RBSE Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 सम्बन्ध एवं फलन
RBSE Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 सम्बन्ध एवं फलन
Rajasthan Board RBSE Class 11 Maths Chapter 2 सम्बन्ध एवं फलन Ex 2.1
प्रश्न 1.
यदि A = {1, 2, 3}, B = {4, 5, 6} तो निम्न में से कौन A , से B में सम्बन्ध है? कारण सहित उत्तर दीजिए :
(i) {(1, 4), (3, 5), (3, 6)}
(ii) {(1, 6), (2, 6), (3, 6)}
(iii) {(1, 5), (3, 4), (5, 1), (3, 6)}
(iv) {(2, 4), (2, 6), (3, 6), (4, 2)}
(v) A × B
हल-
A = {1, 2, 3}, B = {4, 5, 6}
∴ A × B = {(1, 4), (1, 5), (1, 6), (2, 4), (2, 5), (2, 6), (3, 4), (3, 5), (3, 6)}
(i) R1 = {(1, 4), (3, 5), (3, 6)}.
∵ R1 ⊆ A x B
∴ R1, A से B में सम्बन्ध है।
(ii) R2 = {(1, 6), (2, 6), (3, 6)}
∵ R2 ⊆ A x B
∴ R2, A से B में एक सम्बन्ध है।
(iii) R3 = {(1, 5), (3, 4), (5, 1), (3, 6)}
∵ (5, 1) ∈ R3 परन्तु (5, 1) ∉ A x B ⇒ ⊄ Ax B
∴ R3, A से B में सम्बन्ध नहीं है।
(iv) R4 = {(2, 4), (2, 6), (3, 6), (4, 2)}
∵ (4, 2) ∈ R4 परन्तु (4, 2) ∉ A x B
∴ R4 ⊄ A x B
अतः R4 A से B में सम्बन्ध नहीं है।
(v) R5 = A x B
R5 = {(1, 4), (1, 5), (1, 6), (2, 4), (2, 5), (2, 6), (3, 4), (3, 5), (3, 6)}
∵ R5 ⊆ A x B ⇒ R5,
A से B में सम्बन्ध है।
प्रश्न 2.
N में परिभाषित निम्न सम्बन्धों को नियम रूप में व्यक्त कीजिए :
(i) {(1, 3), (2, 5), (3, 7), (4, 9), …….}
(ii) {(2, 3), (4, 2), (6, 1)}
(iii) {(2, 1), (3, 2), (4, 3), (5, 4), …….}
हल-
(i) R1 = {(1, 3), (2, 5), (3, 7), (4,9), …….}
दिया गया सम्बन्ध ऐसे क्रमित युग्मों (x, y) को समुच्चय है, जिसका दूसरा घटक, प्रथम घटक के दुगुने से एक अधिक है।
अर्थात् y = 2x + 1
∴ R1 = {(x, y) | x, y ∈ N, y = 2x + 1}
(ii) R2 = {(2, 3), (4, 2), (6, 1)}
∴ R2 = {(x, y) | x, y ∈ N, x + 2 = 8}
(iii) R3 = {(2, 1), (3, 2), (4, 3), (5, 4), …….}
दिया गया सम्बन्ध ऐसे क्रमिक युग्मों (x, y) का समुच्चय है, जिसका प्रथम घटक दूसरे घटक से एक अधिक है।
अर्थात् y = x – 1
∴ R3 = {(x, y) | x, y ∈ N, y = x – 1}
प्रश्न 3.
समुच्चय A = {2, 3, 4, 5} से समुच्चये B = {3, 6, 7, 10} में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि xRy⇔x,y के सापेक्ष अभाज्य है। सम्बन्ध R को क्रमित युग्मों के समुच्चय के रूप में लिखिए तथा R के प्रान्त एवं परिसर भी ज्ञात कीजिए।
हल-
यहाँ दिया है :
A = {2, 3, 4, 5} तथा B = {3, 6, 7, 10}
xRy⇔x,y के सापेक्ष अभाज्य है, ⇒
∴ R = {(2, 3), (2, 7), (3, 7), (3, 10), (4, 3), (4, 7), (5, 3), (5, 6), (5, 7)}
∴ R का प्रान्त = {2, 3, 4, 5} = समुच्चय A
R का परिसर = {3, 6, 7, 10} = समुच्चय B
प्रश्न 4.
यदि पूर्णांकों के समुच्चय Z में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित हो कि xRy⇔ x² + y² = 25 तब R तथा R-1 को क्रमित युग्मों के समुच्चय के रूप में लिखिए तथा उनके प्रान्त भी ज्ञात कीजिए।
हल-
xRy⇔x² + y² = 25
⇒ y² = 25 – x² ⇒ y = ±√25 – x²
x = 0 पर, y = ±5
x = ±3 पर y = ±4 तथा x = ±4 पर, y = ±3
अतः x = 0, 3, -3, 4, – 4, 5, -5 ∈ Z
∴ R = {(0, 5), (0, -5), (3, 4), (3, -4), (-3, 4), (-3, -4), (4, 3), (-4, 3), (4,-3), (-4,-3), (5 ,0), (-5, 0)}
R-1 = {(5, 0), (-5, 0), (4, 3), (-4, 3), (4, -3), (-4,-3), (3, 4), (3,-4), (-3, 4), (-3, -4), (0, 5), (0, -5)}
R का प्रान्त = {0, 3, -3, 4, -4, 5, -5}
= R-1 को प्रान्त
प्रश्न 5.
यदि सम्मिश्र संख्याओं के समुच्चय से वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में एक सम्बन्ध Φ इस प्रकार परिभाषित किया जाए x Φ y ⇔ |x| = y कारण सहित बताइए कि निम्नलिखित में से कौनसे सत्य अथवा असत्य हैं :
(i) (1 + i) Φ 3
(ii) 3Φ (-3)
(iii) (2 + 3i) Φ 13
(iv) (1 + i) Φ 1
हल-
x Φ y = |x| = y
(i) (1 + i) Φ 3
⇒ √1+1 = √2 ≠ 3
∴ (1 + i) Φ 3 असत्य है।
(ii) 3Φ (-3) ⇒ |3| = -3
⇒ 3≠ -3
∴ 3Φ (-3), असत्य है।
(ii) (2 + 31) Φ 13 ⇒ |2 + 3i| = 13
= √4+9 = √13 ≠ 13
∴ (2 + 3i) Φ 13, असत्य है।
(iv) (1 + i) Φ 1 ⇒ |1 + i| = 1
= √1+1 = √2 ≠ 1
∴ (1 + i) Φ 1 असत्य है।
प्रश्न 6.
यदि समुच्चय A = {1, 2, 3, 4, 5} से समुच्चय B = {1, 4, 5} में एक सम्बन्ध R“x<y” द्वारा परिभाषित किया जाए तो R को क्रमित युग्मों के समुच्चय के रूप में व्यक्त कीजिए। R-1 भी ज्ञात कीजिए।
हल-
A = {1, 2, 3, 4, 5} तथा B = {1, 4, 5}
R = {(x, y) | x ∈ A, y ∈ B, x < y}|
R = {(1, 4), (1,5), (2,4), (2, 5), (3, 4), (3, 5), (4, 5)}
∴ R-1= {(4, 1), (5, 1), (4, 2), (5, 2), (4, 3), (5, 3), (5,4)}
प्रश्न 7.
निम्न सम्बन्धों को क्रमित युग्मों के समुच्चयों के रूप में व्यक्त कीजिए :
(i) R1, समुच्चय A= {1, 2, 3, 4, 5, 6} से समुच्चय B = {1, 2, 3} में x = 2y से परिभाषित सम्बन्ध है।
(ii) R2, समुच्चय A= {8, 9, 10, 11} से समुच्चय B = {5, 6, 7, 8} में y = x – 2 से परिभाषित सम्बन्ध है।
(iii) R3, समुच्चय A= {0, 1, 2,……, 10} में 2x + 3y = 12 से परिभाषित सम्बन्ध है।
(iv) R4 समुच्चय A = {5, 6, 7, 8} से समुच्चय B = {10, 12, 15, 16, 18} में x, y का भाजक” से परिभाषित है।
हल-
(i) A = {1, 2, 3, 4, 5, 6} तथा B = {1, 2, 3}
R1 = {(x, y) | x ∈ A, y ∈ B, x = 2}
∴ R1 = {(2, 1), (4, 2), (6, 3)}
(ii) A = {8, 9, 10, 11} तथा B = {5, 6, 7, 8}
R2 = {(x, y) | x ∈ A, y ∈ B, y = x – 2}
y = x – 2 ⇒ x = y + 2
∴ R2 = {(8, 6), (9, 7), (10, 8)}
(iii) A = {0, 1, 2, ……, 10}
2x + 3y = 12 ⇒ x = }
∴ R = {(x, y) | x, y ∈ A, x = }
अतः अभीष्ट सम्बन्ध
R3 = {(6, 0), (3, 2), (0, 4)} = {(0, 4), (3, 2), (6, 0)}
(iv) A = {5, 6, 7, 8} तथा B = {10, 12, 15, 16, 18}
xR4y ⇔ x, y का भाजक है, ⇒
∴ R4 = {(5,10), (5,15), (6, 12), (6, 18), (8, 16)}
प्रश्न 8.
निम्न में से प्रत्येक सम्बन्ध का प्रतिलोम ज्ञात कीजिए :
(i) R = {(2, 3), (2, 4), (3, 3), (3, 2), (4, 2)}
(ii) R = {(x, y) | x, y ∈ N ; x < y}
(iii) R, समुच्चय A = {0, 1, 2, ….., 10} में 2x + 3y = 12 से परिभाषित है।
हल-
(i) R = {(2, 3), (2, 4), (3, 3), (3, 2), (4, 2)}
R-1 = {(3, 2), (4, 2), (3, 3), (2, 3), (2, 4)}
(ii) R = {(x, y) | x, y ∈ N : x < y}
∴ R-1 = {(y, x) | x, y ∈ R, x > y}
(iii) A = {0, 1, 2, ….., 10}, 2x + 3y = 12
⇒
जब y = 0 तब x = 6
जब y = 2 तब x = 3
जब y = 4 तब x = 0
R = {(0, 4), (3, 2), (6, 0)} ⇒ R-1 = {(4, 0), (2, 3), (0, 6)}
Rajasthan Board RBSE Class 11 Maths Chapter 2 सम्बन्ध एवं फलन Ex 2.2
प्रश्न 1.
निम्न सम्बन्धों की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए :
(i) m R1 n ⇔ m तथा n दोनों विषम हैं, ∀ m, n ∈ N
(ii) समुच्चय A के घात समुच्चय (Power set) P(A) में AR2 B ⇔ A ⊆ B, ∀ A, B ∈ P(A)
(ii) त्रिविम समष्टि (Three dimensional Space) में स्थित , सरल रेखाओं के समुच्चय S में L1R3L2 ⇔ L1 तथा L2 समतलीय है, ∀ L1, L2 ∈ S
(iv) a R4 b ⇔ b, से विभाजित हो, ∀ a, b ∈ N
हल-
(i) माना m ∈ N, m एक विषम संख्या है, तो इसलिए m R1
m ⇔ m, m विषम है।
परन्तु यदि m ∈ N सम संख्या हो तो m R1 m ⇒ m, m सम संख्या है।
यदि m ∈ N सम संख्या
अतः R1 स्वतुल्य सम्बन्ध नहीं है।
सममित : माना m, n ∈ N, विषम संख्याओं का समुच्चय है।
mR1n ⇒ m तथा n विषम हैं।
⇒ n तथा m भी विषम होंगे।
⇒ nR1m
इसलिए R1 सममित सम्बन्ध है।
संक्रामक : माना m, n, P ∈ N, विषम संख्याओं का समुच्चय
इसलिए mR1n ⇒ m तथा n विषम हैं।
nR1P ⇒ n तथा P विषम हैं।
⇒ m तथा P भी विषम होंगे।
⇒ mR1P
इसलिए R1 संक्रामक सम्बन्ध है।
(ii) AR2B ⇔ A ⊆ B,∀A, B ∈ P(A) घात समुच्चय
स्वतुल्य : माना A ∈ P(A), घात समुच्चय
AR2A ⇒ A ⊆ A
(चूँकि प्रत्येक समुच्चय स्वयं का उपसमुच्चय होता है।)
इसलिए R2 स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना A, B ∈ P(A), घात समुच्चय
इसलिए AR2B ⇒ A ⊆ B
⇒ B ⊆ A
सममित सम्बन्ध नहीं है।
संक्रामक : माना A, B, C ∈ P(A)
AR2B ⇒ A ⊆ B
और BR2C ⇒ B ⊆ C
⇒ A ⊆ C
⇒ AR2C
∴ R1 एक संक्रामक सम्बन्ध होगा।
(iii) L1R3L2 ⇔ L1 तथा L2 समतलीय है, ∀ L1, L2 ∈ S
स्वतुल्य : माना L1∈ S, S त्रिविमीय तल में सरल रेखाओं का समुच्चय है।
L1R3L1 ⇒ L1 एवं L1 समतलीय हैं।
(चूंकि सापेक्ष रेखा स्वयं के समतलीय होती है।)
इसलिए R3 स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना L1, L2 ∈ S (त्रिविमीय तल में सरल रेखाओं का समुच्चय है ।)
L1R3L2 ⇒ L1 तथा L2 समतलीय हैं।
⇒ L2 तथा L1 भी समतलीय है।
⇒ L2 R1 L1
इसलिए L2 सममित है।
(त्रिविमीय तल में सरल रेखाओं का समुच्चय)
संक्रामक : माना L1, L2, L3 ∈ S
L1R3L2 ⇒ L1 तथा L2 समतलीय हैं।
L2R3L3 ⇒ L2 तथा L3 समतलीय हैं।
⇒ L1 तथा L3 समतलीय नहीं हैं।
∴ R3 संक्रामक सम्बन्ध नहीं है।
(iv) aR4b⇔b, a से भाज्य हो, ∀a, b ∈ N
स्वतुल्य : माना a ∈ N
aR4a ⇒, जो सत्य है।
इसलिए R4 स्वतुल्य सम्बन्ध रखता है।
सममित : माना a, b ∈ N
प्रश्न 2.
अशून्य वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R0 में सम्बन्ध P निम्न प्रकार परिभाषित है :
(i) x P y ⇔ x² + y² = 1
(ii) x P y ⇔ xy = 1
(iii) x P y ⇔ (x + y) एक परिमेय संख्या है।
(iv) x P y ⇔ x/y एक परिमेय संख्या है।
इन सम्बन्धों की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए।
हल-
(i) x P y ⇔ x² + y² = 1, ∀ x, y ∈ R
स्वतुल्य : माना x ∈ R
x P y ⇒ x² + x² = 1, जो कि सम्भव नहीं है।
क्योंकि के अतिरिक्त किसी भी वास्तविक संख्या के वर्ग की दुगुना एक सम्भव नहीं है।
∴P स्वतुल्य सम्भव नहीं है।
सममित : माना x, y ∈ R
x P y ⇒ x² + y² = 1
⇒ y² + x² = 1
⇒ y P x इसलिए P सममित है।
संक्रामक : माना x, y, z ∈ R
x P y ⇒ x² + y² = 1
y P z ⇒ y² + z² = 1
⇒ x² + y² = y² + z²
⇒ x² = z²
उदाहरणार्थ-
-1, 0, 1 ∈ R
-1P0 ⇒ (-1)² + 0² = 1
तथा 0P1 ⇒ 0² + 1² = 1
⇒ -1P1 ⇒ (-1)² + 1² = 2 ≠ 1
इसलिए
इसलिए P संक्रामक नहीं है।
(ii) x P y ⇔ xy = 1
स्वतुल्य : माना x ∈ R0
x P x ⇒ x. x = 1
जो कि सम्भव नहीं है क्योंकि सभी वास्तविक संख्याओं का गुणनफल 1 के बराबर नहीं हो सकता है।
∴ P स्वतुल्य नहीं है।
सममित : माना x, y ∈ R0
x P y ⇒ xy = 1
⇒ y. x = 1
⇒ y P x
∴ P सममित है।
संक्रामक : माना x, y ∈ R0
x P y ⇒ xy = 1
y P z ⇒ yz = 1
⇒ x = 2
⇒ xz = z² ≠ 1
∴ P संक्रामक सम्बन्ध नहीं है।
(iii) x P y ⇔ (x + y) एक परिमेय संख्या है।
स्वतुल्य : x ∈ R
x P x ⇒ x + x = 2x परिमेय संख्या नहीं है।
स्वतुल्य नहीं है।
सममित : x, y ∈ R0
x P y ⇒ (x + y), परिमेय संख्या है।
⇒ (y + x) भी परिमेय संख्या होगी।
⇒ y P x ∴ P सममित सम्बन्ध है।
संक्रामक : x P y = (x + y), परिमेय संख्या है।
y P z ⇒ (y + z), परिमेय संख्या है।
⇒ x + z भी परिमेय संख्या है।
⇒ x P z
∴ P संक्रामक सम्बन्ध है।
(iv) x P y ⇒ एक परिमेय संख्या है।
स्वतुल्य : x ∈ R
प्रश्न 3.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में एक सम्बन्ध Rनिम्न प्रकार परिभाषित है : (a, b) ∈ R1 ⇔ 1 + ab > 0, ∀a, b ∈ R सिद्ध कीजिए कि R1 स्वतुल्य एवं सममित है परन्तु संक्रामक नहीं है।
हल-
a R1 b ⇔ 1 + a. b > 0 ∀ a, b ∈ R
स्वतुल्य : माना a ∈ R
a R1 a ⇒ 1 + a. a ⇒ 1 + a² > 0
चूँकि a² ≥ 0 ∀ a ∈ R
इसलिए R एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना a, b ∈ R
a R1 b ⇒ 1 + a. b > 0
⇒ 1 + b , a > 0
⇒ b R1 a
इसलिए R1 सममित है।
संक्रामक : माना a, b, c ∈ R
प्रश्न 4.
N प्राकृत संख्याओं का समुच्चय है। यदि N x N में कोई सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित हो कि (a, b) R (c, a) ⇔ ad = bc ∀ (a, b), (c, d) ∈ N x N तो सिद्ध कीजिए कि
R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
हल-
N प्राकृत संख्याओं का समुच्चय है।
यदि N x N में कोई सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि (a, b) R (c, d) ⇔ ad = bc ∀ (a, b), (c, d) ∈ N x N
(i) स्वतुल्य : माना (a, b) ∈ N
(a, b) R (a, b) ⇒ ab = ba
∴ R स्वतुल्य है।
(ii) सममित : a, b, c, d ∈ N
(a, b) R (c, d) ⇒ ad = bc
⇒ bc = ad
⇒ cb = da
⇒ (c, d) R (a, b)
∴ R सममित है।
(iii) संक्रामक : a, b, c, d, e, f ∈ N
(a, b) R (c, d) ⇒ ad = bc
(c, d) R (e, f) ⇒ cf = de
⇒ adcf = bcde
⇒ af = be
⇒ (a, b) R (e, f)
∴ R संक्रामक है।
चूंकि R यहाँ पर स्वतुल्य, सममित एवं संक्रामक है, अतः R तुल्यता सम्बन्ध होगा।
प्रश्न 5.
अशून्य परिमेय संख्याओं के समुच्चय Q0 में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि a R b ⇔ a = 1/b, ∀ a, b ∈ Q0. क्या R एक तुल्यता सम्बन्ध है?
हल-
a R b ⇔ a = , ∀a, b ∈ Q0
स्वतुल्य : माना a ∈ Q0
a R a ⇒ a = जो कि सम्भव नहीं है।
∴ R स्वतुल्य नहीं है।
सममित : माना a, b ∈ Q0
इसलिए R संक्रामक नहीं है।
चूँकि R, स्वतुल्य एवं संक्रामक नहीं है, अतः R तुल्यता सम्बन्ध नहीं होगा।
प्रश्न 6.
माना X = {(a, b)| a, b ∈ R} जहाँ I पूर्णाकों का समुच्चय है। x पर एक सम्बन्ध R, निम्न प्रकार परिभाषित है : (a, b) R1 (c, d) ⇔ b – a = a – c सिद्ध कीजिए कि R1 एक तुल्यता सम्बन्ध है।
हल-
(a, b) R1 (c, d) ⇔ b – a = a – c, ∀ (a, b) ∈ X
स्वतुल्य : माना (a, b) ∈ X
(a, b) R1 (a, b) = b – b = a – a
⇒ 0 = 0 जो कि सत्य है।
∴ R1 स्वतुल्य है।
सममित : माना (a, b), (c, d), ∈ X
∴ (a, b) R1 (c, d) ⇒ b – a = a – c
⇒ – (d – b) = – (c – a)
⇒ d – b = c – a
⇒ (c, d) R1 (a, b)
∴ R1 सममित है।
संक्रामक : माना (a, b), (c, d) तथा (e,f) ∈ X
(a, b) R1 (c, d) ⇒ b – a = a – c
एवं (c, d) R1 (e, f) ⇒ d – f = c – e
⇒ b – d + d – f = a – c + c – e
⇒ b – f = a – e
⇒ (a, b) R1 (e, f)
∴ R1 संक्रामक है।
चूंकि R1, स्वतुल्य, सममित एवं संक्रामक सम्बन्ध है, अतः R1
तुल्यता सम्बन्ध होगा।
प्रश्न 7.
एक समतल में स्थित त्रिभुजों के समुच्चय T में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि xRy ⇔ x,y के सदृश्य है। सिद्ध कीजिए R एक तुल्यतो सम्बन्ध है।
हल-
त्रिभुजों के समुच्चय T में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है।
कि xRy ⇔ x,y के सदृश्य है।
स्वतुल्य : माना x ∈ T
इसलिए x R x ⇒ x, x के सदृश्य है।
चूँकि प्रत्येक त्रिभुज स्वयं के समरूप अर्थात् सदृश्य होता है।
अतः सम्बन्ध R एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना x, y ∈ T
x R y ⇒x, y के सदृश्य है।
⇒ y, x के सदृश्य है।
⇒ yRx
इसलिए R सममित सम्बन्ध है।
संक्रामक : माना x, y, z ∈ T
xRy ⇒x,y के समरूप अर्थात् सदृश्य है।
और y R z ⇒y, z के समरूप अर्थात् सदृश्य है।
⇒x, z के सदृश्य होगा।
⇒x R z
इसलिए R एक संक्रामक सम्बन्ध है।
चूँकि R, स्वतुल्य, सममित एवं संक्रामक सम्बन्ध है, अतः R एक तुल्यता सम्बन्ध होगा।
प्रश्न 8.
माना A = {1, 2, 3} A में एक सम्बन्ध R निम्न प्रकार परिभाषित है : R = {(1, 1), (1, 2), (2, 1), (2, 2), (3, 3), (1, 3), (3, 1), (2, 3), (3, 2)} । R की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए।
हल-
A = {1, 2, 3} में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि R = {(1,1), (1, 2), (2, 1), (2, 2), (3, 3), (1, 3), (3, ), (2, 3), (3, 2)} स्वतुल्य : स्वयं का स्वयं से तत्पश्चात् किसी अन्य से सम्बन्ध स्वतुल्य सम्बन्ध कहलाता है।
चूँकि R में 1R1, 2R2, 3R3, अतः R.एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : सम्बन्ध R में 1R2 ⇒ 2R1 विद्यमान है।
1R3 ⇒ 3R1
2R3 ⇒ 3R2
अतः दिया गया सम्बन्ध R सममित है।
संक्रामक : सम्बन्ध R में
1R2 तथा 2R3 ⇒ 1R3
2R1 तथा 1R3 ⇒ 2R3
1R1 तथा 3R2 ⇒ 1R2
सम्बन्ध विद्यमान है, अतः दिया गया सम्बन्ध R संक्रामक होगा।
प्रश्न 9.
अशून्य सम्मिश्र संख्याओं के समुच्चय C0 में एक सम्बन्ध R निम्न प्रकार परिभाषित है :
वास्तविक है। सिद्ध कीजिए कि R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
हल-
z1, z2 ∈ C0 के लिए
∴ R एक संक्रामक सम्बन्ध है।
∵ R, स्वतुल्य, सममित एवं संक्रामक सम्बन्ध है, अतः R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
प्रश्न 10.
यदि R, समुच्चयों के समूह में “A, B से असंयुक्त (Disjointed) है” द्वारा परिभाषित सम्बन्ध हो तो R की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए।
हल-
दिया गया है।
A R B ⇔ A, B से असंयुक्त है,
A, B ∈ X अर्थात्
A∩B = Φ
स्वतुल्य : माना A ∈ X
A R A ⇒ A, A से असंयुक्त है, जो कि सम्भव नहीं है। क्योंकि A∩A = A
∴ ARA ⇒ R स्वतुल्य सम्बन्ध नहीं है।
सममित : माना A, B ∈ X
A R B ⇒ A, B से असंयुक्त है, अर्थात् A ∩ B = Φ
⇒B, A से असंयुक्त है, क्योंकि B∩A = Φ
⇒B R A ∀ A, B ∈ X
∴ R एक सममित सम्बन्ध है।
संक्रामक : माना A, B, C ∈ X
A R B ⇒ A, B से असंयुक्त है।
B R C ⇒ B, C से असंयुक्त है।
⇒ A, C से असंयुक्त हो आवश्यक नहीं है।
∴ R संक्रामक सम्बन्ध नहीं है।
प्रश्न 11.
प्राकृत संख्याओं के समुच्चय N में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि aRb यदि a,b का भाजक है। सिद्ध कीजिए। कि R एक आंशिक क्रम सम्बन्ध है परन्तु एक पूर्ण क्रम सम्बन्ध
नहीं है।
हल-
(i) प्राकृत संख्याओं के समुच्चय N में एक सम्बन्ध R इस प्रकार से परिभाषित है कि a R b ⇔, a, b का भाजक है।
स्वतुल्य : माना a ∈ N
माना a R a ⇒ = 1,
चूंकि हम जानते हैं कि प्रत्येक प्राकृत संख्या स्वयं से भाज्य होती है।
अतः R एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना a, b ∈ N
माना a R b ⇒ = λ. (माना) जहाँ पर λ पूर्णांक है।
b R a ⇒ a, b से तभी भाज्य होगा, जब a = b हो।
अर्थात् सम्बन्ध R प्रति सममित होगा।
संक्रामक : माना a, b, c ∈ N
⇒aRc
∴ R एक संक्रामक सम्बन्ध है।
∵ R एक स्वतुल्य, प्रति सममित एवं संक्रामक सम्बन्ध है, अतः R आंशिक क्रम सम्बन्ध होगा।
(ii) 6∈ {3, 6, 9, 18, 27} एवं 9∈ {3, 6, 9, 18, 27} में क्रमित
युग्म (6, 9) ∉ R एवं (9, 6) ∉ R
और 6 ≠ 9 में एक भी सत्य नहीं है अतः R एक आंशिक क्रम सम्बन्ध है, परन्तु पूर्णक्रम सम्बन्ध नहीं है।
प्रश्न 12.
बताइए कि N के निम्न उपसमुच्चय सम्बन्ध x, y को विभाजित करता है के लिए पूर्णतया क्रमित समुच्चय है या नहीं :
(i) {2, 4, 6, 8……}
(ii) {0, 2, 4, 6……}
(iii) {3, 9, 5, 15…….}
(iv) {5, 15, 30}
(v) {1, 2, 3, 4}
(vi) {a, b, ab}, ∀a, b ∈ R
हुल-
(i) पूर्णतया क्रमित समुच्चय नहीं है।
(ii) पूर्णतया क्रमित समुच्चय नहीं है।
(iii) पूर्णतया क्रमित समुच्चय नहीं है।
(iv) पूर्णक्रम सम्बन्ध नहीं है क्योंकि यहाँ सम्बन्ध सममित नहीं है जिसका कारण है कि 5R15 ⇒ 5, 15 को विभाजित करता है, जबकि 15, 5 को विभाजित नहीं करता है, अर्थात्
(v) पूर्णक्रम समुच्चय नहीं है।
(vi) पूर्णक्रम समुच्चय नहीं है।
Rajasthan Board RBSE Class 11 Maths Chapter 2 सम्बन्ध एवं फलन Ex 2.3
प्रश्न 1.
कारण सहित बताइए कि निम्न सम्बन्धों में कौनसे फलन हैं और कौनसे नहीं :
(a) {(1, 2), (2, 3),(3, 4), (2, 1)}
(b) {(a, 0), (b, 0), (c, 1), (d, 1)}
(c) {(1, a), (2, 6), (1, b), (2, a)}
(d) {(a, a), (b, b), (c, c)}
(e) {(a, b)}
(f) {(4, 1), (4, 2), (4, 3), (4, 4)}
(g) {(1, 4), (2, 4), (3, 4), (4, 4)}
(h) {(x, y) | x, y ∈ R ∧ y² = x}
(i) {(x, y) | x, y ∈ R ∧ x² = y}
(j) {(x, y) | x, y ∈ R ∧ x = y³}
(k) {(x, y) | x, y ∈ R ∧ y = x³}
हल-
(a) फलन नहीं हैं, क्योंकि दिये गए सम्बन्ध में समुच्चय A के अवयव 2 का समुच्चय B में दो प्रतिबिम्ब हैं जो कि परिभाषा के अनुसार सम्भव नहीं है।
(b) फलन है क्योंकि समुच्चय A के प्रत्येक अवयव का समुच्चय B में भिन्न-भिन्न प्रतिबिम्ब है।
(c) फलन नहीं है क्योंकि अवयव 1 एवं 2 के समुच्चय B में दो प्रतिबिम्ब हैं, जो कि सम्भव नहीं है।
(d) फलन है। यह तत्समक फलन भी कहलाता है, क्योंकि A का प्रत्येक अवयव स्वयं का प्रतिबिम्ब है।
(e) फलन है।
(f) फलन नहीं है, क्योंकि 4 के एक से अधिक प्रतिबिम्ब समुच्चय B में सम्भव नहीं हैं।
(g) फलन है। इसे अचर फलन भी कहते हैं
(h) यह फलन नहीं है क्योंकि y = √x में x ∈ -1 का कोई प्रतिबिम्ब y में विद्यमान नहीं होगा। अर्थात् समुच्चय A के सभी ऋणात्मक अवयव खाली रहेंगे।
(i) यह फलन है क्योंकि y = x² के लिए x ∈R के प्रत्येक अवयव का समुच्चय B में विद्यमान होगा तथा किसी भी अवयव के दो प्रतिबिम्ब नहीं हैं।
(j) यह फलन है क्योंकि y = x1/3 के लिए x ∈ R का अद्वितीय प्रतिबिम्ब समुच्चय B में विद्यमान है।
(k) यह फलन है क्योंकि y = x³ के लिए x ∈ R का प्रतिबिम्ब समुच्चय B में विद्यमान है तथा अद्वितीय है।
प्रश्न 2.
यदि f: R → R, f(x) = x² हो तो ज्ञात कीजिए :
(i) f का परिसर
(ii) {x |f(x) = 4}
(iii) {y |f(y) = -1}
हल-
(i) दिया है।
f: R → R, f(x) = x²
∴ f(1) = 1² = 1, f(-1) = (-1)² = 1
f(2) = 2² = 4, f(-2) = (-2)² = 4
अर्थात् x ∈ R के लिए f(x) वास्तविक धनात्मक संख्याओं का समुच्चय प्राप्त होगा अर्थात् R+ अर्थात् {x ∈ R| 0 < x < ∞ }
(ii) दिया गया है।
f(x) = x²
∴f(2) = 2² = 4
f(-2) = (-2)² = 4
⇒ x = ± 2 ⇒(2, -2)
(iii) दिया है f(x) = x²
⇒ f(y) = y² = -1
⇒ y = √-1 ∉ R
∴ रिक्त समुच्चय या Φ या { }
प्रश्न 3.
माना A = {-2, -1, 0, 1, 2} तथा फलन f, A से R में f(x) = x² + 1 द्वारा परिभाषित है। f का परिसर ज्ञात कीजिए।
हल-
A = {-2, -1, 0, 1, 2}
f: A → R, f(x) = x² + 1
f(-2) = (-2)² + 1 = 4 + 1 = 5,
f(-1) = (-1)² + 1 = 1 + 1 = 2
f(0) = 0 + 1 = 1, f(1) = 1 + 1 = 2
f(2) = 4 + 1 = 5
इसलिए f का परिसर = {1, 2, 5}
प्रश्न 4.
माना A = {-2, -1, 0, 1, 2} तथा f: A→ Z, जहाँ f(x) = x² + 2x – 3 तब ज्ञात कीजिए :
(i) f का परिसर
(ii) 6, -3 तथा 5 के पूर्व-प्रतिबिम्ब
हल-
(i) A = {-2, -1, 0, 1, 2}
f: A → Z, f(x) = x² + 2x – 3
x के मान रखने पर।
f(-2) = (-2)² + 2(-2) – 3 = 4 – 4 – 3 = -3
f(-1) = (-1)² + 2(-1) – 3 = 1 – 2 – 3 = -4
f(0) = 0 + 2 x 0 – 3 = 0 + 0 – 3 = -3
f(1) = 1² + 2 x 1 – 3 = 1 + 2 – 3 = 0
f(2) = (2)² + 2 x 2 – 3 = 4 + 4 – 3 = 5
∴ f का परिसर = {-4, -3, 0, 5}
(ii) 6 का पूर्व प्रतिबिम्ब = Φ, क्योंकि 6 किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
-3 का पूर्व प्रतिबिम्ब = {-2, 0} = {0, -2}
5 का पूर्व प्रतिबिम्ब = 2
प्रश्न 5.
यदि f: R → R, जहाँ f(x) = ex तब ज्ञात कीजिए :
(a) R का f-प्रतिबिम्ब समुच्चय
(b) {y |f(y) = 1}
(c) क्या (x + y) = f(x) f(y) सत्य है?
हल-
(a) f: R → R, f(x) = ex
x के प्रत्येक मान के लिए f(x) का मान हमें धनात्मक प्राप्त होगा।
अतः R का f-प्रतिबिम्ब समुच्चय अर्थात् परिसर = वास्तविक धनात्मक संख्याओं का समुच्चय = R+
(b) f(y) = ey = 1
⇒ loge ey = log 1
y loge e = log 1 = 0
∴ y = {0}
(c) f(x + y) = ex+y = ex . ey = f(x) . f(y)
जो कि सत्य है।
प्रश्न 6.
यदि f: R+ → R जहाँ f(x) = log x, जहाँ R+ धनात्मक वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है, तो ज्ञात कीजिए :
(a) f(R+)
(b) {y |,f(y) = -2}
(c) क्या f(x .y) = f(x) + f(y) सत्य है?
हल
(a) f: R+ → R, f(x) = log x
∴ f(R+) = log R+ = R+ संख्याओं का समुच्चय
(b) f(y) = log y = -2
⇒ y = e-2 ∴ y = {e-2}
(c) f(xy) = log (xy) = log x + log y
= f(x) + f(y) जो कि सत्य है।
प्रश्न 7.
यदि
R से R में एक फलन है तो f का परिसर ज्ञात कीजिए।
हल-
दिया गया है।
y ≥ 0, y ≠ 1 तथा 1 – y > 0
y ≥ 0, y ≠ 1, y < 1
f का परिसर 0 ≤ y < 1
अतः f का परिसर = { y = f(x) | 0 ≤ y < 1}
प्रश्न 8.
क्या g= {(1,1), (2, 3), (3, 5), (4, 7)} एक फलन है? । यदि g को g(x) = αx + β सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाए तो α तथा β के मान ज्ञात कीजिए।
हल-
प्रश्नानुसार g = {(1, 1), (2, 3), (3, 5), (4, 7)}
यहाँ पर g एक फलन है, क्योंकि प्रत्येक अवयव 1, 2, 3, 4 के प्रतिबिम्ब 1, 3, 5, 7 है।
⇒ g(1) = 1, g(2) = 3, g(3) = 5, g(4) = 7
समीकरण g(x) = αx + β
x = 1 रखने पर g(1) = α + β = 1
x = 2 रखने पर g(2) = 2α + β = 3
अत: हमें समीकरण प्राप्त हुए | 0 + 5 = 1
α + β = 1….(1)
2α + β = 3 ….(2)
समीकरण (2) में से (1) को घटाने पर
α = 2
α का मान समी. (1) में रखने पर हमें प्राप्त होता है।
β = -1
∴ α = 2 तथा β = -1 होगा।
प्रश्न 9.
अचर फलन तथा चिह्न फलन में अन्तर बताइए।
हल-
(i) अचर फलन–y = f(x) = c, जहाँ c एक अचर है और प्रत्येक x ∈ R द्वारा परिभाषित एक वास्तविक मान फलन f: R → R है यहाँ पर फलन f का प्रान्त R है और उसका परिसर {c} है। फलन का ग्राफ x अक्ष के समान्तर एक रेखा प्राप्त होती है।
(ii) चिह्न फलन–प्रत्येक x ∈ R के लिए
द्वारा परिभाषित फलन f: R→R चिह्न फलन कहलाता है। चिह्न फलन का प्रान्त R है और परिसर {-1, 0, 1} है।
Rajasthan Board RBSE Class 11 Maths Chapter 2 सम्बन्ध एवं फलन Ex 2.4
प्रश्न 1.
कारण सहित निम्न फलनों का एकैकी, बहु-एकी, अन्तर्केपी अथवा आच्छादक रूप में वर्गीकरण कीजिए :
(i) f: Q → Q, f(x) = 3x + 7
(ii) f: C → R, f(x + iy) = x
(iii) f: R [-1, 1], f(x) = sin x
(iv) f: N → Z, f(x) = |x|
हल-
(i) माना x1, x2 ∈ Q
यहाँ पर Q परिमेय संख्याओं का समुच्चय है।
f(x1) = f(x2)
तब 3x1 + 7 = 3x2 +7
⇒ 3x1 = 3x2
⇒ x1 = x2
∴ फलन एकैकी है।
पुनः ∀ x ∈ Q के लिए
= f(x) = 3x +7
⇒ 3x = y – 7 ⇒
अर्थात् सहप्रान्त में y ∈ Q के प्रत्येक अवयव का पूर्व प्रतिबिम्ब प्रान्त Q में विद्यमान है, अतः दिया गया फलन आच्छादक होगा।
अतः f एकैकी-आच्छादक फलन है।
(ii) f: C→ R, (x + iy) = x
एकैकी : माना x + iy1 व x + iy2 ∈ C
2 + iy1 ≠ x + iy2
f(x + iy1) = x = f(x + iy2)
अवयव अलग होने पर भी प्रतिबिम्ब समान प्राप्त हुआ।
अतः फलन f बहु-एकैकी होगा।
आच्छादक : y = f(x + iy) = x अर्थात् समुच्चय B ∈ R का
पूर्व प्रतिबिम्ब समुच्चय C (सम्मिश्र संख्या) होना चाहिए।
∵प्रत्येक R को सम्मिश्र संख्या के रूप में व्यक्त किया जा सकता है अर्थात् समुच्चय B में यहाँ पर कोई भी अवयव खाली नहीं। होगा। अतः दिया गया फलन आच्छादक होगा।
अतः दिया गया फलने बहु, एकैकी-आच्छादक होगा।
(iii) f: R → [-1, 1], f(x) = sin x
एकैकी : माना 0, π ∈ R
0 ≠ π
लेकिन f(0) = sin 0 = 0 और f(π) = sin π = 0
⇒ f(0) = f(π) = 0
अर्थात् अलग-अलग अवयवों का एक ही प्रतिबिम्ब है। अतः दिया गया फलन बहु-एकैकी है।
आच्छादक : y = f(x) = sin x
x = sin-1 y अर्थात् y ∈ [-1, 1]
के प्रत्येक अवयव का पूर्व प्रतिबिम्ब प्रान्त R में विद्यमान है, अतः दिया गया फलन आच्छादक है।
अतः फलन f बहुएकैकी-आच्छादक है।
(iv) f: N → Z, f(x) = |x|
एकैकी : माना x1, x2 ∈ N
x1 = x2
|x1| = |x2|
f(x1) = f(x2)
इसलिए फलन f एकैकी है।
‘पुनः फलन f आच्छादक नहीं है, चूंकि प्रत्येक ऋणात्मक संख्या – x ∈ Z का प्रान्त N में कोई ऐसा अवयव नहीं है जिसका प्रतिबिम्ब (-x) हो, अर्थात् f(z) ≠ – x, क्योंकि |z| हमेशा एक धनात्मक संख्या होती है अर्थात् समुच्चय B में ऋणात्मक संख्याएँ सभी खाली होंगी। अतः फलन f अन्तर्केपी फलन होगा। अतः f एकैकी-अन्तर्केपी फलन है।
प्रश्न 2.
यदि A = {x} – 1 ≤ x ≤ 1} = B तो A से B में परिभाषित निम्न फलनों के लिए बताइए कि कौनसे एकैकी, आच्छादक अथवा एकैकी आच्छादक हैं :
(i) f(x) =
(ii) g(x) = |x|
(ii) h(x) = x²
(iv) k(x) = sin π x
हल-
(i) माना x1, x2, ∈A
तब f(x1) = f(x2)
अतः फलन आच्छादक नहीं है। अर्थात् अन्तर्चेपी है।
अतः फलन f एकैकी अन्तौंपी है।
(ii) g(x) = |x|
माना x1, x2 ∈ A
अर्थात् दो भिन्न-भिन्न अवयवों का एक ही प्रतिबिम्ब है, अत: दिया गया फलन बहुएकैकी होगा। पुनः |x| सदैव धनात्मक वास्तविक संख्या होती है।
अतः g का परिसर g(A) = {x | x ∈ A}
= {x | 0≤x≤1} ≠ B (सहप्रान्त)
अर्थात् सहप्रान्त B में ,-1 का कोई पूर्व प्रतिबिम्ब नहीं है,
अतः ये अवयव, B समुच्चय में खाली हैं।
अतः फलन g अन्तर्धेपी फलन होगा।
अतः फलन g बहुएकैकी-अन्तर्धेपी है।
(iii) h(x) = x²
माना x1, x2, ∈ A दो ऐसे अवयव हैं कि
1 ≠ – 1 परन्तु h(1) = 1 = h(-1)
अर्थात् समुच्चय A के भिन्न-भिन्न अवयवों 1,-1, का समुच्चय B में एक ही प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है। अतः दिया गया फलन (h) बहुएकैकी फलन होगा।
पुनः y = h(x) = x²
⇒ x = √y, अर्थात् y ∈ B के अवयव – 1 का पूर्व प्रतिबिम्ब
√-1 ∉ A प्राप्त हुआ है। अर्थात् समुच्चय B के अवयव -1 का समुच्चय A में कोई पूर्व प्रतिबिम्ब नहीं है, अतः फलन (h) अन्तर्चेपी होगा।
इसलिए फलन h बहुएकैकी-अन्तर्चेपी है।
(iv) k(x) = sin π x.
-1, 1 ∈ A ऐसी संख्याएँ हैं जिसमें -1 ≠ 1
परन्तु k(-1) = sin (-π) = 0 और k(1) = sin π = 0
⇒ k(-1) = k(1)
अतः फलन k बहुएकैकी है।
पुनः समुच्चय A का परिसर
= k(A) = {sin π x | x ∈ A}
= {(x | -1≤x≤1)}
= B (सहप्रान्त)
अर्थात् समुच्चय B के प्रत्येक अवयव का पूर्ण प्रतिबिम्ब समुच्चय A में विद्यमान है, अतः फलन f आच्छादक है।
इसलिए फलन k बहुएकैकी-आच्छादक है।
प्रश्न 3.
यदि f: C → C, f(x + iy) = (x – iy) हो तो सिद्ध कीजिए कि f एक एकैकी आच्छादक फलन है।
हल-
f: C → C, f(x + iy) = (x – iy)
माना f(x1 + iy) = (x2 + iy)
⇒ x1 – iy = x2 – iy
⇒ x1 = x2
इसलिए फलन f एकैकी है।
आच्छादक : (x + iy) = y = x – iy, अर्थात् समुच्चय B ∈ C के प्रत्येक अवयव का पूर्व प्रतिबिम्ब संयुग्मी सम्मिश्र राशि प्राप्त होगी, जो कि समुच्चय A में विद्यमान है, अतः दिया गया फलन आच्छादक होगा।
अतः फलन f एकैकी-आच्छादक है।
प्रश्न 4.
निम्न प्रकार के फलनों का एक-एक उदाहरण दीजिए :
(i) एकैकी अन्तर्केपी
(ii) बहु-एकी आच्छादक
(iii) आच्छादक पर एकैकी नहीं
(iv) एकैकी पर आच्छादक नहीं
(v) न एकैकी न आच्छादक
(vi) एकैकी आच्छादक
हल-
(i) एकैकी अन्तक्षेपी-एक फलन f, समुच्चय A से समुच्चय B में एकैकी अन्तक्षेपी फलन कहलाता है, यदि f एकैकी के साथसाथ अन्तर्चेपी भी हो, अर्थात् यदि A के भिन्न-भिन्न अवयवों के, B में भिन्न-भिन्न f-प्रतिबिम्ब हो तथा B में कम से कम एक अवयव ऐसा हो, जो A के किसी भी अवयव का f-प्रतिबिम्ब नहीं हो । अत; f: A → B एकैकी अन्तर्चेपी है, यदि और केवल यदि (iff) a ≠ b ⇒ f(a) ≠ f(b), a, b ∈ A तथा f(A) ≠ B
उदाहरणार्थ- f: I → I, f(x) = 2x – 3.
एकैकी : माना x1, x2 ∈ I
माना x1 ≠ x2
2x1 ≠ 2x2
2x1 – 3 ≠ 2x2 – 3
f(x1) ≠ f(x2)
∴ f एकैकी है।
पुनः y = f(x) = 2x – 3
2x = y + 3
अर्थात् समुच्चय B में y = 2, 4 ∈ I का पूर्व प्रतिबिम्ब एवं प्राप्त होंगे, जबकि , ∈ I अर्थात्, समुच्चय B में 2, 4, 6 अवयव ऐसे हैं, जिनके पूर्व प्रतिबिम्ब समुच्चय A में विद्यमान नहीं हैं, अतः फलन अन्तर्चेपी होगा।
इस प्रकार फलन एकैकी अन्तक्षेपी होगा।
(ii) बहु-एकी आच्छादक–एक फलन f, समुच्चय A से समुच्चय B में बहु-एकी आच्छादक फलन कहलाता है यदि f बहु-एकी के साथ-साथ आच्छादक भी हो अर्थात् यदि A के दो या दो से अधिक अवयवों के B में एक ही f-प्रतिबिम्ब हो तथा B का प्रत्येक अवयव A के किसी न किसी अवयव का f प्रतिबिम्ब हो।
f: R → R+, f(x) = x²
माना -1, 1 ∈ R, दो ऐसे अवयव हैं कि -1 ≠ 1
परन्तु f(-1) = 1 तथा f(1) = 1
f(-1) = f(1)
अर्थात् दो अलग-अलग अवयवों का एक ही प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है, अतः फलन f बहुएकैकी है।
पुनः y = f(x) = x²
x = √y
अर्थात् y ∈ R+ के प्रत्येक अवयव का पूर्व प्रतिबिम्ब R प्राप्त होता है, जो कि सैट A में विद्यमान है, अतः दिया गया फलन आच्छादक है।
इसलिए फलन f बहुएकैकी-आच्छादक है।
(iii) आच्छादक पर एकैकी नहीं।
समस्त n ∈ N के लिए।
द्वारा परिभाषित फलन एक फलन f: N → N है। जो कि आच्छादक फलन है पर एकैकी नहीं है।
3, 4 ∈ N दो ऐसे अवयव हैं कि 3≠4
परन्तु f(3) = तथा f(4) = = 2
f(3) = f(4)
अतः फलन f एकैकी नहीं है।
पुनः f(1) = 1, f(3) = 2, f(5) = 3, ……. f(2n – n) = n
एवं f(2) = 1, f(4) = 2, f(6) = 3, ………f(2n) = n इत्यादि।
अर्थात् f का परिसर = N = सहप्रान्त
अतः फलन f आच्छादक है।
(iv) एकैकी पर आच्छादक नहीं
f(x) = 2x द्वारा प्रदत्त फलन f: N → N एकैकी है किन्तु आच्छादक नहीं है।
f: N → N, f(x) = 2x जहाँ N = {1, 2, 3, 4, …..}
एकैकी : माना x1, x2 ∈ N इस प्रकार है कि
f(x1) = f(x2)
f(x1) = f(x2)
2x1 = 2x2
x1 = x2 ∀ x1 x2, ∈ N
∴ f एकैकी फलन है।
आच्छादक : माना y = f(x) = 2x
⇒
अब y ∈ N में से y = 1 का पूर्व प्रतिबिम्ब x = ∉ N अर्थात् सहप्रान्त के अवयव 1 का प्रान्त में कोई पूर्व प्रतिबिम्ब विद्यमान नहीं है। अतः फलन आच्छादक नहीं है।
(v) न एकैकी न आच्छादक,
f: R → R, f(x) = x²
एकैकी : 1, -1 ∈ R
f(1) = 1² = 1 और f(-1) = (-1)² = 1
अतः f(1) = f(-1)
परन्तु f(1) = f(-1) परन्तु 1 ≠ -1
अतः फलन एकैकी नहीं है।
आच्छादक : माना y = f(x) = x²
x = √y
अर्थात् सहप्रान्त R में स्थित अवयव -1 का पूर्व प्रतिबिम्ब प्रान्त R में विद्यमान नहीं है। सभी ऋणात्मक वास्तविक संख्याओं के पूर्व प्रतिबिम्ब विद्यमान नहीं हैं। अतः फलन आच्छादक नहीं होगा। अतः उपरोक्त फलन f न एकैकी है और न ही आच्छादक है।
(vi) एकै की आच्छादक
अतः प्रत्येक y का पूर्व प्रतिबिम्ब प्रान्त R-{-1} में विद्यमान है।
अतः f आच्छादक फलन है।
प्रश्न 5.
सिद्ध कीजिए कि f: R → R, f(x) = cos x एक बहु-एकी अन्तक्षेपी फलन है। f के प्रान्त तथा सहप्रान्त को इस प्रकार परिवर्तित कीजिए कि f हो जाए :
(i) एकैकी अन्तर्केपी
(ii) बहु-एकी आच्छादक
(iii) एकैकी आच्छादक।
हल-
f: R → R, f(x) = cos x
माना 0, 2π ∈ R, दो अवयव इस प्रकार हैं कि 0 ≠ 2π परन्तु f(0) = cos 0 = 1 एवं f(2π) = cos 2π = 1
इस प्रकार f(0) = f(2π) = 1
अतः f बहु एकैकी फलन है।
पुनः y = f(x) = cos x
⇒ x = cos-1 y
अर्थात् समुच्चय B में y ∈ 3 का पूर्व प्रतिबिम्ब समुच्चय A में विद्यमान नहीं है, अतः दिया गया फलन अन्तक्षेपी होगा।
(i) एकैकी अन्तक्षेपी : f[0, π] → R, f(x) = cos x
(ii) बहु एकैकी आच्छादक : f: R → [-1, 1], f(x) = cos x
(iii) एकैकी आच्छादक : f: [0, π] → [-1, 1], f(x) = cos x
प्रश्न 6.
यदि N = {1, 2, 3, 4,……}, O = {1, 3, 5, 7, …..}, E = {2, 4, 6, 8, ……} तथा f1,f2, निम्न प्रकार परिभाषित फलन हो : f1 : N → O, f1(x) = 2x – 1; f2: N → E, f2(x) = 2x तो सिद्ध कीजिए कि f1 तथा f2 एकैकी आच्छादक है।
हल-
f1: N → O, f1(x) = 2x – 1
माना x1, x2 ∈ N
माना
x1 = x2
2x1 = 2x2
2x1 – 1 = 2x2 – 1
f(x1) = f(x2)
अतः फलन एकैकी है।
पुनः y = f1(x) = 2x – 1
⇒ y + 1 = 2x
∴ , अर्थात् y ∈ 0 के प्रत्येक अवयव का पूर्व प्रतिबिम्ब समुच्चय A में विद्यमान है, अतः दिया गया फलन आच्छादक होगा।
(b) f2: N → E, f2(x) = 2x
माना x1, x2 ∈ N
माना x1 = x2
2x1 = 2x2
f(x1) = f(x2)
∴ f फलन एकैकी है।
y = f(x) = 2x
⇒
अर्थात् समुच्चय B में y ∈ E के प्रत्येक अवयव का पूर्व प्रतिबिम्ब समुच्चय A में विद्यमान है, अतः दिया गया फलन f आच्छादक होगा।
प्रश्न 7.
‘यदि फलन f वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R से R में निम्न प्रकार परिभाषित है तो कारण सहित उनका एकैकी, बहु-एकी, अन्तक्षेपी अथवा आच्छादक के रूप में वर्गीकरण कीजिए :
(i) f(x) = x²
(ii) f(x) = x³
(iii) f(x) = x³ + 3
(iv) f(x) = x³ – x
हल-
(i) f: R → R, f(x) = x²
माना -1, 1 ∈ R ऐसे दो अवयव हैं कि -1 ≠ 1
परन्तु f(-1) = (-1)² = 1 और f(1) = 1² = 1
⇒ f(-1) = f(1)
अर्थात् समुच्चय A के दो अलग-अलग अवयवों का समुच्चय B में एक ही प्रतिबिम्ब है, अतः दिया गया फलन बहु-एकैकी है।
पुनः y = f(x) = x²
∴ x = √y
अर्थात् y ∈ R को अवयव (-1) का समुच्चय A में कोई पूर्व प्रतिबिम्ब विद्यमान नहीं है। ∵ √-1 एक काल्पनिक संख्या है।
इसलिए फलन f बहु-एकैकी अन्तर्केपी है।
(ii) f: R → R, f(x) = x³
माना x1, x2 ∈ R
माना x1 = x2
⇒ x13 = x23
⇒ f(x1) = f(x2)
∴ फलन f एकैकी है।
पुनः y = f(x) = x³
∴ x = (y)1/3 अर्थात् समुच्चय B में y ∈ R के प्रत्येक अवयव का पूर्व प्रतिबिम्ब समुच्चय A में विद्यमान है, अर्थात् वास्तविक संख्या प्राप्त हो रही है। अतः दिया गया फलन
आच्छादक है।
∴ फलन f एकैकी-आच्छादक है।
(iii) f: R → R, f(x) = x³ + 3
माना x1, x2 ∈ R
माना x1 = x2
⇒ x13 = x23
⇒ x13 + 3 = x23 + 3
f(x1) = f(x2)
इसलिए फलन f एकैकी है।
पुनः y = x³ + 3 ⇒ x = y – 3
∴ x = (y – 3)1/3
अर्थात् सहप्रान्त R में y के प्रत्येक अवयव का पूर्व प्रतिबिम्ब समुच्चय A में विद्यमान है, अत: दिया गया फलन आच्छादक है। इसलिए फलन एकैकी-आच्छादक है।
(iv) f: R → R, f(x) = x³ – x = x(x² – 1) = x(x – 1)(x + 1)
दिया गया फलन एकैकी होगा यदि x-अक्ष के समान्तर एक रेखा फलन के ग्राफ को एक से अधिक बिन्दुओं पर नहीं काटती है। यहाँ पर f(x) = (x + 1) (x – 1) के ग्राफ को एक रेखा जो कि x-अक्ष के समान्तर है, एक से अधिक बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती है।
P, Q, R बिन्दुओं के मान अलग-अलग हैं। लेकिन उनके फलन के तहत प्रतिबिम्ब समान हैं ।
अतः फलन बहु-एकैकी है।
पुनः हम देखते हैं कि सहप्रान्त R के बहुत से अवयव ऐसे हैं। जिनका पूर्व प्रतिबिम्ब प्रान्त R में विद्यमान नहीं है । उदाहरणार्थ 1 ∈ R (सहप्रान्त) परन्तु प्रान्त R में कोई अवयव x ऐसा नहीं है जिसके लिए f(x) = x³ – x = 1 सत्य हो।
इसलिए फलन f अन्तक्षेपी है।
अतः दिया गया फलन f बहु-एकैकी-अन्तक्षेपी है।
Rajasthan Board RBSE Class 11 Maths Chapter 2 सम्बन्ध एवं फलन Miscellaneous Exercise
प्रश्न 1.
यदि A = {a, b, c, d} तथा B = {p, q, r, s} तब A से B में सम्बन्ध है :
(A) {(a, p), (b, r), (c, r)}
(B) {(a, p), (b, q), (c, r), (s, d)}
(C) {(b, a), (q, b), (c, r)}
(D) {(c, s), (d, s), (r, a), (q, b)}
हल :
(A)
प्रश्न 2.
N में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि x R y ⇔ x + 4y = 16, तो R का परिसर है :
(A) {1, 2, 4}
(B) {1, 3, 4}
(C) {1, 2, 3}।
(D) {2, 3, 4}
हल :
(C)
प्रश्न 3.
N में सम्बन्ध {(1, 2), (2, 5), (3, 10), (4, 17), ……} का नियम रूप है :
(A) {(x, y) | x, y ∈ N, y = 2x + 1}
(B) {(x, y) | x, y ∈ N, y = x² + 1}
(C) {(x, y) | x, y ∈ N, y = 3x – 1}
(D) {(x, y) | x, y ∈ N, y = x + 3}
हल :
(B)
प्रश्न 4.
यदि A = {2, 3, 4} तथा B = {3, 4, 5, 6, 7, 8}. A से B में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि “x,y को विभाजित करता है तब R-1 है” :
(A) {(4, 2), (6, 2), (8, 2), (3, 3), (6, 3), (4,4), (8, 4)}
(B) {(2, 4), (2, 6), (2, 8), (3, 3), (3, 6), (4, 4), (4,8}}
(C) {(3, 3), (4, 4), (8, 4)}
(D) {(4, 2), (6, 3), (8, 4)}
हल :
(A)
प्रश्न 5.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय में सम्बन्ध “x,y से छोटा है” होगा :
(A) स्वतुल्य तथा संक्रामक
(B) सममित तथा संक्रामक
(C) प्रति सममित तथा संक्रामक
(D) स्वतुल्य तथा प्रति-समभित
हल :
(C)
प्रश्न 6.
अशून्य पूर्णाकों के समुच्चय में एक सम्बन्ध इस प्रकार परिभाषित है कि x R y ⇔ xy = yx तब R है :
(A) स्वतुल्य तथा सममित परन्तु संक्रामक नहीं
(B) स्वतुल्य तथा प्रति-सममित परन्तु संक्रामक नहीं
(C) स्वतुल्य, प्रतिसममित तथा संक्रामक
(D) स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक
हल :
(D)
प्रश्न 7.
यदि सम्बन्ध R, “x, y का भाजक है” द्वारा परिभाषित हो तो बताइए कि N के निम्न उपसमुच्चयों में से कौनसा उपसमुच्चय एक पूर्ण क्रमित समुच्चय है :
(A) {36, 3, 9}
(B) {7, 77, 11}
(C) {3, 6, 9, 12, 24}
{D) {1, 2, 3, 4, ……}
हल :
(A)
प्रश्न 8.
पूर्णांकों के समुच्चय Z पर परिभाषित निम्न सम्बन्धों में से कौनसा सम्बन्ध तुल्यता सम्बन्ध नहीं है :
(A) a R1 b ⇔ (a + b) एक सम पूर्णाक है।
(B) a R2 b ⇔ (a – b) एक सम पूर्णाक है।
(C) a R3 b ⇔ a<b
(D) a R4 b ⇔ a = b
हल :
(C)
प्रश्न 9.
समुच्चय A = {1, 2, 3} पर एक सम्बन्ध R परिभाषित है जहाँ R = {(1, 1), (2, 2), (3, 3), (1, 2), (2, 3), (1, 3)} तब R है :
(A) स्वतुल्य परन्तु संक्रामक नहीं
(B) स्वतुल्य परन्तु सममित नहीं
(C) सममित तथा संक्रामक
(D) न सममित न स्वतुल्य
हल :
(B)
प्रश्न 10.
यदि A = {a, b, c} तो परिभाषित किए जाने वाले सभी सम्भव अरिक्त सम्बन्धों की संख्या है :
(A) 511
(B) 512
(C) 8
(D) 7
हल :
(A)
प्रश्न 11.
यदि A= {1, 2, 3, 4} तब निम्न में से कौन A में एक फलन है ?
(A) f1 = {(x, y) | y = x + 1}
(B) f2 = {(x, y) | x + y > 4}
(C) f3 = {(x, y) | y < x}
(D) f4 = {(x, y) | x + y = 5}
हल :
(D)
प्रश्न 12.
फलन f: N → N, f(x) 2x + 3 है।
(A) एकैकी आच्छादक
(B) एकैकी अन्तर्केपी
(C) बहु-एकी आच्छादक
(D) बहु-एकी अन्तर्केपी
हल :
(B)
प्रश्न 13.
R से R में परिभाषित निम्न में से कौनसा फलन आच्छादक है ?
(A) f(x) = |x|
(B) f(x) = e-x
(C) f(x) = x³
(D) f(x) = sin x
हल :
(C)
प्रश्न 14.
R से R में परिभाषित निम्न में से कौनसी फलने एकैकी है ?
(A) f(x) = |x|
(B) f(x) = cos x
(C) f(x) = ex
(D) f(x) = x²
हल :
(C)
प्रश्न 15.
f: R → R, f(x) = x² + x है।
(A) एकैकी आच्छादक
(B) एकैकी अन्तर्केपी
(C) बहु-एकी आच्छादक
(D) बहु-एकी अन्तर्केपी
हल :
(D)
प्रश्न 16.
निम्न में से कौनसा फलन आच्छादक है :
(A) f: Z→ Z, f(x) = |x|
(B) f: N → Z, f(x) = |x|
(C) f: R0 → R+, f(x) = |x|
(D) f: C → R, f(x) = |x|
हल :
(C)
प्रश्न 17.
फलन f(x) = का प्रान्त है :
(A) R+
(B) R–
(C) R0
(D) R
हल :
(B)
प्रश्न 18.
यदि x वास्तविक संख्या हो तब f(x) = का परिसर है :
हल :
(A)
प्रश्न 19.
फलन f(x) = का परिसर है :
हल :
(C)
प्रश्न 20.
से R में परिभाषित निम्न में से कौनसा फलन एकैकी
आच्छादक है :
(A) f(x) = tan x
(B) f(x) = sin x
(C) f(x) = cos x
(D) f(x) = ex + e-x
हल :
(A)
प्रश्न 21.
निम्न सम्बन्ध R के प्रान्त तथा परिसर ज्ञात कीजिए :
R = [(x + 1, x + 5) | x ∈ {0, 1, 2, 3, 4, 5}]
हल :
R = [(x + 1, x + 5) | x ∈ {0, 1, 2, 3, 4, 5}]
जब x = 0, R = {(1, 5)}
x = 1, R = {(1 + 1, 1 + 5)} = {(2, 6)}
x = 2, R = {(2 + 1, 2 + 5)} = {(3, 7)}
x = 3, R = {(3 + 1, 3 + 5)} = {(4, 8)}
x = 4, R = {(4+ 1, 4 + 5)} = {(5, 9)}
x = 5, R = {(5 + 1, 5 + 5)} = {(6, 10)}
∴ R = {(1,5), (2, 6), (3, 7), (4, 8), (5, 9), (6, 10)}
∴ R का प्रान्त = {1, 2, 3, 4, 5, 6}
R का परिसर = {5, 6, 7, 8, 9, 10}
प्रश्न 22.
यदि A= {1, 2} तब A पर परिभाषित सभी अरिक्त सम्बन्धों को लिखिए।
हल :
A = {1, 2} ⇒ अरिक्त सम्बन्धों की संख्या
= 2mn – 1 = 24 – 1
= 16 – 1 = 15
∴ R1 = {(1, 1)},
R2 = {(2, 2)},
R3 = {(1, 2)},
R4 = {(2, 1)},
R5 = {(1,1), (2, 2)},
R6 = {(1, 1), (1, 2)},
R7 = {(1,1), (2, 1)},
R8 = {(2, 2), (1, 2)},
R9 = {(2, 2), (2, 1)},
R10 = {(1, 2), (2, 1)},
R11 = {(1,1), (2, 2), (1,2)},
R12 = {(1, 1), (2, 2), (2, 1)}
R13 = {(1,1), (1, 2), (2, 1)},
R14 = {2, 2), (1, 2), (2, 1)}
R15 = {(1, 1), (1, 2), (2, 1), (2, 2)}
प्रश्न 23.
निम्न सम्बन्धों के प्रान्त तथा परिसर ज्ञात कीजिए :
(i) R1 = {(x, y) | x, y ∈ N तथा x + y = 10}
(i) R2 = {(x, y) | y = x – 1|, x ∈ Z तथा |x| < 3}
हल-
(i) R1 = {(x, y) | x, y ∈ N तथा x + y = 10}
x R1 y ⇒ x + y = 10
∴ y = 10 – x; x, y ∈ N
इसलिए R1 = {(1, 9), (2, 8), (3, 7), (4, 6), (5, 5), (6, 4), (7, 3), (8, 2), (9, 1)}
∴ R1 की प्रान्त = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9}
R1 का परिसर = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9}
(ii) R2 = {(x, y) | y = |x – 1|, x ∈ Z तथा x ≤ 3}
∴ जब x = 1 तब y = |1 – 1| = 0, ∴ 1 R2 0
जब x = 2 तब = |2 – 1| = 1, ∴ 2 R2 1
जब x = 3 तब y = |3 – 1| = 2, ∴ 3 R2 2
जब x = 0 तब y = |0 – 1| = 1, ∴ 0 R2 1
जब x = -1 तब y = |- 1 – 1| = |-2| = 2, ∴ -1 R2 2
जब x = -2 तब y = |-2 – 1| = |-3| = 3, ∴ -2 R2 3
जब x = -3 तब y = |-3 – 1| = |-4| = 4, ∴ -3 R2 4
∴ R2 = {(-3, 4), (-2, 3), (-1, 2), (0, 1), (1, 0), (2, 1), (3, 2)}
इसलिए R2 का प्रान्त = {-3, -2, -1, 0, 1, 2, 3}
R2 का परिसर = {4, 3, 2, 1, 0} = {0, 1, 2, 3, 4}
प्रश्न 24.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में दो सम्बन्ध R1 तथा R2 निम्न प्रकार परिभाषित हैं :
(i) a R1 b ⇔ a – b > 0
(ii) a R2 b ⇔ |a| ≤ b
R1 तथा R2 की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए।
हल-
(i) a R1 b ⇒ a – b > 0, a, b ∈ R
स्वतुल्य : माना a ∈ R
a R1 a ⇒ a – a > 0
जो कि सम्भव नहीं है।
∴ R1 स्वतुल्य नहीं है।
सममित : a,b ∈ R
माना a R1 b ⇒ a – b > 0
⇒ – (b – a) > 0
⇒ b – a < 0
∴ R1 सममित नहीं है।
संक्रामक : a, b, c ∈ R
माना a R1 b ⇒ a – b > 0
⇒ a > b
एवं b R1 c ⇒ b – c > 0
b > c
अतः स्पष्ट हो रहा है कि
⇒ a > c
⇒ a – c > 0
⇒ a R1 c
∴ R1 संक्रामक है।
(ii) a R2 b ⇔ |a| ≤ b, a, b ∈ R
स्वतुल्य : a ∈ R
माना a R2 a ⇒ |a| ≤ a
जो कि सत्य नहीं है।
⇒ R2 स्वतुल्य सम्बन्ध नहीं है।
सममित : a, b ∈ R
a R2 b ⇒ |a| ≤ b
⇒b ≥ |a|
इसलिए R2 सममित नहीं है।
संक्रामक : a, b, c ∈ R
a R b ⇒ |a| ≤ b
b R c ⇒ |b| ≤ c
⇒ |a| ≤ c
⇒ a R2 c
∴ R2 संक्रामक सम्बन्ध है।
अतः R2 स्वतुल्य एवं संक्रामक है, परन्तु सममित नहीं है।
प्रश्न 25.
प्राकृत संख्याओं के समुच्चय N पर एक सम्बन्ध R निम्न प्रकार परिभाषित है :
a R b ⇔ a² – 4ab + 3b² = 0, (a, b ∈ N)
सिद्ध कीजिए कि R स्वतुल्य है परन्तु सममित तथा संक्रामक नहीं है।
हल-
a R b ⇔ a² – 4ab + 3b² = 0, a, b ∈ N
स्वतुल्य : a ∈ N
a R a ⇒ a² – 4a . a + 3a² = 0
⇒ 4a² – 4a² = 0
∴ R स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना 3, 1 ∈ N
3 R 1 ⇒ 3² – 4 x 3 x 1 = 3 x 1²
⇒ 9 – 12 + 3 = 0
अब 1 R 3 ⇒ 1² – 4 x 1 x 3 + 3 x 3²
⇒ 1 – 12 + 27 ≠ 0
∴ R सममित नहीं है।
संक्रामक : 9, 3, 1 ∈ N
9 R 3 ⇒ 9² – 4 x 9 x 3 +3 x 3²
⇒ 81 – 108 + 27
⇒ 108 – 108 = 0
3 R 1 ⇒ 3² – 4 x 3 x 1 + 3 x 1²
⇒ 9 – 12 + 3 = 0
a R 1 ⇒ 9² – 4 x 9 x 1 + 3 x 1²
⇒ 81 – 36 + 3 ≠ 0
∴ R संक्रामक नहीं है।
अतः R स्वतुल्य है, परन्तु सममित एवं संक्रामक नहीं है।
प्रश्न 26.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में दो सम्बन्ध R1 तथा R2 निम्न प्रकार परिभाषित हैं :
(i) a R1 b ⇔ |a| = |b|
(ii) a R2 b ⇔ |a| ≤ |b|
सिद्ध कीजिए कि R1 एक तुल्यता सम्बन्ध है पर R2 एक तुल्यता सम्बन्ध नहीं है।
हल-
(i) a R1 b ⇔ |a| = |b|, a, b ∈ R
स्वतुल्य : माना a ∈ R
a R1 a ⇒ |a| = |a|
जो कि सत्य है
∴ R1 स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना a, b ∈ R
a R1 b ⇒ |a| = |b|
⇒ |b| = |a|
⇒ b R1 a
∴ R1 सममित सम्बन्ध है।
संक्रामक : माना a, b, c ∈ R
a R1 b ⇒ |a| = |b|
b R1 c ⇒ |b| = |c|
⇒ |a| = |c|
⇒ a R1 c
⇒ R1 संक्रामक सम्बन्ध है।
∵ R1 स्वतुल्य, सममित एवं संक्रामक सम्बन्ध है।
अतः R1 एक तुल्यता सम्बन्ध होगा।
(ii) a R2 b ⇔ |a| ≤ |b|
स्वतुल्य : माना a ∈ R
a R2 a ⇒ |a| ≤ |a|
∴R2 स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : मानी a, b ∈ R
a R2 b ⇒ |a| ≤ |b|
⇒ | b | ≤ | a |
यह तभी सम्भव होगा, जबकि a = b ⇒ R2 प्रति सममित सम्बन्ध होगा।
∵ R2 सममित सम्बन्ध नहीं है, अतः।
∵ R2 तुल्यता सम्बन्ध नहीं होगा।
प्रश्न 27.
समुच्चय A= {1, 2, 3} में एक सम्बन्ध R निम्न प्रकार परिभाषित है :
R = {(1, 1), (1, 2), (2, 1), (2, 2), (3, 3), (1, 3), (3, 1), (2, 3), (3, 2)}
R की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए।
हल-
A = {1, 2, 3}।
R = {(1,1), (1, 2), (2, 1), (2, 2), (3, 3), (1, 3), (3, 1), (2, 3), (3, 2)}
R में 1 R 1, 2 R 2, 3 R 3 ⇒ R स्वतुल्य है।
R में 1 R 2 ⇒ 2 R 1 है, ⇒ R सममित है।
R में 1 R 2 एवं 2 R 3 है, ⇒ 1 R 3 भी R में विद्यमान है।
अतः R संक्रामक सम्बन्ध भी है ।
प्रश्न 28.
फलन का प्रान्त ज्ञात कीजिए।
हल-
f(x) =
फलन f(x) परिभाषित होगा यदि (x + 1) (x + 2) > 0
स्थिति I. (x + 1) > 0, (x + 2) > 0 ⇒ x > -1, > -2
स्थिति ll. (x + 1) < 0, (x + 2) < 0 ⇒ x < -1, x < -2
⇒ -1