PBN 9th English

PSEB Solutions for Class 9 English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

PSEB Solutions for Class 9 English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

A Letter to God Summary in English

A Letter to God Introduction:

Lencho was, a poor farmer. He was very hard-working. Once there was a hailstorm. It destroyed his crops completely. Lencho had great faith in God. He wrote a letter to God. He asked God to send him money. The postmaster saw this letter. He decided to help Lencho. He collected some money. He put it inside an envelope. Lencho came to the post office to check his mail. The post office people gave him the envelope. Lencho opened the envelope. He took out the money and counted it. He found that it was less than he had asked for. He wrote another letter to God. He asked God to send him the rest of the money. But he wanted Him not to send the money through the mail. He said that the post office people were a bunch of crooks.

A Letter to God Summary in English

Lencho was a poor farmer. He was very hard-working. He was expecting a good harvest after the rains. Lencho waited expectantly for the rains. The rain did come but it came with hailstorm and destroyed his crop completely. Lencho’s soul was filled with sadness. He had firm faith in God. He believed that God would not let him starve. He, therefore, wrote a letter to God, asking Him to send one hundred pesos. (Peso is a unit of money in many Latin American countries and the Philippines.) Lencho then went to the post-office. He fixed a stamp on the letter and put it in the mail-box.

One of the postmen laughed to find in the mail a letter addressed to God. He showed it to the postmaster. The postmaster also laughed on seeing the letter. But immediately he became serious. He admired the faith of the man and decided to help him. He asked for contribution from his employees. He himself also gave a part of his salary. Though he could not collect one hundred pesos, yet he was able to send the farmer a little more than half of it. The postmaster put the money inside an envelope and addressed it to Lencho. He also put into the envelope a letter. But his letter had only one single word written on it. The word was in the form of a signature — God.

The next Sunday Lencho went to the post-office to ask if there was any letter for him. The postman took out a letter and handed it over to Lencho. Lencho was not surprised on seeing the money in the envelope. He was rather angry when he counted the money. There were only seventy pesos in the envelope. Lencho was sure God could not have made a mistake. So he wrote another letter to God asking him to send him the rest of the money. He also wrote to God not to send the money through the mail because he thought that the post-office employees were a bunch of crooks.

A Letter to God Summary in Hindi

A Letter to God Introduction:

लैंको एक ग़रीब किसान था। वह बहत परिश्रम किया करता था। एक बार भारी ओले पड़े। इससे उसकी पूरी फ़सल नष्ट हो गई। लैंको को ईश्वर में बहुत भरोसा था। उसने ईश्वर को एक पत्र लिखा। उसने ईश्वर से कहा कि वह उसे पैसे भेज दे। पोस्टमास्टर ने लैंको का यह पत्र देख लिया। उसने लैंको की सहायता करने का निश्चय किया। उसने कुछ पैसे एकत्रित किए। उसने ये पैसे एक लिफ़ाफ़े में डाल दिए। लैंको अपनी डाक देखने के लिए डाकघर में आया। डाकघर के लोगों ने उसे लिफ़ाफ़ा दे दिया। लैंको ने लिफ़ाफ़ा खोला। उसने पैसे निकाले और इन्हें गिना। उसने देखा कि पैसे उस से कम थे, जितने उसने मांगे थे। उसने ईश्वर को एक अन्य पत्र लिखा। उसने ईश्वर से कहा कि वह उसे बाकी पैसे भेज दे। किन्तु वह ईश्वर से चाहता था कि वह उसे पैसे डाक द्वारा न भेजे। उसने कहा कि डाकघर के लोग धोखेबाज़ों का एक टोला थे।

A Letter to God Summary in Hindi

कहानी का विस्तृत सार लैंको एक निर्धन किसान था। वह बहुत परिश्रम किया करता था। उसे आशा थी कि वर्षा होने के बाद उसकी फ़सल अच्छी होगी। लैंको ने वर्षा की प्रतीक्षा की। वर्षा तो आई किन्तु यह ओलों के साथ आई। लैंको की फ़सल पूरी तरह नष्ट हो गई। उसकी आत्मा उदासी से भर गई किन्तु उसे ईश्वर में विश्वास था। उसे विश्वास था कि ईश्वर उसे भूखा नहीं मरने देगा। इसलिए उसने ईश्वर को एक पत्र लिखा कि वह उसे एक सौ पेसो भेज दे। (पेसो अनेक लेटिन अमरीकी देशों और फिलीपीन्ज़ में मुद्रा की इकाई का नाम है।) पत्र लिखने के बाद लैंको डाकघर को गया। वहां उसने पत्र पर एक टिकट लगाई और इसे डाक-पेटी में डाल दिया।

डाकियों में से एक डाकिया भगवान् को सम्बोधन किए उस पत्र को देखकर हंस दिया। उसने यह पत्र पोस्टमास्टर को दिखाया। पोस्टमास्टर भी पत्र देखकर हंस दिया। परन्तु तुरन्त ही वह गम्भीर हो गया। उसने पत्र लिखने वाले द्वारा भगवान् में व्यक्त विश्वास की सराहना की और उसकी सहायता करने का निश्चय किया। उसने अपने साथी कर्मचारियों से कुछ धन एकत्रित किया। उसने अपने वेतन का भी कुछ भाग दिया। यद्यपि वह एक सौ पेसो एकत्रित न कर सका, वह किसान को आधे से कुछ अधिक पैसे भेजने के योग्य हो गया। पोस्टमास्टर ने यह धन एक लिफ़ाफ़े में डाल दिया जिस पर लैंकों का पता लिखा था। उसने इस लिफाफे के अन्दर एक पत्र भी डाला किन्तु इस पर केवल एक ही शब्द लिखा था। वह शब्द हस्ताक्षर के रूप में था-ईश्वर।

अगले रविवार के दिन लैंको डाकघर में यह पूछने गया कि क्या उसका कोई पत्र आया था। डाकिए ने एक पत्र निकाला और इसे लैंको को दे दिया। लैंको लिफ़ाफ़े में पड़े पैसे देखकर चकित न हुआ क्योंकि उसे विश्वास था कि ईश्वर उसकी सहायता अवश्य करेगा। किन्तु जब उसने पैसों को गिना तो वहां केवल 70 पेसो ही निकले। लैंको क्रोध से भर गया। उसे विश्वास था कि ईश्वर ग़लती नहीं कर सकता था। इसलिए उसने ईश्वर के नाम एक और पत्र लिखा तथा उसे शेष पैसे भेजने के लिए कहा। उसने ईश्वर को यह भी लिखा कि वह डाक द्वारा पैसे न भेजे क्योंकि उसके अनुसार डाकघर के कर्मचारी धोखेबाज़ लोगों का एक टोला था।

A Letter to God Translation in Hindi

(Page 35-36)

कठिन शब्दार्थ-1. entire—पूरी ; 2. crest-चोटी ; 3. dotted—इधर-उधर बिखरा हुआ, छिटका हुआ ; 4. harvest—पकी हुई फसल ; 5. downpour_भारी वर्षा ; 6. intimately-पूरी तरह से ; 7. supper – सायंकाल का भोजन ; 8. predicted-पहले ही बता दिया था ; 9. approaching-नजदीक आते हुए ; 10. pleasure-खुशी।

अनुवाद-वह मकान-जो उस पूरी घाटी में एकमात्र ही था-एक निचली पहाड़ी की चोटी पर खड़ा था। इस ऊंचाई पर से आदमी नदी को तथा पके हुए अनाज के उस खेत को देख सकता था जो हर जगह ऐसे फूलों, से भरा हुआ था जो सदा एक अच्छी फसल के होने का भरोसा दिलाते थे।

एकमात्र चीज़ जिसकी धरती को ज़रूरत थी, वह थी-एक मूसलाधार वर्षा अथवा कम-से-कम एक बौछार। उस पूरी प्रातः के दौरान लैंको-जो अपने खेतों को पूरी तरह से जानता था–ने उत्तर-पूर्व से आकाश को देखने के अतिरिक्त अन्य कोई काम नहीं किया था।

“ए औरत, हमें अब सचमुच कुछ पानी मिलने वाला है।” उस औरत ने, जो सायंकाल का भोजन तैयार कर रही थी, उत्तर दिया, “हां, यदि ईश्वर की इच्छा हुई।” जो लड़के आयु में बड़े थे, वे खेत में काम कर रहे थे, जबकि छोटे लड़के घर के नज़दीक खेल रहे थे, और अन्त में औरत ने उन सब को यह कहते हुए बुलाया, “रात्रि-भोजन के लिए आ जाओ……………।”

इस भोजन के दौरान ही, जैसा कि लैंको ने पहले ही अनुमान लगा लिया था, वर्षा की बड़ी-बड़ी बूंदें गिरने लगीं। उत्तर-पूर्वी दिशा में बड़े-बड़े पहाड़ों के जैसे बादल आते दिखाई दिये। हवा ताजी तथा सुहावनी लग रही थी। वह आदमी बाहर चला गया, तथा इसके अतिरिक्त इसका अन्य कोई कारण नहीं था कि वह अपने शरीर पर वर्षा के अनुभव का आनन्द लेना चाहता था, तथा जब वह वापस आया तो उसने खुशी से चिल्लाते हुए कहा “ये आकाश से गिरती हुई वर्षा की बूंदे नहीं हैं; ये तो नये सिक्के हैं। बड़ी बूंदें दस-दस सेन्ट के सिक्के हैं, तथा छोटी बूंदे पांच-पांच सेन्ट के सिक्के।”

(Page 36)

कठिन शब्दार्थ-1. expression-चेहरे पर का भाव ; 2. regarded—सन्तोष के भाव से निरन्तर देखता रहा ; 3. draped—ढके हुए ; 4. hailstones-ओले ; 5. resemble-के जैसे लगना ; 6. exposing बिना ढके हुए छोड़ देना ; 7. passes—समाप्त हो जाएगा ; 8. cornfield-अनाज का खेत ; 9. plague-बड़ा भारी दल ; 10. locusts-पंखदार, कीड़े, टिड्डियां ; 11. solitary-एकान्त ; 12. upset-चिन्तित ; 13. instructed—सिखाया ; 14. conscience—दिल, आत्मा।

अनुवाद-संतोष की भावना सहित उसने पके अनाज के उस खेत को देखा जो फूलों से भरा हुआ था तथा जो वर्षा रूपी चादर से ढका हुआ था। किन्तु अचानक एक तेज़ हवा चलने लगी और वर्षा के साथ-साथ बहुत बड़े-बड़े ओले गिरने लगे। ये सचमुच ही चांदी के नए सिक्कों के जैसे लगते थे। वर्षा में भीगने की परवाह न करते हुए लड़के उन जमे हुए मोतियों को इकट्ठा करने के लिए बाहर को भाग लिए। “अब मौसम सचमुच खराब होता जा रहा है,” लैंको ने दु:खी होते हुए कहा, “मुझे आशा है कि यह (ओले पड़ना) शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा।”

किन्तु यह शीघ्र समाप्त न हुआ। लगातार एक घण्टा भर ओले बरसते रहे-घर के ऊपर, बाग़ में, पहाड़ी की ढलान पर, अनाज के खेत में और पूरी घाटी के ऊपर। खेत सफ़ेद हो गया, मानो यह नमक से ढका हुआ हो। पेड़ों के ऊपर एक पत्ता भी न रहा। अनाज पूरी तरह से नष्ट हो गया। पौधों पर से फूल जाते रहे। लैंको की आत्मा उदासी से भर गई। जब तूफ़ान समाप्त हो गया तो वह खेत के मध्य में जा खड़ा हुआ, और अपने बेटों से कहने लगा,

“एक बड़ा टिड्डी-दल भी इससे ज्यादा शेष छोड़ जाता ओले तो कुछ भी बाकी नहीं छोड़ गए हैं। इस वर्ष हमारे पास कोई अनाज नहीं होगा ………….” वह रात एक दुःख की रात थी।
“हमारी सब मेहनत बेकार गई है।” “कोई नहीं है. जो हमारी मदद कर सके।”
“इस वर्ष हम सब को भूखे रहना होगा …..” किन्तु उन सभी लोगों के दिलों में, जो घाटी के मध्य उस एकान्त घर में रहते थे, वहां एक-मात्र आशा अब भी थी-ईश्वर से मदद की आशा।
“इतना दुःखी मत बनो, यद्यपि ऐसा लगता है कि सब लुट गया है। याद रखो, भूख से कोई नहीं मरता है।”
“कहते तो ऐसा ही हैं-भूख से कोई नहीं मरता।” (अर्थात् ईश्वर किसी को भूख से नहीं मरने देता)।
पूरी रात भर लैंको अपनी एकमात्र आशा के विषय में सोचता रहा-उस ईश्वर की सहायता के बारे में जिस की आंखें, जैसा कि उसे सिखाया गया था, सब-कुछ देखती हैं, उस चीज़ को भी जो मनुष्य के गहरे अन्तर्मन में होती है।

(Page 37-38)

कठिन शब्दार्थ-1. an ox of a man-बैल की भाँति काम करने वाला ; 2. following-अगले ; 3. daybreak-प्रभात ; 4. pesos-अनेक लातीनी अमरीकी देशों का सिक्का ; 5. troubled- चिन्तित ; 6. dropped—डाल दिया ; 7. employees—कर्मचारी ; 8. boss—अधिकारी ; 9. heartily-बहुत ज्यादा ; 10. career-काम, नौकरी ; 11. amiable-मैत्रीपूर्ण ; 12. broke out-शुरू हो गया ; 13. tapping—टपटपाते हुए ; 14. commented—टिप्पणी की ; 15. correspondence-पत्र-व्यवहार ;16. shake-कमज़ोर बनाना ; 17. evident-स्पष्ट ; 18. goodwill-सद्भावना ; 19. stuck-दृढ़-निश्चय बना रहा ; 20. resolution-निश्चय ; 21. obliged—बाध्य हो गए ; 22. charity-दया ; 23. the following–अगले ; 24. a bit थोड़ा सा ; 25. handed—दिया ; 26. experiencing-महसूस करते हुए ; 27. contentment-सन्तोष ; 28. performed—किया होना।

अनुवाद-लैंको बैल की भाँति काम करने वाला व्यक्ति था। वह खेतों में एक पशु की भाँति काम करता था, किन्तु फिर भी उसे लिखना आता था। आगामी रविवार के दिन प्रातः होते ही वह एक पत्र लिखने लगा जिसे वह स्वयं नगर ले जा कर डाक में डालना चाहता था। यह पत्र ईश्वर को लिखे गए पत्र से कोई कम पत्र नहीं था।

“प्रभु,” उसने लिखा, “यदि आप मेरी सहायता नहीं करोगे तो मुझे तथा मेरे परिवार को इस वर्ष भूखा रहना होगा। मुझे अपने खेत को फिर से बोने के लिए अपना गुजारा चलाने के लिए एक सौ पेसो की ज़रूरत है जब तक कि (अगली) फसल नहीं आती क्योंकि ओलों ने ……”

Answer the following questions 

Question 1.
Where was Lencho’s house located ? Did he have any neighbours ?
(लैंको का घर कहां स्थित था? क्या उसके कोई पड़ोसी थे?)
Answer:
Lencho’s house was on the top of a low hill. It was the only house in the valley. Thus Lencho had no neighbours.
लैंको का मकान एक कम ऊंची पहाड़ी की चोटी पर था। घाटी में यह एकमात्र मकान था। इस प्रकार लैंको का कोई पड़ोसी नहीं था।

Question 2.
When did it start raining ?
(वर्षा होनी कब शुरू हुई?)
Answer:
It started raining when Lencho and his family were having dinner.
वर्षा तब शुरू हुई जब लैंको और उसका परिवार रात का भोजन कर रहे थे।

Question 3.
What was Lencho’s family doing when it started raining ?
(जब वर्षा होनी शुरू हुई तो लैंको का परिवार क्या कर रहा था?)
Answer:
They were having dinner.
(वे रात्रिभोज कर रहे थे।)

Question 4.
Why did Lencho go out ? What did he observe ?
(लैंको बाहर क्यों गया? उसने क्या देखा?)
Answer:
It had started raining. Lencho went out to have the pleasure of feeling of rain on his body. He observed the raindrops falling from the sky. He called them new coins. He said, “The big drops are ten-cent pieces and the little ones are fives.”

वर्षा होनी शुरू हो गई थी। लैंको अपने शरीर पर वर्षा को महसूस करने का आनन्द लेने के लिए बाहर गया। उसने आकाश से गिर रही वर्षा की बूंदों को देखा। उसने उन्हें नए सिक्कों का नाम दिया। उसने कहा, “बड़ी बूंदे दस-सेन्ट के सिक्के हैं और छोटी बूंदे पांच-सेन्ट के सिक्के हैं।”

Question 5.
Why did Lencho’s sons run out ? Were they happy ? How do you know?
(लैंको के बेटे भागते हुए बाहर क्यों गए? क्या वे प्रसन्न थे? आप कैसे कह सकते हैं ?)
Answer:
It had started hailing. The sons went out to collect the hailstones. They were very happy. The hailstones seemed to them like frozen pearls. And they ran out to collect them.

ओले पड़ने लगे थे। पुत्र ओले इकट्ठे करने के लिए बाहर गए। वे बहुत प्रसन्न थे। उन्हें ओले जमे हुए मोतियों के जैसे लग रहे थे। और वे उन्हें बटोरने के लिए बाहर को भागे।

Question 6.
Why did Lencho become unhappy after the storm ? What did he say?
(लैंको तूफान के बाद उदास क्यों हो गया ? उसने क्या कहा ?)
Answer:
After the storm, the field was all covered with hailstones. Not a leaf remained in the trees. The corn was totally destroyed. The flowers were gone from the plants. All this made Lencho very unhappy. He said that the hail had left nothing. They would have no corn that year.

तूफ़ान के बाद पूरा खेत ओलों से ढक गया था। पेड़ों पर एक भी पत्ता नहीं रहा था। अनाज पूरा नष्ट हो गया था। पौधों पर से फूल जाते रहे थे। इस सब से लैंको बहुत दुःखी हो गया। उसने कहा कि ओलों ने कुछ नहीं छोड़ा था। उस वर्ष उन्हें कोई अनाज प्राप्त नहीं होगा।

Question 7.
What did Lencho think throughout the night ?
(लैंको पूरी रात क्या सोचता रहा?)
Answer:
Lencho thought only of help from God. This was his only hope. He believed that God sees everything. He believed that God sees even what is deep in one’s heart.

लैंको केवल ईश्वर से सहायता के बारे में सोचता रहा। यह उसकी एकमात्र आशा थी। उसका विश्वास था कि ईश्वर हर चीज़ देखता है। उसका विश्वास था कि ईश्वर वह भी देख लेता है जो आदमी के गहरे दिल में होता है।

Question 8.
Who did Lencho write to for help ? What did he write in his letter ?
(लैंको ने सहायता के लिए किसे लिखा? अपने पत्र में उसने क्या लिखा?) ”
Answer:
Lencho wrote to God for help. In his letter, he wrote, “God, if you don’t help me, my family and I will go hungry this year. I need a hundred pesos in order to sow my field again.”

लैंको ने सहायता के लिए ईश्वर को लिखा। अपने पत्र में उसने लिखा, “ईश्वर, यदि तुम मेरी सहायता नहीं करोगे, तो इस वर्ष मेरे परिवार को और मुझे भूखा रहना पड़ेगा। अपने खेत को फिर से बोने के लिए मुझे एक सौ पेसो की ज़रूरत है।”

Question 9.
How did Lencho address the envelope ? What did he do after that ?
(लिफ़ाफ़े के ऊपर लैंको ने पता कैसे लिखा? इसके बाद उसने क्या किया?)
Answer:
Lencho wrote on the envelope only two words : ‘To God’. He put his letter inside the envelope and went to the town. There he got a stamp at the post office. He put the stamp on the envelope and dropped it into the mailbox.

लैंको ने लिफ़ाफ़े के ऊपर केवल दो शब्द लिखे : ‘ईश्वर को’। उसने अपना पत्र लिफ़ाफ़े में डाला और नगर को गया। वहां उस ने डाकघर से एक टिकट लिया। उसने टिकट को लिफ़ाफ़े के ऊपर लगाया और इसे डाक बक्से में डाल दिया।

Question 10.
Who took the letter to the postmaster?
(पोस्टमास्टर के पास पत्र को कौन ले कर गया?)
Answer:
It was a postman who took the letter to the postmaster.
यह एक डाकिया था जो पोस्टमास्टर के पास पत्र ले कर गया।

Question 11.
What did the postmaster do after reading Lencho’s letter ? Why did he do so?
(लैंको का पत्र पढ़ने के बाद पोस्टमास्टर ने क्या किया? उसने ऐसा क्यों किया?)
Answer:
The postmaster was struck by Lencho’s faith in God. He thought of sending God’s reply to Lencho’s letter. He collected money from his employees. He himself gave a part of his salary. Thus he collected seventy pesos. The money was handed to Lencho in the form of a letter.

पोस्टमास्टर ईश्वर में लैंको की आस्था पर चकित रह गया। उसने लैंको के पत्र का ईश्वर द्वारा उत्तर भेजने का विचार बनाया। उसने अपने कर्मचारियों से पैसे इकट्ठा किए। उसने स्वयं अपने वेतन का कुछ भाग दिया। इस तरह उसने सत्तर पेसो इकट्ठे कर लिए। ये पैसे एक पत्र के रूप में लैंको को दे दिए गए।

Question 12.
When did Lencho receive the letter from ‘God’ ? Who gave it to him and where ?
(लैंको को ‘ईश्वर’ की तरफ से आया पत्र कब प्राप्त हुआ? यह पत्र उसे किसने दिया और कहां दिया?)
Answer:
It was a Sunday morning. Lencho went to the post office to ask if there was a letter for him. The postman handed a letter to him. Lencho thought it was a letter from God. But it was the same letter which the post office people had sent for Lencho.

रविवार की प्रातः थी। लैंको डाकघर में यह पूछने गया कि क्या वहां उसके लिए कोई पत्र था। डाकिए ने उसे एक पत्र दिया। लैंको ने समझा कि यह ईश्वर की ओर से आया हुआ पत्र था। किन्तु यह वही पत्र था जो डाक-घर के लोगों ने लैंको के लिए भेजा था।

Question 13.
Was Lencho surprised to receive the money ? Why?
(क्या पैसे प्राप्त करने के बाद लैंको को हैरानी हुई ? क्यों ?)
Answer:
Lencho was not at all surprised to receive the money. He was certain that God would reply his letter and send him the money.
लैंको को पैसे प्राप्त करके बिल्कुल भी हैरानी नहीं हुई। उसे पूरा विश्वास था कि ईश्वर उसके पत्र का उत्तर देगा और उसे पैसे भेजेगा।

Question 14.
Why was Lencho angry after counting the money ?
(पैसे गिनने के बाद लैंको को क्रोध क्यों आया?)
Answer:
Lencho had asked God for a hundred pesos. But he found only seventy pesos in the envelope. He thought that the post-office people had taken out the rest of money. That was why he was angry.

लैंको ने ईश्वर से एक सौ पेसो मांगे थे। किन्तु उसे लिफ़ाफ़े में केवल सत्तर पेसो मिले। उसने सोचा कि बाकी के पैसे डाकघर के लोगों ने निकाल लिए थे। इसी कारण से वह क्रोधित था।

Question 15.
Did Lencho write back to God ? Why did he do so ?
(क्या लैंको ने ईश्वर को वापस पत्र लिखा? उसने ऐसा क्यों किया?)
Answer:
Lencho did write back to God. He had asked God for a hundred pesos. But he got only seventy pesos. He thought the post-office people had taken out the money. So he wrote back to God to send him the rest of money.

लैंको ने ईश्वर को वापस पत्र अवश्य लिखा। उसने ईश्वर से एक सौ पेसो मांगे थे किन्तु उसे केवल सत्तर पेसो प्राप्त हुए। उसने सोचा कि डाकघर के लोगों ने पैसे निकाल लिए थे। इसलिए उसने ईश्वर को वापस पत्र लिखा कि वह उसे बाकी के पैसे भेजे।

Question 16.
What did Lencho write in his second letter to God ?
(लैंको ने ईश्वर को अपने दूसरे पत्र में क्या लिखा?)
Answer:
Lencho had asked God for a hundred pesos. But he got only seventy. He thought the post-office people had taken out his money. So he asked God to send him the other thirty pesos. But he asked Him not to send the money through mail. He said that the post-office employees were a bunch of crooks.

लैंको ने ईश्वर से एक सौ पेसो मांगे थे। किन्तु उसे केवल सत्तर पेसो प्राप्त हुए। उसने सोचा कि डाक-घर के लोगों ने उसके पैसे निकाल लिए थे। इसलिए उसने ईश्वर से कहा कि वह उसे शेष तीस पेसो भेज दे परन्तु उसने उससे (ईश्वर से) यह भी कहा कि वह पैसे डाक से न भेजे। उसने कहा कि डाकखाने के कर्मचारी मक्कारों का टोला थे।

The Complete Educational Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *