MP Board Class 10th Maths | पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन
MP Board Class 10th Maths | पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.1
प्रश्न 1.
दो घनों जिनमें से प्रत्येक का आयतन 64 cm³ है, के संलग्न फलकों को मिलाकर एक ठोस बनाया जाता है। इससे प्राप्त घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
ज्ञात है : दो सर्वांगसम घन जिनमें से प्रत्येक का आयतन V = a³ = 64 cm³ है, जहाँ a = वर्ग की भुजा है। दोनों के संलग्न फलकों को मिलाकर एक घनाभ बनाया गया है जिसकी लम्बाई l = 2a cm चौड़ाई b = a cm एवं ऊँचाई h = a cm है।
∵ V = a³ = 64 = (4)³
⇒ a = 4 cm
⇒ l = 2a = 2 x 4 = 8cm,
b = 4 cm एवं h = 4 cm
∵ घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sw = 2(lb + bh + hl) .
⇒ Sw = 2(8 x 4 + 4 x 4 + 4 x 8)
= 2(32 + 16 + 32)
= 2 x 80
= 160 cm²
अतः, घनाभ का अभीष्ट पृष्ठीय क्षेत्रफल = 160 cm² है।
प्रश्न 2.
कोई बर्तन खोखले अर्द्धगोले के आकार का है जिसके ऊपर एक खोखला बेलन अध्यारोपित है। अर्द्ध गोले का व्यास 14 cm है और इस बर्तन (पात्र) की कुल ऊँचाई 13 cm है। इसका आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
ज्ञात है : एक 14 cm व्यास वाला एक खोखला अर्द्धवृत्ताकार पात्र एवं उसके ऊपर अध्यारोपित समान व्यास के एक खोखले बेलन के अध्यारोपण के फलस्वरूप बना एक संयुक्त पात्र जिसकी कुल ऊँचाई 13 cm है (देखिए संलग्न आकृति 13.3)। चूँकि बेलन के आधार पर व्यास = अर्द्ध गोलाकार बर्तन का व्यास d= 14 cm
⇒ बेलन की त्रिज्या = अर्द्ध गोले की त्रिज्या r = 14/2 =7 cm
∵ पात्र की कुल ऊँचाई = 13 cm
⇒ बेलन की ऊँचाई h = 13 cm – 7 cm = 6 cm
∵ पात्र की आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
⇒ पात्र का आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh + 2π²
= 2 x 227 x 7 x 6 + 227 x (7)²
= 264 + 308
= 572 cm²
अतः, पात्र का अभीष्ट आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = 572 cm² है।
प्रश्न 3.
एक खिलौना त्रिज्या 3.5 cm वाले एक शंकु के आकार का है जो उसी त्रिज्या वाले एक अर्द्ध गोले पर अध्यारोपित है। इस खिलौने की सम्पूर्ण ऊँचाई 15.5 cm है। इस खिलौने का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
ज्ञात है : संलग्न आकृति के अनुसार एक खिलौना जिसकी सम्पूर्ण ऊँचाई 15.5 cm तथा अर्द्ध गोले
एवं शंकु के आधार की त्रिज्या = 3.5 cm दी गयी है, अतः r = 72 cm.
⇒ शंकु की ऊर्ध्वाधर ऊँचाई h = 15.5 – 3.5 = 12 cm.
∵ शंकु की तिर्यक ऊँचाई
चूँकि खिलौने का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = शंकु का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्ध गोले का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल
अतः, खिलौने का अभीष्ट सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 214.5 cm² है।
प्रश्न 4.
भुजा 7 cm वाले एक घनाकार ब्लॉक के ऊपर एक अर्द्धगोला रखा हुआ है। अर्द्धगोले का अधिकतम व्यास क्या हो सकता है? इस प्रकार बने ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
चूँकि घनाकार ब्लॉक की भुजा a = 7 cm दी है। इसके ऊपर एक अर्द्धगोला रखा है, अतः अर्द्धगोले का अधिकतम व्यास d= घन की भुजा = a = 7 cm
⇒ अर्द्धवृत्त की त्रिज्या r = 72 cm
चूँकि ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = घन का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्धगोले का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल – अर्द्धगोले के आधार द्वारा घेरे गए वृत्ताकार भाग का क्षेत्रफल
Sw = 6a² + 2πr² – πr²
= 6a² + πr²
Sw=6×(7)2+227×(72)2
= 294 + 38.5
= 332.5 cm²
अतः, अर्द्धवृत्त का अधिकतम अभीष्ट व्यास = 7 cm
एवं ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 332.5 cm² है।
प्रश्न 5.
एक घनाकार ब्लॉक के एक फलक को अन्दर की ओर काटकर एक अर्द्ध गोलाकार गड्डा इस प्रकार बनाया गया है कि अर्द्धगोले का व्यास l घन के एक किनारे के बराबर है। शेष बचे ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
माना लीजिए दिए हुए घनाकार ब्लॉक की भुजा (l किनारा) a = l मात्रक।
इसके एक फलक को काटकर अर्द्ध गोलीय गड्ढा इस प्रकार बनाया गया है कि अर्द्ध गोले का व्यास d = l मात्रक।
⇒ अर्द्धगोले की त्रिज्या r = l2 मात्रक।
चूंकि ठास का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षत्रफल = घन का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्ध गोलीय गड्ढे का पृष्ठीय क्षेत्रफल – काटे हुए वृत्त का क्षेत्रफल
Sw = 6l² + 2π² – πr²
= 6l² + πr²
= 6l2+π(l2)2=6l2+14πl2
Sw = 14l² (24 + π) वर्ग मात्रक।
अतः ठोस का अभीष्ट सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 14l² (24 + π) वर्ग मात्रक।
प्रश्न 6.
दवा का एक कैप्सूल (Capsule) एक बेलन के आकार का है जिसके दोनों सिरों पर एक-एक अर्द्ध गोला लगा हुआ है (देखिए संलग्न आकृति)। पूरे कैप्सूल की लम्बाई 14 mm है और उसका व्यास 5 mm है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए दवा का एक कैप्सूल कुल 14 mm लम्बा तथा d = 5 mm व्यास वाला एक इस प्रकार का बेलनाकार है जिसके दोनों सिरों पर उसी व्यास के एक-एक अर्द्ध गोले लगे हुए हैं। चूँकि बेलनाकार भाग एवं अर्द्धगोलीय भाग का व्यास d = 5 mm
⇒ बेलनाकार भाग एवं अर्द्ध गोलीय भाग की त्रिज्या r = 52 mm
चूँकि कैप्सूल की कुल लम्बाई = बेलनाकार भाग की लम्बाई l + दो अर्द्धगोलीय त्रिज्या अर्थात् व्यास
⇒ l + 5 = 14 mm
⇒ l = 14 – 5 = 9 mm
∵ कैप्सूल का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वृक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + 2 x अर्द्धगोलीय भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
अतः कैप्सूल का अभीष्ट पृष्ठीय क्षेत्रफल = 220 mm² (लगभग) है।
प्रश्न 7.
कोई तम्बू एक बेलन के आकार का है जिस पर एक शंकु अध्यारोपित है। यदि बेलनाकार भाग की ऊँचाई और व्यास क्रमश: 2.1 m और 4 m है तथा शंकु की तिर्यक ऊँचाई 2.8 m है, तो इस तम्बू को बनाने में प्रयुक्त कैनवास (Canvas) का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। साथ ही Rs 500 प्रति m² की दर से इसमें प्रयुक्त कैनवास की लागत ज्ञात कीजिए। (ध्यान दीजिए कि
तम्बू के आधार को कैनवास से नहीं ढका जाता है।)
हल :
ज्ञात है : तम्बू के बेलनाकार भाग की ऊँचाई h = 2.1 m तथा बेलनाकार भाग एवं शंक्वाकर भाग के व्यास d = 4 m
बेलन की त्रिज्या = शंकु की त्रिज्या
r = 42m = 2 m
शंकु की तिर्यक ऊँचाई l = 2.8 m.
चूँकि तम्बू का पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sw = 2πrh x πrl
= 2 x 227 2 x 2.1 + 227 x 2 x 2.8
= 26.4 + 17.6
= 44.0 m²
∵ व्यय = क्षेत्रफल x दर
= 44 x Rs 500
= Rs 22,000.
अतः, प्रयुक्त कैनवास का अभीष्ट क्षेत्रफल = 44 m²
एवं उसको लगाने में अभीष्ट व्यय = Rs 22,000 है।
प्रश्न 8.
ऊँचाई 2.4 cm और व्यास 1.4 cm वाले एक ठोस बेलन में से इसी ऊँचाई और इसी व्यास वाला एक शंक्वाकार खोल (Cavity) काट लिया जाता है। शेष बचे ठोस का निकटतम वर्ग सेण्टीमीटर तक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : h= 2.4 cm ऊँचाई एवं d = 1.4 cm व्यास वाले एक बेलन में से उसी ऊँचाई एवं उसी व्यास का शंक्वाकार खोल काट दिया जाता है। मान लीजिए शंकु की तिर्यक ऊँचाई = l cm है।
चूँकि व्यास = 1.4 cm
त्रिज्या = 1.42 = 0.7 cm
चूँकि तिर्यक ऊँचाई
चूँकि प्राप्त ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + ऊपर के आधार का वृत्तीय क्षेत्रफल
Sw = 2πrh + πrl + πr²
= πr(2h + l + r)
= 227 x 0.7(2 x 2.4 + 2.5 + 0.7)
= 2.2(4.8 + 2.5 + 0.7)
= 2.2 x 8.0
= 17.6 cm²
Sw = 18 cm² (निकटतम cm² में)
अतः, शेष बचे ठोस का अभीष्ट पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 18 cm² (निकटतम cm² में) है।
प्रश्न 9.
लकड़ी के एक ठोस बेलन के प्रत्येक सिरे पर एक अर्द्ध गोला खोदकर निकालते हुए एक वस्तु बनाई गई है जैसा कि संलग्न आकृति में दर्शाया गया है। यदि बेलन की ऊँचाई 10 cm है और आधार की त्रिज्या 3.5 cm है, तो इस वस्तु का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
ज्ञात है : h = 10 cm ऊँचाई एवं r = 3.5 cm त्रिज्या वाला लकड़ी का एक बेलन जिसके दोनों सिरों से उसी त्रिज्या का एक-एक अर्द्ध गोलाकार भाग काटकर निकाल दिया गया है तो
∵ प्राप्त ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + 2 x अर्द्धगोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sw = 2πrh + 2 x 2πr²
= 2πr(h + 2r)
= 2 x 227 x 3.5(10 + 2 x 3.5)
= 22 x 17
= 374 cm²
अतः, शेष प्राप्त ठोस का अभीष्ट सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 374 cm² है।
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.2
प्रश्न 1.
एक ठोस एक अर्द्धगोले पर खड़े एक शंकु के आकार का है जिसकी त्रिज्याएँ 1 cm है तथा शंकु की ऊँचाई उसकी त्रिज्या के बराबार है। इस ठोस का आयतन π के पदों में ज्ञात कीजिए।
हल :
ज्ञात है: r = 1 cm त्रिज्या वाले अर्द्ध गोले पर उसी आधार त्रिज्या का एक शंकु जिसकी ऊँचाई h = r = 1 cm है।
चूँकि संयुक्त ठोस का आयतन = अर्द्ध गोले का आयतन + शंकु का आयतन
अतः, ठोस का अभीष्ट आयतन = π cm³ है
प्रश्न 2.
एक इन्जीनियरिंग के विद्यार्थी रचेल से एक पतली ऐलुमीनियम की शीट का प्रयोग करते हुए एक मॉडल बनाने को कहा गया, जो एक ऐसे बेलन के आकार का हो जिसके दोनों सिरों पर दो शंकु जुड़े हों। इस मॉडल का व्यास 3 cm और इसकी लम्बाई 12 cm है। यदि प्रत्येक शंकु की ऊँचाई 2 cm हो, तो रचेल द्वारा बनाए गए मॉडल में अन्तर्विष्ट हवा का आयतन ज्ञात कीजिए। यह मान लीजिए कि मॉडल की आन्तरिक तथा बाहरी विमाएँ लगभग बराबर हैं।
हल :
ज्ञात है : 12 cm लम्बा एक बेलनाकार मॉडल जिसके दोनों सिरों पर h’ = 2 cm ऊँचाई के शंकु। शंकु एवं बेलन के व्यास d = 3 cm
अर्थात् उनकी त्रिज्याएँ r = 32 cm हैं।
बेलन की ऊँचाई h = 12 – 2 x 2
= 12 – 4
= 8 cm
मॉडल का आयतन (धारिता) = बेलन का आयतन + 2 x शंकु का आयतन
= πr²h + 2 x 13 πr²h’
= हवा का आयतन
मॉडल का धारिता
अतः, मॉडल में अन्तर्विष्ट हवा का अभीष्ट आयतन = 66 cm³ है।
प्रश्न 3.
एक गुलाबजामुन में उसके आयतन की लगभग 30% चीनी की चासनी है। 45 गुलाबजामुनों में लगभग कितनी चासनी होगी यदि प्रत्येक गुलाबजामुन एक बेलन के आकार का है, जिसके दोनों सिरे अर्द्ध गोलाकार हैं तथा इसकी लम्बाई 5 cm एवं व्यास 2.8 cm है (देखिए सलंग्न आकृति)।
हल :
5 cm लम्बे तथा d= 2.8 cm व्यास वाले 45 ऐसे बेलनाकार गुलाबजामुन जिसके सिरे उसी व्यास के अर्द्ध गोलाकार हैं। गुलाबजामुनों में उनके आयतन का 30% चीनी की चासनी है। बेलनाकार भाग का व्यास = अर्द्धगोलाकार भाग का व्यास
d = 2.8 cm
बेलन एवं अर्द्ध गोले की त्रिज्याएँ r = 2.82 = 1.4 cm
बेलनाकार भाग की लम्बाई h = 5 cm – 2 x 1.4 cm
= 2.2 cm
एक गुलाबजामुन का आयतन = बेलन का आयतन + 2 x अर्द्ध गोले का आयतन
अतः, चासनी का अभीष्ट आयतन = 338 cm³ (लगभग) है।
प्रश्न 4.
एक कलमदान घनाभ के आकार की एक लकड़ी से बना है, जिसमें कलम रखने के लिए चार शंक्वाकार गड्ढे बने हुए हैं। घनाभ की विमाएँ 15 cm x 10 cm x 3.5 cm हैं। प्रत्येक गड्ढे की त्रिज्या 0.5 cm है और गहराई 1.4 cm है। पूरे कलमदान की लकड़ी का आयतन ज्ञात कीजिए (देखिए संलग्न आकृति)।
हल :
दिया है : घनाभ की विमाएँ 15 cm x 10 cm x 3.5 cm जिसमें 4 शंक्वाकार गड्ढे प्रत्येक h = 1.4 cm गहरे तथा त्रिज्या r = 0.5 cm के हैं।
घनाभ का कुल आयतन = 15 cm x 10 cm x 3.5 cm
V1 = 525 cm³
4 शंक्वाकार गड्ढों का आयतन = 4 x 13 πr²h
V2 = 4 x 13 x 227 x (0.5)² x 1.4 cm³
= 4.43 cm³
= 1.47 cm³
लकड़ी का आयतन = V = V1 – V2
= 525 – 1.47
= 523.53 cm³
अतः, लकड़ी का अभीष्ट आयतन = 523.53 cm³ है।
प्रश्न 5.
एक बर्तन एक उल्टे शंकु के आकार का है। इसकी ऊँचाई 8 cm है और इसके ऊपरी सिरे (जो खुला हुआ है) की त्रिज्या 5 cm है। यह ऊपर तक पानी से भरा हुआ है। जब इस बर्तन में सीसे की कुछ गोलियाँ जिसमें प्रत्येक 0.5 cm त्रिज्या वाला एक गोला है, डाली जाती हैं, तो इसमें भरे हुए पानी का 14 भाग बाहर निकल जाता है। बर्तन में डाली गयी सीसे की गोलियों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
शंक्वाकार बर्तन के ऊपरी तल की त्रिज्या r = 5 cm तथा इसकी ऊँचाई h = 8 cm दी है। मान लीजिए, सीसे की n गोलियाँ जिनमें प्रत्येक त्रिज्या r’ = 0.5 cm की गोलाकार गोली है डालने पर पूरे भरे बर्तन के पानी का 14 आयतन बाहर निकल जाता है। प्रश्नानुसार,
n गोलियों का आयतन = 14 शंक्वाकार बर्तन का आयतन (धारिता)
अतः, सीसे की गोलियों की अभीष्ट संख्या = 100 है।
प्रश्न 6.
ऊँचाई 220 cm और आधार व्यास 24 cm वाले एक बेलन जिस पर ऊँचाई 60 cm और त्रिज्या 8 cm वाला एक अन्य बेलन आरोपित है, से लोहे का एक स्तम्भ बना है। इस स्तम्भ का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए जबकि दिया है 1 cm³ लोहे का द्रव्यमान 8g होता है (π = 3.14 लीजिए।)
हल :
एक लोहे का स्तम्भ दो बेलनों के संयोग से बना है जिसमें r1 = 242 = 12 cm,
h1 = 220 cm, r2 = 8 cm एवं h2 = 60 cm दिए हैं।
∵ V1 = πr12h1
= π(12)² x 220
= 31680 π
∵ V2 = πr22h2
= π(8)² x 60
= 3840 π
कुल आयतन = 31680 π + 3840 π
= 35520 π
V = 35520 x 3.14
= 111532.8 cm³.
लोहे का द्रव्यमान = आयतन (cm³ में) x द्रव्यमान (g/cm³ में)
M = (111532.8 x 8)g = 892262.4 g
= 892.2624 kg
= 892.26 kg (लगभग)
अतः, लोहे का अभीष्ट द्रव्यमान = 892.26 kg (लगभग) है।
प्रश्न 7.
एक ठोस में, ऊँचाई 120 cm और त्रिज्या 60 cm वाला एक शंक सम्मिलित है, जो 60 cm त्रिज्या वाले एक अर्द्धगोले पर आरोपित है। इस ठोस को पानी से भरे हुए एक लम्बवृत्तीय बेलन में इस प्रकार सीधा डाल दिया जाता है कि यह बेलन की तली को स्पर्श करे। यदि बेलन की त्रिज्या 60 cm है और ऊँचाई 180 cm है, तो बेलन में शेष बचे पानी का आयतन ज्ञात कीजिए। हल :
मान लीजिए h = 180 cm ऊँचे तथा r = 60 cm त्रिज्या के बेलनाकार बर्तन में जल भरा है, जिसमें एक ठोस जो r = 60 cm त्रिज्या वाले अर्द्धगोले पर r = 60 cm त्रिज्या तथा h’ = 120 cm ऊँचाई का एक शंकु से मिलकर बना है, डाला जाता है जिसमें उसके आयतन के बराबर जल बाहर निकल जाता है।
∵ बेलन का आयतन = πr²h
= π(60)² x 180
V1 = 648000 π cm³
= 0.648 π m³
शंकु का आयतन = 13 πr²h’
= π(60)² x 120
V2 = 144000 π cm³
= 0.144 π m³
अर्द्धगोलीय ठोस का आयतन = 23 πr³
= 23 π (60)³
V3 = 144000 π cm³
= 0.144 π m³.
ठोस का आयतन = V2 + V3
= 0.144 π m³ + 0.144 π m³
(V2 + V3) = 0.288π m³.
शेष जल का आयतन = बेलन का आयतन – ठोस का आयतन
= V1 – (V2+V3)
= 0.648π – 0.2881
= 0.360π m³
= 0.360 x 227 m³
= 1.131 m³.
अतः, बेलनाकार बर्तन में अवशेष जल का आयतन = 1.131 m³ (लगभग) है।
प्रश्न 8.
एक गोलाकार काँच के बर्तन की एक बेलनाकार गर्दन है जिसकी लम्बाई 8 cm है और व्यास 2 cm है जबकि गोलाकार भाग का व्यास 8.5 cm है। इसमें भरे जा सकने वाली पानी का मात्रा मापकर एक बच्चे ने यह ज्ञात किया कि इस बर्तन का आयतन 345 cm³ है। जाँच कीजिए कि उस बच्चे का उत्तर सही है या नहीं। यह मानते हए कि उपरोक्त मापन आन्तरिक मापन है और π = 3.14 है।
हल :
गोलाकार भाग का व्यास 2R = 8.5 cm
R = 8.52
एवं बेलनाकार भाग का व्यास 2r = 2 cm
r = 22 = 1 cm
गोलाकार भाग का आयतन
बेलनाकार भाग का आयतन = πr²h = 3.14 x (1)² x 8
V2 = 25.12 cm³
कुल आयतन V = V1+V2
= 321.39 + 25.12 .
= 346.51 cm³
अतः, बच्चे का उत्तर सही नहीं है क्योंकि सही आयतन 346.51 cm³ है।
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3
प्रश्न 1.
त्रिज्या 4.2 cm वाले धातु के एक गोले को पिघलाकर त्रिज्या 6 cm वाले एक बेलन के रूप में ढाला जाता है। बेलन की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
माना,
बेलन की ऊँचाई = h cm है, तो प्रश्नानुसार,
बेलन का आयतन = गोले का आयतन
अतः, बेलन की अभीष्ट ऊँचाई = 2.744 cm है।
प्रश्न 2.
क्रमशः 6 cm, 8 cm और 10 cm त्रिज्याओं वाले धातु के तीन ठोस गोलों को पिघलाकर एक बड़ा ठोस गोला बनाया जाता है। इस गोले की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए बड़े गोले की त्रिज्या = R cm है, तो प्रश्नानुसार,
बड़े गोले का आयतन = तीन छोटे गोलों के आयतनों का योग
R³ = (6)³ + (8) + (10)³
R³ = 216 + 512 + 1000
= 1728
= (12)³
R = 12 cm
अतः, बड़े गोले की अभीष्ट त्रिज्या = 12 cm है।
प्रश्न 3.
व्यास 7m वाला 20 m गहरा एक कुआँ खोदा जाता है और खोदने से निकली हुई मिट्टी को समान रूप में फैलाकर 22 m x 14 m वाला एक चबूतरा बनाया जाता है। इस चबूतरे की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
चूँकि कुएँ का व्यास 2r = 7m ⇒ r = 72m है एवं कुएँ की गहराई d = 20 m मान लीजिए चबूतरे की ऊँचाई hm है, तो प्रश्नानुसार, चबूतरे की मिट्टी की आयतन = कुएँ का आयतन
22 m x 14 m x hm = πr2d=227×(72)2×20
h=22×49×207×4×22×14=52m
= 2.5 m
अतः, चबूतरे की अभीष्ट ऊँचाई = 2.5 m है।
प्रश्न 4.
व्यास 3 m का एक कुआँ 14m की गहराई तक खोदा जाता है। इससे निकली हुई मिट्टी को कुएँ के चारों ओर 4 m चौड़ी एक वृत्ताकार वलय (Ring) बनाते हुए समान रूप से फैलाकर एक प्रकार का बाँध बनाया जाता है। इस बाँध की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए बाँध की ऊँचाई = x m है।
कुएँ का व्यास d = 2r1 = 3 m ⇒ r1 = 32 = 1.5 m तथा गहराई h = 14 m
बाँध की चौड़ाई = 4 m
⇒ बाँध की बाह्य त्रिज्या r2 = 4 + 1.5 = 5.5 m
∴ वलयाकार बाँध का आयतन = π(r22 – r12)x,
V = π[(5.5)² – (1.5)²] × x
= πx(30.25 – 2.25)
= 28πx m³
∴ कुएँ का आन्तरिक आयतन = πr12h
V = π(1.5)² × 14
= 31.5 π
बाँध का आयतन = कुएँ का आन्तरिक आयतन
⇒ 28π x = 31.5 π
⇒ x = 31.528 = 1.125 m
अतः, बाँध की अभीष्ट ऊँचाई = 1.125 m है।
प्रश्न 5.
व्यास 12 cm और ऊँचाई 15 cm वाले एक लम्ब वृत्तीय बेलन के आकार का बर्तन आइसक्रीम से पूरा भरा हुआ है। इस आइसक्रीम को ऊँचाई 12 cm और व्यास 6 cm वाले शकओं में भरा जाना है, जिनका ऊपरी सिरा अर्द्धगोलाकार होगा। इन शंकुओं की संख्या ज्ञात कीजिए जो इस आइसक्रीम से भरे जा सकते हैं।
हल :
मान लीजिए बेलनाकार बर्तन की ऊँचाई h = 15 cm तथा व्यास d = 2r = 12 cm (दिया है)
त्रिज्या r = 122 = 6 cm
शंक की ऊँचाई h’ = 12 cm
शंकु का व्यास = अर्द्धगोले का व्यास
d’ = 2r’ = 6 cm (दिया है)
r’ = 62 = 3 cm
बेलन का आयतन V = πr²h
= π(6)² x 15
= 540π cm³
एवं शंकु का कुल आयतन = V’ = 13π(r’)²h’ + 23 π(r’)³
= 13 π(r’)² (h’ + 2r’)
= 13 π(3)² (12 + 2 x 3)
= 13 π x 9 x 18
= 54 π cm³
अतः, आइसक्रीम शंकुओं की अभीष्ट संख्या = 10 है।
प्रश्न 6.
विमाओं 5.5 cm x 10 cm x 3.5 cm वाला एक घनाभ बनाने के लिए 1.75 cm व्यास और 2 mm मोटाई वाले कितने सिक्कों को पिघलाना पड़ेगा?
