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Haryana Board 10th Class Social Science Solutions History Chapter 6 भारत पर विदेशी आक्रमण

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions History Chapter 6 भारत पर विदेशी आक्रमण

HBSE 10th Class History भारत पर विदेशी आक्रमण Textbook Questions and Answers

अध्याय का संक्षिप्त परिचय
◆ विदेशी आक्रमण – जब कोई अन्य देश हमारे देश पर आक्रमण कर दे ।
◆ विदेशी आक्रमणकारी – यूनानी, शक, हूण, कुषाण, पार्थियन आदि।
◆ सोने की चिड़िया – अमीर, सम्पन्न, समृद्ध व सोने की प्रचुरता होने के कारण भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।
◆ भारत का उत्तर-पश्चिमी भाग – भारत का प्रवेश द्वार । यहीं से विदेशी लोग यात्रियों, व्यापारियों व आक्रांताओं के रूप  में भारत आए ।
◆ दर्रा– पहाड़ों व पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्गों को दर्रा कहते हैं ।
◆ राजा दाहिर – सिंध के राजा दाहिर ने मुहम्मद बिन कासिम से वीरतापूर्वक युद्ध किया । अन्ततः उसने वीरगति को प्राप्त किया ।
◆ पृथ्वीराज चौहान – चौहान वंश का प्रतापी राजा । तराईन की पहली लड़ाई (1191 ई०) में मुहम्मद गौरी को धूल चटाने वाला वीर शासक। तराईन की दूसरी लड़ाई (1192 ई०) में वीरतापूर्वक लड़ा परन्तु हार गया ।
◆ महमूद गज़नवी – सुबुक्तगीन का बेटा एवं कट्टर मुसलमान । भारत पर 17 बार आक्रमण करने वाला आक्रान्ता।
◆ मंगोल – एक खानाबदोश जाति । 13वीं-14वीं शताब्दी में चंगेज खाँ के नेतृत्व में आक्रमण, भारी लूटपाट व कत्लेआम किया ।
◆ सोमनाथ का मंदिर – गुजरात का प्रसिद्ध व विशाल मंदिर जो सोने, हीरे जवाहरात से सुसस्जित था। दस हज़ार गाँवों का राजस्व मंदिर की आय का स्रोत था ।
◆ तैमूर– समरकंद का शासक । तैमूर द्वारा दिल्ली में किए गए कत्लेआम व लूटपाट की बातें कई सदियों तक चलती रहीं।
◆ बाबर – पानीपत की पहली लड़ाई (1526 ई०) की जीत से मुग़ल साम्राज्य की नींव रखने वाला प्रथम मुग़ल शासक ।
◆ नादिरशाह – ईरान का शासक । भारत से कोहिनूर हीरा व मयूर सिंहासन तथा अपार धनराशि लूटने वाला शासक ।
◆ अहमदशाह अब्दाली- पानीपत की तीसरी लड़ाई (1761 ई०) में मराठों को हराकर दिल्ली की सत्ता जीतने वाला।
◆ ईस्ट इंडिया कम्पनी– पानीपत की हार से मराठों की शक्ति का ह्रास हुआ। ईस्ट इंडिया कम्पनी व्यापारी बनकर आई तथा 300 वर्षों तक भारत पर शासन करती रही।
अभ्यास के प्रश्न-उत्तर
⇒ प्रस्तुत अध्याय में दी गई जानकारी के आधार पर निम्न प्रश्नों के जवाद दें –
प्रश्न 1. अरबों ने भारत पर पहला आक्रमण कब किया ?
उत्तर – अरबों ने भारत पर पहला आक्रमण 636 ई० में किया ।
प्रश्न 2. 712 ई० में अविभाजित भारत के सिंध प्रदेश के हिन्दू राजा का क्या नाम था ? 
उत्तर – 712 ई० में अविभाजित भारत के सिंध प्रदेश के हिन्दू राजा का नाम दाहिर था ।
प्रश्न 3. अरबों को सिंध को जीतने में कितने वर्ष लगे ?
उत्तर- – अरबों को सिंध को जीतने में 75 वर्ष लगे ।
प्रश्न 4. महमूद गज़नवी द्वारा भारत पर कुल कितनी बार आक्रमण किया गया ? 
उत्तर – महमूद गज़नवी द्वारा भारत पर कुल 17 बार आक्रमण किया गया ।
प्रश्न 5. विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर कौन से राज्य में स्थित है ?
उत्तर-  विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर गुजरात राज्य में स्थित है।
प्रश्न 6. 1191 ई० में तराईन के मैदान में किस-किस के मध्य युद्ध हुआ ?
उत्तर – 1191 ई० में तराईन के मैदान में पृथ्वीराज तृतीय व मुहम्मद गौरी के मध्य युद्ध हुआ
प्रश्न 7. मंगोलों का सबसे शक्तिशाली नेतृत्व किसने किया था ?
उत्तर – मंगोलों का सबसे शक्तिशाली नेतृत्व चंगेज खां ने किया था ।
प्रश्न 8. पानीपत की प्रथम लड़ाई कब हुई थी ?
उत्तर – पानीपत की प्रथम लड़ाई 1526 ई० में हुई थी ।
प्रश्न 9. भारत से कोहिनूर हीरे को लूटने वाले आक्रमणकारी का क्या नाम था ? 
उत्तर – भारत से कोहिनूर हीरे को लूटने वाला ईरान का शासक नादिरशाह था।
प्रश्न 10. पानीपत की तीसरी लड़ाई कब हुई थी ?
उत्तर – पानीपत की तीसरी लड़ाई 14 जनवरी, 1761 में हुई थी ।
⇒ आओ जानें
प्रश्न 1. पश्चिम से भारत में प्रवेश के मुख्य मार्ग कौन से थे? दर्रों से आप क्या समझते हैं ? 
उत्तर–पश्चिम से भारत में प्रवेश करने के तीन मुख्य मार्ग थे । प्रथम मार्ग था— समुद्र मार्ग से पश्चिमी तट पर पहुँचना। दूसरा मार्ग – था- – उत्तर पश्चिम में खैबर, गोमल एवं बोलन के दर्रों द्वारा पहुँचना तथा तीसरा मार्ग था – मकरान मरु प्रदेश का समतली भाग। इन्हीं मार्गों से ही विदेशी भारत में दाखिल होते थे ।
दर्रा– पहाड़ों व पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्गों को दर्रा कहते हैं; जैसे गोमल दर्रा, खैबर दर्रा, बोलन दर्रा ।
प्रश्न 2. महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमणों के पीछे क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर – महमूद गजनवी सुबुक्तगीन का बेटा था। वह कट्टर मुसलमान था। उसने इस्लाम का प्रसार करने के लिए तथा भारत की धन-संपदा को लूटने के लिए भारत पर 17 बार आक्रमण किया। वह भारत में इस्लाम का प्रसार-प्रचार करके मुस्लिम जगत में प्रसिद्धि प्राप्त करना चाहता था। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही उसने हिंदुओं के प्रसिद्ध मंदिरों का अपमान किया। अपने डर व आतंक के कारण वह लोगों को जबरदस्ती मुस्लिम बनने के लिए मजबूर करता। उसने धन-संपदा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी हानि पहुँचाई । भारतीय संस्कृति, ज्ञान व आस्था के प्रमुख केन्द्रों (मंदिरों) को नष्ट करके हिंदुओं के आत्मविश्वास व सम्मान को चोट पहुँचाना भी उसका उद्देश्य था।
प्रश्न 3. तराईन के युद्ध कब और किसके मध्य हुए थे ?
