RB 11 HindiRB 11 Hindi Course

RBSE Class 11 Hindi संवाद सेतु Chapter 5 व्यावसायिक एवं कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया

RBSE Class 11 Hindi संवाद सेतु Chapter 5 व्यावसायिक एवं कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया

Rajasthan Board RBSE Class 11 Hindi संवाद सेतु Chapter 5 व्यावसायिक एवं कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया

व्यावसायिक एवं कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
स्ववृत्त क्यों बताया जाता है?
उत्तर:
रोजगार या आजीविका प्राप्ति के लिए नियोजनकर्ता को प्रस्तुत करने हेतु स्व-वृत्त या बायो-डेटा बनाया जाता है। नियोजनकर्ता के समक्ष पूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने के लिए, अर्थात् अपना समग्र विवरण, योग्यताओं, कार्यानुभवों एवं उपलब्धियों की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए स्ववृत्त का लेखन किया जाता है। इससे जीविकोपार्जन में सुविधा रहती है। वर्तमान में विवाह-सम्बन्ध के लिए लड़के-लड़की के स्ववृत्तलेखन को महत्त्व दिया जाने लगा है। इससे विशिष्ट कार्य करने की क्षमता, योग्यता, अनुभव एवं प्रवृत्ति आदि का भी परिचय सहज में मिल जाता है।

प्रश्न 2.
अपना एक स्ववृन बनाइए।
उत्तर:

RBSE Class 11 Hindi संवाद सेतु Chapter 5 व्यावसायिक एवं कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया 1
RBSE Class 11 Hindi संवाद सेतु Chapter 5 व्यावसायिक एवं कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया 2
8. शैक्षणिक अनुभव–एक सत्र तक अंशकालीन शिक्षक रवीन्द्रनाथ प्राथमिक विद्यालय, आदर्श नगर, जयपुर
दिनांक : 24 जुलाई, 20_ _ हस्ताक्षर. …………

प्रश्न 3.
कार्यालय-पत्र क्यों लिखे जाते हैं?
उत्तर:
कार्यालयों में जितने भी प्रशासनिक कार्य होते हैं, उनसे सम्बन्धित आदेशों एवं निर्देशों की अनुपालना के लिए लिखित रूप में समस्त कार्य के लिए पत्राचार किया जाता है। केन्द्र सरकार के कार्यालयों से अन्य कार्यालयों में, राज्यों के अथवा क्षेत्रीय कार्यालयों में संवाद या आदेश-निर्देशों का आदान-प्रदान करने के लिए कार्यालयीय पत्र लिखे जाते हैं। कार्य की प्रकृति एवं विषय की प्रस्तुति के आधार पर कार्यालयीय पत्र अनेक प्रकार के होते हैं तथा इनके प्रारूप-लेखन का स्वरूप भी अलग-अलग तरह को होता है। इस प्रकार विशिष्ट लेखन या उच्चतर आलेखन की प्रक्रिया के द्वारा शासकीय कार्य-संचालन हेतु कार्यालय-पत्र लिखे जाते हैं। कार्यालयीय पत्र-लेखन शासन-प्रशासन का मुख्य कर्तव्य होता है।

प्रश्न 4.
कार्यालय-पत्र का एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
कार्यालय-पत्र के विविध उदाहरण आगे अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नों में दिये जा रहे हैं। वहाँ देखिए।

प्रश्न 5.
अर्द्ध सरकारी पत्र क्यों लिखे जाते हैं?
उत्तर:
अर्द्ध सरकारी पत्र कार्यालय के कामकाज के सम्बन्ध में लिखे जाते हैं। इन पत्रों का उद्देश्य अधिकारियों के आपसी पत्र-व्यवहार से विचारों का आदान-प्रदान, व्यक्तिगत सम्मति की जानकारी तथा किसी विशेष विषय की ओर ध्यान दिलाने का प्रयास रहता है। अर्द्धशासकीय पत्रों से समान स्तर के बड़े अधिकारियों में परस्पर विचार-विमर्श किया जाता है। कभी-कभी पूर्व में भेजे गये स्मरण-पत्रों के पुन:स्मरण के लिए आग्रह किया जाता है। ऐसे पत्रों में आत्मीयता का स्पर्श और कुछ अनौपचारिकता का समावेश रहता हैं। इस कारण इन पत्रों में निर्दिष्ट विषय या कार्य को व्यक्तिगत रुचि लेकर पूरा करने का प्रयास रहता है। अर्द्धसरकारी पत्र किसी अधिकारी को व्यक्तिगत नाम से भेजे जाते हैं।

व्यावसायिक एवं कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

आवेदन-पत्र (प्रार्थना-पत्र)
प्रश्न 1.
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) को एक आवेदन-पत्र लिखिए, जिसमें उनके कार्यालय में अस्थायी लिपिक पद पर नियुक्ति हेतु प्रार्थना की गई हो।
उत्तर:
सेवा में,
श्रीमान् जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) महोदय,
जिला शिक्षा कार्यालय,
जयपुर।

विषय-अस्थायी लिपिक पद हेतु प्रार्थना-पत्र।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि दैनिक नवज्योति’ समाचार-पत्र में प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार मैं आपके कार्यालय में अस्थायी लिपिक पद के लिए अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरी शैक्षणिक योग्यता आदि का विवरण इस प्रकार है
1. सैकण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण प्रथम श्रेणी लब्धांक 62% सन् 20; माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर से।
2. सीनियर सैकण्डरी उत्तीर्ण श्रेणी लब्धांक 52% सन् 20_ _; विषयविज्ञान-गणित वर्ग।
मैं स्वस्थ एवं कर्मठ युवक हूँ। मैंने उक्त सभी परीक्षाएँ नियमित छात्र के रूप में उत्तीर्ण की हैं। मैं शिक्षा-काल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेता रहा हूँ।

मुझे हिन्दी टंकण तथा कम्प्यूटर का अच्छा अभ्यास है तथा तीन माह तक मुझे रसद कार्यालय, जयपुर में अवकाशकालीन अस्थायी लिपिक पद पर कार्य करने का अनुभव भी प्राप्त है। यदि मेरी अस्थायी लिपिक के पद पर नियुक्ति की जाती है तो मैं आपके

कार्यालय की ईमानदारी से सेवा करूंगा और अपने कार्य-व्यवहार से सभी को सन्तुष्ट रचूँगा।

अतः सानुरोध प्रार्थना है कि मुझे उक्त पद पर नियुक्ति प्रदान कर अनुगृहीत करें।

दिनांक 11 अक्टूबर, 20

विनीत,
राजेन्द्र कुमार वर्मा
पता-115, शान्ति नगर, अजमेर रोड,
जयपुर-6

संलग्न

  1. अंक तालिकाएँ 3 (सत्यापित प्रतिलिपि)
  2. चरित्र प्रमाण-पत्र
  3. जन्म तिथि प्रमाण-पत्र
  4. अनुभव प्रमाण-पत्र
  5. स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र।

प्रश्न 2.
स्वयं को संस्कृति निवास, भावनगर निवासी, शुभांश भारतीय मानते हुए प्रबन्धक, संस्कार विद्यापीठ, पार्थनगर को अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में,
श्रीमान् प्रबन्धक महोदय, संस्कार विद्यापीठ,
पार्थनगर।

विषय-अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन-पत्र।

महोदय,
सविनय निवेदन है कि विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार मैं आपकी संस्था में अध्यापक पद हेतु अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरी शैक्षणिक योग्यता आदि का विवरण इस प्रकार है

1. सैकण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण प्रथम श्रेणी लब्धांक 72% सन् 20 (माध्य, शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर से)
2. सीनियर सैकण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण प्रथम श्रेणी लब्धांक 63% सन् 20, विषय-विज्ञान-गणित वर्ग।।
3. एस.टी.सी. (विद्यालय शिक्षक-प्रशिक्षण पाठ्यक्रम) उत्तीर्ण, लिखित + प्रायोगिक में द्वितीय श्रेणी, सन् 20_ _।

मैं स्वस्थ एवं कर्मठ युवक हूँ तथा शिक्षण कार्य में विशेष रुचि रखता हूँ। गत एक वर्ष मैंने स्थानीय विद्यालय में अस्थायी शिक्षक के रूप में कार्य किया है। यदि मुझे आपकी संस्था में सेवा करने का अवसर मिले, तो मैं पूरी निष्ठा से कार्य करूंगा तथा अपने कार्य व्यवहार से सभी को सन्तुष्ट रचूँगा।

अतः प्रार्थना है कि मुझे शिक्षक पद पर नियुक्ति प्रदान करने की कृपा करें।

दिनांक : 14 जुलाई, 20_ _

विनीत,
शुभांश भारतीय
संस्कृति निवास,
भावनगर

संलग्न

  1. अंकतालिकाएँ 3 (सत्य प्रतिलिपि)
  2. चरित्र प्रमाण-पत्र
  3. अनुभव प्रमाण-पत्र
  4. जन्म-तिथि प्रमाण-पत्र
  5. स्ववृत्त।।

कार्यालयी-पत्र

प्रश्न 3.
ग्राम पंचायत, क ख ग के सचिव की ओर से जिला कलेक्टर, ‘अब स’ को गर्मी के मौसम में पेयजल की समुचित व्यवस्था हेतु टैंकर भिजवाने के लिए कार्यालयी-पत्र लिखिए।
उत्तर
दिनांक 10 मई, 20_ _

पत्रांक संख्या ग्रा. प. 31/315
सचिव,
ग्राम पंचायत, क ख ग
……………………..
सेवा में,
श्रीमान् जिला कलेक्टर महोदय,
जिला अ ब स
राजस्थान।

विषय-पेयजल की समुचित व्यवस्था के क्रम में।

महोदय,
निवेदन है कि हमारा पंचायत-क्षेत्र रेगिस्तानी भूभाग है, इस कारण यहाँ पर पेयजल की समस्या सदा ही बनी रहती है। परन्तु गर्मी का मौसम आते ही यह समस्या और बढ़ जाती है। पंचायत-क्षेत्र की जनता को राहत पहुँचाने के लिए प्रतिवर्ष टैंकरों से पेयजल का वितरण किया जाता है, जिसमें आपके कार्यालय का पूरा सहयोग मिलता रहा है। इस बार भी गर्मी के मौसम को देखकर पेयजल की समुचित व्यवस्था के लिए पानी के टैंकरों की आवश्यकता है।

अतः आशा है कि इस सम्बन्ध में उचित आदेश देकर आप पानी के टैंकर भिजवाने की व्यवस्था करें। इस समय इस समस्या को प्राथमिकता देकर यहाँ की जनता को अनुगृहीत करें।
भवदीय,
रामसहाय सैनी
सचिव
ग्राम पंचायत, क ख ग’

प्रश्न 4.
अपनी ग्राम पंचायत के सचिव की ओर से अपने जिला कलेक्टर को गाँव में फैली मौसमी बीमारियाँ; यथा-मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया के उपचारार्थ हेतु चिकित्सकों की टीम भेजने हेतु कार्यालयी-पत्र लिखिए।
उत्तर
दिनांक 12 जून, 20_ _

पत्रांक-ग्रा. पं. 5/208/20_
प्रेषक–सचिव,
ग्राम पंचायत,
क ख ग। सेवा में,
श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय,
जिला क ख ग, राजस्थान।।

विषय-मौसमी बीमारियों के उपचारार्थ चिकित्सकों की नियुक्ति के क्रम में।

महोदय,
प्रतिवर्ष की भाँति गर्मी का मौसम आते ही गाँव में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। इस वर्ष यह स्थिति कुछ अधिक ही दिखाई दे रही है। गाँव पंचायत क्षेत्र में एक डिस्पेंसरी है, परन्तु उसमें आवश्यक दवाइयों की नितान्त कमी है और चिकित्सक भी नियुक्त नहीं है। इसलिए मौसमी बीमारियों का प्रकोप दूर करने तथा रोगियों का उपचार करने के लिए चिकित्सकों की एक टीम गाँव में भेजने की व्यवस्था जरूरी है।

अतः इस सम्बन्ध में चिकित्सकों की टीम गाँव में भिजवाने हेतु आदेश प्रसारित करें।

भवदीय,
(हस्ताक्षर ……………………..)
सचिव।
ग्राम पंचायत, क ख ग

प्रश्न 5.
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक), पाली की ओर से सचिव, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर को राजकीय माध्यमिक विद्यालय, मालनू में बोर्ड परीक्षा केन्द्र की स्वीकृति हेतु कार्यालयी पत्र लिखिए।
उत्तर
दिनांक 11.1.20_ _

पत्र क्रमांक 221/जि.शि.अ./20
प्रेषक-जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक),
बीकानेर।
प्रेषिति–सचिव।
माध्य. शिक्षा बोर्ड, राजस्थान,
अजमेर।

विषय-राजकीय माध्यमिक विद्यालय, मालनू में बोर्ड परीक्षा केन्द्र बनाने की स्वीकृति के सम्बन्ध में।

महोदय,
पूर्व में दिनांक 2,1.20 को प्रेषित पत्र क्रमांक 201/ के सम्बन्ध में निवेदन है कि पाली शहर में बोर्ड परीक्षा को एक ही केन्द्र है। इससे व्यवस्था करने में काफी कठिनाई आती है। इसलिए पाली में एक अन्य परीक्षा केन्द्र राजकीय माध्यमिक विद्यालय, मालनू में स्थापित किया जाए, तो सभी तरह से उचित रहेगा। उक्त विद्यालय में सब सुविधाएँ पर्याप्त मात्रा में हैं। इसका पूर्ण विवरण संलग्न प्रपत्र में प्रेषित है। अतः इस सम्बन्ध में अविलम्ब कार्यवाही कर सूचित करने की कृपा करें।

भवदीय,
(हस्ताक्षर ………….)
जिला शिक्षा अधिकारी,
पाली

प्रश्न 6.
जिलाधीश, बाँसवाड़ा की ओर से स्वास्थ्य सचिव, राजस्थान सरकार को अपने क्षेत्र में फैली अज्ञात बीमारी में राहत दिलवाने हेतु राजधानी से चिकित्सकों की एक टीम भिजवाने हेतु निर्धारित प्रारूप में एक कार्यालयी पत्र लिखिये।
उत्तर:
दिनांक 10/11/20_ _

क्रमांक-180/33/88 सा./20
प्रेषक-जिलाधीश, बाँसवाड़ा।
प्रेषिति-स्वास्थ्य सचिव
स्वास्थ्य विभाग, राजस्थान सरकार,
जयपुर।

विषय-अज्ञात बीमारी से राहत दिलवाने हेतु चिकित्सकीय सहायता के संदर्भ में।

महोदय,
सविनय सूचित किया जा रहा है कि इन दिनों बांसवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में एक अज्ञात बीमारी फैल रही है जिससे लोग अचानक मौत के शिकार हो रहे हैं। इस अज्ञात रोग से शरीर में कैंपकॅपी आती है तथा वाणी शीघ्र बन्द हो जाती है और चन्द घण्टों में ही व्यक्ति की मौत हो जाती है। इस अज्ञात बीमारी से जनता बहुत ही संत्रस्त है। स्थानीय चिकित्सक इस बीमारी का निदान नहीं कर पा रहे हैं। अतएव राजधानी से विशेषज्ञ वरिष्ठ चिकित्सकों की एक टीम इन क्षेत्रों में भिजवाने की व्यवस्था यथाशीघ्र करवाने की कृपा करें। इस सम्बन्ध में जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से यथासंभव सहायता उपलब्ध करायी जा सकती है। विशेषज्ञ वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम आने से जनता को इस अज्ञात बीमारी से बचाया जा सकेगा, एतदर्थ सूचित किया जा रहा है।

