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MP Board Class 9th Hindi Solutions Chapter 18 इस जल प्रलय में

MP Board Class 9th Hindi Solutions Chapter 18 इस जल प्रलय में

MP Board Class 9th Hindi Solutions Chapter 18 इस जल प्रलय में ( फनीश्वरनाथ रेणु )

लेखक – परिचय

जीवन परिचय – प्रसिद्ध कथाकार एवं रिपोर्ताज लेखक श्री फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ का जन्म ग्राम औराही हिंगना, जिला पूर्णिया, बिहार प्रान्त में सन् 1921 में हुआ था। आपकी प्रारंभिक शिक्षा नेपाल में हुई। आप सन् 1942 के स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रमुख सेनानी रहे । नेपाल की सशस्त्र क्रांति और राजनीति में आपने सक्रिय भाग लिया। सन् 1977 में आपका निधन हो गया।
आंचलिक कथाकार श्री रेणु ने ग्रामीण जीवन का गहन, रागात्मक और सरस चित्रांकन किया है। आपने अपनी विशिष्ट भाषा शैली द्वारा हिन्दी कथा साहित्य को एक नया आयाम प्रदान किया है।
रेणुजी की प्रमुख कृतियाँ हैं- मैला आंचल, परती परिकथा, कितने चाराहे (उपन्यास) ठुमरी आदिम रात्रि की महक, आंगनखोर (कहानी संग्रह) ऋणजल – धनजल, नेपाली क्रांति कथा (रिपोर्ताज)।
पाठ का सार
‘इस जल प्रलय में’ एक वृत्त कथन है। प्रस्तुत निबंध में फणीश्वरनाथ रेणु ने बिहार के पटना शहर में आनेवाली बाढ़ की विभीषिका का सजीव चित्रण किया है।
लेखक का जन्म ऐसे गाँव में हुआ था जहाँ चारों ओर से बाढ़ पीड़ित लोग आकर शरण लेते थे। यह परती क्षेत्र है । लेखक को न ही तैरना आता था न ही उसने बाढ़ के कहर को भोगा था । लेखक ने, जब वह दसवीं कक्षा में था तो उसने बाढ़ पर 1947 में जय गंगा, 1948 में हड्डियों का पुल आदि रिपोर्ताज लिखा । लेखक के उपन्यासों में बाढ़ की विनाश – लीला का चित्रण तो है किंतु बाढ़ से घिरने का अनुभव तो उसने सन् 1967 ई. में पटना में आई बाढ़ का किया।
सन् 1967 ई. में पटना में लगातार अठारह घंटे की मूसलाधार बारिश से सारे इलाके में चारों ओर पानी भर गया था। पटना का पश्चिमी इलाका तो छाती भर पानी में डूब गया था। लेखक सहित सब लोग अपने-अपने घरों में ईंधन, आलू, मोमबत्ती, पानी, दियासलाई, कांपोज की गोलियाँ आदि एकत्र कर, बैठकर पानी का इंतजार करने लगे। सुबह समाचार मिला कि राजभवन, मुख्यमंत्री भवन, दोपहर तक गोलघर जलमग्न हो गया था। लेखक अपने मित्र के साथ कॉफी पीने तथा बाढ़ का आकलन करने कॉफी हाउस जाना चाहता था लेकिन कॉफी हाउस बंद हो चुका था। सड़क की ओर आगे पानी को बढ़ते देख लेखक ने अपने मित्र को आगे जाने से रोक दिया। मृत्यु के तरल दूत को देखकर लेखक ने उसे प्रणाम कर वापस मुड़कर चल दिया। आगे चलकर लेखक ने देखा कि होटल पैलेस, इंडियन एअरलाइंस के दफ्तर और गाँधी मैदान की सारी हरियाली पानी में डूब गई थी । गाँधी मैदान की रेलिंग पकड़कर चलने वाले हजारों लोगों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे दशहरा के दिन रामलीला के रथ को खींचा जा रहा हो । बाढ़ का गेरुआ पानी चारों ओर प्रवाहित हो रहा था। रेडियो और जनसंपर्क विभाग की गाड़ियाँ लोगों को बाढ़ से आगाह कर रही थीं। रात बारह बजे तक राजेन्द्र नगर में पानी घुस जाएगा, ऐसी सूचना जनसंपर्क विभाग ने दी।
बाढ़ की चिंता से ग्रस्त लेखक पुरानी यादों में खो गया। उसे 1949 की महानंदा की बाढ़, 1947 की बाढ़ पीड़ित क्षेत्र की यात्रा, 1937 में सिमरबनी – शंकरपुर की बाढ़ तथा सन् 1967 में पुनपुन नदी के पानी का राजेन्द्र नगर में घुस आना, सब एक-एक करके याद आने लगीं।
रात के ढ़ाई बज गए। पानी नहीं आया। न जाने कौन-सा दैवीय चमत्कार हो गया। अचानक लेखक को अपने मित्रों व स्वजनों की याद आई। उसने उन्हें टेलीफोन किया लेकिन टेलीफोन बंद थे। अचानक लेखक को पुरानी यादें आने लगीं। पिछले साल अगस्त में छातीभर पानी में खड़ी एक गर्भवती महिला की मूर्ति मन में आ गई, जो गाय की तरह टुकुर-टुकुर निहार रही थी, और सोचते-सोचते लेखक की आँखें मुँद गईं।
