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उत्प्रेरणा क्या है | उत्प्रेरणा का सिद्धान्त | उत्प्रेरणा का अर्थ | उत्प्रेरक कितने प्रकार के होते हैं

उत्प्रेरणा क्या है | उत्प्रेरणा का सिद्धान्त | उत्प्रेरणा का अर्थ | उत्प्रेरक कितने प्रकार के होते हैं

उत्प्रेरण
◆ वह अभिक्रिया जिसमें अभिक्रिया की गति उत्प्रेरक की उपस्थिति के कारण परिवर्तित हो जाती है, उत्प्रेरण (Catalysis) कहलाती है।
◆ वह पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देता है, परन्तु स्वयं क्रिया के अंत में भार तथा बनावट में अपरिवर्तित रहता है, उत्प्रेरक (Catalysts) कहलाता है।
उत्प्रेरक की सामान्य विशेषताएँ
(i) उत्प्रेरक भार तथा बनावट में अपरिवर्तित रहते हैं।
(ii) उत्प्रेरक की बहुत सूक्ष्म मात्रा अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देती है।
(iii) उत्प्रेरक किसी क्रिया को आरंभ नहीं कर सकता।
(iv) सामान्यतः उत्प्रेरक उत्पादों की प्रवृत्ति नहीं बदलते।
(v) उत्प्रेरक अपने कार्य में विशिष्ट होते हैं।
(vi) उत्प्रेरक का साम्यावस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
(vii) उत्प्रेरक का प्रमुख कार्य, अभिक्रिया की सक्रियता ऊर्जा को कम करना है।
उत्प्रेरक के प्रकार
(i) धनात्मक उत्प्रेरक (Positive Catalysis) : वे उत्प्रेरक जो रासायनिक क्रियाओं के वेग को बढ़ाते हैं, धनात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।
(ii) ऋणात्मक उत्प्रेरक (Negative Catalysis) : वे उत्प्रेरक, जो रासायनिक क्रियाओं के वेग को घटाते हैं, ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।
(iii) प्रेरित उत्प्रेरक (Induced Catalysis) : जब एक रासायनिक क्रिया दूसरी रासायनिक क्रिया को बढ़ाती है, तो इसे प्रेरित उत्प्रेरक कहते हैं।
(iv) स्वः-उत्प्रेरक (Auto-Catalysis) : कभी-कभी किसी रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप प्राप्त पदार्थों में से ही कोई पदार्थ उत्प्रेरक का कार्य करने लगता है। इस प्रकार के उत्प्रेरक स्वः-उत्प्रेरक कहलाते हैं।
उत्प्रेरकों के उपयोग
◆ उत्प्रेरकों का आजकल रासायनिक उद्योगों में बहुत महत्त्व है। इसी प्रकार जीव रासायनिक उत्प्रेरक या एन्जाइम मनुष्य के पाचन तंत्र में अत्यधिक उपयोगी भूमिका निभाते हैं। कुछ प्रमुख उद्योगों में प्रयोग किये जाने वाले उत्प्रेरक व एन्जाइम नीचे सारणी में दिये गये हैं-
क्र. सं. उद्योग उत्प्रेरक
1. अमोनिया गैस बनाने की हैबर विधि में लोहे का चूर्ण
2. वनस्पति तेलों से कृत्रिम घी बनाना निकिल
3. सल्फ्यूरिक अम्ल बनाने की सम्पर्क विधि में प्लेटिनिम चूर्ण
4. सल्फ्यूरिक अम्ल बनाने की सीस कक्ष विधि में  नाइट्रोजन के ऑक्साइड
5. अल्कोहल से ईथर बनाने की विधि में गर्म ऐलुमिना
6. क्लोरीन गैस बनाने की डीकन विधि में क्यूप्रिक क्लोराइड
7. आमाशय में प्रोटीनों को पेटटाइड में अपघटित करने में पेप्सिन एन्जाइम
8.
आँतों (Intestines), प्रोट्रीनों को अमीनो अम्ल में अपघटित करने में
इरेप्सिन एन्जाइम
9. पैंक्रियाज (Pancreas) में प्रोट्रीनों को अमीनो अम्ल में अपघटित करने में ट्रिपसिन एन्जाइम
10. मानव लार में स्टार्च को ग्लूकोज में परिवर्तित करने में फाइऐलिम एन्जाइम
11. ग्लूकोज से एथिल ऐल्कोल बनाने में जाइमेस एन्जाइम
12. स्टार्च से माल्टोस के बनाने में डाइस्टेस एन्जाइम
13. गन्ने की शक्कर से सिरके (Veneger) के निर्माण में माइकोडमी ऐसिटी
14. गन्ने की शक्कर से ग्लूकोज व फ्रक्टोज बनने में इन्वटेंज एन्जाइम
15. दूध से लैक्टिक अम्ल बनने में लैक्टिक, वैसिली

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