भवदीय,
(हस्ताक्षर …………………)
जिलाधीश,
उदयपुर

प्रश्न 7.
जिला शिक्षा अधिकारी जयपुर (प्रथम) की ओर से एक कार्यालयी-पंत्र प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रामगढ़, जयपुर को लिखिए जिसमें कक्षा 10 के कमजोर विद्यार्थियों को गणित, अंग्रेजी एवं विज्ञान विषयों के अध्यापन के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का प्रावधान सुनिश्चित किया गया हो।
उत्तर
दिनांक 15.1.20 _ _

पत्रांक-11/1/25/शि/20
प्रेषक-जिला शिक्षा अधिकारी
जयपुर (प्रथम)
प्रेषिति-प्रधानाचार्य
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,
रामगढ़, जयपुर।

विषय-कक्षा x के कमजोर विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं के
सम्बन्ध में।

महोदय,
राज्य सरकार शिक्षा विभाग के नवीनतम निर्देशों की अनुपालना में निर्देश दिया जाता है कि बोर्ड परीक्षा का परिणाम स्तर न गिरे इसके लिए कक्षा 10 के जो छात्र आपकी शाला में गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषयों में कमजोर हैं, उनके लिए इन विषयों की अतिरिक्त कक्षाओं की तुरन्त व्यवस्था की जावे।।

अतिरिक्त कक्षाएँ विद्यालय समय के बाद या पहले लगाई जाएँ। इसके लिए यदि शिक्षकों की कमी हो तो गेस्ट फैकल्टी के रूप में अंशकालीन योग्य सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है। अविलम्ब उक्त विषयों में कमजोर विद्यार्थियों का चयन कर अतिरिक्त कक्षाएँ प्रारम्भ की जायें तथा इस सम्बन्ध में कार्यालय को भी सूचना भेज दी जाये।

भवदीय,
(हस्ताक्षर ……………..)
जिला शिक्षा अधिकारी,
जयपुर (प्रथम)

प्रश्न 8.
कम्प्यूटर शिक्षा की अनिवार्यता समाप्त करने के लिए प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जैसलमेर की ओर से सचिव, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर को लिखे जाने वाले कार्यालयी-पत्र का प्रारूप तैयार कीजिए।
उत्तर
दिनांक 25.7.20_ _

पत्रांक-22/2/20_
प्रेषक-प्रधानाचार्य।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,
जैसलमेर।
प्रेषिति-सचिव
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान,
अजमेर।।
विषय-कम्प्यूटर शिक्षा की अनिवार्यता के सम्बन्ध में।

महोदय,
शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार तथा आपके कार्यालयीय निर्देश के अनुसार यद्यपि उच्च माध्यमिक कक्षाओं में कम्प्यूटर शिक्षा प्रारम्भ कर दी गई है तथा इससे वैकल्पिक विषय गणित तथा वाणिज्य के छात्र भले ही लाभान्वित होंगे, परन्तु अन्य विषयों के छात्र इससे लाभान्वित नहीं रहेंगे। अतः उनके लिए इसकी अनिवार्यता उचित नहीं है। इसके साथ ही सम्बन्धित कक्षाओं में कम्प्यूटर शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है, परन्तु उनके लिए शिक्षण सामग्री कम्प्यूटर और प्रशिक्षक आदि की समुचित व्यवस्था अभी तक नहीं हो पायी है। इस कारण छात्र परेशान हैं तथा कम्प्यूटर शिक्षण के लिए उन्हें प्राइवेट संस्थाओं का सहारा लेने में काफी व्यय करना पड़ रहा है। फिर भी वे पूर्णतया लाभान्वित नहीं हो रहे हैं।

अतः उच्च माध्यमिक कक्षाओं में कम्प्यूटर शिक्षा की अनिवार्यता समाप्त करना ही औचित्यपूर्ण है। वाणिज्य के छात्रों के लिए इसे ऐच्छिक विषय के रूप में चलाया जा सकता है। छात्र-हित को ध्यान में रखकर इस सम्बन्ध में शीघ्र उचित निर्णय एवं निर्देश अपेक्षित हैं।

निवेदक,
(हस्ताक्षर …………………)
प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,
जैसलमेर।

प्रश्न 9.
मुहल्ला विकास समिति के अध्यक्ष के नाते जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अपने नवनिर्मित बस्ती के नियमितीकरण करने की व्यवस्था प्रशासन शहर के संग’ जैसे आयोजन किए जाने की तिथि निश्चित करने के लिए अनुरोध किया जावे।
उत्तर:
सेवा में,
श्रीमान् जिला कलेक्टर महोदय,
जिला जयपुर (राज.)।

विषय-नवनिर्मित बस्ती के नियमितीकरण के सम्बन्ध में।

महोदय,
निवेदन है कि वर्तमान में राजस्थान सरकार के आदेशानुसार ‘एकल खिड़की नामक कार्यक्रम चल रहा है, जिसमें जनता की समस्याओं का तुरन्त समाधान हो रहा है। इसी क्रम में निवेदन है कि हम सभी नागरिकों ने अपनी आवास समस्या के समाधान हेतु स्वयं आवासीय कॉलोनी बसायी है। इस कॉलोनी का निर्माण जयपुर विकास प्राधिकरण की नगरीय परियोजना के अनुरूप किया गया है। हम अपनी बस्ती को नियमित करवाना चाहते हैं। इसके लिए हमने जयपुर विकास प्राधिकरण में भी नक्शे तथा अन्य कागजात प्रस्तुत कर दिए हैं।

अतः प्रार्थना है कि आप प्रशासन शहरों के संग जैसे आयोजन के अवसर पर हमारी नवनिर्मित बस्ती को नियमित करवाने की कार्यवाही कर हमें कृतार्थ करें। इसके लिए कोई तिथि निश्चित कर हमें सूचित करें ताकि हमारी बस्ती के सभी नागरिक उपस्थित रह सकें और विकास शुल्क की राशि जमा करा सकें।

दिनांक 16 अगस्त, 20_ _

भवदीय,
मनोहर सिंह राजपाल
अध्यक्ष-मोहल्ला विकास समिति,
जगतपुरा, जयपुर।

प्रश्न 10.
भारत सरकार के गृह-मंत्रालय के सचिव की ओर से मुख्य सचिव, राजस्थान राज्य को एक पत्र लिखिए, जिसमें राज्य में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति पर चिन्ता व्यक्त की गयी हो।
उत्तर
दिनांक 28 जून, 20 _ _

पत्र क्रमांक-24 (गृ.मं.) 214/21/20
प्रेषक-क-ख-ग
सचिव, भारत सरकार
गृह-मंत्रालय, नई दिल्ली।
प्रेषिति-मुख्य सचिव,
राजस्थान राज्य,
जयपुर।

विषय-राज्य में कानून एवं व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के संदर्भ में।

महोदय,
मुझे यह सूचना देने का निर्देश हुआ है कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ने से केन्द्र सरकार बहुत चिन्तित है। सरकार ने आपका ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकृष्ट किया है और इस बिगड़ती स्थिति से निबटने के लिए राज्य सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।

इस संदर्भ में आपको सूचित किया जाता है कि राज्य में कानून तथा व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही की जाए तथा केन्द्र सरकार को भी प्रगति से अवगत कराया जाए। इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार राज्य सरकार को सब प्रकार की सहायता देने के लिए तैयार है।

भवदीय,
(हस्ताक्षर …………………..)
सचिव
गृह-मंत्रालय भारत सरकार
नई दिल्ली

प्रश्न 11.
प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सीकर की ओर से पुलिस अधीक्षक, सीकर को एक सरकारी पत्र लिखिए, जिसमें बोर्ड की परीक्षा के दौरान विद्यालय परिसर में उचित पुलिस बल नियुक्त करने का अनुग्रह किया गया हो।
उत्तर:
प्रशासनिक-पन्न
प्रेषक-प्रधानाचार्य,
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,
सीकर।।
प्रेषिति-पुलिस अधीक्षक,
नगर पुलिस वृत्त,
सीकर।
पत्रांक-1205/204/20_ _-_ _

दिनांक 22 मार्च, 20_ _

महोदय,
इस विद्यालय को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर की वार्षिक परीक्षाओं का केन्द्र बनाया गया है तथा इसमें नियमित एवं स्वयंपाठी परीक्षार्थियों की संख्या काफी अधिक है। परीक्षा के समय विद्यालय परिसर में तथा बाहर मुख्य द्वार के आसपास कुछ ऐसे लोग सक्रिय रहते हैं, जो नकलनवीसी को बढ़ावा देते हैं या मुन्नाभाई बनने की फिराक में रहते हैं। ऐसे लोगों पर नियन्त्रण रखने के लिए पुलिस का सहयोग नितान्त अपेक्षित है।

इस सम्बन्ध में हमारे विद्यालय के समस्त कर्मचारी काफी सावधानी रखते हैं, फिर भी परीक्षा-केन्द्र में शान्ति बनी रहे और परीक्षाओं का संचालन सहजता से हो सके, एतदर्थ विद्यालय परिसर में परीक्षा-अवधि तक के लिए उचित पुलिस बल। नियुक्त करने की व्यवस्था करें। इस तरह की व्यवस्था हेतु पुलिस को सहकार अत्यावश्यक है।

भवदीय,
(हस्ताक्षर)
प्रधानाचार्य
राज. उ. मा. विद्यालय, सीकर।

प्रश्न 12.
राजस्थान राज्य के समस्त राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों की अचल सम्पत्ति का पूर्ण विवरण एकत्र करने हेतु शिक्षा सचिव की ओर से। एक शासनादेश प्रसारित कीजिए।
उत्तर
शासनादेश प्रेषक-शिक्षा सचिव,
शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार,
जयपुर।
प्रेषिति-निदेशक,
उच्च माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान,
बीकानेर।।
शिक्षा विभाग पत्र संख्या 1430/सा, 22

दिनांक 22 जुलाई, 20_ _

महोदय,
सूचना अधिकार के तहत यह जानकारी माँगी गई है कि राजस्थान राज्य में इस समय जितने भी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, उनकी अचल सम्पत्ति कितनी है? शिक्षा विभाग के पास अभी तक इस तरह की जानकारी का कोई लेखा-जोखा या सांख्यकीय विवरण नहीं है। इस सम्बन्ध में एक आदेश एक वर्ष पूर्व पत्र संख्या 1210/सा.120 दिनांक 25 जून, 20_ को प्रसारित किया गया था। अब पुनः इसे आदेश के द्वारा राज्य सरकार प्रदेश के सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों की पूरी अचल सम्पत्ति (अर्थात् भूमि, भवन, खेल-मैदान आदि) का लेखा-जोखा प्राप्त करना चाहती है।

अतः राज्य सरकार का आदेश है कि आपको सूचित किया जावे कि उक्त लेखाजोखा भौतिक सत्यापन के समय एक माह के अन्दर राज्य सरकार को प्रेषित करें।

भवदीय
(हस्ताक्षर)
क ख ग
शिक्षा सचिव, राजस्थान सरकार,
शासन सचिवालय, जयपुर।

प्रश्न 13.
पेयजल की आपूर्ति के सम्बन्ध में विशिष्ट शासन सचिव की ओर से अजमेर मण्डलायुक्त को एक अर्द्ध-सरकारी पत्र लिखिए, जिसमें पूर्ण विवरण भेजने के लिए निर्देश हो।
उत्तर
अर्द्ध-सरकारी पत्र
विशिष्ट शासन सचिव,
स्वायत्त शासन विभाग,
राजस्थान सरकार,
शासन सचिवालय, जयपुर।

पत्र संख्या : 403/2/20_ _
प्रिय राठौड़जी,

जयपुर, 15 मई, 20_ _

कृपया मेरे अर्द्ध-सरकारी पत्र संख्या 202/2/सं. 20, दिनांक 4 अप्रैल, 20 पर ध्यान दीजिए, जिसमें राज्य सरकार द्वारा अजमेर मण्डल के सभी जिलों में पेयजल की उचित आपूर्ति के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था। गर्मी का मौसम आते ही पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस सम्बन्ध में सरकार तत्काल समाधान करना चाहती है, परन्तु जब तक प्रत्येक जिले के लिए पेयजल आपूर्ति की योजना, व्ययभार एवं अन्य विवरण उपलब्ध नहीं हो जावे, तब तक सरकारी प्रयास रुके रहेंगे।

अतः आप अपने क्षेत्र की पूरी जानकारी यथाशीघ्र भेजने की कृपा करें। इसके लिए अलग-अलग बिन्दुओं का सांख्यिकीय विवरण तथा अनुमानित व्यय आदि की रूपरेखा भेजनी नितान्त अपेक्षित है।

भवदीय,
(हस्ताक्षर)
शिवपाल सिंह राजावत
विशिष्ट शासन सचिव।

प्रश्न 14.
उच्च माध्यमिक शिक्षा में नियुक्त मन्त्रालयी कर्मचारियों की योग्यता सम्बन्धी पूर्तियाँ प्राप्त करने के लिए निदेशक को एक अर्द्ध-सरकारी पत्र लिखिए।
उत्तर
शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार
शासन सचिवालय,
प्रशासनिक प्रकोष्ठ,
जयपुर

पत्र संख्या रा.उ.मा.शि. 6/125/20_
दिनांक 22 अक्टूबर, 20_ _
हरिदत्त वैष्णव
सहायक सचिव
प्रिय श्री परमारजी,

कृपया शासन सचिवालय, शिक्षा विभाग के पत्र संख्या 3/25 दिनांक 17 जुलाई, 20 का अवलोकन करें तथा इसी क्रम में जिन व्यक्तियों को उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग में मन्त्रालयी कर्मचारी (अशैक्षणिक एवं कार्यालयी कर्मचारी) के रूप में नियुक्त किया गया है, उनकी योग्यता सम्बन्धी पूर्तियाँ निर्धारित प्रपत्र में भरकर यथाशीघ्र भिजवाने की व्यवस्था करें।

भवदीय,
(हरिदत्त उपाध्याय)
हस्ताक्षर

निदेशक,
श्री योगेन्द्र परमार
उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय,
बीकानेर।

प्रश्न 15.
अपने जिले एवं नगर में आयी बाढ़ की सूचना को लेकर सामान्य प्रशासन, शासन सचिवालय, जयपुर को एक पत्र लिखिए।
उत्तर
प्रेषक-जिलाधीश
(बाढ़ एवं अकाल सहायता प्रकोष्ठ)
जिला कार्यालय अलवर।

प्रेषिति-श्रीमान् उपसचिव महोदय,
सामान्य प्रशासन विभाग,
शासन सचिवालय, जयपुर।

‘पत्रांक 12/05/सा. 20
दिनांक 28 अगस्त, 20 _ _

विषय-अलवर नगर में बाढ़ की स्थिति की सूचना।

महोदय,
उक्त विषयान्तर्गत सूचित किया जाता है कि वर्षा ऋतु प्रारम्भ होते ही इस कार्यालय द्वारा बाढ़ से बचाव-राहत की कार्य-योजना निर्धारित कर दी गई थी और इस निमित्त आवश्यक सामग्री भी जुटा ली थी, फिर भी आशा से अधिक वर्षा होने के कारण नगर के निचले भागों में बाढ़ आ ही गई। इस आपदा से निम्न वर्ग की लगभग दो सौ झोंपड़ियाँ डूब कर नष्ट हो गईं और सात मवेशी भी इसमें बह गये। शासन की ओर से उचित समय पर बाढ़-पीड़ित लोगों को आर्थिक तथा अन्य सहायता उपलब्ध कराई गई। इस मद में जिला कार्यालय की ओर से आठ लाख रुपये से अधिक धनराशि व्यय की गई। साथ ही कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं का योगदान भी प्राप्त हुआ।

वर्तमान में बाढ़ की स्थिति नियन्त्रण में है और भविष्य के लिए भी बाढ़ राहत की समुचित व्यवस्था की गई है। अतः सूचनार्थ उक्त विवरण प्रेषित है।
भवदीय,
(हस्ताक्षर)
ए. के. जैन
जिलाधीश, अलवर

प्रश्न 16.
नगर निगम पार्षद की ओर से मोहल्ले में व्याप्त गन्दगी के सम्बन्ध में नगर निगम के महापौर को एक पत्र लिखिए।
उत्तर
अर्द्ध-सरकारी-पत्र पत्रांक 3/2/20_ _
दिनांक 25 जून, 20 _ _
सेवा में,
श्रीमान् महापौर महोदय,
नगर निगम, जयपुर।

विषय-मोहल्ले में व्याप्त गंदगी के सम्बन्ध में।

महोदय,
निवेदन है कि हमारे मोहल्ले ब्रह्मपुरी में गंदगी का फैलाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। यदि यह कहें कि सफाई के नाम पर दिखावा मात्र है तो इसमें कोई : अतिशयोक्ति नहीं होगी। सफाई कर्मचारी गन्दगी उठाने के बजाय स्थान-स्थान पर कूड़े-करकट का ढेर लगा देते हैं, उनके जाते ही सुअर उन ढेरियों को पुनः फैला देते हैं। इस समय हमारे मोहल्ले में गन्दगी का ऐसा साम्राज्य छाया हुआ है कि सारा मोहल्ला हर समय गन्दगी की सड़ांध से दूषित रहता है।

यद्यपि नगर निगम की ओर से सफाई कर्मचारी नियुक्त हैं और उन्हें हथठेले, गाड़ियाँ आदि भी दी हुई हैं, किन्तु वे सब हाजरीगाह पर बैठे गप्पें ही लड़ाया करते हैं। यदि कोई उनसे जाकर सफाई करने के लिए कहता है तो वे चाय-पानी के पैसे की माँग करते हैं। जमादार और सफाई निरीक्षकों के साथ उनकी मिलीभगत है। इसलिए वे एकदम लापरवाह, अकर्मण्य और गैर-जिम्मेदार हो रहे हैं।

इनकी लापरवाही के कारण मोहल्लेभर के निवासियों का स्वास्थ्य संकट में पड़ गया है। कूड़े के ढेरों पर मक्खियाँ भिनभिनाती रहती हैं और गड्ढों तथा नालियों में जमा कीचड़ पर मच्छर भिनभिनाते रहते हैं। यदि शीघ्र ही सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं हुई तो मलेरिया, हैजा, पेचिश आदि बीमारियों के फैल जाने की पूरी आशंका है।

अतः अनुरोध है कि उक्त मोहल्ले का एक बार श्रीमान् स्वयं निरीक्षण करें तथा समुचित सफाई की शीघ्र व्यवस्था करें ताकि बीमारियों के फैलने की संभावना समाप्त हो सके तथा दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही करें जिससे भविष्य में वे आम नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ न कर सकें।

भवदीय,
(हस्ताक्षर)
राधामोहन वर्मा
पार्षद, ब्रह्मपुरी क्षेत्र

प्रश्न 17,
प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, करौली द्वारा फर्नीचर मँगवाने के लिए सम्बन्धित अधिकारी को एक आदेश-पत्र लिखिए।
उत्तर:
आदेश-पत्र
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय
करौली (राजस्थान)

पत्रांक रा.उ.मा.वि. 25/105 प्र./20_
दिनांक 12 जून, 20_ _

प्रेषक-प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, करौली। प्रेषितिअनुभाग अधिकारी, सामान्य प्रशासन अनुभाग रा.उ.मा. शिक्षा निदेशालय, बीकानेर।

महोदय,
इस विद्यालय के लिए पूर्व में फर्नीचर आपूर्ति की स्वीकृति प्राप्त हुई थी, परन्तु अभी तक आपूर्ति नहीं हुई है। अतएव इस वित्त वर्ष के मध्य तक पूर्व पत्र में लिखित। विवरणानुसार आवश्यक फर्नीचर मँगवाकर भिजवाने की व्यवस्था करें।

भवदीय,
(हस्ताक्षर)
डॉ. जयसिंह तोमर
प्रधानाचार्य

प्रश्न 18.
अपने जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक), की ओर से समस्त संस्था प्रधान राजकीय माध्यमिक विद्यालय/राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय/राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय के लिए एक परिपत्र लिखिए, जिसमें वर्ष 20_ _20_ _ में निःशुल्क साइकिल वितरण की पात्र छात्राओं की सूची माँगी गई हो।
उत्तर
परिपत्र
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा)
भरतपुर।

पत्रांक-जि. शि. 14/12/20
भरतपुर, 27 जुलाई, 20_ _

विषय-छात्राओं को निःशुल्क साइकिल वितरण के सन्दर्भ में।

राज्य सरकार के अत्यावश्यक आदेश पत्रांक 1422/20_ _-_ _ दिनांक 15/02/20 के क्रम में सूचित किया जाता है कि नि:शुल्क साइकिल वितरण हेतु पात्र छात्राओं की एक सूची विस्तृत वितरण सहित यथाशीघ्र प्रस्तुत करनी अपेक्षित है, ताकि उस आधार पर सत्र 20_-_ _ में सरकार की ओर से साइकिल वितरण की व्यवस्था की जा सके।

अतः समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालय/राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय/ राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय के संस्था प्रधानों को सूचित किया जाता है कि अनुमानित विवरण दस दिनों के अन्दर प्रस्तुत करें।

भवदीय,
जिला शिक्षा अधिकारी (मा. शिक्षा)
भरतपुर

सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित

  1. समस्त राज. माध्य. विद्यालय-प्रधानों को।
  2. समस्त राज. उ. माध्य, वि. प्रधानों को।
  3. समस्त राज, बालिका वि. प्रधानों को।
  4. समस्त क्षेत्रीय अधिकारियों को।

प्रश्न 19.
निदेशक, उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेरद्वारा समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान, क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर को टेलिफोन बिल की मासिक व्यय सीमा बढ़ाने की स्वीकृति को जो पत्र भेजा गया, उसका प्रारूप तैयार कीजिए।
उत्तर
परिपत्र
उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय
बीकानेर
पत्रांक : 25/14/प्र. 20
दिनांक 22 सितम्बर, 20 _ _

समन्वयक,
सर्वशिक्षा अभियान,
क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर।

विषय-टेलिफोन पर होने वाले व्यय के लिए निर्धारित सीमा।

निदेशालय द्वारा वस्तुस्थिति पर विचार कर पूर्व में आदेश जारी किया था कि क्षेत्रीय कार्यालय में टेलिफोन पर होने वाले व्यय की सीमा तीन हजार रुपये प्रतिमाह निर्धारित रहेगी।

अब इस विषय में समन्वयक, सर्वशिक्षा अभियान, क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर के अनुरोध पर पुनर्विचार किया गया। तदनुसार यह निर्णय लिया गया कि क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर के लिए यह सीमा छह हजार रुपये प्रतिमाह होगी।

पूर्व-प्रसारित परिपत्र के अन्य प्रावधान यथावत् रहेंगे। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से स्वीकृत एवं लागू किया जाता है।

(हस्ताक्षर)
रघुनन्दन दाधीच
निदेशक

प्रश्न 20.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर के सचिव की ओर से एक प्रेस-विज्ञप्ति का प्रारूप तैयार कीजिए, जिसमें बोर्ड द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का विक्रय करने के लिए पुस्तक-विक्रेताओं द्वारा पंजीकरण करवाना आवश्यक किया गया है।
उत्तर
प्रेस-विज्ञप्ति
(पंजीकरण हेतु)
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान
अजमेर।

राजस्थान प्रदेश के समस्त पुस्तक विक्रेताओं को सूचित किया जाता है कि बोर्ड द्वारा जो पाठ्य-पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं, उनका विक्रय करने के लिए पुस्तकविक्रेताओं को पंजीकरण कराना आवश्यक है। यह पंजीकरण 25 जून, 20 तक निर्धारित प्रपत्र में करना चाहिए। इस सम्बन्ध में पंजीकरण प्रपत्र एवं अन्य शर्ते आदि का विवरण बोर्ड कार्यालय से निर्धारित शुल्क देकर अथवा बोर्ड की वेबसाइट पर प्राप्त किया जा सकता है।

(हस्ताक्षर)
अनुभाग अधिकारी
कृते–सचिव

प्रश्न 21.
अल्प बचत निदेशालय, राजस्थान सरकार की ओर से निःशुल्क उपहार कूपन योजना के पुरस्कारों के सम्बन्ध में प्रेस-विज्ञप्ति का प्रालेख तैयार कीजिए।
उत्तर
प्रेस-विज्ञप्ति
राजस्थान सरकार,
अल्प बचत निदेशालय, जयपुर

अल्प बचत निदेशालय, राजस्थान सरकार द्वारा निःशुल्क उपहार योजना के। पुरस्कारों का ड्रा दिनांक 20 अगस्त, 20_ _ को जयपुर में निकाला गया। पुरस्कारों की घोषणा तथा विवरण दैनिक समाचार-पत्रों में दिनांक 5 सितम्बर, 20_ _ को प्रकाशित किया जा चुका है। राजस्थान राजपत्र में भी घोषणा का अलग से प्रकाशन करवाया गया। है। योजना में यह प्रावधान था कि ड्रा निकलने की तिथि से चालीस दिनों के भीतर पुरस्कार विजेता द्वारा अपना कूपन प्रस्तुत करने पर पुरस्कार दिया जायेगा।

अतः सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि पुरस्कारों सम्बन्धी दावे 30 सितम्बर, 20_ _ तक निदेशक, अल्पबचत राजस्थान, 6/555, राजापार्क, जयपुर के कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके बाद प्रस्तुत दावों पर विचार नहीं किया जायेगा।

(हस्ताक्षर)
एस. एन. मीणा
निदेशक,
अल्प बचत निदेशालय

प्रश्न 22.
जवाहर कला केन्द्र, जयपुर की ओर से एक विज्ञप्ति तैयार कीजिए। जिसमें कला केन्द्र से जुड़े समस्त लेखकों, कलाकारों, उद्घोषकों आदि के पारिश्रमिक वृद्धि की घोषणा की गई हो।
उत्तर
प्रेस-विज्ञप्ति
(घोषणा सम्बन्धी )
जवाहर कला केन्द्र

जवाहरलाल नेहरू मार्ग, जयपुर। जवाहर कला केन्द्र, जयपुर के प्रशासनिक मण्डल द्वारा अपनी वार्षिक सभा में यह निर्णय लिया गया है कि इसके विविध कार्यक्रमों से जुड़े लेखकों, कलाकारों, उद्घोषकों एवं संयोजकों के पारिश्रमिक में तत्काल प्रभाव से वृद्धि कर दी जाए।

ध्यान रहे कि लेखकों, कलाकारों आदि के पारिश्रमिक में सन् 20 में संशोधन किया गया था। पिछले कुछ समय से लेखकों और कलाकारों द्वारा यह शिकायत की जा रही थी कि सरकारी कर्मचारियों की महँगाई वृद्धि की तुलना में उन्हें पारिश्रमिक राशि कम दी जा रही है। इस कारण अच्छी प्रतिभाओं ने कला केन्द्र से अपना लगाव कम कर दिया है।

अतएव समस्त लेखकों, कलाकारों, उद्घोषकों एवं संयोजकों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक मण्डल ने उनके पारिश्रमिक दरों में वृद्धि करने का निर्णय लिया है, जिसे राजस्थान सरकार का अनुमोदन भी प्राप्त हो गया है। पारिश्रमिक वृद्धि की दरें इसी वित्तीय वर्ष अप्रैल, 20 से लागू कर दी गई हैं। आशा है इससे अच्छी। प्रतिभाओं का सहयोग मिलेगा तथा कला केन्द्र के सभी आयोजनों में गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

अध्यक्ष/निदेशक
प्रशासनिक मण्डल

प्रश्न 23.
संयोजक (समन्वयक) सर्व शिक्षा अभियान, क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर की ओर से पूर्व पत्र का कोई जवाब न मिलने पर निदेशक, उच्च माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर को एक स्मरण-पत्र रिमाण्डर) लिखिए।
उत्तर:
अनुस्मारक या स्मरण-पत्र
राजस्थान सर्वशिक्षा अभियान
क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर

दिनांक 10 जुलाई, 20_ _

पत्र संख्या स.शि.ज.वा. 7765/20
सेवा में,

श्रीमान् निदेशक महोदय,
उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय,
बीकानेर।

विषय-पूर्व पत्रांक स. शि. ज. 7765/20_, दिनांक 10 मार्च, 20 के क्रम में अनुस्मारक।

महोदय,
इस कार्यालय द्वारा उपर्युक्त विषयान्तर्गत जो पत्र भेजा गया था, अभी तक उसका उत्तर नहीं मिला है।

निवेदन है कि इस कार्यालय के टेलिफोन बिल की मासिक व्यय-सीमा बढ़ाने सम्बन्धी अनुरोध पर विचार करें और यथाशीघ्र वांछित व्यय-सीमा की स्वीकृति जारी करने की कृपा करें।

भवदीय,
(हस्ताक्षर)
विनय मोहन शर्मा
समन्वयक

प्रश्न 24.
जयपुर नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से अभियन्ता, सार्वजनिक निर्माण विभाग (नगर वृत्त) को एक स्मरण-पत्र लिखिए जिसमें सड़कों पर बढ़ रहे अतिक्रमण को नियन्त्रित करने का उल्लेख हो।
उत्तर
स्मरण-पत्र
अभियन्ता महोदय,
सार्वजनिक-निर्माण विभाग,
नगर वृत्त, जयपुर।

विषय-सड़कों पर बढ़ रहे अतिक्रमण के सन्दर्भ में।

महोदय,
नगर निगम कार्यालय के पत्र संख्या सा. प्र. 35/207/20 ; दिनांक 11 मई, . 20 के क्रम में जो लिखा गया था उसका स्मरण कर कार्यसम्पादन करने का कष्ट करें।

आपको समाचार-पत्रों से भी विदित हो गया होगा कि वर्तमान में शहर की सड़कों पर अतिक्रमण हो रहा है, कुछ लोग गैर कानूनी ढंग से पक्का निर्माण भी करा रहे हैं और सड़कों पर निर्माण सामग्री डाल कर यातायात को बाधित कर रहे हैं

अतः कृपया अतिशीघ्र नगर-परिधि की सड़कों पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने की कार्यवाही करें तथा सड़कों को सीमांकन कर किये गये अतिक्रमणों को ध्वस्त करवा दें। सहयोग की आशा में,

भवदीय,
(हस्ताक्षर)
शिवदयाल कुमावत
मुख्य कार्यकारी अधिकारी।
नगर निगम,
जयपुर

प्रश्न 25.
संस्था प्रधान की ओर से पुलिस अधीक्षक, यातायात को एक उचित प्रारूप में पत्र लिखिए जिसमें अपने विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षु चालक अनुज्ञप्ति-पत्र शिविर (लर्निंग लाइसेन्स कैम्प) लगाने का अनुरोध किया गया हो।
उत्तर:
ज्ञापन

श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय,
यातायात पुलिस,
अलवर।

विषय-विद्यार्थियों के लिए लर्निग लाइसेन्स कैम्प लगवाने के सम्बन्ध में।

महोदय,
निवेदन है कि इस वर्ष हमारे विद्यालय में आसपास के क्षेत्रों से अनेक छात्रों ने उच्च कक्षाओं में प्रवेश लिया है। ये सभी नव-प्रवेशार्थी वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग। लाइसेन्स बनवाने के इच्छुक हैं। परन्तु मुख्य परिवहन कार्यालय दूर होने से लर्निग लाइसेन्स नहीं बनवा पा रहे हैं। यदि इस सम्बन्ध में हमारे विद्यालय परिसर में ही एक कैम्प लगाकर यह कार्य किया जावे तो सभी को सुविधा होगी।

अतः आपसे प्रार्थना है कि परिवहन विभाग को निर्देश देकर हमारे विद्यालय में प्रशिक्षु चालक अनुज्ञप्ति-पत्र हेतु शिविर लगवाने की कृपा करें। इसके लिए संस्था की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जावेगा। हम आपके आभारी रहेंगे। धन्यवाद।

दिनांक 26/8/20_ _

भवदीय,
है. ………………
प्रधानाचार्य
क ख ग विद्यालय,
खेड़ली, अलवर

प्रश्न 26.
क्षेत्रीय विकास अधिकारी की ओर से शासन सचिव, ग्रामीण पंचायत विभाग, राजस्थान सरकार को एक ज्ञापन का प्रारूप तैयार कर लिखिए।
उत्तर
ज्ञापन
प्रेषक-क्षेत्रीय विकास अधिकारी,
ग्रामीण पंचायत विभाग,
पंचायत क्षेत्र–बस्सी,
जयपुर
प्रेषिति– श्रीमान् शासन सचिव, महोदय,
ग्रामीण पंचायत विभाग,
शासन सचिवालय,
जयपुर।

पत्र संख्या 115/16/वा. 20 _ _
दिनांक 27 मई, 20_ _

विषय-पंचायत समिति बस्सी क्षेत्र के विकास हेतु ज्ञापन।

महोदय,
निवेदन है कि बस्सी पंचायत क्षेत्र की सीमा जिला जयपुर से जुड़ी हुई है। राज्य की राजधानी के अति निकट होने पर भी इस पंचायत क्षेत्र का समुचित विकास नहीं हुआ है। इस कारण जनता को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस सम्बन्ध में निम्नलिखित योजनाओं को प्रारम्भ करने से विकास कार्य को गति मिल सकती है

  1. ग्रामीण क्षेत्रों की कच्ची सड़कों को पक्का किया जावे तथा जहाँ सड़कें नहीं हैं वहाँ सड़क-निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी जावे।
  2. क्षेत्र में प्राप्त कच्चे माल तथा खनिज पदार्थों के आधार पर लघु-उद्योगों को बढ़ावा दिया जावे। इसके लिए योग्य व्यक्तियों को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक प्रोत्साहन दिया जावे। कुटीर उद्योगों एवं हस्तकला के विकास पर पूरा ध्यान दिया जावे और इसके लिए क्षेत्र में दो-तीन प्रशिक्षणालय खोले जायें।
  3. कृषि विकास के लिए पंचायत स्तर पर विशेष व्यवस्था की जावे। सभी कृषकों को कुएँ खुदवाने, पम्प सैट लगवाने तथा अच्छे खाद-बीज के लिए पर्याप्त सरकारी सहायता उपलब्ध करायी जावे। .
  4. इस ग्रामीण क्षेत्र की आबादी अधिक है, परन्तु समाज कल्याण के रूप में कम राशि व्यय की जाती है। यहाँ पर नये विद्यालयों, पशु चिकित्सालय और पशुपालन केन्द्र के साथ ही सहकारी समिति की स्थापना की जावे।।

अतः आशा है कि आप इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश प्रसारित कर पंचायत समिति बस्सी क्षेत्र के चहुंमुखी विकास को प्राथमिकता देंगे और यहाँ की जनता को अनुगृहीत करेंगे।

भवदीय,
(हस्ताक्षर)
रामेश्वर खाती
क्षेत्रीय विकास अधिकारी, बस्सी

प्रश्न 27.
सचिव, वरिष्ठ नागरिक समिति, कुचामन सिटी की ओर से जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी को स्थानीय चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्था एवं भ्रष्टाचार की ओर ध्यान आकृष्ट करने का एक पत्र लिखिए।
उत्तर
सामान्य-पत्र
वरिष्ठ नागरिक समिति,
कुचामन सिटी, राजस्थान

पत्र संख्या 22/403 सा./20_ _
दिनांक 28 अगस्त, 20_ _

सेवा में,

श्रीमान् जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महोदय,
जिला स्वास्थ्य विभाग, नागौर।

विषय-राजकीय चिकित्सा केन्द्र कुचामन सिटी में व्याप्त अव्यवस्था तथा
भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में।

महोदय,
निवेदन है कि आजकल हमारे गृहनगर कुचामन सिटी के राजकीय चिकित्सालय में अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का बोलबाला है, जिसके कारण यहाँ के निवासी अत्यन्त दुःखी और पीड़ित हैं। इस सम्बन्ध में मैं आपका ध्यान आकृष्ट करने के लिए पूर्व में भी दो बार प्रार्थना-पत्र शिकायत सहित प्रस्तुत कर चुका हूँ, परन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। अतएव पुनः इस पत्र के द्वारा आपसे निवेदन करना चाहता हूँ। कि-

  1. यह राजकीय चिकित्सालय न तो कभी समय पर खुलता है और न इसमें पूरे कर्मचारी उपस्थित रहते हैं। चिकित्सालय का प्रभारी डॉक्टर तो महीने में दो-चार दिन ही दिखाई देता है।
  2. इस चिकित्सालय में दवाओं को सदा अभाव बताया जाता है, परन्तु यहाँ के कर्मचारी सरकारी दवा को चुपचाप बेच देते हैं। ये मरीजों को पैसे लेकर ही दवा देते हैं। जो गरीब इन्हें मुँहमाँगी रकम नहीं देता है, उसे दवा नहीं दी जाती है। यहाँ के कम्पाउण्डर और नर्स बिना पैसे लिए मरहम-पट्टी नहीं करते हैं और बिना पैसे लिये इंजेक्शन नहीं लगाते हैं।
  3. इस चिकित्सालय में रोगियों की काफी भीड़ रहती है और लोग घण्टों प्रतीक्षा करते रहते हैं। परन्तु उन्हें न तो ठीक से देखा जाता है और न देवा दी जाती है। किसी के ऐतराज करने पर यहाँ के कर्मचारी असभ्यतापूर्ण व्यवहार करते हैं।
  4. इस चिकित्सालय में दूर-दराज के स्थानों से जो रोगी आते हैं, उन्हें जयपुर या अजमेर जाने के लिए बाध्य किया जाता है। इस कारण गरीब रोगी निराश होकर अपने घर लौट जाते हैं।
  5. इस चिकित्सालय में सब ओर गंदगी फैली रहती है, सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। रोगियों को सुविधा नहीं मिलती है।

इन स्थितियों से अनुमान लगाया जा सकता है कि यहाँ के निवासियों को कितनी परेशानी उठानी पड़ती है। सरकार जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए चिकित्सालय खोलती है, परन्तु इस तरह के भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के कारण जनता को इसका लाभ नहीं मिलता है।

अतः प्रार्थना है कि इस सम्बन्ध में आप तुरन्त ध्यान दें और इस चिकित्सालय की व्यवस्था सुधारने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें।

निवेदक,
(हस्ताक्षर)
प्रताप सिंह
सचिव,
वरिष्ठ नागरिक समिति, कुचामन सिटी

प्रश्न 28.
जिला प्रमुख की ओर से जिला कलेक्टर, धौलपुर को एक पत्र लिखिए, जिसमें जिले में चल रहे मनरेगा कार्यों में हुई अनियमितताओं को दूर करने का अनुरोध किया गया हो।
उत्तर
सामान्य-पत्रे पत्रांक 05/206/20_ _
दिनांक 10 मई, 20_ _

सेवा में,
श्रीमान् जिला कलेक्टर महोदय,
जिला धौलपुर, राजस्थान।

विषय-मनरेगा कार्यों में अनियमितताओं के सन्दर्भ में।

महोदय,
उक्त विषयान्तर्गत निवेदन है कि हमारे जिले में मनरेगा कार्यों के रूप में अनेक स्थानों पर सड़क-निर्माण बनाने का कार्य चल रहा है। इसका उद्देश्य ग्रामवासियों को लाभ पहुँचाना है। परन्तु इस कार्य में अनियमितताएँ हो रही हैं। सड़क-बिछाने के लिए घटिया सामग्री काम में ली जा रही है। सड़क में रोड़ी बिछाने की जगह बलुई मिट्टी भरी जा रही है। इसके साथ ही राहत कार्यों में लगे ग्रामीणों को पारिश्रमिक के रूप में निर्धारित राशि और पूरा अनाज भी नहीं दिया जा रहा है। उक्त राहत कार्य की देखभाल करने वाले अधिकारी भी हाजिरी रजिस्टर में फर्जी नाम जोड़कर अपनी जेब गरम करने में लगे हुए हैं। इससे आम जनता और सरकार को हानि हो रही है।