उत्तर – गौर के शासक मुहम्मद गौरी व दिल्ली – अजमेर के चौहान पृथ्वीराज तृतीय के बीच तराईन का पहला युद्ध 1191 ई० में लड़ा गया। पृथ्वीराज चौहान एक प्रतापी व वीर शासक था । पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गौरी को बुरी तरह से पराजित किया। वह जान बचाकर भागने में सफल रहा। 1192 ई० में दोनों सेनाओं के बीच पुनः युद्ध हुआ। पृथ्वीराज चौहान ने अत्यंत वीरता व साहस का परिचय दिया परन्तु उसे हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली पर मुहम्मद गौरी का अधिकार हो गया।
प्रश्न 4. मुहम्मद गौरी की भारत में सर्वप्रथम हार कहाँ व कैसे हुई ?
उत्तर – मुहम्मद गौरी गौर का शासक था । वह गुजरात की समृद्धि से बहुत प्रभावित था। अब वह गुजरात पर अधिकार जमाना चाहता था। उस समय गुजरात पर चालुक्य वंश के मूलराज द्वितीय का शासन था। गौरी ने अन्हिलवाड़ा पर आक्रमण किया था। मूलराज द्वितीय एवं भीम द्वितीय की वीरांगना माँ नायिका देवी के नेतृत्व में अन्हिलवाड़ा की सेना ने आबू पर्वत के निकट कायाद्रां नामक स्थान पर गौरी का सामना किया। गौरी की सेना पूर्ण रूप से पराजित हुई। मुहम्मद गौरी अपनी पराजित सेना को लेकर भाग निकला। यह मुहम्मद गौरी की पहली पराजय थी ।
⇒ चर्चा करें –
प्रश्न 1. पानीपत की प्रथम लड़ाई का संक्षिप्त विवरण लिखें ।
उत्तर—बाबर ने 1519 ई० से 1526 ई० तक भारत पर पाँच बार आक्रमण किया। उसका पाँचवां आक्रमण दिल्ली पर हुआ। यह युद्ध पानीपत के मैदान में इब्राहिम लोदी व ज़हिरूद्दीन मोहम्मद बाबर के मध्य हुआ। इस युद्ध में बाबर ने भारत में पहली बार तोपों व तुलगुमा युद्ध प्रणाली का प्रयोग किया। मुग़ल वंश की नींव का आधार यही युद्ध था । मुग़ल साम्राज्य की स्थापना व बाबर के आक्रमणों में पानीपत की पहली लड़ाई का महत्त्वपूर्ण स्थान माना जाता है।
प्रश्न 2. महमूद गज़नवी के द्वारा किये गए आक्रमणों के प्रतिरोधों का वर्णन करें ।
उत्तर – 1000 ई० से 1027 ई० तक महमूद गज़नवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया । 1001 ई० में उसने हिंदुशाही शासक जयपाल पर आक्रमण किया। पेशावर के निकट हुए युद्ध में जयपाल वीरतापूर्वक लड़ा, लेकिन वह पराजित रहा। उसकी मृत्यु के पश्चात उसका पुत्र आनंदपाल शासक बना। उसके राज्य पर गौरी ने कई आक्रमण किए। आनंदपाल ने भी अपने पिता की तरह अत्यंत वीरता से गौरी के आक्रमणों का उत्तर दिया। आनंदपाल के साथ हुए 1008 ई० के युद्ध में गौरी हारते-हारते बचा। आनंदपाल के अतिरिक्त त्रिलोचन पाल एवं भीमपाल ने 1001 से 1026 ई० तक महमूद के आक्रमणों का प्रतिरोध किया।
प्रश्न 3. नादिरशाह द्वारा दिल्ली की जनता पर किये गए अत्याचारों का उल्लेख करें ।
उत्तर – 1739 ई० में ईरान के शासक नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण किया। इस समय दिल्ली पर मुहम्मदशाह (रंगीले) का शासन था। शासक भोग-विलास में लिप्त रहने के कारण नादिरशाह के आक्रमण से दिल्ली की रक्षा नहीं कर सका । नादिरशाह लगभग दो मास तक दिल्ली में रहा। नादिरशाह ने दिल्ली में कत्लेआम किया। उसके सैनिकों ने स्त्रियों, बच्चों और बूढ़ों तक को भी नहीं छोड़ा। वह लगातार तीन दिन तक क्रूरतापूर्वक कत्लेआम व लूटपाट करता रहा। तीन दिन में ही दिल्ली की साधारण जनता से तीन करोड़ रुपए लूट लिए गए। नादिरशाह के कत्लेआम ने लम्बे समय तक साधारण जनता के मन में आतंक बनाए रखा ।
प्रश्न 4. सोमनाथ मंदिर के विध्वंस पर एक लेख लिखें।
उत्तर – महमूद गजनवी ने इस्लाम के प्रसार के लिए मंदिरों की तोड़फोड़ व मूर्तियों को खंडित करना शुरू कर दिया। गज़नवी गुजरात की समृद्धि से बहुत प्रभावित था। उसने गुजरात स्थित सोमनाथ के मंदिर पर आक्रमण किया। यह एक विशाल मंदिर था। इस मंदिर में भारी धनराशि एवं हीरे-जवाहरात थे। दस हजार गाँवों का राजस्व इस गाँव की आय का स्रोत था। मंदिर में सोने की एक घंटी लगी हुई थी जिसका वजन कई मण था। सोमनाथ भगवान की मूर्ति का छत्र हजारों बहुमूल्य रत्नों से जड़ा हुआ था। गजनवी ने सोमनाथ की मूर्ति पर गदा से प्रहार किया और उसे तोड़ दिया। तीन दिन तक वह हिंदुओं के प्रतिरोध का सामना करता रहा। अन्त में वह यहाँ से प्राप्त धन को ऊँटों पर लादकर गजनी ले गया। इन मंदिरों की रक्षा करने के लिए अनेक हिंदुओं ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। इस प्रकार हज़ारों हिंदुओं की हत्या करके सोमनाथ की मूर्ति को तोड़कर महमूद गज़नवी विपुल धनराशि लूटकर गजनी चला गया।
प्रश्न 5. विदेशी आक्रमणों के भारत पर कौन-कौन से प्रभाव पड़े ?
उत्तर – विदेशी आक्रमणों से पहले भारत अत्यंत सम्पन्न, समृद्ध व प्रसिद्ध देश था। सोने की प्रचुरता व साधन-सम्पन्नता के कारण इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था। इसे लूटने के उद्देश्य से भारत पर अनेक आक्रमण हुए। इन आक्रमणों के फलस्वरूप भारत बहुत शताब्दियों तक विदेशी आक्रांताओं के अधीन रहा । विदेशी आक्रमणों के फलस्वरूप भारत में इस्लाम धर्म का उदय हुआ। भारत की संस्कृति, परम्परा, ज्ञान व आस्था के केंद्रों को गहरा धक्का लगा। जन-धन की अपार हानि हुई। सरेआम लूटपाट व कत्ल किए गए। भारत के धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया। नालंदा बौद्ध विहार को आग लगाई, पुस्तकालय में अनमोल पांडुलिपियाँ व पुस्तकें जलाई गईं। कला व साहित्य को आघात लगा । हिन्दुओं पर जजिया कर लगाया गया। शिक्षा व भाषा पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ा।
⇒ आइये विचार करें एवं प्रकाश डालें –
प्रश्न 1. अगर भारत पर विदेशी आक्रमण न हुए होते तो वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की क्या स्थिति होती ? 
