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MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 3 चुनावी राजनीति

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 3 चुनावी राजनीति

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 3 चुनावी राजनीति

महत्वपूर्ण स्मरणीय बिन्दु

लोकतंत्र में जनमत की बहुत अहम भूमिका होती है उसके आधार पर सरकारों का गठन होता है।
भारत में जनता प्रत्येक पांच वर्ष में अपने प्रतिनिधि चुनती है जो नीति निर्माण का कार्य करते हैं।
हर पाँच साल के बाद – आम चुनाव, निश्चित समय से पूर्व लोकसभा या विधानसभा के भंग होने पर – मध्यावधि चुनाव और किसी क्षेत्र के सदस्य की मृत्यु या इस्तीफे से खाली सीट के लिए उपचुनाव होता है।
चुनाव के उद्देश्य से देश को अनेक क्षेत्रों में बाँट लिया गया है, इन्हें निर्वाचन क्षेत्र या सीट कहते हैं।
लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं। अनुसूचित जातियों के लिए 79 और अनुसूचित जनजातियों के लिए 41 सीटें आरक्षित हैं।
क्षेत्र के अनुसार देश का सबसे बड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र लद्दाख और सबसे छोटा चांदनी चौक है।
मतदान की योग्यता रखने वाले लोगों की सूची को मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) कहते हैं।
18 वर्ष और उससे ऊपर की आयु वाले सभी नागरिक वोट डाल सकते हैं। यानी मतदान की योग्यता रखते हैं।
भारत में चुनाव संपन्न कराने का कार्य एक निष्पक्ष व स्वतंत्र इकाई करती है जिसे चुनाव आयोग कहते हैं।
चुनावी नारे – गरीबी हटाओ-इंदिरा गाँधी, लोकतंत्र बचाओ – जनता पार्टी, जमीन जोतने वाले को – वामपंथी दल, तेलगु स्वाभिमान – तेलगु देशम पार्टी ।
क्रियाकलाप तथा पाठगत प्रश्न
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 1. क्या अधिकांश नेता अपने चुनावी वायदे पूरा करते हैं?
उत्तर- अधिकतर नेता चुनाव में जीत के बाद सत्ता की राजनीति में उलझे रहते हैं। उन्हें याद भी नहीं रहता कि उन्होंने जनता से कोई वादा भी किया था। कुछ हद तक सत्ता में आने वाली पार्टियाँ अपने घोषणा पत्र में दिए गए वादों पर अमल करती है। विजयी नेता, जनता द्वारा पूछे जाने पर सरकार द्वारा (यदि नेता सत्ता वाली पार्टी का है) करवाए गए कामों को गिना कर मुक्ति पा लेते हैं।
कहाँ पहुँचे? क्या समझे ?
प्रश्न 2. जगदीप और नवप्रीत ने इस कथा को पढ़ा और निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले । क्या आप बता सकते हैं कि इनमें कौन-से निष्कर्ष सही है और कौन-से गलत । ( या फिर इस कथा में दी गई सूचनाओं के आधार पर सही-गलत का फैसला नहीं हो सकता )
(i) चुनाव से सरकारी नीतियों में बदलाव हो सकता है।
(ii) राज्यपाल ने देवीलाल के भाषणों से प्रभावित होकर उन्हें से मुख्यमंत्री बनने का न्यौता दिया।
(iii) लोग हर शासक दल से नाराज रहते हैं और हर अगले चुनाव में उसके खिलाफ वोट देते हैं।
(iv) चुनाव जीतने वाली पार्टी सरकार बनाती है।
(v) इस चुनाव से हरियाणा के आर्थिक विकास में काफी मदद मिली।
(vi) अपनी पार्टी के चुनाव हारने के बाद कांग्रेसी मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी ।
उत्तर- (i) सही, (ii) गलत, (iii) अपर्याप्त सूचना, (iv) सही, (v) अपर्याप्त सूचना, (vi) गलत।
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 3. पंचायतों की तरह क्या हम संसद और विधानसभाओं की एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं कर सकते?
उत्तर- हमारे समाज की आधी आबादी महिलाओं से बनी है तो फिर उन्हें राज्य विधानसभा सीटों अथवा संसदीय सीटों में एक-तिहाई सीटों पर आरक्षण नहीं देने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। उन्हें संसदीय मंच से अपनी समस्याओं के लिए आवाज़ उठाने तथा उनका समाधान ढूँढने का पूरा अधिकार है।
पाठगत प्रश्न
दिए गए नक्शे (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ 43 देखें) को देखिए और निम्नलिखित सवालों का जवाब दीजिए –
प्रश्न 4. आपके राज्य और इसके दो पड़ोसी राज्यों में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या कितनी है?
उत्तर- मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जबकि इसके पड़ोसी राज्य गुजरात और महाराष्ट्र में लोकसभा की सीटे क्रमश: 26 और 48 हैं ।
प्रश्न 5. किन-किन राज्यों में लोकसभा के 30 से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्र हैं ?
उत्तर- वे राज्य जिनमें लोकसभा सीटों की संख्या 30 से अधिक है – बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश तथा पश्चिम बंगाल |
प्रश्न 6. कुछ राज्यों में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या ज्यादा क्यों है?
