RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 8 पुनः मूषकः भव
RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 8 पुनः मूषकः भव
Rajasthan Board RBSE Class 6 Sanskrit Chapter 8 पुनः मूषकः भव
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत-(उच्चारण कीजिए-)
मूषकः बिडालः रक्षणम् श्वानः
व्याघ्रः क्षुधितः त्वाम् माम्
उत्तर:
छात्राः स्वयमेव शिक्षकस्य साहाय्येन उच्चारणं कुर्वन्तु | (छात्रगण स्वयं ही शिक्षक की सहायता से उच्चारण करें।)
प्रश्न 2.
एकेन पदेन उत्तरत (एक पद में उत्तर दीजिए-)
(क) भीतः मूषकः कुत्र गच्छति ? (डरा हुआ चूहा कहाँ जाता है ?)
(ख) श्वान: कम् अनुधावति ? (कुत्ता किसके पीछे दौड़ता है?)
(ग) कः श्वानम् अनुधावति? (कौन कुत्ता के पीछे दौड़ता है?)
(घ) अहम् त्वां खादामि ‘इति व्याघ्रः कं वदति ? (मैं तुम्हें खाता हूँ, इस प्रकार शेर किसको कहता है ?)
(ङ) कः पलायनं करोति ? (कौन भाग जाता है ?)
उत्तर:
(क) ऋषिसमीपं
(ख) बिडालम् (बिलाव के)
(ग) व्याघ्रः
(घ) ऋषिं
(ङ) मूषकः
प्रश्न 3.
उदाहरणमनुसृत्यकोष्ठकस्य साहाय्येन वाक्यानिरचयत- (उदाहरण का अनुकरण करके कोष्ठक की सहायता से वाक्य बनाइए।)
उदाहरणम् – व्याघ्रः श्वानं अनुधावति । (शेर कुत्ते के पीछे दौड़ता है।)
उत्तर:
(क) बिडालः मूषकम् अनुधावति।
(बिलाव चूहे के पीछे दौड़ता है।)
(ख) कृषक: वृषभम् अनुगच्छति।
(किसान बैल के पीछे जाता है।)
(ग) छात्रः शिक्षकम् अनुलिखति।
(छात्र शिक्षक के पीछे लिखता है।)
(घ) कच्छप: शशकं अनुचलति।
(कछुआ खरगोश के पीछे चलता है।)
प्रश्न 4.
एकवचन-वाक्यानां द्विवचने बहुवचने च परिवर्तनं कुरुत
बिडालः
उत्तर:
एकवचन द्विवचन बहुवचन ।
यथा-
प्रश्न 5.
रेखाङ्कितपदम् आधृत्य प्रश्न-निर्माणं कुरुत
(रेखाङ्कित पद के आधार पर प्रश्न बनाइये-)
(क) बिडाल: मूषकम् अनुधावति
(ख) श्वान: बिडालम् अनुधावति
(ग) मूषकः पलायनं करोति
(घ) ऋषिः वदति
उत्तर:
(क) बिडाल: कम् अनुधावति ? (बिलाव किसके पीछे दौड़ता है ?)
(ख) कः बिडालम् अनुधावति ?
(बिलाव के पीछे कौन दौड़ता है?)
(ग) मूषकः किं करोति ? (चूहा क्या करता है?)
(घ) कः वदति ? (कौन बोलता है?)
योग्यता-विस्तार
प्रश्न 1.
नोट – दिये चित्रों को ध्यान से देखें।
चित्रों की सहायता से पेटिका से उचित पद चुनकर कथा को पूरा कीजिए।
जलम्, उद्यानम्, घटम्, पिबति, उपरि, स्थापयति, शिलाखण्डान्
उत्तर:
एकः काकः भवति। सः पिपासितः भवति। सः जलस्य अन्वेषणं करोति सः एकम्उद्यानम् गच्छति। तत्र एक घटम् पश्यति, किन्तु घटे जलम् अल्पं भवति सः एकम् उपायं करोति सः शिलाखण्डान् आनयति, घटे स्थापयति जलम् उपरि आगच्छति। काक: जलं पिबति सः प्रसन्नः भवति (एक कौआ है, वह प्यासा है। वह जल की खोज करता है, वह एक बगीचे में जाता है। वहाँ एक घड़ा देखता है, किन्तु घड़े में पानी थोड़ा है। वह एक उपाय करता है। वह पत्थर के टुकड़े लाता है और घड़े में डालता है। पानी ऊपर आ जाता है। कौआ जल पीता है और प्रसन्न होता है।)
प्रश्न 2.
