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PSEB Solutions for Class 9 English Main Course Book Poem 2 No Men are Foreign

PSEB Solutions for Class 9 English Main Course Book Poem 2 No Men are Foreign

PSEB 9th Class English Main Course Book Solutions Poem 2 No Men are Foreign

No Men are Foreign Poem Summary in English

No Men are Foreign Introduction:

This poem contains a very noble idea. It advocates the unity of mankind. No men are strange, and no countries are foreign. All men live on the same earth and breathe the same air. If we hate others, it is like hating ourselves because there is no difference between us and others. Love is the best weapon to win others. By taking up arms against one another, we defile the human earth itself. So we should always remember that no men are foreign and no countries are strange.

No Men are Foreign Summary in English:

This is an anti-war poem that teaches the basic oneness of mankind and folly of going to war. The poet says that no men are strange and no countries are foreign. Under the outward superficial differences, the inner essence is everywhere the same. Under all kinds of different dresses, all men have the same kind of body. The bodies of all men breathe in the same way as our body does. All men move on the same earth. And after death, all men lie under the same earth. Everywhere it is the same sun, air and water that people enjoy. Everywhere people are fed on the crops that are grown during times of peace. And everywhere they have to starve when there is a long winter of war.

Everywhere men have the same kind of hands. They do the same kind of labour. They have the same kind of eyes that wake and sleep. They have the same kind of strength that can be won by love. Everywhere, the same kind of life is lived which can be understood and recognized easily.

Therefore, the poet says that we shouldn’t heed those who tell us to hate others. We should remember that by hating others, it is only ourselves that we rob, deceive and criticize. By taking up arms against others, we only defile this earth that belongs to all of us. The fire and destruction of war pollutes the air that we all breathe. So, the poet asks us to remember that no men are foreign and no countries are strange.

No Men are Foreign Poem Summary in Hindi

No Men are Foreign Introduction:

कविता का संक्षिप्त परिचय इस कविता में एक बहुत ही महान विचार भरा हुआ है। यह मानवता की एकता की वकालत करती है। कोई भी मनुष्य भिन्न नहीं होते और कोई भी देश पराए नहीं होते। सब लोग एक ही धरती के ऊपर रहते हैं और एक ही हवा में सांस लेते हैं। यदि हम दूसरों से घृणा करेंगे, तो यह खुद अपने से घृणा करने के समान होगा क्योंकि हमारे में और दूसरों में कोई अन्तर नहीं है। दूसरों को जीतने के लिए प्यार सबसे बढ़िया हथियार होता है। एक-दूसरे के विरुद्ध घातक हथियार उठाकर हम मानव धरती को दूषित करते हैं। इसलिए हमें सदा याद रखना चाहिए कि कोई मनुष्य विदेशी नहीं होते और कोई देश बेगाने नहीं होते हैं।

No Men are Foreign Summary in Hindi:

यह एक युद्ध-विरोधी कविता है जो मनुष्य-जाति की मौलिक एकता और युद्ध करने की मूर्खता के बारे में शिक्षा देती है। कवि कहता है कि कोई लोग बेगाने नहीं होते और कोई देश बाहरी नहीं होते। बाहरी दिखावे के अन्तरों के नीचे अन्दरूनी वास्तविकता सब जगह एक जैसी ही होती है। भिन्न-भिन्न प्रकार की सब पोशाकों के नीचे सब लोगों का एक ही प्रकार का शरीर होता है। सब लोगों के शरीर उसी प्रकार सांस लेते हैं जिस . प्रकार हमारा शरीर साँस लेता है। सब लोग एक ही धरती के ऊपर चलते-फिरते हैं और मरने के बाद एक ही धरती के नीचे सोते हैं।

हर जगह वही सूरज, हवा और पानी है जिसका लोग आनन्द उठाते हैं। हर जगह लोग उन फसलों से भोजन प्राप्त करते हैं जो शान्ति के समय के दौरान उगाई जाती हैं। और हर जगह उनको भूखों मरना पड़ता है जब युद्ध-रूपी लम्बी सर्दी आ जाती है। हर जगह लोगों के एक ही प्रकार के हाथ होते हैं और वे एक ही प्रकार की मेहनत करते हैं। उनकी एक ही प्रकार की आँखें होती हैं जो जागती हैं और सोती हैं। उनके पास एक ही प्रकार की ताकत होती है जिसको प्यार से जीता जा सकता है। हर जगह एक ही प्रकार का जीवन गुज़ारा जाता है जिसको आसानी से समझा जा सकता है, और पहचाना जा सकता है।

इसलिए कवि कहता है कि हमें उन लोगों की ओर कोई ध्यान नहीं देना चाहिए जो हमें दूसरों से घृणा करने के लिए कहते हों। हमें याद रखना चाहिए कि दूसरों से नफ़रत करने से हम सिर्फ खुद को ही लूट रहे होते हैं, धोखा दे रहे होते हैं और बुरा-भला कह रहे होते हैं। दूसरे लोगों के विरुद्ध हथियार उठा कर हम केवल इस धरती को गन्दी और अपवित्र बनाते हैं जो हमारी सब की सांझी है। युद्ध की अग्नि और विनाश उसी हवा को दूषित करते हैं जिसमें हम साँस लेते हैं। इसीलिए कवि हमें याद रखने के लिए कहता है कि कोई लोग बेगाने नहीं होते और कोई देश बाहरी नहीं होते।

No Men are Foreign Poem Translation in Hindi

(Lines 1-4)

Remember, no men are strange, no countries foreign
Beneath all uniforms, a single body breathes
Like ours; the land our brothers walk upon
Is earth like this, in which we all shall lie.

कठिन शब्दार्थ-1. strange – पराए ; 2. beneath – के नीचे; 3. uniform – पोशाक ; 4. breathes – श्वास लेती है।

अनुवाद-
याद रखो कि कोई भी मनुष्य पराए नहीं होते; कोई देश बेगाने नहीं होते।
सभी प्रकार की पोशाकों के नीचे उसी प्रकार का शरीर होता है जिस प्रकार का हमारा है ।
सभी शरीर उसी प्रकार साँस लेते हैं जिस प्रकार हमारा शरीर साँस लेता है।
वह जमीन जिसके ऊपर हमारे भाई चलते हैं वैसी ही है, जिसके ऊपर हम चलते-फिरते हैं।
हम सब उसी धरती के नीचे पड़े होंगे जब हम मरेंगे।

(Lines 5 – 8)

They, too, aware of sun and air and water,
Are fed by peaceful harvests, by war’s long winter starvd.
Their hands are ours, and in their lives we read
A labour not different from our own.

कठिन शब्दार्थ-1. aware of – ज्ञान होना, प्रयोग करना ; 2. are fed -भोजन प्राप्त करते हैं ; 3. peaceful harvests – शान्ति के समय पैदा की जा सकने वाली फसलें ; 4. starved – भूखे मरना ; 5. labour – परिश्रम ।

अनुवाद- दूसरे सब लोग उसी धूप, हवा और पानी का उपयोग करते हैं जिसका हम करते हैं। वे सब हमारे समान ही शान्ति के समय के दौरान फसलों से भोजन प्राप्त करते हैं और जब युद्ध रूपी लम्बी सर्दी आती है तो सब को समान रूप में भूखों मरना पड़ता है। उनके हाथ उसी तरह के हैं जैसे हमारे पास हैं, तथा उनकी जीवनियों में हम पढ़ सकते हैं वैसी ही मेहनत जो हमें हमारे जीवन में करनी पड़ती है।

(Lines 9-12)

Remember they have eyes like ours that wake
Or sleep, and strength that can be won
By love. In every land is common life
That all can recognize and understand.

कठिन शब्दार्थ-1. wake – जागना ; 2. common life – एक जैसा जीवन ; 3. recognize – पहचानना ।

अनुवाद-
याद रखो, उनकी आंखें हमारी आँखों के समान ही हैं।
उनकी आँखें उसी प्रकार सोती-जागती हैं
जिस प्रकार हमारी आँखें सोती-जागती हैं।
उनके अन्दर उसी प्रकार की ताकत होती है जिस प्रकार की ताकत हमारे अन्दर होती है
ऐसी ताकत जिसको प्यार के द्वारा जीता जा सकता है। .
प्रत्येक देश में एक ही प्रकार की ज़िन्दगी गुजारी जाती है।
जीवन के उस सांझे तरीके को हम सब पहचान सकते हैं और समझ सकते हैं।

(Lines 13-20)

Let us remember, whenever we are told
To hate our brothers, it is ourselves
That we shall dispossess, betray, condemn.
Remember, we who take arms against each other,
It is the human earth that we defile,
Our hells of fire and dust outrage the innocence
Of air that is everywhere our own.
Remember, no men are foreign, and no countries strange.

कठिन शब्दार्थ
-1. dispossess – खो देना, लूटना ; 2. betray – धोखा देना ; 3. condemn – लोचना करना ; 4 defile – गन्दा और अपवित्र बनाना ; 5. human earth – धरती जिसके ऊपर मनुष्य रहते हैं ; 6. outrage – नष्ट करना ; 7. innocence – शुद्धता।

अनुवाद-
जब कभी हमें अपने ही भाइयों से घृणा करने के लिए कहा जाए, तो हमें याद रखना चाहिए कि
यह हम खुद ही होंगे जो खुद को (उनके प्यार से) लूट रहे होंगे।
दूसरों से घृणा करके हम केवल खुद को ही धोखा दे रहे होंगे और केवल खुद की ही
आलोचना कर रहे होंगे।
याद रखो कि जब हम एक-दूसरे के विरुद्ध हथियार उठा लेते हैं,
तो हम केवल इस मानव धरती को ही दूषित कर रहे होते हैं।
युद्ध के दौरान आग और धूल के जो नर्क पैदा हो जाते हैं,
वे उसी हवा को दूषित करते हैं ।
जो सब जगह हमारी अपनी ही है।
इसलिए हमें याद रखना चाहिए कि कोई लोग बाहरी नहीं होते,
और कोई देश बेगाने नहीं होते।

Answer the following questions 

Question 1.
What is the theme or central idea of the poem ?
(इस कविता का उद्देश्य अथवा केन्द्रीय भाव क्या है ?)
Answer:
All men are the same. They have the same kind of body. They breathe in the same way. Thus no men are strange or foreign. We should never hate others. They are all our brothers. By hating others, we lose their love. Thus the poet gives the message of love and brotherhood.

सब लोग एक ही प्रकार के होते हैं। वे एक ही प्रकार का शरीर रखते हैं। वे एक ही प्रकार से सांस लेते हैं। इसलिए कोई भी आदमी बेगाने या विदेशी नहीं हैं। हमें कभी भी दूसरों से घृणा नहीं करनी चाहिए। वे सब हमारे भाई हैं। दूसरों से घृणा करके हम उनके प्यार को खो बैठते हैं। इस प्रकार कवि प्यार और भाईचारे का सन्देश देता है।

Question 2.
Write the summary of the poem in your own words.
(कविता का सार अपने शब्दों में लिखें।)
Answer:
The poet says that no men are foreign and no countries are strange. Men all over the world have the same kind of body. Similarly, no countries are strange or foreign. It is the same earth everywhere. When there is war, fire and dust pollute the air all around. So the poet says that we should not heed those who tell us to hate others.

कवि कहता है कि कोई मनुष्य बेगाने नहीं होते और कोई देश बाहरी नहीं होते। संसार-भर के लोग एक जैसा ही शरीर रखते हैं। उसी प्रकार हम किसी देश को भी बेगाना या बाहरी नहीं कह सकते हैं। सब जगह वही धरती है। जब लड़ाई होती है, तो आग और धूल पूरी धरती के गिर्द की हवा को दूषित कर देती है। इसलिए कवि कहता है कि हमें उन लोगों की ओर ध्यान नहीं देना चाहिए जो हमें दूसरों से नफरत करने के लिए कहते हों।

Question 3.
What inspiration do we derive from this poem ?
(इस कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?)
Answer:
The poet inspires us to look upon the people of all countries as our brothers. No men are foreign. No countries are strange. Everywhere there are men who live and die in the same manner. Therefore, we should love all and hate none.

यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हम सभी देशों के लोगों को अपने भाई समझें। कोई आदमी विदेशी नहीं हैं। कोई देश बेगाने नहीं हैं। हर जगह लोग हैं जो एक ही तरह से जीवन बिताते हैं और मरते हैं। इसलिए हमें सभी से प्रेम करना चाहिए और किसी से घृणा नहीं करनी चाहिए।

Question 4.
What will happen if we hate our fellow beings ?
(यदि हम अपने साथियों से घृणा करने लगें तो क्या होगा ?)
Answer:
If we hate our fellow beings, we shall lose their love. All men are our brothers. Thus when we hate others, we hate ourselves only.
यदि हम अपने साथी जीवों से घृणा करेंगे तो हम उनका प्यार खो बैठेंगे। सभी लोग हमारे भाई हैं। इस प्रकार जब हम दूसरों से घृणा करते हैं तो हम स्वयं अपने से ही घृणा करते हैं।

Question 5.
How are all men similar to one another?
(सभी लोग एक-दूसरे के जैसे किस तरह हैं ?)
Answer:
All people have the same kind of body. They breathe the same air. They sleep and wake up in the same way. They eat in the same way. After their death, they lie under the same earth. Thus all men are similar to one another.

सभी लोग एक ही किस्म का शरीर रखते हैं। वे एक ही किस्म की हवा में श्वास लेते हैं। वे एक ही तरह से सोते हैं और जागते हैं। वे एक ही तरह से खाते हैं। अपनी मृत्यु के पश्चात् वे एक ही धरती के नीचे पड़े होते हैं। इस प्रकार सभी मनुष्य एक-दूसरे के जैसे ही होते हैं।

Question 6.
Write True or False against the following sentences :
(a) No men are strange and no countries are foreign.
(b) People are different from one another.
(c) We should hate our brothers.
(d) We should not defile our earth.
Answer:
(a) True
(b) False
(c) False
(d) True

Question 7.
This poem is an attempt to create ‘brotherhood’ amongst people. Discuss.
(यह कविता लोगों के मध्य ‘भ्रातृभाव’ पैदा करने का एक यत्न है। विवेचना करें।)
Answer:
This poem tries to create a feeling of brotherhood among all people. It says that no men or countries are foreign. All men have the same kind of body. They breathe in the same way. They eat, sleep and wake up in the same manner. After their death, they lie under the same earth. Thus all men are brothers.

यह कविता सभी लोगों में भ्रातृत्व की एक भावना पैदा करने का यत्न करती है। यह कहती है कि कोई भी लोग या देश बेगाने नहीं होते। सभी मनुष्यों का एक जैसा शरीर होता है। वे एक ही ढंग से श्वास लेते हैं। वे एक ही ढंग से खाते, सोते और जागते हैं। अपनी मृत्यु के पश्चात् वे एक ही धरती के नीचे पड़े होते हैं। इस तरह सभी लोग हमारे भाई हैं।

Stanzas For Comprehension

Stanza -1

Remember, no men are strange, no countries foreign
Beneath all uniforms, a single body breathes
Like ours; the land our brothers walk upon
Is earth like this, in which we all shall lie.

Questions
1. Name the poem and the poet.
2. What should we remember?
3. What are all men to us?
4. Where do we all walk upon?
5. Where shall we all lie in the end?
Answer
1. The name of the poem is ‘No Men Are Foreign’. The name of the poet is James Kirkup.
2. We should remember that no men are strange and no countries are foreign.
3. All men are brothers to us.
4. We all walk upon the same earth.
5. We shall all lie in the same land.

Stanta – 2

They, too, aware of sun and air and water
Are fed by peaceful harvests, by war’s long winter starved.
Their hands are ours, and in their lives we read
A labour not different from our own.

Questions
1. Who does ‘They’ refer to in these lines ?
2. What do they all make use of ?
3. What are they fed by ?
4. What is meant by
(a) ‘peaceful harvests’
(b) ‘war’s long winter’?
5. What do we read in their lives?
Answer:
1. “They’ here refers to all men of the world.
2. They all make use of the same sun and air.
3. They are fed by the harvests that they grow.
4.
(a) ‘Peaceful harvests’ means the crops that we can grow in times of peace.
(b) ‘War’s long winter’ means the painful days when we have to stay in and can have nothing to feed ourselves.
5. We read in their lives that they do the same labour that we have to do.

Stanza – 3

Remember they have eyes like ours that wake
Or sleep, and strength that can be won
By love. In every land is common life
That all can recognize and understand.

Questions
1. Who does ‘they’ here refer to ?
2. What kind of eyes do they have ?
3. How can we win their strength ?
4. What is there in every land ?
5. What can all recognize and understand ?
Answer::
1. The word ‘they’ here refers to all men of the world.
2. They have eyes like ours.
3. We can win it by love.
4. In every land, there is the same kind of life.
5. All can recognize and understand that there is the same kind of life everywhere.

Stanza – 4

Let us remember, whenever we are told
To hate our brothers, it is ourselves
That we shall dispossess, betray, condemn.
Remember we who take arms against each other,
It is the human earth that we defile,
Our hells of fire and dust outrage the innocence
Of air that is everywhere our own.
Remember, no men are foreign, and no countries strange.

Questions
1. Who have been called “our brothers’ ?
2. Who should we not hate and why ?
3. What shall happen if we take up arms against each other?
4. What is everywhere our own ?
5. What message does the poet want to convey in these lines ?
Answer:
1. All men of the world have been called our brothers.
2 We should not hate others because they are all our brothers.
3. We shall defile this earth of ours.
4. The pure and fresh air is everywhere our own.
5. The poet means to say that all men of the world are our brothers. No men are foreign and no countries are strange.

Objective Type Questions

Answer the following in one word / phrase / sentence :

Question 1.
Who has written the poem, ‘No Men Are Foreign’ ?
Answer:
James Kirkup.

Question 2.
What type of a poem this poem is ?
Answer:
It is an anti-war poem.

Question 3.
Where do all men move ?
Answer:
They move on the same earth.

Question 4.
Who shouldn’t be heeded, according to the poet ?
Answer:
Those who tell us to hate others.

Question 5.
What will we be doing if we hate others ?
Answer:
We will be robbing ourselves.

Complete the following :

1. The poet ‘says that no men are ……….
2. According to the poet, no …………………. are foreign.
3. By taking up arms against others, we will be defiling the …….
Answer:
1. strange
2. countries
3. earth.

Write True or False against each statement :

1. All other countries are foreign, according to the poet.
2. We should not hate anybody.
3. War pollutes the air that we all breathe.
Answer:
1. False
2. True
3. True.

Choose the correct option for each of the following :

Question 1.
According to the poem, no countries are
(a) developed
(b) developing
(c) bad
(d) foreign
Answer:
(d) foreign

Question 2.
The poem is ………….
(a) an anti-war poem
(b) a sonnet
(c) an elegy
(d) a hymn.
Answer:
(a) an anti-war poem

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