उत्तर- इन राज्यों में अधिक आबादी के कारण मतदाताओं की संख्या बहुत अधिक है। अत: इनके लिए आबंटित सीटों की संख्या अधिक है।
प्रश्न 7. कुछ निर्वाचन क्षेत्र इलाके के हिसाब से छोटे और कुछ बहुत बड़े क्यों है ?
उत्तर- मतदाताओं की संख्या के आधार पर प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के क्षेत्रफल को निर्धारित किया गया है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि समान आबादी के लिए प्रतिनिधि की संख्या समान हो।
यहाँ क्षेत्रफल का कोई खास महत्व नहीं होता। हो सकता है कि एक छोटे से क्षेत्र की आबादी एक बड़े क्षेत्र की आबादी जितनी ही हो। यही कारण है कि कुछ निर्वाचन क्षेत्र बहुत छोटे हैं, जबकि दूसरे बहुत बड़े
प्रश्न 8. अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र पूरे देश में बिखरे हैं या कुछ इलाकों में इनकी संख्या ज्यादा है?
उत्तर- अनुसूचित जाति / जनजाति के लिए सीटें उनकी | आबादी के वितरण के आधार पर आरक्षित की गई है। अतः इनके लिए आरक्षित सीटें पूरे देश में समान रूप से वितरित नहीं है, बल्कि कुछ क्षेत्रों में इनकी सीटें अधिक हैं तो कुछ में कम।
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 9. उम्मीदवारों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने की जरूरत क्यों होती है ?
उत्तर- सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार प्रत्येक मतदाता को अपने प्रतिनिधि के बारे में निम्नलिखित सूचनाएँ प्राप्त करने का अधिकार है- (i) शैक्षणिक योग्यता, (ii) अचल तथा चल संपत्ति का ब्यौरा, (iii) आपराधिक पृष्ठभूमि, (iv) वित्तीय सरकारी संस्थाओं द्वारा लिया गया ऋण, (v) सरकारी उधार, (vi) कर स्थिति, आय तथा धन
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 10. मतदान केंद्रों और मतगणना केंद्रों पर पार्टी या उम्मीदवार के एजेंट क्यों मौजूद होते हैं?
उत्तर- मतदान केंद्रों तथा मतगणना केंद्र पर विभिन्न पार्टियों के एजेंट उपस्थित रहते हैं, क्योंकि –
(i) किसी पार्टी अथवा मतदाता द्वारा मतदान के दौरान किए जाने वाली किसी धाँधली को रोका जा सकता है।
(ii) मतगणना के दौरान मतकेंद्र पर होने वाली किसी भी तरह की अनियमितता पर नजर रखना तथा उसे संबंधित अधिकारियों के सामने लाया जा सके।
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 11. अपना मत डालने वाले मतदाताओं का प्रतिशत कितना था ?
उत्तर- कुल 57.98 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना मत डाला है।
प्रश्न 12. क्या चुनाव जीतने के लिए यह जरूरी है कि किसी व्यक्ति को डाले गए मतों में से आधे से अधिक मत मिले ?
उत्तर- नहीं, जो उम्मीदवार संबंधित क्षेत्र में सर्वाधिक मत प्राप्त करता है, उसे ही विजयी घोषित किया जाता है।
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 13 चुनाव आयोग के पास इतनी शक्ति क्यों है? क्या यह लोकतंत्र के लिए अच्छा है?
उत्तर- चुनाव आयोग को इतनी शक्ति इसलिए दी गई है ताकि चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं प्रभावी रूप से संपन्न करवाया जा सके। यही कारण है कि इसे बिना किसी हस्तक्षेप के अपने कार्यों को पूरा करवाने की शक्ति दी गई है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा है। इससे जनता के सही प्रतिनिधि सही तरीके से चुनकर आएँगे।
कहाँ पहुँचे? क्या समझे ?
प्रश्न 14. निम्नांकित सुर्खियों को ध्यान से पढ़िए और पहचानिए कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग किन शक्तियों का प्रयोग कर रहा है।
(1) चुनाव आयोग ने 14 वीं लोकसभा के गठन की अधिसूचना जारी की।
उत्तर- इससे तात्पर्य यह है कि 14 वीं लोकसभा की चुनाव संबंधी सभी तारीखों तथा सीमाओं की घोषणा कर दी गई है। अतः विभिन्न राजनैतिक दल अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दें।
(2) बिहार के चुनाव में मतदान के लिए फोटो पहचान पत्र अनिवार्य ।
उत्तर- बिहार राज्य चुनावों में व्यापक धांधलियों के लिए प्रसिद्ध हैं, यहाँ बाहुबली लोग चुनाव को प्रभावित करते हैं, अतः बिहार के चुनाव में फोटोयुक्त पहचान पत्र अनिवार्य किया गया ताकि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें।
(3) चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च पर नकेल कसी।
उत्तर- चुनाव आयोग ने प्रत्येक संसदीय तथा विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवारों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि की सीमा तय कर दी है, क्योंकि कुछ राजनैतिक दल या उम्मीदवाक जिसके पास अधिक संसाधन हैं, इसका फायदा उठा सकते हैं। यहाँ आयोग ने निष्पक्ष चुनाव कराने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है।
(4) चुनाव आयोग का एक और गुजरात दौरा, चुनावी तैयारियों का जायजा लिया।
उत्तर- गुजरात में मतकेंद्रों पर कब्जा तथा धाँधली होने की संभावना संबंधी खबरों के कारण वहाँ की चुनावी व्यवस्था की समीक्षा के लिए आयोग दौरा करना चाहता है। यहाँ आयोग स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की अपनी शक्ति का उपयोग कर रहा है।
(5) चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय के चुनाव सुधार संबंधी सुझाव नकारे ।
उत्तर- ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि सरकार ने आयोग के निर्देशानुसार निवर्तमान महानिदेशक को स्थानांतरित किया है। आयोग ने यहाँ निष्पक्ष चुनाव के लिए निष्पक्ष अधिकारियों के स्थानांतरण या नियुक्ति संबंधी अपनी शक्ति का उपयोग किया है।
(6) चुनाव के गुप्त खर्च पर चुनाव आयोग की नजर। उत्तर- चुनाव आयोग ने संसदीय अथवा विधान सभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले खर्च की सीमा तय कर रखी है। किंतु, अधिकतर पार्टियाँ या उम्मीदवार गुप्त रूप से खर्चा करते हैं तथा जनमत को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। अत: चुनाव आयोग ने पार्टियों के खर्चे पर कड़ी नजर रखने का फैसला किया है।
(7) उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से अपराधी नेताओं पर रोक लगाने को कहा।
उत्तर – आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। प्रत्येक सदस्य को उसके खिलाफ चल रहे गंभीर आपराधिक मुकदमों का ब्यौरा वैधानिक रूप से घोषित करना पड़ेगा।
(8) चुनाव आयोग को हरियाणा के नए पुलिस प्रमुख की नियुक्ति स्वीकार |
उत्तर- चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जवाबदेह है। इस संबंध में सारे अंतिम फैसले वही लेता है। वह किसी भी सुझाव को मानने या न मानने के लिए स्वतंत्र है।
(9) चुनाव आयोग ने 398 मतदान केंद्रों पर फिर से वोट डालने के आदेश दिए।
उत्तर – यदि किसी मतदान केन्द्र पर बूथ कब्जा या लूट अथवा धन या शक्ति के प्रयोग की पुष्टि होती है तो चुनाव आयोग को यह अधिकार है कि वहाँ से रिपोर्ट मँगवाए तथा आरोप की पुष्टि होने पर पूर्व मतदान को खारिज कर पुनर्मतदान का आदेश जारी करे।
(10) राजनैतिक विज्ञापनों पर सेंसर का अधिकार होचुनाव आयोग
उत्तर – चुनाव के समय राजनैतिक पार्टियाँ एक-दूसरे को बदनाम करने के लिए राजनैतिक प्रचार का सहारा लेती है। अत: आयोग ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए उन्हें सेंसर करने की सोची है ताकि उन्हीं प्रचारों की अनुमति दी जाए जो दूसरों पर आरोप नहीं लगाते।
(11) ‘एक्जिट पोल’ पर प्रतिबंध लगाने की फिलहाल कोई योजना नहीं- चुनाव आयोग
उत्तर- रेडियो तथा अखबारों के लिए काम कर रही कई कंपनियों द्वारा मतदान के उपरांत परिणाम का रुझान जानने के लिए एक सर्वे कराया जाता है, जिसे ‘एक्जिट पोल’ कहा जाता है। चूँकि मतदान कई चरणों में होता है, अतः इस प्रचारित रुझान का प्रभाव अगले चरण के मतदान पर पड़ सकता है। चुनाव आयोग के पास अभी इसे प्रतिबंधित करने की कोई योजना नहीं है किंतु अंतिम चरण के मतदान से पूर्व ‘एक्जिर पोल’ का प्रसारण नहीं किया जा सकता।
कहाँ पहुँचे? क्या समझे ?
प्रश्न 15. ये भारतीय चुनावों के बारे में कुछ तथ्य हैं। इनमें से प्रत्येक पर टिप्पणी करके यह बताइए कि ये चीजें हमारी चुनाव प्रणाली की शक्ति को बढ़ाती है या कमजोरी को।
(1) सोलहवीं लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या 12 फीसदी ही है।
(2) चुनाव कब हों इस बारे में अकसर चुनाव आयोग सरकार की नहीं सुनता।
(3) सोलहवीं लोकसभा के 440 से अधिक सदस्यों की संपत्ति एक करोड़ से भी अधिक है।
(4) चुनाव हारने के बाद एक मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे जनादेश मंजूर है।’
उत्तर- (1) यह हमारी चुनाव पद्धति की कमजोरी है कि आधी आबादी होने के बावजूद सांसदों की संख्या में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 12% है।
( 2 ) यह हमारी चुनावी पद्धति की मजबूती है कि चुनाव आयोग को के हित में सरकार की सलाह न मानने की स्वतंत्रता है। चुनाव
(3) यह हमारे चुनाव तंत्र की कमजोरी है कि अमीरों तथा गरीबों को जीतने का बराबर अवसर प्राप्त नहीं होता। चुनाव अमीर लोग धन बल से चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं गरीब संसाधन के अभाव में चुनावी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाते हैं।
(4) यह हमारे चुनाव तंत्र की मजबूती है कि चुनाव हारने तथा जीतने वाले दोनों ही चुनाव परिणाम से अपनी सहमति व्यक्त करते हैं। यह स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव का सूचक है।

अभ्यास प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. चुनाव क्यों होते हैं, इस बारे में कौन-सा वाक्य ठीक नहीं है ?
