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RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 4 भूमि संसाधन और कृषि

RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 4 भूमि संसाधन और कृषि

Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 4 भूमि संसाधन और कृषि

पाठगत प्रश्न
(आओ करके देखें)

(पृष्ठ संख्या 30)

प्रश्न 1.
पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ संख्या 30 पर दिए गए। दोनों चित्रों को देखकर इनमें भूमि उपयोग के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चित्र 1 में उस भूमि का चित्र दिया गया है जिसमें सिंचाई सुविधाएँ उपलब्ध हैं एवं भूमि उपजाऊ है अतः उस पर फसल उत्पादन किया जा रहा है जबकि चित्र 2 में रेगिस्तानी इलाका है तथा वहाँ सिंचाई सुविधाओं का अभाव है एवं रेतीली मिट्टी है अतः वहाँ पशुपालन का कार्य किया जा रहा है।

(पृष्ठ संख्या 31)
पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ संख्या 31 पर दिये राजस्थान के मिट्टी वितरण मानचित्र का अध्ययन कर बताइए।

प्रश्न 2.
रेतीली मिट्टी राजस्थान के किन-किन जिलों में मिलती है?
उत्तर:
राजस्थान में रेतीली मिट्टी मुख्यतः श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर एवं जालौर जिलों में पायी जाती है।

प्रश्न 3.
कछारी मिट्टी किन-किन जिलों में पायी जाती है?
उत्तर:
राज्य में कछारी मिट्टी मुख्यतः जयपुर, दौसा, टोंक, भरतपुर एवं धौलपुर जिलों में पायी जाती है।

प्रश्न 4.
हाड़ौती के पठारी प्रदेश में कौनसी मिट्टी पाई जाती है?
उत्तर:
हाड़ौती के पठारी प्रदेश में मध्यम काली मिट्टी पाई जाती है।

(पृष्ठ संख्या 34)
प्रश्न 1.
आपके क्षेत्र में किसान मुख्य रूप से वर्षा ऋतु, शीत ऋतु एवं ग्रीष्म ऋतु में कौन-कौनसी फसलें उगाते हैं? उनकी सूची बनाकर कक्षा में सहपाठियों की सूची के साथ उसकी तुलना कीजिए।
उत्तर:

मौसम कृषि ऋत प्रमुख फसलें
1. वर्षा ऋतु खरीफ बाजरा, मक्का, ज्वार, मूंगफली,
चावल
2. शीत ऋतु रबी गेहूँ, जौ, चना, सरसों ।
3. ग्रीष्म ऋतु जायद फल-सब्जी, रजगा, बरसीम

(पृष्ठ संख्या 35)
प्रश्न 1.
आप अपने दैनिक जीवन में किन-किन फसलों का उपयोग करते हैं ? सूची बनाइए।
उत्तर:
हम हमारे दैनिक जीवन में मुख्यतः गेहूँ, जौ, चना, बाजरा, चावल, मूग, मोठ, मूगफली, कपास, जूट, चाय, कहवा, सरसों आदि फसलों का उपयोग करते

प्रश्न 2.
राजस्थान की प्रमुख खाद्यान्न, दलहन व तिलहन फसलों एवं उनके उत्पादक जिलों की सूची बनाइए।
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख फसलें एवं उनके उत्पादक जिलों की सूची निम्न प्रकार है-

1. फसल का नाम उत्पादक जिले
(i) गेहूँ श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बारां, सवाईमाधोपुर, कोटा, करौली, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भीलवाड़ा, टोंक, पाली, अजमेर, डूंगरपुर और बाँसवाड़ा।
(ii) बाजरा जयपुर, दौसा, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जालौर, चूरू व नागौर।
(iii) मक्का चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, उदयपुर, बाँसवाड़ा, झालावाड़ व डूंगरपुर।
(iv) चावल श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, बूंदी, झालावाड़, बारां, कोटा, उदयपुर और चित्तौड़गढ़।
2. दलहन फसलें
(i) चना हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, अलवर, भरतपुर, जयपुर, दौसा, टोंक, झालावाड़, कोटा।
3.तिलहन फसलें
(i) सरसों अलवर, भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली, बीकानेर, श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़।
(ii) मूंगफली बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चित्तौड़गढ़, जयपुर, सीकर।

(पृष्ठ संख्या 36)
प्रश्न 1.
राजस्थान का एक रूपरेखा मानचित्र लेकर उसमें राजस्थान की विभिन्न मिट्टियों के वितरण को दर्शाइये।
उत्तर:
[नोट-इसके लिए मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न देखें।]

प्रश्न 2.
कृषि पर आधारित उद्योगों की सूची बनाइए।
उत्तर:
कृषि पर आधारित उद्योग

प्रश्न 3.
राजस्थान में चलवासी पशुचारण की जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर:
चलवासी पशुचारण-राजस्थान में चलवासी पशुचारण मुख्यतः पश्चिमी राजस्थान में प्रचलित है। इसके अन्तर्गत पशुचारक अपने पशुओं के साथ चारे तथा जल के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते हैं। पशुचारक मुख्यतः भेड़, बकरी, ऊँट आदि पालते हैं। इन पशुओं से पशुचारकों के परिवारों को दूध, मांस, ऊन, खाल और अन्य उत्पाद मिलते हैं।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए।
(A) निम्नलिखित में से कौनसी एक खरीफ की फसल है
(क) गेहूं
(ख) मक्का
(ग) चना
(घ) सरसों
उत्तर:
(ख) मक्का

(B) निम्नलिखित में से कौनसी तिलहन फसल है।
(क) मक्का
(ख) गेहूँ।
(ग) सरसों
(घ) चना
उत्तर:
(ग) सरसों

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

  1. कपास एक प्रमुख ……………. फसल है।
  2. सर्वाधिक सरसों के उत्पादन के कारण राजस्थान को ………… प्रदेश भी कहा जाता है।
  3. कृषि के दो मुख्य प्रकार – जीवन निर्वाह कृषि और कृषि है।
  4. खनिज पदार्थों एवं ह्यूमस को सही मिश्रण मिट्टी को …………… बनाता है।

उत्तर:

  1. औद्योगिक
  2. सरसों
  3. वाणिज्यिक
  4. उपजाऊ

प्रश्न 3.
वाणिज्यिक कृषि किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वह कृषि जो फसल और पशु उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए की जाती है, वाणिज्यिक कृषि कहलाती है। इसमें विस्तृत कृषि और अधिक पूँजी का प्रयोग किया जाता। है। इस कृषि में अधिकांश कार्य नवीन तकनीक एवं मशीनों की सहायता से किया जाता है। इसमें वाणिज्यिक फसल उत्पादन, मिश्रित कृषि और रोपण कृषि सम्मिलित है।

प्रश्न 4.
राजस्थान की प्रमुख कृषि ऋतुओं एवं उनकी प्रमुख फसलों की सूची बनाइए।
उत्तर:
कृषि ऋतुएँ एवं उनकी प्रमुख फसलें-

कृषि ऋतु प्रमुख फसलें
1. खरीफ बाजरा, मक्का, ज्वार, मूंगफली, चावल आदि ।
2. रबी गेहूँ, जौ, चना, सरसों आदि।
3. जायद फल, सब्जी, रजगा, बरसीम आदि।

 प्रश्न 5.
राजस्थान में पाई जाने वाली मिट्टियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान में पाई जाने वाली मिट्टियाँ-

  1. रेतीली मिट्टी
  2. लाल-लोमी मिट्टी
  3. मिश्रित लाल-काली मिट्टी
  4. भूरी रेतीली कछारी मिट्टी
  5. भूरी रेतीली मिट्टी
  6. लाल-पीली मिट्टी
  7. मध्यम काली मिट्टी
  8. कछारी मिट्टी

प्रश्न 6.
राजस्थान की प्रमुख व्यापारिक फसलें कौनकौनसी हैं ? ये किन-किन जिलों में पैदा होती हैं?
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख व्यापारिक फसलें – राजस्थान की प्रमुख व्यापारिक फसलें एवं उनके उत्पादक जिले निम्न प्रकार से हैं-
1. मूंगफली – यह एक तिलहनी एवं वाणिज्यिक फसल है, जिसे खरीफ ऋतु में उगाया जाता है। यह अधिकतर वर्षा पर निर्भर है और राज्य के लगभग 3 लाख हैक्टेयर भूमि में इसकी खेती होती है। विगत कुछ वर्षों में बीकानेर में मूंगफली की खेती का काफी प्रसार हुआ। है। अन्य जिलों में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चित्तौड़गढ़, जयपुर आदि हैं।

