RBSE Class 9 Hindi Vyakaran विशेषण (लिंग और वचन का विशेषण पर प्रभाव)
RBSE Class 9 Hindi Vyakaran विशेषण (लिंग और वचन का विशेषण पर प्रभाव)
RBSE Class 9 Hindi Vyakaran विशेषण (लिंग और वचन का विशेषण पर प्रभाव)
परिभाषा – जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। जैसे – मोहन अच्छा बालक है। रमा ने पीली साड़ी पहन रखी है। बाजार से पाव भर दही लाओ। हिमालय सबसे ऊँचा पर्वत है। इन वाक्यों में अच्छा, पीली, पावभर और ऊँचा शब्द विशेषण हैं। ये क्रमशः मोहन, साड़ी, दही और हिमालय की विशेषता बता रहे हैं।
विशेषण और विशेष्य :
विशेषण शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता व्यक्त करते हैं, उसे विशेष्य कहते हैं। जैसे –
- काली गाय चर रही है।
- वह एक किलो फल लाया।
- बुद्धिमान छात्र सदा सफल रहते हैं।
इन वाक्यों में काली, एक किलो और बुद्धिमान विशेषण हैं। गाय, फल और छात्र विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता बताई गई है।
ध्यातव्य – वाक्य में विशेषण शब्द प्रायः विशेष्य से पहले आता है। परन्तु कभी-कभी यह विशेष्य के बाद भी प्रयुक्त होता हैं। विशेष्य से पहले प्रयुक्त विशेषण को उद्देश्य – विशेषण कहते हैं, जबकि विशेष्य के बाद प्रयुक्त विशेषण को विधेय-विशेषण कहते हैं।
विशेषण चाहे उद्देश्य – विशेषण हो या विधेय-विशेषण, दोनों ही स्थितियों में उसका रूप संज्ञा या सर्वनाम के अनुसार बदलता है।
प्रविशेषण :
जो विशेषण विशेषणों की भी विशेषता बतलाते हैं, अथवा उनकी विशेषता में वृद्धि करते हैं, उन्हें प्रविशेषण कहते हैं। जैसे –
- रमेश अत्यधिक परिश्रमी छात्र है।
- महानगरों में बहुत अधिक शोर होता है।
- वह बालक पूर्ण स्वस्थ है।
- रमा ने सुर्ख लाल साड़ी पहनी।
- हिमालय सर्वाधिक ऊँचा पर्वत है।
इन वाक्यों में अत्यधिक, बहुत, पूर्ण, सुर्ख एवं सर्वाधिक शब्द प्रविशेषण हैं, क्योंकि ये क्रमशः परिश्रमी, अधिक, स्वस्थ, लाल और ऊँचा विशेषण की विशेषता में वृद्धि कर रहे हैं। विशेषणों की विशेषता बतलाने से ये सब प्रविशेषण हैं।
विशेषण के भेद
रचना-प्रयुक्ति के अनुसार विशेषण के मुख्यतः चार भेद होते हैं –
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
गुणवाचक विशेषण-जो शब्द किसी वस्तु अथवा व्यक्ति के रूप, रंग या गुण सम्बन्धी विशेषता को प्रकट करते हैं, उन्हें. गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे – यह सुन्दर गाय है। यह लाल फूल है। उमाकान्त चतुर विद्यार्थी है। इन वाक्यों में ‘सुन्दर’, ‘लाल’ व ‘चतुर’ शब्द गुणवाचक विशेषण हैं।
गुणवाचक विशेषण में संज्ञा के गुण या दोष का बोध कराया जाता है। इस कारण इसके कई उपभेद किये जा सकते हैं। यथा –
- गुण-दोष – अच्छा, बुरा, परिश्रमी, ईमानदार, झूठा, दयालु, दानी, कृपण आदि।
- रंग – काला, पीला, नीला, हरा, लाल, सुनहरा, चमकीला आदि।
- आकार – छोटा, बड़ा, मोटा, गोल, ऊँचा, तिकोना, चौकोर, लम्बा आदि।
- स्वाद – खट्टा, मीठा, कड़वा, नमकीन, मधुर, कसैला आदि।
- स्पर्श – नरम, कठोर, कोमल, खुरदरा, चिकना, स्निग्ध आदि।
- गन्ध – खुशबूदार, बदबूदार, सुगन्धित, दुर्गन्धपूर्ण, सोंधा आदि।
- दिशा – उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी, ऊपरी, बाहरी आदि।
- दशा – नया, पुराना, फटा, जर्जर, रोगी, स्वस्थ आदि।
- अवस्था – युवा, बूढ़ा, अधेड़, प्रौढ़, तरुण आदि।
- स्थान – भारतीय, जापानी, पंजाबी, महाराष्ट्री, बनारसी, जयपुरी आदि।
- काल – प्राचीन, आधुनिक, ताजा, पुराना, बासी, भावी आदि।
संख्यावाचक विशेषण-जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध कराते हैं, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
इस विशेषण के द्वारा निश्चित या अनिश्चित संख्या का बोध होता है। इस कारण संख्यावाचक विशेषण के दो भेद होते हैं –
निश्चित संख्यावाचक विशेषण-जो विशेषण निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, वे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे – पाँच, सात, पहला, दूसरा आदि। निश्चित संख्यावाचक विशेषण के चार उपभेद होते हैं।
- गणनावाचक – जिसमें गणना का बोध होता है। जैसे – एक, दो, चार, पाँच आदि।
- क्रमवाचक – जिससे क्रम का बोध हो। जैसे – पहला, दूसरा, पाँचवाँ, आठवाँ आदि।
- आवृत्तिवाचक – जिससे यह पता लगता है कि विशेष्य (संज्ञा या सर्वनाम) कितने गुना है। जैसे – दूना, चौगुना आदि।
- समुदायवाचक-जिससे संज्ञा के समूह का बोध हो। जैसे – दोनों, तीनों, पाँचों आदि।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण-जो विशेषण किसी निश्चित संख्या का बोध न करायें, उन्हें अनिश्चित – संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे – कई, कुछ, सब, बहुत, थोड़े आदि।
परिमाणवाचक विशेषण-जिन शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की नाप-तौल सम्बन्धी विशेषताओं का ज्ञान होता है, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे – थोड़ा दूध, पाव भर चीनी, गज भर कपड़ा आदि।
परिमाण भी निश्चित और अनिश्चित हो सकता है। इस कारण परिमाणवाचक विशेषण के निम्नलिखित दो भेद माने जाते हैं –
1. निश्चित परिमाणवाचक विशेषण-एक, चार, दस आदि।
2. अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण-कुछ, थोड़ा, बहुत आदि।
सार्वनामिक विशेषण-जो सर्वनाम संज्ञा के विशेषण रूप में प्रयुक्तं होते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे – वह भवन गिर जायेगा। इसमें ‘वह’ सर्वनाम शब्द ‘भवन’ की विशेषता बतला रहा है। यह पुस्तक बड़ी मोटी यह सर्वनाम शब्द पुस्तक की ओर संकेत कर रहा है। अतएव यह सार्वनामिक विशेषण है। ध्यातव्य-सार्वनामिक विशेषण को ही संकेतवाचक विशेषण भी कहा जाता है। इसमें सर्वनाम शब्दों के द्वारा संज्ञा शब्दों की ओर संकेत किया जाता है। ये विशेषण सर्वनाम शब्दों से बनते हैं, इस कारण इन्हें संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
सार्वनामिक विशेषण के चार भेद होते हैं –
(i) निश्चयवाचक/संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण-जो विशेषण संज्ञा की ओर निश्चयात्मक संकेत करते हैं, उन्हें निश्चयात्मक या संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे – वह किताब, यह लड़की, उस शाला में, वे सुनहरे दिन।
(ii) अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण-जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की ओर अनिश्चयात्मक संकेत करते हैं, उन्हें अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे कोई आदमी, कुछ लोग।
(iii) प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण-जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम से सम्बन्धित प्रश्नों का बोध कराते हैं, उनमें प्रश्नवाचक सार्वनानिक विशेषण कहते हैं। जैसे – कौन लड़का रो रहा था? किस घर में मौत हुई? आप क्या काम करेंगे?
(iv) सम्बन्धवाचक सार्वनामिक विशेषण-जो विशेषण एक संज्ञा या सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त दूसरे संज्ञा या सर्वनाम शब्द के साथ जोड़ते हैं, उन्हें सम्बन्धवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे – कल. जो लड़का आया था वह चले गया। उसे उसकी पुस्तक वापस कर दो। वह लड़का भागने लगा जिसने कल फूल तोड़े थे।
विशेष – विशेषण के उक्त चार प्रमुख भेदों के अलावा दो अन्य भेद भी माने जाते हैं, जो इस प्रकार हैं
1. व्याक्तिवाचक विशेषण – जो विशेषण व्यक्तिवाचक संज्ञाओं से बनते हैं, उन्हें व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे-जयपुरी रजाई, बीकानेरी भुजिया, जापानी गुड़िया, कश्मीरी सेब आदि।
2. भिन्नतावाचक विशेषण – जो विशेषण संज्ञा शब्दों की भिन्नता प्रकट करते हए विशेषता बतलाते हैं, उन्हें भिन्नतावाचक विशेषण कहते हैं। इन्हें ही विभागवाचक विशेषण भी कहा जाता है। जैसे – इस घर के प्रत्येक व्यक्ति को निमन्त्रण दो। देश का हर एक नागरिक ईमानदार बने। इन वाक्यों में ‘प्रत्येक’ और ‘हरएक’ भिन्नतावाचक विशेषण हैं।
तुलना की दृष्टि से विशेषणों की अवस्थाएँ।
विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं। जिन वस्तुओं की विशेषता बतलाई जाती है उनमें न्यूनाधिक्य होना स्वाभाविक है। इस न्यूनाधिक्य को तुलना के रूप में समझा जा सकता है। तुलना की दृष्टि से विशेषण की तीन अवस्थाएँ होती हैं
1. मूलावस्था – विशेषण शब्द की मूल दशा को जिसमें वह सामान्य रूप में रहता है, मूलावस्था कहते हैं। जैसे – लघु, प्रिय, श्रेष्ठ आदि शब्द।
2. उत्तरावस्था – जहाँ दो वस्तुओं या दो व्यक्तियों की तुलना करके एक-दूसरे से अधिक या कम बताया जाता है, वहाँ ‘विशेषण की उत्तरावस्था होती है। जैसे – लघुतर, प्रियतर, श्रेष्ठतर। अथवा यों कहा जाए कि पिताजी सुरेश का महेश से श्रेष्ठतर समझते हैं।
3. उत्तमावस्था – यह विशेषण की वह अवस्था है जिसमें अनेक वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना करके किसी एक को सबसे अधिक श्रेष्ठ बताया जाता है। जैसे – लघुतम, प्रियतम, श्रेष्ठतम। जैसे-रमेश सभी छात्रों में चतुरतम. है। गाय सभी पशुओं में श्रेष्ठतम पशु है।
विशेष –
- विशेषण की उक्त तीनों अवस्थाएँ केवल गुणवाचक विशेषण में होती हैं।
- विशेषण की मूलावस्था में वह मूल रूप में रहता है, उत्तरावस्था में दूसरे की तुलना में एक को श्रेष्ठ या विशिष्ट बतलाया जाता है, लेकिन उत्तमावस्था में सबसे श्रेष्ठ या उत्तम बताया जाता है।
- तत्सम शब्दों की उत्तरावस्था में विशेषण के मूल रूप के साथ ‘तर’ और उत्तमावस्था में ‘तम’ प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है।
विशेषण की तीनों अवस्थाओं के रूप :
विशेषणों की रचना –
हिन्दी में कुछ शब्द मूल रूप में ही विशेषण होते हैं, परन्तु कुछ विशेषणों की रचना संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया या अव्यय शब्दों के साथ प्रत्ययों को जोड़कर की जाती है। यहाँ इस तरह के उदाहरण दिये जा रहे हैं –
संज्ञा शब्दों से निर्मित विशेषण –
पल्लव कुसुम तरंग
आत्मा जाति भारत शास्त्र स्थान जटा पंक
- पाक्षिक पारिवारिक बौद्धिक शारीरिक साहित्यिक साहसिक सात्त्विक सामाजिक कौरव पल्लवित कुसुमित तरंगित
- आत्मीय जातीय भारतीय शास्त्रीय स्थानीय जटिल पंकिल फेनिल आदिम रक्तिम स्वर्णिम ईर्ष्यालु कृपालु दयालु सुखमय
- आनन्दमय रोगी संयमी जयपुरी बीकानेरी बुद्धिमान् आदि रक्त स्वर्ण ईर्ष्या
सर्वनाम शब्दों से निर्मित विशेषण –
क्रिया से निर्मित विशेषण –
अव्यय से निर्मित विशेषण –
ध्यातव्य – इसी प्रकार संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया आदि से विभिन्न प्रत्ययों को जोड़ने से विविध विशेषण शब्दों का निर्माण किया जाता है।
2. वचन का विशेषण पर प्रभाव-विशेषण विकारी शब्द होने से वचन के कारण भी इसके रूप में परिवर्तन आता है। इसके कुछ सामान्य नियम इस प्रकार हैं –
(i) यदि विशेषण आकारान्त पुल्लिंग हो तो बहुवचन होने पर उसमें परिवर्तन हो जाता है। जैसे –
- पीला कपड़ा (पु. एकवचन) – पीले कपड़े (पु. बहुवचन)
- लम्बा आदमी (पु. एकवचन) – लम्बे आदमी (पु. बहुवचन)
- छोटा बच्चा (पु. एकवचन) – छोटे बच्चे (पु. बहुवचन)
(ii) यदि विशेष्य स्त्रीलिंग हो तो बहुवचन हो जाने पर भी विशेषण के रूप में कोई परिवर्तन नहीं होता है। जैसे –
- पीली साड़ी (स्त्री. एकवचन) – पीली साड़ियाँ (स्त्री. बहुवचन)
- छोटी लड़की (स्त्री. एकवचन) – छोटी लड़कियाँ (स्त्री. बहुवचन)
- गुणवती स्त्री (स्त्री. एकवचन) – गुणवती स्त्रियाँ (स्त्री. बहुवचन)
(iii) यदि विशेष्य स्त्रीलिंग हो तो आकारान्त विशेषण ईकारान्त रूप में परिवर्तित हो जाता है। जैसे –
- अच्छा लड़का – अच्छी लड़की
- अच्छे बच्चे – अच्छी बच्चियाँ
अन्य महत्त्वपूर्ण उदाहरण
अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1.
कालांकित शब्द के स्त्रीलिंग रूप के सही विकल्प को चुनकर वाक्य पूरा कीजिए
फिल्मोत्सव में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और ……… को पुरस्कार प्रदान किये गये।
(क) अध्यापिका
(ख) विदुषी
(ग) अभिनेत्री
(घ) खलनायिका।
प्रश्न 2.
कालांकित शब्द के विशेषण रूप से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
इतिहास के छात्र ………. घटनाओं को जानते हैं।
(क) इतिहास
(ख) ऐतिहासिक
(ग) सामाजिक
(घ) सांसारिक।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्य के रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए सही सार्वनामिक विशेषण चुनिए
मत भूलो कि ………..देश हमारा है।
(क) वह
(ख) जो
(ग) यह
(घ) ऐसा।
लिंग और वचन का विशेषण पर प्रभाव विशेषण विकारी होते हैं, उनमें निम्न तीन कारणों से विकार आते हैं –
- लिंग-भेद के कारण
- वचन-भेद के कारण
- कारक-भेद के कारण।
पाठ्यक्रमानुसार लिंग और वचन का विशेषण पर प्रभाव यहाँ समझाया जा रहा है –
लिंग का विशेषण पर प्रभाव-विशेषण का लिंग-निर्धारण उसके विशेष्य (संज्ञा या सर्वनाम) के लिंग के अनुसार होता है। इसके कुछ सामान्य नियम इस प्रकार हैं –
(i) यदि मूल विशेषण आकारान्त हो तो वह स्त्रीलिंग विशेष्य के अनुसार ईकारान्त हो जाता है। जैसे –
- यह अच्छा लड़का है। (पुल्लिंग)
- यह अच्छी लड़की है। (स्त्रीलिंग)
- यह भोला बालक है। “
- यह भोली बालिका है।
(ii) यदि मूल विशेषण आकारान्त नहीं है तो विशेष्य चाहे पुल्लिंग हो या स्त्रीलिंग, इसका विशेषण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। तब वह अपने मूल रूप में ही रहता है। जैसे –
- वह अत्यन्त सुन्दर युवा है। (पुल्लिंग)
- वह अत्यन्त सुन्दर युवती है। (स्त्रीलिंग)
(iii) यदि विशेषण में प्रत्यय लगा हो और वह आकारान्त नहीं भी हो, तो तब लिंग के अनुसार विशेषण का प्रत्यय-रूप बदला जाता है। जैसे –
- गुणवान पुत्र। (पुल्लिंग)
- गुणवती पुत्री। (स्त्रीलिंग)
- बुद्धिमान बालक। “
- बुद्धिमती बालिका। “
- आदरणीय पिताजी। “
- आदरणीय माताजी। “
(iv) यदि विशेषण आकारान्त हो तो विशेष्य के स्त्रीलिंग होने पर उसका रूप परिवर्तित होकर ईकारान्त हो जाता है। जैसे –
- आज का दिन बहुत बुरा था। (पुल्लिंग)
- यह घड़ी बहुत बुरी थी। (स्त्रीलिंग)
- रमेश शर्मीला लड़का है। “
- रीता शर्मीली लड़की है। “
- मेरा कुरता छोटा हो गया है। “
- मेरी पेंट छोटी हो गई। “
अन्य महत्त्वपूर्ण उदाहरण
वचन का विशेषण पर प्रभाव-विशेषण विकारी शब्द होने से वचन के कारण भी इसके रूप में परिवर्तन आता है। इसके कुछ सामान्य नियम इस प्रकार हैं –
(i) यदि विशेषण आकारान्त पुल्लिंग हो तो बहुवचन होने पर उसमें परिवर्तन हो जाता है। जैसे –
- पीला कपड़ा (पु. एकवचन) – पीले कपड़े (पु. बहुवचन)
- लम्बा आदमी (पु. एकवचन) – लम्बे आदमो (पु. बहुवचन)
- छोटा बच्चा (पु. एकवचन) – छोटे बच्चे (पु. बहुवचन)
(ii) यदि विशेष्य स्त्रीलिंग हो तो बहुवचन हो जाने पर भी विशेषण के रूप में कोई परिवर्तन नहीं होता है। जैसे –
- पीली साड़ी (स्त्री. एकवचन) – पीली साड़ियाँ (स्त्री. बहुवचन)
- छोटी लड़की (स्त्री. एकवचन) – छोटी लड़कियाँ (स्त्री. बहुवचन)
- गुणवती स्त्री (स्त्री. एकवचन) – गुणवती स्त्रियाँ (स्त्री. बहुवचन)
(iii) यदि विशेष्य स्त्रीलिंग हो तो आकारान्त विशेषण ईकारान्त रूप में परिवर्तित हो जाता है। जैसे –
- अच्छा लड़का – अच्छी लड़की
- अच्छे बच्चे – अच्छी बच्चियाँ
अन्य महत्त्वपूर्ण उदाहरण
अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1.
कालांकित शब्द के स्त्रीलिंग रूप के सही विकल्प को चुनकर वाक्य पूरा कीजिए –
फिल्मोत्सव में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और… को पुरस्कार प्रदान किये गये।
(क) अध्यापिका
(ख) विदुषी
(ग) अभिनेत्री
(घ) खलनायिका।
उत्तर :
(ग) अभिनेत्री
प्रश्न 2.
कालांकित शब्द के विशेषण रूप से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए –
इतिहास के छात्र ………. घटनाओं को जानते हैं।
(क) इतिहास
(ख) ऐतिहासिक
(ग) सामाजिक
(घ) सांसारिक
उत्तर :
(ख) ऐतिहासिक
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्य के रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए सही सार्वनामिक विशेषण चुनिए –
मत भूलो कि ……… देश हमारा है।
(क) वह
(ख) जो
(ग) यह
(घ) ऐसा।
उत्तर :
(ग) यह
प्रश्न 4.
रेखांकित का विशेषण रूप है –
इलाहाबाद के आम प्रसिद्ध हैं।
(क) इलाहाबादी
(ख) इलाहाबाद
(ग) इलाहाबादियाँ
(घ) इलाहाबादों।
उत्तर :
(क) इलाहाबादी
प्रश्न 5.
सरकार प्रतिवर्ष सर्वश्रेष्ठ शिक्षक और ………… को सम्मानित करती है।
इस वाक्य के रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए सही विकल्प है –
(क) छात्रा
(ख) कर्मचारी
(ग) शिक्षिका
(घ) नायिका
उत्तर :
(ग) शिक्षिका
प्रश्न 6.
निम्न में से गुणवाचक विशेषण शब्द है –
(क) थोड़ा
(ख) चौगुना
(ग) अच्छा
(घ) प्रत्येक।
उत्तर :
(ग) अच्छा
प्रश्न 7.
व्यक्तिवाचक विशेषण शब्द है –
(क) जयपुरी
(ख) वह
(ग) दानी
(घ) पाँचवाँ।
उत्तर :
(क) जयपुरी
प्रश्न 8.
विशेषण की तीनों अवस्थाएँ होती हैं
(क) संख्यावाचक विशेषण में।
(ख) परिमाणवाचक विशेषण में
(ग) व्यक्तिवाचक विशेषण में।
(घ) गुणवाचक विशेषण में।
उत्तर :
(घ) गुणवाचक विशेषण में।
प्रश्न 9.
किसी व्यक्ति के रूप-गुण आदि को व्यक्त करने वाले विशेषण को क्या कहते हैं?
(क) गुणवाचक विशेषण
(ख) व्यक्तिवाचक विशेषण
(ग) परिमाणवाचक विशेषण
(घ) सार्वनामिक विशेषण।
उत्तर :
(क) गुणवाचक विशेषण
प्रश्न 10.
सातवाँ-आठवाँ आदि विशेषण किस भेद के अन्तर्गत आते हैं?
(क) परिमाणवाचक विशेषण
(ख) सार्वनामिक विशेषण
(ग) संख्यावाचक विशेषण
(घ) गुणवाचक विशेषण।
उत्तर :
(ग) संख्यावाचक विशेषण
प्रश्न 11.
निम्नलिखित को विशेषणों में बदलिए –
- पुस्तक
- चमक
- परिश्रम
- दिन
- अपमान
- स्वाद
- परिवर्तन
- विवाह
- ऊपर
- जंगल।
उत्तर :
- पुस्तक पुस्तकीय
- चमक चमकीला
- परिश्रम-परिश्रमी
- दिन-दैनिक
- अपमान अपमानित
- स्वाद-स्वादिष्ट
- परिवर्तन-परिवर्तनीय
- विवाह-वैवाहिक
- ऊपर-ऊपरी
- जंगल-जंगली।
प्रश्न 12.
विशेषण का लिंग बदलकर लिखिए
- प्यासा
- अगली
- छोटा
- गणवान
- महिमामयी
- शर्मीला
- बरी।
उत्तर :
- प्यासा – प्यासी (स्त्री.)
- अगली-अगला (पु.)
- छोटा -छोटी
- गुणवान-गुणवती
- महिमामयी महिमामय
- शर्मीला-शर्मीली
- बुरी-बुरा।
प्रश्न 13.
रेखांकित विशेषण का वचन बदलकर वाक्य पुनः लिखिए
- अच्छा कवि कौन है?
- लोग प्यासे बैठे हैं।
- नदी का किनारा रेतीला है।
- वह लड़का शर्मीला है।
- वहाँ पर सब्जीवाला बैठे है।
- रमेश ने मीठा फल खाया।
उत्तर :
- अच्छे कवि कौन हैं?
- व्यक्ति प्यासा बैठा है।
- नदी के किनारे रेतीले हैं।
- वे लड़के शर्मीले हैं।
- वहाँ पर सब्जीवाले बैठे हैं।
- रमेश ने मीठे फल खाये।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित विशेषणों की उत्तरा एवं उत्तमा अवस्था बताइए –
बहुत, महत्, कनिष्ठ, श्रेष्ठ, मधुर, कुटिल।
उत्तर :
- बहुत – बहुतर, बहुतम।
- महत् – महत्तर, महत्तम
- कनिष्ठ – कनिष्ठतर, कनिष्ठतम।
- श्रेष्ठ – श्रेष्ठतर, श्रेष्ठतम।
- मधुर – मधुरतर, मधुरतम।
- कुटिल – कुटिलतर, कुटिलतम।
प्रश्न 15.
निम्नलिखित रेखांकित पदों के विशेषण रूप लिखिए
(i) कश्मीर के सेब मीठे होते हैं।
(ii) बीकानेर की भुजिया स्वादिष्ट होती है।
उत्तर :
(i) कश्मीरी सेब मीठे होते हैं।
(ii) बीकानेरी भुजिया स्वादिष्ट होती है।