RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 9 सदाचार
RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 9 सदाचार
Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 9 सदाचार
पाठ का सार- प्रस्तुत पाठ में सदाचार अर्थात् अच्छे आचरण के बारे में बताया गया है। समाज के नियमों के अनुकूल अच्छे कार्य करना ही सदाचार कहलाता है। गुरुजनों व बड़ों का सम्मान करना, सत्य और मधुर बोलना, किसी को कष्ट न पहुँचाना, सदा विनम्र बने रहना इत्यादि सदाचार के गुण बताये गए हैं। पाठ में बताया गया है कि सदाचार ही सफलता का मार्ग है। सदाचारी व्यक्ति परोपकारी होता है। वह खुद भी प्रसन्न रहता है और दूसरों को भी प्रसन्न रखता है। सदाचारी व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी कभी विचलित नहीं होते हैं। सदाचारी व्यक्ति ही महापुरुष कहलाते हैं।
कठिन-शब्दार्थ- सामाजिक = समाज में रहने वाला। प्राणी = जीव। अनुकूल = अनुसार। सदाचार = नैतिक आचरण, अच्छा व्यवहार। आदर = सम्मान । सत्य बोलना = सच बोलना। मधुर वचन = मीठे बोल। विनम्र = सुशील । उत्तम चरित्र = अच्छा चरित्र । सम्मान = आदर। आनंद = खुशी। संयम = मन पर नियंत्रण । अखंड = कभी न टूटने वाली । तपस्या = तप । सद्गुण = अच्छा गुण। सद्व्यवहार = अच्छा व्यवहार । विपत्ति = संकट। प्रतिकूल = विपरीत। विचलित = घबराना । विपदा = संकट । मुकाबला करना = लड़ना। क्षमता = योग्यता। असीम = असीमित। धैर्य = धीरज । परोपकार = दूसरों की भलाई। सर्वत्र = सब जगह। विचरण = घूमना-फिरना। मंजिल = लक्ष्य । सहजता से = आसानी से। सामर्थ्यवान = समर्थ/ योग्य।
सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
सदाचार किसे कहते हैं ?
उत्तर:
समाज के नियमों के अनुकूल किये गए कार्य | को सदाचार कहते हैं।
प्रश्न 2.
विपत्ति में क्या करना चाहिए?
उत्तर:
विपत्ति में विचलित नहीं होना चाहिए और पूरी ताकत से उसका मुकाबला करना चाहिए।
प्रश्न 3.
सद्गुण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
व्यवहार में अच्छे गुणों का होना सद्गुण कहलाता होना
लिखें
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
(अ) मनुष्य एक ……………….. है। समाज में रहकर वह कई तरह के काम करता है।
(ब) सदाचारी बनने के लिए ……………….. आवश्यक है।
उत्तर:
(अ) सामाजिक प्राणी,
(ब) ईमानदार।
प्रश्न 2.
सही उत्तर का क्रमाक्षर छाँटकर कोष्ठक में लिखें
(अ) उत्तम व्यक्ति के गुण हैं
(क) गुरुजनों का आदर करना।
(ख) मधुर बोलना।
(ग) विनम्र रहना
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
(ब) सत्य बोलना एक प्रकार की तपस्या है।
(क) खण्ड
(ख) व्यावहारिक
(ग) अखण्ड
(घ) असत्य
उत्तर:
(ग) अखण्ड।
प्रश्न 3.
व्यक्ति के सदाचारी होने की पहचान किससे होती है?
उत्तर:
अच्छे व्यवहार से व्यक्ति के सदाचारी होने की पहचान होती है।
प्रश्न 4.
सदाचारी व्यक्ति में कौन-कौन से गुण होते
उत्तर:
सदाचारी व्यक्ति में गुरुजनों का आदर करना, सत्य बोलना, सेवा करना, किसी को कष्ट न पहुँचाना, विनम्र रहना, मधुर बोलना जैसे गुण होते हैं।
प्रश्न 5.
प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सदाचारी व्यक्ति विचलित क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
अपने असीम धैर्य और सहनशीलता जैसे गुणों के कारण सदाचारी व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी । विचलित नहीं होता है।
प्रश्न 6.
सदाचार सफलता का मार्ग है, कैसे?
उत्तर:
सदाचारी व्यक्ति के सद्गुणों के कारण उसके कार्य भी सहजता से बन जाते हैं। उसमें विपरीत परिस्थितियों से मुकाबला करने की क्षमता होती है। इसलिए सदाचार सफलता का मार्ग है।
प्रश्न 7.
महापुरुष हमारे आदर्श क्यों हैं ?
उत्तर:
महापुरुषों में सदाचार के बल पर अपनी असीम शक्ति को प्रकट करने का सामर्थ्य होता है। उनके द्वारा किए गए कार्य महान् होते हैं। इसलिए वे हमारे आदर्श होते हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
शब्दांशों और शब्दों को जोड़कर नए शब्द बनाएँ और अर्थ जानें, जैसे
अनु + शासन–अनुशासन
अनु + प्रेरणा–अनुप्रेरणा,
अनु + रूप-अनुरूप आदि।
बे + ईमान- ……..
महा + पुरुष ……….
पर + उपकार- ……..
उत्तर:
बेईमान – झूठा व्यक्ति।
महापुरुष – महान् कार्य करने वाला व्यक्ति।
परोपकार – दूसरों की भलाई के लिए किया गया कार्य ।
इस प्रकार अनु, बे, महा, पर आदि शब्दांश जो किसी अन्य शब्द के प्रारंभ में लगते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं। ऐसे ही अन्य उपसर्ग भी जानिए।
प्रश्न 2.
विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें
सदाचार – दुराचार
ईमानदार – ……………
सम्मान – ………………
निर्भय – ………………..
अनुकूल – ………………
सद्गुण – ……………….
उत्तर:
बेईमान
अपमान
डरपोक
प्रतिकूल
दुर्गुण
यह भी करें
सदाचार के महत्त्व पर पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर:
- समाज के नियमों के अनुरूप किया गया काम सदाचार कहलाता है।
- सदाचार जीवन में सफलता का मार्ग है।
- सदाचार व्यक्ति को विपत्तियों से मुकाबला करना सिखाता है।
- सदाचार से व्यक्ति शीघ्र ही अपनी मंजिल तक पहुँच जाता है।
- सदाचार व्यक्ति को महापुरुष बनाता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
सदाचारी व्यक्ति का समाज में सदैव सम्मान होता है। इनमें से किसे सदाचारी व्यक्ति का गुण कहा जा सकता है
(अ) मधुर वचन
(ब) नेता
(स) बड़ों का सम्मान
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
सदाचार शब्द किन दो शब्दों से मिलकर बना है?
(अ) सदा + आचार
(ब) सद + आचार
(स) सत् + आचार
(द) सता + अचार
उत्तर:
(स) सत् + आचार
प्रश्न 3.
जो व्यक्ति हृदय से सत्य बोलने का व्रत लेता है, उसे कहते हैं
(अ) धार्मिक
(ब) नेता
(स) पंडित
(द) सदाचारी
उत्तर:
(द) सदाचारी
प्रश्न 4.
सदाचारी होने के लिए आवश्यक है
(अ) ईमानदार होना
(ब) ज्ञानी होना
(स) विद्वान होना
(द) धनी होना.
उत्तर:
(अ) ईमानदार होना
प्रश्न 5.
सदाचारी व्यक्ति का गुण नहीं है
(अ) सत्य बोलना
(ब) पाखंडी होना
(स) मधुर बोलना
(द) विनम्र रहना
उत्तर:
(ब) पाखंडी होना
रिक्त स्थान भरो
(दुराचार, ईमानदार, सफलता, सदाचार, सामाजिक, सदाचारी, साधु)
प्रश्न 1.
मनुष्य एक ………………….. प्राणी है।
प्रश्न 2.
सदाचारी बनने के लिए ………………… होना आवश्यक है।
प्रश्न 3.
………………….. व्यक्ति का सम्मान होता है।
प्रश्न 4.
सदाचार ………… का मार्ग है।
प्रश्न 5.
सद्व्यवहार ही वास्तव में …………..
उत्तर:
1. सामाजिक
2. ईमानदार
3. सदाचारी
4. सफलता
5. सदाचार
निम्न में से सत्य/असत्य कथन बतलाइये|
प्रश्न 1.
समाज के कुछ नियम होते हैं।
उत्तर:
सत्य.
प्रश्न 2.
सदाचारी सबके प्रति ईमानदारी नहीं बरतता।
उत्तर:
असत्य.
प्रश्न 3.
सत्य बोलना एक प्रकार की अखंड तपस्या है।
उत्तर:
सत्य.
प्रश्न 4.
सदाचारी व्यक्ति झूठी प्रशंसा से प्रभावित हो जाता।
उत्तर:
असत्य.
प्रश्न 5.
सदाचार सफलता का मार्ग है।
उत्तर:
सत्य.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सदाचारी बनने के लिए क्या होना आवश्यक है?
उत्तर:
सदाचारी बनने के लिए व्यक्ति का ईमानदार होना आवश्यक है।
प्रश्न 2.
अखण्ड तपस्या किसे कहा गया है?
उत्तर:
सत्य बोलने को अखण्ड तपस्या कहा गया है।
प्रश्न 3.
सफलता का मार्ग किसे बताया गया है?
उत्तर:
सफलता का मार्ग सदाचार को बताया गया है।
प्रश्न 4.
सदाचारी व्यक्ति के पास किस चीज़ का । भंडार होता है?
उत्तर:
सदाचारी व्यक्ति के पास सद्गुण तथा सद्व्यवहार का भंडार होता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सत्य बोलना सदाचारी के लिए अखंड तपस्या के समान है। कैसे?
उत्तर:
जो व्यक्ति हृदय से सत्य बोलने का व्रत लेता | है, वह सदाचारी होता है। ऐसा व्यक्ति मरते दम तक सत्य बोलने का पालन करता है। इसलिए सत्य बोलना सदाचारी के लिए अखंड तपस्या के समान है।
प्रश्न 2.
सदाचारी व्यक्ति हमारे आदर्श बन जाते हैं। कैसे? समझाइये।
उत्तर:
सदाचार के बल पर असीम शक्ति को प्रकट करने वाला सामर्थ्यवान मनुष्य संत और महापुरुष के रूप में जाना जाता है। वह अपने महान् कार्यों से महापुरुष कहलाता है, और ऐसे ही महापुरुष हमारे आदर्श होते हैं।
प्रश्न 3.
सदाचार का क्या अर्थ बताया गया है?
उत्तर:
सदाचार शब्द ‘सत् आचार’ इन दो शब्दों के मेल से बना है। ‘सत्’ का अर्थ है ‘अच्छा’ और आचार’ का अर्थ है ‘व्यवहार’। इस तरह सदाचार का अर्थ ‘अच्छा व्यवहार’ है। अतः अच्छा व्यवहार करना, नियमों के अनुसार अच्छा काम करना ही सदाचार कहलाता है।
प्रश्न 4.
किस व्यक्ति को सम्मान और आनन्द मिलता है? कैसे? बताइये।
उत्तर:
जो व्यक्ति ईमानदारी से कार्य करता है, उसे सम्मान और आनन्द मिलता है। क्योंकि ईमानदार व्यक्ति हर बात या हर काम में ईमानदारी का आचरण करता है। वह धन कमाने में या लेन-देन में ईमानदारी रखता है। वह भले ही निर्धन हो, परन्तु ईमानदारी के कारण सभी उसका आदर करते हैं। उसे सब सदाचारी मानते हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सदाचारी व्यक्ति के गुणों का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
सदाचारी व्यक्ति उत्तम गुणों का धनी होता है। उसमें कुछ खास गुण पाये जाते हैं; जैसे-गुरुजनों का आदर करना, सत्य बोलना, सेवा करना, किसी को कष्ट न पहुँचाना, विनम्र रहना इत्यादि गुण उसमें पाये जाते हैं। सदाचारी व्यक्ति सबके प्रति ईमानदार होता है। वह विपरीत परिस्थितियों में भी कभी विचलित नहीं होता है। परोपकार करना उसके स्वभाव में पाया जाता है। वह धैर्यशील, अनुशासित तथा संयमी भी होता है।
पठित पद्यांश निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(1)
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में रहकर वह कई तरह के काम करता है, परन्तु समाज के कुछ नियम हैं। नियमों के अनुकूल किया गया काम ही सदाचार कहलाता है, जैसे—सत्य बोलना, सेवा करना, विनम्र रहना, बड़ों का आदर करना आदि। ये उत्तम चरित्र के गुण हैं। जिस व्यक्ति के व्यवहार में ये गुण होते हैं, वह सदाचारी कहलाता है। सदाचार शब्द दो शब्दों के मेल से बना है, सत्+आचार। ‘सत्’ का अर्थ है ‘अच्छा’ और ‘आचार’ का अर्थ है ‘व्यवहार’। इस तरह सदाचार का अर्थ है अच्छा व्यवहार । सदाचारी बनने के लिए ईमानदार होना आवश्यक है।
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
सदाचार।
प्रश्न 2.
सदाचार किसे कहते हैं?
उत्तर:
नियमों के अनुकूल किये गये काम को सदाचार कहते हैं।
प्रश्न 3.
उत्तम चरित्र के गुण कौन-कौनसे होते हैं?
उत्तर:
उत्तम चरित्र के गुण-
- सत्य बोलना
- सेवा करना
- विनम्र रहना
- बड़ों का आदर करना।
प्रश्न 4.
सदाचारी बनने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर:
सदाचारी बनने के लिए ईमानदार होना आवश्यक है।
( 2 )
विपत्तियाँ तथा प्रतिकूल परिस्थितियाँ प्रायः सभी के जीवन में आती हैं, किन्तु सदाचारी व्यक्ति इनसे कभी विचलित नहीं होता। ऐसा व्यक्ति जीवन में कितनी भी बड़ी विपदा आ जाए तो भी उनसे मुकाबला करने की क्षमता रखता है। उसमें असीम धैर्य एवं सहनशक्ति जैसे महान गुण होते हैं। परोपकार करना उसका स्वभाव होता है। वह अपने कार्य से सदा दूसरों का भला करता है। लोग उस पर विश्वास करते हैं। सभा हो या समुदाय, सदाचार से युक्त व्यक्ति सर्वत्र पूजा जाता है।
प्रश्न 1.
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
‘सदाचारी व्यक्ति’
प्रश्न 2.
सदाचारी व्यक्ति किससे विचलित नहीं होता?
उत्तर:
सदाचारी व्यक्ति प्रतिकूल परिस्थितियों से विचलित नहीं होता है। वह धैर्यपूर्वक समस्याओं का मुकाबला करता है।
प्रश्न 3.
सदाचारी व्यक्ति में कौन-कौन से गुण होते हैं?
उत्तर:
सदाचारी व्यक्ति विनम्र और परोपकारी होता | है। वह सदा दूसरों का भला करता है । वह | ईमानदार होता है तथा बड़ों का सम्मान करता है। वह विपरीत परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होता है।
प्रश्न 4.
‘अविश्वास’ शब्द का विलोम शब्द गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
‘विश्वास’।