(क) चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं।
(ख) लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं ।
(ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
(घ) लोग चुनाव से अपनी पसंद की नीतियाँ बना सकते हैं।
उत्तर- (ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
प्रश्न 2. भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं, यह बात बताने के लिए इनमें से कौन-सा वाक्य सही कारण नहीं देता ?
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।
(ख) भारत में चुनाव आयोग काफी शक्तिशाली है।
(ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है।
(घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियाँ जनादेश स्वीकार कर लेती है।
उत्तर- (क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।
उत्तर- (क) (4) – (ख) (1) – (ग) (2) – (घ) – ( 3 ) ।
प्रश्न 4. इस अध्याय में वर्णित चुनाव संबंधी सभी गतिविधियों की सूची बनाएँ और इन्हें चुनाव में सबसे पहले किए जाने वाले काम से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएँ। इनमें से कुछ मामले हैं –
चुनाव घोषणा पत्र जारी करना, वोटों की गिनती, मतदाता सूची बनाना, चुनाव अभियान, चुनाव नतीजों की घोषणा, मतदान, पुनर्मतदान के आदेश चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, नामांकन दाखिल करना ।
उत्तर- (i) मतदाता सूची का निर्माण
(ii) चुनाव कार्यक्रम की घोषणा
(iii) नामांकन पत्र दाखिल करना
(iv) चुनाव घोषणा पत्र जारी करना
(v) चुनाव अभियान
(vi) मतदान
(vii) पुनर्मतदान का आदेश
(viii) मतगणना
(ix) चुनाव परिणामों की घोषणा ।
प्रश्न 5. सुरेखा एक राज्य विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली अधिकारी हैं। चुनाव के इन चरणों में उसे किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए? (क) चुनाव प्रचार (ख) मतदान के दिन (ग) मतगणना के दिन
उत्तर- (क) चुनाव प्रचार – एक प्रभारी अधिकारी के रूप में सुरेखा को चाहिए कि स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव को ध्यान में रखते हुए वह सुनिश्चित करे कि,
(i) कोई भी उम्मीदवार अथवा अन्य व्यक्ति मतदाताओं को बहका अथवा धमका नहीं रहा है अथवा उन्हें किसी तरह का लालच देकर अपने समर्थन में वोट डालने के लिए प्रेरित तो नहीं कर रहा है ।
(ii) उम्मीदवारों द्वारा धर्म अथवा जाति के नाम पर मतदाताओं से समर्थन तो नहीं माँगा जा रहा है।
(iii) सरकारी मशीनरियों का दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा है।
(iv) क्या ये लोग तय सीमा में चुनाव अभियान के दौरान खर्च कर रहे हैं।
(ख) मतदान के दिन – सुरेखा को चाहिये कि वह इस बात का ध्यान रखे कि मतदाताओं को किसी भी तरह से वोट डालने से रोका तो नहीं जा रहा है। किसी तरह की धाँधली तो नहीं की जा रही है? इसे मतपेटियाँ छीनने, जबरन बूथ पर कब्जा करने आदि जैसी चीजों की रिपोर्ट तुरंत आयोग को करनी चाहिए।
(ग) मतगणना के दिन – मतों की स्वतंत्र तथा निष्पक्ष गणना के लिए उसे पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। उसे पार्टियों के समर्थकों द्वारा की जाने वाली किसी भी संभावित घटना के लिए सतर्क रहना चाहिए।
प्रश्न 6. नीचे दी गई तालिका बताती है कि अमेरिकी कांग्रेस के चुनावों के विजयी उम्मीदवारों में अमेरिकी समाज के विभिन्न समुदाय के सदस्यों का क्या अनुपात था। ये किस अनुपात में जीते इसकी तुलना अमेरिकी समाज में इन समुदायों की आबादी के अनुपात से कीजिए। इसके आधार पर क्या आप अमेरिकी संसद के चुनाव में भी आरक्षण का सुझाव देंगे ? अगर हाँ तो क्यों और किस समुदाय के लिए? अगर नहीं, तो क्यों ?
समुदाय का प्रतिनिधित्व ( प्रतिशत में )
उत्तर- हाँ, यू.एस. कांग्रेस में प्रतिनिधिक पद्धति लागू की जानी चाहिए क्योंकि इसके द्वारा प्रत्येक समुदाय को प्रतिनिधि सभा में बराबर का प्रतिनिधित्व ( उनकी आबादी के अनुपात में) मिलना संभव हो सकेगा।
आबादी में काले लोगों तथा हिस्पैनिक का कुल प्रतिशत हिस्सा 26% होने के बावजूद, कांग्रेस में केवल उन्हें 13% (अर्थात् अपनी आबादी के अनुपात में आधा) प्रतिनिधित्व प्राप्त है। जबकि, श्वेत लोगों को उनकी आबादी से भी 16% अधिक प्रतिनिधित्व प्राप्त है।
प्रश्न 7., क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इनमें से सभी पर अपनी राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
(क) भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं है।
(ख) हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
(ग) सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना बहुत आसान होता है।
(घ) अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए कई कदम उठाने जरूरी है।
उत्तर – (क) नहीं, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग को पर्याप्त शक्तियाँ दी गई हैं –
(i) चुनाव संबंधी सरकार की किसी भी सलाह को मानने के लिए आयोग बाध्य नहीं है।
(ii) आयोग सत्ताधारी पार्टी को सरकारी मशीनरियों के दुरुपयोग से रोक सकता है।
(ख) हाँ, यह स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव का सूचक है।
(i) यदि चुनावों में धाँधली होती तो मतदाताओं की संख्या निरंतर घटती जाती।
(ii) पिछले चुनाव में 61% मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति मतदाताओं का मतदान प्रतिशत तो इससे भी अधिक है।
(ग) नहीं, असफल शासक दल के लिए चुनाव जीतना अपेक्षाकृत कठिन है।
(i) मतदाता चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा नहीं किए जाने के कारण प्राय: इनसे नाराज रहते हैं।
(ii) विरोधी पार्टियों द्वारा नए वादे करने के कारण माहौल उनके पक्ष में चला जाता है।
(घ) हाँ, चुनावों को पूर्ण स्वतंत्र तथा निष्पक्ष बनाने के लिए वर्तमान में सुधारों की आवश्यकता बढ़ गई है।
(i) चुनाव के दौरान अधिकतम मात्रा में धन का दुरुपयोग होने लगा है।
(ii) उम्मीदवारों के रूप में अपराधी पृष्ठभूमि के लोग चुनाव में भाग लेते हैं वे अपनी ताकत से जनता को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 8. चिनप्पा को दहेज के लिए अपनी पत्नी को परेशान करने के जुर्म में सजा मिली थी। सतवीर को छुआछूत मानने का दोषी माना गया था। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी । क्या यह फैसला लोकतांत्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धान्तों के खिलाफ जाता है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर- नहीं, आयोग के निर्देशानुसार गंभीर आपराधिक मामले जिन व्यक्तियों पर साबित हुए हैं, उन्हें वह चुनाव लड़ने से वंचित कर सकता है। दूसरा, संवैधानिक प्रावधान के तहत छुआछूत का व्यवहार एक दंडनीय अपराध है। इसी प्रकार महिलाओ के विरुद्ध अपराध भी विधि-विरुद्ध है।
प्रश्न 9. यहाँ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोर्ट दी गई है। क्या ये देश अपने यहाँ के चुनावों में सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे?
(क) नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जान-बूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा द्दी और उसे जीता हुआ घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीदवार को मिले पाँच लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।
उत्तर- हाँ, यह देश भारतीय मतगणना पद्धति से सीख ले सकता है। हमारे यहाँ मतगणना के समय चुनाव में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधियों के पर्यवेक्षक मौजूद होते हैं तथा उनके सामने मतों की गणना की जाती है। इतना ही नहीं, किसी भी तरह का संदेह होने पर पुर्नमतगणना की भी व्यवस्था है।
(ख) फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक परचा बाँटा गया जिसमें धमकी दी गई कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून-खराबा हो जाएगा। यह धमकी भारतीय मूल के मतदाताओं को दी गई थी।
उत्तर- हाँ, फिजी के लोग भारतीय चुनाव पद्धति से सीख सकते हैं
(i) इस तरह की धमकियों से निपटने के लिए संवैधानिक तथा विधिक प्रावधान होने चाहिए तथा ऐसी शक्तिशाली एजेंसी होनी चाहिए जो तत्काल दंडात्मक कार्रवाई कर सके ।
(ii) यह प्रावधान होना चाहिए कि जो कोई पार्टी इस तरह के कार्यों में लिप्त पाई जाएगी, उसको चुनाव लड़ने में अयोग्य करार दिया जाएगा।
(ग) अमेरिका के हर प्रांत में मतदान, मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियाँ हैं। सन् 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा प्रांत के अधिकारियों ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।
उत्तर- हाँ; अमेरिका, भारतीय चुनाव पद्धति से सीख ले सकता है
(i) चुनाव में आयोजन के लिए यहाँ एकीकृत व्यवस्था है जो राष्ट्रीय चुनाव आयोग के रूप में काम करती है। इसके नियम और आदेश संपूर्ण देश में समान रूप से लागू होते हैं।
(ii) यह संस्था स्वतंत्र तथा सरकारी प्रभाव से मुक्त है। यह चुनाव के दौरान सरकार के फैसलों पर रोक लगा सकती है, यदि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के हित में न हो।
प्रश्न 10. भारत में चुनावी गड़बड़ियों से संबंधित कुछ रिपोर्टें यहाँ दी गई हैं। प्रत्येक मामले में समस्या की पहचान कीजिए। इन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?
(क) चुनाव की घोषणा होते ही मंत्री महोदय ने बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
उत्तर- (i) चुनाव की घोषणा के बाद मंत्री द्वारा की गई यह घोषणा जनमत को प्रभावित करने वाला कदम है जो निष्पक्ष चुनाव में बाधक है।
(ii) इसके लिए मंत्री को कारण बताओ नोटिस आयोग जारी करे तथा अपेक्षित जवाब नहीं मिलने पर उनकी उस घोषणा को अवैध घोषित करे तथा दंडात्मक कार्रवाई करे।
(ख) विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली।
उत्तर- (i) यह निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न करने में बाधक है। इससे उन पार्टियों को जनता तक अपनी बात पहुँचाने का समान अवसर प्राप्त नहीं हुआ है। फलत: मतदान के प्रभावित होने की आशंका है।
(ii) आयोग को चाहिए कि अविलंब इसकी जाँच करवाए तथा सही पाए जाने पर उन पार्टियों को भी दूरदर्शन तथा रेडियो तक पर्याप्त पहुँच सुनिश्चित करने की व्यवस्था करे ।
(ग) चुनाव आयोग की जाँच से एक राज्य की मतदाता सूची में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले।
उत्तर- (i) इस तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव बाधित होगा क्योंकि ये सभी वोटर किसी एक पार्टी के पक्ष में मत करेंगे।
(ii) चुनाव आयोग इस मतदाता सूची को खारिज करे तथा सही मतदाता सूची तैयार करने का आदेश जारी करे। इस कार्य में लिप्त अधिकारियों को दंडित करने के आदेश जारी किए जाएँ।
(घ) एक राजनैतिक दल के गुंडे बंदूकों के साथ घूम रहे थे, दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदान में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।
उत्तर- (i) राजनीति के इस अपराधीकरण से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के होने की संभावना कम हो जाएगी। लोग इनके डर से चुनाव में भाग लेने के लिए आगे नहीं आएँगे।
(ii) आयोग को चाहिए कि ऐसे तत्वों तथा संबंधित पार्टी का पता लगाकर उन पर उचित कार्रवाई करे। सभी उम्मीदवारों को समुचित सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए। प्रशासन से विधिव्यवस्था की चौकसी बढ़ाने के लिए कहा जाए।
प्रश्न 11. जब यह अध्याय पढ़ाया जा रहा था तो रमेश कक्षा में नहीं आ पाया था। अगले दिन कक्षा में आने के बाद उसने अपने पिताजी से सुनी बातों को दोहराया । क्या आप रमेश को बता सकते हैं कि उसके इन बयानों में क्या गड़बड़ी है ?
(क) औरतें उसी तरह वोट देती है जैसा पुरुष उनसे कहते हैं इसलिए उनको मताधिकार देने का कोई मतलब नहीं है ।
(ख) पार्टी-पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है। चुनाव में सबकी सहमति वाला फैसला होना चाहिए, प्रतिद्वंद्विता नहीं होनी चाहिए।
(ग) सिर्फ स्नातकों को ही चुनाव लड़ने की इजाजत होनी चाहिए।
उत्तर – (क) वोट के अधिकार का संबंध इस बात से बिल्कुल नहीं है कि व्यक्ति अपने उस अधिकार का किस तरह प्रयोग करता है। अत:, लैंगिक पक्ष का विचार किए बिना प्रत्येक व्यक्ति को वोट का अधिकार होना चाहिए।
(ख) यह सच है कि पार्टी राजनीति समाज में तनाव पैदा करती है, किंतु चुनावों में प्रायः सहमति की संभावना नगण्य है, क्योंकि प्रत्येक उम्मीदवार विजयी होना चाहता है तथा इस मुद्दे पर सहमति बनने की कोई संभावना ही नहीं है। अतः स्वस्थ प्रतियोगिता ही चुनाव का बेहतर विकल्प है।
(ग) नहीं, यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है। खासकर हमारे देश में, जहाँ अशिक्षा बहुत अधिक है, यह लोगों के अधिकार का हनन होगा।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सही विकल्प का चयन कीजिए
1. किसी सदस्य की मृत्यु एवं इस्तीफे के कारण खाली हुए स्थान पर होने वाले चुनाव को क्या कहा जाता है ?
(a) उप-चुनाव
(b) आम चुनाव
(c) मध्यावधि चुनाव
(d) लोकसभा चुनाव
2. लोकसभा या विधान सभा का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है ?
(a) तीन वर्षों का
(b) पाँच वर्षों का
(c) सात वर्षों का
(d) नौ वर्षों का
3. निर्वाचन क्षेत्र की सीमा किसके आधार पर निर्धारित होती है ?
(a) जनसंख्या
(b) संस्कृति
(c) भाषा
(d) गाँवों की संख्या
4. ‘भारत में चुनाव लोकतांत्रिक हैं।’ इस संबंध में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) भारत में चुनावों में हारी हुई पार्टी चुनाव के नतीजों को जनादेश मानकर स्वीकार कर लेती है।
(b) चुनाव आयोग शक्तिशाली है।
(c) 18 वर्ष से अधिक उम्र की आयु के लोगों को वोट का अधिकार दिया गया है।
(d) भारत में विश्व के मुकाबले सबसे अधिक मतदाता है।
5. भारत में चुनाव के संचालन में कौन-सा तर्क गलत है?
(a) चुनाव के द्वारा लोग सरकार के कार्यों का मूल्यांकन कर सकते हैं।
(b) लोग अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनते हैं।
(c) चुनाव के द्वारा लोग न्यायपालिका के कार्यों का मूल्यांकन करते हैं।
(d) लोग यह संकेत दे सकते हैं कि कौन-सी नीति उन्हें पसंद है?
6. निम्नलिखित में कौन-सा कथन लोकतांत्रिक निर्वाचन के खिलाफ है?
(a) दल तथा सदस्य चुनाव लड़ने हेतु स्वतंत्र होने चाहिए।
(b) निर्वाचन नियमित तथा सत्र समाप्त होते ही होना चाहिए।
(c) मतदान का अधिकार चुने हुए लोगों को ही होना चाहिए।
(d) निर्वाचन स्वतंत्र तथा निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए
7. जब सरकारी अधिकारी किसी चुनावी कार्यक्रम में लगे होते हैं तो किसके नियंत्रण में कार्य करते हैं?
(a) सरकार
(b) चुनाव आयुक्त
(c) संसद
(d) न्यायालय
8. भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति इनमें से कौन करता है ?
(a) भारत के मुख्य न्यायाधीश
(b) भारत के प्रधानमंत्री
(c) भारत के राष्ट्रपति
(d) भारत की जनता
9. भारत में चुनाव आयोग की नियुक्ति कौन करता है? (a) प्रधानमंत्री
(b) राष्ट्रपति
(c) उपराष्ट्रपति
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (1) (a) उप-चुनाव (2) (b) पाँच वर्षों का (3) (a) जनसंख्या (4) (d) भारत में विश्व के मुकाबले सबसे अधिक मतदाता है। (5) (c) चुनाव के द्वारा लोग न्यायपालिका के कार्यों का मूल्यांकन करते हैं। (6) (c) मतदान का अधिकार चुने हुए लोगों को ही होना चाहिए। (7) (b) चुनाव आयुक्त (8) (c) भारत के राष्ट्रपति (9) (b) राष्ट्रपति ।
प्रश्न 2. एक शब्द / वाक्य में उत्तर दीजिए –
(1) मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) किसे कहते हैं ?
(2) किस नेता ने गरीबी हटाओ का नारा दिया?
(3) मध्यावधि चुनाव किसे कहते हैं?
(4) हमारे देश में मतदान की योग्यता की क्या आयु निर्धारित है?
(5) लोकतंत्र बचाओ का नारा किसने दिया?
उत्तर- (1) मतदान की योग्यता रखने वाले लोगों की सूची को मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) कहते हैं। (2) इंदिरा गांधी । (3) निश्चित समय से पूर्व लोकसभा के भंग होने पर पूरे देश में होने वाले चुनावों को मध्यावधि चुनाव कहते हैं। (4) 18 वर्ष । (5) जनता पार्टी ने।
प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) लोकसभा में कुल ……….  सीटें हैं।
(2) लोकसभा में अनुसूचित जातियों के लिए …….. सीटें आरक्षित हैं।
(3) लोकसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें ……… आरक्षित है।
(4) लोकदल नामक पार्टी का गठन …..…… किया।
(5) क्षेत्रफल के अनुसार देश का सबसे बड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र……… है।
(6) क्षेत्रफल के अनुसार देश का सबसे छोटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र ……… है।
उत्तर – ( 1 ) 543 (2) 79 (3) 41 (4) चौधरी देवीलाल (5) लद्दाख (6) चांदनी चौक।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
■ लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. निर्वाचन क्षेत्र या सीट किसे कहते हैं?
उत्तर- चुनाव के उद्देश्य से देश को अनेक क्षेत्रों में बाँट लिया के गया है, इन्हें निर्वाचन क्षेत्र या सीट कहते हैं।
प्रश्न 2. आम चुनाव और उपचुनाव में क्या अन्तर है?
उत्तर- आम चुनाव और उपचुनाव में अंतर निम्नलिखित है –
(1) पाँच साल बाद सभी चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है, लोकसभा और विधानसभाएँ भंग हो जाती है, फिर सभी चुनावी क्षेत्रों में होने वाला चुनाव ‘आम चुनाव’ कहलाता है।
(2) किसी क्षेत्र के सदस्य की मृत्यु या इस्तीफे से खाली सीट के लिए चुनाव ‘उपचुनाव’ कहलाता है।
प्रश्न 3. राजनीतिक दलों द्वारा अपनाए जाने वाले विभिन्न चुनाव प्रचार की विधियों या साधनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- चुनाव अभियान के विभिन्न माध्यम या साधन-
(1) पोस्टर लगाना, (2) सभाएँ करना, (3) भाषण देना, (4) जुलूस निकालना, (5) घर-घर जा कर मुलाकात करना।
प्रश्न 4. भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर- चुनाव आयोग की व्यवस्था निम्नानुसार हैं-
(1) चुनाव से पूर्व मतदाता सूचियों को ठीक करना ।
(2) सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग पर नियंत्रण |
(3) मतदाताओं के लिए पहचान पत्र ।
(4) चुनाव याचिका का जल्द निपटारा ।
(5) चुनाव में धन-बल के प्रयोग की जाँच।
प्रश्न 5. आदर्श चुनाव संहिता क्या है ? इसके मुख्य प्रावधान क्या है ?
उत्तर- चुनाव अभियान के समय राजनीतिक दलों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों को चुनाव आचार संहिता कहा जाता है। मुख्य प्रावधान –
(1) चुनाव के प्रचार के लिए किसी धार्मिक स्थल का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
(2) सरकारी वाहनों, विमानों और सरकारी अधिकारियों का चुनाव प्रचार में उपयोग नहीं किया जाएगा।
(3) चुनाव की घोषणा के बाद सरकार द्वारा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं लिया जाएगा एवं कोई योजना का शिलान्यास नहीं किया जाएगा।
प्रश्न 6. चुनावी कानूनों के अनुसार चुनावों के दौरान कोई भी उम्मीदवार या पार्टी क्या काम नहीं कर सकती ?
उत्तर- चुनावी के कानूनों अनुसार चुनावों के दौरान कोई भी उम्मीदवार या पार्टी निम्नलिखित काम नहीं कर सकती-
(1) मतदाता को प्रलोभन, घूस या धमकी ।
(2) जाति या धर्म के नाम पर वोट मांगना ।
(3) चुनावी अभियान में सरकारी साधनों का इस्तेमाल ।
(4) लोकसभा चुनाव में एक क्षेत्र में 25 लाख या विधानसभा क्षेत्र में 10 लाख से ज्यादा खर्च।
(5) चुनाव प्रचार के लिए किसी धर्मस्थल का प्रयोग।
प्रश्न 7. भारतीय चुनाव आयोग के अधिकार क्या है?
उत्तर भारतीय चुनाव आयोग के अधिकार –
(1) चुनाव अधिसूचना जारी करने से लेकर नतीजों की घोषणा तक चुनाव प्रक्रिया का संचालन।
(2) आदर्श चुनाव संहिता लागू करना तथा उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और पार्टियों को दण्डित करना।
(3) चुनावों के दौरान सरकार को दिशा-निर्देश मानने का आदेश देना।
(4) सरकारी अधिकारियों को अपने अधीन करके उनसे चुनावी काम-काज लेना।
(5) जिन मतदान केन्द्रों पर चुनाव ढंग से नहीं हुआ हो वहां दोबारा चुनाव करवाना।
प्रश्न 8. निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- (1) चुनाव की घोषणा,
(2) प्रत्याशियों का चयन,
(3) नामांकन पत्र भरना,
(4) चुनाव चिह्नों का आबंटन,
(5) राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी घोषणा पत्र जारी करना,
(6) चुनाव अभियान,
(7) मतदान,
(8) मतों की गणना,
(9) परिणामों की घोषणा ।
प्रश्न 9. लोकतांत्रिक चुनावों के लिए जरूरी न्यूनतम शर्तें क्या है ?
उत्तर- लोकतांत्रिक चुनावों के लिए जरूरी न्यूनतम शर्ते-
(1) हर किसी को मताधिकार,
(2) चुनावों में विकल्प उपलब्ध,
(3) चुनाव का अवसर नियमित अंतराल पर,
(4) वास्तविक चुनाव,
(5) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव |
प्रश्न 10. भारतीय चुनाव आयोग के सामने कौन-कौन सी चुनौतियाँ हैं?
उत्तर- भारतीय चुनाव आयोग के सामने चुनौतियाँ –
(1) ज्यादा रूपये-पैसे वाले उम्मीदवारों और पार्टियों के गलत तरीकों पर रोकथाम।
(2) अपराधिक पृष्ठभूमि और संबंधों वाले उम्मीदवारों पर लगाम कसना ।
(3) पारिवारिक संबंधों की बुनियाद पर टिकट मिलने पर रोकथाम।
(4) मतदाता को चुनने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराना।
(5) छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की परेशानियों का निपटारा।
प्रश्न 11. लोकतंत्र में चुनावों की आवश्यकता का वर्णन कीजिए ।
उत्तर- एक लोकतांत्रिक देश में चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि-
(1) आधुनिक लोकतंत्र में लोग प्रत्यक्ष रूप से प्रशासन में भाग नहीं ले सकते हैं। इस कार्य को केवल उनके प्रतिनिधि कर सकते हैं। अतः इन प्रतिनिधियों को चुनने के लिए चुनाव जरूरी है।
( 2 ) यह लोगों को सरकार चलाने के लिए अपने पसंद के प्रतिनिधि को चुनने के अवसर प्रदान करता है।
(3) चुनाव लोगों को स्वच्छ एवं सहायक सरकार को चुनने के लिए नियंत्रण उनके हाथों में देता है।
प्रश्न 12. चुनाव में नामांकन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर किन उद्घोषणा व्यवस्था को लागू किया गया ?
अथवा
नामांकन के समय प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा कौन-सी वैधानिक घोषणाएँ करना आवश्यक होता है ? इसके क्या निहितार्थ हैं?
उत्तर- सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार नामांकन के समय प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा की जाने वाली वैधानिक घोषणाएँ निम्नलिखित हैं-
(1) उम्मीदवार के विरुद्ध कोई भी प्रकृति का आपराधिक मामला जो अदालत में विचाराधीन है।
(2) उम्मीदवार तथा उसके परिवार की संपत्तियों एवं देनदारियों का संपूर्ण ब्यौरा |
(3) उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता ।

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