KSEEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 16 बूंद बूँद से सागर
KSEEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 16 बूंद बूँद से सागर
Karnataka State Syllabus Class 7 Hindi Chapter 16 बूंद बूँद से सागर
बूंद बूँद से सागर Questions and Answers, Notes, Summary
I) इन प्रश्नों को उत्तर लिखो:
1) सागर कैसे बनता है?
बूँद – बूंद से मिलकर सागर बन जाता है।
2) हम धनवान कैसे बन सकते है?
पैसे – पैसे को झुठाकर हम धनवान बन सकते
3) साल कैसे बनता है?
मिनट – मिनट ही तो मिलकर साल बनता है।
4) हिन्दुस्थान की यात्रा कैसे करोगे?
थोडा – थोदा चलकर ही तो देख सकोगें हिन्दुस्थान की यात्रा करोगे
II) इस पद्य भाग को पूर्ण करो:
बूँद – बूंद के मिलने से
बन जाता है सागर सूत –
सूत के मिलने से
बन जाती हय चादर
III) जोडकर लिखिए :
अ – आ
1. बूंद – बूंद के मिलने से – अ) बन जाओगे धनवान
2. मिनट – मिनट ही मिलकर – आ) और बाते प्यारी – प्यारी
3. पैसा – पैसा जोडो तो – इ) बन जाता है सागर
4. अच्छे – अच्छे काम करो – ई) बन जाता है साल
उत्तर :
1. इ,
2. ई,
3. अ,
4. आ
IV) सही वर्गों से खली जगह भरो:
V) कोष्ठक में से सही शब्द चुनकर खली स्थान भरो:
- ______ पानी में रहती है। (मछली, कोयल, बैल)
- एकता में ______ है। (फल, बल, जल)
- हमारे राष्ट्रीय झडे में ______ (दो, आठ, तीन)
उत्तर :
- मछली
- बल,
- तीन
VI) पानी में और पनी के बाहर रहनेवाले प्राणियों का वर्गीकरण करो :
1) मछली – 1. बाघ
2) कछुआ – 2. सियार
3) मेढक – 3. हाथी
4) मगरमच्छ – 4. शेर।
5) केकडा – 5. बिल्ली
6) आक्टोपस (आष्टपदि) – 6. गाय
VII) इन रंगों के पहचानों और उनका नाम लिखो:
- काला
- केसरिया
- गुलाबी
- केसरिया
- हरा
- नीला
VIII) नमूने के अनुसार लिखो:
- बोल + ई = बोली
- आभिमान + ई = आभिमानी
- उपकार + ई = उपकारी
- ज्ञान + ई = ज्ञानी.
- सावधान + ई = सावधानी
- जवान + ई = जवानी
- नम्र + ता = नम्रता
- सुंदर + ता = सुंदरता
- दीन + ता = दीनता
- संपन्न + ता = संपन्नता
- समता + ता = समता
IX) नमूने के अनुसार मिलान करो:
- भेड चराने वाला – अ) रसोईया
- गाय चराने वाल – आ) किसान
- खेती करने वाला – इ) ग्वाला
- कपडा सीने वाल – ई) गडरिया
- रसोई बनाने वाल – उ) दर्जी
उत्तर :
- ई) गडरिया
- इ) ग्वाला
- आ) किसान
- उ) दर्जी
- अ) रसोईया
बूंद बूँद से सागर Summary in Hindi
प्रस्तुत कविता के कवि हय, श्री केदाथि कोमल बूंद – बूंद से कविता आशा की किरण कैव्ता संग्रह से ली गयी है। आप हिन्दी के समकालीन कवियों में प्रसीद्ध है।
इस कविता में एकता में जो बल है उस पर जोर दिया गया है। सब के मिलने से ही हिन्दुस्थान है।
पानी का हर बूंद मिलकर अंत में वह बडा सागर बन जाता है। उसी तरह रूई का हर धाग मिलने से ही बडा से चादर बन पाता है।
हर पल हर मिनत मिलकर साल बन जाता है। अगर हम दृढ निश्चय के साथ रहेगे तो कितना भी कटिन संमस्या क्यों न हो उसको हट कट सामना कर सकते है। तभी तो हर समस्या हल हो सकती है।
पैसा – पैसा जुठाकर हम धनवान बन सकते है। थोडा – थोडा चलते चलते रहने से सारे हिन्दुस्थान को धूम समते है। हम हिन्दूस्थानी है। हम सव के साथ प्यार से बाते करते हुए, सब मिलकर अच्छे – अच्छे काम करने से हमारा देश खुशी से झूम उठेगा सम्रद्धि से हमारी धरती नाच उठेगी।
बूंद बूँद से सागर Summary in English
In the present poem the author tells that unity of the nation can yield better development of the country drop of water makes the huge ocean each and every thread makes big carpet minute by minute. ‘makes a year. pauses make a rupee and makes a rich man step by step can complete around India.
बूंद बूँद से सागर शब्दार्थः