General knowledge in hindi | वनस्पति विज्ञान (BOTANY)
General knowledge in hindi | वनस्पति विज्ञान (BOTANY)
जीवविज्ञान
वनस्पति विज्ञान (BOTANY)
सबसे छोटा विषाण ― मुख और खुरमा विषाण (20nm)
सबसे बड़ा विषाणु ― TMV (300mm) पॉक्स विषाण
सुपर परजीवी ― सैटेलाइट टोबैको नेक्रोसिस वायरस
सबसे छोटा जीवाणु ― डाय लिस्टर
सबसे बड़ा जीवाणु ― बैगियाटोआ मिराविलिस
सबसे छोटी शैवाल ― चलेमाइडोमोनास (हरी शैवाल)
सबसे बड़ी शैवाल ― गैनस्टिस (भूरी शैवाल)
सबसे छोटी कवक ― यीस्ट (सैकरोमाइसीज)
सबसे बड़ी कवक ― गैनोडर्मा (बुड फंगस)
सर्वाधिक विषालु कवक ― अमेनिया फैलोइटम
सबसे छोटा ब्रायोफाइटा ― जूपसिस
सबसे बड़ा ब्रायोफाइटा ― डाऊसोनिया
सबसे बड़ा टेरिडोफाइटा ― साइऐथिया
सबसे छोटा अनावृतबीजी ― जोमिया पिगामिया
सबसे बड़ा अनावृतबीजी ― सिकोया गाइगेन्टिया
सबसे छोटा आवृतबीजी ― वुल्फिया
सबसे बड़ा आवृतबीजी ― युकेलिप्टस रेगनेन्स
सबसे छोटा पुष्प ― वुल्फिया माइक्रोस्पर्मिया
सबसे बड़ा पुष्प ― रेफ्लेशिया अर्नोल्डी
सबसे छोटा पादप कोशिका ― माइकोप्लाज्मा
सबसे बड़ा फल ― लोडोइसिया मालडिविका
सबसे छोटा बीज ― आर्किड
सर्वाधिक चौड़ी पत्ती ― विक्टोरिया रेजिया
सबसे छोटी आर्किगोनियम ― अनावृतबीजी
सबसे बड़ी आर्किगोनियम ― माँस
शाकीय वृक्ष ― केल (मुसा पैराडीसिका)
घासीय वृक्ष ― बाँस (बैम्बूसा)
सबसे बड़ा एककोशिकीय पादप ― एसीटेबुलरिया
पादप जगत के उभयचर ― ब्रायोफाइटा
बाकिंग फर्न ― एडिएन्टम
मेडिन हेयर फर्न ― एडिएन्टम
मेडिन हेयर ट्री ― जिंगो बाइलोबा
पादप जगत का जोकर ― माइक्रोप्लाज्मा
सर्वाधिक प्रोटीनयुक्त शैवाल ― स्पाइरुलिना
सबसे विशाल कैक्टस ― सेरीयस जाइनटिसस
सबसे अधिक गुणसूत्र वाला पौधा ― ऑफियोग्लोसम
सबसे कम गुणसूत्र वाला पौधा ― हेप्लापेपस ग्रेसिलिस
जड़विहीन एन्जियोस्पर्मस ― एल्ड्रोवेन्डा
प्ररोह रहित पादप ― राइजोफोरा
सबसे लम्बी जड़ वाला पौधा ― एडनसोनिया डिजिटेटा
सबसे अधिक आयुवाला पौधा ― पुयुरेमाण्डी
सबसे बड़ा बीच ― लोडोकिया
सबसे बड़ा पादप अण्ड ― साइकस
हींग प्रदान करने वाला पौधा ― फेरूला एस्फोइटिडा
मेंहदी प्रदान करने वाला पौधा ― लाऊसोनिया इनरमिस
रूद्राक्ष प्रदान करने वाला पौधा ― इलियोकार्पस सेरीकस
सबसे लम्बी पराग नलिका ― मक्का
विश्व की सर्वाधिक भारी लकड़ी ― ग्वेकम ऑफिसिनेली
विश्व की सबसे हल्की लकड़ी ― औक्रोमो लागोदसबल्सन
● वह विज्ञान जिसका सम्बन्ध जीवधारियों के अध्ययन से होता है
कहलाती है
―जीव विज्ञान
● वह विज्ञान जिसमें पेड़ पौधों का अध्ययन किया जाता है, कहलाती है
―वनस्पति विज्ञान
● जीव विज्ञान शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया
―लैमार्क तथा ट्रेवरेक्स ने
● ‘जीव विज्ञान के जनक’ के नाम से जाने जाते हैं
―अरस्तू
● वनस्पति विज्ञान के जनक हैं
―थियोफ्रेस्टस
● ‘बॉटनी’ शब्द की उत्पत्ति हुई है
―ग्रीक भाषा से
● वनस्पति विज्ञान को वह शाखा जिसमें शैवालों का अध्ययन किया जाता है,
कहलाता है
―फाइकोलॉजी
● पर्यावरण का अध्ययन जीव-विज्ञान की किस शाखा के अन्तर्गत किया
जाता है
―पारिस्थितिकी
● फूलों के संवर्धन के विज्ञान को कहते हैं
―फ्लोरीकल्चर
● पुष्पों का अध्ययन कहलाता है
―एन्थोलॉजी
● वनस्पति संवर्द्धन से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा कहलाती है
―हॉटीकल्चर
● सिल्वीकल्चर वनस्पति विज्ञान की वह शखा है जिसमें वर्णन होता है।
―वन के विकास
● बीजों का अध्ययन कहलाता है
―स्पर्मोलॉजी
● घासों का अध्ययन किया जाता है
―एग्रोस्टोलॉजी में
● भूमि का अध्ययन किया जाता है
―पीडोलॉजी में
● आनवंशिकता एवं विभिन्नता के बारे में जानकारी देनेवाली वनस्पति
विज्ञान की शाखा को कहते हैं
―आनुवंशिकी
● पौधों को नाम देने वाला विज्ञान कहलाता है
―वर्गिकी
● फलों का अध्ययन कहलाता है
―पोमोलॉजी
● परागकणों का अध्ययन कहलाता है
―पैलिनोलॉजी
● संसार में पौधों के वितरण का अध्ययन कहलाता है
—फाइटोजियोग्राफी
● साग सब्जी उत्पन्न करने वाले पौधों का अध्ययन कहलाता है
―ओलेरीकल्चर
● वार्षिक वलयों का अध्ययन कहलाता है
―डेण्ड्रोक्रोनोलाँजी
● सजावटी वृक्ष, झाड़ियों के संवर्द्धन से संबंधित अध्ययन कहलाता है।
―आरबोरीकल्चर
● पौधों को आंतरिक संरचना का अध्ययन कहलाता है
―शारीरिकी
● कवकों का अध्ययन किया जाता है
―माइक्रोलॉजी में
● बाह्य ग्रहों तथा अंतरिक्ष में जीवन का अध्ययन किया जाता है
―एक्सोवाइलोजी में
● जीवाश्म वनस्पति विज्ञान में अध्ययन किया जाता है
―जीवाश्मों का
● Historia Plantarum पुस्तक के लेखक है
―थियोफ्रेस्टस
● Systema Naturae’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक है
―लीनियस
● जिन पौधों पर बीज बनते हैं, परन्तु पुष्प नहीं लगते, कहलाते हैं
―अनावृत्त बीज
● द्विनाम पद्धति के प्रतिपादक है
―लीनियस
● किसे ‘वर्गिकी का पितामह’ कहा जाता है
―लीनियस को
● पुष्पी पादपों को रखा गया है
―फैनरोगैम्स में
● अपुष्पी पादपों को रखा गया है
―क्रिप्टोगैम्स में
● वर्गीकरण का आधारीय इकाई है
―स्पेशीज
● हाइड्रोफाइट्स होते हैं
―जलीय पौधे
● अधिकांश जीवाणु विविधपोषी होते हैं, किन्तु कुछ होते हैं
―स्वपोषी
● जीवाणु की खोज सर्वप्रथम किसने की थी ?