2. सरसों –
 राजस्थान देश का सर्वाधिक सरसों उत्पादक राज्य है। राज्य में प्रमुख सरसों उत्पादक जिले अलवर, भरतपुर, धौलपुर, सवाईमाधोपुर और करौली हैं। उत्तरी जिलों में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर प्रमुख स्थान रखते हैं।

3. कपास –
 यद्यपि राज्य में देश की तुलना में कपास का उत्पादन नगण्य है, लेकिन यह सूती वस्त्र उद्योग के लिए बहुत लाभदायक है। कपास का उत्पादन मुख्यतः श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ के साथ ही मेवाड़ एवं हाड़ौती क्षेत्रों में होता है। कपास का राज्य की अर्थव्यवस्था में एक महत्त्वपूर्ण स्थान है।

प्रश्न 7.
मिट्टी निर्माण को प्रभावित करने वाले तत्त्वों का प्रवाह चार्ट बनाइए।
उत्तर:
मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले तत्त्वों का प्रवाह चार्ट-

RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 4 भूमि संसाधन और कृषि 1

प्रश्न 8.
राजस्थान की प्रमुख खाद्यान्न फसलों के एवं उनके उत्पादक जिलों की सूची बनाइए।
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख खाद्यान्न फसलें एवं उत्पादक जिले-

प्रमुख खाद्यान्न फसल उत्पादक जिले
1. गेहूँ श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भीलवाड़ा, टोंक, पाली, अजमेर, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा आदि।
2. बाजरा पश्चिमी राजस्थान के जिले, जयपुर, दौसा, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर आदि।
3. चावल हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ आदि।
4. मक्का चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भीलवाड़ा, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर आदि।

 

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

बहुविकल्पात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राज्य के दक्षिण पूर्व के हाड़ौती प्रदेश में किस मिट्टी की अधिकता है
(अ) जलोढ़ मिट्टी
(ब) काली मिट्टी
(स) क्षारीय मिट्टी
(द) लाल-लोमी मिट्टी
उत्तर:
(ब) काली मिट्टी

प्रश्न 2.
निम्न में कौनसी फसल रबी की फसल है-
(अ) मक्का
(ब) ज्वार
(स) जौ
(द) बाजरा
उत्तर:
(स) जौ

प्रश्न 3.
निम्न में से कौनसी खाद्यान्न फसल नहीं है।
(अ) मूंगफली
(ब) गेहूँ
(स) चावल
(द) बाजरा
उत्तर:
(अ) मूंगफली

प्रश्न 4.
रेशेदार फसलें हैं-
(अ) कहवा और चाय
(ब) कपास और जूट
(स) चावल और गेहूँ
(द) मूंगफली और सरसों
उत्तर:
(ब) कपास और जूट

प्रश्न 5.
विश्व में गेहूँ उत्पादन में भारत का कौनसा स्थान है?
(अ) पहला
(ब) दूसरा
(स) तीसरी
(द) चौथा
उत्तर:
(ब) दूसरा

प्रश्न 6.
देश का सबसे बड़ा सरसों उत्पादक राज्य है
(अ) राजस्थान
(ब) उत्तरप्रदेश
(स) केरल
(द) मध्यप्रदेश
उत्तर:
(अ) राजस्थान

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. स्वामित्व के आधार पर भूमि को निजी और…. भूमि में विभाजित किया जाता है। (सहकारी/सामुदायिक)
  2. भूमि संसाधन की उपयोगिता उस क्षेत्र में पाई जाने वाली…….की प्रकृति पर निर्भर करती है। (मिट्टी/वनस्पति)
  3. कृषि को दो मुख्य प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है……………. और………………। (जीवन निर्वाह कृषि/ परम्परागत; वाणिज्यिक कृषि/नवीन)
  4. स्थानान्तरी कृषि मुख्यत:::द्वारा की जाती है। (आदिम जनजातियों/वैज्ञानिकों)
  5. सरसों, मूंगफली, सोयाबीन आदि…..:फसलें हैं। (खाद्यान्न/तिलहनी)

उत्तर:

  1. सामुदायिक
  2. मिट्टी
  3. जीवन निर्वाह कृषि, वाणिज्यिक कृषि
  4. आदिम जनजातियों
  5. तिलहनी

निम्न वाक्यों में से सत्य/असत्य कथन छाँटिए :

  1. विश्व के कुल क्षेत्रफल का लगभग 11 प्रतिशत भाग ही ऐसा है जहाँ कृषि होती है।
  2. कृषि उत्पादन के लिए अनुकूल जलवायु, स्थलाकृति और उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है।
  3. गेहूँ, चावल, बाजरा और मक्का प्रमुख वाणिज्यिक फसलें
  4. भारत में गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता
  5. भरतपुर जिले के सेवर में राष्ट्रीय सरसों अनुसन्धान केन्द्र स्थित है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. असत्य
  5. सत्य

निम्न को सुमेलित कीजिए

(क) (ख)
(i) खाद्यान्न फसल कपास
(ii) व्यापारिक फसल रेशेदार फसल
(iii) कृषि फार्म हनुमानगढ
(iv) जूट बाजरा
(v) चना सूरतगढ़

उत्तर:
1. खाद्यान्न फसल-बाजरा
2. व्यापारिक फसल-कपास
3. कृषि फार्म–सूरतगढ़
4. जूट-रेशेदार फसल
5. चना-हनुमानगढ़

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मिट्टी किसे कहते हैं? समझाइये।
उत्तर:
धरातल पर पाई जाने वाली असंगठित पदार्थों की ऊपरी परत, जिसमें ह्यूमस भी मिला होता है, को मिट्टी कहते हैं। यह दानेदार कणों से बनी होती है।

प्रश्न 2.
रोपण कृषि क्या है?
उत्तर:
रोपण कृषि वाणिज्यिक कृषि का एक तरीका है। इसमें अधिक पूँजी एवं श्रम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
चावल की खेती के लिए कौनसी मिट्टी उपयुक्त होती है?
उत्तर:
चावल के लिए चीकायुक्त जलोढ़ मृदा जिसमें जल को रोकने की क्षमता हो, सर्वोत्तम मानी जाती है।

प्रश्न 4.
बाजरे की खेती की उपयुक्त भौगोलिक दशायें लिखिए।
उत्तर:
बाजरा कम वर्षा, उच्च तापमान तथा कम उपजाऊ बलुई मृदा में उगाया जाता है।

प्रश्न 5.
राजस्थान में प्रमुख सरसों उत्पादक जिलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
राज्य में प्रमुख सरसों उत्पादक जिले अलवर, भरतपुर, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, करौली, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर हैं।

प्रश्न 6.
कृषि भूमि से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जिस भूमि पर फसलें उगाई जाती हैं, वह कृषि भूमि कहलाती है।

प्रश्न 7.
मृदा का निर्माण किन तत्त्वों से होता है?
उत्तर:
मृदा का निर्माण चट्टानों से प्राप्त खनिजों, जैव पदार्थों और भूमि पर पाये जाने वाले अन्य तत्त्वों से होता है।

प्रश्न 8.
भौगोलिक दशाओं, उत्पाद की मांग, श्रम और तकनीकी के विकास के आधार पर कृषि के मुख्य प्रकार बतलाइये।
उत्तर:

  1. जीवन निर्वाह कृषि
  2. वाणिज्यिक कृषि

प्रश्न 9.
प्राथमिक क्रिया से आपका क्या आशय है?
उत्तर:
वे सभी गतिविधियाँ जिनका सम्बन्ध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और उपभोग से है, प्राथमिक क्रियाएँ कहलाती हैं।

प्रश्न 10.
जीवन निर्वाह कृषि किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह कृषि जो कृषक परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की जाती है, जीवन निर्वाह कृषि कहलाती है।

प्रश्न 11.
जीवन निर्वाह कृषि के प्रमुख प्रकार लिखिये।
उत्तर:

