RBSE Class 9 Hindi सड़क सुरक्षा
RBSE Class 9 Hindi सड़क सुरक्षा
Rajasthan Board RBSE Class 9 Hindi सड़क सुरक्षा
पाठ – सारांश :
राजस्थान में वाहन दुर्घटनाओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण युवाओं द्वारा तीव्र गति से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, लाल बत्ती को पार करना, वाहन चलाते हुए मोबाइल फोन पर बातें करना, नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाना आदि है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए सड़क सुरक्षा के उपायों को अपनाना जरूरी है। सड़क सुरक्षा कानून की सख्त आवश्यकता है एवं इसके अतिरिक्त बच्चों व उनके माता-पिता की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे सड़क सुरक्षा कानून का पालन करें। माता-पिता नाबालिग बच्चों को गाड़ी न चलाने दें तथा उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों पर ध्यान दें। वाहन चालक को बगैर लाइसेंस के नहीं चलना चाहिए। सड़क सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बात गाड़ी की उचित देखभाल है। दुर्घटना होने पर सभी को प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
पाठ्य पुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
साइबर कैफे में जाकर दोनों मित्र क्या करते थे?
उत्तर:
साइबर कैफे में जाकर दोनों मित्र कार रेसिंग का वीडियो गेम खेलते थे।
प्रश्न 2.
दोनों मित्रों का गाड़ी चलाना सही था या नहीं? कारण सहित बताइए।
उत्तर:
दोनों मित्रों की गाड़ी चलाना सही नहीं था, क्योंकि दोनों नाबालिग थे।
प्रश्न 3.
अरविंद समय पर ब्रेक क्यों नहीं लगा पाया?
उत्तर:
अरविंद ने किसी मोटर कार प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण नहीं लिया था। अत: वह समय पर ब्रेक लगाने से अवगत नहीं था। उसने जब ब्रेक लगाया तो पैर एक्सीलेटर पर जो पड़ा जिससे गाड़ी और तेज हो गई।
प्रश्न 4.
व्यक्ति के कार से टकराने से क्या हुआ?
उत्तर:
व्यक्ति के कार से टकराने पर उसकी कमर की हड्डी टूट गई।
प्रश्न 5.
इस कहानी से आपको क्या सीख मिलती है ?
उत्तर:
इस कहानी से हमको निम्न सीख मिलती है
- बालिग होने से पहले किसी भी वाहने को नहीं चलाना चाहिए।
- गाड़ी चलाने से पहले किसी मोटर कार ट्रेनिंग संस्थान से उचित प्रशिक्षण जरूरी है।
- बच्चों को ड्राइविंग से दूर रहना चाहिए।
क्रियाकलाप :
प्रश्न 1.
सड़क सुरक्षा पर पोस्टर बनाकर अपनी कक्षा में तथा स्कूल के प्रांगण में लगाइए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
बच्चों को इंटरनेट से लाभ तथा नुकसान के बारे में। बताइए।
उत्तर:
आज के बच्चों व युवा वर्ग के लिए इंटरनेट सबसे जरूरी चीज बन गया है। कुछ लोग इसे एडिक्शन का नाम देने की कोशिश कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है। पहले जिन चीजों के लिए बच्चों को कई जगह जाकर खोजबीन करनी पड़ती थी, अब ये तमाम जानकारियाँ उसे नेट द्वारा पल भर में मिल जाती हैं। पढ़ाई के दौरान या दैनिक जिंदगी में आने वाली तमाम परेशानियों का हल वह बैठे-बैठे ही पा जाता है। आज तीन में से एक युवा इंटरनेट प्रयोगकर्ता है और इसका वह सही इस्तेमाल भी कर रहा है। अपनी सूचनाओं का आदान-प्रदान उसके लिए सबसे आवश्यक है। इस काम में इंटरनेट से बड़ा कोई सहयोगी नहीं है। इंटरनेट के लाभ के अतिरिक्त हानियाँ भी काफी हैं। बच्चा चाहे फेसबुक पर बैठे हों या विटर पर या फिर व्हाट्सएप पर, वे वहाँ क्या कर रहे हैं, यह देखना जरूरी है। 60 प्रतिशत युवा इसका रचनात्मक इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। इंटरनेट पर वे आपत्तिजनक दृश्य व वीडियो डाउनलोड कर देखते हैं।
प्रश्न 3.
अपने पड़ोस तथा आसपास के इलाके में जाकर लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में बताइए।
उत्तर:
इस क्रियाकलाप को विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 4.
यदि कोई भी गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण देने वाली संस्था बिना ठीक से प्रशिक्षण दिए लाइसेंस दिलवाती है। तो इसकी शिकायत करते हुए एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
मोटर कार यातायात प्रशिक्षण केंद्र के विरुद्ध शिकायत
दिनांक -12 मई, 20 – –
सेवा में
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
11, मोती डूंगरी रोड
अलवर
महोदय
मैंने काला कुआँ रोड़ स्थित मत्स्य मोटर ड्राइविंग स्कूल से कार चलाने का प्रशिक्षण लिया था। प्रशिक्षण के शुरू में उन्होंने पूरे पाठ्यक्रम व प्रयोगात्मक परीक्षाओं के लिए 3000 लिए थे और प्रशिक्षण काल 20 दिन बताया था। इसके बाद उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस भी दिलवाने का वादा किया था। महोदय इन 20 दिनों में इस मोटर ड्राइविंग स्कूल ने बगैर कोई निर्देश दिए एवं सड़क सुरक्षा की जानकारी न बताते हुए सीधा कार चलवाना शुरू कर दिया। मेरे कई बार कहने पर भी मुझे पूर्ण प्रशिक्षण उसने नहीं दिया। अब वह 20 दिन बाद मुझे लाइसेंस दिलवाने के लिए प्रयासरत है, जबकि मैं कार चलाने में पूर्ण प्रशिक्षित नहीं हूँ।
आपसे विनम्र निवेदन है कि उक्त मोटर ड्राइविंग स्कूल वाले के विरुद्ध बगैर प्रशिक्षण के लाइसेंस दिलवाने को लेकर उचित कार्यवाही करें। इसी गलती की वजह से सड़क पर दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि होती है। आप शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें जिससे मैं पूर्ण रूप से ड्राइविंग में प्रशिक्षित होकर ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करूं। मुझे विश्वास है कि आप सड़क सुरक्षा के प्रहरी बन अपने कर्तव्य का पालन करेंगे और उक्त के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे।
भवदीय
क, ख, ग
प्रश्न 5.
अखबारों में प्रतिदिन आने वाली सड़क दुर्घटनाओं के चित्र और खबरें एकत्रित करके स्कूल और कक्षा के नोटिस बोर्ड पर लगाइए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
दुर्घटना स्थल पर दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा के बारे में बताइए और उसका अभ्यास कराइए।
उत्तर:
दुर्घटना स्थल पर दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा निम्न हैं –
- यदि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति मूर्छा में है, परन्तु साँस ले रहा है। और उसकी जिंदगी को कोई खतरा नहीं है तो उसको किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ और एम्बुलेंस का इन्तजार करें।
- यदि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति ठीक प्रकार से साँस नहीं ले पा रहा है तो 108 नम्बर पर फोन करके एम्बुलेंस को बुलाएँ।
- यदि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति पेट्रोल या डीजल की आग में झुलस गया है तो उसके जले हुए स्थान को ठंडे पानी (बर्फ का पानी नहीं) से कम से कम 10 मिनट तक धोएँ जब तक कि उसे दर्द से राहत नहीं मिले।
- जले हुए व्यक्ति पर कम्बल डाल दें।
- रक्त ज्यादा निकलने पर एकदम एम्बुलेंस बुलाएँ।
- यदि रक्त रुकना बंद नहीं हो रहा है तो उस स्थान पर पट्टी या कोई कपड़ा बाँध देना चाहिए।
- यदि किसी की नाक से रक्ते निकल रहा है और वह 20 मिनट तक नहीं रुक रहा है तो उसे निकटवर्ती अस्पताल में तुरन्त ले जाएँ।
- फ्रेक्चर होने की दशा में व्यक्ति को कुछ भी खाने को नहीं दें, क्योंकि उसको अस्पताल में सामान्य निश्चेतक देना पड़ सकता है।
प्रश्न 7.
कक्षा को दो समूहों में बाँटिए। पुलिस के भय से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए या नहीं।” विषय पर दोनों समूहों से आपस में चर्चा करके अपने विचार बताने के लिए कहिए।
उत्तर:
इस क्रियाकलाप को विद्यार्थी स्वयं करें।
अभ्यास कार्य
(अ) निम्नलिखित का उपयोग क्यों किया जाता है – हेलमेट, सीट बेल्ट, डिक्की, साइलेंसर, साइड इंडीकेटर।
उत्तर:
- हेलमेट – मानव शरीर का सिर सबसे नाजुक हिस्सा है। दुपहिया चालक को इसकी सुरक्षा के लिए हेलमेट अवश्य लगाना चाहिए।
- सीट बेल्ट – कारों में दुर्घटना होने पर सीट बेल्ट वाहन चालक व सवारियों को आगे की तरफ टकराने से रोकती है। यह वाहन चालक व सवारियों को सीट से चिपकाए रखती है।
- डिक्की – डिक्की का प्रयोग गाड़ी में सामान रखने के लिए किया जाता है।
- साइलेंसर – इंजन की ध्वनि को कम करने के लिए साइलेंसर का प्रयोग किया जाता है।
- साइड इंडीकेटर – इसका प्रयोग वाहनों को मुड़ने से पहले देना पड़ता है, ताकि अन्य वाहन चालकों को मालूम पड़ जाए।
(ब) ‘कर’ प्रत्यय लगाकर तीन शब्द लिखें।
उत्तर:
भयंकर, रुककर, टक्कर।
(स) कहानी में से क्रिया विशेषण शब्द छाँटिए।
उत्तर:
तेज चलाना, धीरे-धीरे चलना, तेज होना, बड़ा धक्का, चुप बैठना।
(द) निम्नलिखित शब्दों से असंगत शब्दों पर (×) का निशान लगाइए बोनट, दुर्घटना, सीटबेल्ट, ब्रेक, पुलिस।
उत्तर:
बोनट, दुर्घटना, सीटबेल्ट, ब्रेक, पुलिस।
× ×
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1.
सड़क दुर्घटना होने के कोई दो कारण बताइए।
उत्तर:
- शराब पीकर गाड़ी चलाना।
- तीव्र गति से वाहन चलाना।
प्रश्न 2.
ड्राइविंग करते समय ड्राइवर को कौन-सी दवाइयाँ नहीं लेनी चाहिए ?
उत्तर:
- सामान्य खाँसी, जुकाम की दवा।
- सिरदर्द की दवा।
प्रश्न 3.
प्राथमिक चिकित्सा किट में क्या होना चाहिए?
उत्तर:
- रूई का पैकेट
- एंटीसेप्टिक क्रीम या लोशन
- पट्टियाँ
- कैंची
- बैंड-एड
- सामान्य दर्द निवारक दवाइयाँ
- बरनोल
- सामान्य पुस्तिका जिसमें डॉक्टरों के फोन नम्बर हों।
प्रश्न 4.
सड़क सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?
उत्तर:
- सर्वप्रथम सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी नियमों की जानकारी सबको मालूम होनी चाहिए।
- 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को वाहन बिल्कुल नहीं देना चाहिए।
- वाहन की नियमित देखभाल व सर्विसिंग अति आवश्यक है।
- गाड़ी को हमेशा नियंत्रण में चलाएँ।
- सभी को प्राथमिक चिकित्सा किट के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
प्रश्न 5.
मोटर यान कानून 1988-धारा-4 किस विषय से संबंधित है ? विस्तृत रूप से समझाइए।
उत्तर:
मोटर यान कानून 1 जुलाई 1989 को अस्तित्व में आया। इसकी धारा 4 मोटर वाहन चलाने के संबंध में आयु सीमा से संबंधित है। इस धारा के अनुसार
- 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर मोटर यान नहीं चलाएगा।
- 16 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 50 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटर साइकिल चला सकता है।
- इसी कानून की धारा 18 के उपबंधों के कारण कोई भी व्यक्ति जो बीस वर्ष से कम आयु का है, किसी सार्वजनिक स्थल पर परिवहन वाहन नहीं चलाएगा।
- किसी विशिष्ट यान को चलाने के लिए किसी व्यक्ति को तब तक अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि वह इस धारा के अंतर्गत उस वर्ग का वाहन चलाने के लिए पात्र नहीं है।
(2) इंटरनेट का प्रयोग आज युवा की जरूरत है, लत (एडिक्शन) नहीं।’ इस पर विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
आज का युवा घर बैठे यह जान लेता है कि किस जगह उसकी आगे की पढ़ाई सस्ती और अच्छी हो सकती है। अगर वह व्यापार कर रहा है तो कोई भी कामे वह इंटरनेट के द्वारा ही कर लेता है। इससे उसका समय भी बचता है और पैसा भी कम खर्च होता है। ऐसे में आज अगर उसे इंटरनेट, हवा, पानी और खाने की तरह अपने लिए सबसे जरूरी लगने लगा है तो गलत क्या है? इंटरनेट उसकी रोजमर्रा की जिंदगी का एक हिस्सा बतौर फैशन ही नहीं बना है। वह उसके लिए सबसे उपयोगी चीज है। उसकी सुबह इंटरनेट से होती है और रात को सोने तक, समय मिलते ही वह उसका प्रयोग करने लगता है। उसके नए से नए रूप से परिचित होना उसके लिए समय के साथ चलने का प्रतीक है। अत: इंटरनेट का प्रयोग उसकी जरूरत है, लत नहीं।