―ल्यूवेन हॉक ने
● जीवाणुओं की साधारण आकृति होती है
―छड़रूपी
● जो जीवाणु आकार में छोटे होते हैं, कहलाते हैं
―गोलाणु
● एक गोल जीवाणु कहलाता है
―कोकस
● एक सर्पिल जीवाणु कहलाता है
―स्पाइरिलम
● जीवाणुओं में किसका अभाव होता है
―माइटोकॉन्ड्रिया का
● सबसे छोटा जीव है
―माइकोप्लाज्मा
● कौन-सा जीवाणु मानव की आँत में पाया जाता है
—एशररीशिया कोलाई
● तपेदिक (TB) उत्पन्न करने वाला जीवाणु है
―माइकोबैक्टीरियम
● किसके द्वारा भोजन की विषाक्तता उत्पन्न होती है
―क्लौस्ट्रीडियम बौटूलीनम
● अधिकांशतया एण्टीबायोटिक्स प्राप्त होते हैं
―जीवाणुओं से
● जो जीवाणु सीधे ही वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को नाइट्रोजन के यौगिकों में
बदलते हैं, कहलाते हैं
―नाइट्रोजन स्थिरीकारी जीवाणु
● नाइट्रोजन स्थिरीकरण में लेगहीमोग्लोबीन का कार्य है।
―ऑक्सीकरण का अवशोषण
● बैक्टीरिया से रोग होता है
―तपेदिक
● जीवाणु के कारण कौन सा रोग होता है
―हैजा
● जीवाणु संक्रमण के कारण रोग होता है
―कुष्ठ
● दूध खट्टा किस कारण होता है
―बैक्टीरिया के
● दूध के दही के रूप में जमने का कारण है
―लैक्टोबैसिलस
● दलहनी फसलों में जीजाणु नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है
―राइजोबियम
● विषाणु की खोज सर्वप्रथम किसने की
―इवानोवस्की ने
● किसमें एन्जाइम्स नहीं होते हैं
―विषाणु में
● हाइड्राफोबिया रोग उत्पन्न होता है
―विषाणु से
● विषाणु वृद्धि करता है
―जीवत कोशिका में
● किस कारण विषाणु निर्जीव माने जाते हैं
―क्रिस्टलाइज होने के कारण
● एन्जाइम अनुपस्थित होते हैं
―विषाणुओं में
● TMV शब्द सम्बन्धित है
―विषाणुओं से
● चेचक के लिए टीके की खोज की
―एडवर्ड जेनर ने
● AIDS का कारण है
―वायरस
● AIDS वायरस होता है
―एक सूची RNA
● AIDS फैलता है
―शारीरिक सम्पर्क से
● HIV सम्बन्धित है
―एड्स से
● विषाणु में पाया जाता है
―न्यूक्लिक एसिड और प्रोटीन
● सार्स (SARS) है
―विषाणु जनित रोग
● किसके संक्रमण के कारण खसरा होता है
―विषाणु के
● जन्तुओं में ‘फूट एण्ड माउथ’ रोग होता है
―विषाणु से
● आलू में मोजैक रोग होता है
―विषाणु के कारण
● शैवालों की कोशिका भित्ति बनी होती है
―सेल्यूलोज से
● हाइड्रा की स्रावी कोशिकाओं में सहजीवी शैवाल मिलता है
—यूक्लोरेला
● किस शैवाल से आयोडीन प्राप्त होती है
―लैमिनेरिया से
● समुद्री शैवालों से प्राप्त होता है
―केल्प
● शैवाल होता है
―स्वपोषी
● कौन-सा शैवाल चावल की फसल के लिए जैव उर्वरक का कार्य करता
है
―नील हरित शैवाल
● लाल सागर का लाल रंग किसकी उपस्थिति के कारण होता है
―शैवाल के
● अगर-अगर प्राप्त होता है
―शैवाल से
● कवकों की कोशिका भित्ति बनी होती है
―काइटिन व हेमी सेल्यूलोज से
● किस रूप में कवकों द्वारा रिजर्व भोज्य पदार्थ संचित होते हैं
―ग्लाइकोजेन के रूप में
● सदैव सभी कवक होते हैं
―विविधपोषी
● वृक्षों की छालों पर उगने वाले कवक कहलाते हैं
―कोर्टीकोलस
● गोबर पर उगने वाले कवक कहलाते हैं
―कोप्रोफिलस
● किसमें क्लोरोफिल नहीं होता है
―कवक में
● डबल रोटी के निर्माण में काम आने वाला कवक है
―सैकरोमाइसीज सेरेविसी
● किसके द्वारा आलू का लेट ब्लाइट उत्पन्न होता है
―फाइटोप्थोरा इन्फेस्टेन्स द्वारा
● पेनीसिलियम है एक-
―कवक
● पेनीसिलिन के खोजकर्ता हैं
―ए. फ्लेमिंग
● अर्गोट प्राप्त होता है
―क्लैवीसेप्स से
● यीस्ट में कायिक जनन होता है
―मुकुलन द्वारा
● खाने योग्य कवक है
―एगैरिकस
● एल. एस. डी. प्राप्त होता है
―कवक से
● प्रथम पृथक किया गया प्रतिजैविक था
―पेनीसिलिन
● टिक्का का रोग होता है
―मूँगफली में
● गन्ने में लाल सड़न रोग होता है
―कवकों द्वारा
● बेकरी में ब्रेड बनाने के लिए यीस्ट का उपयोग किया जाता है
―ब्रेड को मुलायम बनाने के लिए
● ‘एथलीट फुट’ नामक बीमारी उत्पन्न होती है
―कवक से
● अफ्लाटॉक्सिन है
―कवक द्वारा उत्पन्न विष
● लाइकेन बनता है
―कवक और शैवाल से
● लाइकेन सूचक होते हैं
―वायु प्रदूषण के
● लिटमस पत्र प्राप्त किया जाता है
―लाइकेन से
● लाइकेन में कवक और शैवाल के मध्य सहजीवी सम्बन्ध कहलाता है
―हेलोटिज्म
● खाली चट्टानों पर उगने वाले लाइकेन को कहा जाता है
―सेक्सीकोल्स
● मिरगी की औषधि किस लाइकेन से प्राप्त होती है
―परमेलिया से
● कौन-से पादप समूह वनस्पति जगत के उभयचर हैं
―ब्रायोफाइट्स
● जड़ के स्थान पर मूलाभास (Rhizoids) पाया जाता है
―ब्रायोफाइट्स में
● ब्रायोफाइट्स में सम्मिलित है
―लिवरवर्ट एवं मॉस
● बीजों की प्रकृति किसमें उत्पन्न हुई
―टेरिडोफाइटस में
● एजोला है, एक
―जलीय फर्न
● बीजाणु दवा के रूप में प्रयोग होता है
―लाइकोपोडियम
● जैव उर्वरक के रूप में उपयोग किया जाता है
―एजोला
● सबसे अधिक क्रोमोसोम पाये जाते हैं
―टेरिडोफाइटस में
● किस वर्ग के पौधों में बीज बनते हैं, परन्तु बीज नग्न रूप में होते हैं
―जिम्नोस्पर्म
● जीवित जीवाश्म होता है
―साइकस
● कोरेलॉइड जड़ें पायी जाती है
―साइकस में
● सबसे बड़ा बीजाण्ड होता है
―साइकस में
● संसार के सबसे लम्बे पौधे सम्बन्धित है
―जिम्नोस्पर्म से
● चिलगोजा प्राप्त होता है
―पाइनस से
● साबूदाना बनाया जाता है
―साइकस से
● मूलांकूर से विकसित होने वाली जड़ें कहलाती है
―मूसला जड़ें
● श्वसन मूल मिलती है
―जूसिया में
● डहेलिया की जड़ें होती है
―कंदिल तथा पुलकित
● अपरिरोही मूल मिलती है
―आर्किड्स में
● आर्किड्स में विलामेन जड़ें होती है
—नमी अवशोषित करने के लिए
● अवस्तम्भ मूल पायी जाती है
―गन्ने में
● स्तम्भ मूल पायी जाती है
―अपस्थानिक जड़ें
● ‘जड़ें विकसित होती हैं
―मूलांकुर से
● गाजर है एक
―जड़
● जड़ के किस भाग में सर्वाधिक वृद्धि होती है
―मूल शीर्ष के ठीक पीछे
● बरगद के पेड़ के तने से लटकने वाली मोटी जड़ें कहलाती है
―स्तम्भ मूल
● तर्कुरूपी जड़ पायी जाती है
―मूली में
● कुम्भीरूपी जड़ पायी जाती है
―शलजम में
● श्वसन मूल पायी जाती है
―राइजोफोरा में
● पेड़ में हमेशा रहता है
―जड़
● आलू का खाने योग्य भाग होता है
―तना
● पर्णकाय स्तम्भ एक रूपान्तरण है
―तना का
● नागफनी में प्रकाश संश्लेषी कार्य होता है
―पर्णकाय स्तम्भ द्वारा
● मातृ पौधे के समान पौधे प्राप्त होते हैं
―तने की कलम से
● आलू भूमिगत रूपान्तरित तना होता है, जिसे कहते हैं
―कन्द
● हल्दी का खाने योग्य भाग होता है
―प्रकन्द
● अदरक है, एक
―राइजोम
● प्याज परिवर्तित रूप है
―तने का
● प्रायः किसकी पत्ती में पर्णदल न्यूनीकृत होता है
―शुष्कोद्भिद में
● पुष्पों का अध्ययन कहलाता है
―एन्थोलॉजी
● वे पौधे जिनमें कभी पुष्प नहीं बनते हैं, कहलाते हैं
―क्रिप्टोगेम्स
● पुष्प के जनन चक्र है
―पुमंग एवं जायांग
● संसार का सबसे बड़ा पुष्प उत्पन्न होता है
―रैफलीसिया द्वारा
● संसार का सबसे छोटा पुष्प है
―वुल्फिया
● फूलगोभी का खाने योग्य भाग होता है
―पुष्पक्रम
● जीवनचक्र की दृष्टि से पौधे का सबसे महत्वपूर्ण अंग है
―पुष्प
● परागकोष से वर्तिकाग्र तक पराग का स्थानांतरण कहलाता है
―परागण
● एनीमोफिली परागण होता है
―वायु द्वारा
● एण्टमोफिली परागण होता है
―कीटों द्वारा
● जूफिली परागण होता है
―जन्तुओं द्वारा
● आर्निथोफिली परागण होता है
―पक्षियों द्वारा
● जल द्वारा परागण कहलाता है
―हाइड्रोफिली
● चमगादड़ों द्वारा परागण कहलाता है
―चिरेप्टरोफिली
● जो परागण बन्द पुष्पों में होता है, कहलाता है
―क्लीस्टोगैमी
● घोंघे द्वारा परागण कहलाता है
―मेलेकोफिली
● सुगन्धित पुष्पों में परागण होता है
―कीट द्वारा
● परागण के माध्यम
परागण के प्रकार माध्यम
वायु-परागण (Anemophilous) हवा द्वारा परागण
कीट-परागण (Entomophilous) कीटों द्वारा परागण
जल-परागण (Hydrophilous) जल द्वारा परागण
पक्षी-परागण (Ornithophilous) पक्षियों द्वारा परागण
मेलेकोफिलस (Malacophilous) घोंघे द्वारा परागण
चिरोप्टेरिफिलस (Chiropteriphiolous) चमगादड़ द्वारा परागण
जूफिलस (Zoophilous) जन्तुओं द्वारा परागण
● एक नर युग्मक का अण्डाणु से संयोजन कहलाता है
―निषेचन क्रिया
● किसमें निषेचन के पश्चात् बीजों के बीजावरण विकसित होते हैं
―अध्यावरणों से
● द्विनिषेचन मुख्य लक्षण है
―आवृतबीजियों का
● बिना निषेचन के अण्डाणु का परिवर्धन कहलाता है
―अनिषेकजनन
● बिना निषेचन के एक अण्डाशय के फल में विकसित होने को कहते हैं
―पार्थीनोकार्पी
● एक सत्य फल परिवर्धित होता है
―अण्डाशय से
● एक कूट फल है
―सेव
● नारियल तथा आम के फल होते हैं
―डूप
● पके आम का खाने योग्य भाग होता है
―मध्य फलभित्ति
● नारियल का खाने योग्य भाग होता है
―भ्रुणपोष
● फल एवं उनके खाने योग्य भाग
फल खाने योग्य भाग
आम ― मध्य फलभित्ति
सेब ― गूदेदार पुष्पासन
नारियल ― भ्रूण पोष
अमरूद ― फलभित्ति एवं बीजांडसन
टमाटर ― फलभित्ति एवं बीजांडसन
बेल ― मध्य एवं अंत:फलमित्ति
तरबूज ― मध्य एवं अंतः फलभित्ति
अनार ― रसीले बीजचोल
काजू ― पुष्पवृन्त एवं बीजपत्र
चना ― बीजपत्र एवं भ्रूण
इमली ― मध्य फलभित्ति
शहतूत ― रीसीले परिदलपुंज
अन्न्नास ― सहपत्र, परिदल एवं रेकिस व फलभित्ति
बेर ― बाह्य एवं मध्य फलभित्ति
नाशपाती ― गूदेदार पुष्पासन
अंगूर ― फलभित्ति एवं बीजांडसन
पपीता ― मध्य फलभित्ति
केला ― मध्य एवं अंतः फलभित्ति
शरीफा ― गूदेदार फलभित्ति
नींबू ― अंत:भित्ति से विकसित एक कोशिकीय रसीले रोम
गेहूँ ― भ्रूणपोष एवं भ्रूण
लीची ― गूदेदार एरिल
सेम ― बीजपत्र एवं भ्रूण
मूंगफली ― बीजपत्र एवं भ्रूण
कटहल ― सहपत्र, परिदल एवं बीज
भिण्डी ― सम्पूर्ण फल
● लीची का खाने योग्य भाग होता है
―एरिल
● सेव एवं नाशपाती में खाने योग्य भाग होता है
―मांसल पुष्पासन
● बीजरहित फल प्राप्त किया जाता है
―हॉर्मोन्स के व्यवहार द्वारा
● किस पौधे का फल भूमि के नीचे पाया जाता है
―मूंगफली के
● किस पौधे में बीज होता है, लेकिन फल नहीं होता है
―साइकस में
● भूम्पोरिक अंकुरण पाया जाता है
―अरण्डी में
● सजीव प्रजक अंकुरण पाया जाता है
―राइजोफोरा में
● अधोभूमिक अंकुरण पाया जाता है
―मक्का में
● वर्गीकरण की आधारीय इकाई है
―स्पीसीज
● आलू किस कुल से सम्बन्धित है
―सोलेनेसी से
● कपास किस कुल से सम्बन्धित है
―मालवेसी से
एकबीजपत्री के कुछ महत्वपूर्ण कुल और पौधे
कुल का नाम महत्वपूर्ण पौधों के नाम
लिलिएसी ― लहसुन, प्याज, सतावर
ग्रेमिनी ― गेहूँ, मक्का, चावल, गन्ना, ज्वार, बाजरा,
बाँस, दूब घास, जौ, जई
पाल्मी ― नारियल, ताड़, सुपारी, खजूर
● द्विबीजपनी के महत्वपूर्ण कुल और पौधे
कुल का नाम पौधों के नाम
क्रूसीफेरी मूली, शलजम, सरसों, फूलगोभी
मालवेसी कपास, भिण्डी, गुड़हल
लेग्यूमिनेसी मटर, कत्था, अरहर, मूंगफली, सेम,
सोयाबीन,अमलतास, गुलमोहर, इमली, बबूल,
लाजवन्ती, अशोक, शीशम, चना, मूंग, नील
कम्पोजिटी सूरजमुखी, सलाद, जीनिया, जंगली भंगरा,
गुलदाऊदी, गेंदा
रूटेसी नींबू, संतरा, मुसम्मी
सोलेनेसी आलू, बैंगन, लाल मिर्च, तम्बाकू, टमाटर,
बैलाडोना, धतुरा
कुकर बिटेसी तरबूजा, खरबूजा, कद्दू, परवल
रोजेसी सेब, नाशपाती, गुलाब, रसभरी
मिरटेसी जामुनी, मेंहदी
अम्बेलीफेरी धनिया, जीरा, लैंग, सौंफ, गाजर
रेन्नकुलेसी बटरकप, काला जीरा आदि ।
● बैंगन किस कुल का पौधा है
―सोलेनेसी
● कपास के पौधे का वंशीय नाम है
―गैसीपियम
● आम का वानस्पतिक नाम है
―मेन्जीफेरा इंडिका
● अनाज वाले पौधे किस कुल से सम्बन्धित है
―ग्रेमिनी
● दलहनी पौधे सम्बन्धित है
―लेग्यूमिनोसी से
● गेहूँ के पौधे का वास्तविक नाम है
―ट्रिटीकम एस्टीवम
● सबसे बड़ा कुल
―कम्पोजिटी
● चाय के पौधे का वानस्पतिक नाम है
—थिया साइनेन्सिस
● मूँगफली का वानस्पतिक नाम है
―एरेकिस हाइपोजिया
● तैल बीज वाली फसल सम्बन्धित है
―क्रूसीफेरी से
● मटर पौधा है
―शाक
● सबसे लम्बा जीवित वृक्ष है
―सिकुआ
● मोर्फीन निकाला जाता है
―पैपेवर सोम्नीफेरम से
● केसर उत्पन्न होता है
―क्रोकस के वर्तिका तथा वर्तिकाग्र से
● भोजपत्र उत्पन्न होता है
―बेटुला की छाल से
● एट्रोपा बेलाडोना के किस भाग से ‘बेलाडोना’ औषधि प्राप्त की जाती है
―पत्तियों से
● एफेड्रा पौधे का कौन-सा भाग ‘एफेड्रिन’ औषधि उत्पन्न करता है
―तना
● पादप जड़ के प्रकार एवं उसके उदाहरण
जड़ों के प्रकार उदाहरण
शंकुरूप (Conical) ― गाजर
तर्कुरूपी (Fusiform) ― मूली
वायवीय जड़ (Aerial root) ― आर्किड
परजीवी जड़ (Parasitic root) ― कसकुट्टा
ग्रंथिल जड़ (Nodulose root) ― आम, हल्दी
अवस्तम्भ मूल (Stilt root) ― मक्का, गन्ना, पंडानस
पुलिकित जड़ (Fasiculated root) ― डहेलिया, एस्पेरेगस
पत्तीय जड़ (Leafly root) ― ब्रायोफाइलम
बटरस जड़ (Buttress root) ― टर्मिनोलिया, सेमल
श्वसन जड़ (Respiratory root) ― जूसिया
कुंभीरूपी (Napiform) ― शलजम, चुकंदर
श्वसन मूल (Pneumatophore) ― राइजोफोरा
स्वांगीकृत जड़ (Assimilitory root) ― टिनोस्पोरा, ट्रापा
मालाकार जड़ (Moniliform root) ― अंगूर, करेला
स्तम्भ मूल (Prop root) ― बरगद
अधिपादप जड़ (Epiphytic root) ― आर्किड
रेशेदार जड़ (Fibrous root) ― प्याज
आरोही जड़ (Climbing root) ― पान, पोथोस
चूषक जड़ (Sucking root) ― अमरबेल, चंदन
कन्दिल जड़ (Tuberous root) ― शकरकंद
● पत्तियों के रूपांतरण
रूपांतरण के प्रकार उदाहरण
पर्ण प्रतान (Leaf tendrils) ― मटर
पर्णशूल (Leaf spiness) ― नागफनी, आर्जिमोन
पर्णभवृन्त (Phyllode) ― आस्ट्रेलियन बबूल
घटकणी (Leaf Pitcher) ― नेपेन्थीस
कोषाकार पर्ण (Bladder shaped leaves) ― यूट्रीकुलेरिया
● लौंग होता है एक
―शुष्क पुष्प कलिका
● कॉफी प्राप्त की जाती है
―बीजों से
● कॉफी पाउडर के साथ मिलाया जाने वाला ‘चिकोरी चूर्ण’ प्राप्त होता है
―जड़ों से
● अफीम प्राप्त होती है
―पैपेवर सोम्नीफेरम से
● रेसर्पिन नामक औषधि प्राप्त होती है
―राउबुल्फिया सर्पेण्टाइना से
● कुनैन प्राप्त होता है
―सिनकोना से
● हल्दी चूर्ण टर्मेरिक पौधे के किस भाग से प्राप्त होता है
―शुष्क प्रकन्द से
● तम्बाकू की पत्तियों में होता है
―निकोटिन
● किस वनस्पति खाद्य में अधिकतम प्रोटीन होता है
―सोयाबीन में
पादप तने के प्रकार
भूमिगत तना
प्रकन्द (Rhizome) ― अदरक, हल्दी, केला, फर्न
स्तम्भ कंद (Stem tuber) ― आलू
शल्ककंद (Bulb) ― प्याज, लहसुन
धनकंद (Corm) ― कचालू, जिमीकंद
अर्द्धवायवीय तना
उपरिभूस्तरी (Runner) ― दूब घास, मर्सीलिया
भूस्तरी (Stolon) ― अरुई, पेसीफ्लोरा
भूस्तारिका (Offset) ― जलकुम्भी, समुद्री सोख
अन्तःभूस्तरी (Suckers) ― गुलदाऊदी, पिपिरमिंट
वायवीय तने
कंटक स्तम्भ (Stem thorm) ― नींबू, वोगेनविलिया
प्रतान स्तम्भ (Stem tendril) ― अंगूर तथा कुंकुर बिटेसी कुल
के पौधों में
पर्णकाय स्तम्भ (Phylloclade) ― नागफनी, केजुराइना
पर्णभ पर्त (Cladode) ― सतावर, रस्कस
पत्र प्रकलिका (Bulbil) ― अलोय, अगेव
सरस एवं शुष्क फल के प्रकार
सरसफल
अष्ठिल फल (Drupe) ― आम, बेर, नारियल, सुपारी
पीपो (Pepo) ― खीरा, ककड़ी, लौकी, तरबूज
हेस्पिरीडियम (Hespiridium) ― संतरा, मुसम्भी, नींबू
बेरी (Berry) ― टमाटर, अमरूद, मिर्च, अंगूर, केला
पोम (Pome) ― सेब, नाशपाती
बैलस्टा (Balausta) ― अनार
शुष्क फल
कैरियोप्सिस (Caryopsis) ― गेहूँ, मक्का, जौ, धान
सिप्सेला (Cypsella) ― गेंदा, सूर्यमुखी
नट (Nut) ― सिंघाड़ा, लीची, काजू
फली (Legume or pod) ― मटर, सेम, चना
सिलिक्यूआ (Siliqua) ― सरसों, मूली
कोष्ठ विदारक (Loculicidal) ― भिण्डी, कपास
लोमेण्टम (Lomentum) ― बबूल, इमली, मूँगफली
क्रमोकार्प (Cremocarp) ― सौंफ, जीरा, धनिया
रेग्मा (Regma) ― रेड़ी
● दालचीनी पेड़ के किस भाग से प्राप्त की जाती है
―छाल से
● तारपीन का तेल प्राप्त किया जाता है
―चीड़ से
● हशीश पौधे के किस भाग से प्राप्त की जाती है
―तने तथा नर पुष्पक्रम के निःस्राव से
● अर्द्धपारगम्य कला में होकर कम से अधिक सान्द्रता की ओर विलायक
का प्रवाह कहलाता है
―परासरण
● एक कोशिका आयतन में बढ़ती है, जब यह रखी जाती है
―एक अल्पपरासरी विलयन में
● जल में रखे बीज फूलते हैं
―अन्तःशोषण के कारण
● उर्वरकों का अधिक मात्रा में प्रयोग पौधों की मृत्यु का कारण बनता है
―बाह्य परासरण के कारण
● पौधों में जल का परिवहन होता है
―जाइलम द्वारा
● भूमि में पौधों की जड़ों के लिए उपलब्ध जल होता है
―कोशिका जल
● पौधों की वृद्धि के लिए कितने आवश्यक तत्वों की जरूरत होती है।
―सोलह
● किस तत्व की कमी के कारण धान में खैरा रोग या लघुपत रोग होता है
―जस्ता के
● किस तत्व की कमी से फूलगोभी में विटेल रोग होता है
―M₀
● पत्तियों में हरिमहीनता किसकी कमी से होती है
―Mg
● पौधे के वायवीय भागों से वाष्प के रूप में जल-हानि को कहते हैं
―वाष्पोत्सर्जन
● वाष्पोत्सर्जन मापी यंत्र है
―पोटोमीटर
● पौधे में वाष्पोत्सर्जन की क्रिया होती है
―पूरा पौधा से
● पत्तियों के मुख्य कार्य हैं
―प्रकाश संश्लेषण व वाष्पोत्सर्जन
● किस क्रिया के फलस्वरूप पौधों में ऑक्सीजन का निकास तथा कार्बन
डाइऑक्साइड का अवशोषण होता है
―प्रकाश संश्लेषण
● प्रकाश संश्लेषण की दर सबसे अधिक होती है
―लाल रंग के प्रकाश में
● प्रकाश संश्लेषण की दर सबसे कम होती है
―हरे रंग के प्रकाश में
● प्रकाश संश्लेषी अंगक है
―हरितलवक (क्लोरोफिल)
● प्रकाश संश्लेषण होता है
―केवल दिन में
● प्रकाश संश्लेषण के लिए कौन-सी गैस आवश्यक है
―कार्बन डाइऑक्साइड
● पौधे व पेड़ का खाना तैयार करने की प्रक्रिया कहलाती है
―फोटोसिन्थेसिस
● क्लोरोफिल में कौन-सा धातु आयन पाया जाता है
―मैग्नीशियम
● प्रकाश संश्लेषण में पर्णहरित की भूमिका है
―प्रकाश का अवशोषण
● ऊर्जा रूपान्तरणों में से किसके द्वारा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सम्पादित
होती है
―प्रकाश से रासायनिक ऊर्जा
● प्रकाश संश्लेषण में पौधे कौन-सी गैस का अवचूषण करते हैं
―CO₂
● प्रकाश संश्लेषण में हरे पौधे द्वारा गैस छोड़ी जाती है
―ऑक्सीजन
● प्रकाश संश्लेषण क्रिया में मुक्त होने वाली ऑक्सीजन कहाँ से आती है
―जल से
● प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होती है
―क्लोरोप्लास्ट में
● प्रकाश संश्लेषण का प्रथम स्थिर यौगिक है
―ग्लूकोज
● ऐसी जैविक क्रिया जिसमें शर्करा तथा वसा का ऑक्सीकरण होता है
तथा ऊर्जा मुक्त होती है, कहलाती है
―श्वसन
● श्वसन मापन का यंत्र कहलाता है
―रेस्पिरोमीटर
● अनॉक्सी श्वसन में अंतिम उत्पाद होता है
―इथाइल अल्कोहल
● ऑक्सी श्वसन का अंतिम उत्पाद होता है
―कार्बनडाइऑक्साइड तथा जल
● कोशिका के भीतर श्वसन का केन्द्र होता है
―माइटोकॉन्ड्रिया
● ग्लाइकोलिसिस का अंतिम उत्पाद होता है
―पायरूविक अम्ल
● 2,4-D है
―खरपतवारनाशी
● इण्डोल ऐसीटिक अम्ल है
―ऑक्सिन
● किस पादप हार्मोन के छिड़काव से अनिषेक फल प्राप्त किये जा सकते
हैं
―ऑक्सिन
● कौन-सा पादप हार्मोन बौने पौधों को लम्बा कर देता है
―जिबरेलिन
● कोशिका विभाजन में मदद करनेवाला पादप हार्मोन है
―साइटोकानिन
● फल पकानेवाला हार्मोन है
―इथीलिन
● वह यंत्र जिसके द्वारा तने की वृद्धि दर सही रूप में नापी जाती है।
―आक्जेनोमीटर
● बाहा उद्दीपनों द्वारा प्रेरित पादप गति कहलाती है
―कम्पानुकुंचन गति
● छुइमुई की पत्ती में गति होती है
―कम्पानुकुंचन
● स्पर्श करने पर छुइमुई पौधे की पत्तियाँ मुरझा जाती है, क्योंकि
―पर्णाधार का स्फीति दाब बदल जाता है
● सूर्य के प्रकाश की ओर बढ़ते हुए प्ररोह का मुड़ना कहलाता है
―हीलियोट्रॉपिज्म
● पादप रोगों का सबसे उत्तरदायी कारक है
―फफूंदी
● पौधों को रोग प्रतिरोधी बनाया जाता है
—जंगली किस्म से प्रजनन कराके
● हरित वाली रोग किस फसल से सम्बन्धित है
―बाजरा से
पादप रोग
विषाणु जनित पादप रोग
तम्बाकू का मोजैक रोग ― टोबेको मोजैक वाइरस
आलू का मोजैक रोग ― पोटैटो वाइरस-X
बंकी टॉफ ऑफ बनाना ― बनाना वाइरस-I
जीवाणुजनित पादप रोग
आलू का शैथिल रोग (रिंग रोग) ― स्यूडोमोनास सोलेनेसियेरम
ब्लैक आर्म या एंगुलर लीफ स्पॉट
ऑफ कॉटन ― जैन्थोमोनास
धान का अंगमारी रोग ― जैन्थोमोनास ओराइजी
साइट्रस कैंकर ― जैन्थोमोनास सीट्री
गेहूँ का टुण्डू रोग ― कोरीनो बैक्टीरियम इन्डोबायोटिकम
क्राउन गाल ऑफ शुगरबीट ― एग्रोबैक्ट्रीयम ट्यूमीफेसिएन्स
सॉफ्ट रॉट ऑफ मैंगो ― बैक्ट्रीयम कार्टोवोरस
कवक जनित पादप रोग
आलू का वार्ट रोग ― सिनकीट्रियम इन्डोबायोटिकम
आलू का लेट ब्लाइट ― फाइटोप्थोरा इन्फेस्टेन्स
बाजरा का ग्रीन इयर रोग ― स्केलेरोस्पोरा ग्रेमिकोला
बाजरे का इरगॉट ― क्लेवीसेप्स माइक्रोसेफेला
बाजरे का समट ― टोलियो स्पोरियम
गन्ने का रेड रॉट ― कोलेटोट्रिकम फालकेटम
मूँगफली का टिक्का रोग ― एर्कोस्पोरा
गेहूँ का किटू रोग ― पक्सिनिया ग्रेमिनिस ट्रिटीकी
गेहूँ का लूज स्मट ― अस्टिलागो न्यूडा ट्रिटीकी
डैम्पिंग ऑफ या आद गलन ― पाइथीयम
ब्राउन लीफ स्पॉट ऑफ राइस ― हेलमिन्थो स्पोरियम ओराइजी
अरहर का बील्ट रोग ― फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरियम
गेहूँ का पाउडरी मिल्डयू ― इरेसिफ ग्रेमिनिस ट्रिटिसी
राई का इरगॉट रोग ― क्लेवीसेप्स परपुरिया
धनिया का स्टेम गाल रोग ― प्रोटामाइसीज, मेक्रोस्पोरम
आलू का अर्ली ब्लाइट ― अल्टरनेरिया सोलेनाई
● चाय में लाल रस्ट रोग किसके कारण होता है
―हरे शैवाल के
● नींबू का कैंकर रोग होता है
―जीवाणु से
● मिलीबग किस फसल से सम्बन्धित है
―सरसों
● अग्निनीरजा रोग सम्बन्धित है
―सेब से
● गन्ने के लाल सड़न रोग के लिए उत्तरदायी कवक है
―कोलेटोट्रिकम फलकेटम
● मूंगफली में होने वाले टिक्का रोग के लिए उत्तरदायी कवक है
―सर्कोस्पोरा पर्सोनेटा
● बाजरे में किस कवक के कारण ग्रीन इयर रोग होता है
―स्केलेरोस्पोरा ग्रेमिकोला
● आलू में होने वाले उत्तरदायी अंगमारी रोग के लिए उत्तरदायी कवक है
―फाइटोफ्थेरा इन्फेस्टेन्स
● पौधों में तत्वों की कमी से उत्पन्न रोग
उत्पन्न रोग तत्वों की कमी
मूँगफली में टिक्का रोग ― फफूंद से
धान में खैरा रोग ― जस्ता की कमी से
गन्ना में लाल सड़न रोग ― फफूंद से
बाजरा में इगेटि रोग ― फफूंद से
धान में झौंका रोग ― फफूंद से
कपास में ब्लैक आर्म रोग ― जीवाणु से
नींबू में डाइबैक ― कॉपर की कमी से
मटर में मार्श रोग ― मैंगजीन की कमी से
आलू का ब्लैक हार्ट रोग ― भंडारण में O₂ की कमी से
फूलगोभी में क्लिप टैल ― मॉलीब्डेनम की कमी से
आम में लिटिल लीफ ― जस्ता की कमी से
नींबू में लिटिल लीफ ― कॉपर की कमी से
● प्रमुख औषधि और उनके स्रोत
औषधि स्रोत
कैफीन ― कॉफी
कोकिन ― इरिथ्रोजाइलोन कोका
पेनिसिलिन ― कवक
कुनैन ― सिनकोना की छाल
निकोटिन ― तम्बाकू
सैलिसिलिक अम्ल ― शैलोन
इफेड्रीन ― इफेड्रा
एस्प्रीन ― विलो
डिजिटेलिस ― फॉक्सग्लोब की पत्तियाँ
रिजर्पाइन ― रॉवोल्फिया स्पैन्टिना की जड़
माफिन, हेरोइन ― अफीम
इमेटिन ― इपिकाक का पौधा
बेलाडोना ― एट्रोपा बेलाडोना
एल. एस. डी. ― अरगॉट (क्लोविसिप्स)
● सिट्रस कैंकर रोग सम्बन्धित है
―नींबू से
● वह ऊत्तक जो द्वितीयक वृद्धि के लिए उत्तरदायी है
―कैम्बियम
● व्यापारिक कॉर्क प्राप्त होती है
―कॉर्क कैम्बियम से
● पादपों में बना खाद्य पदार्थ पौधे के विभिन्न अंगों में किसके द्वारा पहूँचता
है
―फ्लोएम के द्वारा
● पादपों में जल तथा खनिज लवणों का संचालन होता है
―जाइलम द्वारा
● वायूतक पाया जाता है
―हाइड्रोफाइट्स में
● आर्किड में विलामेन ऊत्तक पाया जाता है
―मूलों में
● जलोद्भिद किसकी उपस्थिति के कारण जल पर तैरते हैं
―वायुतक की
● शीर्षस्थ विभाज्योतक उत्तरदायी होता है
―लम्बाई में वृद्धि के लिए
● पार्श्व विभाज्योतक उत्तरदायी होता है
―मोटाई में वृद्धि के लिए
● पर्यावरण अनुकूलन के आधार पर पौधों का वर्गीकरण
पौधे के प्रकार पर्यावरण अनुकूलन
जलोद्भिद ― जल में उगने वाले पौधे
समोद्भिद ― सामान्य मृदा में उगने वाले पौधे
मरुद्भिद ― मरुस्थलीय क्षेत्रों में उगने वाले पौधे
हैलोफाइटस ― अधिक सांद्रता वाली मृदा में उगने वाले पौधे
हीलोफाइट ― दलदली भूमि में उगने वाले पौधे
ऑक्जीलो फाइटस ― अम्लीय मृदा में उगने वाले पौधे
सैमोफाइट्स ― बालू में उगने वाले पौधे
लिथोफाइट्स ― चट्टानों पर उगने वाले पौधे
एरिमोफाइट्स ― रेगिस्तान तथा स्टेपीज में उगने वाले पौधे
स्कलेरोफाइट्स ― काष्ठीय झाड़ीदार पौधे
● विलामेन की आवश्यकता होती है
―नमी के अवशोषण के लिए
● वृक्षों की आयु वर्षों में निर्धारित की जाती है
―वार्षिक वलयों की संख्या के आधार पर
● वंशागति के अध्ययन से सम्बन्धित जीव विज्ञान की शाखा है
―आनुवंशिकी
● किसे आनुवंशिकी का पिता कहा जाता है
―मेंडल को
● आनुवंशिकी उत्परिवर्तन होता है
―क्रोमोसोम से
● किसके द्वारा आनुवंशिकता के विज्ञान को ‘आनुवंशिकी’ कहा गया
―वाटसन के
● ‘जीन’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया
―जोहान्सन ने
● वंशागति की इकाई है
―जीन
● मेंडल ने किस पौधे पर संकरण प्रयोग किया
―गार्डेन पी पर
● बारबरा मैक्लिन्टॉक किस पौधे पर कार्य के लिए प्रसिद्ध है
―मक्का
● जीन्स बने होता है
―DNA के
● प्रयोगशाला में सर्वप्रथम DNA का संश्लेषण किसने किया था
―हरगोविन्द खुराना ने
● किस जीव वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम कोशिका नाम दिया था
―रॉबर्ट हुक ने
● कौन-सी रचना जन्तु कोशिका को वनस्पति कोशिका से विभेदित करती
है
―कोशिका भित्ति या सेण्ट्रिओल
● यदि माइटोकॉण्ड्रिया काम करना बन्द कर दे तो कोशिका में कौन-सा
कार्य नहीं हो पाएगा
―भोजन का ऑक्सीकरण
● कोशिका का ऊर्जा गृह कहा जाता है
―माइटोकॉण्ड्रिया को
● कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण होता है
―राइबोसोम में
● सबसे बड़ा कोशिकांग है
―प्लास्टिड
● पादप कोशिकाओं का सबसे बाहरी आवरण कहलाता है
―कोशिका भित्ति
● कोशिका द्रव में उपस्थित महीन, शाखित, झिल्लीदार और अनियमित
नलिकाओं का घना जाल कहलाता है
―अंतःप्रद्रव्यी जालिका
● प्रोटीन निर्माण का सक्रिय स्थल है
―राइबोसोम
● कोशिका श्वसन का सक्रिय स्थल है
―माइटोकॉण्ड्रिया
● कोशिका की आत्महत्या की थैली कहलाता है
―लाइसोसोम
● सबसे अधिक कोशिका में पाया जाने वाला पदार्थ है
―जल
● किसकी उपस्थिति के कारण किसी पादप कोशिका और पशु कोशिका
में अन्तर पाया जाता है
―कोशिका भित्ति के
● गॉल्जीकाय का प्रमुख कार्य है
―स्रावी
● कौन-सा कोशिकांग DNA रखता है
―माइटोकॉण्ड्रिया
● अवर्णीलवक पाये जाते हैं।
―जड़ों की कोशिकाओं में
● पत्तियों को हरा रंग प्रदान करता है
―क्लोरोप्लास्ट
● विभिन्न पदार्थों के स्थिति एवं कारण
स्थिति कारण
टमाटर का लाल रंग ― लाइकोपिन
ऑबले में कसैलापन ― टैनिन
प्याज का लाल होना ― एन्थोसाइन
लहसुन का गंध ― एलाइसिन
मूली का तीखापन ― आइसोसाइनेट
मिर्च में चरपराहट ― केप्सेसिन
खीरे में कड़वाहट ― कुकर विटेसिन
करैले में कड़वाहट ― ट्राइटरपाइन
गाजर में लाल रंग ― एन्थ्रोसाइनिन
नारंगी में रंग ― कैरोटी
हल्दी में पीला रंग ― कुरकुमिन
मिर्च का लाल रंग ― कैप्सेनथिन
प्याज में पीला रंग ― क्वेरासिटिन
प्याज में गंध ― एलाइल
आलू में कंदो का हरापन ― सोलिनिन
● ‘प्रोगेम्ड सेल डेथ’ का कोशिका एवं आण्विक नियंत्रण कहलाता है
―एजिंग
● लाइसोसोम्स कार्य करते हैं।
―अन्तःकोशिकीय पाचन में
● कोशिका भित्ति होती है
―पारगम्य
● माइटोकॉण्ड्रिया का भीतरी वलन कहलाता है
―क्रिस्टी
● जीवद्रव्य शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किया था
―पुरकिंजे ने
● ‘जीवद्रव्य जीवन का भौतिक आधार है’ किससे कहा था
―हक्सले ने
● कोशिका की क्रियात्मक गतिविधियाँ नियंत्रित होती है
―केन्द्रक द्वारा
● गुणसूत्र शब्द का प्रयोग किया
―वाल्डेयर ने
● अन्तः प्रद्रव्य जालक की खोज की
―पोर्टर ने
● सर्वाधिक संख्या (2n) में गुणसूत्र पाये जाते हैं
―ओफियोग्लोसस में
● वास्तविक केन्द्रक अनुपस्थित होता है
―जीवाणुओं में
● जीवधारियों एवं उनके वातावरण के बीच अंतर अभिक्रिया के अध्ययन
को कहते हैं
―पारिस्थितिकी
● पारिस्थितिकी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किया
―रिटर ने
● वातावरण के साथ जीवों का समुदाय जिसमें वे रहते हैं, कहलाते हैं
―पारितंत्र
● पारितंत्र शब्द सर्वप्रथम प्रतिपादित किया
―ए.जी. टेन्सले ने
● पारितंत्र का अजीवीय घटक है
―जल
● प्राथमिक उपभोक्ता होते हैं
―शाकाहारी
● द्वितीयक उपभोक्ता होते हैं
―मांसाहारी
● पारितंत्र में ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत होता है
―सूर्य का प्रकाश
● किसी पारितंत्र में सबसे बड़ी संख्या होती है
―प्राथमिक उत्पादकों की
● संसार का सबसे बड़ा पारितंत्र है
―सागर
● सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा यौगिकीकरण है
―हरे पौधे
● वायु प्रदूषकों का विश्वसनीय संकेतक है
―लाइकेन्स तथा मॉस
● मुख्य वायु प्रदूषक है
―CO
● कौन-सी गैस पृथ्वी पर ‘हरित गृह प्रभाव’ में सर्वाधिक योगदान करती
है
―कार्बन डाइऑक्साइड
● हरित गृह गैसें कहलाने वाली गैसें हैं
―CO₂, CH₄, NO₂, CFC
● कौन–सी गैस हीमोग्लोबीन से संयोग कर रक्त में एक विषैला पदार्थ
बनाती है
―CO
● मोटर कार से उत्पन्न प्रदूषक जो मानसिक रोग पैदा करता है
―सीसा
● मेट्रोपोलिटन नगरों में प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है
―स्वतः चालित वाहन
● कौन-सा वायु प्रदूषक मनुष्य में रक्तदाब को बढ़ा देता है
―कैडमियम
● मीनीमाता रोग होता है
―जल में मरकरी के प्रदूषण से
● जल प्रदूषण मापने हेतु जाँच की जाती है
―वायोमैकेनिकल ऑक्सीजन डिमांड
● डी. डी. टी. होता है
―अजीव अपघटनीय प्रदूषक
● सूर्य से आने वाले हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों से होता है
―त्वचा का कैंसर
● नदियों में जल प्रदूषण की माप की जाती है
―O₂ की घुली हुई मात्रा से
● अधिकतम ध्वनि प्रदूषण का कारण है
―जेट उड़ान
● ध्वनि प्रदूषण होता है
―85 डेसीबल से अधिक
● विकिरण प्रदूषण उत्पन्न करता है
―कैंसर रोग
● अम्ल वर्षा से प्रदूषित होती है
―मृदा तथा जलाशय
● कुछ जीवधारियों के वैज्ञानिक नाम
जीवधारी वैज्ञानिक नाम
मनुष्य (Man) ― Homo Sapiens
मेढ़क (Frog) ― Rana tigrina
बिल्ली (Cat) ― Felis domestica
कुत्ता (Dog) ― Canis familiaris
गाय (Cow) ― Bos indicus
मक्खी (Housefly) ― Musca domestica
आम (Mango) ― Mangifera indica
धान (Rice) ― Oryza sativa
गेहूँ (Wheat) ― Triticum aestivum
मटर (Pea) ― Pisum sativum
चना (Gram) ― Cicer arietinum
सरसों (Mustard) ― Brassica campestris
◆