  1. आदिम निर्वाह कृषि
  2. गहन निर्वाह कृषि।

प्रश्न 12.
चलवासी पशुचारण कृषि के प्रमुख क्षेत्र बताइये।
उत्तर:
चलवासी पशुचारण कृषि शुष्क एवं अर्द्धशुष्क प्रदेशों में मध्य एशिया और भारत के कुछ भागों जैसे-जम्मूकश्मीर एवं पश्चिमी राजस्थान में प्रचलित है।

प्रश्न 13.
वाणिज्यिक कृषि के प्रमुख प्रकारों को चार्ट बनाकर दर्शाइये।
उत्तर:
वाणिज्यिक कृषि
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प्रश्न 14.
हयूमस किसे कहते हैं?
उत्तर:
वनस्पति एवं जीवों के सड़े-गले अंश को हयूमस कहते हैं।

प्रश्न 15.
स्थानान्तरित कृषि को राजस्थान में अन्य किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
स्थानान्तरित कृषि को दक्षिणी राजस्थान में ‘वालरा’ एवं उत्तरी-पूर्वी भारत में ‘झूम’ कहा जाता है।

प्रश्न 16.
वाणिज्यिक एवं खाद्यान्न फसलों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वाणिज्यिक फसलें–कपास, तिलहन। खाद्यान्न फसलें-गेहूँ, मक्का

प्रश्न 17.
राज्य में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर बोई जाने वाली फसल कौनसी है?
उत्तर:
राज्य में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर बाजरा की फसल बोई जाती है।

प्रश्न 18.
भारत में बाजरा का सर्वाधिक उत्पादन किस राज्य में होता है?
उत्तर:
देश में बाजरा का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है।

प्रश्न 19.
कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए आप क्या करेंगे? संक्षिप्त योजना बनाइये।
उत्तर:
कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए हम निम्न कार्यों की योजना बनायेंगे

  1. उन्नत किस्म के बीजों का उपयोग
  2. बोये गये क्षेत्र में विस्तार
  3. सिंचाई सुविधाओं का विकार
  4. उर्वरकों एवं कीटनाशक दवाओं का प्रयोग
  5. कृषि का मशीनीकरण आदि

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या आप सहमत हैं कि स्थानान्तरित कृषि से वनों का विनाश हो रहा है? समझाइये।
उत्तर:
हाँ, स्थानान्तरित कृषि से वनों का विनाश हो रहा है क्योंकि इसमें किसी स्थान के जंगलों को काटकर खेत बनाया जाता है तथा कटे हुए जंगलों को जला दिया जाता है ताकि राख से मिट्टी उपजाऊ हो जाए। ऐसे खेतों पर केवल दो-तीन वर्ष खेती की जाती है इसके पश्चात् उर्वरता कम होने पर किसान नए खेत पर कृषि करने लगता है।

प्रश्न 2.
राजस्थान में खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हेतु आप किस प्रकार की खेती का सुझाव देंगे ?
उत्तर:
राज्य में खाद्यान्न उत्पादन वृद्धि हेतु हम गहन निर्वाह कृषि का सुझाव देंगे। इस कृषि में कृषके एक छोटे भूखण्ड पर साधारण औजारों और अधिक परिश्रम से खेती करता है। इस प्रकार की कृषि में वर्ष के दौरान एक ही खेत से दो या तीन फसलें भी उगाई जाती हैं।

प्रश्न 3.
‘अत्यधिक लाभदायक होने पर भी राजस्थान के अधिकांश कृषक वाणिज्यिक कृषि नहीं अपना पाए हैं।’ इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
वाणिज्यिक कृषि में बड़े-बड़े खेतों पर कृषि की जाती है जिसमें उन्नत बीज एवं खाद और अधिक पूँजी का |प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार की कृषि में अधिकांश कार्य नवीन तकनीक एवं मशीनों की सहायता से किया जाता है। परन्तु राज्य में कृषकों की आर्थिक स्थिति सही नहीं है, उनके खेतों के आकार छोटे हैं तथा अधिकांश कृषक निर्धन एवं अशिक्षित हैं अतः वे वाणिज्यिक कृषि को अपना नहीं पाते

प्रश्न 4.
राजस्थान में मिट्टियों के वर्गीकरण को प्रवाह चार्ट बनाकर दर्शाइये।
उत्तर:
मिट्टियों का वर्गीकरण
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प्रश्न 5.
राजस्थान में बाजरा की फसल’ पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
भारत में सर्वाधिक बाजरा का उत्पादन राजस्थान में होता है। पश्चिमी राजस्थान की शुष्क जलवायु एवं रेतीली मिट्टी बाजरे की फसल हेतु उपयुक्त है। यह राज्य में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर बोई जाने वाली फसल है। राज्य में पश्चिमी भाग, जयपुर, दौसा, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर आदि जिलों में बाजरा पैदा किया जाता है।

प्रश्न 6.
राजस्थान की प्रमुख दलहनी फसल पर अथवा चने की फसल पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
चना – चना रबी की प्रमुख दलहनी फसल है। चने के लिए हल्की बलुई मिट्टी अच्छी रहती है। राज्य में पिछले कुछ सालों में चने का उत्पादन काफी बढ़ा है। चने का सर्वाधिक उत्पादन हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में होता है जो प्रदेश के कुल उत्पादन का चालीस प्रतिशत है। इसके अलावा अलवर, भरतपुर, जयपुर, दौसा, टोंक, करौली, सवाईमाधोपुर, उदयपुर, बाँसवाड़ा, कोटा, झालावाड़ आदि जिलों में भी इसकी कृषि होती है। पश्चिमी जिलों में चने की कृषि नगण्य है।

प्रश्न 7.
राजस्थान में कृषि विकास को समझाइये।
उत्तर:
राजस्थान में कृषि विकास का सम्बन्ध बढ़ती जनसंख्या की मांग की पूर्ति के लिए कृषि उत्पादन में वृद्धि की दिशा में किये जाने वाला प्रयास है। कृषि विकास के लिए उन्नत किस्म के बीजों का उपयोग, बोए गए क्षेत्र में विस्तार, सिंचाई सुविधाओं का विकास, उर्वरकों एवं कीटनाशक दवाओं का प्रयोग तथा कृषि का मशीनीकरण आदि महत्त्वपूर्ण उपाय हैं। इन उपायों द्वारा कृषि में विकास कर खाद्य सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है। कृषि उपज आधारित विभिन्न उद्योगों का विकास करके रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।

प्रश्न 8.
राजस्थान में स्थित सूरतगढ़ कृषि फार्म पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर जिले में सूरतगढ़ कृषि फार्म की स्थापना की गई है। यहाँ कृषि फसलों पर नये-नये प्रयोग एवं उन्नत पशुओं में वृद्धि के लिए पशु नस्ल विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। इस फार्म में अनेक फसलों तथा फलों का उत्पादन भी किया जाता है। यहाँ इंदिरा गाँधी नहर की सूरतगढ़ शाखा द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गयी है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राथमिक क्रियाओं से क्या अभिप्राय है? कृषि के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्राथमिक क्रियाएँ – इसके अन्तर्गत उन सभी गतिविधियों अथवा क्रियाओं को शामिल किया जाता है। जिनका सम्बन्ध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और उपभोग से है। कृषि भी एक प्राथमिक क्रिया है। कृषि के प्रकार-विश्व में कृषि भिन्न-भिन्न तरीकों से की जाती है। भौगोलिक दशाओं, उत्पाद की माँग, श्रम और तकनीकी के विकास के आधार पर कृषि को निम्न दो प्रकारों में बाँटा जा सकता है
1. जीवन निर्वाह कृषि – यह कृषि कृषक द्वारा परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की जाती है। इसमें पारम्परिक श्रम एवं निम्नस्तरीय तकनीकी का उपयोग किया जाता है। जीवन निर्वाह कृषि को पुनः आदिम निर्वाह कृषि तथा गहन निर्वाह कृषि में बाँटा जाता है। गहन निर्वाह कृषि में किसान एक छोटे भूखण्ड पर साधारण औजारों और अधिक परिश्रम से खेती करता है। निर्वाह कृषि में स्थानान्तरित कृषि और चलवासी पशुचारण को शामिल किया जाता है।

2. वाणिज्यिक कृषि – यह कृषि फसल और पशु उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए की जाती है। इसमें विस्तृत कृषि क्षेत्र और अधिक पूँजी का प्रयोग किया जाता है इसमें अधिकांश कार्य नवीन तकनीक एवं मशीनों की सहायता से किया जाता है। इसमें वाणिज्यिक फसल उत्पादन, मिश्रित कृषि और रोपण कृषि सम्मिलित हैं। कपास, तिलहन, गन्ना, तंबाकू आदि प्रमुख वाणिज्यिक फसलें हैं। मिश्रित कृषि में भूमि का उपयोग अनाज व चारे की फसलें उगाने और पशुपालन के लिए किया जाता है। रोपण कृषि वाणिज्यिक कृषि का एक तरीका है। इसमें अधिक
पूँजी एवं श्रम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
राजस्थान में बोई जाने वाली प्रमुख खाद्यान्न फसलों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में बोई जाने वाली प्रमुख खाद्यान्न फसलें निम्न प्रकार से हैं-
1. चावल – राजस्थान में यह एक खरीफ फसल है। इसके लिए उच्च तापमान, अधिक आर्द्रता और वर्षा की आवश्यकता होती है। चीकायुक्त जलोढ़ मृदा जिसमें जल को रोकने की क्षमता हो, सर्वोत्तम मानी जाती है। राज्य में इसका उत्पादन श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ आदि जिलों में किया जाता है।

2. गेहूँ –
 यह रबी की फसल है। इसको बोते समय मध्यम तापमान और कटाई के समय तेज धूप की जरूरत होती है। इसके लिए दोमटे मृदा उपयुक्त रहती है। इसके प्रमुख उत्पादक जिले श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा, बारां, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करौली, टोंक, पाली, अजमेर, बांसवाड़ा, उदयपुर आदि हैं।

3. बाजरा –
 राजस्थान में बाजरे की खेती सर्वाधिक क्षेत्रफल में बोई जाने वाली फसल है। यह कम वर्षा तथा उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है। भारत का सर्वाधिक बाजरा राजस्थान में होता है। यहाँ जयपुर, दौसा, भरतपुर, करौली, सवाईमाधोपुर एवं पश्चिमी राजस्थान में बाजरे का उत्पादन किया जाता है।

4. मक्का –
 यह राजस्थान और विशेषकर मेवाड़ की प्रमुख खाद्यान्न फसल है। इसके लिए अधिक तापमान एवं वर्षा और उपजाऊ लाल-काली मृदा उपयुक्त रहती है। राज्य के प्रमुख मक्का उत्पादक जिले चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर आदि हैं।

प्रश्न 3.
जीवन निर्वाह कृषि एवं वाणिज्यिक कृषि में अन्तरे स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जीवन निर्वाह कृषि एवं वाणिज्यिक कृषि में अन्तर

जीवन-निर्वाह कृषि वाणिज्यिक कृषि
1. यह कृषक परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति के उद्देश्यों से की जाती है। 1. यह व्यापारिक उद्देश्यों सेकी जाती है।
2. यह पारम्परिक श्रम व निम्न तकनीकी के प्रयोग पर आधारित होती है। 2. यह नवीनतम तकनीकी वमशीनी श्रम पर आधारित होती है।
3. यह छोटे भूखण्डों पर तथा साधारण औजारों के साथ की जाती है। 3. यह विस्तृत कृषि क्षेत्र पर व नवीनतम कृषि उपकरणों के साथ की जाती है।
4. जीवन निर्वाह कृषि में खाद्यान्न फसलों-गेहूँ, चावल आदि की खेतीपर बल दिया जाता है। 4. इसमें कपास, गन्ना, तम्बाकू, तिलहन आदि वाणिज्यिक फसलों के उत्पादन पर बल दिया जाता है।
5. इसके अन्तर्गत स्थानांतरित कृषि, चलवासी पशुचारण व गहन कृषि को शामिल किया जाता है। 5. इसके अन्तर्गत रोपण कृषि, मिश्रित कृषि व वाणिज्यिक फसल उत्पादन को शामिल किया जाता है।

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