UK Board 9th Class Science – Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?
UK Board 9th Class Science – Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?
UK Board Solutions for Class 9th Science – विज्ञान – Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?
अध्याय के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. शुद्ध पदार्थ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : वे पदार्थ जिनमें उपस्थित सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के होते हैं, शुद्ध पदार्थ कहलाते हैं। एक शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना होता है। उदाहरण के लिए―सोना, चाँदी, ताँबा, लोहा आदि।
प्रश्न 2. समांगी तथा विषमांगी मिश्रणों में अन्तर बताएँ ।
उत्तर : समांगी मिश्रण का संघटन एकसमान होता है, जबकि विषमांगी मिश्रण का संघटन एकसमान नहीं होता। दूसरे शब्दों में, समांगी मिश्रण की संरचना, गुण, स्वरूप एकसमान होता है तथा विषमांगी मिश्रण के अंगों (अवयवों) के भौतिक गुण एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। उदाहरणार्थ – कॉपर सल्फेट जल में विलेय होकर समांगी मिश्रण बनाता है तथा तेल एवं जल मिलकर विषमांगी मिश्रण बनाते हैं।
प्रश्न 3. उदाहरण के साथ समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिए ।
उत्तर : समांगी तथा विषमांगी मिश्रणों में विभेद
क्र०सं० | समांगी मिश्रण | विषमांगी मिश्रण |
1. | इनका संघटन एकसमान होता है। | इनका संघटन एकसमान नहीं होता। |
2. | इसके अवयवों की संरचना, गुण, स्वरूप एकसमान होते हैं। | इसके अवयवों के भौतिक गुण एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। |
3. | उदहारण – कॉपर सल्फेट का जल में विलयन। | उदाहरण – तेल तथा जल का मिश्रण। |
प्रश्न 4. विलयन, निलम्बन और कोलॉइड एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर : विलयन, निलम्बन और कोलॉइड में भिन्नता
क्र०सं० | विलयन | निलम्बन | कोलॉइड |
1. | इसमें विलेय के कणों का आकार 10–10 m तक होता है। | इसमें विलेय के कणों का आकार 10–7 m या इससे अधिक होता है। | इसमें विलेय कणों का आकार 10–9 m से 10–7 m के बीच होता है। |
2. | इसमें विलेय कणों को आँखों द्वारा अथवा सूक्ष्मदर्शी द्वारा भी देखना सम्भव नहीं होता। | इसमें विलेय के कणों को सरलता से देखा जा सकता है। | इसमें विलेय के कणों को नहीं देखा जा सकता। |
3. | इसे स्थिर रखने पर विलेय के कण पृथक् नहीं होते। | इसे स्थिर रखने पर विलेय के कण पृथक् हो जाते हैं तथा जल में बैठ जाते हैं। | इसे स्थिर रखने पर विलेय के कण पृथक् नहीं होते। |
4. | यह समांगी मिश्रण है। | यह विषमांगी मिश्रण है। | यह समांगी के समान दिखने वाला विषमांगी मिश्रण है। |
5. | उदाहरण- जल में चीनी, नमक या सिरके का विलयन आदि। | उदाहरण- गंदला जल, पेण्ट आदि । | उदाहरण – कोहरा, जैली, दूध, रक्त आदि। |
प्रश्न 5. एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36g सोडियम क्लोराइड को 100g जल में 293K पर घोला जाता है। इस तापमान पर इसकी सान्द्रता प्राप्त करें।
उत्तर : विलेय पदार्थ (सोडियम क्लोराइड) का द्रव्यमान = 36 ग्राम
विलायक (जल का द्रव्यमान) = 100 ग्राम
विलयन का द्रव्यमान = विलेय का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान

प्रश्न 6. पेट्रोल और मिट्टी का तेल (kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक् करेंगे? पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25°C से कम का अन्तराल है।
उत्तर : हम जानते हैं कि जब दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों, जिनके क्वथनांकों में 25°C से कम का अन्तराल होता है, के मिश्रण को पृथक् करने के लिए प्रभाजी आसवन विधि का प्रयोग किया जाता है। अतः पेट्रोल और मिट्टी के तेल के मिश्रण को पृथक् करने के लिए प्रभाजी आसवन का प्रयोग किया जाएगा।
इस विधि में आसवन फ्लास्क तथा संघनक के बीच एक प्रभाजी स्तम्भ का प्रयोग किया जाता है। यह एक नली होती है जो काँच के गुटकों से भरी होती है। ये गुटके वाष्प को ठण्डा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करते हैं। पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के मिश्रण को फ्लास्क में लेकर, उपकरण को चित्रानुसार व्यवस्थित कर लेते हैं। मिश्रण को गर्म करने पर, वाष्प ऊपर उठकर प्रभाजी स्तम्भ से गुजरती है तथा काँच के गुटकों द्वारा ठण्डी एवं संघनित होकर एकत्रित हो जाती है।

पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में अन्तर के कारण, इन्हें अलग-अलग प्राप्त कर लिया जाता है।
प्रश्न 7. पृथक् करने की सामान्य विधियों के नाम दीजिए-
(i) दही से मक्खन,
(ii) समुद्री जल से नमक,
(iii) नमक से कपूर ।
उत्तर : (i) अपकेन्द्रन,
(ii) फिल्टरीकरण,
(iii) ऊर्ध्वपातन।
प्रश्न 8. क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रणों को पृथक् किया जा सकता है?
उत्तर : क्रिस्टलीकरण विधि का प्रयोग ठोस पदार्थों को शुद्ध करने में किया जाता है। उदाहरण के लिए- समुद्री जल से प्राप्त नमक में बहुत-सी अशुद्धियाँ होती हैं। इन अशुद्धियों को दूर करने के लिए क्रिस्टलीकरण विधि का उपयोग किया जाता है। इसी प्रकार किसी अशुद्ध नमूने से शुद्ध फिटकरी प्राप्त करने में भी क्रिस्टलीकरण विधि का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 9. निम्नलिखित को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत कीजिए-
- पेड़ों को काटना,
- मक्खन का एक बर्तन में पिघलना,
- अलमारी में जंग लगना,
- जल का उबलकर वाष्प बनना,
- विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना,
- जल में साधारण नमक का घुलना,
- फलों से सलाद बनाना तथा
- लकड़ी और कागज का जलना ।
उत्तर :
- पेड़ों को काटना- भौतिक परिवर्तन (यदि इनकी जड़ें मिट्टी में ही दबी हैं ) ।
- मक्खन का एक बर्तन में पिघलना – भौतिक परिवर्तन।
- अलमारी में जंग लगना – रासायनिक परिवर्तन ।
- जल का उबलकर वाष्प बनना – भौतिक परिवर्तन।
- विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना— रासायनिक परिवर्तन
- जल में साधारण नमक का घुलना – भौतिक परिवर्तन ।
- फलों से सलाद बनाना – भौतिक परिवर्तन ।
- लकड़ी और कागज का जलना – रासायनिक परिवर्तन ।
प्रश्न 10. अपने आस-पास की चीजों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण में अलग करने का प्रयत्न कीजिए।
उत्तर : हमारे आस-पास के पदार्थों में – ताँबा, सोना, चाँदी, नमक, चीनी, ऑक्सीजन, जल, लोहा आदि शुद्ध पदार्थ हैं। इसके अतिरिक्त सोडा वाटर, नमक का घोल, शर्बत, धुआँ, आइसक्रीम, जल तथा तेल का घोल आदि मिश्रण हैं।
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए आप किन विधियों को अपनाएँगे-
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में।
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने में।
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन ऑयल से पृथक् करने में।
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए।
(e) जल से तेल निकालने के लिए।
(f) चाय से चाय की पत्तियों को पृथक् करने में।
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में ।
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक् करने में ।
(i) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कण को पानी से अलग करने के लिए।
(j) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक् करने में।
उत्तर :
(a) आसवन विधि |
(b) ऊर्ध्वपातन विधि |
(c) फिल्टरीकरण या छानन विधि ।
(d) अपकेन्द्र विधि ।
(e) पृथक्कारी कीप विधि ।
(f) फिल्टरीकरण |
(g) चुम्बकीय पृथक्करण विधि।
(h) फटकन विधि (winnowing ) ।
(i) फिल्टरीकरण ।
(j) क्रोमैटोग्राफी ।
प्रश्न 2. चाय तैयार करने के लिए आप किन-किन चरणों का प्रयोग करेंगे? विलयन, विलायक, विलेय, घुलना, घुलनशील, अघुलनशील, घुलेय (फिल्ट्रेट) तथा अवशेष शब्दों का प्रयोग कीजिए।
उत्तर : 100. मिली जल ( विलायक़ ) लेते हैं। जल को बर्नर पर . उबालते हैं। अब इसमें एक चम्मच चींनी ( विलेय) मिलाते हैं जो इसमें घुल जाती (घुलना) है; क्योंकि चीनी जल में विलेय (घुलनशील ) होती है। अब इसमें आधा चम्मच चाय पत्ती मिलाते हैं जो जल में अघुलनशील है। इसे 2-3 मिनट तक उबलने देते हैं।
पुन: इसमें आधा कप दूध डालकर 3-4 मिनट तक उबालते हैं। इस प्रकार चाय उपर्युक्त पदार्थों के विलयन के रूप में तैयार हो जाती है। अब छलनी की सहायता से चाय छान लेते हैं। चाय पत्ती अवशेष के रूप में शेष रह जाती है तथा चाय घुलेय (फिल्ट्रेट) के रूप में प्राप्त हो जाती है।
प्रश्न 3. प्रज्ञा ने तीन अलग-अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को विभिन्न तापमान पर जाँचा तथा निम्नांकित आँकड़ों को प्राप्त किया। प्राप्त हुए परिणामों को 100g जल में विलेय पदार्थ की मात्रा, जो संतृप्त विलयन बनाने हेतु पर्याप्त है, निम्नांकित तालिका में दर्शाया गया है-
विलेय पदार्थ | तापमान K में | ||||
283 | 293 | 313 | 333 | 353 | |
पोटैशियम नाइट्रेट | 21 | 32 | 62 | 106 | 167 |
सोडियम क्लोराइड | 36 | 36 | 36 | 37 | 37 |
पोटैशियम क्लोराइड | 35 | 35 | 40 | 46 | 54 |
अमोनियम क्लोराइड | 24 | 37 | 41 | 55 | 66 |
(a) 50 g जल में 313 K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी?
(b) प्रज्ञा 353K पर पोटैशियम क्लोराइड का एक संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठण्डा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठण्डा होगा तो वह अवलोकित करेगी? स्पष्ट कीजिए ।
(c) 293 K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन कीजिए। इस तापमान पर कौन-सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा?
(d) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
(a) 313 K पर 100 ग्राम जल में 62 ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट घोला जाता है। अतः 50 ग्राम जल में 31 ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट घोला जाएगा।
(b) पोटैशियम क्लोराइड के क्रिस्टल बनेंगे; क्योंकि जब गर्म संतृप्त विलयन ठण्डा होता है तो क्रिस्टल प्राप्त होते हैं।
(c) दिए गए आँकड़ों के अनुसार, 293 K पर पोटैशियम नाइट्रेट की घुलनशीलता 32 ग्राम, सोडियम क्लोराइड की घुलनशीलता 36 ग्राम, पोटैशियम क्लोराइड की घुलनशीलता 35 ग्राम तथा अमोनियम क्लोराइड की घुलनशीलता 37 ग्राम है। इनमें अमोनियम क्लोराइड की घुलनशीलता सबसे अधिक है।
(d) लवण की घुलनशीलता, तापमान बढ़ने पर बढ़ती है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए-
(a) संतृप्त विलयन
(b) शुद्ध पदार्थ
(c) कोलॉइड
(d) निलम्बन
उत्तर :
(a) संतृप्त विलयन – किसी विलयन में एक निश्चित ताप पर, जब विलेय की और अधिक मात्रा को नहीं घोला जा सकता, तब यह विलयन ‘संतृप्त विलयन’ कहलाता है। जैसे—यदि 21 ग्राम KNO3 को जल में 283 K पर घोला जाए तो संतृप्त विलयन प्राप्त होता है।
(b) शुद्ध पदार्थ – जिन पदार्थों का संघटन एकसमान होता है तथा जिनके गुण; जैसे – बनावट, स्वाद आदि एकसमान होते हैं, शुद्ध पदार्थ कहलाते हैं। उदाहरणार्थ- जल, सोडियम क्लोराइड, चीनी, ऑक्सीजन आदि।
(c) कोलॉइड – वह विलयन जिसमें कणों का आकार 1 नैनोमीटर या 1 nm (10–9 m) से 1000nm (10–6 m) के मध्य हो, कोलॉइड कहलाता है। दूसरे शब्दों में कोलॉइड एक प्रकार का विलयन है जिसमें कणों का आकार वास्तविक विलयन से बड़ा, परन्तु निलम्बन से छोटा होता है। उदाहरणार्थ — स्टार्च – विलयन, दूध, स्याही, रक्त, साबुन- विलयन, कोहरा आदि।
(d) निलम्बन – निलम्बन एक विषमांगी मिश्रण है जिसमें विलेय पदार्थ के कण घुले नहीं होते, अपितु माध्यम की समष्टि में निलम्बित रहते हैं। ये निलम्बित कण आँखों से देखे जा सकते हैं। उदाहरणार्थ – चॉक – जल मिश्रण, मटमैला जल, पेण्ट, मैग्नीशिया का दूध, जल में निलम्बित रेत-कण तथा आटा – जल मिश्रण आदि ।
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत कीजिए-
सोडा जल, लकड़ी, बर्फ, वायु, मिट्टी, सिरका, छनी हुई चाय।
उत्तर : समांगी मिश्रण – सोडा जल, बर्फ, वायु, सिरका तथा छनी हुई चाय |
विषमांगी मिश्रण – लकड़ी, मिट्टी ।
प्रश्न 6. आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है?
उत्तर : हम निम्नलिखित प्रयोग द्वारा पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है—
प्रयोग – शुद्ध जल की पुष्टि करना ।
क्रिया-कलाप – (1) दिए गए रंगहीन द्रव को एक बीकर में लेते हैं।
(2) इसमें एक थर्मामीटर लगाते हैं।
(3) बीकर को जाली पर रखकर बर्नर की सहायता से गर्म करते हैं।
(4) उस ताप को ज्ञात करते हैं जिस पर द्रव उबलकर वाष्प में परिवर्तित होता है।
प्रेक्षण — दिया गया द्रव 373K (100 °C) पर उबलता है।
निष्कर्ष – दिया गया द्रव शुद्ध जल है; क्योंकि शुद्ध जल 373 K पर उबलता है।
प्रश्न 7. निम्नलिखित में से कौन-सी वस्तुएँ शुद्ध पदार्थ हैं?
(a) बर्फ, (b) दूध, (c) लोहा, (d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, (e) कैल्सियम ऑक्साइड, (f) पारा, (g) ईंट, (h) लकड़ी, (i) वायु ।
उत्तर : बर्फ, लोहा, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, कैल्सियम ऑक्साइड तथा पदार्थ हैं।
प्रश्न 8. निम्नलिखित मिश्रणों में से विलयन की पहचान कीजिए—
(a) मिट्टी, (b) समुद्री जल, (c) वायु, (d) कोयला, (e) सोडा जल ।
उत्तर : समुद्री जल, वायु तथा सोडा जल विलयन हैं।
प्रश्न 9. निम्नलिखित में से कौन टिण्डल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा ?
(a) नमक का घोल, (b) दूध, (c) कॉपर सल्फेट का विलयन, (d) स्टार्च विलयन।
उत्तर : दूध तथा स्टार्च विलयन टिण्डल प्रभाव प्रदर्शित करेंगे; क्योंकि ये दोनों कोलॉइडी विलयन हैं।
प्रश्न 10. निम्नलिखित को तत्व, यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत कीजिए-
(a) सोडियम, (b) मिट्टी, (c) चीनी का घोल, (d) चाँदी, (e) कैल्सियम कार्बोनेट, (f) टिन, (g) सिलिकन, (h) कोयला, (i) वायु, (j) साबुन, (k) मेथेन, (l) कार्बन डाइऑक्साइड, (m) रक्त।
उत्तर : तत्व – सोडियम, चाँदी, टिन, सिलिकन ।
यौगिक — कैल्सियम कार्बोनेट, मेथेन, कार्बन डाइऑक्साइड |
मिश्रण – मिट्टी, चीनी का घोल, कोयला, वायु, साबुन, रक्त।
प्रश्न 11. निम्नलिखित में से कौन-कौन से परिवर्तन रासायनिक हैं?
(a) पौधों की वृद्धि, (b) लोहे में जंग लगना, (c) लोहे के चूर्ण तथा बालू को मिलाना, (d) खाना पकाना, (e) भोजन का पाचन, (f) जल से बर्फ बनना, (g) मोमबत्ती का जलना।
उत्तर : लोहे में जंग लगना, खाना पकाना, भोजन का पाचन, मोमबत्ती का जलना रासायनिक परिवर्तन हैं।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. मिश्रण किसे कहते हैं? समांगी और विषमांगी मिश्रण की व्याख्या करते हुए, उनमें अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : मिश्रण अथवा अशुद्ध पदार्थ (विषमांग द्रव्य)
दो या दो से अधिक तत्वों या यौगिकों को किसी भी अनुपात में मिलाने पर जो अशुद्ध और विषमांग द्रव्य प्राप्त होता है, वह मिश्रण या अशुद्ध पदार्थ कहलाता है।
मिश्रण के बनने में अवयवी तत्व अथवा यौगिक परस्पर रासायनिक संयोग नहीं करते हैं जिससे इनमें अवयवी पदार्थों के गुणधर्म सदैव विद्यमान रहते हैं और मिश्रण से उन्हें सरल यान्त्रिक विधियों द्वारा पृथक् किया जा सकता है। उदाहरणस्वरूप मिश्रण के कुछ उदाहरण निम्नवत् हैं—
(1) ठोसों का मिश्रण – सीमेण्ट, बारूद, पीतल आदि ।
(2) ठोस – द्रव मिश्रण – चीनी का विलयन, नमक का विलयन, दूध, समुद्र का जल, शर्बत, फलों का रस आदि ।
(3) द्रव – द्रव मिश्रण – दूध व जल का मिश्रण, ऐल्कोहॉल व जल का मिश्रण आदि ।
(4) द्रव – गैस का मिश्रण – सोडावाटर (जल + कार्बन डाइ-ऑक्साइड)।
(5) गैस – गैस मिश्रण – कोल गैस, प्रोड्यूसर गैस, वायु आदि ।
(6) ठोस – गैस मिश्रण – धुआँ (कार्बन के कण + वायु) ।
(7) गैस – ठोस – द्रव मिश्रण-कोका कोला, लेमोनेड आदि ।
(8) वायु — ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइ ऑक्साइड, जलवाष्प, आर्गन इत्यादि का मिश्रण।
(9) इस्पात — लोहा, कार्बन तथा अल्प मात्रा में मैग्नीशियम, क्रोमियम आदि का मिश्रण।
मिश्रण के प्रकार
सामान्यतः मिश्रण निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-
(1) समांगी मिश्रण – जिस मिश्रण के प्रत्येक भाग के सभी गुण एकसमान होते हैं, उसे समांगी मिश्रण कहते हैं। सम्पूर्ण समांग मिश्रण का संघटन या रचना एक जैसी होती है। इसमें उपस्थित विभिन्न अवयवों की सीमाओं को पृथक् रूप से देखा नहीं जा सकता है। उदाहरणार्थ – शक्कर का जल में मिश्रण एक समांगी मिश्रण है, क्योंकि इसके सभी भागों में शक्कर -जल का संघटन एकसमान होता है तथा एक जैसा मीठा होता है; इसमें जल और शक्कर की पृथक्-पृथक् सीमा नहीं दिखाई देती है। दो या दो से अधिक मिश्रणीय द्रवों का मिश्रण भी समांगी होता है; जैसे—ऐल्कोहॉल तथा जल का मिश्रण समांगी होता है। इसी प्रकार वायु भी ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइ ऑक्साइड, जलवाष्प तथा आर्गन इत्यादि का समांगी मिश्रण होती है।

सभी समांगी मिश्रण विलयन (solution) कहलाते हैं; अत: दो या दो से अधिक पदार्थों के आपस में मिलने से बने हुए समांगी मिश्रण को, जिसके प्रत्येक भाग की संरचना एक जैसी हो, विलयन कहते हैं। विलयन में जो अवयव कम मात्रा में होता है, उसे विलेय (solute) तथा जो अधिक मात्रा में होता है, उसे विलायक (solvent) कहते हैं। उदाहरणार्थ – शर्बत एक विलयन हैं। इसमें चीनी विलेय तथा जल विलायक है।
(2) विषमांगी मिश्रण – जिस मिश्रण के प्रत्येक भाग के गुण एक समान नहीं होते, उसे विषमांग मिश्रण कहते हैं। इसकी रचना एक जैसी नहीं होती है। इसके विभिन्न अवयवों के बीच पृथक्करण सीमा स्पष्ट दिखाई देती है। उदाहरणार्थ- चीनी और नमक तथा दाल के दानों और गन्दगी (प्राय: छोटे कंकड़) के कणों के मिश्रण विषमांगी मिश्रण हैं। इसी प्रकार रेत तथा जल का मिश्रण, रेत तथा लोहे का मिश्रण आदि भी विषमांगी मिश्रण हैं। पेट्रोल तथा जल का मिश्रण भी एक विषमांगी मिश्रण है। अधिकांश मिश्रण विषमांगी होते हैं। केवल विलयन और मिश्र धातु (alloys) समांगी मिश्रण हैं।
प्रश्न 2. धातु तथा अधातु क्या हैं? इनमें क्या अन्तर है? निम्नलिखित को धातु तथा अधातु में वर्गीकृत कीजिए—
सोडियम, जस्ता, हाइड्रोजन, सीसा, ऑक्सीजन, गन्धक, ताँबा, फॉस्फोरस।
उत्तर : धातु — “वे तत्व, जो सामान्य अभिक्रियाओं में अपने परमाणुओं से एक अथवा अधिक इलेक्ट्रॉन त्यागते हैं, धातु (metal) कहलाते हैं।”
अघातु—“वे तत्व, जो सामान्य अभिक्रियाओं में दूसरें परमाणुओं से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं, अधातु (non-metal) कहलाते हैं।”
धातु तथा अधातु में अन्तर
क्र०सं० | गुण | धातु | अधातु |
1. | अवस्था | पारे के अतिरिक्त सभी धातुएँ साधारण ताप पर ठोस होती हैं; जैसे— लोहा, सोना, चाँदी, ताँबा, पीतल आदि। | ये साधारण ताप पर ठोस, द्रव तथा गैस तीनों अवस्थाओं में पाई जाती हैं; जैसे – गन्धक (ठोस), ब्रोमीन (द्रव), ऑक्सीजन | (गैस) आदि । |
2. | चमक | इनमें एक विशेष प्रकार की धात्विक चमक होती है। | ग्रेफाइट तथा आयोडीन के अतिरिक्त किसी भी अधातु में विशेष चमक नहीं होती है। |
3. | घनत्व | इनका घनत्व प्रायः अधिक होता है। | इनका घनत्व प्राय: कम होता है। |
4. | कठोरता | कुछ धातुओं; जैसे- सोडियम, पोटैशियम आदि को छोड़कर सभी कठोर होती हैं। | कठोर नहीं होती हैं। |
5. | गिरने या पीटने पर | ध्वनि निकलती है। | ध्वनि नहीं निकलती है। |
6. | ऊष्मा तथा विद्युत चालकता | ऊष्मा तथा विद्युत की सुचालक होती है। | ऊष्मा तथा विद्युत की कुचालक होती है। |
7. | गलनांक तथा क्वथनांक | प्रायः अधिक होते हैं। | प्रायः कम होते हैं (कुछ को छोड़कर)। |
8. | मिश्र-धातु का निर्माण | कुछ धातुएँ आपस में मिलकर समांग मिश्रण बनाती हैं, जो मिश्र-धातु कहलाता है। | ये आपस में मिलकर मिश्र-धातु नहीं बनाती हैं, बल्कि इनकी थोड़ी मात्रा ही मिश्र-धातु बनाने में प्रयोग की जाती है। |
9. | आघातवर्धनशीलता तथा तन्यता | ये पीटने से बढ़ती हैं तथा इनके तार खींचे जा सकते हैं अर्थात् ये आघातवर्धनशील तथा तन्य होती हैं। | ये पीटने से टूट जाती हैं तथा इनके तार भी नहीं खींचे जा सकते हैं अर्थात् ये आघातवर्धनशील तथा तन्य नहीं होती हैं। |
धातु – सोडियम जस्ता, सीसा तथा ताँबा । ।
अधातु — हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, गन्धक तथा फॉस्फोरस
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. समांगी द्रव्य तथा विषमांगी द्रव्य क्या हैं?
उत्तर : “वे द्रव्य जिनके प्रत्येक भाग का संघटन तथा गुणधर्म समान होते हैं, समांगी द्रव्य कहलाते हैं”; जैसे— लोहा, चाँदी, ताँबा, वायु, जल, दूध आदि ।
ये दो प्रकार के होते हैं – (i) शुद्ध द्रव्य तथा (ii) विलयन ।
“वे द्रव्य जिनके प्रत्येक भाग के संघटन तथा गुणधर्म समान नहीं होते तथा जो दो या दो से अधिक समांगी द्रव्यों को किसी अनुपात में मिलाने से प्राप्त होते हैं, विषमांगी द्रव्य कहलाते हैं; जैसे – मिट्टी, काष्ठ, पीतल, बारूद आदि ।
प्रश्न 2. विलेय तथा विलायक को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर : ” वह पदार्थ जो विलयन में कम मात्रा में रहता है, विलेय कहलाता है जबकि वह पदार्थ जो विलयन में अधिक मात्रा में रहता है, विलायक कहलाता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित की परिभाषा लिखिए-
तत्व, धातु एवं अधातु ।
उत्तर : “तत्व प्रकृति का मूल पदार्थ है । तत्व द्रव्य की प्रारम्भिक अवस्था है जिसमें सभी परमाणुओं का परमाणु क्रमांक समान होता है”; जैसे- ऑक्सीजन तत्व ।
“वे तत्व जो सामान्य अभिक्रियाओं में अपने परमाणुओं से एक या अधिक इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाते हैं (हाइड्रोजन को छोड़कर) धातु कहलाते हैं; जैसे – सोडियम ।
“अधातु वे तत्व हैं, जो सामान्य अभिक्रियाओं में दूसरे परमाणुओं से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋणायन बनाते हैं”; जैसे- सल्फर ।
प्रश्न 4. तत्व तथा यौगिक में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : तत्व तथा यौगिक में अन्तर
क्र०सं० | तत्व | यौगिक |
1. | तत्व एक ही प्रकार के परमाणुओं मिलकर बना होता है। | यौगिक के अणु दो या दो से से अधिक परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं। |
2. | तत्व को भौतिक अथवा रासायनिक विधियों द्वारा दो या दो से अधिक भिन्न-भिन्न गुणधर्म वाले सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। | यौगिक को दो या दो से अधिक भिन्न-भिन्न गुणधर्म वाले सरल पदार्थों में विभाजित किया जा सकता है। जैसे— सोडियम क्लोराइड को सोडियम तथा क्लोरीन में विभाजित किया जा सकता है। |
3. | तत्व के गुणधर्म उसके सूक्ष्मतम कण (परमाणु) के कारण होते हैं। | यौगिक के गुणधर्म उसके सूक्ष्मतम कण (अणु) के कारण होते हैं। प्रायः यौगिक के गुणधर्म उसके अवयवी तत्वों के गुणों से भिन्न होते हैं। |
4. | कुछ तत्व परमाणुओं के रूप में पाए जाते हैं; जैसे कॉपर, सिल्वर, गोल्ड, सोडियम, पोटैशियम आदि । कुछ तत्व अणुओं के रूप में पाए जाते हैं; जैसे – हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन आदि । | यौगिक अणुओं के रूप में पाए जाते हैं; जैसे— जल, साधारण नमक, नौसादर आदि । |
प्रश्न 5. विलयन के द्रव्यमान प्रतिशत तथा आयतन प्रतिशत को उदाहरण सहित समझाइए |
उत्तर : द्रव्यमान प्रतिशत – “विलयन के प्रति 100 भागों ( भारानुसार) में विलेय के भागों (भारानुसार) की संख्या, विलयन का द्रव्यमान प्रतिशत कहलाती है। “

आयतन प्रतिशत—“विलयन के प्रति 100 भागों (आयतनानुसार) में विलेय के भागों (आयतनानुसार) की संख्या, विलयन का आयतन प्रतिशत कहलाती है।”

प्रश्न 6. निम्नलिखित यौगिकों में उपस्थित तत्वों के नाम दीजिए-
(a) क्विक लाइम,
(b) हाइड्रोजन ब्रोमाइड
(c) बेकिंग पाउडर,
(d) पोटैशियम सल्फेट ।
उत्तर :
(a) क्विक लाइम CaO है। इसमें कैल्सियम तथा ऑक्सीजन तत्व होते हैं।
(b) हाइड्रोजन तथा ब्रोमीन ।
(c) बेकिंग पाउडर (NaHCO3) में सोडियम, हाइड्रोजन, कार्बन तथा ऑक्सीजन हैं।
(d) पोटैशियम, सल्फर तथा ऑक्सीजन।
प्रश्न 7. एक विलयन में 5 ग्राम ग्लूकोस, 45 ग्राम जल में विलेय है । द्रव्यमान प्रतिशत में विलयन की सान्द्रता ज्ञात कीजिए ।
उत्तर :

प्रश्न 8. निलम्बन के चार गुण लिखिए।
उत्तर : (i) यह एक विषमांगी मिश्रण है। (ii) शान्त छोड़ देने पर, निलम्बित कण नीचे की ओर बैठ जाते हैं तथा इसकी अस्थायी प्रवृत्ति प्रदर्शित करते हैं। (iii) निलम्बित कणों को आँखों से देखा जा सकता है। (iv) निलम्बित कण प्रकाश की किरण को फैला देते हैं जिससे उसका मार्ग दृष्टिगोचर हो जाता है।
प्रश्न 9. वास्तविक विलयन तथा कोलॉइडी विलयन में दो अन्तर बताइए ।
उत्तर : वास्तविक तथा कोलॉइडी विलयन में अन्तर
क्र०सं० | वास्तविक विलयन | कोलॉइडी विलयन |
1. | यह समांगी मिश्रण होता है। | यह समांगी प्रतीत होता है, परन्तु यह विषमांगी मिश्रण होता है। |
2. | इसके कण आँखों द्वारा देखे नहीं जा सकते, यहाँ तक कि शक्तिशाली सूक्ष्मदर्शी से भी इन्हें देखना सम्भव नहीं है। | इनके कणों को आँखों द्वारा नहीं देखा जा सकता, परन्तु इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जा सकता है। |
प्रश्न 10. टिण्डल प्रभाव से क्या तात्पर्य है? इसका क्या कारण है ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : जब किसी प्रकाश पुंज को किसी कोलॉइडी विलयन से गुजारा जाता है, तब इसका मार्ग स्पष्टतया दिखाई देने लगता है। यह परिघटना ‘टिण्डल प्रभाव’ कहलाती है।
कोलॉइडी कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन, टिण्डल प्रभाव का कारण है।
जब किसी कमरे में उपस्थित वायु में धूल-कणों के कोलॉइडी विलयन में से प्रकाश-पुंज एक छोटे से छिद्र से गुजारा जाता है, तब इसका मार्ग दृश्य हो जाता है।
प्रश्न 11. पायस, जैल से किस प्रकार भिन्न होते हैं? प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर : जब एक द्रव किसी अन्य द्रव में परिक्षिप्त होता है, तब पायस बनता है; जैसे- दूध । जब एक द्रव किसी ठोस में परिक्षिप्त होता है, तब जैल बनता है; जैसे— पनीर ।
प्रश्न 12. कोलॉइड के गुणधर्म लिखिए।
उत्तर : कोलॉइड के गुणधर्म —
(i) यह एक विषमांगी मिश्रण है।
(ii) कोलॉइड के कणों का आकार इतना छोटा होता है कि ये पृथक् रूप में आँखों से नहीं देखे जा सकते हैं।
(iii) इसके कण प्रकाश पुंज की किरणों को फैला देते हैं जिससे उसका मार्ग दृश्य हो जाता है।
(iv) कोलॉइड को शांत अथवा स्थिर छोड़ देने पर, इसके कण तल नहीं बैठते अर्थात् ये स्थायी होते हैं।
(v) ये छानन विधि द्वारा मिश्रण से पृथक् नहीं किए जा सकते। इन्हें पृथक् करने हेतु अपकेन्द्रन विधि का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 13. क्या छानन विधि द्वारा दूध से क्रीम पृथक् की जा सकती है? यदि नहीं तो उस विधि का वर्णन कीजिए जिससे क्रीम पृथक् की जा सकती है।
उत्तर : दूध में विद्यमान क्रीम के कण इतने छोटे होते हैं कि ये छानक पत्र द्वारा छानने पर बाहर निकल आते हैं। अत: दूध से क्रीम पृथक् करने के लिए छानन विधि का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। इसके लिए अपकेन्द्रन विधि का प्रयोग किया जाता है। इस विधि में दूध को अत्यन्त तेज गति से घुमाया जाता हैं जिससे भारी क्रीम कण नीचे बैठ जाते हैं तथा हल्के कण ऊपर ही रह जाते हैं।
प्रश्न 14. अपकेन्द्रन विधि के तीन अनुप्रयोग लिखिए।
उत्तर : (i) जाँच प्रयोगशाला में रक्त और मूत्र की जाँच में।
(ii) डेयरी तथा घर में क्रीम से मक्खन निकालने की प्रक्रिया में।
(iii) कपड़े धोने की मशीन में भीगे हुए कपड़ों से जल निचोड़ने में ।
प्रश्न 15. मिट्टी के तेल तथा जल के मिश्रण को आप किस प्रकार पृथक् कर सकते हैं? आवश्यक चित्र देकर समझाइए ।
उत्तर : मिट्टी के तेल तथा जल के मिश्रण को हम पृथक्कारी कीप की सहायता से पृथक्-पृथक् कर सकते हैं।

इसके लिए मिश्रण को एक पृथक्कारी कीप में डालते हैं ( चित्र – 3)। कुछ देर तक मिश्रण को स्थिर छोड़ देते हैं जिससे जल तथा तेल की पृथक्-पृथक् परतें तैयार हो जाती हैं। अब पृथक्कारी कीप की स्टॉप कॉर्क को खोलकर सावधानीपूर्वक नीचे वाली जल-परत को निकाल लेते हैं। जल की पूरी परत निकलने पर स्टॉप-कॉर्क बन्द कर देते हैं तथा पुन: किसी अन्य पात्र में तेल- परत को भी निकाल लेते हैं।
प्रश्न 16. पृथक्कारी कीप के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर : (i) तेल तथा जल के अघुलनशील मिश्रण को पृथक् करने में।
(ii) धातु शोधन के दौरान लोहे को पृथक् करने में (इस विधि के द्वारा हल्के स्लैग को ऊपर से हटा लिया जाता है तथा भट्टी की निचली सतह पर पिघला हुआ लोहा शेष रह जाता है ) ।
प्रश्न 17. क्रोमैटोग्राफी के तीन अनुप्रयोग बताइए।
उत्तर : (i) डाई के रंगों को पृथक् करने में।
(ii) प्राकृतिक रंगों से पिगमेण्ट को पृथक् करने में ।
(iii) रक्त से नशीले पदार्थों को पृथक् करने में।
• अति लघु ‘उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. समांगी मिश्रण की परिभाषा देते हुए एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर : वह मिश्रण जिसका संघटन एकसमान होता है, समांगी मिश्रण कहलाता है; जैसे- कॉपर सल्फेट जल में घुलकर समांगी मिश्रण बनाता है।
प्रश्न 2. कोलॉइडी विलयन क्या है?
उत्तर : वह विलयन जिसमें कणों का आकार 10–9 m से 10–6 m के मध्य हो, कोलॉइडी विलयन कहलाता है; जैसे— स्टार्च विलयन, दूध, रक्त, कोहरा आदि।
प्रश्न 3. विलयन क्या है?
उत्तर : यह दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण होता है।
प्रश्न 4. मिश्र धातुएँ क्या होती हैं?
उत्तर : मिश्र धातुएँ, धातुओं का समांगी मिश्रण होती हैं तथा इन्हें किसी भी भौतिक विधि द्वारा पृथक् नहीं किया जा सकता। ये अपने अवयवी धातुओं के गुण प्रदर्शित करते हैं। उदाहरणार्थ- पीतल, कॉपर तथा जिंक की एक मिश्र धातु है।
प्रश्न 5. विलेय को परिभाषित कीजिए।
उत्तर : किसी विलयन का वह अवयव जो कम मात्रा में उपस्थित रहता है, विलेय कहलाता है; जैसे- लवण के विलयन में लवण विलेय है।
प्रश्न 6. एक कोलॉइडी विलयन में कणों का आकार क्या होता है?
उत्तर : 10–9 m से 10–6 m के बीच |
प्रश्न 7. निलम्बन क्या है?
उत्तर : निलम्बन एक विषमांगी मिश्रण है जिसमें विलेय पदार्थ के घुलते नहीं हैं, अपितु माध्यम की समष्टि में निलम्बित रहते हैं। इन्हें देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए – चॉक-जल मिश्रण, मटमैला जल आदि ।
प्रश्न 8. ठोस में ठोस विलयन क्या है?
उत्तर : मिश्र धातुएँ ठोस में ठोस विलयन कहलाती हैं। जैसे— पीतल में 70% कॉपर तथा 30% जिंक होता है। यहाँ Cu विलायक तथा Zn विलेय है।
प्रश्न 9. परिक्षेपण माध्यम क्या है?
उत्तर : वह माध्यम जिसमें कोलॉइडी कण परिक्षिप्त रहते हैं, परिक्षेपण माध्यम कहलाता है; जैसे- दूध में जल परिक्षेपण माध्यम है।
प्रश्न 10. विलयन की सान्द्रता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : विलयन के प्रति लीटर आयतन में घुली विलेय की मात्रा, विलयन की सान्द्रता कहलाती है।
प्रश्न 11. संतृप्त विलयन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : किसी विलयन में एक निश्चित ताप पर, जब विलेय की और अधिक मात्रा को नहीं घोला जा सकता, तब यह विलयन ‘संतृप्त विलयन’ कहलाता है।
प्रश्न 12. असंतृप्त विलयन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : जब विलयन की दी गई मात्रा में और अधिक विलेय को घोला जा सकता हो तो यह ‘असंतृप्त विलयन’ कहलाता है।
प्रश्न 13. अपकेन्द्रन विधि में क्या होता है?
उत्तर : अपकेन्द्रन विधि में जब किसी मिश्रण को अत्यन्त तीव्र गति से घुमाया जाता है तो भारी कण पात्र की तली में बैठ जाते हैं तथा हल्के कण ऊपर ही रह जाते हैं जिन्हें पृथक् करना सरल हो जाता है।
प्रश्न 14. ऊर्ध्वपातन क्या है?
उत्तर : कुछ ठोस पदार्थ गर्म करने पर बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए, सीधे गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं, यह प्रक्रिया ऊर्ध्वपातन कहलाती है।
प्रश्न 15. किसी विलायक में उपस्थित ठोस ( अविलेय) को पृथक् करने की विधि बताइए।
उत्तर : फिल्टरीकरण (छानन) विधि |
प्रश्न 16. रासायनिक परिवर्तन क्या होते हैं?
उत्तर : वे परिवर्तन जिनमें एक या अधिक पदार्थ किसी अन्य पदार्थ में परिवर्तित हो जाते हैं, रासायनिक परिवर्तन कहलाते हैं; जैसे— लोहे पर जंग लगना ।
प्रश्न 17. धातु क्या हैं?
उत्तर : वे तत्व जो रासायनिक अभिक्रियाओं में अपने परमाणुओं से एक अथवा अधिक इलेक्ट्रॉन त्यागते हैं, धातु कहलाते हैं; जैसे- सोना, चाँदी, लोहा आदि।
• एक शब्द या एक वाक्य वाले प्रश्न
प्रश्न 1. वर्तमान में कितने तत्व ज्ञात हैं?
उत्तर : वर्तमान में 112 तत्व ज्ञात हैं। इनमें से 92 तत्व प्राकृतिक तथा 20 तत्व कृत्रिम हैं।
प्रश्न 2. कौन-सी धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहती है ?
उत्तर : पारा नामक धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहती है।
प्रश्न 3. कौन-सी अधातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहती है?
उत्तर : ब्रोमीन नामक अधातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहती है।
प्रश्न 4. मिश्रण तथा विलयन में क्या अन्तर है?
उत्तर : मिश्रण विषमांग होते हैं, जबकि विलयन समांग होते हैं।
प्रश्न 5. यदि चीनी तथा नमक को साथ मिलाकर पीस दिया जाए तो द्रव्य समांग बनेगा अथवा विषमांग?
उत्तर : विषमांग द्रव्य बनेगा।
प्रश्न 6. किसी एक ठोस विलयन का नाम लिखिए।
उत्तर : पीतल (कॉपर तथा जिंक का समांग मिश्रण) ठोस विलयन है।
प्रश्न 7. जिस पदार्थ के अणु में एक ही प्रकार के परमाणु उपस्थित होते हैं; उसे क्या कहते हैं?
उत्तर : जिस पदार्थ के अणु में एक ही प्रकार के परमाणु उपस्थित होते हैं; उसे तत्व कहते हैं।
प्रश्न 8. उपधातु किन्हें कहते हैं? दो उपधातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर : “ऐसे तत्व जिनमें धातु तथा अधातु दोनों के गुण विद्यमान होते हैं, उपधातु कहलाते हैं।” जैसे – आर्सेनिक (As) तथा एण्टिमनी (Sb) आदि ।
प्रश्न 9. किसी द्रव में ठोस के विलयन से ठोस प्राप्त करने की विधि बताइए।
उत्तर : वाष्पीकरण।
प्रश्न 10. किसी द्रव में ठोस के विलयन से शुद्ध ठोस प्राप्त करने की विधि का नाम लिखिए।
उत्तर : क्रिस्टलीकरण ।
प्रश्न 11. 30-50 K से अधिक क्वथनांक में अन्तर वाले मिश्रणीय द्रवों को पृथक् करने की विधि का नाम बताइए।
उत्तर : साधारण आसवन।
प्रश्न 12. 10-20 K से कम क्वथनांक में अन्तर वाले मिश्रणीय द्रवों को पृथक् करने की विधि का नाम बताइए।
उत्तर : प्रभाजी आसवन ।
प्रश्न 13. एक ऊर्ध्वपातज का नाम लिखिए।
उत्तर : अमोनियम क्लोराइड (NH4Cl)।
प्रश्न 14. निलम्बन क्या है?
उत्तर : द्रवीय माध्यम में निलम्बित ठोस कणों वाला एक अस्थिर विषमांगी मिश्रण; निलम्बन कहलाता है।
प्रश्न 15. निलम्बन के दो उदाहरण बताइए ।
उत्तर : मटमैला जल तथा जल में निलम्बित रेत-कण ।
प्रश्न 16. सॉल का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर : मिल्क ऑफ मैग्नीशिया ।
प्रश्न 17. जैल के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर : दही तथा मक्खन ।