हल :
माना सिक्कों की संख्या = n है दिया है। घनाभ की विमाएँ 5.5 cm x 10 cm x 3.5 cm तथा सिक्कों की मोटाई x = 2 mm = 0.2 cm एवं व्यास d = 2r = 1.75 cm
r = 1.752 cm दिया है।
घनाभ का आयतन = 5.5 cm x 10 cm x 3.5 cm = 192.5 cm³.
n सिक्कों का कुल आयतन = n × πr²x
= n×227×(1⋅752)2×0⋅2=13⋅47528n
चूँकि सिक्कों का कुल आयतन = घनाभ का आयतन
अतः, सिक्कों की अभीष्ट संख्या = 400 है।
प्रश्न 7.
32 cm ऊँची और आधार त्रिज्या 18 cm वाली एक बेलनाकार बाल्टी रेत से भरी हुई है। इस बाल्टी को भूमि पर खाली किया जाता है और इस रेत की एक शंक्वाकार ढेरी बनाई जाती है। यदिशंक्वाकार ढेरी की ऊँचाई 24 cm है, तो इस ढेरी की त्रिज्या और तिर्यक ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
माना लीजिए बेलनाकार बाल्टी की ऊँचाई h = 32 cm तथा त्रिज्या r = 18 cm दी गयी है तथा इसको भरे हुए रेत से एक शंक्वाकार ढेरी बनानी है जिसकी ऊँचाई h’ = 24 cm है। पुनः मान लीजिए कि शंक्वाकार ढेरी की त्रिज्या = r’ cm एवं तिर्यक ऊँचाई = l cm है, तो प्रश्नानुसार,
शंक्वाकार ढेरी का आयतन = बेलनाकार बाल्टी का आयतन
अतः, शंक्वाकार ढेरी की अभीष्ट त्रिज्या = 36 cm एवं उसकी अभीष्ट तिर्यक ऊँचाई = 12√13 cm है।
प्रश्न 8.
6m चौड़ी और 1.5 m गहरी एक नहर में पानी 10 km/h चाल से बह रहा है। 30 मिनट में यह नहर कितने क्षेत्रफल की सिंचाई कर पायेगी जबकि ऊँचाई के लिए 8 cm गहरे पानी की आवश्यकता होती है?
हल :
मान लीजिए नहर एक घनाभ के आकार की है जिसकी चौड़ाई b = 6 m और गहराई h = 1.5m जिसमें 10 km/h की चाल से पानी बह रहा है। पुनः मान लीजिए यह 30 मिनट में x वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सिंचाई करेगा जिसमें पानी की गराई d = 8 cm = 0.08 m है।
30 मिनट में जल धारा की लम्बाई = 3060h x 10 km/h = 5 km
l = 5000 m
जल धारा का 30 मिनट में आयतन = lbh = 5000 x 6 x 1.5 m³
V = 45000 m³.
प्रश्नानुसार,
x × 0.08 = 45000
x = 450000.08=45000×1008m2
x = 562500 m²
= 56.25 हेक्टेअर
अतः, अभीष्ट क्षेत्रफल = 562500 m² अथवा 56.25 हेक्टेअर है।
प्रश्न 9.
एक किसान अपने खेत में 10 m व्यास वाली और 2 m गहरी एक बेलनाकार टंकी को आन्तरिक व्यास 20 cm वाले एक पाइप द्वारा एक नहर से जोड़ता है। यदि पाइप में पानी 3 km/h की चाल से बह रहा है, तो कितने समय बाद टंकी पूरी भर जायेगी?
हल :
बेलनाकार टंकी की गहराई h = 2 m तथा व्यास d = 2r = 10 m
r = 102 = 5 m दिया है।
पाइप का आन्तरिक व्यास d’ = 2r’ = 20 cm = 0.2 m
r’ = 0.1 m है।
जल धारा की पाइप में 1 घण्टे में लम्बाई 3 km = 3000 m होगी।
टंकी का आयतन = πr²h
= π(5)² x 2
= 50π m³
1 घण्टे में नल से प्राप्त जल का आयतन = π(r’)²l
= π(0.1)² x 3000 m³
= 30π m³.
अतः, टंकी को भरने में लगा अभीष्ट समय = 100 मिनट है।
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.4
प्रश्न 1.
पानी पीने वाला एक गिलास 14 cm ऊँचाई वाले एक शंकु के छिन्नक के आकार का है। दोनों वृत्ताकार सिरों के व्यास 4 cm और 2 cm हैं। इस गिलास की धारिता ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए दिए हुए शंकु छिन्नक की ऊँचाई h = 14 cm, वृत्ताकार सिरों के व्यास क्रमशः d1 = 2r1 = 4 cm एवं d2 = 2r2 = 2 cm
r1 = 42 = 2 cm एवं r2 = 22 = 1 cm है।
चूँकि शंकु के छिन्नक का आयतन = 13 πh[r12 + r22 + r1r2]
⇒ गिलास की धारिता = 13×227 x 14[(2)² + (1)² + (2) (1)]
= 443[4+1+2]
= 3083
= 10223 cm³
अतः, गिलास की अभीष्ट धारिता 10223 cm³
प्रश्न 2.
एक शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई 4 cm है तथा इसके वृत्तीय सिरों के परिमाप (परिधियों) 18 cm एवं 6 cm हैं। इस छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई l = 4 cm एवं वृत्तीय सिरों के परिमाप (परिधियाँ) क्रमश: C1 = 18 cm एवं C2 = 6 cm दिये गये हैं।
चूँकि छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = l[C1+C22]
Sc=4[18+62]
= 4 x 242
= 4 x 12
= 48 cm²
अतः, शंकु के छिन्नक का अभीष्ट वक्र पृष्ठीय शेषफल = 48 cm² है।
प्रश्न 3.
एक तुर्की टोपी शंकु के छिन्नक के आकार की है (देखिए संलग्न आकृति)। यदि.इसके खुले सिरे की त्रिज्या 10 cm तथा ऊपरी सिरे की त्रिज्या 4 cm है और टोपी की तिर्यक ऊँचाई 15 cm है, तो इसके बनाने में प्रयुक्त पदार्थ का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए शंकु के छिन्नकाकार टोपी की तिर्यक ऊँचाई l = 15 cm, सिरों की त्रिज्याएँ r1 = 10 cm एवं r2 = 4 cm दी हैं।
चूँकि शंकु के छिन्नक का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल
SC = πl(r1 + r2)
SC = 227 x 15(10 + 4)
= 227 x 15 x 14
= 660 cm²
ऊपरी वृत्ताकार सिरे का क्षेत्रफल
टोपी के पदार्थ का कुल क्षेत्रफल
अतः, टोपी के पदार्थ का अभीष्ट क्षेत्रफल = 71027cm2 है।
प्रश्न 4.
धातु की चादर से बना और ऊपर से खुला एक बर्तन शंकु के एक छिन्नक के आकार का है जिसकी ऊँचाई 16 cm है तथा निचले और ऊपरी सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः 8 cm और 20 cm हैं। Rs 20 प्रति लीटर की दर से, इस बर्तन को पूरा भर सकने वाले दूध का मूल्य ज्ञात कीजिए। साथ ही, इस बर्तन को बनाने के – लिए प्रयुक्त धातु की चादर का मल्य Rs 8 प्रति 100 cm² की दर से ज्ञात कीजिए। (π = 3.14 लीजिए।)
हल :
मान लीजिए कि धातु की चादर से बने एक छिन्नक के आकार के बर्तन की ऊँचाई h= 16 cm
ऊपरी एवं निचले सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः r1 = 20 cm एवं r2 = 8 cm हैं।
छिन्नक का आयतन = 13 πh[r12 + r22 + r1r2]
V = 13 x 3.14 x 16 [(20)² + (8)² + 20 x 8]
= 13 x 50.24 [400 + 64 + 160]
= 13 x 50.24 x 624
= 31349.763cm3
छिन्नक का आयतन = 10449.92 cm³
दूध का आयतन = 10.45 लीटर
दूध का मूल्य = दूध का आयतन x दर
= 10.45 x 20
= Rs 209
अतः, दूध का अभीष्ट मूल्य = Rs 209 है।
सविधा के लिए छिन्नक का एक भाग संलग्न आकृति में दर्शाया गया है। मान लीजिए PR = l तथा OP = r1 = 20 cm
एवं O’R = r2 = 8 cm
तथा OO’ = h = 16 cm (दी है)
तो समकोण ∆RMP में,
MP = OP – OM
= OP – O’R
= r1 – r2
= 20 – 8
= 12 cm
एवं MR = OO’ = h = 16 cm
समकोण ∆RMP में पाइथागोरस प्रमेय से,
छिन्नक का वक्रपृष्ठ S. = πl(r1 + r2)
SC = 3.14 x 20(20 + 8)
= 3.14 x 20 x 28
= 1758.4 cm²
वृत्तीय आधार का क्षेत्रफल = πr22 = 3.14 x (8)²
= 3.14 x 64
= 200.96 cm²
धातु-चादर का कुल क्षेत्रफल, Sw = 1758.4 + 200.96 = 1959.36
धातु-चादर का मूल्य = धातु-चादर का क्षेत्रफल x दर
= 1959⋅36×8100
= Rs 156.75
अतः, धातु-चादर का अभीष्ट मूल्य = Rs 156.75 है।
प्रश्न 5.
20 cm ऊँचाई और शीर्ष कोण (Vertical angle) 60° वाले एक शंकु को उसकी ऊँचाई के बीचों-बीच से होकर जाते हुए एक तल से दो भागों में काटा गया है, जबकि तल शंकु के आधार के समान्तर है। यदि इस प्राप्त शंकु-छिन्नक को व्यास 116 cm वाले एक तार के रूप में बदल दिया जाता है, तो तार की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए ऊँचाई h = PO = 20 cm और शीर्ष कोण ∠OPR = 60° वाले शंकु को उसकी ऊँचाई के बीचों-बीच (मध्य बिन्दु) O’ से जाने वाले आधार के समान्तर तल द्वारा दो भागों में विभक्त किया गया है, जहाँ
PO’ = OO’ = h’ = 202 = 10 cm [जहाँ h’ छिन्नक की ऊँचाई]
∆PQR एक समद्विबाहु ∆ है तथा PO उसका शीर्ष लम्ब
⇒ ∠QPO = ∠SPO’ = 602 = 30°
माना OQ = r1 तथा O’S = r2
मान लीजिए तार की लम्बाई l cm है तथा व्यास d = 2r = 116 cm
r = 132 cm
तार का आयतन = छिन्नक का आयतन
अतः, तार की अभीष्ट लम्बाई = 796444.4 cm या 7964.4 m है।
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.5
ज्ञातव्य – यह प्रश्नावली परीक्षा की दृष्टि से नहीं है।
प्रश्न 1.
व्यास 3 mm वाले ताँबे के एक तार को 12 cm लम्बे और 10 cm व्यास वाले एक बेलन पर इस प्रकार लपेटा जाता है कि वह बेलन के वक्रपृष्ठ को पूर्णतया ढक लेता है। तार की लम्बाई और द्रव्यमान ज्ञात कीजिए, यह मानते हुए कि ताँबे का घनत्व 8.88 g प्रति cm³ है।
हल :
मान लीजिए बेलन की ऊँचाई h = 12 cm एवं व्यास D = 10 cm तथा तार का व्यास d = 2r = 3 mm = 0.3 cm ⇒ r = 0.15 cm
चूँकि बेलन का वक्रपृष्ठ = πDh = 3.14 x 10 x 12 cm²
Sc = 376.8 cm²
मान लीजिए तार की लम्बाई l है, जो बेलन को पूर्णतया ढक लेती है।
अतः, तार की अभीष्ट लम्बाई = 1256 cm है।
चूँकि तार का आयतन = πr²l
⇒ V = 3.14 x (0.15)² x 1256
ताँबे का आयतन V = 88.74 cm³
ताँबे का घनत्व = 8.88 g/cm³ (दिया है)
चूँकि तार का द्रव्यमान = तार का आयतन x ताँबे का घनत्व
⇒ M = 88.74 x 8.88
= 788 g (लगभग)
अतः, ताँबे का अभीष्ट द्रव्यमान = 788 g (लगभग) है।
प्रश्न 2.
एक समकोण त्रिभुज जिसकी भुजाएँ 3 cm और 4 cm हैं (कर्ण के अतिरिक्त) को उसके कर्ण के परितः घुमाया जाता है। इस प्रकार प्राप्त द्वि शंकु (double cone) के आयतन एवं पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए (π का मान जो भी उपयुक्त लगे प्रयोग कीजिए)।
हल :
मान लीजिए कि ∆ABC एक समकोण ∆ है जिसमें AB = 4cm एवं BC = 3 cm दिए हैं तथा ∆ABC को कर्ण AC के परितः घुमाया गया है जिसमें दो शंकु प्राप्त होते हैं।
मान लीजिए AO = h cm
(देखिए संलग्न आकृति)
समकोण ∆ABC में, AC=AB2+BC2−−−−−−−−−−√
(पाइथागोरस प्रमेय से)
AC=(4)2+(3)2−−−−−−−−−√=16+9−−−−−√
= √25
= 5 cm
चूँकि AO = h माना गया है। OC = (5 – h) cm
चूँकि ₹ABCB’ के ∠ABC + ∠AB’C = 180°
⇒ चतुर्भुज ABCB’ एक चक्रीय चतुर्भुज है, जिसकी जीवा AC, जीवा BB’ का लम्ब समद्विभाजक हैं।
[ ∆AB’B एक समद्विबाहु ∆ है तथा AC शीर्ष लम्ब है।]
OB’ = OB = r (मान लीजिए)
OB’ x OB = AO x OC
⇒ r² = h x (5 – h) ….(1)
समकोण ∆AOB में पाइथागोरस प्रमेय से,
OB² = AB² – AO²
r² = (4)² – (h)² ….(2)
एवं समकोण ∆BOC में पाइथागोरस प्रमेय से,
OB² = BC² – OC²
r² = (3)² – (5 – h)² …(3)
⇒ (3)² – (5 – h)² = (4)² – (h)²
[समीकरण (2) एवं (3) से]
⇒ 9 – (25 – 10h + h²) = 16 – h²
⇒ 9 – 25 + 10h – h² = 16 – h²
⇒ 10h = 16 + 25 – 9 = 32
⇒ h = 3210 = 3.2 cm
⇒ h² = (4)² – (3.2)²
= 16 – 10.24
= 5.76 ….(4)
⇒ r = √5.76
= 2.4 cm
चूँकि द्विशंकु का आयतन
एवं द्विशंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl1 + πrl2
Sw = πr(l1 + l2) = 227 x 2.4 x (4 + 3)
= 227 x 2.4 x 7
= 52.8 cm²
अतः, द्विशंकु का अभीष्ट आयतन = 30.17 cm³
एवं उसका अभीष्ट पृष्ठीय क्षेत्रफल = 52.8 cm² है।
प्रश्न 3.
एक टंकी जिसका आन्तरिक मापन 150 cm x 120 cm x 110 cm है, में 129600 cm³ पानी है। इस पानी में कुछ छिद्रों वाली ईंटें तब तक डाली जाती हैं जब तक कि टंकी पूरी ऊपर तक न भर जाये। प्रत्येक ईंट अपने आयतन का 117 पानी सोख लेती है। यदि प्रत्येक ईंट की माप 22.5 cm x 7.5 cm x 6.5 cm है, तो टंकी में कुल कितनी ईंटें डाली जा सकती हैं ताकि उसमें से पानी बाहर न बहे।
हल :
मान लीजिए कि टंकी में n ईंटें डाली जा सकती है। टंकी में पानी का आयतन = 129600 cm²
टंकी का आयतन V = 150 x 120 x 110
= 19,80,000 cm³.
n ईंटों का आयतन = n x 22.5 x 7.5 x 6.5.
= 1096.875 n cm³.
n ईंटों द्वारा सोखे गए पानी का आयतन = =1096⋅875n17cm3
= 64.522 n cm³.
प्रश्नानुसार, टंकी का आयतन = ईंटों का आयतन + जल का आयतन – ईंटों द्वारा गए जल का आयतन
1980000 = 1096.875 n+ 129600 – 64.522 n
1096.875 n – 64.522 n = 1980000 – 129600
1032.353 n = 1850400
n=18504001032⋅353=1792⋅41
= 1792
ईंटें। अतः, ईंटों की अभीष्ट संख्या = 1792 है।
प्रश्न 4.
किसी महीने के 15 दिनों में एक नदी की घाटी में 10 cm वर्षा हुई। यदि इस घाटी का क्षेत्रफल 7280 km² है, तो दर्शाइए कि कुल वर्षा लगभग तीन नदियों के सामान्य पानी के योग के समतुल्य थी जबकि प्रत्येक नदी 1072 km लम्बी, 75 m चौड़ी और 3 m गहरी है।
हल :
मान लीजिए कि वर्षा के जल के तल की ऊँचाई x = 10 cm = 101,00,000 km एवं घाटी का क्षेत्रफल A = 7280 km². नदी की लम्बाई l = 1072 km, चौड़ाई b = 75 m = 0.075 km
एवं ऊँचाई (गहराई) h = 3 m = 0.003 km
तथा नदियों की संख्या n = 3.
वर्षा के जल का आयतन V1 = A×x=7280×101,00,000
V1 = 0.72800 km³
तीनों नदियों का आयतन = n × l × b × h
V2 = 3 × 1072 × 0.075 × 0.003
V2 = 0.7236 km³.
अतः, वर्षा के जल का आयतन लगभग तीनों नदियों के जल के आयतन के योग के बराबर है।
प्रश्न 5.
टीन की बनी एक तेल की कुप्पी 10 cm लम्बे बेलन में एक शंकु के छिन्नक को जोड़ने से बनी है। यदि इसकी कुल ऊँचाई 22 cm है, बेलनाकार भाग का व्यास 8 cm और कुप्पी के ऊपरी सिरे का व्यास 18 cm है, तो इसके बनने में लगी टीन की चादर का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए (देखिए संलग्न आकृति)।
हल :
मानलीजिए एकटीन की बनी तेल की कुप्पी h1 = 10cm लम्बे एक बेलन जिसका व्यास d1 = 2r1 = 8 cm ⇒ r1 = 82 cm = 4 cm है पर एक शंकु छिन्नक जिसका ऊपरी व्यास d2 = 2r2 = 18 cm
r2 = 182 = 9 cm से मिलकर बनी है। कुप्पी की कुल ऊँचाई h = 22 cm है, तो शंकु-छिन्नक की ऊँचाई h2 = h – h1 = 22 – 10 = 12 cm है। सुविधा हेतु कुप्पी के शंकु-छिन्नक को संलग्न चित्र में दिखाया गया है।
मान लीजिए शंकु-छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई l cm है। आकृति के अनुसार, समकोण ∆PQR में ∠PQR = 90°, PQ = h2 = 12 cm एवं RQ = 18−82=102=5cm
अब समकोण ∆POR में पाइथागोरस प्रमेय से,
अब कुप्पी का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sc = 2πr1h1 + πl(r1 + r2)
= 2 × π × 4 × 10 + π × 13 (4 + 9)
= 80π + 169π
= 249π
= 249 × 227
= 54787=78247cm2
अतः, कुप्पी को बनाने के लिए आवश्यक टीन का अभीष्ट क्षेत्रफल = 78247cm2 है।
प्रश्न 6.
शंकु के एक छिन्नक के लिए पूर्व स्पष्ट किए गए संकेतों का प्रयोग करते हुए, वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल और सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल के उन सूत्रों को सिद्ध कीजिए जो अनुच्छेद 13.5 में दिए गए हैं, जो कि निम्न प्रकार हैं
(i) शंकु के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल Sc = π(r1 + r2)l जहाँ l=h2+(r1−r2)2−−−−−−−−−−−−√
(ii) शंकु के छिन्नक का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल
SW = π(r1 + r2)l + πr12 + πr22 जहाँ l=h2+(r1−r2)2−−−−−−−−−−−−√
हल :
(i) मान लीजिए शंकु-छिन्नक के दोनों वृत्ताकार सिरों की त्रिज्याएँ क्रमश: NR = r1 एवं MP = r2 मात्रक तथा उनके बीच की दूरी (शंकु-छिन्नक की ऊँचाई)
= h मात्रक है = MN
P से RN पर PQ ⊥ RN डालिए। अब MNQP
एक आयत है। जिसमें PQ = MN = h मात्रक एवं QN = PM = r2 मात्रक है।
RQ = RN – QN
= (r1 – r2) मात्रक
मान लीजिए PR = छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई
= l मात्रक
समकोण ∆PQR में पाइथागोरस प्रमेय से,
PR² = PQ² + RQ²
l² = h² + (r1 – ri)
l=h2+(r1−r2)2−−−−−−−−−−−−√
यदि हम छिन्नक के वक्र पृष्ठ को एक खड़ी रेखाखण्ड के द्वारा काटकर खोल दें तो हमको एक समलम्ब चतुर्भुज प्राप्त होगा जिसमें दोनों समान्तर रेखाओं के मान क्रमश: AB = a = 2πr1 तथा CD = b = 2πr2 होंगे तथा बीच की दूरी = l मात्रक (देखिए संलग्न आकृति) हम जानते हैं कि समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल =l(a+b)2
Sc=l(2πr1+2πr22)
Sc = πl(r1 + r2)
(ii) जहाँ l=h2+(r1−r2)2−−−−−−−−−−−−√
एवं सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + दोनों वृत्ताकार सिरों का क्षेत्रफल
Sw = Sc + πr12 + πr22
Sw = πl(r1 + r2) + πr12 + π22
l=h2+(r1−r2)2−−−−−−−−−−−−√
इति सिद्धम्
प्रश्न 7.
शंकु के एक छिन्नक के लिए पूर्व स्पष्ट किए संकेतों का प्रयोग करते हुए, आयतन का वह सूत्र सिद्ध कीजिए, जो अनुच्छेद 13.5 में दिया गया है, जो निम्न प्रकार है : आयतन V=13πh(r21+r22+r1r2)
हल :
मान लीजिए शंकु छिन्नक के वृत्ताकार फलकों की त्रिज्याएँ क्रमशः r1 एवं r2 है जहाँ r1 > r2 एवं उसकी ऊँचाई (दोनों फलकों के बीच की दूरी) = h मात्रक है। उस शंक को पूरा कीजिए जिसका यह छिन्नक भाग है।
मान लीजिए शंकु की ऊर्ध्वाधर काट PQR हैं तथा ST|| QR है एवं छोटे शंकु का शीर्ष लम्ब PM =x मात्रक है, तो बड़े शंकु का शीर्ष लम्ब PN = PM + MN
= (x + h) मात्रक
समकोण ∆PNQ में SM || QN है।
∆PMS ~ ∆PNQ
छिन्नक का आयतन = बड़े शंकु का आयतन – छोटे शंकु का आयतन
[समीकरण (1) सेx का मान (2) में रखने पर]
इति सिद्धम्
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Additional Questions
MP Board Class 10th Maths Chapter 13 अतिरिक्त परीक्षोपयोगी प्रश्न
MP Board Class 10th Maths Chapter 13 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी वर्षा जल संग्रहण तन्त्र में, 22 m x 20 m की छत से वर्षा-जल बहकर 2 m आधार के व्यास तथा 3.5 m ऊँचाई के एक बेलनाकार टैंक में आता है। यदि टैंक भर गया हो, तो ज्ञात कीजिए कि सेमी में कितनी वर्षा हुई? जल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
हल :
मान लीजिए वर्षा x cm हुई। छत की विमाएँ 22 m x 20 m दी हैं तथा दिए हुए बेलनाकार टैंक का व्यास d = 2r = 2 m ⇒ r = 22 = 1 m तथा ऊँचाई h = 3.5 m दी है।
∵ वर्षा जल का आयतन = बेलनाकार टैंक का आयतन
⇒ छत की विमाएँ x वर्षा जल की ऊँचाई = πr²h.
= 22 m x 20 m x x100 m
= 227 x (1)² x 3.5
= x=227×1×3⋅5×10022×20
= 2.5
अतः अभीष्ट वर्षा कुल 2.5 cm हुई।
जल संरक्षण : विज्ञान में हमारे संसाधनों का प्रबन्धन’ अध्याय देखिए।
प्रश्न 2.
एकठोस लोहे के घनाभ की विमाएँ 4.4 m x 2.6 m x 1.0 m हैं। इसे पिघलाकार 30 cm आन्तरिक त्रिज्या और 5 cm मोटाई का एक खोखला बेलनाकार पाइप बनाया गया है। पाइप की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए खोखले बेलनाकार पाइप की लम्बाई = h cm है।
पाइप की मोटाई x = 5 cm तथा आन्तरिक त्रिज्या ri = 30 cm
⇒ पाइप की बाह्य त्रिज्या r0 = ri + x = 30 + 5 = 35 cm
तथा ठोस लोहे के घनाभ की विमाएँ दी हैं।
4.4 m x 2.6 m x 1.0 m
⇒ 440 cm x 260 cm x 100 cm
ठोस घनाभ का आयतन V = 440 x 260 x 100 cm³ ….(1)
बेलनाकार पाइप का आयतन
अतः, बेलनाकार पाइप की अभीष्ट लम्बाई = 112.00 m है।
प्रश्न 3.
5.4m चौड़ी और 18 m गहरी एक नहर में पानी 25 km/h की गति से बह रहा है। इसमें 40 मिनट में कितने क्षेत्रफल की सिंचाई हो सकती है, यदि सिंचाई के लिए 10 cm गहरे पानी की आवश्यकता है?
हल :
दिया है : नहर की चौड़ाई b = 5.4 m, गहराई h = 1.8 m एवं जल की गति 25 km/h तथा धारा प्रवाह का समय 40 मिनट = 4060 घण्टे = 23 घण्टे।
23 घण्टे में जल प्रवाह की लम्बाई l = 25 km/h x 23 h
=503km=50,0003m
∴ नहर में प्रवाहित कुल जल का आयतन
मान लीजिए सिंचाई हेतु क्षेत्र का क्षेत्रफल = A m²
तो क्षेत्र को सिंचाई के लिए आवश्यक जल का आयतन
⇒ V2 = A × x (जहाँ x = 10 cm = 0.10 m दिया है)
⇒ V2 = A × 0.10 = 0.10 A m² …(2)
∵ क्षेत्र की सिंचाई के लिए आवश्यक जल का आयतन = नहर द्वारा उस समय में उपलब्ध जल का आयतन
⇒ 0.10 A = 162000 [समी. (1) एवं (2) से]
⇒ A=1620000⋅10=1620000m2
= 162
हेक्टेयर अतः, सिंचाई किए जा सकने वाले अभीष्ट क्षेत्र का क्षेत्रफल = 1620000 m² अथवा 162 हेक्टेअर है।
प्रश्न 4.
एक ठोस धातु के बेलन के दोनों किनारों से उसी व्यास के अर्द्धगोले के रूप में धातु निकाली गयी। बेलन की ऊँचाई 10 cm तथा आधार की त्रिज्या 4.2 cm है। शेष बचे बेलन को पिघलाकर 1.4 cm मोटी बेलनाकार तार बनायी गयी। तार की लम्बाई ज्ञात कीजिए। (π = 227 लीजिए।)
हल :
दिया है: एक बेलनाकार धातु का ठोस जिसकी ऊँचाई h = 10 cm तथा आधार की त्रिज्या r = 4.2 cm है तथा इसके दोनों सिरों से एक अर्द्धगोला त्रिज्या 4.2 cm का काटकर निकाल दिया गया है। शेष भाग को पिघलाकर एक 1.4 cm मोटी अर्थात् व्यास d = 2r’ = 1.4 cm
⇒ r’ = 1.42 = 0.7 cm त्रिज्या का तार बनाया गया है। मान लीजिए तार की लम्बाई l cm है, तो
तार का आयतन = πr’²l = 227 x (0.7)² l
⇒ V = 1.54 l cm³ ..(1)
बेलन का आयतन V1 = πr²h = 227 x (4.2)² x 10
⇒ V1 = 22 x 2.52 x 10
= 554.4 cm³.
दो अर्द्धगोलों का आयतन V2 = 2 x 23 πr³
⇒ V2=43×227×(4⋅2)3=6519⋅74421
⇒ V2 = 310.464 cm³
शेष बेलन का आयतन V = V1 – V2
⇒ V = 554.4 – 310.464
= 243.936 cm³ …(2)
⇒ 1.54 l = 243.936 [समीकरण (1) एवं (2) से]
⇒ l = 243.9631.54
= 158.4 cm
= 1.584 m
अतः, तार की अभीष्ट लम्बाई = 158.4 cm अर्थात् 1.584 m है।
प्रश्न 5.
एक अर्द्धगोलीय बर्तन का आन्तरिक व्यास 36 cm है। वह तरल पदार्थ से भरा है। इस तरल को 72 बेलनाकार बोतलों में डाला गया है। यदि एक बेलनाकार बोतल का व्यास 6 cm हो, तो प्रत्येक बोतल की ऊँचाई ज्ञात कीजिए, जबकि इस क्रिया में 10% तरल गिर जाता है।
हल :
दिया है : एक अर्द्ध गोलीय बर्तन का व्यास d = 2r = 36 cm
r = 362 = 18 cm.
इस बर्तन में भरे तरल के आयतन का 10% भाग बोतल भरने में गिर जाता है। एक बोतल का व्यास d = 2r’ = 6 cm
r’ = 62 = 3 cm तथा बोतलों की संख्या n = 72 है।
मान लीजिए कि प्रत्येक बोतलों में तरल h ऊँचाई तक भरा जाता है।
∴अर्द्ध गोलाकार बर्तन में भरे तरल का आयतन V1 = 23 πr³
⇒ V1 = 23 π (18)³
= 3888 π
गिरने वाले तरल का आयतन = 10% V1
⇒ V2 = 10100 x 3888 π
= 388.8 π
शेष तरल का आयतन V = V1 – V2
= 3888 π – 388.8 π
⇒ V = 3499.2 π …..(1)
n बोतलों के तरल का आयतन = n x πr’² h
⇒ V = 72 x π x (3)²h
= 648 πh …(2)
⇒ 648 πh = 3499.2 π [समीकरण (1) एवं (2) से]
⇒ h = 3499.2648
= 5.4 cm
अतः, बोतलों में तरल की अभीष्ट ऊँचाई = 5.4 cm है।
प्रश्न 6.
10 cm भुजा वाले एक घनाकार ब्लॉक के ऊपर एक अर्द्ध गोला रखा हुआ है। अद्ध गोल का अधिकतम व्यास क्या हो सकता है? इस प्रकार बने ठोस के सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्र को पेंट करवाने का Rs 5 प्रति 100 वर्ग सेमी की दर से व्यय ज्ञात कीजिए। (π = 3.14 लीजिए।)
हल :
दिया है: a = 10 cm भुजा वाला एक घनाकार ब्लॉक जिसके ऊपरी तल पर एक अधिकतम व्यास का अर्द्ध गोला रखा है।
⇒ अर्द्ध गोले का अधिकतम व्यास d = घन की भुजा a = 10 cm
⇒ अर्द्ध गोले की त्रिज्या = 102 = 5 cm
घन के ऊपरी तल पर r = 5 cm त्रिज्या का एक वृत्ताकार भाग अर्द्ध गोले से ढका है।
चूँकि घन का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल Sw = 6a²
Sw = 6(10)²
= 600 cm²
वृत्ताकार भाग का क्षेत्रफल A = πr² = π(5)² = 25π cm²
अर्द्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल SC = 2πr²
= 2π(5)²
SC = 50 π cm²
दिए संयुक्त ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठ
S = घन का सम्पूर्ण पृष्ठ + अर्द्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल – वृत्त का क्षेत्रफल
= Sw + SC – A
= 600 + 50π – 25π
= 600 + 25π
= 600 + 25 x 3.14
= (600 + 78.50) cm²
S = 678.5 cm²
रंग करवाने का व्यय = क्षेत्रफल x दर
व्यय = 678.5 x 5100
= Rs 33.93
अतः, अर्द्धवृत्त का अधिकतम व्यास = 10 cm
एवं ठोस पर रंग करवाने का कुल व्यय = Rs 33.93 है।
प्रश्न 7.
धातु के 3.5 cm व्यास तथा 3 cm ऊँचे 504 शंकुओं को पिघलाकर एक धात्विक गोला बनाया गया है। गोले का व्यास ज्ञात कीजिए। अतः इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल भी ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : 504 ठोस शंकु जिनमें प्रत्येक का व्यास d = 2r = 3.5 = 72 = cm
r = 72 cm तथा ऊँचाई h = 3 cm. इनको पिघलाकर एक ठोस गोला बनाया गया है। मान लीजिए गोले की त्रिज्या = R cm है, तो
गोले का आयतन V = 43πR³ ….(1)
एवं , 504 शंकुओं का आयतन
गोले का आयतन = 504 शंकुओं का आयतन
अतः, गोले का अभीष्ट व्यास = 21 cm एवं उसका पृष्ठीय क्षेत्रफल = 1386 cm² है।
प्रश्न 8.
अचानक बाढ़ आने पर कुछ कल्याणकारी संस्थाओं ने मिलकर सरकार को उसी समय 100 टैंट लगवाने के लिए कहा तथा इस पर आने वाले खर्च का 50% देने की पेशकश की। यदि प्रत्येक टेंट का निचला भाग बेलनाकार है जिसका व्यास 4.2 m है तथा ऊँचाई 4 m है तथा ऊपरी भाग उसी व्यास का शंकु है जिसकी ऊँचाई 2.8m है, और इस पर लगने वाले कैनवास की लागत Rs 100 प्रति वर्ग मीटर है, तो ज्ञात कीजिए कि इन संस्थाओं को कितनी राशि देनी होगी? इन संस्थाओं द्वारा किन मूल्यों का प्रदर्शन किया गया?
हल :
ज्ञात है टैंट का निचला भाग, व्यास d = 2r = 4.2 m
r = 4.22 = 2.1
अर्थात् त्रिज्या r = 2.1 m का एक बेलन जिसकी ऊँचाई h1 = 4 m
एवं ऊपरी भाग r = 2.1 m की त्रिज्या तथा ऊँचाई h2 = 28 m का
एक शंकु l मान लीजिए शंकु की तिर्यक ऊँचाई = l m है।
बेलनाकार भाग का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल
SC1 = 2πrh
= 2 x 227 x 2.1 x 4
= 52.8 m²
एवं शंक्वाकार भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
SC2 = πrl
= 227 x 2.1 x 3.5
= 23.1 cm²
टेंट के कैनवास का कुल क्षेत्रफल = SC = SC1 + SC2
SC = 52.8 + 23.1 = 75.9 m²
100 टैंटों के लिए आवश्यक कैनवास का कुल क्षेत्रफल
= 100 x 75.9
= 7590 m²
कुल व्यय = कैनवास का क्षेत्रफल – दर
= 7590 x 100
= Rs 759000
संस्थाओं की हिस्सेदारी = 50% x Rs 759000
= Rs 50100 x 759000
= Rs 379500
अतः, संस्थाओं को Rs 379500 की धनराशि देनी होगी तथा ये संस्थाएँ मानवीय मूल्यों का प्रदर्शन कर रही हैं।
प्रश्न 9.
संलग्न आकृति में एक टैंट बेलन के ऊपर लगे उसी व्यास वाले शंकु के आकार का है। बेलनाकार भाग की ऊँचाई तथा व्यास क्रमश: 2.1 m तथा 3 m हैं तथा शंक्वाकार भाग की तिरछी ऊँचाई 2.8 m है। टैंट को बनाने में लगे कैनवास का मूल्य ज्ञात कीजिए, यदि कैनवास का भाव Rs 500 प्रति वर्ग मीटर है।
हल :
मान लीजिए टैंट का निचला भाग बेलनाकार है जिसकी ऊँचाई h = 2.1 m तथा व्यास d = 2r = 3 m है। अर्थात् त्रिज्या r = 32 m है एवं ऊपरी शंक्वाकार भाग का व्यास बेलनाकार भाग के व्यास के बराबर अर्थात् त्रिज्या r = 32 m है तथा त्रिर्यक ऊँचाई l = 2.8 m है।
बेलनाकार भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
SC1=2πrh=2×227×32×2⋅1=19⋅8m2
एवं शंक्वाकार भाग का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल
SC2=πrl=227×32×2⋅8=13⋅2m2
टैंट का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल SC = SC1 + SC2
⇒ SC = 19.8 + 13.2
= 33 m²
कैनवास का क्षेत्रफल = टैंट का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 33 m²
कैनवास का कुल मूल्य = कैनवास का क्षेत्रफल x दर (भाव)
= 33 x 500
= Rs 16,500
अतः, कैनवास का अभीष्ट मूल्य = Rs 16,500 है।
प्रश्न 10.
एक शंक्वाकार बर्तन, जिसके आधार की त्रिज्या 5 cm तथा ऊँचाई 24 cm है, पानी से पूरा भरा है। उस पानी को एक बेलनाकार बर्तन, जिसकी त्रिज्या 10 cm है, में डाल दिया जाता है। बेलनाकार बर्तन में कितनी ऊँचाई तक पानी भर जायेगा?
हल :
मान लीजिए कि शंक्वाकार बर्तन के आधार की त्रिज्या r1 = 5 cm तथा ऊँचाई h1 = 24 cm है यह पूरा पानी से भरा है तथा इसका पानी एक बेलनाकार बर्तन जिसकी त्रिज्या r2 = 10 cm है में डाल . दिया जाता है। पुनः मान लीजिए कि बेलनाकार बर्तन में पानी के स्तर की अभीष्ट ऊँचाई h2 cm है, तो प्रश्नानुसार,
बेलनाकार बर्तन में पानी का आयतन = शंक्वाकार बर्तन की धारिता
अतः, बेलनाकार बर्तन में पानी के स्तर की अभीष्ट ऊँचाई = 2 cm है।
प्रश्न 11.
12 cm व्यास वाला एक गोला, एक लम्ब वृत्तीय बेलनाकार बर्तन में डाल दिया जाता है, जिसमें कुछ पानी भरा है। यदि गोला पूर्णतया पानी में डूब जाता है, तो बेलनाकार बर्तन में पानी का स्तर 359 सेमी ऊँचा उठ जाता है। बेलनाकार बर्तन का व्यास ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए D = 12 cm व्यास अर्थात् R = 122 = 6 cm त्रिज्या वाला एक गोला एक बेलनाकार बर्तन जिसका व्यास d cm है में डाला जाता है, जिसमें कुछ पानी भरा है। पानी का स्तर h = 359 cm = 329 cm बढ़ जाता है। बेलनाकार बर्तन की त्रिज्या r = d2, है।
चूँकि बेलनाकार बर्तन में बढ़े हुए जल स्तर का आयतन = गोले का आयतन
अतः, बेलनाकार बर्तन का अभीष्ट व्यास = 18 cm है।
प्रश्न 12.
किसी राज्य में भारी बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो गए। 50 विद्यालयों ने मिलकर राज्य सरकार को 1500 टैंट लगाने के लिए स्थान तथा कैनवास देने का प्रस्ताव किया जिसमें प्रत्येक विद्यालय बराबर का अंशदान देगा। प्रत्येक टैंट का निचला भाग बेलनाकार है जिसके आधार की त्रिज्या 2.8 m तथा ऊँचाई 3.5m है। प्रत्येक टैंट का ऊपरी भाग शंकु के आकार का है। जिसके आधार की त्रिज्या 2.8m तथा ऊँचाई 2.1m है। यदि टैंट बनाने वाले कैनवास का मूल्य Rs 120 प्रति वर्ग मीटर है, तो प्रत्येक विद्यालय द्वारा कुल व्यय में अंशदान ज्ञात कीजिए। इस प्रश्न का कौन-सा मूल्य जनित होता है?
हल :
मान लीजिए टैंट का निचला भाग त्रिज्या r1 = 2.8 m एवं ऊँचाई h1 = 3.5 m का बेलन है तथा ऊपरी भाग त्रिज्या r2 = 2:8 m एवं ऊँचाई h2 = 2.1 m का शंकु है और मान लीजिए शंकु की त्रिर्यक ऊँचाई l m है, तो
बेलनाकार भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sc1 = 2πr1h1
= 2π x 2.8 x 3.5
Sc1 = 19.6 π m²
एवं शंक्वाकार भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sc2 = πrl
= π x 2.8 x 3.5 .
Sc1 = 9.8 π m²
टैंट का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sc = Sc1 + Sc2
= 19.6 π + 9.8 π
= 29.47 π
= 29.4 x 227 m²
Sc = 92.4 m² = कैनवास का क्षेत्रफल
1500 टैंटों के लिए आवश्यक कैनवास का कुल क्षेत्रफल
= 1500 x 92.4 m²
= 138600.0 m²
कुल व्यय = कैनवास का क्षेत्रफल – दर
= 138600 x 120
= Rs 16632000
प्रत्येक विद्यालय का व्यय में अंशदान
= Rs 3,32,640
अतः, प्रत्येक विद्यालय द्वारा कुल व्यय में अभीष्ट अंशदान = Rs 3,32,640 है।
प्रश्न 13.
तीन ठोस गोले जिनके व्यास क्रमशः 2 cm. 12 cm और 16 cm हैं. पिघलाकर एक ठोस गोला बनाया गया। इस प्रकार बने ठोस गोले का अर्द्धव्यास ज्ञात कीजिए।
हल :
यहाँ,
2R1 = 2 cm
⇒ R1 = 22 = 1 cm
2R2 = 12 cm
⇒ R2 = 122 = 6cm
2R3 = 16 cm
⇒ R3 = 162 = 8 cm
माना गोले का अर्द्धव्यास = R cm हो, तो
प्रश्नानुसार,
= (1)³ + (6)³ + (8)³
= 1 + 216 + 512
R³ = 729 = (9)³
R = 9 cm
अतः, गोले की अभीष्ट त्रिज्या (अर्द्धव्यास) = 9 cm है।
प्रश्न 14.
एक 8 cm व्यास वाले धातु के बेलन को पिघलाकर 12 cm व्यास वाले कितने गोले बनाए जा सकते हैं? बेलन की ऊँचाई 90 cm है।
हल :
ज्ञात है : बेलन का व्यास d = 8 cm
r = 8/2 = 4 cm, ऊँचाई h= 90 cm, गोले का व्यास D = 12 cm
⇒ गोले की त्रिज्या R = 122 = 6 cm
मान लीजिए बनाए गए गोले की संख्या = n प्रश्नानुसार,
∵ n गोलों का आयतन = बेलन का आयतन
⇒ n x 43 πR³ = π(r)² x h
⇒ 43nR³ = r²h
⇒ 43n x (6)³ = (4)² x 90
⇒ 43 x 216 n = 16 x 90
⇒ n=16×90×34×216=5 गोले
अतः, अभीष्ट गोलों की संख्या = 5 है।
प्रश्न 15.
6 cm व्यास के एक लोहे के गोले को पिघलाकार उससे एक बेलनाकार तार खींचा गया है। यदि तार का व्यास 0.2 cm हो, तो तार की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : गोले का व्यास D = 2R = 6 cm ⇒ R = 62 cm = 3 cm
बेलनाकार तार का व्यास d = 2r = 0.2 cm
⇒ r = 0.22 cm = 0.1 cm मान लीजिए कि बेलनाकार तार की लम्बाई = l cm
तो प्रश्नानुसार,
तार का आयतन = गोले का आयतन
⇒ πr²l = 43πR³
⇒ (0.1)²l = 43(3)³
⇒ 0.01 l = 4 x 9 = 36
⇒ l = 360.01
= 3600 cm
= 36.00 m
अतः, तार की अभीष्ट लम्बाई = 36 m है।
प्रश्न 16.
एक रॉकेट लम्ब वृत्तीय बेलन के आकार का है जिसका निचला सिरा बन्द है तथा ऊपरी सिरे पर एक शंकु है जिसकी त्रिज्या बेलन की त्रिज्या के बराबर है। बेलन का व्यास एवं उसकी ऊँचाई क्रमशः 6 cm एवं 12 cm है। यदि शंक्वाकार भाग की तिर्यक ऊँचाई 5 cm हो, तो रॉकेट का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है: एक बेलनाकार रॉकेट जिसका व्यास d = 2r = 6
⇒ r = 62 cm
= 3 cm एवं ऊँचाई h1 = 12 cm जिसका निचला सिरा बन्द है तथा ऊपरी सिरे पर शंकु त्रिज्या r = 3 cm तथा तिर्यक ऊँचाई l = 5 cm है, जुड़ा है। मान लीजिए शंकु की ऊँचाई = h2 cm है, तो
शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl = π x 3 x 5 = 15π cm²
बेलनाकार वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh1
= 2 x π x 3 x 12
= 72π cm²
आधार का क्षेत्रफल = πr² = π x (3)² = 9π cm²
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 15π + 72π + 9π = 96 π cm²
= 96 x 3.14
= 301.44 cm²
शंक्वाकार भाग का आयतन = 13πr2h2=13(3)2×4×π
= 12π cm³
बेलनाकार भाग का आयतन = πr²h1 = π x (3)² x 12
= 108π cm³
रॉकेट का कुल आयतन = 12π + 108π
= 120π cm³
= 120 x 3.14
= 376.8 cm³
अतः रॉकेट का अभीष्ट सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 301.44 cm²
एवं अभीष्ट आयतन = 376.8 cm³ है।
प्रश्न 17.
8 cm त्रिज्या वाला एक ठोस अर्द्ध गोला पिघलाकर उसे एक लम्ब वृत्तीय शंक में ढाला गया है। यदि शंकु के आधार की त्रिज्या 6 cm हो, तो उसकी ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
ठोस अर्द्ध गोले की त्रिज्या R = 8 cm, दी है, इसको पिघलाकर एक आधार त्रिज्या r = 6 cm वाले
शंकु में ढाला गया है। मान लीजिए कि शंकु की ऊँचाई h cm है,
तो प्रश्नानुसार, शंकु का आयतन = अर्द्ध गोले का आयतन
अतः, शंकु की अभीष्ट ऊँचाई = 28.44 cm (लगभग) है।
प्रश्न 18.
एक आयताकार पानी की टंकी का आधार 11 m x 6m है तथा इसमें 5m की ऊँचाई तक पानी भरा हुआ है। यदि इस टंकी के पानी को 3.5m त्रिज्या की बेलनाकार टंकी में उडेल दिया जाए, तो इस टंकी में जल स्तर की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
आयताकार टंकी का आधार 11 m x 6 m तथा जल की ऊँचाई 5 m दी है तथा इस जल को r = 3.5 m त्रिज्या की बेलनाकार टंकी में उडेल दिया गया है।
मान लीजिए कि बेलनाकार टंकी में जल स्तर भी ऊँचाई h m हो, तो
प्रश्नानुसार, आयताकार टंकी के जल का आयतन = बेलनाकार टंकी के जल का आयतन
⇒ 11 m x 6 m x 5 m = πr²h = 227 (3.5 m)² x h m
⇒ h=11×6×5×722×3⋅5×3⋅5=607=8⋅6m
अतः,बेलनाकार टंकी में जल स्तर की अभीष्ट ऊँचाई = 8.6 cm है।
प्रश्न 19.
1.5 cm मोटी लोहे की चद्दर के बने एक आयताकार ऊपर से खुले बॉक्स को बनाने में कितना cm लोहा लगेगा यदि उसकी बाहरी विमाएँ 36 cm x 25 cm x 16.5 cm है। यदि 1 cm³ लोहे का भार 7.5g हो, तो बक्से का भार ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : बक्से की बाहरी विमाएँ 36 cm x 25 cm x 16.5 cm दी हैं तथा इसकी मोटाई 1.5 cm है, अत: बक्से की आन्तरिक विमाएँ
⇒ (36 – 3)cm x (25 – 3) cm x (16.5 – 1.5) cm अर्थात् 33 cm x 22 cm x 15 cm होंगी। लोहे का घनत्व d = 7:5 g/cm³
बक्से का बाह्य आयतन = 36 x 25 x 16.5 = 14850 cm³
बक्से का आन्तरिक आयतन = 33 x 22 x 15 = 10890 cm³
बक्से में लगे लोहे का आयतन = (14850 – 10890) cm³
आयतन V = 3960 cm³
एवं बक्से का भार = आयतन V x घनत्व d
= 3960 x 7.5 g
= 29700 g
= 29.7 kg
अतः लोहे का अभीष्ट आयतन = 3960 cm³ एवं
लोहे का अभीष्ट भार = 29700 g अर्थात् 29.7 kg होगा।
प्रश्न 20.
5 mm व्यास वाले एक बेलनाकार पाइप से जल का प्रवाह 10 m/minute है। आधार व्यास 40 cm एवं गहराई 24 cm वाले शंक्वाकार बर्तन को भरने में कितना समय लगेगा?
हल :
दिया है : बेलनाकार पाइप का व्यास d1 = 2r1 = 5 mm = 0.5 cm ⇒ r1 = 0.52 = 0.25 cm.
पाइप में जल प्रवाह v = 10 m/minute = 100060 cm/s है। इससे शंक्वाकार बर्तन को भरना है जिसकी आधार व्यास d2 = 2r2 = 40 cm ⇒ r2 = 402 = 20 cm, गहराई h2 = 24 cm दी है। मान लीजिए जल पाइप इस बर्तन को भरने में t minute का समय लेता है।
t minute में पाइप द्वारा निकली जल धारा की लम्बाई h1 = 1000 t cm
प्रश्नानुसार, पाइप द्वारा t minute में दिया गया पानी = शंक्वाकार बर्तन का आयतन
अतः, अभीष्ट समय = 51.2 minute अर्थात 51 minute एवं 12 s है।
प्रश्न 21.
14 cm व्यास वाले एक बेलनाकार पाइप से होकर 15 km/h की दर से जल एक घनाभाकार गड्ढे में जिसकी लम्बाई 50 m एवं चौड़ाई 44 m है, गिरता है। कितने समय में गड्ढे में जलस्तर 21 cm चढ़ जायेगा?
हल :
मान लीजिए बेलनाकार पाइप का व्यास d = 2r = 14 cm = 0.14 m ⇒ r = 0.142 = 0.07 m
दिया है जिसमें होकर जल की धारा 15 km/h की दर से अर्थात् 15,000 m/h की दर से प्रवाहित हो रही है, जो एक गड्ढे में गिरती है। गड्ढे की लम्बाई l = 50 m. चौड़ाई b = 44 cm एवं जलस्तर की ऊँचाई h = 21 cm = 0.21 m है। मान लीजिए इसको भरने में t घण्टे लगते हैं, तो प्रश्नानुसार, पाइप से निकला जल का आयतन = गड्ढे में जल का आयतन
lbh = πr² x दर x समय
50 x 44 x 0.21 = 227 x (0.07)² x 15000 x 1
t=50×44×0.21×722×0.07×0.07×15000=50×44×21×722×7×7×150
= 2 घण्टे
अतः, अभीष्ट समय = 2 घण्टे है।
प्रश्न 22.
16 cm ऊँचाई वाला एक दूध का बर्तन किसी शंकु के छिन्नक के आकार का धातु की चद्दर से बना है जिसकी नीचे एवं ऊपर के सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः 8 cm एवं 20 cm हैं। इसमें भरे दूध का मूल्य ज्ञात कीजिए जबकि दूध की दर Rs 22 प्रति लीटर है।
हल :
बर्तन (छिन्नक) के दोनों सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः r1 = 8 cm एवं r2 = 20 cm तथा ऊँचाई h = 16 cm है। दूध की दर Rs 22 प्रति लीटर, दिया है।
दूध का आयतन = छिन्नक का आयतन
अतः, दूध का अभीष्ट मूल्य = Rs 230 (लगभग) है।
प्रश्न 23.
32 cm ऊँची तथा 18 cm आधार त्रिज्या वाली एक बेलनाकार बाल्टी रेत से पूरी भरी है। इसके रेत को जमीन पर उडेलकर एक शंकु के आकार में एकत्रित ! किया गया है। यदि इस शंक्वाकार ढेरी की ऊँचाई 24 cm हो, तो इस ढेरी की त्रिज्या एवं तिर्यक ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : एक बेलनाकार बाल्टी जिसकी आधार त्रिज्या r1 = 18 cm एवं ऊँचाई h1 = 32 cm जो रेत से भरी हुई है। इस रेत को जमीन पर उडेलकर एक शंक्वाकार ढेरी बनाई गई है जिसकी ऊँचाई h2 = 24 cm है। मान लीजिए ढेरी की आधार त्रिज्या r2 cm एवं तिर्यक ऊँचाई l cm है, तो प्रश्नानुसार शंक्वाकार ढेरी (रेत) का आयतन = बेलन के रेत का आयतन
अतः, शंक्वाकार ढेरी के आधार की अभीष्ट त्रिज्या = 36 cm
एवं ढेरी की अभीष्ट तिर्यक ऊँचाई = 43.27 cm (लगभग) है।
प्रश्न 24.
एक इमारत बेलनाकार है जिसके ऊपर एक अर्द्धगोलाकार गुम्बद है तथा इसमें 411921 m³ वायु (हवा) है। यदि गुम्बद का आन्तरिक व्यास इस इमारत की कुल ऊँचाई के बराबर है, तो इस इमारत की कुल ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए कि दी हुई इमारत की कुल ऊँचाई = h है जो कि गुम्बद के व्यास के बराबर है, जो आधार के व्यास के बराबर है।
हवा का आयतन 411921 m³ है। अतः बेलन की त्रिज्या = गुम्बद की त्रिज्या = R = h2 m
तथा बेलनाकार भाग की ऊँचाई = h’ = h – h/2 = h/2 m
हवा का कुल आयतन V = बेलन का आयतन + गुम्बद का आयतन
अतः, इमारत की अभीष्ट कुल ऊँचाई = 4 m है।
प्रश्न 25.
लकड़ी से बना एक कलमदान घनाभ के आकार का है जिसकी विमाएँ 10 cm x 5 cm x 4 cm हैं। इसमें चार शंक्वाकार गड्ढे पैन (कलम) रखने के लिए तथा एक घनाकार गड्ढा पिन रखने के लिए बने हैं। प्रत्येक शंक्वाकार गड्ढे की त्रिज्या 0.5 cm एवं गहराई 2.1 cm है तथा घनाकार गड्ढे की कोर 3 cm है तो सम्पूर्ण कलमदान में लगने वाली लकड़ी का आयतन ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है: एक 10 cm x 5 cm x 4 cm विमाओं वाला लकड़ी का बना एक घनाभ के आकार का कलमदान जिसमें 4 शंक्वाकार गड्ढे प्रत्येक की त्रिज्या r = 0.5 cm एवं गहराई h = 2.1 cm तथा एक घनाकार गड्ढा जिसकी भुजा a = 3 cm है दिए हैं। कलमदान की कुल लकड़ी का आयतन
V = 10 x 5 x 4 = 200 cm³
4 शंक्वाकार गड्ढ़ों का आयतन = 4 x 13 πr²h
V1 = 4 x 13 x 227 x (0.5)² x 2.1 cm³
= 2.2 cm³
एवं घनाकार गड्ढे का आयतन V2 = a³ = (3)³ = 27 cm
प्रयुक्त लकड़ी का आयतन = V – V1 – V2 = 200 – 2.2 – 27
= 200 – 29.2
= 170.8 cm³
अतः, कलमदान में प्रयुक्त अभीष्ट लकड़ी का आयतन = 170.8 cm³ है।
MP Board Class 10th Maths Chapter 13 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
8 cm त्रिज्या के लोहे के एक गोले को गलाकार 1 cm त्रिज्या के कितने गोले बनाए जा सकते है?
हल :
ज्ञात है: बड़े गोले की त्रिज्या R = 8 cm
एवं छोटे प्रत्येक गोले की त्रिज्या r = 1 cm
मान लीजिए छोटे गोलों की संख्या n है तो
n छोटे गोलों का आयतन = 1 बड़े गोले का आयतन
n×43πr3=43πR3
nr³ = R³
n (1)³ = (8)³ = 512
n = 512
अतः, अभीष्ट गोलों की संख्या = 512 है।
प्रश्न 2.
तीन धातु के घन जिनकी कोरों की लम्बाई क्रमश: 5 cm, 4 cm और 3 cm है, को पिघलाकर एक नए घन में बदल दिया गया है। इस प्रकार बने नए घन की कोर क्या होगी?
हल :
माना तीन घनों की कोरें क्रमशः a1 = 5 cm, a2 = 4 cm एवं a3 = 3 cm हैं, इनको गलाकर नया घन बनाया गया है और मान लीजिए इस नए घन की कोर a cm हो तो बड़े घन का आयतन
V = V1 + V2 + V3
a³ = a13 + a23 + a33
= (5)³ + (4)³ + (3)³
= 125 + 64 + 27
= 216 cm³
a³ = (6)³
a = 6 cm
अतः, नए घन की अभीष्ट कोर की लम्बाई = 6 cm है।
प्रश्न 3.
सीसे के बने एक 9 cm x 11 cm x 12 cm विमाओं वाले ठोस घनाभ से 3 cm व्यास वाली कितनी गोलियाँ बनेंगी?
हल :
सीसे के ठोस घनाभ की विमाएँ 9 cm x 11 cm x 12 cm हैं जिसे पिघलाकर व्यास
d = 2r = 3 cm
r = 32 cm त्रिज्या वाली मान लीजिए n गोलियाँ बनेंगी।
प्रश्नानुसार, n गोलियाँ का आयतन = घनाभ का आयतन
अतः, गोलियों की अभीष्ट संख्या = 84 है।
प्रश्न 4.
एक बाल्टी एक शंकु छिन्नक के आकार की है जिसके दोनों सिरों की त्रिज्याएँ क्रमश: 28 cm एवं 21 cm हैं। इसमें 28.490 लीटर पानी भरा है। बल्टी की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
छिन्नक के आकार की बाल्टी के सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः r1 = 28 cm एवं r2 = 21 cm हैं तथा इसकी धारिता (आयतन) V = 28.490 लीटर = 28490 cm³ । मान लीजिए कि बाल्टी की ऊँचाई = h cm है तो प्रश्नानुसार,
V = 13 πh (r12 + r22 + r1r2)
= 13×227 [(28)² + (21)² + (28) (21)] h = 28490
= 13×227 (784 + 441 + 588) h = 28490
13×227×1813h = 28490
h=28490×3×722×1813
h = 15 cm
अतः, छिन्नक (बाल्टी) की अभीष्ट ऊँचाई = 15 cm है।
प्रश्न 5.
7 cm भुजा वाले एक घन में एक शंक्वाकार गुहा (cavity)7 cm गहरी तथा 3 cm त्रिज्या वाली बनायी गयी है। शेष ठोस का आयतन ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए एक घन की भुजा a = 7 cm दिया है जिसमें गहराई h = 7 cm एवं त्रिज्या r = 3 cm वाली एक शंक्वाकार गुहा बनायी गयी है।
घन का आयतन V = a³ = (7)³ = 343 cm³
शंक्वाकार गुहा का आयतन V1=13πr2h
V1=13×227×(3)2×7
= 66 cm³
शेष ठोस का आयतन = 343 – 66 = 277 cm³
अतः, शेष ठोस का अभीष्ट आयतन = 277 cm³ है।
प्रश्न 6.
दो सर्वांगसम शंकु जिनकी आधार त्रिज्या r = 8 cm एवं ऊँचाई h = 15 cm है। आपस में आधार के साथ जोड़ दिए गए हैं। बने संयुक्त ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठ ज्ञात कीजिए।
हल :
दो सर्वांगसम शंकु संलग्न आकृति के अनुसार आपस में जोड़े गए हैं। प्रत्येक शंकु की त्रिज्या r= 8 cm एवं ऊँचाई h = 15 cm है।
एक शंकु की तिर्यक ऊँचाई l=h2+r2−−−−−−√
[पाइथागोरस प्रमेय से]
l=(15)2+(8)2−−−−−−−−−−√=225+64−−−−−−−√
= √289
= 17 cm
प्राप्त ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठ = 2 x एक शंकु का वक्रपृष्ठ
Sw = 2 x πrl
= 2 x 227 x 8 x 17
Sw=44×8×177=59847
= 854.86 cm² लगभग।
अतः, अभीष्ट सम्पूर्ण पृष्ठ = 854.86 cm² (लगभग) है।
प्रश्न 7.
7 cm व्यास वाले एक बीकर में कुछ पानी भरा है। इसमें 1.4cm व्यास वाले कुछ कंचे डाले जाते हैं। बीकर में डाले गए कंचों की संख्या ज्ञात कीजिए जिससे बीकर में पानी का स्तर 5.6cm चढ़ जाता है।
हल :
दिया है, व्यास d = 2r = 7 cm
r = 72 = cm त्रिज्या वाले बेलनाकार बीकर में कुछ पानी है जिसमें मान लीजिए कि व्यास d1 = 2r1 = 1.4 cm
r = 1.42 = 0.7 cm त्रिज्या वाले n गोलाकार कंचे डाले जाते हैं जिससे बीकर में जल स्तर h = 5.6 cm चढ़ जाता है, तो प्रश्नानुसार,
n कंचों का आयतन = बीकर में विस्थापित जल का आयतन
अतः, अभीष्ट कंचों की संख्या = 150 है।
प्रश्न 8.
एक 66 cm x 42 cm x 21 cm विमाओं वाले ठोस सीसे के घनाभ को पिघालकर 4.2 cm व्यास वाली कितनी सीसे की ठोस गोलियाँ प्राप्त की जा सकती हैं?
हल :
दिया है, 66 cm x 42 cm x 21 cm विमाओं वाले ठोस सीसे के घनाभ को पिघलाकार मान लीजिए n गोलियाँ बनाई जाती हैं जिनमें प्रत्येक का व्यास d = 2r = 4.2 cm अर्थात् त्रिज्या r = 4.22 = 2.1 cm है तो प्रश्नानुसार,
n गोलियाँ का आयतन = घनाभ का आयतन
अतः, अभीष्ट गोलियों की संख्या = 1500 है।
प्रश्न 9.
सीसे के बने एवं 44 cm भुजा वाले एक ठोस धन से 4 cm व्यास वाली कितनी गोलियाँ बन सकती हैं?
हल:
दिया है, एक a = 44 cm भुजा वाला सीसे का ठोस घन जिसको पिघलाकर माना n गोलियाँ बनायी जाती हैं जिनमें प्रत्येक गोली का व्यास d = 2r = 4cm
⇒ r = 42 = 2 cm अर्थात् त्रिज्या r = 2 cm दी है, तो प्रश्नानुसार,
n x गोलियाँ का आयतन = घन का आयतन
अतः, गोलियों की अभीष्ट संख्या = 2541 है।
प्रश्न 10.
एक दीवार 24 m लम्बी, 0.4 m मोटी एवं 6 m ऊँची बनानी है। इसको बनाने में 25 cm x 16 cm x 10 cm विमाओं वाली कितनी ईंटें लगेंगी जबकि दीवार के आयतन का 110 भाग गारे द्वारा घेरा जायेगा?
हल :
दीवार की विमाएँ l = 24 m, b = 0.4m एवं h = 6 m तथा प्रत्येक ईंट की विमाएँ 25 cm x 16 cm x 10 cm दी हैं तथा दीवार के आयतन का 110 भाग गारे द्वारा घेरा जाएगा। मान लीजिए ईंटों की संख्या n है तो
दीवार का आयतन V = lbh = 24 x 0.4 x 6 m3
V = 57.6 m3 = 57.6 x 106 cm3
गारे द्वारा घेरा गया आयतन = 110 V = 5.76 x 106 cm3
दीवार का शेष आयतन = 57.6 x 106 – 5.76 x 106 cm3
= 51.84 x 106 cm3
प्रश्नानुसार, n ईंटों का आयतन = शेष दीवार का आयतन
n x 25 x 16 x 10 = 51.84 x 106 cm3
4 x 103 n = 51.84 x 106 cm3
n=51⋅84×1064×103
n = 12.96 x 103
= 12960 ईंटें
अतः, ईंटों की अभीष्ट संख्या = 12960 है।
प्रश्न 11.
आधार व्यास 1.5 cm एवं मोटाई (ऊँचाई) 0.2 cm वाली वृत्ताकार तस्तरियों की संख्या ज्ञात कीजिए जिनको पिघलाकर एक लम्ब वृत्तीय बेलन 4.5 cm व्यास एवं 10 cm ऊँचाई वाला बन सके।
हल :
वृत्ताकार तस्तरी का व्यास d1 = 2r1 = 1.5 cm = 32cm
त्रिज्या r1 = 32 cm एवं ऊँचाई (मोटाई) h1 = 0.2 cm की संख्या n (मान लीजिए) को पिघलाकर h2 = 10 cm ऊँचा एवं व्यास
d2 = 2r2 = 4.5 cm = 92
r2 = 94 cm वाला लम्ब वृत्तीय बनाया गया है, तो प्रश्नानुसार
n तस्तरियों का आयतन = बेलन का आयतन
अतः, तस्तरियों की अभीष्ट संख्या = 450 है।
MP Board Class 10th Maths Chapter 13 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
निम्न कथनों में सत्य/असत्य लिखिए एवं अपने उत्तर का औचित्य दीजिए।
प्रश्न 1.
दो सर्वांगसम एवं समान आधार त्रिज्या वाले ठोस अर्द्धगोले आधार से आधार जोड़ दिए गए हैं। उनका सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल 6πr² होगा।
हल :
असत्य कथन, क्योंकि उनका सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 4πr² होगा वे एक गोला बनाएँगे।
प्रश्न 2.
r त्रिज्या एवं h ऊँचाई वाले एक ठोस बेलन को समान ऊँचाई एवं त्रिज्या वाले बेलन पर रखा जाता है तो इस प्रकार प्राप्त ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 4πrh + 4πr² होगा।
हल :
कथन असत्य है, क्योंकि प्राप्त ठोस एक 2h ऊँचाई एवं r त्रिज्या का बेलन होगा और उसका सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 4πrh + 2πr² होगा।
प्रश्न 3.
h ऊँचाई एवं r त्रिज्या वाला एक ठोस शंकु एकसमान आधार त्रिज्या एवं समान ऊँचाई वाले बेलन पर रखा है। संयुक्त ठोस का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल है πr[r2+h2−−−−−−√+3r+2h].
हल :
कथन असत्य है, क्योंकि संयुक्त ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल πr[r2+h2−−−−−−√+r+2h] होगा।
प्रश्न 4.
एक ठोस बॉल ठीक प्रकार एक a भुजा वाले घन के अन्दर रखी है तो बॉल का आयतन 43πa3 होगा।
हल :
कथन असत्य है, क्योंकि बॉल का आयतन = 16πa3 होगा।
प्रश्न 5.
एक शंकु के छिन्नक का आयतन 13πh[r21+r22−r1r2] है, जहाँ h छिन्नक की ऊर्ध्वाधर ऊँचाई तथा r1, r2 उसके सिरों की त्रिज्याएँ हैं।
हल :
कथन असत्य है, क्योंकि छिन्नक का आयतन =13πh(r21+r22+r1r2) होता है।
प्रश्न 6.
एक बेलनाकार बर्तन में नीचे अन्दर की ओर एकसमान त्रिज्या का अर्द्ध गोलीय उभार है। इस बर्तन की ऊँचाई h एवं त्रिज्या r है उसकी धारिता है πr23(3h−2r) है। हल :
कथन सत्य है, क्योंकि बर्तन की धारिता = बेलन का आयतन – अर्द्धगोले का आयतन
= πr2h−23πr3=πr23(3h−2r) होगा।
प्रश्न 7.
एक शंकु के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल πl(r1+r2) है, जहाँ l=h2+(r1+r2)2−−−−−−−−−−−−√ एवं r1 तथा r2 क्रमशः दोनों सिरों की त्रिज्याएँ।
हल :
कथन असत्य है, क्योंकि वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल तो πl(r1+r2) होगा लेकिन l=(h)2+(r1−r2)2−−−−−−−−−−−−−√ होगा, जहाँ r1, r2 क्रमशः सिरों की त्रिज्याएँ हैं।
प्रश्न 8.
एक धातु की खुली बाल्टी जो एक शंकु के छिन्नक के आकार की है, एक खोखले बेलनाकार आधार पर टिकी है जो उसी धातु का बना है। धातु की प्रयुक्त चद्दर का क्षेत्रफल बराबर है छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + वृत्ताकार आधार का क्षेत्रफल + बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल।
हल :
कथन सत्य है, क्योंकि बाल्टी का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल इन क्षेत्रफलों से मिलकर बना है।
प्रश्न 9.
एक ठोस शंकु अपने समान ऊँचाई h एवं त्रिज्या r वाले बेलन पर रखा है तो संयुक्त ठोस का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल πrh2+r2−−−−−−√+2πrh है।
हल :
कथन सत्य है, क्योंकि संयुक्त ठोस का बक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल बेलन के वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल 2πrh एवं शंकु के वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल πrl अर्थात πrh2+r2−−−−−−√ के योग के बराबर होगा।
प्रश्न 10.
एक स्टील की गोलाकार बॉल पिघलाकार 8 नए सर्वांगसम बॉलों में ढाली गयी है तो प्रत्येक बॉल की त्रिज्या मूल बॉल की त्रिज्या का 18 भाग होगा।
हल :
कथन असत्य है, क्योंकि उसकी त्रिज्या मूल त्रिज्या की 12 होगी।
प्रश्न 11.
दो सर्वांगसम घन जिनमें प्रत्येक की भुजा a हो आपस में जोड़े गए हैं, तो कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल 12a² है।
हल :
कथन असत्य है, क्योंकि कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल 10a² होगा।
MP Board Class 10th Maths Chapter 13 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
MP Board Class 10th Maths Chapter 13 बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
संलग्न आकृति एक फनल की है जो एक संयुक्त आकृति है :
(a) एक शंकु एवं एक बेलन की
(b) एक शंकु छिन्नक एवं एक बेलन की
(c) एक अर्द्ध गोला एवं एक बेलन की
(d) एक अर्द्ध गोला एवं एक शंकु की।
उत्तर:
(b) एक शंकु छिन्नक एवं एक बेलन की
प्रश्न 2.
एक शंकु छिन्नक के सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः r1 cm एवं r2 cm तथा ऊँचाई h cm है तो आयतन cm³ में होगा :
उत्तर:
(a) 13πh(r21+r22+r1r2)
प्रश्न 3.
एक सिरे पर छीली गई एक बेलनाकार पेन्सिल एक संयुक्त आकृति है:
(a) एक बेलन एवं एक शंकु की
(b) एक शंकु छिन्नक एवं एक बेलन की
(c) एक अर्द्ध गोला एवं एक बेलन की
(d) दो बेलनों की।
उत्तर:
(a) एक बेलन एवं एक शंकु की
प्रश्न 4.
एक सुराही संयुक्त आकृति है :
(a) एक गोले एवं एक बेलन की
(b) एक अर्द्ध गोला एवं एक बेलन की
(c) दो अर्द्ध गोलों की
(d) एक बेलन एवं एक शंकु की।
उत्तर:
(a) एक गोले एवं एक बेलन की
प्रश्न 5.
एक साहुल सूत्र (प्लम्ब लाइन) (देखिए संलग्न आकृति) एक संयुक्त आकृति है:
(a) एक शंकु एवं एक बेलन की
(b) एक अर्द्ध गोला एवं एक शंकु की
(c) एक शंकु छिन्नक एवं एक बेलन की
(d) एक गोला एवं एक बेलन की।
उत्तर:
(b) एक अर्द्ध गोला एवं एक शंकु की
प्रश्न 6.
एक गिलास प्रायः निम्न आकृति का होता है :
(a) एक शंकु की
(b) एक शंकु छिन्नक की
(c) एक बेलन की
(d) एक गोले की।
उत्तर:
(b) एक शंकु छिन्नक की
प्रश्न 7.
गिल्ली-डंडा खेल की गिल्ली संयुक्त आकृति होती है निम्न की :
(a) दो बेलनों की
(b) एक शंकु एवं एक बेलन की
(c) दो शंकु एवं एक बेलन की
(d) दो बेलन एवं एक शंकु की।
उत्तर:
(c) दो शंकु एवं एक बेलन की
प्रश्न 8.
बैडमिण्टन खेल में प्रयुक्त एक शटल कॉक एक संयुक्त आकृति
(a) एक बेलन एवं एक गोला की
(b) एक बेलन एवं एक अर्द्ध गोला की
(c) एक गोला एवं एक शंकु की
(d) एक शंकु-छिन्नक एवं एक अर्द्ध गोला की।
उत्तर:
(d) एक शंकु-छिन्नक एवं एक अर्द्ध गोला की।
प्रश्न 9.
एक शंक को उसके आधार के समान्तर एक तल द्वारा काटने पर एक सिरे पर प्राप्त छोटे शंकु को पृथक् कर दिया जाता है। इस प्रकार शेष बचा ठोस कहलाता है:
(a) एक शंकु का एक छिन्नक
(b) शंकु
(c) बेलन
(d) गोला।
उत्तर:
(a) एक शंकु का एक छिन्नक
प्रश्न 10.
एक ठोस 2 cm व्यास एवं 16 cm ऊँचाई वाले बेलन को पिघलाकर 12 सर्वांगसम गोले बनाए जाते हैं तो प्रत्येक गोले का व्यास होगा :
(a) 4 cm
(b) 3 cm
(c) 2 cm
(d) 6 cm.
उत्तर:
(c) 2 cm
प्रश्न 11.
यदि दो ठोस समान आधार त्रिज्या के r अर्द्ध गोले आपस में आधार से आधार सटाकर जोड़ दिए जाते हैं तो इस प्रकार प्राप्त नए ठोस का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल होगा :
(a) 4πr²
(b) 6πr²
(c) 3πr²
(d) 8πr²
उत्तर:
(a) 4πr²
प्रश्न 12.
r cm त्रिज्या एवं h cm (h > 2r) ऊँचाई का एक लम्ब वृत्तीय बेलन एक गोले को ठीक-ठीक ढक लेता है तो इस गोले का व्यास होगा :
(a) r cm
(b) 2r cm
(c) h cm
(d) 2h cm.
उत्तर:
(b) 2r cm
प्रश्न 13.
एक ठोस को दूसरे ठोस में परिवर्तित करने पर नए ठोस का आयतन :
(a) बढ़ जायेगा
(b) घट जायेगा
(c) अपरिवर्तित रहेगा
(d) दूना होगा।
उत्तर:
(c) अपरिवर्तित रहेगा
प्रश्न 14.
एक लम्बवृत्तीय शंकु को आधार के समान्तर तल द्वारा काटने पर प्राप्त परिच्छेद होगा :
(a) वृत्त
(b) शंकु छिन्नक
(c) गोला
(d) अर्द्ध गोला।
उत्तर:
(a) वृत्त
प्रश्न 15.
दो गोलों के आयतनों का अनुपात 64 : 27 है तो उनके पृष्ठीय क्षेत्रफलों का अनुपात होगा :
(a) 3:4
(b) 4:3
(c) 9:16
(d) 16:9.
उत्तर:
(d) 16:9.
रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. किसी शंकु को उसके आधार के समान्तर तल द्वारा काटकर छोटे शंकु को हटाने पर शेष बचा ठोस …………. कहलाता है।
2. शंकु छिन्नक के दोनों सिरे …………. होते हैं।
3. बाल्टी का आकार प्रायः एक …………. का होता है।
4. शंकु छिन्नक का आयतन दोनों शंकुओं के आयतनों के …………. के बराबर होता है।
5. शंकु छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल दोनों शंकुओं के वक्र प्रष्ठीय क्षेत्रफलों के …………. के बराबर होता है।
उत्तर-
1.शंकु छिन्नक,
2. वृत्ताकार,
3. शंकु छिन्नक,
4. अन्तर,
5. अन्तर।
जोड़ी मिलाइए
उत्तर-
1.→(b),
2.→(c),
3.→(a).
सत्य/असत्य कथन
1. शंकु छिन्नक का आयतन संगत शंकुओं के आयतनों के योग के बराबर होता है।
2. यदि किसी बेलन के एक सिरे पर उसी त्रिज्या का एक अर्द्ध गोलाकार गड्ढा कर दिया जाए तो प्राप्त ठोस का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल दोनों के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल के योग के बराबर होता है। 3. शंकु छिन्नक का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल संगत शंकुओं के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफलों के योग के बराबर होता है।
उत्तर-
1. असत्य,
2. सत्य,
3. असत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. एक शंकु छिन्नक जिसके सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः r1 एवं r2 तथा तिर्यक ऊँचाई l तो उसका सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल क्या होगा?
2. शंकु के छिन्नक के आयतन का सूत्र लिखिए। (2019)
उत्तर-
1. Sw = πl (r1 + r2) + πr12 + πr22
2. V = 1/3πh(r12 + r22 + r1r2).