उत्तर – अगर भारत पर विदेशी आक्रमण न हुए होते तो वर्तमान भारत की अपार धन-संपदा, सोने की प्रचुरता व सम्पन्नता ने विदेशी आक्रांताओं को अपनी तरफ आकर्षित न किया होता । समय-समय पर अनेक विदेशी आक्रमणकारी आए। कभी यात्री, कभी व्यापारी तो कभी आक्रमणकारी बनकर वे भारत आते रहे । यदि भारत में इस प्रकार इतने आक्रमणकारी नहीं आते तो वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की स्थिति बहुत मजबूत होती ।
1. राजनीतिक प्ररिप्रेक्ष्य में प्रभाव – भारत पर हुए आक्रमणों ने सर्वप्रथम देश की राजनीतिक शक्ति को धक्का पहुँचाया।राजनीतिक रूप से भारत कमज़ोर होता गया। हर आक्रमणकारी शासक ने सिर्फ अपने स्वार्थ को पूरा करने का कार्य किया । भारत पर ये आक्रमण न हुए होते तो भारत राजनीतिक रूप से सुदृढ़ होता। ।
2. आर्थिक परिप्रेक्ष्य में प्रभाव – विदेशी आक्रमणकारियों ने देश की अर्थव्यवस्था को भी बहुत बड़ी हानि पहुँचाई । यदि ये आक्रांता अपार धन-सम्पत्ति की लूटपाट न करते तो आज भारत की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत होती ।
3. कला व साहित्य के परिप्रेक्ष्य में प्रभाव – विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत की कला व साहित्य को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने प्रसिद्ध इमारतों व कलाकृतियों को तोड़ दिया। साहित्य को जला दिया। भारत साहित्य व कला के क्षेत्र में विश्वगुरु का स्थान रखता था पर यदि ये आक्रमण न होते तो कला व साहित्य अपने चरम उत्कर्ष पर होता, इस्लाम का आगमन न होता एवं भारत एक सशक्त हिंदु राष्ट्र होता। भारत का दर्शन, सनातन परम्परा, संस्कृति, कला, साहित्य धर्म आदि बहुत व्यापक व प्रसिद्ध थे लेकिन विदेशी आक्रमणों ने इन्हें बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया । यदि ये आक्रमण न होते तो आज भारत विश्वगुरु के रूप में प्रसिद्ध होता।
प्रश्न 2. विदेशी आक्रमणों की सफलता और भारतीयों की उन्हें रोक पाने में विफलता के क्या कारण रहे होंगे ? 
उत्तर – विदेशी आक्रमणों की सफलता में सर्वप्रथम कारण भारतीय शासकों में आपसी फूट व एकता का अभाव रहा। अधिकांश शासक राज भोगने में इतने व्यस्त हो गए कि विदेशी आक्रमणों की आहट तक सुन नहीं पाए। आपसी संघर्षों में उलझे रहना व प्रशासन की अनदेखी भी विदेशियों को सफलता प्रदान करती रही। विदेशी आक्रमणकारी अनैतिकता के रास्ते पर चलकर भारतीयों पर अपना अधिकार जमाते चले गए। तुर्कों व अरबों की सेना में अच्छी नस्ल के घोड़े थे जोकि हाथियों के मुकाबले अधिक तीव्रता में होते थे। हिंदु शासकों की सेना में हाथियों की अधिकता उनकी पराजय व विदेशियों की सफलता का कारण बनी। हिंदू शासक नैतिक आदर्शों पर चलते रहे। छल-कपट का सहारा लेकर युद्ध जीतना हिंदू शासकों की नैतिकता के विरुद्ध था।
उदाहरण के लिए, पृथ्वीराज लिए चौहान का गौरी को तराईन के युद्ध में हारने के बावजूद भी वापिस जाने देना नैतिकता का ही एक जीवंत उदाहरण है। इब्राहिम लोदी ने भी थकी हुई बाबर सेना को सात दिन तक आराम करने तथा इसी बीच खाइयाँ खोदने का समय दे दिया।
इसी प्रकार दाहिर ने भी मोहम्मद बिन कासिम की सेना पर तब आक्रमण नहीं किया जब वह अपनी थकान उतार रहा था तथा बीमार घोड़ों का इलाज करवा रहा था एवं आनंदपाल ने गज़नवी पर तब आक्रमण नहीं किया जब वह ईलाक खान के साथ जिंदगी एवं मौत की लड़ाई लड़ रहा था । ये सभी भारतीय शासकों की नैतिकता के ही परिणाम थे। भारतीय शासक अपनी नैतिकता दिखाते रहे और विदेशी आक्रमणकारी उसका लाभ उठाते रहे ।
परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न [LONG- ANSWER TYPE QUESTIONS]
प्रश्न 1. सातवीं शताब्दी से लेकर अठारहवीं शताब्दी के बीच हुए सभी विदेशी आक्रमणों का परिचय दें । 
उत्तर – 1. मुहम्मद बिन कासिम ( आठवीं शताब्दी ) — मोहम्मद बिन कासिम ने 712 ई० में सिंध पर आक्रमण किया। उसने देबल पर आक्रमण करके उसे जीत लिया। इस युद्ध में दाहिर वीरतापूर्वक लड़ते हुए मारा गया। कासिम ने बहुत-से लोगों की हत्या की तथा मंदिरों को तोड़ा। दाहिर की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी ने 15 हजार सैनिकों के साथ किले के भीतर से हमला बोला । अन्त में सीमित साधनों के कारण उसे हार का सामना करना पड़ा। अपनी पवित्रता की रक्षा करने के लिए उसने जौहर किया। इसके उपरांत दाहिर के पुत्र जैसिया ने भी संघर्ष जारी रखा । मुहम्मद बिन कासिम ने दाहिर की दोनों बेटियों (सूर्या देवी व परमल देवी) को बंदी बना लिया ।
2. महमूद गज़नवी के आक्रमण (ग्यारहवीं शताब्दी ) – महमूद गज़नवी एक कट्टर मुसलमान शासक था। इस्लाम धर्म के प्रचार व प्रसार एवं भारत की धन-संपदा को लूटने की इच्छा से उसने 1000 ई० से लेकर 1027 ई० तक भारत पर 17 बार आक्रमण किया। 1001 ई० में उसने भारतीय शासक जयपाल पर आक्रमण किया। सोमनाथ के मंदिर को बहुत बुरी तरह से तहस-नहस किया। सोमनाथ भगवान की मूर्ति को तोड़ दिया एवं मंदिर की अपार धन-सम्पत्ति को लूटा।
3. मोहम्मद गौरी के आक्रमण ( बारहवीं शताब्दी ) – शहाबुद्दीन मुहम्मद गौरी ने सबसे पहले 1175-76 ई० में मुल्तान व कच्छ पर आक्रमण किया। 1178-79 ई० में उसने गुजरात पर आक्रमण किया जिसमें उसे अन्हिलवाड़ा के नरेश से करारी हार का सामना करना पड़ा। 1179-82 ई० के बीच गौरी ने पेशावर तथा लाहौर पर आक्रमण किया। 1185-86 ई० में पुन: पंजाब पर आक्रमण किया । 1189 ई० में गौरी ने भटिंडा पर जीत हासिल की। 1191 ई० में थानेश्वर से 14 मील दूर तराईन के मैदान में दोनों सेनाओं के बीच युद्ध हुआ जिसमें पृथ्वीराज विजित रहे । अपनी हार का बदला लेने के लिए उसने एक वर्ष बाद पूरी ताकत से 1192 ई० में फिर हमला किया। इस युद्ध में पृथ्वीराज पूरी वीरता से लड़ा पर उसे पराजय का सामना करना पड़ा।
4. मंगोलों के आक्रमण ( तेरहवीं शताब्दी ) – मंगोल मध्य एशिया की खानाबदोश जाति थी । इस जाति ने चंगेज खान के नेतृत्व में मध्य एशिया के बड़े भाग पर नियंत्रण स्थापित किया । 13वीं-14वीं शताब्दी में ये मंगोल भारत भूमि के लिए खतरा बने रहे। 1241 ई० में मंगोल ने लाहौर पर आक्रमण कर उस पर अपना अधिकार कर लिया। 1245 ई० में मंगोलों ने मुल्तान को विजय कर लिया । 1297 ई० में उसने सतलुज व व्यास नदियों के क्षेत्र में लूटमार की। मंगोलों का अंतिम हमला 1327 में हुआ।
5. तैमूर के आक्रमण ( चौदहवीं शताब्दी ) – तैमूर समरकंद का शासक था। उसने 1398 ई० में भारत पर आक्रमण किया। उसके आक्रमण की सूचना मिलते ही दिल्ली का सुल्तान भाग खड़ा हुआ । तैमूर ने दिल्ली में कत्लेआम किया। भारी मात्रा में हीरे-जवाहरात लूटकर ले गया । बहुत से युद्धबंदियों (स्त्री, पुरुष, बच्चे) को दास बनाकर मुस्लिमों को बेच दिया।
6. बाबर के आक्रमण ( सोलहवीं शताब्दी ) – जहिरूद्दीन बाबर ने 1519 ई० में भारत के सीमावर्ती किले बाजौर पर आक्रमण किया। 1570 ई० में बाबर ने स्यालकोट पर हमला किया। 1526 ई० में इब्राहिम लोदी के साथ पानीपत के मैदान में लड़ाई लड़ी | 1527 ई० में खान्वाहा का युद्ध हुआ। 1528 ई० में चंदेरी का युद्ध हुआ तथा अन्त में 1529 ई० में उसने घाघरा के युद्ध में अफगानों को हराकर बिहार पर भी अपनी सत्ता स्थापित कर ली।
7. नादिरशाह के आक्रमण ( अठारहवीं शताब्दी ) – नादिरशाह ईरान का शासक था। भारत पर अपार सम्पत्ति लूटने के उद्देश्य से उसने दिल्ली पर आक्रमण किया एवं लूटपाट की । वह अपने साथ मयूर सिंहासन व कोहिनूर हीरा लूटकर ले गया। उसने दिल्ली में जमकर कत्लेआम किया । नादिरशाह ने 1739 ई० में करनाल का युद्ध किया।
8. अहमदशाह अब्दाली के आक्रमण (अठारहवीं शताब्दी ) – 14 जनवरी, 1761 को अहमदशाह अब्दाली ने दिल्ली के समीप पानीपत के मैदान में मराठों की सेना से युद्ध किया । यह युद्ध इतिहास में पानीपत की तीसरी लड़ाई के नाम से प्रसिद्ध है। इस युद्ध में मराठे बहुत वीरतापूर्वक लड़े, पर अन्ततः पराजित हुए। अब्दाली ने 1767 ई० में पुन: दिल्ली पर आक्रमण किया।
प्रश्न 2. विदेशी आक्रमणों की प्रमुख विशेषताओं के विषय में वर्णन करें ।
उत्तर — 7वीं से 18वीं शताब्दी के बीच हुए सभी विदेशी आक्रमणों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
(1) मंगोल जाति के चंगेज खान को छोड़कर बाकी सभी इस्लामी आक्रमणकारी थे।
(2) इनमें से अधिकांश आक्रमणकारियों ने सांप्रदायिक उत्साह अथवा जेहाद का सहारा लिया ।
(3) इन सभी आक्रमणकारियों ने भयंकर लूटपाट व कत्लेआम किया ।
(4) विदेशी आक्रमणकारियों का मुख्य उद्देश्य जबरन धर्मांतरण था जिस कारण इन आक्रमणकारियों का भारतीय संस्कृति से आत्मसात् नहीं हो पाया ।
(5) विदेशी आक्रमणकारी अनैतिक युद्धनीति का प्रयोग करके सफल हुए।
(6) भारतीय हिंदु शासकों ने युद्ध के समय उच्चतम नैतिकतापूर्ण आदर्शों का पालन किया जोकि भारतीय शासकों की हार का कारण बना।
(7) तुर्की व अरबों की सेना में अच्छी नस्ल के घोड़े थे।
(8) आक्रमणकारियों ने मंदिरों को तोड़ा, यहाँ के साहित्य को जला दिया जिससे भारतीय शासकों का मनोबल व आत्मविश्वास टूटता गया ।
(9) सभी आक्रमणकारियों को वीरता व साहस से भरी भारतीय जनता के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
(10) भारतीय हिंदू शासकों के आदर्शों व नैतिकता का विदेशी आक्रमणकारियों ने जमकर लाभ उठाया।
प्रश्न 3. विदेशी आक्रमणों के प्रभाव का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
उत्तर – 1. इस्लाम का प्रसार- अरबों व तुर्कों में इस्लाम धर्म को फैलाने का जोश था। इसी उद्देश्य से उन्होंने भारत पर आक्रमण किया। इन विदेशी आक्रमणकारियों के साथ अनेक उलेमा व मौलवी भारत आए। उन्होंने भारत में इस्लाम का प्रसार किया। लालच का सहारा लिया, लेकिन फिर भी वे इस्लाम का प्रसार नहीं कर पाए।
2. जन-धन की हानि – 1000 ई० से 1025 ई० तक महमूद गज़नवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए। वह भारत से धन लूटना चाहता था। अधिकांश आक्रमणकारी भयंकर लूटपाट व कत्लेआम करके गए। उनके द्वारा नालंदा व विक्रमशिला के मठों में आग लगा दी गई ।
3. कला व साहित्य को आघात – गज़नवी के आक्रमण में भारतीय मूर्तियों व मंदिरों को तोड़ने की बात उभरकर सामने आई। मथुरा, कन्नौज एवं सोमनाथ में इमारतों, धर्म-स्थलों को तोड़ा गया । ये मदिंर, मूर्ति और कला हमेशा के लिए नष्ट हो गए। अनेक कलाकारों एवं शिल्पकारों को अपने साथ गजनी ले गया। बख्तियार खिलजी ने नालंदा बौद्ध विहार को आग लगा दी जिससे अनेक पुस्तकें व पाण्डुलिपियाँ जल गईं।
4. तुर्क शासन की स्थापना – तुर्कों के आक्रमण से भारत में तुर्क सत्ता की स्थापना हुई। मोहम्मद गौरी ने पंजाब पर आक्रमण करके भारत के अंदरूनी भागों पर कब्जा कर लिया। विदेशी आक्रमणों के प्रभाव से भारत में तुर्क शासन की स्थापना हुई।
5. सामन्ती प्रथा का पतन – तुर्कों के आक्रमण से राजपूतकालीन सामन्ती व्यवस्था का पतन हो गया। तुर्क शासकों ने राजपूत सरदारों को उनके पद से हटा दिया। इससे राजनीतिक व आर्थिक एकीकरण हुआ। कर प्रणाली की शुरुआत इस्लामिक प्रथा के अनुसार हुई। हिंदुओं से जजिया कर लिया जाने लगा।
6. शिक्षा व भाषा का प्रभाव – तुर्कों के भारत में आगमन से शिक्षा केंद्रों का ह्रास हुआ एवं मदरसा प्रणाली की शुरुआत हुई। तुर्कों के आगमन से फारसी भाषा का भी उदय हुआ। भारत में भारतीय साहित्य व भाषा पर भी इनका प्रभाव पड़ा।
इस प्रकार विदेशी आक्रमणों का भारतीय कला, संस्कृति, भाषा, शिक्षा दर्शन, स्थापत्य आदि सभी पक्षों पर गहरा प्रभाव पड़ा।
लघुत्तरात्मक प्रश्न [SHORT-ANSWER TYPE QUESTIONS]
प्रश्न 1. विदेशी आक्रमणकारियों के भारत प्रवेश पर अपने विचार प्रकट करें।
उत्तर- भारत प्राचीनकाल से ही विदेशियों के आकर्षण का केंद्र बना रहा है। इसका मुख्य प्रवेश द्वार भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग को माना जाता था । विदेशी यहाँ पर यात्रियों, व्यापारियों एवं आक्रांताओं के रूप में आते रहे हैं। मध्य युग भी इसका अपवाद नहीं था। पश्चिम की ओर से भारत में प्रवेश करने के मुख्य तीन मार्ग थे। प्रथम- समुद्री मार्ग द्वारा पश्चिमी तट पर पहुँचना। दूसरा – उत्तर पश्चिम में खैबर, गोमल एवं बोलन के दर्रे का और तीसरा – मकरान मरु प्रदेश का समतल भाग। इन मार्गों द्वारा ही विदेशी भारत में दाखिल होते थे।
प्रश्न 2. अरब साम्राज्य की स्थापना व विस्तार का उल्लेख करें।
उत्तर – अरबों ने मध्य एशिया में एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी। यह साम्राज्य धर्म व राजनीति का एक अनोखा संगम था। इसकी स्थापना हज़रत मोहम्मद साहिब ने की थी । 632 ई० में हज़रत मोहम्मद साहिब की मृत्यु हुई तो उस समय उसका राज्य क्षेत्र बहुत कम था परन्तु उसके योग्य अधिकारियों ने मात्र 8 वर्षों में मिस्र एवं सीरिया पर अधिकार कर लिया। कालांतर में इस साम्राज्य ने विश्व के दो बड़े साम्राज्यों के क्षेत्र पर भी अपना अधिकार कर लिया था। ये साम्राज्य थे— यूरोप का रोमन साम्राज्य तथा मध्य एशिया का फारस साम्राज्य । अरब साम्राज्य की सीमाएँ पूर्व मध्यकाल में भारत से लगने लगी थीं।
अरबों ने बालन व खैबर दर्रे से भारत में प्रवेश करने का प्रयास किया लेकिन काबुल – जाबुल प्रदेशों में भारतीयों की सतर्कता व किक्कान के लोगों की शूरवीरता के कारण कई वर्षों तक उन्हें सफलता नहीं मिली ।
प्रश्न 3. महमूद गज़नवी के आक्रमण के विषय पर प्रकाश डालें ।
उत्तर – सुबुक्तगीन की मृत्यु 997 ई० में हुई। उसके बाद उसका पुत्र महमूद गज़नवी, गज़नी का शासक बना। वह एक कट्टर मुसलमान था। उसने इस्लाम धर्म का प्रसार करने व भारत की धन-संपदा को लूटने के लिए भारत पर 17 बार आक्रमण किए। वह इस्लाम धर्म का प्रचार करके मुस्लिम जगत में ख्याति प्राप्त करना चाहता था। महमूद गज़नवी ने सोमनाथ के मंदिर की पवित्रता भंग करने व धन को लूटने के लिए इस पर आक्रमण किया। महमूद गज़नवी द्वारा प्रतिरोध कर रहे अनेकों हिन्दुओं की हत्या कर दी गई । इसके बाद महमूद ने मन्दिर को लूटा तथा भगवान सोमनाथ की मूर्ति को गदा के प्रहार से तोड़ दिया। यहाँ से प्राप्त धन को महमूद ऊँटों पर लादकर अपने साथ गज़नी ले गया।
प्रश्न 4. पृथ्वीराज चौहान के विषय में वर्णन करें ।
उत्तर – पृथ्वीराज चौहान बड़ा ही वीर एवं प्रतापी शासक था । 1190 ई० में गौरी ने जब सरहिंद को विजित कर लिया तो उस समय पृथ्वीराज चौहान इस विदेशी आक्रमणकारी का रास्ता रोकने के लिए तराईन के मैदान में आकर डट गया । युद्ध के मैदान में पृथ्वीराज चौहान ने वीरता का परिचय देते हुए मोहम्मद गौरी को बुरी तरह पराजित कर दिया। वह बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर भागने में सफल तो हो गया लेकिन अगले वर्ष मुहम्मद गौरी ने भारत पर फिर से आक्रमण कर दिया। दोनों के बीच तराईन का दूसरा युद्ध 1192 ई० में हुआ। इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान ने वीरता का परिचय दिया परंतु वह हार गया ।
प्रश्न 5. भारत पर मंगोल जाति के आक्रमणों के विषय में वर्णन करें।
उत्तर – मंगोल मध्य एशिया की एक खानाबदोश जाति के रूप में विख्यात थी । चंगेज खान ने मध्य एशिया के बड़े भाग पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। तेरहवीं एवं चौदहवीं शताब्दी तक मंगोल भारत के लिए खतरा बने रहे। 1241 ई० में मंगोलों ने लाहौर पर आक्रमण कर के उसे भी अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया । 1245 ई० में मंगोलों ने मुल्तान को भी जीत लिया। मंगोलों के आक्रमणों का मुख्य उद्देश्य लूटमार करना होता था। मंगोलों के आक्रमणों के कारण भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में अव्यवस्था फैल गई थी। 1297 ई० में मंगोलों ने कादिरखान की अगुवाई में आक्रमण किया। इस आक्रमण के दौरान उन्होंने सतलुज और व्यास नदियों तक के क्षेत्र में काफी लूटमार की। इससे उन्हें बहुत सा धन प्राप्त हुआ। इसके बाद भी उन्होंने लगातार कई बार भारत पर आक्रमण किए ।
प्रश्न 6. तैमूरलंग कौन था ?
उत्तर – तैमूरलंग समरकंद का शासक था। जिस समय उसने दिल्ली पर आक्रमण किया उस समय दिल्ली का सुल्तान नसीरूद्दीन मुहम्मद था। उसने तैमूर के आक्रमण को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। तैमूर के आक्रमण की सूचना मिलते ही वह दिल्ली छोड़कर भाग गया। तैमूर ने दिल्ली से भारी मात्रा में सोना, चांदी, हीरे एवं जवाहरात लूट लिए। उसने बहुत से युद्धबंदियों (स्त्री, पुरुष व बच्चों) को दास बनाकर मुसलमानों के हाथों बेच दिया । तैमूर के नरसंहार की बातें दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में कई सदियों तक होती रहीं। दिल्ली व उसके आसपास के क्षेत्र को तैमूर ने बर्बाद कर दिया ।
प्रश्न 7. भारत पर होने वाले विदेशी आक्रमणों के क्या कारण रहे ?
उत्तर – भारत पर होने वाले विदेशी आक्रमणों के निम्नलिखित कारण रहे –
(1) भारत की अपार धन – राशि व सोने की प्रचुरता ।
(2) भारतीय शासकों का नैतिकतापूर्ण व्यवहार व विद्रोहियों को माफ करने की प्रवृत्ति ।
(3) विदेशी आक्रमणकारियों की भारत में इस्लाम धर्म स्थापित करने की महत्त्वाकांक्षा ।
(4) भारतीय शासकों की आपसी फूट व विश्वासघात ।
(5) विदेशी आक्रमणकारियों की कूटनीतिक चालें ।
(6) विदेशी आक्रमणकारियों का तीरंदाजी में बहुत अधिक निपुण होना व अच्छी नस्ल के घोड़ों का युद्ध में प्रयोग करना ।
(7) तोपों व तुलुगमा युद्ध प्रणाली का प्रयोग |
प्रश्न 8. पानीपत की तीसरी लड़ाई का वर्णन करें।
उत्तर—पानीपत की तीसरी लड़ाई 14 जनवरी, 1761 में मराठों व अहमदशाह अब्दाली के बीच हुई। इस युद्ध (लड़ाई) में मराठे अत्यंत वीरतापूर्वक लड़े । परन्तु अन्तत: अहमदशाह अब्दाली जीत गया। अब्दाली को मराठों ने बहुत-सा धन दिया। दिल्ली जाते समय वह शाहआलम को मुग़ल बादशाह घोषित कर गया। अब्दाली ने पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठों को हराकर दिल्ली पर उनकी सत्ता स्थापित करने की संभावना को समाप्त कर दिया। इस हार से मराठा शक्ति का ह्रास हुआ। पानीपत के तीसरे युद्ध की हार ने मराठों के मनोबल को गिरा दिया जिसका लाभ ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने उठाया तथा लगभग 300 वर्षों तक भारत पर शासन किया ।
अति लघुत्तरात्मक प्रश्न [VERYSHORT-ANSWER TYPE QUESTIONS]
प्रश्न 1. ईस्ट इण्डिया कम्पनी के भारत में प्रवेश का वर्णन करें।
उत्तर – पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठों की हार ने उनकी शक्ति व मनोबल को तोड़ दिया। इसका लाभ उठाकर ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने अपनी शक्तियों में वृद्धि करना प्रारम्भ कर दिया। एक व्यापारी के रूप में आने वाले अंग्रेज़ धीरे-धीरे पूरे भारत पर अपना अधिकार जमाने लगे। लगभग 300 वर्षों तक अंग्रेज भारतीयों पर शासन करते रहे ।
प्रश्न 2. तराईन की पहली लड़ाई कब और किसके बीच में हुई? इसमें किसकी विजय हुई ? 
उत्तर – तराईन की पहली लड़ाई 1191 ई० में पृथ्वीराज चौहान व मुहम्मद गौरी के बीच में हुई। इसमें पृथ्वीराज चौहान विजित हुए।
प्रश्न 3. नादिरशाह अपने साथ ईरान में क्या ले गया ? जाते समय वह किसे शासक घोषित करके गया ? 
उत्तर – नादिरशाह अपने साथ तीस करोड़ नकद, सोना चाँदी, दस हाथी, सात सौ घोड़े, दस हजार ऊँट, एक सौ तीस लेखपाल, दो सौ लौहार, तीन सौ राजमिस्त्री, सौ संगतराश और दो सौ बढ़ई ले गया।
प्रश्न 4. विदेशी आक्रमणों के पीछे किस प्रकार के उद्देश्य निहित होते हैं ?
उत्तर – विदेशी आक्रमणों के पीछे निम्नलिखित प्रकार के उद्देश्य निहित होते हैं
(1) साम्राज्य के विस्तार की महत्त्वाकांक्षा, (2) धन-संपदा की लोलुपता, (3) व्यक्तिगत शत्रुता आदि।
प्रश्न 5. भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता रहा है ?
उत्तर – भारत शुरू से ही सभ्य, उन्नत एवं विकसित देश रहा है। इसकी गणना संसार के वैभवशाली एवं धन-सम्पन्न देशों में की जाती रही है। अपनी समृद्धि व सोने की अधिकता के कारण यह विश्व में प्रसिद्ध रहा। इसी कारण यह ‘सोने की चिड़िया’ कहलाया।
प्रश्न 6. महमूद गजनवी के किन कृत्यों के कारण हिंदुओं के मन में मुस्लिमों के प्रति घृणा का भाव उत्पन्न हुआ ? 
उत्तर – महमूद गजनवी ने भारत की धन-सम्पदा के साथ ही भारतीयों की संस्कृति, कला, ज्ञान एवं आस्था को भी काफ़ी गहरी चोट पहुँचाई | गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर पर 17 बार आक्रमण किए। नगरकोट, मथुरा और कुरूक्षेत्र के मंदिरों को भी गज़नी ने नष्ट-भ्रष्ट किया। उसके इन्हीं कृत्यों के कारण हिन्दुओं के मन में मुस्लिमों के प्रति घृणा का भाव पैदा हुआ।
प्रश्न 7. मंगोलों के आक्रमण से भारत पर क्या-क्या प्रभाव पड़े ?
उत्तर – मंगोलों ने भारत पर कई आक्रमण किए जिससे भारत की आर्थिक रूप से बहुत हानि हुई। भारत का उत्तर-पश्चिम का उपजाऊ क्षेत्र ध्वस्त हो गया। इसके साथ-साथ शासन-व्यवस्था भी अस्थिर हो गई। सामाजिक ताने-बाने के टूटने के साथ-साथ समृद्ध नगर लाहौर भी बर्बाद हो गया।
प्रश्न 8. बाबर एवं मेदिनीराय के मध्य हुए युद्ध का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर – मुग़ल शासक बाबर को करारा जवाब देने के उद्देश्य से कई राजपूत शासक मेदिनीराय के पास गए। उस समय 1528 ई० में मेदिनीराय और बाबर के मध्य चंदेरी में भयंकर युद्ध हुआ। परन्तु राजपूतों ने उस युद्ध में अपने प्राणों का बलिदान देने से पहले मुग़ल सेनाओं से बदला ले लिया था ।
प्रश्न 9. भारतीय शासकों की कमज़ोर युद्ध नीति के विषय में लिखें। 
उत्तर – भारतीय शासक युद्ध के दौरान सेना में हाथियों का प्रयोग करते थे जबकि विदेशी आक्रमणकारियों के पास घोड़े होते थे जो कि हाथियों की अपेक्षा अधिक फुर्तीले होते थे। भारतीय सेना नियोजित ढंग से विभाजित नहीं थी और उसका संचालन भी सही ढंग से नहीं किया जाता था। इन सभी कारणों से विदेशी आक्रमणकारी युद्ध में विजय प्राप्त कर लेते थे ।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न [ OBJECTIVE TYPE QUESTIONS]
I. एक शब्द या एक वाक्य में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1. किस-किस जाति के आक्रमणकारी भारत आए ?
उत्तर – यूनानी, शक, हूणं, कुषाण, पार्थियन आदि जातियों के आक्रमणकारी भारत आए ।
प्रश्न 2. प्राचीनकाल व मध्यकाल के आक्रमणकारियों में क्या अंतर था ?
उत्तर – प्राचीनकाल के आक्रमणकारी मध्यकाल के आक्रमणकारियों की तुलना में कम विनाशकारी थे ।
प्रश्न 3. विदेशी आक्रमण किसे कहते हैं
उत्तर – जब कोई अन्य देश हमारे देश पर आक्रमण करे, उसे विदेशी आक्रमण कहते हैं ।
प्रश्न 4. भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहते थे ?
उत्तर – भारत की गिनती वैभवशाली व सम्पन्न देशों में होने के कारण इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था ।
प्रश्न 5. आक्रमणकारियों को भारत में आने का मौका कब मिला ?
उत्तर – 7वीं शताब्दी में गुप्त वंश के पतन के पश्चात् आक्रमणकारियों को भारत में आने का मौका मिला। –
प्रश्न 6. भारत का मुख्य द्वार किसे माना जाता है ?
उत्तर – भारत के पश्चिमी भाग को ।
प्रश्न 7. विदेशी किन-किन रूपों में भारत आए ?
उत्तर – विदेशी यात्रियों, व्यापारियों व आक्रांताओं के रूप में भारत आए ।
प्रश्न 8. भारत में प्रवेश करने के कितने मार्ग थे ?
उत्तर – तीन मार्ग |
प्रश्न 9. अरबों ने विशाल साम्राज्य की स्थापना कहाँ की ?
उत्तर – मध्य एशिया में ।
प्रश्न 10. अरब साम्राज्य की स्थापना किसने की थी ?
उत्तर – हज़रत मुहम्मद ने।
प्रश्न 11. अरबों ने भारत पर पहला आक्रमण कब किया ?
उत्तर – 636 ई० में ।
प्रश्न 12. मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर आक्रमण कब किया ? 
उत्तर – 712 ई० में ।
प्रश्न 13. अरबों को सिंध पर विजय प्राप्त करने में कब-से-कब तक का समय लगा ? 
उत्तर – 636 ई० से 712 ई० तक ।
प्रश्न 14, गजनी के सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र पर हिंदुशाही शासकों की सीमाएं कहाँ तक फैली हुई थीं ? 
उत्तर – गजनी के सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र पर हिंदुशाही शासकों की सीमाएं चिनाब नदी से हिंदुकुश पर्वत तक फैली हुई थीं।
प्रश्न 15. सुबुक्तगीन की मृत्यु के बाद शासक कौन बना ?
उत्तर – सुबुक्तगीन की मृत्यु के बाद उसका पुत्र महमूद गज़नी शासक बना।
प्रश्न 16. 1000 ई० से 1025 ई० के बीच गज़नी ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया ? 
उत्तर – 1000 ई० से 1025 ई० के बीच गज़नी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया ।
प्रश्न 17. गज़नी ने किस मंदिर को लूटा ?
उत्तर – गज़नी ने गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ के मंदिर को लूटा।
प्रश्न 18. मुहम्मद गौरी ने कब-से-कब तक भारत पर आक्रमण किए? 
उत्तर – मुहम्मद गौरी ने 1175 ई० से 1206 ई० तक भारत पर आक्रमण किए।
प्रश्न 19. चौहान वंश के प्रतापी राजा कौन थे ?
उत्तर – पृथ्वीराज तृतीय चौहान वंश के प्रतापी राजा थे।
प्रश्न 20. तराईन की दूसरी लड़ाई कब और किसके बीच में हुई? इसमें कौन पराजित हुआ ? 
उत्तर – तराईन की दूसरी लड़ाई 1192 ई० में पृथ्वीराज चौहान व मुहम्मद गौरी में हुई। इसमें पृथ्वीराज चौहान पराजित हुआ।
प्रश्न 21. विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय को किसने तहस-नहस किया ? 
उत्तर – विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी ने तहस-नहस किया ।
प्रश्न 22. मुहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद कब और किसने अपने राज्य की नींव रखी ? 
उत्तर – मुहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद 1206 ई० में कुतुबदीन ऐबक ने अपने राज्य की नींव रखी।
प्रश्न 23. मंगोल मध्य एशिया की कैसी जाति थी ? इस जाति का नेतृत्व किसने किया ? 
उत्तर – मंगोल मध्य एशिया की खानाबदोश जाति थी । इस जाति का नेतृत्व चंगेज खान ने किया।
प्रश्न 24. भारत पर समरकंद के शासक तैमूरलंग ने कब आक्रमण किया ? 
उत्तर – 1398 ई० में भारत पर समरकंद के शासक तैमूरलंग ने आक्रमण किया ।
प्रश्न 25. तैमूर का वंशज व फरगना का शासक कौन था ?
उत्तर – बाबर तैमूर का वंशज व फरगना का शासक था।
प्रश्न 26. मुग़ल वंश की नींव कब व किस लड़ाई में रखी गई ? 
उत्तर – 1526 ई० में पानीपत की प्रथम लड़ाई में मुग़ल वंश की नींव रखी।
प्रश्न 27. नादिरशाह भारत से कौन-सा प्रसिद्ध हीरा व सिंहासन ईरान ले गया ? 
उत्तर – नादिरशाह भारत से प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा व मयूर सिंहासन ईरान ले गया।
प्रश्न 28. पानीपत की तीसरी लड़ाई कब और किस-किस के मध्य हुई थी ? 
उत्तर – पानीपत की तीसरी लड़ाई 14 फरवरी, 1761 ई० में मराठों व अहमदशाह अब्दाली के मध्य हुई थी ।
प्रश्न 29. पानीपत की तीसरी लड़ाई में किसकी हार हुई ?
उत्तर – मराठों की ।
प्रश्न 30. किसकी शक्ति कमजोर होने के कारण भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन हो गया ? 
उत्तर – मराठों की शक्ति कमजोर होने के कारण भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन हो गया ।
प्रश्न 31. ईस्ट कंपनी ने लगभग कितने वर्षों तक भारत पर शासन किया ?
उत्तर – लगभग 300 वर्षों तक ।
II. बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए
1. विदेशी आक्रमणकारी कौन थे ?
(A) यूनानी
(B) शक
(C) कुषाण
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (D)
2. विदेशी आक्रमण का उद्देश्य क्या था ?
(A) साम्राज्य विस्तार
(B) धन-संपदा की लोलुपता
(C) व्यक्तिगत शत्रुता
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (D)
3. भारत को ‘सोने की चिड़िया’ क्यों कहा जाता था ?
(A) सोने की प्रचुरता के कारण
(B) समृद्धि के कारण
(C) सबसे अमीर व संपन्न होने के कारण
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (D)
4. गुप्त वंश का पतन किस शताब्दी में हुआ ? 
(A) आठवीं शताब्दी
(B) छठी शताब्दी
(C) सातवीं शताब्दी
(D) नौंवी शताब्दी
उत्तर – (C)
5. भारत का प्रवेश द्वार किसे माना जाता है ? 
(A) उत्तरी भाग को
(B) दक्षिणी भाग को
(C) उत्तरी – पश्चिमी भाग को
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (C)
6. पहाड़ों व पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्ग को क्या कहते हैं ?
(A) दर्रा
(B) पठार
(C) पहाड़
(D) घाटी
उत्तर – (A)
7. अरब साम्राज्य की स्थापना किसने की ?
(A) बाबर ने
(B) अब्दाली ने
(C) हज़रत मुहम्मद ने
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (C)
8. हज़रत मुहम्मद की मृत्यु कब हुई ?
(A) 635 ई० में
(B) 633 ई० में
(C) 632 ई० में
(D) 634 ई० में
उत्तर – (C)
9. अरब साम्राज्य ने किस महान् साम्राज्य पर अधिकार किया ?
(A) रोमन साम्राज्य
(B) फारस साम्राज्य
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (C)
10. मुहम्मद बिन कासिम रिश्ते में हज्जाज़ का क्या लगता था ?
(A) दामाद
(B) भतीजा
(C) दामाद व भतीजा
(D) मौसा
उत्तर – (C)
11. मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर आक्रमण कब किया ?
(A) 717 ई० में
(B) 715 ई० में
(C) 712 ई० में
(D) 713 ई० में
उत्तर – (C)
12. सिंध के राजा दाहिर की पत्नी ने किले के भीतर से कितने हजार सैनिकों के साथ अरबों पर हमला बोला ?
(A) 15 हजार
(B) 25 हजार
(C) 20 हजार
(D) 18 हजार
उत्तर – (A)
13. राजा दाहिर की पुत्रियों के नाम बताएँ –
(A) सूर्या देवी
(B) परमल देवी
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (C)
14. अरबों को सिंध पर विजय पाने में कितने वर्ष लगे ?
(A) 60 वर्ष
(B) 50 वर्ष
(C) 75 वर्ष
(D) 80 वर्ष
उत्तर – (C)
15. सुबक्तगीन की मृत्यु के बाद 997 ई० में गज़नी का शासक कौन बना ?
(A) महमूद गज़नवी
(B) मुहम्मद गौरी
(C) तैमूरलंग
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (A)
16. 1000 ई० से 1027 ई० तक महमूद गज़नवी द्वारा भारत पर कितनी बार आक्रमण हुए ?
(A) 15 बार
(B) 18 बार
(C) 17 बार
(D) 20 बार
उत्तर – (C)
17. महमूद गजनवी की मृत्यु कब हुई ?
(A) 1025 ई० में
(B) 1028 ई० में
(C) 1020 ई० में
(D) 1030 ई० में
उत्तर – (D)
18. मुहम्मद गौरी की भारत में पहली हार कब हुई ?
(A) 1175-76 ई० में
(B) 1176-77 ई० में
(C) 1178-79 ई० में
(D) 1180-81 ई० में
उत्तर – (C)
19. तराईन की पहली लड़ाई कब हुई ?
(A) 1192 ई० में
(B) 1191 ई० में
(C) 1190 ई० में
(D) 1988 ई० में
उत्तर – (B)
20. तराईन की दूसरी लड़ाई कब हुई ?
(A) 1191 ई०
(B) 1192 ई०
(C) 1193 ई०
(D) 1194 ई०
उत्तर – (B)
21. पृथ्वीराज तृतीय किस वंश से संबंध रखता था ?
(A) चालुक्य
(B) चौहान
(C) चोल
(D) चेर
उत्तर – (B)
22. नालंदा विश्वविद्यालय को किसने तहस-नहस किया ?
(A) अलाउद्दीन खिलजी ने
(B) अहमद खिलजी ने
(C) बख्तियार खिलजी ने
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (C)
23. कुतुबद्दीन ऐबक किस वंश से संबंध रखता था ?
(A) गुलाम वंश से
(B) मुग़ल वंश से
(C) तैमूर वंश से
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (A)
24. दिल्ली सल्तनत का प्रतिरोध करने वालों में किस-किस जाति के सुल्तान शामिल थे ?
(A) राजपूत
(B) मेवे
(C) मंडार
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (D)
25. चंगेज खाँ किस जाति से संबंध रखता था ?
(A) खानाबदोश
(B) मुग़ल
(C) यूनानी
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (A)
26. मंगोलों ने भारत पर किस शताब्दी में आक्रमण किया ?
(A) तेरहवीं व चौदहवीं शताब्दी में
(B) बारहवीं व तेरहवीं शताब्दी में
(C) पन्द्रहवीं व सोलहवीं शताब्दी में
(D) सत्रहवीं एवं अठारहवीं शताब्दी में
उत्तर – (A)
27. समरकंद के शासक तैमूरलंग ने भारत पर कब आक्रमण किया ?
(A) 1392 ई० में
(B) 1398 ई० में
(C) 1393 ई० में
(D) 1394 ई० में
उत्तर – (B)
28. बाबर द्वारा कौन-कौन से युद्ध लड़े गए ?
(A) पानीपत का युद्ध
(B) चन्देरी का युद्ध
(C) घाघरा का युद्ध
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (D)
29. करनाल का युद्ध कब लड़ा गया ?
(A) 24 फरवरी, 1739 को
(B) 20 फरवरी, 1739 को
(C) 28 फरवरी, 1739 को
(D) 18 फरवरी, 1739 को
उत्तर – (A)
30. अहमदशाह अब्दाली को रोकने के लिए कौन शक्ति बनकर उभरे ?
(A) जाट
(B) मराठे
(C) सिक्ख
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (B)
31. ईस्ट इंडिया कम्पनी ने भारत पर कितने वर्षों तक शासन किया ?
(A) लगभग 200 वर्षों तक
(B) लगभग 400 वर्षों तक
(C) लगभग 300 वर्षों तक
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (C)
32. पृथ्वीराज तृतीय ने तराईन की लड़ाई में क्या भूल की ?
(A) मुहम्मद गौरी को वापिस जाने देना
(B) मुहम्मद गौरी को रोक लिया
(C) मुहम्मद गौरी का सामना किया
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (A)
33. विदेशी आक्रमण के परिणाम किस रूप में सामने आए ?
(A) इस्लाम का प्रसार
(B) सामंती प्रथा का अंत
(C) कला व साहित्य को आघात
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (D)
III. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. तुर्क आक्रमण के समय भारतीयों की …………… उजागर हुई।
2. सातवीं शताब्दी से लेकर …………… शताब्दी तक भारत पर अनेक विदेशियों ने आक्रमण किए।
3. भारत अपनी समृद्धि व ……………… की प्रचुरता के कारण विश्व में प्रसिद्ध था ।
4. पश्चिम से भारत में प्रवेश करने के ……………… मुख्य मार्ग थे।
5. अरबों ने खैबर व …………………  दर्रे से भारत में घुसने का प्रयास किया लेकिन …………….. प्रदेशों में भारतीयों की सतर्कता के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली।
6. …………. के बीच खलीफ़ा मुआविया के समय सिंध पर छह बार आक्रमण किए गए।
7. मोहम्मद बिन कासिम ने ………………….. पर आक्रमण कर दिया और उसे जीत लिया।
8. महमूद गज़नवी ………………… में गज़नी का शासक बना।
9. हिंदुशाही राज्य के अतिरिक्त महमूद गज़नवी ने भेरा, मुल्तान और ………………. पर आक्रमण किए।
10. तराईन के ……………….  युद्ध में पृथ्वीराज चौहान हार गया।
11. विदेशी आक्रमणकारियों को …………………..  के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
उत्तर – 1. कमज़ोर युद्धनीति, 2. अठारहवीं, 3. सोने, 4. तीन, 5. बोलन, काबुल – जाबुल, 6. 661 से 680 ई०, 7. देबल, 8. 997 ई०, 9. नगरकोट, 10. दूसरे, 11. भारतीय जनता ।
IV. सही या गलत की पहचान करें
1. महमूद गजनवी ने भारत पर सोलहवीं शताब्दी में आक्रमण किया ।
2. प्राचीनकाल में भारत सभ्य, विकसित और उन्नत देश रहा है।
3. अरबों ने उत्तर एशिया में एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी।
4. हजरत मोहम्मद के उत्तराधिकारियों ने केवल आठ वर्षों में ही सीरिया तथा मिस्र पर अधिकार कर लिया ।
5. इराक के गवर्नर हज्जाज ने सिंध के राजा दाहिर से क्षति-पूर्ति की माँग की।
6. सोमनाथ का मंदिर महाराष्ट्र में स्थित है।
7. मुहम्मद गौरी ने 1175 ई० में मुल्तान पर आक्रमण किया परन्तु वह पराजित हो गया ।
8. विश्व -प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी ने बनवाया ।
9. 1297 ई० में मंगोलों ने कादिरखान के नेतृत्व में भारत पर आक्रमण किया ।
10. तैमूर के आक्रमण के समय दिल्ली का सुल्तान नासीरुद्दीन मुहम्मद था।
उत्तर – 1. गलत, 2. सही, 3. गलत, 4. सही, 5. सही, 6. गलत, 7. गलत, 8. गलत, 9. सही, 10. सही ।
V. उचित मिलान करें
1. नादिरशाह के आक्रमण                      (क) बारहवीं शताब्दी
2. बाबर के आक्रमण                             (ख) अठारहवीं शताब्दी
3. मुहम्मद गौरी के आक्रमण                   (ग) सोलहवीं शताब्दी
4. महमूद गज़नवी के आक्रमण                (घ) चौदहवीं शताब्दी
5. तैमूर के आक्रमण                              (ङ) ग्यारहवीं शताब्दी
उत्तर – 1. (ख), 2. (ग), 3. (क), 4. (ङ), 5. (घ) ।

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