इस पाठ में तुम्हारे द्वारा चित्रों के माध्यम से कथा पढ़ी गयी। कथा के पढ़ने से तुम सबको आनन्द प्राप्त होना चाहिये। वास्तव में कथाओं का पढ़ना सबके लिए आनन्ददायक और रुचिकर ही होता है। संस्कृत भाषा में बहुत कहानियों के ग्रन्थ हैं, जिनमें अनेक आनन्ददायक, शिक्षाप्रद और रोचक कथा लिखी हुई हैं। प्रसिद्ध कथा ग्रन्थों के और उनके लेखकों के नाम यहाँ दिये जाते हैं।
ग्रन्थः लेखकः
1. पञ्चतन्त्रम्। विष्णु शर्मा
2. हितोपदेश नारायणपण्डित
3. कथासरित्सागर सोमदेव
4. पुरुषपरीक्षा विद्यापति
5. जातकमाला आर्यशूर
आदि कहानी ग्रन्थ हैं। तुम सब अध्यापक के साथ इन ग्रन्थों के विषय में चर्चा कीजिए।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कः मूषकम् अनुधावति ?
(क) ऋषिः
(ख) बिडालः
(ग) श्वानः
(घ) बालकः
उत्तर:
(ख) बिडालः
प्रश्न 2.
भीत: बिडालः कस्य समीपं गच्छति ?
(क) श्वानः
(ख) ऋषिसमीपं
(ग) व्याघ्रं
(घ) मूषक
उत्तर:
(ख) ऋषिसमीपं
उपयुक्त शब्दं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(क) बिडालः ………… अनुधावति। (मूषकम्, मूषकेन)
(ख) मूषकः ………. मम रक्षणं करोतु । (वदामि, वदति)
(ग) ……… बिडालम् अनुधावति । (श्वानः ऋषिः)
(घ) अहं ……….. खादामि (त्वाम्, त्वम्)
(ङ) मूषकः पलायनं ………..। (करोति, कुरुतः)
उत्तर:
(क) मूषकम्
(ख) वदति
(ग) श्वानः
(घ) त्वाम्
(ङ) करोति
क्रमरहितानां वाक्यानां घटनाक्रमानुसारं संयोजन कुरुत
(क) विडाल: धावति।
(ख) मूषक: धावति।
(ग) मां खादसि? पुनः मूषकः भव।
(घ) व्याघ्रः श्वानम् अनुधावति।
उत्तर:
(ख) मूषकः धावति
(क) विडालः धावति
(घ) व्याघ्रः श्वानम् अनुधावति
(ग) मां खादसि? पुनः मूषकः भव
मूल अंश, शब्दार्थ एवं हिन्दी
अनुवाद एवं प्रश्नोत्तर
1. मूषक: धावति बिडाल: मूषकम् अनुधावति। भीत: मूषकः ऋषिसमीपं गच्छति। मूषकः वदति “मम रक्षणं करोतु ” ऋषिः वदति “बिडालः भव “। मूषकः बिडाल: भवति
शब्दार्थाः – मूषकः = चूहा। धावति = दौड़ता है। बिडाल: बिलाव। अनुधावति = पीछे दौड़ता है। भीतः = डरा हुआ। समीपं = पास (निकट)। गच्छति = जाता है। वदति = बोलता है। करोतु = करो। मम = मेरी भव = हो जाओ। भवति = होता है।
हिन्दी अनुवाद – चूहा दौड़ता है। बिलाव चूहे के पीछे दौड़ता है। डरा हुआ चूहा ऋषि के पास जाता है। चूहा कहता है, “मेरी रक्षा करो।” ऋषि बोलता है, “बिलाव हो जाओ।” चूहा बिलाव हो जाता है।
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) कः धावति?
(ख) ऋषि समीपं कः गच्छति?
(ग) कः मूषकम् अनुधावति?
(घ) बिडालः भव कः वदति ?
उत्तर:
(क) मूषकः
(ख) मूषकः
(ग) बिडालः
(घ) ऋषिः
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) मूषकः किम् वदति ?
(ख) ऋषिः किं वदति ?
उत्तर:
(क) मूषकः वदति-“मम रक्षणं करोतु”।
(ख) ऋषिः वदति-“बिडालः भव”।
2. बिडालः धावति श्वानः बिडालम् अनुधावति भीत: बिडाल: ऋषिसमीपं गच्छति बिडालः वदति “मम रक्षणं करोतु”। ऋषिः वदति “श्वानः भव”। बिडालः श्वानः भवति
शब्दार्थाः – श्वानः = कुत्ता। वदति = बोलता है। करोतु = करो। भवति = होता है।
हिन्दी अनुवाद – बिलाव दौड़ता है। कुत्ता बिलाव के पीछे दौड़ता है। डरा हुआ बिलाव ऋषि के पास जाता है। बिलाव बोलता है-“मेरी रक्षा करो”। ऋषि बोलता है-“कुत्ता बन जाओ।” बिलाव कुत्ता हो जाता है।
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) बिडालः किं करोति ?
(ख) कः बिडालम् अनुधावति ?
(ग) रक्षणाय कः गच्छति ?
(घ) बिडालः किं भवति ?
उत्तर:
(क) धावति
(ख) श्वानः
(ग) बिडालः
(घ) श्वानः
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) श्वानः किम् अनुधावति ?
(ख) “मम रक्षणं करोतु” कः वदति ?
उत्तर:
(क) श्वानः विडालम् अनुधावति।
(ख) बिडालः वदति, “मम रक्षणं करोतु”।
3. श्वानः धावति व्याघ्रः श्वानम् अनुधावति। भीत: श्वानः ऋषिसमीपं गच्छति। श्वानः वदति “मम रक्षणं करोतु”। ऋषिः वदति “व्याघ्रः भव”। श्वान: व्याघ्रः भवति शब्दार्थाः – व्याघ्रः = बाघ (शेर)। श्वानम् = कुत्ते के। अनुधावति = पीछे दौड़ता है। मम = मेरी। रक्षणं = रक्षा। करोतु = करो। भवति = होता है।
हिन्दी अनुवाद – कुत्ता दौड़ता है। बाघ (शेर) कुत्ते के पीछे दौड़ता है। डरा हुआ कुत्ता ऋषि के पास जाता है। कुत्ता बोलता है, “मेरी रक्षा करो।” ऋषि बोलते हैं, “शेर बन जाओ” कुत्ता शेर बन जाता है।
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) कः श्वानम् अनुधावति ?
(ख) भीत: श्वानः कस्य समीपं गच्छति ?
(ग) व्याघ्रः भव कः वदति ?
(घ) श्वानः किं भवति ?
उत्तर:
(क) व्याघ्रः
(ख) ऋषिः
(ग) ऋषिः
(घ) व्याघ्रः
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तर:
(क) कः धावति ?
(ख) व्याघ्रः किं करोति ?
उत्तर:
(क) श्वानः धावति
(ख) व्याघ्रः श्वानम् अनुधावति।
4. व्याघ्रः क्षुधितः भवति। सः ऋषि वदति-“अहं त्वां खादामि”ऋषिः हसति “मां खादसि ? पुनः मूषकः भव” व्याघ्रः मूषकः भवति। मूषकः पलायनं करोति।
शब्दार्थाः – क्षुधितः = भूखा। अहं = मैं। त्वाम् = तुमको। खादामि = खाता हूँ। हसति = हँसता है। माम् = मुझको। पलायनं करोति = भाग जाता है।
हिन्दी अनुवाद – शेर भूखा है। वह ऋषि से कहता है, “कि मैं तुमको खाता हूँ।” ऋषि हँसते हैं, “मुझे खाते हो ? फिर
से चुहा हो जाओ।” शेर चूहा हो जाता है और भाग जाता है।
प्रश्न 1.
एकपदेन
उत्तर:
(क) कः क्षुधितः अस्ति?
(ख) “अहं त्वाम् खादामि” कः कथयति ?
(ग) ऋषि किं करोति ?
(घ) व्याघ्रः किं भवति ?
उत्तर:
(क) व्याघ्रः
(ख) व्याघ्रः
(ग) हसति
(घ) मूषकः
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) व्याघ्रः कीदृशः भवति ?
(ख) व्याघ्रः किं भक्षयितुम् इच्छति ?
उत्तर:
(क) व्याघ्रः क्षुधितः भवति
(ख) व्याघ्रः ऋषि भक्षयितुम् इच्छति ?