अतः अविलम्ब आप स्वयं आकर अथवा सक्षम अधिकारी को भेजकर वस्तुस्थिति का पता लगाएँ। साथ ही उक्त अनियमितताओं की जाँच करवाकर दोषी कर्मचारी को दण्डित किया जावे। तुरन्त आवश्यक कार्यवाही की आशा में।

भवदीय,
(हस्ताक्षर)
दानाराम जाखड़
जिला प्रमुख, नागौर

प्रश्न 29.
विद्युत् वितरण के सम्बन्ध में अधिशासी अभियन्ता जयपुर वृत्त की ओर से एक अधिसूचना का प्रारूप तैयार कीजिए।
उत्तर
अधिसूचना
राजस्थान सरकार
विद्युत् विभाग, प्रथम वृत्त।
जयपुर।

क्रमांक 5400/वि/1/25

दिनांक 25 अक्टूबर, 20_ _

सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि जयपुर क्षेत्र के प्रथम वृत्त में दिनांक 28/ 10/20_ को प्रात: 9 बजे से सायं 7 बजे तक आमेर, जमुवारामगढ़, सीतारामपुरा, खुआ ग्राम तथा उसके आसपास के क्षेत्र में नई लाइनें डालने एवं मरम्मत की वजह से विद्युत् वितरण बन्द रहेगा। उसके पश्चात् नियमित विद्युत् वितरण हो सकेगा।

हस्ताक्षर
एस. के. माथुर,
अधिशासी अभियन्ता,
विद्युत् विभाग, प्रथम वृत्त
जयपुर (राज.)

व्यावसायिक एवं कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया अध्याय-सार

स्ववृत्त लेखन-स्ववृत्त का तात्पर्य है अपना वृत्त या वृत्तान्त लिखनी। अंग्रेजी में इसे Bio-Data या Resume कहते हैं। आजीविका या रोजगार प्राप्ति के सन्दर्भ में स्ववृत्त लिखा जाता है। इसमें अपना नाम, जन्मतिथि, शैक्षिक योग्यता, कार्यानुभव एवं उपलब्धियों का स्पष्ट उल्लेख किया जाता है। वर्तमान में जीविकोपार्जन के अलावा अन्य उद्देश्यों से भी स्व-वृत्त लेखन किया जाता है। नौकरी पाने के लिए जो स्व-वृत्त लिखा जाता है, उससे पूर्व एक आवेदन-पत्र अवश्य लिखा जाता है, जिसमें विज्ञापित पद का क्रमांक, तिथि, पद आदि का उल्लेख किया जाता है। उस आवेदन-पत्र के साथ स्व-वृत्त (Bio-Data) भी संलग्न किया जाता है तथा उस पर अपना नवीनतम आवास फोटो भी लगाया जाता है।

स्ववृत्त का उपयोग रोजगार पाने के उद्देश्य के साथ ही विवाह आदि के लिए भी किया जाता है। स्ववृत्त से अपने सम्बन्ध में पूरी तथा सही जानकारी दी जाती है। तथा इससे जीवन के ध्येय का पता भी चलता है।

कार्यालय सम्बन्धी पत्र-व्यवहार-आलेखन कार्यालयी पत्राचार का एक अंग होता है। आलेख या आलेखन दो प्रकार का होता है—प्रारम्भिक और उच्चतर। उच्चतर आलेखन में सरकारी कार्यालयों में प्रयुक्त होने वाले भिन्न-भिन्न प्रकार के पत्राचारों का समावेश होता है। इस तरह के कार्यालयीय पत्राचार विदेशी सरकारों से लेकर शासकीय, अशासकीय एवं स्वशासी कार्यालयों द्वारा जन-साधारण से किया जाने वाला पत्राचार आ जाता है। कार्यालयों में मौखिक रूप से कहे गये आदेशों का उतना महत्त्व नहीं रहता है। अतः कार्यालयों में समस्त कार्य पत्राचार के माध्यम से ही सम्पन्न किये जाते हैं। कार्यालयीय पत्र-व्यवहार का स्वरूप निश्चित प्रक्रिया वाला होता है तथा सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उसी प्रक्रिया का अनुसरण करना पड़ता है।

कार्यालयी-पत्रों की संरचना में ध्यान देने योग्य बिन्दु

  1. कार्यालयी या सरकारी पत्र औपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं।
  2. ऐसे पत्रों के शीर्ष पर कार्यालय, विभाग, संस्थान या मन्त्रालय का नाम व पता लिखा जाता है।
  3. पत्र के बायीं तरफ फाइल संख्या लिखी जाती है, जिससे स्पष्ट हो सके कि पत्र किस विभाग या अधिकारी द्वारा किस विषय के तहत लिखा जा रहा है।
  4. पत्र जिसे लिखा जाता है उसका नाम, पद, पता आदि बायीं तरफ लिखा जाता है।
  5. इसके नीचे प्रेषिति (प्राप्तकर्ता) का नाम भी दिया जाता है।
  6. इसके बाद स्थान तथा दिनांक का उल्लेख और फिर उसके नीचे की। पंक्ति से पत्र के प्रायः बीच में विषय को उल्लेख किया जाता है।
  7. प्रारम्भ में ‘सेवा में लिखा जाता है, जो कि अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। सम्बोधन के लिए ‘महोदय’ ही पर्याप्त है।
  8. पिछले पत्र का (यदि कोई हो) सन्दर्भ देते हुए पत्र को प्रारम्भ किया जाता है।
  9. प्रतिपाद्य विषय को अनुच्छेदों में विभक्त कर लिखा जाता है।
  10. पत्र में आदेशाधिकारों के आदेशों का पूर्णतः समावेश किया जाता
  11. कार्यालयी-पत्रों में प्रायः उत्तम पुरुष और मध्यम पुरुष शैली का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसे अन्य पुरुष शैली में निर्वैयक्तिक ढंग से लिखना उचित रहता है।
  12. इन पत्रों की भाषा सरल, स्पष्ट, शिष्ट और संगत होनी आवश्यक है। वाक्य अधिक लम्बे नहीं होने चाहिए।
  13. पत्र के समापन पर दायीं ओर भवदीय लिखकर प्रेषक के हस्ताक्षर होते हैं।
  14. पत्र का पृष्ठांकन सभी सम्बन्धित व्यक्तियों को किया जाता है।
  15. अपेक्षित और आवश्यक संलग्नक क्रम संख्या लिखना भी अपेक्षित रहता है।

कार्यालयी-पत्रों के प्रकार-कार्यालयों में विविध प्रकार के पत्र लिखे जाते हैं। पत्र-लेखन का प्रारूप पत्र की प्रकृति एवं विषय के अनुसार निर्धारित रहता है। कार्यालयी-पत्रों में इन सभी की गणना की जाती है।

  1. आवेदन-पत्र या प्रार्थना-पत्र,
  2. कार्य की सूचना एवं स्वीकृति-पत्र,
  3. शासकीय व्यवस्था सम्बन्धी पत्र,
  4. प्रशासनिक पत्र,
  5. शासनादेश या आदेशपत्र,
  6. परिपत्र,
  7. प्रेस-विज्ञप्ति,
  8. स्मरण-पत्र,
  9. ज्ञापन,
  10. शिकायती सामान्यपत्र,
  11. अधिसूचना,
  12. निविदा पत्र,
  13. अन्य विविध पत्र।

इन पत्रों के अतिरिक्त अर्द्ध सरकारी पत्रों का लेखन विभिन्न सरकारी अधिकारियों के मध्य व्यक्तिगत रूप में होता है। इन पत्रों का उद्देश्य अन्य अधिकारियों की व्यक्तिगत सम्मति जानना तथा किसी विषय को लेकर विचारविमर्श का आदान-प्रदान करना होता है। ऐसे पत्र ‘पुनः स्मरण’ के लिए भी लिखे जाते हैं।

The Complete Educational Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *