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RBSE Solutions for Class 9 Information Technology Chapter 4 इन्टरनेट तकनीकी

RBSE Solutions for Class 9 Information Technology Chapter 4 इन्टरनेट तकनीकी

Rajasthan Board RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 इन्टरनेट तकनीकी

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
नेटवर्को का नेटवर्क कहलाता है –
(अ) LAN
(ब) MAN
(स) WAN
(द) Internet
उत्तर:
(द) Internet

प्रश्न 2.
इंटरनेट के लिए मानक तय करने वाला समूह कहलाता है –
(अ) W3C
(ब) TCP
(स) IP
(द) HTTP
उत्तर:
(द) HTTP

प्रश्न 3.
सर्वप्रथम स्थापित किये गए इंटरनेट नेटवर्क का नाम था –
(अ) NSFNET
(ब) ARPANET
(स) NICNET
(द) उक्त में से कोई नहीं.
उत्तर:
(द) उक्त में से कोई नहीं.

प्रश्न 4.
वार्ड-फाई हॉट स्पॉट वाले स्थान हैं –
(अ) शिक्षण संस्थाएँ
(ब) होटल
(स) एअरपोर्ट
(द) उक्त सभी
उत्तर:
(द) उक्त सभी

प्रश्न 5.
कम्प्यूटर पर इंटरनेट से सूचना पहुँचाने वाले सॉफ्टवेयर का नाम है –
(अ) ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर
(ब) ड्राइवर
(स) ब्राउजर
(द) उक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) ब्राउजर

प्रश्न 6.
निम्न में से कौन – सा उदाहरण ब्राउजर का नहीं है ?
(अ) नेटस्केप नेविगेटर
(ब) इन्टरनेट एक्सप्लोरर
(स) फेसबुक
(द) मोजिला फायर फॉक्स
उत्तर:
(स) फेसबुक

प्रश्न 7.
Com. से तात्पर्य होता है –
(अ) व्यावसायिक संस्था
(ब) इंटरनेट ऑपरेट कराने वाली संस्थान
(स) शैक्षणिक संस्था
(द) सरकारी संस्थान
उत्तर:
(अ) व्यावसायिक संस्था

प्रश्न 8.
वर्ल्ड वाइड वेब की फेसबुक किसे कहते हैं –
(अ) डोमेन नेम
(ब) डोमेन नेम सिस्टम
(स) वेब पेज
(द) यूनीफार्म रिर्स लोकेटर
उत्तर:
(स) वेब पेज

प्रश्न 9.
विद्यालयों के लिए मुफ्त में विज्ञापन मुफ्त खोज की सुविधा प्रदान करने वाला खर्च इंजन का नाम है –
(अ) गूगल
(ब) याहू
(स) बिंग
(द) MSN
उत्तर:
(स) बिंग

प्रश्न 10.
सर्वाधिक काम में ली जाने वाली इंटरनेट सेवा कौन – सी है –
(अ) ई-मेल
(ब) खर्च इंजन
(स) अपलोड करना
(द) डाउनलोड करना
उत्तर:
(अ) ई-मेल

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सर्वप्रथम स्थापित किए गए इंटरनेट नेटवर्क को क्या नाम था ?
उत्तर:
ARPANET

प्रश्न 2.
WWW की खोज किसने की ?
उत्तर:
WWW (World Wide Web) की खोज ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली (Tim Berners Lee) ने की।

प्रश्न 3.
इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने वाली कम्पनी को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने वाली कम्पनी को इंटरनेट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider) संक्षेप जिसे ISP भी कहते हैं।

प्रश्न 4.
कम्प्यूटर सर्वर से आने वाली सूचना को एक अच्छे प्रारूप में दिखाने का कार्य कौन करता है ?
उत्तर:
कम्प्यूटर सर्वर से आने वाली सूचना को एक अच्छे प्रारूप में दिखाने का कार्य वेब ब्राउजरे करता है।

प्रश्न 5.
http का पूरा नाम बताइए।
उत्तर:
http का पूरा नाम हाइपर टैक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (Hyper text Transfer Protocol) है।

प्रश्न 6.
किसी एक इंटरनेट प्रोटोकॉल का नाम बताइए।
उत्तर:
फाइले ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP)

प्रश्न 7.
किसी वेबसाइट के सबसेट को क्या कहते हैं?
उत्तर:
किसी वेबसाइट के सबसेट को वेब पेज कहते हैं।

प्रश्न 8.
किसी कम्प्यूटर को इंटरनेट पर किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर:
किसी कम्प्यूटर को इंटरनेट पर डोमेन (Domain) नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 9.
किसी व्यावसायिक संस्था का डोमेन नेम क्या होगा?
उत्तर:
किसी व्यावसायिक संस्था का डोमेन नेम .com (डॉट कॉम) होता है।

प्रश्न 10.
इंटरनेट पर वांछित सूचना ढूँढ़ने वाले प्रोग्राम का क्या नाम है ?
उत्तर:
सर्च इंजन (Search Engine)

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
इंटरनेट को नेटवर्को का नेटवर्क क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
इंटरनेट को नेटवर्को का नेटवर्क इसलिए कहा जाता है क्योंकि इंटरनेट कम्प्यूटरों का एक विशाल नेटवर्क है जो विश्वभर में फैले हुए छोटे-बड़े कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ता है तथा यह एक ऐसा जाल है जो टेलीफोन लाइनों, केबल अथवा विभिन्न बेतार माध्यमों से दुनिया भर के कम्प्यूटरों को परस्पर सम्पर्कित करता है, इसके माध्यम से शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, खेल, राजनीतिक, संगीत इत्यादि किसी भी क्षेत्र से सम्बन्धित जानकारी पल भर में प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
इंटरनेट प्रोटोकॉल क्या है ?
उत्तर:
प्रोटोकॉल एक नियम या कुछ निश्चित नियमों का समूह होता है, यदि एक कम्प्यूटर से डाटा या सूचना किसी अन्य कम्प्यूटर पर इंटरनेट द्वारा भेजी जाती है तो वह कुछ नियमों का पालन करती है। वह नियम तथा नियमों का समूह इंटरनेट प्रोटोकॉल या वेब प्रोटोकॉल कहलाते हैं। जैसे – TCP, IP, FTP, TELNET, HTTP, SMTP .

प्रश्न 3.
डॉयल अप व डायरेक्ट इंटरनेट कनेक्शन में अंतर बताइए।
उत्तर:
डॉयल अप कनेक्शन में उपयोगकर्ता (User) ISP से मोबाइल फोन या मॉडम के द्वारा जुड़ा होता है। इसमें उपयोगकर्ता को अपने कम्प्यूटर से अपने ISP का एक विशेष नम्बर डॉयल करना पड़ता है जिससे ISP से सम्पर्क जुड़ते ही उपयोगकर्ता इंटरनेट से जुड़ जाता है। यह एक अस्थाई कनेक्शन होता है। इसमें PPP (Point to Point Protocol) का प्रयोग किया जाता है। डायरेक्ट इंटरनेट कनेक्शन में उपयोगकर्ता ISP (Internet Service Provider) से सीधे के बल या समर्पित (Dedicated) फोन लाइन से जुड़ा होता है। इसमें विशेष नम्बर को डायल करने की आवश्यकता नहीं होती है। यह कम्प्यूटर शुरू होते ही सक्रिय हो जाता है। यह एक स्थायी कनेक्शन होता है।

प्रश्न 4.
वर्ल्ड वाइड वेब की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
यह सूचनाओं का ऐसा स्थान है वहाँ पर डॉक्यूमेन्ट एवं वेब संसाधन हाइपर टैक्स्ट लिंक के साथ इन्टरनेट से जुड़े होते हैं जिन्हें आसानी से एक्सेस (Access) किया जा सकता है।

प्रश्न 5.
हाइपर टैक्स्ट क्या है?
उत्तर:
हाइपर टैक्स्ट एक विशेष प्रकार का डाटा बेस सिस्टम है। इस सिस्टम में सभी ऑब्जेक्ट जैसे-ई-मेल, टैक्स्ट म्यूजिक, प्रोग्राम इत्यादि सभी एक दूसरे से हाइपर लिंक के द्वारा जुड़े होते हैं। जब एक हाइपर लिंक को सेलेक्ट या क्लिक किया जाता है तो यह हाइपर लिंक जिस वेब पेज या डाटा से जुड़ा जाता है, वह पेज खोल देता है।

प्रश्न 6.
वेब ब्राउजर का क्या कार्य है ?
उत्तर:
वेब ब्राउजर वह प्रोग्राम है, जिसे वेब तथा यूजर के बीच इंटरफेस के लिए काम में लिया जाता है। यह वेब पेजों को प्रदर्शित करता है तथा विभिन्न पेजों में आसानी से नेविगेट करने की सुविधा प्रदान करता है। यह वेब सामग्री को पढ़ने, सेव (Save) करने, डॉउनलोड अथवा अपलोड करने, कॉपी करने, प्रिंट निकालने, मेल भेजने व प्राप्त करने, विजिटेड साइटों की कुकीज बनाने, इतिहास (History) बनाने तथा किसी एड्रेस का बुकमार्क लगाने आदि काम करता हैं।

प्रश्न 7.
HTML का उपयोग बताइए।
उत्तर:
HTML हाइपर टैक्स्ट मार्क अप लैंग्वेज (Hyper Text Markup Language) होती है, जिसका उपयोग वेब पेजों को विकसित करने में किया जाता है। HTML ही वह लैंग्वेज होती है जो ब्राउजर द्वारा समझी जाती है। इसका अन्य प्रयोग वेब पेजों पर टैक्स्ट, ग्राफिक्स, टाइटल तथा हैडिंग के प्रारूप को तैयार करने में होती है तथा अलग-अलग पेजों को वेबसाइट के ऑन लिंक करता है।

प्रश्न 8.
डोमेन नेम से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
डोमेन पद्धति का विकास किसी कम्प्यूटर को इन्टरनेट पर नाम देने के लिए किया गया था, जिससे कि उसे आसानी से याद रखा न जा सके तथा ढूँढ़ने में भी आसानी हो, यह एक ऐसा तरीका है जिससे कि इन्टरनेट पर काम कर रहे कम्प्यूटरों को पहचाना और ढूँढ़ा जाता है। किसी भी संरचना के दो डोमेन मेन वेब के हमेशा दो या दो से अधिक भाग होते हैं। जो कि बिन्दु (Data) के द्वारा पृथक किये जाते हैं। उदाहरण – www.google.com.

प्रश्न 9.
प्रमुख खोज इंजनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
ऐसे कम्प्यूटर प्रोग्राम जो किसी कम्प्यूटर सिस्टम पर भण्डारित सूचना में से बाधित सूचना को ढूंढ़ निकालते हैं, खोज इंजन या सर्च इंजन (Search Engine) कहलाते हैं। वर्तमान में गूगल (Google), याहू (Yahoo) बिंग (Bing) आदि अनेक सर्च इंजन उपलब्ध हैं।

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्ल्ड वाइड वेब क्या है? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
वर्ल्ड वाइड वेब-यह सूचनाओं का ऐसा स्थान है। जहाँ पर डॉक्यूमेन्ट एवं वेब संसाधन (Research) हाइपर टैक्स्ट लिंक के साथ इन्टरनेट से जुड़े होते हैं, जिन्हें आसानी से एक्सेस (Access) किया जा सकता है। इसमें कुछ विशेषताएँ भी होती हैं, जो निम्न प्रकार है।

  1. यह एक प्रकार का डाटाबेस है।
  2. यह किसी विशेष रूप से समान रूप (configured) सर्वर कम्प्यूटर को इन्टरनेट द्वारा दस्तावेजों को एक मानक तरीके से भेजता है।
  3. यह वेब के विभिन्न मानक कम्प्यूटर प्लेटफार्म (UNIX, WINDOWS, MAC) प्रयोग (वेब ब्राउजर) की सुविधा प्रदान करता है।

प्रश्न 2.
वेब ब्राउजर किसे कहते हैं ? इसके कार्य बताइए।
उत्तर:
वेब ब्राउजर एक ऐसा प्रोग्राम या साफ्टवेयर है जो वर्ल्ड वाइड वेब पर उपलब्ध समस्त सूचनाओं को देखने तथा उनसे सम्बन्ध स्थापित करने की सुविधा देता है। वर्तमान में कुछ वेब ब्राउजर, इन्टरनेट एक्सप्लोयर, मोजिला फायर फॉक्स, सफारी, गूगल क्रोम, ओपेरा मिनी आदि हैं। इन ब्राउजरों के मुख्य गुण निम्न हैं

  1. सूचनाएँ दिखाना।
  2. ई-मेल सुविधा देना।
  3. सुरक्षित प्लेटफार्म देना।
  4. ऑन लाइन चैट सुविधा देना।
  5. बुकमार्क सुविधा। (जब कोई वेब पेज आप बार-बार देखना चाहते हैं तो यह सुविधा आपके लिए है, आप उस वेब पेज के एड्रेस का बुकमार्क या फेवरेट की लिस्ट में डाल दीजिए।
  6. हाल ही में देखे गये वेबपेजों की सूची को सुरक्षित करना।
  7. किसी विशेष वेबसाइट को देखना।
  8. किसी विशेष वेबसाइट की खोज करना।

प्रश्न 3.
HTML का क्या अर्थ है ? किसी वेब पेज के निर्माण में यह किस प्रकार उपयोगी है ?
उत्तर:
HTML एक हाइपर टैक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (Hyper Text Markup Language) है, जिसका प्रयोग वेब पेज विकसित करने में किया जाता है। किसी वेब पेज के निर्माण में यह बहुत उपयोगी है क्योंकि जिस प्रकार मनुष्य अपनी समझने योग्य भाषा को समझता है उसी प्रकार वेब ब्राउजर केवल स्क्रिप्ट लैंग्वेज (Scripting language) जैसे-HTML को समझता है। HTML द्वारा ही वेब पेज का प्रारूप तैयार किया जाता है। इसमें HTML टैग (Tage) की सहायता से वेब पेज का निर्माण किया जाता है। प्रत्येक टैग (Tag) वेब ब्राउजर को बताता है कि उसका कार्य क्या है? और वह किस कार्य के लिये लगाया गया है, इस प्रकार हम कह सकते हैं कि HTML किसी वेब पेज के लिए बहुत उपयोगी है।

प्रश्न 4.
इंटरनेट में डोमेन नेम तथा डोमेन नेम सर्वर का महत्व लिखिए।
उत्तर:
डोमेन पद्धति का विकास किसी कम्प्यूटर को इंटरनेट पर नाम देने के लिए किया गया था, जिससे कि उसे आसानी से याद रखा जा सके तथा ढूँढ़ने में भी आसानी हो। यह एक ऐसा तरीका है जिससे कि इंटरनेट पर काम कर रहे कम्प्यूटरों को पहचाना और ढूँढ़ा जाता है। चूंकि इंटरनेट में कई वेबसाइट और IP एड्रेसे होते हैं, इसलिए ब्राउजर को अपने आप यह पता नहीं चलता कि ये सब कहाँ पर स्थित हैं, उस बेवसाइट और URL को डोमेन नेम या डोमेन नेम सर्वर द्वारा खोजा जाता है। यह प्रक्रिया डोमेन नेम सिस्टम कहलाती है। इस प्रक्रिया में डोमेन नेम सिस्टम उस URL को IP एड्रेस में रूपांतरित कर देता है, जिससे यूजर उस साइट पर पहुँच जाता है, जिसे वह ढूँढ़ना चाहता है।

प्रश्न 5.
निम्न पर टिप्पणियाँ लिखिए
(1) खोज इंजन
(2) ई-मेल
(3) URLand IPएड्स
(4) वेब प्रोटोकॉल।
उत्तर:
(1) खोज इंजन (Search Engine) इंटरनेट पर फाइल, डाक्यूमेंट तथा सूचनाओं का विशाल भण्डार उपलब्ध होता है लेकिन वे सूचनाएँ हमेशा उस रूप में नहीं होतीं जैसी हमें आवश्यकता होती है। इसी समस्या को हल करने के लिये खोज इंजन को विकसित किया गया। ब्राउजर में वेब सर्च इंजन को आप्शन होता है। जब हम सर्च इंजन से सूचना लेने के लिये खोज शुरू करते हैं तो वह काफी कम समय में उस सूचना से मिलते-जुलते बहुत सारे विकल्प मौजूद करा देता है। उन सूचनाओं के विकल्प में हम कोई भी सूचना को अपनी इच्छानुसार प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में कुछ प्रचलित सर्च Google, Yaho0, MSN, Ask me, Bing, About आदि हैं।

(2) ई-मेल (E-mail) इलेक्ट्रानिक मेल को संक्षिप्त में ई – मेल कहा जाता है। इंटरनेट पर उपयोग में ली जाने वाली ऐसी सेवा है, जिसका सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है, ई-मेल को हम इलेक्ट्रानिक डाक भी समझ सकते हैं। ई-मेल :एक ऐसा सन्देश होता है जो किसी नेटवर्क में जुड़े विभिन्न कम्प्यूटरों के बीच में भेजा और प्राप्त किया जाता है। इस पर दूरियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ई-मेल को मेल सर्वर (Mail Server) के माध्यम से भेजा जाता है। एक मेल सर्वर ऐसा कम्प्यूटर डिवाइस है जिसका कार्य ई-मेलों को प्रोसेस करना और उचित क्लाइंट को भेजना होता है। सामान्यतः नेट सर्वर को ही मेल सर्वर कहा जाता है।

(3) URLऔर IP पता (URLAnd IP ADDRESS) यह www पर विभिन्न इंटरनेट संसाधनों को तलाशने तथा पहचानने का एक तरीका है। साधारण भाषा में इसे वेब पता या इंटरनेट पता भी कहते हैं। जिस प्रकार से एक कम्प्यूटर में प्रत्येक फाइल का यूनिक एड्रेस होता है, उसी प्रकार www में प्रत्येक डॉक्यूमेन्ट या अन्य फाइल का एक यूनिक एड्रेस होता है। इन्हीं एड्रेस को URL (यूनीफार्म रिसोर्स लोकेटर)कहा जाता है। किसी HTML डॉक्यूमेन्ट को हाइपरलिंक करने के लिए उस डॉक्यूमेन्ट या रिसोर्स का URL काम में लिया जाता है। URL के चार मुख्य भाग होते हैं

  1. प्रोटोकॉल
  2. सर्वर का नाम
  3. फाइल का नाम
  4. फाइल का पाथ’

उदाहरण – URL-http://rajeduboard.rajasthan.gov.in/

(4) वेब प्रोटोकॉल (WEB PROTOCOL) प्रोटोकॉल उन नियमों का समूह होता है जो उन सभी कम्प्यूटरों को आपस में समान रूप से अनुसरण करने होते हैं। जो परस्पर कोई संवाद करना चाहते हैं। वेब प्रोटोकॉल भी कुछ ऐसे भी नियमों का समूह होता है जहाँ क्लाइंट तथा सर्वर के मध्य संचार बनाने के लिए समान रूप से नियमों का अनुसरण किया जाता है। कुछ मुख्य वेब प्रोटोकॉल जैसे TCP/IP, PPP, HTTP, FTP, SMTP आदि का प्रयोग सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है।

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
टिम बर्नर्स-ली ने निम्न में से किसका आविष्कार किया
(अ) ARPANET
(ब) NSFNET
(स) WWW
(द) HTTP
उत्तर:
(स) WWW

प्रश्न 2.
प्रोटोकॉल कहते हैं
(अ) इंटरनेट चलाने के नियमों को
(ब) कम्प्यूटर का नेटवर्क कोड
(स) नेटवर्क में जुड़े कम्प्यूटरों के समूह को
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) इंटरनेट चलाने के नियमों को

प्रश्न 3.
TCP व IP में P का अर्थ है
(अ) Publisher
(ब) Point
(स) Provider
(द) Protocol
उत्तर:
(द) Protocol

प्रश्न 4.
ब्राउजर एक प्रकार का है
(अ) सॉफ्टवेयर
(ब) वायरस
(स) नेटवर्क
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) सॉफ्टवेयर

प्रश्न 5.
Bing है –
(अ) कम्प्यूटर प्रोग्राम
(ब) वायरस
(स) सर्च इंजन
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) सर्च इंजन

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
इन्टरनेट में एक बैकबोन नेटवर्क का कार्य कौन करता है ?
उत्तर:
NSF.

प्रश्न 2.
सबसे पुरानी इन्टरनेट सेवा प्रदाता कम्पनी का नाम लिखो।
उत्तर:
VSNL.

प्रश्न 3.
एक वेब सर्वर के कोई दो मुख्य कार्य लिखिए।
उत्तर:
वेबसाइट मैनेजमेन्ट तथा सूचना प्रदान करने हेतु क्लाइण्ट से अनुरोध प्राप्त करना।

प्रश्न 4.
सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए वेब पर प्रयोग किए जाने वाले कोई 4 प्रोटोकॉल लिखो।
उत्तर:
TCP/IP, PPP, HTTP, FTP.

प्रश्न 5.
प्रोटोकॉल द्वारा प्रदान की गई कोई दो सुविधाएँ लिखिए।
उत्तर:
प्रोटोकॉल द्वारा निम्न दो सुविधाओं की जानकारी प्राप्त होती है

  1. नेटवर्क अवयव एक दूसरे से जुड़े हैं या नहीं।
  2. कब और कितना डाटा हस्तांतरित हो रहा है।

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
इन्टरनेट की कार्यप्रणाली समझाओ।
उत्तर:
इन्टरनेट से जुड़ने के लिए हमें इन्टरनेट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider-ISP) की सहायता लेनी होती है। एक ISP या इंटरनेट सेवा प्रदाता वह कंपनी है, जो आपको इंटरनेट और अन्य वेब सेवाओं तक पहुँचने देती है। ये इन्टरनेट से जुड़ने के विभिन्न तरीके प्रदान करते हैं, जिसमें डायल-अप, केबल, फाइबर ऑप्टिक या Wi-Fi शामिल हैं। ये विभिन्न कनेक्शन आपके इंटरनेट पहुँच की गति निर्धारित करते हैं। भारत में प्रारम्भ में विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) नाम की केवल एक इन्टरनेट सेवा प्रदाता कम्पनी थी किन्तु आज दो सरकारी, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) सहित अनेक इन्टरनेट सेवा प्रदाता कम्पनियाँ विद्यमान हैं।

प्रश्न 2.
HTML क्या है ? लिखिए।
उत्तर:
हाईपर टैक्स्ट मार्कअप लेंग्वेज का संक्षिप्त रूप HTML है। यह वेबपेजों को विकसित करने वाली मार्कअप भाषा है। यह किसी दस्तावेज, फाइल में टैक्स्ट आधारित जानकारी की संरचना को निर्धारित करने का साधन है। यह भाषा ही वेब ब्राउजर के द्वारा समझी जाती है। इस भाषा का विकास टिम बर्नर ली ने विशेष वेब पेजों की साज-सज्जा तथा टैक्स्ट को नियन्त्रित करने के लिये किया था।

प्रश्न 3.
DNS का पूरा नाम लिखिए तथा इस पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
इन्टरनेट पर उपलब्ध वेबसाइटों तथा IP पतों की संख्या बहुत अधिक है। ब्राउजर को अपने आप यह पता नहीं चलता कि ये सब कहाँ स्थित हैं? इसी समस्या को दूर करने के लिय DNS का विकास किया गया। वास्तव में DNS डोमेन नाम तथा IP पतों को मिलाने का कार्य करता है। यह डाटा का एकत्रीकरण करता है। यह पद्धति इन्टरनेट प्रयोगकर्ताओं को एक आसान डोमेन नाम प्रयोग करने की सुविधा देता है, जिससे कि उन्हें तरह-तरह के IP नंबरों को याद न रखना पड़े।

RBSE Class 9 Information Technology Chapter 4 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
इंटरनेट के इतिहास पर एक विस्तृत निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
इंटरनेट शब्द दो अलग – अलग शब्दों से इंटरकनेक्शन (Interconnection) तथा नेटवर्क (Network) से मिलकर बना है। सामान्यतः इंटरनेट को नेटवर्को का नेटवर्क भी कहा जा सकता है। इंटरनेट कम्प्यूटर नेटवर्को का एक विशाल नेटवर्क है जिसमें अन्य छोटे-छोटे नेटवर्क जुड़े होते हैं। इंटरनेट के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान बड़ी आसानी से किया जा सकता है। इंटरनेट के माध्यम से आप शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, तकनीक वाणिज्य, संगीत, राजनीति आदि किसी भी क्षेत्र से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इंटरनेट ने दूरियों को लगभग समाप्त कर दिया है। यदि आप इंटरनेट से जुड़े हों तो अपने कम्प्यूटर से आप विश्व के किसी भी भाग में स्थित व्यक्ति से संचार कर सकते हैं। इंटरनेट ने हमारे कार्य को तीव्र तथा सरल बना दिया है।

इंटरनेट के रख – रखाव एवं सुचारु रूप से चलाने के लिए कुछ बोर्ड, समितियाँ तथा कमेटी बनी हुई हैं। इंटरनेट का इतिहास इंटरनेट का विकास क्रम सन् 1965 में शुरू हुआ। अमेरिका के रक्षा विभाग ने एक ऐसे नेटवर्क का विकास किया जो आण्विक आक्रमण होने की परिस्थिति में भी डाटा को आदान-प्रदान करने में सक्षम हो सके क्योंकि आण्विक आक्रमण होने पर टेलीफोन लाइन भी नष्ट हो सकती थी और उसके द्वारा स्थानान्तरण करना मुश्किल हो सकता था। 1969 में अमेरिकी सरकार के रक्षा मंत्रालय की Advance Research Project Agency (ARPA) ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय तथा स्टैनफोर्ड अनुसंधान के साथ मिलकर एक नेटवर्क की शुरुआत की। इस नेटवर्क का नाम ARPANET रखा गया।

इसका मूल उद्देश्य एक ऐसा नेटवर्क बनाने का था जो एक विश्वविद्यालय में किए जाने वाले अनुसंधान कार्यों के बारे में सूचनाएँ दूसरे विश्वविद्यालय को दे सकें। 1970 के दशक में अमेरिका के NSF (National Science Foundation नेशनल साइंस फाउंडनेशन) ने विश्वविद्यालयों में शोधकर्ताओं के शोधकार्य में डाटा को देशभर में शेयर करने के लिये ARPANET का विश्लेषण किया तथा यह पाया कि इस कार्य के लिए विश्वविद्यालयों को सुरक्षा विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता होती है। इस कमी को पूरा करने के लिए NSF ने CSNET नामक नेटवर्क की स्थापना की जो ARPANET तथा अन्य नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। 1980 के दशक में नेशनल साइंस फाउंडेशन ने एक हाई स्पीड नेटवर्क की स्थापना की जिसे NSFNET के नाम से जाना जाता है, जिसमें छः सुपर कम्प्यूटर बैकबोन के रूप में जुड़े हुए थे।

बाद में NSFNET को ARPANET से जोड़ दिया गया। NSF आज भी इंटरनेट में एक बैकबोन नेटवर्क का कार्य करता है। सन् 1987 में 10,000 साइटस NSFNET से जुड़ गई थीं जिनकी संख्या अगले दो साल में बढ़कर 1 लाख तक पहुँच गई। इसी दौरान ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम-बर्नर-ली (TimBerner Lee) ने इंटरनेट को सरल बनाने के लिये वर्ल्ड वाइड वेब (World wide web) का आविष्कार किया तथा TCP/IP प्रोटोकॉल का प्रयोग किया गया। सन् 1990 में ARPANET को NSFNET को अन्य नेटवर्को द्वारा टेकओवर कर लिया गया।

जिसके बाद इसे इंटरनेट के नाम से जाना लगा। 1990 तक इंटरनेट से 3000 नेटवर्क और 200,000 कम्प्यूटर जुड़े हुए थे। 1995 तथा सैकड़ों क्षेत्रीय नेटवर्क हजारों लोकल एरिया नेटवर्क और लाखों प्रयोगकर्ता इंटरनेट से जुड़ चुके थे। इसका निरन्तर विकास तथा विस्तार होता गया। वर्तमान में 200 से अधिक देशों में 200 लाख से अधिक प्रयोगकर्ता इन्टरनेट की सुविधा ले रहे हैं।

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