RBSE Solutions for Class 11 Indian Geography Chapter 5 भारत का जल प्रवाह तंत्र
RBSE Solutions for Class 11 Indian Geography Chapter 5 भारत का जल प्रवाह तंत्र
Rajasthan Board RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 भारत का जल प्रवाह तंत्र
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 पाठ्य पुस्तक के अभ्यास प्रश्न
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रायद्वीपीय पठार के झुकाव का प्रभाव जिस पहलू में देखने को मिलता है, वह है-
(अ) संरचना
(ब) पठार की आयु
(स) जल-प्रवाह की दिशा
(द) स्थलाकृतियाँ
उत्तर:
(स) जल-प्रवाह की दिशा
प्रश्न 2.
निम्नांकित नदियों के समूह में से उस समूह का चयन कीजिए जिसकी समस्त नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं-
(अ) महानदी, कृष्णा, कावेरी एवं नर्मदा
(ब) गंगा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा एवं ताप्ती
(स) गंगा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा एवं कावेरी
(द) गंगा, गोदावरी, कृष्णा एवं साबरमती
उत्तर:
(स) गंगा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा एवं कावेरी
प्रश्न 3.
निम्नांकित नदियों के समूह में से उस समूह का चयन कीजिए जिसकी समस्त नदियाँ डेल्टा बनाती हैं-
(अ) कावेरी, कृष्णा, नर्मदा तथा ताप्ती
(ब) गोदावरी, कृष्णा, कावेरी तथा गंगा
(स) महानदी, कृष्णा, कावेरी तथा नर्मदा
(द) गंगा, गोदावरी, कृष्णा, तथा नर्मदा
उत्तर:
(ब) गोदावरी, कृष्णा, कावेरी तथा गंगा
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 4.
ताप्ती किस अपवाह का अंग है?
उत्तर:
ताप्ती प्रायद्वीपीय भारत के अरब सागरीय अपवाह का अंग है।
प्रश्न 5.
जल विभाजक किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी प्रदेश के जल प्रवाह को विशिष्ट दशाओं में विभाजित करने वाले उच्च क्षेत्र को जल विभाजक कहते हैं।
प्रश्न 6.
घग्घर नदी किस प्रवाह तंत्र का अंग है?
उत्तर:
घग्घर नदी अन्त: प्रवाह तंत्र का अंग है।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 7.
गंगा के बाएँ किनारे पर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियों के नाम बताइये।
उत्तर:
गंगा के बाएँ किनारे पर रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी, महानंदा आदि नदियाँ आकर मिलती हैं।
प्रश्न 8.
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ अधिक उपयोगी क्यों हैं?
उत्तर:
हिमालय से निकलने वाली नदियों के अधिक उपयोगी होने के निम्न कारण हैं-
- ये नदियाँ वर्षभर बहती रहती हैं।
- शुष्क अवधि के दौरान भी इन नदियों से पानी प्राप्त होता रहता है।
- इन नदियों के किनारे अनेक धार्मिक केन्द्र विकसित हुए हैं; यथा- केदारनाथ, बद्रीनाथ, हरिद्वार, गंगोत्री, यमुनोत्री, ऋषिकेश आदि।
- इन नदियों के प्रवाह क्षेत्र में दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ व औषधियों की प्राप्ति होती है।
- इन नदियों के द्वारा जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध होती है।
- इन नदियों से मैदानी भाग का निर्माण हुआ है।
प्रश्न 9.
अन्तः प्रवाह क्षेत्र का आशये उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अन्त: प्रवाह का अभिप्राय ऐसी नदियों से हैं जो आन्तरिक भागों से निकलती हैं और किसी सामुद्रिक भाग में न गिरकर आन्तरिक भाग में स्थित किसी झील या मरुस्थलीय क्षेत्र में समाप्त हो जाती हैं। ऐसी नदियाँ प्रायः मौसमी होती हैं। अर्थात् ऐसी नदियाँ जो उद्गम से लेकर समाप्ति तक धरातल पर ही बहती हैं। यथा- राजस्थान की ककनी, कांतली, साबी व मंथा आदि नदियाँ।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 10.
भारतीय प्रवाह तंत्र का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में मिलने वाली नदियों का स्वरूप प्रादेशिक आधार पर भिन्नताओं को दर्शाता है। नदियों के प्रवाहन को भौगोलिक आधार पर अग्र भागों में बाँटा गया है।
(i) हिमालयी-प्रवाह-इसे उत्तरी भारतीय अपवाह तंत्र के नाम से भी जानते हैं। इस प्रवाह की अधिकांश नदियाँ हिमालय से – निकलती हैं। इसी कारण ये नित्यवाही व शुष्क काल में भी जल प्रदान करने वाली होती हैं। इस अपवाह को पुन: तीन भागों सिन्धु अपवाह, गंगा अपवाह व ब्रह्मपुत्र अपवाह में रूप में बाँटा गया है।
(अ) सिन्धु अपवाह – यह सिन्धु व उसकी सहायक नदियों का समूह है। इसका जलग्रहण क्षेत्र 11.50 लाख वर्ग किमी है जिसमें से केवल 3.25 लाख वर्ग किमी क्षेत्र भारत में है, शेष पाकिस्तान में चला गया है।
(ब) गंगा अपवाह – यह गंगा व उसकी सहायक नदियों का समूह है। यह अपवाह तन्त्र 8.6 लाख वर्ग किमी में फैला हुआ है। इसमें चम्बल, बेतवा, केन, रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी, महानंदा, सोन आदि नदियाँ शामिल की जाती हैं।
(स) ब्रह्मपुत्र अपवाह – यह ब्रह्मपुत्र व उसकी सहायक नदियों का समूह है जिसमें दिवांग, भारेली, मानस, सबन्सीरी, लुहित, कापोली, बूरी, दिहिंग आदि प्रमुख नदियाँ शामिल हैं।
(ii) प्रायद्वीपीय प्रवाह-यह भारत के दक्षिणी प्रायद्वीपीय पठारी भाग में मिलने वाला अपवाह प्रारूप है जिसे मुख्यत: निम्न भागों में बाँटा गया है-
(अ) बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ – इस क्रम में दामोदर, स्वर्णरेखा, ब्राह्मणी, महानदी, गोदावरी, भीमा, कृष्णा, तुंगभद्रा, पालार, कावेरी, वेगाई आदि नदियाँ शामिल हैं।
(ब) अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ – इस क्रम में नर्मदा व ताप्ती सबसे लम्बी व प्रमुख नदियाँ हैं। इनके अतिरिक्त लूनी साबरमती, माही, सूकड़ी, बांडी वे शरावती नामक प्रमुख नदियाँ इस अपवाह क्षेत्र में शामिल हैं।
(iii) अन्तः प्रवाह क्षेत्र – आन्तरिक प्रवाह के रूप में मुख्यत: झीलों में गिरने वाली नदियाँ; यथा- साबी, मंथा व मरुस्थलीय भाग में विलुप्त होने वाली घग्घर रूप नदियाँ शामिल हैं।
प्रश्न 11.
हिमालयी व प्रायद्वीपीय प्रवाह तंत्र का तुलनात्मक विवरण दीजिए।
अथवा
उत्तरी भारतीय एवं दक्षिणी भारतीय अपवाह तंत्र की तुलना कीजिए।
उत्तर:
भारत के उत्तरी व दक्षिणी भारतीय भाग में जल अपवाह के स्वरूप की तुलना निम्नानुसार की गई है-
प्रश्न 12.
भारत के रूपरेखा मानचित्र में प्रमुख नदियों के मार्ग दर्शाइए।
उत्तर:
भारत की मुख्य नदियों के मार्ग निम्नानुसार हैं-
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान में कौन-सी श्रेणी जल विभाजक का कार्य करती है?
(अ) अरावली
(ब) विन्ध्याचल
(स) सतपुड़ा
(द) कामेट
उत्तर:
(अ) अरावली
प्रश्न 2.
गंगा नदी का उद्गम कहाँ से होता है?
(अ) हेमकुंड से
(ब) गंगोत्री हिमनद से
(स) सियाचीन ग्लेशियर से
(द) मानसरोवर झील से
उत्तर:
(ब) गंगोत्री हिमनद से
प्रश्न 3.
बिहार का शोक किसे कहते हैं?
(अ) सरयू को
(ब) सोन को
(स) कोसी को
(द) हुगली को
उत्तर:
(स) कोसी को
प्रश्न 4.
सांपो के नाम से किस नदी को जाना जाता है?
(अ) गंगा को
(ब) यमुना को
(स) घाघरा
(द) ब्रह्मपुत्र को
उत्तर:
(द) ब्रह्मपुत्र को
प्रश्न 5.
ब्रह्मपुत्र के दाहिने किनारे पर मिलने वाली नदी है-
(अ) दिवांग
(ब) भारेली
(स) कपिली
(द) लुहित
उत्तर:
(ब) भारेली
प्रश्न 6.
बंगाल का शोक किसे कहा जाता है?
(अ) हुगली को
(ब) पैनर को
(स) भीमा को
(द) दामोदर को
उत्तर:
(द) दामोदर को
प्रश्न 7.
निम्न में से जो नदी अरब सागर में नहीं गिरती है, वह है-
(अ) लूनी
(ब) माही
(स) कावेरी
(द) साबरमती
उत्तर:
(स) कावेरी
प्रश्न 8.
नर्मदा का उद्गम कहाँ से होता है?
(अ) मैकाल पर्वत से
(ब) अरावली श्रेणी से
(स) अमरकंटक से
(द) महाबलेश्वर से
उत्तर:
(अ) मैकाल पर्वत से
प्रश्न 9.
सांभर झील किस राज्य में है?
(अ) पंजाब में
(ब) हरियाणा में
(स) राजस्थान में
(द) गुजरात में
उत्तर:
(स) राजस्थान में
प्रश्न 10.
निम्न में से जो अन्तः प्रवाह का अंग है, वह है-
(अ) भीमा
(ब) कृष्णा
(स) लूना
(द) कांकनी
उत्तर:
(द) कांकनी
प्रश्न 11.
भाखड़ा बाँध बनाया गया है-
(अ) सिन्धु नदी पर
(ब) सतलज नदी पर
(स) कोसी नदी पर
(द) ब्रह्मपुत्र नदी पर
उत्तर:
(ब) सतलज नदी पर
प्रश्न 12.
कपिलधारा निम्न में से जो है, बताइये
(अ) नदी
(ब) गार्ज
(स) जलप्रपात
(द) कैनियन
उत्तर:
(स) जलप्रपात
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न
स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए-
(क)
स्तम्भ अ (नदी का नाम) |
स्तम्भ ब (उद्गम स्थल) |
(i) गंगा | (अ) यमुनोत्री |
(ii) यमुना | (ब) कैलाश पर्वत |
(iii) नर्मदा | (स) राक्षस ताल |
(iv) सतलज | (द) अमर कण्टक चोटी |
(v) ब्रह्मपुत्र | (य) गंगोत्री |
उत्तर:
(i) (य), (ii) (अ), (iii) (द), (iv) (स), (v) (ब)।
(ख)
स्तम्भ अ (नदी) |
स्तम्भ ब (अपवाह तंत्र) |
(i) झेलम | (अ) बंगाल की खाड़ी |
(ii) यमुना | (ब) अरब सागरीय |
(iii) मानस | (स) सिंधु अपवाह |
(iv) कृष्णा | (द) गंगा अपवाह |
(v) शरावती | (य) ब्रह्मपुत्र अपवाह |
उत्तर:
(i) (स), (ii) (द), (iii) (य), (iv) (अ), (v) (ब)।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीय सभ्यता व संस्कृति का विकास कहाँ हुआ है?
उत्तर:
भारतीय सभ्यता व संस्कृति का विकास नदी-घाटियों में हुआ है।
प्रश्न 2.
भारत के अधिकांश धार्मिक नगर कहाँ बसे हुए हैं?
उत्तर:
भारत के अधिकांश धार्मिक नगर नदियों के किनारे बसे हुए हैं।
प्रश्न 3.
नदियों का सबसे रोचक मार्ग परिवर्तन कौन-सा है?
उत्तर:
सिंधु-ब्रह्मपुत्र नदियों में सबसे रोचक मार्ग परिवर्तन हुआ है।
प्रश्न 4.
जल विभाजक रेखा भारत को कितने प्रवाह क्षेत्रों में बाँटती है?
उत्तर:
भारतीय जल विभाजक रेखा भारत को तीन प्रवाह क्षेत्रों-अरब सागर का प्रवाह, बंगाल की खाड़ी को प्रवाह व अन्तः प्रवाह क्षेत्र में बाँटती है।
प्रश्न 5.
अरब सागरीय प्रवाह क्षेत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
जल विभाजक रेखा के जिस ओर का जल अरब सागर में प्रवाहित होता है उसे अरब सागरीय प्रवाह क्षेत्र कहते हैं।
प्रश्न 6.
भौगोलिक दृष्टि से भारत के प्रवाह को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
भौगोलिक दृष्टि से भारत के प्रवाह को तीन भागों हिमालय प्रवाह, प्रायद्वीपीय प्रवाह व अन्त: प्रवाह में बाँटा गया है।
प्रश्न 7.
सतलज नदी का उद्गम कहाँ से होता है?
उत्तर:
सतलज नदी का उद्गम मानसरोवर झील के निकट ‘राक्षस ताल नामक क्षेत्र से होता है।
प्रश्न 8.
गंगा नदी का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
गंगा नदी का निर्माण देवप्रयाग में अलकनंदा व भागीरथी जल धाराओं के मिलने से होता है।
प्रश्न 9.
कोसी को बिहार का शोक क्यों कहते हैं?
उत्तर:
कोसी नदी अपने मार्ग में परिवर्तन करती रहती है जिसके कारण बाढ़ की घटनाओं के कारण बिहार में अपार जन-धन की हानि होती है, इसी कारण इसे बिहार का शोक कहते हैं।
प्रश्न 10.
ब्रह्मपुत्र नदी में बायें किनारे से कौन-सी नदियाँ आकर मिलती हैं?
उत्तर:
ब्रह्मपुत्र नदी के बायें किनारे से दिवांग, लुहित, कपिली, धनसिरी बूरी दिहिंग आदि नदियाँ आकर मिलती हैं।
प्रश्न 11.
ब्रह्मपुत्र नदी के दायें किनारे से कौन-सी नदियाँ आकर मिलती हैं?
उत्तर:
ब्रह्मपुत्र नदी के दायें किनारे से भारेली, सब-सीरी, मानस आदि नदियाँ आकर मिलती हैं।
प्रश्न 12.
बंगाल की खाड़ी में कौन-कौनसी नदियाँ गिरती हैं?
उत्तर:
बंगाल की खाड़ी में दामोदर, स्वर्णरेखा, ब्राह्मणी, महानदी, गोदावरी, भीमा, कृष्णा, तुंगभद्रा, पैनर, पालार, कावेरी व वेगाई नदियाँ गिरती हैं।
प्रश्न 13.
दामोदर को बंगाल का शोक क्यों कहते हैं?
उत्तर:
दामोदर नदी बाढ़ के प्रकोप व अपने मार्ग में परिवर्तन के कारण बंगाल में अपार जन-धन की हानि करती है। इसी कारण इसे बंगाल को शोक केहते हैं।
प्रश्न 14.
भ्रंश घाटी में होकर कौन-कौनसी नदियाँ बहती हैं?
उत्तर:
भ्रंश घाटी में होकर नर्मदा, ताप्ती, चम्बल व दामोदर नदियाँ बहती हैं।
प्रश्न 15.
अरब सागर में गिरने वाली नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अरब सागर में गिरने वाली नदियों में नर्मदा, ताप्ती, लूनी, साबरमती, माही, सूकड़ी, बांडी व शरावती नदियाँ प्रमुख हैं।
प्रश्न 16.
नर्मदा द्वारा निर्मित प्रपातों के नाम लिखिए।
उत्तर:
नर्मदा द्वारा संकीर्ण भ्रंश घाटी में बहने के दौरान कपिल धारा, दूध धारा, सहस्त्र धारा, धुंआधार, घाघरी व हिरन प्रपात बनाये गये हैं।
प्रश्न 17.
अन्तः प्रवाह क्षेत्र कहाँ विस्तृत मिलता है?
उत्तर:
अन्त: प्रवाह क्षेत्र मुख्यत: राजस्थान में साँभर झील से हरियाणा में घग्घर प्रवाह तक मिलता है।
प्रश्न 18.
नर्मदा नदी पर बने प्रमुख जल प्रपातों के नाम बताइये।
उत्तर:
नर्मदा नदी संकीर्ण भ्रंश घाटी में बहती हुई कई प्रपातों का निर्माण करती हैं। प्रमुख प्रपात हैं– कपिलधारा, दूधधारा, सहनधारा, धुआंधार, घाघरी व हिरन प्रपात।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 लघुत्तरात्मक प्रश्न Type I
प्रश्न 1.
भारत में नदियों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में नदियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन नदियों के किनारे अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक, व्यापारिक व औद्योगिक नगर बसे हुए हैं। नदियों से जल, जल-विद्युत, सिंचाई, आन्तरिक जल-परिवहन, औद्योगिक उपयोग आदि की सुविधाओं के कारण भारत के आर्थिक विकास में इनका महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय संस्कृति इन्हीं नदी-घाटियों में विकसित हुई हैं।
प्रश्न 2.
सिन्धु-ब्रह्मपुत्र प्रवाह में क्या परिवर्तन आया है?
उत्तर:
सिन्धु-ब्रह्मपुत्र प्रवाह पहले असम के उत्तरी पूर्वी भाग से निकलकर हिमालय के समानान्तर पश्चिम की ओर बहती हुई सुलेमान किरथर श्रेणियों तक जाकर दक्षिण की ओर प्रवाहित होती हुई अरब सागर में गिरती थी। बाद में भूगर्भिक घटनाओं के परिणामस्वरूप इस इण्डो ब्रह्म या शिवालिक नदी को उत्तर-पश्चिमी भाग सिन्धु के रूप में तथा पूर्वी भाग ब्रह्मपुत्र के रूप में अलग हो गया।
प्रश्न 3.
भारतीय जल-विभाजक रेखा कहाँ से कहाँ तक फैली हुए है?
उत्तर:
भारतीय जल-विभाजक रेखा हिमालय के निकट मानसरोवर झील से प्रारम्भ होकर कामेत पर्वत होती हुई शिमला के पूर्व से अरावली के साथ-साथ उदयपुर तक जाती है। यहाँ से दक्षिण में इन्दौर के निकट ये यह जल-विभाजक रेखा नर्मदा व ताप्ती की घाटियों को अरब सागरीय प्रवाह क्षेत्र में सम्मिलित करती हुई पश्चिमी घाट के सहारे-सहारे होकर कन्याकुमारी तक जाती है।
प्रश्न 4.
ब्रह्मपुत्र अपवाह का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ब्रह्मपुत्र नदी मानसरोवर झील के निकट कैलाश पर्वत से निकलकर पूर्व में बहती हुई हिमालय के पूर्वी छोर तक जाती है। यहाँ इसे सांपो नदी कहा जाता है। यहाँ से दक्षिण तथा फिर पश्चिम में मुड़कर यह नदी असम में बहती हुई बांग्लादेश में जाकर गंगा में मिल जाती है। इसके प्रवाह में मिट्टी की अधिकता होती है। डेल्टाई भाग में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदियाँ मधुमती, पद्मा, सरस्वती, हुगली, भागीरथी आदि जलधाराओं में बँट जाती हैं।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 लघुत्तरात्मक प्रश्न Type II
प्रश्न 1.
सिन्धु व गंगा अपवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
सिन्धु व गंगा अपवाह में मिलने वाली भिन्नताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सिन्धु व गंगा अपवाह की निम्न बिन्दुओं के माध्यम से तुलना की गयी है-
क्र.सं. | तुलना का आधार | सिन्धु अपवाह | गंगा अपवाह |
1. | जलग्रहण क्षेत्र | इस अपवाह का जल ग्रहण क्षेत्र 11.50 लाख वर्ग किमी है जिसमें से केवल 3.25 लाख वर्ग किमी क्षेत्र ही भारत में आता है। | इस अपवाह का जलग्रहण क्षेत्र 8.6 लाख वर्ग किमी में फैला हुआ है। |
2. | नदियों का गिरना | इस अपवाह क्षेत्र की नदियाँ मुख्यत: अरब सागरीय क्षेत्र में गिरती हैं। | इस अपवाह की नदियाँ मुख्यत: बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। |
3. | भौतिक लक्षण | इस अपवाह की नदियाँ गॉर्ज बनाती हैं। | इस अपवाह क्षेत्र की नदियाँ विशाल मैदानी भाग का निर्माण करती हैं। |
इस अपवाह क्षेत्र में दोआब मिलते हैं। | इस अपवाह क्षेत्र में संगम पाये जाते हैं। |
प्रश्न 2.
बंगाल की खाड़ी व अरब सागरीय नदियों की तुलना कीजिए।
अथवा
बंगाल की खाड़ी की नदियाँ अरब सागरीय नदियों से किस प्रकार भिन्न हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बंगाल की खाड़ी व अरब सागरीय अपवाह के मध्य मिलने वाले विविध लक्षणों को निम्न बिन्दुओं के आधार पर तुलनात्मक रूप से स्पष्ट किया गया है-
क्र.सं. | तुलना का आधार | अरब सागरीय अपवाह | बंगाल की खाड़ी का अपवाह |
1. | बहाव का कारण | यह अपवाह प्रायद्वीपीय पठार के पश्चिमी घाट के पश्चिमी भाग के ऊँचा व अरब सागर की ओर ढाल के कारण विकसित हुआ है। | यह अपवाह प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व की ओर झुका होने के कारण विकसित हुआ है। |
2. | नदियों की गति | अधिक ढाल के कारण नदियों की गति तीव्र मिलती है। | इस अपवाह में नदियों की गति मंद ढाल के कारण कम मिलती है। |
3. | भौतिक लक्षण | इसमें ज्वार-नदमुख का स्वरूप देखने को मिलता है। | इसमें डेल्टाओं का स्वरूप देखने को मिलता है। |
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 5 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में प्रवाहित नदियों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
भारतीय अपवाह की उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय नदियाँ अपने विशिष्ट महत्व के कारण भारत में अद्वितीय स्थान रखती हैं। इन नदियों के इस महत्व को निम्न बिन्दुओं के रूप में स्पष्ट किया गया है-
- भारतीय नदियों द्वारा मध्यवर्ती भाग में उपजाऊ मैदानी भागों का निर्माण किया गया है।
- नदियों के द्वारा अपरदित कर लाई गयी कॉप/जलोढ़ मृदा के निक्षेपण से फसलोत्पादन को अत्यधिक बढ़ावा मिलता है।
- नदियाँ कृषि कार्य में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराती हैं।
- नदियों में मत्स्य पालन की प्रक्रिया सम्पन्न होती है।
- मत्स्य पालन से लोगों को रोजगार मिलता है।
- नदियाँ आन्तरिक जल परिवहन के रूप में सहायक सिद्ध हुई हैं।
- नदियों के किनारों पर अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक, व्यापारिक व औद्योगिक नगरों का विकास हुआ है।
- नदियों ने अनेक उद्योगों की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- नदियों ने प्राचीन कालीन सभ्यताओं के विकसित होने में प्रमुख योगदान दिया था।
- नदियों पर स्थित जल प्रपातों ने विद्युत उत्पादन प्रक्रिया को बढ़ावा दिया है।
- नदियों के संगमों पर अनेक धार्मिक केन्द्र विकसित हुए हैं।
- नदियों ने पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ एक नवीन भूदृश्य का निर्माण किया है।
- नदियों के किनारे वृक्ष पट्टियों को विकास होने से वन संसाधनों का विकास हुआ है।
- नदियों ने जैव विविधता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- नदियों से अनेक प्रकार के जैविक व अजैविक संसाधनों की प्राप्ति होती है।
- नदियों के कारण विभिन्न संस्कृतियों का मिलन एवं सांस्कृतिक एकजुटता स्थापित हुई है।
- नदियों से भूमिगत जल स्तर में वृद्धि होती है।
- नदियाँ भवन निर्माण हेतु कच्ची सामग्री व कल कारखानों को जल उपलब्ध करवाती हैं।