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HBSE 10th Class Hindi Vyakaran विशेषण

HBSE 10th Class Hindi Vyakaran विशेषण

Haryana Board 10th Class Hindi Vyakaran विशेषण

विशेषण

Visheshan Exercise HBSE 10th Class प्रश्न 1.
विशेषण किसे कहते हैं? सोदाहरण उत्तर दीजिए।
उत्तर:
विशेषण वह शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है; जैसे काली गाय, मोटा लड़का, ऊँचा मकान, लाल किताब आदि। इन वाक्यों में प्रयुक्त काली, मोटा, ऊँचा एवं लाल शब्द गाय, लड़का, मकान एवं किताब की विशेषता बताते हैं।

विशेषण अभ्यास प्रश्न Class 10 HBSE  प्रश्न 2.
विशेष्य किसे कहते हैं? सोदाहरण समझाइए।
उत्तर:
विशेषण जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हैं, उसे विशेष्य कहते हैं; जैसे
(क) मेरे पास एक नीला पैन है।
(ख) राम के पास लाल कुत्ता है।
(ग) बालक चंचल है। उपर्युक्त वाक्यों में पैन, कुत्ता एवं बालक विशेष्य हैं क्योंकि विशेषण इनकी विशेषता प्रकट कर रहे हैं।

विशेषण के भेद

Hindi Vyakaran Visheshan HBSE 10th Class प्रश्न 3.
विशेषण के कितने भेद हैं? प्रत्येक का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हिंदी में विशेषण के सामान्यतः चार भेद हैं-
(1) गुणवाचक विशेषण,
(2) संख्यावाचक विशेषण,
(3) परिमाणवाचक विशेषण तथा
(4) सार्वनामिक विशेषण।

1. गुणवाचक विशेषण: जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण-दोष, रूप-रंग, आकार, स्थान, काल, दशा, स्थिति, शील-स्वभाव आदि की विशेषता प्रकट करे, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं; यथा-
गुण – सरल, योग्य, उदार, ईमानदार, बुद्धिमान, परिश्रमी, वीर।
दोष – अयोग्य, कुटिल, दुष्ट, क्रोधी, पापी, कपटी, नीच।
आकार-प्रकार – गोल, चौरस, चौड़ा, खुरदरा, लंबा, मुलायम।
रंग-रूप – गीरा, काला, गेहुँआ, गुलाबी, सुंदर, आकर्षक, लाल।
अवस्था – बलवान, कमज़ोर, रोगी, दरिद्र, अमीर, गरीब, छोटा।
स्वाद – खट्टा, कड़वा, मीठा, फीका।
गंध – सुगंधित, गंधहीन, दुर्गंधपूर्ण।
स्थिति – अगला, पिछला, बाहरी, ऊपरी, निचला।
देश-काल – पंजाबी, बनारसी, प्राचीन, नवीन, भारी।

2. संख्यावाचक विशेषण:
जिन विशेषण शब्दों से संख्या का बोध हो, उन्हे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं; जैसे एक, चार, दूसरा, चौथा, सातवाँ आदि।
संख्यावाचक विशेषण के भेद-संख्यावाचक विशेषण के भेद निम्नलिखित हैं-

(क) निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(i) गणनासूचकं: जो वस्तुओं या प्राणियों की गणना का ज्ञान कराएँ; जैसे दो पुस्तकें, चार केले, दस लड़कियाँ, चार कुर्सियाँ आदि।
(ii) क्रमसूचक: जो क्रम का ज्ञान कराएँ; जैसे पहला लड़का, दूसरा आदमी, पहली मंजिल, प्रथम पंक्ति आदि।
(i) आवृत्तिसूचक: जो गुना का बोध कराते हैं; जैसे दुगुना, चौगुना, तिगुना आदि।
(iv) समुदायसूचक: जो समूह का ज्ञान कराएँ; जैसे एक दर्जन केले, चारों लड़के, सैकड़ों लोग आदि।
(v) प्रत्येकसूचक: जो शब्दों में से प्रत्येक का बोध कराएँ; जैसे हर घड़ी, प्रतिवर्ष, प्रत्येक लड़का आदि।

नोट- निश्चित संख्यावाचक विशेषणों में ‘ओं’ लगाकर उन्हें अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण भी बनाया जा सकता है; यथा दर्जनों, सैकड़ों आदि।

(ख) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण:
जिन विशेषणों से वस्तु, प्राणी या पदार्थ की संख्या का निश्चित बोध नहीं होता, उन्हें अनिश्चित संख्यावाची विशेषण कहते हैं; जैसे कुछ विद्यार्थी, कुछ पशु, थोड़े घर, बहुत आम आदि।

3. परिमाणवाचक विशेषण:
संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की माप-तोल की विशेषता को प्रकट करने वाले विशेषणों को परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। इसके भी दो भेद हैं
(क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण-जो परिमाणवाचक विशेषण संज्ञा या सर्वनाम का निश्चित परिमाण बताएँ जैसे एक लीटर पानी, दो किलो चीनी, दो मीटर कपड़ा आदि।
(ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण-जो परिमाणवाचक विशेषण संज्ञा या सर्वनाम का निश्चित परिमाण न बताएँ; जैसे कुछ पानी, कुछ चीनी, कम अनाज, बहुत-सा कपड़ा आदि।

नोट- कभी-कभी परिमाणवाचक विशेषण शब्दों में ‘ओं’ प्रत्यय लगाकर भी अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण बन जाते हैं; यथा मनों गेहूँ, सेरों दूध।

4. सार्वनामिक विशेषण: जो सर्वनाम अपने सार्वनामिक रूप में ही संज्ञा की विशेषता प्रकट करें या संज्ञा के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है; जैसे यह घर हमारा है। यह बालक अच्छा है। उस श्रेणी में अध्यापक नहीं है। तुम किस गली में रहते हो। इन वाक्यों में प्रयुक्त शब्द यह, उस, किस आदि सर्वनाम संज्ञा के विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं, अतः ये सार्वनामिक विशेषण हैं।

सार्वनामिक विशेषण के भेद-
सार्वनामिक विशेषण चार प्रकार के होते हैं-
(i) निश्चयवाचक/सकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण: ये विशेषण संज्ञा की ओर निश्चयार्थ में संकेत करने वाले होते हैं; . जैसे यह पुस्तक वहाँ से नहीं मिली।
(ii) अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण: जिन विशेषणों से संज्ञा की ओर निश्चित संकेत नहीं मिलता, उन्हें अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं; जैसे कोई सज्जन आए हैं।
(iii) प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण: ये विशेषण संज्ञा की प्रश्नात्मक विशेषता की ओर संकेत करते हैं; यथा-
(क) कौन व्यक्ति आया है?
(ख) किस लड़के ने तुम्हें यहाँ भेजा है?
(ग) इनमें से क्या चीज तुम लोगे?
(घ) कौन-सी गेंद चाहिए तुम्हें?
(iv) संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण
(क) जो आदमी कल आया था वह बाहर खड़ा है।
(ख) वह विद्यार्थी सामने आ रहा है जिसको आपने पुरस्कार दिया था।

विशेषण की रूप-रचना

विशेषण अभ्यास प्रश्न HBSE 10th Class प्रश्न 4.
विशेषणों की रूप-रचना का सोदाहरण उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
विशेषणों की रूप-रचना संज्ञा की रूप-रचना के साथ पर्याप्त सीमा तक मिलती है। दोनों में रूपावली का वर्ग-निर्धारण लिंग और शब्द के ध्वन्यात्मक स्वरूप (आकारांत, ईकारांत आदि) पर होता है तथा रूपावली वचन (एकवचन, बहुवचन) तथा विभक्ति (मूल-परसर्ग रहित, तिर्यक-परसर्ग सहित) के अनुसार चलती है।
विशेषण की रूप-रचना को समझने हेतु नीचे दी गई रूपावली को ध्यानपूर्वक देखिए-

रूपावली वर्ग-1

पुल्लिंग आकारांत

विभक्ति एकवचन बहुवचन
मूल अच्छा (लड़का) अच्छे (लड़के)
(परसर्ग रहित तिर्यक) अच्छे (लड़के को) अच्छे (लड़कों को)

संज्ञा रूपावली वर्ग-1 के समान यहाँ रूप चल रहे हैं किंतु यह ध्यान रखना है कि संज्ञा तिर्यक बहुवचन में ‘ओं’ विभक्ति प्रत्यय लगता है, यहाँ ‘ए’ । ये प्रत्यय मात्रा के रूप में (‘) लगते हैं।

रूपावली वर्ग-2

पुल्लिंग आकारांत से भिन्न

विभक्ति एकवचन बहुवचन
मूल सुंदर (घर) सुंदर (घर)
तिर्यक सुंदर (घर में) सुंदर (घरों में)

स्त्रीलिंग विशेषण

विभक्ति एकवचन बहुवचन
मूल अच्छी/सुंदर (लड़की) अच्छी/सुंदर (लड़कियाँ)
तिर्यक अच्छी/सुंदर (लड़की ने) अच्छी/सुंदर (लड़कियों ने)

उपर्युक्त रूपावली से स्पष्ट है कि केवल पुल्लिंग आकारांत विशेषणों के मूल रूप (जैसे-अच्छा, मोटा आदि) में ‘ए’ (‘) के योग से (मोटा से मोटे एवं अच्छा से अच्छे) रूप-परिवर्तन होता है। आकारांत विशेषण के स्त्रीलिंग रूप ‘ई’ लगाकर बनते हैं; जैसे अच्छा से अच्छी, मोटा से मोटी।

विशेषण के उद्देश्य और विधेय स्थिति

Visheshan Class 10th HBSE प्रश्न 5.
उद्देश्य-विशेषण और विधेय-विशेषण की सोदाहरण परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
उद्देश्य-विशेषण-जो विशेषण विशेष्य से पूर्व लगकर उसकी विशेषता व्यक्त करते हैं, उन्हें उद्देश्य-विशेषण कहते हैं; यथा-
(क) गोरा लड़का गीत गा रहा है।
(ख) काली बिल्ली दूध पी गई।
इन दोनों वाक्यों में प्रयुक्त ‘गोरा’ एवं ‘काली’ उद्देश्य-विशेषण हैं।

विधेय-विशेषण: जब विशेषण विशेष्य के पश्चात आता है तो उसे विधेय-विशेषण कहते हैं; जैसे
(क) वह गाय सफेद है।
(ख) घोड़ा लाल है।
(ग) राम की कार नीली है।
यहाँ सफेद’, ‘लाल’ एवं ‘नीली’ विधेय-विशेषण हैं।

विशेषणों का तुलना में प्रयोग

प्रश्न 6.
विशेषणों की तुलना से क्या अभिप्राय है? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
विशेषण विशेष्य की विशेषता बताते हैं तथा यह विशेषता गुण, परिमाण अथवा संख्या की दृष्टि से होती है। दो या दो से अधिक प्राणियों, वस्तुओं या पदार्थों में प्रायः एक जैसे गुण नहीं होते। तुलना के द्वारा ही इस अंतर को स्पष्ट किया जा सकता है।
तुलना व्यक्तियों, वस्तुओं आदि के गुणों के मिलान को तुलना कहते हैं।

प्रश्न 7.
तुलना के आधार पर विशेषणों की कितनी अवस्थाएँ होती हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
तुलना के आधार पर विशेषणों की तीन अवस्थाएँ होती हैं
(1) मूलावस्था,
(2) उत्तरावस्था तथा
(3) उत्तमावस्था।
1. मूलावस्था: इस अवस्था में किसी प्रकार की तुलना नहीं होती, विशेषतः सामान्य रूप होता है; जैसे वह बालिका चंचल है। आम मीठां है।

2. उत्तरावस्था: इसमें दो व्यक्तियों या वस्तुओं की तुलना द्वारा एक को दूसरे से अधिक या न्यून दिखाया जाता है; जैसे
(क) राम श्याम से अधिक मोटा है।
(ख) मेरी पुस्तक आपकी पुस्तक से अच्छी है।

3. उत्तमावस्था-इसमें दो या अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं की तुलना की जाती है तथा उनमें से किसी एक को सबसे अधिक या सबसे कम श्रेष्ठ दिखाया जाता है; यथा
(क) मेरी कलम सबसे सुंदर है।।
(ख) मोहन कक्षा के सभी विद्यार्थियों से बहादुर है।

तुलनाबोधक प्रत्यय

प्रश्न 8.
तुलनाबोधक प्रत्यय किसे कहते हैं? उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तुलना करने हेतु विशेषणों के पीछे जिन प्रत्ययों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें तुलनाबोधक प्रत्यय कहते हैं। हिंदी में संस्कृत तथा उर्दू से आए प्रत्ययों का ही प्रयोग किया जाता है। संस्कृत में उत्तरावस्था के लिए ‘तर’ तथा उत्तमावस्था के लिए ‘तम’ प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है। कुछ उदाहरण देखिए

प्रविशेषण

प्रश्न 9.
प्रविशेषण किसे कहते हैं? सोदाहरण उत्तर दीजिए।
उत्तर:
जो शब्द विशेषण की विशेषता व्यक्त करें, उन्हें प्रविशेषण कहते हैं। उदाहरणार्थ निम्नलिखित वाक्य देखिए
(क) मोहन बहुत चतुर है।
(ख) राम बहुत अधिक चालाक है।
(ग) सुरेश अत्यधिक चतुर है।
(घ) कृपाराम बहुत परिश्रमी व्यक्ति है।
(ङ) वहाँ लगभग बीस आदमी थे।
हिंदी के प्रमुख प्रविशेषण निम्नांकित हैं-
बहुत, बहुत अधिक, अधिक, अत्यधिक, अत्यंत, बड़ा, कम, खूब, थोड़ा, ठीक, पूर्ण, लगभग आदि।

विशेषण का संज्ञावत् प्रयोग

प्रश्न 10.
विशेषणों का संज्ञावत् प्रयोग कैसे होता है? सोदाहरण वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विशेषणों का संज्ञावत् प्रयोग प्रायः देखने को मिलता है; जैसे
(क) उस मोटे को देखो। यहाँ ‘मोटा’ शब्द मोटे व्यक्ति के लिए प्रयोग किया गया है।
(ख) अमीरों और गरीबों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है।
(ग) बड़ों के बीच में बोलना उचित नहीं।

विशेषण की रचना

प्रश्न 11.
विशेषणों की रचना किस प्रकार की होती है?
उत्तर:
कुछ शब्द मूलतः विशेषण होते हैं; जैसे अच्छा, बुरा, मीठा आदि किंतु कुछ विशेषणों की रचना प्रत्यय या उपसर्ग आदि के योग से होती है; जैसे-
प्रत्यय से- चाय वाला, सुखद, बलशाली, ईमानदार, नश्वर आदि।
उपसर्ग से- दुर्बल, लापता, बेहोशी, निडर आदि।
उपसर्ग एवं प्रत्यय दोनों से- दोनाली, निकम्मा आदि। विशेषण कई प्रकार के शब्दों से भी बनते हैं, जैसे-
संज्ञा से-
नागपुर – नागपुरी
आदर – आदरणीय
धन – धनी

सर्वनाम से-
मैं – मुझसा
वह – वैसा
आप – आपसी
यह – ऐसा

क्रिया से-
चलना – चालू
भूलना – भुलक्कड़
भागना – भगोड़ा
हँसना – हँसोड़

अव्यय से-
नीचे – निचला
बाहर – बाहरी
भीतरी –
ऊपर – ऊपरी

विद्यार्थियों के अभ्यासार्थ कुछ महत्त्वपूर्ण विशेषण दिए जा रहे हैं-






विशेषण संबंधी महत्त्वपूर्ण बातें
(1) हिंदी में विशेषण का लिंग एवं वचन विशेष्य के अनुसार ही होता है; जैसे काला कुत्ता, काली गाय, काले बैल।
(2) कारक-चिह्नों का प्रयोग केवल विशेष्य के साथ होता है; जैसे बुरे आदमी के साथ मत जा। नए कमरे का द्वार खुला नहीं था।
(3) कभी-कभी विशेषण का प्रयोग संज्ञा की भाँति होता है; जैसे
(क) वीरों ने देश की सुरक्षा की।
(ख) विद्वानों का आदर करो।

यहाँ वीर एवं विद्वान विशेषण होते हुए भी संज्ञा के रूप में प्रयुक्त हुए हैं।

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1.
विशेषण क्या है? विशेषण के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जो शब्द संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता बताएँ, उन्हें विशेषण कहते हैं; जैसे
(क) सफेद गाय (सफेद विशेषण)
(ख) मीठा आम (मीठा विशेषण)
(ग) छह विद्यार्थी (छह विशेषण)
(घ) विद्वान व्यक्ति (विद्वान विशेषण)

प्रश्न 2.
विशेषण के कौन-कौन से चार भेद हैं? प्रत्येक भेद का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
(क) गुणवाचक विशेषण-नीली कमीज।
(ख) परिमाणवाचक विशेषण-दो मीटर कपड़ा।
(ग) संख्यावाचक विशेषण-चार कलमें।
(घ) सार्वनामिक विशेषण-यह मकान।

प्रश्न 3.
नीचे दिए गए वाक्यों में से निश्चित और अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषणों को अलग-अलग पहचानिए-
(क) वह कक्षा में प्रथम आया।
(ख) कुछ फल लाओ।
(ग) मेरी कमीज में दो मीटर कपड़ा लगेगा।
(घ) थोड़ी मिठाई ले आओ।
(ङ) एक लीटर दूध पचास रुपए का मिलता है।
उत्तर:
निश्चित परिमाणवाचक
(क) वह कक्षा में प्रथम आया।
(ख) मेरी कमीज में दो मीटर कपड़ा लगेगा।
(ग) एक लीटर दूध पचास रुपए का मिलता है।

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(क) कुछ फल लाओ।
(ख) थोड़ी मिठाई ले आओ।

प्रश्न 4.
सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषणों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब सर्वनाम (यह, वह, मैं, तुम आदि) संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं, तब वे सर्वनाम कहलाते हैं लेकिन जब वही सर्वनाम संज्ञा शब्द के साथ अर्थात् संज्ञा से पहले प्रयुक्त होता है तो वह सार्वनामिक विशेषण बन जाता है; जैसे-
यह पुस्तक मेरी है। (यह – विशेषण)
यह मेरे साथ है। (यह – सर्वनाम)
यह आम कच्चा है और यह पक्का – इस वाक्य में पहला ‘यह’ आम संज्ञा के साथ आया है। अतः यह विशेषण है। दूसरा ‘यह’ बिना संज्ञा के अकेले संज्ञा के स्थान पर आया है। अतः सर्वनाम है।

प्रश्न 5.
नीचे दिए गए वाक्यों में से सर्वनाम के प्रयोग और सार्वनामिक विशेषण के प्रयोग को पहचानिए-
(1) घर में कोई है।
(2) कोई सज्जन आए हुए हैं।
(3) वह घोड़ा दौड़ रहा है।
(4) वह विद्यालय गया।
(5) यह मेरा घर है।
(6) क्या यह किताब तुम्हारी है?
उत्तर:
(1) घर में कोई है। (सर्वनाम प्रयोग)
(2) कोई सज्जन आए हैं। (सार्वनामिक प्रयोग)
(3) वह घोड़ा दौड़ रहा है। (सार्वनामिक प्रयोग)
(4) वह विद्यालय गया। (सर्वनाम प्रयोग)
(5) यह मेरा घर है। (सार्वनामिक प्रयोग)
(6) क्या यह किताब तुम्हारी है? (सार्वनामिक प्रयोग)

प्रश्न 6.
विशेषण की तुलना के तीनों प्रकारों के नाम लिखिए और दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
(1) मूलावस्था-
(क) मोहन अच्छा बालक है।
(ख) राजेश सुंदर बालक है।

(2) उत्तरावस्था-
(क) मोहन राम से भला लड़का है।
(ख) महेश राजकुमार से सुंदर है।

(3) उत्तमावस्था-
(क) सोहन कक्षा में सबसे बहादुर विद्यार्थी है।
(ख) मुनीश अपने परिवार में सबसे परिश्रमी बालक है।

प्रश्न 7.
नीचे दिए गए विशेषणों को उनके सामने दी गई अवस्थाओं से मिलाकर उचित स्थान पर लिखिए-
उच्चतर, गुरुतम, कठोर, लघु, तीव्रतर, अधिकतर, कुटिलतर, उत्कृष्ट, न्यूनतम, निकटतम
मूलावस्था – …………….
उत्तरावस्था – …………….
उत्तमावस्था – …………….
उत्तर:
मूलावस्था – कठोर, लघु, उत्कृष्ट।
उत्तरावस्था – उच्चतर, तीव्रतर, अधिकतर, कुटिलतर।
उत्तमावस्था – गुरुतम, न्यूनतम, निकटतम।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों से विशेषण बनाइएधर्म, भारत, वह, रोज़, दिन, पूजा, पढ़ना, रक्षा, अपमान, पाप, बहना, नगर, बीतना, लखनऊ।
उत्तर:
शब्द – विशेषण
धर्म – धार्मिक
रक्षा – रक्षक
भारत – भारतीय
अपमान – अपमानित
वह – वही या वैसा
पाप – पापी
रोज़ – रोज़ाना
बहना – बहावपूर्ण
दिन – दैनिक
नगर – नागरिक
पूजा – पूज्य
बीतना – व्यतीत
पढ़ना – पढ़ाकू
लखनऊ – लखनवी

प्रश्न 9.
निम्नलिखित वाक्यों का उत्तर हाँ/नहीं में दीजिए
(i) विशेषण क्रियाओं की विशेषता बताता है।
(ii) जिन वस्तुओं की नाप-तौल की जा सके, उनके वाचक शब्दों को परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
(iii) कुछ, कई, काफी, निश्चित संख्यावाचक विशेषण हैं।
(iv) मूलावस्था में विशेषण का तुलनात्मक रूप नहीं होता।
(v) जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा से पूर्व अथवा बाद में किया जाए, उसे सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है।
(vi) जिन वस्तुओं की गिनती की जा सके, उनके वाचक शब्दों को संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
उत्तर:
(i) नहीं,
(ii) हाँ,
(iii) नहीं,
(iv) हाँ,
(v) नहीं,
(vi) हाँ।

प्रश्न 10.
प्रविशेषण किसे कहते हैं? कुछ उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जो शब्द विशेषणों की विशेषता बताएँ, उन्हें प्रविशेषण कहते हैं; जैसे
(i) राम बहुत सुंदर बालक है।
(ii) वह बहुत अच्छा गीत गाती है।
(iii) वह महा कंजूस व्यक्ति है।

प्रश्न 11.
नीचे दिए गए वाक्यों के शुद्ध रूप लिखिए
(i) अच्छा लड़के क्रिकेट खेल रहे हैं।
(ii) बड़े दुकानों में अच्छा सामान नहीं मिलता।
(iii) कागज़ और पेंसिलें सस्ते हैं।
(iv) हरा वाली साड़ी दिखाओ।
(v) मैं और सीता बूढ़ा हूँ।
(vi) क्या किताबें इस काला संदूक में है?
उत्तर:
(i) अच्छे लड़के क्रिकेट खेल रहे हैं।
(ii) बड़ी दुकानों से अच्छा सामान नहीं मिलता।
(iii) कागज़ और पेंसिलें सस्ती हैं।
(iv) हरी वाली साड़ी दिखाओ।
(v) मैं और सीता बूढ़े बूढ़ी हैं।
(vi) क्या किताबें इस काले संदूक में हैं?

प्रश्न 12. निम्नलिखित संख्यावाचक शब्दों को पहचानकर उनके नाम लिखिए।
द्वितीय, बीस, तिगुना, तीनों, दर्जन, प्रथम, दुगुना, पाँचों, पाँव, पच्चीसी, ढाई।
उत्तर:
द्वितीय – क्रमवाचक
दुगुना – आवृत्तिवाचक
बीस – पूर्ण संख्याबोधक
पाँचों – समुदायवाचक
तिगुना – आवृत्तिवाचक
पाँव – अपूर्ण परिमाणबोधक
तीनों – समुदायवाचक
ढाई – अपूर्ण संख्याबोधक
दर्जन – समुच्चयवाचक
पच्चीसी – समुच्चयबोधक
प्रथम – क्रमवाचक

प्रश्न 13.
निम्नलिखित वाक्यों से विशेषण छाँटकर उनके भेद का निर्देश कीजिए
(क) साधारण इक्के के घोड़े भारतीय दरिद्रता के अलबम हैं।
(ख) यह पैसा मेरी खून-पसीने की कमाई का फल है।
(ग) थोड़ी मिठाई और कुछ फल ले आओ, आज त्योहार का दिन है।
(घ) यह मेरी पुस्तक है, आपकी नहीं।
(ङ) दस रुपए ले लो और बाज़ार से एक किलो दही ले आओ।
उत्तर:
(क) साधारण इक्के के – गुणवाचक विशेषण।
भारतीय – गुणवाचक विशेषण।

(ख) यह – सर्वनाम विशेषण।
खून-पसीने की – गुणवाचक विशेषण।
मेरी – प्रविशेषण (खून-पसीने का विशेषण)।

(ग) थोड़ी – अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण।
कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण ।

(घ) यह – सार्वनामिक विशेषण।

(ङ) दस – निश्चित संख्यात्मक विशेषण।
एक किलो – निश्चित परिमाणवाचक विशेषण।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त सार्वनामिक विशेषणों और सर्वनामों को छाँटकर लिखिए
(1) वह विद्यालय जाएगा।
(2) वह विद्यार्थी विद्यालय जाएगा।
(3) इस घर में कौन रहता है?
(4) बच्चा रो रहा है, इसे गोद में उठा लो।
(5) वे तुम्हारी पुस्तकें हैं और ये मेरी।
उत्तर:
(1) वह – सर्वनाम
(2) वह विद्यार्थी – सार्वनामिक विशेषण
(3) इस घर – सार्वनामिक विशेषण
(4) इसे – सर्वनाम
(5) वे पुस्तकें – सार्वनामिक विशेषण
(6) ये – सर्वनाम।

प्रश्न 15.
वाक्य में क्रिया का प्रयोग विशेषण के अनुसार होता है या विशेष्य के? दो उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वाक्य में क्रिया का प्रयोग हमेशा विशेष्य के अनुसार होता है, विशेषण के अनुसार नहीं। विशेषण का प्रयोग भी विशेष्य के अनुसार होता है; यथा-
दो लड़के पढ़ रहे हैं। – दो लड़कियाँ पढ़ रही हैं।
कुछ पुरुष जा रहे हैं। – कुछ स्त्रियाँ जा रही हैं।
उपर्युक्त वाक्यों से स्पष्ट है कि क्रियाएँ विशेष्यों के अनुसार ही आती हैं, विशेषणों के अनुसार नहीं।

प्रश्न 16.
प्रविशेषण एवं विधेय-विशेषण का सोदाहरण अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रविशेषण शब्द विशेषण की विशेषता बताते हैं किंतु विधेय-विशेषण वह विशेषण है जो संज्ञा के बाद में प्रयुक्त होते हैं; जैसे
(क) मोहन अत्यंत सुंदर है इस वाक्य में अत्यंत सुंदर विशेषण की विशेषता बता रहा है। अतः यह प्रविशेषण है।
(ख) मोहन सुंदर है। वाक्य में सुंदर मोहन के बाद प्रयुक्त हुआ है। अतः यह विधेय-विशेषण है।

प्रश्न 17.
विशेषण कितने प्रकार के शब्दों से बनते हैं? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
विशेषण निम्नलिखित प्रकार के शब्दों से बनते हैं
(1) संज्ञा से – नागपुर-नागपुरी, अंबाला-अंबालवी।
(2) सर्वनाम से – यह-ऐसा, वह-वैसा।
(3) क्रिया से – हँसना-हँसोड़, बेचना-बिकाऊ।
(4) अव्यय से – बाहर-बाहरी, भीतर-भीतरी।
(5) उपसर्ग से – दुः-दुर्बल, स-सबल।
(6) उपसर्ग तथा प्रत्यय – दोनों के प्रयोग से-दोनाली, निकम्मा।

प्रश्न 18.
चार ऐसे वाक्य लिखिए जिनमें विशेषण संज्ञा के रूप में प्रयोग किए गए हों।
उत्तर:
(1) वीरों ने देश की रक्षा की।
(2) बहादुरों का सदा सम्मान होता है।
(3) गुणी की सर्वत्र पूजा होती है।
(4) बड़ों का आदर करो।

प्रश्न 19.
निम्नलिखित वाक्यों में से संज्ञा शब्दों एवं विशेषणों को चुनिए-
(1) अकबर महान सम्राट था।
(2) विद्वान जन सदा पूजे जाते हैं।
(3) कहानी सुनते-सुनते रात बीत गई।
उत्तर:
संज्ञा – अकबर, सम्राट, जन, कहानी, रात।
विशेषण – महान, विद्वान, सुनते-सुनते।

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