wb 10th Hindi

WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 1 धूमकेतु

WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 1 धूमकेतु

West Bengal Board 10th Class Hindi Solutions Chapter 1 धूमकेतु

West Bengal Board 10th Hindi Solutions

लेखक-परिचय

हिन्दी साहित्य में वैज्ञानिक शोधपूर्ण निबंधों के लिए विख्यात गुणाकर मुले का जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले के सिंधु बुजुर्ग गाँव में 3 जनवरी सन् 1935 को हुआ था। मराठी मूल तथा मराठी भाषा-भाषी होने के बावजूद इन्होंने लेखन के लिए हिन्दी तथा अंग्रेजी को ही अपना माध्यम बनाया। राहुल सांकृत्यायन के शिष्य होने कारण उनकी विद्वता तथा जिज्ञासु प्रवृत्ति का पूरा-पूरा असर इनकी लेखनी में दिखाई पड़ता है।
गुणाकर मुले ने 3000 से अधिक निबंध हिन्दी में तथा 250 से अधिक लेख अंग्रेजी में लिखे हैं। वैज्ञानिक साहित्य-लेखन जैसे कठिन कार्य को गुणाकर मुले ने बड़ी सहजता से किया है। केवल इतना ही नहीं, हिन्दी में वैज्ञानिक-लेखन प्रारंभ करने का श्रेय भी गुणाकर मुले को ही जाता है। सहज, सरल तथा रोचकता से पूर्ण होने के कारण इनकी रचनाएँ छात्रों को आकर्षित करती है।
गुणाकर मुले एन० सी० ई० आर० टी० के संपादक-मंडल तथा नेशनल बुक ट्रस्ट की हिन्दी प्रकाशन सलाहकार समिति के भी सदस्य रह चुके हैं।
ऐसे प्रतिभावान व्यक्तित्व का निधन 16 अक्टूबर, सन् 2009 को एक गंभीर बीमारी से पांडव नगर में हो गया।
गुणाकर मुले द्वारा लिखित कुछ प्रमुख पुस्तकों के नाम इस प्रकार हैं-
भारतीय अंक-पद्धति की कहानी, भारतीय सिक्कों की कहानी, भारतीय लिपियों की कहानी, ब्रह्माण्ड परिचय, आकाश-दर्शन, अंतरिक्ष यात्रा, नक्षत्रलोक, कम्प्यूटर क्या है? भारतीय अंक-पद्धति की कहानी, संसार के महान गणितज्ञ, महान वैज्ञानिक, अक्षरों की कहानी, आँखों की कहानी, गणित की कहानी, ज्यामिति की कहानी, आदि।
पुरस्कार व सम्मान :
हिन्दी अकादमी का साहित्यकार सम्मान, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान का आत्माराम पुरस्कार, बिहार का कर्पूरी ठाकुर स्मृति सम्मान।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न – 1 : ‘धूमकेतु’ का शाब्दिक परिचय दें।
अथवा
प्रश्न – 2 : ‘धूमकेतु’ का अर्थ स्पष्ट करें।
अथवा
प्रश्न – 3 : ‘धूमकेतु’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसके अन्य नामों की भी चर्चा करें।
अथवा
प्रश्न – 4 : ‘धूमकेतु’ शब्द की उत्पत्ति के बारे में लिखें।
उत्तर : धूमकेतु दो शब्दों के मिलने से बना है ‘धूम’ अर्थात् धुंआ तथा ‘केतु’ अर्थात् पताका। पताका (तिकोना) की तरह दिखाई पड़ने के कारण ही इसे धूमकेतु कहा जाता है। धूमकेतु को लोग ‘पुच्छल तारे’ (पूँछवाला तारा) के नाम से भी जानते हैं। पश्चिमी देशों में धूमकेतु को ‘कॉमेट’ के नाम से जाना जाता है। कॉमेट शब्द यूनानी भाषा के ‘कोमते’ शब्द से बना है। ‘कोमते’ का अर्थ होता है – ‘लंबे बालों वाला’। धूमकेतु का यह नामकरण उसके झाडू जैसे आकार के कारण ही पड़ा है।
प्रश्न – 5: ‘धूमकेतु’ शब्द की ऐतिहासिकता के बारे में लिखें।
अथवा
प्रश्न – 6 : प्राचीन ग्रंथों में धूमकेतु के बारे में क्या कहा गया है?
अथव
प्रश्न – 7 : हमारे प्राचीन साहित्य में धूमकेतु का वर्णन किस रूप में हुआ है?
अथवा
प्रश्न- 8 : प्राचीन काल में लोगों की धूमकेतु के बारे में क्या धारणा थी?
अथवा
प्रश्न- 9 : धूमकेतुओं के बारे में प्राचीन काल में कैसी अवधारणा थी?
अथवा
प्रश्न – 10 : प्राचीन काल में लोग धूमकेतु के बारे में क्या सोचते थे?
अथवा
प्रश्न – 11 : धूमकेतु के विषय में क्या जानते हो ? पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर : हमारे पौराणिक ग्रंथों में धूमकेतु का वर्णन कई स्थानों पर मिलता है। अथर्ववेद, महाभारत तथा ‘वृहत्संहिता’ में धूमकेतु का उल्लेख किया गया है। इसी से धूमकेतु शब्द की प्राचीनता का पता चल जाता है। ‘महाभारत’ में कहा गया है –
“महाभयंकर धूमकेतु जब पुष्य नक्षत्र के पार पहुँचेगा तो भयंकर युद्ध होगा।”
छठी शताब्दी के प्रख्यात ज्योतिषी वराह मिहिर ने ‘वृहत्संहिता’ में धूमकेतु के दिखाई पड़ने पर उसके शुभ तथा अशुभ फल के बारे में विस्तार से लिखा है। कुल मिलाकर लोग धूमकेतु को भयंकर खतरे का सूचक मानते थे।
प्रश्न – 12 : दूसरे देश के लोग धूमकेतु के बारे में क्या सोचते थे?
अथवा
प्रश्न – 13 : यूरोपीय ग्रंथ में सन् 1528 ई० के धूमकेतु के बारे में क्या कहा गया है?
अथवा
प्रश्न – 14 : सन् 1528 ई० में यूरोप के आकाश में धूमकेतु दिखाई पड़ने पर लोगों पर उसका क्या प्रभाव पड़ा?
अथव
प्रश्न – 15 : अब लोगों में धूमकेतु का भय क्यों नहीं रह गया है?
उत्तर : भारत की तरह दूसरे देशों के लोग भी धूमकेतु का प्रकट होना अशुभ का सूचक समझते थे। जब 1528 ई० में यूरोप में धूमकेतु प्रकट हुआ तो वहाँ के लोगों में भय की लहर दौड़ गई। ‘आकाश के राक्षस’ नामक पुस्तक में उसके लेखक आम्रोई पेरी ने लिखा है
“यह धूमकेतु इतना भयंकर था कि डर के मारे कई लोग मर गए और बहुत से बीमार पड़ गए।”
लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। धूमकेतु के बारे में जानकारी प्राप्त होने के कारण लोगों को अब धूमकेतु से भय नहीं लगता है।
प्रश्न – 16 : धूमकेतुओं के विषय में हेली ने अपने अध्ययन से क्या निष्कर्ष प्रस्तुत किया?
अथव
प्रश्न – 17 : एडमंड हेली कौन थे? उन्होंने धूमकेतु के बारे में अपने क्या विचार प्रस्तुत किए?
अथव
प्रश्न – 18 : एडमंड हेली ने धूमकेतुओं के अध्ययन के बाद क्या भविष्यवाणी की? क्या वह भविष्यवाणी सच निकली ?
अथवा
प्रश्न – 19 : एडमंड हेली ने धूमकेतु के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी ?
अथवा
प्रश्न – 20 : आज धूमकेतु को ‘हेली का धूमकेतु’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर : एडमंड हेली प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन के मित्र थे। हेली ने अपने अध्ययन से यह जाना कि 1531 ई० तथा 1607 ई० में धूमकेतु दिखाई पड़े थे। इन दोनों के प्रकट होने में 75-76 वर्ष का अंतर था। उन्हें यह लगा कि धूमकेतु भी अन्य ग्रहों की तरह एक निश्चित समय में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। यदि यह अंदाजा ठीक है तो 1758 ई० में यह धूमकेतु फिर प्रकट होगा। हेली की यह भविष्यवाणी सच निकली लेकिन वे स्वयं इस भविष्यवाणी को सच होते नहीं देख सके क्योंकि 1742 में ही वे इस दुनिया से चल बसे।
धूमकेतु के बारे में ऐसी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए ही आज धूमकेतु को ‘हेली का धूमकेतु’ कहा जाता है।
प्रश्न – 21 : हेली का धूमकेतु 1742 ई० के बाद कब प्रकट हुआ और क्यों?
उत्तर : हेली का धूमकेतु 1742 ई० के बाद 1910 ई० में प्रकट हुआ था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 75-76 वर्ष में धूमकेतु एक बार सूर्य की परिक्रमा कर लेता है। यह नेपच्यून की कक्षा से अलग होकर करीब 76 साल के बाद फिर सूर्य के निकट पहुँचता है। इसीलिए 1986 ई० में यह धूमकेतु फिर से प्रकट हुआ।
प्रश्न- 22 : खगोलविदों ने अब तक धूमकेतुओं के बारे में क्या-क्या जानकारियाँ प्राप्त की है?
अथवा
प्रश्न – 23 : धूमकेतुओं के बारे में क्या-क्या नई जानकारियाँ प्राप्त हुई हैं ?
अथवा
प्रश्न – 24 : धूमकेतुओं की बनावट का संक्षिप्त वर्णन करें।
अथव
प्रश्न – 25 : धूमकेतुओं के कितने भाग होते हैं ? प्रत्येक भाग का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर : हाल के अनुसंधान के बाद हमारे वैज्ञानिकों तथा खगोलविदों ने धूमकेतुओं के बारे में अनेक नई जानकारी प्राप्त की है। जहाँ तक धूमकेतु के बनावट की बात है, धूमकेतु के तीन प्रमुख भाग होते हैं.
(क) नाभिक : धूमकेतु का अधिकांश द्रव्य इसके नाभिक में होता है। नाभिक का व्यास आधा किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक हो सकता है। इसके नाभिक बर्फ से बनी हुई गैसों तथा अन्य पदार्थों के टुकड़ों के मेल से बने होते हैं।
(ख) सिर : धूमकेतु के सूर्य के सामने वाला भाग का गैस ताप से गर्म होकर फैल जाती है तथा चमकने लगती है। इसे ही ‘धूमकेतु का सिर’ कहते हैं। धूमकेतु के सिर का घेरा हजारों-लाखों किलोमीटर हो सकता है। धूमकेतु के सिर का छोटा-बड़ा होना सूर्य से इसकी दूरी पर निर्भर करता है। यह सूर्य से जितना दूर होगा- सिर छोटा होगा तथा सूर्य के जितना निकट होगा, सिर उतना ही बड़ा होगा।
(ग) पूँछ : धूमकेतु के नाभिक से प्रति सेकेंड 10 टन धूल और 30 टन गैसें निकलती रहती है और यही इसकी पूँछ का निर्माण करता है। कुछ धूमकेतुओं की पूँछ 20 करोड़ किलोमीटर तक की होती है।
प्रश्न – 26 : धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा किस प्रकार करते हैं?
अथवा
प्रयन – 27 : धूमकेतुओं के परिक्रमा-पथ का वर्णन करें। क्या कोई धूमकेतु इस नियम का अपवाद भी है?
उत्तर : धूमकेतु भी अन्य ग्रहों की तरह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। उसकी परिक्रमा की कक्षा अन्य ग्रहों की अपेक्षा काफी बड़ी होती है। उसे एक बार सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 75-76 वर्ष लगते हैं। ग्रहों की अपेक्षा धूमकेतु समतल के साथ-साथ कई अंशों का कोण बनाते हुए परिक्रमा करते हैं।
सभी धूमकेतु नजदीक से सूर्य की परिक्रमा नहीं करते। बहुत सारे धूमकेतु वृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेपच्यून तथा प्लूटो ग्रहों के काफी दूर से चक्कर लगाकर लौटते हैं। कुछ धूमकेतु का यह परिक्रमा-पथ इतना बड़ा होता है कि इनको एक बार सूर्य की परिक्रमा करने में हजारों साल लग जाते हैं। हाँ परिक्रमा-पथ के बारे में एक बात सामान्य है कि सारे धूमकेतु अण्डाकार कक्ष में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। कुछ धूमकेतुओं का परिक्रमा-पथ छोटा होता है तथा ये लगभग 3 से 10 साल में अपनी परिक्रमा पूरी कर लेते हैं।
प्रश्न – 28 : वायुमंडल में उल्काओं की वर्षा क्यों होती है?
अथवा
प्रश्न – 29 : उल्का क्या होती है? वायुमंडल में उल्काओं की वर्षा का क्या कारण है?
अथवा
प्रश्न – 30 : कुछ धूमकेतुओं के नष्ट होने के पीछे क्या कारण होता है? ऐसी स्थिति में क्या होता है?
अथवा
प्रश्न – 31 : 1872 ई० में खगोलविदों को धूमकेतुओं के बारे में कौन-सी नई जानकारी मिली?
उत्तर : 1872 ई० में खगोलविदों को एक नई बात का पता चला कि वायुमंडल में उल्काओं की वर्षा होने के पीछे क्या कारण है। दरअसल जो धूमकेतु निकट से सूर्य की परिक्रमा करते हैं, वे जल्द ही नष्ट हो जाते हैं। पृथ्वी जब उनके पास से गुजरती है तो धूमकेतु के अवशेष उल्का के रूप में बरसते हैं। वायुमंडल में उल्का की वर्षा का यही कारण है।
प्रश्न – 32 : धूमकेतु की पूँछ हमेशा सूर्य की उल्टी दिशा में क्यों रहती है?
उत्तर : धूमकेतु के नाभिक वाले भाग का गैस सूर्य के ताप में फैल जाता है तथा इसके नाभिक से धूली तथा गैस पीछे की ओर निकलती है जिससे पूँछ का निर्माण होता है। यही कारण है कि धूमकेतु की पूँछ हमेशा सूर्य की उल्टी दिशा में ही रहती है।
प्रश्न – 33 : धूमकेतुओं से डरने की कोई बात क्यों नहीं है?
उत्तर : धूमकेतु केवल पृथ्वी से ही नहीं, चन्द्रमा से भी काफी दूर होते हैं। दूसरी बात यह है कि धूमकेतु की पूँछ ठोस नहीं गैसीय अवस्था में होती है। इसके अतिरिक्त धूमकेतु की पूँछ में कोई गुरुत्वाकर्षण शक्ति नहीं होती इसिलए इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं के बराबर है। इन कारणों से धूमकेतुओं से डरने की कोई बात नहीं है।
प्रश्न – 34 : 1985-86 ई० में हेली के धूमकेतु के अध्ययन के लिए विभिन्न देशों के द्वारा कौन-सी योजनाएँ बनाई गई थीं?
अथवा
प्रश्न – 35 : धूमकेतु के अध्ययन के लिए विभिन्न देशों द्वारा भेजे गए यानों का संक्षिप्त परिचय दें
उत्तर : 1985-86 में हेली के धूमकेतु के अध्ययन के लिए सोवियत संघ ने ‘वीहे’ (वीनस-हेली) नामक दो यान, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘जोतो’ यान तथा जापान ने भी अपने दो यान धूमकेतु के पास भेजे। ये यान स्वचालित तथा कैमरे से युक्त थे। इन यानों ने धुमकेतु का नजदीक से अध्ययन किया तथा इससे संबंधित जानकारी व चित्र पृथ्वी पर भेजे।
प्रश्न – 36 : वैज्ञानिक के रूप में गुणाकर मुले का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर : हिन्दी साहित्य में गुणाकर मुले अपने शोधपरक निबंधों के लिए जाने जाते हैं। ये राहुल सांकृत्यायन के शिष्य थे। हिन्दी में शोधपरक वैज्ञानिक लेखन की परंपरा की शुरूआत इन्होंने ही की। इन्होंने हिन्दी में करीब 3000 तथा अंग्रेजी में 250 से भी अधिक लेख लिखे हैं। इसके अलावे ये लिपिविज्ञान के भी बहुत बड़े विद्वान थे। ये NCERT के पाठ्य पुस्तक के संपादक मंडल तथा नेशनल बुक ट्रस्ट की हिन्दी प्रकाशन सलाहकार समिति के भी सदस्य थे। इनकी प्रकाशित पुस्तकों में ‘भारतीय अंक-पद्धति की कहानी, ‘भारतीय सिक्कों की कहानी’, ‘भारतीय लिपियों की कहानी’ आदि प्रमुख हैं, जो हिन्दी जगत की अनुपम निधि हैं।
इनके अविस्मरणीय शोधपूर्ण लेखन-कार्य के लिए हिन्दी अकादमी का साहित्यकार सम्मान, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के आत्माराम पुरस्कार, बिहार के कर्पूरी ठाकुर स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया।
प्रश्न – 37 : हेली इस निष्कर्ष पर कैसे पहुँचे कि धूमकेतु सौरमण्डल के सदस्य हैं?
उत्तर : हेली ने शोध से यह जाना कि धूमकेतु भी 75 या 76 साल में सौरमंडल की दूर की सीमाओं का चक्कर लगाकर वापस लौटते हैं। उन्होंने 1531, 1607 और 1682 ई० में दिखाई दिए धूमकेतु के बारे में यह भविष्यवाणी की कि 1758 ई० में यह फिर से दिखाई देगा। हेली की भविष्यवाणी सच निकली क्योंकि 1758 में वह धूमकेतु दिखाई दिया। इस प्रकार हेली का निष्कर्ष सही निकला कि धूमकेतु सौरमण्डल के सदस्य हैं।

लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. धूमकेतु पृथ्वी के लिए भयकारी क्यों है?
उत्तर : धूमकेतु के बारे में लोगों की यह धारणा है कि यह अशुभ का सूचक है इसलिए यह पृथ्वी के लिए भयकारी है।
2. धूमकेतु सभी ग्रहों में अपवाद क्यों है ?
उत्तर : धूमकेतु सभी ग्रहों में इसलिए अपवाद हैं क्योंकि हमारे सौर मंडल के ग्रह तथा उपग्रह एक ही तय में सूर्य की परिक्रमा करते हैं लेकिन धूमकेतु ग्रहों के समतल के साथ कई अंशों का कोण बनाते हुए परिक्रमा करते हैं।
3. पाश्चात्य ज्योतिष में धूमकेतु को क्या कहते हैं?
उत्तर : पाश्चात्य ज्योतिष में धूमकेतु को ‘कॉमेट’ कहते हैं ।
4. ‘कॉमेट’ का क्या अर्थ होता है?
उत्तर : कॉमेट शब्द यूनानी भाषा के ‘कोमते’ शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है – ‘लंबे बालोंवाला ।’
5. किस वेद में धूमकेतु का उल्लेख हुआ है?
उत्तर : ‘अथर्ववेद’ में धूमकेतु का उल्लेख हुआ है
6. भारत के किस पौराणिक ग्रंथ में धूमकेतु का उल्लेख है?
उत्तर : ‘महाभारत’ में।
7. ‘महाभारत’ में धूमकेतु के बारे में क्या कहा गया है?
उत्तर : “महाभयंकर धूमकेतु जब पुष्य नक्षत्र के पार पहुँचेगा तो भयंकर युद्ध होगा।”
8. प्राचीन काल में धूमकेतु को किसका सूचक समझा जाता था?
उत्तर : प्राचीन काल में धूमकेतु को भयंकर खतरे का सूचक समझा जाता था।
9. वराहमिहिर कौन थे?
उत्तर : वराहमिहिर हमारे देश के छठी सदी के बहुत बड़े ज्योतिषी थे।
10. वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रंथ का नाम लिखें।
उत्तर : ‘वृहत्संहिता’ ।
11. वराहमिहिर के किस ग्रंथ में धूमकेतु के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है?
उत्तर : वराहमिहिर के ‘वृहत्संहिता’ ग्रंथ के ‘केतुचार’ नामक अध्याय में धूमकेतुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
12. वराहमिहिर ने धूमकेतुओं के दर्शन के बारे में क्या कहा है?
उत्तर : किसी भी धूमकेतु के दर्शन होने या अस्त होने का काल गणित की किसी विधि से नहीं जाना जा सकता।
13. यूरोप में धूमकेतु कब प्रकट हुआ था?
उत्तर : सन् 1528 ई० में ।
14. ‘आकाश के राक्षस’ के रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : आभोई पेरी ।
15. आम्रोई पेरी ने 1528 ई० में दिखे धूमकेतु के बारे में क्या लिखा है?
उत्तर : “यह धूमकेतु इतना भयंकर था कि डर के मारे कई लोग मर गए और बहुत से बीमार पड़ गए।
16. तीखे ब्राहे कौन थे?
उत्तर : तीखे ब्राहे यूरोप के एक महान ज्योतिषी थे।
17. एडमंड हेली कौन थे?
उत्तर : एडमंड हेली प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन के मित्र थे।
18. न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त के प्रकाशन में किसका बहुत बड़ा सहयोग था?
उत्तर : एडमंड हेली का।
19. एडमंड हेली ने धूमकेतुओं के विषय में अपने अध्ययन से क्या निष्कर्ष प्रस्तुत किया?
उत्तर : अन्य ग्रहों की तरह धूमकेतु भी हमारे सौर मंडल के सदस्य हैं और ये सूर्य की परिक्रमा करते हैं तथा यह75-76 साल में सूर्य की परिक्रमा कर लेते हैं।
20. हेली के अनुसार धूमकेतु कब-कब दिखाई दिए?
उत्तर : 1531 ई०, 1607 ई० तथा 1682 ई० में।
21. धूमकेतु के दिखाई देने के बारे में हेली ने क्या भविष्यवाणी की ?
उत्तर : यदि मेरी बात ठीक है तो 76 साल बाद 1758 ई० में यह धूमकेतु पुन: प्रकट होगा।
22. धूमकेतु के बारे में हेली के द्वारा की गई भविष्यवाणी क्या सच निकली?
उत्तर : धूमकेतु के बारे में हेली ने यह भविष्यवाणी की थी कि 1758 में यह धूमकेतु पुन: प्रकट होगा और यह भविष्यवाणी सच निकली।
23. धूमकेतु को ‘हेली का धूमकेतु’ क्यों कहते हैं?
उत्तर : हेली ने ही सर्वप्रथम धूमकेतु के बारे में सटीक भविष्यवाणी की थी इसलिए इसे ‘हेली का धूमकेतु’ भी कहते हैं।
24. धूमकेतु पिछली बार कब प्रकट हुआ था?
उत्तर : 1910 ई० तथा 1986 ई० में।
25. खगोलविदों ने अब तक धूमकेतुओं की कितनी कक्षाएँ निर्धारित की हैं?
उत्तर : करीब डेढ हजार।
26. धूमकेतु के कितने भाग होते हैं?
उत्तर : तीन – नाभिक, सिर और पूँछ ।
27. धूमकेतु का अधिकांश द्रव्य कहाँ होता है?
उत्तर : धूमकेतु के नाभिक में धूमकेतु का अधिकांश द्रव्य होता है।
28. धूमकेतु के नाभिक का व्यास कितना हो सकता है?
उत्तर : आधे से लेकर पचास किलोमीटर तक ।
29. धूमकेतु का नाभिक किससे बना होता है?
उत्तर : धूमकेतु का नाभिक बर्फ से बनी हुई गैसों तथा अन्य पदार्थों के टुकड़ों के मेल से बने होते हैं।
30. धूमकेतु का सिर किस प्रकार बनता है?
उत्तर : सूर्य के निकट पहुँचकर धूमकेतु गर्म हो जाता है और इसकी बर्फीली गैसें, धूलि-कण तथा नाभिक की गैसें फैलकर चमकने लगती है – इस प्रकार धूमकेतु का सिर बनता है।
31. धूमकेतु के सिर का घेरा कितना हो सकता है?
उत्तर : हजारों-लाखों किलोमीटर ।
32. धूमकेतु की पूँछ सूर्य की विपरीत दिशा में क्यों रहती है?
उत्तर : सौर-वायु अथवा विकिरण के प्रभाव से धूमकेतु की पूँछ फैलती और चमकती है, इसीलिए यह सूर्य की विपरीत दिशा में रहती है।
33. धूमकेतु किस प्रकार की कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं?
उत्तर : धूमकेतु अत्यंत चपटी अण्डाकार कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
34. किन धूमकेतुओं को अक्सर अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है?
उत्तर : जो धूमकेतु तीन से दस साल के भीतर ही सूर्य की एक परिक्रमा कर लेते हैं उन्हें सूर्य के ताप के प्रभाव से अक्सर अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
35. कौन-सा धूमकेतु सूर्य के प्रभाव से अपनी जान से हाथ धो बैठा?
उत्तर : बिएला का धूमकेतु।
36. बिएला का धूमकेतु कितने वर्ष में सूर्य का एक चक्कर लगाता था?
उत्तर : करीब सात साल में।
37. बिएला का धूमकेतु अपने पूरे आकार में अंतिम बार कब देखा गया था?
उत्तर : 1939 ई० में।
38. आकाश में किसी एक स्थान से होनेवाली उल्काओं की वर्षा वास्तव में क्या होती है?
उत्तर : विखंडित धूमकेतु के कण ।
39. कब कोई धूमकेतु सौर मंडल को छोड़कर बाहरी अंतरिक्ष में निकल जाता है?
उत्तर : जब कोई धूमकेतु किसी बाहरी पिंड के प्रभाव से अपनी कक्षा बदल लेता है तब वह सौर मंडल को छोड़कर बाहरी अंतरिक्ष में निकल जाता है।
40. धूमकेतुओं से पृथ्वी को डरने की बात क्यों नहीं है ?
उत्तर : किसी धूमकेतु के पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं के बराबर होती है। साथ ही यह उसकी पूँछों के बीच से भी आराम से गुजर जा सकता है इसलिए पृथ्वी को इससे डरने की कोई बात नहीं है।
41. धूमकेतु के पास किस देश ने अपना कौन-सा यान भेजा ?
उत्तर : धूमकेतु के पास सोवियत संघ ने ‘वीहे’ नामक दो यान भेजे।
42. : ‘वीहे’ यान का नामकरण किस आधार पर किया गया है?
उत्तर : वीनस तथा हेली के नाम के आधार पर।
43. ‘वीहे’ का नामकरण वीहे क्यों किया गया ?
उत्तर : सोवियत संघ द्वारा भेजे गए यान पहले वीनस (शुक्र ग्रह) तथा फिर हेली के धूमकेतु केपास गए, इसलिए वीनस तथा हेली के नाम के पहले अक्षर के आधार पर इसका नामकरण किया गया।
44. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा धूमकेतु के पास भेजे गए यान का नाम क्या था?
उत्तर : जोतो ।
45. सोवियत संघ तथा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अतिरिक्त किसने अपना यान धूमकेतु के पास भेजा ?
उत्तर : जापान ने।
46. नई जानकारी के अनुसार हेली के धूमकेतु का नाभिक कितना है?
उत्तर : 16 × 9 किलोमीटर ।
47. हेली के धूमकेतु का चक्रण-काल कितने घंटे है?
उत्तर : करीब 54 घंटे।
48. हेली का धूमकेतु पुन: कब दिखाई देगा?
उत्तर : सन् 2062 ई० में ।
49. धूमकेतु के पास मानव को भेजना कब संभव होगा?
उत्तर : जब धूमकेतु 2062 ई० में पुन: सूर्य और पृथ्वी के निकट आएगा तब उसके पास मानव को भेजना संभव होगा।
50. ‘धूमकेतु’ पाठ के रचनाकार कौन हैं?
उत्तर : गुणाकर मुले ।
51. धूमकेतु किसे कहते हैं?
उत्तर : लगभग प्रत्येक 75 या 76 वर्ष के बाद अंतरिक्ष में जो पुच्छल तारा अर्थात् झाडूनुमा तारा दिखता है उसे ही ‘धूमकेतु’ कहते हैं।
52. दूसरे देशों के लोगों की धूमकेतु के बारे में क्या धारणा थी?
उत्तर : दूसरे देशों के लोगों की धूमकेतु के बारे में यह धारणा थी कि धूमकेतु का दिखाई देना भयंकर युद्ध तथा खतरे का सूचक है।
53. जब 1528 ई० में यूरोप के आकाश में धूमकेतु दिखाई पड़ा तो से लोगों पर उसका क्या असर हुआ ?
उत्तर : जब 1528 ई० में यूरोपीय आकाश में धूमकेतु दिखाई पड़ा तो उसका विशाल आकार देखकर बहुत से लोग बीमार पड़ गए तथा कई तो डर के कारण मर गए।
54. तीखे ब्राहे ने 1577 ई० में क्या सिद्ध क्या?
उत्तर : तीखे ब्राहे ने 1577 ई० में यह सिद्ध किया कि धूमकेतु पृथ्वी से बहुत दूर होते हैं, चंद्रमा से भी अधिक दूर।
55. प्राचीन काल में धूमकेतु को क्या समझा गया ?
उत्तर : प्राचीन काल में धूमकेतु को विनाशक, युद्ध तथा खतरे का सूचक माना गया।
56. हेली ने धूमकेतु के बारे में क्या सोचा?
उत्तर : हेली ने धूमकेतु के बारे में यह सोचा कि जिस प्रकार आकाश के अन्य ग्रह सूर्य की परिक्रमा एक निश्चित समय में करते हैं, ठीक उसी प्रकार धूमकेतुओं को भी एक निश्चित समय में सूर्य का एक चक्कर लगा लेना चाहिए।
57. हेली धूमकेतु के बारे में किस निष्कर्ष पर पहुँचे ?
उत्तर : हेली धूमकेतु के बारे में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि वास्तव में एक ही धूमकेतु है और वहसौर-मंडल की दूर की सीमाओं का चक्कर लगाकर 75 या 76 साल में फिर सूर्य के पास पहुँचता है।
58. हेली की भविष्यवाणी से धूमकेतु के बारे में क्या सिद्ध हुआ?
उत्तर : हेली की भविष्यवाणी से धूमकेतु के बारे में यह सिद्ध हुआ कि धूमकेतु भी सौर-मंडल के अन्य ग्रहों की तरह सौर-मंडल के सदस्य हैं तथा सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
59. धूमकेतु की बनावट का वर्णन करें।
उत्तर : धूमकेतु अंतरिक्ष में एक झाड़ू की तरह दिखाई देता है। इसके तीन भाग होते हैं – नाभिक (केन्द्र), सिर और पूँछ। नाभिक 50 किलोमीटर तक के व्यास का हो सकता है तथा इसका सिर का व्यास (घेरा) हजारों लाखों किलोमीटर हो सकता है। कुछ धूमकेतु की पूँछ तो 20 करोड़ किलोमीटर तक फैल जाती है।
60. धूमकेतु कहाँ तक जाते हैं?
उत्तर : धूमकेतु वहाँ तक जाते हैं जहाँ तक सौर-मंडल का विस्तार है।
61. धूमकेतु के निकट जाने वाले यानों की क्या विशेषताएँ थी?
उत्तर : धूमकेतु के निकट जाने वाले यान स्वचालित तथा कैमरे से युक्त थे तथा पृथ्वी पर धूमकेतु से जुड़ी जानकारी तथा चित्र भेजने में सक्षम थे।
62. हेली के धूमकेतु के बारे में क्या नई जानकारी प्राप्त हुई है?
उत्तर : प्राप्त नई जानकारी के अनुसार हेली के धूमकेतु का नाभिक 16×9 किलोमीटर है। इससे प्रति सेकेंड 10 टन धूल और 30 टन गैसें निकलती रहती हैं। जिससे इसकी लंबी पूँछ का निर्माण होता है। इसका चक्रण-काल करीब 54 घंटे है। यह पुन: 2062 में पृथ्वी और सूर्य के करीब आएगा।
63. धूमकेतु के निकट मानव को भेजना कब संभव होगा?
उत्तर : जब सन् 2062 में धूमकेतु पृथ्वी और सूर्य के निकट आएगा तब इसके निकट मानव को भेजना संभव होगा।
64. ‘धूमकेतु’ का क्या अर्थ है?
उत्तर : धूमकेतु दो शब्दों के मिलने से बना है – धूम तथा केतु। धूम का अर्थ ‘धुंआ’ तथा केतु का अर्थ ‘पताका’ होता है।
65. धूमकेतु के पूँछ से यदि पृथ्वी गुजरे तो क्या होगा ?
उत्तर : धूमकेतु के पूँछ से पृथ्वी गुजरे तो कुछ नहीं होगा क्योंकि इसकी पूँछ गैस से बनी होती है।
66. धूमकेतुओं से पृथ्वी को डरने की बात क्यों नहीं है ?
उत्तर : धूमकेतु पृथ्वी से बहुत दूर होते हैं इसलिए इससे पृथ्वी को डरने की बात नहीं है।
67. हेली की भविष्यवाणी से धूमकेतु के बारे में क्या सिद्ध हुआ ?
उत्तर : हेली की भविष्यवाणी से धूमकेतु के बारे में यह सिद्ध हुआ कि सौरमंडल की सीमाओं का चक्कर लगाकर 75 या 76 साल में फिर सूर्य के पास लौटता है।
68. एडमंड हेली ने धूमकेतु के बारे में क्या निर्णय दिया ?
उत्तर : एडमंड हेली ने धूमकेतु के बारे में निर्णय लिया कि धूमकेतु भी हमारे सौरमंडल के सदस्य हैं और ये भी पृथ्वी की तरह सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
69. कौन-सा धूमकेतु सूर्य के प्रभाव से अपनी जान से हाथ धो बैठा ?
उत्तर : बिएला का धूमकेतु।
70. बिएला का धूमकेतु अपने पूरे आकार में अंतिम बार कब देखा गया ?
उत्तर : 1939 ई० में अंतिम बार देखा गया।
71. धूमकेतु किसकी परिक्रमा करते हैं ?
उत्तर : धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा करते हैं ।
72. पाश्चात्य ज्योतिष में ‘धूमकेतु’ को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर : कॉमेट।
73. यूरोपीय अन्तरिक्ष एजेन्सी ने हेली के धूमकेतु के पास किस यान को भेजा ?
उत्तर : जोतो ।
74. धूमकेतु का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर : पुच्छल तारा।
75. कुछ छोटे धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा कैसे करते हैं ?
उत्तर : छोटे अंडाकार कक्ष में सूर्य की परिक्रमा करते हैं
76. प्राचीनकाल में धूमकेतु को किसका सूचक माना जाता था ?
उत्तर : भयंकर खतरे का सूचक माना जाता था।
77. धूमकेतु सभी ग्रहों में अपवाद क्यों है ?
उत्तर : धूम ।
78. आम्रोई पेरी ने धूमकेतु के बारे में क्या लिखा था ?
उत्तर : आम्रोई पेरी ने धूमकेतु के बारे में लिखा था कि धूमकेतु के भय से कई लोग मर गए और बहुत से बीमार पड़ गए।
79. यूरोप के महान ज्योतिषी तीखे ब्राहे ने क्या सिद्ध किया है ?
उत्तर : तीखे ब्राहे ने यह सिद्ध किया कि धूमकेतु पृथ्वी से बहुत दूर होते हैं, चंद्रमा से भी दूर।
80. ‘ब्राहे यान’ द्वारा क्या नई जानकारी प्राप्त हुई ?
उत्तर : ब्राहे यान द्वारा यह नई जानकारी प्राप्त हुई कि धूमकेतु का नाभिक 16 x 9 किलोमीटर है। इससे 10 टन धूलि और 30 टन गैसें उत्सर्जित होती है जिससे इसकी पूँछ बनती है।
81. धूमकेतु को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर : धूमकेतु को अन्य ‘पुच्छल तारे’ के नाम से जाना जाता है।
82. आइजेक न्यूटन के मित्र का नाम क्या था ?
उत्तर : आइजेक न्यूटन के मित्र का नाम एडमंड हेली था।
83. ब्राहे ने 1577 ई० में क्या सिद्ध किया ?
उत्तर : ब्राहे ने 1577 ई० में यह सिद्ध किया कि धूमकेतु पृथ्वी ही नहीं, चंद्रमा से भी बहुत दूर होते हैं इसलिए इससे डरने की कोई बात नहीं है।
84. ‘धूमकेतु’ का शाब्दिक अर्थ क्या है?
उत्तर : धुएँ से बना पताका ।
85. ‘धूम’ का क्या अर्थ होता है ?
उत्तर : धुआँ ।
86. धूमकेतु के तीन भाग कौन-कौन होते हैं ?
उत्तर : नाभिक, सिर और पूँछ ।
87. सभी धूमकेतु किस तरह सूर्य की परिक्रमा करते हैं ?
उत्तर : सभी धूमकेतु बहुत छोटी अंडाकार कक्ष मे सूर्य की परिक्रमा करते है।
88. धूमकेतु की पूँछ कहाँ रहती है ?
उत्तर : पिछले हिस्से में ।
89. किसने अपने यान धूमकेतु के पास भेजे हैं ?
उत्तर : सोवियत संघ, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी तथा जापान ने।
90. किस महाकाव्य में धूमकेतु का उल्लेख मिलता है ?
उत्तर : ‘वृहत्संहिता’ में

वस्तुनिष्ठ सह व्याख्यामूलक प्रश्नोत्तर

1. धूमकेतु को पुच्छल तारा भी कहते हैं।
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार गुणाकर मुले हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : धूमकेतु के अनेक नाम हैं। भारत में इसे धूमकेतु के अलावे ‘पुच्छल तारा’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त पाश्चात्य खगोल शास्त्र में धूमकेतु को ‘कॉमेट’ के नाम से भी जाना जाता है। यह यूनानी शब्द ‘कोमते’ से बना है, जिसका अर्थ होता है – ‘लंबे बालों वाला’ ।
2. धूमकेतु शब्द बहुत पुराना है।
(क) इस पाठ के लेखक का नाम लिखें।
उत्तर : इस पाठ के लेखक श्री गुणाकर मुले हैं।
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : धूमकेतु शब्द की प्राचीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ‘अथर्ववेद’ एवं ‘महाभारत’ के अलावे इसका उल्लेख छठी सदी के प्रख्यात ज्योतिषी वराह मिहिर के ग्रंथ ‘वृहत्संहिता’ में भी मिलता है। 1528 ई० में यूरोप के आम्रोई पेरी ने अपनी पुस्तक ‘आकाश के राक्षस’ में भी धूमकेतु के बारे में विस्तार से लिखा है।
3. यह धूमकेतु इतना भयंकर था कि डर के मारे कई लोग मर गए और बहुत से बीमार पड़ गए।
अथवा,
4. लेकिन अब धूमकेतुओं से न कोई डरता है और न कोई बीमार पड़ता है।
(क) पाठ का नाम लिखें।
उत्तर : पाठ का नाम ‘धूमकेतु’ है।
(ख) पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : सन् 1528 ई० में यूरोप के आकाश में एक विशाल धूमकेतु प्रकट हुआ। यह इतना भयंकर था कि इसे देखकर बहुत से लोग अनिष्ट (बुरे) की आशंका से बीमार पड़ गए और बहुत से लोग मर गए। इसका कारण अंधिविश्वास था।
लेकिन धूमकेतु के बारे में अब हमारी जानकारी बढ़ गई है। अतः धूमकेतु से लोगों को भय नहीं लगता। अब हमें यह मालूम है कि यह किसी खतरे का सूचक नहीं बल्कि हमारे सौर-मंडल का एक सदस्य है।
5. हेली की भविष्यवाणी सही निकली।
(क) रचना और रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘धुमकेतु’ तथा रचनाकार गुणाकर मुले हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : हेली ने धूमकेतु के अध्ययन के बाद यह भविष्यवाणी की थी कि धूमकेतु एक है तथा यह सौर मंडल की परिक्रमा कर 75 या 76 साल में फिर सूर्य के पास लौटता है। उन्होंने यह भविष्यवाणी की कि अगर मेरी बात ठीक है तो यह धूमकेतु फिर 1758 ई० में पुन: दिखाई देगा। और हेली की यह भविष्यवाणी सही साबित हुई।
6. आज हम धूमकेतु को ‘हेली का धूमकेतु’ कहते हैं?
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार गुणाकर मुले हैं।
(ख) धूमकेतु को ‘हेली का धूमकेतु’ क्यों कहते हैं?
उत्तर : आइजेक न्यूटन के मित्र एडमंड हेली ने ही सर्वप्रथम धूमकेतु के बारे में अध्ययन करके वैज्ञानिक व्याख्या की। उन्होंने कहा कि धूमकेतु हमारे सौर मंडल का ही सदस्य है तथा अन्य ग्रहों की तरह सूर्य की परिक्रमा करता है। उसकी यह परिक्रमा 75-76 साल में पूरी होती है। उनकी यह भविष्यवाणी सच साबित हुई क्योंकि 1682 ई० के बाद यह पुन: 1758 ई० में प्रकट हुई। इसी वैज्ञानिक विवेचन के कारण लोग इस धूमकेतु को ‘हेली का धूमकेतु’ कहते हैं।
7. धुमकेतु इस नियम के अपवाद हैं।
(क) लेखक का नाम लिखें।
उत्तर : लेखक गुणाकर मुले हैं।
(ख) धूमकेतु किस नियम के अपवाद हैं?
उत्तर : हमारे सौर-मंडल के ग्रह तथा उपग्रह एक ही तल में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। पर धूमकेतु इस नियम के अपवाद हैं। धूमकेतु ग्रहों के समतल के साथ कई अंशों का कोण बनाते हुए परिक्रमा करते हैं।
8. पृथ्वी जब उनके समीप से गुजरती है, तो वायुमंडल में उल्काओं की वर्षा होती है?
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘धूमकेतु’ है तथा रचनाकार गुणाकर मुले हैं।
(ख) उल्काओं की वर्षा का कारण लिखें।
उत्तर : धूमकेतु से प्रति सेकेण्ड 10 टन धूल और 30 टन गैसें निकलती रहती हैं जो सूर्य के ताप से जल उठती हैं। इन्हीं जलते हुए धूमकेतु के कणों को उल्का कहते हैं। धूमकेतु आगे बढ़ता रहता है तथा उसके पीछे इन उल्काओं की वर्षा होती रहती है।
9. सूर्य के प्रभाव से ये जल्दी खत्म हो जाते हैं।
अथवा,
10. ऐसे धूमकेतु को अक्सर अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
अथवा,
11. सभी धूमकेतु नजदीक से सूर्य की परिक्रमा नहीं करते।
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार गुणाकर मुले हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : अधिकांश धूमकेतु बहुत दूर से ही सूर्य की परिक्रमा करते हैं इसलिए उनकी परिक्रमा में75-76 वर्ष का समय लगता है। लेकिन कुछ धूमकेतु बहुत छोटी अंडाकार कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इसमें उन्हें3 से 10 साल लगते हैं। सूर्य के अधिक निकट होने के कारण ऐसे धूमकेतु सूर्य के ताप से जल्दी ही नष्ट हो जाते हैं। उदाहरण के लिए बिएला के धूमकेतु का नाम लिया जा सकता है।
12. धूमकेतुओं की रचना के बारे में अभी भी कई बातें अज्ञेय हैं।
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार गुणाकर मुले हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : धूमकेतुओं का अस्तित्व ब्रह्मांड के निर्माण के समय से ही है। हमारे प्राचीनतम ग्रंथों में भी धूमकेतुओं का उल्लेख मिलता है। सन् 1985 के बाद जब धूमकेतु के पास स्वचालित तथा कैमरे से युक्त यान भेजा गया तो हमें धूमकेतुओं के बारे में बहुत सारी जानकारियाँ प्राप्त हुई। लेकिन आज भी धूमकेतु से जुड़े अनेक सवाल हैं जिनका उत्तर हमें नहीं मिल पाया है। हो सकता है कि जब 2062 को धूमकेतु पुनः प्रकट होगा तो उन सवालों तथा रहस्यों पर से परदा हट सकेगा। हम धूमकेतुओं के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
13. किसी धूमकेतु के पृथ्वी से टकरा जाने की संभावना नहीं के बराबर है।
अथवा,
14. इन धूमकेतुओं से डरने की कोई बात नहीं है।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘धूमकेतु’, है तथा इसके रचनाकार गुणाकर मुले हैं।
(ख) पंक्ति में निहित आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : प्राचीन काल में लोगों को ऐसा लगता था कि ये धूमकेतु पृथ्वी से टकरा जाएंगे तथा पृथ्वी नष्ट हो जाएगी। लेकिन ऐसी बात नहीं है। धूमकेतु हमारी पृथ्वी तथा चंद्रमा से भी बहुत दूर होते हैं। वह पृथ्वी की कक्षा से इतनी दूर होता है कि पृथ्वी से उसके टकराने का सवाल ही नहीं पैदा होता है। इसलिए इन धूमकेतुओं से डरने की कोई बात ही नहीं है।
15. उन्होंने अपने ‘वृहत्संहिता’ ग्रंथ के ‘केतुचार’ अध्याय में विनाशक धूमकेतुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
(क) ‘उन्होंने’ से कौन संकेतित है?
उत्तर : ‘उन्होंने से वराह मिहिर संकेतित हैं।
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : वराह मिहिर छठी शताब्दी के प्रख्यात ज्योतिष थे। उन्होंने अपने ग्रंथ ‘वृहत्संहिता’ में धूमकेतु के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इतना ही नहीं, उन्होंने धूमकेतु के प्रकट होने पर उसके शुभ तथा अशुभ फलों का विवरण भी दिया है। लेकिन उनकी दी गई जानकारी की एक बड़ी खामी यह है कि उन्होंने कहा कि धूमकेतु के प्रकट होने के समय की गणना करना गणित के वश की बात नहीं है।
16. लेकिन स्वयं हेली अपनी भविष्यवाणी सच होते नहीं देख पाए।
(क) हेली कौन थे?
उत्तर : एडमंड हेली खगोलविद तथा आइजेक न्यूटन के मित्र थे।
(ख) वे अपनी कौन-सी भविष्यवाणी सच होते नहीं देख पाए?
उत्तर : हेली ने यह भविष्यवाणी की थी कि सन् 1758 ई० में धूमकेतु पुनः प्रकट होगा। उनकी यह भविष्यवाणी सच साबित हुई लेकिन वे उसे सच साबित होते नहीं देख पाए क्योंकि 1742 ई० में ही उनकी मृत्यु हो गई।
17. पर देखा गया कि यह टुकड़ों में बंट गया है।
अथवा,
18. धीरे-धीरे ये दो टुकड़े एक-दूसरे से दूर चले गए।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘धूमकेतु’ तथा रचनाकार गुणाकर मुले हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : एक धूमकेतु जो 1832 ई० तथा 1939 ई० में देखा गया था, उसके फिर से 1845 ई० में देखे जाने की संभावना थी। लेकिन यह दिखाई नहीं पड़ा। हुआ यह कि यह दो टुकड़ों में बंट गया था। ये दो टुकड़े धीरे-धीरे एक-दूसरे से दूर होते चले गए। बाद में उनके प्रकट होने के स्थान पर उल्काओं की वर्षा होती दिखाई दी।
19. वे अंत में नष्ट हो जाते हैं।
(क) ‘वे’ से कौन संकेतित हैं?
उत्तर : वे से धूमकेतु संकेतित हैं।
(ख) पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : प्रस्तुत पंक्ति में उन घूमकेतुओं की बात कही गई है जो सूर्य की परिक्रमा तीन से दस साल में कर लेते है। सूर्य से अधिक निकट होने के कारण ये सूर्य के ताप से जल्द ही नष्ट हो जाते हैं। ‘बिएला का धूमकेतु’ इस प्रकार के धूमकेतु के उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया जा सकता है।
20. इन्हें ‘वीहे’ नाम दिया गया था ।
(क) ‘इन्हें’ से कौन संकेतित है?
उत्तर : ‘इन्हें’ से वह यान संकेतित है जो धूमकेतु के पास भेजा गया था।
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : सोवियत संघ ने जो दो यान सन् 1985-86 में धूमकेतु के पास भेजे थे वह पहले शुक्र ग्रह (वीनस) और फिर हेली के धूमकेतु के पास गया। इन दोनों के नामों के पहले अक्षर के आधार पर यान का नामकरण ‘वीहे’ किया गया।
21. तब इनके नजदीक मानव को भी भेजना संभव होगा।
(क) ‘इनके’ से कैान संकेतित है?
उत्तर : ‘इनके’ से धूमकेतु संकेतित है।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : हेली का धूमकेतु पुन: 2062 ई० में पृथ्वी और सूर्य के समीप आएगा। उस समय यह धूमकेतु पृथ्वी के अधिक निकट होगा और तब उसके निकट यान के माध्यम से मानव को भी भेजना संभव होगा। उस मिशन का उद्देश्य धूमकेतु के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करना होगा।
22. वे विखंडित धूमकेतु के कण होते हैं।
(क) ‘वे’ से कौन संकेतित है?
उत्तर : वे से ‘उल्का’ संकेतित हैं।
(ख) पंक्ति में निहित आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : जब कोई धूमकेतु सूर्य के अधिक निकट जाता है तो वह सूर्य के ताप से नष्ट हो जाता है। हो सकता है कि वह टुकड़ों में भी बंट जाय। ऐसी स्थिति में धूमकेतु के प्रकट होने के स्थान पर केवल उल्काओं की वर्षा होती दिखाई देती है। यह वर्षा वास्तव में विखंडित धूमकेतु के कण होते हैं।
23. तब यह सौर-मंडल को छोड़कर बाहरी अंतरिक्ष में भी निकल जा सकता है।
(क) ‘यह’ से कौन संकेतित है?
उत्तर : ‘यह’ से धूमकेतु संकेतित है।
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : अधिकांश धूमकेतु सौर मंडल की दूर-दूर तक परिक्रमा करते हैं। लेकिन कभी-कभी ये किसी बाहरी पिंड के गुरूत्वाकर्षण से आकर्षित होकर इस सौर-मंडल को छोड़कर किसी दूसरे सौर मंडल में निकल जाते हैं। ऐसी स्थिति में ये हमारे सौर मंडल में दुबारा प्रकट नहीं हो पाते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. धूमकेतु को कैसा तारा कहते हैं ?
(क) गुच्छल तारा
(ख) उज्ज्वल तारा
(ग) पुच्छल तारा
(घ) निश्छल तारा
उत्तर : (ग) पुच्छल तारा ।
2. ‘आकाश के राक्षस’ क्या है?
(क) कविता
(ख) उपन्यास
(ग) धूमकेतु
(घ) पुस्तक
उत्तर : (घ) पुस्तक ।
3. ‘अंतरिक्ष यात्रा’ के लेखक हैं ?
(क) रामकुमार वर्मा
(ख) जयशंकर प्रसाद
(ग) गुणाकर मुले
(घ) न्यूटन
उत्तर : (ग) गुणाकर मुले।
4. ‘नक्षत्रलोक’ के रचनाकार हैं ?
(क) वराहमिहिर
(ख) गुणाकर मुले
(ग) न्यूटन
(घ) शिवमूर्ति
उत्तर : (ख) गुणाकर मुले ।
5. ‘भारतीय अंक-पद्धति की कहानी’ के रचयिता हैं ?
(क) गुणाकर मुले
(ख) शैल रस्तोगी
(ग) शिवमूर्ति
(घ) वराहमिहिर
उत्तर : (क) गुणाकर मुले ।
6. ‘कम्प्यूटर क्या है ?’ – के लेखक हैं ?
(क) संजीव
(ख) कृष्णा सोबती
(ग) गुणाकर मुले
(घ) प्रसाद
उत्तर : (ग) गुणाकर मुले।
7. ‘संसार के महान गणितज्ञ’ पुस्तक के लेखक हैं ?
(क) गुणाकर मुले
(ख) शैल रस्तोगी
(ग) बच्चन
(घ) प्रसाद
उत्तर : (क) गुणाकर मुले।
8. ‘महान वैज्ञानिक’ के रचनाकार का नाम है ?
(क) अनामिका
(ख) रघुवीर सहाय
(ग) कैलाश गौतम
(घ) गुणाकर मुले
उत्तर : (घ) गुणाकर मुले।
9. ‘अक्षरों की कहानी’ के रचनाकार हैं ?
(क) गुणाकर मुले
(ख) कन्हैयालाल नंदन
(ग) कैलाश गौतम
(घ) रघुवीर सहाय
उत्तर : (क) गुणाकर मुले ।
10. ‘आँखों की कहानी’ किसके द्वारा लिखी गई ?
(क) ऋतुराज
(ख) गुणाकर मुले
(ग) कैलाश गौतम
(घ) कीर्ति चौधरी
उत्तर : (ख) गुणाकर मुले ।
11. ‘गणित की कहानी’ के लेखक हैं ?
(क) रामनरेश त्रिपाठी
(ख) ऋतुराज
(ग) अनामिका
(घ) गुणाकर मुले
उत्तर : (घ) गुणाकर मुले।
12. ‘ज्यामिति की कहानी’ के लेखक हैं ?
(क) गुणाकर मुले
(ख) कन्हैयालाल नंदन
(ग) राजेश जोशी
(घ) अनामिका
उत्तर : (क) गुणाकर मुले।
13. ‘लिपियों की कहानी’ किसके द्वारा लिखी गई ?
(क) दिनकर
(ख) गुणाकर मुले
(ग) पंत
(घ) बच्चन
उत्तर :  (ख) गुणाकर मुले।
14. गुणाकर मुले को बिहार के किस सम्मान से सम्मानित किया गया ?
(क) कर्पूरी ठाकुर स्मृति सम्मान
(ख) स्मृति सम्मान
(ग) कर्पूरी सम्मान
(घ) ठाकुर स्मृति सम्मान
उत्तर : (क) कर्पूरी ठाकुर स्मृति सम्मान।
15. गुणाकर मुले को केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा कौन-सा पुरस्कार दिया गया ?
(क) साहित्य रत्न
(ख) भारत रत्न
(ग) आत्माराम पुरस्कार
(घ) मंगला प्रसाद पारितोषिक
उत्तर : (ग) आत्माराम पुरस्कार।
16. गुणाकर मुले को हिन्दी अकादमी के किस सम्मान से सम्मानित किया गया?
(क) साहित्यकार सम्मान
(ख) सरस्वती सम्मान
(ग) पुलित्जर सम्मान
(घ) नेहरू शांति सम्मान
उत्तर : (क) साहित्यकार सम्मान।
17. गुणाकर मुले की कितनी पुस्तकें छपी हैं ?
(क) 25
(ख) 30
(ग) 35
(घ) 40
उत्तर : (ग) 35।
18. गुणाकर मुले के कितने निबंध हिन्दी में छपे हैं ?
(क) 35
(ख) 300
(ग) 300
(घ) 4000
उत्तर : (ख) 300
19. गुणाकर मुले के कितने निबंध अंग्रेजी में छपे हैं ?
(क) 250 से अधिक
(ख) 300 से अधिक
(ग) 350 से अधिक
(घ) 400 से अधिक
उत्तर : (क) 250 से अधिक।
20. ‘भारतीय अंक-पद्धति की कहानी’ के लेखक कौन हैं ?
(क) जहीर
(ख) ग्रेजिया डेलेडा
(ग) गुणाकर मुले
(घ) संजीव
उत्तर : (ग) गुणाकर मुले ।
21. ‘भारतीय सिक्कों की कहानी’ के लेखक कौन हैं ?
(क) प्रेमचंद
(ख) गुणाकर मुले
(ग) ज्ञैनेन्द्र
(घ) प्रसाद
उत्तर : (ख) गुणाकर मुले ।
22. ‘भारतीय लिपियों की कहानी’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) शैल रस्तोगी
(ख) शिवमूर्ति
(ग) गुणाकर मुले
(घ) संजीव
उत्तर : (ग) गुणाकर मुले।
23. गुणाकर मुले का जन्म कब हुआ था?
(क) 3 जनवरी 1935
(ख) 4 जनवरी 1936
(ग) 5 जनवरी 1937
(घ) 6 जनवरी 1938
उत्तर : (क) 3 जनवरी 1935 ।
24. गुणाकर मुले का जन्म कहाँ हुआ था?
(क) पटना
(ख) लखनऊ
(ग) अमरावती
(घ) हैदराबाद
उत्तर : (ग) अमरावती ।
25. गुणाकर मुले किस संग्रहालय से वर्षों जुड़े रहे ?
(क) प्रेमचंद संग्रहालय
(ख) गाँधी संग्रहालय.
(ग) राहुल संग्रहालय
(घ) निराला संग्रहालय
उत्तर : (ग) राहुल संग्रहालय ।
26. गुणाकर मुले किनके शिष्य थे ?
(क) निराला के
(ख) राहुल सांकृत्यायन के
(ग) जयशंकर प्रसाद के
(घ) अज्ञेय के
उत्तर : (ख) राहुल सांकृत्यायन के।
27. ‘धूम’ का अर्थ है :
(क) कण
(ख) गैस
(ग) धुआं
(घ) पानी
उत्तर : (ग) धुआं।
28. ‘केतु’ का अर्थ है :
(क) पटाखा
(ख) पताका
(ग) पूँछ
(घ) सिर
उत्तर : (ख) पताका ।
29. ‘ब्रह्मांड परिचय’ के रचनाकार हैं ?
(क) आइजक न्यूटन
(ख) गुणाकर मुले
(ग) तीखे ब्राहे
(घ) हेली
उत्तर : (ख) गुणाकर मुले ।
30. किस पौराणिक ग्रंथ में धूमकेतु का उल्लेख है ?
(क) रामायण
(ख) महाभारत
(ग) गीता
(घ) रामचरितमानस
उत्तर : (ख) महाभारत ।
31. प्राचीन काल में धूमकेतु को किसका सूचक माना जाता था?
(क) सौभाग्य का
(ख) समृद्धि का
(ग) भयंकर खतरे का
(घ) सुख का
उत्तर : (ग) भयंकर खतरे का ।
32. वराहमिहिर थे :
(क) ज्योतिषी
(ख) वैज्ञानिक
(ग) शिक्षक
(घ) कुशल कारीगर
उत्तर : (क) ज्योतिषी।
33. ‘वृहत्संहिता’ के रचनाकार हैं :
(क) वराहमिहिर
(ख) हेली
(ग) वाल्मीकि
(घ) पाणिनी
उत्तर : (क) वराहमिहिर ।
34. पाश्चात्य ज्योतिष में धूमकेतु को कहते हैं :
(क) लॉकेट
(ख) कॉमेट
(ग) पॉकेट
(घ) सॉकेट
उत्तर : (ख) कॉमेट।
35. ‘कोमते’ शब्द किस भाषा का है :
(क) यूनानी
(ख) पुर्तगाली
(ग) यूरोपीय
(घ) फ्रांसीसी
उत्तर : (क) यूनानी ।
36. ‘कोमते’ शब्द का अर्थ होता है :
(क) लंबी गर्दन वाला
(ख) बड़ा सिर वाला
(ग) लंबे बालों वाला
(घ) लंबी पूँछ वाला
उत्तर : (ग) लंबे बालों वाला।
37. यूरोप के आकाश में धूमकेतु कब प्रकट हुआ?
(क) 1528 ई० में
(ख) 1529 ई० में
(ग) 1530 ई० में
(घ) 1531 ई० में
उत्तर : (क) 1528 ई० में।
38. तीखे ब्राहे कौन थे?
(क) यूरोप के महान साहित्यकार
(ख) यूरोप के महान वैज्ञानिक
(ग) यूरोप के महान नाटककार
(घ) यूरोप के महान ज्योतिष
उत्तर : (घ) यूरोप के महान ज्योतिष।
39. तीखे ब्राहे कहाँ के थे?
(क) भारत के
(ख) यूरोप के
(ग) अमेरिका के
(घ) अफ्रीका के
उत्तर : (ख) यूरोप के ।
40. ‘आकाश के राक्षस’ के रचनाकार कौन हैं?
(क) आम्रोई पेरी
(ख) न्यूटन
(ग) प्रेमचंद
(घ) गुणाकर मुले
उत्तर : (क) आम्रोई पेरी ।
41. धूमकेतु पृथ्वी से होते हैं :
(क) बहुत निकट
(ख) बहुत दूर
(ग) अदृश्य
(घ) जुड़े हुए
उत्तर : (ख) बहुत दूर ।
42. आइजेक न्यूटन के मित्र थे :
(क) शेक्सपियर
(ख) गुणाकर मुले
(ग) एडमंड हेली
(घ) एडमंड हिलेरी
उत्तर : (ग) एडमंड हेली।
43. न्यूटन के गुरूत्वाकर्षण सिद्धांत के प्रकाशन में किसका बड़ा योगदान था?
(क) एडमंड हिलेरी का
(ख) एडमंड हेली का
(ग) वराहमिहिर का
(घ) तीखे ब्राहे का
उत्तर : (ख) एडमंड हेली का।
44. हेली ने धूमकेतु कब देखा था?
(क) 1680 ई० में
(ख) 1682 ई० में
(ग) 1582 ई० में
(घ) 1782 ई० में
उत्तर : (ख) 1682 ई० में।
45. न्यूटन का कौन-सा सिद्धांत विश्वप्रसिद्ध है?
(क) गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत
(ख) पूँजीवाद का सिद्धान्त
(ग) मार्क्सवाद का सिद्धांत
(घ) समाजवाद का सिद्धान्त
उत्तर : (क) गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत।
46. धूमकेतु किसकी परिक्रमा करते हैं?
(क) पृथ्वी की
(ख) वृहस्पति की
(ग) चन्द्रमा की
(घ) सूर्य की
उत्तर : (घ) सूर्य की।
47. धूमकेतु प्रायः कितने साल में सूर्य का एक चक्कर लगा लेता है?
(क) 75-76 साल
(ख) 50-51 साल
(ग) 30-35 साल
(घ) 700-800 साल
उत्तर : (क) 75-76 साल।
48. हेली ने धूमकेतु के कब प्रकट होने की बात कही?
(क) 1902 ई० में
(ख) 1758 ई० में
(ग) 1896 ई० में
(घ) 2012 ई० में
उत्तर : (ख) 1758 ई० में।
49. हेली की मृत्यु कब हुई ?
(क) 1542 ई० में
(ख) 1642 ई० में
(ग) 1842 ई० में
(घ) 1742 ई० में
उत्तर : (घ) 1742 ई० में ।
50. हेली का धूमकेतु पिछली बार कब प्रकट हुआ था ?
(क) 1910 ई० में
(ख) 1911 ई० में
(ग) 1912 ई० में
(घ) 1913 ई० में
उत्तर : (क) 1910 ई० में ।
51. 1910 के बाद धूमकेतु फिर कब प्रकट हुआ?
(क) 1700 ई० में
(ख) 1800 ई० में
(ग) 1986 ई० में
(घ) 1900 ई० में
उत्तर : (ग) 1986 ई० में ।
52. धूमकेतु के कितने भाग होते हैं?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर : (ग) तीन ।
53. धूमकेतु का अधिकांश द्रव्य कहाँ होता है?
(क) पूँछ में
(ख) नाभिक में
(ग) सिर में
(घ) कहीं नहीं
उत्तर : (ख) नाभिक में।
54. धूमकेतु के नाभिक का व्यास कितना हो सकता है?
(क) आधे से पचास किलोमीटर
(ख) आधे से सौ किलोमीटर
(ग) आधे से डेढ़ सौ किलोमीटर
(घ) आधे से दो सौ किलोमीटर
उत्तर : (ग) आधे से डेढ़ सौ किलोमीटर ।
55. धूमकेतु के सिर का घेरा कितना हो सकता है?
(क) 50 कि०मी०
(ख) 100 कि०मी०
(ग) 25 कि०मी०
(घ) 5 कि०मी०
उत्तर : (क) 50 कि०मी० ।
56. धूमकेतु के सिर का आकार घटता-बढता है ?
(क) पृथ्वी से धूमकेतु की दूरी के अनुसार
(ख) वृहस्पति से धूमकेतु की दूरी के अनुसार
(ग) सूर्य से धूमकेतु की दूरी के अनुसार
(घ) चन्द्रमा से धूमकेतु की दूरी के अनुसार
उत्तर : (ग) सूर्य से धूमकेतु की दूरी के अनुसार।
57. कुछ धूमकेतु की पूँछ फैल जाती है ?
(क) 20 करोड़ किलोमीटर
(ख) 15 करोड़ किलोमीटर
(ग) 10 करोड़ किलोमीटर
(घ) 5 करोड़ किलोमीटर
उत्तर : (क) 20 करोड़ किलोमीटर ।
58. धूमकेतु की पूँछ रहती है?
(क) पृथ्वी के विपरीत
(ख) सूर्य के विपरीत
(ग) चन्द्रमा के विपरीत
(घ) शनि के विपरीत
उत्तर : (ख) सूर्य के विपरीत।
59. सभी धूमकेतु कैसी कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं?
(क) अण्डाकार
(ख) गोल
(ग) षटकोण
(घ) अष्टकोण
उत्तर : (क) अण्डाकार ।
60. कुछ धूमकेतु कितने वर्षों में सूर्य की एक परिक्रमा कर लेते हैं?
(क) तीन से बीस साल
(ख) तीन से पंद्रह साल
(ग) तीन से दस साल
(घ) तीन से पाँच साल
उत्तर : (ग) तीन से दस साल।
61. सूर्य के प्रभाव से जल्द नष्ट हो जाने वाला धूमकेतु था ?
(क) बिएला
(ख) सिएला
(ग) रिएला
(घ) जोतो
उत्तर : (क) बिएला।
62. जल्द नष्ट हो जाने वाले धूमकेतु किसकी परिक्रमा नजदीक से करते हैं?
(क) पृथ्वी की
(ख) वृहस्तपति की
(ग) नेपच्यून की
(घ) सूर्य की
उत्तर : (घ) सूर्य की।
63. उल्काओं की वर्षा वास्तव में होती है ?
(क) धूमकेतु के कण
(ख) सूर्य के कण
(ग) गैस के कण
(घ) खनिज के कण
उत्तर : (क) धूमकेतु के कण ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *