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प्रथम विश्वयुद्ध की प्रमुख घटनाएँ

प्रथम विश्वयुद्ध की प्रमुख घटनाएँ

प्रथम विश्वयुद्ध की प्रमुख घटनाएँ

युद्ध का आरंभिक चरण- 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया द्वारा सर्बिया के विरुद्ध युद्ध की घोषणा होते ही युद्ध का बिगुल बज
गया। रूस ने सर्बिया के समर्थन में और जर्मनी ने ऑस्ट्रिया के समर्थन में सैनिक कार्रवाई आरंभ कर दी। रूस के समर्थन में
इंगलैंड और फ्रांस आ गए। जापान ने भी जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। जर्मन सेना बेल्जियम को रौंदते हुए फ्रांस की राजधानी पेरिस के निकट पहुँच गई। इसी समय जर्मनी और ऑस्ट्रिया पर रूसी आक्रमण हुआ। इससे जर्मनी ने अपनी सेना की एक टुकड़ी पूर्वी मोर्चे पर रूस के प्रसार को रोकने के लिए भेज दिया। इससे फ्रांस सुरक्षित हो गया और पेरिस नगरी बच गई। जिस समय ये घटनाएं हो रही थीं उसी समय पश्चिम एशिया, अफ्रीका तथा सुदूरपूर्व में भी युद्ध आरंभ हो गया। पूर्वी
मोर्चे पर रूसी आक्रमण को नाकाम कर जर्मनी-ऑस्ट्रिया ने रूसी साम्राज्य के कुछ क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया। पश्चिम एशिया में फिलस्तीन, मेसोपोटामिया और अरब राष्ट्रों में तुर्की और जर्मनी के विरुद्ध अभियान हुए। सुदूरपूर्व में जापान ने जर्मनी
अधिकृत क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया। इंगलैंड तथा फ्रांस ने अफ्रीका के अधिकांश जर्मन उपनिवेशों पर अधिकार कर लिया।
संयुक्त राज्य अमेरिका का युद्ध में सम्मिलित होना-1917 तक संयुक्त राज्य अमेरिका, मित्र राष्ट्रों से सहानुभूति रखते हुए
भी, युद्ध में तटस्थ रहा। 1915 में जर्मनी ने एक ब्रिटिश जहाज ‘लूसीतानिया’ को डूबो दिया जिसमें अमेरिकी यात्री भी सवार थे।
इस घटना के बाद अमेरिका शांत नहीं रह सका। उसने 6 अप्रैल 1917 को जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। अमेरिका द्वारा युद्ध में शामिल होने से युद्ध का पासा पलट गया।
सोवियत संघ का युद्ध से अलग होना-1917 में जहाँ अमेरिका युद्ध में शामिल हुआ वहीं सोवियत संघ युद्ध से अलग हो गया। 1917 की बोल्शेविक क्रांति के बाद लेनिन के नेतृत्ववाली सरकार ने युद्ध से अलग होने का निर्णय लिया। सोवियत संघ ने जर्मनी से संधि कर ली और युद्ध से अलग हो गया।
युद्ध का निर्णायक चरण-अप्रैल 1917 में अमेरिका प्रथम विश्वयुद्ध में सम्मिलित हुआ। इसके साथ ही घटनाचक्र तेजी से
चला। केंद्रीय शक्तियों की पराजय और मित्र राष्ट्रों की विजय की श्रृंखला आरंभ हुई। बाध्य होकर अक्टूबर-नवंबर 1918 में
क्रमशः तुर्की और ऑस्ट्रिया ने आत्मसमर्पण कर दिया। जर्मनी अकेला पड़ गया। युद्ध में पराजय और आर्थिक संकट से जर्मनी
में विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस स्थिति में जर्मन सम्राट कैजर विलियम द्वितीय को गद्दी त्यागनी पड़ी। वह भागकर हॉलैंड चला गया। जर्मनी में वेमर गणतंत्र (Weimar Republic) की स्थापना हुई। नई सरकार ने 11 नवंबर 1918 को युद्धविराम के घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया। इसके साथ ही प्रलयंकारी प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त हुआ।

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