अचानक लेखक को नींद से जगाया गया। सुबह के साढ़े पाँच बजे थे। चारों ओर शोर था – आ रहलौ है ! आ रहलौ है पनिया | पानी आ गैलो । लेखक दौड़कर छत पर चला गया। चारों ओर कोलाहल था। लहरों का नर्तन। गोलपार्क के चारों ओर पानी ही पानी। बिजली के खंभे का काला हिस्सा, सब डूब रहा था। हरियाली डूब चुकी थी । बचपन से बाढ़ देखी है परंतु पानी का इस तरह आना नहीं देखा। मन में आता है कि काश! इस समय कैमरा होता या टेपरिकॉर्डर होता तो वह इस दृश्य को कैद कर लेता । परंतु अच्छा ही है। कुछ भी नहीं है उसके पास सिवाय स्मृति के।
पाठ्य पुस्तक पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
उत्तरबाढ़ की खबर सुनकर लोग नीचे का सामान ऊपर करने लगे। रिक्शें, टमटम, ट्रक, टेम्पो आदि पर सामान लादा जा रहा था। खरीद-बिक्री बंद हो चुकी थी। आवश्यक वस्तुओं; जैसे- ईंधन, मोमबत्ती, दियसलाई, पीने का पानी आदि एकत्र कर बाढ़ के उतरने का इंतजार करने लगे थे।
प्रश्न 2. बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?
उत्तर- लेखक को गाँव में रहते हुए बाढ़ से घिरने, बहने, भागने आदि का कभी कोई अनुभव नहीं हुआ था। इसलिए लेखक पटना में रहते हुए वहाँ आई भीषण बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का वास्तविक रूप देखने के लिए बड़ा उत्सुक था।
प्रश्न 3. सबकी जबान पर एक ही जिज्ञासा -“पानी कहाँ तक आ गया है।” इस कथन से जन-समूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?
उत्तर –  “पानी कहाँ तक आ गया है” उक्त कथन से जन की निम्नांकित भावनाएँ व्यक्त होती हैं
समूह (1) यह आशंका उत्पन्न होना कि पानी कहीं ज्यादा तो नहीं होगा।
(2) यह जिज्ञासा होना कि कितनी बाढ़ आ गई है।
(3) यदि बाढ़ भयंकर हुई, तो हमारा क्या हाल होगा ?
(4) बाढ़ से उत्पन्न स्थिति को लेकर चिंतित होना ।
प्रश्न 4. ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर – ‘बाढ़ का तरल दूत’ लेखक ने बाढ़ को गेरुआ – आग-फेन से भरे पानी को कहा है। कारण, इस भीषण बाढ़ के जल में प्रतिवर्ष हजारों प्राणियों की जानें चली जाती हैं। बाढ़ का यह जल मृत्यु – दूत बनकर आता है।
प्रश्न 5. आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ से कुछ सुझाव दीजिए?
उत्तर- आपदाओं से निपटने के लिए निम्नानुसार उपाय किए जा सकते हैं
(1) आवासों को इस तरह बनाया जाए कि उनके गिरने या बहने आदि से जान-माल का अधिक नुकसान न हो।
(2) नदियों पर बड़े बाँधों का निर्माण कर पानी के बहाव को रोका जाए ?
(3) बाँधों से छोटी-छोटी नहरों के माध्यम से आस-पास क्षेत्र को जल देकर बहाव को रोका जाए।
(4) आपदा की स्थिति से पूर्व ही जान-माल की सुरक्षा के अच्छे प्रबन्ध किए जाएँ।
(5) वृक्षारोपण कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए और जंगलों को सुरक्षित रखा जाए।
प्रश्न 6. “ईह! जब दानापुर डूब रहा था, तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं आए. अब बूझो!” इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?
उत्तर- इस कथन के द्वारा लोगों की उस मानसिकता पर चोट की गई है, जिसमें संकट या आपदा के समय लोग एक दूसरे की मदद करने की बजाय केवल निहित स्वार्थों में डूबे रहते हैं। ऐसे लोग पर उपदेश कुशल होते हैं और राजनीति का खेल खेलते हैं।
प्रश्न 7. खरीद बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?
उत्तरभयंकर बाढ़ आने के कारण लोगों ने सामान बेचना और खरीदना बन्द कर दिया था। परन्तु बाढ़ के दृश्यों को देखने के लिए लोग तमाशबीनों की तरह पान की दुकानों के पास जमा हो जाते। वे पान खाते और बाढ़ की विभीषिका पर चर्चा करते थे। यही कारण था कि पान की बिक्री अचानक बढ़ गई थी।
प्रश्न 8. जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाकों में भी पानी घुसने की सम्भावना है तो उसने क्याक्या प्रबन्ध किए?
उत्तर – ज़ब लेखक श्री ‘रेणु’ को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की सम्भावना है, तो उसने ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, सिगरेट पीने का पानी, कांपोज की गोलियाँ आदि अपने पास जमा कर लिए और बाढ़ की प्रतीक्षा करने लगे।
प्रश्न 9. बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?
उत्तर- बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में हैजा, मलेरिया, आंत्रशोध आदि बीमारियों के फैलने की बड़ी आशंका रहती है ।
प्रश्न 10. नौजवानों के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?
उत्तर- मनुष्य और पशु में भावनात्मक सम्बन्ध होता है। इस संस्मरण में इसी भावनात्मक लगाव को व्यक्त किया गया है। जब बीमार नौजवान पानी में उतरा, तो उसका कुत्ता भी ‘कुईं – कुईं’ करता हुआ पानी में कूद गया। कारण, दोनों में प्रेम की भावना प्रबल थी।
प्रश्न 11. “अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम भी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं- मेरे पास ” मूवी कैमरा, टेप रिकार्डर आदि की तीव्र उत्कण्ठा होते हुए भी लेखक ने अन्त में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?
उत्तर- मूवी कैमरा टेपरिकार्डर आदि की तीव्र उत्कण्ठा होते हुए भी लेखक ने अन्त में इनके न होने को इसलिए ‘अच्छा’ कहा कि बाढ़ का वह मार्मिक किन्तु वीभत्स दृश्य किसी सैलानी के लिए रोमांच का विषय अवश्य हो सकता था। परन्तु एक संवेदनशील मनुष्य के लिए वह दृश्य अवश्य ही पीड़ा दायक है। लेखक एक संवेदनशील व्यक्ति है। इसीलिए वह दुःख एवं विपदा की इस घड़ी में न तो वह कुछ लिख सकता था और न ही उसे कैमरे या टेपरिकार्डर में कैद कर न सकता था।
प्रश्न 12. आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं। ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए?
उत्तर- विद्यार्थी स्वंय इस प्रकार की किसी घटना का उल्लेख करने का प्रयास करें।
प्रश्न 13. अपनी देखी सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।
उत्तर- विद्यार्थी स्वंय अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन करें।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) पटना में बाढ़ सन्. ……….. में आई थी। (1967/1975)
(ii)  कथाकार रेणु का निवास- स्थान ………में था (राजेन्द्र नगर/गोलंबर)
(iii) ‘जयगंगा’ कथाकार का एक ………. है। (उपन्यास/रिपोर्ताज)
(vi) मैगजीन कार्नर पर ………. मिलती थी। (पत्र-पत्रिकाएँ/सब्जियाँ)
(v) बीमार नौजवान के साथ …………. भी था। (सेवक / कुत्ता)
उत्तर- (i) 1967; (ii) गोलंबर; (iii) रिपोर्ताज; (iv) पत्रपत्रिकाएँ; (v) कुत्ता।
प्रश्न 2. सत्य / असत्य बताइए –
(i) ‘इस जल प्रलय में रिपोर्ताज में पटना की प्रलयंकारी बाढ़ का अत्यन्त रोचक वर्णन है।
(ii) लेखक फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ तैरना नहीं जानते थे।
(iii) पटना में भयंकर बाढ़ सन् 1975 में आई थी।
(iv) मैगजीन कार्नर पर सब्जियाँ मिल रही थीं।
(v) मचान पर एक नदुआ बलवाही नृत्य कर रहा था।
उत्तर- (i) सत्य; (ii) सत्य; (iii) असत्य; (iv) असत्य; (v) . सत्य।
प्रश्न 3. एक वाक्य में उत्तर दीजिए –
(i) मृत्यु का तरल दूत किसे कहा गया है ?
(ii) पटना शहर में बाढ़ किस सन में आई थी ?
(iii) मचान पर क्या हो रहा था ?
(iv) नटुआ कैसा हावभाव दिखला रहा था?
(v) बाढ़ आने पर लेखक के पास क्या था?
उत्तर- (i) मृत्यु का तरल दूत बाढ़ को कहा गया है।
(ii) पटना शहर में बाढ़ सन् 1967 में आई थी।
(iii) मचान पर बलवाही नृत्य हो रहा था।. 20
(iv) नटुआ दुलहिन का हाव-भाव दिखला रहा था।
(v) बाढ़ आने पर लेखक के पास कुछ भी नहीं था।
प्रश्न 4. सही विकल्प का चयन कर उत्तर लिखिए –
(i) पटना में भयंकर बाढ़ सन्……… में आई थी।
(अ) 1947,
(ब) 1957,
(स) 1967,
(द) 1975
(ii) डॉक्टर साहब बीमारों को ………. ले जा रहे थे।
(अ) दवाखाने,
(ब) घर,
(स) कैंप,
(द) कहीं नहीं।
(iii) स्टेज पर ………. हो रहा था।
(अ) नाटक,
(ब) नौटंकी,
(स) नृत्य,
(द) स्वागत समारोह।
(iv) बाढ़ का पानी शहर में ………. बजे घुस आया।
(अ) ढाई,
(ब) चार,
(स) पाँच,
(द) साढ़े पाँच
उत्तर- (i) (स), (ii) – (स), (iii) – (स), (iv) (द) |

 

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