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RBSE Class 8 Hindi व्याकरण कहावतें (लोकोक्तियाँ)

RBSE Class 8 Hindi व्याकरण कहावतें (लोकोक्तियाँ)

Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi व्याकरण कहावतें (लोकोक्तियाँ)

लोकोक्ति का अर्थ है-लोक की उक्ति, अर्थात् जन-कथन। लोकजीवन की किसी घटना या अन्तर्कथा के भाव को व्यक्त करने वाली उक्ति लोकोक्ति कहलाती है। इसे कहावत भी कहते हैं।

प्रश्न 1.
ऊँची दुकान फीका पकवान’ लोकोक्ति का अर्थ है
(क) ऊँची दुकान में मिठाई रखना।।
(ख) छोटी दुकान में अच्छा माल रखना।
(ग) कोरा बाहरी दिखावा करना।
(घ) ऊँची दुकान में कम सामान रखना।
उत्तर:
(ग) कोरा बाहरी दिखावा करना।

प्रश्न 2.
‘थोथा चना बाजे घना’ लोकोक्ति का अर्थ है
(क) मूर्ख व्यक्ति बहुत बोलता है।
(ख) बड़ा आदमी बहुत बोलता है।
(ग) ज्ञानी व्यक्ति कम बोलता है।
(घ) खोखला चना हल्का होता है।
उत्तर:
(क) मूर्ख व्यक्ति बहुत बोलता है।

प्रश्न 3.
‘चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय’ लोकोक्ति का अर्थ है
(क) कठोर श्रम करना।
(ख) बहुत कंजूस होना।
(ग) सदा गरीबी में रहना।
(घ) धन को तुच्छ समझना।
उत्तर:
(ख) बहुत कंजूस होना।

प्रश्न 4.
सदा एक जैसा रहना’ अर्थ किस लोकोक्ति का है?
(क) ढोल में पोल
(ख) ढाक के तीन पात
(ग) यथा राजा तथा प्रजा
(घ) लेना एक न देना दो।
उत्तर:
(ख) ढाक के तीन पात

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कहावतों का अर्थ लिखिए।
उत्तर:

  1. आम के आम गुठलियों के दाम = दुहरा लाभ।।
  2. ऊँची दुकान फीका पकवान = दिखावा अधिक वास्तविकता कम।।
  3. अक्ल बड़ी या भैंस = शारीरिक बल से बुद्धि बल श्रेष्ठ है।
  4. अधजल गगरी छलकत जाए = ओछा व्यक्ति अधिक उछल-कूद करता है।
  5. आप भला तो जग भला =अच्छे व्यक्ति के लिए सभी अच्छे होते हैं।
  6. एक म्यान में दो तलवार = स्थान एक का हो, पर दो के रखने की कोशिश करना।।
  7. खोदा पहाड़ निकली चुहिया = अधिक परिश्रम, पर परिणाम कम।।
  8. अपनी करनी पार उतरनी = कर्म का फल सबको भोगना पड़ता है।
  9. खुद श्रीमान् बैंगन खाएँ, औरों को परहेज बताएँ = केवल दूसरों को सलाह देना, लेकिन स्वयं वैसा न करना।
  10. अन्थों में काना राजा = मूर्खा में कम पढ़ा-लिखा भी विद्वान् समझा जाता है।
  11. एक पंथ दो काज = दोहरा लाभ।
  12. अन्धा पीसे कुत्ता खाय = कुप्रबन्ध से वस्तु का नष्ट होना।
  13. आप भला तो जग भला = अच्छे व्यक्ति के लिए सभी अच्छे होते हैं।
  14. आधा तीतर आधा बटेर = बेमेल कार्य करना।
  15. ऊँट के मुँह में जीरा = आवश्यकताएँ बड़ी, पूर्ति नाममात्र की।
  16. करेला और नीम चढ़ा = दुष्ट को बुरी संगति मिलना।
  17. घर की मुर्गी दाल बराबर = सरलता से मिली वस्तु का महत्त्व न होना।
  18. जिसकी लाठी उसकी भैंस = शक्तिवान ही विजयी हो रहा है।
  19. वायु बनकर बहे, आँधी बनकर अँधेरा न लाए = हो सके तो सहायता करे, परन्तु नुकसान पहुँचाने वाला न बने।

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