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Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 34 युधिष्ठिर की चिंता और कामना

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 34 युधिष्ठिर की चिंता और कामना

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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 34 युधिष्ठिर की चिंता और कामना

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 34

प्रश्न 1.
धृष्टद्युम्न ने द्रोण को युद्ध में क्यों उलझाए रखा ?
उत्तर:
धृष्टद्युम्न का मानना था कि यदि जयद्रथ की रक्षा हेतु द्रोण भी चले गए तो अनर्थ हो जाएगा। द्रोणाचार्य को रोके रखने के इरादे से धृष्टद्युम्न ने द्रोण पर आक्रमण जारी रखा। धृष्टद्युम्न की इस चाल के कारण कौरव सेना तीन हिस्सों में बँटकर कमजोर पड़ गई।

प्रश्न 2.
पांचाल सेना के रथ सवार धृष्टद्युम्न को युद्ध भूमि से क्यों हटा ले गए ?
उत्तर:
द्रोण के साथ युद्ध में धृष्टद्युम्न पर द्रोण ने भारी प्रहार किये। सात्यकि ने बीच में आकर धृष्टद्युम्न पर हमले को विफल कर दिया। द्रोण के हमले से बचाने के लिए रथ सवार उसे मैदान से हटा ले गए।

प्रश्न 3.
युधिष्ठिर ने धृष्टद्युम्न को क्या आदेश दिया ?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने धृष्टधुम्न से कहा कि तुम्हें अभी जाकर द्रोणाचार्य पर आक्रमण करना चाहिए नहीं तो डर है कि कहीं आचार्य के हाथों सात्यकि का वध न हो जाए।

प्रश्न 4.
श्रीकृष्ण के पाञ्चजन्य शंख की ध्वनि से युधिष्ठिर विचलित क्यों हो गए ? उन्होंने क्या किया ?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने जब कृष्ण के पाञ्चजन्य की ध्वनि सुनी तो उन्होंने सोचा कि अर्जुन संकट में है। उन्होंने सात्यकि से अर्जुन की सहायता के लिए जाने को कहा। सात्यकि के चले जाने पर द्रोणाचार्य ने पांडव सेना पर जोरदार आक्रमण कर दिया।

प्रश्न 5.
जब युधिष्ठिर ने भीम को अर्जुन की सहायता के लिए भेजा तो धृष्टद्युम्न ने क्या कहकर भीम को आश्वस्त दिया ?
उत्तर:
भीम ने धृष्टद्युम्न से कहा कि मैं युधिष्ठिर को तुम्हारे भरोसे छोड़कर जा रहा हूँ। धृष्टद्युम्न ने भीम से कहा कि तुम विश्वास रखो, द्रोण मेरा वध किए बगैर युधिष्ठिर को नहीं पकड़ पाएगा।

प्रश्न 6.
अर्जुन को सुरक्षित देखकर भीम ने सिंहनाद क्यों किया ?
उत्तर:
भीम ने सिंहनाद इसलिए किया ताकि युधिष्ठिर समझ जाएँ कि अर्जुन सुरक्षित है।

प्रश्न 7.
कर्ण और भीम के युद्ध का वर्णन करो ?
उत्तर:
कर्ण और भीम में भयंकर युद्ध होने लगा। भीमसेन उत्तेजना और उग्रता की प्रतिमूर्ति सा दिखाई दे रहा था। कर्ण जो कुछ करता था धीरज के साथ करता था। कर्ण और भीम के युद्ध में भीमसेन के रथ के घोड़े मारे गए। उसका धनुष भी कट गया। कर्ण ने भीम की ढाल को भी काट दिया। भीम कर्ण के रथ पर चढ़ गया। कर्ण ने अपने को भीमसेन की झपट से बचा लिया। भीम नीचे जमीन पर कूदकर विलक्षण युद्ध करने लगा।

प्रश्न 8.
भीम पूरी तरह कर्ण की गिरफ्त में था फिर भी कर्ण ने भीम का वध क्यों नहीं किया ?
उत्तर:
कर्ण चाहता तो भीम को मार सकता था परंतु वह निहत्थे भीम को मारना नहीं चाहता था। कर्ण को माता कुंती को दिया वचन याद था कि वह अर्जुन के अतिरिक्त किसी पांडव को युद्ध में नहीं मारेगा।

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 34

दुर्योधन को अर्जुन का पीछा करते देख पांडव सेना ने शत्रुओं पर जोरदार आक्रमण किया। धृष्टद्युम्न ने द्रोणाचार्य को रोके रखने के लिए उन पर लगातार आक्रमण जारी रखा। धृष्टद्युम्न ने द्रोणाचार्य के रथ पर चढ़कर द्रोण पर पागलों की भाँति वार किया। क्रोध में आकर द्रोण ने पैना बाण चलाया। सात्यकि ने उस बाण को बीच में ही काट दिया अन्यथा वह धृष्टद्युम्न के प्राण ही ले लेता। इसी बीच पांचाल सेना के रथ सवार धृष्टद्युम्न को वहाँ से हटा ले गए। सात्यकि द्रोण से युद्ध करता रहा तभी युधिष्ठिर ने अपने आस-पास के वीरों को सात्यकि की सहायता के लिए भेजा। युधिष्ठिर ने द्रोण पर हमला करने के लिए धृष्टद्युम्न को एक बड़ी सेना के साथ भेजा। इसी समय श्रीकृष्ण के पाञ्चजन्य शंख की ध्वनि सुनाई पड़ी। युधिष्ठिर चिंतित हो गए कि अर्जुन संकट में है। युधिष्ठिर ने सभी को अर्जुन की सहायता के लिए कहा। सात्यकि ने कहा कि आपकी रक्षा का भार हमारे ऊपर है। सात्यकि के जाते ही द्रोणाचार्य ने पांडव सेना पर हमला तेज कर दिया। युधिष्ठिर ने भीम को भी अर्जुन की सहायता के लिए भेज दिया। भीग उस स्थान पर पहुंच गया जहाँ अर्जुन और जयद्रथ का युद्ध चल रहा था। भीम ने सिंहनाद किया। जिसे सुनकर युधिष्ठिर आश्वस्त हो गए कि अर्जुन सुरक्षित है। थोड़े ही समय में दुर्योधन भी वहाँ आ गया और बुरी तरह हारकर मैदान छोड़कर भाग गया। द्रोण के कहने पर दुर्योधन फिर उसी स्थान पर आ गया जहाँ अर्जुन और जयद्रथ का युद्ध हो रहा था। भीम और कर्ण में रोमांचकारी युद्ध हुआ। कर्ण ने भीम को शस्त्र हीन कर दिया। भीम कूद कर कर्ण के रथ पर जा चढ़ा। कर्ण भीम को आसानी से मार सकता था परंतु उसको कुंती को दिया वचन याद था कि वह अर्जुन के अतिरिक्त किसी पांडव को नहीं मारेगा।

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