Hindi 7

UP Board Class 7 Hindi | वीरों का कैसा हो वसंत (मंजरी)

UP Board Class 7 Hindi | वीरों का कैसा हो वसंत (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 3 वीरों का कैसा हो वसंत (मंजरी)

समस्त पद्यांश की व्याख्या

आ रही …………………………..कैसा हो वसंत?
संदर्भ एवं प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी-7′ में संकलित कविता “वीरों का कैसा हो वसंत’ कविता से ली गई है जिसकी कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान है। इस कविता में कवयित्री ने प्रश्न किया है कि वीरों का वसंत कैसा हो?
व्याख्या:
हिमाचल पुकार रहा है, उदधि बार-बार गरज रहा है। पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण समेत दसों दिशाएँ यही प्रश्न कर रही है कि वीरों का वसंत कैसा होना चाहिए।

 

फूली सरसों ने ……………………. कैसा हो वसंत?
संदर्भ एवं प्रसंग:पूर्ववत्।

व्याख्या:
फूली सरसों अर्थात लहलहाते फसलों ने वीरों के जीवन में रंग भरते हैं। आसमान मानो पुष्परस लेकर आया हो। बसंत के रंगों से दुलहन बनी धरती का अंग-अंग पुलकित यानी प्रसन्न हो रहा है। परंतु उसका कत यानी पति/प्रिय वीर की वेशभूषा में है यानी वह युद्ध के लिए तैयार खड़ा है और फिर यही प्रश्न खड़ा हो जाता है कि वीरों का वसंत कैसा हो।

भर रही कोकिला …………………………………कैसा हो वसंत?
संदर्भ एवं प्रसंग: पूर्ववत्।
व्याख्या:
कवयित्री कहती है कि वीरों के जीवन में बसंत तभी आएगा जब वे शांति से अपने अपनों के साथ खुशियाँ मना पाएँगे अन्यथा उनका वसंत तो युद्ध की तैयारी में ही बीत जाता है। वसंत में कोयल कूकती हैं तो युद्ध के मैदान में बाजे-गाजे, नगाड़े बजते हैं। वीरों के लिए रंग और रण का विधान कुछ इसी तरह का है। वीर जब युद्ध के मैदान में उतरते हैं तो अपना आदि-अंत यानी जीवन-मृत्यु दोनों को ही हथेली पर रखकर चलते हैं। जीत मिलेगी तो जीवन मिलेगा और पराजय मिली तो मृत्यु। कवयित्री पुनः प्रश्न करती है कि युद्ध पर जाने वाले वीरों को वसंत कैसा हो।

 

गलबाँहें हों, या ………….कैसा हो वसंत?
संदर्भ एवं प्रसंग:
पूर्ववत्।

व्याख्या:
कवयित्री एक तरफ वीरों को अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित देखती हैं तो दूसरी उनके गले में उनकी प्रिया के बाँहों के हार देखती हैं। वे दोनों को एक साथ रखकर पूछती हैं कि युद्ध पर जाने वाले वीर कृपाण चुनें या प्रिया की बाँहों के हार, वे धनुष-बाण सँभालें या प्रिया के नैनों के बाण, वे विलासमय जीवन जो प्रेम और सुख से परिपूर्ण हो, उसका चुनाव करें या दबे-कुचले लोगों की मुक्ति
के लिए युद्ध का रास्ता अपनाएँ। सबसे प्रबल और गंभीर समस्या तो यही है कि इन सब दुख-सुख के बीच इनका वसंत कैसा हो।

कह दे अतीत ……………….कैसा हो वसंत?
संदर्भ एवं प्रसंग: पूर्ववत्।

व्याख्या:
कवयित्री चाहती है कि देशवासियों को युद्ध की सच्चाई ज्ञात हो जाए, अतः अतीत को अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए कहती है। युद्ध क्यों होते हैं? उससे किसी का कभी भला नहीं होता, जीतने वाला, हारने वाला दोनों ही खाली हाथ रह जाते हैं। लंका में आग क्यों लगी थी? इस प्रश्न पर विचार करना चाहिए। कुरूक्षेत्र को जागने के लिए कहा जा रहा है ताकि क्ह अपने अनंत अनुभवों को बताकर दुनिया को युद्ध के संकट से बचा सके।

हल्दीघाटी का शिला ……………….कैसा हो वसंत?
संदर्भ एवं प्रसंग: पूर्ववत्।

 

व्याख्या:
कवयित्री चाहती हैं कि युद्ध और वीरता की मिसाल बने हल्दीघाटी और सिंहगढ़ के किले जैसे स्थलों से आह्वान किया जाए और देश के गौरव महाराणा प्रताप, नाना साहब आदि वीरों की. ज्वलंत स्मृतियों को फिर से जगा दिया जाए ताकि देश के नौजवानों में अपने देश पर कुर्बान होने का नया जोश पैदा हो। आखिर वीरों की वसंत कैसा हो? क्या युद्ध भूमि में शहीद हो जाना ही उनका वसंत है? नहीं, इसलिए कवयित्री अतीत में घटित युद्ध के कड़वे सच को बताते हुए वर्तमान में नरसंहार को रोकना चाहती है।

वीरों का कैसा हो ……………….कैसा हो वसंत?

संदर्भ एवं प्रसंग: पूर्ववत्।
व्याख्या:
कवयित्री दुख प्रकट करते हुए कहती हैं कि आज भूषण और चंद जैसे कवि नहीं रहे। जो छंदों में जान डाल सके। आज कवियों की कलम स्वच्छंद नहीं है बल्कि अंग्रेज शासकों की गुलाम है, इसलिए खुलकर अपने विचार अभिव्यक्त नहीं कर पाती फिर हमें कौन आकर बताएगा कि वीरों का वसंत कैसा हो?

 

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1:
अपने आस-पास किसी सैनिक से मिलकर उनके कार्य क्षेत्र के बारे में जानकारी , प्राप्त कर, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
1857 की क्रान्ति के मुख्य केन्द्र दिल्ली, मेरठ, झाँसी, कानपुर, और लखनऊ आदि थे। इन स्थलों पर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वालों के नामों की सूची बनाइए।
उत्तर:
1857 की क्रांति के मुख्य केंद्र स्थलों पर नेतृत्व करने वाले लोग।

दिल्ली                              –             बहादुरशाह जफर, बख्तखाँ
मेरठ                                –             धनसिंह गुर्जर
कानपुर                            –             नाना साहब, तात्या टोपे
लखनऊ                           –             बेगम हजरत
महल झाँसी                      –             रानी लक्ष्मीबाई ।
इलाहाबाद                       –              लियाकत अली
बिहार (जगदीशपुर)        –              कुँवर सिंह
बरेली                              –              खान बहादुर खाँ
फैजाबाद                         –              मौलवी अहमद उल्ला
फतेहपुर                          –              अजीमुल्ला

 

प्रश्न 3:
इस कविता को कई गायकों ने अपना स्वर दिया है। अपने शिक्षक अथवा बड़ों के मोबाइल फोन पर इस कविता को सुनकर लयबद्धता के साथ याद कीजिए तथा विद्यालय के किसी कार्यक्रम में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना

प्रश्न 1:
एक वीर सैनिक सारी सुख-सुविधा का त्यागकर देश की रक्षा में सन्नद्ध रहता है। दुर्गम बर्फ से घिरी पहाड़ी पर स्थित किसी सैनिक को किन कठिनाइयाँ का सामना करना पड़ता होगा? सोचकर लिखिए।
उत्तर:
देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता। बर्फ से घिरी दुर्गम पहाड़ियों पर दिन-रात उन्हें खराब मौसम की मार झेलनी पड़ती है। हमेशा शत्रुओं से चौकस रहना पड़ता है। शून्य डिग्री से नीचे के तापमान में भी वे बिना थके, बिना रुके प्रहरी का कार्य तल्लीनतापूर्वक करते हैं। सर्दियों में हड्डियों को जमा देने वाली ठंड की रात में भी वे बंदूक लेकर सीमा पर तैनात रहते हैं ताकि देशवासी चैन की नींद सो सकें।

 

प्रश्न 2:
सेना के तीन अंग हैं- थल सेना, वायु सेना, जल सेना। सैनिक के रूप में सेना के किस अंग में आप भाग लेना चाहेंगे और क्यों ?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

कविता से:

प्रश्न 1:
‘वीरों का कैसा हो वसंत ?’ कविता में कौन-कौन पूछ रहा है?
उत्तर:
हिमालय, सागर, धरती, आसमान, पूरब, पश्चिम-दसों  दिशाएँ पूछ रही हैं कि- वीरों को कैसा हो वसंत?

प्रश्न 2:
वीरों के लिए वसंत के रंग और रण का क्या स्वरूप है?
उत्तर:
वीरों के लिए वसंत के रंग और रण का स्वरूप यह है कि वीर वसंत ऋतू के रंगोत्सव से। परे वसंती चोला पहनकर देश की रक्षा व स्वतंत्रता हेतु रण के लिए रणभूमि की ओर निकल पड़े हैं। उनका चोला वसंती रंग का है जो वीरता और बलिदान का प्रतीक है।

 

प्रश्न 3:
निम्नलिखित पंक्तियों के आशय स्पष्ट कीजिए
(क) सब पूछ रहे हैं दिग्-दिगन्त,
वीरों का कैसा हो वसंत?
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री कह रही हैं कि वीरों का वसंत कैसा होना चाहिए। वे वीर जो सर्वस्व त्याग कर देश की रक्षा हेतु तन-मन बलिदान करने चल पड़ा है, उसके लिए वसंत कैसा हो।

(ख) है रंग और रण का विधान,
मिलने आये हैं आदि-अन्त,
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों से कवयित्री का आशय है कि वीरों के लिए रंग और रण का विधान ऐसा । है कि वीर वसंती चोला पहनकर अपने देश की रक्षा के मैदान में जब उतरते हैं तो वे अपनी जीवन-मृत्यु को अपने हाथ में लेकर चलते हैं।

 

(ग) बिजली भर दे वह छन्द नहीं,
है कलम बंधी स्वच्छन्द नहीं,
उत्तर:
इन पंक्तियों में कवयित्री दुख व्यक्त करते हुए कहती हैं कि अब वीरों को जोश दिलाने वाले छंदों की कमी पड़ गई है। क्योंकि दुष्ट अंग्रेज शासकों ने कवियों की लेखनी पर प्रतिबंध लगा दिया है। उनकी कलम से स्वच्छंदता छीन ली गई है।

प्रश्न 4:
कविता में कवि अतीत से मौन त्यागने के लिए क्यों कह रहे हैं ?
उत्तर:
कवयित्री अतीत से मौन त्यागने को इसलिए कह रही है क्योंकि अतीत में जितने भी युद्ध हुए हैं उनके परिणाम में किसी-न-किसी का विनाश अवश्य हुआ है। खासकर अधर्म और अन्याय की राह पर चलने वालों का अंत ही हुआ है। अतीत इस बात का साक्षी रहा है। सीता का अपहरण करने वाले रावण की लंका का जलना हो या पांडवों द्वारा कौरवों का सर्वनाश। यहाँ कवयित्री द्वारा अतीत से मौन त्यागने की बात करने का तात्पर्य यह है कि वे वर्तमान पीढ़ी को अतीत से सीख लेने को प्रेरित कर रही हैं और लोगों को युद्ध की विभीषिका से बचाना चाहती हैं।

 

भाषा की बात

प्रश्न 1:
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए
भू, नभ, पुष्प, मधु, बिजली
उत्तर:
भू             –         धरी, पृथ्वी, वसुधा, अवनि, भूमि
नभ          –         आकाश, गगन, व्योम, अंबर, अभ्र
पुष्य         –          फूल, कुसुम, सुमन, प्रसून, गुल
मधु          –          शहद, मकरंद, पुष्परस, माक्षिक
बिजली    –          विद्युत, दामिनी, चंचला, चपला

प्रश्न 2. निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रह करें
शिलाखण्ड, सिंहगढ़, हिमाचल, गलबाँहें, धनुषबाण
उत्तर:
शिलाखण्ड        –           शिला का खण्ड
सिंहगढ़             –           सिंह को गढ़।
हिमाचल            –          हिम का आँचल
गलबाहें              –          गले में बाँहें ।
धनुषबाण            –        धनुष और बाण

 

प्रश्न 3:
दिये गये मुहावरों के अर्थ लिखकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिएदाँत खट्टे करना, ईट से ईंट बजाना, छक्के छुडाना, अंगारों पर चलना, खेत रह जाना ।
उत्तर:
दाँत खट्टे करना (पराजित करना): रानी लक्ष्मीबाई ने प्रारंभिक युद्ध में अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए थे।
ईंट से ईंट बजाना (विनाश करना): हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजा दी।
छक्के छुड़ाना (करारा जबाब देना): कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे।
अंगारों पर चलना (जोखिम से भरे काम करना): देश की आजादी के लिए क्रांतिकारी अंगारों पर चलते थे बेहिचक।
खेत रह जाना (रणभूमि में मारा जाना): चीन की लड़ाई में हमारे सैकड़ों जवान खेत रहे।

TENSE IN ENGLISH

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *