत जल संसाधन कहते हैं ।
2. धरातलीय जल का प्रमुख स्रोत वर्षा है । 2. वर्षा कुएँ, तालाब, नदी आदि सभी भूमिगत जल के स्रोत हैं।
3. भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में जल संसाधन पर्याप्त होता है । 3. निम्न भूमि वाले क्षेत्रों में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
प्रश्न 8. जल के कुशल प्रबंधन के लिए किन बातों पर ध्यान देना चाहिए ?
उत्तर – जल के कुशल प्रबंधन के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए –
(i) जन-जागरण पैदा करना और जल के संरक्षण और उसके कुशल प्रबंधन से संबंधित सभी क्रियाकलापों में लोगों को शामिल करना ।
(ii) बागवानी, वाहनों की धुलाई, शौचालयों और वाश-बेसिनों में उपचरित जल के उपयोग को रोकना।
(iii) सभी जल निकास की इकाइयों ; जैसे कुओं, नलकूपों आदि को पंजीकृत करना ।
(iv) भूमिगत जल निकास इकाइयों की निगरानी, जिससे उन्हें सूखने से बचाया जा सके ।
(v) जलाशयों को प्रदूषण से बचाना। एक बार प्रदूषित होने पर जलाशय वर्षों बाद पुनः उपयोगी हो पाते हैं।
(vi) जल की बर्बादी तथा जल प्रदूषण को रोकने के लिए जल की पाइप लाइनों की तत्काल मरम्मत करना ।
प्रश्न 9. वर्षा के असमान वितरण से क्या हानियाँ होती हैं ?
उत्तर भारत में वर्षा के असमान वितरण के बुरे परिणाम निम्नलिखित हैं –
1. बाढ़ और अकाल-भारत में वर्षा मानसून पर निर्भर करती है जो केवल ग्रीष्म ऋतु के ही चार महीनों में सीमित है। मानसून की यह वर्षा कभी भी सामान्य नहीं होती। मानसून यदि प्रचंड हो तो बाढ़ आ जाती है और यदि पर्याप्त न हो तो सूखा पड़ जाता है जिससे भुखमरी फैल जाती है।
2. फसलों की हानि-भारत में कृषि मानसून पर निर्भर करती है, सिंचाई के निश्चित साधन न होने के कारण यदि वर्षा समय पर न हो या कम हो तो फसलें नष्ट हो जाती हैं ।
3. भूमि कटाव – प्रचंड वर्षा से बाढ़ आती है और भूमि कटाव होता है । अति गर्म ग्रीष्म ऋतु के बाद मूसलाधार वर्षा से भी भूमि कटाव हो जाता है ।
4. जान-माल की हानि – बाढ़ और अकाल से जान-माल की अपार क्षति होती है। बाढ़ों में पशु, मनुष्य और घर-संपत्ति आदि सब बह जाते हैं ।
5. कमजोर पशु संपदा – वर्षा के असमान वितरण के कारण पशुओं को उचित चारा, भोजन आदि पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता, जिससे पशु निर्बल हो जाते हैं या सूखे की चपेट में आकर मर जाते हैं।
प्रश्न 10. क्या कारण है कि दक्षिण भारत में सिंचाई का प्रमुख साधन तालाब हैं ?
उत्तर-दक्षिणी भारत में तालाबों द्वारा सिंचाई के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –
1. पठारी भूमि – दक्षिणी भारत की भूमि पठारी है । यहाँ नहरें खोदना कठिन है । इसलिए तालाब सिंचाई का उपयुक्त साधन हैं ।
2. कठोर भूमि–दक्षिण भारत की भूमि कठोर है अतः कठोर होने के कारण भूमि तालाबों का पानी अधिक नहीं सोखती।
3. प्राकृतिक गड्ढे – दक्षिणी पठार में प्राकृतिक गड्ढे मिल जाते हैं। इनके किनारों पर बांध बनाकर इन्हें तालाब का रूप दे दिया जाता है। वर्षा ऋतु में ये तालाब जल से भर जाते हैं और जरूरत पड़ने पर इन तालाबों से सिंचाई की जाती है।
4. मौसमी नदियाँ दक्षिणी भारत की नदियों में केवल वर्षा ऋतु में ही पानी रहता है। इसलिए इनसे सारा वर्ष पानी प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसके अतिरिक्त ये नदियाँ गहरी घाटियों से होकर बहती हैं। अतः तालाब ही यहाँ सिंचाई का उपयुक्त साधन हैं।
प्रश्न 11. नर्मदा बचाओ आंदोलन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए ।
उत्तर – नर्मदा बचाओ आंदोलन गुजरात मध्यप्रदेश सीमा के निकट गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बाँध की ऊँचाई को बढ़ाने के विरोध में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् मेधा पाटकर के नेतृत्व में चलाया गया आंदोलन है । इस बाँध की ऊँचाई बढ़ने से मध्यप्रदेश के लाखों लोगों के घर और जमीने पानी में डूब जाएंगी और वे बेघर और बेसहारा हो जाएंगे।
प्रश्न 12. वर्षा जल संग्रहण के क्या उद्देश्य हैं ?
उत्तर – वर्षा जल संग्रहण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं –
(i) जल की बढ़ती मांग को पूरा करना ।
(ii) धरातल पर बहते जल की मात्रा को कम करना ।
(iii) सड़कों को जल भराव से बचाना ।
(iv) भौम-जल को इकट्ठा करने की क्षमता तथा जल-स्तर को बढ़ाना ।
(v) भौम जल प्रदूषण को घटाना ।
(vi) भौम जल की गुणवत्ता को बढ़ाना ।
(vii) ग्रीष्म ऋतु तथा लंबी शुष्क अवधि में जल की घरेलू आवश्यकता को पूरा करना ।
अति लघुत्तरात्मक प्रश्न [Very Short – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. जलमंडल क्या है ?
उत्तर–पृथ्वी का संपूर्ण जलीय भाग जलमंडल कहलाता है, जिसमें द्रव, जल, जलवाष्प, बर्फ तथा हिम को सम्मिलित किया जाता है ।
प्रश्न 2. बहुउद्देशीय नदी परियोजना क्या है?
उत्तर – नदी पर बाँध बनाकर उसके जल का एक जगह संग्रह करके एक साथ अनेक उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए बनाई गई परियोजना को बहुउद्देशीय नदी परियोजना कहते हैं ।
प्रश्न 3. वर्षा जल संग्रहण के कोई दो उद्देश्य लिखिए ।
उत्तर – (i) धरातल पर अनियंत्रित जल बहाव को नियंत्रित करना ।
(ii) लगातार बढ़ती हुई जल की माँग को पूरा करना ।
प्रश्न 4. राजस्थान में जल संग्रहण की परंपरागत विधि क्या है ?
उत्तर – कुंडी या टाँका राजस्थान के रेतीले इलाकों के ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात के जल को संग्रहित करने की महत्त्वपूर्ण परंपरागत विधि है, इसे ‘कुंड’ भी कहते हैं ।
प्रश्न 5. धरातलीय जल के प्रमुख स्रोत कौन-से हैं ?
अथवा
धरातलीय जल कहाँ-कहाँ से प्राप्त होता है ?
उत्तर – धरातलीय जल के प्रमुख स्रोत हैं – (i) झीलें, (ii) तालाब, (iii) नदियाँ, (iv) अन्य जलाशय आदि ।
प्रश्न 6. उत्तरी भारत में नहरों से सिंचाई अधिक क्यों होती है ?
उत्तर – उत्तरी भारत की नरम व मुलायम मिट्टी, समतल मैदान के कारण उत्तरी भारत में नदियों से सिंचाई अधिक होती है।
प्रश्न 7. राष्ट्रीय जल नीति के दो उद्देश्य लिखिए ।
उत्तर – (i) जल के अपव्यय को कम करना
(ii) जल संसाधन प्रबंधन व संरक्षण सुनिश्चित करना ।
प्रश्न 8. जल गुणवत्ता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – जल गुणवत्ता से तात्पर्य जल की शुद्धता या अनावश्यक बाहरी पदार्थों से रहित जल से है । जल इन बाहरी पदार्थों से प्रदूषित होता है और मानव के उपयोग योग्य नहीं रहता । जब विषैले पदार्थ झीलों, नदियों, समुद्रों और अन्य जलाशयों में प्रवेश करते हैं तो जल प्रदूषण बढ़ता है और जल के गुणों में कमी आने से जलीय तंत्र प्रभावित होते हैं । कभी-कभी प्रदूषक नीचे तक पहुँचकर भौम-जल को प्रदूषित करते हैं ।
प्रश्न 9. सिंचाई (Irrigation) किसे कहते हैं ?
उत्तर – वर्षा के अभाव में शुष्क खेतों या क्षेत्रों तक कृत्रिम रूप से पानी पहुँचाने को सिंचाई कहते हैं ।
प्रश्न 10. जल संभर या जल विभाजक किसे कहते हैं?
उत्तर – वह उत्थित सीमा जो विभिन्न अपवाह तंत्रों में बहने वाली सरिताओं के शीर्ष भागों को अलग करती है, जल विभाजक कहलाती है।
प्रश्न 11. पृष्ठीय जल के कोई दो उपयोग बताएँ ।
उत्तर – (i) पृष्ठीय जल पीने और खाना बनाने के लिए उपयोग किया जाता है ।
(ii) कृषि एवं उद्योगों के लिए भी इनका उपयोग किया जाता है ।
प्रश्न 12. जल संभर प्रबंधन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – जल संभर प्रबंधन से अभिप्राय धरातलीय और भौम – जल संसाधनों के दक्ष प्रबंधन से है । विस्तृत अर्थ में जल संभर प्रबंधन के अंतर्गत प्राकृतिक संसाधन और जल संभर सहित मानवीय संसाधनों के संरक्षण, पुनःउत्पादन और विवेकपूर्ण उपयोग को शामिल किया जाता है ।
प्रश्न 13. जल संभर प्रबंधन का क्या उद्देश्य है?
उत्तर – जल संभर प्रबंधन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और समाज के बीच संतुलन लाना है I
प्रश्न 14. भूमिगत जल का संरक्षण करने की दो विधियाँ बताइए ।
उत्तर – (i) जल रिसने में सहायक गड्ढों का निर्माण करके, (ii) खेतों के चारों ओर गहरी नालियाँ खोदकर ।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न [Objective Type Questions]
I. एक शब्द या एक वाक्य में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1. पृथ्वी की कितनी सतह पर जल का आवरण है ?
उत्तर – पृथ्वी की सतह के 70.8 प्रतिशत भाग पर जल का आवरण है ।
प्रश्न 2. पृथ्वी के धरातल का कितना भाग जल से ढका हुआ है ?
उत्तर – पृथ्वी के धरातल का तीन-चौथाई भाग जल से ढका हुआ है।
प्रश्न 3. भारत के किस भाग में नहरों द्वारा सिंचित क्षेत्रफल अधिकतम है?
उत्तर – उत्तरी भारत में ।
प्रश्न 4. भारत के किस भाग में तालाबों द्वारा सिंचित क्षेत्रफल अधिकतम है ?
उत्तर-दक्षिणी भारत में ।
प्रश्न 5. नीरू-मीरू ( जल व आप) कार्यक्रम का संबंध किस राज्य से है ?
उत्तर – आंध्र प्रदेश से ।
प्रश्न 6. पृष्ठीय जल का मूल स्रोत क्या है ?
उत्तर- वर्षा ।
प्रश्न 7. राष्ट्रीय जल नीति कब लागू की गई ?
उत्तर- सन् 2002 में ।
प्रश्न 8. जल किस प्रकार का संसाधन है ?
उत्तर – प्राकृतिक संसाधना
प्रश्न 9. आधुनिक सिंचाई का आरंभ कब से माना जाता है ?
उत्तर- सन् 1831 से।
प्रश्न 10. जल का कितने प्रतिशत भाग लवणीय रूप का है?
उत्तर – जल का 97.39 प्रतिशत भाग लवणीय रूप में सागरों में वितरित है।
प्रश्न 11. पृथ्वी पर अलवणीय जल का मुख्य स्रोत क्या है ?
उत्तर – नदियाँ और भूमिगत जल स्रोत ।
प्रश्न 12. विश्व में विद्यमान जल के कुल आयतन का कितने प्रतिशत भाग महासागरों में पाया जाता है ?
उत्तर – 96.5 प्रतिशत भाग ।
प्रश्न 13. पृथ्वी पर जल का सबसे बड़ा स्रोत क्या है ?
उत्तर-महासागर ।
प्रश्न 14. भारत विश्व की वर्षा का कितने प्रतिशत हिस्सा प्राप्त करता है ?
उत्तर – लगभग 4 प्रतिशत ।
प्रश्न 15. पृथ्वी पर अलवण जल का सबसे बड़ा स्रोत कौन-सा है ?
उत्तर – हिमनद ।
प्रश्न 16. पृथ्वी पर लवणीय जल का सबसे बड़ा स्रोत कौन-सा है ?
उत्तर- महासागर ।
प्रश्न 17. भारत में जल दुर्लभता से सबसे अधिक ग्रस्त राज्य कौन-सा है?
उत्तर- राजस्थान ।
प्रश्न 18. जल दुर्लभता का एक कारण लिखो।
उत्तर – जल दुर्लभता का प्रमुख कारण है – जल का असमान वितरण |
प्रश्न 19. भारत में कुल विद्युत उत्पादन का कितने प्रतिशत भाग जल विद्युत से प्राप्त होता है ?
उत्तर- लगभग 22 प्रतिशत भाग ।
प्रश्न 20. भाखड़ा बाँध किस नदी पर स्थित है?
उत्तर – सतलुज नदी पर ।
प्रश्न 21. सरदार सरोवर परियोजना किस नदी पर स्थित है?
उत्तर – नर्मदा नदी पर ।
प्रश्न 22. जवाहरलाल नेहरू गर्व से बाँधों को किस नाम से पुकारते थे ?
उत्तर – जवाहरलाल नेहरू गर्व से बाँधों को ‘आधुनिक भारत के मंदिर’ कहा करते थे ।
प्रश्न 23. भारत के किन दो राज्यों में वर्षा जल संग्रहण का तरीका सामान्य है?
उत्तर – राजस्थान और मेघालय में ।
प्रश्न 24. विश्व में सर्वाधिक वर्षा किस स्थान पर होती है ?
उत्तर – मेघालय राज्य में चेरापूँजी के निकट मॉसिनराम नामक स्थान पर विश्व में सर्वाधिक वर्षा होती है।
प्रश्न 25. कावेरी नदी पर कौन-सा बाँध है ?
उत्तर-मैटूर बाँध ।
प्रश्न 26. बाँध किसे कहते हैं ?
उत्तर – बहते जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा को बाँध कहते हैं । .
प्रश्न 27. भूमिगत जल स्रोत के दो उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – कुएँ और नलकूप ।
प्रश्न 28. भौमजल या भूमिगत जल किसे कहते हैं ?
उत्तर – वह जल जो धरातल के नीचे पाया जाता है, उसे भौमजल या भूमिगत जल कहते हैं ।
प्रश्न 29. तुंगभद्रा परियोजना किन दो राज्यों की संयुक्त परियोजना है?
उत्तर – कृष्णा की सहायक तुंगभद्रा नदी पर बनी परियोजना आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक राज्यों की संयुक्त परियोजना है।
प्रश्न 30. भारत के किस राज्य में ‘छत वर्षा जल संग्रहण’ का तरीका प्रचलित है ?
उत्तर – राजस्थान ।
प्रश्न 31. जल किस प्रकार का संसाधन है ?
उत्तर – नवीकरणीय संसाधन ।
II. बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए
1. जल किस प्रकार का संसाधन है ?
(A) नवीकरणीय
(B) अनवीकरणीय
(C) मानव निर्मित
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (A)
2. पृथ्वी के संपूर्ण जलीय भाग को कहा जाता है –
(A) जलमंडल
(B) जैव मंडल
(C) सागर
(D) महासागर
उत्तर – (A)
3. विश्व में जल के कुल आयतन का सबसे बड़ा भाग कहाँ पाया जाता है?
(A) हिमनद
(B) नदियाँ
(C) महासागर
(D) झीलें
उत्तर-(C)
4. पृथ्वी पर अलवण जल का सबसे बड़ा स्रोत है-
(A) नदियाँ
(B) हिमनद
(C) झीलें
(D) भूमिगत जल स्रोत
उत्तर- (B)
5. पृथ्वी पर लवणीय जल का सबसे बड़ा स्रोत क्या है ?
(A) महासागर
(B) झीलें
(C) हिमनद
(D) सागर
उत्तर – (A)
6. प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष जल उपलब्धता के संदर्भ में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है?
(A) 130 वाँ
(B) 133 वाँ
(C) 135 वाँ
(B) 140 वाँ
उत्तर- (B)
7. जल दुर्लभता का कारण है –
(A) जल का अति शोषण
(B) जल का अत्यधिक उपयोग
(C) जल का असमान वितरण
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (D)
8. निम्नलिखित में से जल का उपयोग है –
(A) सिंचाई के लिए
(B) कारखाने के लिए
(C) विद्युत उत्पादन के लिए
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (D)
9. जवाहरलाल नेहरू बाँधों को कहते थे –
(A) आधुनिक भारत के स्तंभ
(B) आधुनिक भारत के घर
(C) आधुनिक भारत के मंदिर
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(C)
10. बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं का लाभ है –
(A) बाढ़ नियंत्रण
(B) विद्युत उत्पादन
(C) मनोरंजन
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (D)
11. बहुउद्देशीय परियोजनाओं की हानि है –
(A) नदियों का प्राकृतिक बहाव रुकना
(B) कृषि और वन भूमि का जलमग्न होना
(C) भारी संख्या में लोगों का विस्थापन
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
12. कौन-सी नदी को ‘बिहार का शोक’ कहा जाता है ?
(A) सोन नदी
(B) दामोदर नदी
(C) कोसी नदी
(D) कृष्णा नदी
उत्तर- (C)
13. सरदार सरोवर बाँध कौन-सी नदी पर स्थित है?
(A) नर्मदा
(B) गंगा
(C) कावेरी
(D) ब्रह्मपुत्र
उत्तर – (A)
14. कृष्णा नदी पर स्थित है –
(A) कोयना
(B) हीराकुंड
(C) मैटूर
(D) सरदार सरोवर
उत्तर – (A)
15. सलाल परियोजना किस नदी पर स्थित है?
(A) सतलुज
(B) रावी
(C) चेनाब
(D) झेलम
उत्तर-(C)
16. राणा प्रताप सागर बाँध किस नदी पर स्थित है ?
(A) चम्बल
(B) सोन
(C) गंडक
(D) शारदा
उत्तर-(A)
17. दामोदर घाटी परियोजना कौन-से राज्यों में है?
(A) राजस्थान एवं मध्यप्रदेश
(B) झारखंड एवं पश्चिम बंगाल
(C) हरियाणा एवं पंजाब
(D) बिह एवं झारखंड
उत्तर-(B)
18. भाखड़ा नंगल परियोजना का संबंध निम्नलिखित में से किस राज्य से है?
(A) हरियाणा
(B) पंजाब
(C) हिमाचल प्रदेश
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
19. भाखड़ा बाँध किस नदी पर बना है?
(A) गंगा नदी पर
(B) सतलुज नदी पर
(C) गोदावरी नदी पर
(D) कावेरी नदी पर
उत्तर-(B)
20. इंदिरा गाँधी नहर परियोजना किस राज्य में बनाई गई है?
(A) मध्य प्रदेश
(B) पंजाब
(C) हरियाणा
(D) राजस्थान
उत्तर-(D)
21. विश्व की सबसे लंबी नहर के रूप में निम्नलिखित में से जानी जाती है –
(A) इंदिरा गाँधी नहर
(B) भाखड़ा नहर
(C) सतलुज नहर
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(A)
22. संसार का सबसे लंबा बाँध है –
(A) भाखड़ा बाँध
(B) हीराकुंड बाँध
(C) नांगल बाँध
(D) रिहंद बाँध
उत्तर-(B)
23. चम्बल परियोजना का संबंध है –
(A) मध्य प्रदेश एवं राजस्थान
(B) हरियाणा-पंजाब
(C) बिहार एवं मध्य प्रदेश
(D) उत्तर प्रदेश एवं बिहार
उत्तर-(A)
24. तुंगभद्रा परियोजना किस नदी पर स्थित है ?
(A) कोसी
(B) नर्मदा
(C) तुंगभद्रा
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(C)
25. भारत का सबसे ऊँचा बाँध है –
(A) मैटूर बाँध
(B) नांगल बाँध
(C) हीराकुंड बाँध
(D) भाखड़ा बाँध
उत्तर-(D)
26. संसार का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है –
(A) हीराकुंड बाँध
(B) भाखड़ा बाँध
(C) रिहन्द बाँध
(D) नांगल बाँध
उत्तर-(B)
27. वर्षा जल का सबसे अधिक संग्रहण करने वाला राज्य है –
(A) राजस्थान
(B) मेघालय
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(C)
28. बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली किस राज्य में प्रचलित है?
(A) राजस्थान
(B) मेघालय
(C) पंजाब
(D) हरियाणा
उत्तर- (B)
29. भारत के किस राज्य में हर घर में छत वर्षा जल संग्रहण ढाँचों का बनाना अनिवार्य कर दिया गया है?
(A) राजस्थान
(B) मेघालय
(C) तमिलनाडु
(D) हरियाणा
उत्तर- (C)
30. भारत में सिंचाई का सबसे बड़ा स्रोत है –
(A) तालाब
(B) नहरें
(C) भूमिगत जल
(D) जलाशय
उत्तर-(B)
31. नीरू -मीरू (जल और आप ) कार्यक्रम का संबंध किस राज्य से है ?
(A) आंध्र प्रदेश से
(B) पंजाब से
(C) उत्तर प्रदेश से
(D) पश्चिम बंगाल से
उत्तर-(A)
32. भारत में सबसे अधिक शुद्ध सिंचित क्षेत्र किस राज्य में है?
(A) पंजाब में
(B) हरियाणा में
(C) उत्तर प्रदेश में
(D) मिज़ोरम में
उत्तर-(A)
33. राष्ट्रीय जल नीति कब लागू की गई ?
(A) सन् 1999 में
(B) सन् 2000 में
(C) सन् 2001 में
(D) सन् 2002 में
उत्तर-(D)
34. भारत में जल अधिनियम कब बना था ?
(A) सन् 1972 में
(B) सन् 1974 में
(C) सन् 1976 में
(D) सन् 1980 में
उत्तर-(B)
35. धरती की सतह का कितना हिस्सा पानी है?
(A) लगभग 1 /4
(B) लगभग 1 /2
(C) लगभग 3/4
(D) लगभग 2/3
उत्तर – (C)
36. निम्नलिखित में से किस नदी पर टिहरी बाँध का निर्माण किया गया है?
(A) भागीरथी
(B) यमुना
(C) कोसी
(D) सतलुज
उत्तर – (A)
37. निम्नलिखित में से किस नदी पर मेट्टूर बाँध निर्मित है ?
(A) कावेरी नदी
(B) कृष्णा नदी
(C) गोदावरी नदी
(D) महानदी
उत्तर – (A)
38. निम्नलिखित में नागार्जुन सागर बाँध किस नदी पर निर्मित है ?
(A) चेनाब
(B) महानदी
(C) कृष्णा
(D) सतलुज
उत्तर-(C)
39. निम्नलिखित में से जल संग्रहण का कौन-सा साधन राजस्थान में प्रयोग नहीं किया जाता है?
(A) जोहड़
(B) खादीन
(C) गुल
(D) टाँका
उत्तर-(C)
40. निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में सिंचाई के लिए ‘गुल’ अथवा ‘कुल’ बनाए जाते हैं?
(A) उत्तरी मैदान
(B) पश्चिमी हिमालय
(C) तटवर्ती क्षेत्र
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(B)
III. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. भारत में सबसे अधिक वर्षा ………….. होती है ।
2. नीरू- मीरू (जल व आप) कार्यक्रम का संबंध …………….. राज्य से है ।
3. हमारे जीवन के लिए …………….. बहुत अनिवार्य है ।
4. पृष्ठीय जल का मूल स्रोत …………….. है।
5. भारत में ………………. नदी के जल की उपयोग योग्य क्षमता सबसे अधिक है ।
6. जल एक ……………….. संसाधन है।
7. राजस्थान में जल संग्रहण कुंड को …………….. कहते हैं।
उत्तर–1. मॉसिनराम, 2. आंध्र प्रदेश, 3. जल, 4. वर्षा, 5. गंगा, 6. प्राकृतिक, 7. टाँका ।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हाँ/ नहीं में दीजिए –
1. भारत में भौम जल संसाधनों की कुल संभावित क्षमता हरियाणा में सबसे अधिक है ।
2. सुखोमाजरी जल संभर विकास मॉडल पंजाब में स्थित है।
3. राष्ट्रीय जल नीति सन् 2003 में लागू की गई ।
4. तीन-चौथाई धरातल जल से ढका हुआ है ।
5. भारत में जल अधिनियम 1982 में बना था।
6. जवाहरलाल नेहरू गर्व से बाँधों को आधुनिक भारत के मंदिर कहा करते थे ।
7. मेघालय की राजधानी शिलांग में छत वर्षा जल संग्रहण प्रचलित है ।
उत्तर – 1. नहीं, 2. नहीं, 3. नहीं, 4. हाँ, 5. नहीं, 6. हाँ, 7. हाँ।

जल संसाधन Class 10 Notes HBSE

→ जल जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। यह जीवन का दूसरा रूप है। यह विश्वास किया जाता है कि जीवन के अंकुर सबसे पहले जल में ही फुटे थे। पीने के पानी से लेकर उद्योगों की बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियाँ जल पर ही आधारित हैं।

→ हालांकि जल एक नवीनीकरण संसाधन है और पृथ्वी पर जल की आपूर्ति स्वयं प्रकृति करती रहती है। फिर भी इसके उचित प्रबंधन की आवश्यकता है जिससे इसका अधिकतम लाभ किया लिया जा सके।

→ पृथ्वी पर जल आपूर्ति का मुख्य माध्यम वर्षण है। वर्षण के दो रूप हैं-

  • वर्षा
  • हिमपात।

→ भारत में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 117 सेमी. है। लेकिन हमारे देश में वर्षा का वितरण समान नहीं हैं।

→ कहीं वर्षा 200 सेमी. से भी अधिक होती है तो कहीं मात्र 20 सेमी. से भी कम। नदियां धरातलीय जल का प्रमुख स्त्रोत है।

→ भारत में नदियों का औसत अपवाह लगभग 1869 अरब घन मीटर है। लेकिन इसमें लगभग 690 अरब घनमीटर जल ही उपयोग के लिए उपलब्ध है।

→ जल विज्ञान के आधार पर भारत की नदियां दो भागों में बंटी हैं-

  • हिमालयी नदियां
  • प्रायद्वीपीय नदिया।

→ हिमालयी नदियों जहां एक ओर सदानीरा हैं वही प्रायद्वीपीय नदियां मौसमी। नदियों के जल का अधिकतम उपयोग करने हेतु बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं का प्रारंभ किया गया है।

→ इन परियोजनाओं से अनके लाभ मिलते हैं जैसे-

  • बाढ़ नियंत्रण
  • मृदा अपरदन पर रोक
  • जनता के लिए आपूर्ति
  • विद्युत उत्पादन
  • अंतस्थलीय जल परिवहन
  • मत्स्यन का विकास आदि।

→ लेकिन बहुद्देशीय योजनओं से हानियां भी हुई हैं और अंतर्राज्यीय विवाद भी देखने को मिले हैं। ऐसी परिस्थिति में वर्षा जल संग्रहण तंत्र इनके सामाजिक, आर्थिक तथा पारिस्थितिक तौर पर व्यवहार्थ विकल्प हो सकते हैं।

→ प्राचीन भारत में लोगों ने स्थानीय पारिस्थितिकी परिस्थितियों के आवश्यकतानुसार वर्षाजल, भौमजल, नदीजल और बाढ़ जल संग्रहण के अनेक तरीके विकसित कर लिए थे।

Jal Sansadhan Notes Class 10th HBSE

→ पश्चिमी भारत, विशेषकर राजस्थान में पेयजल एकत्रित करने के लिए छत वर्षा जल संग्रहण का तरीका आम था। पश्चिम बंगाल में बाढ़ के मैदान में लोग अपने खेतों की सिंचाई क लिए बाढ़ जल वाहिकाएं बनाते थे।

→ वर्तमान समय में भी भारत में कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण और संग्रहण के लिए छत वर्षाजल संग्रहण का तरीका उपयोग में लाया जा रहा है।

भौगोलिक शब्दावली

→ भूमिगत जल – पृथ्वी के धरातल के नीचे के संतृप्त भाग में संचित जल।

→ बहुद्देश्यीय परियोजनाएं – ऐसी नदी घाटी परियोजनाएं जिनसे एक ही समय में अनेक उद्देश्यों की पूर्ति में मदद मिलती

→ नदी द्रोणी – ऐसा स्थान जहां से पानी को मुख्य नदी एवं उसकी सहायक नदियां बहा कर ले जाती हैं।

→ जल संभर – वह भू-आकृतिक इकाई जिसका प्रयोग छोटे प्राकृतिक इकाई क्षेत्रों में समन्वित विकास के लिए किया जा सकता है।

→ बाँध – बाँध बहते जल को रोकने दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा है। जो साधारणतय जलाशय झील या जलभरण बनाती है।

कुछ तथ्य, कुछ सत्य

→ सिंचाई में नलकूप व कुओं का योगदान : 57%

→ सिंचाई में निजी नहरों का योगदान : 1%

→ सिंचाई में सरकारी नहरों का योगदान : 30%

Class 10 Jal Sansadhan Notes HBSE

→ कुल संचित भूमि : 580लाख हेक्टेयर

→ भारत में औसत वर्षा : 1104 सेमी.

→ भारतीय नदियों का वार्षिक प्रवाह : 1869 अरब घन मी.

→ गंगा, ब्रह्मपुत्र, एवं सिंधु नदियों में पृष्ठीय जल बहाव : 60%

→ भारत में कुल भौम जल का उपयोग : 37%

→ पूर्वी यमुना नहर का निर्माण : 1882

→ मरुस्थलीय भाग में वर्षा : 20 सेमी. से भी कम

→ भारत में विश्व की वृष्टि का हिस्सा : 4%

→ भारत का विश्व में प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष जल : उपलब्धता में स्थान

→ भारत में प्रतिवर्ष नवीनीकरण योग्य जल संसाधन : 1897 वर्ग किमी.

→ विश्व में कुल अलवणीय जल : 2.5%

→ भारत में जल विद्युत का हिस्सा : 22%

→ भोपाल झील का निर्माण : 11वीं शताब्दी

Geography Chapter 3 Class 10 Notes HBSE

→ दिल्ली में हौज खास का निर्माण : इल्तुतमिश, 14वीं शतब्दी

→ नर्मदा बचाओ आंदोलन : गैर-सरकारी संगठन

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