RBSE Class 5 Hindi रचना निबन्ध लेखन
RBSE Class 5 Hindi रचना निबन्ध लेखन
Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi रचना निबन्ध लेखन
1. दीपावली
भारत में अनेक त्योहार मनाये जाते हैं। इन त्योहारों में दीपावली एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। कहते हैं। कि इस दिन भगवान् राम चौदह वर्ष का वनवास भोगकर अयोध्या, आये थे। इस खुशी में लोगों ने घी के दीपक जलाये। दीपावली से दस-पन्द्रह दिन पहले घरों की सफाई प्रारम्भ हो जाती है। धनतेरस को लोग नये बर्तन खरीदते हैं, दूसरे दिन छोटी दीपावली मनायी जाती है। अमावस्या की रात को घरों में दीपक जलाये जाते हैं, लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है।
बच्चे फुलझड़ी, पटाखे आदि जलाते हैं। सब तरफ रोशनी और सजावट की जाती है। घरों में अच्छे पकवान बनते हैं, मिठाई खायी जाती है। सभी लोग इस त्योहार को खुशी के साथ मनाते हैं। और एक-दूसरे के घर मिलने जाते हैं। दीवाली का त्योहार मंगल-कामना और आपसी प्रेम-भाव का त्योहार
2. होली
होली हमारे देश के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे रंगों का त्योहार भी कहते हैं। होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्योहार का सम्बन्ध भक्त प्रहलाद की कथा से माना जाता है। । प्रहलाद ईश्वर का भक्त था। उसका पिता हिरण्यकश्यप ईश्वर को नहीं मानता था। हिरण्यक उप ने अपनी बहिन होलिका की गोद में प्रहलाद को रखकर उसे आग में बैठाया। होलिका तो जल गई, परन्तु भक्त प्रहलाद बच गया। तब से यह त्योहार उसकी याद में मनाया जाता है।
सन्ध्या के समय होली जलायी जाती है। उसमें नये | अनाज की बालियों को सेंका जाता है। अगले दिन धुलण्डी होती है। सभी लोग रंग, अबीर, गुलाल आदि से खेलते हैं और अपनी खुशी प्रकट करते हैं। इस दिन सभी लोग आपसी मतभेद भुलाकर गले मिलते हैं, घरों में मिठाई तथा अच्छे पकवान परोसे जाते हैं। होली का त्योहार आपसी मेल-जोल, प्रेम और भाईचारे को बढ़ाने वाला है।
3. रक्षाबन्धन रक्षाबन्धन
हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है। इस दिन बहिनें अपने भाइयों को राखी बाँधती हैं। इसलिए इसे भाई-बहिनों के प्रेम का त्योहार भी कहते हैं। यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन राक्षसों का नाश करने के लिए इन्द्राणी ने देवराज की कलाई में राखी बाँधी थी। उस युद्ध में इन्द्र विजयी हुए थे। राखी के दिन बहिनें अपने भाइयों के मस्तक पर तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती हैं और हाथ पर राखी बाँधती हैं । राखी बहिन के पवित्र प्रेम की सूचक है। इस अवसर पर भाई अपनी बहिन को कुछ उपहार और रुपये भेट देता है। वह उसकी रक्षा का वचन भी देता है । यह त्योहार भाई-बहिन के पवित्र सम्बन्धों को बनाने वाला और मेलमिलाप बढ़ाने वाला है। इससे खुशहाली प्रकट होती है ।।
4. गणतन्त्र दिवस
गणतन्त्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। हमारा देश आजाद होने के बाद 26 जनवरी, सन् 1950 को देश में नया संविधान लागू किया गया और इसे लोकतन्त्रात्मक गणराज्य घोषित किया गया। उसी की स्मृति में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते हैं। गणतन्त्र दिवस का उत्सव सारे राष्ट्र में मनाया जाता है। इस दिन राजधानी दिल्ली में विशेष कार्यक्रम होता है। इण्डिया गेट के पास राष्ट्रपति मार्चपास्ट की सलामी लेते हैं। इसमें अनेक सुन्दर झाँकियाँ निकाली जाती हैं।
राज्यों की राजधानियों में भी बड़े धूमधाम से यह पर्व मनाया जाता है। जगह-जगह राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। विद्यालयों में अनेक कार्यक्रम होते हैं और बच्चों को मिठाई बाँटी जाती है। सन्ध्या को सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है। गणतन्त्र दिवस का उत्सव समानता, प्रेम, देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना फैलाता है। हमें इस राष्ट्रीय पर्व पर गर्व है।
5. हमारा नगर (जयपुर)
हमारा नगर जयपुर भारत के बड़े नगरों में गिना जाता है। यह ‘गुलाबी नगर’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह हमारे राज्य राजस्थान की राजधानी है। जयपुर नगर की स्थापना महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी। इस नगर के चारों ओर विशाल परकोटा है जिसमें आठ दरवाजे हैं। इसकी सड़कें सीधी और चौड़ी हैं। इसके भवनों तथा दुकानों पर गुलाबी रंग पुता हुआ है।
जयपुर नगर में सरकार के सभी विभागों के प्रधान कार्यालय, विधानसभा भवन और कई केन्द्रीय कार्यालय हैं।
यहाँ अनेक दर्शनीय स्थान हैं, इन्हें देखने के लिए देश-विदेश के हजारों पर्यटक आते हैं। इन दर्शनीय स्थानों में हवामहल, जन्तर-मंन्तर, चन्द्रमहल, रामनिवास बाग, सिसोदिया गार्डन, आमेर के महल, गलता, चिड़ियाघर, अनेक मन्दिर आदि विशेष उल्लेखनीय हैं। कला-कौशल, मूर्तिकला, लाख की चूड़ियाँ एवं रंगाई-छपाई के लिए जयपुर नगर प्रसिद्ध है। यह विश्व के सुन्दर और ऐतिहासिक नगरों में गिना जाता है। अब यहाँ मेट्रो-ट्रेन भी चलने लगी है।
6. विद्यालय का वार्षिक उत्सव
हमारा विद्यालय अजमेर नगर के मध्य में स्थित है। हमारे विद्यालय में प्रतिवर्ष उत्सव मनाया जाता है। इस वार्षिक उत्सव की तैयारी एक माह पूर्व से हो जाती है। इसमें अनेक कार्यक्रम होते हैं, जिनमें सभी छात्र उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। विद्यालय का वार्षिक उत्सव हर साल पच्चीस जनवरी को मनाया जाता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के आसन ग्रहण करने पर विविध साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। इनमें नृत्य, संगीत, कविता पाठ और अन्त्याक्षरी आदि प्रतियोगिताएँ रखी जाती हैं।
शाला के प्रधानाध्यापकजी अतिथियों का स्वागत करते हैं तथा विद्यालय की प्रगति का विवरण देते हैं। विद्यालय के वार्षिक उत्सव पर छात्रों को पुरस्कार भी दिये जाते हैं। मुख्य अतिथि का भाषण होता है, जिसमें वे छात्रों को अच्छी आदतें अपनाने और परिश्रमी बनने की प्रेरणा देते हैं। वे पुरस्कार पाने वाले छात्रों की सराहना करते हैं तथा दूसरे छात्रों को भी कुछ अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। अन्त में राष्ट्रगान होता है तथा वार्षिक उत्सव समाप्त हो जाता है।
7. स्वतंत्रता दिवस ( 15 अगस्त)
15 अगस्त हमारा स्वतंत्रता दिवस है। इसी दिन सन् 1947 को हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। तब से यह पर्व हमारे देश में हर साल 15 अगस्त के दिन मनाया जाता है। इस दिन सभी जगह छुट्टी रहती है। देश के कोने-कोने में इस पर्व को मनाया जाता है। स्कूलों में प्रात:काल से ही विभिन्न प्रकार के रोचक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। झण्डा फहराया जाता है। खेल-कूद किए जाते हैं। गाँवों में प्रभात फेरियाँ निकाली जाती हैं। देशभक्ति के गीत गाये जाते हैं।
राज्यों के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, भाषण देते हैं। देश के सभी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर राष्ट्रगान गाया जाता है। रात्रि के समय कार्यालयों और राज्य की राजधानियों में रोशनी भी की जाती है। देश की राजधानी में यह पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। इसी दिन प्रधानमंत्री लाल-किले पर तिरंगा फहराकर जन-समूह को सम्बोधित करते हैं। स्कूलों में बच्चों को मिठाइयाँ एवं फल वितरित किए जाते हैं। हमें प्रतिवर्ष इस पर्व को उत्साह के साथ मनाना चाहिए। राष्ट्र की आजादी के लिए प्रतिज्ञा करनी चाहिए और देश के शहीदों को याद करना चाहिए।
8. मेरा विद्यालय
मेरे विद्यालय का नाम राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय है। मेरे विद्यालय में दस कमरे हैं। आठ कमरों में कक्षाएँ लगती हैं। एक कमरा प्रधानाध्यापकजी का है। एक कमरा परीक्षा-कक्ष और अध्यापकों के लिए है। सभी कमरों में पंखे लगे हुए हैं। मेरे विद्यालय में एक अच्छा पुस्तकालय है जिसमें लगभग तीन हजार पुस्तकें हैं। हम वहाँ से कहानियों तथा अन्य विषयों की पुस्तकें लेकर पढ़ते हैं। मेरे विद्यालय में आठ अध्यापक और एक प्रधानाध्यापकजी हैं। सभी अध्यापक बच्चों को बहुत प्यार करते हैं।
मेरे विद्यालय में एक खेल का मैदान भी है। हम सब वहाँ मिलकर फुटबॉल, कबड्डी और खो-खो खेलते हैं। मेरे विद्यालय में पानी पीने के लिए नल लगे हुए हैं। मेरे विद्यालय में एक शौचालय और दो पेशाबघर भी हैं। मेरा विद्यालय शिक्षा, अनुशासन और खेलकूद के लिए प्रसिद्ध है। मेरा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। मैं इसमें पढ़कर अपने आप में गर्व अनुभव करता हूँ।
9. मेरे प्रिय अध्यापक/मेरे प्रिय गुरुजी
मैं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ। मेरे विद्यालय में आठ अध्यापक और एक प्रधानाध्यापक हैं। सभी अध्यापक बहुत अच्छे हैं। वे सब मेहनत से | हम सबको पढ़ाते हैं, लेकिन मुझे एक गुरुजी बहुत अच्छे लगते हैं। उनका नाम श्री मोहनलाल है। वे हमारे कक्षाध्यापक भी हैं और हमें हिन्दी पढ़ाते हैं। मेरे गुरुजी रोज विद्यालय में समय पर आते हैं। वे हमेशा धोती और कुर्ता पहनते हैं। उनके कपड़े हमेशा साफ रहते हैं। वे विद्यालय में आकर हमारी प्रार्थना कराते हैं और प्रार्थना में रोज अच्छी-अच्छी बातें भी बताते हैं।
माता-पिता को प्रणाम करना, अपने से बड़ों को नमस्कार करना आदि भी बताते हैं। मेरे गुरुजी कक्षा में समय पर पहुँच जाते हैं। पाठ को बहुत ही सरल तरीके से पढ़ाते हैं। उनका पढ़ाया हुआ मेरी समझ में अच्छी तरह से आ जाता है। वे सभी बच्चों को बहुत प्यार करते हैं। वे गरीब बच्चों को पुस्तकें और फीस आदि भी देते हैं। वे हमेशा छुट्टी के बाद ही स्कूल से जाते हैं। वे घर पर भी बिना पैसा लिए बच्चों को पढ़ाते हैं। वे मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। इसलिए वे मेरे प्रिय अध्यापक हैं।
10. दशहरा
हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में दशहरा भी एक त्योहार है। यह त्योहार आसोज सुदी दशमी को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान् राम ने राक्षसों के राजा रावण को मारकर विजय प्राप्त की थी। इसलिए इस दिन को विजय-दशमी भी कहते हैं। दशहरा शरद् ऋतु का प्रमुख त्योहार है। दस दिन पहले से जगह-जगह रामलीला शुरू हो जाती है। दशमी के दिन रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले, जलाये जाते हैं। इन पुतलों में पटाखे भरे जाते हैं। जलने पर इनसे अनेक प्रकार की आवाजें निकलती हैं।
इस मौके पर भगवान् श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की झाँकी भी निकलती है। दशहरा पर क्षत्रिय लोग शस्त्रों की पूजा करते हैं। दशहरे | का त्योहार पाप पर पुण्य की और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इससे हमें अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।
11. स्वच्छता अभियान
स्वच्छता के महत्त्व को जन-जन तक पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के बाद लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। हमारे गुरुजी भी विद्यालय की साफ-सफाई के लिए पूरी तरह जागरूक रहते हैं। वे हमें रोजाना स्वच्छता से रहने, साफ़ कपड़े पहनने और अपने घर-परिवार की सफ़ाई रखने के लिए बताते हैं। समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हम सब विद्यार्थियों ने गुरुजी के नेतृत्व में स्वच्छता रैली भी निकाली। लोगों को घर-घर जाकर स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया। समाज में भी अब इस अभियान का असर नजर आने लगा है। संब लोग अब साफ-सफाई के प्रति जागरूक हो गए हैं।
कचरा कचरापात्र में डालते हैं। स्वच्छता अभियान के तहत अब हर घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं। सरकार भी शौचालय बनाने के लिए सहायता दे रही। है। इससे लोग खुले में शौच जाना बन्द करेंगे और बीमारियाँ नहीं होंगी। हमें भी स्वच्छता अभियान में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। अपने घर-परिवार, आस-पड़ौस, विद्यालय आदि को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
12. गाय
गाय एक सरल पशु है। इसे घरों में पाला जाता है। गाय के चार पैर, दो कान, दो आँख, एक नाक, एक मुँह तथा एक लम्बी पूँछ होती है। गाय हमें दूध देती है। इसका दूध स्वास्थ्यवर्द्धक होता है। गाय के दूध से दही, छाछ, पनीर, घी आदि भी बनाया जाता है। गाय का दूध बच्चों के लिए बहुत पौष्टिक होता है। गाय गोबर देती है जिससे उपले तथा खाद बनाये जाते हैं। उपले ईंधन के रूप में काम में लेते हैं तथा खाद का खेतों में उपयोग किया जाता है। गाय के नर बच्चे बड़े होकर बैल बनते हैं जिनकी सहायता से खेतों में हल चलाया जाता है। गाय एक पवित्र प्राणी है। हमारे देश में गायों को पूजा भी जाता है।
13. टेलीविजन
टेलीविजन आधुनिक समय का महत्त्वपूर्ण आविष्कार है। वर्तमान में यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। पहले श्वेत-श्याम टेलीविजन प्रचलित थे किन्तु अब रंगीन टेलीविजन प्रचलन में हैं। वर्तमान में एलईडी टेलीविजन ज्यादा प्रचलित हैं। टेलीविजन लगभग प्रत्येक घर में मिलता है। टेलीविजन पर घर बैठे पूरी दुनिया की खबरें मिल जाती हैं। टेलीविजन पर न केवल सुनना बल्कि दृश्यों को देखना भी संभव है। टेलीविजन का मनोरंजन एवं शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान है।
टेलीविजन पर खेल, फिल्में, संगीत, धारावाहिक आदि देखकर मनोरंजन किया जाता है। टेलीविजन पर कई शैक्षिक कार्यक्रम भी प्रसारित किये जाते हैं। अनेक चैनल तो केवल शिक्षा के लिए ही बने हैं। विभिन्न चैनलों के अस्तित्व में आने के बाद तो टेलीविजन का महत्त्व और बढ़ गया है।