अनुकरणीय शिक्षण / भूमिका निर्वहन का अर्थ एवं परिभषा देते हुए इसके लाभ एवं सीमाएँ लिखिए । By giving the meaning and definition of role playing explain its advantages ans limitations.
प्रश्न – अनुकरणीय शिक्षण / भूमिका निर्वहन का अर्थ एवं परिभषा देते हुए इसके लाभ एवं सीमाएँ लिखिए । By giving the meaning and definition of role playing explain its advantages ans limitations.
उत्तर – अनुकरणीय शिक्षण / भूमिका निर्वहन (Role Playing )
भूमिका निर्वहन या पात्र अभिनय एक अभिनयात्मक विधि है। इसका सम्बन्ध सामाजिक तथा ज्ञानात्मक कौशल विकसित करने से है। किसी नाटक या फिल्म आदि में किसी व्यक्ति द्वारा किसी पात्र का अभिनय करना भूमिका निर्वाह है। इस आव्यूह रचना द्वारा छात्रों की रुचि, अभिरुचि तथा अभिवृति में परिवर्तन लाया जाना सम्भव होता हैं। शिक्षक प्रशिक्षण में प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के समय यह विधि अधिक उपयोगी होती है। विभिन्न कक्षा के पात्रों के माध्यम से, विद्यार्थीगण अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति स्वाभाविक रूप से करते हैं। इस आव्यूह रचना के द्वारा सामाजिक कौशलों का प्रशिक्षण सरलतापूर्वक दिया जा सकता है। शिक्षक–प्रशिक्षण में वास्तविक प्रशिक्षण दिए जाने से पूर्व तथा सूक्ष्म शिक्षण कराए जाने के बाद भूमिका निर्वाह या अनुकरणीय शिक्षण कराया जाता है। इसमें कक्षा को छोटे-छोटे समूहों में विभाजित कर दिया जाता है और समूह में से एक छात्र शिक्षक की भूमिका का निर्वाह करता है तथा अन्य छात्र जूनियर कक्षा के छात्रों की भूमिका का निर्वाहन करते हैं और जूनियर कक्षा के छात्रों की भावनाओं तथा अनुभवों को स्वाभाविक रूप से व्यक्त करते हैं। इस विधि के द्वारा छात्रों में अन्तर्निहित शिक्षक के गुणों का विकास किया जाता है।
ट्रेन्सी तथा अनविन के अनुसार, “अनुरूपण (भूमिका निर्वहन) ऐसी कल्पना पर आधारित होता है जहाँ सत्यता से परिपूर्ण कृत्रिम घटना के आधार पर वास्तविक घटना का कुशलतम प्रतिनिधितव होता है ।
विंग के अनुसार, “अनुकरणीय स्थितियों का निर्माण उस समय किया जाता है जब छात्राध्यापकों को विशिष्ट अनुकरणीय सामग्रियों का सामना कर वांछित अनुक्रियाएँ करनी पड़ती है।
भूमिका निर्वाह के लाभ (Advantages of Role Playing)
- यह सीखने की मनोरंजनात्मक आव्यूह रचना है।
- इसमें छात्र सक्रिय रहकर सीखता है ।
- इसमें छात्र में सामाजिक व मानवीय गुणों का विकास होता है।
- छात्रों को अपने मन की भावनाओं और संवेगों को व्यक्त करने में सहायता मिलती है ।
- इसके द्वारा शिक्षक की भूमिका की समीक्षा की जाती है तथा उसमें सुधार किया जाता है।
- इसमें छात्र खेल के माध्यम से अधिगम करते हैं।
- इसमें वास्तविक कार्य की नकल के द्वारा अधिगम किया जाता है।
भूमिका निर्वाह की सीमाएँ (Limitations of Role Playing)
- छोटी कक्षाओं के छात्रों के लिए यह अधिक उपयोगी नही होती है।
- इसमें कृत्रिम वातावरण में कार्य किया जाता है जिसे वास्तविक रूप देना सम्भव नहीं है ।
- इसके द्वारा विशिष्ट शिक्षण कौशलों का विकास सम्भव नहीं हो पाता है।
- अनुभव की नकल को वास्तविक नहीं बनाया जा सकता है।